Hindi: Translation Notes, Unlocked Literal Bible for Genesis

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Notes: English ULB Translation Notes
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उत्पत्ति

Chapter 1

सृष्टि का इतिहास

1आदि में परमेश्‍वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की। (इब्रा. 1:10, इब्रा. 11:3)2पृथ्वी बेडौल और सुनसान पड़ी थी, और गहरे जल के ऊपर अंधियारा था; तथा परमेश्‍वर का आत्मा जल के ऊपर मण्डराता था। (2 कुरि. 4:6)

पहला दिन—उजियाला

3तब परमेश्‍वर ने कहा, “उजियाला हो*,” तो उजियाला हो गया।4और परमेश्‍वर ने उजियाले को देखा कि अच्छा है*; और परमेश्‍वर ने उजियाले को अंधियारे से अलग किया।5और परमेश्‍वर ने उजियाले को दिन और अंधियारे को रात कहा। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पहला दिन हो गया।
दूसरा दिन—आकाश

6फिर परमेश्‍वर ने कहा*, “जल के बीच एक ऐसा अन्तर हो कि जल दो भाग हो जाए।”7तब परमेश्‍वर ने एक अन्तर करके उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग-अलग किया; और वैसा ही हो गया।8और परमेश्‍वर ने उस अन्तर को आकाश कहा। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार दूसरा दिन हो गया।
तीसरा दिन—सूखी धरती और पेड़-पौधे

9फिर परमेश्‍वर ने कहा, “आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए और सूखी भूमि दिखाई दे,” और वैसा ही हो गया। (2 पत. 3:5)10और परमेश्‍वर ने सूखी भूमि को पृथ्वी कहा, तथा जो जल इकट्ठा हुआ उसको उसने समुद्र कहा; और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है।
11फिर परमेश्‍वर ने कहा, “पृथ्वी से हरी घास, तथा बीजवाले छोटे-छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्हीं में एक-एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें,” और वैसा ही हो गया। (1 कुरि. 15:38)12इस प्रकार पृथ्वी से हरी घास, और छोटे-छोटे पेड़ जिनमें अपनी-अपनी जाति के अनुसार बीज होता है, और फलदाई वृक्ष जिनके बीज एक-एक की जाति के अनुसार उन्हीं में होते हैं उगें; और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है।13तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार तीसरा दिन हो गया।
चौथा दिन—सूरज, चाँद और तारे

14फिर परमेश्‍वर ने कहा, “दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियों हों; और वे चिन्हों, और नियत समयों, और दिनों, और वर्षों के कारण हों;15और वे ज्योतियाँ आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देनेवाली भी ठहरें,” और वैसा ही हो गया।
16तब परमेश्‍वर ने दो बड़ी ज्योतियाँ बनाईं; उनमें से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये, और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया; और तारागण को भी बनाया।17परमेश्‍वर ने उनको आकाश के अन्तर में इसलिए रखा कि वे पृथ्वी पर प्रकाश दें,18तथा दिन और रात पर प्रभुता करें और उजियाले को अंधियारे से अलग करें; और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है।19तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार चौथा दिन हो गया।
पाँचवाँ दिन—मछलियाँ और पक्षी

20फिर परमेश्‍वर ने कहा, “जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश के अन्तर में उड़ें।”21इसलिए परमेश्‍वर ने जाति-जाति के बड़े-बड़े जल-जन्तुओं की, और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्टि की जो चलते-फिरते हैं जिनसे जल बहुत ही भर गया और एक-एक जाति के उड़नेवाले पक्षियों की भी सृष्टि की; और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है।
22परमेश्‍वर ने यह कहकर उनको आशीष दी*, “फूलो-फलो, और समुद्र के जल में भर जाओ, और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें।”23तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पाँचवाँ दिन हो गया।
छठवाँ दिन—भूमि के जीवजन्तु और मनुष्य

24फिर परमेश्‍वर ने कहा, “पृथ्वी से एक-एक जाति के जीवित प्राणी, अर्थात् घरेलू पशु, और रेंगनेवाले जन्तु, और पृथ्वी के वन पशु, जाति-जाति के अनुसार उत्‍पन्‍न हों,” और वैसा ही हो गया।25इस प्रकार परमेश्‍वर ने पृथ्वी के जाति-जाति के वन-पशुओं को, और जाति-जाति के घरेलू पशुओं को, और जाति-जाति के भूमि पर सब रेंगनेवाले जन्तुओं को बनाया; और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है।
26फिर परमेश्‍वर ने कहा, “हम मनुष्य* को अपने स्वरूप के अनुसार* अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” (याकू. 3:9)27तब परमेश्‍वर ने अपने स्‍वरूप में मनुष्‍य को रचा, अपने ही स्वरूप में परमेश्‍वर ने मनुष्‍य की रचना की; पुरुष और स्त्री के रूप में उसने मनुष्यों की सृष्टि की। (मत्ती 19:4, मर. 10:6, प्रेरि. 17:29, 1 कुरि. 11:7, कुलु. 3:10,1, तीमु. 2:13)
28और परमेश्‍वर ने उनको आशीष दी; और उनसे कहा, “फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुंद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो।”29फिर परमेश्‍वर ने उनसे कहा, “सुनो, जितने बीजवाले छोटे-छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीजवाले फल होते हैं, वे सब मैंने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं; (रोम. 14:2)
30और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले जन्तु हैं, जिनमें जीवन का प्राण हैं, उन सबके खाने के लिये मैंने सब हरे-हरे छोटे पेड़ दिए हैं,” और वैसा ही हो गया।31तब परमेश्‍वर ने जो कुछ बनाया था, सबको देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार छठवाँ दिन हो गया। (1 तीमु. 4:4)


Genesis 1:1

आदि में परमेश्‍वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की।

बहुत लंबे समय पहले परमेश्‍वर के आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की

आदि में

यह संसार और इसकी सब वस्तुओं की शुरूआत की बात है।

आकाश और पृथ्वी

आकाश, पृथ्वी और वो सब जो इन में मौजूद है

आकाश

यह यहाँ आसमान की बात करता है।

बेडौल और सुनसान पड़ी थी

परमेश्‍वर ने अभी संसार में कोई क्रम नहीं बनाया था

गहरे

गहरा पानी

जल

पानी की सतह

Genesis 1:3

उजियाला हो

परमेश्वर ने आदेश दिया रोशनी हो जाए और रोशनी हो गई

परमेश्‍वर ने उजियाले को देखा कि अच्छा है

परमेश्वर रोशनी को देखकर खुश हुए और उसे अच्छा कहा, यहाँ अच्छे का अर्थ उचित और मनभावन है

उजियाले को अंधियारे से अलग किया।

परमेश्वर ने रोशनी को दिन और अंधेरे को रात कहकर अलग किया।

सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पहला दिन हो गया

परमेश्‍वर ने ये काम ब्रम्हांड के अस्तित्व के पहले दिन किये

सांझ हुई फिर भोर हुआ

यह पूरे दिन को दर्शाता है।लेखक ने पूरे दिन को ऐसे बताया जैसे इसके दो हिस्से हों।यहूदियों की रीति के अनुसार,सूरज के छिपते ही अगला दिन शुरु हो जाता है।

Genesis 1:6

एक ऐसा अन्तर हो... दो भाग हो जाए।”

परमेश्वर ने आदेश दिया और पानी दो हिस्सों में बँट गया।यह परमेश्वर के आदेश से हुआ।

अन्तर

“बहुत बड़ी खाली जगह“ ।यहुदी लोगों के अनुसार,ऐसी खाली जगह जो एक कटोरे को उल्टा करने के जैसे होती है।

जल के बीच

पानी के मध्य (बीच) में

परमेश्‍वर ने अन्तर करके जल को अलग-अलग किया

इस तरह परमेश्वर ने पानी के बीच खाली जगह बना कर उसे दो भागों में बाँट दिया।जैसा परमेश्वर ने कहा वैसा ही हो गया।यह वाक्य दर्शाता है कि परमेश्वर जब कहते हैं तो क्या कर सकते हैं।

वैसा ही हो गया

“उसी तरह हो गया“।परमेश्वर ने जो आदेश दिया उसी तरह हो गया।यह वाक्य इस अध्याय में बार-बार आता है और हर स्थान पर इसका अर्थ एक समान है।

सांझ हुई फिर भोर हुआ

यह पूरे दिन को दर्शाता है।लेखक ने पूरे दिन को ऐसे बताया जैसे इसके दो हिस्से हों।यहूदियों की रीति के अनुसार,सूरज के छिपते ही अगला दिन शुरु हो जाता है।

दूसरा दिन

यह सृष्टि का दूसरा दिन था।

Genesis 1:9

जल... इकट्ठा हो जाए

परमेश्वर के आदेश अनुसार सारा पानी इकट्ठा हो गया।

सूखी भूमि दिखाई दे

परमेश्वर के आदेश अनुसार सूखी धरती अर्थात पानी के बिना धरती दिखाई देने लग पड़ी।

सूखी भूमि

ऐसी धरती जो पानी से ढकी हुई नहीं है।इसका अर्थ यह नहीं कि वहाँ खेती न की जा सके।

वैसा ही हो गया।

“उसी तरह हो गया“।परमेश्वर ने जो आदेश दिया उसी तरह हो गया।यह वाक्य इस अध्याय में बार-बार आता है और हर स्थान पर इसका अर्थ एक समान है।

पृथ्वी

धरती या ज़मीन

परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है

परमेश्वर ने धरती और समुद्र को देखकर उन्हें अच्छा कहा।

Genesis 1:11

“पृथ्वी से हरी घास उगे।

यह एक आज्ञा है। परमेश्‍वर ने आज्ञा दी कि पृथ्वी से हरी घास उगे।

बीजवाले छोटे-छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष।

वनस्पति, हर पौदा जो बीज उत्पन करते हैं। फलदाई - हर पेड़ जो फल उत्पन करते हैं।

पेड़

वह वृक्ष और पौदे जिनके तने कठोर नहीं बल्कि मुलायम होते हैं।

फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्हीं में एक-एक की जाति के अनुसार होते हैं

वह फलदाई पेड़ जिनके फलो के बीच मे ही उनके बीज भी होते हैं।

अपनी-अपनी के अनुसार

अपने जैसे पेड़ पौदों की किस्म को उत्पन्न करते हैं

वैसा ही हो गया

अत: “यह वाक्‍यांश यह दर्शाता है कि जो कुछ परमेश्वर ने होने को आदेश दिया और वैसा ही पृथ्वी पर हो गया।

परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है।

यह उन पेड़ पौदों को दर्शाता है जिन्हे परमेश्‍वर ने अपने एक‍ शब्द से ही उत्पन किया और वह उन्हे देख कर खुश हुआ।

तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ।

यह पूरे दिन को दर्शाता है।लेखक ने पूरे दिन को ऐसे बताया जैसे इसके दो हिस्से हों।यहूदियों की रीति के अनुसार,सूरज के छिपते ही अगला दिन शुरु हो जाता है।

तीसरा दिन

यह ब्रम्हांड के अस्तित्व का तीसरा दिन था

Genesis 1:14

आकाश में ज्योतियों हों;

आकाश में रोशनियाँ चमके और वैसा ही हो गया।यह परमेश्वर के आदेश से हुआ।

आकाश के अन्तर में ज्योतियों हों

ऐसी चीजें जो आकाश में रोशनी में चमकती हैं।यहाँ ज्योतियाँ सूरज,चाँद और तारों को दर्शाती हैं।

आकाश में

आकाश की बहुत बड़ी खाली जगह में।

दिन को रात से अलग करने के लिये

दिन को रात से अलग करने के लिए। जब सूरज हो तो मतलब ये दिन है और चाँद तारों का मतलब रात

चिन्हों

यहाँ इसका अर्थ उन बातों से है जो किसी बात को दर्शाती हैं

यहाँ इसका अर्थ उन समयों से है जो पर्व मनाने के लिए और लोगों के बाकी कामों के लिए अलग लिए हैं

अर्थात जो किसी बात की तरफ संकेत(इशारा) करता है।

समयों

ऐसे समय जो लोगों ने त्योहारों और अन्य कामों के लिए अलग किए हैं।

समयों,और दिनों, और वर्षों के लिए

सूरज,चाँद और तारे समय के बीतने को दिखाते हैं। इस से हमें पता चलता है कि दिनों, महीनों और वर्षों में आने वाले वृत्तांत कब होंगे।

वे ज्योतियाँ आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देनेवाली ठहरें

परमेश्वर ने आदेश दिया कि ये रोशनियाँ धरती पर चमकें और वैसा ही हो गया।यह परमेश्वर के आदेश से हुआ।

पृथ्वी पर प्रकाश देनेवाली ठहरें,

ताकि धरती पर रोशनी चमके क्योंकि धरती की अपनी रोशनी नहीं होती परन्तु वह

वैसा ही हो गया

“उसी तरह हो गया“।परमेश्वर ने जो आदेश दिया उसी तरह हो गया।यह वाक्य इस अध्याय में बार-बार आता है और हर स्थान पर इसका अर्थ एक समान है।

Genesis 1:16

परमेश्‍वर ने दो बड़ी ज्योतियाँ बनाईं

इस तरह परमेश्‍वर ने दो बड़ी ज्योतियाँ बनाईं जो ये दर्शाता है कि जब परमेश्‍वर ने कहा उसने किया।

दो बड़ी ज्योतियाँ

दो बड़ी रोशनियाँ सूरज और चाँद को दर्शाती हैं।

दिन पर प्रभुता करने के लिये

दिन का निर्देश करने के लिए जैसे कोई हाकिम लोगों के एक समूह के साथ करता है।

दिन

यह केवल दिन की रोशनी का समय को दर्शाता है।

छोटी ज्योति या कम चमकने वाली ज्योति

कम चमकने वाली रोशनी

आकाश में

आकाश के अंतरिक्ष में

उजियाले को अंधियारे से अलग करें

एक समय को प्रकाशमय और दूसरे को अंधियारा बनाकर

परमेश्‍वर ने देखा कि यह अच्छा है।

यहाँ परमेश्‍वर सूरज ,चाँद और तारे देखकर खुश हुआ।

सांझ हुई फिर भोर हुआ

यह पूरे दिन को दर्शाता है।लेखक ने पूरे दिन को ऐसे बताया जैसे इसके दो हिस्से हों।यहूदियों की रीति के अनुसार,सूरज के छिपते ही अगला दिन शुरु हो जाता है।

चौथा दिन

यह सृष्टि का चौथा दिन था।

Genesis 1:20

जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए,

परमेश्‍वर ने आदेश दिया कि पानी हर प्रकार की मछलियों और समुद्री जीवों से भर जाऐ और वैसा ही हो गया।यह परमेश्‍वर के आदेश से हुआ।

पक्षी... उड़ें

परमेश्‍वर ने आदेश दिया कि पक्षी आकाश में उड़ें और वैसा ही हो गया।यह परमेश्‍वर के आदेश से हुआ।

पक्षी

आकाश में उड़ने वाले जीव

आकाश के अन्तर में

आकाश की बहुत बड़ी खाली जगह में।

परमेश्‍वर ने सृष्टि की

परमेश्‍वर ने इस प्रकार रचना की

बड़े-बड़े जल-जन्तु

समुद्र में रहने वाले विशाल जानवर

एक-एक जाति के

जीवित प्राणी, जो अपनी ही किस्म की जाति से पैदा हो सकते हैं।

हर उड़नेवाला पक्षी

हर एक उड़ने वाला जीव जिसके पंख हों।

परमेश्‍वर ने देखा कि यह अच्छा है।

परमेश्‍वर उड़ने वाले पक्षियों और समुद्री जीव -जन्तुओं (मछलियों) को देखकर खुश हुऐ।

Genesis 1:22

आशीष दी

परमेश्‍वर ने जिन जीव जन्तुओं को बनाया था उन्हें आशिषित किया।

फूलो-फलो और बढ़ जाओ,

परमेश्‍वर ने समुद्री जीवों को अपने ही समान जीवों को पैदा करने के लिए आशिषित किया ताकि वे समुद्र को अपनी प्रजातियों से भर दें।

बढ़ जाओ

गिनती में कई गुणा बढ़ जाना।

पक्षी बढ़ जाऐं

परमेश्‍वर ने आदेश दिया कि पक्षी गिनती में कई गुणा बढ़ जाऐं और वैसा ही हो गया।यह परमेश्वर के आदेश से हुआ।

पक्षी

हर एक उड़ने वाला जीव जिसके पंख होते हैं

सांझ हुई फिर भोर हुआ

यह पूरे दिन को दर्शाता है।लेखक ने पूरे दिन को ऐसे बताया जैसे इसके दो हिस्से हों।यहूदियों की रीति के अनुसार,सूरज के छिपते ही अगला दिन शुरु हो जाता है।

पाँचवाँ दिन

यह सृष्टि का पाँचवाँ दिन था।

Genesis 1:24

पृथ्वी से जीवित प्राणी, उत्‍पन्‍न हों

परमेश्वर ने आदेश दिया कि धरती कई प्रकार के जीवित प्राणियों को पैदा करे और वैसा ही हो गया।यह परमेश्वर के आदेश से हुआ।

हर एक अपनी जाति के अनुसार

ताकि हर एक जीव अपने जैसे अन्य जीवों को पैदा कर सके

घरेलू पशु, और रेंगनेवाले जन्तु, और पृथ्वी के वन पशु,

परमेश्वर ने हर प्रकार के घरों में रखने वाले,धरती पर रेंगनेवाले,और जंगलों में रहने वाले जानवरों को उत्पन्न किया।

घरेलू पशु,

ऐसे जानवर जिनकी देखभाल लोग करते हैं।

रेंगनेवाले जन्तु,

बहुत छोटे जीव जो धरती पर रेंगते हैं।

पृथ्वी के वन पशु,

“जंगली जानवर“

वैसा ही हो गया

“उसी तरह हो गया“।परमेश्वर ने जो आदेश दिया उसी तरह हो गया।यह वाक्य इस अध्याय में बार-बार आता है और हर स्थान पर इसका अर्थ एक समान है।

परमेश्‍वर ने वन-पशुओं को बनाया

इस तरह परमेश्‍वर ने जंगली जानवरों की सृष्टि की।

परमेश्‍वर ने देखा कि यह अच्छा है।

परमेश्‍वर धरती पर जीवित रहने वाले जानवरों को देखकर खुश हुआ।

Genesis 1:26

“हम बनाएँ

यहाँ पर “हम“ शब्द बहुवचन को दर्शाता है। इसके कुछ संभव कारण ये हो सकते हैं 1) परमेश्‍वर स्वर्ग में रहने वाले स्वर्गदूतों से बातचीत कर रहा था। २) या नये नियम के अनुसार परमेश्‍वर त्रिएकत्व (पिता,पुत्र,पवित्र आत्मा) के रुप में बात कर रहे हैं।

मनुष्य

"मानव जाति" या “लोग”

अपने स्वरूप के अनुसार, अपनी समानता में

इन दो वाक्यों का एक ही मतलब है। यह पद हमें ये नहीं बताता कि परमेश्‍वर ने मानव को किस रीति में अपने जैसा बनाया। यहाँ इसका यह अर्थ नहीं है कि जैसे परमेश्‍वर खुद हैं वैसा, क्योंकि परमेश्वर का कोई शरीर नहीं होता

अधिकार रखें।

“शासन करें” या “उन पर अधिकार रखें”

परमेश्‍वर ने मनुष्‍य को रचा..मनुष्य की रचना की।

यह दोनो वाक्य एक ही बात दर्शाते हैं कि परमेश्वर ने मानव को अपने जैसा बनाया।

परमेश्‍वर ने मनुष्‍य की रचना की

परमेश्‍वर ने मनुष्य की रचना दूसरी सब चीजों को बनाने के समान नहीं की। परमेश्‍वर ने जैसे सारी सृष्टि की रचना बोलकर की थी,वैसे मानव की रचना नहीं की,

Genesis 1:28

परमेश्‍वर ने उनको आशीष दी

परमेश्वर ने जिस आदमी और औरत को बनाया था, उन्हें आशिषित किया।

फूलो-फलो और बढ़ जाओ

परमेश्वर ने आदमी और औरत को अपने ही समान लोगों को पैदा करने के लिए कहा ताकि वे गिनती में बहुत अधिक बढ़ जाऐं।यहाँ“ बढ़ जाओ“ का अर्थ है गिनती में अधिक बढ़ जाओ।

पृथ्वी में भर जाओ

धरती को लोगों से भर दो।

Genesis 1:30

सामान्य जानकारी:

परमेश्‍वर बोलना जारी रखता है।

आकाश के सभी पक्षी,

आकाश में उड़ने वाले सभी पक्षी

जिनमें जीवन का प्राण हैं,

इन जीवों में पौधों से अलग तरह का जीवन था।पौधे जीवों के समान साँस नहीं लेते तथा जीव पौधों को खाने के रुप में प्रयोग करते हैं अर्थात् ऐसा जीवन जो शारिरिक रुप में ही संभव है।

वैसा ही हो गया

“उसी तरह हो गया“।परमेश्वर ने जो आदेश दिया उसी तरह हो गया।यह वाक्य इस अध्याय में बार-बार आता है और हर स्थान पर इसका अर्थ एक समान है।

तो क्या देखा

परमेश्वर ने अपनी सृष्टि की रचना करने के बाद देखा

वह बहुत ही अच्छा है

परमेश्वर ने अपनी सृष्टि की रचना करने के बाद देखा कि सब बहुत ही अच्छा है और खुश हुऐ।

सांझ हुई फिर भोर हुआ

यह पूरे दिन को दर्शाता है।लेखक ने इसे पूरा दिन कहा जबकि यह दो हिस्से हैं।यहूदियों की रीति के अनुसार,सूरज के छिपते ही अगला दिन शुरु हो जाता है

छठवाँ दिन

यह सृष्टि का छठवाँ दिन था।


Chapter 2

सातवाँ दिन—विश्राम

1इस तरह आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया।2और परमेश्‍वर ने अपना काम जिसे वह करता था सातवें दिन समाप्त किया, और उसने अपने किए हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया।* (इब्रा. 4:4)3और परमेश्‍वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया; क्योंकि उसमें उसने सृष्टि की रचना के अपने सारे काम से विश्राम लिया।

4आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है कि जब वे उत्‍पन्‍न हुए अर्थात् जिस दिन यहोवा परमेश्‍वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया।5तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्‍वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था।6लेकिन कुहरा पृथ्वी से उठता था जिससे सारी भूमि सिंच जाती थी।
मानव जाति का आरम्भ

7तब यहोवा परमेश्‍वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्‍वास फूँक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया। (1 कुरि. 15:45)8और यहोवा परमेश्‍वर ने पूर्व की ओर, अदन में एक वाटिका लगाई; और वहाँ आदम को जिसे उसने रचा था, रख दिया।
9और यहोवा परमेश्‍वर ने भूमि से सब भाँति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं, उगाए, और वाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया। (प्रका. 2:7, प्रका. 22:14)10उस वाटिका को सींचने के लिये एक महानदी अदन से निकली और वहाँ से आगे बहकर चार नदियों में बँट गई। (प्रका. 22:2)
11पहली नदी का नाम पीशोन है, यह वही है जो हवीला नाम के सारे देश को जहाँ सोना मिलता है घेरे हुए है।12उस देश का सोना उत्तम होता है; वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी मिलते हैं।
13और दूसरी नदी का नाम गीहोन है; यह वही है जो कूश के सारे देश को घेरे हुए है।14और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है; यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है।
15तब यहोवा परमेश्‍वर ने आदम को लेकर* अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उसमें काम करे और उसकी रखवाली करे।16और यहोवा परमेश्‍वर ने आदम को यह आज्ञा दी, “तू वाटिका के किसी भी वृक्षों का फल खा सकता है;17पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना : क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाएगा उसी दिन अवश्य मर जाएगा।”

18फिर यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, “आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं*; मैं उसके लिये एक ऐसा सहायक बनाऊँगा जो उसके लिये उपयुक्‍त होगा।” (1 कुरि. 11:9)19और यहोवा परमेश्‍वर भूमि में से सब जाति के जंगली पशुओं, और आकाश के सब भाँति के पक्षियों को रचकर आदम के पास ले आया कि देखे, कि वह उनका क्या-क्या नाम रखता है; और जिस-जिस जीवित प्राणी का जो-जो नाम आदम ने रखा वही उसका नाम हो गया।20अतः आदम ने सब जाति के घरेलू पशुओं, और आकाश के पक्षियों, और सब जाति के जंगली पशुओं के नाम रखे; परन्तु आदम के लिये कोई ऐसा सहायक न मिला जो उससे मेल खा सके।
21तब यहोवा परमेश्‍वर ने आदम को गहरी नींद में डाल दिया, और जब वह सो गया तब उसने उसकी एक पसली निकालकर उसकी जगह माँस भर दिया। (1 कुरि. 11:8)22और यहोवा परमेश्‍वर ने उस पसली को जो उसने आदम में से निकाली थी, स्त्री बना दिया; और उसको आदम के पास ले आया। (1 तीमु. 2:13)23तब आदम ने कहा, “अब यह मेरी हड्डियों में की हड्डी और मेरे माँस में का माँस है; इसलिए इसका नाम नारी होगा, क्योंकि यह नर में से निकाली गई है।”
24इस कारण पुरुष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्‍नी से मिला रहेगा और वे एक ही तन बने रहेंगे। (मत्ती 19:5, मर. 10:7,8, इफि. 5:31)25आदम और उसकी पत्‍नी दोनों नंगे थे, पर वे लज्‍जित न थे।


Genesis 2:1

आकाश

आसमान।

सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया

हर एक जीवित प्राणी जो पृथ्वी पर है।

समाप्त हो गया

इस प्रकार परमेशवर ने हर जीवित प्राणी की रचना करना समाप्त कर दिया।

परमेश्‍वर ने अपना काम जिसे वह करता था सातवें दिन समाप्त किया,

परमेशवर ने सातवें दिन सारे काम समाप्त किये।

समाप्त किया

सारी रचनाऐ समाप्त की।

उसने अपने किए हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया

इस दिन परमेश्‍वर ने कोई काम नहीं किया।

परमेश्‍वर ने सातवें दिन को आशीष दी

परमेश्‍वर ने सातवें दिन को अच्छा कहा।

पवित्र ठहराया

उसे अलग किया और अपना कहा।

सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया

इस दिन परमेश्‍वर ने कोई काम नहीं किया।

Genesis 2:4

सामान्य जानकारी:

उत्पत्ति 2 में लोगों को बताते है कि कैसे परमेश्‍वर ने छठे दिन लोगों को बनाया।

आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है

यह आकाश और पृथ्वी का विस्तार करता है।

को बनाया

यहोवा ने उन्हे बनाया अध्याय 1 मे लेखक परमेश्‍वर को बोलता है लेकिन अध्याय 2 मे वह परमेश्‍वर से कहता है।

जिस दिन यहोवा परमेश्‍वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया

यहोवा परमेशवर ने दिन क निमार्ण किया ना कि एक विशेष दिन का।

यहोवा

यह नाम परमेश्‍वर ने पुराने नियम के लोगो पर प्रक्ट किया।

तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था,

तब कोई जंगली झाडिया नही थी जो जानवर खा सके।

भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था

तब कोई सब्जियों या कोई पतेदार पौधा नही था जो मनुष्ये खा सकते।

खेती करने के लिये

वह सब करने कि जरूरत थी ताकी पौधो की वृध्दि अच्छे से हो सके।

कुहरा

(1)घास पर पानी की बूंदे ,2)भूमि के नीचे से निकलने वाली पानी की धारा।

सारी भूमि सिंच जाती थी

पृथ्वी के नीचे।

Genesis 2:7

रचा

बनाना

जीवित प्राणी

एक आदमी है।

उसके नथनों

उसकी नाक।

जीवन का श्‍वास

श्‍वास जो हर चीज मे जान डाल दे।

वाटिका

इस बाग मे सभी प्रकार के पेड थे।

पूर्व की ओर,

पूर्व मे।

Genesis 2:9

जीवन के वृक्ष

वह पेड़ जो लोगो को जीवन देता है।

जीवन

यहाँ इसका अर्थ यह है कि जीवन का अंत नही होता।

भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया

यह वृक्ष यह समझा देता है कि क्या भला और बुरा है।

भले या बुरे

हर एक चीज जो भले और बुरे के बीच मे आता है यह उसको दर्शाता है।

वाटिका के बीच में

बाग के बीच मे दो वृक्ष थे।

वाटिका को सींचने के लिये एक महानदी अदन से निकली

अदन बाग से निकली नदी बाग को पानी देती थी।

Genesis 2:11

पीशोन

यह केवल एक ही बार है जब इस नदी ज़िक्र बाईबल में आता है।

हवीला नाम के सारे देश

यह हवीला नाम का देश है यह अरबी रेगिस्तान मे कहीं था।

जहाँ सोना मिलता है

हवीला में सोना पाया जाता है।

वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी मिलते हैं

ये वही स्थान है यहाँ पर मोती और सुलैमानी पत्थर भी पाऐ जाते है।

मोती

यह एक पेड़ से निकलता है और इस कि खुशबूअच्छी होती है। यह चिपचिपा होता हैऔर ये जल भी सकता है।

सुलैमानी पत्थर

यह पत्थर सुंदर पत्थर का एक निच्क्षित किस्म है।

Genesis 2:13

गीहोन

बाईबल में इस नदी का एक ही बार ज़िक्र आता है।

कूश के सारे देश को घेरे हुए है

नदी पूरे देश में नहीं थी लेकिन ये देश के कई क्षेत्रों से होकर जाती थी।

कूश के सारे देश को घेरे हुए है

पूरे देश को कूश कहा जाता है।

जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है

यह नदी अश्शूर देश मे उत्तर से अश्शूर की ओर बहती है।

Genesis 2:15

अदन की वाटिका

वो बाग जो अदन में था।

काम करे

खेती करना, इसका मतलब यह है कि पौधों अच्छे से विकसित करने के लिए मेहनत करना।

रखवाली करे

इसे कुछ भी बुरा होने से बचाना।

वाटिका के किसी भी वृक्षों का

बाग के हर वृक्ष को फल लगे हुऐ थे।

“तू“

तू , यहाँ पर आदम को दर्शाता है।

तू खा सकता है.......तू कभी न खाना

कुछ भाषाओं में यह स्वाभाविक है कि वो पहले अनुमति की चीजें को बताएं और फिर वो चीजें जिनकी अनुमति नहीं है।

खा सकता है;

प्रतिबंध के बिना खा सकता है।

भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है,

वह पेड़ लोगो को भले और बुरे को समझने की क्षमता देता है।

फल तू कभी न खाना

मै तुमे खाने की अनुमति कभी नही दूँगा।

Genesis 2:18

मैं उसके लिये एक ऐसा सहायक बनाऊँगा

यहोवा परमेश्‍वर ने कहा कि मै आदम के लिऐ एक सहायक बनाऊँगा जो उस के उचित होगी।

मैदान का हर जानवर और आसमान का हर पक्षी

हर प्रकार के जानवर और पक्षी

सब जाति के घरेलू पशुओं

वह सब जानवर जिनकी देखभाल लोग करते हैं।

कोई ऐसा सहायक न मिला जो उससे मेल खा सके

ऐसा कोई सहायक न मिला जो उसके लिए सही हो

Genesis 2:21

आदम को गहरी नींद में डाल दिया

गहरी नींद सोने का ऐसा समय है जिसमें एक व्यक्ति आसानी से परेशान और जागृत नही होता।

पसली से स्त्री को बनाया

पसली से महिला को बनाया। पसली वो सामग्री है जिस से औरत को बनाया गया

तब आदम ने कहा, “अब यह मेरी हड्डियों में की हड्डी और मेरे माँस में का माँस है

मेरी हड्डिया ,और मेरे माँस का माँस “आखिरकार” यह एक हड्डी मेरी हड्डिया की तरह है, और उसका माँस मेरे माँस की तरह है। एक साथी के लिए जानवरों के बीच देखने के नहीं खोजने के बाद उसने आखिरकार आपने जैसे व्यक्ति को देखा जो उसके जैसा था और उसका साथी हो सकता है, आदमी इस से राहत और खुशी महसूस कर रहा था।

माँस

यह मास त्वचा और मांसपेशियाँ जैसे कोमल भागों को संदर्भित करता है।

इसलिए इसका नाम नारी होगा, क्योंकि यह नर में से निकाली गई है।

इब्रानी भाषा के “औरत” शब्द का स्वर पुरूष के समान ही है

Genesis 2:24

सामान्‍य जानकरी

आगे लिखे शब्द पुरूष ने नहीं कहे, ये लेखक द्वारा लिखे गये हैं।

इस कारण

इसी कारण

पुरुष अपने माता-पिता को छोड़कर

एक आदमी अपने माता पिता के घर में रहना बन्द कर देगा “यह पुरूषों के बारे में कही सामान्य बात है। यहाँ किसी विशेष व्यक्ति या समय की बात नहीं की गई।

एक ही तन बने रहेंगे

दो शरीर एक शरीर हो जाएंगे

दोनों नंगे थे

वह दोनो नग्‍न थे शब्द परमेश्‍वर द्वारा बनाये पुरूष और स्त्री संर्दभित करते हैं

नंगे

कपडे नहीं पहने थे।

पर वे लज्‍जित न थे

नंगे होते हुऐ भी वह शर्मिदा नहीं थे।


Chapter 3

पाप का आरम्भ

1यहोवा परमेश्‍वर ने जितने जंगली पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, “क्या सच है, कि परमेश्‍वर ने कहा, ‘तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना’?” (प्रका. 12:9, प्रका. 20:2)2स्त्री ने सर्प से कहा, “इस वाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं;3पर जो वृक्ष वाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्‍वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न ही उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे।”

4तब सर्प ने स्त्री से कहा, “तुम निश्चय न मरोगे5वरन् परमेश्‍वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्‍वर के तुल्य हो जाओगे।”6अतः जब स्त्री ने देखा* कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उसमें से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, जो उसके साथ था और उसने भी खाया। (1 तीमु. 2:14)
7तब उन दोनों की आँखें खुल गईं, और उनको मालूम हुआ कि वे नंगे हैं; इसलिए उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़-जोड़कर लंगोट बना लिये।
पाप का परिणाम

8तब यहोवा परमेश्‍वर, जो दिन के ठंडे समय वाटिका में फिरता था, उसका शब्द उनको सुनाई दिया। तब आदम और उसकी पत्‍नी वाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्‍वर से छिप गए।
9तब यहोवा परमेश्‍वर ने पुकारकर आदम से पूछा, “तू कहाँ है?”10उसने कहा, “मैं तेरा शब्द वाटिका में सुनकर डर गया, क्योंकि मैं नंगा था;* इसलिए छिप गया।”11यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, “किसने तुझे बताया कि तू नंगा है? जिस वृक्ष का फल खाने को मैंने तुझे मना किया था, क्या तूने उसका फल खाया है?”
12आदम ने कहा, “जिस स्त्री को तूने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैंने खाया।”13तब यहोवा परमेश्‍वर ने स्त्री से कहा, “तूने यह क्या किया है?” स्त्री ने कहा, “सर्प ने मुझे बहका दिया, तब मैंने खाया।” (रोम. 7:11, 2 कुरि. 11:3, 1 तीमु. 2:14)
14तब यहोवा परमेश्‍वर ने सर्प से कहा, “तूने जो यह किया है इसलिए तू सब घरेलू पशुओं, और सब जंगली पशुओं से अधिक श्रापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा;15और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्‍पन्‍न करूँगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।”
16फिर स्त्री से उसने कहा, “मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दुःख को बहुत बढ़ाऊँगा; तू पीड़ित होकर बच्चे उत्‍पन्‍न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।” (1 कुरि. 11:3, इफि. 5:22, कुलु. 3:18)
17और आदम से उसने कहा, “तूने जो अपनी पत्‍नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैंने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना, उसको तूने खाया है, इसलिए भूमि तेरे कारण श्रापित है। तू उसकी उपज जीवन भर दुःख के साथ खाया करेगा; (इब्रा. 6:8)18और वह तेरे लिये काँटे और ऊँटकटारे उगाएगी, और तू खेत की उपज खाएगा;19और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा, और अन्त में मिट्टी में मिल जाएगा; क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है, तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा।”
20आदम ने अपनी पत्‍नी का नाम हव्वा रखा; क्योंकि जितने मनुष्य जीवित हैं उन सब की मूलमाता वही हुई।21और यहोवा परमेश्‍वर ने आदम और उसकी पत्‍नी के लिये चमड़े के वस्‍त्र बनाकर उनको पहना दिए।
22फिर यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, “मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है: इसलिए अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ कर खा ले और सदा जीवित रहे।” (प्रका. 2:7, प्रका. 22:2,14, 19, उत्प. 3:24, प्रका. 2:7)23इसलिए यहोवा परमेश्‍वर ने उसको अदन की वाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिसमें से वह बनाया गया था।24इसलिए आदम को उसने निकाल दिया* और जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिये अदन की वाटिका के पूर्व की ओर करूबों को, और चारों ओर घूमनेवाली अग्निमय तलवार को भी नियुक्त कर दिया।


Genesis 3:1

अब

लेखक कहानी के नये हिस्से को शुरू करता है।

सब में धूर्त था

“बहुत चालाक”, वह जो चाहता था वो उसे झूठ बोलकर ले लेता था।

क्या सच है, कि परमेश्‍वर ने कहा, ‘तुम इस वाटिका

“मैं हैरान हूँ कि परमेश्‍वर ने यह कहा, ‘तुम… बाग”।

तुम... फल न खाना’

यह “तुम” शब्द बहुवचन है और ये मनुष्य और स्त्री को दर्शाता है।

हम खा सकते हैं... परमेश्‍वर ने कहा, ‘तुम फल न खाना

हव्वा ने साँप को यह बताया कि पहले परमेश्‍वर ने उन्हें क्या करने की अनुमति दी और फिर उन्होनें उन्हें क्या नहीं करने के लिए कहा।

हम खा सकते हैं

“हमें यह खाने की अनुमति दी“।

न तुम उसको ...और न ही उसको …..तुम मर जओगे

यह “तुम” शब्द पुरुष और स्त्री को दर्शाता है।

तुम उसको ना खाना

“तुम इसे मत खाना”।

न ही उसको छूना,

“तुम इसे स्पर्ष न करना”।

Genesis 3:4

तुम.… तुम.... तुम्हारा..... तुम....

यह शब्द स्त्री और पुरुष को दर्शाते है।

आपकी आँखें खुल जाएँगी,

“तुम्हारी आँखे खुल जाएगी”। यह एक मुहावरा है कि “तुम्हे चीजों के बारे में पता चल जाएगा”। इसका अर्थ स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “यह होगा जैसे तुम्हारी आँखे खुल जाएँगी”।

भले बुरे का ज्ञान

सब कुछ जान लेना जिस में भलाऔर बुरा शामिल है।

देखने में मनभाऊ है

वह वृक्ष देखने मे बहुत सुन्दर और लुभावना था।

और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है

और वह फल खाना चाहती थी ताकि उसे परमेश्‍वर के समान भले बुरे का ज्ञान हो जाए

Genesis 3:7

उन दोनों की आँखें खुल गईं

फिर उनकी आँखें खुल गई या वो जाकरूक हो गये।

जोड़-जोड़कर

एक साथ जोड़ दिए ।

अंजीर के पत्ते

“अंजीर के बड़े-बड़े पत्ते”।

लंगोट बना लिये

उन्होने उन्हे पहन लिया क्योंकि वे शर्मिंंदा थे।

जो दिन के ठंडे समय

दिन के समय जब ठंडी हवा चलती है।

यहोवा परमेश्‍वर से छिप गए।

ताकि यहोवा परमेश्‍वर उन्हे देख न पाए

Genesis 3:9

“तू कहाँ है?”

परमेश्‍वर ने कहा तुम मुझसे छिपने की कोशिश क्यों कर रहे हो? परमेश्‍वर जानता था कि आदमी कहाँ था।जब आदमी ने जवाब दिया तो उसने यह नही कहा कि वह कहाँ था लेकिन उसने ये बताया कि वह क्यों छुप रहा था।

तेरा

वचन 9 और 11, में परमेश्‍वर पुरुष के साथ बात कर रहे है। यहाँ तेरा एक वचन है।

मैं तेरा शब्द... सुनकर

“मैंने उस ध्वनि को सुना जो आप से आ रही थी“।

किसने तुझे बताया

परमेश्‍वर उनके उत्तर को जानते थे। पर फिर भी आदम से पूछा ताकि वो आदम को यह अंगीकार करवाने के लिए विवश कर सके कि उसने परमेश्‍वर की आज्ञा का उलंघन किया है।

क्या तूने उसका फल खाया है?”

एक बार फिर से परमेश्‍वर जानता था कि क्या हुआ है, इस स्वाल से यह पता चलता है कि परमेश्‍वर आदम पर आज्ञा न मानने को आरोप लगा रहा था। जैसे कि “तुमने ये अवश्य ही खाया होगा”।

Genesis 3:12

“तूने यह क्या किया है

परमेश्‍वर पहले ही जानता था कि हव्वा ने क्या किया था। जब परमेश्‍वर ने उस से यह प्रशन पूछा तो वो उसे मौका दे रहा था कि वो खुलकर बताए और वो इस पर अपना दुख जता रहा था। इसका अनुवाद ऐसे किया जा सकता है: "तूने बहुत भयानक काम किया है।”

Genesis 3:14

अधिक श्रापित है

”तुम अकेले श्रापित हो”। इब्रानी भाषा में यहाँ श्राप परमेश्‍वर की जानवरों पर आशिष और सांप पर श्राप के विपरीत होने पर ज़ोर देता है। श्राप कह कर, परमेश्‍वर ने ऐसा किया।

सब घरेलू पशुओं, और सब जंगली पशुओं से

सारे जंगली जानवर और पालतू जानवर।

तू पेट के बल चला करेगा

परमेश्‍वर ने साँप को श्राप दिया तुम मिट्टी में रहोगे । पेट के बल ही चला करोगे यह बाकी सब जानवरों के टागों पर चलने के विपरीत था। पर तु मिट्टी चाटेगा और मिट्टी ही तेरा घर होगा । यह श्राप का हिस्सा था।

मिट्टी चाटता रहेगा

“तू मिट्टी खाएगा”। अर्थात वो ज़मीन का गन्दा खाना खाएगा। यह भी श्राप का ही हिस्सा था।

तेरे और इस स्त्री के बीच में...बैर उत्‍पन्‍न करूँगा

इसका मतलब यह है कि महिला और सांप दुश्‍मन बन जाएँगे।

बीज

“बीज” शब्द काअर्थ है ‘संतान‘ यह उस बीज को दर्शाता है जिस से औरत बच्चे को जन्म देती है जो कि पुरुष के द्वारा औरत में डाला जाता है। जैसे कि वंश का मतलब एक या उस से अधिक जन भी हो सकता है।

वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, ........उसकी एड़ी

यहाँ पर “वह“ और “उसकी“ औरत की संतान को दर्शाता है।

कुचलना

“हमला करना“ या “मारना”

Genesis 3:16

मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दुःख को बहुत बढ़ाऊँगा

मै तुम्हारी पीडा को बहुत ज्यादा बढ़ाऊगा। या मैं तेरी पीड़ा को बहुत तीव्र कर दूँगा।

बच्चे उत्‍पन्‍न करेगी

“बच्चों को पैदा करने में“ ।

तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी

तेरी इच्छा हमेशा अपने पति ओर होगी या तू अपने पति पर नियंत्रण रखने की इच्छा रखेगी

वह तुझ पर प्रभुता करेगा।

“वो तेरा स्वामी होगा” या वो तुझ पर नियंत्रण रखेगा।

Genesis 3:17

आदम

इब्रानी भाषा में आदम और पुरूष के लिए एक ही शब्द है।

तूने जो अपनी पत्‍नी की बात सुनी

तुने वो किया जो तेरी पत्नी ने कहा।

उसको तूने खाया है

तूने उस पेड़ के फल को खाया है

तू उसे न खाना

इस फल को मत खाना।

भूमि तेरे कारण श्रापित

परमेश्‍वर ने जमीन को श्राप दिया जो पहले अच्छी थी।

दुःख के साथ

बहुत मेहनत का काम करके।

उपज खाएगा

तू वो खाएगा जो इस से उपजेगा

खेत की उपज

दो संभव मतलब 1) वो पौधे जिनकी तुम खेतों में देखभाल करोगे या 2) “वो जंगली पौधे जो खुले मैदानों में उगते हैं”

अपने माथे के पसीने की

सख्त मेहनत करके पसीना बहाना।

रोटी खाया करेगा

यहा “रोटी” शब्द भोजन के लिए है।

जब तक आप मैदान पर नहीं लौटते

मनुष्य की मेहनत तब तक खत्म नही होती जब तक वह मर नहीं जाता। कई जातियो में उन्होने ऐसे शवो को रखा है जिनकी मर्त्यु मैदान में हुई।

तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा।

परमेश्‍वर ने कहा मैने तुझे मिट्टी से बनाया तू फिर मिट्टी मे मिल जाएगा।

Genesis 3:20

आदमी

कुछ अनुवादक कहते हैं (आदम)।

अपनी पत्‍नी का नाम हव्वा रखा

अपनी पत्नी को हव्वा कह कर पुकारा।

हव्वा

इब्रानी भाषा में हव्वा शब्द “जीवन“ प्रतीत होता है।

क्योंकि जितने मनुष्य जीवित हैं

यह शब्द “जीवन” लोगों को दर्शाता है। कि “सब लोग”।

चमड़े के वस्‍त्र बनाकर उनको पहना दिए।

“जानवरो की खाल से कपडे बनाए गये वस्त्र“।

Genesis 3:22

मनुष्य

इसके संभव अर्थ है 1) परमेश्‍वर एक मनुष्य, आदमी की बात कर रहा था या 2) परमेश्‍वर सामान्य रूप से मानवजाति की बात कर रहा था, इस लिए इसका अर्थ आदमी और उसकी पत्नी है। भले ही एक आदमी से बात कर रहा था लेकिन जो कहा गया वो दोनों पर लागू होता है।

हम में से एक के समान हो गया है

हमारे जैसा, यहाँ पर हम बहुवचन है

भले बुरे का ज्ञान

यहाँ “भला बुरा” एक तरह की अलंकारिक भाषा है जो दोनों के चर्म सीमायों और उनके बीच के सब कुछ को दर्शाती है। “भला बुरे समेत सब कुछ जान लेना।”

इसलिए अब ऐसा न हो

मैं उसे अनुमति नहीं दूँगा।

जीवन के वृक्ष

वह पेड जो लोगो को जीवन देता है।

उस भूमि पर... जिसमें से वह बनाया गया था

“धूल क्योंकि वह धूल से निकाला गया था “ ये किसी विशेष स्थान की बात नहीं है।

इसलिए आदम को उसने निकाल दिया

परमेश्‍वर ने आदम को वाटिका से बाहर जाने के लिए विवश किया।

उस भूमि पर खेती करे

इसका मतलब है पौधों की देखभाल करके उनको बड़ा करना।

जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिये

लोगों को जीवन के पेड़ के पास आने से रोकना।

अग्निमय तलवार

इसके संभव मतलब ये हैं 1) एक ऐसी तलवार जिसमें से आग निकलती थी या 2) ऐसी आग जो तलवार की तरह थी।


Chapter 4

कैन द्वारा हाबिल की हत्या

1जब आदम अपनी पत्‍नी हव्वा के पास गया तब उसने गर्भवती होकर कैन को जन्म दिया और कहा, “मैंने यहोवा की सहायता से एक पुत्र को जन्म दिया है।”2फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी, हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमि की खेती करनेवाला किसान बना।

3कुछ दिनों के पश्चात् कैन यहोवा के पास भूमि की उपज में से कुछ भेंट ले आया। (यहू. 1:11)4और हाबिल भी अपनी भेड़-बकरियों के कई एक पहलौठे बच्चे भेंट चढ़ाने ले आया और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई;* तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया, (इब्रा. 11:4)5परन्तु कैन और उसकी भेंट को उसने ग्रहण न किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ, और उसके मुँह पर उदासी छा गई।
6तब यहोवा ने कैन से कहा, “तू क्यों क्रोधित हुआ? और तेरे मुँह पर उदासी क्यों छा गई है?7यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी? और यदि तू भला न करे, तो पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी ओर होगी, और तुझे उस पर प्रभुता करनी है।”
8तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा; और जब वे मैदान में थे, तब कैन ने अपने भाई हाबिल पर चढ़कर उसकी हत्‍या कर दी।9तब यहोवा ने कैन से पूछा, “तेरा भाई हाबिल कहाँ है?” उसने कहा, “मालूम नहीं; क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूँ?”
10उसने कहा, “तूने क्या किया है? तेरे भाई का लहू भूमि में से मेरी ओर चिल्लाकर मेरी दुहाई दे रहा है! (इब्रा. 12:24)11इसलिए अब भूमि जिसने तेरे भाई का लहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुँह खोला है, उसकी ओर से तू श्रापित* है।12चाहे तू भूमि पर खेती करे, तो भी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी, और तू पृथ्वी पर भटकने वाला और भगोड़ा होगा।”
13तब कैन ने यहोवा से कहा, “मेरा दण्ड असहनीय है।14देख, तूने आज के दिन मुझे भूमि पर से निकाला है और मैं तेरी दृष्टि की आड़ में रहूँगा और पृथ्वी पर भटकने वाला और भगोड़ा रहूँगा; और जो कोई मुझे पाएगा, मेरी हत्‍या करेगा।”15इस कारण यहोवा ने उससे कहा, “जो कोई कैन की हत्‍या करेगा उससे सात गुणा बदला लिया जाएगा।” और यहोवा ने कैन के लिये एक चिन्ह ठहराया ऐसा न हो कि कोई उसे पाकर मार डाले।
कैन का वंशज

16तब कैन यहोवा के सम्मुख से निकल गया और नोद नामक देश में, जो अदन के पूर्व की ओर है, रहने लगा।17जब कैन अपनी पत्‍नी के पास गया तब वह गर्भवती हुई और हनोक को जन्म दिया; फिर कैन ने एक नगर बसाया और उस नगर का नाम अपने पुत्र के नाम पर हनोक रखा।
18हनोक से ईराद उत्‍पन्‍न हुआ, और ईराद से महूयाएल उत्‍पन्‍न हुआ और महूयाएल से मतूशाएल, और मतूशाएल से लेमेक उत्‍पन्‍न हुआ।19लेमेक ने दो स्त्रियाँ ब्याह लीं: जिनमें से एक का नाम आदा और दूसरी का सिल्ला है।
20आदा ने याबाल को जन्म दिया। वह उन लोगों का पिता था जो तम्बूओं में रहते थे और पशुओं का पालन करके जीवन निर्वाह करते थे।21उसके भाई का नाम यूबाल था : वह उन लोगों का पिता था जो वीणा और बाँसुरी बजाते थे।22और सिल्ला ने भी तूबल-कैन नामक एक पुत्र को जन्म दिया: वह पीतल और लोहे के सब धारवाले हथियारों का गढ़नेवाला हुआ। और तूबल-कैन की बहन नामाह थी।
23लेमेक ने अपनी पत्नियों से कहा,
“हे आदा और हे सिल्ला मेरी सुनो;
हे लेमेक की पत्नियों, मेरी बात पर कान लगाओ:
मैंने एक पुरुष को जो मुझे चोट लगाता था,
अर्थात् एक जवान को जो मुझे घायल करता था, घात किया है।
24जब कैन का बदला सात गुणा लिया जाएगा।
तो लेमेक का सतहत्तर गुणा लिया जाएगा।”
शेत और एनोश

25और आदम अपनी पत्‍नी के पास फिर गया; और उसने एक पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम यह कहकर शेत रखा कि “परमेश्‍वर ने मेरे लिये हाबिल के बदले, जिसको कैन ने मारा था, एक और वंश प्रदान किया।” (उत्प. 5:3-4)26और शेत के भी एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ और उसने उसका नाम एनोश रखा। उसी समय से लोग यहोवा से प्रार्थना करने लगे।


Genesis 4:1

जब आदम

“मनुष्य“ या “आदम”

साथ सोया

कुछ पुरानी लिखतों में इसे जानना भी कहा गया है इसकाअर्थ संभोग करना है।

मैने...एक पुत्र को जन्म दिया है।

यहाँ इसे पुरूष भी कहा गया है जिसका अर्थ पुत्र है

कैन

कैन का इब्रानी भाषा का अर्थ “उत्पन्न करना” है “हवा ने कैन को नाम दिया क्‍योंकि उसने उसे जन्‍म किया।“

फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी

हम यह नहीं जानते कि कैन और हाबिल के जन्‍म में कितने समय काअन्‍तराल था।शायद वो जुड़वा थे, या हव्‍वा बाद मे फिर गभवती हुई और उसने हाबिल को जन्‍म दिया

खेती करनेवाला

इस शब्‍द का अर्थ है कि उसने सब कुछ किया उसको जिसकी अवशकता होती है जिस से पौधो का विकास भी अच्‍छा होता था।

Genesis 4:3

कुछ दिनो के पश्चात्य

यह वाक्‍य हमें कहानी के नऐ हिस्‍से की शुरूआत को दर्शाता है।

कुछ दिनो के पश्चात्य

कुछ समय के बाद या ठीक समय पर।

भूमि की उपज

ये उन खेतों से आया था जिनकी देखभाल उसने की थी। “फसल” या “कटाई”

चर्बी भेंट चढ़ाई

यह जानवर के चर्बी वाले माँस की बात है, यह माँस का सब से उत्तम हिस्सा था।

ग्रहण किया

इस से खुश हुआ।

अति क्रोधित हुआ

वह क्रोध से भड़क उठा

उदासी छा गई।

तब उसके मुँह पर उदासी छा गई और वह क्रोध या जलन से भर गया।

Genesis 4:6

तू क्यों क्रोधित हुआ? और तेरे मुँह पर उदासी क्यों छा गई है?

यहोवा ने कैन से कहा तुम्‍हारा क्रोधित और उदास होना ठीक नहीं है, कैन तू मान ले की यह गलत था।

यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी?

तुम जानते हो कि यदि तुम इसको सही रीति से करते हो तो मैं इसे ग्रहण कर लूँगा

और यदि तू भला न करे... तुझे उस पर प्रभुता करनी है।

यहोवा ने पाप के बारे में ऐसे बात की जैसे वो एक मनुष्य हो यदि तू भला न करे, तो तुमहे पाप की इच्‍छा और अधिक होगी। तुमे इसकी आज्ञाकारिता करनी बन्द करनी होगी

पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी ओर होगी,

“तुम इतने क्रोधित हो जायोगे कि तुम पाप को रोक नहीं पाओगे”

पाप

पाप की इच्छा या “वह बुरी चीजें जो तुम करना चाहते हो“

तुझे उस पर प्रभुता करनी है।

तुझे इस पर नियंत्रण रखना है ताकि तुम पाप न करो

Genesis 4:8

तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा

कुछ अनुवादों में ऐसे लिखा है “कैन ने अपने भाई से मैदान में जाने के विषय में कहा“ ।

भाई

हाबिल कैन का छोटा भाई था ।

पर चढ़कर

हमला किया।

तेरा भाई हाबिल कहाँ है ।

यहोवा जानता था कि कैन ने हाबिल की हत्‍या कर दी है, फिर भी उसने कैन से यह सवाल पूछा कैन को ही उसका उतर देना था ।

मैं अपने भाई का रखवाला हूँ?

यह वाक्‍य दर्शता है कि “मैं अपने भाई का रखवाला नहीं हूँ“ और “मेरे भाई की रखवाली करना मेरा काम नहीं है।“

Genesis 4:10

तूने क्या किया है?

यह वाक्‍य यह दर्शता है, “कि जो कुछ तूने किया है वह बहुत भयानक है“

तेरे भाई का लहू भूमि में से मेरी ओर चिल्लाकर मेरी दुहाई दे रहा है

“तेरे भाई का लहू एक मनुष्य की तरह चिल्लाकर मेरी दुहाई दे रहा है, कि उसे सजा दो जिसने उसे मारा है।“

इसलिए अब भूमि...से तू श्रापित है।

इसे कहा जा सकता है कि “मैं तुम्हें श्रापित करता हूँ ताकि तुम जमीन से भोजन नहीं उगा पाएगा।“

जिसने तेरे भाई का लहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुँह खोला है,

परमेश्‍वर पृथ्वी की बात करता है जैसे कि वह एक खून पीने वाला मनुष्य हो: “जो तेरे भाई हाबिल के खून से लथपथ है।“

तेरे हाथ से

“जब तुमने उसे मारा तो खून बिखर गया” और “ तुम से”

खेती करे

यह शब्‍द का अर्थ है सब जरूरी काम करो कि पौधो का विकास अच्‍धा हो।

खेती करे, तो भी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी।

“तूमे भूमि ज्‍यादा अनाज ना देगी ।“

और तू पृथ्वी पर भटकने वाला और भगोड़ा होगा।

एक बेघर भटकने वाला।

Genesis 4:13

मैं तेरी दृष्टि की आड़ में रहूँगा ।

”मै तुम से बात कहने के योग्य नहीं रहूँगा।“

भटकने वाला और भगोड़ा रहूँगा

बेघर भटकने वाला ।

उससे सात गुणा बदला लिया जाएगा।

जितनी तीव्रता से मैं तुझे सजा दे रहा हुँ उस व्यक्ति को मैं इस से सात गुणा ज्यादा सजा दूँगा

ऐसा न हो कि कोई उसे पाकर मार डाले।

ऐसा न कि कोई कैन को मार डाले।

Genesis 4:16

यहोवा के सम्मुख से निकल गया

भले ही यहोवा हर जगह मौजूद है यहाँ पर इसका अर्थ है कि “उस स्थान से चला गया जहां यहोवा ने उससे बात की थी।

नोद

नोद शबद का अर्थ है “भटकना ।“

अपनी पत्‍नी के पास गया

अपनी पत्‍नी के साथ सोया था ।

फिर कैन ने एक नगर बसाया

कैन ने एक नगर बनाया ।

Genesis 4:18

हनोक से ईराद उत्‍पन्‍न हुआ ।

“हनोक ने एक स्त्री से ब्याह कर लिए और पुत्र के पिता बने जिसे ईराद नाम दिया गया” ।

ईराद से महूयाएल उत्‍पन्‍न हुआ

महूयाएल ईराद का पुत्र था ।

आदा ......सिल्ला

स्त्रियों के नाम ।

Genesis 4:20

आदा...याबाल

स्त्रियों के नाम ।

वह उन लोगों का पिता था जो तम्बूओं में रहते थे ।

वह पहले मनुष्य थे जो तम्बूओं में रहते थे या वो और उसकी संतान तम्बूओं में रहते थे।

जो तम्बूओं में रहते थे और पशुओं का पालन करके

लोग जो तम्‍बू मे रहते और जानवरो का पालन करते थे।

वह उन लोगों का पिता था जो वीणा और बाँसुरी बजाते थे।

इसके संभव अर्थ 1) जो वीणा और बाँसुरी बजाने वाला पहला मनुष्य था। 2) वो और उसके वंशज वीणा और बाँसुरी बजाने वाले थे

तूबल-कैन... वह पीतल और लोहे के सब धारवाले हथियारों का गढ़नेवाला हुआ।

तूबल-कैन पीतल और लोहे के औज़ार बनाने वाला व्यक्ति था।

लोहे

“यह बहुत मजबूत धातू है जिसका प्रयोग हथियार, औज़ार और उपकरन को बनाने में किया जाता है ।“

Genesis 4:23

आदा .... सिल्ला

स्त्रियों के नाम ।

मेरी सुनो...मेरी बात पर कान लगाओ

लेमेक ने एक ही बात को जोर देने लिऐ दो बार कहा, “मेरी बात ध्‍यान से सुनें।“

एक पुरुष ... एक जवान को

लेमेक ने एक ही पुरुष को मारा था ।

जो मुझे चोट लगाता था...मुझे घायल करता था

कयोंकि उसने मुझे घायल कर दिया...कयोकि उसने मुझे चोट लगाई।

जब कैन का बदला सात गुणा लिया जाएगा। तो लेमेक

लेमेक जानता था कि योहवा कैन का बदला सात गुणा लेगा कयोंकि यहोवा किसी को भी जो कैन को मारता है पर सात बार सजा देगा, इसी लिए लेमेक का...।“

तो लेमेक का सतहत्तर गुणा लिया जाएगा।”

जो कोई मुझे मारता है यहोवा उसे सतहत्तर गुणा सजा देगा ।

सतहत्तर गुणा

77 गुणा

Genesis 4:25

पत्‍नी के पास फिर गया

और आदम अपनी पत्‍नी के साथ सोया।

परमेश्‍वर ने मेरे लिये...एक और वंश प्रदान किया।”

उसने उसका नाम यह कहकर शेत रखा कि “परमेश्‍वर ने मेरे लिये एक और पुत्र को दिया।“

शेत

इस इब्रानी शब्‍द का अर्थ है “दे दिया है” ।

और शेत के भी एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

शेत की पत्‍नी ने उसके एक पुत्र को जन्म दिया।

यहोवा से प्रार्थना करने लगे।

“यहोवा के नाम का प्रयोग करके उसकी अराधना करने लगे।“


Chapter 5

आदम की वंशावली

1आदम की वंशावली यह है। जब परमेश्‍वर ने मनुष्य की सृष्टि की तब अपने ही स्वरूप में उसको बनाया। (मत्ती 1:1, 1 कुरि. 11:7)2उसने नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की और उन्हें आशीष दी, और उनकी सृष्टि के दिन उनका नाम आदम रखा*। (मत्ती 19:4, मर. 10:6)

3जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा।4और शेत के जन्म के पश्चात् आदम आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।5इस प्रकार आदम की कुल आयु नौ सौ तीस वर्ष की हुई, तत्पश्चात् वह मर गया।
6जब शेत एक सौ पाँच वर्ष का हुआ, उससे एनोश उत्‍पन्‍न हुआ।7एनोश के जन्म के पश्चात् शेत आठ सौ सात वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।8इस प्रकार शेत की कुल आयु नौ सौ बारह वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।
9जब एनोश नब्बे वर्ष का हुआ, तब उसने केनान को जन्म दिया।10केनान के जन्म के पश्चात् एनोश आठ सौ पन्द्रह वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।11इस प्रकार एनोश की कुल आयु नौ सौ पाँच वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।
12जब केनान सत्तर वर्ष का हुआ, तब उसने महललेल को जन्म दिया।13महललेल के जन्म के पश्चात् केनान आठ सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।14इस प्रकार केनान की कुल आयु नौ सौ दस वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।
15जब महललेल पैंसठ वर्ष का हुआ, तब उसने येरेद को जन्म दिया।16येरेद के जन्म के पश्चात् महललेल आठ सौ तीस वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।17इस प्रकार महललेल की कुल आयु आठ सौ पंचानबे वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।
18जब येरेद एक सौ बासठ वर्ष का हुआ, जब उसने हनोक को जन्म दिया।19हनोक के जन्म के पश्चात् येरेद आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।20इस प्रकार येरेद की कुल आयु नौ सौ बासठ वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।
21जब हनोक पैंसठ वर्ष का हुआ, तब उसने मतूशेलह को जन्म दिया।22मतूशेलह के जन्म के पश्चात् हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्‍वर के साथ-साथ चलता रहा,* और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।23इस प्रकार हनोक की कुल आयु तीन सौ पैंसठ वर्ष की हुई।24हनोक परमेश्‍वर के साथ-साथ चलता था; फिर वह लोप हो गया क्योंकि परमेश्‍वर ने उसे उठा लिया। (इब्रा. 11:5)
25जब मतूशेलह एक सौ सत्तासी वर्ष का हुआ, तब उसने लेमेक को जन्म दिया।26लेमेक के जन्म के पश्चात् मतूशेलह सात सौ बयासी वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।27इस प्रकार मतूशेलह की कुल आयु नौ सौ उनहत्तर वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।
28जब लेमेक एक सौ बयासी वर्ष का हुआ, तब उससे एक पुत्र का जन्म हुआ।29उसने यह कहकर उसका नाम नूह रखा, कि “यहोवा ने जो पृथ्वी को श्राप दिया है, उसके विषय यह लड़का हमारे काम में, और उस कठिन परिश्रम में जो हम करते हैं, हमें शान्ति देगा।”
30नूह के जन्म के पश्चात् लेमेक पाँच सौ पंचानबे वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।31इस प्रकार लेमेक की कुल आयु सात सौ सतहत्तर वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।
32और नूह पाँच सौ वर्ष का हुआ; और नूह से शेम, और हाम और येपेत का जन्म हुआ।


Genesis 5:1

सामान्‍य जानकारी

यह आदम के वंशजों की शुरुआत है।

अपने ही स्वरूप में।

यह वाक्य हमें यह बताता हे कि परमेश्वर ने मनुष्यो कि रचना अपने ही स्वरूप [ समानता] में की, लेकिन यह हमें यह नहीं बताया कि परमेश्वर ने किस रीति में मनुष्यों को अपने जैसा बनाया। परमेश्‍वर का कोई शरीर नहीं इस लिए इस वाक्य का यह मतलब नहीं कि मनुष्य परमेश्वर जैसा दिखता है। “हमारे जैसा”

उनकी सृष्टि के दिन

जब उसने उनकी रचना की।

Genesis 5:3

एक सौ तीस वर्ष...आठ सौ वर्ष

130 वर्ष... 800 वर्ष

उसके द्वारा... एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।

आदम के घर एक बेटे का जन्म हुआ।

उसकी समानता में, उस ही के स्वरूप के अनुसार

यह दोनो वाक्यों में एक ही बात है और यह हमें यह भी याद दिलाते हैं कि परमेशवर ने मनुष्यो को अपने ही स्वरूप के अनुसार उत्‍पन्‍न किया है।

शेत

शेत आदम के पुत्र का नाम था।

उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं

वह और भी बेटे-बेटियों का पिता बना।

तत्पश्चात् वह मर गया।

इस वाक्य में आदम की मृत्यु को बताया किया गया है।

आदम नौ सौ तीस वर्ष जीवित रहा

पहले लोग काफी लंबे समय तक जीवित रहते थे आदम कुल नौ सौ तीस सालों तक जिन्दा रहा।

Genesis 5:6

उससे एनोश उत्‍पन्‍न हुआ।

उससे [ शेत] के द्वारा एक पुत्र उत्पन्‍न हुआ जिसका नाम एनोश रखा गया।

एनोश

यह एक आदमी का नाम है।

उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।

उसके [ शेत] द्वारा और भी बेटे-बेटियौ का जन्‍म हुआ।

शेत की कुल आयु नौ सौ बारह वर्ष की हुई

शेत कुल नौ सौ बारह वर्ष तक जिन्‍दा रहा।

तत्पश्चात् वह मर गया।

यह वाक्‍य इस पुरे अध्‍धाय मे काफी बार उपयोग किया गया है जो किसी की मृत्यु को दर्शाता है।

Genesis 5:9

सामान्‍य जानकारी

ये तथ्‍य उत्‍पति की किताब में उसके 5 अध्याय के 6 से लेकर 27 पद तक है वह बिलकुल एक समान है।

Genesis 5:12

सामान्‍य जानकारी

ये तथ्‍य उत्‍पति की किताब में उसके 5 अध्याय के 6 से लेकर 27 पद तक है वह बिलकुल एक समान है।

Genesis 5:15

सामान्‍य जानकारी

ये तथ्‍य उत्‍पति की किताब में उसके 5 अध्याय के 6 से लेकर 27 पद तक है वह बिलकुल एक समान है।

उसने येरेद को जन्म दिया।

उससे [ महललेल] से एक बेटा उत्‍पन्‍न हुआ।जिसका नाम येरेद रखा गया।

येरेद

यह एक मनुष्‍य का नाम है,अर्थाथ महललेल के बेटे का।

Genesis 5:18

सामान्‍य जानकारी

ये तथ्‍य उत्‍पति की किताब में उसके 5 अध्याय के 6 से लेकर 27 पद तक है वह बिलकुल एक समान है।

उसने हनोक को जन्म दिया।

उससे [ येरेद] से एक बेटा उत्‍पन्‍न हुआ।जिसका नाम हनोक रखा गया।

हनोक

यह एक मनुष्‍य का नाम है,अर्थाथ येरेद के बेटे का।

Genesis 5:21

उसने मतूशेलह को जन्म दिया।

उसके [हनोक] द्वारा एक पुत्र उत्पन्‍न हुआ जिसका नाम मतूशेलह रखा गया।

मतूशेलह

यह एक मनुष्‍य का नाम है ।

हनोक परमेश्‍वर के साथ-साथ चलता था

यहाँ साथ चलना एक रूपक है किसी के साथ चलना हमे यह दर्शाता है कि उनका आपस में एक गहरा रिश्ता है।और यहाँ पे हनोक का परमेश्‍वर के साथ एक अच्‍छा रिश्ता था“ हनोक परमेश्‍वर की संगति में रहता था।

उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।

उसके [ हनोक] द्वारा और भी बेटे-बेटियौ का जन्‍म हुआ।

हनोक की कुल आयु तीन सौ पैंसठ वर्ष की हुई।

हनोक कुल तीन सौ पैंसठ वर्ष तक जीवित रहा।

फिर वह लोप हो गया

“वह“ शब्‍द हनोक को दर्शाता है और यह पूरा वाक्‍य हनोक के धरती पर से चले जाने को भी बताता है।

परमेश्‍वर ने उसे उठा लिया।

यह वाक्‍य यह बात को दर्शाता है कि परमेश्‍वर ने हनोक को धरती पर से उठा लिया ताकि वह उसके के साथ रहे।

Genesis 5:25

सामान्‍य जानकारी

ये तथ्‍य उत्‍पति की किताब में उसके 5 अध्याय के 6 से लेकर 27 पद तक है वह बिलकुल एक समान है।

लेमेक

यह लेमेक उस लेमेक से अलग है जिसके बारे मे हमने उत्‍पति 4:18 पढ़ा था।

Genesis 5:28

वह एक पुत्र का पिता बना।

उससे एक पुत्र का जन्म हुआ

नूह

इब्रानी भाषा के शब्द नूह का अर्थ “आराम” है

हमारे काम में, और उस कठिन परिश्रम में जो हम करते हैं।

यहाँ पर लेमेक ने एक ही बात को दो बार कहा और इनके द्वारा उस बात पर ज़ोर डाला कि काम कितना कठिन था। “अपने हाथों से बहुत कठिन काम करते हैं।”

Genesis 5:30

लेमेक की कुल आयु सात सौ सतहत्तर वर्ष की हुई

लेमेक कुल सात सौ सतहत्तर वर्ष [777] तक धरती पर जीवित रहा।

Genesis 5:32

नूह से शेम, और हाम और येपेत का जन्म हुआ।

नूह से उसके बेटे उत्‍पन्‍न हुए। और यह वाक्‍य हमे यह नहीं बताता कि वह उसी दिन हुए या अलग सालों मे।

शेम, और हाम और येपेत

यह नूह के बेटों के नाम हैं जो उनकी जन्‍म तिथि के अनुसार नहीं लिखे गए। इस बात पर कई असहमति प्रगट करते हैं कि इन में से बड़ा कौन है।


Chapter 6

परमेश्‍वर के बेटे और मनुष्यों की बेटियाँ

1फिर जब मनुष्य भूमि के ऊपर बहुत बढ़ने लगे, और उनके बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं,2तब परमेश्‍वर के पुत्रों ने मनुष्य की पुत्रियों को देखा, कि वे सुन्दर हैं; और उन्होंने जिस-जिस को चाहा उनसे ब्याह कर लिया।3तब यहोवा ने कहा, “मेरा आत्मा मनुष्‍य में सदा के लिए निवास न करेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है; उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।”

4उन दिनों में पृथ्वी पर दानव रहते थे; और इसके पश्चात् जब परमेश्‍वर के पुत्र मनुष्य की पुत्रियों के पास गए तब उनके द्वारा जो सन्तान उत्‍पन्‍न हुए, वे पुत्र शूरवीर होते थे, जिनकी कीर्ति प्राचीनकाल से प्रचलित है।
परमेश्‍वर द्वारा न्याय का फैसला

5यहोवा ने देखा कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्‍पन्‍न होता है वह निरन्तर बुरा ही होता है। (भज. 53:2)6और यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से पछताया, और वह मन में अति खेदित हुआ।
7तब यहोवा ने कहा, “मैं मनुष्य को जिसकी मैंने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूँगा;* क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगनेवाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, सब को मिटा दूँगा, क्योंकि मैं उनके बनाने से पछताता हूँ।”
परमेश्‍वर के अनुग्रह की दृष्टि में नूह

8परन्तु यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि नूह पर बनी रही।
9नूह की वंशावली यह है। नूह* धर्मी पुरुष और अपने समय के लोगों में खरा था; और नूह परमेश्‍वर ही के साथ-साथ चलता रहा।10और नूह से शेम, और हाम, और येपेत नामक, तीन पुत्र उत्‍पन्‍न हुए।
11उस समय पृथ्वी परमेश्‍वर की दृष्टि में बिगड़ गई* थी, और उपद्रव से भर गई थी।12और परमेश्‍वर ने पृथ्वी पर जो दृष्टि की तो क्या देखा कि वह बिगड़ी हुई है; क्योंकि सब प्राणियों ने पृथ्वी पर अपना-अपना चाल-चलन बिगाड़ लिया था।
13तब परमेश्‍वर ने नूह से कहा, “सब प्राणियों के अन्त करने का प्रश्न मेरे सामने आ गया है; क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है, इसलिए मैं उनको पृथ्वी समेत नाश कर डालूँगा।14इसलिए तू गोपेर वृक्ष की लकड़ी का एक जहाज बना ले, उसमें कोठरियाँ बनाना, और भीतर-बाहर उस पर राल लगाना।15इस ढंग से तू उसको बनाना: जहाज की लम्बाई तीन सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ, और ऊँचाई तीस हाथ की हो।
16जहाज में एक खिड़की बनाना, और उसके एक हाथ ऊपर से उसकी छत बनाना, और जहाज की एक ओर एक द्वार रखना, और जहाज में पहला, दूसरा, तीसरा खण्ड बनाना।17और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जल-प्रलय करके सब प्राणियों को, जिनमें जीवन का श्‍वास है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूँ; और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएँगे।
18परन्तु तेरे संग मैं वाचा बाँधता हूँ;* इसलिए तू अपने पुत्रों, स्त्री, और बहुओं समेत जहाज में प्रवेश करना।19और सब जीवित प्राणियों में से, तू एक-एक जाति के दो-दो, अर्थात् एक नर और एक मादा जहाज में ले जाकर, अपने साथ जीवित रखना।
20एक-एक जाति के पक्षी, और एक-एक जाति के पशु, और एक-एक जाति के भूमि पर रेंगनेवाले, सब में से दो-दो तेरे पास आएँगे, कि तू उनको जीवित रखे।21और भाँति-भाँति का भोजन पदार्थ जो खाया जाता है, उनको तू लेकर अपने पास इकट्ठा कर रखना; जो तेरे और उनके भोजन के लिये होगा।”22परमेश्‍वर की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।


Genesis 6:1

फिर जब

यह वाक्य किसी कहानी के नये हिस्‍से की शुरूआत को दर्शाता है।

बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं

“महिलाओं ने बेटीयों को जन्म दिया।“

परमेश्‍वर के पुत्र।

यहाँ पर यह स्पष्ट नहीं है कि ये स्वर्गीय प्राणी थे या मनुष्य। जो भी हो ये परमेश्‍वर ने रचे गये थे। कुछ लोग मानते हैं कि ये शब्‍द उन स्‍वर्गदूतों के बारे में है जिन्‍होने परमेश्‍वर के विरुध बगावत की अर्थात ये दुष्ट आत्मथ या राक्षस थे। कुछ दूसरे लोग मानते हैं कि के यह शक्तिशाली राजनीतिक हाकिम थे, कुछ औरों का कहना हे कि यह शेत के वंशज है।

“मेरा आत्मा

यहाँ पर यहोवा अपने आप ओर अपनी आत्‍मा के बारे में बात कर रहा है जो परमेश्‍वर की आत्‍मा है।

शरीर

इसका मतलब है कि उनके पास शरीर है ओर जो एक दिन मर जाएगा है।

उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।”

वे केवल 120 साल जीवित रहेंगे।

Genesis 6:4

दानव

बहुत लम्‍बे ओर बडे मनुष्य।

और इसके पश्चात्

दानव पैदा हुए, क्‍योंकि

परमेश्‍वर के पुत्र

यहाँ पर यह स्पष्ट नहीं है कि ये स्वर्गीय प्राणी थे या मनुष्य। जो भी हो ये परमेश्‍वर ने रचे गये थे। कुछ लोग मानते हैं कि ये शब्‍द उन स्‍वर्गदूतों के बारे में है जिन्‍होने परमेश्‍वर के विरुध बगावत की अर्थात ये दुष्ट आत्मथ या राक्षस थे। कुछ दूसरे लोग मानते हैं कि के यह शक्तिशाली राजनीतिक हाकिम थे, कुछ औरों का कहना हे कि यह शेत के वंशज है।

वे पुत्र शूरवीर होते थे, जिनकी कीर्ति प्राचीनकाल से प्रचलित है।

ये शूरवीर बलशाली पुरूष थे जो काफी समय पहले होते थे।

शूरवीर पुत्र

मनुष्य जो साहसी ओर युद्‍ में विजयी हो

वे पुत्र शूरवीर होते थे

प्रसिद्ध पुरूष

Genesis 6:5

जो कुछ उत्‍पन्‍न होता है

“आद्‍त“

उनके मन के विचार

लेखक दिल के विषय में ऐसे बात करता है जैसे यह शरीर का वो हिस्‍सा जो सोचता है। ”उनके भीतरी गुप्‍त विचार”

मन में अति खेदित हुआ।

लेखक दिल के विषय में ऐसे बात करता है जैसे यह शरीर का वह हिस्‍सा जो महसूस है। “ इस बारे में वह बहुत जयादा उदास था”

Genesis 6:7

“मैं मनुष्य को जिसकी मैंने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूँगा

“मैं मानवता को मिटा दूँगा; और कोई भी लोग पृथ्वी पर नहींं बचेंगे।“

मैं मनुष्य को जिसकी मैंने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूँगा;

“मेनै मानवजाति की सृष्टि की और अब मैं उसे मिटा दूँगा।“

मिटा दूँगा

पुरी तरह से नाश कर दूँगा।

परन्तु यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि नूह पर बनी रही।

यहोवा नूह से खूश था, यहोवा ने नूह को दया दृष्टि से देखा

यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि

यहाँ “दृष्टि “ नजर या विचारों को दर्शाती है। “यहोवा के विचारों में”

Genesis 6:9

सामान्‍य जानकारी

यहाँ पर नूह की कहानी शूरु हो रही है जो पाठ 9 तक जा रही है।

नूह की वंशावली यह है

“यह नूह का उल्‍लेख है।“

परमेश्‍वर ही के साथ-साथ चलता रहा

साथ चलना जज़दीकी रिश्ते का रूपक है। नूह परमेश्‍वर की संगति में रहता था।

नूह से ... तीन पुत्र उत्‍पन्‍न हुए।

नूह के तीन पुत्र थे।

शेम,हाम,येपेत

“पुत्र उस क्रम में नहीं लिखे हैं जैसे वह पैदा हुए थे।“

Genesis 6:11

पृथ्वी

धरती या वे लोग धरती पर रहते थे।

दृष्टि में बिगड़ गई.

बुराई करने वाले लोगों को ऐसा कहा गया है मानो वे भोजन हो जो सड़ चुका हो।“ पूरी तरह से बुरा था”

परमेश्‍वर की दृष्टि में

यहोवा की उपस्थिति में या यहोवा की नजरों में

और उपद्रव से भर गई थी।

“सारी पृथ्वी बुरे लोगों से भर गयी थी जो एक दूसरे के साथ बुराई करते थे”

तो क्या देखा

यहाँ ये शब्‍द हमें ध्‍यान लगाने के लिए संकेत करता है कि अनोखी जानकारी का पालन करे।

प्राणियों

सारी मनुष्य जाति।

अपना-अपना चाल-चलन बिगाड़ लिया था

सब परमेश्‍वर के रास्ते से भटक चुके थे।

Genesis 6:13

प्राणियों

सारी मानव जाति।

क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है,

पृथ्वी के सब लोग हिंसा से भर गये थे।

इसलिए मैं उनको पृथ्वी समेत नाश कर डालूँगा।

“इसलिए मैं सारी पृथ्वी और उस पर रहने वालों का नाश कर दूँगा।“

एक जहाज

यह एक बहुत बड़े डिब्‍बे को दर्शाता है जो बहुत बुरे तूफान में भी पानी पर तैरता रहे। “एक बड़ी नौका” समुंद्री जहाज”

गोपेर वृक्ष की लकड़ी

लोगों को ठीक से पता नहीं की ये किस तरह का पेड़ था।“ ऐसी लकड़ी जिसका इसतेमाल नौका बनाने के लिए किया जाता था”

भीतर-बाहर उस पर राल लगाना।

“इसके ऊपर राल लगाना” उसे जल रोधक बनाने के लिए

राल

“यह ऐक गाड़ा, चिपकने वाला, तेल के जैसा तरल है जिसे लोग नौका के बाहर पानी को रोकने के लिऐ लगाते थे, जो लकड़ी की दरारो से नौका के अंदर जाता है।

हाथ

यह “हाथ” शब्‍द मापक को दर्शाता है। जो कि एक आधे मीटर लंबाई से थोड़ा छोटा होता है।

तीन सौ हाथ

“ तीन सो हाथ लगभग 138 मीटर होता है”

पचास हाथ,

“23 मीटर”

तीस हाथ

“14 मीटर”

Genesis 6:16

में एक खिड़की बनाना.

इस का अर्थ यह है कि यह एक जहाज के बीच की बहुत बड़ी छत थी। जिसका मकसद जहाज को बारिश के पानी से बचाना था।

हाथ

एक हाथ का मतलब इकाइयो का माप है आधे मिटर से थोड़ा कम।

पहला, दूसरा, तीसरा खण्ड बनाना।

निचला, मधय और ऊपर का खण्‍ड “अंदर तिन खण्ड“

खण्ड

स्‍तर, फरश

सुन।

सुन, कि मैं क्‍या बोल रहा हूँ;।

मैं आप पृथ्वी पर जल-प्रलय करके।

मैं पानी की बाढ़ भेजने वाला हूँ।

सब प्राणियों

यहां ''प्राणियों'' सभी शरीरों के दर्शाता है जिसमें मनुष्य और जानवर शामिल हैं।

जिनमें जीवन का श्‍वास है।

यहाँ सांस जीवन का दर्शाती है। “जो जीवित हैं”

Genesis 6:18

संग मैं वाचा बाँधता हूँ;

“मेरे और तेरे बीच एक वाचा बाँधता हूँ”

तेरे संग

नूह के संग।

जहाज में प्रवेश करना।

तुम जहाज में प्रवेश करोगे।

और सब जीवित प्राणियों में से, तू एक-एक जाति के दो-दो, अर्थात् एक नर और एक मादा जहाज में ले जाकर,

आपरो जहाज में हर तरह के दो प्राणियों को लाना पड़ेगा।

प्राणियों

प्रमेशवर के रचे जानवर।

सब प्राणी

यहां ''प्राणियों'' सभी शरीरों के दर्शाता है जिसमे मनुष्य और जानवर शामिल थे।

Genesis 6:20

एक-एक जाति

प्रत्‍येक अलग अलग नसल का।

भूमि पर रेंगनेवाले।

यह छोटे जानवरों के बारे में बताता है जो ज़मीन पर चलते हैं।

सब में से दो।

यह हर प्रकार दो पक्षी और जानवर

कि तू उनको जीवित रखे।

“इस लिए कि तू उन्‍हे जीवित रख सके।“

तेरे...अपने ...तुँ

यह वाक्य नूह को दर्शाता है। और ये एकवचन हैं।

भोजन पदार्थ जो खाया जाता है।

भोजन जो मनुष्य ओर जानवर खाते हैं।

परमेश्‍वर की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।

“नूह ने वैसे ही किया जैसा परमेश्‍वर ने उसे करने को बोला था।“


Chapter 7

जहाज में प्रवेश करना

1तब यहोवा ने नूह से कहा, “तू अपने सारे घराने समेत जहाज में जा; क्योंकि मैंने इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी पाया है।2सब जाति के शुद्ध पशुओं में से तो तू सात-सात जोड़े, अर्थात् नर और मादा लेना: पर जो पशु शुद्ध नहीं हैं, उनमें से दो-दो लेना, अर्थात् नर और मादा:3और आकाश के पक्षियों में से भी, सात-सात जोड़े, अर्थात् नर और मादा लेना, कि उनका वंश बचकर सारी पृथ्वी के ऊपर बना रहे।

4क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा; और जितने प्राणी मैंने बनाये हैं उन सबको भूमि के ऊपर से मिटा दूँगा।”5यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।
6नूह की आयु छः सौ वर्ष की थी, जब जल-प्रलय पृथ्वी पर आया।7नूह अपने पुत्रों, पत्‍नी और बहुओं समेत, जल-प्रलय से बचने के लिये जहाज में गया।
8शुद्ध, और अशुद्ध दोनों प्रकार के पशुओं में से, पक्षियों,9और भूमि पर रेंगनेवालों में से भी, दो-दो, अर्थात् नर और मादा, जहाज में नूह के पास गए, जिस प्रकार परमेश्‍वर ने नूह को आज्ञा दी थी।10सात दिन के उपरान्त प्रलय का जल पृथ्वी पर आने लगा।
जल-प्रलय

11जब नूह की आयु के छः सौवें वर्ष के दूसरे महीने का सत्रहवाँ दिन आया; उसी दिन बड़े गहरे समुद्र के सब सोते फूट निकले और आकाश के झरोखे खुल गए।12और वर्षा चालीस दिन और चालीस रात निरन्तर पृथ्वी पर होती रही।
13ठीक उसी दिन नूह अपने पुत्र शेम, हाम, और येपेत, और अपनी पत्‍नी, और तीनों बहुओं समेत,14और उनके संग एक-एक जाति के सब जंगली पशु, और एक-एक जाति के सब घरेलू पशु, और एक-एक जाति के सब पृथ्वी पर रेंगनेवाले, और एक-एक जाति के सब उड़नेवाले पक्षी, जहाज में गए।
15जितने प्राणियों में जीवन का श्‍वास था उनकी सब जातियों में से दो-दो नूह के पास जहाज में गए।16और जो गए, वह परमेश्‍वर की आज्ञा के अनुसार सब जाति के प्राणियों में से नर और मादा गए। तब यहोवा ने जहाज का द्वार बन्द कर दिया।
17पृथ्वी पर चालीस दिन तक जल-प्रलय होता रहा; और पानी बहुत बढ़ता ही गया, जिससे जहाज ऊपर को उठने लगा, और वह पृथ्वी पर से ऊँचा उठ गया।18जल बढ़ते-बढ़ते पृथ्वी पर बहुत ही बढ़ गया, और जहाज जल के ऊपर-ऊपर तैरता रहा।
19जल पृथ्वी पर अत्यन्त बढ़ गया, यहाँ तक कि सारी धरती पर जितने बड़े-बड़े पहाड़ थे, सब डूब गए।20जल तो पन्द्रह हाथ ऊपर बढ़ गया, और पहाड़ भी डूब गए।
21और क्या पक्षी, क्या घरेलू पशु, क्या जंगली पशु, और पृथ्वी पर सब चलनेवाले प्राणी, और जितने जन्तु पृथ्वी में बहुतायत से भर गए थे, वे सब, और सब मनुष्य मर गए।*22जो-जो भूमि पर थे उनमें से जितनों के नथनों में जीवन का श्‍वास था, सब मर मिटे।
23और क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगनेवाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, जो-जो भूमि पर थे, सब पृथ्वी पर से मिट गए; केवल नूह, और जितने उसके संग जहाज में थे, वे ही बच गए।24और जल पृथ्वी पर एक सौ पचास दिन तक प्रबल रहा।


Genesis 7:1

सामान्य जानकारी।

इस अध्याय की घटनाएँ नूह के सन्दूक का निर्माण करने, भोजन एकत्र करने और उसे सन्दूक में रखने के बाद घटित होती हैं।

जा’......., जहाज में......,,लेना ।

"दर्ज करें ... जहाज में ... ले।

तू।

आप" शब्द नूह को संदर्भित करता है और एकवचन है।

अपने घराने समेत।

“तुम्हारा परिवार”

दृष्टि में धर्मी पाया

इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने नूह को धर्मी के रूप में देखा था।

इस समय।

यह उन सभी लोगों को संदर्भित करता है जो उस समय रह रहे थे। "उन सभी लोगों के बीच जो अब रह रहे हैं”

शुद्ध पशुओं।

यह एक ऐसा जानवर था जिसे परमेश्वर ने अपने लोगों को खाने और बलिदान करने की अनुमति दी थी।

पर जो पशु शुद्ध नहीं हैं।

ये ऐसे जानवर थे जिन्हें परमेश्‍वर ने लोगों को खाने या बलिदान करने की अनुमति नहीं दी थी।

उनका वंश बचकर।

ताकि उनकी संतानें जीवित रहें "या" ताकि बाढ़ के बाद, जानवरों का जीना जारी रहे।

Genesis 7:4

चालीस दिन और चालीस रात।

यह पूरे चालीस दिन के थे।। यह कुल अस्सी दिन नहीं थे। “चालीस दिन और रातें“

प्राणी

यह भौतिक जीवन को दर्शाता है।

Genesis 7:6

सामान्य जानकारी।

पाठ 6-12 दूसरी बार दोहराते हैं और इस बारे में अधिक विस्तार देते हैं कि नूह 7: 1 में अपने परिवार और जानवरों के साथ जहाज में कैसे गया। यह कोई नई घटना नहीं है।

पृथ्वी पर आया।

पृथ्वी पर आया।

जल-प्रलय से बचने के लिये जहाज में गया।

जल प्रलय के पानी से बचने के लिए" या आने वाली बाढ़ के कारण।

Genesis 7:8

सामान्य जानकारी।

पाठ 6-12 दूसरी बार दोहराते हैं और इस बारे में अधिक विस्तार देते हैं कि नूह 7: 1 में अपने परिवार और जानवरों के साथ जहाज में कैसे गया। यह कोई नई घटना नहीं है।

शुद्ध,पशुओं

ये ऐसे जानवर थे जिन्हें परमेश्‍वर ने लोगों को खाने और उन्हें बलिदान के रूप में देने की अनुमति दी थी।

अशुद्ध पशुओं।

ये ऐसे जानवर थे जिन्हें परमेशवर ने लोगों को बलिदान के रूप में खाने या देने की अनुमति नहीं दी थी।

दो-दो।

जानवरों ने एक नर और एक मादा के जोड़े में नाव में प्रवेश किया।

आने लगा।

इस वाक्यांश का उपयोग यहाँ कहानी में एक महत्वपूर्ण घटना को चिह्नित करने के लिए किया जाता है: प्रलय की शुरुआत। यदि आपकी भाषा के पास ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप यहाँ इसका उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं।

सात दिन के उपरान्त।

सात दिनो के बाद।

सात दिन के उपरान्त प्रलय का जल पृथ्वी पर आने लगा।

अंतर्निहित जानकारी, "बारिश शुरू हो गई" को स्पष्ट बनाया जा सकता है। "बारिश होने लगी और पृथ्वी पर बाढ़ का पानी आ गया"

Genesis 7:11

सामान्य जानकारी।

पाठ 6-12 दूसरी बार दोहराते हैं और इस बारे में अधिक विस्तार देते हैं कि नूह 7: 1 में अपने परिवार और जानवरों के साथ जहाज में कैसे गया। यह कोई नई घटना नहीं है।

जब नूह की आयु के छः सौवें वर्ष।

जब नूह 600 साल का था।

दूसरे महीने का सत्रहवाँ दिन आया।

मूसा ने यह पुस्तक लिखी है, इसलिए संभव है कि वह इब्रानी कैलेंडर के दूसरे महीने का जिक्र कर रहा हो। लेकिन यह अनिश्चित है।

उसी दिन

यह उस विशेष दिन को दर्शाता है जब बारिश शुरू हुई थी।

बड़े गहरे समुद्र केसब सोते फूट निकले।

पृथ्वी के नीचे से पानी पृथ्वी की सतह तक पहुंचा निकला।

Genesis 7:13

सामान्य जानकारी।

पाठ 13-18 तीसरी बार दोहराते हैं और इस बारे में अधिक विस्तार देते हैं कि नूह 7: 1 में अपने परिवार और जानवरों के साथ जहाज में कैसे गया। यह कोई नई घटना नहीं है

ठीक उसी दिन

"ठीक उसी दिन पर।" यह उस दिन को संदर्भित करता है जिस दिन बारिश शुरू हुई थी। 13-16 आयतें बताते हैं कि बारिश शुरू होने से तुरंत पहले नूह ने क्या किया।

रेंगनेवाले।

यह जानवरों को संदर्भित करता है जो कृन्तकों, कीड़ों, छिपकलियों और सांपों की तरह जमीन पर रेंगते हैं।

जंगली पशु........., घरेलू पशु......रेंगनेवाले ,...... उड़नेवाले पक्षी।

इन चार समूहों को यह दिखाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है कि हर तरह के जानवर को शामिल किया गया था। यदि आपकी भाषा में सभी जानवरों को समूहीकृत करने का एक और तरीका है, तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं, या आप इन समूहों का उपयोग कर सकते हैं।

एक-एक जाति।

ताकि प्रत्येक प्रकार का जानवर अपनी तरह का अधिक उत्पादन करे।

Genesis 7:15

सामान्य जानकारी।

पाठ 13-18 तीसरी बार दोहराते हैं और इस बारे में अधिक विस्तार देते हैं कि नूह 7: 1 में अपने परिवार और जानवरों के साथ जहाज में कैसे गया। यह कोई नई घटना नहीं है।

सब जातियों में से दो-दो

यहां "जातियो '' जानवरों का दरशाता करता है।

जितने प्राणियों में जीवन का श्‍वास था

यहां "प्राणियों" जीवन को दर्शाता है।

नूह के पास गए।

आना" शब्द का अनुवाद "गए" के रूप में किया जा सकता है।

सब जाति के।

यहां "जाति" जानवरों का प्रतिनिधित्व करता है। “हर तरह के जानवर“

तब।

जहाज में प्रवेश करने के बाद।

Genesis 7:17

सामान्य जानकारी।

पाठ 13-18 तीसरी बार दोहराते हैं और इस बारे में अधिक विस्तार देते हैं कि नूह 7: 1 में अपने परिवार और जानवरों के साथ जहाज में कैसे गया। यह कोई नई घटना नहीं है।

और पानी बहुत बढ़ता गया।

यह चालीस दिनों के दौरान हुआ कि जब पानी आता रहा। "और पानी बहुत गहरा हो गया।

जहाज ऊपर को उठने लगा

"और इससे जहाज तैरने लगा।

वह पृथ्वी पर से ऊँचा उठ गया

वह जहाज़ गहरे पानी के ऊपर तैरता है।

Genesis 7:19

जल पृथ्वी पर अत्यन्त बढ़ गया।

पृथ्वी पूरि तरह पानी से डूब गया।

पन्द्रह हाथ।

''6'' मीटर”

Genesis 7:21

पृथ्वी पर सब चलनेवाले

घूमने वाले।

सब पक्षी, क्या घरेलू पशु, क्या जंगली पशु, और पृथ्वी पर सब चलनेवाले प्राणी, और जितने जन्तु पृथ्वी में बहुतायत से भर गए थे।

यह उन सभी जानवरों को संदर्भित करता है जो बड़े समूहों पृथ्वी पर घूमते हैं।

जो-जो भूमि पर थे उनमें से जितनों के नथनों में जीवन का श्‍वास था

यहां शब्‍द "नथनो" सारे जानवर या मनुष्‍य को दर्शाता है। “हर कोई जो जीवित है”

जीवन का श्‍वास था

शब्द "श्‍वास" और "जीवन" उस शक्ति को दर्शाते हैं जो लोगों और जानवरों को जीवित रखती है।

मर मिटे।

यह शारीरिक मृत्यु को दर्शाता है।

Genesis 7:23

जो-जो भूमि पर थे, सब मिट गए

“तो बाढ़ ने हर जीवित चीज़ को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।“

सब पृथ्वी से मिट गए।

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। “परमेश्‍वर ने उन सभी को नष्ट कर दिया“

पृथ्वी पर से।

इसलिए वे अब पृथ्वी पर नहीं रहे।

जितने उसके संग थे

“और लोग और जानवर जो उसके साथ थे”

बच गए।

जिंदा रहे।

जल पृथ्वी पर प्रबल रहा।

गहरे जल ने सारी पृथ्वी को ढँक दिया।


Chapter 8

जल-प्रलय का अन्त

1परमेश्‍वर ने नूह और जितने जंगली पशु और घरेलू पशु उसके संग जहाज में थे, उन सभी की सुधि ली:* और परमेश्‍वर ने पृथ्वी पर पवन बहाई, और जल घटने लगा।2गहरे समुंद्र के सोते और आकाश के झरोखे बंद हो गए; और उससे जो वर्षा होती थी वह भी थम गई।3और एक सौ पचास दिन के पश्चात् जल पृथ्वी पर से लगातार घटने लगा।

4सातवें महीने के सत्रहवें दिन को, जहाज अरारात नामक पहाड़ पर टिक गया।5और जल दसवें महीने तक घटता चला गया, और दसवें महीने के पहले दिन को, पहाड़ों की चोटियाँ दिखाई दीं।
6फिर ऐसा हुआ कि चालीस दिन के पश्चात् नूह ने अपने बनाए हुए जहाज की खिड़की को खोलकर,7एक कौआ उड़ा दिया: जब तक जल पृथ्वी पर से सूख न गया, तब तक कौआ इधर-उधर फिरता रहा।
8फिर उसने अपने पास से एक कबूतरी को भी उड़ा दिया कि देखे कि जल भूमि से घट गया कि नहीं।9उस कबूतरी को अपने पैर टेकने के लिये कोई आधार न मिला, तो वह उसके पास जहाज में लौट आई: क्योंकि सारी पृथ्वी के ऊपर जल ही जल छाया था तब उसने हाथ बढ़ाकर उसे अपने पास जहाज में ले लिया।
10तब और सात दिन तक ठहरकर, उसने उसी कबूतरी को जहाज में से फिर उड़ा दिया।11और कबूतरी सांझ के समय उसके पास आ गई, तो क्या देखा कि उसकी चोंच में जैतून का एक नया पत्ता है; इससे नूह ने जान लिया, कि जल पृथ्वी पर घट गया है।12फिर उसने सात दिन और ठहरकर उसी कबूतरी को उड़ा दिया; और वह उसके पास फिर कभी लौटकर न आई।
13नूह की आयु के छः सौ एक वर्ष के पहले महीने के पहले दिन जल पृथ्वी पर से सूख गया। तब नूह ने जहाज की छत खोलकर क्या देखा कि धरती सूख गई है।14और दूसरे महीने के सताईसवें दिन को पृथ्वी पूरी रीति से सूख गई।
परमेश्‍वर की वाचा

15तब परमेश्‍वर ने नूह से कहा,16“तू अपने पुत्रों, पत्‍नी और बहुओं समेत जहाज में से निकल आ।17क्या पक्षी, क्या पशु, क्या सब भाँति के रेंगनेवाले जन्तु जो पृथ्वी पर रेंगते हैं; जितने शरीरधारी जीव-जन्तु तेरे संग हैं, उन सबको अपने साथ निकाल ले आ कि पृथ्वी पर उनसे बहुत बच्चे उत्‍पन्‍न हों; और वे फूलें-फलें, और पृथ्वी पर फैल जाएँ।”
18तब नूह और उसके पुत्र और पत्‍नी और बहुएँ, निकल आईं। (2 पत 2:5)19और सब चौपाए, रेंगनेवाले जन्तु, और पक्षी, और जितने जीवजन्तु पृथ्वी पर चलते-फिरते हैं, सब जाति-जाति करके जहाज में से निकल आए।
नूह द्वारा होमबलि का चढ़ाया जाना

20तब नूह ने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई;* और सब शुद्ध पशुओं, और सब शुद्ध पक्षियों में से, कुछ-कुछ लेकर वेदी पर होमबलि चढ़ाया।21इस पर यहोवा ने सुखदायक सुगन्ध पाकर सोचा, “मनुष्य के कारण मैं फिर कभी भूमि को श्राप न दूँगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्‍पन्‍न होता है वह बुरा ही होता है; तो भी जैसा मैंने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उनको फिर कभी न मारूँगा।22अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठण्डा और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात, निरन्तर होते चले जाएँगे।”


Genesis 8:1

सुधि ली।

याद किया।

जहाज।

यह एक बहुत बडे जहाज को संदर्भित करता है जो बहुत खराब तूफान में भी पानी पर तैरने में सक्षम होगा। “एक बड़ा जहाज“

गहरे समुद्र के सोते और के झरोखे बंद हो गए।

पृथ्वी से पानी निकलना बंद हो गया और बारिश भी बंद हो गई।“ इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। परमेश्‍वर ने स्वर्ग की खिड़कियों और गहरे पानी के सोते बंद कर दिए हैं।“

गहरे समुंद्र के सोते।

पृथ्वी के नीचे से जल

आकाश के झरोखे बंद हो गए।

आकाश से जल बंद हो गया" या "आकाश में दरवाजे बंद हो गए।" देखें कि "स्वर्ग की खिड़कियां" का अनुवाद 7:11 में कैसे किया गया है।“आकाश के दरवाजे बन्‍द हो गये“

Genesis 8:4

टिक गया।

"उतरा" या "ठोस जमीन पर रुका।

सातवें महीने के सत्रहवें दिन .......... दसवें महीने।

क्योंकि मूसा ने यह पुस्तक लिखी है, इसलिए संभव है कि वह इब्रानी कैलेंडर के सातवें महीने और दसवें महीने का जिक्र कर रहा हो, लेकिन यह अनिश्चित है।

महीने के पहले दिन।

दसवें महीने के पहले दिन।

दिखाई दीं।

“पानी की सतह के ऊपर दिखाई दिया”

Genesis 8:6

फिर ऐसा हुआ।

इस वाक्य का उपयोग यहां कहानी के एक नए हिस्से की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए किया जाता है। यदि आपकी भाषा के पास ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप यहाँ इसका उपयोग कर सकते हैं। “ऐसा हुआ कि“

फिर ऐसा हुआ............अपने बनाए हुए जहाज की खिड़की को खोलकर।

वाक्य "जो उसने बनाया था" खिड़की के बारे में बताता है। कुछ भाषाओं को इस वाक्य को एक अलग वाक्य बनाने की आवश्यकता हो सकती है: "नूह ने नाव में एक खिड़की बनाई थी। यह चालीस दिनों के बाद आया कि उसने खिड़की खोली।

कौआ।

एक काला पक्षी जो मुख्य रूप से मृत जानवरों का मांस खाता है।

इधर-उधर फिरता रहा।

इसका मतलब है कि कौआ वापस नाव छोडकर लौट रहा था।

जब तक जल पृथ्वी पर से सूख न गया।

जब तक जल सूख नही जाता।

Genesis 8:8

अपने पैर टेकने।

उतरने के लिए ’'या'' बसेरा करने के लिए। इसका मतलब है, उडान से आराम करने के लिए किसी सतह पर उतरना

अपने पैर....... टेकने लौटआई ..... ले लिया।

"कबूतर" शब्द लेखक की भाषा में मादा है। आप इन वाक्य का उच्चारण "इसके ... यह ... यह" या "उसका ... वह ... उसे," के आधार पर कर सकते हैं कि आपकी भाषा एक कबूतर को कैसे संदर्भित करती है।

उसने......उसे।

''नुह ने कबुतर को भेजा, नुह ने अपना हाथ आगे बड़ाया

Genesis 8:10

देखा।

ध्यान दें "या" यह महत्वपूर्ण है।

जैतून का एक नया पत्ता है।

इक पत्ता जो उसने एक जैतून के पेड़ से तोड़ा थी।

उसने सात दिन और ठहरकर।

उन्‍होने फिर से सात दिनो तक इंतजार किया।

वह उसके पास फिर कभी लौटकर न आई।

वह उसके पास फिर से इस लिए नहीं लौटी क्‍योंकि उसे पृथ्वी पर जगह मिली।

Genesis 8:13

के पहले।

इस वाक्य का उपयोग कहानी के एक नए हिस्‍से की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए किया जाता है।

छः सौ एक वर्ष और पहले महीने।

जब नूह 601 साल का था।

पहले महीने के पहले दिन के वर्ष।

मूसा ने यह पुस्‍तक लिखी है इसलिए यह संभव है कि वह इब्रानी कैलेंडर के पहले महीने का जिक्र कर रहा है लेकिन यह अनिश्चित है।

जल पृथ्वी पर से सूख गया।

“हवा ने धरती की सतह से पानी को सुखा दिया था”

जहाज की छत खोलकर।

यह एक ढक्कन को संदर्भित करता है जिसने बारिश के पानी को जहाज में जाने से रोक रखा।

देखा।

शब्‍द ''देखा'' हमे बताता है कि अगली आने वाली महत्वपूर्ण जानकारी पर ध्‍यान देना चाहिए।

दूसरे महीने के सताईसवें दिन को पृथ्वी।

महीने का सातवां दिन - "दूसरे महीने के सत्ताईसवें दिन।" यह इब्रानी कैलेंडर के दूसरे महीने को संदर्भित कर सकता है, लेकिन यह अनिश्चित है।

पृथ्वी सूख गई।

पृथ्वी पूरी तरह से सूखी थी।

Genesis 8:15

निकल आ.........बाहर आओ, निकाल ले आ।

निकल आ... ले लो।" कुछ अनुवाद पढ़ते है 'निकल आओ ... निकाल लाओ।

सब भाँति के रेंगनेवाले।

हर प्रकार के जीवित प्राणी।"

वे फूलें-फलें, और पृथ्वी पर फैल जाएँ।

यह एक मुहावरा है। यह देखें कि इसका अनुवाद 1:28 में कैसे किया गया है। परमेश्‍वर चाहते थे कि मनुष्य और जानवर प्रजनन करें, ताकि उनकी संख्या बढ़ जाए

Genesis 8:18

नूह …निकल आईं।

कुछ अनुवाद कहते हैं "नूह बाहर आया।"

सब जाति-जाति करके।

"अपने प्रकार के समूहों में"।

Genesis 8:20

यहोवा के लिये एक वेदी बनाई।

"यहोवा को समर्पित एक वेदी बनाई" या "यहोवा की आराधना करने के लिए एक वेदी बनाई। उसने इसे पत्थरों से बनाया होगा।

शुद्ध पशुओं......... शुद्ध पक्षियों.

यहां "स्वच्छ" का अर्थ है कि परमेश्‍वर ने इन जानवरों को बलिदान में उपयोग करने की अनुमति दी। कुछ जानवरों को बलिदान के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया था और उन्हें "अशुद्ध" कहा जाता था।

वेदी पर होमबलि चढ़ाया।

नूह ने जानवरों को मार डाला और फिर उन्हें पूरी तरह से परमेश्वर की भेंट के रूप में जला दिया। " यहोवा को भेट के रूप में जानवरों को जला दिया“

सुखदायक सुगन्ध।

यह भुना हूवे मांस की अच्छी गंध को संदर्भित करता है।

इस पर सोचा

यहाँ "हृदय" शब्द परमेश्‍वर के विचारों और भावनाओं को दर्शाता है।

भूमि को श्राप।

पृथ्वी को बहुत गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं

“मनुष्य के कारण।

इसे और अधिक स्पष्ट किया जा सकता है: “क्योंकि मानव जाति पापी है।

मनुष्य के मन में बचपन से ही बुरा होती है।

अपने शुरुआत वर्षों से वे बुरे काम करते हैं "या" जब वे युवा होते हैं, तो वे बुरी चीजें करना चाहते हैं

मनुष्य के मन मे।

यहां "दिल" शब्द लोगों के विचारों, भावनाओं, इच्छाओं और इच्छा को दर्शाता है। "उनकी प्रवृत्ति" या "उनकी आदत“

बचपन से।

यह एक बडे बच्‍चे को दरशाता है।

अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी।

जब तक पृथ्वी मौजूद है।

बोने के समय।

लगाने का मौसम।

ठण्डा और तपन, धूपकाल और शीतकाल।

ये वाक्‍यांश वर्ष में दो प्रमुख मौसम स्थितियों का वर्नण करती हैं।

धूपकाल।

वर्ष का गर्म, सुखा समय।

शीतकाल।

वर्ष का ठंडा, गीला या बर्फीला समय।

होते चले जाएँगे।

अस्तित्व में नहीं रहेगा "या" घटित नहीं होगा। "इसे सकारात्मक तरीके से व्यक्त किया जा सकता है। “जारी रहेगा"


Chapter 9

नूह और उसके पुत्रों को आशीर्वाद

1फिर परमेश्‍वर ने नूह और उसके पुत्रों को आशीष दी* और उनसे कहा, “फूलो-फलो और बढ़ो और पृथ्वी में भर जाओ।2तुम्हारा डर और भय पृथ्वी के सब पशुओं, और आकाश के सब पक्षियों, और भूमि पर के सब रेंगनेवाले जन्तुओं, और समुद्र की सब मछलियों पर बना रहेगा वे सब तुम्हारे वश में कर दिए जाते हैं।

3सब चलनेवाले जन्तु तुम्हारा आहार होंगे; जैसे तुम को हरे-हरे छोटे पेड़ दिए थे, वैसे ही तुम्हें सब कुछ देता हूँ। (उत्प. 1:29-30)4पर माँस को प्राण समेत अर्थात् लहू समेत तुम न खाना।* (व्य. 12:23)
5और निश्चय मैं तुम्हारा लहू अर्थात् प्राण का बदला लूँगा: सब पशुओं, और मनुष्यों, दोनों से मैं उसे लूँगा; मनुष्य के प्राण का बदला मैं एक-एक के भाईबन्धु से लूँगा।6जो कोई मनुष्य का लहू बहाएगा उसका लहू मनुष्य ही से बहाया जाएगा क्योंकि परमेश्‍वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरूप के अनुसार बनाया है। (लैव्य. 24:17)7और तुम तो फूलो-फलो और बढ़ो और पृथ्वी पर बहुतायत से सन्तान उत्‍पन्‍न करके उसमें भर जाओ।”
परमेश्‍वर का नूह के साथ वाचा बाँधना

8फिर परमेश्‍वर ने नूह और उसके पुत्रों से कहा,9“सुनो, मैं तुम्हारे साथ और तुम्हारे पश्चात् जो तुम्हारा वंश होगा, उसके साथ भी वाचा बाँधता हूँ;10और सब जीवित प्राणियों से भी जो तुम्हारे संग हैं, क्या पक्षी क्या घरेलू पशु, क्या पृथ्वी के सब जंगली पशु, पृथ्वी के जितने जीवजन्तु जहाज से निकले हैं।
11और मैं तुम्हारे साथ अपनी यह वाचा बाँधता हूँ कि सब प्राणी फिर जल-प्रलय से नाश न होंगे और पृथ्वी का नाश करने के लिये फिर जल-प्रलय न होगा।”12फिर परमेश्‍वर ने कहा, “जो वाचा मैं तुम्हारे साथ, और जितने जीवित प्राणी तुम्हारे संग हैं उन सबके साथ भी युग-युग की पीढ़ियों के लिये बाँधता हूँ; उसका यह चिन्ह है:13कि मैंने बादल में अपना धनुष रखा है, वह मेरे और पृथ्वी के बीच में वाचा का चिन्ह होगा।
14और जब मैं पृथ्वी पर बादल फैलाऊं तब बादल में धनुष दिखाई देगा।15तब मेरी जो वाचा तुम्हारे और सब जीवित शरीरधारी प्राणियों के साथ बंधी है; उसको मैं स्मरण करूँगा, तब ऐसा जल-प्रलय फिर न होगा जिससे सब प्राणियों का विनाश हो।
16बादल में जो धनुष होगा मैं उसे देखकर यह सदा की वाचा स्मरण करूँगा, जो परमेश्‍वर के और पृथ्वी पर के सब जीवित शरीरधारी प्राणियों के बीच बंधी है।”17फिर परमेश्‍वर ने नूह से कहा, “जो वाचा मैंने पृथ्वी भर के सब प्राणियों के साथ बाँधी है, उसका चिन्ह यही है*।”
नूह और उसके पुत्र

18नूह के जो पुत्र जहाज में से निकले, वे शेम, हाम और येपेत थे; और हाम कनान का पिता हुआ।19नूह के तीन पुत्र ये ही हैं, और इनका वंश सारी पृथ्वी पर फैल गया।
20नूह किसानी करने लगा: और उसने दाख की बारी लगाई।21और वह दाखमधु पीकर मतवाला हुआ; और अपने तम्बू के भीतर नंगा हो गया।
22तब कनान के पिता हाम ने, अपने पिता को नंगा देखा, और बाहर आकर अपने दोनों भाइयों को बता दिया।23तब शेम और येपेत दोनों ने कपड़ा लेकर अपने कंधों पर रखा और पीछे की ओर उलटा चलकर अपने पिता के नंगे तन को ढाँप दिया और वे अपना मुख पीछे किए हुए थे इसलिए उन्होंने अपने पिता को नंगा न देखा।
24जब नूह का नशा उतर गया, तब उसने जान लिया कि उसके छोटे पुत्र ने उसके साथ क्या किया है।
25इसलिए उसने कहा,
“कनान श्रापित हो:
वह अपने भाई-बन्धुओं के दासों का दास हो।”
26फिर उसने कहा,
“शेम का परमेश्‍वर यहोवा धन्य है,
और कनान शेम का दास हो।
27परमेश्‍वर येपेत के वंश को फैलाए;
और वह शेम के तम्बूओं में बसे,
और कनान उसका दास हो।”

28जल-प्रलय के पश्चात् नूह साढ़े तीन सौ वर्ष जीवित रहा।29इस प्रकार नूह की कुल आयु साढ़े नौ सौ वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।


Genesis 9:1

“फूलो-फलो और बढ़ो और पृथ्वी में भर जाओ।

यह परमेश्‍वर की आशीष है। उसने नूह और उसके परिवार से कहा कि वे अपने जैसे और मनुष्यों को पैदा करें,ताकि उनमे से कई होंगे।शब्द "गुणा" बताता है कि वे कैसे "फलदायी" हैं।

तुम्हारा डर और भय पृथ्वी के सब पशुओं, और आकाश के सब पक्षियों और समुद्र की सब मछलियों पर बना रहेगा।

यहा डर और भय की बात हो रही है।जैसे कि वे भौतिक वस्तुएं हैं जो जानवरों पर हो सकती हैं। “हर जीवित पशुओं‘...और समुद्र की सभी मछलियां आपसे भयभीत होंगी।”

तुम्हारा डर और भय।

शब्द "डर" और "भय" का अर्थ मूल रूप से एक ही बात है और इस बात पर जोर देना कि जानवर मानव जाति से कितना डरेंगे। "आप का एक भयानक डर" या "आप का भयानक डर“

पृथ्वी के सब पशुओं, और आकाश के सब पक्षियों।

यह जानवरों की चार श्रेणियों में से पहला है जिसके बारे मे लिखा या रहा है, और बाकी जानवरों का सारांश नहीं है जिसका वह आगे उल्लेख करता है।

पक्षियों।

यह उड़ने वाली चीजों के लिए एक सामान्य शब्द है।

और भूमि पर के सब रेंगनेवाले जन्तुओं,

इसमें सभी प्रकार के छोटे जानवर शामिल हैं

तुम्हारे वश में कर दिए जाते हैं।

हाथ नियंत्रण का एक पैमाना है जो हाथ में है। इसे सक्रिय बनाया जा सकता है। "मैंने उन्हें आपके नियंत्रण में रखा है“

Genesis 9:3

सामान्य जानकारी।

परमेश्वर ने नूह और उसके बेटों से बात करना जारी रखा।

प्राण ........लहू।

लहू जीवन का प्रतीक है। परमेश्वर लोगो को माँस न खाने की आज्ञा दे रहे थे।जब तक लहू उसमे है। उनहे पहले लहू बाहर निकालना होगा।

Genesis 9:5

सामान्य जानकारी।

परमेश्वर ने नूह और उसके बेटों से बात करना जारी रखा।

निश्चय मैं तुम्हारा लहू

यह जानवरों के लहू के साथ मनुष्य के लहू के विपरीत है।

निश्चय मैं तुम्हारा लहू अर्थात् प्राण का बदला लूँगा।

यह निहित है कि लहू बहाया जाता है, या बाहर डाला जाता है, या बाहर गिरा दिया जाता है। "अगर कोई आपके खून को बहाने का कारण बनता है" या "अगर कोई आपके खून को बहाता है" या "अगर कोई आपको मारता है“

प्राण

“यह शरीरक प्राणो को दर्शाता है”

प्राण का बदला मैं लूँगा।

यह भुगतान हत्यारे की मृत्यु को दर्शाता है, न कि पैसे को। "मुझे किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होगी जो आपको भुगतान करने के लिए मार डाले"

से लूँगा।

उस व्यक्ति से लूँगा

प्राण का बदला लूँगा सब पशुओं, और मनुष्यों, दोनों से मैं उसे लूँगा।

"मुझे किसी भी जानवर की आवश्यकता होगी जो भुगतान करने के लिए आपका जीवन लेता है।

मनुष्य के प्राण का बदला मैं एक-एक के भाईबन्धु से लूँगा। जो कोई मनुष्य का लहू बहाएगा उसका लहू मनुष्य ही से बहाया जाएगा।

मुझे किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होगी जो भुगतान करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति की जान लेता है"।

मैं उसे लूँगा।

यह वाक्य व्यक्ति को बहुत ही व्यक्तिगत तरीके से संदर्भित करता है। “उसी आदमी से“

भाईबन्धु।

यहां "भाईबन्‍धु" का उपयोग रिश्तेदारों के लिए एक सामान्य संदर्भ के रूप में किया जाता है, जैसे कि एक ही जनजाति, कबीले या लोगों के समूह के सदस्य होता है।

जो कोई मनुष्य का लहू बहाएगा उसका लहू मनुष्य ही से बहाया जाएगा।

किसी को मारने के लिए खून का बहना एक लक्षणा है। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति किसी की हत्या करता है, तो किसी और को हत्यारे को मारना चाहिए। हालांकि, इस मार्ग में "लहू" बहुत महत्वपूर्ण है और यदि संभव हो तो अनुवाद में उपयोग किया जाना चाहिए। ऐसे शब्दों के साथ "खून बहाता " का अनुवाद करें जो लहू के एक बड़े नुकसान का संकेत देता है जो मृत्यु का कारण बनता है।

क्योंकि परमेश्‍वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरूप के अनुसार बनाया है।

"क्योंकि परमेश्‍वर ने मनुष्य को अपने जैसा बनाया" या "क्योंकि मैंने मनुष्य को अपनी छवि में बनाया है।

फूलो-फलो और बढ़ो।

परमेश्‍वर की कृपा है। उसने नूह और उसके परिवार से कहा कि वे अपने जैसे और मनुष्यों को पैदा करें, ताकि उनमें से कई होंगे। शब्द " बढ़ो" बताता है कि वे कैसे "फलदायी" हैं।

Genesis 9:8

फिर परमेश्‍वर ने नूह और उसके पुत्रों से कहा

परमेश्‍वर उससे पहले ही बोल रहे थे।यह यह वाक्य उस बदलाव को संकेत करता है, जिसके बारे में परमेश्‍वर बोलने जा रहे थे। “परमेश्‍वर ने नूह और उसके बेटों से बात करना जारी रखा" या "फिर परमेश्‍वर ने कहा"।

, मैं तुम्हारे साथ।

इस वाक्य का उपयोग अंग्रेजी में परमेश्‍वर से परिवर्तन को संकेत करने के लिए किया जाता है जो नूह और उसके पुत्रों के बारे में बात करते हैं कि परमेश्‍वर क्या करेगा।

उसके साथ भी वाचा बाँधता हूँ।

तुम्हा‍रे और मेरे बीच एक वाचा बाँधो।

Genesis 9:11

सामान्य जानकारी;

परमेश्‍वर ने नूह और उसके बेटों को बोलना जारी रखा।

मैं तुम्हारे साथ अपनी यह वाचा बाँधता हूँ

"यह कहकर, मैं अपनी वाचा तुम्हारे साथ बनाता हूँ।

सब नाश।

संभावित अर्थ 1 हैं) सभी मनुष्य या 2) सभी भौतिक प्राणी, जिनमें मनुष्य और जानवर शामिल हैं

पृथ्वी का नाश करने के लिये फिर जल-प्रलय न होगा।

"पृथ्वी को नाश करने वाली बाढ़ फिर कभी नहीं होगी।" बाढ़ आ जाएगी, लेकिन वे पूरी पृथ्वी को नाश नहीं करेगी।

चिन्ह।

इसका मतलब है कि उस चीज़ की याद दिलाने का वादा किया गया था।

वाचा…पीढ़ियों के लिये बाँधता हूँ।

यह वाचा नूह और उसके परिवार और उन सभी पीढ़ियों के लिए भी लागू होती है जो पालन करते हैं।

Genesis 9:14

सामान्य जानकारी;

परमेश्‍वर ने नूह और उसके बेटों से बात करनी जारी रखी।

जब मैं पृथ्वी पर बादल फैलाऊं।

"जब कभी।" यह कुछ ऐसा है जो कई बार होता है।

धनुष दिखाई देगा।

यह स्पष्ट नहीं है कि धनुष कौन देखेगा,लेकिन क्योंकि यह वाचा याह्वे और लोगों के बीच है अगर आपको यह कहने की आवश्यकता है कि यह कौन है जो धनुष को देखेगा। तो यहोवा और मनुष्य दोनो का नाम होगा। इसका सक्रिय रूप में अनुवाद किया जा सकता है। “मनुष्य और मैं धनुष को देखते है“

धनुष

प्रकाश की रंगीन पट्टी जो बारिश में दिखाई देती है जब सूरज दर्शक के पीछे से चमकता है।

उसको मैं स्मरण करूँगा,।

इसका मतलब यह नहीं है कि परमेश्‍वर पहले भूल जाएगा। "मैं अपनी वाचा के बारे में सोचूंगा"

मैं और आप

आप" शब्द बहुवचन है। परमेश्वर नूह और नूह के पुत्रों से बात कर रहा था।

सब जीवित शरीरधारी प्राणियों।

हर तरह का जीवन।

सब जीवित।

संभावित अर्थ 1 हैं) सभी मनुष्य या 2) सभी भौतिक प्राणी, जिनमें मनुष्य और जानवर शामिल हैं।

Genesis 9:16

सामान्य जानकारी;

परमेश्‍वर ने नूह और उसके बेटों से बात करनी जारी रखी।

यह सदा की वाचा स्मरण करूँगा।

"ताकि मैं याद रखूंगा" या "ताकि मैं इसके बारे में सोचूंगा।

जो परमेश्‍वर के और पृथ्वी पर के सब जीवित शरीरधारी प्राणियों।

परमेश्‍वर यहां बोल रहे हैं। "मेरे और हर जीवित प्राणी के बीच।

सब जीवित शरीरधारी प्राणियों

हर तरह का जीवन।

फिर परमेश्‍वर ने नूह से कहा।

परमेश्‍वर पहले से ही नूह से बात कर रहा था। यह वाक्य ईश्वर के कहे अनुसार अंतिम भाग को चिह्नित करता है। "परमेश्‍वर नूह से कहकर समाप्त हुआ" या "तो परमेश्‍वर ने नूह से कहा“

Genesis 9:18

सामान्य जानकारी;

पाठ 13-19 मे नूह के तीन बेटो का परिचय दिया है जो आगली कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे।

पिता।

हाम कनान का सच्चा पिता था।

Genesis 9:20

किसानी

भूमि पर किसानी करने वाला आदमी।

मतवाला हुआ

बहुत शराब पिया।

नंगा।

पाठ में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि नूह का शरीर कितना नंगा था, क्योंकि वह नशे में था। उनके बेटों की प्रतिक्रियाएं हमें दिखाती हैं कि यह शर्मनाक था।

Genesis 9:22

, अपने पिता।

यह नूह को दर्शाता है।

Genesis 9:24

सामान्य जानकारी;

पाठ 25 -27 में नूह ने हाम के बेटे पर एक श्राप दिया और हाम के भाइयो पर आशिष दी। नूह ने उसने बारे मे जो कहा , वह उनके वंशजों पर भी लागू होता है

सामान्य जानकारी;

इन छंदो में वैकल्पिक वाक्यांश यह दर्शाने के लिए दिए गए कि यह कविता है। यदि आप कर सकते है। तो इन छंदों को प्रारूपित करें क्योंकि वे आपके पाठकों को दिखाने के लिए यहां स्वरूपित हैं कि यह कविता है।

नशा उतर गया

शांत हो गया।

छोटे पुत्र।

यह हाम को संदर्भित करता है। “उनका सबसे छोटा बेटा हाम“

“कनान श्रापित हो।”

मे कनान को श्राप देता हूँ।

कनान।

यह हाम के बेटो मे से था [हाम का बेटा कनान]

भाई-बन्धुओं के दासों का दास हो।

अपने भाइयो का सबसे छोटा सेवक ''या'' अपने भाइयो का सबसे कम महत्वपूर्ण सेवक।

अपने भाई-बन्धुओं।

यह या तो कनान के भाइयों या सामान्य रूप से उनके रिश्तेदारों को संदर्भित कर सकता है।

Genesis 9:26

सामान्य जानकारी:

यदि आप कर सकते हैं, तो इन वचनों को प्रारूपित करें क्योंकि वे आपके पाठकों को दिखाने के लिए यहां स्वरूपित हैं कि यह कविता है।

शेम का परमेश्‍वर यहोवा धन्य है।

"शेम के परमेश्‍वर यहोवा की स्‍तुति करो ''या'' शेम के परमेश्‍वर यहोवा स्‍तुति के योग्‍य है। ''या'' मैं शेम के परमेश्‍वर की स्‍तुति करता हूँ।

और कनान शेम का दास हो।

और कनान को शेम का सेवक होने दो। ‘इसमे कनान और शेम के वशज शामिल है।

परमेश्‍वर येपेत के वंश को फैलाए।

संभावित अर्थ हैं। 1) परमेश्‍वर जापिथ के तम्‍बूओ को बड़ा बना सकता है। 2)परमेश्‍वर कई कारणो से जापिथ को पैदा कर सकता है।

और वह शेम के तम्बूओं में बसे।

और उसे शेम के साथ शांति से जाने दें।" इसमें जआपिथ और शेम के वंशज शामिल हैं।

और कनान उसका दास हो।।

कनान जापिथ का सेवक हो।" इसमें कनान और जापिथ के वंशज शामिल हैं।

Genesis 9:28

जल-प्रलय।

“जल-प्रलय” शब्‍द वास्‍तव में बहुत ज्यादा पानी को दर्शाती है। जो पूरी तरह धरती को ढाप लेती है।

नूह।

“नूह 4000 पहले जीने वाला मनुष्य था। उस समय जब परमेश्वर ने संसार में सभी बुरे लोगों का नाश करने के लिऐ जल-प्रलय भेजी थी। परमेश्वर ने नूह को एक विशाल नाव बनाने के लिऐ कहा जिसमें वह और उसका परिवार जल-प्रलय के दोरान जीवित रह सकें।


Chapter 10

नूह की वंशावली

1नूह के पुत्र शेम, हाम और येपेत थे; उनके पुत्र जल-प्रलय के पश्चात् उत्‍पन्‍न हुए: उनकी वंशावली यह है।

येपेत के वंशज

2येपेत के पुत्र*: गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक और तीरास हुए।3और गोमेर के पुत्र: अश्कनज, रीपत और तोगर्मा हुए।4और यावान के वंश में एलीशा और तर्शीश, और कित्ती, और दोदानी लोग हुए।5इनके वंश अन्यजातियों के द्वीपों के देशों में ऐसे बँट गए कि वे भिन्न-भिन्न भाषाओं, कुलों, और जातियों के अनुसार अलग-अलग हो गए।
हाम के वंशज

6फिर हाम के पुत्र*: कूश, मिस्र, पूत और कनान हुए।7और कूश के पुत्र सबा, हवीला, सबता, रामाह, और सब्तका हुए। और रामाह के पुत्र शेबा और ददान हुए।
8कूश के वंश में निम्रोद भी हुआ; पृथ्वी पर पहला वीर वही हुआ है।9वही यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला ठहरा, इससे यह कहावत चली है; “निम्रोद के समान यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला।”10उसके राज्य का आरम्भ शिनार देश में बाबेल, एरेख, अक्कद, और कलने से हुआ।
11उस देश से वह निकलकर अश्शूर को गया, और नीनवे, रहोबोतीर और कालह को,12और नीनवे और कालह के बीच जो रेसेन है, उसे भी बसाया; बड़ा नगर यही है।13मिस्र के वंश में लूदी, अनामी, लहाबी, नप्तूही,14और पत्रूसी, कसलूही, और कप्तोरी लोग हुए, कसलूहियों में से तो पलिश्ती लोग निकले।
15कनान के वंश में उसका ज्येष्ठ पुत्र सीदोन, तब हित्त,16यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी,17हिव्वी, अर्की, सीनी,18अर्वदी, समारी, और हमाती लोग भी हुए; फिर कनानियों के कुल भी फैल गए।
19और कनानियों की सीमा सीदोन से लेकर गरार के मार्ग से होकर गाज़ा तक और फिर सदोम और गमोरा और अदमा और सबोयीम के मार्ग से होकर लाशा तक हुआ।20हाम के वंश में ये ही हुए; और ये भिन्न-भिन्न कुलों, भाषाओं, देशों, और जातियों के अनुसार अलग-अलग हो गए।
शेम के वंशज

21फिर शेम, जो सब एबेरवंशियों का मूलपुरुष हुआ, और जो येपेत का ज्येष्ठ भाई था, उसके भी पुत्र उत्‍पन्‍न हुए।22शेम के पुत्र: एलाम, अश्शूर, अर्पक्षद, लूद और अराम हुए।23अराम के पुत्र: ऊस, हूल, गेतेर और मश हुए।
24और अर्पक्षद ने शेलह को, और शेलह ने एबेर को जन्म दिया।25और एबेर के दो पुत्र उत्‍पन्‍न हुए, एक का नाम पेलेग इस कारण रखा गया कि उसके दिनों में पृथ्वी बँट गई, और उसके भाई का नाम योक्तान था।
26और योक्तान ने अल्मोदाद, शेलेप, हसर्मावेत, येरह,27हदोराम, ऊजाल, दिक्ला,28ओबाल, अबीमाएल, शेबा,29ओपीर, हवीला, और योबाब को जन्म दिया: ये ही सब योक्तान के पुत्र हुए।
30इनके रहने का स्थान मेशा से लेकर सपारा, जो पूर्व में एक पहाड़ है, उसके मार्ग तक हुआ।31शेम के पुत्र ये ही हुए; और ये भिन्न-भिन्न कुलों, भाषाओं, देशों और जातियों के अनुसार अलग-अलग हो गए।
32नूह के पुत्रों के घराने ये ही है: और उनकी जातियों के अनुसार उनकी वंशावलियाँ ये ही हैं; और जल-प्रलय के पश्चात् पृथ्वी भर की जातियाँ इन्हीं में से होकर बँट गईं।


Genesis 10:1

यह नूह के पुत्र की वंशावली है।

"यह नूह के बेटों की वंशावली है।" यह वाक्य उत्पत्ति 10: 1-11: 9 में नूह के वंशजों का परिचय देता है।

Genesis 10:2

इनके वंश अन्यजातियों के द्वीपों के देशों में ऐसे बँट गए

यावान के बेटे और वंशज अलग हो गए और किनारो और द्वीपों में चले गए।

अन्यजातियों के द्वीपों के

यह उन लोगों को संदर्भित करता है जो तटी इलाकों में और द्वीपों पर रहते थे।

के देशों में

यह उन लोगों को संदर्भित करता है जो "उनके घर" के साथ रहते थे। ये ऐसे स्थान हैं जहाँ लोग द्वीपों में चले गए और रहते थे।

कि वे भिन्न-भिन्न भाषाओं

"प्रत्येक व्यक्ति समूह ने अपनी भाषा बोली" या "जन समूहों ने अपनी भाषाओं के अनुसार खुद को विभाजित किया"

Genesis 10:6

मिस्र,।

मिज़राईम "मिस्र" का इब्रानी नाम है।

Genesis 10:8

वीर

संभावित अर्थ । 1) शूरवीर योद्धा 2)पराक्रमी आदमी।

यहोवा की।

संभावित अर्थ 1) हैं "यहोवा की दृष्टि में" या 2) "यहोवा की सहायता से"

इससे यह कहावत चली है।

यह एक कहावात का परिचय देता है।आपकी भाषा मे कहावते अलग तरह से पेश हो सकती है “ यही कारण है कि लोग कहते है।“

राज्य का आरम्भ।

संभव अर्थ है। 1) पहले केंद्र उन्‍होने विकसित किए । 2) महत्‍वपूर्ण शहर।

Genesis 10:11

वह निकलकर अश्शूर को गया।

निमरोड अश्‍शूर में चला गया।

मिस्र के वंश।

यह नूह के वंशजो की सूची है।

मिस्र।

मिजराम हाम के बेटो मे से एक था ।उसके वंशय मिस्र के लोग बने। मिजराम का इब्रानी में नाम मिस्र है।

Genesis 10:15

बूसी, एमोरी, गिर्गाशी।

ये नाम उन लोगों के बड़े समूहों को संदर्भित करते हैं जो कनान से आए थे।

Genesis 10:19

सीमा।

उनके क्षेत्र की "सीमा" या "इलाका”।

सीदोन से लेकर गरार के मार्ग से होकर गाज़ा तक

यदि आवश्‍यक हो तो दिशा दक्षिण स्पष्ट रूप से बताई जा सकती है। “उत्तर में सदोम शहर से दक्षिण में गाजा शहर के रूप में, जो गरार के पास है “

फिर सदोम और गमोरा और अदमा और सबोयीम के मार्ग से होकर लाशा तक हुआ।

यदी आवश्‍यक हो तो दिशा ''पूर्व'' या ''देशीय'' स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। “तब पूर्व मे सदोम, गमोरा, अदाम, और सबोयीम जो की लाशा की ओर है।“

हाम के वंश में ये ही हुए।

शब्द "ये" उन लोगों और लोगों के समूहों को संदर्भित करता है जो छंद 10: 6 में सूचीबद्ध थे।

भाषाओं के अनुसार।

"अपनी विभिन्न भाषाओं के अनुसार अलग-अलग हो गए।

देशों में।

उनके घर में ।

Genesis 10:21

शेम।

शेम नूह के तीन बेटों में से एक था, जो उत्पत्ति की पुस्तक में वर्णित दुनिया भर में बाढ़ के दौरान सन्दूक में उसके साथ गया था।

येपेत।

येपेत नूह के तीन पुत्रों में से एक था।

Genesis 10:24

अर्पक्षद

अर्पक्षद, शेम के पुत्रों में से एक था।

पेलेग।

पेलेग नाम का अर्थ है ‘विभाजन।

पृथ्वी बँट गई,।

पृथ्वी के लोग एक दूसरे से अलग हो गए" या "परमेश्‍वर ने पृथ्वी के लोगों को अलग कर दिया"।

Genesis 10:26

योक्तान

योक्तान ओपीर के पुत्रों में से एक था।

ये ही सब।

"ये" यहाँ योक्‍तान के बेटों को दर्शाता है।

Genesis 10:30

इनके रहने।

"जिस भूमि को उन्होंने नियंत्रित किया " या " वे जिस भूमि में रहते थे

शेम के पुत्र ये ही हुए

शब्द "ये" शेम के वंशज (10:21) को दर्शाता है।

Genesis 10:32

घराने ये ही है।

यह पीछे 10: 1 में सूचीबद्ध सभी लोगों को संदर्भित करता है।

के अनुसार।

"सूची के अनुसार।

पृथ्वी भर की जातियाँ इन्हीं में से होकर बँट गईं।

"इन कुलों से राष्ट्र अलग हुए और पृथ्वी पर फैल गए" या "ये वंश एक दूसरे से अलग हुए और पृथ्वी के राष्ट्र बने"।

जल-प्रलय के पश्चात्।

यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। “जल-प्रलय के बाद पृथ्वी नष्ट हो गई"


Chapter 11

भाषाओं में गड़बड़ी

1सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी।2उस समय लोग पूर्व की ओर चलते-चलते शिनार देश में एक मैदान पाकर उसमें बस गए।

3तब वे आपस में कहने लगे, “आओ, हम ईटें बना-बनाकर भली-भाँति आग में पकाएँ।” और उन्होंने पत्थर के स्थान पर ईंट से, और मिट्टी के गारे के स्थान में चूने से काम लिया।4फिर उन्होंने कहा, “आओ, हम एक नगर और एक मीनार बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें, ऐसा न हो कि हमको सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।”
5जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे; तब उन्हें देखने के लिये यहोवा उतर आया।6और यहोवा ने कहा, “मैं क्या देखता हूँ, कि सब एक ही दल के हैं और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जो कुछ वे करने का यत्न करेंगे, उसमें से कुछ भी उनके लिये अनहोना न होगा।7इसलिए आओ, हम उतर कर उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सके।”
8इस प्रकार यहोवा ने उनको वहाँ से सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया*; और उन्होंने उस नगर का बनाना छोड़ दिया।9इस कारण उस नगर का नाम बाबेल पड़ा; क्योंकि सारी पृथ्वी की भाषा में जो गड़बड़ी है, वह यहोवा ने वहीं डाली, और वहीं से यहोवा ने मनुष्यों को सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया।
शेम से तेरह तक

10शेम की वंशावली यह है। जल-प्रलय के दो वर्ष पश्चात् जब शेम एक सौ वर्ष का हुआ, तब उसने अर्पक्षद को जन्म दिया।11और अर्पक्षद ने जन्म के पश्चात् शेम पाँच सौ वर्ष जीवित रहा; और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।
12जब अर्पक्षद पैंतीस वर्ष का हुआ, तब उसने शेलह को जन्म दिया।13और शेलह के जन्म के पश्चात् अर्पक्षद चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।
14जब शेलह तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा एबेर का जन्म हुआ।15और एबेर के जन्म के पश्चात् शेलह चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।
16जब एबेर चौंतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा पेलेग का जन्म हुआ।17और पेलेग के जन्म के पश्चात् एबेर चार सौ तीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।
18जब पेलेग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा रू का जन्म हुआ।19और रू के जन्म के पश्चात् पेलेग दो सौ नौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।
20जब रू बत्तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा सरूग का जन्म हुआ।21और सरूग के जन्म के पश्चात् रू दो सौ सात वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।
22जब सरूग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा नाहोर का जन्म हुआ।23और नाहोर के जन्म के पश्चात् सरूग दो सौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।
24जब नाहोर उनतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा तेरह का जन्म हुआ;25और तेरह के जन्म के पश्चात् नाहोर एक सौ उन्नीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।26जब तक तेरह सत्तर वर्ष का हुआ, तब तक उसके द्वारा अब्राम, और नाहोर, और हारान उत्‍पन्‍न हुए।
तेरह की वंशावली

27तेरह की वंशावली यह है: तेरह ने अब्राम, और नाहोर, और हारान को जन्म दिया; और हारान ने लूत को जन्म दिया।28और हारान अपने पिता के सामने ही, कसदियों के ऊर नाम नगर में, जो उसकी जन्म-भूमि थी, मर गया।
29अब्राम और नाहोर दोनों ने विवाह किया। अब्राम की पत्‍नी का नाम सारै, और नाहोर की पत्‍नी का नाम मिल्का था। यह उस हारान की बेटी थी, जो मिल्का और यिस्का दोनों का पिता था।30सारै तो बाँझ थी*; उसके सन्तान न हुई।
31और तेरह अपना पुत्र अब्राम, और अपना पोता लूत, जो हारान का पुत्र था, और अपनी बहू सारै, जो उसके पुत्र अब्राम की पत्‍नी थी, इन सभी को लेकर कसदियों के ऊर नगर से निकल कनान देश जाने को चला; पर हारान नामक देश में पहुँचकर वहीं रहने लगा।32जब तेरह दो सौ पाँच वर्ष का हुआ, तब वह हारान देश में मर गया।


Genesis 11:1

सारी पृथ्वी

यह वाक्‍य उन सभी लोगो को दर्शाता है, जो पृथ्वी पर रहते थे।

एक ही भाषा, और एक ही बोली थी।

यह दोनो वाक्‍यांशो का अर्थ एक ही है और यह एक ही बात पर जोर देते है कि उस समय सब जाति और देश के लोग एक ही भाषा बोलते थे।

चलते-चलते

एक स्थान से दुसरे स्‍थान जाना।

पूर्व की ओर

पूर्व की ओर का अर्थ यह है कि, वह पूर्व की कोई भी दिशा हो सकती है लेकिन विद्वान लोग यही विश्‍वास करते है कि नाव शिनार मे आ ठहरी जो पूर्व में पाया जाता हैं।

बस गए

इसका अर्थ यह है कि नाव एक स्‍थान पर आकर ठहर गये।

Genesis 11:3

“आओ,

आओ चलो।

भली-भाँति आग में पकाएँ।

लोग मिटी से ईंटे बना बनाकर उन्‍हे आग मे पकाते है, ताकि वह सख्त और मजबूत बन जाए।

गारे

एक मोटा चिपचिपा काला तरल जो जमीन से निकलता है।

चूने

यह मिट्टी या रेत और पानी से बना एक गाढ़ा पदार्थ है जिसका ईस्तेमाल पत्थरों या ईंटों को एक साथ रखने के लिए किया जाता है।

हम अपना नाम करें

कि हम अपना नाम प्रसिद्ध और महान बनाए।

नाम

प्रसिध्‍दिता [ लोगो में मशहुर होना]।

फैलना पड़े

अत: एक दुसरे से अलग होकर अलग स्‍थानों मे रहना।

Genesis 11:5

लोग

आदम के वंशज।

उतर आया।

इस वाक्‍य में परमेश्‍वर के सर्वग से उतरने का वर्णन किया गया है, लेकिन यह हमें यह नहीं बताता कि वह कैसे सर्वग से उतरा।

देखने के लिये

की वह ध्‍यान से देखे।

भाषा भी उन सब की एक ही है

वह लोगो का एक बहुत बड़ा जुंड था जो एक सी भाषा बोलते थे।

ऐसा ही काम भी आरम्भ किया

इसके दो संभावित अर्थ हो सकते है। 1, यह कि उन्‍होने उस गुम्मट को बनाने कि शुरुआत कर ली थी, पर वे उसे पूरा नहीं बना पाए। 2, यह एक पहली चीज थी जो उनके द्वारा बनाई गई, इसका अर्थ यह है, कि वे भविष्‍य में इससे और भी बड़ी चीजे बना सकते थे।

उसमें से कुछ भी उनके लिये अनहोना न होगा।

अत: जो कुछ भी वे करना चाहें वह उनके लिए संभव होगा।

आओ

आओ चलो।

हम उतर कर

इस वाक्‍य में परमेश्‍वर खुद नीचे आने कि बात कर रहे है।

उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें

यहाँ पे परमेश्‍वर ने पृथ्वी के लोगो की भाषा मे गड़बड़ की ताकि वे एक जैसी भाषा ना बोलना पाए।

कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सके।

यह सब परमेश्‍वर ने इसलिए किया कि वे एक दुसरे की बात को ना समझ पाएं।

Genesis 11:8

वहाँ से।

उस शहर से।

उस नगर का नाम बाबेल पड़ा; क्योंकि यहोवा ने गड़बड़ी डाली।

यहाँ पे “बाबेल“ शब्‍द “उलझन“ कि तरह प्रतीत होता है।

सारी पृथ्वी की भाषा में गड़बड़ी डाली।

इसका अर्थ यह कि यहोवा ने सारी पृथ्वी के लोगो कि भाषा मे इसलिए गड़बड़ी डाली की वे एक सी भाषा ना बोलने पाएं।

Genesis 11:10

सामान्‍य जानकारी।

इस अध्‍याय के बाकी हिस्से‍ मे शेम की वंशावली की सूची की बात की गई है।

शेम की वंशावली यह है।

यह वाक्‍य शेम के वंश की सूची शुरु करता है।

जल-प्रलय।

यह नुह के समय का जल-प्रलय है जब लोग बहुत पापी हो गए थे कि यहोवा को पूरी पृथ्‍वी पर एक खतरनाक जल-प्रलय लाना पड़ा।

उसने अर्पक्षद को जन्म दिया।

शेम एक पुत्र का पिता बना और उसका नाम अर्पक्षद रखा गया।

अर्पक्षद।

यह एक पुरुष का नाम है।

एक सौ...दो...पाँच सौ

यहाँ पर शेम कि आयू का जिक्र किया गया है जो कि कुल 600 साल का था अत: 100+500=600। 100 साल का वह जल-प्रलय के 2 साल बाद हुआ था।

Genesis 11:12

उसने शेलह को जन्म दिया।

अर्पक्षद के द्वारा शेलह उत्पन्‍न हुआ।

शेलह

यह एक पुरुष का नाम है।

Genesis 11:14

उसके द्वारा एबेर का जन्म हुआ।

शेलह द्वारा एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ जिसका नाम एबेर रखा गया।

एबेर

यह एक पुरुष का नाम है।

Genesis 11:16

तब उसके द्वारा पेलेग का जन्म हुआ।

एबेर द्वारा एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ जिसका नाम पेलेग रखा गया।

पेलेग

यह एक पुरुष का नाम है।

Genesis 11:18

सामान्य जानकारी

पेलेग द्वारा एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ जिसका नाम रू रखा गया।

Genesis 11:20

उसके द्वारा सरूग का जन्म हुआ।

रू द्वारा एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ जिसका नाम सरूग रखा गया।

Genesis 11:22

उसके द्वारा नाहोर का जन्म हुआ।

सरूग द्वारा एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ जिसका नाम नाहोर रखा गया।

नाहोर

यह एक पुरुष का नाम है

Genesis 11:24

उसके द्वारा तेरह का जन्म हुआ।

नाहोर द्वारा एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ जिसका नाम तेरह रखा गया।

तेरह

यह एक पुरुष का नाम है

अब्राम, और नाहोर, और हारान

यहाँ पर “तेरह“ के बेटों की जन्‍म के क्रम के बारे में स्‍पष्‍ट नहीं किया गया।

Genesis 11:27

तेरह की वंशावली यह है।

इस वाक्‍य मे तेरह कि कुल वंशजो का ज़िक्र किया गया है और उत्‍पति 11 अध्याय कि 27 आय्‍त और 25 अध्याय कि 11 पद में भी तेरह के वंशजो का ज़िक्र किया गया है खास तौर पे उसके बेटों का।

हारान अपने पिता के सामने ही मर गया।

इसका मतलब यह है कि हरान का पिता [ तेरह] उस वक्‍त जिन्‍दा था और जब हरान की मृत्‍यु हुई वह उसके साथ था ।

Genesis 11:29

विवाह किया।

शादी कि।

यिस्का

यह एक स्‍त्री [ महिला] का नाम है

बाँझ

इस शब्‍द का यह अर्थ है, कि वह स्‍त्री जो अपनी शारीरिक कमियों के कारण किसी बच्‍चे को जन्‍म नहीं दे सकती।

Genesis 11:31

अपना

यहाँ पर अपना शब्‍द तेरह को दर्शा रहा है।

अपनी बहू सारै, जो उसके पुत्र अब्राम की पत्‍नी थी

यहाँ पे सारै कि बात की जा रही है जो तेरह के बेटे अब्राम की पत्‍नी थी।

हारान... हरान

यह दोनो शब्‍द अलग है और यह यहुदी भाषा में बोलने में भी अलग सुनाई पड़ते है एक हारान किसी पुरुष को दर्शाता है वही दुसरा हरान एक शहर के नाम को दर्शाता है।


Chapter 12

अब्राम की बुलाहट

1यहोवा ने अब्राम से कहा*, “अपने देश, और अपनी जन्म-भूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा। (प्रेरि. 7:3, इब्रा 11:8)2और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊँगा, और तुझे आशीष दूँगा, और तेरा नाम महान करूँगा, और तू आशीष का मूल होगा।3और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूँगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं श्राप दूँगा; और भूमंडल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे।” (प्रेरि. 3:25, गला 3:8)

4यहोवा के इस वचन के अनुसार अब्राम चला; और लूत भी उसके संग चला; और जब अब्राम हारान देश से निकला उस समय वह पचहत्तर वर्ष का था।5इस प्रकार अब्राम अपनी पत्‍नी सारै, और अपने भतीजे लूत को, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किए थे, सबको लेकर कनान देश में जाने को निकल चला; और वे कनान देश में आ गए। (प्रेरि. 7:4)
6उस देश के बीच से जाते हुए अब्राम शेकेम में, जहाँ मोरे का बांज वृक्ष है पहुँचा। उस समय उस देश में कनानी लोग रहते थे।7तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, “यह देश मैं तेरे वंश को दूँगा।” और उसने वहाँ यहोवा के लिये, जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई। (गला. 3:16)
8फिर वहाँ से आगे बढ़कर, वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पूर्व की ओर है; और अपना तम्बू उस स्थान में खड़ा किया जिसके पश्चिम की ओर तो बेतेल, और पूर्व की ओर आई है; और वहाँ भी उसने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई: और यहोवा से प्रार्थना की।9और अब्राम आगे बढ़ करके दक्षिण देश की ओर चला गया।
मिस्र देश में अब्राम

10उस देश में अकाल पड़ा: इसलिए अब्राम मिस्र देश को चला गया कि वहाँ परदेशी होकर रहे क्योंकि देश में भयंकर अकाल पड़ा था।11फिर ऐसा हुआ कि मिस्र के निकट पहुँचकर, उसने अपनी पत्‍नी सारै से कहा, “सुन, मुझे मालूम है, कि तू एक सुन्दर स्त्री है;12और जब मिस्री तुझे देखेंगे, तब कहेंगे, ‘यह उसकी पत्‍नी है,’ इसलिए वे मुझ को तो मार डालेंगे, पर तुझको जीवित रख लेंगे।13अतः यह कहना, ‘मैं उसकी बहन हूँ,’ जिससे तेरे कारण मेरा कल्याण हो और मेरा प्राण तेरे कारण बचे।”
14फिर ऐसा हुआ कि जब अब्राम मिस्र में आया, तब मिस्रियों ने उसकी पत्‍नी को देखा कि यह अति सुन्दर है।15और मिस्र के राजा फ़िरौन के हाकिमों ने उसको देखकर फ़िरौन के सामने उसकी प्रशंसा की: इसलिए वह स्त्री फ़िरौन के महल में पहुँचाई गई*।16और फ़िरौन ने उसके कारण अब्राम की भलाई की; और उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, दास-दासियाँ, गदहे-गदहियाँ, और ऊँट मिले।
17तब यहोवा ने फ़िरौन और उसके घराने पर, अब्राम की पत्‍नी सारै के कारण बड़ी-बड़ी विपत्तियाँ डाली*।18तब फ़िरौन ने अब्राम को बुलवाकर कहा, “तूने मेरे साथ यह क्या किया? तूने मुझे क्यों नहीं बताया कि वह तेरी पत्‍नी है?19तूने क्यों कहा कि वह तेरी बहन है? मैंने उसे अपनी ही पत्‍नी बनाने के लिये लिया; परन्तु अब अपनी पत्‍नी को लेकर यहाँ से चला जा।”20और फ़िरौन ने अपने आदमियों को उसके विषय में आज्ञा दी और उन्होंने उसको और उसकी पत्‍नी को, सब सम्पत्ति समेत जो उसका था, विदा कर दिया।


Genesis 12:1

अपने देश,और अपने पिता के घर को छोड़कर चला जा।

अपने देश और अपने परिवार को छोड़कर चला जा।

और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊँगा।

यहाँ पे “तुझ‘ शब्‍द अब्राम को दर्शा रहा है और अब्राम अपनी पुरे वंश को दर्शा रहा है और परमेश्‍वर अब्राम और उसके वंश के द्वारा एक बड़ी जाति उत्‍पन्‍न करने की बात कर रहा है।

और तेरा नाम महान करूँगा।

यहाँ पर परमेश्‍वर अब्राम को प्रसिद्ध करने को बोल रहे है।

तू आशीष का मूल होगा।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि अब्राम दुसरे लोगो के लिए आशीष का कारण होगा।

जो तुझे कोसे, उसे मैं श्राप दूँगा।

जो कोई तुझसे शर्मनाक बरताव करेगा मै उसे श्राप दुंगा और जो कोई तूझे निक्‍कमा समझे मै उसे भी श्राप दुंगा।

भूमंडल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे।

मै धरती के सारे परिवारों को तेरे द्वारा बरकत दुगा।

तेरे द्वारा

तेरे ही कारण।

Genesis 12:4

धन

इस में हर तरह के जानवर और निर्जिवी [ अजिवित] चीज़ें शामिल है।

जो प्राणी उन्होंने प्राप्त किए थे।

इस के दो मतलब हो सकते है। 1: वह दास जो उन्‍होने इकट्ठा किए थे। या 2: वह लोग जो उन्‍होने अपने साथ रहने के लिए इकट्ठा किए थे।

Genesis 12:6

अब्राम देश के बीच से जाते हुए।

यहाँ पर केवल अब्राम के नाम का ही ज़िक्र किया गया है क्‍योंकि वह अपने परिवार का मुखिया था और परमेश्‍वर ने उसे आदेश दिया था कि वह अपने परिवार को वहाँ लेकर जाए। अत: तो अब्राम और उसका परीवार उस देश के बीच में से हो के चला।

देश

कनान का देश।

मोरे का बांज वृक्ष है

मोरे शायद एक जगह का नाम था।

यहोवा, जिसने उसे दर्शन दिया था।

क्योंकि यहोवा ने उसे दर्शन दिया था।

Genesis 12:8

अपना तम्बू उस स्थान में खड़ा किया।

अब्राम जब यात्रा करता था तो उसके साथ काफी लोग हुआ करते थे और जब वह एक जगह से दुसरी जगह सफर करते थे तो वह तम्बू खड़े करके उन्‍ही में रहा करते थे।

यहोवा से प्रार्थना की।

यहोवा के नाम में प्रार्थना की और उसकी आराधना की।

और अब्राम आगे बढ़ा।

और फिर अब्राम ने अपने तम्बू उढाए और अपनी यात्रा जारी रखी।

दक्षिण देश की ओर

दक्षिण या दक्षिण से रेगिस्तान की ओर।

Genesis 12:10

उस देश में अकाल पड़ा।

उस मौसम वहाँ की फसलें अच्छी तरह से नहीं उग रही थी जिसके कारण वहाँ पे आकाल पड़ गया। अत: वहाँ पे खाने की कमी हो गई।

देश में

उस जगह मे जा उस स्थान मे जहा अब्राम रहता था।

को चला गया

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि अब्राम कनान देश से होता हुआ पूर्व की ओर चला।

वे मुझ को तो मार डालेंगे, पर तुझको जीवित रख लेंगे

यॅंहा पे अब्राम मिस्री लोगो कि बात कर रहा है कि वे उसे तो मार डालेगे पर उसकी पत्‍नि सारे को जिन्‍दा रखेगे और उससे शादी कर लेंगे क्‍योकि वह सुन्‍दर थी।

और मेरा प्राण तेरे कारण बचे।

कि तेरे कारण वे मुझे ना मारे।

Genesis 12:14

फिर ऐसा हुआ कि।

तब ऐसा हुआ।

मिस्र के राजा फ़िरौन ने उसको देखा।

राजा फि़रौन के हाकिमों ने सारै को देखा।

वह स्त्री फ़िरौन के महल में पहुँचाई गई।

इसका अर्थ यह है कि फि़रौन खुद या उसके सिपाही सारै को उसके महल मे लेकर आए।

वह स्त्री।

सारै

फि़रौन का महल।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है “फि़रौन का परिवार,” उसकी पत्‍नी, “फि़रौन का घर,” और उसकी जगह।

उसके कारण।

सारै के कारण।

Genesis 12:17

अब्राम की पत्‍नी सारै के कारण।

क्योंकि फ़िरौन का इरादा अब्राम की पत्‍नी को अपनी पत्‍नी बनाने का था।

फ़िरौन ने अब्राम को बुलवाकर।

फ़िरौन ने अब्राम को बुलाया, या फ़िरौन ने अब्राम को आज्ञा कि वह उसके पास आए।

“तूने मेरे साथ यह क्या किया?

फि़रौन ने अब्राम से गुस्‍से से कहा कि तुने मेरे साथ यह भयानक काम क्‍यों किया।

और फ़िरौन ने अपने आदमियों को उसके विषय में आज्ञा दी।

फिर फिरौन ने अब्राम के बारे में अपने अधिकारियों को निर्देश दिया।

और उन्होंने उसको और उसकी पत्‍नी को, सब सम्पत्ति समेत जो उसका था, विदा कर दिया।

फिर फ़िरोन के अधिकारियों ने अब्राम उसकी पत्‍नी और उसके सारे समान समेत उसे वॅंहा से दुर भेज दिया।


Chapter 13

अब्राम का कनान लौटना

1तब अब्राम अपनी पत्‍नी, और अपनी सारी सम्पत्ति लेकर, लूत को भी संग लिये हुए, मिस्र को छोड़कर कनान के दक्षिण देश में आया।2अब्राम भेड़-बकरी, गाय-बैल, और सोने-चाँदी का बड़ा धनी था।

3फिर वह दक्षिण देश से चलकर, बेतेल के पास उसी स्थान को पहुँचा, जहाँ पहले उसने अपना तम्बू खड़ा किया था, जो बेतेल और आई के बीच में है।4यह स्थान उस वेदी का है, जिसे उसने पहले बनाया था, और वहाँ अब्राम ने फिर यहोवा से प्रार्थना की।
अब्राम और लूत का अलग होना

5लूत के पास भी, जो अब्राम के साथ चलता था, भेड़-बकरी, गाय-बैल, और तम्बू थे।6इसलिए उस देश में उन दोनों के लिए पर्याप्त स्थान न था कि वे इकट्ठे रहें क्योंकि उनके पास बहुत संपत्ति थी इसलिए वे इकट्ठे न रह सके।7सो अब्राम, और लूत की भेड़-बकरी, और गाय-बैल के चरवाहों में झगड़ा हुआ। उस समय कनानी, और परिज्जी लोग, उस देश में रहते थे।
8तब अब्राम लूत से कहने लगा, “मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में झगड़ा न होने पाए; क्योंकि हम लोग भाईबन्धु हैं।9क्या सारा देश तेरे सामने नहीं? सो मुझसे अलग हो, यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाऊँगा; और यदि तू दाहिनी ओर जाए तो मैं बाईं ओर जाऊँगा।”
10तब लूत ने आँख उठाकर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को देखा कि वह सब सिंची हुई है। जब तक यहोवा ने सदोम और गमोरा को नाश न किया था, तब तक सोअर के मार्ग तक वह तराई यहोवा की वाटिका, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी।11सो लूत अपने लिये यरदन की सारी तराई को चुन के पूर्व की ओर चला, और वे एक दूसरे से अलग हो गये।
12अब्राम तो कनान देश में रहा, पर लूत उस तराई के नगरों में रहने लगा*; और अपना तम्बू सदोम के निकट खड़ा किया।13सदोम के लोग यहोवा की दृष्टि में बड़े दुष्ट और पापी थे।
अब्राम का हेब्रोन को जाना

14जब लूत अब्राम से अलग हो गया तब उसके पश्चात् यहोवा ने अब्राम से कहा,* “आँख उठाकर जिस स्थान पर तू है वहाँ से उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम, चारों ओर दृष्टि कर।15क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सबको मैं तुझे और तेरे वंश को युग-युग के लिये दूँगा। (प्रेरि. 7:5)
16और मैं तेरे वंश को पृथ्वी की धूल के किनकों के समान बहुत करूँगा, यहाँ तक कि जो कोई पृथ्वी की धूल के किनकों को गिन सकेगा वही तेरा वंश भी गिन सकेगा।17उठ, इस देश की लम्बाई और चौड़ाई में चल फिर; क्योंकि मैं उसे तुझी को दूँगा।”18इसके पश्चात् अब्राम अपना तम्बू उखाड़कर, मम्रे के बांज वृक्षों के बीच जो हेब्रोन में थे, जाकर रहने लगा, और वहाँ भी यहोवा की एक वेदी बनाई।


Genesis 13:1

मिस्र को छोड़कर।

मिस्र से निकला।

कनान के दक्षिण देश में आया।

वह कनान देश से निकल कर रेगिस्‍तानी इलाको में वापिस गया।

अब्राम भेड़-बकरी, गाय-बैल, और सोने-चाँदी का बड़ा धनी था।

अब्राम कॆ पास काफी जानवर, काफी चांदी, कौर काफी सोना था।

जानवर।

जीवित प्राणी और गाय-बैल।

Genesis 13:3

चलकर

अब्राम और उसका परिवार अपने सफर में काफी पढ़ावों से और अलग अलग जगहों से होकर गए। इसका सीधा मतलब यह है कि उन्‍होने अपनी यात्रा जारी रखी।

उसी स्थान को पहुँचा, जहाँ पहले उसने अपना तम्बू खड़ा किया था।

उसकी यात्रा का समय स्‍पष्‍ट किया गया था कि वह उसी जगह पर आए जहाँ पर उसने अपने तम्‍बू जाने से पहले खड़े किए थे।

यहोवा से प्रार्थना की।

यहोवा के नाम में प्रार्थना की और उसकी आराधना की।

Genesis 13:5

उस देश में उन दोनों के लिए पर्याप्त स्थान न था।

वहाँ पर उन दोनों के जानवरो को चराने के लिए ना तो पर्याप्‍त जगह थी और ना ही पर्याप्‍त पानी था।

उनके पास बहुत संपत्ति थी।

इसमें पशुधन [ गाय-बैल आदि] शामिल है, जिन्हें चरागाह [ चरने का सथान] और पानी की आवश्यकता होती है

इसलिए वे इकट्ठे न रह सके

वे इकट्ठा जी नहीं सकते थे।

उस समय कनानी, और परिज्जी लोग, उस देश में रहते थे।

यह एक और कारण है कि वह जगहा उन दोनो के लिए काफी नही थी।

Genesis 13:8

“मेरे और तेरे बीच,में झगड़ा न होने पाए।

हम झगड़ेंगे नहीं।

झगड़ा।

लड़ना।

और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में

और मै अपने चरवाहों को और तू अपने चरवाहों को एक दुसरे से झगड़ने से रोकेगे।

क्योंकि हम लोग भाईबन्धु हैं।

क्‍योंकि हम एक परिवार हैं।

भाईबन्धु

["रिश्तेदारों.]" लूत अब्राहम का भतीजा था

क्या सारा देश तेरे सामने नहीं?

यह बयान एक अच्‍छे अन्‍दाज में कहा गया है जैसे यह सारी भूमि तेरे ही करने के लिए है।

सो मुझसे अलग हो।

अब्राम लूत से प्यार से बात कर रहा था और उसे कुछ ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा था जिससे उन दोनों को मदद मिल सके।

यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाऊँगा।

इसका अर्थ यह है कि अगर वह,एक तरफ जाएगा तो दुसरा ,दुसरी तरफ जाएगा यौर अगर तुम उत्तर में जाएगा तो मैं दक्षिण

Genesis 13:10

यरदन नदी के पास वाली सारी तराई

यह वाक्‍य यरदन नदी के समान्‍य क्षेत्र को दर्शा रहा है।

कि वह सब सिंची हुई है

वहाँ पर काफी पानी था।

वह तराई यहोवा की वाटिका, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी।

“यहोवा की वाटिका, और मिस्र देश,” यह दोनों दो अलग स्‍थान हैं।

यहोवा की वाटिका

यह अदन कि वाटिका का दूसरा नाम है।

वाटिका

यह एक पेड़ पौदों, हरी बरी घास और भिन्न-भिन्न फुलों से बड़ा हुआ एक बाग हो सकता है।

जब तक यहोवा ने सदोम और गमोरा को नाश न किया था,

सदोम और गमोरा के नाश होने से पहले ही लूत ने वहा रहना शुरू कर दिया था।

वे

यहाँ पर “वे ” शब्‍द लूत और अब्राम को दर्शा रहा है कि वे आपस में परिवार और भाईबन्‍दु थे।

Genesis 13:12

रहा,

बसे रहना या रुके रहना।

कनान देश में

कनानियों का देश।

अपना तम्बू सदोम के निकट खड़ा किया।

इसका यह अर्थ है कि उन्‍होने अपने तम्‍बू सदोम के निकट और सदोम कि ओर सीदा जाने वाले रासते पे लगाए।

Genesis 13:14

जब लूत अब्राम से अलग हो गया।

लूत के अब्राम को छोड़ने के बाद।

Genesis 13:16

इस देश की लम्बाई और चौड़ाई में चल फिर।

पूरे देश में घूम-घूमकर चलना।

मम्रे।

यह नाम उस आदमी का है जिसने अनजिर के पेड़ को खरीदा था

हेब्रोन।

हेब्रोन एक जगह का नाम है।

यहोवा की एक वेदी बनाई।

एक वेदी यहोवा कि महिमा और आराधना के लिए बनाई।


Chapter 14

लूत का बन्दी बनाया जाना

1शिनार के राजा अम्रापेल, और एल्लासार के राजा अर्योक, और एलाम के राजा कदोर्लाओमेर, और गोयीम के राजा तिदाल के दिनों में ऐसा हुआ,2कि उन्होंने सदोम के राजा बेरा, और गमोरा के राजा बिर्शा, और अदमा के राजा शिनाब, और सबोयीम के राजा शेमेबेर, और बेला जो सोअर भी कहलाता है, इन राजाओं के विरुद्ध युद्ध किया।

3इन पाँचों ने सिद्दीम नामक तराई में, जो खारे नदी के पास है, एका किया।4बारह वर्ष तक तो ये कदोर्लाओमेर के अधीन रहे; पर तेरहवें वर्ष में उसके विरुद्ध उठे।5चौदहवें वर्ष में कदोर्लाओमेर, और उसके संगी राजा आए, और अश्तारोत्कनम में रापाइयों को, और हाम में जूजियों को, और शावे-किर्यातैम में एमियों को,6और सेईर नामक पहाड़ में होरियों को, मारते-मारते उस एल्पारान तक जो जंगल के पास है, पहुँच गए।
7वहाँ से वे लौटकर एन्मिशपात को आए, जो कादेश भी कहलाता है, और अमालेकियों के सारे देश को, और उन एमोरियों को भी जीत लिया, जो हसासोन्तामार में रहते थे।8तब सदोम, गमोरा, अदमा, सबोयीम, और बेला, जो सोअर भी कहलाता है, इनके राजा निकले, और सिद्दीम नाम तराई में, उनके साथ युद्ध के लिये पाँति बाँधी:9अर्थात् एलाम के राजा कदोर्लाओमेर, गोयीम के राजा तिदाल, शिनार के राजा अम्रापेल, और एल्लासार के राजा अर्योक, इन चारों के विरुद्ध उन पाँचों ने पाँति बाँधी।
10सिद्दीम नामक तराई में जहाँ लसार मिट्टी के गड्ढे ही गड्ढे थे; सदोम और गमोरा के राजा भागते-भागते उनमें गिर पड़े, और जो बचे वे पहाड़ पर भाग गए।11तब वे सदोम और गमोरा के सारे धन और भोजनवस्तुओं को लूट-लाट कर चले गए।12और अब्राम का भतीजा लूत, जो सदोम में रहता था; उसको भी धन समेत वे लेकर चले गए।
13तब एक जन जो भागकर बच निकला था उसने जाकर इब्री अब्राम को समाचार दिया; अब्राम तो एमोरी मम्रे, जो एशकोल और आनेर का भाई था, उसके बांज वृक्षों के बीच में रहता था; और ये लोग अब्राम के संग वाचा बाँधे हुए थे।
अब्राम का लूत को छुड़ाना

14यह सुनकर कि उसका भतीजा बन्दी बना लिया गया है, अब्राम ने अपने तीन सौ अठारह प्रशिक्षित, युद्ध कौशल में निपुण दासों को लेकर जो उसके कुटुम्ब में उत्‍पन्‍न हुए थे, अस्त्र-शस्त्र धारण करके दान तक उनका पीछा किया।
15और अपने दासों के अलग-अलग दल बाँधकर रात को उन पर चढ़ाई करके उनको मार लिया और होबा तक, जो दमिश्क की उत्तर की ओर है, उनका पीछा किया।16और वह सारे धन को, और अपने भतीजे लूत, और उसके धन को, और स्त्रियों को, और सब बन्दियों को, लौटा ले आया।
17जब वह कदोर्लाओमेर और उसके साथी राजाओं को जीतकर लौटा आता था तब सदोम का राजा शावे नामक तराई में, जो राजा की तराई भी कहलाती है, उससे भेंट करने के लिये आया।
अब्राम और मलिकिसिदक

18तब शालेम का राजा मलिकिसिदक,* जो परमप्रधान परमेश्‍वर का याजक था, रोटी और दाखमधु ले आया।
19और उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया, “परमप्रधान परमेश्‍वर की ओर से, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है, तू धन्य हो।20और धन्य है परमप्रधान परमेश्‍वर, जिसने तेरे द्रोहियों को तेरे वश में कर दिया है।” तब अब्राम ने उसको सब का दशमांश दिया।
21तब सदोम के राजा ने अब्राम से कहा, “प्राणियों को तो मुझे दे, और धन को अपने पास रख।”22अब्राम ने सदोम के राजा ने कहा, “परमप्रधान परमेश्‍वर यहोवा, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है,23उसकी मैं यह शपथ खाता हूँ,* कि जो कुछ तेरा है उसमें से न तो मैं एक सूत, और न जूती का बन्धन, न कोई और वस्तु लूँगा; कि तू ऐसा न कहने पाए, कि अब्राम मेरे ही कारण धनी हुआ।24पर जो कुछ इन जवानों ने खा लिया है और उनका भाग जो मेरे साथ गए थे; अर्थात् आनेर, एशकोल, और मम्रे मैं नहीं लौटाऊँगा वे तो अपना-अपना भाग रख लें।”


Genesis 14:1

सामान्य जानकारी।

जिन जगाहों का नाम उत्‍पति 14 अध्‍याय उसकी 1 पद में लिखा गया है वह सब अजाद [ स्वतंत्र] हैं।

ऐसा हुआ।

यह वाक्‍य इस कहानी कि नई शुरुआत को दर्शा रहा है।

के दिनों में।

उसके समय में।

युद्ध किया।

इसका मतलब यह हो सकता है। 1: वह युध्‍द करने गए। 2: उन्‍होने युध्‍द की शुरुआत की। 3: उन्‍होने युध्‍द कि तैयारी की।

Genesis 14:3

इन पाँचों ने... एका किया।

यह वाक्‍य इस बात को स्‍पष्‍ट करता है कि इन पाचों राजाओं में और उनकी सेनाओं में एकता हो गई थी।

बारह वर्ष तक तो वह उनके अधीन रहे।

जो घटनाए पद 4 से 7 में घटी वह पद 3 से पहले की है।

ये कदोर्लाओमेर के अधीन रहे।

वह पूरी तरह कदोर्लाओमेर के नियंत्रण में थे। या शाज्‍द उसके कर का भुगतान करते या उसकी सेना में सेवा किया करते थे।

उसके विरुद्ध उठे।

उन्‍होने उसकि अधीनता में रहना छोड़ दिया और उन्‍होने उसके अधीन रहना बन्‍द कर दिया।

आए, और मारते-मारते गए।

उन्‍होने ऐसा इसलिए किया क्‍योंकि दुसरे राजाओ ने उनका विद्रोह किया।

रापाइयों को...जूजियों...एमियों को...होरियों को।

वे लोगो के समूहो के नाम हैं।

अश्तारोत्कनम...हाम...शावे-किर्यातैम... सेईर... एल्पारान

ये स्थानों के नाम हैं।

एल्पारान तक जो जंगल के पास है

इस वाक्‍य से हमें पता चलता है कि एल्पारान कहा था अत: एल्पारान रेगिस्‍तान के पास हैं।

Genesis 14:7

समान्य‍ जानकारी।

जो कुछ अध्‍याय 14 कि 3 पद में लिखा था वही पद 8 और 9 में भी जारी है कि पाँचो राजाओं के युध्‍द के लिए इकट्ठा होने के बाद क्‍या हुआ।

वे लौटकर एन्मिशपात को आए।

वे शब्‍द यहाँ पर उन चार विदेशी राजाओं को दर्शा रहा है जिन्‍होंने कनान देश पर हमला किया था। और उनके नाम यह है अम्रापेल, अर्योक, कदोर्लाओमेर, तिदाल,। अत: वे घुमे और चल दिए।

एमोरियों को जो हसासोन्तामार में रहते थे।

यह वाक्‍य हमें उन एमोरियों के बारे में बता रहा है जो हार चुके थे,और वॅंहा ओर भी एमोरि लोग थे जो अन्‍य जगाहों पर रहते थे।

बेला, जो सोअर भी कहलाता है, इनके राजा निकले

बेला शहर को उसके ऐक ओर नाम सोआर से भी जाना जाता था।

युद्ध के लिये पाँति बाँधी।

लड़ाई में शामिल हुए या युद्ध की रेखाऍं खिची, कुच्‍छ अनुवादक ईसे ऐसा भी लिखना पसंद करते है कि सेनाए लड़ी।

इन चारों के विरुद्ध उन पाँचों ने पाँति बाँधी।

चुकीं पांच राजाओ को पहले ही सुचीबन्‍ध किया गया था हसलिए कुछ भाषाएं ईसे चार राजाओ कि बजाऍं ईसे पांच के रूप में लिखना पसंद करती है।

Genesis 14:10

जहाँ लसार मिट्टी के गड्ढे ही गड्ढे थे

वहाँ पे बहुत मिट्टी के गड्ढे थे,वह भूमी में छेद थे जिनमे गार बड़ी हुई थी।

मिट्टी

एक मोटा चिपचिपा काला तरल जो जमीन से निकलता है। ईसे अनूवाद हम उत्‍पति 11अध्‍याय कि 3 आयत में भी देख सकते है।

सदोम और गमोरा के राजा

यह वाक्‍य राजा सदोम और गमोरा और उनकी सेनाओ को भी दर्शाता है।

उनमें गिर पड़े

इस वाक्‍य का यह अर्थ है, उनके कुछ सैनिक उन मिट्टी के गड्‍ढो में गिर गए होंगे।

और जो बचे तत

वह जो लड़ाई में मारे ना गए और ना ही गड्‍ढो में गिड़े।

वे।

यह शब्‍द राजा वकदोर्लाओमेर को और बाकी राजा और सारी सेना को जिन्‍होने सदोम और गमोरा पर हमला किया था उन सब को दर्षाता है।

सदोम और गमोरा के सारे धन को।

“ सदोम“ और “गमोरा“ के लोगो क धन और “ सदोम“ और “गमोरा“ के लोगो की संपत्‍ति।

भोजनवस्तुओं ।

खाने और पीने का सामान।

चले गए

वह वहाँ से निकल गए।

अब्राम का भतीजा लूत, जो सदोम में रहता था; उसको भी धन समेत वे लेकर चले गए।

वे लूत को भी उनकी सारी संपत्‍ति समेत ले गए। लूत अब्राम के भाई का बेटा था और वह उस समय सदोम में रहता था।

Genesis 14:13

एक जन जो भागकर बच निकला था।

"एक आदमी लड़ाई से बच गया और आया"

वह रहता था।

अब्राम रहता था,यह वाक्‍य हमे पिछली जानकारी देता है।

ये लोग अब्राम के संग वाचा बाँधे हुए थे।

वह अब्राम के संधि - साथी थे,और अब्राम के साथ शांति समझोता बनाए हुए थे।

उसका भतीजा।

यह वाक्‍य अब्राम के भतीजे लूत को दर्शाता है।

प्रशिक्षित।

वह आदमी जो लड़ने के लिए तैयार किए गए थे।

जो उसके कुटुम्ब में उत्‍पन्‍न हुए थे

वह पुरुष जो अब्राम के घर में ही पैदा हुए थे और वे उसके सेवको के बच्‍चे थे।

उनका पीछा किया।

वह उनका पिछा करने लगा।

दान

यह कनान के उत्तर में एक शहर है जो अब्राम के तम्बु से बहुत दूर पड़ता था।

Genesis 14:15

उसने अपने दासों के अलग-अलग दल बाँधकर रात को उन पर चढ़ाई की।

यह वाक्‍य असल में एक युध्‍द कि रणनीति को दर्शाता है। अब्राम ने अपने आदमियों को अलग अलग दलो में और उन्‍होने अपने दुशमनों पर अलग अलग दिशाओ से हमला किया।

सारे धन को।

वह चीजे जीनको अब्राम के दुशमनो ने सदोम और गमोरा के शहरो से चुराया था।

और उसके धन को।

और लूत की संपत्‍ति जो उनके दुशमनो ने चुराई थी।

और स्त्रियों को, और सब बन्दियों को।

ओर उन स्त्रियों को और उन लोगो को जिनको उन चार राजाओ ने कैद कर लिया था।

Genesis 14:17

लौटा।

वह जहां रह रहा था वहॉं लोट आया।

शालेम का राजा मलिकिसिदक।

यह पहली बार है कि जब मलिकिसिदक राजा का ज़िक्र किया गया।

, रोटी और दाखमधु

उस समय ज्यादातर लोग रोटी और दाखमधू ही खाया पिया करते थे।

Genesis 14:19

उसने अब्राम को आशीर्वाद दिया।

मलिकिसिदक राजा ने अब्राम को आशीर्वाद दिया।

उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया, “परमप्रधान परमेश्‍वर की ओर से, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है।

इसका अर्थ यह है कि परमेश्‍वर जो सबसे उत्‍तम, जो स्वर्ग और पृथ्वी का निर्माता है, अब्राम को आशीर्वाद दै।

आकाश।

यह उस स्थान को दर्शाता है जहॉं परमेश्‍वर रहते हैं ।

“परमप्रधान परमेश्‍वर की ओर से।

यह वाक्‍य क अर्थ है कि परमप्रधान परमेश्‍वर जिसने सब कुछ दिया और वह परमेश्‍वर के बारे में और भी बहुत बताता है।

आशीर्वाद दिया, “परमप्रधान परमेश्‍वर।

यह परमेश्वर की स्तुति करने का एक तरीका है।

तेरे वश में कर दिया।

तेरे नियंत्रण में" या ["तेरी शक्ति में]"।

Genesis 14:21

प्राणियों को तो मुझे दे।

यहॉं पे “प्राणियों“ उन सदोम के लोगो को दर्षा रहा है जीनको दुश्‍मनो ने कैद कर लिया था,और अब्राम ने लूत के साथ साथ उन्‍हे भी बचाया था।

मैं यह शपथ खाता हूँ।

इसका मतलब यह है कि मैं एक कसम खाता हूँ। या मैं एक वादा करता हूँ।

जो कुछ इन जवानों ने खा लिया है उसके इलावा में कुछ ना लुगा।

यहाँ पे अब्राम ने बस वो चीजें रखी जो उसके सैनिकों ने सदोम को आते समय खाई थी,और इन वस्‍तुओं को छोड़ अब्राम ने अपने लिए कुछ भी न मांगा।

उनका भाग जो मेरे साथ गए थे।

इसका अर्थ यह है कि जो इस बरामद की गई संपत्ति का हिस्‍सा इन आदमियों का है जिनकी मदद से वह इसे वापिस ला सका।

आनेर, एशकोल, और मम्रे

वे अब्राम के सहयोगी थे। [ देखें 14:13] क्‍योंकि वे अब्राम के सहयोगी थे और उन्‍होने अब्राम के साथ लड़ाई को लड़ा था।और इस पूरे कथन का यह अर्थ निकलता है कि मेरे सहयोगी आनेर, एशकोल, और मम्रे ।


Chapter 15

अब्राम के साथ परमेश्‍वर की वाचा

1इन बातों के पश्चात् यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुँचा “हे अब्राम, मत डर; मैं तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल हूँ।”2अब्राम ने कहा, “हे प्रभु यहोवा, मैं तो सन्तानहीन* हूँ, और मेरे घर का वारिस यह दमिश्कवासी एलीएजेर होगा, अतः तू मुझे क्या देगा?”3और अब्राम ने कहा, “मुझे तो तूने वंश नहीं दिया, और क्या देखता हूँ, कि मेरे घर में उत्‍पन्‍न हुआ एक जन मेरा वारिस होगा।”

4तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा, “यह तेरा वारिस न होगा, तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा।”5और उसने उसको बाहर ले जाकर कहा, “आकाश की ओर दृष्टि करके तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है?” फिर उसने उससे कहा, “तेरा वंश ऐसा ही होगा।” (रोम. 4:18)
6उसने यहोवा पर विश्वास किया;* और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धार्मिकता गिना। (रोम. 4:3)7और उसने उससे कहा, “मैं वही यहोवा हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर नगर से बाहर ले आया, कि तुझको इस देश का अधिकार दूँ।”8उसने कहा, “हे प्रभु यहोवा मैं कैसे जानूँ कि मैं इसका अधिकारी हूँगा?”
9यहोवा ने उससे कहा, “मेरे लिये तीन वर्ष की एक बछिया, और तीन वर्ष की एक बकरी, और तीन वर्ष का एक मेढ़ा, और एक पिंडुक और कबूतर का एक बच्चा ले।”10और इन सभी को लेकर, उसने बीच से दो टुकड़े कर दिया और टुकड़ों को आमने-सामने रखा पर चिड़ियों को उसने टुकड़े नहीं किए।11जब माँसाहारी पक्षी लोथों पर झपटे, तब अब्राम ने उन्हें उड़ा दिया।
12जब सूर्य अस्त होने लगा, तब अब्राम को भारी नींद आई; और देखो, अत्यन्त भय और महा अंधकार ने उसे छा लिया।13तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “यह निश्चय जान कि तेरे वंश पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, और उस देश के लोगों के दास हो जाएँगे; और वे उनको चार सौ वर्ष तक दुःख देंगे;
14फिर जिस देश के वे दास होंगे उसको मैं दण्ड दूँगा: और उसके पश्चात् वे बड़ा धन वहाँ से लेकर निकल आएँगे। (निर्ग. 12:36)15तू तो अपने पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा; तुझे पूरे बुढ़ापे में मिट्टी दी जाएगी।16पर वे चौथी पीढ़ी में यहाँ फिर आएँगे: क्योंकि अब तक एमोरियों का अधर्म पूरा नहीं हुआ हैं।”
17और ऐसा हुआ कि जब सूर्य अस्त हो गया* और घोर अंधकार छा गया, तब एक अँगीठी जिसमें से धुआँ उठता था और एक जलती हुई मशाल दिखाई दी जो उन टुकड़ों के बीच में से होकर निकल गई।18उसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बाँधी, “मिस्र के महानद से लेकर फरात नामक बड़े नद तक जितना देश है,19अर्थात्, केनियों, कनिज्जियों, कदमोनियों,20हित्तियों, परिज्जियों, रापाइयों,21एमोरियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यबूसियों का देश, मैंने तेरे वंश को दिया है।”


Genesis 15:1

इन बातों के पश्चात्।

इस वाक्य का अर्थ है कि जब राजाओ में युद्ध हुआ तो अब्राम ने लूत को बचाया।

यहोवा का यह वचन दर्शन में पहुँचा।

इस मूहावरे का मतलब है की यहोवा बोला। अत: यहोवा ने अपना संदेश दिया।

यहोवा का वचन।

यहॉं पे वचन शब्‍द यहोवा के संदेश को दर्शाता है, अत: यहोवा का संदेश।

ढाल...प्रतिफल।

परमेश्वर ने इन दो शब्‍दो का इस्तेमाल अब्राम को अपने चरित्र और अब्राम के साथ उसके रिश्ते के बारे में बताने के लिए किया।

मैं तेरी ढाल।

यहाँ पे यहोवा अब्राम को यह कह रहा है कि मै तुझे एक ढाल की तरह बचाऊँगा और मै तेरी ढाल बनकर तुझे बचाऊँगा।

प्रतिफल।

भुगतान यह शब्‍द एक आदमी के भुगतान को दर्शाता है जिसको वह प्राप्‍त करता है। इसके यह दो मतलब हो सकते है 1: मै वो हूँ जिसकी तुझे जरुरत है। 2: मै तुझे वो सब दुँगा जिसकी तुझे जरुरत है।

अब्राम ने कहा, “मुझे तो तूने वंश नहीं दिया

अब्राम बोलना जारी रखता है कि क्योंकि तूने नहीं दिया

Genesis 15:4

तब

यहोवा का वचन फिर से अब्राम के पास आया

यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा।

इस मुहावरे का मतलब है की यहोवा बोला। यहोवा ने अपना संदेश बोला।

यहोवा का यह वचन।

यहॉं पर वचन शब्‍द यहोवा के संदेश को दर्शा रहा है, अर्थात यहोवा का संदेश।

यह।

यह दमिश्क के एलीजर को दर्शाता है।

तेरा जो निज।

एक तो यह कि तु पिता बनेगा और तेरा इकलौता बेटा।अब्राम का अपना बेटा उसका वारिस बन जाएगा

तारागण को गिन।

सितारों की संख्या।

तेरा वंश ऐसा ही होगा।

जिस तरह अब्राम सभी तारों की गिनती नहीं कर पाया, उसी तरह वह अपने सभी वंशजों की गिनती नहीं कर पाएगा क्योंकि वहाँ बहुत-से लोग होंगे

Genesis 15:6

उसने यहोवा पर विश्वास किया।

इसका मतलब यह है की जो कुछ यहीवा ने उससे कहा उसको उसने स्‍वीकार किया और उस पर भरोसा किया की वह सही है।

यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धार्मिकता गिना।

यहोवा ने अब्राम के विश्‍वास को धार्मिकता जाना और यहोवा ने अब्राम को धर्मी जाना क्‍योकि वह यहोवा पर विश्‍वास करता था।

“मैं वही यहोवा हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर नगर से बाहर ले आया।

यहोवा ने अब्राम को याद दिलाया कि उसने अब्राम के लिए क्‍या कुछ किया है ताकि वह जान सके कि जो कुछ उसने अब्राम से वादा किया है वह उसे पुरा करने कि ताकत रखता है।

अधिकार दूँ।

इसे प्राप्त करने के लिए" या "ताकि तुम इसके अधिकारी हो जाओ"।

मैं कैसे जानूँ ।

अब्राम परमेश्वर से सबूत माँग रहा था कि सचमुच उसे देश देने जा रहा था

Genesis 15:9

लोथों।

"जानवरों और पक्षियों के मरे हुए शरीर"।

अब्राम ने उन्हें उड़ा दिया।

अब्राम ने पक्षियों को वहॉं से भगा दिया, और यह पक्का किया की पक्षी उन लोथों को ना खा सकें।

Genesis 15:12

अब्राम को भारी नींद आई।

यह एक मुहावरा है। अब्राम गहरी नींद में सोया।

अत्यन्त भय और महा अंधकार।

एक बहुत काला अधेंरा जिस से वह डर गया।

उसे छा लिया।

उसे चारों ओर से घेर लिय।

पराए।

विदेशी।

दास हो जाएँगे; और वे उनको चार सौ वर्ष तक दुःख देंगे।

इसे हम सीदे शब्‍दों में ऐसे लिख सकते है की उस जगह का मालिक तेरे वंशजों को अपना कैदी बनाएगा और उन्‍हें दुख देगा।

Genesis 15:14

सामान्य जानकारी।

यहोवा अब्राम से लगातार बाते कर रहा था, जब वह नीद में था।

मैं दण्ड दूँगा।

यहॉं पर दण्‍ड शब्‍द का अर्थ है कि परमेश्‍वर के निर्णय के बाद क्‍या होगा,, या मैं उन्हे दण्ड दूँगा।

जिस देश के वे दास होंगे।

इस कथन का पूरा अर्थ स्‍पष्‍ट है कि तेरे वंशज उनकी सेवा करेगे।

बड़ा धन।

यह एक शब्‍दार्थ है, बहुत संपत्ति या बड़ी अमीरी।

तू तो अपने पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा।

यह कहने का एक विनम्र तरीका है कि"तुम मर जाओगे

पितरों।

शब्द "पिता" सभी पूर्वजों के लिए एक पर्याय है। "पूर्वजों" या "पूर्वजों पिता"।

तुझे पूरे बुढ़ापे में मिट्टी दी जाएगी।

तुम काफी बुढ़े होंगे जब तुम मरोगे और तुम्‍हारा परिवार तुम्‍हें मिटि देगा।

चौथी पीढ़ी में।

यहां एक पीढ़ी 100 साल के जीवनकाल को दर्शा रही है। "चार सौ साल बाद"।

वे यहाँ फिर आएँगे।

“तेरे वंशज यहॉं पे फिर वापिस आएगे”, अब्राम के वंशज उस जमीन पर फिर वापिस आएगे यहॉं पे अब्राम रहा करता था, वह जगहा जिसको परमेश्‍वर ने अब्राम को देने का वादा किया था।

अधर्म पूरा नहीं हुआ हैं।”

अभी पूरा नहीं हुआ है "या" मेरे सज़ा देने से पहले और भी बुरा हो जाएगा।

Genesis 15:17

ऐसा हुआ

यहां “ऐसा हुआ" शब्द हमें उस आश्चर्यजनक जानकारी पर ध्यान देने के लिए सचेत करता है जो इस प्रकार है।

एक अँगीठी जिसमें से धुआँ उठता था और एक जलती हुई मशाल दिखाई दी जो उन टुकड़ों के बीच में से होकर निकल गई।

परमेश्‍वर ने ऐसा इसलिए किया कि वह अब्राम को दिखाए की उसने उसके साथ एक वाचा बांधी थी।

टुकड़ों के बीच में से।

जानवरो के टुकड़ो की दो पंक्तियों के बीच से होकर गुजरना।

वाचा।

इस वाचा में परमेश्वर अब्राम को आशीर्वाद देने का वादा करता है, और जब तक अब्राम उसके अनुसार चलता रहेगा, वह उसे आशीर्वाद देता रहेगा।

मिस्र के महानद से लेकर... यबूसियों का देश, मैंने तेरे वंश को दिया है।

ऐसा कहकर परमेश्‍वर ने अब्राम के वंशजों को भूमि दि थी। ओर परमेश्‍वर तब ऐसा किया, लेकिन वंशज कई वर्षों बाद तक भूमि में नहीं गए।

महानद, फरात।

“एक बहुत बड़ी नदी, फरात।” यह दो तरीके है एक ही नदी को दर्शाने के।

केनियों, कनिज्जियों, कदमोनियों, 20हित्तियों, परिज्जियों, रापाइयों, 21एमोरियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यबूसियों का।

वह उन लोगो के समूहों के नाम है जो उस देश में रहते थे, और परमेश्‍वर ने अब्राम के वंशजों को आदेश दिया कि वे उन्‍हे हराए और उन की जमीन ले लें।


Chapter 16

हाजिरा और इश्माएल

1अब्राम की पत्‍नी सारै के कोई सन्तान न थी: और उसके हागार नाम की एक मिस्री दासी थी। (गला. 4:22)2सारै ने अब्राम से कहा, “देख, यहोवा ने तो मेरी कोख बन्द कर रखी है* इसलिए मैं तुझ से विनती करती हूँ कि तू मेरी दासी के पास जा; सम्भव है कि मेरा घर उसके द्वारा बस जाए।” सारै की यह बात अब्राम ने मान ली।3इसलिए जब अब्राम को कनान देश में रहते दस वर्ष बीत चुके तब उसकी स्त्री सारै ने अपनी मिस्री दासी हागार को लेकर अपने पति अब्राम को दिया, कि वह उसकी पत्‍नी हो।4वह हागार के पास गया, और वह गर्भवती हुई; जब उसने जाना कि वह गर्भवती है, तब वह अपनी स्वामिनी को अपनी दृष्टि में तुच्छ समझने लगी।

5तब सारै ने अब्राम से कहा, “जो मुझ पर उपद्रव हुआ वह तेरे ही सिर पर हो। मैंने तो अपनी दासी को तेरी पत्‍नी कर दिया; पर जब उसने जाना कि वह गर्भवती है, तब वह मुझे तुच्छ समझने लगी, इसलिए यहोवा मेरे और तेरे बीच में न्याय करे।”6अब्राम ने सारै से कहा, “देख तेरी दासी तेरे वश में है; जैसा तुझे भला लगे वैसा ही उसके साथ कर।” तब सारै उसको दुःख देने लगी और वह उसके सामने से भाग गई।
7तब यहोवा के दूत ने उसको जंगल में शूर के मार्ग पर जल के एक सोते के पास पाकर कहा,8“हे सारै की दासी हागार, तू कहाँ से आती और कहाँ को जाती है?” उसने कहा, “मैं अपनी स्वामिनी सारै के सामने से भाग आई हूँ।”
9यहोवा के दूत ने उससे कहा, “अपनी स्वामिनी के पास लौट जा और उसके वश में रह।”10और यहोवा के दूत ने उससे कहा, “मैं तेरे वंश को बहुत बढ़ाऊँगा,* यहाँ तक कि बहुतायत के कारण उसकी गिनती न हो सकेगी।”
11और यहोवा के दूत ने उससे कहा, “देख तू गर्भवती है, और पुत्र जनेगी; तू उसका नाम इश्माएल रखना; क्योंकि यहोवा ने तेरे दुःख का हाल सुन लिया है।12और वह मनुष्य जंगली गदहे के समान होगा, उसका हाथ सबके विरुद्ध उठेगा, और सबके हाथ उसके विरुद्ध उठेंगे; और वह अपने सब भाई-बन्धुओं के मध्य में बसा रहेगा।”
13तब उसने यहोवा का नाम जिसने उससे बातें की थीं, अत्ताएलरोई रखकर कहा, “क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई और देखने के बाद भी जीवित रही?”14इस कारण उस कुएँ का नाम बएर-लहई-रोई कुआँ पड़ा; वह तो कादेश और बेरेद के बीच में है।
15हागार को अब्राम के द्वारा एक पुत्र हुआ; और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम, जिसे हागार ने जन्म दिया था, इश्माएल रखा।16जब हागार ने अब्राम के द्वारा इश्माएल को जन्म दिया उस समय अब्राम छियासी वर्ष का था।


Genesis 16:1

अब तक

सारै के जीवन की पिछली जानकारी बताने के बाद

दासी

ऐसी दासी जो घर की मालकिन की सेवा करती है।

कोख बन्द रखना

बच्चों को जन्म देने से

मेरा घर उसके द्वारा बस जाए

मुझे उससे बच्चे मिल जाऐं ताकि मेरा परिवार बस जाऐ।

सारै की यह बात अब्राम ने मान ली।

अब्राम ने वही किया जो सारै ने कहा

वह अपनी स्वामिनी को अपनी दृष्टि में तुच्छ समझने लगी।

वह अपने आप को अपनी मालकिन से अधिक महत्वपूर्ण समझने लगी।

अपनी स्वामिनी

हागार दासी की मालकिन “सारै“

Genesis 16:5

जो मुझ पर उपद्रव हुआ

जो मेरे साथ अन्याय हुआ

वह तेरे ही सिर पर हो

यह तुम्हारा दोष है

मैंने तो अपनी दासी को तेरी पत्‍नी कर दिया

सारै ने कहा,मैने अपनी दासी को तुम्हारे साथ सोने दिया।

वह मुझे तुच्छ समझने लगी

वह मुझसे नफरत करने लगी और अपने आप को मुझसे अधिक महत्वपूर्ण समझने लगी।

यहोवा मेरे और तेरे बीच में न्याय करे

सारै ने कहा,मैं चाहती हूँ कि यहोवा ही इंसाफ करे कि यह मेरा दोष है या तुम्हारा

“देख

मेरी बात सुनो

तेरे वश में

तुम्हारे अधिकार में

सारै उसको दुःख देने लगी

सारै हागार के साथ बहुत बुरा व्यवहार करने लगी

और वह उसके सामने से भाग गई।

और हागार सारै के घर से भाग गई।

Genesis 16:7

यहोवा के दूत

संभवित अर्थ हैं 1)यहोवा ने अपने आप को स्वर्गदूत के समान बनाया 2)यह एक यहोवा का स्वर्गदूत था 3)यह परमेश्वर की ओर से एक विशेष संदेशवाहक था(कुछ लोग सोचते हैं कि वह यीशु था)

जंगल के मार्ग पर

यहाँ पर वह मार्ग जिस पर हागार गई वह रेगिस्तान को दर्शाता है

शूर

यह एक स्थान का नाम है जो कनान के दक्षिण और मिस्र के पूर्व में है।

मेरी स्वामिनी

हागार की मालकिन सारै ।

Genesis 16:9

यहोवा के दूत ने उससे कहा,

यहोवा के स्वर्गदूत ने हागार से कहा

यहोवा के दूत

संभवित अर्थ हैं 1)यहोवा ने अपने आप को स्वर्गदूत के समान बनाया 2)यह एक यहोवा का स्वर्गदूत था 3)यह परमेश्वर की ओर से एक विशेष संदेशवाहक था(कुछ लोग सोचते हैं कि वह यीशु था)

अपनी स्वामिनी

हागार की मालकिन सारै ।

यहोवा के दूत ने उससे कहा, “मैं

यहोवा के स्वर्गदूत ने हागार से कहा।यहाँ पर “मैं” यहोवा को दर्शाता है।

मैं तेरे वंश को बहुत बढ़ाऊँगा

यहोवा ने हागार से कहा, मैं तेरी पीढ़ी को गिनती मे बहुत अधिक कर दूँगा।

उसकी गिनती न हो सकेगी

संख्या में इतना अधिक जिसको कोई गिन न पाए

Genesis 16:11

यहोवा के दूत

संभवित अर्थ हैं 1)यहोवा ने अपने आप को स्वर्गदूत के समान बनाया 2)यह एक यहोवा का स्वर्गदूत था 3)यह परमेश्वर की ओर से एक विशेष संदेशवाहक था(कुछ लोग सोचते हैं कि वह यीशु था)

देख

“ध्यान दो“ या “सुनो“

पुत्र जनेगी

एक पुत्र को जन्म देगी

तू उसका नाम

तू उसका नाम रखोगे, यहाँ तू शब्द हागार के बारे में है

इश्माएल रखना; क्योंकि यहोवा ने तेरे दुःख का हाल सुन लिया है

इश्माएल काअर्थ है परमेश्वर ने सुन लिया है।

दुःख का हाल

वो दुख और लाचारी की मारी हुई थी

वह मनुष्य जंगली गदहे के समान होगा

यह उसे शर्मिंदा करने के लिए नहीं था। इसका अर्थ है कि वो स्वतंत्र और मजबूत होगा।

उसका हाथ सबके विरुद्ध उठेगा,

वो सब मनुष्यों का शत्रु होगा।

और सबके हाथ उसके विरुद्ध उठेंगे

हर कोई उसका शत्रु होगा

वह अपने सब भाई-बन्धुओं के मध्य में बसा रहेगा

वो उनके साथ शत्रुता से रहेगा

भाई-बन्धुओं

रिश्‍तेदारों

Genesis 16:13

यहोवा का नाम जिसने उससे बातें की थीं

यहोवा, क्योंकि उसने उस से बात की

क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई

मैं हैरान हुँ कि मैं अब भी जीवित हुँ

इस कारण उस कुएँ का नाम बएर-लहई-रोई कुआँ पड़ा

बएर-लहई-रोई कुँए काअर्थ है, “उस जीवित व्यक्तिव का कुँआ, जो मुझे देखता है।

वह तो कादेश और बेरेद के बीच में है।

यह सच में, वह कादेश और बेरेद के बीच में है।

Genesis 16:15

हागार को... पुत्र हुआ

हागार वापिस गई और पुत्र जो जन्म दिया

पुत्र का नाम, जिसे हागार ने जन्म दिया था

उस पुत्र का नाम रखा जिसे हागार ने जन्म दिया

अब्राम...उस समय

यहाँ अब्राम की आयु बता कर पृष्ठभूमि की जानकारी दी गई है

अब्राम के द्वारा इश्माएल को जन्म दिया

यहाँ पर ज्यादा ध्यान इस बात पर दिया गया है कि अब्राम को पुत्र मिला।


Chapter 17

अब्राम और वाचा का चिन्ह

1जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हो गया, तब यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर हूँ; मेरी उपस्थिति में चल और सिद्ध होता जा।2मैं तेरे साथ वाचा बाँधूँगा, और तेरे वंश को अत्यन्त ही बढ़ाऊँगा।”

3तब अब्राम मुँह के बल गिरा* और परमेश्‍वर उससे यह बातें करता गया,4“देख, मेरी वाचा तेरे साथ बंधी रहेगी, इसलिए तू जातियों के समूह का मूलपिता हो जाएगा।5इसलिए अब से तेरा नाम अब्राम न रहेगा परन्तु तेरा नाम अब्राहम होगा; क्योंकि मैंने तुझे जातियों के समूह का मूलपिता ठहरा दिया है।6मैं तुझे अत्यन्त फलवन्त करूँगा, और तुझको जाति-जाति का मूल बना दूँगा, और तेरे वंश में राजा उत्‍पन्‍न होंगे।
7और मैं तेरे साथ, और तेरे पश्चात् पीढ़ी-पीढ़ी तक तेरे वंश के साथ भी इस आशय की युग-युग की वाचा बाँधता हूँ, कि मैं तेरा और तेरे पश्चात् तेरे वंश का भी परमेश्‍वर रहूँगा।8और मैं तुझको, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को भी, यह सारा कनान देश, जिसमें तू परदेशी होकर रहता है, इस रीति दूँगा कि वह युग-युग उनकी निज भूमि रहेगी, और मैं उनका परमेश्‍वर रहूँगा।”
9फिर परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, “तू भी मेरे साथ बाँधी हुई वाचा का पालन करना; तू और तेरे पश्चात् तेरा वंश भी अपनी-अपनी पीढ़ी में उसका पालन करे।10मेरे साथ बाँधी हुई वाचा, जिसका पालन तुझे और तेरे पश्चात् तेरे वंश को करना पड़ेगा, वह यह है: तुम में से एक-एक पुरुष का खतना हो।11तुम अपनी-अपनी खलड़ी का खतना करा लेना: जो वाचा मेरे और तुम्हारे बीच में है, उसका यही चिन्ह होगा।
12पीढ़ी-पीढ़ी में केवल तेरे वंश ही के लोग नहीं पर जो तेरे घर में उत्‍पन्‍न हुआ हों, अथवा परदेशियों को रूपा देकर मोल लिया जाए, ऐसे सब पुरुष भी जब आठ दिन* के हों जाएँ, तब उनका खतना किया जाए।13जो तेरे घर में उत्‍पन्‍न हो, अथवा तेरे रूपे से मोल लिया जाए, उसका खतना अवश्य ही किया जाए; इस प्रकार मेरी वाचा जिसका चिन्ह तुम्हारी देह में होगा वह युग-युग रहेगी।14जो पुरुष खतनारहित रहे, अर्थात् जिसकी खलड़ी का खतना न हो, वह प्राणी अपने लोगों में से नाश किया जाए, क्योंकि उसने मेरे साथ बाँधी हुई वाचा को तोड़ दिया।”
वाचा का पुत्र इसहाक

15फिर परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, “तेरी जो पत्‍नी सारै है, उसको तू अब सारै न कहना, उसका नाम सारा* होगा।16मैं उसको आशीष दूँगा, और तुझको उसके द्वारा एक पुत्र दूँगा; और मैं उसको ऐसी आशीष दूँगा, कि वह जाति-जाति की मूलमाता हो जाएगी; और उसके वंश में राज्य-राज्य के राजा उत्‍पन्‍न होंगे।”
17तब अब्राहम मुँह के बल गिर पड़ा और हँसा, और मन ही मन कहने लगा, “क्या सौ वर्ष के पुरुष के भी सन्तान होगा और क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?”18और अब्राहम ने परमेश्‍वर से कहा, “इश्माएल तेरी दृष्टि में बना रहे! यही बहुत है।”
19तब परमेश्‍वर ने कहा, “निश्चय तेरी पत्‍नी सारा के तुझ से एक पुत्र उत्‍पन्‍न होगा; और तू उसका नाम इसहाक रखना; और मैं उसके साथ ऐसी वाचा बाँधूँगा जो उसके पश्चात् उसके वंश के लिये युग-युग की वाचा होगी। (गला. 4:7-8)20इश्माएल के विषय में भी मैंने तेरी सुनी है; मैं उसको भी आशीष दूँगा, और उसे फलवन्त करूँगा और अत्यन्त ही बढ़ा दूँगा; उससे बारह प्रधान उत्‍पन्‍न होंगे, और मैं उससे एक बड़ी जाति बनाऊँगा।21परन्तु मैं अपनी वाचा इसहाक ही के साथ बाँधूँगा जो सारा से अगले वर्ष के इसी नियुक्त समय में उत्‍पन्‍न होगा।”
22तब परमेश्‍वर ने अब्राहम से बातें करनी बन्द की और उसके पास से ऊपर चढ़ गया।23तब अब्राहम ने अपने पुत्र इश्माएल को लिया और, उसके घर में जितने उत्‍पन्‍न हुए थे, और जितने उसके रुपये से मोल लिये गए थे, अर्थात् उसके घर में जितने पुरुष थे, उन सभी को लेकर उसी दिन परमेश्‍वर के वचन के अनुसार उनकी खलड़ी का खतना किया।
24जब अब्राहम की खलड़ी का खतना हुआ तब वह निन्यानवे वर्ष का था।25और जब उसके पुत्र इश्माएल की खलड़ी का खतना हुआ तब वह तेरह वर्ष का था।26अब्राहम और उसके पुत्र इश्माएल दोनों का खतना एक ही दिन हुआ।27और उसके घर में जितने पुरुष थे जो घर में उत्‍पन्‍न हुए, तथा जो परदेशियों के हाथ से मोल लिये गए थे, सब का खतना उसके साथ ही हुआ।


Genesis 17:1

जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हो गया

यहाँ कहानी के नये मोड़ की शुरूआत होती है

सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर

वो परमेश्‍वर जिस में सब शक्तियाँ हैं

मेरी उपस्थिति में चल

“मेरी आज्ञाकारिता में चल“ या “मेरी आज्ञाकारिता कर“

मैं तेरे साथ...बाँधूगा

यदि तु ये करेगा तो फिर मैं करूँगा

मैं तेरे साथ वाचा बाँधूँगा

मैं अपनी वाचा दूँगा

वाचा

इस वाचा में परमेश्वर अब्राम को आशीर्वाद देने की प्रतिज्ञा की लेकिन इसके लिए अब्राम को परमेश्वर की आज्ञा का पालण करना था

तेरे वंश को अत्यन्त ही बढ़ाऊँगा

मैं तेरे वंशजों की संख्या को बहुत बढ़ाऊँगा

Genesis 17:3

तब अब्राम मुँह के बल गिरा

उसने ऐसा यह दिखाने के लिए किया कि वह परमेश्वर का सम्मान करता है और वो उसकी आज्ञाकारिता करेगा।

देख, मेरी वाचा

परमेश्वर ने इस से यह बताया कि वो वाचा का अपना हिस्सा अब्राम के लिए करेगा

मेरी वाचा तेरे साथ बंधी रहेगी

मेरी वाचा निस्संदेह तेरे साथ है

इसलिए तू जातियों के समूह का मूलपिता हो जाएगा

तू ऐसा होगा जिस के नाम से बहुत सी जातियाँ होंगी

अब्राहम

अब्राम का अर्थ था “ऊंचा पिता“ जबकि अब्राहम काअर्थ है जातियोँ का पिता” या बहुतों का पिता

मैं तुझे अत्यन्त फलवन्त करूँगा

तेरे बहुत से वंशज होंगे

तुझको जाति-जाति का मूल बना दूँगा,

मैं तेरे वंशजों को जातियाँ बनाऊँगा

तेरे वंश में राजा उत्‍पन्‍न होंगे

तेरे वंश के कुछ लोग राजा होंगे

Genesis 17:7

सामान्य जानकारी

परमेश्वर अब्राहम से बात करनी जारी रखता है

पीढ़ी-पीढ़ी तक

हर पीढ़ी के लिए

युग-युग की वाचा

ऐसी वाचा जो सदा के लिए होगी

मैं तेरा और तेरे पश्चात् तेरे वंश का भी परमेश्‍वर रहूँगा

तेरा और तेरी संतान का परमेश्वर हुँगा

यह सारा कनान देश, उनकी निज भूमि रहेगी

कनान सदा के लिए उनका देश होगा

Genesis 17:9

तू भी

परमेश्वर अब्राहम को को जानकारी देता है कि वाचा में उसका हिस्सा क्या है।

मेरे साथ बाँधी हुई वाचा का पालन करना

“मेरी वाचा का सम्मान करना“, या “मेरी वाचा की आज्ञाकारिता करना“

मेरे साथ बाँधी हुई वाचा

यह मेरी वाचा की माँगें हैं

तुम में से एक-एक पुरुष का खतना हो

तुम में से हर पुरूष का खतना करना

एक-एक पुरुष का

यह इंनसानी पुरूषों को दर्शाता है।

तुम अपनी-अपनी खलड़ी का खतना करा लेना

तुम्हारे मध्य के प्रत्येक पुरूष का खतना करना

जो वाचा मेरे और तुम्हारे बीच में है, उसका यही चिन्ह होगा

यह चिन्ह इस बात को दर्शाता है कि वाचा अस्तित्व में है

चिन्ह

यहाँ चिन्ह उस बात को दर्शाता है जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है।

Genesis 17:12

सामान्य जानकारी

परमेश्वर अब्राहम से बात करनी जारी रखता है।

सब पुरुष

हर इंसानी नर

पर जो तेरे घर में उत्‍पन्‍न हुआ हों,

हर एक पीढ़ी में

परदेशियों को रूपा देकर मोल लिया जाए

हर कोई पुरूष जिसे तुम खरीदते हो

इस प्रकार मेरी वाचा जिसका चिन्ह तुम्हारी देह में होगा

तुम्हारे शरीर में मेरी वाचा का चिन्ह होगा।

वह युग-युग रहेगी।

सदा बनी रहने वाली वाचा

जो पुरुष खतनारहित रहे

वह पुरूष जिसका तूने खतना नहीं किया

जो पुरुष खतनारहित रहे, अर्थात् जिसकी खलड़ी का खतना न हो, वह प्राणी अपने लोगों में से नाश किया जाए

मैं उस खतनारहित पुरूष को अपने लोगों में से नाश करूँगा

अपने लोगों में से नाश किया जाए

“मारा जाएगा” या समाज से बाहर निकाल दिया जाएगा

क्योंकि उसने मेरे साथ बाँधी हुई वाचा को तोड़ दिया

उसने मेरी वाचा के नियमों का पालण नहीं किया

Genesis 17:15

तेरी जो पत्‍नी सारै है

यहाँ परमेश्वर अगले व्यक्ति से बात करनी शुरू करता है

तुझको उसके द्वारा एक पुत्र दूँगा

मैं उसके द्वारा तुझे एक पुत्र दूँगा

वह जाति-जाति की मूलमाता हो जाएगी

उसके वंशजों में से बहुत सी जातियाँ निकलेंगी

उसके वंश में राज्य-राज्य के राजा उत्‍पन्‍न होंगे।

उसके वंशजों में से कुछ लोग राजा होंगे

Genesis 17:17

मन ही मन कहने लगा

“खामोशी से स्वयं को कहा” या “अपने मन में विचार किया“

क्या सौ वर्ष के पुरुष के भी सन्तान होगा

अब्राहम ने यह सवाल इस लिए किया क्योंकि वह परमेश्वर की बात पर विश्वास नहीं कर सका। “निश्चित रूप से एक सौ साल का पुरूष पुत्र का पिता नहीं बन सकता।”

क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी

सारा नब्बे वर्ष की हो जाने के कारण पुत्र को जन्म नहीं दे सकती।

इश्माएल तेरी दृष्टि में बना रहे

कृप्या जो वाचा तूने मेरे साथ बाँधी है उसे इश्माएल के द्वारा पूरा कर।

Genesis 17:19

निश्चय तेरी पत्‍नी सारा के तुझ से एक पुत्र उत्‍पन्‍न होगा

परमेश्वर अब्राहम के विश्वास का सुधार करना चाहता था

तू उसका नाम

यहाँ तू शब्द अब्राहम के लिए है

इश्माएल के विषय

परमेश्वर अब पैदा होने बच्चे से हटकर इश्माएल के बारे में बात करनी शुरू करता है।

उसे फलवन्त करूँगा

मैं उसे बहुत सी संतान दूँगा

अत्यन्त ही बढ़ा दूँगा

मैं उसे बहुत से वंशज दूँगा

प्रधान उत्‍पन्‍न होंगे

“प्रधान“ या “हाकिम”। यह प्रधान याकूब के बारह पुत्रों या नाती पोतों के बारे में नहीं हैं जिन्होने इस्राएल के बारह गोत्रों को अगुवाई करना था।

परन्तु मैं अपनी वाचा इसहाक ही के साथ बाँधूँगा

परमेश्वर कहता है कि वो अपनी वाचा इश्माएल के साथ नहीं बलकि इसहाक के साथ बाँधूगा।

Genesis 17:22

तब परमेश्‍वर ने अब्राहम से बातें करनी बन्द की

जब परमेश्वर ने अब्राहम से बात करनी बन्द कर दी

उसके पास से ऊपर चढ़ गया

परमेश्वर अब्राहम के पास से चला गया

तब अब्राहम ने अपने...उसके घर में जितने पुरुष थे

यह हर उमर के पुरूषों के लिए था, बच्चे, लड़के, आदमी सब के लिए।

Genesis 17:24

और उसके घर में जितने पुरुष थे जो घर में उत्‍पन्‍न हुए, तथा जो परदेशियों के हाथ से मोल लिये गए थे,

इसमें वो लोग शामिल थे जो उसके घर में पैदा हुए और जिन को उसने परदेशीयों से खरीदा था।

जो परदेशियों के हाथ से मोल लिये गए थे

ये दासों या गुलामों के बारे में है

मोल लिये गए थे

जिनको उसने खरीदा था।


Chapter 18

अब्राहम के तीन अतिथि

1अब्राहम मम्रे के बांज वृक्षों के बीच कड़ी धूप के समय तम्बू के द्वार पर बैठा हुआ था, तब यहोवा ने उसे दर्शन दिया*:2उसने आँख उठाकर दृष्टि की तो क्या देखा, कि तीन पुरुष उसके सामने खड़े हैं। जब उसने उन्हें देखा तब वह उनसे भेंट करने के लिये तम्बू के द्वार से दौड़ा, और भूमि पर गिरकर दण्डवत् की और कहने लगा,

3“हे प्रभु, यदि मुझ पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि है तो मैं विनती करता हूँ, कि अपने दास के पास से चले न जाना।4मैं थोड़ा सा जल लाता हूँ और आप अपने पाँव धोकर इस वृक्ष के तले विश्राम करें।5फिर मैं एक टुकड़ा रोटी ले आऊँ, और उससे आप अपने-अपने जीव को तृप्त करें; तब उसके पश्चात् आगे बढ़ें क्योंकि आप अपने दास के पास इसलिए पधारे हैं।” उन्होंने कहा, “जैसा तू कहता है वैसा ही कर।”
6तब अब्राहम तुरन्त तम्बू में सारा के पास गया और कहा, “तीन सआ मैदा जल्दी से गूँध, और फुलके बना।”7फिर अब्राहम गाय-बैल के झुण्ड में दौड़ा, और एक कोमल और अच्छा बछड़ा लेकर अपने सेवक को दिया, और उसने जल्दी से उसको पकाया।8तब उसने दही, और दूध, और बछड़े का माँस, जो उसने पकवाया था, लेकर उनके आगे परोस दिया; और आप वृक्ष के तले उनके पास खड़ा रहा, और वे खाने लगे। (इब्रा. 13:2)
सारा का हँसना

9उन्होंने उससे पूछा, “तेरी पत्‍नी सारा कहाँ है?” उसने कहा, “वह तो तम्बू में है।”10उसने कहा, “मैं वसन्त ऋतु में निश्चय तेरे पास फिर आऊँगा; और तेरी पत्‍नी सारा के एक पुत्र उत्‍पन्‍न होगा।” सारा तम्बू के द्वार पर जो अब्राहम के पीछे था सुन रही थी। (रोम. 9:9)
11अब्राहम और सारा दोनों बहुत बूढ़े थे; और सारा का मासिक धर्म बन्द हो गया था। (रोम. 4:9)12इसलिए सारा मन में हँस कर कहने लगी, “मैं तो बूढ़ी हूँ, और मेरा स्वामी भी बूढ़ा है, तो क्या मुझे यह सुख होगा?”
13तब यहोवा ने अब्राहम से कहा, “सारा यह कहकर क्यों हँसी, कि क्या मेरे, जो ऐसी बुढ़िया हो गई हूँ, सचमुच एक पुत्र उत्‍पन्‍न होगा?14क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है? नियत समय में, अर्थात् वसन्त ऋतु में, मैं तेरे पास फिर आऊँगा, और सारा के पुत्र उत्‍पन्‍न होगा।”15तब सारा डर के मारे यह कहकर मुकर गई, “मैं नहीं हँसी।” उसने कहा, “नहीं; तू हँसी तो थी।” (1 पत. 3:6)
अब्राहम का सदोम के लिये निवेदन

16फिर वे पुरुष वहाँ से चलकर, सदोम की ओर दृष्टि की; और अब्राहम उन्हें विदा करने के लिये उनके संग-संग चला।17तब यहोवा ने कहा, “यह जो मैं करता हूँ उसे क्या अब्राहम से छिपा रखूँ?18अब्राहम से तो निश्चय एक बड़ी और सामर्थी जाति उपजेगी, और पृथ्वी की सारी जातियाँ उसके द्वारा आशीष पाएँगी। (प्रेरि. 3:25, रोम. 4:13, गला. 3:8)19क्योंकि मैं जानता हूँ, कि वह अपने पुत्रों और परिवार को जो उसके पीछे रह जाएँगे, आज्ञा देगा कि वे यहोवा के मार्ग में अटल बने रहें, और धार्मिकता और न्याय करते रहें, ताकि जो कुछ यहोवा ने अब्राहम के विषय में कहा है उसे पूरा करे।”
20फिर यहोवा ने कहा, “सदोम और गमोरा के विरुद्ध चिल्लाहट* बढ़ गई है, और उनका पाप बहुत भारी हो गया है;21इसलिए मैं उतरकर देखूँगा, कि उसकी जैसी चिल्लाहट मेरे कान तक पहुँची है, उन्होंने ठीक वैसा ही काम किया है कि नहीं; और न किया हो तो मैं उसे जान लूँगा।” (प्रका. 18:5)
22तब वे पुरुष वहाँ से मुड़ कर सदोम की ओर जाने लगे; पर अब्राहम यहोवा के आगे खड़ा रह गया।23तब अब्राहम उसके समीप जाकर कहने लगा, “क्या तू सचमुच दुष्ट के संग धर्मी भी नाश करेगा?
24कदाचित् उस नगर में पचास धर्मी हों तो क्या तू सचमुच उस स्थान को नाश करेगा और उन पचास धर्मियों के कारण जो उसमें हों न छोड़ेगा?25इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दूर रहे। क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?”26यहोवा ने कहा, “यदि मुझे सदोम में पचास धर्मी मिलें, तो उनके कारण उस सारे स्थान को छोड़ूँगा।”
27फिर अब्राहम ने कहा, “हे प्रभु, सुन मैं तो मिट्टी और राख हूँ; तो भी मैंने इतनी ढिठाई की कि तुझ से बातें करूँ।28कदाचित् उन पचास धर्मियों में पाँच घट जाएँ; तो क्या तू पाँच ही के घटने के कारण उस सारे नगर का नाश करेगा?” उसने कहा, “यदि मुझे उसमें पैंतालीस भी मिलें, तो भी उसका नाश न करूँगा।”
29फिर उसने उससे यह भी कहा, “कदाचित् वहाँ चालीस मिलें।” उसने कहा, “तो मैं चालीस के कारण भी ऐसा न करूँगा।”30फिर उसने कहा, “हे प्रभु, क्रोध न कर, तो मैं कुछ और कहूँ: कदाचित् वहाँ तीस मिलें।” उसने कहा, “यदि मुझे वहाँ तीस भी मिलें, तो भी ऐसा न करूँगा।”31फिर उसने कहा, “हे प्रभु, सुन, मैंने इतनी ढिठाई तो की है कि तुझ से बातें करूँ: कदाचित् उसमें बीस मिलें।” उसने कहा, “मैं बीस के कारण भी उसका नाश न करूँगा।”
32फिर उसने कहा, “हे प्रभु, क्रोध न कर, मैं एक ही बार और कहूँगा: कदाचित् उसमें दस मिलें।” उसने कहा, “तो मैं दस के कारण भी उसका नाश न करूँगा।”33जब यहोवा अब्राहम से बातें कर चुका, तब चला गया: और अब्राहम अपने घर को लौट गया।


Genesis 18:1

मम्रे

ये बलूत के पेड़ों के मालिक का नाम था।

तम्बू के द्वार पर

तम्बू के प्रवेश द्वार पर

कड़ी धूप के समय

दिन के सब से गरम समय

उसने आँख उठाकर दृष्टि की तो क्या देखा, कि तीन पुरुष उसके सामने खड़े हैं।

उसने उपर की ओर देखा कि उसके सामने वहाँ तीन पुरूष खड़े थे

क्या देखा

अचानक, जिस से अब्राहम हैरान हो गया

उसके सामने

उसके पास, वो उसके पास थे पर उनके बीच में इतनी दूरी थी कि वो उन की ओर भाग कर जा सकता था

गिरकर दण्डवत् की

उसने उनका आदर सम्मान करने के लिए दण्डवत् किया

Genesis 18:3

हे प्रभु

संभव अर्थ 1) अब्राहम को पता था कि इन पुरूषों में से एक परमेश्वर है या 2) अब्राहम जानता था कि ये पुरूष परमेश्वर की ओर से आए हैं

तेरी अनुग्रह की दृष्टि

अब्राहम उन में से एक के साथ बात कर रहा था

चले न जाना

कृप्या आगे मत जाना

अपने दास

अब्राहम अतिथि को सम्मान देने के लिए ऐसा कहता है

मैं थोड़ा सा जल लाता हूँ

मैं थोड़ा पानी लाता हूँ या “मेरा दास कुछ पानी लाता है”

थोड़ा सा जल...एक टुकड़ा रोटी

कुछ पानी...कुछ रोटी

अपने पाँव धोकर

इस रीति से थके हुए महिमान अपनी लम्बी यात्रा की थकान के राहत महसूस करते थे।

आप... अपने

अब्राहम तीनों से बात कर रहा था इस लिए वो यहाँ बहुवचन का उपयोग करता है।

Genesis 18:6

तीन सआ

लगभग 22 लीटर

फुलके

रोटी गरम पत्थर पर जल्दी से बनाई गई थी, यह समतल या गोल आकार की होंगी

उसने जल्दी से

सेवक ने जल्दी से यह किया

उसको पकाया

उसे काटा और भूना

दही,

यह दूध का ठोस रूप है यह दही या पनीर होगा

बछड़े का माँस, जो उसने पकवाया था

भूना हुआ बछड़ा

उनके आगे

तीन महिमानों के सामने

Genesis 18:9

उन्होंने उससे पूछा

फिर उन्होंने अब्राहम से पूछा

उसने कहा, “मैं निश्चय तेरे पास फिर आऊँगा।“

यहाँ उसने शब्द उस पुरूष के लिए है जिसे अब्राहम ने प्रभु कहा

वसन्त ऋतु में

अगले साल इसी मौसम में

तम्बू के द्वार पर

तम्बू के प्रवेश द्वार पर

Genesis 18:11

मैं तो बूढ़ी हूँ, और मेरा स्वामी भी बूढ़ा है, तो क्या मुझे यह सुख होगा?

मैं इस बात पर विश्वास नहीं कर सकती कि मैं औलाद के सुख का अनुभव करूँगी, मेरा स्वामी भी बूढ़ा है।

मेरा स्वामी भी बूढ़ा है

मेरा पति भी बूढ़ा है

मेरा स्वामी

सारा ने अब्राहम को आदर देने के लिए उसे स्वामी कहा

Genesis 18:13

सारा यह कहकर क्यों हँसी, कि क्या मेरे, जो ऐसी बुढ़िया हो गई हूँ, सचमुच एक पुत्र उत्‍पन्‍न होगा?

सारा हसने में और यह कहने में ग़लत थी कि मैं तो बहुत बूढ़ी हूँ मैं कैसे बच्चा पैदा कर सकती हूँ

क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है?

ऐसा कोई काम नहीं है जिसे यहोवा नहीं कर सकता

नियत समय में, अर्थात् वसन्त ऋतु में

जिस समय को मैंने नियुक्त किया है, जो वसन्त ऋतु में होगा

तब सारा डर के मारे यह कहकर मुकर गई

सारा कहकर इस बात से मुकर गई

उसने कहा,

यहोवा ने जवाब दिया

नहीं; तू हँसी तो थी

नहीं ये सत्य नहीं है, तूम जरूर हँसी हो

Genesis 18:16

उन्हें विदा करने के लिये

उन्हे अलविदा कहने के लिए। उस समय महिमानों के जाते समय कुछ दूर उनके साथ जाना आदर का चिन्ह था।

यह जो मैं करता हूँ उसे क्या अब्राहम से छिपा रखूँ?

जो मैं करने जा रहा हूँ मैं उसे अब्राहम से नहीं छिपाऊँगा, मैं उसे बता दूँगा

यह जो मैं करता हूँ...अब्राहम से

यह जो मैं करता हूँ...उस से

पृथ्वी की सारी जातियाँ उसके द्वारा आशीष पाएँगी

मैं अब्राहम के द्वारा पृथ्वी की सारी जातियों को आशीष दूँगा

उसके द्वारा आशीष पाएँगी

“वो अब्राहम के कारण आशीष पाएँगे“। या “वो इस लिए आशीष पाएँगे क्योंकि मैंने अब्राहम को आशीष दी है।”

आज्ञा देगा

वो उनकी अगुवाई करेगा

कि वे यहोवा के मार्ग में अटल बने रहें...यहोवा ने...कहा

कि वो यहोवा की आज्ञाओं का पालण करें

यहोवा के मार्ग में अटल बने रहें.

यहोवा की आज्ञाओं का पालण करें

धार्मिकता और न्याय करते रहें,

धार्मिकता और न्याय के काम करने से। इस से पता चलता है यहोवा के मार्ग में अटल कैसे बना जाता है

ताकि जो कुछ यहोवा ने अब्राहम के विषय में कहा है उसे पूरा करे।

ताकि यहोवा अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार अब्राहम को आशीष दे।

Genesis 18:20

सदोम और गमोरा के विरुद्ध चिल्लाहट* बढ़ गई है

बहुत सारे लोग सदोम और गमोरा के लोगों को उनकी दुष्टता के कारण कोस रहे हैं

उनका पाप बहुत भारी हो गया है

उन्होंने बहुत सा पाप किया है

इसलिए मैं उतरकर

मैं सदोम और गमोरा में उतरूँगा

इसलिए मैं उतरकर देखूँगा

मैं वहाँ जाकर देखूँगा और फैसला लूँगा

उसकी जैसी चिल्लाहट मेरे कान तक पहुँची है

मैं देखूँगा कि क्या वो उतने दुष्ट हैं जितना उन पर दोष है

और न किया हो तो

यदि वो उतने दुष्ट नहीं हैं जितना कहा जा रहा है

Genesis 18:22

वहाँ से मुड़ कर

अब्राहम के तम्बू से बाहर चले गये

अब्राहम यहोवा के आगे खड़ा रह गया

अब्राहम और यहोवा एक साथ रहे

समीप जाकर

यहोवा के और पास जाकर

नाश करेगा

यहाँ अब्राहम नाश करने के लिए ऐसे शब्द का उपयोग करता है जैसे कोई झाड़ू से गन्दगी साफ करता है।

दुष्ट के संग धर्मी भी

दुष्ट लोगों के साथ धर्मी लोगों भी

Genesis 18:24

सामान्य जानकारी

अब्राहम परमेश्वर के बात करनी जारी रखता है

कदाचित् उस नगर में

मान लो कि उस नगर में

कदाचित् उस नगर में पचास धर्मी हों तो क्या तू सचमुच उस स्थान को नाश करेगा और उन पचास धर्मियों के कारण जो उसमें हों न छोड़ेगा?

मैं मानता हूँ कि तू उस स्थान का नाश नहीं करेगा, तुम सचमुच उन पचास धर्मीयों के कारण उस स्थान को छोड़ देगा

नाश करेगा

वहाँ पर रहने वाले लोगों का नाश करेगा

उन पचास धर्मियों के कारण जो उसमें हों न छोड़ेगा?

मैं उन पचास धर्मियों के कारण उस स्थान को छोड़ दूँगा

छोड़ेगा

लोगों को जीने देगा

इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे

आप में ऐसा करने की इच्छा नहीं होनी चाहिए

इस प्रकार का काम करना, मार डाले

किसी को मारने जैसा काम

धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो

आप धर्मी और दुष्ट दोनों के साथ एक जैसा व्यवहार करोगे?

क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?

क्योंकि आप सारी पृथ्वी के न्यायी हैं, मुझे पक्का पता है कि आप वही करोगे जो सही होगा

न्यायी

परमेश्वर को अकसर न्यायी कहा गया है क्योंकि वो ऐसा संपूर्ण न्यायी है जो सही और ग़लत के बारे में अंतिम निर्णय लेता है

Genesis 18:27

कि तुझ से बातें करूँ

मुझे आप के साथ बात करने के लिए क्षमा कीजिए

हे प्रभु

हे मेरे प्रभु

मिट्टी और राख

“मैं तो नाशवान मनुष्य हूँ“ या “मैं तो मिट्टी और राख के समान महत्वहीन हूँ“

पचास धर्मियों में पाँच घट जाएँ

यदि केवल पैंतालीस धर्मी हों

पाँच ही के घटने के कारण

यदि पाँच धर्मी कम हों

तो भी उसका नाश न करूँगा

मैं सदोम को नाश नहीं करूँगा

Genesis 18:29

उसने उससे यह भी कहा

अब्राहम ने यहोवा से बात की

कदाचित् वहाँ चालीस मिलें

यदि सदोम और गमोरा तुमे चालीस धर्मी लोग मिलें

उसने कहा

यहोवा ने उत्तर दिया

तो मैं चालीस के कारण भी ऐसा न करूँगा

यदि मुझे वहाँ चालीस धर्मी लोग मिलें तो उनके कारण मैं नगर को नाश नहीं करूँगा

तीस

तीस धर्मी लोग

मैंने इतनी ढिठाई तो की है कि तुझ से बातें करूँ

मुझे आप से बात करने की साहस के लिए क्षमा करें

बीस

बीस धर्मी लोग

Genesis 18:32

कदाचित् उसमें दस मिलें

शायद आपको वहाँ दस धर्मी जन मिलें

दस

दस धर्मी जन

उसने कहा,

और यहोवा ने उत्तर दिया

दस के कारण

यदि मुझे वहाँ दस धर्मी जन मिलें

तब चला गया

यहोवा वहाँ से चला गया


Chapter 19

लूत के अतिथि

1सांझ को वे दो दूत* सदोम के पास आए; और लूत सदोम के फाटक के पास बैठा था। उनको देखकर वह उनसे भेंट करने के लिये उठा; और मुँह के बल झुककर दण्डवत् कर कहा;2“हे मेरे प्रभुओं, अपने दास के घर में पधारिए, और रात भर विश्राम कीजिए, और अपने पाँव धोइये, फिर भोर को उठकर अपने मार्ग पर जाइए।” उन्होंने कहा, “नहीं; हम चौक ही में रात बिताएँगे।”3और उसने उनसे बहुत विनती करके उन्हें मनाया; इसलिए वे उसके साथ चलकर उसके घर में आए; और उसने उनके लिये भोजन तैयार किया, और बिना ख़मीर की रोटियाँ बनाकर उनको खिलाईं।

4उनके सो जाने के पहले, सदोम नगर के पुरुषों ने, जवानों से लेकर बूढ़ों तक, वरन् चारों ओर के सब लोगों ने आकर उस घर को घेर लिया;5और लूत को पुकारकर कहने लगे, “जो पुरुष आज रात को तेरे पास आए हैं वे कहाँ हैं? उनको हमारे पास बाहर ले आ, कि हम उनसे भोग करें।”
6तब लूत उनके पास द्वार के बाहर गया, और किवाड़ को अपने पीछे बन्द करके कहा,7“हे मेरे भाइयों, ऐसी बुराई न करो।8सुनो, मेरी दो बेटियाँ हैं जिन्होंने अब तक पुरुष का मुँह नहीं देखा, इच्छा हो तो मैं उन्हें तुम्हारे पास बाहर ले आऊँ, और तुम को जैसा अच्छा लगे वैसा व्यवहार उनसे करो: पर इन पुरुषों से कुछ न करो; क्योंकि ये मेरी छत के तले आए हैं।”
9उन्होंने कहा, “हट जा!” फिर वे कहने लगे, “तू एक परदेशी होकर यहाँ रहने के लिये आया पर अब न्यायी भी बन बैठा है; इसलिए अब हम उनसे भी अधिक तेरे साथ बुराई करेंगे।” और वे उस पुरुष लूत को बहुत दबाने लगे, और किवाड़ तोड़ने के लिये निकट आए।
10तब उन अतिथियों ने हाथ बढ़ाकर लूत को अपने पास घर में खींच लिया, और किवाड़ को बन्द कर दिया।11और उन्होंने क्या छोटे, क्या बड़े, सब पुरुषों को जो घर के द्वार पर थे अंधा कर दिया, अतः वे द्वार को टटोलते-टटोलते थक गए।
लूत का सदोम से बच निकलना

12फिर उन अतिथियों ने लूत से पूछा, “यहाँ तेरा और कौन-कौन हैं? दामाद, बेटे, बेटियाँ, और नगर में तेरा जो कोई हो, उन सभी को लेकर इस स्थान से निकल जा।13क्योंकि हम यह स्थान नाश करने पर हैं, इसलिए कि इसकी चिल्लाहट यहोवा के सम्मुख बढ़ गई है; और यहोवा ने हमें इसका सत्यानाश करने के लिये भेज दिया है।”
14तब लूत ने निकलकर अपने दामादों को, जिनके साथ उसकी बेटियों की सगाई हो गई थी, समझाकर कहा, “उठो, इस स्थान से निकल चलो; क्योंकि यहोवा इस नगर को नाश करने पर है।” उसके दामाद उसका मजाक उड़ाने लगे। (लूका 17:28-29)15जब पौ फटने लगी, तब दूतों ने लूत से जल्दी करने को कहा और बोले, “उठ, अपनी पत्‍नी और दोनों बेटियों को जो यहाँ हैं ले जा: नहीं तो तू भी इस नगर के अधर्म में भस्म हो जाएगा।”
16पर वह विलम्ब करता रहा, इस पर उन पुरुषों ने उसका और उसकी पत्‍नी, और दोनों बेटियों के हाथ पकड़े; क्योंकि यहोवा की दया उस पर थी: और उसको निकालकर नगर के बाहर कर दिया। (2 पत 2:7)17और ऐसा हुआ कि जब उन्होंने उनको बाहर निकाला, तब उसने कहा, “अपना प्राण लेकर भाग जा; पीछे की ओर न ताकना, और तराई भर में न ठहरना; उस पहाड़ पर भाग जाना, नहीं तो तू भी भस्म हो जाएगा।”
18लूत ने उनसे कहा, “हे प्रभु, ऐसा न कर!19देख, तेरे दास पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि हुई है, और तूने इसमें बड़ी कृपा दिखाई, कि मेरे प्राण को बचाया है; पर मैं पहाड़ पर भाग नहीं सकता, कहीं ऐसा न हो, कि कोई विपत्ति मुझ पर आ पड़े, और मैं मर जाऊँ।20देख, वह नगर ऐसा निकट है कि मैं वहाँ भाग सकता हूँ, और वह छोटा भी है। मुझे वहीं भाग जाने दे, क्या वह नगर छोटा नहीं है? और मेरा प्राण बच जाएगा।”
21उसने उससे कहा, “देख, मैंने इस विषय में भी तेरी विनती स्वीकार की है, कि जिस नगर की चर्चा तूने की है, उसको मैं नाश न करूँगा।22फुर्ती से वहाँ भाग जा; क्योंकि जब तक तू वहाँ न पहुँचे तब तक मैं कुछ न कर सकूँगा।” इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पड़ा।
सदोम और गमोरा का विनाश

23लूत के सोअर के निकट पहुँचते ही सूर्य पृथ्वी पर उदय हुआ।24तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और गमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई; (लूका 17:29)25और उन नगरों को और सम्पूर्ण तराई को, और नगरों के सब निवासियों को, भूमि की सारी उपज समेत नाश कर दिया।
26लूत की पत्‍नी ने जो उसके पीछे थी पीछे मुड़कर देखा, और वह नमक का खम्भा बन गई।27भोर को अब्राहम उठकर उस स्थान को गया, जहाँ वह यहोवा के सम्मुख खड़ा था;28और सदोम, और गमोरा, और उस तराई के सारे देश की ओर आँख उठाकर क्या देखा कि उस देश में से धधकती हुई भट्ठी का सा धुआँ उठ रहा है।
29और ऐसा हुआ कि जब परमेश्‍वर ने उस तराई के नगरों को, जिनमें लूत रहता था, उलट पुलट कर नाश किया, तब उसने अब्राहम को याद करके* लूत को उस घटना से बचा लिया।
लूत और उसकी पुत्रियाँ

30लूत ने सोअर को छोड़ दिया, और पहाड़ पर अपनी दोनों बेटियों समेत रहने लगा; क्योंकि वह सोअर में रहने से डरता था; इसलिए वह और उसकी दोनों बेटियाँ वहाँ एक गुफा में रहने लगे।
31तब बड़ी बेटी ने छोटी से कहा, “हमारा पिता बूढ़ा है, और पृथ्वी भर में कोई ऐसा पुरुष नहीं जो संसार की रीति के अनुसार हमारे पास आए।32इसलिए आ, हम अपने पिता को दाखमधु पिलाकर, उसके साथ सोएँ, जिससे कि हम अपने पिता के वंश को बचाए रखें।”33अतः उन्होंने उसी दिन-रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया, तब बड़ी बेटी जाकर अपने पिता के पास लेट गई; पर उसने न जाना, कि वह कब लेटी, और कब उठ गई।
34और ऐसा हुआ कि दूसरे दिन बड़ी ने छोटी से कहा, “देख, कल रात को मैं अपने पिता के साथ सोई; इसलिए आज भी रात को हम उसको दाखमधु पिलाएँ; तब तू जाकर उसके साथ सोना कि हम अपने पिता के द्वारा वंश उत्‍पन्‍न करें।”35अतः उन्होंने उस दिन भी रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया, और छोटी बेटी जाकर उसके पास लेट गई; पर उसको उसके भी सोने और उठने का ज्ञान न था।
36इस प्रकार से लूत की दोनों बेटियाँ अपने पिता से गर्भवती हुईं।37बड़ी एक पुत्र जनी और उसका नाम मोआब रखा; वह मोआब नामक जाति का जो आज तक है मूलपिता हुआ।38और छोटी भी एक पुत्र जनी, और उसका नाम बेनअम्‍मी रखा; वह अम्मोनवंशियों का जो आज तक है मूलपिता हुआ।


Genesis 19:1

दो दूत

उत्पत्ति 18 कहता है कि सदोम में दो पूरूष गये, यहाँ हमें पता चलता है कि वो वास्तव में स्वर्गदूत थे। (18:22 देखें)

सदोम के फाटक

नगर के चारों ओर दिवार होती थी और यह नगर में प्रवेश करने का फाटक था। यह किसी नगर का महत्वपूर्ण स्थान था। वहाँ महत्वपूर्ण लोग अपना समय बिताते थे। “सदोम का प्रवेश द्वार”

मुँह के बल झुककर दण्डवत् कर कहा

उसने अपने घुटने ज़मीन पर टिका कर अपने माथे और नाक को जमीन पर लगाया

मेरे प्रभुओं

लूत ने स्वर्गदूतों को आदर देने के लिए ऐसा कहा

अपने दास के घर में पधारिए

कृप्या आकर अपने दास के घर ठहिरें

अपने दास के घर

लूत ने स्वर्गदूतों को आदर देने के लिए ऐसा कहा

अपने पाँव धोइये,

लोग यात्रा के बाद अपने पाँव धोना पसन्द करते थे।

भोर को उठकर

सुबह जल्दी उठ जाना

हम चौक ही में रात बिताएँगे

उन दोनों ने चौक में ही रात बिताने की योजना बना रखी थी। यहाँ हम का अर्थ दोनों दूतों से है

चौक ही में

यह शहर का सार्वजनिक बाहरी स्थान था

वे उसके साथ चलकर उसके घर में आए;

वे मुड़े और उसके साथ गये।

Genesis 19:4

उनके सो जाने के पहले

इस से पहले कि लूत के घर में मौजूद लोग सोने के लिए लेटते

सदोम नगर के पुरुषों ने,

सदोस के निवासी पुरूष

घर

लूत के घर

जवानों से लेकर बूढ़ों तक

इसका अर्थ है हर आयु के लोग

जो पुरुष आज रात को तेरे पास आए हैं

जो आज तुम्हारे घर गये थे

हम उनसे भोग करें

ताकि हम उनके साथ संभोग करें

Genesis 19:6

अपने पीछे

बाहर निकलने के बाद

हे मेरे भाइयों,

हे मेरे भाइयों मैं तुम से विनती करता हूँ

मेरे भाइयों

लूत ने शहर के लोगों से मित्रतापूर्ण बात की ताकि वो उसकी विनती को समझ सकें। “मेरे दोसतो”

ऐसी बुराई न करो

ऐसी दुष्टता का काम मत करो

सुनो

“ध्यान दो“ या “इधर देखो“

अब तक पुरुष का मुँह नहीं देखा

अब तक किसी से संभोग नहीं किया

तुम को जैसा अच्छा लगे

“जो तुम्हारी इच्छा हो“ या जो कुछ तुम लोगों को सही लगे

मेरी छत के तले

वो मेरे घर आए हैं और परमेश्वर चाहता है कि मैं उनकी रक्षा करूँ

Genesis 19:9

हट जा!

“पीछे हट जा“ या “रास्ते से पीछे हट जा“

तू एक परदेशी होकर यहाँ रहने के लिये आया

यह परदेशी यहाँ रहने आया था

तू

“लूत” ये बातें वो लोग कर रहे थे

पर अब न्यायी भी बन बैठा है

अब यह आदमी समझता है कि इसे हमें ये बताने का हक है कि क्या सही है और क्या ग़लत।

पर अब

इसके पास ऐसा करने का कोई कारण नहीं है

इसलिए अब हम उनसे भी अधिक तेरे साथ बुराई करेंगे

हम तुम्हारे साथ इन पुरूषों से भी अधिक दुष्टता करेंगे।

वे उस पुरुष लूत को बहुत दबाने लगे, और किवाड़ तोड़ने के लिये निकट आए।

संभव मतलब 1) “वो पास आते गये जब वो इतना नजदीक आ गये कि वो दरवाजा तोड़ सकते थे या 2) उन्होंने लूत को दिवार या दरवाजे तक धकेला और वो दरवाजा तोड़ने वाले थे

उस पुरुष लूत

यह दो तरीकों से लूत को कहा गया है।

Genesis 19:10

तब उन अतिथियों ने

तब उन दो स्वर्गदूतों ने

अतिथियों ने हाथ बढ़ाकर लूत को अपने पास घर में खींच लिया, और किवाड़ को बन्द कर दिया

उन्होने दरवाजे को इतना खोल दिया कि वो हाथ बाहर निकाल कर लूत को अन्दर खींच सकते थे, उसे खीणचने के बाद फिर उन्होने दरवाजा बन्द कर दिया

उन्होंने क्या छोटे, क्या बड़े, सब पुरुषों को जो घर के द्वार पर थे अंधा कर दिया

लूत के महिमानों ने पुरूषों को अंधा कर दिया

क्या छोटे, क्या बड़े

हर उमर के लोगों को

Genesis 19:12

फिर उन अतिथियों ने लूत से पूछा

फिर उन दो स्वर्गदूतों ने कहा

यहाँ तेरा और कौन-कौन हैं?

क्या शहर में तेरे परिवार के कोई और लोग हैं

नगर में तेरा जो कोई हो

क्या शहर में तेरे परिवार के कोई और लोग हैं

हम यह स्थान नाश करने पर हैं

यहाँ हम शब्द का अर्थ दोनों स्वर्गदूतों से है

इसकी चिल्लाहट यहोवा के सम्मुख बढ़ गई है

बहुत से लोग यहोवा से इन लोगों के पापों के बारे में पुकार रहे हैं।

Genesis 19:14

लूत ने निकलकर

लूत घर से बाहर आया

अपने दामादों को, जिनके साथ उसकी बेटियों की सगाई हो गई थी

वो पुरूष जो उसकी बेटीयों से शादी करने वाले थे, या “उसकी बेटीयों के मंगेतर”

जब पौ फटने लगी

सूर्य उदय होने से कुछ समय पहले

उठ

अब जाओ

नहीं तो तू भी इस नगर के अधर्म में भस्म हो जाएगा

ताकि यहोवा इन लोगों के साथ तुमे भी नष्ट न कर दे।

नहीं तो तू भी इस नगर के अधर्म में भस्म हो जाएगा

परमेश्वर का वहाँ के लोगों को सजा देना ऐसे बताया गया है जैसे कोई झाड़ू से सफाई करता है।

इस नगर के

यहाँ नगर का अर्थ लोग हैं।

Genesis 19:16

पर वह विलम्ब करता रहा,

“लेकिन लूत हिचकिचा रहा था” या वह अभी तक नहीं निकला था।

इस पर उन पुरुषों ने...हाथ पकड़े

इसलिए स्वर्गदूतों ने उनके हाथ पकड़े

यहोवा की दया उस पर थी

यहोवा को दयालू बताया गया है क्योंकि उसने लूत और उसके परिवार को नाश होने से बचा लिया था।

उसको निकालकर नगर के बाहर कर दिया

जब उन दो पुरूषों ने लूत के परिवार को बाहर कर दिया

अपना प्राण लेकर भाग जा

भाग कर अपने जीवन बचा लो

पीछे की ओर न ताकना

“पीछे शहर की तरफ मत देखना” या “पीछे सदोम की तरफ मत देखना“

तराई भर में

यह यरदन नदी के आम इलाके की बात है अर्थात यरदन नदी की तराई

नहीं तो तू भी भस्म हो जाएगा

नहीं तो परमेश्वर तुझे भी शहर के लोगों के साथ नाश कर देगा

भस्म हो जाएगा

परमेश्वर का वहाँ के लोगों को सजा देना ऐसे बताया गया है जैसे कोई झाड़ू से सफाई करता है।

Genesis 19:18

तेरे दास पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि हुई है

तुम मेरे साथ प्रसन्न हुए हो

तेरे दास पर

मैंने, आपके दास ने

तूने इसमें बड़ी कृपा दिखाई, कि मेरे प्राण को बचाया है

आप ने मेरी जान बचा कर बहुत दयालता दिखाई है।

पर मैं पहाड़ पर भाग नहीं सकता, कहीं ऐसा न हो, कि कोई विपत्ति मुझ पर आ पड़े, और मैं मर जाऊँ

जब परमेश्वर सदोम का नाश करेगा तो मैं और मेरा परिवार भी मर जाएँगे, क्योंकि पहाड़ हम से बहुत दूर हैं कि हम वहाँ तक सुरक्षित पहुँच सकें।

मेरे प्राण...पर मैं पहाड़ पर भाग नहीं सकता...कोई विपत्ति मुझ पर आ पड़े, और मैं मर जाऊँ

हमारे प्राण…पर हम पहाड़ पर भाग नहीं सकते…कोई विपत्ति हम पर आ पड़े, और हम मर जाएँ

मुझे वहीं भाग जाने दे, क्या वह नगर छोटा नहीं है? और मेरा प्राण बच जाएगा।

मुझे वहीं भाग जाने दे, आप देख सकते हैं कि वो छोटा नगर है, तो यदि आप मुझे वहाँ जाने दें तो मेरी जान बच सकती है।

मुझे वहीं भाग जाने दे

उस नगर का नाश करने के बजाय, मुझे वहाँ भाग जाने दो।

मेरा प्राण बच जाएगा

ताकि हम जीवित रह सकें

Genesis 19:21

मैंने इस विषय में भी तेरी विनती स्वीकार की है

जो तूने माँगा है मैं वो करूँगा

कुछ न कर सकूँगा

बाकी के नगरों को नाश नहीं कर सकता

सोअर

इब्रानी शब्द सोअर का अर्थ है “छोटा”। लूत ने उत्पत्ति 19:20 में इसे छोटा नगर कहा

Genesis 19:23

सूर्य पृथ्वी पर उदय हुआ

जब सूरज धरती पर चमकने लगा

लूत के सोअर के निकट पहुँचते ही

जब लूत और उसका परिवार सोअर पहुँचे।

तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और गमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई

यहोवा ने सदोम और गमोरा पर गन्धक और आग बरसाई

गन्धक और आग

“जलती हुई गन्धक“ या आग की बारिश

उन नगरों

यह सदोम और गमोरा के विषय में है

सब निवासियों को

उन नगरों में रहने वाले लोगों पर

Genesis 19:26

वह नमक का खम्भा बन गई

“उसका शरीर नमक के लंबे पत्थर के समान बन गया“ या “वो नमक की मूर्ती के समान बन गई।“ क्योंकि उसने स्वर्गदूत की आज्ञा का पालण नहीं किया जिसने उसे कहा था कि पीछे मुड़कर मत देखना। इस लिए परमेश्वर ने उसे नमकीन चट्टान की मूर्ती जैसा बना दिया।

देखा

यह शब्द विचित्र जानकारी की ओर ध्यान खींचता है।

भट्ठी का सा धुआँ उठ रहा है

ऐसा धुआँ जो बहुत बड़ी आग से निकलता है।

Genesis 19:29

सामान्य जानकारी

पद 29 इस अध्याय का सारांश है

उसने अब्राहम को याद करके

परमेश्वर ने अब्राहम के बारे में सोचा ओर उस पर दया की

उलट पुलट कर नाश किया,

लूत को खतरे से दूर किया

Genesis 19:30

लूत ने सोअर को छोड़ दिया, और पहाड़ पर...रहने लगा

लूत उपर पहाड़ पर चला गया

Genesis 19:31

बड़ी बेटी

लूत की बड़ी बेटी

छोटी

“छोटी बेटी“ या “उसकी छोटी बहन”

संसार की रीति के अनुसार

यहाँ संसार काअर्थ है लोग। “जैसे लोग हर जगह करते हैं”

दाखमधु पिलाकर

तब तक दाखमधु मिलाना जब तक वो मतवाला न हो जाए

जिससे कि हम अपने पिता के वंश को बचाए रखें

ताकि हम अपने पिता का वंश आगे बढ़ाने के लिए बच्चे पैदा करें।

पर उसने न जाना, कि वह कब लेटी, और कब उठ गई

उसे इस बात का पता नहीं चला कि वो उसके साथ सोई

Genesis 19:34

आज भी रात को हम उसको दाखमधु पिलाएँ...उठने का ज्ञान न था।

तब तक दाखमधु मिलाना जब तक वो मतवाला न हो जाए

दाखमधु पिलाएँ

तब तक दाखमधु मिलाना जब तक वो मतवाला न हो जाए

कि हम अपने पिता के द्वारा वंश उत्‍पन्‍न करें

ताकि हम बच्चों को पैदा करें जो हमारे पिता के वंशज होंगे।

पर उसको उसके भी सोने और उठने का ज्ञान न था।

उसे इस बात का पता नहीं चला कि वो उसके साथ सोई

Genesis 19:36

अपने पिता से गर्भवती हुईं

अपने पिता से गर्भ धारन किया

वह …हुआ

वह है

वह मोआब नामक जाति का जो आज तक है

मोआब के लोग जो अब भी जीवित हैं

आज तक

यहाँ “आज तक“ का अर्थ उस समय से है जब उत्पत्ति का लेखक जीवित था। लेखक ने इस किताब को लूत और उसके परिवार के मर जाने के काफी समय बाद लिखा था।

बेनअम्‍मी

यह एक पुरूष का नाम है

अम्मोनवंशियों

अम्मोन के लोग


Chapter 20

अब्राहम और अबीमेलेक

1फिर अब्राहम वहाँ से निकलकर दक्षिण देश में आकर कादेश और शूर के बीच में ठहरा, और गरार में रहने लगा।2और अब्राहम अपनी पत्‍नी सारा के विषय में कहने लगा, “वह मेरी बहन है,” इसलिए गरार के राजा अबीमेलेक ने दूत भेजकर सारा को बुलवा लिया।3रात को परमेश्‍वर ने स्वप्न में अबीमेलेक के पास आकर कहा, “सुन, जिस स्त्री को तूने रख लिया है, उसके कारण तू मर जाएगा, क्योंकि वह सुहागिन है।”

4परन्तु अबीमेलेक उसके पास न गया था; इसलिए उसने कहा, “हे प्रभु, क्या तू निर्दोष जाति का भी घात करेगा?5क्या उसी ने स्वयं मुझसे नहीं कहा, ‘वह मेरी बहन है?’ और उस स्त्री ने भी आप कहा, ‘वह मेरा भाई है,’ मैंने तो अपने मन की खराई और अपने व्यवहार की सच्चाई से यह काम किया।”
6परमेश्‍वर ने उससे स्वप्न में कहा, “हाँ, मैं भी जानता हूँ कि अपने मन की खराई से तूने यह काम किया है और मैंने तुझे रोक भी रखा कि तू मेरे विरुद्ध पाप न करे; इसी कारण मैंने तुझको उसे छूने नहीं दिया।7इसलिए अब उस पुरुष की पत्‍नी को उसे लौटाए; क्योंकि वह नबी है*, और तेरे लिये प्रार्थना करेगा, और तू जीता रहेगा पर यदि तू उसको न लौटा दे तो जान रख, कि तू, और तेरे जितने लोग हैं, सब निश्चय मर जाएँगे।”
8सवेरे अबीमेलेक ने तड़के उठकर अपने सब कर्मचारियों को बुलवाकर ये सब बातें सुनाईं; और वे लोग बहुत डर गए।9तब अबीमेलेक ने अब्राहम को बुलवाकर कहा, “तूने हम से यह क्या किया है? और मैंने तेरा क्या बिगाड़ा था कि तूने मेरे और मेरे राज्य के ऊपर ऐसा बड़ा पाप डाल दिया है? तूने मेरे साथ वह काम किया है जो उचित न था।”
10फिर अबीमेलेक ने अब्राहम से पूछा, “तूने क्या समझकर ऐसा काम किया?”11अब्राहम ने कहा, “मैंने यह सोचा था कि इस स्थान में परमेश्‍वर का कुछ भी भय न होगा; इसलिए ये लोग मेरी पत्‍नी के कारण मेरा घात करेंगे।12इसके अतिरिक्त सचमुच वह मेरी बहन है, वह मेरे पिता की बेटी तो है पर मेरी माता की बेटी नहीं; फिर वह मेरी पत्‍नी हो गई।
13और ऐसा हुआ कि जब परमेश्‍वर ने मुझे अपने पिता का घर छोड़कर निकलने की आज्ञा दी, तब मैंने उससे कहा, ‘इतनी कृपा तुझे मुझ पर करनी होगी कि हम दोनों जहाँ-जहाँ जाएँ वहाँ-वहाँ तू मेरे विषय में कहना कि यह मेरा भाई है’।”14तब अबीमेलेक ने भेड़-बकरी, गाय-बैल, और दास-दासियाँ लेकर अब्राहम को दीं, और उसकी पत्‍नी सारा को भी उसे लौटा दिया।
15और अबीमेलेक ने कहा, “देख, मेरा देश तेरे सामने है; जहाँ तुझे भाए वहाँ रह।”16और सारा से उसने कहा, “देख, मैंने तेरे भाई को रूपे के एक हजार टुकड़े दिए हैं। देख, तेरे सारे संगियों के सामने वही तेरी आँखों का परदा बनेगा, और सभी के सामने तू ठीक होगी।”
17तब अब्राहम ने यहोवा से प्रार्थना की*, और यहोवा ने अबीमेलेक, और उसकी पत्‍नी, और दासियों को चंगा किया और वे जनने लगीं।18क्योंकि यहोवा ने अब्राहम की पत्‍नी सारा के कारण अबीमेलेक के घर की सब स्त्रियों की कोखों को पूरी रीति से बन्द कर दिया था।


Genesis 20:1

शूर

यह मिस्र की उत्तरी सीमा का निर्जन स्थान था

दूत भेजकर सारा को बुलवा लिया

उसने अपने मनुष्यों को भेजा कि वो सारा को उसके पास लेकर आएँ।

परमेश्‍वर ने स्वप्न में अबीमेलेक के पास आकर

परमेश्‍वर अबीमेलेक के सामने प्रकट हुआ

सुन

ध्यान से सुन

तू मर जाएगा

मैं तुझे मार दूँगा

वह सुहागिन है

वह विवाहित औरत है

Genesis 20:4

परन्तु

यहाँ कहानी अबीमेलेक की ओर मुड़ती है।

अबीमेलेक उसके पास न गया था

अबीमेलेक उसके साथ सोया नहीं था।

निर्दोष जाति का भी

यहाँ जाति का अर्थ लोग हैं। “निर्दोष लोगों को भी”

क्या उसी ने स्वयं मुझसे नहीं कहा, ‘वह मेरी बहन है?’ और उस स्त्री ने भी आप कहा, ‘वह मेरा भाई है

क्या उसी ने स्वयं मुझसे नहीं कहा, ‘वह मेरी बहन है?’ और उस स्त्री ने भी आप कहा, ‘वह मेरा भाई है

क्या उसी ने स्वयं मुझसे नहीं कहा, ‘वह मेरी बहन है?

अब्राहम ने स्वयं मुझे कहा कि वो उसकी बहन है।

क्या उसी ने स्वयं मुझसे नहीं कहा…उस स्त्री ने भी आप कहा

यहाँ “उसी ने सवयं“ और “आप“ शब्दों का उपयोग अब्राहम और सारा पर दोष लगाने के लिए किया गया है।

मैंने तो अपने मन की खराई और अपने व्यवहार की सच्चाई से यह काम किया

मैंने यह काम किसी दुष्टता की सोच के साथ नहीं किया।

Genesis 20:6

परमेश्‍वर ने उससे …कहा,

परमेश्‍वर ने अबीमेलेक कहा

अपने मन की खराई से तूने यह काम किया है

तूने यह काम बिना किसी दुष्ट विचार के किया है।

उसे छूने नहीं दिया

उसके साथ सोने नहीं दिया

पुरुष की पत्‍नी

अब्राहम की पत्‍नी

तू जीता रहेगा

मैं तुझे जीवित छोड़ दूँगा

तेरे जितने लोग हैं,

तेरे सब लोग

Genesis 20:8

सब कर्मचारियों को बुलवाकर ये सब बातें सुनाईं

उसने उनको वो सब बातें बताई जो परमेश्वर ने उस से कही थी।

तूने हम से यह क्या किया है?

“तूने हमारे साथ बहुत बुरा किया है” या “तूने हमारे साथ यह क्या किया है”

हम से

यहाँ इस शब्द में अब्राहम और सारा नहीं आते

मैंने तेरा क्या बिगाड़ा था कि तूने मेरे और मेरे राज्य के ऊपर ऐसा बड़ा पाप डाल दिया है?

मैनें तुम्हारे साथ कुछ ग़लत नहीं किया है कि तू मेरे साथ ऐसा करे।

तूने मेरे और मेरे राज्य के ऊपर ऐसा बड़ा पाप डाल दिया है?

तूने मुझे और मेरे राज्य को ऐसे पाप का दोषी बना दिया है

मेरे राज्य के ऊपर

मेरे राज्य के लोगों के ऊपर

तूने मेरे साथ वह काम किया है जो उचित न था

तुझे मेरे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था।

Genesis 20:10

तूने क्या समझकर ऐसा काम किया?

तुमने मुझ से यह क्यों कहा कि सारा तुम्हारी बहन है।

मैंने यह सोचा था कि इस स्थान में परमेश्‍वर का कुछ भी भय न होगा; इसलिए ये लोग मेरी पत्‍नी के कारण मेरा घात करेंगे

मैंने सोचा कि क्योंकि यहाँ कोई परमेश्वर का भय नहीं मानता, शायद कोई मुझे मार डाले और इसे ले जाए

इस स्थान में परमेश्‍वर का कुछ भी भय न होगा

यहाँ गरार में कोई परमेश्वर का भय नहीं मानता

परमेश्‍वर का भय

इसका अर्थ कि कोई भी गहराई से परमेश्वर का भय उसकी आज्ञाओं को मान कर नहीं दिखाता

इसके अतिरिक्त सचमुच वह मेरी बहन है

और यह भी सच है कि सारा मेरी बहन है

वह मेरे पिता की बेटी तो है पर मेरी माता की बेटी नहीं

हमारा पिता एक ही है पर हमारी माताएँ अलग हैं।

Genesis 20:13

सामान्य जानकारी

पद 13 अब्राहम के अबीमेलेक को दिये उत्तर का हिस्सा है।

मुझे अपने पिता का घर

मेरे पिता के घराने

तब मैंने उससे कहा, ‘इतनी कृपा तुझे मुझ पर करनी होगी कि हम दोनों जहाँ-जहाँ जाएँ वहाँ-वहाँ तू मेरे विषय में कहना कि यह मेरा भाई है।

मैंने सारा से कहा कि मैं चाहता हूँ वो मेरे साथ अपनी वफादारी दूसरों को यह कहकर बताए कि मैं उसका भाई हूँ।

तब अबीमेलेक ने …लेकर

अबीमेलेक लाया

Genesis 20:15

अबीमेलेक ने कहा

अबीमेलेक ने अब्राहम से कहा

देख

यहाँ “देख“ शब्द के बाद बात शुरू होती है

मेरा देश तेरे सामने है

मैं अपना सारा देश तुझे उपलब्ध करवा दिया है।

जहाँ तुझे भाए वहाँ रह

यहाँ तुझे सही लगे वहीं रह

एक हजार

1000

तेरे सारे संगियों के सामने वही तेरी आँखों का परदा बनेगा

मैं उसे दे रहा हूँ ताकि जो लोग तेरे साथ हैं जान लें कि तूने कुछ ग़लत नहीं किया

आँखों का

यहाँ आँखों का मतलब किसी व्यक्ति के विचारों से है

सभी के सामने तू ठीक होगी

सब जान लेंगे कि तू निर्दोष है

Genesis 20:17

पूरी रीति से बन्द कर दिया था

बच्चे को जन्म देने की क्षमता बिल्कुल खत्म कर दी थी

अब्राहम की पत्‍नी सारा के कारण

क्योंकि अब्राहम ने अबीमेलेक की पत्नी सारा को ले लिया था।


Chapter 21

इसहाक का जन्म

1यहोवा ने जैसा कहा था वैसा ही सारा की सुधि लेकर उसके साथ अपने वचन के अनुसार किया*।2सारा अब्राहम से गर्भवती होकर उसके बुढ़ापे में उसी नियुक्त समय पर जो परमेश्‍वर ने उससे ठहराया था, एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।3अब्राहम ने अपने पुत्र का नाम जो सारा से उत्‍पन्‍न हुआ था इसहाक रखा। (मत्ती 1:2, लूका 3:34)4और जब उसका पुत्र इसहाक आठ दिन का हुआ, तब उसने परमेश्‍वर की आज्ञा के अनुसार उसका खतना किया। (प्रेरि. 7:8)

5जब अब्राहम का पुत्र इसहाक उत्‍पन्‍न हुआ तब वह एक सौ वर्ष का था।6और सारा ने कहा, “परमेश्‍वर ने मुझे प्रफुल्लित किया है; इसलिए सब सुननेवाले भी मेरे साथ प्रफुल्लित होंगे।”7फिर उसने यह भी कहा, “क्या कोई कभी अब्राहम से कह सकता था, कि सारा लड़कों को दूध पिलाएगी? पर देखो, मुझसे उसके बुढ़ापे में एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।”
8और वह लड़का बढ़ा और उसका दूध छुड़ाया गया; और इसहाक के दूध छुड़ाने के दिन अब्राहम ने बड़ा भोज किया। (गला. 4:22, इब्रा 11:11)
हागार और इश्माएल का निकाला जाना

9तब सारा को मिस्री हागार का पुत्र, जो अब्राहम से उत्‍पन्‍न हुआ था, हँसी करता हुआ दिखाई पड़ा।*
10इस कारण उसने अब्राहम से कहा, “इस दासी को पुत्र सहित निकाल दे: क्योंकि इस दासी का पुत्र मेरे पुत्र इसहाक के साथ भागी न होगा।” (गला. 4:29)11यह बात अब्राहम को अपने पुत्र के कारण बुरी लगी।
12तब परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, “उस लड़के और अपनी दासी के कारण तुझे बुरा न लगे; जो बात सारा तुझ से कहे, उसे मान, क्योंकि जो तेरा वंश कहलाएगा सो इसहाक ही से चलेगा। (इब्रा. 11:18, रोम 9:7)13दासी के पुत्र से भी मैं एक जाति उत्‍पन्‍न करूँगा इसलिए कि वह तेरा वंश है।”
14इसलिए अब्राहम ने सवेरे तड़के उठकर रोटी और पानी से भरी चमड़े की थैली भी हागार को दी, और उसके कंधे पर रखी, और उसके लड़के को भी उसे देकर उसको विदा किया। वह चली गई, और बेर्शेबा के जंगल में भटकने लगी।15जब थैली का जल समाप्त हो गया, तब उसने लड़के को एक झाड़ी के नीचे छोड़ दिया।16और आप उससे तीर भर के टप्पे पर दूर जाकर उसके सामने यह सोचकर बैठ गई, “मुझ को लड़के की मृत्यु देखनी न पड़े।” तब वह उसके सामने बैठी हुई चिल्ला-चिल्लाकर रोने लगी।
17परमेश्‍वर ने उस लड़के की सुनी*; और उसके दूत ने स्वर्ग से हागार को पुकारकर कहा, “हे हागार, तुझे क्या हुआ? मत डर; क्योंकि जहाँ तेरा लड़का है वहाँ से उसकी आवाज परमेश्‍वर को सुन पड़ी है।18उठ, अपने लड़के को उठा और अपने हाथ से सम्भाल; क्योंकि मैं उसके द्वारा एक बड़ी जाति बनाऊँगा।”
19तब परमेश्‍वर ने उसकी आँखें खोल दीं, और उसको एक कुआँ दिखाई पड़ा; तब उसने जाकर थैली को जल से भरकर लड़के को पिलाया।20और परमेश्‍वर उस लड़के के साथ रहा; और जब वह बड़ा हुआ, तब जंगल में रहते-रहते धनुर्धारी बन गया।21वह पारान नामक जंगल में रहा करता था; और उसकी माता ने उसके लिये मिस्र देश से एक स्त्री मँगवाई।
अबीमेलेक के साथ अब्राहम की वाचा

22उन दिनों में ऐसा हुआ कि अबीमेलेक अपने सेनापति पीकोल को संग लेकर अब्राहम से कहने लगा, “जो कुछ तू करता है उसमें परमेश्‍वर तेरे संग रहता है;23इसलिए अब मुझसे यहाँ इस विषय में परमेश्‍वर की शपथ खा कि तू न तो मुझसे छल करेगा, और न कभी मेरे वंश से करेगा, परन्तु जैसी करुणा मैंने तुझ पर की है, वैसी ही तू मुझ पर और इस देश पर भी, जिसमें तू रहता है, करेगा।”24अब्राहम ने कहा, “मैं शपथ खाऊँगा।”
25और अब्राहम ने अबीमेलेक को एक कुएँ के विषय में जो अबीमेलेक के दासों ने बलपूर्वक ले लिया था, उलाहना दिया।26तब अबीमेलेक ने कहा, “मैं नहीं जानता कि किसने यह काम किया; और तूने भी मुझे नहीं बताया, और न मैंने आज से पहले इसके विषय में कुछ सुना।”27तब अब्राहम ने भेड़-बकरी, और गाय-बैल अबीमेलेक को दिए; और उन दोनों ने आपस में वाचा बाँधी।
28अब्राहम ने सात मादा मेम्नों को अलग कर रखा।29तब अबीमेलेक ने अब्राहम से पूछा, “इन सात बच्चियों का, जो तूने अलग कर रखी हैं, क्या प्रयोजन है?”30उसने कहा, “तू इन सात बच्चियों को इस बात की साक्षी जानकर मेरे हाथ से ले कि मैंने यह कुआँ खोदा है।”
31उन दोनों ने जो उस स्थान में आपस में शपथ खाई, इसी कारण उसका नाम बेर्शेबा पड़ा।32जब उन्होंने बेर्शेबा में परस्पर वाचा बाँधी, तब अबीमेलेक और उसका सेनापति पीकोल, उठकर पलिश्तियों के देश में लौट गए।
33फिर अब्राहम ने बेर्शेबा में झाऊ का एक वृक्ष लगाया, और वहाँ यहोवा से जो सनातन परमेश्‍वर है, प्रार्थना की।34अब्राहम पलिश्तियों के देश में बहुत दिनों तक परदेशी होकर रहा।


Genesis 21:1

यहोवा ने सारा की सुधि लेकर

इस वाक्‍य से ये पता चलता है कि यहोवा ने सारा की मदद की।

अब्राहम से गर्भवती होकर।

अब्राहम से एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।

बुढ़ापे में

जब अब्राहम बहुत बूढ़ा हो गया था।

उसी नियुक्त समय पर जो परमेश्‍वर ने उससे ठहराया था।

ठीक उसी समय पर जब यहोवा ने उसे बताया था कि यह होगा।

अब्राहम ने अपने पुत्र का नाम जो सारा से उत्‍पन्‍न हुआ था इसहाक रखा।

अब्राहम ने अपने नवजात बेटे का नाम इसहाक रखा।

और जब उसका पुत्र इसहाक आठ दिन का हुआ,

जब उसका बेटा इसहाक आठ दिन का था, इब्राहीम ने उसका खतना किया

आठ दिन।

8 दिन।

परमेश्‍वर की आज्ञा।

परमेश्‍वर ने अब्राहम को ऐसा करने की आज्ञा दी थी।

Genesis 21:5

एक सौ वर्ष

100 वर्ष ।

“परमेश्‍वर ने मुझे प्रफुल्लित किया।

सारा हस रही थी क्योंकि वह हैरान और खुश थी. इसे स्पष्ट किया जा सकता है। पर परमेश्‍वर ने मुझे खुशी से हँसने के लिए कारण दिया है।

इसलिए सब सुननेवाले भी मेरे साथ प्रफुल्लित होंगे।”

क्या लोगों को सुना होगा स्पष्ट रूप से कहा जा सकता हर कोए जो परमेश्‍वर से मेरे बारे मे सूनता है प्रफुल्लित होंगे,।

क्या कोई कभी अब्राहम से कह सकता था, कि सारा लड़कों को दूध पिलाएगी

"कोई भी कभी इब्राहीम से कह सकता था कि सारा बच्चों की देखभाल करेगी।

दूध पिलाएगी

एक बच्चे को अपना दूध पिलाएगी।

Genesis 21:8

और वह लड़का बढ़ा और उसका दूध छुड़ाया गया

जब इसहाक बढ़ा हो गया तब उसे अपनी माँ के दूध की जरूरत नहीं थी । अब्राहीम के पास एक बड़ी दावत थी

मिस्री हागार का पुत्र, जो अब्राहम से उत्‍पन्‍न हुआ था, हँसी करता हुआ दिखाई पड़ा।

हागार के बेटे का नाम स्पष्ट रूप से कहा जा सकता इश्माएल हागार मिस्री और इब्राहीम का बेटा था।

हँसी करता हुआ

यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि वह मजाक कर रहा था या इसहाक पर हँस रहा था।

Genesis 21:10

उसने अब्राहम से कहा।

सारा ने अब्राहम से कहा।

निकाल दे।

दूर भेज दे।

“इस दासी को पुत्र सहित निकाल दे।

यह वाक्‍य हागार ओर इश्माएल संदर्भित करता है। सारा शायद उन्हें नाम से उल्लेख नहीं करती थी क्योंकि वह उन लोगों के साथ गुस्सा थी।

इसहाक के साथ।

मेरे बेटे इसहाक के साथ।

यह बात अब्राहम को अपने पुत्र के कारण बुरी लगी।

सारा की बात से अब्राहम बहुत दुखी था।

अपने पुत्र के कारण बुरी लगी।

क्योंकि यह अपने बेटे के बारे में थी।

Genesis 21:12

“उस लड़के और अपनी दासी के कारण तुझे बुरा न लगे;

उस लड़के और अपनी दासी के बारे मे परेशान मत हो।

जो बात सारा तुझ से कहे, उसे मान

उसे मान जे सारा तुझ से करने को बेल रही है।

क्योंकि जो तेरा वंश कहलाएगा सो इसहाक ही से चलेगा।

इस वाक्य का नाम'' होगा"का अर्थ है कि इसहाक के माध्यम से पैदा हुए लोगो को परमेश्वर उन वंशजों के रूप में मानता है जो उसने अब्राहम से वादा किया था। यह सक्रिय रूप में कहा जा सकता है।

दासी के पुत्र से भी मैं एक जाति उत्‍पन्‍न करूँगा।

मैं दासी और उसके बेटे को भी एक महान जाति का पिता बना देगा।

Genesis 21:14

उठकर रोटी

संभव अर्थ हैं 1) यह सामान्य रूप से भोजन को संदर्भित करता है या 2) यह विशेष रूप से रोटी को संदर्भित करता

और पानी से भरी चमड़े की थैली।

'पानी का एक बैग; पानी का पात्र पशु कि खाल से बना होता था।

जब थैली का जल समाप्त हो गया।

जब पानी की थैली खाली थी। ओर जब उन्‍हे ने सारा पानी पी लिया था।

तीर भर के टप्पे पर दूर जाकर उसके सामने यह सोचकर बैठ गई।

यह दूरी है कि एक व्यक्ति एक धनुष के साथ एक तीर को संदर्भित करता है. यह लगभग 100 मीटर की दूरी पर है

“मुझ को लड़के की मृत्यु देखनी न पड़े।

"मैं लड़के को मरता देखना नहीं चाहती।

तब वह उसके सामने बैठी हुई चिल्ला-चिल्लाकर रोने लगी।

वह ज़ोर से रोयी।

Genesis 21:17

परमेश्‍वर ने उस लड़के की सुनी।

यह आवाज इश्माएल की थी।

स्वर्ग से दूत ने

परमेश्‍वर ने एक स्वर्ग दूत को भेजा।

स्वर्ग से हागार को पुकारकर कहा,

यहाँ ["स्‍वर्ग]" का अर्थ है वह स्थान जहाँ परमेश्वर रहता है।

तुझे क्या हुआ।

तुम क्यों रो रही है।

जहाँ तेरा लड़का है वहाँ से उसकी आवाज सुन पड़ी है।

लड़के की आवाज सुन ली गयी है।

अपने लड़के को उठा

लड़के की खड़े होने में मदद करें।

मैं उसके द्वारा एक बड़ी जाति बनाऊँगा।

एक महान ऊधम में बनाने के लिए परमेश्‍वर उसे कई जाति जो एक महान ऊधम बन जाएगी दे देंगे. पर: "मैं अपनी जाति को एक महान ऊधम बना कर देग।

Genesis 21:19

तब परमेश्‍वर ने उसकी आँखें खोल दीं, और उसको दिखाई।

परमेश्‍वर ने हागार को अच्छी तरह से पता करने के बारे में बात की है के रूप में अगर वह सचमुच उसकी आँखें खोली।

थैली

चमड़े से बना पात्र " या ["बैग]"।

लड़का।

इश्माएल।

परमेश्‍वर उस लड़के के साथ रहा

यहाँ वाक्य ["के साथ था] एक मुहावरा है कि परमेश्‍वर ने मदद की या लड़के को आशीर्वाद दिया है.

धनुर्धारी बन गया।

वह धनुष और तीर का उपयोग करने में बहुत कुशल बन गया।

एक स्त्री मँगवाई।

एक पत्नी मिल गई

Genesis 21:22

उन दिनों में ऐसा हुआ।

यह वाक्य कहानी के एक नए भाग की शुरुआत के निशान दरशाता है।यदि आपकी भाषा ऐसा करने के लिए एक तरीका है, तो आप इसे यहाँ का उपयोग करने पर विचार कर सकते है।

पीकोल

यह एक मनुष्य का नाम है।

सेनापति

सेना का सेनापति।

अपने सेनापति

वह शब्द ["उसने]" अबीमेलेक को संदर्भित करता है।

उसमें परमेश्‍वर तेरे संग रहता है

यहाँ वाक्य [ तेरे संग रहता है] एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि परमेश्वर मदद करता है या अब्राहम को आशीर्वाद देता है।

अब इसलिए।

शब्द ["अब] "इस समय का मतलब यह नहीं है," लेकिन इस प्रकार महत्वपूर्ण बिंदु की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

यहाँ इस विषय में परमेश्‍वर की शपथ खा

मुझे अपनी गवाही के रूप में परमेश्वर के साथ वादा कर।

शपथ खा कि तू न तो मुझसे छल करेगा

"कि तुम मुझसे झूठ नहीं बोलेगा।

न तो मेरे वंश से छल करेगा।

मेरे और मेरे वंशजों के साथ ईमानदारी से सौदा रहेगा।

परन्तु जैसी करुणा मैंने तुझ पर की है,

दोनों ने एक-दूसरे से करार किया था। मेरे प्रति और भूमि के प्रति वफादार रहें।

देश पर भी

देश के लोगों के लिए"

“मैं शपथ खाऊँगा।

मैं कसम खाता हूँ के रूप में आप और आपके लोगों के लिए वफादार हो अगर ये मेरे लिए किया गया है

Genesis 21:25

अब्राहम ने अबीमेलेक को एक उलाहना दिया

संभावित अंक हैं 1) इब्राहीम क्या हुआ या 2) के बारे में शिकायत कर रहा था।

एक कुएँ के विषय में जो अबीमेलेक के दासों ने बलपूर्वक ले लिया था,

क्योंकि अबीमेलेक के सेवकों ने अब्राहम के एक कुओं ले लिया था ।

इसके विषय में कुछ सुना।

अब्राहम से लिया गया

इसके विषय में कुछ सुना।”

यह पहली बार मैं इसके बारे में सुना है।

तब अब्राहम ने भेड़-बकरी, और गाय-बैल अबीमेलेक को दिए

यह दोस्ती की निशानी है और अब्राहम अबीमेलेक के साथ वाचा बाँधने के लिए तैयार था

Genesis 21:28

अब्राहम ने सात मादा मेम्नों को अलग कर रखा

अब्राहम ने झुंड से सात मादा मेम्नों को अलग कर दिया।

सात

''7''

इन सात बच्चियों का, जो तूने अलग कर रखी हैं, क्या प्रयोजन है

तुम ने झुंड में से इन सात भेड़ के बच्चे को अलग क्यों कर दिया है

मेरे हाथ से ले

आप ले जाएगा"

मेरे हाथ का

अब्राहम के लिए उपयोग लिये गये हैं

जानकर

शब्द "साक्षी" सात मेमनों के उपहार को संदर्भित करता है।

इस बात की साक्षी जानकर मेरे हा से ले

हर किसी को साबित करने के लिए।

Genesis 21:31

इसी कारण उसका नाम

अब्राहम ने उस स्थान का नाम रखा

बेर्शेबा

बेर्शेबा का अर्थ है वाचा का कुँआ

उन दोनों

अब्राहम ओर अबीमेलेक।

पीकोल

यह एक पुरुष का नाम है।

उठकर पलिश्तियों के देश में लौट गए

"पलिश्तियों के देश में वापस चला गया।

Genesis 21:33

झाऊ का एक वृक्ष

यह एक सदाबहार पेड़ है जो रेगिस्तान में बढ़ सकता है।

सनातन परमेश्‍वर।

परमेश्‍वर जो हमेशा के लिए रहता है।

बहुत दिनों

यह समय की एक लंबी अवधि के लिए खड़ा है


Chapter 22

इसहाक का बलिदान

1इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ कि परमेश्‍वर ने, अब्राहम से यह कहकर उसकी परीक्षा की*, “हे अब्राहम!” उसने कहा, “देख, मैं यहाँ हूँ।” (इब्रा. 11:17)2उसने कहा, “अपने पुत्र को अर्थात् अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिससे तू प्रेम रखता है, संग लेकर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहाँ उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊँगा होमबलि करके चढ़ा।”3अतः अब्राहम सवेरे तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कसकर अपने दो सेवक, और अपने पुत्र इसहाक को संग लिया, और होमबलि के लिये लकड़ी चीर ली; तब निकलकर उस स्थान की ओर चला, जिसकी चर्चा परमेश्‍वर ने उससे की थी।

4तीसरे दिन अब्राहम ने आँखें उठाकर उस स्थान को दूर से देखा।5और उसने अपने सेवकों से कहा, “गदहे के पास यहीं ठहरे रहो; यह लड़का और मैं वहाँ तक जाकर, और दण्डवत् करके, फिर तुम्हारे पास लौट आएँगे।”6तब अब्राहम ने होमबलि की लकड़ी ले अपने पुत्र इसहाक पर लादी, और आग और छुरी को अपने हाथ में लिया; और वे दोनों एक साथ चल पड़े।
7इसहाक ने अपने पिता अब्राहम से कहा, “हे मेरे पिता,” उसने कहा, “हे मेरे पुत्र, क्या बात है?” उसने कहा, “देख, आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिये भेड़ कहाँ है?”8अब्राहम ने कहा, “हे मेरे पुत्र, परमेश्‍वर होमबलि की भेड़ का उपाय आप ही करेगा।” और वे दोनों संग-संग आगे चलते गए।
9जब वे उस स्थान को जिसे परमेश्‍वर ने उसको बताया था पहुँचे; तब अब्राहम ने वहाँ वेदी बनाकर लकड़ी को चुन-चुनकर रखा, और अपने पुत्र इसहाक को बाँध कर वेदी पर रखी लड़कियों के ऊपर रख दिया। (याकू. 2:21)10फिर अब्राहम ने हाथ बढ़ाकर छुरी को ले लिया कि अपने पुत्र को बलि करे।
11तब यहोवा के दूत ने स्वर्ग से उसको पुकारकर कहा, “हे अब्राहम, हे अब्राहम!” उसने कहा, “देख, मैं यहाँ हूँ।”12उसने कहा, “उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उसे कुछ कर; क्योंकि तूने जो मुझसे अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इससे मैं अब जान गया कि तू परमेश्‍वर का भय मानता है।”
13तब अब्राहम ने आँखें उठाई, और क्या देखा, कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगों से एक झाड़ी में फँसा हुआ है; अतः अब्राहम ने जाकर उस मेढ़े को लिया, और अपने पुत्र के स्थान पर होमबलि करके चढ़ाया।14अब्राहम ने उस स्थान का नाम यहोवा यिरे रखा, इसके अनुसार आज तक भी कहा जाता है, “यहोवा के पहाड़ पर प्रदान किया जाएगा।”
15फिर यहोवा के दूत ने दूसरी बार स्वर्ग से अब्राहम को पुकारकर कहा,16“यहोवा की यह वाणी है, कि मैं अपनी ही यह शपथ खाता हूँ कि तूने जो यह काम किया है कि अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; (लूका 1:73,74)17इस कारण मैं निश्चय तुझे आशीष दूँगा; और निश्चय तेरे वंश को आकाश के तारागण, और समुद्र तट के रेतकणों के समान अनगिनत करूँगा, और तेरा वंश अपने शत्रुओं के नगरों का अधिकारी होगा; (इब्रा. 6:13,14)
18और पृथ्वी की सारी जातियाँ अपने को तेरे वंश के कारण धन्य मानेंगी: क्योंकि तूने मेरी बात मानी है।”19तब अब्राहम अपने सेवकों के पास लौट आया, और वे सब बेर्शेबा को संग-संग गए; और अब्राहम बेर्शेबा में रहने लगा।
नाहोर के वंशज

20इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ कि अब्राहम को यह सन्देश मिला, “मिल्का के तेरे भाई नाहोर से सन्तान उत्‍पन्‍न हुई हैं।”21मिल्का के पुत्र तो ये हुए, अर्थात् उसका जेठा ऊस, और ऊस का भाई बूज, और कमूएल, जो अराम का पिता हुआ।22फिर केसेद, हज़ो, पिल्दाश, यिद्लाप, और बतूएल।
23इन आठों को मिल्का ने अब्राहम के भाई नाहोर के द्वारा जन्म दिया। और बतूएल से रिबका उत्‍पन्‍न हुई।24फिर नाहोर के रूमा नामक एक रखैल भी थी; जिससे तेबह, गहम, तहश, और माका, उत्‍पन्‍न हुए।


Genesis 22:1

इन बातों के।

यह वाक्य यहाँ प्रयोग किया जाता है कहानी के एक नए भाग की शुरुआत के निशान. यदि आपकी भाषा ऐसा करने के लिए एक तरीका है, तो आप इसे यहाँ का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं।

पश्चात् ऐसा हुआ।

यह वाक्य अध्याय 21 में हुई घटनाओं का उल्लेख करता है।

परमेश्‍वर ने, अब्राहम से यह कहकर उसकी परीक्षा की*,

"परमेशवर ने अब्राहाम की वफादारी की परख की”

मैं यहाँ हूँ।

हाँ, मैं सुन रहा हूँ।

अपने एकलौते पुत्र।

परमेश्वर जानता था कि अब्राहाम का एक और बेटा इश्माएल है. इस बात पर ज़ोर दिया गया कि इसहाक वह बेटा है जिसने परमेश्वर ने अब्राहम को देने का वादा किया था। इस बयान का पूरा अर्थ स्पष्ट किया जा सकता है। “तेरा एकलौता पुत्र जिसकी मैंने प्रतिज्ञा की है।

जिससे तू प्रेम रखता है।

यह अपने बेटे इसहाक के लिए अब्राहाम के प्यार पर जोर देती है

संग लेकर मोरिय्याह देश में चला जा।

मोरिया नामक भूमि।

गदहे पर काठी।

उसने जरूरत की चीजें अपने गधे पर लाद लीं

दो सेवक।

''2'' सेवक।

उस स्थान की ओर चला।

अपनी यात्रा शुरू कर दी।

Genesis 22:4

तीसरे दिन

"तीन दिनों की यात्रा करने के बाद

उस स्थान को दूर से देखा।

उस जगह को बहुत दूर से देखा, जहाँ परमेश्‍वर ने बोला था।

सेवकों।

सेवकों।

दण्डवत् करके।

यह शब्द ["हम] केवल अब्राहाम और इसहाक को दर्शाता है

फिर तुम्हारे पास लौट आएँगे।

आप के पास वापिस जा जाएँगे

लकड़ी ले अपने पुत्र इसहाक पर लादी।

अपने बेटे इसहाक ये चीजें उठाने के लिए दीं।

और आग और छुरी को अपने हाथ में लिया।

अब्राहाम ने स्वयं यह लिया

और आग।

आग जलाने के लिए कुछ सामान

और वे दोनों एक साथ चल पड़े।

दोनों एक साथ चले गये

Genesis 22:7

मेरे पिता।

यह एक बेटे का अपने पिता से प्रेमपूर्वक बात करने का तरीका था।

हे मेरे पुत्र, क्या बात है।

हाँ, मैं सुन रहा हूँ।

मेरे पुत्र।

यह एक पिता का अपने बेटे से प्रेमपूर्वक बात करने का तरीका था।

आग।

यहाँ आग का मतलब वो मशाल या दिया है जिसका उपयोग आग रखने के लिए लिया जाता था।

पर होमबलि के लिये भेड़ कहाँ है?

भेड़ का बच्चा है जिसको आप होमबलि के रूप में दे देंगे

परमेश्‍वर आप ही करेगा।

परमेश्वर भेड़ का बच्चा स्वयं देगा।

आप ही करेगा।

हमें देगा

Genesis 22:9

जब वे उस स्थान को पहुँचे।

जब अब्राहम और इसहाक उस जगह पर पहुंचे।

बाँध कर।

उसने उसे बाँधा

वेदी पर रखी लड़कियों के ऊपर रख दिया।

उन लकड़ीयों पर जो वेदी के ऊपर रखी हुई थी

हाथ बढ़ाकर छुरी को ले लिया कि अपने पुत्र को बलि करे।

चाकू को उठाया।

Genesis 22:11

यहोवा के दूत

संभव अर्थ हैं। 1) यहोवा के दूत के रूप में था या 2) यह परमेश्वर का एक दूत था 3) यह यहोवा का विशेष दूत था (कुछ विद्वानों को लगता है कि यह यीशु था).

स्वर्ग से।

यह उस स्थान को संदर्भित करता है जहां परमेश्वर रहता है।

देख, मैं यहाँ हूँ।

हाँ, मैं सुन रहा हूँ।

उसने कहा, “उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उसे कुछ कर;

वाक्य "पर अपना हाथ मत बढ़ा'' यह कहने का एक तरीका है कि "हानि मत करो। " परमेश्वर ने मूल रूप से एक ही बात पर दो बार जोर दिया कि अब्राहम को इसहाक को चोट नहीं पहुँचानी चाहिए।

अब जान गया जो मुझसे

मैं" और "मुझे" शब्द यहोवा का उल्लेख करते हैं।

परमेश्‍वर का भय मानता है।

इसका मतलब है, परमेश्वर का गहरा आदर करना और उसकी आज्ञा मानने से उसका आदर करना।

अब जान गया कि ।

क्योंकि मैं देख रहा हूँ कि।

इससे मैं अब जान गया कि तू परमेश्‍वर का भय मानता है।

तुम अपने बेटे को ... मुझे देने के लिए तैयार थे।

अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र ।

इसका मतलब यह है कि परमेश्वर जानता है कि अब्राहम का एक और बेटा इश्माएल है। इस बात पर ज़ोर दिया गया कि इसहाक वह बेटा है जिसे परमेश्वर ने अब्राहम को देने का वादा किया था।

Genesis 22:13

देखा।

यहाँ देखा शब्द ध्यान खींचने के लिए है

एक मेढ़ा अपने सींगों से एक झाड़ी में फँसा हुआ है

यह सक्रिय रूप में कहा जा सकता है." एक मेढ़ा जिसके सींग झाड़ियों में फंस गए था " या मेढ़ा झाड़ियों में फंस गया था।

जाकर उस मेढ़े को लिया।

अब्राहम मेढ़े के पास गया और उसे ले गया।

यिरे रखा...., प्रदान किया जाएगा।

परमेश्वर देगा

आज तक

आज तक मतलब जब लेखक इसे लिख रहा था उस समय

किया जाएगा।”

यह सक्रिय रूप में कहा जा सकता है. कि"वो प्रदान करेगा।

Genesis 22:15

यहोवा के दूत

संभव अर्थ हैं। 1) यहोवा के दूत के रूप में था या 2) यह परमेश्वर का एक दूत था 3) यह यहोवा का विशेष दूत था (कुछ विद्वानों को लगता है कि यह यीशु था)।

दूसरी बार।

यह “दोबारा“ के लिए उपयोग किए जाने वाला आम शब्द है

स्वर्ग से।

"वह जगह है जहाँ परमेश्‍वर रहता है।

यहोवा की यह वाणी है।

यहोवा की यह वाणी है कि यहोवा की और से यह वचन आई है।

कि मैं अपनी ही यह शपथ खाता हूँ।

यहोवा के लिए और अधिक शक्तिशाली कुछ भी नहीं है कि खुद से शपथ खाता हूँ.

कि तूने जो यह काम किया है।

तुमने मेरी आज्ञा मानी।

अपने पुत्र भी, नहीं रख छोड़ा।

अपने बेटे को वापस नहीं रखा है।

निश्चय तुझे आशीष दूँगा।

निश्चित रूप से आशीष दूँगा।

तेरे वंश को आकाश के अनगिनत करूँगा।

मैं तुम्हारे वंशजों को बहुत-बहुत बड़ाऊँगा।

आकाश के तारागण, और समुद्र तट के रेतकणों के समान अनगिनत करूँगा।

परमेश्‍वर ने अब्राहम के वंशजों की तुलना तारों और रेत से की। जिस तरह लोग बड़ी संख्या में तारों या रेत के दानों की गिनती नहीं कर सकते, उसी तरह अब्राहम के इतने वंशज होंगे कि लोग उनकी गिनती नहीं कर पाएंगे।

आकाश के तारागण के समान।

यहाँ शब्द आकाश सब जो हम पृथ्वी के ऊपर देखने के लिए संदर्भित करता है, सूर्य, चंद्रमा, और सितारों सहित।.

और तेरा वंश अपने शत्रुओं के नगरों का अधिकारी होगा।

यहाँ [" वंश]" पूरे शहर का प्रतिनिधित्व करता है. "अपने दुश्मनों के गेट के अधिकारी" का अर्थ है उनके शत्रुओं को नष्ट करना।

Genesis 22:18

सामान्‍य जानकारी।

यहोवा का स्वर्गदूत अब्राहम से बात करनी जारी रखता है।

सारी जातियाँ अपने को तेरे वंश के कारण धन्य मानेंगी

यह सक्रिय रूप में कहा जा सकता है. पर: ,परमेश्वर , हर जगह रहने वाले सभी लोगों को आशीर्वाद देगा।

पृथ्वी की सारी जातियाँ।

यहाँ [जातियाँ "] “लोगों“ को दर्शाता है।

क्योंकि तूने मेरी बात मानी है।

तुमने मेरी बात का पालन किया है या "तुमने मेरी आज्ञा का पालन किया है।

अब्राहम लौट आया

केवल अब्राहम का नाम इसलिए लिया गया क्योंकि वह पिता था, लेकिन यह निहित था कि उसका बेटा उसके साथ चला गया। इस बयान का पूरा अर्थ स्पष्ट किया जा सकता है।

अपने सेवकों।

सेवकों

और वे संग गए।

उन्होंने उस स्थान को छोड़ दिया।

बेर्शेबा में रहने लगा।

सिर्फ अब्राहम का ज़िक्र इसलिए किया गया क्योंकि वह अपने परिवार और नौकरों का नेता था, मगर यह था कि वे उसके साथ थे।

Genesis 22:20

इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ

इन घटनाओं के बाद." वाक्यांश ["इन बातों]" उत्पत्ति की घटनाओं को संदर्भित करता है 22:1-19।

अब्राहम को यह सन्देश मिला

किसी ने अब्राहम को बताया

मिल्का से सन्तान उत्‍पन्‍न हुई।

मिल्का ने पुत्र को जन्म दिया है

मिल्का

यह एक महिला का नाम है।

मिल्का के पुत्र तो ये हुए, अर्थात् उसका जेठा ऊस, और ऊस का भाई बूज

उसके पहले जन्म का नाम उज़ था और उसके बाकी बच्चों के नाम बुज़ था जो उसके भाई थे।

ऊस,बूज कमूएल अराम केसेद, हज़ो, पिल्दाश, यिद्लाप, और बतूएल।

ये सभी पुरुषों के नाम हैं।

Genesis 22:23

और बतूएल से रिबका उत्‍पन्‍न हुई।

बाद में बेथेल रिबका का पिता बना।

3इन आठों को मिल्का ने अब्राहम के भाई नाहोर के द्वारा जन्म दिया।

ये थे मिलका और नाहोर के आठ बच्चे,यो अब्राहीम के भाई थे।

आठों।

8

उसकी रखैल

“नाहोर की रखैल”

रूमा

यह एक महिला का नाम है।

रखैल भी।

रखैल ने भी जन्‍म दिया।

तेबह, गहम, तहश, और माका,

ये सभी पुरुषों के नाम हैं।


Chapter 23

सारा की मृत्यु और दफनाया जाना

1सारा तो एक सौ सताईस वर्ष की आयु को पहुँची; और जब सारा की इतनी आयु हुई;2तब वह किर्यतअर्बा में मर गई। यह तो कनान देश में है, और हेब्रोन भी कहलाता है। इसलिए अब्राहम सारा के लिये रोने-पीटने को वहाँ गया।

3तब अब्राहम शव के पास से उठकर हित्तियों से कहने लगा,4“मैं तुम्हारे बीच अतिथि और परदेशी हूँ; मुझे अपने मध्य में कब्रिस्तान के लिये ऐसी भूमि दो जो मेरी निज की हो जाए, कि मैं अपने मृतक को गाड़कर अपनी आँख से दूर करूँ।”
5हित्तियों ने अब्राहम से कहा,6“हे हमारे प्रभु, हमारी सुन; तू तो हमारे बीच में बड़ा प्रधान है। हमारी कब्रों में से जिसको तू चाहे उसमें अपने मृतक को गाड़; हम में से कोई तुझे अपनी कब्र के लेने से न रोकेगा, कि तू अपने मृतक को उसमें गाड़ने न पाए।”
7तब अब्राहम उठकर खड़ा हुआ, और हित्तियों के सामने, जो उस देश के निवासी थे, दण्डवत् करके कहने लगा,8“यदि तुम्हारी यह इच्छा हो कि मैं अपने मृतक को गाड़कर अपनी आँख से दूर करूँ, तो मेरी प्रार्थना है, कि सोहर के पुत्र एप्रोन* से मेरे लिये विनती करो,9कि वह अपनी मकपेलावाली गुफा, जो उसकी भूमि की सीमा पर है; उसका पूरा दाम लेकर मुझे दे दे, कि वह तुम्हारे बीच कब्रिस्तान के लिये मेरी निज भूमि हो जाए।”
10एप्रोन तो हित्तियों के बीच वहाँ बैठा हुआ था, इसलिए जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से होकर भीतर जाते थे, उन सभी के सामने उसने अब्राहम को उत्तर दिया,11“हे मेरे प्रभु, ऐसा नहीं, मेरी सुन; वह भूमि मैं तुझे देता हूँ, और उसमें जो गुफा है, वह भी मैं तुझे देता हूँ; अपने जाति भाइयों के सम्मुख मैं उसे तुझको दिए देता हूँ; अतः अपने मृतक को कब्र में रख।”
12तब अब्राहम ने उस देश के निवासियों के सामने दण्डवत् किया।13और उनके सुनते हुए एप्रोन से कहा, “यदि तू ऐसा चाहे, तो मेरी सुन उस भूमि का जो दाम हो, वह मैं देना चाहता हूँ; उसे मुझसे ले ले, तब मैं अपने मुर्दे को वहाँ गाड़ूँगा।”
14एप्रोन ने अब्राहम को यह उत्तर दिया,15“हे मेरे प्रभु, मेरी बात सुन; उस भूमि का दाम तो चार सौ शेकेल रूपा है; पर मेरे और तेरे बीच में यह क्या है? अपने मुर्दे को कब्र में रख।”16अब्राहम ने एप्रोन की मानकर उसको उतना रूपा तौल दिया, जितना उसने हित्तियों के सुनते हुए कहा था, अर्थात् चार सौ ऐसे शेकेल जो व्यापारियों में चलते थे।
17इस प्रकार एप्रोन की भूमि, जो मम्रे के सम्मुख की मकपेला में थी, वह गुफा समेत, और उन सब वृक्षों समेत भी जो उसमें और उसके चारों ओर सीमा पर थे,18जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से होकर भीतर जाते थे, उन सभी के सामने अब्राहम के अधिकार में पक्की रीति से आ गई।
19इसके पश्चात् अब्राहम ने अपनी पत्‍नी सारा को उस मकपेलावाली भूमि की गुफा में जो मम्रे के अर्थात् हेब्रोन के सामने कनान देश में है, मिट्टी दी।20इस प्रकार वह भूमि गुफा समेत, जो उसमें थी, हित्तियों की ओर से कब्रिस्तान के लिये अब्राहम के अधिकार में पूरी रीति से आ गई।


Genesis 23:1

सारा तो एक सौ सताईस वर्ष की आयु को पहुँची।

सात साल* * - “सारा 127 साल रहते थे।“

और जब सारा की इतनी आयु हुई।

कुछ अनुवादों में यह वाक्य शामिल नहीं है।

किर्यतअर्बा

यह एक शहर का नाम है।

अब्राहम सारा के लिये रोने-पीटने को वहाँ गया।

अब्राहीम बहुत उदास था और रोया क्योंकि सारा मर गयी थी।

Genesis 23:3

शव के पास से उठकर हित्तियों से कहने लगा।

उठ गया और अपनी पत्नी का शव छोड़ दिया।

हित्तियों से।

"हेठ के वंशज"।

तुम्हारे बीच।

यह विचार स्थान के रूप में व्यक्त किया जा सकता है. अत;"तुमहारे देश में।“

मुझे अपने मध्य में कब्रिस्तान के लिये ऐसी भूमि दो

मुझे कुछ भूमि बेचें।

अपने मृतक

अत: "मेरी मृत पत्नी" या "मेरी पत्नी जो मर गयी है।

Genesis 23:5

हित्तियों ने अब्राहम से

हेठ के वंशज।

हे हमारे प्रभु

इस वाक्य का उपयोग अब्राहम के प्रति आदर दिखाने के लिए किया जाता है।

बड़ा प्रधान।

"एक शक्तिशाली आदमी।

अपने मृतक को

अत; "तुम्‍हारी पत्नी जो मर गया है या "अपनी पत्नी।

अपनी कब्र के लेने से न रोकेगा।

हमारे कब्र का सबसे अच्छा।

अपनी कब्र के लेने से न रोकेगा।

तुम से उसकी दफन करने कि जगह वापस ले ली।

Genesis 23:7

दण्डवत् करके

इसका अर्थ है किसी के प्रति सम्मान और आदर व्यक्त करना बहुत कम झुकना या घुटने टेकना।

और हित्तियों के सामने, जो उस देश के निवासी थे।

क्षेत्र में रहने वाले हित्तियों के पुत्र थे।

हित्तियों

हेथ की संतान

अपने मृतक

अत; मेरी पत्नी जो मर गई है "या" मेरी पत्नी ।

सोहर एप्रोन ।

ये पुरुषों के नाम हैं।

वह अपनी मकपेलावाली गुफा, जो उसकी भूमि की सीमा पर है;

मकपेलावाली में अपने क्षेत्र के अंत में उसकी गुफा है ।

मकपेलावाली गुफा,।

मचपेला एक क्षेत्र या क्षेत्र का नाम था।

जो उसकी भूमि की सीमा पर है।

यह गुफा के बारे में कुछ बताता है. गुफा एफ्रोन के स्वामित्व में है।

उसका पूरा दाम लेकर मुझे दे दे।

यह भी गुफा के बारे में कुछ बताता है. गुफा एफ्रोन क्षेत्र के अंत में था।

मेरी निज भूमि हो जाए।

यह सभी के सामने मुझे बेच

निज भूमि।

भूमि का एक टुकड़ा है जो मेरा हो और मैं उसे उपयोग कर सकूँ।

Genesis 23:10

एप्रोन तो हित्तियों के बीच वहाँ बैठा हुआ था।

यहाँ "अब“ एफ्रोन के बारे में पृष्ठभूमि जानकारी के लिए कहानी से एक परिवर्तन को चिह्नित करने के लिए यहाँ प्रयोग किया जाता है.

एप्रोन।

यह एक आदमी का नाम है।

हित्तियों के।

हित्तियों के वंशज।

उत्तर दिया

अमूर्त संज्ञा ["सुनवाई]" के रूप में कहा जा सकता है ["सुनो] या " सुन।

मेरी सुन; वह नगर मैं तुझे देता हूँ।

जो अपने शहर के गेट पर इकट्ठे हुए थे।

भूमि के सम्मुख।

शहर मे गेट था, जहां शहर के नेताओं को महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए बैठक होगी।

उसके नगर।

वह शहर जहां वह रहता था।

मेरे प्रभु।

इस वाक्य का उपयोग अब्राहम के प्रति आदर दिखाने के लिए किया जाता है।

अपने जाति भाइयों के सम्मुख मैं उसे तुझको दिए देता हूँ

यहाँ उपस्थिति गवाह के रूप में सेवारत लोगों के लिए खड़ा है।

जाति भाइयों के सम्मुख।

इसका मतलब यह है ["मेरे साथी देशवासियों]।

अपने जाति भाइयों

मेरे लोगों को इस वाक्यांश से पता चलता है कि एफ्रोन लोगों के उस समूह का हिस्सा था. इसका मतलब यह नहीं है कि वह उनके नेता थे

अपने मृतक को कब्र में रख।

मैं इसे आपको देता हूँ। अपने मुर्दे दफन करने के लिए।

अपने मृतक।

तेरी पत्नी जो मर गई है।

Genesis 23:12

दण्डवत् किया।

इसका मतलब है किसी के प्रति विनम्रतापूर्वक सम्मान और सम्मान व्यक्त करने के लिए बहुत नीचे घुटने टेकना।

देश के निवासियों

जो लोग उस क्षेत्र में रहते थे।

उस देश के निवासियों के सामने दण्डवत् किया।

ताकि इस क्षेत्र में रहने वाले लोग सुन सकें " या "जबकि क्षेत्र में रहने वाले लोग सुन रहे थे।

यदि तू ऐसा चाहे।

नहीं, लेकिन अगर आप तैयार हैं "" या "नहीं, लेकिन अगर आप इस के साथ सहमत हूँ

उस भूमि का जो दाम हो।

मैं तुम्हें क्षेत्र के लिए पैसे दे देंगे।

अपने मुर्दे

मेरी पत्नी जो मर गयी है[ या]"मेरी पत्नी

Genesis 23:14

एप्रोन।

यह एक आदमी का नाम है।

हे मेरे प्रभु, मेरी बात सुन।

मेरे मालिक, मेरी बात सुनो।

मेरे प्रभु

इस वाक्य का उपयोग अब्राहम के आदर दिखाने के लिए किया ।

उस भूमि का दाम तो चार सौ शेकेल रूपा है; पर मेरे और तेरे बीच में यह क्या है।

भूमि का टुकड़ा चांदी के केवल चार सौ शेकेल के लायक है। यह मेरे और आपके लिए भी नहीं है।

चार सौ शेकेल रूपा।

यह लगभग 4.5 किलोग्राम चाँदी है।

अपने मुर्दे को कब्र में रख।

अपनी मरी हुई पत्नी को दफना दे।

चार सौ।

400।

अब्राहम ने एप्रोन की मानकर उसको उतना रूपा तौल दिया।

अब्राहीम ने चाँदी तौली और एफ्रोन को रकम दे दी।

मानकर उसको उतना रूपा तौल दिया।

चाँदी का जितना तोल एप्रोन ने कहा था।

जितना उसने हित्तियों के सुनते हुए कहा था।

ताकि हेथ के सभी बेटे उसे सुन सकें।

हित्तियों के।

हेत के वंशज

जो व्यापारियों में चलते थे।

वह चाँदी उसी तरह तौला जैसे व्यापारी वजन करते थे।

Genesis 23:17

मकपेला।

मकपेला एक क्षेत्र का नाम है।

मम्रे।

यह हेब्रोन शहर के लिए एक और नाम था। शायद इसका नाम मम्रे अब्राहम के मित्र से रखा गया हो जो वहाँ रहता था।

वह गुफा समेत, और उन सब वृक्षों समेत

यह केवल खेत ही नहीं बल्कि, गुफा और वृक्षों समेत

अब्राहम के अधिकार में ।

खरीदने के बाद ये अब्राहम की सम्पति हो गई

जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से होकर भीतर जाते थे, उन सभी के सामने

जब हित्ती लोग वहाँ गवाह के रूप में मौजूद थे।

हित्ती।

हेथ के वंशज

जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से होकर भीतर जाते थे

ये उन हित्तीयों के बारे में है जिन्होने अब्राहम को सम्पति खरीदते देखा था।

नगर के फाटक।

शहर का गेट था, जहां शहर के नेताओं की महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए बैठक होती थी

उसके नगर।

“वो शहर यहाँ वो रहता था”

Genesis 23:19

इसके पश्चात्

खेत खरीदने के बाद

भूमि की गुफा।

गुफा जो खेत में थी।

मकपेलावाली की भूमि

मकपेलावाली में मौजूद खेत।

अर्थात् हेब्रोन।

संभव अर्थ हैं 1) मम्रे हेब्रोन के लिए एक और नाम था 2) हेब्रोन को पूर्व में मम्रे कहा जाता था 3) मम्रे हेब्रोन के बड़े शहर के बहुत पास था, इसलिए लोगों इसे आम तौर पर यह हेब्रोन कहते है।

अब्राहम के अधिकार में पूरी रीति से आ गई।

एक दफन भूमि अब्राहीम की संपत्ति बन गया जब उसने , हित्तियों के बेटों से खरीदी थी।

हित्तियों ।

यहाँ [बेटा"]" जो हेथ से उतर के लिए खड़ा है।


Chapter 24

इसहाक के विवाह का वर्णन

1अब्राहम अब वृद्ध हो गया था और उसकी आयु बहुत थी और यहोवा ने सब बातों में उसको आशीष दी थी।2अब्राहम ने अपने उस दास से, जो उसके घर में पुरनिया और उसकी सारी सम्पत्ति पर अधिकारी था*, कहा, “अपना हाथ मेरी जाँघ के नीचे रख;3और मुझसे आकाश और पृथ्वी के परमेश्‍वर यहोवा की इस विषय में शपथ खा*, कि तू मेरे पुत्र के लिये कनानियों की लड़कियों में से, जिनके बीच मैं रहता हूँ, किसी को न ले आएगा।4परन्तु तू मेरे देश में मेरे ही कुटुम्बियों के पास जाकर मेरे पुत्र इसहाक के लिये एक पत्‍नी ले आएगा।”

5दास ने उससे कहा, “कदाचित् वह स्त्री इस देश में मेरे साथ आना न चाहे; तो क्या मुझे तेरे पुत्र को उस देश में जहाँ से तू आया है ले जाना पड़ेगा?”6अब्राहम ने उससे कहा, “चौकस रह, मेरे पुत्र को वहाँ कभी न ले जाना।”7स्वर्ग का परमेश्‍वर यहोवा, जिसने मुझे मेरे पिता के घर से और मेरी जन्म-भूमि से ले आकर मुझसे शपथ खाकर कहा, की “मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा; वही अपना दूत तेरे आगे-आगे भेजेगा, कि तू मेरे पुत्र के लिये वहाँ से एक स्त्री ले आए।
8और यदि वह स्त्री तेरे साथ आना न चाहे तब तो तू मेरी इस शपथ से छूट जाएगा; पर मेरे पुत्र को वहाँ न ले जाना।”9तब उस दास ने अपने स्वामी अब्राहम की जाँघ के नीचे अपना हाथ रखकर उससे इस विषय की शपथ खाई।
10तब वह दास अपने स्वामी के ऊँटों में से दस ऊँट छाँटकर उसके सब उत्तम-उत्तम पदार्थों में से कुछ-कुछ लेकर चला; और अरम्नहरैम में नाहोर के नगर के पास पहुँचा।11और उसने ऊँटों को नगर के बाहर एक कुएँ के पास बैठाया। वह संध्या का समय था, जिस समय स्त्रियाँ जल भरने के लिये निकलती हैं।
12वह कहने लगा, “हे मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्‍वर यहोवा, आज मेरे कार्य को सिद्ध कर, और मेरे स्वामी अब्राहम पर करुणा कर।13देख, मैं जल के इस सोते के पास खड़ा हूँ; और नगरवासियों की बेटियाँ जल भरने के लिये निकली आती हैं14इसलिए ऐसा होने दे कि जिस कन्या से मैं कहूँ, ‘अपना घड़ा मेरी ओर झुका, कि मैं पीऊँ,’ और वह कहे, ‘ले, पी ले, बाद में मैं तेरे ऊँटों को भी पिलाऊँगी,’ यह वही हो जिसे तूने अपने दास इसहाक के लिये ठहराया हो; इसी रीति मैं जान लूँगा कि तूने मेरे स्वामी पर करुणा की है।”
15और ऐसा हुआ कि जब वह कह ही रहा था कि रिबका, जो अब्राहम के भाई नाहोर के जन्माये मिल्का के पुत्र, बतूएल की बेटी थी, वह कंधे पर घड़ा लिये हुए आई।16वह अति सुन्दर, और कुमारी थी, और किसी पुरुष का मुँह न देखा था। वह कुएँ में सोते के पास उतर गई, और अपना घड़ा भर कर फिर ऊपर आई।
17तब वह दास उससे भेंट करने को दौड़ा, और कहा, “अपने घड़े में से थोड़ा पानी मुझे पिला दे।”18उसने कहा, “हे मेरे प्रभु, ले, पी ले,” और उसने फुर्ती से घड़ा उतारकर हाथ में लिये-लिये उसको पानी पिला दिया।
19जब वह उसको पिला चुकी, तक कहा, “मैं तेरे ऊँटों के लिये भी तब तक पानी भर-भर लाऊँगी, जब तक वे पी न चुकें।”20तब वह फुर्ती से अपने घड़े का जल हौदे में उण्डेलकर फिर कुएँ पर भरने को दौड़ गई; और उसके सब ऊँटों के लिये पानी भर दिया।
21और वह पुरुष उसकी ओर चुपचाप अचम्भे के साथ ताकता हुआ यह सोचता था कि यहोवा ने मेरी यात्रा को सफल किया है कि नहीं।22जब ऊँट पी चुके, तब उस पुरुष ने आधा तोला सोने का एक नत्थ निकालकर उसको दिया, और दस तोले सोने के कंगन उसके हाथों में पहना दिए;23और पूछा, “तू किस की बेटी है? यह मुझ को बता। क्या तेरे पिता के घर में हमारे टिकने के लिये स्थान है?”
24उसने उत्तर दिया, “मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूँ।”25फिर उसने उससे कहा, “हमारे यहाँ पुआल और चारा बहुत है, और टिकने के लिये स्थान भी है।”
26तब उस पुरुष ने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत् करके कहा*,27“धन्य है मेरे स्वामी अब्राहम का परमेश्‍वर यहोवा, जिसने अपनी करुणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से हटा नहीं लिया: यहोवा ने मुझ को ठीक मार्ग पर चलाकर मेरे स्वामी के भाई-बन्धुओं के घर पर पहुँचा दिया है।”
28तब उस कन्या ने दौड़कर अपनी माता को इस घटना का सारा हाल बता दिया।29तब लाबान जो रिबका का भाई था, बाहर कुएँ के निकट उस पुरुष के पास दौड़ा गया।30और ऐसा हुआ कि जब उसने वह नत्थ और अपनी बहन रिबका के हाथों में वे कंगन भी देखे, और उसकी यह बात भी सुनी कि उस पुरुष ने मुझसे ऐसी बातें कहीं; तब वह उस पुरुष के पास गया; और क्या देखा, कि वह सोते के निकट ऊँटों के पास खड़ा है।
31उसने कहा, “हे यहोवा की ओर से धन्य पुरुष भीतर आ तू क्यों बाहर खड़ा है? मैंने घर को, और ऊँटों के लिये भी स्थान तैयार किया है।”32इस पर वह पुरुष घर में गया; और लाबान ने ऊँटों की काठियाँ खोलकर पुआल और चारा दिया; और उसके और उसके साथियों के पाँव धोने को जल दिया।
33तब अब्राहम के दास के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया; पर उसने कहा “मैं जब तक अपना प्रयोजन न कह दूँ, तब तक कुछ न खाऊँगा।” लाबान ने कहा, “कह दे।”34तब उसने कहा, “मैं तो अब्राहम का दास हूँ।35यहोवा ने मेरे स्वामी को बड़ी आशीष दी है; इसलिए वह महान पुरुष हो गया है; और उसने उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, सोना-रूपा, दास-दासियाँ, ऊँट और गदहे दिए हैं।
36और मेरे स्वामी की पत्‍नी सारा के बुढ़ापे में उससे एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ है; और उस पुत्र को अब्राहम ने अपना सब कुछ दे दिया है।37मेरे स्वामी ने मुझे यह शपथ खिलाई है, कि ‘मैं उसके पुत्र के लिये कनानियों की लड़कियों में से जिनके देश में वह रहता है, कोई स्त्री न ले आऊँगा।38मैं उसके पिता के घर, और कुल के लोगों के पास जाकर उसके पुत्र के लिये एक स्त्री ले आऊँगा।’
39तब मैंने अपने स्वामी से कहा, ‘कदाचित् वह स्त्री मेरे पीछे न आए।’40तब उसने मुझसे कहा, ‘यहोवा, जिसके सामने मैं चलता आया हूँ, वह तेरे संग अपने दूत को भेजकर तेरी यात्रा को सफल करेगा; और तू मेरे कुल, और मेरे पिता के घराने में से मेरे पुत्र के लिये एक स्त्री ले आ सकेगा।41तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास पहुँचेगा; और यदि वे तुझे कोई स्त्री न दें, तो तू मेरी शपथ से छूटेगा।’
42इसलिए मैं आज उस कुएँ के निकट आकर कहने लगा, ‘हे मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्‍वर यहोवा, यदि तू मेरी इस यात्रा को सफल करता हो;43तो देख मैं जल के इस कुएँ के निकट खड़ा हूँ; और ऐसा हो, कि जो कुमारी जल भरने के लिये आए, और मैं उससे कहूँ, “अपने घड़े में से मुझे थोड़ा पानी पिला,”44और वह मुझसे कहे, “पी ले, और मैं तेरे ऊँटों के पीने के लिये भी पानी भर दूँगी,” वह वही स्त्री हो जिसको तूने मेरे स्वामी के पुत्र के लिये ठहराया है।’
45मैं मन ही मन यह कह ही रहा था, कि देख रिबका कंधे पर घड़ा लिये हुए निकल आई; फिर वह सोते के पास उतरकर भरने लगी। मैंने उससे कहा, ‘मुझे पानी पिला दे।’46और उसने जल्दी से अपने घड़े को कंधे पर से उतार के कहा, ‘ले, पी ले, पीछे मैं तेरे ऊँटों को भी पिलाऊँगी,’ इस प्रकार मैंने पी लिया, और उसने ऊँटों को भी पिला दिया।
47तब मैंने उससे पूछा, ‘तू किस की बेटी है?’ और उसने कहा, ‘मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूँ,’ तब मैंने उसकी नाक में वह नत्थ, और उसके हाथों में वे कंगन पहना दिए।48फिर मैंने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत् किया, और अपने स्वामी अब्राहम के परमेश्‍वर यहोवा को धन्य कहा, क्योंकि उसने मुझे ठीक मार्ग से पहुँचाया कि मैं अपने स्वामी के पुत्र के लिये उसके कुटुम्बी की पुत्री को ले जाऊँ।
49इसलिए अब, यदि तुम मेरे स्वामी के साथ कृपा और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हो, तो मुझसे कहो; और यदि नहीं चाहते हो; तो भी मुझसे कह दो; ताकि मैं दाहिनी ओर, या बाईं ओर फिर जाऊँ।”
50तब लाबान और बतूएल ने उत्तर दिया, “यह बात यहोवा की ओर से हुई है; इसलिए हम लोग तुझ से न तो भला कह सकते हैं न बुरा।51देख, रिबका तेरे सामने है, उसको ले जा, और वह यहोवा के वचन के अनुसार, तेरे स्वामी के पुत्र की पत्‍नी हो जाए।”
52उनकी यह बात सुनकर, अब्राहम के दास ने भूमि पर गिरकर यहोवा को दण्डवत् किया।53फिर उस दास ने सोने और रूपे के गहने, और वस्त्र निकालकर रिबका को दिए; और उसके भाई और माता को भी उसने अनमोल-अनमोल वस्तुएँ दीं।
54तब उसने अपने संगी जनों समेत भोजन किया, और रात वहीं बिताई। उसने तड़के उठकर कहा, “मुझ को अपने स्वामी के पास जाने के लिये विदा करो।”55रिबका के भाई और माता ने कहा, “कन्या को हमारे पास कुछ दिन, अर्थात् कम से कम दस दिन रहने दे; फिर उसके पश्चात् वह चली जाएगी।”
56उसने उनसे कहा, “यहोवा ने जो मेरी यात्रा को सफल किया है; इसलिए तुम मुझे मत रोको अब मुझे विदा कर दो, कि मैं अपने स्वामी के पास जाऊँ।”57उन्होंने कहा, “हम कन्या को बुलाकर पूछते हैं, और देखेंगे, कि वह क्या कहती है।”58और उन्होंने रिबका को बुलाकर उससे पूछा, “क्या तू इस मनुष्य के संग जाएगी?” उसने कहा, “हाँ मैं जाऊँगी।”
59तब उन्होंने अपनी बहन रिबका, और उसकी दाई और अब्राहम के दास, और उसके साथी सभी को विदा किया।60और उन्होंने रिबका को आशीर्वाद देकर कहा, “हे हमारी बहन, तू हजारों लाखों की आदिमाता हो, और तेरा वंश अपने बैरियों के नगरों का अधिकारी हो।”
61तब रिबका अपनी सहेलियों समेत चली; और ऊँट पर चढ़कर उस पुरुष के पीछे हो ली। इस प्रकार वह दास रिबका को साथ लेकर चल दिया।62इसहाक जो दक्षिण देश में रहता था, लहैरोई नामक कुएँ से होकर चला आता था।
63सांझ के समय वह मैदान में ध्यान करने के लिये निकला था; और उसने आँखें उठाकर क्या देखा, कि ऊँट चले आ रहे हैं।64रिबका ने भी आँखें उठाकर इसहाक को देखा, और देखते ही ऊँट पर से उतर पड़ी।65तब उसने दास से पूछा, “जो पुरुष मैदान पर हम से मिलने को चला आता है, वह कौन है?” दास ने कहा, “वह तो मेरा स्वामी है।” तब रिबका ने घूँघट लेकर अपने मुँह को ढाँप लिया।
66दास ने इसहाक से अपने साथ हुई घटना का वर्णन किया।67तब इसहाक रिबका को अपनी माता सारा के तम्बू में ले आया, और उसको ब्याह कर उससे प्रेम किया। इस प्रकार इसहाक को माता की मृत्यु के पश्चात् शान्ति प्राप्त हुई।


Genesis 24:1

अब।

इस शब्द का प्रयोग मुख्य कहानी में विराम लगाने के लिए किया जाता है। यहाँ लेखक कहानी का एक नया हिस्सा बताने के लिए शुरू करता है।

अपना हाथ मेरी जाँघ के नीचे रख।

अब्राहम नौकर से कुछ करने की कसम खाता था। अब्राहम की जाँघ के नीचे हाथ रखते हुए दिखा है कि वह निश्चित रूप से करने की कसम खाई

यहोवा की इस विषय में शपथ खा।

शब्द "द्वारा शपथ लेना" का अर्थ है किसी वस्तु या व्यक्ति के नाम का उपयोग उस आधार या शक्ति के रूप में करना जिस पर शपथ ली जाती है। "मुझे अपने गवाह के रूप में यहोवा के साथ वादा कर।

आकाश और पृथ्वी के परमेश्‍वर।

यो स्वर्ग और पृथ्वी में है वह सब परमेश्‍वर ने बनाया है।

स्वर्ग।

यह उस स्थान को संदर्भित करता है जहां परमेश्वर रहता है

कनानियों की लड़कियों में से।

कनानी महिलाओं से " या ["केनियों से.]" यह कनानी महिलाओं को संदर्भित करता है।

जिनके बीच मैं रहता हूँ।

जिनके बीच हम रहते हैं।

परन्तु तू मेरे देश में जाकर।

कसम खायो के तुम जयोगे।

मेरे ही कुटुम्बियों।

मेरा परिवार।

Genesis 24:5

कदाचित।

मुझे क्या करना चाहिए अगर।

मेरे साथ आना न चाहे।

मेरे साथ वापस आने के लिए मना कर दिया।

क्या मुझे तेरे पुत्र को उस देश में जहाँ से तू आया है ले जाना पड़ेगा।

क्‍या मुझे तेरे पुत्र को उस देश में रहने के लिए ले जाना चाहिए जहाँ से तू आया था।

चौकस रह मेरे पुत्र को वहाँ कभी न ले जाना।

आपको निश्चित रूप से मेरे बेटे को वहाँ नहीं ले जाना चाहिए।

जिसने मुझे मेरे पिता के घर से ले आकर।

जो मुझे मेरे पिता और मेरे बाकी परिवार से ले आया था।

मुझसे शपथ खाकर कहा,

मेरे साथ एक शपथ ले।

कहा, की “मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा

“यह कहते हुए कि यह भूमि वह मेरे वंश को दे देगा।“

वही अपना दूत तेरे आगे-आगे भेजेगा।

शब्द ["वह]" और ["उसके]" यहोवा को दर्श है।

Genesis 24:8

सामान्‍य जानकारी।

पद 8 अब्राहम ने अपने सेवक को दिए गए निर्देशों की निरंतरता है।

यदि वह स्त्री तेरे साथ आना न चाहे

लेकिन अगर स्त्री तुम्हारे साथ आने से इंनकार करती है.' इब्राहीम 24:5 से नौकर के सवाल का जवाब दे रहा था।

तो तू मेरी इस शपथ से छूट जाएगा।

“तुमने मुझसे जो शपथ खाई थी, उससे तुम्हें रिहा कर दिया जाएगा“ शपथ को पूरा न करने के लिए ऐसा कहा जाता है मानो वह व्यक्ति किसी वस्तु से मुक्त हो, जिस के लिए वह बाध्य था।

तब उस दास ने अपने स्वामी अब्राहम की जाँघ के नीचे अपना हाथ रखकर।

यह दिखाने के लिए कि वह निश्चित रूप से करेगा जो उसने करने के लिए शपथ ग्रहण की थी।

उससे शपथ खाई।

उसे शपथ दिलाई।

इस विषय।

कि वह वही करेगा जो अब्राहम ने कहा था

Genesis 24:10

छाँटकर उसके सब लेकर चला

वाक्य के साथ शुरू ["उसने भी लिया]" नौकर ने यात्रा में अपने साथ क्‍या ले लिया के बारे में अतिरिक्त जानकारी देता है. जाने से पहले उन्हें इकट्ठा किया।

उसके सब उत्तम-उत्तम पदार्थों में से कुछ-कुछ लेकर चला।

इसका मतलब यह है कि वह कई अच्छी चीजें हैं जो अपने मालिक ओर स्त्री के परिवार को देना चाहता था ले लिया।

लेकर चला; ।

वह छोड़ दिया और चला गया।

नाहोर के नगर।

वह शहर जहां नाहर रहता था।

और उसने ऊँटों को नगर के बाहर एक कुएँ के पास बैठाया।

ऊंट लंबे पैर के साथ लंबा जानवर हैं। उसने उन्हें अपने पैरों को मोड़ा और अपने शरीर को जमीन पर उतारा। "उसने ऊंटों को लेटा दिया

जल का कुएँ

पानी का कूवाँ।

जल निकलती।

पानी निकालना

Genesis 24:12

वह कहने लगा।

तब दास ने कहा.

आज मेरे कार्य को सिद्ध कर, और मेरे स्वामी अब्राहम पर करुणा कर।

आप इसे जोड़ने वाले शब्द के साथ बता सकते हैं [द्वारा]" यह स्पष्ट करता है कि “आज मुझे सफलता देकर मेरे सवामी को वाचा की करुना दिखाई है”

मेरे कार्य को सिद्ध कर।

"मेरे काम को सफल करो”.सेवक अब्राहम के बेटे के लिए एक अच्छी पत्नी खोजना चाहता था. अमूर्त संज्ञा ["सफलता]" एक क्रिया के रूप में कहा जा सकता है "मुझे सफल होने में मदद करें।”

और मेरे स्वामी अब्राहम पर करुणा कर।

यह उस वाचा के कारण वफादारी है जिसे परमेश्वर ने अब्राहम के साथ बनाया था। " मेरे सवामी अब्राहम से अपनी वाचा के अनुसार वफादार रहना।“

देख।

यहाँ शब्द ["देखो]" क्या इस प्रकार के लिए जोर कहते हैं ।

जल के इस सोते

पानी का सोता

और नगरवासियों की बेटियाँ ।

शहर की युवा महिलाएं।

इसलिए ऐसा होने दे।

इसे इस तरह से होने दें।

कि जिस कन्या से मैं कहूँ, ‘अपना घड़ा मेरी ओर झुका, कि मैं पीऊँ।

यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है. यह एक अप्रत्यक्ष उद्धरण के साथ व्यक्त किया जा सकता है.“मैने एक की युवा महिला से कहा कि अपने घडे से मुझे पानी पिला।“

अपना घड़ा मेरी ओर झुका।

महिलाएँ अपने कंधे पर घड़े ले जाती थीं। उसने आदमी को पानी देने के लिऐ घड़ा झुकाया होगा”

घड़ा।

मिट्टी से बना एक मध्यम आकार का घड़ा जिसका उपयोग तरल पदार्थ रखने और डालने के लिए किया जाता है।

तूने मेरे स्वामी पर करुणा की है।”

कि तुम अपने करुणा की वजह से मेरे स्वामी के प्रति वफादार रहा हैं।

Genesis 24:15

और ऐसा हुआ कि।

जहाँ से काम शुरू होता है उसे दर्शाने के लिए यहाँ इस वाक्‍यांश का इस्ते‍माल किया गया है।

और!

“यह वाक्‍यांश हमें ध्यान देने के लिऐ स्‍तरक करता है”

घड़ा।

मिट्टी से बना एक मध्यम आकार का घड़ा जिसका उपयोग तरल पदार्थ रखने और डालने के लिए किया जाता है।

जो अब्राहम के भाई नाहोर के जन्माये मिल्का के पुत्र, बतूएल की बेटी थी, वह कंधे पर घड़ा लिये हुए आई

रिबका के पिता बेतूल थे। बेतूल के माता-पिता मिलका और नाहोर थे। नाहर इब्राहीम का भाई था

बतूएल।

बतूएल रिबका का पिता था।

नाहोर।

यह एक पुरुष का नाम है।

मिल्का।

मिलका नाहर की पत्नी और बतूएल की माँ थी.

अपना घड़ा भर कर फिर ऊपर आई।

सोता ऊंचाईयों के बीच था, जहां सेवक खड़ा था।

Genesis 24:17

भेंट करने को ।

जवान युवती से मिलने के लिए।

थोड़ा पानी मुझे पिला दे।

थोड़ा सा पानी।

घड़े।

यह एक मध्यम आकार का जार है जो मिट्टी से बना होता है जिसका उपयोग तरल पदार्थ रखने और डालने के लिए किया जाता है।

“हे मेरे प्रभु।

यहाँ औरत सम्मान के लिऐ इस शब्द का उपयोग करती है आदमी का उल्लेख है, हालांकि वह अपकी गुलाम नहीं है।

और उसने फुर्ती से घड़ा उतारकर हाथ में लिये-लिये ।

उसने जल्दी से अपना घड़ा नीचे कर दिया.' वह अपने कंधे पर घड़ा ले जा रही थी सेवक को पानी देने के लिए उसे घड़ा उतारना पडा।

Genesis 24:19

मैं पानी भर-भर लाऊँगी।

मैं पानी लाकर दूँगी

तब वह फुर्ती से अपने घड़े का जल हौदे में उण्डेलकर।

तब उसने जल्दी से अपना घड़े को खाली कर दिया।

हौदे।

जानवरों के लिऐ पानी का हौदे। हौदे जानवरों के पानी पीने के किये एक लंबा पानी जमा करने वाला बरतन है।

Genesis 24:21

वह पुरुष

सेवक

ताकता हुआ।

रिबका को देखा।

ताकता

निर्धारित करना।

मेरी यात्रा को सफल किया है ।

"वह स्त्री जो इसहाक की पत्नी होगी उसको दिखा रहा था।

कि नहीं।

अपनी यात्रा को समृद्ध नहीं किया

आधा तोला सोने का एक नत्थ निकालकर उसको दिया।

एक महंगी सोने की नत्‍थ उसे दी।

तू किस की बेटी है।

आपके पिता कौन है।

और दस तोले सोने के कंगन उसके हाथों में पहना दिए।

उसकी बाहों के लिए दो सोने के कंगन जिनका वजन 110 ग्राम था।" वजन उनके आकार और मूल्य को दर्शाता है

क्या तेरे पिता के घर में हमारे टिकने है।

आपके पिता के घर में जगह है।

हमारे लिए

यहाँ "हम" सेवक और उसके साथ यात्रा करने वालों को संदर्भित करता है।

टिकने के लिये।

आज रात रुकने के लिऐ।

Genesis 24:24

उसने उत्तर दिया।

रिबका ने कहा

उसके

सेवक से।

“मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूँ।

बेथुएल मेरे पिता हैं, और उनके माता-पिता मिल्का और नाहोर हैं।

हमारे यहाँ पुआल और चारा बहुत है

हमारे पास ऊंटों के लिए पुआल और चारा है।

और टिकने के लिये स्थान भी है।”

जहाँ आप रात के लिए रुक सकते हैं।

उसने

यहाँ "आप" सेवक और उसके साथ यात्रा करने वालों को संदर्भित करता है।

Genesis 24:26

पुरुष।

सेवक।

सिर झुकाकर।

यह परमेश्वर के सामने नम्रता का प्रतीक है।

जिसने अपनी करुणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से हटा नहीं लिया।

“मेरे स्वामी के साथ उसकी वाचा के कारण विश्वासयोग्य और विश्वसनीय बना रहा है।

हटा नहीं लिया।

इसे सकारात्मक रूप में कहा जा सकता है। "दिखाना जारी रखा है“

भाई-बन्धुओं।

परिवार।

Genesis 24:28

दौड़कर अपनी माता को इस घटना का सारा हाल बता दिया।

यहाँ "गृहस्थी" का मतलब उसकी माँ के घर में रहने वाले सभी लोगों से है।“वह भाग कर घर की और गयी और अपनी माता से कहा और सारे वहा था”

सारा हाल बता दिया

सब कुछ जो अभी हुआ था।

तब

मुख्य कथानक में विराम को चिह्नित करने के लिए इस शब्द का उपयोग यहाँ किया जाता है। यहाँ लेखक रिबका के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी बताता है। लेखक कहानी में अपने भाई, लाबान का परिचय देता है।

और ऐसा हुआ कि जब उसने वह नत्थ और अपनी बहन रिबका के हाथों में वे कंगन भी देखे, और उसकी यह बात भी सुनी।

आदमी की और बाहर भाग जाने से पहले ये बातें हुईं। यह बताता है कि लाबान आदमी के पास क्यों भाग गिया।

और उसकी यह बात भी सुनी कि उस पुरुष ने मुझसे ऐसी बातें कहीं।

इसे एक अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। कि: "जब उसने अपनी बहन रिबका की बात सुनी थी कि आदमी ने उससे क्या कहा था"।

देखा।

वास्तव में "शब्द" देखा "यहाँ क्या कहते हैं पर जोर देता है।

Genesis 24:31

आ।

भीतर जा जाएँ

यहोवा की ओर से धन्य पुरुष।

तुम जिसे यहोवा ने आशीर्वाद दिया है.

तू ।

यहाँ "तू" शब्द अब्राहम के सेवक को संदर्भित करता है।

तू क्यों बाहर खड़ा है।

लाबान ने इस प्रश्न का उपयोग अब्राहम के सेवक को अपने घर में आमंत्रित करने के लिए किया। इस प्रश्न का अनुवाद कथन के रूप में किया जा सकता है। "आपको बाहर रहने की आवश्यकता नहीं है।

इस पर वह पुरुष घर में गया।

"आया" शब्द का अनुवाद "गया" के रूप में किया जा सकता है।

ऊँटों की काठियाँ खोलकर।

यह स्पष्ट नहीं है कि यह काम किसने किया। इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। एटी: "लाबान के नौकरों ने ऊंटों की काठियाँ खोलकर उसे उतार दिया।

पुआल और चारा दिया और उसके जल दिया।

लाबान के सेवकों ने ऊंटों को पुआल और चारा दिया, और जल भी दिया।

और उसके साथियों के पाँव धोने को जल दिया।

अब्राहम के सेवक और उन लोगों के लिए जो अपने पैर धोने के लिए उसके साथ थे जल दिया।

Genesis 24:33

के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया।

सेवको को खाना दिया।

लाबान ने कहा, “कह दे।

आपको बताया कि मैं यहाँ क्यों हूँ।

इसलिए वह महान पुरुष हो गया है।

कहा कि मुझे क्या कहना है' ''शब्द "वह" अब्राहीम को संदर्भित करता है।

वह महान।

अमीर बन गया

और उसने उसको।

शब्द ["वह]"यहोवा को संदर्भित करता है।.

Genesis 24:36

सामान्य जानकारी।

अब्राहम का सेवक रिबका के परिवार से बात करनी जारी रखता है।

मेरे स्वामी पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ है।

उसने एक बेटे को जन्‍म दिया।

ने अपना दिया है।

मेरे स्वामी ने अपने बेटे को दिया है।

मेरे स्वामी ने मुझे यह शपथ खिलाई है।

मेरे मालिक ने मुझे शपथ खिलाई है कि मैं वही करूँगा जो उसने मुझे करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि

कनानियों की लड़कियों में से।

यह व्‍यक्‍या कनानी लड़कियों को संदर्भित करता है

जिनके देश में वह रहता है।

जिनके बीच मैं रहता हूँ." यहाँ, ["मैं] अब्राहम और उसके परिवार और नौकरों के सभी के लिए खड़ा था।

कुल के लोगों।

मेरे अपनी गोत्र के लोग।

Genesis 24:39

सामान्य जानकारी।

अब्राहम का सेवक रिबका के परिवार से बात कर रहा है।

कदाचित् वह स्त्री मेरे पीछे न आए।

यह कुछ ऐसा है जो संभवतः हो सकता है। पर: "क्या होगा अगर स्त्री मेरे साथ वापस नहीं आ जाएगी. या "मुझे क्या करना चाहिए अगर स्त्री मेरे साथ वापस न आएगी।

जिसके सामने मैं चलता आया हूँ

यहोवा की सेवा के बारे में कहा जाता है कि जैसे अब्राहीम यहोवा की उपस्थिति में चल रहा था।“जिसकी मैं सेवा करता हूँ।

तेरी यात्रा को सफल करेगा

वह अपकी यात्रा को सफल बना देगा।

घराने में।

परिवार।

तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास पहुँचेगा; और यदि वे तुझे कोई स्त्री न दें, तो तू मेरी शपथ से छूटेगा।’

कविता 40 पर निर्माण, "यदि आप मेरे पिता के परिवार के पास जाओ और एक लड़की के लिए पूछना, तुम कहना मैंने तुम्हें करने के लिए कहा था. अगर वे उसे तुम्हें नहीं देंगे, तो ते तूम शपथ से मुक्त हो जाएगा।

तू मेरी शपथ से छूटेगा।’

तुमने मुझे जो शपथ दी थी, उससे तु रिहा कर दिया जाएगा.' शपथ को पूरा न करने के लिए ऐसा कहा जाता है मानो वह व्यक्ति किसी वस्तु से मुक्त हो, जिस के लिए वह बाध्य था। “जो कसम तुमने मूझसे ली है उसके लिऐ तुमहे कुछ नही मरना“

जब तू मेरे कुल के लोगों के पास पहुँचेगा।

भाषाएँ शब्दों का उपयोग आते हैं और अलग तरह से चलते है। किअगर तुम मेरे रिश्तेदार के पास जाओ।

Genesis 24:42

सामान्य जानकारी।

अब्राहम का नौकर रिबका के परिवार से बात कर रहा है।

कुएँ।

कुएँ।

तो देख मैं जल के इस कुएँ के निकट खड़ा हूँ।

सेवक यहाँ खड़ा था उसके द्वारा उसने परमेश्वर का ध्यान लगाते हुए अपने शब्दों को बाधित किया।

तो देख मैं जल के इस कुएँ के निकट खड़ा हूँ और मैं उससे कहूँ, और वह मुझसे कहे।

नौकर उसका अनुरोध बताते हुए वापस चला गया, और उसके पास औरत के विषय में तीन बातें कहने को है वह आशा व्यक्त है कि वह आऐगी।

में से मुझे थोड़ा पानी पिला,।

पानी पाने के लिए।

घड़े

यह मिट्टी से बना एक मध्यम आकार का जार है जिसका उपयोग तरल पदार्थ रखने और डालने के लिए किया जाता है।

वह वही स्त्री हो।

सेवक ने उसका अनुरोध समाप्त कर दिया।

Genesis 24:45

सामान्य जानकारी।

अब्राहम का नौकर रिबका के परिवार से बात करता रहता था।

मन यह कह ही रहा था।

किसी का दिमाग में चुपचाप प्रार्थना करना जैसे कि वह अपने दिल में बोल रहे थे की बात की है. शब्द "दिल“ उसके विचारों और उसके मन को संदर्भित करता है। “खामोशी में प्रार्थना करनी“

कि देख ।

वास्तव में" या [अचानक]" शब्द ["देखो] यहाँ हमें चेतावनी के लिए आश्चर्य की बात जानकारी है कि इस प्रकार पर ध्यान देना।.

घड़े।

यह मिट्टी से बना एक मध्यम आकार का जार है जिसका उपयोग तरल पदार्थ रखने और डालने के लिए किया जाता है।

सोते के पास उतरकर भरने लगी।

वाक्य "नीचे चला गया" प्रयोग किया जाता है क्योंकि सोता निचले स्‍थान में था यहा सेवक यहा खड़ा था।

सोते।

कुंआ।

ऊँटों को भी पिला।

ऊंटों को पानी पिलाया।

Genesis 24:47

सामान्य जानकारी।

अब्राहम का नौकर रिबका के परिवार से बात करनी जारी रखता है

मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूँ

"मेरे पिता बतूएल हैं। उनके माता-पिता नाहोर और मिल्का हैं।

नत्थ कंगन

इस कहानी में, इन सभी वस्तुओं को सोने से बनाया गया है।

मैंने सिर झुकाकर

“यह प्रमेशवर के सामने नमर्ता का संकेत है।

मुझे ठीक मार्ग से पहुँचाया।

मुझे यहाँ लाया गया।

उसने मुझे ठीक मार्ग से पहुँचाया

“क्‍योकि यहोवा ने मेरा मार्ग दर्शन किया”

स्वामी के पुत्र के लिये उसके कुटुम्बी

“यह बधुऐल को दर्शाता है, अनराहाम के भाई नाहर का बेटा।

Genesis 24:49

सामान्य जानकारी।

अब्राहम का नौकर रिबका के परिवार से बात करता रहता था।

इसलिए अब।

यहां" अब "का अर्थ" इस समय "नहीं है, लेकिन इसका उपयोग महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है।

यदि तुम मेरे स्वामी के साथ कृपा और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हो, तो मुझसे कहो; और यदि नहीं चाहते हो।

मुझे बताएं कि क्या आप रिबका को मेरे स्‍वामी के बेटे की पत्नी होने के नाते मेरे स्वामी के प्रति वफादार और विश्वसनीय रहेगे,

तुम।

तुम" शब्द लाबान और बतूएल को संदर्भित करता है।

कृपा और सच्चाई।

इन अमूर्त संज्ञाओं को "वफादार और भरोसेमंद" कहा जा सकता है।

स्वामी के साथ कृपा।

यह परिवार के सदस्यों के लिए ईमानदारी है।

और यदि नहीं ।

लेकिन अगर आप मेरे मालिक के साथ पारिवारिक विश्वास और भरोसे के साथ पेश आने के लिए तैयार नहीं हैं

ताकि मैं दाहिनी ओर, या बाईं ओर फिर जाऊँ।

सेवक जानना चाहता है कि क्या उसे कहीं और यात्रा करने की आवश्यकता है। "ताकि मैं अपनी यात्रा जारी रख सकूं।

Genesis 24:50

बतूएल

यह लाबान और रिबका का पिता था।

यह बात यहोवा की ओर से हुई है

यहोवा यह सब होने का कारण बना है"

इसलिए हम लोग तुझ से न तो भला कह सकते हैं न बुरा।

वे कह रहे हैं कि उनके पास यह तय करने का अधिकार नहीं है कि परमेश्‍वर ने जो किया है वह अच्छा है या बुरा।: "हम परखने की हिम्मत नहीं करते जो यहोवा कर रहा है।"

देख

शब्द "देख" यहाँ जोर देता है जो निम्नानुसार है।

रिबका तेरे सामने है।

रिबका यहाँ है

Genesis 24:52

यह बात

"जो लाबान और बतूएल ने कहा।

भूमि पर गिरकर दण्डवत् किया।

परमेश्‍वर के सामने दण्डवत् उनके लिए पूजा की अभिव्यक्ति है

सोने और रूपे के गहने, और वस्त्र।

चांदी और सोने की वस्तुएं "या" चांदी और सोने से बनी चीजें।

अनमोल-अनमोल वस्तुएँ ।

महंगे उपहार।

Genesis 24:54

अपने संगी जनों समेत

अब्राहम का सेवक और उसके संगी।

और रात वहीं बिताई।

उस रात वहीं सोया था।

तड़के उठकर

अगली सुबह उठ कर।

जाने के लिये विदा करो

मुझे छोड़ दो और वापस चले जाऐ।

कुछ दिन, अर्थात् कम से कम दस दिन।

कम से कम दस दिन और।

दस दिन।

10

उसके पश्चात्

फिर।

Genesis 24:56

उसने कहा

के सेवक ने कहा।

उनसे।

"रिबका के भाई और माँ।

मुझे मत रोको।

"मुझे इन्तजार मत करवाना।

यहोवा ने जो मेरी यात्रा को सफल किया है

यहां "रास्ता" एक यात्रा के लिए खड़ा है। "याहवे ने मुझे अपनी यात्रा के उद्देश्य में सफल होने के लिए प्रेरित किया है।

मुझे विदा कर दो।

मुझे जाने की अनुमति दें ।

Genesis 24:59

तब उन्होंने अपनी बहन रिबका विदा किया।

“तो परिवार ने रिबका को विदा किया”

उन्होंने अपनी बहन

“रिबका लाबान की बहन थी”

उसकी दाई

“रिबका की दाई जिसने उसको बच्‍पन में पाला था और अब भी उसकी सेवा करती है”

हमारी बहन

“हमारी प्‍यारी रिबका”

तू हजारों लाखों की आदिमाता हो,

”परमेश्वर तुझे लाखों लोगो की आदिमाता होने की आशीश दे”

हजारों लाखों की

“इसका मतलब एक बहुत बड़ी गिनती“

तेरा वंश अपने बैरियों के नगरों का अधिकारी हो।”

”तेरा वंश अपने विरोधीयो का नाश करे”

Genesis 24:61

तब रिबका अपनी सहेलियों समेत चली; और ऊँट पर चढ़कर

तब रिबका और उसकी सेवक लड़कियाँ ऊंटों पर चढ़ गईं।

इस प्रकार वह दास रिबका को साथ लेकर चल दिया।

इस तरह से इब्राहीम का सेवक रिबका को अपने साथ ले गया और वहाँ से लौट आया जहाँ से वह आया था।

जो।

यह शब्द कहानी में बदलाव का प्रतीक है। यह सेवक को एक पत्नी को खोजने के बारे में बता रहा था, और अब यह इसहाक के बारे में बताएगा।

लहैरोई

यह नेगेव में एक पानी के कुएं का नाम है।

Genesis 24:63

सांझ के समय वह मैदान में ध्यान करने के लिये निकला था

एक शाम इसहाक सोचने के लिए मैदान से बाहर चला गया। "नौकर और रिबका के घर छोड़ने के बाद उन्हें एक लंबी दूरी तय करनी पड़ी, यह एक लंबा समय रहा होगा।

और उसने आँखें उठाकर क्या देखा, कि ऊँट चले आ रहे हैं।

यहां "निहारना" शब्द हमें उस आश्चर्यजनक जानकारी पर ध्यान देने के लिए सचेत करता है जो इस प्रकार है। "जब उसने ऊपर देखा तो वह ऊंटों को देखकर हैरान था

रिबका ने भी…देखा।

रिबका ने देखा

और देखते ही ऊँट पर से उतर पड़ी।

वह जल्दी से ऊँट से उतर गई।

तब रिबका ने घूँघट लेकर अपने मुँह को ढाँप लिया।

इसलिए उसने अपने चेहरे को अपने घूंघट से ढंक लिया। "यह उस व्यक्ति के प्रति सम्मान और विनम्रता का प्रतीक है जिससे वह शादी करेगी।

ढाँप

कपड़े का एक टुकड़ा एक व्यक्ति के सिर, कंधे और चेहरे को ढाँप करता था।

Genesis 24:66

रिबका को ले आया, और उसको ब्याह कर

इन दोनों वाक्यांशों का मतलब है कि इसहाक ने रिबका से शादी की। “और उसने उसको अपनी पतनी बना लिया”

इसहाक को शान्ति प्राप्त हुई।

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। एटी: "तो रिबका ने इसहाक को शान्ति दी।


Chapter 25

अब्राहम के अन्य पत्‍नी और उसके पुत्र

1तब अब्राहम ने एक पत्‍नी ब्याह ली जिसका नाम कतूरा था।2उससे जिम्रान, योक्षान, मदना, मिद्यान, यिशबाक, और शूह उत्‍पन्‍न हुए।3योक्षान से शेबा और ददान उत्‍पन्‍न हुए; और ददान के वंश में अश्शूरी, लतूशी, और लुम्मी लोग हुए।4मिद्यान के पुत्र एपा, एपेर, हनोक, अबीदा, और एल्दा हुए, ये सब कतूरा की सन्तान हुए।

5इसहाक को तो अब्राहम ने अपना सब कुछ दिया*।6पर अपनी रखेलियों के पुत्रों को, कुछ-कुछ देकर अपने जीते जी अपने पुत्र इसहाक के पास से पूर्व देश में भेज दिया।
अब्राहम की मृत्यु

7अब्राहम की सारी आयु एक सौ पचहत्तर वर्ष की हुई।8अब्राहम का दीर्घायु होने के कारण अर्थात् पूरे बुढ़ापे की अवस्था में प्राण छूट गया; और वह अपने लोगों में जा मिला।
9उसके पुत्र इसहाक और इश्माएल ने, हित्ती सोहर के पुत्र एप्रोन की मम्रे के सम्मुखवाली भूमि में, जो मकपेला की गुफा थी, उसमें उसको मिट्टी दी;10अर्थात् जो भूमि अब्राहम ने हित्तियों से मोल ली थी; उसी में अब्राहम, और उसकी पत्‍नी सारा, दोनों को मिट्टी दी गई।11अब्राहम के मरने के पश्चात् परमेश्‍वर ने उसके पुत्र इसहाक को जो लहैरोई नामक कुएँ के पास रहता था, आशीष दी*।
इश्माएल की वंशावली

12अब्राहम का पुत्र इश्माएल जो सारा की मिस्री दासी हागार से उत्‍पन्‍न हुआ था, उसकी यह वंशावली है।
13इश्माएल के पुत्रों के नाम और वंशावली यह है: अर्थात् इश्माएल का जेठा पुत्र नबायोत, फिर केदार, अदबएल, मिबसाम,14मिश्मा, दूमा, मस्सा,15हदद, तेमा, यतूर, नापीश, और केदमा।16इश्माएल के पुत्र ये ही हुए, और इन्हीं के नामों के अनुसार इनके गाँवों, और छावनियों के नाम भी पड़े; और ये ही बारह अपने-अपने कुल के प्रधान हुए।
17इश्माएल की सारी आयु एक सौ सैंतीस वर्ष की हुई; तब उसके प्राण छूट गए, और वह अपने लोगों में जा मिला।18और उसके वंश हवीला से शूर तक, जो मिस्र के सम्मुख अश्शूर के मार्ग में है, बस गए; और उनका भाग उनके सब भाई-बन्धुओं के सम्मुख पड़ा।
याकूब और एसाव का जन्म

19अब्राहम के पुत्र इसहाक की वंशावली यह है: अब्राहम से इसहाक उत्‍पन्‍न हुआ;20और इसहाक ने चालीस वर्ष का होकर रिबका को, जो पद्दनराम के वासी, अरामी बतूएल की बेटी, और अरामी लाबान की बहन थी, ब्याह लिया।
21इसहाक की पत्‍नी तो बाँझ थी, इसलिए उसने उसके निमित्त यहोवा से विनती की; और यहोवा ने उसकी विनती सुनी, इस प्रकार उसकी पत्‍नी रिबका गर्भवती हुई।22लड़के उसके गर्भ में आपस में लिपटकर एक दूसरे को मारने लगे*। तब उसने कहा, “मेरी जो ऐसी ही दशा रहेगी तो मैं कैसे जीवित रहूँगी?” और वह यहोवा की इच्छा पूछने को गई।
23तब यहोवा ने उससे कहा,
“तेरे गर्भ में दो जातियाँ हैं,
और तेरी कोख से निकलते ही दो
राज्य के लोग अलग-अलग होंगे,
और एक राज्य के लोग दूसरे से
अधिक सामर्थी होंगे और बड़ा
बेटा छोटे के अधीन होगा।”

24जब उसके पुत्र उत्‍पन्‍न होने का समय आया, तब क्या प्रगट हुआ, कि उसके गर्भ में जुड़वे बालक हैं।25पहला जो उत्‍पन्‍न हुआ वह लाल निकला, और उसका सारा शरीर कम्बल के समान रोममय था; इसलिए उसका नाम एसाव रखा गया।26पीछे उसका भाई अपने हाथ से एसाव की एड़ी पकड़े हुए उत्‍पन्‍न हुआ; और उसका नाम याकूब रखा गया। जब रिबका ने उनको जन्म दिया तब इसहाक साठ वर्ष का था।
एसाव का जन्म अधिकार बेचना

27फिर वे लड़के बढ़ने लगे और एसाव तो वनवासी होकर चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया, पर याकूब सीधा मनुष्य था, और तम्बूओं में रहा करता था।28इसहाक एसाव के अहेर का माँस खाया करता था, इसलिए वह उससे प्रीति रखता था; पर रिबका याकूब से प्रीति रखती थी।
29एक दिन याकूब भोजन के लिये कुछ दाल पका रहा था; और एसाव मैदान से थका हुआ आया।30तब एसाव ने याकूब से कहा, “वह जो लाल वस्तु है, उसी लाल वस्तु में से मुझे कुछ खिला, क्योंकि मैं थका हूँ।” इसी कारण उसका नाम एदोम भी पड़ा।
31याकूब ने कहा, “अपना पहलौठे का अधिकार* आज मेरे हाथ बेच दे।”32एसाव ने कहा, “देख, मैं तो अभी मरने पर हूँ इसलिए पहलौठे के अधिकार से मेरा क्या लाभ होगा?”33याकूब ने कहा, “मुझसे अभी शपथ खा,” अतः उसने उससे शपथ खाई, और अपना पहलौठे का अधिकार याकूब के हाथ बेच डाला।34इस पर याकूब ने एसाव को रोटी और पकाई हुई मसूर की दाल दी; और उसने खाया पिया, तब उठकर चला गया। इस प्रकार एसाव ने अपना पहलौठे का अधिकार तुच्छ जाना।


Genesis 25:1

सामान्य जानकारी।

अब्राहम का नौकर रिबका के परिवार से बात करना जारी रखता है

ये सब

यह पद , 2-4 में नामित लोगों को संदर्भित करता है।

Genesis 25:5

इसहाक को तो अब्राहम ने अपना सब कुछ दिया।

“इसहाक को वह सब कुछ विरासत में मिला, जो अब्राहम के पास था।" पिता के लिए अपनी संपत्ति का बंटवारा सामान्य था जब वह बूढ़ा हो गया था और मरने के बाद दूसरों के लिए ऐसा नहीं करना चाहता था।

Genesis 25:7

अब्राहम की सारी आयु एक सौ पचहत्तर वर्ष की हुई।

अब्राहम 175 साल जीवित रहे।

अब्राहम पूरे बुढ़ापे की अवस्था में प्राण छूट गया।

अब्राहम ने अपनी अंतिम सांस ली और मर गया। "वाक्यां ने" अपनी आखिरी सांस ली "और" मर गया "का अर्थ मूल रूप से एक ही बात है

में प्राण छूट गया

यह कहने का एक विनम्र तरीका है कि एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई

दीर्घायु होने के कारण अर्थात् पूरे बुढ़ापे की अवस्था में

इन दोनों वाक्य का मूल रूप से एक ही बात है और इस बात पर जोर देना है कि अब्राहम बहुत लंबे समय तक जीवित रहे।

पूरे बुढ़ापे की अवस्था में।

लंबे जीवन जीने की बात की जाती है जैसे कि जीवन एक बरतन था जो पूरा भर गया है।

और वह अपने लोगों में जा मिला।

इसका मतलब यह है कि अब्राहम के मरने के बाद, उसकी आत्मा अपने रिश्तेदारों के रूप में उसी स्थान पर गई जो उससे पहले मर गया था। इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है

Genesis 25:9

एप्रोन की मम्रे के सम्मुखवाली भूमि में

एफ्रॉन के पास मकपेला में एक खेत था और वह गुफा जो उस क्षेत्र में थी। अब्राहम ने एफ्रोन से खेत खरीदा

मकपेला

मकपेला एक क्षेत्र या क्षेत्र का नाम था।

एप्रोन सोहर।

ये पुरुषों के नाम हैं

उसमें उसको मिट्टी दी

मकपेला मम्रे के पास था।

मम्रे

यह हेब्रोन शहर का दूसरा नाम था। इसका नाम शायद इब्राहम के मित्र मम्रे के नाम पर रखा गया था

अर्थात् जो भूमि अब्राहम ने हित्तियों से मोल ली थी

अब्राहम ने यह भूमि खरीदा था।

हेत् के पुत्र

“ हेत के वंशज।

अब्राहम को मिट्टी दी गई।

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। एटी: "उन्होंने अब्राहम को मिट्टी दी गई।

उसके पुत्र

अब्राहम का पुत्र।

लहैरोई।

इस नाम का अर्थ है "जीवित प्राणी का कुआँ जो मुझे देखता है।

Genesis 25:12

यह।

इस शब्द का उपयोग अंग्रेजी में कहानी के नए भाग और इश्माएल के बारे में जानकारी देने के लिए किया जाता है

Genesis 25:13

सामान्य जानकारी।

अब्राहम का नौकर रिबका के परिवार से बात करना जारी रखता है

इश्माएल के पुत्रों के नाम और वंशावली यह है: अर्थात् इश्माएल का जेठा पुत्र नबायोत, फिर केदार, अदबएल, मिबसाम, 14मिश्मा, दूमा, मस्सा, 15हदद, तेमा, यतूर, नापीश, और केदमा। 16इश्माएल के पुत्र ये ही हुए, और इन्हीं के नामों के अनुसार इनके गाँवों, और छावनियों के नाम भी पड़े; और ये ही बारह अपने-अपने कुल के प्रधान हुए।

इसे दो वाक्यों के रूप में कहा जा सकता है। "ये इश्माएल के बारह बेटों के नाम थे। उन्होंने उन जनजातियों का नेतृत्व किया जो उनके नाम पर थे, और उनमें से प्रत्येक के अपने गांव और शिविर थे।

बारह।

12।

प्रधान।

यहाँ "प्रधान" शब्द का अर्थ है कि पुरुष कबीलों के नेता या नियम थे; इसका मतलब यह नहीं है कि वे एक राजा के बेटी थी।

Genesis 25:17

इश्माएल की सारी आयु एक सौ सैंतीस वर्ष की हुई।

"इश्माएल 137 साल जीवित रहा

तब उसके प्राण छूट गए।

“मर गया”

और वह अपने लोगों में जा मिला।

इसका मतलब यह है कि इश्माएल के मरने के बाद, उसकी आत्मा अपने रिश्तेदारों के पास उसी स्थान पर गई जो उससे पहले मर गया था। इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है

उसके वंश।

उसके वंशज बसे हुवे थे।

हवीला से शूर तक।

हवीला अरब के रेगिस्तान में कहीं स्थित था।

मार्ग में है, बस गए।

की दिशा में।

उनका भाग उनके सब भाई-बन्धुओं के सम्मुख पड़ा।

वे एक साथ शांति से नहीं रहते थे।

Genesis 25:19

अब्राहम के पुत्र इसहाक की वंशावली यह है: अब्राहम से इसहाक उत्‍पन्‍न हुआ

यह वाक्य उत्पत्ति 25: 19-35: 29 में इसहाक के वंशजों के खाते का परिचय देता है। एटी: "यह इब्राहम के पुत्र इसहाक के वंशजों का खाता है

चालीस वर्ष।

40 वर्ष।

रिबका को, जो पद्दनराम के वासी।

जब उसने रिबका से शादी की।

बतूएल।

बतूएल रिबका के पिता थे।

पद्दनराम।

यह मेसोपोटामिया के क्षेत्र का एक और नाम था, आधुनिक इराक वही स्थान है।

Genesis 25:21

बाँझ थी

वह गर्भवती नहीं हो पा रही थी।

उसकी पत्‍नी रिबका गर्भवती हुई।

यह स्पष्ट किया जा सकता है कि रिबका एक ही समय में दो बच्चों के साथ गर्भवती थी: "रिबका, उसकी पत्नी, जुड़वा बच्‍चो से गर्भवती हो गई थी।

लड़के उसके गर्भ में आपस में लिपटकर एक दूसरे को मारने लगे

उसके अंदर के बच्चे एक-दूसरे के खिलाफ टकराते रहे" या "शिशुओं ने उसके भीतर एक-दूसरे के खिलाफ धक्का दिया

लड़के उसके गर्भ।

रिबका जुड़वां बच्चों से गर्भवती थी।

वह यहोवा की इच्छा पूछने को गई

उसने जाकर याहवे से इस बारे में पूछा। "यह स्पष्ट नहीं है कि वह कहाँ गई थी। वह प्रार्थना करने के लिए कहीं निजी गई होगी, या वह बलिदान देने के लिए कहीं चली गई होगी

Genesis 25:23

उससे कहा।

रिबका से कहा।

दो जातियाँ छोटे के अधीन होगा

उनकी काव्य भाषा है।

तेरे गर्भ में दो जातियाँ हैं

यहां "दो राष्ट्र" दो बच्चों को कहा गया है। प्रत्येक बच्चा एक राष्ट्र का पिता होगा।

और तेरी कोख से निकलते ही दो \q राज्य के लोग अलग-अलग होंगे,

“और जब तुम इन दो बच्चों को जन्म दोगे तो वे प्रतिद्वंद्वी होंगे।

और बड़ा \q बेटा छोटे के अधीन होगा।

“बड़ा बेटा छोटे बेटे की सेवा करेगा।

Genesis 25:24

निहारना।

शब्द "निहारना" यहां पर जोर देता है जो निम्नानुसार है। "वास्तव में

लाल निकला, और उसका सारा शरीर कम्बल के समान रोममय था

उस की त्वचा लाल थी और उसके शरीर पर काफी बाल थे

एसाव।

"एसाव नाम 'बालों वाली' शब्द की तरह लगता है.

एसाव की एड़ी पकड़े हुए..

एसाव के पैर का पिछला हिस्सा पकड़े

याकूब।

अनुवादक एक फुटनोट भी जोड़ सकते हैं जो कहता है "नाम याकूब का अर्थ है 'वह एड़ी पकड़ता है।

साठ वर्ष का था।

60 साल की उम्र

Genesis 25:27

चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया,

भोजन के लिए जानवरों का शिकार करना और उनकी हत्या करने में अच्छा हो गया

सीधा मनुष्य था

"एक शांतिपूर्ण आदमी।

तम्बूओं में रहा करता था।

यह समय के बारे में बोलता है जैसे कि यह एक कमोडिटी थी जिसे कोई खर्च कर सकता था

इसहाक प्रीति रखता था।

यहां "प्यार" शब्द का अर्थ "पसंदीदा" या "पसंदीदा" है।

इसलिए वह एसाव के अहेर का माँस खाया करता था।

"क्योंकि उसने उन जानवरों को खा लिया है जो एसाव ने शिकार किए थे" या "क्योंकि उसने उस जंगली जानवर के मांस को खाने का आनंद लिया था जिसे एसाव ने पकड़ा था

Genesis 25:29

याकूब भोजन के लिये कुछ पका रहा था

यह एक बार हुई किसी चीज़ के बारे में एक कहानी की शुरुआत है, कुछ अनुवादको के समान तरीके से "एक दिन, याकूब ने कुछ पकाया" जैसे वाक्यांश के साथ इसे शुरू कर सकते हैं।

दाल पका रहा था

कुछ भोजन उबाला "या" कुछ सूप पकाया । "यह खिचड़ी उबली हुई दाल से बनाई थी।

मैदान से थका हुआ आया

वह कमजोर था क्योंकि वह बहुत भूखा था

मैं थका हूँ।”

मैं बहुत भूखा हूँ।

एदोम।

" एदोम नाम का अर्थ है 'लाल।'

Genesis 25:31

पहलौठे का अधिकार

पहलौठे पिता की ज्यादातर संपत्ति के वारिस होता था

मैं तो अभी मरने पर हूँ

एसाव इस बात पर ज़ोर देने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर कह रहा था कि वह कितना भूखा है।

इसलिए पहलौठे के अधिकार से मेरा क्या लाभ होगा

मेरी विरासत मेरे लिए अच्छा नहीं है अगर मैं भूख से मर जाता हूँ।

मुझसे अभी शपथ खा

याकूब एसाव को जो शपथ लेना चाहता था, वह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है।

दाल दी

ये सेम की तरह हैं, लेकिन उनके बीज बहुत छोटे हैं, गोल, और कुछ हद तक स्‍पाट होते हैं।

एसाव ने अपना पहलौठे का अधिकार तुच्छ जाना।

एसाव से पता चला कि उसने अपने पहलौठे के अधिकार को तुच्‍छ समझता है।


Chapter 26

इसहाक का वृत्तान्त

1उस देश में अकाल पड़ा, वह उस पहले अकाल से अलग था जो अब्राहम के दिनों में पड़ा था। इसलिए इसहाक गरार को पलिश्तियों के राजा अबीमेलेक के पास गया।

2वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर* कहा, “मिस्र में मत जा; जो देश मैं तुझे बताऊँ उसी में रह।3तू इसी देश में रह, और मैं तेरे संग रहूँगा, और तुझे आशीष दूँगा; और ये सब देश मैं तुझको, और तेरे वंश को दूँगा; और जो शपथ मैंने तेरे पिता अब्राहम से खाई थी, उसे मैं पूरी करूँगा।
4और मैं तेरे वंश को आकाश के तारागण के समान करूँगा; और मैं तेरे वंश को ये सब देश दूँगा, और पृथ्वी की सारी जातियाँ तेरे वंश के कारण अपने को धन्य मानेंगी। (उत्प. 15:5)5क्योंकि अब्राहम ने मेरी मानी, और जो मैंने उसे सौंपा था उसको और मेरी आज्ञाओं, विधियों और व्यवस्था का पालन किया।”
6इसलिए इसहाक गरार में रह गया।
इसहाक की चालाकी

7जब उस स्थान के लोगों ने उसकी पत्‍नी के विषय में पूछा, तब उसने यह सोचकर कि यदि मैं उसको अपनी पत्‍नी कहूँ, तो यहाँ के लोग रिबका के कारण जो परम सुन्दरी है* मुझ को मार डालेंगे, उत्तर दिया, “वह तो मेरी बहन है।”8जब उसको वहाँ रहते बहुत दिन बीत गए, तब एक दिन पलिश्तियों के राजा अबीमेलेक ने खिड़की में से झाँककर क्या देखा कि इसहाक अपनी पत्‍नी रिबका के साथ क्रीड़ा कर रहा है।
9तब अबीमेलेक ने इसहाक को बुलवाकर कहा, “वह तो निश्चय तेरी पत्‍नी है; फिर तूने क्यों उसको अपनी बहन कहा?” इसहाक ने उत्तर दिया, “मैंने सोचा था, कि ऐसा न हो कि उसके कारण मेरी मृत्यु हो।”10अबीमेलेक ने कहा, “तूने हम से यह क्या किया? ऐसे तो प्रजा में से कोई तेरी पत्‍नी के साथ सहज से कुकर्म कर सकता, और तू हमको पाप में फँसाता।”11इसलिए अबीमेलेक ने अपनी सारी प्रजा को आज्ञा दी, “जो कोई उस पुरुष को या उस स्त्री को छूएगा, वह निश्चय मार डाला जाएगा।”
इसहाक का महान बनना

12फिर इसहाक ने उस देश में जोता बोया, और उसी वर्ष में सौ गुणा फल पाया*; और यहोवा ने उसको आशीष दी,13और वह बढ़ा और उसकी उन्नति होती चली गई, यहाँ तक कि वह बहुत धनी पुरुष हो गया।14जब उसके भेड़-बकरी, गाय-बैल, और बहुत से दास-दासियाँ हुईं, तब पलिश्ती उससे डाह करने लगे।
कुओं के लिये झगड़ा

15इसलिए जितने कुओं को उसके पिता अब्राहम के दासों ने अब्राहम के जीते जी खोदा था, उनको पलिश्तियों ने मिट्टी से भर दिया।16तब अबीमेलेक ने इसहाक से कहा, “हमारे पास से चला जा; क्योंकि तू हम से बहुत सामर्थी हो गया है।”17अतः इसहाक वहाँ से चला गया, और गरार की घाटी में अपना तम्बू खड़ा करके वहाँ रहने लगा।
18तब जो कुएँ उसके पिता अब्राहम के दिनों में खोदे गए थे, और अब्राहम के मरने के पीछे पलिश्तियों ने भर दिए थे, उनको इसहाक ने फिर से खुदवाया; और उनके वे ही नाम रखे, जो उसके पिता ने रखे थे।
19फिर इसहाक के दासों को घाटी में खोदते-खोदते बहते जल का एक सोता मिला।20तब गरार के चरवाहों ने इसहाक के चरवाहों से झगड़ा किया, और कहा, “यह जल हमारा है।” इसलिए उसने उस कुएँ का नाम एसेक रखा; क्योंकि वे उससे झगड़े थे।
21फिर उन्होंने दूसरा कुआँ खोदा; और उन्होंने उसके लिये भी झगड़ा किया, इसलिए उसने उसका नाम सित्ना रखा।22तब उसने वहाँ से निकलकर एक और कुआँ खुदवाया; और उसके लिये उन्होंने झगड़ा न किया; इसलिए उसने उसका नाम यह कहकर रहोबोत रखा, “अब तो यहोवा ने हमारे लिये बहुत स्थान दिया है, और हम इस देश में फूले-फलेंगे।”
परमेश्‍वर का इसहाक पर प्रगट होना

23वहाँ से वह बेर्शेबा को गया।24और उसी दिन यहोवा ने रात को उसे दर्शन देकर कहा, “मैं तेरे पिता अब्राहम का परमेश्‍वर हूँ; मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, और अपने दास अब्राहम के कारण तुझे आशीष दूँगा, और तेरा वंश बढ़ाऊँगा।”25तब उसने वहाँ एक वेदी बनाई, और यहोवा से प्रार्थना की, और अपना तम्बू वहीं खड़ा किया; और वहाँ इसहाक के दासों ने एक कुआँ खोदा।
अबीमेलेक के साथ वाचा

26तब अबीमेलेक अपने सलाहकार अहुज्जत, और अपने सेनापति पीकोल को संग लेकर, गरार से उसके पास गया।27इसहाक ने उनसे कहा, “तुम ने मुझसे बैर करके अपने बीच से निकाल दिया था, अब मेरे पास क्यों आए हो?”
28उन्होंने कहा, “हमने तो प्रत्यक्ष देखा है, कि यहोवा तेरे साथ रहता है; इसलिए हमने सोचा, कि तू तो यहोवा की ओर से धन्य है, अतः हमारे तेरे बीच में शपथ खाई जाए, और हम तुझ से इस विषय की वाचा बन्धाएँ;29कि जैसे हमने तुझे नहीं छुआ, वरन् तेरे साथ केवल भलाई ही की है, और तुझको कुशल क्षेम से विदा किया, उसके अनुसार तू भी हम से कोई बुराई न करेगा।”
30तब उसने उनको भोज दिया, और उन्होंने खाया-पिया।31सवेरे उन सभी ने तड़के उठकर आपस में शपथ खाई; तब इसहाक ने उनको विदा किया, और वे कुशल क्षेम से उसके पास से चले गए।
32उसी दिन इसहाक के दासों ने आकर अपने उस खोदे हुए कुएँ का वृत्तान्त सुना कर कहा, “हमको जल का एक सोता मिला है।”33तब उसने उसका नाम शिबा रखा; इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बेर्शेबा पड़ा है।
एसाव की पत्नियाँ

34जब एसाव चालीस वर्ष का हुआ, तब उसने हित्ती बेरी की बेटी यहूदीत, और हित्ती एलोन की बेटी बासमत को ब्याह लिया;35और इन स्त्रियों के कारण इसहाक और रिबका के मन को खेद हुआ।


Genesis 26:1

अब

यह शब्‍द नई कहानी को शुरू करने लिऐ प्रयोग किया जाता है।

अकाल पड़ा

वहाँ आकाल पड़ हुआ था।

उस देश में अकाल

यह उस भूमि को स्‍पष्‍ट करता जिस भूमि पर एसहाक और उसका परिवार रहते थे।

अब्राहम के दिनों में पड़ा था

यह मुहावरा अब्राहम के उन दिनो को जीवन को दर्शाता है।

Genesis 26:2

सामान्‍य जानकारी

यहोवा ने एसहाक को बोला।

उसको दर्शन देकर

एसहाक को दर्शन दिऐ।

मिस्र में मत जा

उस ने इस भूमि को ना छोडने का वादा किया।

र मैं तेरे संग रहूँगा, और तुझे आशीष दूँगा; और ये सब देश मैं तुझको, और तेरे वंश को दूँगा

मै तुझे और तेरे वंश को इस देश मे सब कुछ दुंगा।

जो शपथ मैंने तेरे पिता अब्राहम से खाई थी, उसे मैं पूरी करूँगा

मै वही करूँगा जो मैंने तुम्हारे पिता अब्राहाम से प्रतिज्ञा की थी कि मैं करूँगा।

Genesis 26:4

सामान्‍य जानकारी

यहोवा इसहाक को बोलना जारी रखता है।

मैं तेरे वंश को आकाश के तारागण के समान करूँगा

मै आपके बहुत सारे वंशज पैदा करूंगा।

स्‍वर्ग के तारो की तरह

यह इसहाक के वंश के बारे मे बताता है कि उसके वंश कि संख्‍या सितोरो के सामान होगी(22:15)

आकाश

ये सब हम पृथ्‍वी मे देखते है जिसमे सूरज,चाँद और सितारे सब शामिल है।

पृथ्वी की सारी जातियाँ तेरे वंश के कारण अपने को धन्य मानेंगी।

विशेष रूप मे कहा जा सकता है कि मै पृथ्‍वी के सभी देशो को आशीर्वाद दूंगा।

अब्राहम ने मेरी मानी, और जो मैंने उसे सौंपा था उसको और मेरी आज्ञाओं, विधियों और व्यवस्था का पालन किया।”

वाक्‍य मे कहा है कि अब्राहम ने मेरी आवाज पालन किया और मेरए आदेशौ और निर्देशो कआ पालन किया। अब्राहम ने उस आज्ञा का पालन किया।

मेरी आज्ञाओं

यहाँ मेरी आज्ञा का पालन करने के लिऐ आवाज उठाई जाती है।

Genesis 26:6

इसहाक गरार में रह गया

इस मे इसहाक के बारे मे बताया है कयोंकि केवल एसहाक और उसका परिवार ही गरार में रह गया था।

कहने का डर

वह अप्रिय हो गया उसे लगा कि अब लोग उसे नुकसान पुहचाऐगे।

रिबका के कारण

रिबका के लिए

देखा कि इसहाक

निहारना शब्‍द यह दर्शाता है कि कैसे एंबीलेम्‍च ने उसे चौका दिया और वह इसहाक को देखकर हैरान रह गया।

रिबक के साथ क्रीड़ा कर रहा है

उसने उसे ऐसे स्‍पर्श किया जैसे एक पति आपनी पत्नी को करता है।

Genesis 26:9

अबीमेलेक ने इसहाक को बुलवाकर कहा

अबीमेलेक ने इसहाक को आपने पास बुलाया।किसी को इसहाक को यह बताने को कहा कि वह उसे देखना चाहता है अबीमेलेक ने किसी को उस कै पास भेजने को कहा।

तूने क्यों उसको अपनी बहन कहा

तुमने ऐसा क्यों कहा कि वो तुम्हारी बहन है।

उसके कारण

वो उसे ले सकता है।

अबीमेलेक ने कहा, “तूने हम से यह क्या किया?

अबीमेलेक ने इस सवाल का जवाब इसहाक को डाटने के लिऐ कियआ कि तुमहे हमारे साथ ऐस नही करना चाहिऐ था।

तू हमको पाप में फँसाता

यह बात किसी का दोषी होना बताती है जैसे पाप कोई वस्‍तु हौ जिसे किसी पर रखा गया हौआपने हमे एक आदमी की पत्‍नी लेने का दोषी माना हो।

हम पर

यहाँ अबीमेलेक “हमे“ और उन लोगो को संर्दभित करत है।

जो कोई उस पुरुष को

यहाँ छुने का मतलब हानिकारक है यहाँ कोई आदमि को नुकसान पहुँचा सकता है।

वह निश्चय मार डाला जाएगा

मै अपने लोगो को उसे मारने का आदेश दूंगा।

Genesis 26:12

सामान्‍य जानकारी

इस कहानी मे एक बदलाव आऐ है जिसमे यह इसहाक के बारे मे बताने को शुरू होता है कि इसहाक रिबिका को बहन कहा

उस देश में

गरार देश में।

सौ गुणा फल पाया

इसका यह है कि एक सौ गुना जितना उसने लगाया इसका अनुवाद बहुत ब़डी फसल के रूप मे भी किया जा सकता है।

वह बढ़ा।

"इसहाक अमीर हो गया"

वह बढ़ा और उसकी उन्नति होती चली गई, यहाँ तक कि वह बहुत धनी पुरुष हो गया

वह अधिक से अधिक प्रापत करता गया और अमीर बनता गया।

भेड़

ये बकरियों मे शामिल कर सकते है।

बहुत से

यहाँ घर मे कई नौकर रहते

तब पलिश्ती उससे डाह करने लगे

पलिश्ती उससे जलन करने लगे थे

Genesis 26:15

अब

इस शब्य‍द का अर्थ यह नहीं कि उस समय क्या हुआ। यह कहानी की नई शुरूआत को दर्शाता है (26:12)

अब्राहम के पिता दिनों में

वाक्‍यांष मे जब अब्राहम का पिता था वह हर व्‍यक्‍ति कि जीवनकाल मे खड़ा रहता था।

अबीमेलेक ने कहा

अबीमेलेक ने यह इस लिऐ कहा कयोंकि उसने देखा कि उसके लोग इसहाक के प्रति शत्रूतापुर्ण और ईष्‍या पुर्ण तरिके से कार्य कर रहे थे।

बहुत सामर्थी हो गया है

हम ज्यादा मजबूत हैं।

इसहाक वहाँ से चला गया

इस मे केवल इसहाक के बारे मे बात की गई है कयोंकि वह उसका परिवार और उसके नौकर वह देश छोड़ कर चले जाते है।

Genesis 26:18

इसहाक ने खुदवाया

इसहाक ने यहाँ खुदवाया, यहाँ इसहाक का अर्थ उसने और उसके सेवकों ने।

जो उन्‍होंने खोदा था

अब्राहम के नौकरो ने खोदा।

अब्राहम के पिता के दिनों में

इस वाक्‍यांश मे इन दिनो मे अब्राहम का पिता एक व्‍यक्‍ति के जीवनकाल मे खड़ा है, जब अब्राहम था।

पलिश्तियों ने उन्‍हे रोक दिया था

यही कारण था कि इसहाक खोदा था, इसे संभावित करने के तरीके इस प्रकार है,यह वाक्‍य इसहाक से शुरू हो सकत है पलिश्तियों ने उन्‍हें रोक दिया था।

उन्‍हे रोक दिया था

उन्‍हें धरती से भर दिया था।

Genesis 26:19

बहते जल

इस वाक्‍यांश मे प्राकृतिक वंसत मे एक नया कआँ खोदा जिस से ताजा पीने के पानी का निरंतर प्रवाह होता है।

चरवाहों

वो पुरूष जो झुंड की देखभाल करते हैं।

यह जल हमारा है

यहाँ चारवाहों को संर्दभित करता है।

एसेक

एसेक का मतलब ‘झगड़ा‘ या “विवाद“ है बताया है।

Genesis 26:21

फिर उन्होने खोदा

इसहाक के सेवको ने खोदा।

झगड़ा किया

गरर के चारवाहो ने इसहाक के चारवाहको से वाद-विवाद किया।

वह दे दिया

इसहाक ने उसे दे दिया।

सित्ना

सित्ना नाम का अर्थ है 'विरोध' या 'दोष'।

रहोबोत

अनुवादक एक फुटनोट जोड़ सकते हैं जो कहता है कि "रहोबोत नाम का अर्थ है 'के लिए जगह बनाने' या 'खाली जगह'"।

हम

इसहाक अपने घर के बारे में बात कर रहा था।

Genesis 26:23

वहाँ से वह बेर्शेबा को गया

“इसहाक उस स्थान को छोड़कर वहाँ से बेर्शेबा चला गया"।

तेरा वंश बढ़ाऊँगा

मैं तेरी वंश को बहुत बढ़ाऊँगा

अपने दास अब्राहम के कारण

आपने सेवक अब्राहम के लिए। मैनें अपने दास अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी कि मैं ऐसा करूँगा।

इसहाक ने वहा एक वेदी बनाई

आप यह बता सकते है कि इसहाक ने वेदी कयो बनाई: “इसहाक ने यह वेदी यहोवा के लिए बलिदान करने के लिए बनाई।

यहोवा के नाम पर बुलाया

बुलाना का अर्थ है कि प्रार्थना करना।

Genesis 26:26

उसके पास गया

इसहाक के पास गया

अहुज्जत

यह एक आदमी का नाम है।

उसका दोस्त

अबीमेलेक के सलाहकार।

पीकोल

यह एक आदमी का नाम है(21:22)।

Genesis 26:28

उन्होंने कहा,

यह अबीमेलेक,अहुज्‍जत और पीकोल को दर्शाता है। उनमें से एक ने बात की और अन्य दो ने जो कहा उससे सहमत हुए। इसका मतलब यह नहीं है कि वे सब एक ही समय में बात की थी कि "उनमें से एक ने कहा"।

हम स्पष्ट रूप से देखा है

हम जानते है।

एक वाचा बनाते है

तो हम एक वाचा बनाते है।

और जैसा कि हमने आपका अच्छी तरह से इलाज किया है

यह एक नए वाक्य की शुरुआत के रूप में अनुवाद किया जा सकता है. "हम केवल आपके लिए अच्छा किया है।

तू तो यहोवा की ओर से धन्य है

यह कह सकते है कि “यहोवा ने आपको आशीर्वाद दिया है”।

Genesis 26:30

इसहाक ने उसने उनको भोज दिया, और उन्होंने खाया-पिया

एक साथ खाना खाने से एक दूसरे के साथ वाचा बाँधने का हिस्‍सा था।

उनके लिए

यहाँ पर अबीमेलेक,अहुज्‍जत, और पीकोल संदर्भित करता है।

उन्‍होंने खाया

यह इसहाक,अबीमेलेक,अहुज्‍जत,और पीकोल को संदर्भित करते है।

सभी तड़के उठकर

सभी सुबह जल्‍दी उठ गऐ।

Genesis 26:32

उसने अच्छी तरह से शिबा को बुलाया

"तो वह अच्छी तरह से शिबा कहा जाता है शिबा शब्द का अर्थ बताता है ‘शपथ’ का मतलब है की तरह लगता है।

बेर्शेबा

बेर्शेबा नाम का अर्थ "शपथ का कुयाँ" या "सात का कुयाँ“।

Genesis 26:34

सामान्‍य जानकारी

यह उत्पत्ति 26 के इसहाक के बारे में था. ये आयतें उनके बड़े बेटे एसाव के बारे में हैं।

चालीस

"40"

ब्याह लिया

“उसने शादी कर ली“ आप स्‍पष्‍ट रुप मे कह सकते सकते हैं कि उसने दो महिलाओ से शादी की

यहूदीत….… बासमत

यह एसाव की पत्‍नियो के नाम थे।

बेरी.…… एलोन

यह आदमियो के नाम थे।

हित्ती

हित्‍ती का वंश।

इसहाक और रिबका के मन को खेद हुआ

यहा यहूदीत और बासमत को दर्शाता है किसी को दुखी करने के लिऐ इस तरह की बात करना है जैसे कि "क्षमा" एक वस्‍तु है जो किसी भी व्यक्‍ति को दी जा सकती है, इसहाक और रिबिका इस कारण दुखी थे।


Chapter 27

इसहाक का एसाव को आशीर्वाद देने की योजना

1जब इसहाक बूढ़ा हो गया, और उसकी आँखें ऐसी धुंधली पड़ गईं कि उसको सूझता न था, तब उसने अपने जेठे पुत्र एसाव को बुलाकर कहा, “हे मेरे पुत्र,” उसने कहा, “क्या आज्ञा।”2उसने कहा, “सुन, मैं तो बूढ़ा हो गया हूँ, और नहीं जानता कि मेरी मृत्यु का दिन कब होगा

3इसलिए अब तू अपना तरकश और धनुष आदि हथियार लेकर मैदान में जा, और मेरे लिये अहेर कर ले आ।4तब मेरी रूचि के अनुसार स्वादिष्ट भोजन बनाकर मेरे पास ले आना, कि मैं उसे खाकर मरने से पहले तुझे जी भर कर आशीर्वाद दूँ।”
5तब एसाव अहेर करने को मैदान में गया। जब इसहाक एसाव से यह बात कह रहा था, तब रिबका* सुन रही थी।
याकूब द्वारा आशीर्वाद चुराने की योजना

6इसलिए उसने अपने पुत्र याकूब से कहा, “सुन, मैंने तेरे पिता को तेरे भाई एसाव से यह कहते सुना है,7‘तू मेरे लिये अहेर करके उसका स्वादिष्ट भोजन बना, कि मैं उसे खाकर तुझे यहोवा के आगे मरने से पहले आशीर्वाद दूँ।’
8इसलिए अब, हे मेरे पुत्र, मेरी सुन, और यह आज्ञा मान,9कि बकरियों के पास जाकर बकरियों के दो अच्छे-अच्छे बच्चे ले आ; और मैं तेरे पिता के लिये उसकी रूचि के अनुसार उनके माँस का स्वादिष्ट भोजन बनाऊँगी।10तब तू उसको अपने पिता के पास ले जाना, कि वह उसे खाकर मरने से पहले तुझको आशीर्वाद दे।”
11याकूब ने अपनी माता रिबका से कहा, “सुन, मेरा भाई एसाव तो रोंआर पुरुष है, और मैं रोमहीन पुरुष हूँ।12कदाचित् मेरा पिता मुझे टटोलने लगे, तो मैं उसकी दृष्टि में ठग ठहरूँगा; और आशीष के बदले श्राप ही कमाऊँगा।”
13उसकी माता ने उससे कहा, “हे मेरे, पुत्र, श्राप तुझ पर नहीं मुझी पर पड़े, तू केवल मेरी सुन, और जाकर वे बच्चे मेरे पास ले आ।”14तब याकूब जाकर उनको अपनी माता के पास ले आया, और माता ने उसके पिता की रूचि के अनुसार स्वादिष्ट भोजन बना दिया।
15तब रिबका ने अपने पहलौठे पुत्र एसाव के सुन्दर वस्त्र, जो उसके पास घर में थे, लेकर अपने छोटे पुत्र याकूब को पहना दिए।16और बकरियों के बच्चों की खालों को उसके हाथों में और उसके चिकने गले में लपेट दिया।17और वह स्वादिष्ट भोजन और अपनी बनाई हुई रोटी भी अपने पुत्र याकूब के हाथ में दे दी।
18तब वह अपने पिता के पास गया, और कहा, “हे मेरे पिता,” उसने कहा, “क्या बात है? हे मेरे पुत्र, तू कौन है?”19याकूब ने अपने पिता से कहा, “मैं तेरा जेठा पुत्र एसाव हूँ। मैंने तेरी आज्ञा के अनुसार किया है; इसलिए उठ और बैठकर मेरे अहेर के माँस में से खा, कि तू जी से मुझे आशीर्वाद दे।”
20इसहाक ने अपने पुत्र से कहा, “हे मेरे पुत्र, क्या कारण है कि वह तुझे इतनी जल्दी मिल गया?” उसने यह उत्तर दिया, “तेरे परमेश्‍वर यहोवा ने उसको मेरे सामने कर दिया।”21फिर इसहाक ने याकूब से कहा, “हे मेरे पुत्र, निकट आ, मैं तुझे टटोलकर जानूँ, कि तू सचमुच मेरा पुत्र एसाव है या नहीं।”
22तब याकूब अपने पिता इसहाक के निकट गया, और उसने उसको टटोलकर कहा, “बोल तो याकूब का सा है, पर हाथ एसाव ही के से जान पड़ते हैं।”23और उसने उसको नहीं पहचाना, क्योंकि उसके हाथ उसके भाई के से रोंआर थे। अतः उसने उसको आशीर्वाद दिया।
24और उसने पूछा, “क्या तू सचमुच मेरा पुत्र एसाव है?” उसने कहा, “हाँ मैं हूँ।”
याकूब को आशीर्वाद मिलना

25तब उसने कहा, “भोजन को मेरे निकट ले आ, कि मैं, अपने पुत्र के अहेर के माँस में से खाकर, तुझे जी से आशीर्वाद दूँ।” तब वह उसको उसके निकट ले आया, और उसने खाया; और वह उसके पास दाखमधु भी लाया, और उसने पिया।
26तब उसके पिता इसहाक ने उससे कहा, “हे मेरे पुत्र निकट आकर मुझे चूम।”27उसने निकट जाकर उसको चूमा। और उसने उसके वस्त्रों का सुगन्ध पाकर उसको वह आशीर्वाद दिया,
“देख, मेरे पुत्र की सुगन्ध जो
ऐसे खेत की सी है जिस पर यहोवा
ने आशीष दी हो;
28परमेश्‍वर तुझे आकाश से ओस,
और भूमि की उत्तम से उत्तम उपज,
और बहुत सा अनाज और नया दाखमधु दे;
29राज्य-राज्य के लोग तेरे अधीन हों,
और देश-देश के लोग तुझे दण्डवत् करें;
तू अपने भाइयों का स्वामी हो,
और तेरी माता के पुत्र तुझे दण्डवत् करें।
जो तुझे श्राप दें वे आप ही श्रापित हों,
और जो तुझे आशीर्वाद दें वे आशीष पाएँ।”
आशीर्वाद के लिये एसाव का निवेदन

30जैसे ही यह आशीर्वाद इसहाक याकूब को दे चुका, और याकूब अपने पिता इसहाक के सामने से निकला ही था, कि एसाव अहेर लेकर आ पहुँचा।31तब वह भी स्वादिष्ट भोजन बनाकर अपने पिता के पास ले आया, और उसने कहा, “हे मेरे पिता, उठकर अपने पुत्र के अहेर का माँस खा, ताकि मुझे जी से आशीर्वाद दे।”
32उसके पिता इसहाक ने पूछा, “तू कौन है?” उसने कहा, “मैं तेरा जेठा पुत्र एसाव हूँ।”33तब इसहाक ने अत्यन्त थरथर काँपते हुए कहा, “फिर वह कौन था जो अहेर करके मेरे पास ले आया था, और मैंने तेरे आने से पहले सब में से कुछ-कुछ खा लिया और उसको आशीर्वाद दिया? वरन् उसको आशीष लगी भी रहेगी।”*
34अपने पिता की यह बात सुनते ही एसाव ने अत्यन्त ऊँचे और दुःख भरे स्वर से चिल्लाकर अपने पिता से कहा, “हे मेरे पिता, मुझ को भी आशीर्वाद दे!”35उसने कहा, “तेरा भाई धूर्तता से आया, और तेरे आशीर्वाद को लेकर चला गया।”
36उसने कहा, “क्या उसका नाम याकूब यथार्थ नहीं रखा गया? उसने मुझे दो बार अड़ंगा मारा, मेरा पहलौठे का अधिकार तो उसने ले ही लिया था; और अब देख, उसने मेरा आशीर्वाद भी ले लिया है।” फिर उसने कहा, “क्या तूने मेरे लिये भी कोई आशीर्वाद नहीं सोच रखा है?”37इसहाक ने एसाव को उत्तर देकर कहा, “सुन, मैंने उसको तेरा स्वामी ठहराया, और उसके सब भाइयों को उसके अधीन कर दिया, और अनाज और नया दाखमधु देकर उसको पुष्ट किया है। इसलिए अब, हे मेरे पुत्र, मैं तेरे लिये क्या करूँ?”
38एसाव ने अपने पिता से कहा, “हे मेरे पिता, क्या तेरे मन में एक ही आशीर्वाद है? हे मेरे पिता, मुझ को भी आशीर्वाद दे।” यह कहकर एसाव फूट-फूट कर रोया।
39उसके पिता इसहाक ने उससे कहा,
“सुन, तेरा निवास उपजाऊ भूमि से दूर हो,
और ऊपर से आकाश की ओस उस पर न पड़े।
40तू अपनी तलवार के बल से जीवित रहे,
और अपने भाई के अधीन तो होए;
पर जब तू स्वाधीन हो जाएगा,
तब उसके जूए को अपने कंधे पर से तोड़ फेंके।” (इब्रा. 11:20)
याकूब का एसाव के डर से भागना

41एसाव ने तो याकूब से अपने पिता के दिए हुए आशीर्वाद के कारण बैर रखा; और उसने सोचा, “मेरे पिता के अन्तकाल का दिन निकट है, फिर मैं अपने भाई याकूब को घात करूँगा।”42जब रिबका को अपने पहलौठे पुत्र एसाव की ये बातें बताई गईं, तब उसने अपने छोटे पुत्र याकूब को बुलाकर कहा, “सुन, तेरा भाई एसाव तुझे घात करने के लिये अपने मन में धीरज रखे हुए है।
43इसलिए अब, हे मेरे पुत्र, मेरी सुन, और हारान को मेरे भाई लाबान के पास भाग जा;44और थोड़े दिन तक, अर्थात् जब तक तेरे भाई का क्रोध न उतरे तब तक उसी के पास रहना।45फिर जब तेरे भाई का क्रोध तुझ पर से उतरे, और जो काम तूने उससे किया है उसको वह भूल जाए; तब मैं तुझे वहाँ से बुलवा भेजूँगी। ऐसा क्यों हो कि एक ही दिन में मुझे तुम दोनों से वंचित होना पड़े?”
46फिर रिबका ने इसहाक से कहा, “हित्ती लड़कियों के कारण मैं अपने प्राण से घिन करती हूँ; इसलिए यदि ऐसी हित्ती लड़कियों में से, जैसी इस देश की लड़कियाँ हैं, याकूब भी एक को कहीं ब्याह ले, तो मेरे जीवन में क्या लाभ होगा?”


Genesis 27:1

आँखें ऐसी धुंधली पड़ गईं

वह आँधा होने के बारे मे बोलता है कि आँखे एक दीपक थी और प्रकाश लगभग बाहर निकल गया था, जैसे कि ”वह लगभग आँधा हो गया था।

उसने उसे कहा

और एसाव ने जवाब दिया।

मै यहा हूं

“मै सुन रहा हूं।“(22:1)

उसने कहा

“इसहाक ने कहा।”

यहाँ देखे

वाकयांश मे “यहाँ देखे” इसलिऐ कहा है कि सभी “ध्‍यान से देखे”।

नहीं जानता कि मेरी मृत्यु का दिन कब होगा

यहाँ इसहाक जानता है कि वह जल्‍द ही मर जाएगा। जैसे कि ”मैं किसी दिन भी मर सकता हूं”।

मृत्यु

यह शरीरक मृत्‍यु को दर्शाता है।

Genesis 27:3

समान्य जानकारी

इसहाक अपने बड़े बेटे इसहाक को निर्देश देना जारी रखता है।

हथियार

"अपने शिकार करने वाले उपकरण“।

तुम्हारी तरकश

एक तरकश तीर धारण करने के लिए है। जैसे कि “तीर के अपने तरकश"।

मेरे लिये अहेर कर ले

"मेरे लिए एक जंगली जानवर का शिकार कर”।

मेरी रूचि के अनुसार स्वादिष्ट भोजन बनाकर मेरे पास ले आना

“बहुत अच्छा" शब्द किसी स्वाद को दर्शाता है, जैसे कि "मेरे लिए स्वादिष्ट खाना और मास बनाना जिसे मैं प्यार करता हूँ“।

आशीर्वाद दूँ

बाइबल के समय एक पिता आपने बच्‍चो को औपचारिक आशीष सुनाता है।

Genesis 27:5

तब

शब्द "अब“ रिबिका और याकूब के परिवर्तनों को दिखाता है।

इसहाक एसाव से यह बात कह रहा था, तब रिबका* सुन रही थी

जब इसहाक आपने बेटे एसाव से बात कर रहा था तब रिबिका सुन रही थी।

एसाव चला गया.……इसे वापस लाना

“तो जब” शब्द रिबिका को दिखाने के लिऐ जोड़ जा सकता है कयोकि वह सुनती है जब इसहाक अपने बेटे से बात करता है जैसे कि “जब एसाव चला गया… तो इसे वापस लाना”।

एसाव का पुत्र…याकुब का पुत्र

एसाव और याकूब दोनों इसहाक रिबिका के पुत्र थे।

यहाँ देख

इस वाक्‍य मे “यहाँ देखे” इस पर जोर देता है,“ध्‍यान से सुनो”

कहते सुना है,तू मेरे लिये अहेर करके उसका स्वादिष्ट भोजन बना, कि मैं उसे खाकर तुझे यहोवा के आगे मरने से पहले आशीर्वाद दूँ।’

उसने एसाव से कहा कि वह जंगली जानवर का शिकार करे और वह स्वादिष्ट मांस बना दे जिसे वह प्यार करता है। फिर उसकी मौत से पहले, इसहाक याहवे की उपस्थिति में एसाव को आशीष देगा।

अहेर करके

“एक जंगली जानवर का शिकार करो और उसे मार लाओ”।

स्वादिष्ट भोजन बना,

“मेरे लिऐ स्‍वादिष्‍ट खाना बनाओ,मुझे स्‍वादिष्‍ट खाना बहुत प्‍यारा है”।(27:3)

यहोवा के आगे आशीर्वाद दूँ

“यहोवा से पहले आशीर्वाद दूँ”।

मेरे मरने से पहले

“इस से पहले कि मैं मर जाओं”।

Genesis 27:8

सामान्य जानकारी

रिबिका आपने छोटे बेटे याकूब से बात करती जारी रखती है।

अब

इसका मतलब यह है कि “इस समय” नहीं लेकिन महत्‍वपूर्ण बिंदु है, यह इस की और ध्‍यान अकर्षित करने के लिऐ प्रयोग किया जता है।

मेरी सुन, और यह आज्ञा मान

मेरी बात मानों और वह करों जो मैं तुम से कहता हूँ।

मैं तेरे पिता के लिये उसकी रूचि के अनुसार उनके माँस का स्वादिष्ट भोजन बनाऊँगी

“बहुत अच्छा" शब्द किसी स्वाद को दर्शाता है, जैसे कि "मेरे लिए स्वादिष्ट खाना और मास बनाना जिसे मैं प्यार करता हूँ“।(27:3)

मैं तेरे पिता के लिये

यह आपने पिता के पास ले जाना।

कि वह उसे खाकर मरने से पहले तुझको आशीर्वाद दे।

“और उसके खाने के बाद, वह तुम्‍हें आशीष दे“।

तुझको आशीर्वाद दे।”

“आशीर्वाद” शब्द एक पिता अपने बच्चों केलिए औपचारिक आशीर्वाद को दर्शाता है।

मरने से पहले

इस से पहले कि वह मर जाऐ।

Genesis 27:11

मैं रोमहीन पुरुष हूँ

मैं बालों वाला नहीं हूँ। मेरी त्वचा चिकनी है।

तो मैं उसकी दृष्टि में ठग ठहरूँगा

उन्‍हें पता चल जाएगा कि मैं उसे धोखा दे रहा हूँ।

आशीष के बदले श्राप ही कमाऊँगा।

श्रापित और धन्‍य होने की बात की जाती है जैसे के श्राप और आशीर्वाद दोने एक जैसी वस्‍तु है जिसे किसे व्‍यक्‍ति पर रखा जा सकता है जैसे कि “इस वजह से वह मुझे श्राप देगा मुझे आशीर्वाद नहीं देगा।

Genesis 27:13

“हे मेरे, पुत्र, श्राप तुझ पर नहीं मुझी पर पड़े

“हे मेरे पुत्र तुम्हारे पिता तेरे बदले मुझे श्राप दे”।

मेरी सुन

रिबिका ने कहां वह कया कर रही है उसका उल्‍लेख करने के लिऐ “मेरी आवाज सुन“ और मै जो कहती हूँ उसका पालन कर।

मेरे पास ले आ

मेरे पास छोटी बकरियों को ले आओ।

उसके पिता की रूचि के अनुसार स्वादिष्ट भोजन बना दिया

“बहुत अच्छा" शब्द किसी स्वाद को दर्शाता है, जैसे कि "मेरे लिए स्वादिष्ट खाना और मास बनाना जिसे मैं प्यार करता हूँ“।(27:3)

Genesis 27:15

बकरियों के बच्चों की खालों को उसके हाथों में दिया

बकरी की खाल पर अभी भी बाल थे।

वह स्वादिष्ट भोजन और अपनी बनाई हुई रोटी भी अपने पुत्र याकूब के हाथ में दे दी।

उसने वह स्वादिष्ट भोजन और रोटी बनाकर आपने बेटे याकुब को दे दी।

Genesis 27:18

उसने कहा

“और उसके पिता ने जवाब दिया”। इसहाक ने उत्तर दिया

मैं यहाँ हूँ

हाँ, मै सुन रहा हूँ।

मैंने तेरी आज्ञा के अनुसार किया है

“मैंने वही किया है जो तुमने मुझे करने के लिऐ कहा था“

मेरे अहेर के

"मेरे लिए एक जंगली जानवर का शिकार कर”।(27:3)

Genesis 27:20

उसने कहा

“याकूब ने जावाब दिया“।

मेरे सामने कर दिया

यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि परमेश्‍वर ने ऐसे होने का कारण बनाया है,"मुझे शिकार करते समय सफल होने में मदद की“

कि तू सचमुच मेरा पुत्र एसाव है या नहीं।

यदि एसव तू वास्‍तव में मेरा बेटा है।

Genesis 27:22

याकूब अपने पिता इसहाक के निकट गया

“याकूब ने आपने पिता इसहाक से संर्पक किया“।

बोल तो याकूब का सा है,

“तुम्हारी आवाज याकूब जैसी लग रही है”

पर हाथ एसाव ही के से जान पड़ते हैं

“लेकिन तुम्हारे हाथ एसाव के हाथ की तरह लग रहे हैं“।

Genesis 27:24

उसने कहा

इसहाक आपने बेटे को आशीर्वाद देने से पहले सवाल पूछता है।

अहेर को खाकर

“एक जंगली जानवर का शिकार करो और उसे मार लाओ”।(27:5)

और उसने पिया

और इसहाक ने पिया।

Genesis 27:26

उसके वस्त्रों का सुगन्ध पाकर उसको वह आशीर्वाद दिया

उसने अपने कपड़ों की गंध महसूस की और उस से एसाव के कपड़ों की तरह गंध आ रही थी, इसलिए इसहाक ने उसे आशीष दी।

और उसकी सुगन्ध

और इसहाक की गंध।

सुगन्ध

गंध।

और आशीर्वाद दिया

“और उसे आशीर्वाद दिया“। यह एक पिता के अपने अच्चों के लिए औपचारिक आशीर्वाद को दर्शाता है।

देखना,मेरे पुत्र की सुगन्ध

वास्तव में मेरे बेटे की गंध है।

यहोवा ने आशीष दी हो;

“कि यहोवा ने उसके बहुत धनी होने का कारण बना है“।

Genesis 27:28

सामान्य जानकारी

यह इसहाक का आशीर्वाद है। उसने सोचा कि वह एसाव से बात कर रहा है, लेकिन वह याकूब से बात कर रहा था।

तुझे

यहाँ "तुम“ और याकूब को दर्शाता है। लेकिन यह आशीष याकूब के वंशजों पर भी लागू होगी।

आकाश से ओस,

“ओस” रात के दौरान पौधों पर पानी की बूँदें के रूप में होती है। यह अनुवाद में स्पष्ट किया जा सकता है। कि “तुम्हारी फसलों कको पानी देने के लिए स्वर्ग से रात की धुंध”।

भूमि की उत्तम से उत्तम उपज

उपजाऊ भूमि होने के बारे में ऐसा कहा जाता है मानो पृथ्वी मोटी या समृद्ध हो "फसलों के उत्पादन के लिए अच्छी मिट्टी“।

बहुत सा अनाज और नया दाखमधु दे

यदि "अनाज" और "शराब" अज्ञात हैं, तो इसे सामान्य रूप से अधिक कहा जा सकता है, जैसे कि "भोजन और पेय की बहुतात“।

Genesis 27:29

तू……तेरे

यह सर्वनाम याकूब का उल्‍लेख करते है लेकिन यह आशीष उसके वंशजो पर भी लागू होती है।

देश-देश के लोग तुझे दण्डवत् करें

यह सभी “जाति“ के लोगों को दर्शाता है जैसे कि “सभी देशों के लोग तेरे आगे झुके”।

दण्डवत् करें

इसका अर्थ है किसी के प्रति नम्रता से आदर और सम्मान व्यक्त करने के लिए झुकना।

तू अपने भाइयों का स्वामी हो

"तुम्हारे भाइयों पर एक स्‍वामी बनें"।

तेरे भाई…… तेरी माता के पुत्र

इसहाक याकूब को यह आशीष देता है, लेकिन यह याकूब के वंशजों पर भी लागू होता है जो एसाव के वंशजों और याकूब के किसी भी भाई के वंशजों पर शासन करेगा जो उसके पास हो सकता है।

और तेरी माता के पुत्र तुझे दण्डवत् करें

और तेरी माता के पुत्र भी तेरे आगे झुकेगे।

जो तुझे श्राप दें वे आप ही श्रापित हों

यह स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है “परमेश्‍वर सबको श्राप दे सकता है”।

और जो तुझे आशीर्वाद दें वे आशीष पाएँ।

यह स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि ”परमेश्‍वर हर किसी को आशिर्वाद देता है”।

Genesis 27:30

इसहाक अपने पिता के सामने से निकला ही था,

उसने अपने पिता इसहाक के तम्बू को छोड़ा ही था

स्वादिष्ट भोजन।

“मेरे लिऐ स्‍वादिष्‍ट खाना बनाओ,मुझे स्‍वादिष्‍ट खाना बहुत प्‍यारा है”।(27:3)

अपने पुत्र के अहेर का।

यहाँ "आपके बेटे का" एसाव को दरशाने एक विनम्र तरीका था, जिसमें उसके खुद के बनाए भोजन का जिक्र है।

पुत्र के अहेर

यहाँ “आपने बेटे“ एसाव के द्वारा किऐ गऐ भोजन का जिक्र का एक विन्रम तरीका है।

आशीर्वाद दे

यह एक पिता का अपने बच्चों के लिए औपचारिक आशीर्वाद को दर्शाया जाता है।

Genesis 27:32

उसने कहा

एसाव से कहा।

इसहाक ने काँपते हुए

“इसहाक ने हिलना शुरु कर दिया”।

अहेर करके

अहेर करने का अर्थ किसी जंगली जानवर का शिकार करना और मारना है।

Genesis 27:34

अत्यन्त ऊँचे और दुःख भरे स्वर से चिल्लाकर

एसाव की पीड़ा कुछ कड़वे स्वाद के समान थी,जैसे कि "वह जोर से रोया“।

तेरे आशीर्वाद को लेकर चला गया

यह बात करने का एक तरीका है कि जो एसाव का था उसे याकूब ने ले लिया

Genesis 27:36

“क्या उसका नाम याकूब यथार्थ नहीं रखा गया

एसाव एक सवाल का प्रयोग करता है कि वह याकूब अपने गुस्से पर ज़ोर दे, जैसे कि "याकूब निश्चित रूप से मेरे भाई के लिए सही नाम है“।

याकूब

याकूब के नाम का अर्थ है कि वह “एड़ी को पकड़ता है“। “याकूब“ का नाम भी 'वह धोखा देता है' के शब्द की तरह लगता है“।

उसने ले लिया……आशीर्वाद

यह एक जन्मसिद्ध अधिकार के बारे में बोलता है जैसे कि यह एक वस्तु है और ये एक व्यक्ति को दूर ले जा सकता था, "वह मुझे उसे दोगुना विरासत मे है कि मैं पहलौठे बेटे के रुप में धोखा दिया है।

अब देख, उसने मेरा आशीर्वाद भी ले लिया है

यह एक आशीर्वाद के बारे में बोलते है और उसके रूप में अगर यह एक वस्तु है जो व्यक्ति को दूर ले जा सकता था,"अब वह मेरे बदले उसे आशीर्वाद में धोखा दिया है“।

“क्या तूने मेरे लिये भी कोई आशीर्वाद नहीं सोच रखा है“

एसाव जानता है कि उसके पिता उसे उन्हीं चीज़ों के साथ आशीर्वाद नहीं दे सकते हैं जो उसने याकूब को दी थीं। एसाव पूछ रहा है कि क्या उसके पास कहने के लिए कुछ बचा है जो इसहाक ने याकूब को आशीर्वाद देते समय नहीं कहा था।

इसलिए अब, हे मेरे पुत्र, मैं तेरे लिये क्या करूँ?”

इसहाक सवाल का इस्‍तेमाल करता है कि वह कूछ नहीं करता है, कि “मैं तुम्‍हारे लिऐ कया कर सकता हुँ कयोंकि वहाँ पर कुछ नही है“।

Genesis 27:38

“हे मेरे पिता, क्या तेरे मन में एक ही आशीर्वाद है

“मेरे पिता कया मेरे लिए एक और आशीर्वाद है।

Genesis 27:39

उससे कहा,

“एसाव को कहा”।

“सुन,

यह इसहाक को आगे देने के लिऐ कहता है कि “ध्‍यान देना मैं तुम्‍हे बता रहा हूं कि मैं आगे कया करूँगा”।

ऊपर से आकाश की ओस उस पर न पड़े

"दूर तक उपजाऊ मिट्टी“।

तू………तू

ये घोषनाएं एकवचन में हैं और ये एसाव के लिए हैं लेकिन इसहाक जो कहता है वह एसाव के वंशजों पर भी लागू होने को एसाव दर्शाता है।

आकाश की ओस

“ओस” पानी की वो बूँदे हैं जो रात को पौधों पर पड़ती है।

तू अपनी तलवार के बल से जीवित रहे,

यहाँ “तलवार” हिंसा को दर्शाती है, जैसे कि “तुम अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों की लूट-मार करोगे

तब उसके जूए को अपने कंधे पर से तोड़ फेंके।

यह एक गुरु होने के रूप में यदि व्यक्ति पर गुरु का नियंत्रण एक जुए की तरह है और व्यक्ति को ले जाना था, "आप अपने आप को अपने नियंत्रण से मुक्त हो जाएगा“।

Genesis 27:41

एसाव ने अपने दिल में कहा

यहाँ “दिल” खुद एसाव को दर्शाता है, जैसे कि“एसाव ने खुद से कहा“।

“मेरे पिता के अन्तकाल का दिन निकट है,

यह एक व्‍यक्‍ति के शोक में कई दिनों को दर्शाता है जब एक परिवार के किसी सदस्‍य की मृत्‍यृ हो जाती है।

जब रिबका को अपने पहलौठे पुत्र एसाव की ये बातें बताई गईं,

यहाँ “शब्‍द“ वो दर्शाते हैं जो एसाव ने कहा। जैसे कि “एसाव की योजना के बारे मे किसी ने रिबिका को बता दिया था”।

देखना

“ध्‍यान देना”।

अपने मन में धीरज रखे हुए है।

"खुद को बेहतर महसूस करा रहा है"

Genesis 27:43

अब

इसका अर्थ यह नहीं है कि “यह समय” है पर यह उस समय ओर ध्यान दिलाता है।

लाबान के पास जा

“यहाँ से जल्‍दी भाग जा और लाबान के पास जा“।

थोड़े दिन तक

“कुछ समय के लिए”।

जब तक तेरे भाई का क्रोध न उतरे

“जब तक तेरा भाई शांत हो जाता है“।

तेरे भाई का क्रोध तुझ पर से उतरे

क्रोध का होना इस बात को दर्शाता है कि तुम आपना ध्‍यान आपने भाई की और से हटा कर दूसरी दिशा में कर लो, जैसे कि “जब तक वह तुम्‍हारे साथ गुस्‍सा नहीं है”।

क्यों हो कि एक ही दिन में मुझे तुम दोनों से वंचित होना पड़े“

रिबिका चिंता करते हुए एक स्‍वाल का इस्‍तेमाल करती है कि ”मै एक दिन तुम दोनो को नहीं खोना चाहती”।

एक ही दिन में मुझे तुम दोनों से वंचित होना पड़े?”

यह निहित है कि अगर एसाव याकूब को मारता है, तो वे एसाव को एक कातिल के रूप में मार डालेंगे।

वंचित होना

यह उसके बेटों के मरने को दर्शाने का विनम्र तरीका है।

Genesis 27:46

मैं अपने प्राण से घिन करती हूँ

रिबका इस बात को दर्शाती है कि एसाव हित्ती औरतों से कितनी परेशान है जिनसे एसाव ने शादी की है ”मैं बहुत परेशान हूँ"।

हित्ती लड़कियों

“हित्ती का वंशज” “इन हित्ती औरतों के कारण।

जैसी इस देश की लड़कियाँ हैं, याकूब भी एक को कहीं ब्याह ले,

इस वाक्यांश मे "भूमि की बेटियों" को स्थानीय लड़कीयाँ होने का अर्थ बताया है, कि "इन महिलाओं की तरह जो इस देश में रहती थी”।

तो मेरे जीवन में क्या लाभ होगा“

रिबका एक सवाल करती है कि यदि याकूब एक हित्ती महिला से शादी करता है तो वह कितनी परेशान होगी। कि “मेरा जीवन भयानक हो जाएगा”।


Chapter 28

याकूब का लाबान के पास भेजा जाना

1तब इसहाक ने याकूब को बुलाकर आशीर्वाद दिया, और आज्ञा दी, “तू किसी कनानी लड़की को न ब्याह लेना।2पद्दनराम में अपने नाना बतूएल के घर जाकर वहाँ अपने मामा लाबान की एक बेटी को ब्याह लेना।

3सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर तुझे आशीष दे, और फलवन्त कर के बढ़ाए, और तू राज्य-राज्य की मण्डली का मूल हो।4वह तुझे और तेरे वंश को भी अब्राहम की सी आशीष दे, कि तू यह देश जिसमें तू परदेशी होकर रहता है, और जिसे परमेश्‍वर ने अब्राहम को दिया था, उसका अधिकारी हो जाए।”
5तब इसहाक ने याकूब को विदा किया, और वह पद्दनराम को अरामी बतूएल के पुत्र लाबान के पास चला, जो याकूब और एसाव की माता रिबका का भाई था।
एसाव का इश्माएल की बेटी महलत से ब्याह

6जब एसाव को पता चला कि इसहाक ने याकूब को आशीर्वाद देकर पद्दनराम भेज दिया, कि वह वहीं से पत्‍नी लाए, और उसको आशीर्वाद देने के समय यह आज्ञा भी दी, “तू किसी कनानी लड़की को ब्याह न लेना,”7और याकूब माता-पिता की मानकर पद्दनराम को चल दिया।
8तब एसाव यह सब देखकर और यह भी सोचकर कि कनानी लड़कियाँ मेरे पिता इसहाक को बुरी लगती हैं,9अब्राहम के पुत्र इश्माएल के पास गया, और इश्माएल की बेटी महलत को, जो नबायोत की बहन थी, ब्याहकर अपनी पत्नियों में मिला लिया।
बेतेल में याकूब का स्वप्न

10याकूब बेर्शेबा से निकलकर हारान की ओर चला।11और उसने किसी स्थान में पहुँचकर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; इसलिए उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बनाकर रखा, और उसी स्थान में सो गया।
12तब उसने स्वप्न में क्या देखा, कि एक सीढ़ी पृथ्वी पर खड़ी है, और उसका सिरा स्वर्ग तक पहुँचा है; और परमेश्‍वर के दूत उस पर से चढ़ते-उतरते हैं।13और यहोवा उसके ऊपर खड़ा होकर कहता है, “मैं यहोवा, तेरे दादा अब्राहम का परमेश्‍वर, और इसहाक का भी परमेश्‍वर हूँ; जिस भूमि पर तू लेटा है, उसे मैं तुझको और तेरे वंश को दूँगा।
14और तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा, और पश्चिम, पूरब, उत्तर, दक्षिण, चारों ओर फैलता जाएगा: और तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएँगे।15और सुन, मैं तेरे संग रहूँगा, और जहाँ कहीं तू जाए वहाँ तेरी रक्षा करूँगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊँगा: मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूँ तब तक तुझको न छोड़ूँगा।” (यशा. 41:10)
16तब याकूब जाग उठा, और कहने लगा, “निश्चय इस स्थान में यहोवा है; और मैं इस बात को न जानता था।”17और भय खाकर उसने कहा, “यह स्थान क्या ही भयानक है! यह तो परमेश्‍वर के भवन को छोड़ और कुछ नहीं हो सकता; वरन् यह स्वर्ग का फाटक ही होगा।”
18भोर को याकूब उठा, और अपने तकिये का पत्थर लेकर उसका खम्भा* खड़ा किया, और उसके सिरे पर तेल डाल दिया।19और उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; पर उस नगर का नाम पहले लूज था।
20याकूब ने यह मन्नत मानी, “यदि परमेश्‍वर मेरे संग रहकर* इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहनने के लिये कपड़ा दे,21और मैं अपने पिता के घर में कुशल क्षेम से लौट आऊँ; तो यहोवा मेरा परमेश्‍वर ठहरेगा।22और यह पत्थर, जिसका मैंने खम्भा खड़ा किया है, परमेश्‍वर का भवन ठहरेगा: और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमांश मैं अवश्य ही तुझे दिया करूँगा।”


Genesis 28:1

तू…न ब्याह लेना।

“नहीं लेना चाहिए“।

जाकर

“अभी चले जाओ”

पद्दनराम

यह मोसोपोतामीयां के क्षेत्र का दूसरा नाम है, जो आधुनिक इराक के एक स्थान में है

घर

यह एक व्‍यक्‍ति के वंशज को या उसके रिश्‍तेदारों को दर्शाता है जैसे कि “परिवार”।

बतूएल

बतूएल रिबिका के पिता थे।(22:20)

अपने नाना

“तुम्‍हारी माता के पिता”।

एक बेटी

“बेटियों में से”।

अपने मामा

“तुम्‍हारी माता का भाई“।

Genesis 28:3

सामन्य जानकारी

इसहाक याकूब से बात करनी जारी रखता है।

फलवन्त कर के बढ़ाए

यह शब्‍द “बढ़ाएगा” बताता है कैसे परमेश्‍वर याकूब को “फलवन्त” करेगा। जैसे कि ”तेरे बहुत सारे बच्‍चे और वंशज होगें”।

वह तुझे और तेरे वंश को भी अब्राहम की सी आशीष दे

यह किसी को आशीर्वाद के बारे में बोलता है जैसे कि आशीर्वाद एक वस्तु है जो एक व्यक्ति दे सकता है। जैसे कि “परमेश्‍वर तुझे और तेरे वंशज को वो आशीष देगा जिसकी प्रतिज्ञा उसने अब्राहम से की है“।

उसका अधिकारी हो जाए

याकूब और उसके वंशजों को कनान की भूमि देने वाला परमेश्‍वर इस तरह बात करता है मानो कोई बच्चा अपने पिता से संपत्ति प्राप्त कर रहा हो।

जिसमें तू परदेशी होकर रहता है,

“वह देश जहां तुम रहते हे“।

जिसे परमेश्‍वर ने अब्राहम को दिया था

“जो वादा परमेश्‍वर ने अब्राहम से किया था"।

Genesis 28:5

पद्दनराम

यह मोसोपोतामीयां के क्षेत्र का दूसरा नाम है, जो आधुनिक इराक के एक स्थान में है।

बतूएल

बतूएल रिबिक के पिता थे।(22:20)

Genesis 28:6

सामानय जानकरी

कहानी याकूब से एसाव की ओर बदलती है

अब

इस शब्द का उपयोग यहाँ एसाव के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए और कहानी मे परिवर्तन को चिह्नित करने के लिए किया जाता है।

पद्दनराम

यह मोसोपोतामीयां के क्षेत्र का दूसरा नाम है, जो आधुनिक इराक के एक स्थान में है।

पत्‍नी लाए,

“अपने लिए एक पत्नी लाए”।

उसको आशीर्वाद देने के समय

"एसाव ने देखा कि इसहाक ने याकूब को आशीष दी थी"।

तू न लेना

“ना लेना“।

कनानी लड़की

“कनान की महिलाएं”।

Genesis 28:8

सामान्य जानकरी

इस में एसाव की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी जारी रखता है”।

एसाव यह सब देखकर

“एसव को एहसास हुआ”।

कनानी लड़कियाँ मेरे पिता इसहाक को बुरी लगती हैं

"उसके पिता इसहाक को कनान की महिलाओं की मंजूरी नहीं दी"।

कनानी लड़कियाँ

“कनान की महिलाएं”।

इसलिऐ

“उसके कारण”।

उसकी पहली पत्नियों के अतिरिक्त

पहली पत्नियों के इलावा अन्य पत्नियाँ

महलत

यह इश्माएल की बेटी का नाम है।

नबायोत

यह इश्‍माएल के बेटे का नाम है।

Genesis 28:10

सामान्य जानकारी

कहानी याकूब पर वापस लौटती है।

उसने किसी स्थान में पहुँचकर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था

"वह एक निश्चित स्थान पर आया था और, क्योंकि सूरज अस्‍त हो चूका था, तो उसने रात रहने का फैसला किया।

Genesis 28:12

उसने स्वप्न देखा

“याकूब ने एक स्वप्न देखा”।

पृथ्वी पर खड़ी

“वह जमीन को नीचे से‌ छूती है“।

स्वर्ग तक पहुँचा

यह उस स्‍थान को दर्शाता है यहाँ परमेश्‍वर रहता है।

देखा

यह शब्‍द “देखो“ हमारे सामने आने वाली आश्चर्यजनक सूचनाओं पर ध्‍यान देने के लिऐ हमे सचेत करता है।

यहोवा उसके ऊपर खड़ा

“कि यहोवा याकूब के बगल मे खड़ा था”।

तेरे दादा अब्राहम

यहाँ पिता का अर्थ है, पूर्वजों आपके पूर्वजों के आब्राहम के पूर्वज।

Genesis 28:14

सामान्य जानकारी

परमेश्‍वर एक स्वप्न याकूब से बात करते है।

तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा

परमेश्‍वर याकूब के वंशजों की तुलना धरती की धूल से करता है ताकि उनकी बड़ी संख्या पर ज़ोर दिया जा सके। कि "तुम जितना गिन सकते हो उससे अधिक तुम्हारा वंश होगा“।

और पश्चिम फैलता जाएगा

यह याकूब को कहा गया है कि तेरा वंश पश्चिम में फैलता जाएगा।

फैलता जाएगा:

इसका मतलब यह है कि लोग अपनी जमीन की सीमाओं का विस्तार करेंगे और अधिक क्षेत्र पर कब्जा करेंगे।

पश्चिम, पूरब, उत्तर, दक्षिण, चारों ओर फैलता जाएगा:

इस वाक्‍यांश का उपयोग एक साथ अर्थ निकलने के लिऐ किया जाता है जैसे कि ”सभी दिशाओं मे”।

तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएँगे।

यहाँ स्‍पष्‍ट रूप मे कहा जा सकता है, कि ”मै तुझे और तेरे वंशजों के माध्यम से पृथ्वी पर सभी परिवारों को आशीष दूँगा”।

देखना

मैं तुम्‍हे बताने जा रहा हूँ कि मैं आगे कया कर रहा हूं “ध्‍यान देना“।

मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूँ तब तक तुझको न छोड़ूँगा।”

“मै तब तक तुझे‌ छोड़कर नही जाओगा जब तक मेरा कहा पूरा नही होता“।

मैं तेरे संग रहूँगा

"मैं तेरी रक्षा करूँगा“।

तुझे इस देश में लौटा ले आऊँगा

“मै तुमे इस देश मे वापस लाओगा“।

Genesis 28:16

जाग उठा,

“वह नींद से उठ गया”।

परमेश्‍वर के भवन…… स्वर्ग का फाटक ही होगा।

इस वाक्‍यांश मे यह बताते है कि ”परमेश्‍वर का घर” उस जगह “स्‍वर्ग के द्वार” के लिऐ प्रवेश द्वार है।

स्वर्ग का फाटक ही होगा

यह उस जगह के प्रवेश द्वार के बारे में बोलता है जहां परमेश्‍वर रहता है जैसे कि यह एक राज्य था जिसमें एक द्वार था जिसे लोगों को अंदर जाने के लिए खोलना पड़ता है।

Genesis 28:18

खम्भा

यह एक स्‍मारक स्‍तंभ है, अर्थात, इसके अंत मे स्थापित एक बड़ा पत्थर है।

उसके सिरे पर तेल डाल दिया।

यह कार्रवाई इस बात का प्रतीक है कि याकूब इस स्तंभ को परमेश्‍वर को समर्पित कर रहा है। इस कथन को स्‍पष्‍ट रुप मे यह सकता है कि "इसके ऊपर तेल ड़ाला ताकि यह खंभे वह परमेश्‍वर को समर्पित कर सके”।

बेतेल

बेतेल नाम का अर्थ है कि “परमेश्‍वर का घर”।

लूज

यह एक शहर का नाम है।

Genesis 28:20

मन्नत मानी,

“गंभीर रुप मे भगवान से वादा किया”।

यदि परमेश्‍वर….तो यहोवा मेरा परमेश्‍वर ठहरेगा

याकूब ने परमेश्‍वर को कहा कि यहोवा मैं तेरी ही उपासना करूँगा।

मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी

यह याकूब की पत्‍नी को खोजने के लिए और घर लौटने के लिए याकूब की यात्रा को दर्शाता है कि “इस यात्रा पर“।

मुझे खाने के लिये रोटी

यहाँ “रोटी“ सामान्य रुप मे भोजन के लिये है।

मैं अपने पिता के घर

यह “घर” याकूब के परिवार के लिऐ खड़ा है कि “मेरे पिता और मेरे परिवार के लिये आराम वाला है”।

यह पत्थर

इसका अर्थ यह है कि पत्थर उस जगह को चिन्ह करेगा जहां परमेश्‍वर ने उसे प्रकट किया था और यह एक ऐसा स्थान होगा जहां लोग परमेश्‍वर की उपासना कर सकते हैं। जैसे कि "परमेश्‍वर का घर"।


Chapter 29

याकूब का राहेल से मिलना

1फिर याकूब ने अपना मार्ग लिया, और पूर्वियों के देश में आया।2और उसने दृष्टि करके क्या देखा, कि मैदान में एक कुआँ है, और उसके पास भेड़-बकरियों के तीन झुण्ड बैठे हुए हैं; क्योंकि जो पत्थर उस कुएँ के मुँह पर धरा रहता था, जिसमें से झुण्डों को जल पिलाया जाता था, वह भारी था।3और जब सब झुण्ड वहाँ इकट्ठे हो जाते तब चरवाहे उस पत्थर को कुएँ के मुँह पर से लुढ़काकर भेड़-बकरियों को पानी पिलाते, और फिर पत्थर को कुएँ के मुँह पर ज्यों का त्यों रख देते थे।

4अतः याकूब ने चरवाहों से पूछा, “हे मेरे भाइयों, तुम कहाँ के हो?” उन्होंने कहा, “हम हारान के हैं।”5तब उसने उनसे पूछा, “क्या तुम नाहोर के पोते लाबान को जानते हो?” उन्होंने कहा, “हाँ, हम उसे जानते हैं।”6फिर उसने उनसे पूछा, “क्या वह कुशल से है?” उन्होंने कहा, “हाँ, कुशल से है और वह देख, उसकी बेटी राहेल भेड़-बकरियों को लिये हुए चली आती है।”
7उसने कहा, “देखो, अभी तो दिन बहुत है, पशुओं के इकट्ठे होने का समय नहीं; इसलिए भेड़-बकरियों को जल पिलाकर फिर ले जाकर चराओ।”8उन्होंने कहा, “हम अभी ऐसा नहीं कर सकते, जब सब झुण्ड इकट्ठे होते हैं तब पत्थर कुएँ के मुँह से लुढ़काया जाता है, और तब हम भेड़-बकरियों को पानी पिलाते हैं।”
9उनकी यह बातचीत हो रही थी, कि राहेल जो पशु चराया करती थी, अपने पिता की भेड़-बकरियों को लिये हुए आ गई।10अपने मामा लाबान की बेटी राहेल को, और उसकी भेड़-बकरियों को भी देखकर याकूब ने निकट जाकर कुएँ के मुँह पर से पत्थर को लुढ़काकर अपने मामा लाबान की भेड़-बकरियों को पानी पिलाया।
11तब याकूब ने राहेल को चूमा, और ऊँचे स्वर से रोया।12और याकूब ने राहेल को बता दिया, कि मैं तेरा फुफेरा भाई हूँ, अर्थात् रिबका का पुत्र हूँ। तब उसने दौड़कर अपने पिता से कह दिया।
13अपने भांजे याकूब का समाचार पाते ही लाबान उससे भेंट करने को दौड़ा, और उसको गले लगाकर चूमा, फिर अपने घर ले आया। और याकूब ने लाबान से अपना सब वृत्तान्त वर्णन किया।14तब लाबान ने याकूब से कहा, “तू तो सचमुच मेरी हड्डी और माँस है।” और याकूब एक महीना भर उसके साथ रहा।
15तब लाबान ने याकूब से कहा, “भाई-बन्धु होने के कारण तुझ से मुफ़्त सेवा कराना मेरे लिए उचित नहीं है; इसलिए कह मैं तुझे सेवा के बदले क्या दूँ?”16लाबान की दो बेटियाँ थी, जिनमें से बड़ी का नाम लिआ और छोटी का राहेल था।17लिआ के तो धुन्धली आँखें थीं, पर राहेल रूपवती और सुन्दर थी।
याकूब का राहेल के लिये सात वर्ष की सेवा

18इसलिए याकूब ने, जो राहेल से प्रीति रखता था, कहा, “मैं तेरी छोटी बेटी राहेल के लिये सात वर्ष तेरी सेवा करूँगा।”
19लाबान ने कहा, “उसे पराए पुरुष को देने से तुझको देना उत्तम होगा; इसलिए मेरे पास रह।”20अतः याकूब ने राहेल के लिये सात वर्ष सेवा की; और वे उसको राहेल की प्रीति के कारण थोड़े ही दिनों के बराबर जान पड़े।
छल से राहेल की जगह लिआ का दिया जाना

21तब याकूब ने लाबान से कहा, “मेरी पत्‍नी मुझे दे, और मैं उसके पास जाऊँगा, क्योंकि मेरा समय पूरा हो गया है।”22अतः लाबान ने उस स्थान के सब मनुष्यों को बुलाकर इकट्ठा किया, और एक भोज दिया।*
23सांझ के समय वह अपनी बेटी लिआ को याकूब के पास ले गया, और वह उसके पास गया।24लाबान ने अपनी बेटी लिआ को उसकी दासी होने के लिये अपनी दासी जिल्पा दी।25भोर को मालूम हुआ कि यह तो लिआ है, इसलिए उसने लाबान से कहा, “यह तूने मुझसे क्या किया है? मैंने तेरे साथ रहकर जो तेरी सेवा की, तो क्या राहेल के लिये नहीं की? फिर तूने मुझसे क्यों ऐसा छल किया है?”
26लाबान ने कहा, “हमारे यहाँ ऐसी रीति नहीं, कि बड़ी बेटी से पहले दूसरी का विवाह कर दें।
याकूब को राहेल का भी दिया जाना

27“इसका सप्ताह तो पूरा कर; फिर दूसरी भी तुझे उस सेवा के लिये मिलेगी जो तू मेरे साथ रहकर और सात वर्ष तक करेगा।”
28याकूब ने ऐसा ही किया, और लिआ के सप्ताह को पूरा किया; तब लाबान ने उसे अपनी बेटी राहेल भी दी, कि वह उसकी पत्‍नी हो।29लाबान ने अपनी बेटी राहेल की दासी होने के लिये अपनी दासी बिल्हा को दिया।30तब याकूब राहेल के पास भी गया, और उसकी प्रीति लिआ से अधिक उसी पर हुई, और उसने लाबान के साथ रहकर सात वर्ष और उसकी सेवा की।
याकूब की सन्तान

31जब यहोवा ने देखा कि लिआ अप्रिय हुई,* तब उसने उसकी कोख खोली, पर राहेल बाँझ रही।32अतः लिआ गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ, और उसने यह कहकर उसका नाम रूबेन रखा, “यहोवा ने मेरे दुःख पर दृष्टि की है, अब मेरा पति मुझसे प्रीति रखेगा।”
33फिर वह गर्भवती हुई और उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ; तब उसने यह कहा, “यह सुनकर कि मैं अप्रिय हूँ यहोवा ने मुझे यह भी पुत्र दिया।” इसलिए उसने उसका नाम शिमोन रखा।34फिर वह गर्भवती हुई और उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ; और उसने कहा, “अब की बार तो मेरा पति मुझसे मिल जाएगा, क्योंकि उससे मेरे तीन पुत्र उत्‍पन्‍न हुए।” इसलिए उसका नाम लेवी रखा गया।
35और फिर वह गर्भवती हुई और उसके एक और पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ; और उसने कहा, “अब की बार तो मैं यहोवा का धन्यवाद करूँगी।” इसलिए उसने उसका नाम यहूदा रखा; तब उसकी कोख बन्द हो गई। (मत्ती 1:2)


Genesis 29:1

पूर्वियों के देश में आया

पद्दनराम का अर्थ है एक भूमि जो कनान की भूमि के पूर्व मे है।

और उसके पास भेड़-बकरियों के तीन झुण्ड बैठे हुए हैं

यह शब्‍द “देखना” एक बड़ी कहानी की शुरुआत का निशान दिखाती है। आपनी भाषआ मे एसे करने का तरीका कह सकते है।

उस कुएँ के

“उस कुएँ से” यह वाक्य कहानी से पृष्ठभूमि की जानकारी में जाने वाला मोड़ है कि चरवाहों ने कैसे झुंड को पानी पिलाया।

वे जल देगा

“चारवाहे पानी पिलाऐंगे“।

कुएँ के मुँह

यहाँ “मुँह” खोलने और बात करने को दर्शाता है कि “कुएँ को खोलना”।

Genesis 29:4

याकूब ने पूछा

“याकूब ने चारवाहों से पूछा”।

मेरे भाइयों

यह एक अजनबी को प्रणाम करने का विनम्र तरीका है।

नाहोर के पोते लाबान

यहाँ “बेटा” एक पुरुष वंशज को दर्शाता है कि इसका सामान्य अर्थ है “लाबान के पोते नाहोर“।

और वह देख, उसकी बेटी राहेल भेड़-बकरियों को लिये हुए चली आती है।”

उसने “अब देखा! कि राहेल की बेटी भेड़ के साथ आ रही है”।

Genesis 29:7

अभी तो दिन बहुत है

“सूरज अभी भी चमक रहा है”।

पशुओं के इकट्ठे होने का समय

यहाँ स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “तूम्‍हारे लिऐ झुण्ड इकट्ठे करने का समय हो गया है”।

इकट्ठे होते हैं

यहाँ स्‍पष्‍ट रुप मे यह कहा जा सकता है कि उन्हें एक बाड़ के अंदर एक साथ इकट्ठा करने के लिए उन्हें रात के लिए इकट्ठा कर लिया।

फिर ले जाकर चराओ

“उन्‍हें खेत में घास खाने दो”।

हम अभी ऐसा नहीं कर सकते,

“उन्‍हें पानी के लिऐ इंतजार करना होगा“ यह समय के साथ होता है अनुमति से नही

जब सब झुण्ड इकट्ठे होते हैं

स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि”जब तक सभी चारवाहे अपने झुंडों को इकट्ठे नहीं करते”।

कुएँ के मुँह

यहाँ “मुँह” खोलने और बात करने को दर्शाता है कि “कुएँ का मुँह खुला हुआ था”।

और तब हम भेड़-बकरियों को पानी पिलाते हैं।”

“तब हम भेडों को पानी पिलाऐंगे”।

Genesis 29:9

मामा

“उसकी माँ का भाई”।

कुएँ के मुँह

यहाँ “मुँह” खोलने और बात करने को दर्शाता है कि “कुएँ को खोलना”।

Genesis 29:11

याकूब ने राहेल को चूमा

पुराने समय में रिश्‍तेदार चूम कर अभिवादन करते थे।

ऊँचे स्वर से रोया

याकूब इस लिए रोया क्योंकि वह बहुत प्रसन्न था

मैं तेरा फुफेरा भाई हूँ

“पिता का रिश्‍तेदार”।

Genesis 29:13

भांजे

“बहन का बेटा”।

उसको गले लगाकर

“उसे गले लगा लिया”।

उसको…चूमा

प्राचीन पूर्व में, यह एक चुंबन के साथ एक रिश्तेदार का स्वागत करना सामान्य बात थी। हालांकि, यह साधारन रूप में से पुरुषों के बीच किया जाता है।

याकूब ने लाबान से अपना सब वृत्तान्त वर्णन किया

“याकूब और लाबान ने वह सब कुछ राहेल से कहा”।

मेरी हड्डी और माँस है

इस वाक्‍यांश का अर्थ सीधा संबंध है कि “मेरे रिश्‍तेदार“ या मेरे “परिवार के सदस्‍य”।

Genesis 29:15

तुझ से मुफ़्त सेवा कराना मेरे लिए उचित नहीं है;……भाई-बन्धु

यहाँ लाबान कहता है कि याकूब को काम करने के लिए पैसे देने चाहिए। इसे स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “यह निश्चित रूप से सही है कि भले ही आप मेरे रिश्तेदार हैं मैं मुझे तुम्हारे काम के लिए भुगतान करना चाहिए, “।

तब लाबान ने

यहाँ “अब“ शब्‍द का प्रयोग इसलिऐ किया जाता है के कहानी से एक परिवर्तन आता है जिस मे लाबान और उसकी बेटियों के बारे में और उनकी पृष्ठभूमि जानकारी के चिन्ह है।

लिआ के तो धुन्धली आँखें थी

इसका सामानय अर्थ है कि“लिआ की आँखे सुन्‍दर थी”।

याकूब , जो राहेल से प्रीति रखता था

यहाँ "प्यार" शब्‍द एक आदमी और एक औरत के बीच एक प्रेम और आकर्षण को दर्शाता है।

Genesis 29:19

उसे पराए पुरुष को देने से तुझको देना उत्तम होगा

“उसे किसी दूसरे आदमी को देने बजाए”।

और वे उसको राहेल की प्रीति के कारण थोड़े ही दिनों के बराबर जान पड़े।

“लेकिन उसे कुछ दिनो का समय लग रहा था”।

वे उसको राहेल की प्रीति के कारण

“ जितना प्रेम वो उसे करता था उस आधार पर”।

Genesis 29:21

मेरी पत्‍नी मुझे दे, और मैं उसके पास जाऊँगा, क्योंकि मेरा समय पूरा हो गया है!

यहाँ “समय” एक लम्बे समय को दर्शाता है, कि “मुझे राहेल दे दो ताकि मैं उससे शादी कर-कर लू मैंने तुम्हारे लिए सात साल काम किया है“।

एक भोज दिया

“शादी की दावत तैयार की” सबसे अधिक संभावना है कि लाबान ने दूसरों दावत तैयार करवाई थी। अन्‍य लोगो ने शादी की तैयारी की थी।

Genesis 29:23

वह उसके पास गया

इस कथन का पूरा अर्थ स्पष्ट किया जा सकता है कि याकूब नहीं जानता था कि वह लिआ के साथ था क्योंकि अंधेरा था और वह देख नहीं सकता था।

लाबान ने अपनी बेटी लिआ को उसकी दासी होने के लिये अपनी दासी जिल्पा दी

इस में लेखक ने ऐतिहासिक जानकारी दी है कि लाबान ने शादी से पहले जिल्पा दासी लिआ को दे दी।

जिल्पा

यह एक याकुब की दासी का नाम है।

यह तो लिआ है

“याकुब ने देखा कि उसके साथ बिस्‍तर में लिआ थी यह देखकर वह हैरान था, यहाँ ये पता चलता है कि याकूब ने जो देखा उस से वो हैरान रह गया।

यह तूने मुझसे क्या किया है

याकूब अपने गुस्से और आश्चर्य व्यक्त करने के लिए एक सवाल का प्रयोग करता हैकि “मैं विश्वास नहीं कर सकता तुम मेरे साथ यह कर सकती हो“।

तो क्या राहेल के लिये नहीं की

याकूब इन सवालों का इस्तेमाल करके अपनी तकलीफ ज़ाहिर करता है कि लाबान ने उसे धोखा दिया था। इस बयानबाजी सवाल का एक बयान के रूप में अनुवाद किया जा सकता है कि “मैं सात साल के लिए तुम्हारी सेवा राहेल से शादी करने के लिए की“।

Genesis 29:26

“हमारे यहाँ ऐसी रीति नहीं

“हमारे परिवार मे ऐसा नहीं होता”।

इसका सप्ताह तो पूरा कर

“ लिआ का दुल्‍हन का सप्‍ताह समाप्‍त कर ”।

फिर दूसरी भी तुझे उस सेवा के लिये मिलेगी

यहाँ पूरा अर्थ स्‍पष्‍ट किया जा सकता है कि “अगले हफते हम राहेल भी दे देगे”।

Genesis 29:28

याकूब ने ऐसा ही किया, और लिआ के सप्ताह को पूरा किया

“और याकूब ने लाबान से पूछा था और लिआ दुल्हन सप्ताह का जशन मनाना समाप्त हो गया“।

बिल्हा

राहेल की दासी का नाम बिल्‍हा था।

याकूब राहेल के पास भी गया,

यह कहने का एक विनम्र तरीका है कि उनके वैवाहिक संबंध थे। कि “याकूब ने राहेल से शादी की”।

वह राहेल को प्यार करता था

यह एक आदमी और एक औरत के बीच प्रेम प्रसंगयुक्‍त प्यार को दर्शाता है।

Genesis 29:31

लिआ अप्रिय हुई

यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “याकूब ने उस से प्यार नहीं किया“।

अप्रिय हुई

याकूब राहेल को लिआ से ज़्यादा प्यार करता था। जैसे " उसे राहेल से कम प्यार करता था”

तब उसने उसकी कोख खोली,

लिआ को गर्भवती होने का कारण परमेश्‍वर है जैसे परमेश्‍वर ने उसका गर्भ खोल दिया”।

पर राहेल बाँझ रही

“वह गर्भवती नहीं हो पा रही थी”।

लिआ गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

“लिआ गर्भवती हुई और उसने एक बेटे को जन्‍म दिया”।

उसका नाम रूबेन रखा

रुबेन के नाम का अर्थ है “देखो, एक बेटा” ।

“यहोवा ने मेरे दुःख पर दृष्टि की है,

लिआ को बहुत दर्द हो रहा था क्योंकि याकूब ने उसे ठुकरा दिया था।यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “यहोवा ने देखा कि मैं पीडित हूँ”।

Genesis 29:33

वह गर्भवती हुई

“तब लिआ गर्भवती हो गई“।

उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

“उसने एक बेटे को जन्‍म दिया”।

यहोवा ने “यह सुनकर कि मैं अप्रिय हूँ

यहाँ स्‍पष्‍ट रुप मे यह कहा जा सकता है “कि यहोवा ने सुना कि मेरा पति मुझे प्‍यार नहीं करता”।

उसने उसका नाम शिमोन रखा

शिमोन के नाम का अर्थ “सुन लिया”।

अब की बार तो मेरा पति मुझसे मिल जाएगा,

"मेरा पति मुझे गले लगा लेगा“।

उससे मेरे तीन पुत्र उत्‍पन्‍न हुए।

"मैंने उसके लिए तीन बेटों को जन्म दिया है“।

उसका नाम लेवी रखा गया।

लेवी नाम का अर्थ है “जुड़ा हुआ“।

Genesis 29:35

फिर वह गर्भवती हुई

"लिआ फिर से गर्भवती हो गई"।

पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

"एक बेटे को जन्म दिया“।

इसलिए उसने उसका नाम यहूदा रखा;

"यहूदा नाम का अर्थ 'प्रशंसा' है।


Chapter 30

1जब राहेल ने देखा कि याकूब के लिये मुझसे कोई सन्तान नहीं होती, तब वह अपनी बहन से डाह करने लगी और याकूब से कहा, “मुझे भी सन्तान दे, नहीं तो मर जाऊँगी।”2तब याकूब ने राहेल से क्रोधित होकर कहा, “क्या मैं परमेश्‍वर हूँ? तेरी कोख तो उसी ने बन्द कर रखी है।”

3राहेल ने कहा, “अच्छा, मेरी दासी बिल्हा हाजिर है; उसी के पास जा, वह मेरे घुटनों पर जनेगी, और उसके द्वारा मेरा भी घर बसेगा।”4तब उसने उसे अपनी दासी बिल्हा को दिया, कि वह उसकी पत्‍नी हो; और याकूब उसके पास गया।
5और बिल्हा गर्भवती हुई और याकूब से उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।6तब राहेल ने कहा, “परमेश्‍वर ने मेरा न्याय चुकाया और मेरी सुनकर मुझे एक पुत्र दिया।” इसलिए उसने उसका नाम दान रखा।
7राहेल की दासी बिल्हा फिर गर्भवती हुई और याकूब से एक पुत्र और उत्‍पन्‍न हुआ।8तब राहेल ने कहा, “मैंने अपनी बहन के साथ बड़े बल से लिपटकर मल्लयुद्ध किया और अब जीत गई।” अतः उसने उसका नाम नप्ताली रखा।
9जब लिआ ने देखा कि मैं जनने से रहित हो गई हूँ, तब उसने अपनी दासी जिल्पा को लेकर याकूब की पत्‍नी होने के लिये दे दिया।10और लिआ की दासी जिल्पा के भी याकूब से एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।11तब लिआ ने कहा, “अहो भाग्य!” इसलिए उसने उसका नाम गाद रखा।
12फिर लिआ की दासी जिल्पा के याकूब से एक और पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।13तब लिआ ने कहा, “मैं धन्य हूँ; निश्चय स्त्रियाँ मुझे धन्य कहेंगी।” इसलिए उसने उसका नाम आशेर रखा।
14गेहूँ की कटनी के दिनों में रूबेन को मैदान में दूदाफल मिले, और वह उनको अपनी माता लिआ के पास ले गया, तब राहेल ने लिआ से कहा, “अपने पुत्र के दूदाफलों में से कुछ मुझे दे।”15उसने उससे कहा, “तूने जो मेरे पति को ले लिया है क्या छोटी बात है? अब क्या तू मेरे पुत्र के दूदाफल भी लेना चाहती है?” राहेल ने कहा, “अच्छा, तेरे पुत्र के दूदाफलों के बदले वह आज रात को तेरे संग सोएगा।”
16सांझ को जब याकूब मैदान से आ रहा था, तब लिआ उससे भेंट करने को निकली, और कहा, “तुझे मेरे ही पास आना होगा, क्योंकि मैंने अपने पुत्र के दूदाफल देकर तुझे सचमुच मोल लिया।” तब वह उस रात को उसी के संग सोया।17तब परमेश्‍वर ने लिआ की सुनी, और वह गर्भवती हुई और याकूब से उसके पाँचवाँ पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।18तब लिआ ने कहा, “मैंने जो अपने पति को अपनी दासी दी, इसलिए परमेश्‍वर ने मुझे मेरी मजदूरी दी है।” इसलिए उसने उसका नाम इस्साकार रखा।
19लिआ फिर गर्भवती हुई और याकूब से उसके छठवाँ पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।20तब लिआ ने कहा, “परमेश्‍वर ने मुझे अच्छा दान दिया है; अब की बार मेरा पति मेरे संग बना रहेगा, क्योंकि मेरे उससे छः पुत्र उत्‍पन्‍न हो चुके हैं।” इसलिए उसने उसका नाम जबूलून रखा।21तत्पश्चात् उसके एक बेटी भी हुई, और उसने उसका नाम दीना रखा।
22परमेश्‍वर ने राहेल की भी सुधि ली,* और उसकी सुनकर उसकी कोख खोली।23इसलिए वह गर्भवती हुई और उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ; तब उसने कहा, “परमेश्‍वर ने मेरी नामधराई को दूर कर दिया है।”24इसलिए उसने यह कहकर उसका नाम यूसुफ रखा, “परमेश्‍वर मुझे एक पुत्र और भी देगा।”
याकूब का लाबान के साथ समझौता

25जब राहेल से यूसुफ उत्‍पन्‍न हुआ, तब याकूब ने लाबान से कहा, “मुझे विदा कर कि मैं अपने देश और स्थान को जाऊँ।26मेरी स्त्रियाँ और मेरे बच्चे, जिनके लिये मैंने तेरी सेवा की है, उन्हें मुझे दे कि मैं चला जाऊँ; तू तो जानता है कि मैंने तेरी कैसी सेवा की है।”
27लाबान ने उससे कहा, “यदि तेरी दृष्टि में मैंने अनुग्रह पाया है, तो यहीं रह जा; क्योंकि मैंने अनुभव से जान लिया है कि यहोवा ने तेरे कारण से मुझे आशीष दी है।”28फिर उसने कहा, “तू ठीक बता कि मैं तुझको क्या दूँ, और मैं उसे दूँगा।”
29उसने उससे कहा, “तू जानता है कि मैंने तेरी कैसी सेवा की, और तेरे पशु मेरे पास किस प्रकार से रहे।30मेरे आने से पहले वे कितने थे, और अब कितने हो गए हैं; और यहोवा ने मेरे आने पर तुझे आशीष दी है। पर मैं अपने घर का काम कब करने पाऊँगा?”
31उसने फिर कहा, “मैं तुझे क्या दूँ?” याकूब ने कहा, “तू मुझे कुछ न दे; यदि तू मेरे लिये एक काम करे, तो मैं फिर तेरी भेड़-बकरियों को चराऊँगा, और उनकी रक्षा करूँगा।32मैं आज तेरी सब भेड़-बकरियों के बीच होकर निकलूँगा, और जो भेड़ या बकरी चित्तीवाली या चितकबरी हो, और जो भेड़ काली हो, और जो बकरी चितकबरी और चित्तीवाली हो, उन्हें मैं अलग कर रखूँगा; और मेरी मजदूरी में वे ही ठहरेंगी।
33और जब आगे को मेरी मजदूरी की चर्चा तेरे सामने चले, तब धर्म की यही साक्षी होगी; अर्थात् बकरियों में से जो कोई न चित्तीवाली न चितकबरी हो, और भेड़ों में से जो कोई काली न हो, यदि मेरे पास निकलें, तो चोरी की ठहरेंगी।”34तब लाबान ने कहा, “तेरे कहने के अनुसार हो।”
35अतः उसने उसी दिन सब धारीवाले और चितकबरे बकरों, और सब चित्तीवाली और चितकबरी बकरियों को, अर्थात् जिनमें कुछ उजलापन था, उनको और सब काली भेड़ों को भी अलग करके अपने पुत्रों के हाथ सौंप दिया।36और उसने अपने और याकूब के बीच में तीन दिन के मार्ग का अन्तर ठहराया; और याकूब लाबान की भेड़-बकरियों को चराने लगा।
37तब याकूब ने चिनार, और बादाम, और अर्मोन वृक्षों की हरी-हरी छड़ियाँ लेकर, उनके छिलके कहीं-कहीं छील के, उन्हें धारीदार बना दिया, ऐसी कि उन छड़ियों की सफेदी दिखाई देने लगी।38और तब छीली हुई छड़ियों को भेड़-बकरियों के सामने उनके पानी पीने के कठौतों में खड़ा किया; और जब वे पानी पीने के लिये आई तब गाभिन हो गईं।
39छड़ियों के सामने गाभिन होकर, भेड़-बकरियाँ धारीवाले, चित्तीवाले और चितकबरे बच्चे जनीं।40तब याकूब ने भेड़ों के बच्चों को अलग-अलग किया, और लाबान की भेड़-बकरियों के मुँह को चित्तीवाले और सबकाले बच्चों की ओर कर दिया; और अपने झुण्डों को उनसे अलग रखा, और लाबान की भेड़-बकरियों से मिलने न दिया।
41और जब-जब बलवन्त भेड़-बकरियाँ गाभिन होती थीं, तब-तब याकूब उन छड़ियों को कठौतों में उनके सामने रख देता था; जिससे वे छड़ियों को देखती हुई गाभिन हो जाएँ।42पर जब निर्बल भेड़-बकरियाँ गाभिन होती थी, तब वह उन्हें उनके आगे नहीं रखता था। इससे निर्बल-निर्बल लाबान की रहीं, और बलवन्त-बलवन्त याकूब की हो गईं।
43इस प्रकार वह पुरुष अत्यन्त धनाढ्य हो गया, और उसके बहुत सी भेड़-बकरियाँ, और दासियाँ और दास और ऊँट और गदहे हो गए।


Genesis 30:1

जब राहेल ने देखा कि याकूब के लिये मुझसे कोई सन्तान नहीं होती

“जब राहेल को एहसास हुआ कि वह गर्भवती बनने में असमर्थ थी“।

नहीं तो मर जाऊँगी

मैं पूरी तरह से बेकार महसूस करती हुँ।

“मुझे भी सन्तान दे

"मुझे गर्भवती कर“।

तब याकूब ने राहेल से क्रोधित होकर

“याकूब राहेल के साथ बहुत गुस्सा हुआ” वह इतना क्रोधित हुआ जैसे आग हो।

क्या मैं परमेश्‍वर हूँ? तेरी कोख तो उसी ने बन्द कर रखी है”

याकूब राहेल को डाँटने के लिए कहता है कि “मैं परमेश्‍वर नहीं हूँ! ये मैं नहीं हुँ जिसने तुझे बच्चे पैदा करने से रोक रखा है”

Genesis 30:3

उसने कहा, “

“राहेल ने कहा”।

देख

“सुनो‘

मेरी दासी बिल्हा हाजिर है………उसके द्वारा मेरा भी घर बसेगा।”

स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि उस समय, यह एक बंजर औरत के लिए एक स्वीकार्य तरीका था कि उसके बच्चे कानूनी तौर पर उसके होंगे।

बिल्हा

यह राहेल की दासी का नाम बिल्‍हा है।(29:28) मे इसका अनुवाद किया है।

मेरे घुटनों पर

यह कहने का अर्थ यह है कि बिल्‍हा जिस बच्‍चे को जन्‍म देगी,वह राहेल का होगा।“मेरे लिए”।

उसके द्वारा मेरा भी घर बसेगा।

“इस लिए वह मुझे बच्‍चा देने का कारण बनेगी”।

Genesis 30:5

बिल्हा

राहेल की दासी का नाम बिल्‍हा है।

याकूब से उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

“उसने याकूब के एक बेटे को जन्‍म दिया”।

उसने उसका नाम

“राहेल ने उसका नाम रखा”।

उसका नाम दान रखा।

“दान नाम का अर्थ “उसने न्‍याय किया”

Genesis 30:7

बिल्हा।…… फिर गर्भवती हुई

“बिल्‍हा…… दुबारा फिर से गर्भवती हो गई“।

और याकूब से एक पुत्र और उत्‍पन्‍न हुआ

“और उसने याकूब के दूसरे बेटे को जन्‍म दिया”।

मैंने अपनी बहन के साथ बड़े बल से लिपटकर मल्लयुद्ध किया।

"मुझे अपनी बड़ी बहन, लिआ जैसे बच्चों के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा है"

अब जीत गई।

“मैं सफल हुई हुँ”।

उसने उसका नाम नप्ताली रखा

“ नप्‍ताली नाम का अर्थ “मेरा संघर्ष” है।

Genesis 30:9

जब लिआ ने देखा

“जब लिआ को पता चल गया”।

अपनी दासी जिल्पा को लेकर याकूब की पत्‍नी होने के लिए दे दिया

“उसने जिल्‍पा एक दासी को पत्‍नी के रूप मे याकूब को दिया”।

जिल्‍पा

यह लिआ की दासी का नाम जिल्‍पा है।

याकूब से एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

“याकुब के एक बेटा हुआ”।

“अहो भाग्य

"कितनी अच्छी किस्मत"।

उसका नाम गाद रखा।

” गाद नाम का अर्थ 'भाग्यशाली' है।

Genesis 30:12

जिल्पा

यह लिआ की दासी का नाम जिल्‍पा है।

याकूब से एक और पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

“याकूब के दूसरे बेटे का जन्‍म हुआ”।

मैं धन्य हूँ!

“मैं कितनी खुश हूँ”।

स्त्रियाँ

“महिलाओं”।

इसलिए उसने उसका नाम आशेर रखा

”आशेर नाम का अर्थ “खुश” है।

Genesis 30:14

रूबेन...गया

“रूबेन वहाँ से चल गया”।

गेहूँ की कटनी के दिनों में

यहाँ वाक्यांश गेहूँ “के दिनों में“ एक मौसम है जो वर्ष के उस समय को दर्शाता है जब “गेहूं की फसल के काटी जाती है“।

दूदाफलों

यह एक फल है कि प्रजनन क्षमता और एक प्रेमी के साथ सोने की इच्छा को बढ़ाने का गुण था। कि “प्रेम फल“।

“तूने जो मेरे पति को ले लिया है क्या छोटी बात है?

क्या तुम परवाह नहीं करती…मेरा पति, यह एक आलंकारिक सवाल है “यह काफी बुरा है कि तूने मेरे पति को ले लिया है।

अब क्या तू मेरे……भी

यह एक बयानबाजी का सवाल है, राहेल ने इसे डाँटना के लिए इस्तेमाल किया। इस प्रश्न का एक वक्तव्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है। पर:"अब आप चाहते हैं ... भी“

तेरे संग सोएगा

"तो मैं याकूब को सोने दूँगी“।

Genesis 30:16

मैंने अपने पुत्र के दूदाफल

“मेरे बेटे के दुदाफल की कीमत के लिए“।

वह गर्भवती हुई

"वह गर्भवती हुई“।

और याकूब से उसके पाँचवाँ पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

"और याकूब के लिऐ पांचवें बेटे को जन्म दिया"।

परमेश्‍वर ने मुझे मेरी मजदूरी दी

लिआ को पुरस्कृत करने वाला परमेश्वर इस बारे में बात करता है मानो वह एक मालिक है जो उसके लिए काम करने वाले को मजदूरी देता है। पर:"परमेश्वर ने मुझे प्रतिफल दिया है”।

इसलिए उसने उसका नाम इस्साकार रखा।

"इस्साचर नाम का अर्थ है 'एक इनाम है"

Genesis 30:19

फिर गर्भवती हुई

‘लिआ फिर से गर्भवती हो गई“।

और याकूब से उसके छठवाँ पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।

“और याकूब के लिऐ छठे बेटे को जन्म दिया"।

उसने उसका नाम जबूलून रखा

"ज़ेबुलन नाम का अर्थ है ‘सम्मान‘“।

और उसने उसका नाम दीना रखा

यह लिआ की बेटी का नाम है।

Genesis 30:22

परमेश्‍वर ने राहेल की भी सुधि ली,* और उसकी सुनकर

वाकयांश मे “सुधि ली” का अर्थ “याद करना” है। इसका मतलब यह नहीं कि परमेश्‍वर ने राहेल को भुला दिया है, इसका मतलब यह है कि वह उसके अनुरोध पर विचार कर रहा है। कि ”परमेश्‍वटर ने राहेल पर विचार किया और उसे वह दिया जो वह चाहती थी”।

“परमेश्‍वर ने मेरी नामधराई को दूर कर दिया है

परमेश्वर ने राहेल को अब शर्मिंदा महसूस नहीं होने दिया जैसे कि "शर्म" एक ऐसा वस्तु है जिसे व्यक्ति से दूर ले जा सकते है। अमूर्त संज्ञा "शर्म" के रूप में कहा जा सकता है,कि "परमेश्‍वर ने मुझे अब शर्मिदा महसूस नहीं होने दिया”।

उसने यह कहकर उसका नाम यूसुफ रखा,

“यूसुफ नाम का अर्थ है ‘वह जोड़ सकते है“।

परमेश्‍वर मुझे एक पुत्र और भी देगा।”

राहेल के पहले बेटे उसकी दासी बिल्‍ह से थे।

Genesis 30:25

जब राहेल से यूसुफ उत्‍पन्‍न हुआ,

“बाद मे राहेल ने यूसुफ को जन्‍म दिया”।

मैं चला जाऊँ

“तो मै जा सकता हूँ”।

तू तो जानता है कि मैंने तेरी कैसी सेवा की है।”

याकूब लाबान को आपनी अनुबंध की याद दिला।

Genesis 30:27

लाबान ने उससे कहा

“लाबान ने याकूब से कहा”

यदि तेरी दृष्टि में मैंने अनुग्रह पाया है,

यदि तू मेरे साथ प्रसन्न है

अनुभव

यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि किसी और के द्वारा मंजूरी दे दी है।

इंतजार,कयोंकि

“कृपया करके, कयोंकि”।

क्योंकि मैंने अनुभव से जान लिया है

‘मैने आपनी आध्‍यत्‍मिक जादुई प्रथाओं द्वारा खोजा है”।

तुझको

“कयोंकि मै तेरे को“।

मैं तुझको क्या दूँ,

इसे और अधिक स्‍पष्‍ट किया जा सकता है, “मुझे बताओ कि मैं तुमहे यहाँ रखने के लिऐ कया भुगतान करो“।

Genesis 30:29

उसने उससे कहा,

“याकूब ने लाबान से कहा”।

तेरे पशु मेरे पास किस प्रकार से रहे।

"कैसे अच्छी तरह से अपने पशुओं के बाद मैं उनकी देखभाल शुरू कर दिया है“।

मेरे आने से पहले वे कितने थे

“कि मै तुम्‍हारे लिऐ काम करता आपने झुंड छोटे थे“।

और अब कितने हो गए हैं;

“लेकिन अब आपना धन बहुत बढ़ गया है”।

मैं अपने घर का काम कब करने पाऊँगा?”

अब जब मैं अपने परिवार का ख्याल रखना होगा? याकूब एक सवाल का उपयोग करता है वह अपने परिवार के लिए उपलब्ध कराने शुरू करना चाहता है। इस प्रश्न का एक वक्तव्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है "अब मैं अपने परिवार का ख्याल रखना चाहते हैं!“।

Genesis 30:31

“मैं तुझे क्या दूँ

“मैं तुम्‍हे कया दे सकता हूँ”। यह स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि” यहाँ पर काम करने के लिऐ मैं तुम्‍हे कया दे सकता हूँ”।

तू मुझे कुछ न दे

यह शब्‍द “लेकिन” जोड़ने से यह पता चलता है कि यहा एक बात याकूब चाहता था ”लेकिन यह काम तुम्‍हें मेरे लिऐ करना होगा”

तो मैं फिर तेरी भेड़-बकरियों को चराऊँगा, और उनकी रक्षा करूँगा

“चारे और आपनी झुंड का ख्‍याल रखना”।

और जो भेड़ या बकरी चित्तीवाली या चितकबरी हो, और जो भेड़ काली हो, और जो बकरी चितकबरी और चित्तीवाली हो, उन्हें मैं अलग कर रखूँगा

“और हर भेड़ धब्‍बे वाली भेड़, हर काली भेड़, और हर बकरी को यहाँ से हटा दे”।

मेरी मजदूरी में वे ही ठहरेंगी।

“यह मुझे रखने की लागत होगी”।

Genesis 30:33

तब धर्म की यही साक्षी होगी

यह शब्द "धर्म" का अर्थ है “ईमानदारी“ यह अखंडता के बारे में बोलता है जैसे कि यह एक ऐसे व्यक्ति थे जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए या उसके खिलाफ गवाही दे सकता था। “और बाद में अगर आप के साथ ईमानदार है या नहीं पता चल जाएगा"

अर्थात् बकरियों में से जो कोई न चित्तीवाली न चितकबरी हो, और भेड़ों में से जो कोई काली न हो, यदि मेरे पास निकलें, तो चोरी की ठहरेंगी

यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “यदि आप किसी भी भेड़ को काले नहीं कर रहे हैं के बिना किसी भी बकरियों को खोजने के लिए, आप उन्हें चोरी पर विचार कर सकते है“।

तेरे कहने के अनुसार हो।”

यहाँ "शब्द“ कुछ कहा के लिए खड़ा है कि यह हो जाएगा के रूप में आप कहते हैं या "हम क्या तुमने कहा है“।

Genesis 30:35

सब धारीवाले और चितकबरे

“उनके धारियों और धब्बे थे"।

सब धारीवाले और चितकबरे

“उनके धब्‍बे थे”।

सब चित्तीवाली और चितकबरी बकरियों को,

सभी बकरीओ से है कि यह में कुछ सफेद था भी है”।

उनको और सब काली भेड़ों को भी

"और सभी काली भेड़ थी”।

अलग करके अपने पुत्रों के हाथ सौंप दिया।

यहाँ नियंत्रण या देखभाल के लिऐ हाथ खडे़ है,“उनके बेटो ने उनकी देखभाल की”।

Genesis 30:37

चिनार, और बादाम, और अर्मोन वृक्षों

यह सभी सफेद लकड़ी के पेड़ है।

उनके छिलके कहीं-कहीं छील के, उन्हें धारीदार बना दिया, ऐसी कि उन छड़ियों की सफेदी दिखाई देने लगी।

“और छाल के टुकड़ो को छील दिया ताकि उनके नीचे की सफेदी दिखने लगे”।

पानी पीने के लिये

जनवरो के लिऐ पीने का पानी रखने के लिऐ लम्‍बे समय तक कटौरे खोले गऐ।

Genesis 30:39

झुड़ के झुड़

“झुड़ के जनवरो की कलपना की”।

ड़-बकरियाँ धारीवाले, चित्तीवाले और चितकबरे बच्चे जनीं

“धारियों और धब्बे वाले बच्चों को जन्म दिया"।

याकूब ने भेड़ों के बच्चों को अलग-अलग किया,

यह स्पष्ट रुप मे कहा जा सकता है कि “कई वर्षों के बाद के दौरान, याकूब अलग-अलग किया”।

मुँह को

“आगे वाले हिस्से”।

अपने झुण्डों को उनसे अलग रखा

“उसने आपने झुंड को अलग कर दिया”।

Genesis 30:41

जिससे वे छड़ियों को देखती हुई गाभिन हो जाएँ।

ताकि झुंड उसको देख सके।

ताकि झुंड उनको देख सके।

“छड़ी के सामने”।

निर्बल भेड़-बकरियाँ

“कमजोर जानवर”

इससे निर्बल-निर्बल लाबान की रहीं, और बलवन्त-बलवन्त याकूब की हो गईं।

यहाँ आप स्‍पष्‍ट कर सकते है कि कमजोर वंश के जानवर लाबान के थे, जबकि मजबूत वंश याकूब के थे। “तो कमजोर वंश के जानवरो के धारियों या धब्बे नहीं था और इसलिए लाबान के थे, जबकि मजबूत वंश धारियों या धब्बे थे और इसलिए वह याकूब के थे“।

Genesis 30:43

वह पुरुष

“याकूब”

इस प्रकार वह पुरुष अत्यन्त धनाढ्य हो गया,

“बहुत अमीर बन गया”।


Chapter 31

याकूब का लाबान के पास से भागना

1फिर लाबान के पुत्रों* की ये बातें याकूब के सुनने में आईं, “याकूब ने हमारे पिता का सब कुछ छीन लिया है, और हमारे पिता के धन के कारण उसकी यह प्रतिष्ठा है।”2और याकूब ने लाबान के चेहरे पर दृष्टि की और ताड़ लिया, कि वह उसके प्रति पहले के समान नहीं है।3तब यहोवा ने याकूब से कहा, “अपने पितरों के देश और अपनी जन्म-भूमि को लौट जा, और मैं तेरे संग रहूँगा।”

4तब याकूब ने राहेल और लिआ को, मैदान में अपनी भेड़-बकरियों के पास बुलवाकर कहा,5“तुम्हारे पिता के चेहरे से मुझे समझ पड़ता है, कि वह तो मुझे पहले के सामान अब नहीं देखता; पर मेरे पिता का परमेश्‍वर मेरे संग है।6और तुम भी जानती हो, कि मैंने तुम्हारे पिता की सेवा शक्ति भर की है।
7फिर भी तुम्हारे पिता ने मुझसे छल करके मेरी मजदूरी को दस बार बदल दिया; परन्तु परमेश्‍वर ने उसको मेरी हानि करने नहीं दिया।8जब उसने कहा, ‘चित्तीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे,’ तब सब भेड़-बकरियाँ चित्तीवाले ही जनने लगीं, और जब उसने कहा, ‘धारीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे,’ तब सब भेड़-बकरियाँ धारीवाले जनने लगीं।9इस रीति से परमेश्‍वर ने तुम्हारे पिता के पशु लेकर मुझ को दे दिए।
10भेड़-बकरियों के गाभिन होने के समय मैंने स्वप्न में क्या देखा, कि जो बकरे बकरियों पर चढ़ रहे हैं, वे धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले हैं।11तब परमेश्‍वर के दूत ने स्वप्न में मुझसे कहा, ‘हे याकूब,’ मैंने कहा, ‘क्या आज्ञा।’
12उसने कहा, ‘आँखें उठाकर उन सब बकरों को जो बकरियों पर चढ़ रहे हैं, देख, कि वे धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले हैं; क्योंकि जो कुछ लाबान तुझ से करता है, वह मैंने देखा है।13मैं उस बेतेल का परमेश्‍वर हूँ, जहाँ तूने एक खम्भे पर तेल डाल दिया था और मेरी मन्नत मानी थी। अब चल, इस देश से निकलकर अपनी जन्म-भूमि को लौट जा’।”
14तब राहेल और लिआ* ने उससे कहा, “क्या हमारे पिता के घर में अब भी हमारा कुछ भाग या अंश बचा है?15क्या हम उसकी दृष्टि में पराये न ठहरीं? देख, उसने हमको तो बेच डाला, और हमारे रूपे को खा बैठा है।16इसलिए परमेश्‍वर ने हमारे पिता का जितना धन ले लिया है, वह हमारा, और हमारे बच्चों का है; अब जो कुछ परमेश्‍वर ने तुझ से कहा है, वही कर।”
17तब याकूब ने अपने बच्चों और स्त्रियों को ऊँटों पर चढ़ाया;18और जितने पशुओं को वह पद्दनराम में इकट्ठा करके धनाढ्य हो गया था, सबको कनान में अपने पिता इसहाक के पास जाने की मनसा से, साथ ले गया।
19लाबान तो अपनी भेड़ों का ऊन कतरने के लिये चला गया था, और राहेल अपने पिता के गृहदेवताओं को चुरा ले गई।20अतः याकूब लाबान अरामी के पास से चोरी से चला गया, उसको न बताया कि मैं भागा जाता हूँ।21वह अपना सब कुछ लेकर भागा, और महानद के पार उतरकर अपना मुँह गिलाद के पहाड़ी देश की ओर किया।
लाबान द्वारा याकूब का पीछा करना

22तीसरे दिन लाबान को समाचार मिला कि याकूब भाग गया है।23इसलिए उसने अपने भाइयों को साथ लेकर उसका सात दिन तक पीछा किया, और गिलाद के पहाड़ी देश में उसको जा पकड़ा।
24तब परमेश्‍वर ने रात के स्वप्न में अरामी लाबान के पास आकर कहा, “सावधान रह, तू याकूब से न तो भला कहना और न बुरा।”25और लाबान याकूब के पास पहुँच गया। याकूब अपना तम्बू गिलाद नामक पहाड़ी देश में खड़ा किए पड़ा था; और लाबान ने भी अपने भाइयों के साथ अपना तम्बू उसी पहाड़ी देश में खड़ा किया।
26तब लाबान याकूब से कहने लगा, “तूने यह क्या किया, कि मेरे पास से चोरी से चला आया, और मेरी बेटियों को ऐसा ले आया, जैसा कोई तलवार के बल से बन्दी बनाई गई हों?27तू क्यों चुपके से भाग आया, और मुझसे बिना कुछ कहे मेरे पास से चोरी से चला आया; नहीं तो मैं तुझे आनन्द के साथ मृदंग और वीणा बजवाते, और गीत गवाते विदा करता?28तूने तो मुझे अपने बेटे-बेटियों को चूमने तक न दिया? तूने मूर्खता की है।
29तुम लोगों की हानि करने की शक्ति मेरे हाथ में तो है; पर तुम्हारे पिता के परमेश्‍वर ने मुझसे बीती हुई रात में कहा, ‘सावधान रह, याकूब से न तो भला कहना और न बुरा।’30भला, अब तू अपने पिता के घर का बड़ा अभिलाषी होकर चला आया तो चला आया, पर मेरे देवताओं को तू क्यों चुरा ले आया है?”
31याकूब ने लाबान को उत्तर दिया, “मैं यह सोचकर डर गया था कि कहीं तू अपनी बेटियों को मुझसे छीन न ले।32जिस किसी के पास तू अपने देवताओं को पाए, वह जीवित न बचेगा। मेरे पास तेरा जो कुछ निकले, उसे भाई-बन्धुओं के सामने पहचानकर ले-ले।” क्योंकि याकूब न जानता था कि राहेल गृहदेवताओं को चुरा ले आई है।
33यह सुनकर लाबान, याकूब और लिआ और दोनों दासियों के तम्बूओं में गया; और कुछ न मिला। तब लिआ के तम्बू में से निकलकर राहेल के तम्बू में गया।
34राहेल तो गृहदेवताओं को ऊँट की काठी में रखकर उन पर बैठी थी। लाबान ने उसके सारे तम्बू में टटोलने पर भी उन्हें न पाया।35राहेल ने अपने पिता से कहा, “हे मेरे प्रभु; इससे अप्रसन्न न हो, कि मैं तेरे सामने नहीं उठी; क्योंकि मैं मासिक धर्म से हूँ।” अतः उसके ढूँढ़ ढाँढ़ करने पर भी गृहदेवता उसको न मिले।
36तब याकूब क्रोधित होकर लाबान से झगड़ने लगा, और कहा, “मेरा क्या अपराध है? मेरा क्या पाप है, कि तूने इतना क्रोधित होकर मेरा पीछा किया है?37तूने जो मेरी सारी सामग्री को टटोलकर देखा, तो तुझको अपने घर की सारी सामग्री में से क्या मिला? कुछ मिला हो तो उसको यहाँ अपने और मेरे भाइयों के सामने रख दे, और वे हम दोनों के बीच न्याय करें।
38इन बीस वर्षों से मैं तेरे पास रहा; इनमें न तो तेरी भेड़-बकरियों के गर्भ गिरे, और न तेरे मेढ़ों का माँस मैंने कभी खाया।39जिसे जंगली जन्तुओं ने फाड़ डाला उसको मैं तेरे पास न लाता था, उसकी हानि मैं ही उठाता था; चाहे दिन को चोरी जाता चाहे रात को, तू मुझ ही से उसको ले लेता था।40मेरी तो यह दशा थी कि दिन को तो घाम और रात को पाला मुझे खा गया; और नींद मेरी आँखों से भाग जाती थी।
41बीस वर्ष तक मैं तेरे घर में रहा; चौदह वर्ष तो मैंने तेरी दोनों बेटियों के लिये, और छः वर्ष तेरी भेड़-बकरियों के लिये सेवा की; और तूने मेरी मजदूरी को दस बार बदल डाला।42मेरे पिता का परमेश्‍वर अर्थात् अब्राहम का परमेश्‍वर, जिसका भय इसहाक भी मानता है, यदि मेरी ओर न होता, तो निश्चय तू अब मुझे खाली हाथ जाने देता। मेरे दुःख और मेरे हाथों के परिश्रम को देखकर परमेश्‍वर ने बीती हुई रात में तुझे डाँटा।”
याकूब और लाबान के बीच समझौता

43लाबान ने याकूब से कहा, “ये बेटियाँ तो मेरी ही हैं, और ये पुत्र भी मेरे ही हैं, और ये भेड़-बकरियाँ भी मेरे ही हैं, और जो कुछ तुझे देख पड़ता है वह सब मेरा ही है परन्तु अब मैं अपनी इन बेटियों और इनकी सन्तान से क्या कर सकता हूँ?44अब आ, मैं और तू दोनों आपस में वाचा बाँधें, और वह मेरे और तेरे बीच साक्षी ठहरी रहे।”
45तब याकूब ने एक पत्थर लेकर उसका खम्भा खड़ा किया।46तब याकूब ने अपने भाई-बन्धुओं से कहा, “पत्थर इकट्ठा करो,” यह सुनकर उन्होंने पत्थर इकट्ठा करके एक ढेर लगाया और वहीं ढेर के पास उन्होंने भोजन किया।47उस ढेर का नाम लाबान ने तो जैगर सहादुथा, पर याकूब ने गिलियाद रखा।
48लाबान ने कहा, “यह ढेर आज से मेरे और तेरे बीच साक्षी रहेगा।” इस कारण उसका नाम गिलियाद रखा गया,49और मिस्पा भी; क्योंकि उसने कहा, “जब हम एक दूसरे से दूर रहें तब यहोवा मेरी और तेरी देख-भाल करता रहे।50यदि तू मेरी बेटियों को दुःख दे, या उनके सिवाय और स्त्रियाँ ब्याह ले, तो हमारे साथ कोई मनुष्य तो न रहेगा; पर देख मेरे तेरे बीच में परमेश्‍वर साक्षी रहेगा।”
51फिर लाबान ने याकूब से कहा, “इस ढेर को देख और इस खम्भे को भी देख, जिनको मैंने अपने और तेरे बीच में खड़ा किया है।52यह ढेर और यह खम्भा दोनों इस बात के साक्षी रहें कि हानि करने की मनसा से न तो मैं इस ढेर को लाँघकर तेरे पास जाऊँगा, न तू इस ढेर और इस खम्भे को लाँघकर मेरे पास आएगा।53अब्राहम और नाहोर और उनके पिता; तीनों का जो परमेश्‍वर है, वही हम दोनों के बीच न्याय करे।” तब याकूब ने उसकी शपथ खाई जिसका भय उसका पिता इसहाक मानता था।
54और याकूब ने उस पहाड़ पर बलि चढ़ाया, और अपने भाई-बन्धुओं को भोजन करने के लिये बुलाया, तब उन्होंने भोजन करके पहाड़ पर रात बिताई।55भोर को लाबान उठा, और अपने बेटे-बेटियों को चूमकर और आशीर्वाद देकर चल दिया, और अपने स्थान को लौट गया।


Genesis 31:1

अब

यहाँ लेखक कहानी के नये अध्याय को शुरु करता है,

फिर लाबान के पुत्रों* की ये बातें याकूब के सुनने में आईं,

याकुब ने सुना कि यह लबान के बेटे कहे रहे थे।

“याकूब ने हमारे पिता का सब कुछ छीन लिया है, और हमारे पिता के धन के कारण उसकी यह प्रतिष्ठा है।

लाबान के बेटे ने गुस्से से कहा कि याकुब ने हमारे पिता से सब कुछ लिया है।

याकूब ने लाबान के चेहरे पर दृष्टि की और ताड़ लिया, कि वह उसके प्रति पहले के समान नहीं है।

इन वाक्‍यो में याकुब ने लाबान के चेहरे को देखा जो कि उस से खुश नही था।

तुम्हारे पिता

तुम्हारे पिता इसहाक और तुम्हारे दादा अब्राम है।

Genesis 31:4

तब याकूब ने राहेल और लिआ को, मैदान में अपनी भेड़-बकरियों के पास बुलवाकर कहा

याकूब ने जब राहेल को बुलाया तो उसने मैदान मे छलाग मार दी।

बकरियों के पास बुलवाकर कहा,

“उनके झुंड को उसने कहा”।

तुम्हारे पिता के चेहरे से मुझे समझ पड़ता है

"मुझे पता है कि अब तुम्हारे पिता मुझसे खुश नही है“।

और तुम भी जानती हो, कि मैंने तुम्हारे पिता की सेवा शक्ति भर की है।

तुम खुद जानते हो कि मैने तुम्हारे पिता की सेवा पूरी हिम्मत से की है।

Genesis 31:7

मुझसे छल करके

मुझसे झूठ बोला।

मेरी मजदूरी

उसने कहा कि वह मेरा भुगतान करेगा।

मेरी हानि करने

इसका सही मतलब यह है कि याकुब को पीडित करने के लिए।

भेड़-बकरियाँ चित्तीवाले जानवर

धब्बेदार जानवर।

सब भेड़-बकरियाँ चित्तीवाले ही जनने लगीं

“झुंड पैदा करना”।

धारीवाले

जानवरो के धब्बे थे।

इस रीति से परमेश्‍वर ने तुम्हारे पिता के पशु लेकर मुझ को दे दिए।

किस तरह परमेश्‍वर ने मेरे पिता को पशु दिए।

Genesis 31:10

सामान्य जानकारी

याकूब लिया और अपनी पत्‍नी के साथ कहानी शुरू करता है।

गाभिन होने के समय

जन्म देने का समय।

चढ़ रहे हैं,

यहाँ “झुंड” बकरियों को दर्शाता है कि “झुंड की मादा बकरियों के साथ संम्‍भोग किया”।

झुड के बच्चे धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले हैं

“लकीरों वाले , छोटे धब्बे वाले, और बडे धब्बे वाले“।

परमेश्‍वर के दूत

इसका सामान्य अर्थ यह है कि “परमेश्‍वर का सेवक जो हमें सूचना देता है“।

मैंने कहा,

“और मैंने उतर दिया“।

मुझसे कहा,

“हाँ मै तुम्हारी आवाज सुन रहा हूँ”।

Genesis 31:12

सामान्य जानकारी

परमेश्‍वर का दूत याकूब से बात करना जारी रखता है।

अपनी आँखें उठाकर

यह कहा कि “ऊपर देख”।

सब बकरों को जो बकरियों पर चढ़ रहे हैं,

यहा झुंड मादा बकरियों के लिय खडे होते हैं।

वे धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले हैं;

धारीयाँ और धब्बे होते हैं।

जहाँ तूने एक खम्भे पर तेल डाल दिया था

याकुब ने खंभे पर तेल डालकर उसे परमेश्‍वर को संमर्पित किया।

अपनी जन्म-भूमि को लौट जा’।

“वो देश जहां पर तुम पैदा हुए थे”।

Genesis 31:14

तब राहेल और लिआ ने उससे कहा

इसका अर्थ यह नही है वे एक ही समय पर बात करते थे।वह एक दूसरे से सहमत थे।

क्या हमारे पिता के घर में अब भी हमारा कुछ भाग या अंश बचा है?

राहेल और लिआ अपने पिता से कहती है कि “हमे अपनी पिता की विरासत मे पाने के लिए कुछ भी नहीं मिला!“।

क्या हम उसकी दृष्टि में पराये न ठहरीं?

वे अपने गुस्से को दिखाने के लिए एक स्वाल का इस्तेमाल करते है कि उनके पिता उनके साथ कैसा व्वहार करते है।

देख, उसने हमको तो बेच डाला,

यहाँ स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “वो अपने लाभ के लिय हमे बेच सकता है“।

और हमारे रूपे को खा बैठा है

लाबान पूरी तरह से हमारे पैसे खा गया जो लाबान ने अपनी बेटियो को पैसा देना चाहिए था उसका पूरी तरह से प्रयोग कर लिया,वो पैसे ऐसे खा गया जैसे वो जंगली जानवर हो।

और अब हमारे बच्चों का है

“यह सब कूछ हमारा और हमारे बच्चे का है“।

अब जो कुछ

यहा ‘जानते’ का मतलब ‘इस समय’ नही है। पर यह कहानी के महत्तवपुर्ण भाग है।

परमेश्‍वर ने तुझ से कहा है, वही कर

“वह सब कुछ करो जो परमेश्‍वर ने तुम्हे बताया है“।

Genesis 31:17

अपने बच्चों

याकुब ने अपने सारे बच्चों को लिया क्योंकि वह उसके लिए बहुत जरुरी थे।

जितने पशुओं को वह पद्दनराम में इकट्ठा करना।

यहाँ उसने अपने सभी जानवरो को निकाल दिया जो झुंड में थे।

वह पद्दनराम में इकट्ठा करके धनाढ्य हो गया था

“और वहा पर सभी पालतु जानवरो को धनाढ्य मे इकट्ठा किया”।

सबको कनान में अपने पिता इसहाक के पास जाने की मनसा से, साथ ले गया

वह कनान देश की ओर गये जहाँ पर उनके पिता इसहाक रहते थे।

Genesis 31:19

लाबान तो अपनी भेड़ों का ऊन कतरने के लिये चला गया था

लाबान भेड़ों की ऊन निकालने के लिय चला गया था।

महानद

यह यूफरेटेस नदी को दर्शाता है।

अपना मुँह

“दूसरी ओर जाना“।

गिलाद के पहाड़ी देश की ओर किया।

“गिलाद के पहाड“।

Genesis 31:22

तीसरे दिन

उनके जाने के दो दिन बाद

लाबान को समाचार मिला

यहाँ स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “किसी ने लाबान को संदेश दिया”।

याकूब भाग गया है।

केवल याकूब का उल्लेक इसलिए किया जाता है क्योंकि वह परिवार का नेता है कि “याकूब अपनी पत्‍नी और बच्चो के साथ भाग गया था”।

इसलिए उसने साथ लेकर

“तो लाबान को लिया”।

उसे गिरा दिया।

“और याकूब के बाद उसका पीछा किया“।

उसका सात दिन तक पीछा किया,

लबान ने सात दिन चल कर याकूब को पकडा।

उसको जा पकड़ा

“उसने उसको पकड़ लिया“।

Genesis 31:24

तब परमेश्‍वर ने रात के स्वप्न में अरामी लाबान के पास आकर कहा

यह शब्द “अब” का प्रयोग माबान की पुष्टभूमी की जानकारी के लिए किया गया है कि “उस रात को लबन के सपने मे परमेश्‍वर आए“।

सावधान रह, तू याकूब से न तो भला कहना और न बुरा

याकूब को जाने से रोकने की कोशिश न कर।

और लाबान याकूब के पास पहुँच गया। याकूब अपना तम्बू गिलाद नामक पहाड़ी देश में खड़ा किए पड़ा था; और लाबान ने भी अपने भाइयों के साथ अपना तम्बू उसी पहाड़ी देश में खड़ा किया

यह शब्द "अब” याकुब और लाबान की कहानी को दिखाता है।जिस प्रकार गिलाद के पहाड़ से लाबान ने याकूब को पकड़ा।

Genesis 31:26

मेरे पास से चोरी से चला आया, और मेरी बेटियों को ऐसा ले आया जैसा कोई तलवार के बल से बन्दी बनाई गई हों

लाबान याकूब से बोलता है कि किस प्रकार मेरी बेटियों को वापस कनान ले आया, जैसे कि उन्होने कोई अपराध किया हो और वह गुस्सा था।

चोरी चुपके से भाग आया

“बिना बताए चोरी भाग आए

आनन्द के साथ

“खुशी के साथ“।

मृदंग और वीणा बजवाते, और गीत गवाते विदा करता

यह उपकरन संगीत के लिए है। “और साज़ के साथ”।

डफली

यह संगीती उपकरन है इसका सर डोल की तरह जिसे लोहे की राट से बजाते है तब यह डफली हिल जाती है।

अपने बेटे-बेटियों को चूमने तक न दिया

यहा ‘पोते‘ को चूमने के लिए यहा सभी पोते पोतीया आ जाएगे।

तूने मूर्खता की है।

तुमने बेवकूफी की है।

अब

यह शब्द का मतलब‘इसी समय नही है पर शब्प किसी खास मकसद के लिए है।

Genesis 31:29

तुम लोगों की हानि करने की शक्ति मेरे हाथ में तो है

आप सभी को नुकसान पहुचाने के लिए मेरे पास बहुत लोग है।

‘सावधान रह, याकूब से न तो भला कहना और न बुरा।

तुम सब याकूब को कुछ मत कहना।

अब तू चला तो आया

यह शब्द आप याकूब को दर्शाता है।

अब तू अपने पिता के घर

तू अपने पिता के घर आराम कर।

मेरे देवताओं

“मेरी मूर्तीयाँ”।

Genesis 31:31

मैं यह सोचकर डर गया था कि कहीं तू अपनी बेटियों को मुझसे छीन न ले।

मैं गुप्त रूप में इसलिए‍ भागा क्योंकि मुझे डर था कि आप अपनी बेटी मुझसे छीन लोगे

जिस किसी के पास तू अपने देवताओं को पाए, वह जीवित न बचेगा।

यह आपके सही रुप से शुरु किया जा सकता है।

, उसे भाई-बन्धुओं के सामने पहचानकर ले-ले।

सब रिशतेदार यह देखेगे कि सब कुछ सही और ईमानदारी से हो रहा है।

सामने पहचानकर ले-ले।

देखो ओर ले लो।

क्योंकि याकूब न जानता था कि राहेल गृहदेवताओं को चुरा ले आई है।

यह बदलव याकुब की कहानी को बताते है।

Genesis 31:33

दोनों दासियों

यह जिलपा और बिल्हा दर्शाता है।

और कुछ न मिला।

“उसे उसकी मूर्तीयाँ नहीं मिली“।

Genesis 31:34

राहेल तो .... उन्हें न पाया।

यह शब्द राहेल की कहानी को शुरु करता है।

ऊँट की काठी

एक जानवर की पीठ पर काठी रखी जाए ताकि उस पर स्वारी की जाए।

मेरे गुरु

किसी को मेरा गुरु कहना उनके आदर का एक तरीका है।

कि मैं तेरे सामने नहीं उठी

क्योकि मै आपकी उपस्थिति मे खड़ी होने के योग्य नहीं हूँ।

क्योंकि मैं मासिक धर्म से हूँ।

यह उस महीने के समय को दर्शाता है जब एक महिला के गर्भ से खून बहता है।

Genesis 31:36

उसने उससे कहा

“याकूब ने लाबान से कहा“।

मेरा क्या अपराध है? मेरा क्या पाप है, कि तूने इतना क्रोधित होकर मेरा पीछा किया है?

इन वाक्यो में “मेरा अपराध क्या है” “मेरा पाप क्या है” याकुब ने कहा लाबान तुम बोलो मैं कहा पर गलत हू।

मेरा पीछा किया है

लाबान ने बहुत गर्म तरीके से लाबान का पीछा किया।

तो तुझको अपने घर की सारी सामग्री में से क्या मिला?

तुमने क्या पाया जो तुम्हारा है।

उसको यहाँ अपने और मेरे भाइयों के सामने रख दे,

यहा यह शब्द “हमारा” याकुब और लाबान के रिश्‍तेदारो को दशार्ता है।

और वे हम दोनों के बीच न्याय करें।

यहाँ “हम मे से दो” शब्द याकुब और लाबान को दर्शाते हैं। इन वाक्यो मे वह दोनो हमारे बीच न्याय कर सकते है।

Genesis 31:38

सामान्य जानकारी:

याकुब लाबान से बात करनी जारी रखता है।

बीस वर्षों

“20 वर्ष“।

भेड़ें

मादा भेड़।

गर्भपात नहीं हुआ।

इसका अर्थ यह है कि बच्चे जन्म लेने के बाद मर गए।

जिसे जंगली जन्तुओं ने फाड़ डाला उसको मैं तेरे पास न लाता था

यहाँ स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “जब एक जंगली जानवर ने आपके जानवरो मे से एक को मार दिया तो मै इसे आपके पास नही लाया“।

उसकी हानि मैं ही उठाता था

याकूब लाबान को झुड़ के मरने की वजह से परेशान हो रहे है और उसे नुकसान के रूप मे गिन रहा है।

मेरी तो यह दशा थी कि दिन को तो घाम और रात को पाला मुझे खा गया; और नींद मेरी आँखों से भाग जाती थी।

मैं तेरे झुंड के साथ दिन के सबसे गर्म समय और रात के सब से ठंडे समय में भी रहता था।

Genesis 31:41

सामान्य जानकारी:

याकुब लगातार लाबान से बात करनी जारी रखता है।

बीस वर्ष तक

“पिछले बीस वर्ष”।

“चौदह वर्ष“

“14 वर्ष”।

और तूने मेरी मजदूरी को दस बार बदल डाला

“जो मजदूरी देने को तूने मुझसे कहा था तुने उसे दस बार बदल दिया “।

मेरे पिता का परमेश्‍वर अर्थात् अब्राहम का परमेश्‍वर, जिसका भय इसहाक भी मानता है, यदि मेरी ओर न होता

याकूब यह तीनों नाम सामान्य रूप से परमेश्‍वर को दर्शाता है कि “हे परमेश्‍वर अब्राहम और इसहाक और मेरे पिता भी मेरी ओर नही है“।

मेरे पिता का परमेश्‍वर

यह शब्द ”पिता” इसहाक के परमेश्‍वर को दर्शाता है।

और जिसका भय इसहाक भी मानता है,

यहा यह शब्द “डर” भाव “यहोवा के प्रति डर“ को दर्शाता है इसका मतलब कि वह यहोवा कि बहुत इज्जत करता है।

खाली हाथ

यह कुछ न होने के लिए खडा है।

मेरे दुःख और मेरे हाथों के परिश्रम को देखकर परमेश्‍वर ने

परमेश्‍वर ने देखा कि मैने कितना मुछकिल का काम किया

Genesis 31:43

परन्तु अब मैं अपनी इन बेटियों और इनकी सन्तान से क्या कर सकता हूँ?

लेकिन, मैं अपनी बेटियों और नाती-पोतों को अपने साथ वापस लाने के लिए कुछ भी नहीं कर सकता।

तेरे बीच साक्षी ठहरी रहे।

यहा यह शब्द साक्षी ठहरे कि किस प्रकार याकुब और लाबान के बीच वाचा हुई।

Genesis 31:45

खम्भा

इसका मतलब यह है कि एक बडा पत्थर जिसके ऊपर अंत तक निशान लगाया हो वह जगह बहुत महत्वपूर्ण है।

ढेर बना दिया।

एक दूसरे के ऊपर उन्हे ढेर कर दिया।

वहीं ढेर के पास उन्होंने भोजन किया।

फिर उन्होने एक साथ वहा वाचा के भोजन के ढेर को खाया।

जैगर सहादुथा,

लाबान के अनुसार “साक्षी का ढेर“ है।

गिलियाद

गिलियाद नाम का याकुब की भाषा मेंअर्थ है “साक्षी का ढेर।”

Genesis 31:48

“यह ढेर आज से मेरे और तेरे बीच साक्षी रहेगा।

यह पत्थर हमारे ओर तुम्हारे बीच याद दिलाने का प्रतीक होगा।

गिलियाद

गिलियाद नाम का अर्थ है याकुब की भाषा में “साक्षी का ढेर”।

मिस्पा

मिस्पा का अर्थ “पहरे की मिनार“ है।

जब हम एक दूसरे से दूर रहें

जब हम एक दूसरे के साथ नही रह रहे है।

हमारे साथ कोई मनुष्य तो न रहेगा

यहा “ हमे” शब्द लाबान और याकुब को दर्शाता है।

देखना

याद रखे कि यह आगे क्या कहने पर जोर देते हैं।

Genesis 31:51

यह ढेर और यह खम्भा दोनों इस बात के साक्षी रहें

पत्थरो के यह ढेर याकुब ओर लाबान के लिए एक याद और समझौते की एक सीमा का मार्ग था।

अब्राहम और नाहोर और उनके पिता; तीनों का जो परमेश्‍वर है, वही हम दोनों के बीच न्याय करे।

इब्राहीम याकूब का दादा है। नाहर लाबान के दादा हैं।इब्राहीम और नाहर के पिता ने उन सब की पूजा की।

जिसका भय उसका पिता इसहाक मानता था।

यहाँ शब्द "डर" यहोवा को दर्शाता है, जैसे इसहाक परमेश्‍वर की आज्ञा का पालन करता है उससे पता चलता है कि वे उसका सम्मान करता है।

Genesis 31:54

अपने भाई-बन्धुओं को भोजन करने के लिये बुलाया

एक साथ खाना खाने से एक-दूसरे के साथ वाचा बनाने का हिस्सा था।

भोर को…अपने स्थान को लौट गया।

पद 55 अध्याय में 32 की पहला पद है, लेकिन यह सबसे आधुनिक बाइबलों में अध्याय 31 का आखिरी पद है।

आशीर्वाद

इसका अर्थ है किसी के साथ होने के लिए सकारात्मक और लाभकारी चीजों की इच्छा व्यक्त करना।


Chapter 32

एसाव का याकूब से मिलने आना

1याकूब ने भी अपना मार्ग लिया और परमेश्‍वर के दूत उसे आ मिले।2उनको देखते ही याकूब ने कहा, “यह तो परमेश्‍वर का दल है।” इसलिए उसने उस स्थान का नाम महनैम रखा।

3तब याकूब ने सेईर देश में, अर्थात् एदोम देश में, अपने भाई एसाव के पास अपने आगे दूत भेज दिए।4और उसने उन्हें यह आज्ञा दी, “मेरे प्रभु एसाव से यह कहना; कि तेरा दास* याकूब तुझ से यह कहता है, कि मैं लाबान के यहाँ परदेशी होकर अब तक रहा;5और मेरे पास गाय-बैल, गदहे, भेड़-बकरियाँ, और दास-दासियाँ हैं और मैंने अपने प्रभु के पास इसलिए सन्देश भेजा है कि तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।”
6वे दूत याकूब के पास लौटकर कहने लगे, “हम तेरे भाई एसाव के पास गए थे, और वह भी तुझ से भेंट करने को चार सौ पुरुष संग लिये हुए चला आता है।”7तब याकूब बहुत डर गया, और संकट में पड़ा: और यह सोचकर, अपने साथियों के, और भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, और ऊँटों के भी अलग-अलग दो दल कर लिये,8कि यदि एसाव आकर पहले दल को मारने लगे, तो दूसरा दल भागकर बच जाएगा।
9फिर याकूब ने कहा, “हे यहोवा, हे मेरे दादा अब्राहम के परमेश्‍वर, हे मेरे पिता इसहाक के परमेश्‍वर, तूने तो मुझसे कहा था कि अपने देश और जन्म-भूमि में लौट जा, और मैं तेरी भलाई करूँगा:10तूने जो-जो काम अपनी करुणा और सच्चाई से अपने दास के साथ किए हैं, कि मैं जो अपनी छड़ी ही लेकर इस यरदन नदी के पार उतर आया, और अब मेरे दो दल हो गए हैं, तेरे ऐसे-ऐसे कामों में से मैं एक के भी योग्य तो नहीं हूँ।
11मेरी विनती सुनकर मुझे मेरे भाई एसाव के हाथ से बचा मैं तो उससे डरता हूँ, कहीं ऐसा न हो कि वह आकर मुझे और माँ समेत लड़कों को भी मार डाले।12तूने तो कहा है, कि मैं निश्चय तेरी भलाई करूँगा, और तेरे वंश को समुद्र के रेतकणों के समान बहुत करूँगा, जो बहुतायत के मारे गिने नहीं जा सकते।”
13उसने उस दिन की रात वहीं बिताई; और जो कुछ उसके पास था उसमें से अपने भाई एसाव की भेंट के लिये छाँट-छाँटकर निकाला;14अर्थात् दो सौ बकरियाँ, और बीस बकरे, और दो सौ भेड़ें, और बीस मेढ़े,15और बच्चों समेत दूध देनेवाली तीस ऊँटनियाँ, और चालीस गायें, और दस बैल, और बीस गदहियाँ और उनके दस बच्चे।16इनको उसने झुण्ड-झुण्ड करके, अपने दासों को सौंपकर उनसे कहा, “मेरे आगे बढ़ जाओ; और झुण्डों के बीच-बीच में अन्तर रखो।”
17फिर उसने अगले झुण्ड के रखवाले को यह आज्ञा दी, “जब मेरा भाई एसाव तुझे मिले, और पूछने लगे, ‘तू किस का दास है, और कहाँ जाता है, और ये जो तेरे आगे-आगे हैं, वे किस के हैं?’18तब कहना, ‘यह तेरे दास याकूब के हैं। हे मेरे प्रभु एसाव, ये भेंट के लिये तेरे पास भेजे गए हैं, और वह आप भी हमारे पीछे-पीछे आ रहा है’।”
19और उसने दूसरे और तीसरे रखवालों को भी, वरन् उन सभी को जो झुण्डों के पीछे-पीछे थे ऐसी ही आज्ञा दी कि जब एसाव तुम को मिले तब इसी प्रकार उससे कहना।20और यह भी कहना, “तेरा दास याकूब हमारे पीछे-पीछे आ रहा है।” क्योंकि उसने यह सोचा कि यह भेंट जो मेरे आगे-आगे जाती है, इसके द्वारा मैं उसके क्रोध को शान्त करके तब उसका दर्शन करूँगा; हो सकता है वह मुझसे प्रसन्‍न हो जाए।21इसलिए वह भेंट याकूब से पहले पार उतर गई, और वह आप उस रात को छावनी में रहा।
याकूब का मल्लयुद्ध

22उसी रात को वह उठा और अपनी दोनों स्त्रियों, और दोनों दासियों, और ग्यारहों लड़कों को संग लेकर घाट से यब्बोक नदी के पार उतर गया।23उसने उन्हें उस नदी के पार उतार दिया, वरन् अपना सब कुछ पार उतार दिया।
24और याकूब आप अकेला रह गया; तब कोई पुरुष आकर पौ फटने तक उससे मल्लयुद्ध करता रहा।25जब उसने देखा कि मैं याकूब पर प्रबल नहीं होता, तब उसकी जाँघ की नस को छुआ; और याकूब की जाँघ की नस उससे मल्लयुद्ध करते ही करते चढ़ गई।26तब उसने कहा, “मुझे जाने दे, क्योंकि भोर होनेवाला है।” याकूब ने कहा, “जब तक तू मुझे आशीर्वाद न दे, तब तक मैं तुझे जाने न दूँगा।”
27और उसने याकूब से पूछा, “तेरा नाम क्या है?”* उसने कहा, “याकूब।”28उसने कहा, “तेरा नाम अब याकूब नहीं, परन्तु इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्‍वर से और मनुष्यों से भी युद्ध करके प्रबल हुआ है।”
29याकूब ने कहा, “मैं विनती करता हूँ, मुझे अपना नाम बता।” उसने कहा, “तू मेरा नाम क्यों पूछता है?” तब उसने उसको वहीं आशीर्वाद दिया।30तब याकूब ने यह कहकर उस स्थान का नाम पनीएल* रखा; “परमेश्‍वर को आमने-सामने देखने पर भी मेरा प्राण बच गया है।”
31पनूएल के पास से चलते-चलते सूर्य उदय हो गया, और वह जाँघ से लँगड़ाता था।32इस्राएली जो पशुओं की जाँघ की जोड़वाले जंघानस को आज के दिन तक नहीं खाते, इसका कारण यही है कि उस पुरुष ने याकूब की जाँघ के जोड़ में जंघानस को छुआ था।


Genesis 32:1

महनैम

महानैम का अर्थ है "दो शिविर”।

Genesis 32:3

सेईर

यह एदोम के क्षेत्र में एक पहाड़ी क्षेत्र है।

मेरे प्रभु एसाव से यह कहना; कि तेरा दास* याकूब तुझ से यह कहता है,....... यहाँ अब तक रहा

मैं अपने स्वामी एसाव से ये कहना चाहता हूँ, उसे कहना कि मैं उसकी नजर में हूँ।

मेरे प्रभु एसाव

यहा याकूब विनम्र भाषा का प्रयोग करके अपने भाई को “मेरा स्वामी” कहकर दर्शाता है।

तुम्हारा दास याकुब

यहा याकूब विनम्र भाषा का प्रयोग करता है और खुद को “तेरा दास” दर्शाता है।

कि तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।

कि तुम मुझे स्वीकार कर सकते हो।

Genesis 32:6

चार सो आदमी

“400 आदमी”

डर गया

यह शब्द यह दर्शाता है कि जब खुद को या दूसरों को नुकसान का खतरा होता है।

परेशान

"दबाव“

पहले दल को मारने लगे, तो दूसरा दल भागकर बच जाएगा।

यहा “लोगों” को दर्शाता है।एक छावनी में लोगों पर हमला करने के लिए, तो दूसरे छावनी में लोगों से बच जाए।

Genesis 32:9

हे यहोवा, हे मेरे दादा अब्राहम के परमेश्‍वर, हे मेरे पिता इसहाक के परमेश्‍वर

यह विभिन्न देवताओं को नहीं दर्शाता, लेकिन एक परमेश्‍वर की उपासना करता है जैसे कि “यहोवा, जो मेरे दादा अब्रहाम और मेरे पिता इसहाक के पिता थे”।

तूने तो मुझसे कहा था कि अपने देश और जन्म-भूमि में लौट जा, और मैं तेरी भलाई करूँगा:

यहोवा, तुम ने कहा था कि मैं अपने देश वापस चला जाऊँ और मैं दयालु और कि तुम मुझ से समृद्ध होगे।

और जन्म-भूमि में लौट जा

और तुम्हारा परिवर।

मैं तेरी भलाई करूँगा

"मैं तुम्हें अच्छी तरह से चंन्गा करुगा।

तूने जो-जो काम अपनी करुणा और सच्चाई से अपने दास के साथ किए हैं, कि मैं जो अपनी छड़ी ही लेकर इस यरदन नदी के पार उतर आया,

मैं तुम्हारे लिए इस योग्य नहीं हूँ कि तुम्हारी वाचा के प्रति वफादार रहूं।

अपने दास

यह कहने का एक विनम्र तरीका है "मुझे“।

अब मेरे दो दल हो गए हैं

यहाँ "मैं बन गए हैं“ वह अब क्या है के लिए खड़ा है।

Genesis 32:11

मेरी विनती

मुझे बचाओ।

मेरे भाई एसाव के हाथ से बचा मैं तो उससे डरता हूँ

यहाँ शब्द "हाथ" शक्ति को दर्शाता है। दोनो शब्दो का मतलब है कि मेरे भाई इसाव की शक्ति है।

मैं तो उससे डरता हूँ, कहीं ऐसा न हो कि वह आकर।

"मुझे डर है कि कहीं वह"

तूने तो कहा है, कि मैं निश्चय तेरी भलाई करूँगा, और तेरे वंश को ..बहुतायत सकते।”

यह एक उद्धरण है कि मै निश्‍च्य ही तुम्हे समृद्ध करुगा।

तुम्हे समुद्र बनाना।

"आप के लिए अच्छा करूँगा“।

मै तेरे वंश को समुद्र के रेतकणों के समान बहुत करूँगा,

यह याकूब के वंशजों की बहुत बड़ी संख्या के बारे में बात की जाती है जैसे कि उनकी संख्या समुद्र तट पर रेत के अनाज की तरह होगी।

जो बहुतायत के मारे गिने नहीं जा सकते।”

यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “जो कोई भी उनकी संख्या के कारण नहीं गिन सकता”।

Genesis 32:13

दो सौ

“२००”

बीस… तीस… चालीस… दस

“२०…३०…४०… १०…”

और उनकी ऊटनियाँ

“और उनके जवान"।

इनको उसने झुण्ड-झुण्ड करके, अपने दासों को सौंपकर

"वह उन्हें छोटे झुंड में बाँटना चाहते है, और अपने सेवकों में से प्रत्येक एक झुंड पर धयान दे रहे है"।

और झुण्डों के बीच-बीच में अन्तर रखो

"हर झुंड दूसरे झुंड से एक दूरी पर यात्रा करते है“।

Genesis 32:17

“आज्ञा दी"

“उन्होंने निर्देश दिए“।

पूछने लगे…तेरे आगे-आगे हैं, वे किस के हैं?’

तुम्हें पुछता है कि तुम्हारा मालिक कौन है, तुम कहाँ जा रहे हो, और जो तेरे आगे है वो इन जानवरों का मालिक है।

वे किस के हैं?’

“तुम्हारा स्वामी कौन है?”

कौन से जानवर ये हैं जो आपके सामने हैं?

जो तुम्हारे सामने जानवर हैं इन का मालिक कौन है?

तब कहना, ‘यह तेरे दास याकूब के हैं। हे मेरे प्रभु एसाव, ये भेंट के लिये तेरे पास भेजे गए हैं, और वह आप भी हमारे पीछे-पीछे आ रहा है’।”

फिर मैं चाहता हूँ कि तुम उसे बताना कि ये सब बातें याकूब, सेवक की हैं, और वह उन्हें अपने गुरु एसाव को दे रहा है। और उसे बताएं कि याकूब उससे मिलने के रास्ते पर है।

तुम्हारा सेवक याकूब

याकूब खुद को एसाव का नौकर दर्शाता है।

मेरे प्रभु एसाव

याकूब का एसाव को स्वामी कहना एक विनम्र तरीके को दर्शाता है।

पीछे आ रहा है’।

यहाँ “हमे" नौकर बोल रहा है दूसरे नौकरों को एसाव के लिए झुंड लाने को दर्शाते है।

Genesis 32:19

उसने दूसरे और तीसरे रखवालों को भी,

"दूसरे समूह को आदेश दिया"

यह भी कहना, “तेरा दास याकूब

इसका सामानय अर्थ है कि “आप यह भी कहेगे कि याकूब आपका नोकर है”।

वह मुझसे प्रसन्‍न हो जाए।

“मैं उसे शांत कर दूँगा”।

वह मुझे प्राप्त करे

“वह मेरा स्वागत करेगा”।

इसलिए वह भेंट याकूब से पहले पार उतर गई

यहाँ “उपहार” लेने के लिए नौकर खड़े है।

और वह आप रहा

यहाँ “अपने आप” याकूब नोकरों के साथ नहीं गया”।

Genesis 32:22

अपनी दोनों दासियों

"इसका मतलब है जिल्पा और बिल्हा।

घाट

नदी में एक उथली जगह जिसे पार करना आसान है।

यब्बोक

यह एक नदी का नाम है।

अपना सब कुछ पार उतार दिया।

“ वो सब जो उसके पास था”।

Genesis 32:24

सुबह तक

"सुबह होने तक"।

जाँघ

"यह वह जगह है जहां ऊपरी पैर की हड्डी कूल्हे से जुड़ती है“।

और याकूब की जाँघ की नस उससे मल्लयुद्ध करते ही करते चढ़ गई।

"आदमी ने याकूब के कूल्हे को घायल कर दिया क्योंकि उसने उसके साथ कुश्ती की थी"।

मुझे जाने दे, क्योंकि भोर होनेवाला है

"सूरज जल्द ही निलने वाला है”।

आशीर्वाद

यहा आशीर्वाद का अर्थ है किसी भी व्यक्ति के लिय अच्छी चीजे पैदा करना।

जब तक तू मुझे आशीर्वाद न दे, तब तक मैं तुझे जाने न दूँगा।

यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि "बिल्कुल नहीं! तुम्हें मुझे पहले आशीर्वाद देना चाहिए, तो मैं तुम्हें जाने दूँगी"।

Genesis 32:27

इस्राएल

"इस्रायल के नाम का अर्थ है कि ‘वह परमेश्‍वर के साथ संघर्ष करता है“।

और मनुष्यों से भी

यहाँ सामान्य शब्दो में “मनुष्यों“ का अर्थ है ”लोग“।

Genesis 32:29

” उसने कहा, “तू मेरा नाम क्यों पूछता है?”

"उसने कहा, तुम मेरे नाम के बारे में क्यों पूछते हो? " मुझसे मेरा नाम के लिए मत पूछो!

पनीएल

"पेनियल नाम का अर्थ है। “परमेश्‍वर का चेहरा।”

आमने-सामने देखने

“आमने-सामने“ का अर्थ है कि दो लोगों को व्यक्ति में एक दूसरे को देख रहे हैं, बहुत करीब से देखना।

और मेरा प्राण बच गया है।”

यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “अभी तक वह मेरी जिन्दगी को बख्श दी”।

Genesis 32:31

यही कारण है कि आज तक

यह कहानी से इसराइल के वंशजों के बारे में पृष्ठभूमि जानकारी के लिए एक परिवर्तन के निशान है।

आज के दिन तक

इसका मतलब है। कि यह करने के लिए लेखक लिख रहा था।

जंघानस को छुआ था

यह मांसपेशियों को दर्शाता है जो जांघ की हड्डी को जांघ से जोड़ता है।

जाँघ के जोड़

कमर का जोड़।

जोड़ में जंघानस

"मारते समय"।


Chapter 33

याकूब का एसाव से मिलना

1और याकूब ने आँखें उठाकर यह देखा, कि एसाव चार सौ पुरुष संग लिये हुए चला आता है। तब उसने बच्चों को अलग-अलग बाँटकर लिआ और राहेल और दोनों दासियों को सौंप दिया।2और उसने सबके आगे लड़कों समेत दासियों को उसके पीछे लड़कों समेत लिआ को, और सबके पीछे राहेल और यूसुफ को रखा,3और आप उन सबके आगे बढ़ा और सात बार भूमि पर गिरकर दण्डवत् की,* और अपने भाई के पास पहुँचा।

4तब एसाव उससे भेंट करने को दौड़ा, और उसको हृदय से लगाकर, गले से लिपटकर चूमा; फिर वे दोनों रो पड़े।5तब उसने आँखें उठाकर स्त्रियों और बच्चों को देखा; और पूछा, “ये जो तेरे साथ हैं वे कौन हैं?” उसने कहा, “ये तेरे दास के लड़के हैं, जिन्हें परमेश्‍वर ने अनुग्रह करके मुझ को दिया है।”
6तब लड़कों समेत दासियों ने निकट आकर दण्डवत् किया।7फिर लड़कों समेत लिआ निकट आई, और उन्होंने भी दण्डवत् किया; अन्त में यूसुफ और राहेल ने भी निकट आकर दण्डवत् किया।8तब उसने पूछा, “तेरा यह बड़ा दल जो मुझ को मिला, उसका क्या प्रयोजन है?” उसने कहा, “यह कि मेरे प्रभु की अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।”
9एसाव ने कहा, “हे मेरे भाई, मेरे पास तो बहुत है; जो कुछ तेरा है वह तेरा ही रहे।”10याकूब ने कहा, “नहीं-नहीं, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मेरी भेंट ग्रहण कर: क्योंकि मैंने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्‍वर का दर्शन पाया है, और तू मुझसे प्रसन्‍न हुआ है।11इसलिए यह भेंट, जो तुझे भेजी गई है, ग्रहण कर; क्योंकि परमेश्‍वर ने मुझ पर अनुग्रह किया है, और मेरे पास बहुत है।” जब उसने उससे बहुत आग्रह किया, तब उसने भेंट को ग्रहण किया।
12फिर एसाव ने कहा, “आ, हम बढ़ चलें: और मैं तेरे आगे-आगे चलूँगा।”13याकूब ने कहा, “हे मेरे प्रभु, तू जानता ही है कि मेरे साथ सुकुमार लड़के, और दूध देनेहारी भेड़-बकरियाँ और गायें है; यदि ऐसे पशु एक दिन भी अधिक हाँके जाएँ, तो सबके सब मर जाएँगे।14इसलिए मेरा प्रभु अपने दास के आगे बढ़ जाए, और मैं इन पशुओं की गति के अनुसार, जो मेरे आगे है, और बच्चों की गति के अनुसार धीरे-धीरे चलकर सेईर में अपने प्रभु के पास पहुँचूँगा।”
15एसाव ने कहा, “तो अपने साथियों में से मैं कई एक तेरे साथ छोड़ जाऊँ।” उसने कहा, “यह क्यों? इतना ही बहुत है, कि मेरे प्रभु के अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर बनी रहे।”16तब एसाव ने उसी दिन सेईर जाने को अपना मार्ग लिया।17परन्तु याकूब वहाँ से निकलकर सुक्कोत* को गया, और वहाँ अपने लिये एक घर, और पशुओं के लिये झोंपड़े बनाए। इसी कारण उस स्थान का नाम सुक्कोत पड़ा।
याकूब का कनान आना

18और याकूब जो पद्दनराम से आया था, उसने कनान देश के शेकेम नगर के पास कुशल क्षेम से पहुँचकर नगर के सामने डेरे खड़े किए।19और भूमि के जिस खण्ड पर उसने अपना तम्बू खड़ा किया, उसको उसने शेकेम के पिता हमोर के पुत्रों के हाथ से एक सौ कसीतों में मोल लिया। (यूह. 4:5, प्रेरि. 7:16)20और वहाँ उसने एक वेदी बनाकर उसका नाम एल-एलोहे-इस्राएल रखा।


Genesis 33:1

यह देखा

यहा शब्द "देखो" हमें कहानी का एक नया औरआश्चर्य हिस्सा ध्यान देने के लिए सुचित करता है।

चार सौ पुरुष

४०० आदमी।

तब उसने बच्चों को अलग-अलग.…दोनों दासियों

इसका मतलब यह नहीं है कि याकूब ने बच्चों को समान रूप से अलग किया ताकि हर महिला के पास उसके साथ समान मात्रा में बच्चे थे। याकूब ने बच्चों को इस तरह अलग किया ताकि हर कोई अपनी माँ के साथ चला जाए।

दोनों दासियों

यह शब्द बिल्‍हा और जिल्पा।

और आप उन सबके आगे बढ़ा

यहा "खुद” इस बात पर जोर देता है कि याकूब दूसरों के सामने अकेला चला गया

भूमि पर गिरकर प्रणाम किया

यहा “प्रणाम“ शब्द का अर्थ है किसी के सामने सम्मान के साथ झुक कर प्रणाम करना।

Genesis 33:4

उससे मिला

“याकूब से मिला”।

और उसको हृदय से लगाकर, गले से लिपटकर चूमा;

यह एक नया वाक्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है कि "एसाव याकूब के चारों ओर अपने हाथ डाल दिए, उसे गले लगाया, और उसे चूमा"।

फिर वे दोनों रो पड़े

तब एसाव और याकूब रोए क्योंकि वह खुश थे और फिर से एक दूसरे को देखना चाहते थे।

उसने आँखें उठाकर स्त्रियों और बच्चों को देखा;

"उसने महिलाओं और बच्चों को जो याकूब के साथ थे उन्हे देखा“।

उसने कहा, “ये तेरे दास के लड़के हैं, जिन्हें परमेश्‍वर ने अनुग्रह करके मुझ को दिया है

यह शब्द याकूब खुद को दर्शाता है ये बच्चे परमेश्‍वर ने अपना नौकर समझ कर अपनी कृपया से मुझे दिये है।

Genesis 33:6

दासियों

यह बिल्हा और जिल्पा को दर्शाते है।

झुका हुआ

यह किसी अन्य व्यक्ति के सामने विनम्रता और सम्मान की निशानी है।

तेरा यह बड़ा दल जो मुझ को मिला, उसका क्या प्रयोजन है?”

यह वाक्यांश "इन सभी समूहों" नौकरों के समूहों को दर्शाता है कि याकूब ने एसाव को उपहार देने के लिए भेजा। जैसे कि “तुमने मुझे मिलने के लिए उन सभी अलग- अलग समूहों को कयों भेजा“।

“यह कि मेरे प्रभु की अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो

यहा “देखना” शब्द किसी व्यकित के विचारो को खडा करता है। तो तुम, मेरे गुरु हो मै तुम्हारे साथ खुश हूँ।

मेरे गुरु

यहाँ यह वाक्यांश "मेरे स्वामी" एसाव की बात को दर्शाने का एक विनम्र तरीका है।

Genesis 33:9

वह तेरा ही रहे

यहा शब्द “पशु” और "संपत्ति" समझा गया है। कि “मेरे पास पर्याप्त (संपत्ति) जानवर है”।

यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो

"यदि तू मेरे साथ खुश हैं“।

तो मेरी भेंट ग्रहण कर

यहाँ "हाथ“ याकूब को दर्शाते है कि "यह उपहार है कि मैं तुम्हें दे रहा हूँ।

मेरा हाथ आवश्यकता के लिए

लेखक यहाँ एक नये वाक्य के रूप में अनुवाद कर सकता है कि "मेरे हाथ हमेशा तुम्हारे लिए है“।

क्योंकि मैंने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्‍वर का दर्शन पाया

(1) याकूब खुश है कि एसाव ने उसे माफ कर दिया है जैसे परमेश्‍वर ने उसे माफ कर दिया है।

मैंने तेरा दर्शन पाकर

यहाँ दर्शन एसाव को देखना दर्शाता है।

जो तुझे भेजी गई है, ग्रहण कर

“मेरे सेवको कों आप के लिय लाया।

क्योंकि परमेश्‍वर ने मुझ पर अनुग्रह किया है

“परमेश्‍वर ने मुझे बहुत आशीर्वाद दिया है"

जब उसने उससे बहुत आग्रह किया, तब उसने भेंट को ग्रहण किया।

यह पहले एक उपहार से इनकार करने के लिए प्रथागत था, लेकिन फिर परमेश्‍वर नाराज था इसलिये पहले उपहार स्वीकार नहीं किया।

Genesis 33:12

हे मेरे प्रभु, तू जानता ही है

यह एसाव का जिक्र करने का एक विनम्र तरीका है। कि “मेरे स्वामी ,तुम जानते हो”।

मेरे साथ सुकुमार लड़के,

बच्चे बहुत छोटे हैं वो तेजी से यात्रा नहीं कर सकते।

यदि ऐसे पशु एक दिन भी अधिक हाँके जाएँ,

"यदि हम उन्हें एक दिन के लिए भी तेजी से जाने के लिए मजबूर करते हैं"

इसलिए मेरा प्रभु अपने दास के आगे बढ़ जाए,

यह याकूब का विनम्र और तरीका है। कि"हे प्रभु, मैं तुम्हारा नौकर हूँ कृपया मुझे आगे बढ़ाओ"

इन पशुओं की गति के अनुसार, जो मेरे आगे है,

मैं जानवरो को देख रहा हूँ कि बाद मे वह तेजी से जा सकते है।

सेईर

यह एदोम के क्षेत्र में एक पहाड़ी क्षेत्र है।

Genesis 33:15

ऐसा क्यों करते हैं?

याकूब इस बात पर ज़ोर देने के लिए एक सवाल का इस्तेमाल करता है कि एसाव को आदमियों को छोड़ने की ज़रूरत नहीं है।

मेरे प्रभु के

हे मेरे स्वामी, यह एसाम से बात करने का विनम्र तरीका है।

सुक्कोत

लेखक बताता है कि सुक्कोत नाम का अर्थ है “शरणस्थान”।

वहाँ अपने लिये एक घर

यह निहित है कि घर भी अपने परिवार के लिए है।

पशुओं के लिये

बाद में जानवरों की देखभाल के लिये।

Genesis 33:18

सामान्य जानकारी

यहाँ कहानी का एक नया हिस्सा शुरू होता है. लेखक बताता है कि याकूब ने सुक्कोत में आराम करने के बाद क्या किया।

और याकूब जो पद्दनराम से आया था

“याकुब के जाने के बाद पद्दनराम छोड दिया।

और याकूब …नगर के पास … डेरे खड़े किए

यह केवल याकूब का उल्लेख है क्योंकि वह परिवार का हाकिम है। यह सही है कि उसका परिवार उसके साथ था।

भुमि के पास अपना तम्बू खड़ा किया

“यह नगर के पास तम्बू खडा करने लगे।

भूमि का टुकड़ा

भूमि का टुकड़ा।

हमोर

यह एक आदमी का नाम है।

शेकेम के पिता

शेकेम एक शहर का नाम और एक आदमी का नाम है।

एक सौ

“100"।

एल-एलोहे-इस्राएल

एल-एलोहे-इस्राएल का मतलब है कि परमेश्‍वर इस्राएल के परमेश्‍वर है।


Chapter 34

दीना को भ्रष्ट किया जाना

1एक दिन लिआ की बेटी दीना, जो याकूब से उत्‍पन्‍न हुई थी, उस देश की लड़कियों से भेंट करने को निकली।2तब उस देश के प्रधान हिव्वी हमोर के पुत्र शेकेम ने उसे देखा, और उसे ले जाकर उसके साथ कुकर्म करके उसको भ्रष्ट कर डाला।3तब उसका मन याकूब की बेटी दीना से लग गया, और उसने उस कन्या से प्रेम की बातें की, और उससे प्रेम करने लगा।

4अतः शेकेम ने अपने पिता हमोर से कहा, “मुझे इस लड़की को मेरी पत्‍नी होने के लिये दिला दे।”5और याकूब ने सुना कि शेकेम ने मेरी बेटी दीना को अशुद्ध कर डाला है, पर उसके पुत्र उस समय पशुओं के संग मैदान में थे, इसलिए वह उनके आने तक चुप रहा।
6तब शेकेम का पिता हमोर निकलकर याकूब से बातचीत करने के लिये उसके पास गया।7याकूब के पुत्र यह सुनते ही मैदान से बहुत उदास और क्रोधित होकर आए; क्योंकि शेकेम ने याकूब की बेटी के साथ कुकर्म करके इस्राएल के घराने से मूर्खता का ऐसा काम किया था, जिसका करना अनुचित था।
8हमोर ने उन सबसे कहा, “मेरे पुत्र शेकेम का मन तुम्हारी बेटी पर बहुत लगा है, इसलिए उसे उसकी पत्‍नी होने के लिये उसको दे दो।9और हमारे साथ ब्याह किया करो; अपनी बेटियाँ हमको दिया करो, और हमारी बेटियों को आप लिया करो।10और हमारे संग बसे रहो; और यह देश तुम्हारे सामने पड़ा है; इसमें रहकर लेन-देन करो, और इसकी भूमि को अपने लिये ले लो।”
11और शेकेम ने भी दीना के पिता और भाइयों से कहा, “यदि मुझ पर तुम लोगों की अनुग्रह की दृष्टि हो, तो जो कुछ तुम मुझसे कहो, वह मैं दूँगा।12तुम मुझसे कितना ही मूल्य या बदला क्यों न माँगो, तो भी मैं तुम्हारे कहे के अनुसार दूँगा; परन्तु उस कन्या को पत्‍नी होने के लिये मुझे दो।”13तब यह सोचकर कि शेकेम ने हमारी बहन दीना को अशुद्ध किया है, याकूब के पुत्रों ने शेकेम और उसके पिता हमोर को छल के साथ यह उत्तर दिया,*
14“हम ऐसा काम नहीं कर सकते कि किसी खतनारहित पुरुष को अपनी बहन दें; क्योंकि इससे हमारी नामधराई होगी।15इस बात पर तो हम तुम्हारी मान लेंगे कि हमारे समान तुम में से हर एक पुरुष का खतना किया जाए।16तब हम अपनी बेटियाँ तुम्हें ब्याह देंगे, और तुम्हारी बेटियाँ ब्याह लेंगे, और तुम्हारे संग बसे भी रहेंगे, और हम दोनों एक ही समुदाय के मनुष्य हो जाएँगे।17पर यदि तुम हमारी बात न मानकर अपना खतना न कराओगे, तो हम अपनी लड़की को लेकर यहाँ से चले जाएँगे।”
18उसकी इस बात पर हमोर और उसका पुत्र शेकेम प्रसन्‍न हुए।19और वह जवान जो याकूब की बेटी को बहुत चाहता था, इस काम को करने में उसने विलम्ब न किया। वह तो अपने पिता के सारे घराने में अधिक प्रतिष्ठित था।
20इसलिए हमोर और उसका पुत्र शेकेम अपने नगर के फाटक के निकट जाकर नगरवासियों को यह समझाने लगे;21“वे मनुष्य तो हमारे संग मेल से रहना चाहते हैं; अतः उन्हें इस देश में रहकर लेन-देन करने दो; देखो, यह देश उनके लिये भी बहुत है; फिर हम लोग उनकी बेटियों को ब्याह लें, और अपनी बेटियों को उन्हें दिया करें।
22वे लोग केवल इस बात पर हमारे संग रहने और एक ही समुदाय के मनुष्य हो जाने को प्रसन्‍न हैं कि उनके समान हमारे सब पुरुषों का भी खतना किया जाए।23क्या उनकी भेड़-बकरियाँ, और गाय-बैल वरन् उनके सारे पशु और धन सम्पत्ति हमारी न हो जाएगी? इतना ही करें कि हम लोग उनकी बात मान लें, तो वे हमारे संग रहेंगे।”
24इसलिए जितने उस नगर के फाटक से निकलते थे, उन सभी ने हमोर की और उसके पुत्र शेकेम की बात मानी; और हर एक पुरुष का खतना किया गया, जितने उस नगर के फाटक से निकलते थे।25तीसरे दिन, जब वे लोग पीड़ित पड़े थे, तब ऐसा हुआ कि शिमोन और लेवी नाम याकूब के दो पुत्रों ने, जो दीना के भाई थे, अपनी-अपनी तलवार ले उस नगर में निधड़क घुसकर सब पुरुषों को घात किया।26हमोर और उसके पुत्र शेकेम को उन्होंने तलवार से मार डाला, और दीना को शेकेम के घर से निकाल ले गए।
27याकूब के पुत्रों ने घात कर डालने पर भी चढ़कर नगर को इसलिए लूट लिया कि उसमें उनकी बहन अशुद्ध की गई थी।28उन्होंने भेड़-बकरी, और गाय-बैल, और गदहे, और नगर और मैदान में जितना धन था ले लिया।29उस सबको, और उनके बाल-बच्चों, और स्त्रियों को भी हर ले गए, वरन् घर-घर में जो कुछ था, उसको भी उन्होंने लूट लिया।
30तब याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, “तुमने जो इस देश के निवासी कनानियों और परिज्जियों के मन में मेरे प्रति घृणा उत्‍पन्‍न कराई है, इससे तुमने मुझे संकट में डाला है,* क्योंकि मेरे साथ तो थोड़े ही लोग हैं, इसलिए अब वे इकट्ठे होकर मुझ पर चढ़ेंगे, और मुझे मार डालेंगे, तो मैं अपने घराने समेत सत्यानाश हो जाऊँगा।”31उन्होंने कहा, “क्या वह हमारी बहन के साथ वेश्या के समान बर्ताव करे?”


Genesis 34:1

अब

यहाँ इस शब्द को कहानी के शुरु करने के समय लिया जाता है।

दीना

यह लिआ की बेटी का नाम है।

हिव्वी

यह एक जन समूह का नाम है।

उस देश के प्रधान

यह हमोर नहीं शेम दर्शाता है। इसके अलावा, "राजकुमार“ यहाँ एक राजा के बेटे का इसका अर्थ है कि हमोर उस देस के लोगों का हाकिम था।

उसके साथ कुकर्म करके उसको भ्रष्ट कर डाला

शेकेम ने दीना के साथ बलात्कार किया।

तब उसका मन याकूब की बेटी दीना से लग गया

“वह देखने मे बहुत सुंदर थी” यह शेकेम दीना से प्यार करता था वह बहुत जलद दीना को हासिल करना चाहता था।

उससे प्रेम करने लगा

इसका मतलब यह हे कि नह उस से प्यार करता था और उसे जानने के लिए उस से बात करना चाहता था।

Genesis 34:4

अब याकूब

“अब” कहानी में यह शब्द यहाँ याकूब के बारे में जानकारी देता है।

याकूब ने सुना कि

यह शब्द "वह" शेकेम को दर्शाता है।

दीना को अशुद्ध कर डाला

इसका मतलब यह है कि शेकेम ने दीना का बहुत अपमान किया था और उसे अपने साथ सोने के लिए मजबूर किया था।

उनके आने तक चुप रहा

यह कहने का एक तरीका है कि याकूब ने इस मामले के बारे में न तो कुछ कहा और न ही कुछ किया।

Genesis 34:6

हमोर...याकूब उसके पास गया

हमोर ... याकूब से मिलने गया था"

बहुत उदास होकर आए

"पुरुषों को नाराज कर रहे थे

वह बहुत क्रोधित होकर … जिसका करना अनुचित था।

यह स्पष्ट रू में कहा जा सकता है कि यह याकूब के बेटे द्वारा बोले गए।

इस्राएल के घराने से मूर्खता का ऐसा काम किया था

उसने इसराइल के परिवार को अपमानित किया था ।

याकूब की बेटी के साथ कुकर्म करके

"याकूब की बेटी पर हमला किया”।

उसने मूर्खता का ऐसा काम किया था, जिसका करना अनुचित था

“क्योंकि उसे ऐसा भयानक काम नहीं करना चाहिए था“।

Genesis 34:8

हमोर ने उन सबसे कहा

“हमोर ने याकूब और उसके बेटों के साथ बात की"

मन तुम्हारी बेटी पर बहुत लगा है

यहाँ शब्द "प्यार" एक आदमी और एक औरत के बीच के प्यार को दर्शाता है।

इसलिए उसे उसकी पत्‍नी होने के लिये उसको दे दो

कुछ संस्कृतियों में, माता-पिता तय करते हैं कि उनके बच्चे किससे शादी करेंगे।

हमारे साथ ब्याह किया करो

अन्यजातियो में ब्याह करने के लिए एक अलग नस्लीय, सामाजिक, धार्मिक या आदिवासी समूह के एक सदस्य से शादी करने के लिए है।

इसकी भूमि को अपने लिये ले लो

"भूमि आप के लिए उपलब्ध हो जाएगा“

Genesis 34:11

शेकेम ने भी दीना के पिता से कहा

“शेकेम ने दीना के पिता याकूब से कहा"।

“यदि मुझ पर तुम लोगों की अनुग्रह की दृष्टि हो, तो जो कुछ तुम मुझसे कहो

यहाँ "आंखें“ एक व्यक्ति के विचारों के लिए है कि यदि तू मुझे स्वीकार करेंगा, तो मैं तुम्हें जो कुछ भी तुम माँगोगे दे दूगा"।

कितना ही मूल्य

कुछ संस्कृतियों में, एक आदमी के लिए जरुरी है पैसे, संपत्ति, पशु, और शादी के समय दुल्हन के परिवार के लिए अन्य उपहार ले के आना।

तब यह सोचकर कि शेकेम ने हमारी बहन दीना को अशुद्ध किया है

"लेकिन याकूब के बेटों शेकेम और हमोर से झूठ बोलता है जब वे उन्हें जवाब देता है”।

शेकेम और उसके पिता हमोर को छल के साथ यह उत्तर दिया

इसका मतलब यह है कि शेकेम ने दीना का बहुत अपमान किया था और उसे अपने साथ सोने के लिए मजबूर किया था।

Genesis 34:14

उन्होंने उनसे कहा

"याकूब के बेटों ने शेकेम और हमोर से कहा"।

“हम ऐसा काम नहीं कर सकते कि किसी खतनारहित पुरुष को अपनी बहन दें

"हम दीना की शादी देने के लिए सहमत नहीं है”।

इससे हमारी नामधराई होगी

“यहाँ उसके लिय यह शर्म की बात होगी“ यहाँ “हम” शब्द याकुब के बेटो और इसराइल के सभी लोगों को दर्शाते है”।

तब हम अपनी बेटियाँ तुम्हें…तुम्हारी बेटियाँ ब्याह लेंगे,

इसका मतलब यह है कि वे याकूब के परिवार के एक व्यक्ति को हमोर के देश में रहने वाले व्यक्ति से शादी करने की अनुमति देंगे।

Genesis 34:18

उसकी इस बात पर हमोर और उसका पुत्र शेकेम प्रसन्‍न

यहाँ "शब्द क्या कहा गया था के लिए है, "हमोर और उसके बेटे शेमेक क्या याकूब के बेटों ने कहा के मैं सहमत हूँ।

क्या वे कहा करने के लिए

खतना हो जाना

याकूब की बेटी

"याकुब की बेटी दीना"

पर इस काम को करने में उसने विलम्ब न किया। वह तो अपने पिता के सारे घराने में अधिक प्रतिष्ठित था।

यह एक नये वाक्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है कि इससे यह स्पष्ट किया जा सकता है कि शेकेम जानता था कि अन्य पुरुषों को खतना करने के लिए सहमत होंगे क्योंकि वे उसका सम्मान करते थे।

Genesis 34:20

अपने नगर के फाटक के निकट जाकर

अधिकारियो के न्याय करने के लिय फाटक पर बैठक करना एक आम बात थी।

वे मनुष्य

याकूब, उसके बेटे और इस्राएल के लोग"

हमारे संग मेल से रहना

यहाँ शब्द “हमारे” हमोर और उसके बेटे और सभी लोगों को वे शहर के गेट पर शामिल है उनके साथ बात भी की।

उन्हें इस देश में रहकर लेन-देन करने दो

वह देश मे रहते है और व्यपार करते है।

देखो, यह देश उनके लिये भी बहुत है

शेकेम इन शब्दो को बोलता है कि “'सच में” उपयोग करता है क्योकि वासत्व मे उनके लिय बहुत जमीन है।

फिर हम लोग उनकी बेटियों को ब्याह लें, और अपनी बेटियों को उन्हें दिया करें

यह एक समुह की महिलाओं और दूसरे समुह के पुरुषों के बीच विवाह को दर्शाता है।

Genesis 34:22

सामान्य जानकारी

हमोर और शेकेम अपने बेटे को शहर के बजुरगों से बात करना जारी रखता है

वे लोग केवल इस बात पर हमारे संग रहने और एक ही समुदाय के मनुष्य हो जाने को प्रसन्‍न हैं कि उनके समान हमारे सब पुरुषों का भी खतना किया जाए

"केवल अगर हमारे बीच हर आदमी खतना किया जाता है इस के रूप में इसराइल के पुरुषों खतना कर रहे हैं, वे हमारे बीच रहते हैं और लोगों में हमारे साथ एकजुट करने के लिए सहमत होंगे"।

क्या उनकी भेड़-बकरियाँ, और गाय-बैल वरन् उनके सारे पशु और धन सम्पत्ति हमारी न हो जाएगी

शेकेम एक सवाल पर जोर देता है कि याकूब के पशुओं और संपत्ति शेकेम के लोगों के लिए है।

Genesis 34:24

और हर एक पुरुष का खतना किया गया

तो हमोर और शेकेम ने सभी पुरुषों का खतना किया।

तीसरे दिन

“तीन” के लिय यह आम आदमी की गिनती है।दो दिनो के बाद।

जब वे लोग पीड़ित पड़े थे

"जब शहर के लोग अभी भी दर्द में थे"

अपनी-अपनी तलवार ले उस नगर में निधड़क घुसकर

उनकी तलवारो को ले लिया।

पुरुषों को घात किया

यहाँ “शहर” शब्द लोगो के लिए है।

सुरक्षाकार, और वे सभी पुरुषों को मार डाला

यह एक नये वाक्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है "सुरक्षा शिमोन और लेवी ने शहर के सभी आदमियों को मार डाला"

उन्होंने तलवार से मार डाला

यह “तलवार” शब्द तेज तलवार से सबको मार डाला।

Genesis 34:27

म्रत शव

हमोर शेकेम ओर वो सारे पुरुष जो मर गय थे।

नगर को लूट लिया

शहर मे वो जो सब कूछ कीमती था सब कुछ चुरा लिया।

कि उसमें उनकी बहन अशुद्ध की गई थी

शेकेम ने अकेली दीना को ही दूषित कर दिया था, लेकिन याकूब के बेटों ने शेकेम के पूरे परिवार और शहर में हर किसी को इस कृत्य के लिए जिम्मेदार माना।

दूषित कर दिया था

इसका मतलब यह है कि शेकेम ने दीना का बहुत अपमान किया था और उसे अपने साथ सोने के लिए मजबूर करके अपमानित किया था।

उन्होंने भेड़-बकरी को ले गए

"याकूब के बेटों ने लोगों के झुंड को ले लिया"

उस सबको,

"उनकी सभी संपत्ति और पैसे"

उनके बाल-बच्चों, और स्त्रियों को भी हर ले गए,

उन्होने सभी बच्चों और पत्नियों पर कब्जा कर लिया

Genesis 34:30

मुझे संकट में डाला है

मेरे लिऐ बड़ी समस्याओं को खड़ा किया है

निवासी कनानियों और परिज्जियों के मन में मेरे प्रति घृणा उत्‍पन्‍न कराई है

याकूब से नफरत करने के लिए आस-पास के इलाकों के लोगों को इस तरह बताया जाता है मानो याकूब के बेटों ने उसे शारीरिक रूप से बुरा महसूस किया गया हो ।

क्योंकि मेरे साथ …अब वे इकट्ठे होकर मुझ पर चढ़ेंगे, और मुझे मार डालेंगे, तो मैं अपने घराने समेत सत्यानाश हो जाऊँगा

याकुब यहा कहता हे कि “मुझे” से बाद का नेता वही होगा। याकुब खुद को वहा का नेता मानता था।

इसलिए अब वे इकट्ठे होकर मुझ पर चढ़ेंगे,

वह एक सेना के रूप मे मुझ पर हमला करेगें।

मैं सत्यानाश हो जाऊँगा

वो मुझे मार डालेगे।

“क्या वह हमारी बहन के साथ वेश्या के समान बर्ताव करे?”

“शेकेम को हमारी बहन के साथ एक वेश्या के समान बर्ताव नहीं करना चाहिए था।


Chapter 35

याकूब का बेतेल वापस आना

1तब परमेश्‍वर ने याकूब से कहा, “यहाँ से निकलकर बेतेल को जा, और वहीं रह; और वहाँ परमेश्‍वर के लिये वेदी बना, जिसने तुझे उस समय दर्शन दिया, जब तू अपने भाई एसाव के डर से भागा जाता था।”2तब याकूब ने अपने घराने से, और उन सबसे भी जो उसके संग थे, कहा, “तुम्हारे बीच में जो पराए देवता* हैं, उन्हें निकाल फेंको; और अपने-अपने को शुद्ध करो, और अपने वस्त्र बदल डालो;3और आओ, हम यहाँ से निकलकर बेतेल को जाएँ; वहाँ मैं परमेश्‍वर के लिये एक वेदी बनाऊँगा,* जिसने संकट के दिन मेरी सुन ली, और जिस मार्ग से मैं चलता था, उसमें मेरे संग रहा।”

4इसलिए जितने पराए देवता उनके पास थे, और जितने कुण्डल उनके कानों में थे, उन सभी को उन्होंने याकूब को दिया; और उसने उनको उस बांज वृक्ष के नीचे, जो शेकेम के पास है, गाड़ दिया।5तब उन्होंने कूच किया; और उनके चारों ओर के नगर निवासियों के मन में परमेश्‍वर की ओर से ऐसा भय समा गया, कि उन्होंने याकूब के पुत्रों का पीछा न किया।
6याकूब उन सब समेत, जो उसके संग थे, कनान देश के लूज नगर को आया। वह नगर बेतेल भी कहलाता है।7वहाँ उसने एक वेदी बनाई, और उस स्थान का नाम एलबेतेल रखा; क्योंकि जब वह अपने भाई के डर से भागा जाता था तब परमेश्‍वर उस पर वहीं प्रगट हुआ था।8और रिबका की दूध पिलानेहारी दाई दबोरा मर गई, और बेतेल के बांज वृक्ष के तले उसको मिट्टी दी गई, और उस बांज वृक्ष का नाम अल्लोनबक्कूत रखा गया।
9फिर याकूब के पद्दनराम से आने के पश्चात् परमेश्‍वर ने दूसरी बार उसको दर्शन देकर आशीष दी।10और परमेश्‍वर ने उससे कहा, “अब तक तो तेरा नाम याकूब रहा है; पर आगे को तेरा नाम याकूब न रहेगा, तू इस्राएल कहलाएगा।”* इस प्रकार उसने उसका नाम इस्राएल रखा।
11फिर परमेश्‍वर ने उससे कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर हूँ। तू फूले-फले और बढ़े; और तुझ से एक जाति वरन् जातियों की एक मण्डली भी उत्‍पन्‍न होगी, और तेरे वंश में राजा उत्‍पन्‍न होंगे।12और जो देश मैंने अब्राहम और इसहाक को दिया है, वही देश तुझे देता हूँ, और तेरे पीछे तेरे वंश को भी दूँगा।”13तब परमेश्‍वर उस स्थान में, जहाँ उसने याकूब से बातें की, उनके पास से ऊपर चढ़ गया।
14और जिस स्थान में परमेश्‍वर ने याकूब से बातें की, वहाँ याकूब ने पत्थर का एक खम्भा खड़ा किया, और उस पर अर्घ देकर तेल डाल दिया।15जहाँ परमेश्‍वर ने याकूब से बातें की, उस स्थान का नाम उसने बेतेल रखा।
राहेल की मृत्यु

16फिर उन्होंने बेतेल से कूच किया; और एप्राता थोड़ी ही दूर रह गया था कि राहेल को बच्चा जनने की बड़ी पीड़ा उठने लगी।17जब उसको बड़ी-बड़ी पीड़ा उठती थी तब दाई ने उससे कहा, “मत डर; अब की भी तेरे बेटा ही होगा।”18तब ऐसा हुआ कि वह मर गई, और प्राण निकलते-निकलते उसने उस बेटे का नाम बेनोनी रखा; पर उसके पिता ने उसका नाम बिन्यामीन रखा।19और राहेल मर गई, और एप्राता, अर्थात् बैतलहम के मार्ग में, उसको मिट्टी दी गई।20और याकूब ने उसकी कब्र पर एक खम्भा खड़ा किया: राहेल की कब्र का वह खम्भा आज तक बना है।
21फिर इस्राएल ने कूच किया, और एदेर* नामक गुम्मट के आगे बढ़कर अपना तम्बू खड़ा किया।
याकूब के पुत्र

22जब इस्राएल उस देश में बसा था, तब एक दिन ऐसा हुआ कि रूबेन ने जाकर अपने पिता की रखैली बिल्हा के साथ कुकर्म किया; और यह बात इस्राएल को मालूम हो गई। याकूब के बारह पुत्र हुए।
23उनमें से लिआ के पुत्र ये थे; अर्थात् याकूब का जेठा, रूबेन, फिर शिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, और जबूलून।24और राहेल के पुत्र ये थे; अर्थात् यूसुफ, और बिन्यामीन।25और राहेल की दासी बिल्हा के पुत्र ये थे; अर्थात् दान, और नप्ताली।
26और लिआ की दासी जिल्पा के पुत्र ये थे: अर्थात् गाद, और आशेर। याकूब के ये ही पुत्र हुए, जो उससे पद्दनराम में उत्‍पन्‍न हुए।
इसहाक की मृत्यु

27और याकूब मम्रे में, जो किर्यतअर्बा, अर्थात् हेब्रोन है, जहाँ अब्राहम और इसहाक परदेशी होकर रहे थे, अपने पिता इसहाक के पास आया। (इब्रा. 11:9)
28इसहाक की आयु एक सौ अस्सी वर्ष की हुई।29और इसहाक का प्राण छूट गया, और वह मर गया, और वह बूढ़ा और पूरी आयु का होकर अपने लोगों में जा मिला; और उसके पुत्र एसाव और याकूब ने उसको मिट्टी दी।


Genesis 35:1

बेतेल को जा

इन वाक्यो मे “ जाना” का प्रयोग किया जाता है कि शेकेम की तुलना में मे बेतेल की ऊचाई बहुत थी।

और वहाँ परमेश्‍वर के लिये वेदी बना

परमेश्‍वर ने कहा मेरे ओर तुम्हारे बीच कोई तीसरा नही आना चाहिए।

तुम्हारे बीच में जो पराए देवता

“अपने परिवार को कहा”।

जो उसके संग थे, कहा, “तुम्हारे बीच में जो पराए देवता* हैं

दूसरे देवताओं को निकाल दे।

अपने-अपने को शुद्ध करो, और अपने वस्त्र बदल डालो

परमेश्‍वर की उपासना करने से पहले खुद को बाहर से ओर अंदर से साफ रखना यह एक धर्म है।

वस्त्र बदल डालो

परमेश्‍वर की उपासना करने से पहले खुद को बाहर से ओर अंदर से साफ रखना यह एक धर्म है।

जिसने संकट के दिन मेरी सुन ली

(2) जब याकुब मुसीबत में था।

Genesis 35:4

उन्होंने याकूब को दिया

याकूब के परिवार के सारे लोगों और सेवकों ने दिए।

जितने कुण्डल उनके कानों में थे

शेकेम ने उन देवताओ के कानो की सोने की बालियाँ उठा ली और सभी पर हमला कर दिया वह कानो की बालियाँ पाप को दर्शाती है।

निवासियों के मन में परमेश्‍वर की ओर से ऐसा भय

“परमेश्‍वर ने आस- पास के शहरों के लोगों को याकूब और उसके साथ से डरने के लिए बनाया”।

चारों ओर के नगर

यह वह शहर है यहाँ पर लोग रहते थे।

याकूब के पुत्रों

याकूब का घराना या उसका परिवार

Genesis 35:6

लूज

यह एक शहर का नाम है।

एलबेतेल

एलबेतेल का मतलब यह है कि “परमेश्‍वर का घर”।

तब परमेश्‍वर उस पर वहीं प्रगट हुआ था

वहाँ परमेश्वर ने आपने आप को याकूब पर प्रकट किया।

दबोरा

यह एक महिला का नाम है।

रिबका दाई

रिबका एक दाई थी जो कि बच्चों की देखभाल करती थी। वह बहुत ही महत्तवपूर्ण थी।

और बेतेल के बांज वृक्ष के तले उसको मिट्टी दी गई

उसे बेतेल के नीचे दफन कर दिया।

बेथेल से नीचे

इस वाक्या में “नीचे" शब्द का प्रयोग किया जाता है क्योंकि वे उसे एक जगह है कि बेथेल से ऊंचाई में कम था उसे वहा में दफन कर दिया।

अल्लोनबक्कूत

इसका अर्थ है बलूत का पेड़ जहां रोना है

Genesis 35:9

याकूब के पद्दनराम से आने के बाद

यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि वह अभी बेतेल में है।

आशीष दी।

यहाँ "आशीर्वाद" का अर्थ है किसी व्यक्ति पर एक औपचारिक आशीर्वाद का उच्चारण करना और उस व्यक्ति के लिए अच्छी चीजें पैदा करना।

पर आगे को तेरा नाम याकूब न रहेगा, तू इस्राएल कहलाएगा

अब तुम्हारा नाम याकुब नहीं रहेगा।

Genesis 35:11

परमेश्‍वर ने उससे कहा

परमेश्‍वर ने याकुब से कहा।

तू फूले-फले और बढ़े

परमेश्‍वर ने याकूब से कहा कि वह बच्चों को पैदा करे ताकि उनमें से बहुत-से बच्चे पैदा हो सकें। शब्द "बहुगुणा" बताता है कि वह कैसे होगे "फलदार"।

और तुझ से एक जाति वरन् जातियों की एक मण्डली भी उत्‍पन्‍न होगी

यहाँ "देश" और "देश” याकूब के वंशजों जो इन देशों की स्थापना करेगा।

उनके पास से ऊपर चढ़ गया

यहा “ऊपर जाना” का मतलब है कि परमेश्‍वर वहा से चले गये।

Genesis 35:14

खम्भा

यह एक स्मारक खम्भा है जो बस एक बडा पत्थर है।

और उस पर अर्घ देकर तेल डाल दिया

इसका यह संकेत है कि यह परमेश्‍वर को दर्शाता है।

बेतेल

बेतेल नाम का अर्थ है “परमेश्‍वर का घर”

Genesis 35:16

एप्राता

यह बेतेलहम का दूसरा नाम है।

बड़ी-बड़ी पीड़ा उठती

यह समय बच्चे को जन्म देने के लिय बहुत की कठिन समय था।

जब उसको बड़ी-बड़ी पीड़ा उठती थी।

तब उसको बहुत सारी दर्द होती थी।

दाई

एक व्यक्ति जो एक महिला की मदद करता है जब वह एक बच्चे को जन्म दे रही थी।

तब ऐसा हुआ कि वह मर गई, और प्राण निकल गये।

"मरते हुए सांस" यह एक व्यक्ति की अंतिम सांस है इससे पहले कि वह मर जाता है।

बेनोनी

बेनोनी नाम का अर्थ यह है कि 'मेरे दु:ख का बेटा'

बिन्यामीन

बिन्यामीन नाम का अर्थ यह है कि मेरा “दाया हाथ”।

और दफनाया गया था।

“और उसे दफनाया गया था”

मार्ग में

जाते समय

यह इस दिन के लिए राहेल कब्र पर गये।

वह उसी दिन राहेल की क्रब पर गये।

आज तक

उसी समय।

Genesis 35:21

इस्राएल ने कूच किया।

इसका अर्थ है कि इस्राएल के सारा परिवार और नौकर उसके साथ है।

बिल्हा

यह राहेल की नौकरानी थी।

याकूब के बारह पुत्र हुए।

यह वाक्य एक नया अध्याय शुरु करता है जो कि इन आयतों में जारी है।

बारह पुत्र

"12 बेटे”

Genesis 35:23

बिल्हा

यह राहेल की महिला नौकर का नाम है।

Genesis 35:26

जिलपा

जिलपा लिहा की सेविका थी।

ये ही पुत्र हुए, जो उससे पद्दनराम में उत्‍पन्‍न हुए।

यह निहित है कि इसमें बिन्यामीन शामिल नहीं है जो बेतलेहेम के पास कनान देश में पैदा हुआ था।

याकूब इसहाक के पास आया।

यहा “आना” शब्द को कहा जा सकता है “जाना”।

मम्रे

यह हेब्रोन शहर का एक नाम हो सकता है कि इसका नाम मैमरे के नाम पर रखा गया हो, जो इब्राहीम के दोस्त थे जो वहाँ रहते थे।

किर्यतअर्बा,

यह एक शहर का नाम है।

Genesis 35:28

एक सौ अस्सी वर्ष

"180 साल"

और इसहाक का प्राण छूट गया।

"इसहाक ने आखिरी साँस ली और मर गया।

प्राण छूट जाना।

बहुत ही आसानी से वह मर गया।

अपने पूर्वजों के लिए इकट्ठा किया गया था।

इसका अर्थ यह है कि इसहाक की मौत के बाद, उसकी आत्मा अपने रिश्तेदारों के पास चली गी जो मर गये थे।

वह बूढ़ा और पूरी आयु का होकर।

इस वाक्यांश में “बूडा आदमी” और “पूरे दिन” का अर्थ है कि इसहाक बहुत लंबे समय तक रहा।


Chapter 36

एसाव की वंशावली

1एसाव जो एदोम भी कहलाता है, उसकी यह वंशावली है।2एसाव ने तो कनानी लड़कियाँ ब्याह लीं; अर्थात् हित्ती एलोन की बेटी आदा को, और ओहोलीबामा को जो अना की बेटी, और हिव्वी सिबोन की नातिन थी।3फिर उसने इश्माएल की बेटी बासमत को भी, जो नबायोत की बहन थी, ब्याह लिया।

4आदा ने तो एसाव के द्वारा एलीपज को, और बासमत ने रूएल को जन्म दिया।5और ओहोलीबामा ने यूश, और यालाम, और कोरह को उत्‍पन्‍न किया, एसाव के ये ही पुत्र कनान देश में उत्‍पन्‍न हुए।
6एसाव अपनी पत्नियों, और बेटे-बेटियों, और घर के सब प्राणियों, और अपनी भेड़-बकरी, और गाय-बैल आदि सब पशुओं, निदान अपनी सारी सम्पत्ति को, जो उसने कनान देश में संचय किया था, लेकर अपने भाई याकूब के पास से दूसरे देश को चला गया।7क्योंकि उनकी सम्पत्ति इतनी हो गई थी,* कि वे इकट्ठे न रह सके; और पशुओं की बहुतायत के कारण उस देश में, जहाँ वे परदेशी होकर रहते थे, वे समा न सके।8एसाव जो एदोम भी कहलाता है, सेईर नामक पहाड़ी देश में रहने लगा।
9सेईर नामक पहाड़ी देश में रहनेवाले एदोमियों के मूल पुरुष एसाव की वंशावली यह है10एसाव के पुत्रों के नाम ये हैं; अर्थात् एसाव की पत्‍नी आदा का पुत्र एलीपज, और उसी एसाव की पत्‍नी बासमत का पुत्र रूएल।11और एलीपज के ये पुत्र हुए; अर्थात् तेमान, ओमार, सपो, गाताम, और कनज।12एसाव के पुत्र एलीपज के तिम्ना नामक एक रखैल थी, जिसने एलीपज के द्वारा अमालेक को जन्म दिया: एसाव की पत्‍नी आदा के वंश में ये ही हुए।
13रूएल के ये पुत्र हुए; अर्थात् नहत, जेरह, शम्मा, और मिज्जा एसाव की पत्‍नी बासमत के वंश में ये ही हुए।14ओहोलीबामा जो एसाव की पत्‍नी, और सिबोन की नातिन और अना की बेटी थी, उसके ये पुत्र हुए: अर्थात् उसने एसाव के द्वारा यूश, यालाम और कोरह को जन्म दिया।
एदोम के अधिपति

15एसाववंशियों के अधिपति ये हुए: अर्थात् एसाव के जेठे एलीपज के वंश में से तो तेमान अधिपति, ओमार अधिपति, सपो अधिपति, कनज अधिपति,16कोरह अधिपति, गाताम अधिपति, अमालेक अधिपति एलीपज वंशियों में से, एदोम देश में ये ही अधिपति हुए: और ये ही आदा के वंश में हुए।
17एसाव के पुत्र रूएल के वंश में ये हुए; अर्थात् नहत अधिपति, जेरह अधिपति, शम्मा अधिपति, मिज्जा अधिपति रूएलवंशियों में से, एदोम देश में ये ही अधिपति हुए; और ये ही एसाव की पत्‍नी बासमत के वंश में हुए।18एसाव की पत्‍नी ओहोलीबामा के वंश में ये हुए; अर्थात् यूश अधिपति, यालाम अधिपति, कोरह अधिपति, अना की बेटी ओहोलीबामा जो एसाव की पत्‍नी थी उसके वंश में ये ही हुए।19एसाव जो एदोम भी कहलाता है, उसके वंश ये ही हैं, और उनके अधिपति भी ये ही हुए।
सेईर की वंशावली

20सेईर जो होरी नामक जाति का था, उसके ये पुत्र उस देश में पहले से रहते थे; अर्थात् लोतान, शोबाल, सिबोन, अना,21दीशोन, एसेर, और दीशान: एदोम देश में सेईर के ये ही होरी जातिवाले अधिपति हुए।22लोतान के पुत्र, होरी, और हेमाम हुए; और लोतान की बहन तिम्ना थी।
23शोबाल के ये पुत्र हुए: अर्थात् आल्वान, मानहत, एबाल, शपो, और ओनाम।24और सीदोन के ये पुत्र हुए: अय्या, और अना; यह वही अना है जिसको जंगल में अपने पिता सिबोन के गदहों को चराते-चराते गरम पानी के झरने मिले।
25और अना के दीशोन नामक पुत्र हुआ, और उसी अना के ओहोलीबामा नामक बेटी हुई।26दीशोन के ये पुत्र हुए: हेमदान, एशबान, यित्रान, और करान।27एसेर के ये पुत्र हुए: बिल्हान, जावान, और अकान।28दीशान के ये पुत्र हुए: ऊस, और अरान।
29होरियों के अधिपति ये हुए: लोतान अधिपति, शोबाल अधिपति, सिबोन अधिपति, अना अधिपति,30दीशोन अधिपति, एसेर अधिपति, दीशान अधिपति; सेईर देश में होरी जातिवाले ये ही अधिपति हुए।
एदोम के राजा

31फिर जब इस्राएलियों पर किसी राजा ने राज्य न किया था, तब भी एदोम के देश में ये राजा हुए;32बोर के पुत्र बेला ने एदोम में राज्य किया, और उसकी राजधानी का नाम दिन्हाबा है।33बेला के मरने पर, बोस्रानिवासी जेरह का पुत्र योबाब उसके स्थान पर राजा हुआ।
34योबाब के मरने पर, तेमानियों के देश का निवासी हूशाम उसके स्थान पर राजा हुआ।35फिर हूशाम के मरने पर, बदद का पुत्र हदद उसके स्थान पर राजा हुआ यह वही है जिसने मिद्यानियों को मोआब के देश में मार लिया, और उसकी राजधानी का नाम अबीत है।36हदद के मरने पर, मस्रेकावासी सम्ला उसके स्थान पर राजा हुआ।
37फिर सम्ला के मरने पर, शाऊल जो महानद के तटवाले रहोबोत नगर का था, वह उसके स्थान पर राजा हुआ।38शाऊल के मरने पर, अकबोर का पुत्र बाल्हानान उसके स्थान पर राजा हुआ।39अकबोर के पुत्र बाल्हानान के मरने पर, हदर उसके स्थान पर राजा हुआ और उसकी राजधानी का नाम पाऊ है; और उसकी पत्‍नी का नाम महेतबेल है, जो मेज़ाहाब की नातिन और मत्रेद की बेटी थी।
40फिर एसाववंशियों के अधिपतियों के कुलों, और स्थानों के अनुसार उनके नाम ये हैं तिम्ना अधिपति, अल्वा अधिपति, यतेत अधिपति,41ओहोलीबामा अधिपति, एला अधिपति, पीनोन अधिपति,42कनज अधिपति, तेमान अधिपति, मिबसार अधिपति,43मग्दीएल अधिपति, ईराम अधिपति एदोमवंशियों ने जो देश अपना कर लिया था, उसके निवास-स्थानों में उनके ये ही अधिपति हुए; और एदोमी जाति का मूलपुरुष एसाव है।


Genesis 36:1

एसाव जो एदोम भी कहलाता है, उसकी यह वंशावली है।

यह एसाव की वंशावली है।

आदा ...ओहोलीबामा

यह एसाव की पत्‍नीयो के नाम है।

हित्ती एलोन

एलोन एक पुरुष का नाम है जो हेत के वंशज से था।

अना ...सिबोन... नबायोत

यह पुरुषो के नाम है।

हिव्वी

हिव्वी एक जाति का नाम है ।

बासमत

यह एसाव की एक पत्‍नी का नाम है।

नबायोत

यह इश्माएल के एक पुत्र का नाम है ।

Genesis 36:4

आदा ....बासमत ...ओहोलीबामा

यह एसाव कि पत्‍नीयो के नाम है।

एलीपज ...रूएल ...यूश...यालाम...कोरह

यह एसाव के पुत्रों के नाम हैं।

Genesis 36:6

जो उसने कनान देश में संचय किया था,

वह कनान देश में रहते हुए जन्‍मा हुआ था।

देश को चला गया।

इसका अर्थ है कि दूसरी जगह चले जाना और वहां रहना। “दूसरे देश में रहने के लिऐ चला गया”

उनकी सम्पत्ति

एसाव और याकूब की सम्पत्ति।

उस देश में, जहाँ वे परदेशी होकर रहते थे, वे समा न सके।

उनके पशुओं के लिऐ बहुत बड़ा नहीं था।

जहाँ वे परदेशी होकर

"बसे" शब्द का अर्थ कहीं और स्थानांतरित करना और वहां रहना है। “यहाँ वह चले गये हैं।”

Genesis 36:9

एसाव की वंशावली यह है

यह वाक्य में एसाव के वंशजों के बारे दर्शाता है।

सेईर नामक पहाड़ी देश में

इसका अर्थ है कि वह पहाड़ी देश सेईर में रहते थे।

एलीपज ... रूएल .

यह एसाव के पुत्रों के नाम है।

आदा ...बासमत

ये एसाव की पत्‍नीयों के नाम थे ।

तेमान, ओमार, सपो, गाताम, और कनज...अमालेक .

यह एलीपज के पुत्रों के नाम थे ।

तिम्ना

यह एलीपज की रखैल का नाम है ।

Genesis 36:13

रूएल ... यूश, यालाम , और कोरह ।

यह एसाव के पुत्रों के नाम थे ।

नहत... जेरह... शम्मा... मिज्जा

यह रूएल के पुत्रों के नाम थे ।

अना ... सिबोन

यह पुरुषों के नाम थे ।

बासमत ... ओहोलीबामा ।

यह एसाव की पत्‍नीयों का नाम थे ।

Genesis 36:15

एलीपज

यह एसाव के एक पुत्र का नाम है।

तेमान , ओमार अधिपति ,ओमार , कनज; कोरह अधिपति अमालेक

यह एलीपज के पुत्रों के नाम थे ।

आदा

यह एसाव की पत्‍नीयो में से एक पत्‍नि आदा था ।

Genesis 36:17

रूएल ... यूश अधिपति, यालाम , कोरह

यह एसाव के पुत्रों के नाम थे ।

नहत अधिपति, जेरह अधिपति, शम्मा अधिपति, मिज्जा अधिपति

यह रूएल के पुत्रों के नाम थे ।

एदोम देश में।

इसका मतलब है कि वे एदोम देश में रहते थे।

बासमत ...ओहोलीबामा

यह एसाव की पत्‍नीयो के नाम थे ।

अना

यह एक पुरुष का नाम है ।

Genesis 36:20

सेईर

सेईर एक आदमी और देश का नाम है ।

होरी।

यह एक जाति का नाम है।

उस देश में पहले से रहते थे

यह वह लोग थे जो पहले से सेईर में रहते थे, सेईर एदोम भी कहलाता है।

लोतान, शोबाल, सिबोन, अना, दीशोन, एसेर, और दीशान... होरी, और हेमाम .

यह पुरुषों के नाम है।

तिम्ना

यह एक महिला का नाम है ।

Genesis 36:23

शोबाल ...सीदोन

यह पुरुषों के नाम हैं।

आल्वान, मानहत, एबाल, शपो और ओनाम

यह पुरुषों के नाम है।

Genesis 36:25

अना ...दीशोन ...एसेर...दीशान

यह पुरुषों के नाम हैं ।

ओहोलीबामा

यह एक औरत का नाम है।

हेमदान, एशबान , यित्रान, और करान...बिल्हान, जावान, और अकान... ऊस, और अरान।

यह पुरुषों के नाम है ।

Genesis 36:29

होरियों के

यह एक जाति का नाम है।

लोतान अधिपति, शोबाल अधिपति, सिबोन अधिपति, अना अधिपति, एसेर अधिपति, दीशान अधिपति

यह पुरुषों के नाम है ।

सेईर देश में।

यह उन लोगों को दर्शता है जो सेईर देश में रहते थे।

Genesis 36:31

बेला ...बोर... योबाब ...जेरह

यह पुरुषों के नाम है ।

और उसकी राजधानी का नाम

वह देश जहां वह रहते थे।

दिन्हाबा ...बोस्रानिवासी .

यह स्थानों के नाम हैं।

Genesis 36:34

योबाब

यह एक पुरुष का नाम है ।

हूशाम ... हदद .. .बदद ...सम्ला

यह पुरुषों का नाम है।

तेमानियों के देश का निवासी हूशाम उसके स्थान पर

हूशाम जो तेमानियों देश मे रहता था ।

अबीत ... मस्रेकावासी

यह स्थानों के नाम है ।

तेमानियों

यह तमान वंशज का है ।

उसकी राजधानी का नाम

वह देश जहां वह रहते थे।

सम्ला मस्रेकावासी

"सम्ला जो मस्रेकावासी थी।

Genesis 36:37

सम्ला

यह एक पुरुष का नाम है।

फिर सम्ला के मरने पर, शाऊल जो महानद के तटवाले रहोबोत नगर का था,

शाऊल रहोबोत में रहता था। जो के फरात नदी के साथ में है”

शाऊल ...बाल्हानान ...अकबोर ...हदर ...मत्रेद ...मेज़ाहाब

यह पुरुषों के नाम है।

रहोबोत ...पाऊ

यह सथानों के नाम है ।

उसकी राजधानी का नाम ।

वह एक सथान का नाम है जहां वह रहता था।

मेज़ाहाब की नातिन और मत्रेद की बेटी थी।

मेज़ाहाब मत्रेद की बेटी थी, और मे ज़हाब की पोती थी।

महेतबेल

यह एक महिला का नाम है ।

Genesis 36:40

अधिपतियों के कुलों

यह जाति के अगुएं है।

और स्थानों के अनुसार उनके नाम ये , है ।

यह उनके कुलों और जिन क्षेत्रों मे वह रहते थे उनके नाम पर रखे गए थे। । यह उनके नाम है।

तेमान अधिपति, अल्वाअधिपति ,यतेतअधिपति,ओहोलीबामा ,एला अधिपति, पीनोन अधिपति, कनज अधिपति, तेमान अधिपति, मिबसार अधिपति, मग्दीएल अधिपति, ईराम अधिपति

यह जातियो के नाम थे ।

अपना कर लिया था,

यह स्थान जहां वह रहते थे ।

यह एसाव था

यह सूची एसाव के वशंज की है ।


Chapter 37

यूसुफ और उसके भाई

1याकूब तो कनान देश में रहता था, जहाँ उसका पिता परदेशी होकर रहा था।2और याकूब के वंश का वृत्तान्त यह है: यूसुफ सत्रह वर्ष का होकर अपने भाइयों के संग भेड़-बकरियों को चराता था; और वह लड़का अपने पिता की पत्‍नी बिल्हा, और जिल्पा के पुत्रों के संग रहा करता था; और उनकी बुराइयों का समाचार अपने पिता के पास पहुँचाया करता था।

3और इस्राएल अपने सब पुत्रों से बढ़कर यूसुफ से प्रीति रखता था, क्योंकि वह उसके बुढ़ापे का पुत्र था : और उसने उसके लिये रंग-बिरंगा अंगरखा बनवाया।4परन्तु जब उसके भाइयों ने देखा, कि हमारा पिता हम सब भाइयों से अधिक उसी से प्रीति रखता है, तब वे उससे बैर करने लगे और उसके साथ ठीक से बात भी नहीं करते थे।
यूसुफ का स्वप्न

5यूसुफ ने एक स्वप्न देखा,* और अपने भाइयों से उसका वर्णन किया; तब वे उससे और भी द्वेष करने लगे।6उसने उनसे कहा, “जो स्वप्न मैंने देखा है, उसे सुनो
7हम लोग खेत में पूले बाँध रहे हैं, और क्या देखता हूँ कि मेरा पूला उठकर सीधा खड़ा हो गया; तब तुम्हारे पूलों ने मेरे पूले को चारों तरफ से घेर लिया और उसे दण्डवत् किया।”8तब उसके भाइयों ने उससे कहा, “क्या सचमुच तू हमारे ऊपर राज्य करेगा? या क्या सचमुच तू हम पर प्रभुता करेगा?” इसलिए वे उसके स्वप्नों और उसकी बातों के कारण उससे और भी अधिक बैर करने लगे।
9फिर उसने एक और स्वप्न देखा, और अपने भाइयों से उसका भी यह वर्णन किया, “सुनो, मैंने एक और स्वप्न देखा है, कि सूर्य और चन्द्रमा, और ग्यारह तारे मुझे दण्डवत् कर रहे हैं।”10यह स्वप्न का उसने अपने पिता, और भाइयों से वर्णन किया; तब उसके पिता ने उसको डाँटकर कहा, “यह कैसा स्वप्न है जो तूने देखा है? क्या सचमुच मैं और तेरी माता और तेरे भाई सब जाकर तेरे आगे भूमि पर गिरकर दण्डवत् करेंगे?”11उसके भाई तो उससे डाह करते थे; पर उसके पिता ने उसके उस वचन को स्मरण रखा।
12उसके भाई अपने पिता की भेड़-बकरियों को चराने के लिये शेकेम को गए।13तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “तेरे भाई तो शेकेम ही में भेड़-बकरी चरा रहे होंगे, इसलिए जा, मैं तुझे उनके पास भेजता हूँ।” उसने उससे कहा, “जो आज्ञा मैं हाजिर हूँ।”14उसने उससे कहा, “जा, अपने भाइयों और भेड़-बकरियों का हाल देख आ कि वे कुशल से तो हैं, फिर मेरे पास समाचार ले आ।” अतः उसने उसको हेब्रोन की तराई में विदा कर दिया, और वह शेकेम में आया।
15और किसी मनुष्य ने उसको मैदान में इधर-उधर भटकते हुए पाकर उससे पूछा, “तू क्या ढूँढ़ता है?”16उसने कहा, “मैं तो अपने भाइयों को ढूँढ़ता हूँ कृपा कर मुझे बता कि वे भेड़-बकरियों को कहाँ चरा रहे हैं?”17उस मनुष्य ने कहा, “वे तो यहाँ से चले गए हैं; और मैंने उनको यह कहते सुना, ‘आओ, हम दोतान को चलें’।” इसलिए यूसुफ अपने भाइयों के पीछे चला, और उन्हें दोतान में पाया।
यूसुफ का दासत्व के लिये बेचा जाना

18जैसे ही उन्होंने उसे दूर से आते देखा, तो उसके निकट आने के पहले ही उसे मार डालने की युक्ति की।19और वे आपस में कहने लगे, “देखो, वह स्वप्न देखनेवाला आ रहा है।20इसलिए आओ, हम उसको घात करके किसी गड्ढे में डाल दें, और यह कह देंगे, कि कोई जंगली पशु उसको खा गया। फिर हम देखेंगे कि उसके स्वप्नों का क्या फल होगा।”
21यह सुनकर रूबेन ने उसको उनके हाथ से बचाने की मनसा से कहा, “हम उसको प्राण से तो न मारें।”22फिर रूबेन ने उनसे कहा, “लहू मत बहाओ, उसको जंगल के इस गड्ढे में डाल दो, और उस पर हाथ मत उठाओ।” वह उसको उनके हाथ से छुड़ाकर पिता के पास फिर पहुँचाना चाहता था।
23इसलिए ऐसा हुआ कि जब यूसुफ अपने भाइयों के पास पहुँचा तब उन्होंने उसका रंग-बिरंगा अंगरखा, जिसे वह पहने हुए था, उतार लिया।24और यूसुफ को उठाकर गड्ढे में डाल दिया। वह गड्ढा सूखा था और उसमें कुछ जल न था।
25तब वे रोटी खाने को बैठ गए; और आँखें उठाकर क्या देखा कि इश्माएलियों का एक दल ऊँटों पर सुगन्ध-द्रव्य, बलसान, और गन्धरस लादे हुए, गिलाद से मिस्र को चला जा रहा है।26तब यहूदा ने अपने भाइयों से कहा, “अपने भाई को घात करने और उसका खून छिपाने से क्या लाभ होगा?
27आओ, हम उसे इश्माएलियों के हाथ बेच डालें, और अपना हाथ उस पर न उठाए, क्योंकि वह हमारा भाई और हमारी ही हड्डी और माँस है।” और उसके भाइयों ने उसकी बात मान ली।28तब मिद्यानी व्यापारी उधर से होकर उनके पास पहुँचे। अतः यूसुफ के भाइयों ने उसको उस गड्ढे में से खींचकर बाहर निकाला, और इश्माएलियों के हाथ चाँदी के बीस टुकड़ों में बेच दिया; और वे यूसुफ को मिस्र में ले गए। (प्रेरि. 7:9)
29रूबेन ने गड्ढे पर लौटकर क्या देखा कि यूसुफ गड्ढे में नहीं है; इसलिए उसने अपने वस्त्र फाड़े,30और अपने भाइयों के पास लौटकर कहने लगा, “लड़का तो नहीं है; अब मैं किधर जाऊँ?”
31तब उन्होंने यूसुफ का अंगरखा* लिया, और एक बकरे को मारकर उसके लहू में उसे डुबा दिया।32और उन्होंने उस रंग बिरंगे अंगरखे को अपने पिता के पास भेजकर यह सन्‍देश दिया; “यह हमको मिला है, अतः देखकर पहचान ले कि यह तेरे पुत्र का अंगरखा है कि नहीं।”33उसने उसको पहचान लिया, और कहा, “हाँ यह मेरे ही पुत्र का अंगरखा है; किसी दुष्ट पशु ने उसको खा लिया है; निःसन्देह यूसुफ फाड़ डाला गया है।”
34तब याकूब ने अपने वस्त्र फाड़े और कमर में टाट लपेटा, और अपने पुत्र के लिये बहुत दिनों तक विलाप करता रहा।35और उसके सब बेटे-बेटियों ने उसको शान्ति देने का यत्न किया; पर उसको शान्ति न मिली; और वह यही कहता रहा, “मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊँगा।” इस प्रकार उसका पिता उसके लिये रोता ही रहा।36इस बीच मिद्यानियों ने यूसुफ को मिस्र में ले जाकर पोतीपर नामक, फ़िरौन के एक हाकिम, और अंगरक्षकों के प्रधान, के हाथ बेच डाला।


Genesis 37:1

कनान देश में रहता था, जहाँ उसका पिता परदेशी होकर रहा था।

कनान देश में जहां उसका पिता भी रहा था।

और याकूब के वंश का वृत्तान्त यह है।

"यह याकूब की वंशवाली है“

सत्रह वर्ष का

"17 वर्ष का"

बिल्हा

यह राहेल की महिला नौकर का नाम था ।

जिल्पा

यह लेह की महिला नौकर का नाम था ।

पत्‍नी

यह महिलाएँ बच्चे पैदा करने के लिए याकूब और राहेल को दी गयी थी।

और उनकी बुराइयों का समाचार

यह उसके अपने भाई के प्रति बुरा समाचार।

Genesis 37:3

और

यह शब्‍द का इसतेमाल ईस्‍राऐल और यूसफ के विषय में कहानी से बदल कर पिछली जानकारी को बताने के लिऐ किया गया है।

प्रीति

दोस्तों या रिश्तेदारों के बीच स्वाभाविक मानवीय प्रेम को दर्शाता है।

उसके बुढ़ापे का

इस शब्द का अर्थ है कि यूसुफ का जन्म तब हुआ था जब इस्रायल (याकुब) बहुत बूढ़ा था।

उसके लिये बनवाया

इस्राएल ने यूसुफ के लिऐ बनवाया।

रंग-बिरंगा अंगरखा।

"एक सुन्‍दर पोशाक"

उसके साथ ठीक से बात भी नहीं करते थे।

वह उससे ठीक ढंग से बात नहीं करता था।

Genesis 37:5

यूसुफ ने एक स्वप्न देखा,और अपने भाइयों से उसका वर्णन किया; तब वे उससे और भी द्वेष करने लगे।

यह उन घटनाओं का स्खे‍प है जो 37: 6-11 में घटित होंगी।

वे उससे और भी द्वेष करने लगे।

यूसुफ के भाई पहले से भी ज्यादा यूसफ से नफरत करते लगे।

“जो स्वप्न मैंने देखा है, उसे सुनो

कृपया जो स्वप्न मैने देखा है उसे सुनो,

Genesis 37:7

सामान्य जानकारी।

यूसुफ अपने भाइयों को अपने सपने के बारे में बताता है।

देखता

यहां शब्द हमें आगे आने वाली जानकारी को ध्यान देने के लिए कहता है।

हम लोग

यहाँ “हम लोग“ यूसुफ और उसके सभी भाइयों को दर्शाता है।

खेत में पूले बाँध रहे हैं

जब अनाज को काटने के बाद बंडलों में बांध दिया जाता है और उसके बाद भूसे से अनाज को अलग किय जाता है।

देखता।

यहाँ " देखता" शब्द का अर्थ है कि यूसुफ ने जो देखा उससे वह आश्चर्यचकित हुआ।

मेरा पूला उठकर सीधा खड़ा हो गया; तब तुम्हारे पूलों ने मेरे पूले को चारों तरफ से घेर लिया

यहाँ पर अनाज के पूले खड़े है और झुक रहे है जेसै के वह लोग है। यह पूले यूसफ और उसके भाईयों को प्रकट करते है।

क्या सचमुच तू हमारे ऊपर राज्य करेगा?

तुम कभी भी हमारे राजा नहीं होंगे, और हम कभी भी तुम्‍हारे सामने नहीं झुकेंगे।

“हमारे ऊपर राज्य करेगा।

शब्द यूसुफ के भाइयों के बारे बताता है लेकिन यूसुफ के प्रति नहीं।

उसके स्वप्नों और उसकी बातों ।

उसके सपनों के कारण और जो उसने क्हा।

Genesis 37:9

फिर उसने एक और स्वप्न देखा,

यूसुफ ने एक और स्वप्न देखा।

ग्यारह तारे

11 तारे।

तब उसके पिता ने उसको डाँटकर कहा,।

इस्राएल (याकूब) ने उसे डांटते हुए कहा।

जो तूने देखा है? क्या सचमुच मैं और तेरी माता और तेरे भाई सब जाकर तेरे आगे भूमि पर गिरकर दण्डवत् करेंगे?”

यूकब ने यूसफ से कहा कि तेरा सपना वास्तविक नहीं है तेरी माँ, भाई और मैं तुम्हारे सामने नहीं झुकूँगे।

डाह ।

इस शब्‍द का अर्थ यह है की किसी और की सफलता से जलन रखना।

वचन को स्मरण रखा।

इस सपने का क्या मतलब हो सकता है, इस बारे में सोचता रहा।

Genesis 37:12

तेरे भाई तो शेकेम ही में भेड़-बकरी चरा रहे होंगे

इस्राएल (यूकब) इस बात को पकका करने के लिए पुच्छता है की “तेरे भाई तो शेकेम ही में भेड़-बकरी चरा रहे होंगे।“

जा ।

"तैयार हो जाओ“

जो आज्ञा मैं हाजिर हूँ।

“ मैं जाने के लिऐ तैयार हूँ“।

उसने उससे कहा

इस्राएल(यूसफ) ने यूसुफ से कहा।

मेरे पास समाचार ले आ।

इस्राएल चाहता है कि यूसुफ वापस आकर और उसे बताए और उसके भाई के प्रति खबर दे।

तराई में(से)

घाटी से।

Genesis 37:15

और किसी मनुष्य ने उसको मैदान में इधर-उधर भटकते हुए पाकर

एक मनुष्य ने यूसुफ को मैदान में इधर-उधर भटकते हुए पआ।

और

यह कहानी में दूसरी घटना की सुरूआत का संकेत है। हो सकता है की पहली घटना से अलग लोग शामिल हो। हो सकता है कि तुमहारी भाषा में ऐसा करने का कोई रास्‍ता हो

तू क्या ढूँढ़ता है।

तुम किस चीज की खोज में हो।

कृपा कर मुझे बता कि

"कृपा कर मुझे बता कि कहाँ"

भेड़-बकरियों को कहाँ चरा रहे हैं।

अपने झुंड की रखवाली।

दोतान

यह एक जगह का नाम है जो शेकेम से 22 किलोमीटर दूर है ।

Genesis 37:18

उन्होंने उसे दूर से आते देखा,

यूसुफ के भाइयों ने उसे तब देखा जब वह बहुत दूर था।

उसे मार डालने की युक्ति की।

उन्होंने उसे मारने की योजना बनाई।

वह स्वप्न देखनेवाला आ रहा है।

“जो बहुत सपने देखता था, वो आ रहा है“

जंगली पशु

“खतरनाक जानवर“

उसको खा गया।

बहुत जलद उसे ‌नष्ट कर दिया।

हम देखेंगे कि उसके स्वप्‍नों का क्या फल होगा।

इस तरह हम उसके स्वप्‍नों को पूरा नहीं होने देंगे

Genesis 37:21

यह सुनकर

उनकी बातें सुनकर

उनके हाथ से

उनकी योजनाओं से।

“हम उसको प्राण से तो न मारें।”

हम यूसुफ को न मारें।

लहू मत बहाओ,

उसको मत मारो।

उस पर हाथ मत उठाओ।

उसको दुख न पहुंचाओ।

वह उसको उनके

रूबेन ने यह इस लिऐ कहा कि वह यूसफ को छुड़ा सके।

उनके हाथ से छुड़ाकर

उसकी योजनाओं में।

फिर पहुँचाना चाहता था।

और उसको वापस ले आऐ।

Genesis 37:23

इसलिए ऐसा हुआ कि जब

यह वाक्यांश का उपयोग यहाँ कहानी में एक महत्वपूर्ण घटना के लिए है।

उन्होंने उसका रंग-बिरंगा अंगरखा, जिसे वह पहने हुए था, उतार लिया।

उन्होंने उसके सुंदर पोशक को उतार लिया ।

रंग-बिरंगा अंगरखा,

सुन्‍दर पोशक।

Genesis 37:25

तब वे रोटी खाने को बैठ गए

यूसफ के भाई खाना खाने के लिऐ नीचे बैठे।

और आँखें उठाकर क्या देखा कि दल

उन्होंने अचानक सामने देखा कि एक दल।

चला

ले जा रहे।

सुगन्ध-द्रव्य,

मसाले

बलसान

त्वचा को ठीक करने और सुरक्षा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मीठी गंध वाला एक तैलीय पदार्थऔर दवा।

गिलाद से मिस्र को चला जा रहा है

उन्हें बेचने के लिए मिस्र लाने के लिए।

“अपने भाई को घात करने और उसका खून छिपाने से क्या लाभ होगा?

हम अपने भाई को मारकर और अपना खून बहाकर लाभ नहीं कमाते हैं।

उसका खून छिपाने से क्या लाभ होगा?

उसका खून छिपाओ।

Genesis 37:27

इश्माएलियों के

यह वह लोग जो इश्माएल के वंशज के हैं।

अपना हाथ उस पर न उठाए,

उसे दुख मत दो।

वह हमारा भाई और हमारी ही हड्डी और माँस है।

वह हमारा खून का रिश्तेदार है।

उसके भाइयों ने उसकी बात मान ली।

यहूदा के भाई उससे सहमत थे।

मिद्यानी ... इश्माएलियों

यह नाम यूसुफ के भाइयों से मिलते हैं।

चाँदी के बीस टुकड़ों में बेच दिया;

चांदी के 20 टुकड़ों की कीमत में।

यूसुफ को मिस्मे ले गए।

यूसुफ को मिस्र ले गए।

Genesis 37:29

रूबेन ने गड्ढे पर लौटकर क्या देखा कि यूसुफ गड्ढे में नहीं है; इसलिए

रूबेन यह देखकर हैरान था कि यूसुफ वहां पर नहीं था।

उसने अपने वस्त्र फाड़े,

रूबेन इतना दुखी था कि उसने अपने कपड़े फाड़ दिए।

“लड़का तो नहीं है; अब मैं किधर जाऊँ?”

रूबेन ने अपने भाइयों से कहा यूसुफ वहाँ से चला गया है! मैं अब घर वापस नहीं जा सकता!

Genesis 37:31

यूसुफ का अंगरखा

यह उस खूबसूरत पोशाक को दर्शाता है जो उसके पिता ने उसके लिए बनाया था।

उसके लहू

बकरे का लहू।

और उन्होंने उस रंग

वह कपड़ा लेकर आए।

ने उसको खा लिया

उसने उसको खा लिया।

निःसन्देह यूसुफ फाड़ डाला गया है।”

यूकब को लगता है कि एक जंगली जानवर ने यूसुफ के शरीर को अलग कर दिया है अर्थात् यूसुफ को टुकड़े टुकड़े कर दिया है।

Genesis 37:34

याकूब ने अपने वस्त्र फाड़े

याकूब इतना दुखी था कि उसने अपने वस्त्र फाड़ दिए।

कमर में टाट लपेटा, और

इस वाक्‍य का अर्थ शरीर या कमर के मध्य भाग से है उसने कमर पर टाट रख दिया।

शान्ति देने

यहाँ उनके पिता के आने वाले बच्चों के बारे में कहा जाता है कि वे बड़े हो रहे हैं उनको मेरे पास ले आओ।

पर उसको शान्ति न मिली

पर वह उन्हें आराम नहीं करने देगे।

मैं तो विलाप करता हुआ ।

इसका अर्थ है कि जब वह मरता है तब से अब तक वह शोक मनाता है अर्थात् वास्तव में जब मैं मर जाऊंगा और शील के पास जाऊंगा तब भी मैं शोक मनाता रहूंगा।

इस बीच मिद्यानियों ने

मिद्यानियों ने यूसुफ को बेच दिया।

और अंगरक्षकों के प्रधान, के हाथ बेच डाला।

राजा की रक्षा करने वाले सैनिकों के अंगरक्षकों।


Chapter 38

यहूदा और तामार

1उन्हीं दिनों में ऐसा हुआ कि यहूदा अपने भाइयों के पास से चला गया, और हीरा नामक एक अदुल्लामवासी पुरुष के पास डेरा किया।2वहाँ यहूदा ने शूआ नामक एक कनानी पुरुष की बेटी को देखा; और उससे विवाह करके उसके पास गया।

3वह गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ; और यहूदा ने उसका नाम एर रखा।4और वह फिर गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र और उत्‍पन्‍न हुआ; और उसका नाम ओनान रखा गया।5फिर उसके एक पुत्र और उत्‍पन्‍न हुआ, और उसका नाम शेला रखा गया; और जिस समय इसका जन्म हुआ उस समय यहूदा कजीब में रहता था।
6और यहूदा ने तामार नामक एक स्त्री से अपने जेठे एर का विवाह कर दिया।7परन्तु यहूदा का वह जेठा एर यहोवा के लेखे में दुष्ट था, इसलिए यहोवा ने उसको मार डाला।
8तब यहूदा ने ओनान से कहा, “अपनी भौजाई के पास जा, और उसके साथ देवर का धर्म पूरा करके अपने भाई के लिये सन्तान उत्‍पन्‍न कर।”9ओनान तो जानता था कि सन्तान मेरी न ठहरेगी; इसलिए ऐसा हुआ कि जब वह अपनी भौजाई के पास गया, तब उसने भूमि पर वीर्य गिराकर नाश किया, जिससे ऐसा न हो कि उसके भाई के नाम से वंश चले।10यह काम जो उसने किया उससे यहोवा अप्रसन्न हुआ और उसने उसको भी मार डाला।
11तब यहूदा ने इस डर के मारे कि कहीं ऐसा न हो कि अपने भाइयों के समान शेला भी मरे, अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेला सयाना न हो जाए तब तक अपने पिता के घर में विधवा ही बैठी रह।” इसलिए तामार अपने पिता के घर में जाकर रहने लगी।
12बहुत समय के बीतने पर यहूदा की पत्‍नी जो शूआ की बेटी थी, वह मर गई; फिर यहूदा शोक के दिन बीतने पर अपने मित्र हीरा अदुल्लामवासी समेत अपनी भेड़-बकरियों का ऊन कतरनेवालों के पास तिम्‍नाह को गया।13और तामार को यह समाचार मिला, “तेरा ससुर अपनी भेड़-बकरियों का ऊन कतराने के लिये तिम्‍नाह को जा रहा है।”14तब उसने यह सोचकर कि शेला सयाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई; अपना विधवापन का पहरावा उतारा और घूँघट डालकर अपने को ढाँप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्‍नाह के मार्ग में है, जा बैठी।
15जब यहूदा ने उसको देखा, उसने उसको वेश्या समझा; क्योंकि वह अपना मुँह ढाँपे हुए थी।16वह मार्ग से उसकी ओर फिरा, और उससे कहने लगा, “मुझे अपने पास आने दे,” (क्योंकि उसे यह मालूम न था कि वह उसकी बहू है।) और वह कहने लगी, “यदि मैं तुझे अपने पास आने दूँ, तो तू मुझे क्या देगा?”
17उसने कहा, “मैं अपनी बकरियों में से बकरी का एक बच्चा तेरे पास भेज दूँगा।” तब उसने कहा, “भला उसके भेजने तक क्या तू हमारे पास कुछ रेहन रख जाएगा?”18उसने पूछा, “मैं तेरे पास क्या रेहन रख जाऊँ?” उसने कहा, “अपनी मुहर, और बाजूबन्द, और अपने हाथ की छड़ी।” तब उसने उसको वे वस्तुएँ दे दीं, और उसके पास गया, और वह उससे गर्भवती हुई।
19तब वह उठकर चली गई, और अपना घूँघट उतारकर अपना विधवापन का पहरावा फिर पहन लिया।20तब यहूदा ने बकरी का बच्चा अपने मित्र उस अदुल्लामवासी के हाथ भेज दिया कि वह रेहन रखी हुई वस्तुएँ उस स्त्री के हाथ से छुड़ा ले आए; पर वह स्त्री उसको न मिली।
21तब उसने वहाँ के लोगों से पूछा, “वह देवदासी जो एनैम में मार्ग की एक ओर बैठी थी, कहाँ है?” उन्होंने कहा, “यहाँ तो कोई देवदासी न थी।”22इसलिए उसने यहूदा के पास लौटकर कहा, “मुझे वह नहीं मिली; और उस स्थान के लोगों ने कहा, ‘यहाँ तो कोई देवदासी न थी’।”23तब यहूदा ने कहा, “अच्छा, वह बन्धक उसी के पास रहने दे, नहीं तो हम लोग तुच्छ गिने जाएँगे; देख, मैंने बकरी का यह बच्चा भेज दिया था, पर वह तुझे नहीं मिली।”
24लगभग तीन महीने के बाद यहूदा को यह समाचार मिला, “तेरी बहू तामार ने व्यभिचार किया है; वरन् वह व्यभिचार से गर्भवती भी हो गई है।” तब यहूदा ने कहा, “उसको बाहर ले आओ कि वह जलाई जाए।”25जब उसे बाहर निकाला जा रहा था, तब उसने, अपने ससुर के पास यह कहला भेजा, “जिस पुरुष की ये वस्तुएँ हैं, उसी से मैं गर्भवती हूँ,” फिर उसने यह भी कहलाया, “पहचान तो सही कि यह मुहर, और बाजूबन्द, और छड़ी किसकी हैं।”26यहूदा ने उन्हें पहचानकर कहा, “वह तो मुझसे कम दोषी है;* क्योंकि मैंने उसका अपने पुत्र शेला से विवाह न किया।” और उसने उससे फिर कभी प्रसंग न किया।
27जब उसके जनने का समय आया, तब यह जान पड़ा कि उसके गर्भ में जुड़वे बच्चे हैं।28और जब वह जनने लगी तब एक बालक का हाथ बाहर आया, और दाई ने लाल सूत लेकर उसके हाथ में यह कहते हुए बाँध दिया, “पहले यही उत्‍पन्‍न हुआ।”
29जब उसने हाथ समेट लिया, तब उसका भाई उत्‍पन्‍न हो गया। तब उस दाई ने कहा, “तू क्यों बरबस निकल आया है?” इसलिए उसका नाम पेरेस रखा गया।30पीछे उसका भाई जिसके हाथ में लाल सूत बन्धा था उत्‍पन्‍न हुआ, और उसका नाम जेरह रखा गया।


Genesis 38:1

उन्हीं दिनों में ऐसा हुआ कि यहूदा

यह कहानी के एक नया हिस्‍से को पेश करता है जो कि यहूदा पर केंद्रित है।

हीरा नामक एक अदुल्लामवासी पुरुष के पास डेरा किया।

हीरा एक मनुष्य का नाम है जो अदुल्लम में रहता था और अदुल्लामवासी उनकी राष्ट्रीयता है।

वहाँ शूआ नामक एक

शुआ एक कनानी स्त्री है जिसने यहूदा से शादी की थी।

Genesis 38:3

वह गर्भवती हुई

यहूदा की पत्‍नी गर्भवती हुई।

उसका नाम एर रखा।

उसके पिता ने उसे एर नाम दिया।

एर ... ओनान ...शेला

यह यहूदा के पुत्रों के नाम है।

उसका नाम रखा गया।

उसका नाम।

कजीब

यह एक स्‍थान का नाम है ।

Genesis 38:6

एर

यह यहूदा के एक पुत्र का नाम है।

यहोवा के लेखे में दुष्ट था

यहोवा ने देखा की यह दुष्ट है।

यहोवा ने उसको मार डाला।

यहोवा ने उसको मार डाला क्योंकि वह दुष्ट था इस लिए यहोवा ने उसको मार डाला ।

Genesis 38:8

ओनान

यह यहूदा के एक पुत्र का नाम है।

उसके साथ देवर का धर्म पूरा करके

उसका ससुराल *उसके और उसकी पत्नी के एक बेटे के मरने से पहले सबसे बड़े भाई की मृत्यु हो जाती है, तो अगला सबसे पुराना भाई शादी करेगा और विधवा के साथ यौन संबंध रखेगा और जब विधवा ने पहले बेटे को जन्म दिया, तो उस बेटे को सबसे बड़े भाई का बेटा माना गया और उसे सबसे बड़े भाई की विरासत प्राप्त होगी।

यह काम जो उसने किया उससे यहोवा अप्रसन्न हुआ

यहोवा ने देखा कि यह बुराई थी।

यहोवा ने उसको भी मार डाला।

यहोवा ने उसे मार डाला क्योंकि उसने जो किया वह बुरा था इसलिए याहवा ने उसे भी मार डाला।

Genesis 38:11

अपने भाइयों

उनके सबसे पुराने बेटे की पत्नी।

अपने पिता के घर में

वह अपने पिता के घर में रहती है।

जब तक मेरा पुत्र शेला सयाना न हो जाए

यहूदा ने शेमर से शादी करने के लिए तामार के लिए इरादा किया जब शेला, मेरा बेटा बड़ा हो जाएगा, तो वह तुमसे शादी कर सकता है।

शेला

यह यहूदा के एक पुत्र का नाम है ।

“तब तक अपने पिता के घर में विधवा ही बैठी रह।”

यहूदा को डर था कि अगर शेला तामार से शादी करता है तो वह भी उसी तरह मर जाएगा जैसे उसके भाइयों ने किया था।

Genesis 38:12

शूआ

यह एक पुरुष का नाम है ।

यहूदा शोक के

जब यहूदा दुखी नहीं तो वह।

अपनी भेड़-बकरियों का ऊन

तिम्‍नाह जहाँ उसके पुरुष भेड़ें के बाल काट रहे थे।

तिम्‍नाह ... एनैम

यह एक स्थान के नाम हैं।

अपने मित्र हीरा अदुल्लामवासी

उसका मित्र हिराम, अदुलम से, उसके साथ गया।

हीरा अदुल्लामवासी

हीरा एक पुरुष का नाम है और "अदुल्लम" गाँव का नाम है जहाँ वह रहता था।

और तामार को यह समाचार मिला,

किसी ने तामार को बताया।

तेरा ससुर

यहाँ "देखो" शब्द का उपयोग तमार का ध्यान पाने के लिए किया गया है।

ससुर

तेरे पति के पिता

अपना विधवापन का पहरावा

जो विधवाएँ पहनती हैं।

घूँघट

एक बहुत पतली सामग्री का कपड़ा है जिसका इस्तेमाल एक स्त्री सिर और चेहरे को ढंकने के लिए करती है।

अपने को ढाँप लिया,

उसने खुद को कपड़ों में लपेट लिया ताकि लोग उसे पहचान न सकें।

मार्ग में

रास्ते में।

जो तिम्‍नाह के मार्ग में है, जा बैठी।

यहूदा ने एक पत्नी के रूप में उसे शेला को नहीं दिया था।

Genesis 38:15

क्योंकि वह अपना मुँह ढाँपे हुए थी।

क्योंकि उसने अपना सिर ढँक लिया था और वहाँ बैठ गई जहाँ वेश्या अक्सर बैठती थी।

वह मार्ग से उसकी ओर फिरा,

वह सड़क से जहां वह बैठी थी, वहां गया।

आने दे,

मेरे साथ आओ।

जब यहूदा ने उसको देखा

जब यहूदा ने तामार को देखा।

उसकी बहू

उसके बेटे की पत्नी।

Genesis 38:17

तेरे पास भेज दूँगा।

मैं अपनी बकरियों में से तेरे पास भेज दूँगा।

अपनी मुहर, और बाजूबन्द, और अपने हाथ की छड़ी।

एक मुहर एक सिक्के के समान है, जिस पर एक डिजाइन उकेरा गया है, जिसका उपयोग पिघले हुए मोम को छापने के लिए किया जाता है।

वह उससे गर्भवती हुई।

वह उसके गर्भवती होने का कारण बना.

Genesis 38:19

घूँघट

एक बहुत पतली सामग्री थी जिसका उपयोग एक स्त्री के सिर और चेहरे को ढंकने के लिए किया जाता था।

पना विधवापन का पहरावा

कपड़े जो विधवाएँ पहनती हैं।

बकरी का बच्चा

उसके झुंड से

अदुल्लामवासी

अदुल्लम एक गाँव का नाम है जहाँ हीराम रहता था।

रेहन रखी हुई वस्तुएँ

प्रतिज्ञा वापस लो

स्त्री के हाथ से

स्त्री से

Genesis 38:21

अदुल्लामवासी

अदुल्लम एक गाँव का नाम है, जहाँ हीराम रहता था।

वहाँ के लोगों

“आदमीयो में से कुछ जो वहा रहते थे”

देवदासी

देवदासी जो मंदिर में सेवा करती।

एनैम

यह एक सथान का नाम है।

नहीं तो हम लोग तुच्छ गिने जाएँगे;

वरना लोग यह जानकर हम पर हँसेंगे कि क्या हुआ था।

Genesis 38:24

लगभग

इस वाक्यांश का उपयोग यहां कहानी के एक नए हिस्से की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए किया जाता है।

यहूदा को यह समाचार मिला,

इस वाक्‍य में कहा जा सकता है कि किसी ने यहूदा से कहा।

तेरी बहू तामार

तामार आपके सबसे बड़े बेटे की पत्नी।

वह व्यभिचार से गर्भवती भी हो गई है।

उसने उसे गर्भवती बना दिया है।

उसको बाहर ले आओ

उसे बाहर लाओ

वह जलाई जाए।

“हम उसे जलाकर मार डालेंगे”

जब उसे बाहर निकाला जा रहा था,

“जब वह उसे बाहर ले आऐ”

उसका ससुर

उसके पति का पिता।

मुहर, और बाजूबन्द, और छड़ी

एक मुहर एक सिक्के के समान है, जिस पर डिजाइन उकेरा गया है, जिसका उपयोग पिघले हुए मोम में एक छाप बनाने के लिए किया जाता है।

शेला

यह यहूदा के एक पुत्र का नाम है ।

Genesis 38:27

जब उसके जनने का समय आया,

इस वाक्यांश का उपयोग यहां कहानी के एक नए हिस्से आरम्‍भ।

देखना

यह वाक्‍य इस ओर ध्यान लगाता है कि तामार गर्भ में जुड़वाँ बच्चे थे।

जब वह जनने लगी तब

यह वाक्या कहानी में एक महत्वपूर्ण घटना से है।

एक बालक का हाथ बाहर आया,

“एक बच्‍चे ने अपना हाथ बाहर निकाला“

दाई

यह एक स्त्री की मदद करती है जब वह एक बच्चे को जन रही थी।

लाल सूत

चमकदार लाल धागा

उसके हाथ में

उसकी कलाई के आसपास।

Genesis 38:29

उसके पास आया

इस वाक्यांश का उपयोग यहां कहानी के एक नए हिस्से आरम्‍भ से है।

देखना

यहां "देखना" शब्द हमें उस आश्चर्यजनक जानकारी पर ध्यान देने के लिए सचेत करता है जो इस प्रकार है।

“तू क्यों बरबस निकल आया है?”

यह दूसरे बच्चे को पहले बाहर आते देख दाई को आश्चर्य होता है“ या “तूँ तेजी से पहले बाहर आ गया”

उसका नाम

उसने उसका नाम रखा।

पेरेस

यह एक लड़के का नाम है और पेरेस नाम का अर्थ है 'बाहर तोड़ना"

जेरह

यह एक लड़के का नाम है।


Chapter 39

पोतीपर के घर यूसुफ

1जब यूसुफ मिस्र में पहुँचाया गया, तब पोतीपर नामक एक मिस्री ने, जो फ़िरौन का हाकिम, और अंगरक्षकों का प्रधान था, उसको इश्माएलियों के हाथ से जो उसे वहाँ ले गए थे, मोल लिया।2यूसुफ अपने मिस्री स्वामी के घर में रहता था, और यहोवा उसके संग था; इसलिए वह भाग्यवान पुरुष हो गया।* (प्रेरि. 7:9)

3और यूसुफ के स्वामी ने देखा, कि यहोवा उसके संग रहता है, और जो काम वह करता है उसको यहोवा उसके हाथ से सफल कर देता है। (प्रेरि. 7:9)4तब उसकी अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई, और वह उसकी सेवा टहल करने के लिये नियुक्त किया गया; फिर उसने उसको अपने घर का अधिकारी बनाकर अपना सब कुछ उसके हाथ में सौंप दिया।
5जब से उसने उसको अपने घर का और अपनी सारी सम्पत्ति का अधिकारी बनाया, तब से यहोवा यूसुफ के कारण उस मिस्री के घर पर आशीष देने लगा; और क्या घर में, क्या मैदान में, उसका जो कुछ था, सब पर यहोवा की आशीष होने लगी।6इसलिए उसने अपना सब कुछ यूसुफ के हाथ में यहाँ तक छोड़ दिया कि अपने खाने की रोटी को छोड़, वह अपनी सम्पत्ति का हाल कुछ न जानता था। यूसुफ सुन्दर और रूपवान था।
7इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ, कि उसके स्वामी की पत्‍नी ने यूसुफ की ओर आँख लगाई और कहा, “मेरे साथ सो।”8पर उसने अस्वीकार करते हुए अपने स्वामी की पत्‍नी से कहा, “सुन, जो कुछ इस घर में है मेरे हाथ में है; उसे मेरा स्वामी कुछ नहीं जानता, और उसने अपना सब कुछ मेरे हाथ में सौंप दिया है।9इस घर में मुझसे बड़ा कोई नहीं; और उसने तुझे छोड़, जो उसकी पत्‍नी है; मुझसे कुछ नहीं रख छोड़ा; इसलिए भला, मैं ऐसी बड़ी दुष्टता करके परमेश्‍वर का अपराधी क्यों बनूँ?”
10और ऐसा हुआ कि वह प्रतिदिन यूसुफ से बातें करती रही, पर उसने उसकी न मानी कि उसके पास लेटे या उसके संग रहे।11एक दिन क्या हुआ कि यूसुफ अपना काम-काज करने के लिये घर में गया, और घर के सेवकों में से कोई भी घर के अन्दर न था।12तब उस स्त्री ने उसका वस्त्र पकड़कर कहा, “मेरे साथ सो,” पर वह अपना वस्त्र उसके हाथ में छोड़कर भागा, और बाहर निकल गया।
13यह देखकर कि वह अपना वस्त्र मेरे हाथ में छोड़कर बाहर भाग गया,14उस स्त्री ने अपने घर के सेवकों को बुलाकर कहा, “देखो, वह एक इब्री मनुष्य को हमारा तिरस्कार करने के लिये हमारे पास ले आया है।* वह तो मेरे साथ सोने के मतलब से मेरे पास अन्दर आया था और मैं ऊँचे स्वर से चिल्ला उठी।15और मेरी बड़ी चिल्लाहट सुनकर वह अपना वस्त्र मेरे पास छोड़कर भागा, और बाहर निकल गया।”
16और वह उसका वस्त्र उसके स्वामी के घर आने तक अपने पास रखे रही।17तब उसने उससे इस प्रकार की बातें कहीं, “वह इब्री दास जिसको तू हमारे पास ले आया है, वह मुझसे हँसी करने के लिये मेरे पास आया था;18और जब मैं ऊँचे स्वर से चिल्ला उठी, तब वह अपना वस्त्र मेरे पास छोड़कर बाहर भाग गया।”
19अपनी पत्‍नी की ये बातें सुनकर कि तेरे दास ने मुझसे ऐसा-ऐसा काम किया, यूसुफ के स्वामी का कोप भड़का।
यूसुफ का बन्दीगृह में डाला जाना

20और यूसुफ के स्वामी ने उसको पकड़कर बन्दीगृह में, जहाँ राजा के कैदी बन्द थे, डलवा दिया; अतः वह उस बन्दीगृह में रहा।
21पर यहोवा यूसुफ के संग-संग रहा, और उस पर करुणा की, और बन्दीगृह के दरोगा के अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई।22इसलिए बन्दीगृह के दरोगा ने उन सब बन्दियों को, जो कारागार में थे, यूसुफ के हाथ में सौंप दिया; और जो-जो काम वे वहाँ करते थे, वह उसी की आज्ञा से होता था।23यूसुफ के वश में जो कुछ था उसमें से बन्दीगृह के दरोगा को कोई भी वस्तु देखनी न पड़ती थी; क्योंकि यहोवा यूसुफ के साथ था; और जो कुछ वह करता था, यहोवा उसको उसमें सफलता देता था।*


Genesis 39:1

जब यूसुफ मिस्र में पहुँचाया गया।

“ईश्‍माऐली यूसफ को मिस्र ले गये”

यहोवा उसके संग था।

इसका अर्थ यह है कि यहोवा ने यूसुफ की मदद की और हमेशा उसके साथ रहा।

वह घर में रहता था,

यहाँ लेखक स्वामी के घर में काम करने की बात करता है जैसे कि वह स्वामी के घर में रह रहा हो। केवल सबसे भरोसेमंद सेवकों को अपने स्वामी के घर में काम करने की अनुमति थी।“वह घर में काम करता था”

मिस्री स्वामी

यूसुफ अब पोतीपर का दास था।

Genesis 39:3

और यूसुफ के स्वामी ने देखा, कि यहोवा उसके संग रहता है,

इसका अर्थ यह है कि स्वामी ने देखा कि कैसे यहोवा यूसुफ की मदद कर रहा था।

जो काम वह करता है उसको यहोवा उसके हाथ से सफल कर देता है।

“यूसुफ जो करता यहोवा उसे सफल कर देता”

तब उसकी अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई,

१).यहोवा यूसुफ से खुश था“ या “पोतीपर यूसुफ से प्रसन्न था”

वह उसकी सेवा टहल करने के लिये नियुक्त किया गया

इसका अर्थ है कि वह पोतीपर का निजी सेवक था।

फिर उसने उसको अपने घर का अधिकारी बनाकर अपना सब कुछ

पोतीपर ने अपने घर और सब कुछ जो पोतीपर का था यूसुफ के हाथो में दे दिया।

उसके हाथ में सौंप दिया।

इसका अर्थ है कि व्यक्ति इसकी देखभाल और सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार है।

Genesis 39:5

जब से उसको

इस वाक्यांश का उपयोग यहाँ कहानी के अगले भाग की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए किया जाता है।

उसने उसको अपने घर का और अपनी सारी सम्पत्ति का अधिकारी बनाया,

पोतीपर ने यूसुफ को अपने घर और उसकी हर चीज़ के बारे में बताया।

आशीष

यहाँ यह शब्‍द का अर्थ उस व्यक्ति या वस्तु के साथ होने वाली अच्छी और लाभकारी चीज़ों से है जो धन्य हो रही है।

पर यहोवा की आशीष होने लगी।

यहाँ लेखक उस आशीष की बात करता है जो यहोवा ने दी थी।

और क्या घर में, क्या मैदान में, उसका जो कुछ था

पोतीपर का घर और उसकी सभी फसलें और पशुधन

इसलिए उसने अपना सब कुछ यूसुफ के हाथ में यहाँ तक छोड़ दिया

इसका अर्थ है कि व्यक्ति इसकी देखभाल और सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार है।

कि अपने खाने की रोटी को छोड़, वह अपनी सम्पत्ति का हाल कुछ न जानता था।

पोतीपर को केवल यह सोचना था कि वह क्या खाना चाहता है और उसे अपने घर में किसी और चीज के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

तब ।

लेखक यूसुफ के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देता है।

सुन्दर और रूपवान था।

दोंनो शब्‍दो का अर्थ एक है कि वह देखने में सुन्दर और हिम्‍तवाला था ।

Genesis 39:7

इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ, कि

यह वाक्‍य का प्रयोग यहाँ कहानी में नई घटना बताने के लिये किया गया है ।

सुन,

यूसुफ ने इन शब्‍दो का प्रयोग पोतीफर की पत्‍नी को स्‍तरक करने के लिऐ किया।

जो कुछ इस घर में है मेरे हाथ में है; उसे मेरा स्वामी कुछ नहीं जानता,

इसका अर्थ है कि व्यक्ति इसकी देखभाल और सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार है।“मेरा स्‍वामी मुझपर भरोसा रखता है अपने घर की देखभाल के लिऐ”

उसने अपना सब कुछ मेरे हाथ में सौंप दिया है।

“जो कुछ उसका है बह कुछ उसने मेरे हाथो में सोंप दिया है“

इस घर में मुझसे बड़ा कोई नहीं

“मुझे इस घर में किसी और की तुलना में अधिक अधिकार है।“

उसने तुझे छोड़, जो उसकी पत्‍नी है; मुझसे कुछ नहीं रख छोड़ा

उसने मुझे तुम्हारे सिवाय सब कुछ दिया है।

इसलिए भला, मैं ऐसी बड़ी दुष्टता करके परमेश्‍वर का अपराधी क्यों बनूँ?”

यहा यूसुफ एक प्रश्‍न का उपयोग करता मैं निश्चित रूप से परमेश्‍वर के खिलाफ ऐसी दुष्ट और पाप नहीं कर सकता।

Genesis 39:10

और ऐसा हुआ कि वह प्रतिदिन यूसुफ से बातें करती रही,

इसका अर्थ है कि वह यूसुफ से उसके साथ सोने के लिए कहती रही।

उसके संग रहे।

उसके पास होने के लिए

एक दिन क्या हुआ

यह वाक्‍य का प्रयोग यहाँ कहानी में नई घटना बताने के लिये किया गया है ।

घर के सेवकों में से कोई

घर में काम करने वाले सेवकों में से कोई भी घर में नहीं था।

भागा, और बाहर निकल गया।

और जलदी घर के बाहर भागा।

Genesis 39:13

यह देखकर कि...उस स्त्री ने अपने घर के सेवकों को बुलाकर कहा,

यह वाक्यांश का उपयोग कहानी में अगले घटना को चिह्नित करने के लिए यहां किया गया है।

बाहर भाग गया,

और जल्दी घर के बाहर भागा ।

अपने घर के सेवकों

उसके घर में काम करने वाले पुरुष।

देखो

पोतीपर कि पत्‍नी ने इन शब्‍दो का प्रयोग सेवको के ध्‍यान में खींचने के लिये किया।

वह तो मेरे साथ सोने के मतलब से मेरे पास अन्दर आया था

इधर पोतीपर की पत्नी यूसुफ पर आरोप लगा रही है कि वह उसे पकड़ने और उसके साथ सोने की कोशिश कर रहा था।

मेरी बड़ी चिल्लाहट सुनकर वह अपना वस्त्र मेरे पास छोड़कर

“जब उसने मेरा चिल्‍लाना सुना, वह” वाक्‍य का उपयोग कहानी में अगले घटना को चिह्नित करने के लिए यहां किया गया है।

Genesis 39:16

उसके स्वामी

यूसुफ का स्वामी( यहाँ यह वाक्‍य पोतीपर को दर्शाता है।)

तब उसने उससे इस प्रकार की बातें कहीं,

उसने इस प्रकार बताया”।

हमारे पास ले आया है,

"हम" शब्द पोतीफर ,उनकी पत्नी को दर्शाता है और घर के बाकी हिस्सों को भी शामिल करता है।

मुझसे हँसी करने के लिये मेरे पास आया था;

“मुझे मूर्ख बनाने के लिए आया था“, “ जहां मैं थी वहां आ गया और मुझे उसके साथ सोने के लिए मजबूर करने की कोशिश की।“

जब मैं ऊँचे स्वर से चिल्ला उठी,

पोतीफर की पत्नी इस वाक्यांश का उपयोग उस खाते की अगली घटना को चिह्नित करने के लिए करती है, जो वह उसे यूसुफ के साथ सोने की कोशिश के बारे में बता रही है।

बाहर भाग गया।

जलदी घर के बाहर भाग गया।

Genesis 39:19

इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ, कि

यह वाक्‍य का प्रयोग जहा पर कहानी की नई घटना में है।

तेरे दास

यूसुफ का स्‍वामी। “यूसुफ का स्‍वामी पोतीफर”

अपनी पत्‍नी की ये बातें सुनकर

अपनी पत्‍नी की बातें सुन कर उसको।

उसका कोप भड़का।

पोतीपर बहुत क्रोधित हुआ।

जहाँ राजा के कैदी बन्द थे, डलवा दिया

वह स्थान जहाँ राजा ने अपने कैदियों को रखा था।

वह उस बन्दीगृह में रहा

यूसुफ वहीं रहा।

Genesis 39:21

पर यहोवा यूसुफ के संग-संग

यहोवा यूसुफ के प्रति दयालु था और यहोवा ने यूसुफ की देखभाल की।

बन्दीगृह के दरोगा के अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई।

इसका अर्थ यह है कि यहोवा ने बन्दीगृह अंगरक्षकों को यूसुफ से प्रसन्न होने का कारण बनाया।

इसलिए बन्दीगृह के दरोगा

बन्दीगृह का दरोगा।

यूसुफ के हाथ में सौंप दिया ।

यहां "हाथ" यूसुफ की शक्ति या विश्वास को दर्शाता है।

जो-जो काम वे वहाँ करते थे, वह उसी की आज्ञा से होता था।

यूसुफ ने वहां जो कुछ भी किया,सब उसके हाथो में था।

क्योंकि यहोवा यूसुफ के साथ था;

यह वाक्‍य दर्शाता कि “यहोवा ने यूसुफ का मार्गदर्शन किया।“

जो कुछ वह करता था, यहोवा उसको उसमें सफलता देता था।

“यूसुफ जो कुछ करता यहोवा उसे सफल करता “


Chapter 40

यूसुफ द्वारा स्वप्नों की व्याख्या

1इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ, कि मिस्र के राजा के पिलानेहारे और पकानेहारे ने अपने स्वामी के विरुद्ध कुछ अपराध किया।2तब फ़िरौन ने अपने उन दोनों हाकिमों, अर्थात् पिलानेहारों के प्रधान, और पकानेहारों के प्रधान पर क्रोधित होकर3उन्हें कैद कराके, अंगरक्षकों के प्रधान के घर के उसी बन्दीगृह में, जहाँ यूसुफ बन्दी था, डलवा दिया।

4तब अंगरक्षकों के प्रधान ने उनको यूसुफ के हाथ सौंपा, और वह उनकी सेवा-टहल करने लगा; अतः वे कुछ दिन तक बन्दीगृह में रहे।5मिस्र के राजा का पिलानेहारा और पकानेहारा, जो बन्दीगृह में बन्द थे, उन दोनों ने एक ही रात में, अपने-अपने होनहार के अनुसार, स्वप्न देखा।*
6सवेरे जब यूसुफ उनके पास अन्दर गया, तब उन पर उसने जो दृष्टि की, तो क्या देखता है, कि वे उदास हैं।7इसलिए उसने फ़िरौन के उन हाकिमों से, जो उसके साथ उसके स्वामी के घर के बन्दीगृह में थे, पूछा, “आज तुम्हारे मुँह क्यों उदास हैं?”8उन्होंने उससे कहा, “हम दोनों ने स्वप्न देखा है, और उनके फल का बतानेवाला कोई भी नहीं।” यूसुफ ने उनसे कहा, “क्या स्वप्नों का फल कहना परमेश्‍वर का काम नहीं है? मुझे अपना-अपना स्वप्न बताओ।”
9तब पिलानेहारों का प्रधान अपना स्वप्न यूसुफ को यह बताने लगा: “मैंने स्वप्न में देखा, कि मेरे सामने एक दाखलता है;10और उस दाखलता में तीन डालियाँ हैं; और उसमें मानो कलियाँ लगीं हैं, और वे फूलीं और उसके गुच्छों में दाख लगकर पक गई।11और फ़िरौन का कटोरा मेरे हाथ में था; और मैंने उन दाखों को लेकर फ़िरौन के कटोरे में निचोड़ा और कटोरे को फ़िरौन के हाथ में दिया।”
12यूसुफ ने उससे कहा, “इसका फल यह है: तीन डालियों का अर्थ तीन दिन हैं13इसलिए अब से तीन दिन के भीतर फ़िरौन तेरा सिर ऊँचा करेगा, और फिर से तेरे पद पर तुझे नियुक्त करेगा, और तू पहले के समान फ़िरौन का पिलानेहारा होकर उसका कटोरा उसके हाथ में फिर दिया करेगा।
14अतः जब तेरा भला हो जाए तब मुझे स्मरण करना, और मुझ पर कृपा करके फ़िरौन से मेरी चर्चा चलाना, और इस घर से मुझे छुड़वा देना।15क्योंकि सचमुच इब्रानियों के देश से मुझे चुरा कर लाया गया हैं, और यहाँ भी मैंने कोई ऐसा काम नहीं किया, जिसके कारण मैं इस कारागार में डाला जाऊँ।”
16यह देखकर कि उसके स्वप्न का फल अच्छा निकला, पकानेहारों के प्रधान ने यूसुफ से कहा, “मैंने भी स्वप्न देखा है, वह यह है: मैंने देखा कि मेरे सिर पर सफेद रोटी की तीन टोकरियाँ है17और ऊपर की टोकरी में फ़िरौन के लिये सब प्रकार की पकी पकाई वस्तुएँ हैं; और पक्षी मेरे सिर पर की टोकरी में से उन वस्तुओं को खा रहे हैं।”
18यूसुफ ने कहा, “इसका फल यह है: तीन टोकरियों का अर्थ तीन दिन है।19अब से तीन दिन के भीतर फ़िरौन तेरा सिर कटवाकर तुझे एक वृक्ष पर टंगवा देगा, और पक्षी तेरे माँस को नोच-नोच कर खाएँगे।”
20और तीसरे दिन फ़िरौन का जन्मदिन था, उसने अपने सब कर्मचारियों को भोज दिया, और उनमें से पिलानेहारों के प्रधान, और पकानेहारों के प्रधान दोनों को बन्दीगृह से निकलवाया।21पिलानेहारों के प्रधान को तो पिलानेहारे के पद पर फिर से नियुक्त किया, और वह फ़िरौन के हाथ में कटोरा देने लगा।22पर पकानेहारों के प्रधान को उसने टंगवा दिया, जैसा कि यूसुफ ने उनके स्वप्नों का फल उनसे कहा था।23फिर भी पिलानेहारों के प्रधान ने यूसुफ को स्मरण न रखा; परन्तु उसे भूल गया।*


Genesis 40:1

इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ, कि

यह वाक्‍य का प्रयोग यहाँ कहानी की नई घटना बताने के लिये किया गया है।

पिलानेहारे

यह वह व्यक्ति है जो राजा के पीने को लाया था।

राजे के पकानेहारे

यह एक ऐसा व्यक्ति है जो राजे के लिऐ भोजन बनाता है ।

अपने स्वामी के विरुद्ध

अपने स्वामी को दुखी।

पिलानेहारों के प्रधान, और पकानेहारों के प्रधान पर क्रोधित होकर

“पिलानेहारों और पकानेहारों के प्रधान।“

उन्हें कैद कराके, अंगरक्षकों के प्रधान के घर के उसी बन्दीगृह में,

उसने उन्हें उस बन्दीगृह में डाल दिया, जो उस घर में था जो अंगरक्षकों के बन्दीगृह की देखरेख करता था।

उन्हें कैद करा के

राजा ने उन्हें बन्दीगृह में नहीं डाला, बल्कि उन्हें कैद में रखने की आज्ञा दी।

जहाँ यूसुफ बन्दी था, डलवा दिया।

यह वह बन्दीगृह थी जँहा यूसुफ था और जँहा पोतीपर ने यूसुफ को डलवा दिया था

Genesis 40:4

वे कुछ दिन तक बन्दीगृह में रहे।

वह लंबे समय तक बन्दीगृह में रहा।

Genesis 40:6

यूसुफ उनके पास

यूसुफ साक़ी के और रोटी बनाने वाले के पास गया ।

तो क्या देखता है, कि वे उदास हैं।

वह आश्चर्यचकित था कि वो लोग उदास थे।

फ़िरौन के उन हाकिमों से, जो उसके साथ

यह साक़ी के और रोटी बनाने वाले के बारे में है।

उसके स्वामी के घर के बन्दीगृह में थे,

उसके मालिक का घर बन्दीगृह में है।

“क्या स्वप्नों का फल कहना परमेश्‍वर का काम नहीं है?

परमेश्‍वर है जो सपनों का अर्थ बता सकता है।

मुझे अपना-अपना स्वप्न बताओ।”

यूसुफ ने उसे पूछा उसे अपना स्वप्न बताओ ।

Genesis 40:9

पिलानेहारों का प्रधान

यह सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति जो राजा के लिए पीने को लाता है।

“मैंने स्वप्न में देखा, कि मेरे सामने एक दाखलता है;

मेरे सपने में, मैंने अपने सामने एक बेल देखी थी यहां "देखा" शब्द का उपयोग यह दिखाने के लिए कि उसने अपने सपने में जो कुछ देखा उससे वह आश्चर्यचकित था और यूसुफ को ध्यान देने के लिए सचेत किया।

उसके गुच्छों में दाख लगकर पक गई।

मैंने अपने सपने में सामने एक बेल देखी थी।

उने निचोड़ा

इसका अर्थ है कि उसने उनमें से रस निचोड़ लिया।

Genesis 40:12

“इसका फल यह है:

यहाँ सपने का अर्थ क्या है।

तीन डालियों का अर्थ तीन दिन हैं

तीन डालियों तीन दिनों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

इसलिए अब से तीन दिन के

तीन से ज्‍यादा दिन में।

तेरा सिर ऊँचा करेगा

यहाँ यूसुफ ने फिरौन को बन्दीगृह से पिलानेहारा को रिहा करने की बात कही और फिरौन उसे सिर उठाने के लिए प्रेरित कर रहा था और कहा आपको बन्दीगृह से रिहा कर देंगे।

तेरे पद पर तुझे नियुक्त करेगा,

तुझे तेरा काम वापस दिया जाऐगा।

और तू पहले

ठीक वैसे ही तुम पहले के समान किया।

Genesis 40:14

और मुझ पर कृपा करके

और कृपया मुझ पर मेहरबान रहें।

फ़िरौन से मेरी चर्चा चलाना, और इस घर से मुझे छुड़वा देना।

यूसुफ का अर्थ है कि पिलानेहारों के लिए “फिरौन को मेरे बारे में बताना ताकि फिरौन बन्दीगृह से निकलने में मेरी मदद करो"

क्योंकि सचमुच

वास्तव में इश्माएलियों ने मुझे लिया।

इब्रानियों के देश से मुझे चुरा कर लाया गया हैं,

वह भूमि जहाँ इब्रानियों लोग रहते हैं।

यहाँ भी मैंने कोई ऐसा काम नहीं किया, जिसके कारण मैं इस कारागार में डाला जाऊँ।”

यहाँ भी मैंने कुछ नहीं किया है कि वे मुझे इस कालकोठरी में डाल दें।

Genesis 40:16

पकानेहारों के प्रधान

यह उस पुरुष को दर्शाता है जिसने राजा के लिए भोजन बनाता था।

“मैंने भी स्वप्न देखा है, वह यह है

“मैंने भी स्वप्न देखा है और मेरे स्वप्न में "

मैंने देखा कि मेरे सिर पर सफेद रोटी की तीन टोकरियाँ है

यहां यह दिखाने के लिए किया कि वह अपने सपने में जो कुछ देखा उससे हैरान था और यूसुफ को ध्यान देने के लिए सचेत किया।“यहा रोटी की तीन टोकरीया मेरे सर पे थी”

फ़िरौन के लिये पकी पकाई वस्तुएँ हैं;

फिरौन के लिए भोजन था।

Genesis 40:18

“इसका फल यह है:

सपने का अर्थ ये है।

तीन टोकरियों का अर्थ तीन दिन है।

तीन टोकरीयाँ तीन दिनों को दर्शाती हैं।

तेरा सिर कटवाकर तुझे

अपनी गर्दन के चारों और एक रस्सी डालने के लिए अपना सिर ऊपर उठाएंगे और इसे काटने के लिए अपना सिर ऊपर उठाएंगे।

नोच-नोच

यहां "नोच " का शाब्दिक अर्थ है किसी व्यक्ति के शरीर का मांस ।

Genesis 40:20

और तीसरे दिन

यहा वाक्यांश का उपयोग यहां कहानी में एक नई घटना को चिह्नित करने के लिए किया जाता है।

उसने अपने सब

उनके पास एक दावत थी।

पिलानेहारों के प्रधान

यह वह अग्रणी पुरुष था जिसने राजा को पेय तैयार किया और परोसा।

पकानेहारों के प्रधान

यह वह अग्रणी पुरुष था जो राजा के लिऐ भोजन बनता था।

पिलानेहारों के प्रधान को तो पिलानेहारे के पद पर फिर से नियुक्त किया,

उन्होंने पिलानेहारों के प्रधान को अपनी पद वापस दे दी।

पर पकानेहारों के प्रधान को उसने टंगवा दिया,

“लेकिन उसने पकानेहारों के प्रधान को फांसी देने की आज्ञा दी।“

जैसा कि यूसुफ ने उनके स्वप्नों का फल उनसे कहा था

“जैसा यूसुफ के कहा था कि होगा, जब उसने दो पुरषो के सपनो का अनुवाद किया”


Chapter 41

फ़िरौन का स्वप्न

1पूरे दो वर्ष के बीतने पर फ़िरौन ने यह स्वप्न देखा कि वह नील नदी के किनारे खड़ा है।2और उस नदी में से सात सुन्दर और मोटी-मोटी गायें निकलकर कछार की घास चरने लगीं।3और, क्या देखा कि उनके पीछे और सात गायें, जो कुरूप और दुर्बल हैं, नदी से निकलीं; और दूसरी गायों के निकट नदी के तट पर जा खड़ी हुईं।

4तब ये कुरूप और दुर्बल गायें उन सात सुन्दर और मोटी-मोटी गायों को खा गईं। तब फ़िरौन जाग उठा।5और वह फिर सो गया और दूसरा स्वप्न देखा कि एक डंठल में से सात मोटी और अच्छी-अच्छी बालें निकलीं।6और, क्या देखा कि उनके पीछे सात बालें पतली और पुरवाई से मुरझाई हुई निकलीं।
7और इन पतली बालों ने उन सातों मोटी और अन्न से भरी हुई बालों को निगल लिया। तब फ़िरौन जागा, और उसे मालूम हुआ कि यह स्वप्न ही था।8भोर को फ़िरौन का मन व्याकुल हुआ;* और उसने मिस्र के सब ज्योतिषियों, और पंडितों को बुलवा भेजा; और उनको अपने स्वप्न बताए; पर उनमें से कोई भी उनका फल फ़िरौन को न बता सका।
यूसुफ द्वारा फ़िरौन के स्वप्नों की व्याख्या

9तब पिलानेहारों का प्रधान फ़िरौन से बोल उठा, “मेरे अपराध आज मुझे स्मरण आए:10जब फ़िरौन अपने दासों से क्रोधित हुआ था, और मुझे और पकानेहारों के प्रधान को कैद कराके अंगरक्षकों के प्रधान के घर के बन्दीगृह में डाल दिया था;11तब हम दोनों ने एक ही रात में, अपने-अपने होनहार के अनुसार स्वप्न देखा;
12और वहाँ हमारे साथ एक इब्री जवान था, जो अंगरक्षकों के प्रधान का दास था; अतः हमने उसको बताया, और उसने हमारे स्वप्नों का फल हम से कहा, हम में से एक-एक के स्वप्न का फल उसने बता दिया।13और जैसा-जैसा फल उसने हम से कहा था, वैसा ही हुआ भी, अर्थात् मुझ को तो मेरा पद फिर मिला, पर वह फांसी पर लटकाया गया।”
14तब फ़िरौन ने यूसुफ को बुलवा भेजा। और वह झटपट बन्दीगृह से बाहर निकाला गया, और बाल बनवाकर, और वस्त्र बदलकर फ़िरौन के सामने आया।15फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “मैंने एक स्वप्न देखा है, और उसके फल का बतानेवाला कोई भी नहीं; और मैंने तेरे विषय में सुना है, कि तू स्वप्न सुनते ही उसका फल बता सकता है।”16यूसुफ ने फ़िरौन से कहा, “मैं तो कुछ नहीं जानता:* परमेश्‍वर ही फ़िरौन के लिये शुभ वचन देगा।”
17फिर फ़िरौन यूसुफ से कहने लगा, “मैंने अपने स्वप्न में देखा, कि मैं नील नदी के किनारे पर खड़ा हूँ।18फिर, क्या देखा, कि नदी में से सात मोटी और सुन्दर-सुन्दर गायें निकलकर कछार की घास चरने लगीं।
19फिर, क्या देखा, कि उनके पीछे सात और गायें निकली, जो दुबली, और बहुत कुरूप, और दुर्बल हैं; मैंने तो सारे मिस्र देश में ऐसी कुडौल गायें कभी नहीं देखीं।20इन दुर्बल और कुडौल गायों ने उन पहली सातों मोटी-मोटी गायों को खा लिया।21और जब वे उनको खा गईं तब यह मालूम नहीं होता था कि वे उनको खा गई हैं, क्योंकि वे पहले के समान जैसी की तैसी कुडौल रहीं। तब मैं जाग उठा।
22फिर मैंने दूसरा स्वप्न देखा, कि एक ही डंठल में सात अच्छी-अच्छी और अन्न से भरी हुई बालें निकलीं।23फिर क्या देखता हूँ, कि उनके पीछे और सात बालें छूछी-छूछी और पतली और पुरवाई से मुरझाई हुई निकलीं।24और इन पतली बालों ने उन सात अच्छी-अच्छी बालों को निगल लिया। इसे मैंने ज्योतिषियों को बताया, पर इसका समझानेवाला कोई नहीं मिला।”
25तब यूसुफ ने फ़िरौन से कहा, “फ़िरौन का स्वप्न एक ही है, परमेश्‍वर जो काम करना चाहता है, उसको उसने फ़िरौन पर प्रकट किया है।*26वे सात अच्छी-अच्छी गायें सात वर्ष हैं; और वे सात अच्छी-अच्छी बालें भी सात वर्ष हैं; स्वप्न एक ही है।
27फिर उनके पीछे जो दुर्बल और कुडौल गायें निकलीं, और जो सात छूछी और पुरवाई से मुरझाई हुई बालें निकालीं, वे अकाल के सात वर्ष होंगे।28यह वही बात है जो मैं फ़िरौन से कह चुका हूँ, कि परमेश्‍वर जो काम करना चाहता है, उसे उसने फ़िरौन को दिखाया है।29सुन, सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे।
30उनके पश्चात् सात वर्ष अकाल के आएँगे, और सारे मिस्र देश में लोग इस सारी उपज को भूल जाएँगे; और अकाल से देश का नाश होगा।31और सुकाल (बहुतायत की उपज) देश में फिर स्मरण न रहेगा क्योंकि अकाल अत्यन्त भयंकर होगा।32और फ़िरौन ने जो यह स्वप्न दो बार देखा है इसका भेद यही है कि यह बात परमेश्‍वर की ओर से नियुक्त हो चुकी है, और परमेश्‍वर इसे शीघ्र ही पूरा करेगा।
33इसलिए अब फ़िरौन किसी समझदार और बुद्धिमान् पुरुष को ढूँढ़ करके उसे मिस्र देश पर प्रधानमंत्री ठहराए।34फ़िरौन यह करे कि देश पर अधिकारियों को नियुक्त करे, और जब तक सुकाल के सात वर्ष रहें तब तक वह मिस्र देश की उपज का पंचमांश लिया करे।
35और वे इन अच्छे वर्षों में सब प्रकार की भोजनवस्तु इकट्ठा करें, और नगर-नगर में भण्डार घर भोजन के लिये, फ़िरौन के वश में करके उसकी रक्षा करें।36और वह भोजनवस्तु अकाल के उन सात वर्षों के लिये, जो मिस्र देश में आएँगे, देश के भोजन के निमित्त रखी रहे, जिससे देश उस अकाल से सत्यानाश न हो जाए।”
यूसुफ का प्रधानमंत्री बनाया जाना

37यह बात फ़िरौन और उसके सारे कर्मचारियों को अच्छी लगी।38इसलिए फ़िरौन ने अपने कर्मचारियों से कहा, “क्या हमको ऐसा पुरुष, जैसा यह है, जिसमें परमेश्‍वर का आत्मा रहता है, मिल सकता है?”
39फिर फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “परमेश्‍वर ने जो तुझे इतना ज्ञान दिया है, कि तेरे तुल्य कोई समझदार और बुद्धिमान् नहीं;40इस कारण तू मेरे घर का अधिकारी होगा, और तेरी आज्ञा के अनुसार मेरी सारी प्रजा चलेगी, केवल राजगद्दी के विषय मैं तुझ से बड़ा ठहरूँगा।” (प्रेरि. 7:10)41फिर फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “सुन, मैं तुझको मिस्र के सारे देश के ऊपर अधिकारी ठहरा देता हूँ।”*
42तब फ़िरौन ने अपने हाथ से मुहर वाली अंगूठी निकालकर यूसुफ के हाथ में पहना दी; और उसको बढ़िया मलमल के वस्त्र पहनवा दिए, और उसके गले में सोने की माला डाल दी;43और उसको अपने दूसरे रथ पर चढ़वाया; और लोग उसके आगे-आगे यह प्रचार करते चले, कि घुटने टेककर दण्डवत् करो और उसने उसको मिस्र के सारे देश के ऊपर प्रधानमंत्री ठहराया।
44फिर फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “फ़िरौन तो मैं हूँ, और सारे मिस्र देश में कोई भी तेरी आज्ञा के बिना हाथ पाँव न हिलाएगा।”45फ़िरौन ने यूसुफ का नाम सापनत-पानेह रखा। और ओन नगर के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से उसका ब्याह करा दिया। और यूसुफ सारे मिस्र देश में दौरा करने लगा।
46जब यूसुफ मिस्र के राजा फ़िरौन के सम्मुख खड़ा हुआ, तब वह तीस वर्ष का था। वह फ़िरौन के सम्मुख से निकलकर सारे मिस्र देश में दौरा करने लगा।47सुकाल के सातों वर्षों में भूमि बहुतायत से अन्न उपजाती रही।
48और यूसुफ उन सातों वर्षों में सब प्रकार की भोजनवस्‍तुएँ, जो मिस्र देश में होती थीं, जमा करके नगरों में रखता गया, और हर एक नगर के चारों ओर के खेतों की भोजनवस्तुओं को वह उसी नगर में इकट्ठा करता गया।49इस प्रकार यूसुफ ने अन्न को समुद्र की रेत के समान अत्यन्त बहुतायत से राशि-राशि गिनके रखा, यहाँ तक कि उसने उनका गिनना छोड़ दिया; क्योंकि वे असंख्य हो गईं।
50अकाल के प्रथम वर्ष के आने से पहले यूसुफ के दो पुत्र, ओन के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से जन्मे।51और यूसुफ ने अपने जेठे का नाम यह कहकर मनश्शे रखा, कि ‘परमेश्‍वर ने मुझसे मेरा सारा क्लेश, और मेरे पिता का सारा घराना भुला दिया है।’52दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि ‘मुझे दुःख भोगने के देश में परमेश्‍वर ने फलवन्त किया है।’
53और मिस्र देश के सुकाल के सात वर्ष समाप्त हो गए।54और यूसुफ के कहने के अनुसार सात वर्षों के लिये अकाल आरम्भ हो गया। सब देशों में अकाल पड़ने लगा; परन्तु सारे मिस्र देश में अन्न था। (प्रेरि. 7:11)
55जब मिस्र का सारा देश भूखें मरने लगा; तब प्रजा फिरोन से चिल्ला-चिल्लाकर रोटी माँगने लगी; और वह सब मिस्रियों से कहा करता था, “यूसुफ के पास जाओ; और जो कुछ वह तुम से कहे, वही करो।” (प्रेरि. 7:11, यूह. 2:5)56इसलिए जब अकाल सारी पृथ्वी पर फैल गया, और मिस्र देश में अकाल का भयंकर रूप हो गया, तब यूसुफ सब भण्डारों को खोल-खोलकर मिस्रियों के हाथ अन्न बेचने लगा।57इसलिए सारी पृथ्वी के लोग मिस्र में अन्न मोल लेने के लिये यूसुफ के पास आने लगे, क्योंकि सारी पृथ्वी पर भयंकर अकाल था।


Genesis 41:1

यह देखा कि

यह वाक्य यहाँ प्रयोग किया जाता है कहानी के एक नए भाग की शुरुआत के निशान. यदि आपकी भाषा ऐसा करने के लिए एक तरीका है, तो आप इसे यहाँ का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं।

पूरे दो वर्ष के बीतने पर।

दो वर्ष बीत गए जब यूसुफ ने फिरौन के साक़ी और भोजन बनाने वालों के सपनों की सही व्याख्या की, जो यूसुफ के साथ जेल में थे।

देखा वह किनारे खड़ा है।

शब्द ["देखो]" यहाँ बड़ी कहानी में एक और घटना की शुरुआत के निशान है ओर आपकी भाषा में ऐसा करने का एक तरीका हो सकता है।

खड़ा है।

फिरौन खड़ा था।

देखा ।

अचानक." शब्द ["देखो] यहाँ से पता चलता है कि फिरौन वहा क्या देख के हैरान था।

मोटी-मोटी गायें।

स्वस्थ और मोटा

कछार की घास चरने लगीं।

नदी के किनारे घास खा रहे थी।

घास।

लंबे, पतले घास जो गीले क्षेत्रों में उगते हैं।

क्या देखा कि उनके पीछे और सात गायें,।

यहाँ "देखा" शब्द से पता चलता है कि फिरौन ने जो देखा उससे वह फिर से आश्चर्यचकित हो गया।

जो कुरूप और दुर्बल हैं।

बीमार और पतला

नदी के तट पर।

“नदी के किनारे।

Genesis 41:4

कुरूप और दुर्बल

कमजोर और पतला

सुन्दर और मोटी-मोटी।

स्वस्थ और सेहतमंद।

जाग उठा।

जागृत

दूसरी बार।

शब्द "दूसरा" एक क्रमिक संख्या है।

देखा सात मोटी।

यहाँ "देखा" शब्द से पता चलता है कि फिरौन ने जो देखा उससे वह आश्चर्यचकित था।

अच्छी-अच्छी बालें।

मकई सिर के पौधे के हिस्से हैं जिन पर यह बीज उगते हैं।

एक डंठल में निकला।

"एक तने पर बड़ा हुआ।" डंठल किसी पौधे का मोटा या लंबा हिस्सा होता है।

डंठल में से मोटी और अच्छी-अच्छी बालें निकलीं।

एक स्टॉक स्वस्थ और सुंदर बाले निकली।

पतली और पुरवाई से मुरझाई हुई।

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। की "पूर्व से गर्म हवा के कारण पतले और जल हुई निकली थी।

पुरवाई से.

पूर्व की ओर से हवा रेगिस्तान से उडी। पूर्वी हवा की गर्मी अक्सर बहुत विनाशकारी होती थी।

अच्छी-अच्छी बालें निकलीं।

विकसित।

Genesis 41:7

पतली बालों

शब्द "अनाज" को समझा जाता है। एटी: "अनाज के पतले सिर।

निगल लिया।

"निगल।" फिरौन का सपना है कि अस्वास्थ्यकर मकई स्वस्थ मकई खा सकता है जैसे कोई व्यक्ति भोजन करता है।

मोटी और अन्न से भरी हुई बालों।

स्वस्थ और अच्छे सिर।

जागा।

जागा।

मालूम हुआ ।

यहाँ "मालूम" शब्द से पता चलता है कि फिरौन ने जो कुछ देखा था, उससे हैरान था।

कि यह स्वप्न ही था।

"वह सपने देख रहा था।

और उसे मालूम हुआ।

इस वाक्या का उपयोग यहां कहानी के एक नए हिस्से की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए किया जाता है। यदि आपकी भाषा के पास ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप यहाँ इसका उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं

मन व्याकुल हुआ।

यहाँ शब्द ["मन] अपने भीतर जा रहा है या उसकी भावनाओं को संदर्भित करता है. पर: "वह अपके भीतर जा रहा है "वह परेशान था।

बुलवा भेजा।

उसने अपने सेवकों को बुलाने के लिए भेजा।।

और पंडितों को बुलवा भेजा; और उनको अपने स्वप्न बताए; पर उनमें से कोई भी उनका फल फ़िरौन को न बता सका।

प्राचीन राजाओं और शासकों सलाहकार के रूप में ज्योतिषियों, और पंडितों का बुलावा भेजा।

Genesis 41:9

पिलानेहारों का प्रधान

सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति जो राजा को पेय देता था

मेरे अपराध आज मुझे स्मरण आए.

"आज" शब्द का उपयोग जोर देने के लिए किया जाता है। उसके "अपराध" यह है कि उसे फिरौन यह सब पहले बताना चाहिए था लेकिन उसने नहीं बताया।

फ़िरौन क्रोधित हुआ।

पिलानेहार फिरौन को किसी तीसरे व्यक्ति के रूप में सम्भोदित कर रहा था, यह किसी बड़े व्यक्ति से बात करने का सामान्य तरीका था।

अपने दासों से।

यहाँ "उसका" फिरौन को संदर्भित करता है। यहां "सेवक" कपकपाती और मुख्य रेटीवाले को संदर्भित करता है।

और मुझे और पकानेहारों के प्रधान को कैद कराके अंगरक्षकों के प्रधान के घर के बन्दीगृह में डाल दिया था।

पकानेहारों और मुझे उस जेल में रखो जहां अंगरक्षकों के प्रधान था। "यहां" घर "जेल को संदर्भित करता है।

अंगरक्षकों के प्रधान

शाही पहरेदारों के सिपाही।

पकानेहारों के प्रधान

बसे महत्वपूर्ण व्यक्ति जिसने राजा के लिए भोजन बनाया।

हम दोनों ने एक ही रात में,स्वप्न देखा

एक रात हम दोनों के सपने देखे।

Genesis 41:12

सामान्य जानकारी।

मुख्य पिलानेहार फिरौन से बात करना जारी रखता है

और वहाँ हमारे साथ

"जेल में मुख्य पकानेहार मेरे साथ था।

अंगरक्षकों के प्रधान।

पहरेदारों का सिपाही।

हमने उसको बताया, और उसने हमारे स्वप्नों का फल हम से कहा।

हमने उसे अपने सपने बताए और उसने हमें उनके अर्थ समझाए।

हम में से एक-एक के स्वप्न का फल उसने बता दिया।

”उन्होंने समझाया कि हम दोनों के साथ क्या होने वाला था,

और जैसा-जैसा।

इस वाक्यांश का उपयोग यहाँ कहानी में एक महत्वपूर्ण घटना को चिह्नित करने के लिए किया जाता है। यदि आपकी भाषा के पास ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप यहाँ इसका उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं।

उसने हम से कहा था, वैसा ही हुआ भी।

उसने सपनों के बारे में जो बताया वह बाद में हुआ भी।

अर्थात् मुझ को तो मेरा पद मिला

आपने मुझे मेरे पद पर फिर लौटने की अनुमति दी।

पर वह।

भोजन बनाने वालों का मुखिया

फांसी पर लटकाया गया।

आपने अपने सैनिकों को फांसी देने का आदेश दिया।

Genesis 41:14

तब फ़िरौन ने बुलवा भेजा।

"फिरौन ने यूसुफ को बूलाने के लिए अपने सेवक को भेजा।“

बन्दीगृह से बाहर निकाला गया।

“जेल से बाहर।“

और बाल बनवाकर।

फिरौन से सामने जाने की तैयारी करते समय चेहरे और सिर के बालों को शेव करना आम बात थी।

फ़िरौन के सामने आया।

"फिरौन से सामने गया था“

और उसके फल का बतानेवाला कोई भी नहीं है।

कोई भी इसका अर्थ नहीं समझा सकता है

तू स्वप्न सुनते ही उसका फल बता सकता है।”

“तू इसका अर्थ बता सकता है”

“मैं तो कुछ नहीं जानता।

“मैं वो नहीं हूँ जो अर्थ समझा सकता हूं।

परमेश्‍वर ही फ़िरौन के लिये शुभ वचन देगा।

परमेश्‍वर फिरौन के कृपापूर्वक उत्तर देगा।

Genesis 41:17

किनारे पर खड़ा हूँ।

फिरौन यूसुफ को आश्चर्यजनक जानकारी पर ध्यान देने के लिए "किनारे" शब्द का उपयोग करता है।

नील नदी।

यह नील नदी के किनारे का ऊंचा मैदान है।

, क्या देखा, कि नदी में से सात मोटी और सुन्दर-सुन्दर गायें

फिरौन यूसुफ को आश्चर्यजनक जानकारी पर ध्यान देने के लिए " देखा" शब्द का उपयोग करता है।

मोटी और सुन्दर-सुन्दर

“अच्छी तरह से खिलाई हुई और स्वस्थ थी“

निकलकर कछार की घास चरने लगीं।

नदी के किनारे घास खा रहे थी।

Genesis 41:19

देखा, कि उनके पीछे सात और गायें।

फिरौन यूसुफ को आश्चर्यजनक जानकारी पर ध्यान देने के लिए "देखा" शब्द का उपयोग करता है।

कुरूप, और दुर्बल

कमजोर, और पतली।

ऐसी कुडौल

ऐसी बदसूरत गायें "या" ऐसी बेकार दिखने वाली गायें।

मोटी-मोटी गायों

जिनहे अच्छी तरह से खिलाया गया है।

तब यह मालूम नहीं होता था कि वे उनको खा गई हैं

“कोई भी यह बताने में सक्षम नहीं होगा कि पतली गायों ने मोटी गायों को खाया था।

Genesis 41:22

सामान्य जानकारी।

फिरौन ने यूसुफ को अपने सपनों को बताना जारी रखा।

फिर मैंने दूसरा स्वप्न देखा।

यह फिरौन का अगला सपना शुरू होता है जब वह जाग गया और सोने के लिए वापस चला गया। तब: "फिर मैंने फिर से सपना देखा।“

देखता हूँ, सात बालें

फिरौन यूसुफ को आश्चर्यजनक जानकारी पर ध्यान देने के लिए "देखता" शब्द का उपयोग करता है।

सात बालें।

अनाज के सात बालें है।

एक ही डंठल मे निकलीं।

एक तने पर बड़ा हुआ।" डंठल किसी पौधे का मोटा या लंबा हिस्सा होता है।

फिर क्या देखता हूँ, कि उनके पीछे और सात बालें

फिरौन यूसुफ को आश्चर्यजनक जानकारी पर ध्यान देने के लिए "देखता" शब्द का उपयोग करता है।

पुरवाई से मुरझाई हुई निकलीं

"जो पूर्व की ओर से गर्म हवा के कारण मुरझाए हुए, पतले और झुलसे हुए थी।

मुरझाई

“सड़ी हुई”

पुरवाई

“ऊजाड़ से बहती हुई पुरवी हवा।पूरवी हवा की गर्मी फसलो के लिऐ अकसर खतरनाक होती है”

निगल लिया

"बड़ा हुआ

पतली बालों

"अनाज के पतले बालें।

निगल लिया।

निगल।" फिरौन का सपना है कि अस्वास्थ्य मकई स्वस्थ मकई खा सकता है जैसे कोई व्यक्ति भोजन करता है

इसे मैंने बताया।

एक भी ऐसा नहीं था जो "या" उनमें से कोई भी नहीं कर सकता था।

Genesis 41:25

फ़िरौन का स्वप्न एक ही है।

दोनों सपनों का मतलब एक ही है

परमेश्‍वर जो काम करना चाहता है, उसको उसने फ़िरौन पर प्रकट किया है।

यूसुफ फ़राओ में तीसरे व्यक्ति से बात करता है। यह सम्मान दिखाने का एक तरीका है। यह दूसरे व्यक्ति में कहा जा सकता है। “परमेशवर आप को दिखा रहा है जो वह जलद ही करने वाला है”

सात अच्छी-अच्छी गायें।

शब्द "अनाज" को समझा जाता है। "अनाज के सात अच्छे बालें है।“

Genesis 41:27

सामान्‍य जानकारी।

यूसुफ ने फिरौन के सपनों की अपनी व्याख्या जारी रखी।

दुर्बल और कुडौल गायें।

पतली और कमजोर गायें।

सात छूछी और पुरवाई से मुरझाई हुई बालें निकालीं।

पूर्व की ओर से गर्म हवा के कारण अनाज के सात पतले बालें झुलस गए।

यह वही बात है जो मैं फ़िरौन से कह चुका हूँ…फ़िरौन को दिखाया है।

“जैसा मैने बताया वैसा ही होगा… तुझको मैंने बताया फिरोन”

उसे उसने फ़िरौन को दिखाया है।

“उसने उसको बताया”

सुन,

“जो मैं कह रहा हू उस पर ध्‍यान दो”

सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे।

“मिस्र की धरती पे सात साल बहुतायत से आनाज होगा”

Genesis 41:30

सामान्‍य जानकारी।

यूसुफ ने फिरौन के सपनों की अपनी व्याख्या जारी रखी।

उनके पश्चात् सात वर्ष अकाल के आएँगे

यह सात साल के अकाल के बारे में बात करता है जैसे कि वे कुछ हैं जो यात्रा करते हैं और एक जगह पर आते हैं “सात साल ऐसे होंगे जिनमें बहुत कम आनाज होगा”

सारे मिस्र देश में लोग इस सारी उपज को भूल जाएँगे; और अकाल से देश का नाश होगा। 31और सुकाल (बहुतायत की उपज) देश में फिर स्मरण न रहेगा क्योंकि अकाल अत्यन्त भयंकर होगा।

जोसेफ अपने महत्व पर जोर देने के लिए दो तरीकों से एक विचार व्यक्त करता है।

सारे मिस्र देश में लोग इस सारी उपज को भूल जाएँगे

"मिस्र के लोग उन वर्षों के बारे में भूल जाएंगे जिनमें बहुत भोजन था।

देश का नाश होगा।

यहां "देश" मिट्टी, लोगों और पूरे देश को संदर्भित करता है।

क्योंकि अकाल अत्यन्त भयंकर होगा।

“अकाल के समय के कारण जो बाद में होगा।“

फ़िरौन ने जो यह स्वप्न दो बार देखा है इसका भेद यही है कि यह बात परमेश्‍वर की ओर से नियुक्त हो चुकी है

भगवान ने आपको यह दिखाने के लिए दो सपने दिए कि वह निश्चित रूप से इन चीजों को होने देगा।

Genesis 41:33

सामान्‍य जानकारी।

यूसुफ ने फिरौन की सलाह जारी रखी।

अब

इसका मतलब "इस समय," नहीं है लेकिन इसका उपयोग महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है

फ़िरौन...ढूँढ़ करके

यूसुफ फ़िरौन से तीसरे व्यक्ति में बात करता है। यह सम्मान दिखाने का एक तरीका है। यह दूसरे व्यक्ति में कहा जा सकता है। “तुमहे, फिरोन, ध्‍यान देना चाहीऐ”

उसे मिस्र देश पर प्रधानमंत्री ठहराए।

उसे मिस्र राज्य पर प्रधानमंत्री ठहराए।

मिस्र देश।

यहां "भूमि" सभी लोगों और मिस्र में सब कुछ के लिए है।

वह मिस्र देश की उपज का पंचमांश लिया करे।

"पंचम" शब्द एक अंश है। "उन्हें मिस्र की फसलों को पांच बराबर भागों में विभाजित किया फिर उन हिस्सों में से एक को लें लिया।

तक सुकाल के सात वर्ष रहें।

सात वर्षों के दौरान जिसमें भरपूर भोजन था।

Genesis 41:35

सामान्‍य जानकारी।

यूसुफ ने फिरौन की सलाह जारी रखी।

इकट्ठा करें

भोजनवस्तु को इकट्ठा करे।

और वे इन अच्छे वर्षों में

यह वर्षों की बात करता है जैसे कि कुछ हैं जो यात्रा करते हैं और एक जगह पर आते हैं। पर "अच्छे वर्षों के दौरान जो जल्द ही होगा“

और नगर-नगर में भण्डार घर भोजन के लिये, फ़िरौन के वश में करके उसकी रक्षा करें

वाक्या "फिरौन के अधिकार के तहत" का अर्थ है फिरौन उन्हें अधिकार देता है। एटी: "अनाज को स्टोर करने के लिए फिरौन के अधिकार का उपयोग करें।“

उसकी रक्षा करें

भोजनवस्तु की रक्षा के लिए सैनिकों को वहां छोड़ देना चाहिए

देश के भोजन के निमित्त रखी रहे।

यहां "देश" लोगों को संदर्भित करती है। कि: "यह भोजन लोगो के लिए होगा।

जिससे देश उस अकाल से सत्यानाश न हो जाए।

इस तरह लोग अकाल के दौरान भूखे नहीं रहेंगे।

Genesis 41:37

यह बात फ़िरौन और उसके सारे कर्मचारियों को अच्छी लगी।

फिरौन और उसके कर्मचारियों ने सोचा कि यह एक अच्छी योजना है।

उसके कर्मचारियों

इसका मतलब है फिरौन के अधिकारी।

ऐसा पुरुष, जैसा यह है

यहां यूसुफ की बात की गई है

जिसमें परमेश्‍वर का आत्मा रहता है

जिस में परमेश्वर का आत्मा रहता है।

Genesis 41:39

कि तेरे तुल्य कोई समझदार

कोई और निर्णय लेने में उतना सक्षम नहीं है

इस कारण तू मेरे घर का होगा

आप मेरे महल में सभी के अधिकारी होंगा।

तेरी आज्ञा के अनुसार मेरी सारी प्रजा चलेगी

"आप मेरे लोगों पर शासन करेंगे और वे वही करेंगे जो आप उने करने को कहेगे।“

केवल राजगद्दी के।

यहाँ "राजगद्दी" राजा के रूप में फिरौन के शासन के लिए खड़ा है।

सुन, मैं तुझको ठहरा

"सुन, मैंने तुम्हें अधिकारी ठहराया है।

मैं तुझको मिस्र के सारे देश के ऊपर अधिकारी ठहरा देता हूँ।

वह वाक्य “तुमको अधिकारी ठहराया" अधिकार देने का मतलब है। यहां "भूमि" लोगों को संदर्भित करती है।

Genesis 41:42

तब फ़िरौन ने अपने हाथ से मुहर वाली अंगूठी.......गले में सोने की माला।

इन सभी कार्यों का प्रतीक है कि फिरौन यूसुफ को वह सब कुछ करने का अधिकार दे रहा है जो कि यूसुफ ने योजना बनाई थी।

मुहर वाली अंगूठी।

इस अंगूठी में फिरौन की मुहर लगी हुई थी। इससे यूसुफ को अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक अधिकार और धन मिल गया

बढ़िया मलमल के वस्त्र पहनवा दिए।

"लिनन" नीले-फूल वाले सन प्लांट से बना एक चिकना, मजबूत कपड़ा है।

उसको अपने दूसरे रथ पर चढ़वाया; और लोग उसके आगे-आगे यह प्रचार करते चले,

यह वाक्‍य लोगों को स्पष्ट करता है कि यूसुफ फिरौन के बाद दूसरे स्थान पर है।

घुटने टेककर दण्डवत् करो

"झुक कर यूसुफ का सम्मान करो।" घुटने मोड़ना और झुकना सम्मान का संकेत था।

उसने उसको मिस्र के सारे देश के ऊपर प्रधानमंत्री ठहराया।

मैंने आपको मिस्र में सभी पर प्रधानमंत्री ठहराया है।

Genesis 41:44

“फ़िरौन तो मैं हूँऔर सारे मिस्र देश में कोई भी तेरी आज्ञा के बिना हाथ पाँव न हिलाएगा।

फिरौन अपने अधिकार पर जोर दे रहा है.

और सारे मिस्र देश में कोई भी तेरी आज्ञा के बिना हाथ पाँव न हिलाएगा।

मिस्र में कोई भी व्यक्ति आपकी अनुमति के बिना कुछ नहीं करेगा "या" मिस्र के प्रत्येक व्यक्ति को कुछ भी करने से पहले आपकी अनुमति लेनी होगी।

मिस्र देश में कोई भी नही।

यहां "पुरुष" सामान्य रूप से किसी भी व्यक्ति को संदर्भित करता है, चाहे वह पुरुष हो या महिला।

ज़ेफनाथ पनाह

ज़ेफनाथ पनाह नाम का अर्थ है "रहस्यों का खुलासा करनेवाला।

ओन नगर के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से उसका ब्याह करा दिया

मिस्र में याजक पोतीपेरा और सबसे विशेषाधिकार प्राप्त जाति थे। यह विवाह यूसुफ के सम्मान और विशेषाधिकार का स्थान दर्शाता है।

आसनत से उसका ब्याह करा दिया।

आसना एक महिला का नाम है। फिरौन ने यूसुफ को अपनी पत्नी के रूप में दिया

पोतीपेरा की बेटी।

पोतीपेरा ”असनात के पिता था।

के याजक।

एक शहर है, जिसे हेलियोपोलिस भी कहा जाता है, जो "सूर्य का शहर" था और सूर्य देव रा की पूजा का केंद्र था

यूसुफ सारे मिस्र देश में दौरा करने लगा।

यूसुफ ने आने वाले सूखे की तैयारियों की निगरानी के लिए भूमि पर यात्रा की।

Genesis 41:46

तीस वर्ष का था।

30 साल का था।

फ़िरौन के सम्मुख खड़ा हुआ।

"जब उसने फिरौन की सेवा करना शुरू किया।

सारे मिस्र देश में दौरा करने लगा।

यूसुफ देश का निरीक्षण कर रहा है क्योंकि वह अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए तैयार है।

सुकाल के सातों वर्षों।

सात अच्छे वर्षों के दौरान।

भूमि बहुतायत से अन्न उपजाती रही।

भूमि ने बड़ी फसल का उत्पादन किया।

Genesis 41:48

जमा करके रखता गया।

यूसुफ ने अपने सेवकों को इकट्ठा करने का आदेश दिया ... उन्होंने आदेश दिया।

इस प्रकार यूसुफ ने अन्न को समुद्र की रेत के समान अत्यन्त बहुतायत से राशि-राशि गिनके रखा,

यूसुफ ने जो अनाज जमा किया था वह समुद्र के किनारे की रेत की तरह भरपूर था।

यूसुफ ने अन्न को समुद्र की रेत के समान अत्यन्त बहुतायत से राशि-राशि गिनके रखा।

यहां "यूसुफ" और "वह" यूसुफ के सेवकों के लिए खड़े हैं।

Genesis 41:50

अकाल के प्रथम वर्ष के आने से पहले

अकाल शुरू होने के सात साल पहले

आसनत

आसनत ”उस स्त्री का नाम है जिसे फिरौन ने यूसुफ को अपनी पत्नी के रूप में दिया था

पोतीपेरा की बेटी

पोतीपेरा" आसनत के पिता हैं

ओन के याजक

एक शहर है, जिसे हेलियोपोलिस भी कहा जाता है, जो "सूर्य का शहर" था और सूर्य देव रा की पूजा का केंद्र था।

मनश्शे।

'मनश्शे' नाम का अर्थ है 'भूलने का कारण।

पिता का सारा घराना।

यह यूसुफ के पिता यकूब और उनके परिवार को संदर्भित करता है।

एप्रैम

'एप्रैम' नाम का अर्थ 'फलदायी' या 'बच्चे पैदा करना' है।

परमेश्‍वर ने फलवन्त किया है

यहाँ "फलदायी" का अर्थ है सफल होना या बच्चे पैदा करना।

‘मुझे दुःख भोगने के देश में‘।

"इस भूमि में जहाँ मुझे नुकसान हुआ है।

Genesis 41:53

सब देशों में।

कनान की भूमि सहित मिस्र से परे सभी देशों में।

परन्तु सारे मिस्र देश में था

यह निहित है कि सात अच्छे वर्षों के दौरान यूसुफ ने अपने लोगों को भोजन का भंडारण करने की आज्ञा के कारण अन्न दिया था

Genesis 41:55

जब मिस्र का सारा देश भूखें मरने लगा।

“जब सारे मिस्रवासी भूख से मर रहे थे।

इसलिए जब अकाल सारी पृथ्वी पर फैल गया

अकाल पूरे देश में फैल गया था

तब यूसुफ सब भण्डारों को खोल-खोलकर मिस्रियों के हाथ अन्न बेचने लगा

“यूसुफ के पास उसके नौकर थे जो सभी भण्डार खोलते थे और मिस्रियों को अनाज बेचते थे“

इसलिए सारी पृथ्वी के लोग मिस्र में अन्न मोल लेने के लिये

लोग सभी आसपास के क्षेत्रों से मिस्र आ रहे थे।

सारी पृथ्वी पर.

पूरे देश में।" यह संभावना है कि सूखे से प्रभावित मिस्र के व्यापारिक मार्गों के हिस्से वाले सभी अलग-अलग व्यापारिक भागीदार और राष्ट्र मिस्र से अनाज के लिए आए थे।


Chapter 42

याकूब का अपने पुत्रों को मिस्र भेजना

1जब याकूब ने सुना कि मिस्र में अन्न है, तब उसने अपने पुत्रों से कहा, “तुम एक दूसरे का मुँह क्यों देख रहे हो।”2फिर उसने कहा, “मैंने सुना है कि मिस्र में अन्न है; इसलिए तुम लोग वहाँ जाकर हमारे लिये अन्न मोल ले आओ, जिससे हम न मरें, वरन् जीवित रहें।” (प्रेरि. 7:12)3अतः यूसुफ के दस भाई अन्न मोल लेने के लिये मिस्र को गए।4पर यूसुफ के भाई बिन्यामीन को याकूब ने यह सोचकर भाइयों के साथ न भेजा* कि कहीं ऐसा न हो कि उस पर कोई विपत्ति आ पड़े।

5इस प्रकार जो लोग अन्न मोल लेने आए उनके साथ इस्राएल के पुत्र भी आए; क्योंकि कनान देश में भी भारी अकाल था। (प्रेरि. 7:11)6यूसुफ तो मिस्र देश का अधिकारी था, और उस देश के सब लोगों के हाथ वही अन्न बेचता था; इसलिए जब यूसुफ के भाई आए तब भूमि पर मुँह के बल गिरकर उसको दण्डवत् किया।
7उनको देखकर यूसुफ ने पहचान तो लिया, परन्तु उनके सामने भोला बनकर कठोरता के साथ उनसे पूछा, “तुम कहाँ से आते हो?” उन्होंने कहा, “हम तो कनान देश से अन्न मोल लेने के लिये आए हैं।”8यूसुफ ने अपने भाइयों को पहचान लिया, परन्तु उन्होंने उसको न पहचाना।
9तब यूसुफ अपने उन स्वप्नों को स्मरण करके जो उसने उनके विषय में देखे थे, उनसे कहने लगा, “तुम भेदिये हो; इस देश की दुर्दशा को देखने के लिये आए हो।”10उन्होंने उससे कहा, “नहीं, नहीं, हे प्रभु, तेरे दास भोजनवस्तु मोल लेने के लिये आए हैं।11हम सब एक ही पिता के पुत्र हैं, हम सीधे मनुष्य हैं, तेरे दास भेदिये नहीं।”
12उसने उनसे कहा, “नहीं नहीं, तुम इस देश की दुर्दशा देखने ही को आए हो।”13उन्होंने कहा, “हम तेरे दास बारह भाई हैं, और कनान देशवासी एक ही पुरुष के पुत्र हैं, और छोटा इस समय हमारे पिता के पास है, और एक जाता रहा।”
14तब यूसुफ ने उनसे कहा, “मैंने तो तुम से कह दिया, कि तुम भेदिये हो;15अतः इसी रीति से तुम परखे जाओगे, फ़िरौन के जीवन की शपथ, जब तक तुम्हारा छोटा भाई यहाँ न आए तब तक तुम यहाँ से न निकलने पाओगे।16इसलिए अपने में से एक को भेज दो कि वह तुम्हारे भाई को ले आए, और तुम लोग बन्दी रहोगे; इस प्रकार तुम्हारी बातें परखी जाएँगी कि तुम में सच्चाई है कि नहीं। यदि सच्चे न ठहरे तब तो फ़िरौन के जीवन की शपथ तुम निश्चय ही भेदिये समझे जाओगे।”17तब उसने उनको तीन दिन तक बन्दीगृह में रखा।
18तीसरे दिन यूसुफ ने उनसे कहा, “एक काम करो तब जीवित रहोगे; क्योंकि मैं परमेश्‍वर का भय मानता हूँ;*19यदि तुम सीधे मनुष्य हो, तो तुम सब भाइयों में से एक जन इस बन्दीगृह में बँधुआ रहे; और तुम अपने घरवालों की भूख मिटाने के लिये अन्न ले जाओ।20और अपने छोटे भाई को मेरे पास ले आओ; इस प्रकार तुम्हारी बातें सच्ची ठहरेंगी, और तुम मार डाले न जाओगे।” तब उन्होंने वैसा ही किया।
21उन्होंने आपस में कहा, “निःसन्देह हम अपने भाई के विषय में दोषी हैं, क्योंकि जब उसने हम से गिड़गिड़ाकर विनती की, तब भी हमने यह देखकर, कि उसका जीवन कैसे संकट में पड़ा है, उसकी न सुनी; इसी कारण हम भी अब इस संकट में पड़े हैं।”22रूबेन ने उनसे कहा, “क्या मैंने तुम से न कहा था कि लड़के के अपराधी मत बनो? परन्तु तुमने न सुना। देखो, अब उसके लहू का बदला लिया जाता है।”
23यूसुफ की और उनकी बातचीत जो एक दुभाषिया के द्वारा होती थी; इससे उनको मालूम न हुआ कि वह उनकी बोली समझता है।24तब वह उनके पास से हटकर रोने लगा; फिर उनके पास लौटकर और उनसे बातचीत करके उनमें से शिमोन को छाँट निकाला और उसके सामने बन्दी बना लिया।
याकूब के पुत्रों का कनान लौटना

25तब यूसुफ ने आज्ञा दी, कि उनके बोरे अन्न से भरो और एक-एक जन के बोरे में उसके रुपये को भी रख दो, फिर उनको मार्ग के लिये भोजनवस्तु दो। अतः उनके साथ ऐसा ही किया गया।
26तब वे अपना अन्न अपने गदहों पर लादकर वहाँ से चल दिए।27सराय में जब एक ने अपने गदहे को चारा देने के लिये अपना बोरा खोला, तब उसका रुपया बोरे के मुँह पर रखा हुआ दिखलाई पड़ा।28तब उसने अपने भाइयों से कहा, “मेरा रुपया तो लौटा दिया गया है, देखो, वह मेरे बोरे में है,” तब उनके जी में जी न रहा, और वे एक दूसरे की और भय से ताकने लगे, और बोले, “परमेश्‍वर ने यह हम से क्या किया है?”
29तब वे कनान देश में अपने पिता याकूब के पास आए, और अपना सारा वृत्तान्त उसे इस प्रकार वर्णन किया:30“जो पुरुष उस देश का स्वामी है, उसने हम से कठोरता के साथ बातें की, और हमको देश के भेदिये कहा।31तब हमने उससे कहा, ‘हम सीधे लोग हैं, भेदिये नहीं।32हम बारह भाई एक ही पिता के पुत्र हैं, एक तो जाता रहा, परन्तु छोटा इस समय कनान देश में हमारे पिता के पास है।’
33तब उस पुरुष ने, जो उस देश का स्वामी है, हम से कहा, ‘इससे मालूम हो जाएगा कि तुम सीधे मनुष्य हो; तुम अपने में से एक को मेरे पास छोड़कर अपने घरवालों की भूख मिटाने के लिये कुछ ले जाओ,34और अपने छोटे भाई को मेरे पास ले आओ। तब मुझे विश्वास हो जाएगा कि तुम भेदिये नहीं, सीधे लोग हो। फिर मैं तुम्हारे भाई को तुम्हें सौंप दूँगा, और तुम इस देश में लेन-देन कर सकोगे’।”
35यह कहकर वे अपने-अपने बोरे से अन्न निकालने लगे, तब, क्या देखा, कि एक-एक जन के रुपये की थैली उसी के बोरे में रखी है। तब रुपये की थैलियों को देखकर वे और उनका पिता बहुत डर गए।36तब उनके पिता याकूब ने उनसे कहा, “मुझ को तुम ने निर्वंश कर दिया, देखो, यूसुफ नहीं रहा, और शिमोन भी नहीं आया, और अब तुम बिन्यामीन को भी ले जाना चाहते हो। ये सब विपत्तियाँ मेरे ऊपर आ पड़ी हैं।”
37रूबेन ने अपने पिता से कहा, “यदि मैं उसको तेरे पास न लाऊँ, तो मेरे दोनों पुत्रों को मार डालना; तू उसको मेरे हाथ में सौंप दे, मैं उसे तेरे पास फिर पहुँचा दूँगा।”38उसने कहा, “मेरा पुत्र तुम्हारे संग न जाएगा; क्योंकि उसका भाई मर गया है, और वह अब अकेला रह गया है: इसलिए जिस मार्ग से तुम जाओगे, उसमें यदि उस पर कोई विपत्ति आ पड़े, तब तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।”


Genesis 42:1

जब याकूब ने सुना

शब्द "जब" कहानी का एक नया हिस्सा है।

“तुम एक दूसरे का मुँह क्यों देख रहे हो।

याकूब अनाज के बारे में कुछ नहीं करने के लिए अपने बेटों को डांटने के लिए एक सवाल का उपयोग करता है। : "बस यहाँ मत बैठो।

वहाँ जाकर हमारे लिये अन्न मोल ले आओ।

कनान से मिस्र जाने के बारे में बात करना आम था, क्योंकि "नीचे" जा रहा था।

मिस्र के।

"मिस्र में अनाज बेचने वालों से

भाई को याकूब ने यह सोचकर भाइयों के साथ न भेजा।

बिन्यामीन और यूसुफ के पिता और माता एक ही थे। याकूब राहेल के आखिरी बेटे को भेजने का जोखिम नहीं उठाना चाहता था।

Genesis 42:5

इस प्रकार जो लोग अन्न मोल लेने आए उनके साथ इस्राएल के पुत्र भी आए।

इस्राएल के पुत्र अन्य लोगों के साथ अनाज लेकर मिस्र चले गए।

यूसुफ तो

अब "यूसुफ के बारे में जानकारी की पृष्ठभूमि से कहानी में परिवर्तन होता है।

देश का

यहां "भूमि" मिस्र को संदर्भित करती है।

देश के सब लोगों

अनाज खरीदने के लिए आए सभी देशों के सभी लोग।

यूसुफ के भाई आए।

यहां "आया" का अनुवाद "गया" के रूप में किया जा सकता है

बल गिरकर उसको दण्डवत् किया।

यह सम्मान दिखाने का एक तरीका था।

Genesis 42:7

उनको देखकर यूसुफ ने पहचान तो लिया।

जब यूसुफ ने अपने भाइयों को देखा, तो उसने उन्हें पहचान लिया।

उनके सामने भोला बनकर कठोरता के साथ

उसने अभिनय किया जैसे वह उनका भाई नहीं था "या" उसने उन्हें यह पता नहीं चलने दिया कि वह उनका भाई है ।

हम तो कनान देश से अन्न मोल लेने के लिये आए हैं।

यूसुफ का जवाब जानने के बावजूद यह कोई बयानबाजी नहीं थी। अपने भाइयों से अपनी पहचान बनाए रखना उनकी पसंद का हिस्सा था

Genesis 42:9

तुम भेदिये हो।

जासूस वे लोग होते हैं जो गुप्त रूप से एक देश के बारे में दूसरे देश की मदद करने के लिए जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

इस देश की दुर्दशा को देखने के लिये आए हो।

कहां पता चला कि हम अपनी जमीन की रखवाली नहीं कर रहे हैं ताकि आप हम पर हमला कर सकें

हे प्रभु

यह उन्हें सम्मानित करने के लिए किसी को संदर्भित करने का एक तरीका है।

तेरे दास।

हम, आपके सेवक, "या" दास हैं।

Genesis 42:12

उसने उनसे कहा

यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा।

नहीं नहीं, तुम इस देश की दुर्दशा देखने ही को आए हो।

नहीं, आप यह पता लगाने आए हैं कि हम कहाँ अपनी जमीन की रखवाली नहीं कर रहे हैं ताकि आप हम पर हमला कर सकें।

बारह भाई।

12 भाई।

और छोटा

हमारी बात सुनो, हमारा,छोटा भाई।

और छोटा इस समय हमारे पिता के पास है।

अभी हमारा सबसे छोटा भाई हमारे पिता के साथ है।

Genesis 42:14

मैंने तो तुम से कह दिया, कि तुम भेदिये हो

“जैसे मैंने पहले ही कहा था, तुम जासूस हो।

इसी रीति से तुम परखे जाओगे,

इस प्रकार मैं तुम्हारी परीक्षा लूंगा।

, फ़िरौन के जीवन की शपथ।

मैं फिरौन के जीवन की कसम खाता हूँ।

इसलिए अपने में से एक को भेज दो कि वह तुम्हारे भाई को ले आए,

अपने भाई को पाने के लिए आप में से किसी एक को चुनें कि वे उसे ले आए।

और तुम लोग बन्दी रहोगे

बाकी तुम जेल में रहोगे।

इस प्रकार तुम्हारी बातें परखी जाएँगी कि तुम में सच्चाई है

ताकि मुझे पता चल सके कि क्या तुम सच कह रहे हो।

बन्दीगृह।

जेल में।

Genesis 42:18

तीसरे दिन।

दूसरे दिन के बाद।

एक काम करो तब जीवित रहोगे;

अगर तुम वही करोगे जो मैं कहता हूँ, तो मैं तुम्हें जीने दूँगा।

प तो तुम सब भाइयों में से एक जन इस बन्दीगृह में बँधुआ रहेरमेश्‍वर का भय मानता हूँ;*

लेकिन बाकी तुम जाओ।

तो तुम सब भाइयों में से एक जन इस बन्दीगृह में बँधुआ रहे

अपने एक भाई को यहाँ जेल में छोड़ दो।

ले जाओ।

लेकिन बाकी तुम जाओ।

तो तुम सब भाइयों में से एक जन इस बन्दीगृह में बँधुआ रहे

इस अकाल के दौरान अपने परिवार की मदद करने के लिए अनाज घर ले जाएं।

इस प्रकार तुम्हारी बातें सच्ची ठहरेंगी, और तुम मार डाले न जाओगे।

इसलिए मैं जानता हूं कि तुम जो कहते हो वह सच है।

तब उन्होंने वैसा ही किया।

इसका तात्पर्य यह है कि जोसेफ ने अपने सैनिकों को भाइयों को मार डाला होता अगर उन्हें पता चलता कि वे जासूस हैं।

Genesis 42:21

क्योंकि जब उसने हम से गिड़गिड़ाकर विनती की।

क्योंकि हमने देखा कि यूसुफ कितना व्यथित था।

इसी कारण हम भी अब इस संकट में पड़े हैं

इसी कारण अब हम इस तरह से पीड़ित हैं।

“क्या मैंने तुम से न कहा था कि लड़के के अपराधी मत बनो? परन्तु तुमने न सुना। देखो, अब उसके लहू का बदला लिया जाता है।

मैंने तुमसे कहा था कि लड़के को चोट मत पहुंचाओ, लेकिन तुम नहीं सुनी।

“क्या मैंने तुम से न कहा था कि लड़के के अपराधी मत बनो

मैंने आपको लड़के को नुकसान ना पहुंचाने के लिए कहा।

देखो, अब।

यहां "अब" का अर्थ "इस समय" नहीं है, लेकिन "अब" और ""देखो का उपयोग उस महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है जो इस प्रकार है।

उसके लहू का बदला लिया जाता है।

हम उसकी मौत के लायक हो रहे हैं।

Genesis 42:23

यूसुफ की और उनकी बातचीत जो एक दुभाषिया के द्वारा होती थी; इससे उनको मालूम न हुआ।

यह मुख्य कथान से लेकर पृष्ठभूमि की जानकारी तक है, जो बताता है कि भाइयों ने सोचा कि यूसुफ उन्हें क्यों नहीं समझ सकता।

तब वह उनके पास से हटकर रोने लगा।

यह निहित है कि यूसुफ रोया था क्योंकि वह यह सुनकर भावुक हो गया था कि उसके भाइयों ने क्या कहा था।

उनसे बातचीत करके

यूसुफ अभी भी एक अलग भाषा बोल रहा था और अपने भाइयों से बात करने के लिए दुभाषिया का उपयोग कर रहा

उसके सामने बन्दी बना लिया।

उसे देखा से बन्‍दी बना लिया।

फिर उनको मार्ग के लिये भोजनवस्तु दो

उनहे वे सब दिया जिनकी उन्हें आवश्यकता थी।

उनके साथ ऐसा ही किया गया।

सेवक ने उनके लिए वह सब कुछ किया जो यूसुफ ने करने की आज्ञा दी थी।

Genesis 42:26

सराय में जब एक ने अपने गदहे को चारा देने के लिये अपना बोरा खोला, तब उसका रुपया बोरे के मुँह पर रखा हुआ दिखलाई पड़ा।

जब वे रात के लिए एक स्थान पर रुक गए, तो भाइयों में से एक ने अपने गधे के लिए भोजन प्राप्त करने के लिए अपनी बोरी खोली। बोरी में उसने अपना पैसा देखा।

देखो।

यहां "देखो; शब्द हमें उस आश्चर्यजनक जानकारी पर ध्यान देने के लिए सचेत करता है जो इस प्रकार है।

मेरा रुपया तो लौटा दिया गया है।

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है।कि किसी ने मेरे पैसे वापस कर दिए हैं।

देखो, वह मेरे बोरे में है।

मेरी बोरी में देखो।

तब उनके जी में जी न रहा

यहा डरने की बात की जाती है जैसे कि उनका दिल डूब गया हो। या वे बहुत भयभीत हो गए।

Genesis 42:29

देश का स्वामी

मिस्र का स्वामी

कठोरता के साथ बातें की।

कठोरता से बोला।

हमको भेदिये कहा।

जासूस वे लोग होते हैं जो गुप्त रूप से एक देश के बारे में दूसरे देश की मदद करने के लिए जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

तब हमने उससे कहा, ‘हम सीधे लोग हैं, भेदिये नहीं। हम बारह भाई एक ही पिता के पुत्र हैं, एक तो जाता रहा, परन्तु छोटा इस समय कनान देश में हमारे पिता के पास है।’

यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इसे एक अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। कि: "हमने उनसे कहा कि हम ईमानदार आदमी हैं और जासूस नहीं हैं। हमने कहा कि हम बारह भाई हैं, हमारे पिता के बेटे हैं, और एक भाई अब जीवित नहीं है ... कनान देश

एक तो जाता रहा,

"भाई" शब्द समझा जाता है। कि: "एक भाई अब जीवित नहीं है

छोटा इस समय हमारे पिता के पास है।

यहा ''भाई'' शब्‍द एस बात को दरशाता ।कि : "सबसे छोटा भाई अभी हमारे पिता के साथ है।

Genesis 42:33

उस देश का स्वामी।

मिस्र का स्वामी।

अपने घरवालों की भूख मिटाने के लिये कुछ ले जाओ

यहां "घरवालो" का अर्थ "परिवार" है। कि: "अकाल के दौरान अपने घरवालों की मदद करने के लिए अनाज लें याओ।

कुछ ले जाओ।

घर जाओ।

और तुम इस देश में लेन-देन कर सकोगे’।

और मैं तुमहे इस देश को मे लेन-देन करने कीअनुमति दूंगा।

Genesis 42:35

यह कहकर वे

इस वाक्य का उपयोग यहाँ कहानी में एक महत्वपूर्ण घटना को चिह्नित करने के लिए किया जाता है। यदि आपकी भाषा के पास ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप यहाँ इसका उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं।

देखा

उनके आश्चर्य के लिए। "यहाँ"देखा "शब्द से पता चलता है कि भाइयों ने जो देखा उससे वे आश्चर्यचकित थे।

मुझ को तुम ने निर्वंश कर दिया।

तुमने मुझे मेरे बच्चों से वंचित किया है।

ये सब विपत्तियाँ मेरे ऊपर आ पड़ी हैं।

“इन सब बातों ने मुझे चोट दी है।

Genesis 42:37

तू उसको मेरे हाथ में सौंप दे

यह रूबेन के लिए एक अनुरोध है कि वह यूसुफ को अपने साथ ले जाए और यात्रा पर उसकी देखभाल करे।

मेरा पुत्र तुम्हारे संग न जाएगा

वाक्यांश का उपयोग करना आम था "नीचे जाना" कनान से मिस्र की यात्रा की बात करते समय। कि;मेरा बेटा, बिन्यामीन आपके साथ मिस्र नहीं जाएगा।

तुम्हारे संग

यहाँ "तूम्‍हारे" बहुवचन है और याकूब के बड़े बेटों को संदर्भित करता है।

क्योंकि उसका भाई मर गया है, और वह अब अकेला रह गया है

पूरा अर्थ स्पष्ट किया जा सकता है। कि: "मेरी पत्नी, राहेल के , केवल दो बच्चे थे। यूसुफ मर चुका है और बेंजामिन ही बचा है

जिस मार्ग से तुम जाओगे

जब आप मिस्र को वापस यात्रा करते हैं।

इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।

"नीचे लाने के लिए ... शोक के लिए" यह कहने का तरीका है कि वे उसे मरने और शोक में जाने का कारण बनेंगे। वह "नीचे" शब्द का उपयोग करता है क्योंकि यह आमतौर पर माना जाता था कि शोर कहीं भूमिगत है। कि: "तो तुम मुझे, एक बूढ़े आदमी को दुःख के कारण मरोगे।"

मैं बुढ़ापे की।

यह यकुब के लिए लि है और उसके बुढ़ापे पर जोर देता है।


Chapter 43

बिन्यामीन के साथ मिस्र देश जाना

1कनान देश में अकाल और भी भयंकर होता गया।2जब वह अन्न जो वे मिस्र से ले आए थे, समाप्त हो गया तब उनके पिता ने उनसे कहा, “फिर जाकर हमारे लिये थोड़ी सी भोजनवस्तु मोल ले आओ।”

3तब यहूदा ने उससे कहा, “उस पुरुष ने हमको चेतावनी देकर कहा, ‘यदि तुम्हारा भाई तुम्हारे संग न आए, तो तुम मेरे सम्मुख न आने पाओगे।’4इसलिए यदि तू हमारे भाई को हमारे संग भेजे, तब तो हम जाकर तेरे लिये भोजनवस्तु मोल ले आएँगे;5परन्तु यदि तू उसको न भेजे, तो हम न जाएँगे, क्योंकि उस पुरुष ने हम से कहा, ‘यदि तुम्हारा भाई तुम्हारे संग न हो, तो तुम मेरे सम्मुख न आने पाओगे’।”
6तब इस्राएल ने कहा, “तुम ने उस पुरुष को यह बताकर कि हमारा एक और भाई है, क्यों मुझसे बुरा बर्ताव किया?”7उन्होंने कहा, “जब उस पुरुष ने हमारी और हमारे कुटुम्बियों की स्थिति के विषय में इस रीति पूछा, ‘क्या तुम्हारा पिता अब तक जीवित है? क्या तुम्हारे कोई और भाई भी है?’ तब हमने इन प्रश्‍नों के अनुसार उससे वर्णन किया; फिर हम क्या जानते थे कि वह कहेगा, ‘अपने भाई को यहाँ ले आओ’।”
8फिर यहूदा ने अपने पिता इस्राएल से कहा, “उस लड़के को मेरे संग भेज दे, कि हम चले जाएँ; इससे हम, और तू, और हमारे बाल-बच्चे मरने न पाएँगे, वरन् जीवित रहेंगे।9मैं उसका जामिन होता हूँ; मेरे ही हाथ से तू उसको वापस लेना। यदि मैं उसको तेरे पास पहुँचाकर सामने न खड़ा कर दूँ, तब तो मैं सदा के लिये तेरा अपराधी ठहरूँगा।10यदि हम लोग विलम्ब न करते, तो अब तक दूसरी बार लौट आते।”
11तब उनके पिता इस्राएल ने उनसे कहा, “यदि सचमुच ऐसी ही बात है, तो यह करो; इस देश की उत्तम-उत्तम वस्तुओं में से कुछ-कुछ अपने बोरों में उस पुरुष के लिये भेंट ले जाओ: जैसे थोड़ा सा बलसान, और थोड़ा सा मधु, और कुछ सुगन्ध-द्रव्य, और गन्धरस, पिस्ते, और बादाम।12फिर अपने-अपने साथ दूना रुपया ले जाओ; और जो रुपया तुम्हारे बोरों के मुँह पर रखकर लौटा दिया गया था, उसको भी लेते जाओ; कदाचित् यह भूल से हुआ हो।
13अपने भाई को भी संग लेकर उस पुरुष के पास फिर जाओ,14और सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर उस पुरुष को तुम पर दया करेगा, जिससे कि वह तुम्हारे दूसरे भाई को और बिन्यामीन को भी आने दे: और यदि मैं निर्वंश हुआ तो होने दो।”15तब उन मनुष्यों ने वह भेंट, और दूना रुपया, और बिन्यामीन को भी संग लिया, और चल दिए और मिस्र में पहुँचकर यूसुफ के सामने खड़े हुए।
भाइयों का यूसुफ के घर पहुँचाना

16उनके साथ बिन्यामीन को देखकर यूसुफ* ने अपने घर के अधिकारी से कहा, “उन मनुष्यों को घर में पहुँचा दो, और पशु मारकर भोजन तैयार करो; क्योंकि वे लोग दोपहर को मेरे संग भोजन करेंगे।”17तब वह अधिकारी पुरुष यूसुफ के कहने के अनुसार उन पुरुषों को यूसुफ के घर में ले गया।
18जब वे यूसुफ के घर को पहुँचाए गए तब वे आपस में डरकर कहने लगे, “जो रुपया पहली बार हमारे बोरों में लौटा दिया गया था, उसी के कारण हम भीतर पहुँचाए गए हैं; जिससे कि वह पुरुष हम पर टूट पड़े, और हमें वश में करके अपने दास बनाए, और हमारे गदहों को भी छीन ले।”19तब वे यूसुफ के घर के अधिकारी के निकट जाकर घर के द्वार पर इस प्रकार कहने लगे,20“हे हमारे प्रभु, जब हम पहली बार अन्न मोल लेने को आए थे,
21तब हमने सराय में पहुँचकर अपने बोरों को खोला, तो क्या देखा, कि एक-एक जन का पूरा-पूरा रुपया उसके बोरे के मुँह पर रखा है; इसलिए हम उसको अपने साथ फिर लेते आए हैं।22और दूसरा रुपया भी भोजनवस्तु मोल लेने के लिये लाए हैं; हम नहीं जानते कि हमारा रुपया हमारे बोरों में किसने रख दिया था।”23उसने कहा, “तुम्हारा कुशल हो, मत डरो: तुम्हारा परमेश्‍वर, जो तुम्हारे पिता का भी परमेश्‍वर है, उसी ने तुम को तुम्हारे बोरों में धन दिया होगा, तुम्हारा रुपया तो मुझ को मिल गया था।” फिर उसने शिमोन को निकालकर उनके संग कर दिया।
24तब उस जन ने उन मनुष्यों को यूसुफ के घर में ले जाकर जल दिया, तब उन्होंने अपने पाँवों को धोया; फिर उसने उनके गदहों के लिये चारा दिया।25तब यह सुनकर, कि आज हमको यहीं भोजन करना होगा, उन्होंने यूसुफ के आने के समय तक, अर्थात् दोपहर तक, उस भेंट को इकट्ठा कर रखा।
26जब यूसुफ घर आया तब वे उस भेंट को, जो उनके हाथ में थी, उसके सम्मुख घर में ले गए, और भूमि पर गिरकर उसको दण्डवत् किया।27उसने उनका कुशल पूछा और कहा, “क्या तुम्हारा बूढ़ा पिता, जिसकी तुम ने चर्चा की थी, कुशल से है? क्या वह अब तक जीवित है?”
28उन्होंने कहा, “हाँ तेरा दास हमारा पिता कुशल से है और अब तक जीवित है।” तब उन्होंने सिर झुकाकर फिर दण्डवत् किया।29तब उसने आँखें उठाकर और अपने सगे भाई बिन्यामीन को देखकर पूछा, “क्या तुम्हारा वह छोटा भाई, जिसकी चर्चा तुम ने मुझसे की थी, यही है?” फिर उसने कहा, “हे मेरे पुत्र, परमेश्‍वर तुझ पर अनुग्रह करे।”
30तब अपने भाई के स्नेह से मन भर आने के कारण और यह सोचकर कि मैं कहाँ जाकर रोऊँ, यूसुफ तुरन्त अपनी कोठरी में गया, और वहाँ रो पड़ा।31फिर अपना मुँह धोकर निकल आया, और अपने को शान्त कर कहा, “भोजन परोसो।”
32तब उन्होंने उसके लिये तो अलग, और भाइयों के लिये भी अलग, और जो मिस्री उसके संग खाते थे, उनके लिये भी अलग, भोजन परोसा; इसलिए कि मिस्री इब्रियों के साथ भोजन नहीं कर सकते, वरन् मिस्री ऐसा करना घृणा समझते थे।33सो यूसुफ के भाई उसके सामने, बड़े-बड़े पहले, और छोटे-छोटे पीछे, अपनी-अपनी अवस्था के अनुसार, क्रम से बैठाए गए; यह देख वे विस्मित होकर एक दूसरे की ओर देखने लगे।34तब यूसुफ अपने सामने से भोजन-वस्तुएँ उठा-उठाकर उनके पास भेजने लगा, और बिन्यामीन को अपने भाइयों से पाँचगुना भोजनवस्तु मिली। और उन्होंने उसके संग मनमाना खाया पिया।*


Genesis 43:1

देश में अकाल और भी भयंकर होता गया।

शब्द "कनान" यह दर्शाता है। कि यह जानकारी स्पष्ट की जा सकती है।कि: "कनान देश में अकाल गंभीर था।“

जब वह

यह वाक्य का उपयोग यहाँ कहानी के एक नए हिस्से की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए किया जाता है।

अन्न समाप्त हो गया

जब याकूब और उसके परिवार ने भोजन किया था।

ले आए थे

याकूब का बड़ा बेटा लेकर आया था।

हमारे लिये मोल ले।

यहाँ "हमारे" याकूब, उसके बेटों और परिवार के बाकी लोगों को संदर्भित करता है

Genesis 43:3

यहूदा ने उससे कहा।

यहूदा ने अपने पिता याकूब से कहा।

पुरुष

यह वाक्‍य यूसुफ को संदर्भित करता है, लेकिन भाइयों को नहीं पता था। कि यह यूसुफ है। उन्होंने उसे 42:29 के रूप में "भूमि का स्वामी" या "भूमि का स्वामी" कहा।

चेतावनी देकर कहा, ‘यदि तुम्हारा भाई तुम्हारे संग न आए, तो तुम मेरे सम्मुख न आने पाओगे।

यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इसे एक अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। कि: "हमें चेतावनी दी कि जब तक हम अपने सबसे छोटे भाई को हमारे साथ नहीं लाते, हम उसका चेहरा नहीं देखेंगे।

हमको चेतावनी देकर कहा।

जब उसने हमें चेतावनी दी, तब वह बहुत गंभीर था

तुम मेरे सम्मुख न आने पाओगे।

यहूदा अपने पिता पर जोर देने के लिए 43: 3-5 में दो बार इस वाक्य का उपयोग करता है कि वे बेंजामिन के बिना मिस्र नहीं लौट सकता। यह वाक्या "मेरा चेहरा" उस आदमी को संदर्भित करता है, जो कि जोसेफ है।

‘यदि तुम्हारा भाई तुम्हारे संग न हो।

“यहूदा बिन्यामीन का जिक्र कर रहा है, राहेल का सबसे छोटा बेटा उसके मरने से पहले।“

तो हम न जाएँगे।

कनान से मिस्र की यात्रा की बात करते समय "नीचे जाना" यह वाक्य का उपयोग करना आम था।

Genesis 43:6

क्यों मुझसे बुरा बर्ताव किया।

तुमने मुझे इतना परेशान क्यों किया।

उस पुरुष ने हमारे विषय में।

उस आदमी ने कई सवाल पूछे।

हमारे।

यहां शब्‍द ’'हमारे'' उन भाइयों को संदर्भित करता है जो मिस्र गए थे।

इस रीति पूछा, ‘क्या तुम्हारा पिता अब तक जीवित है? क्या तुम्हारे कोई और भाई भी है।

यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इसे एक अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। कि: "उसने हमसे सीधे पूछा कि क्या हमारे पिता अभी भी जीवित है और हमारा कोइ और भी भाई है।

तब हमने इन प्रश्‍नों के अनुसार उससे वर्णन किया।

हमने उनसे पूछे गए सवालों के जवाब दिए।

फिर हम क्या जानते थे कि वह कहेगा, ‘अपने भाई को यहाँ ले आओ।

बेटे एक सवाल का इस्तेमाल करते हैं, इस बात पर ज़ोर देते हैं कि पता नहीं था कि वह उन्हें क्या करने के लिए कहेगा।

कि वह कहेगा, ‘अपने भाई को यहाँ ले आओ।

वह हमें अपने भाई को मिस्र लाने के लिए कहेगा।

अपने भाई को यहाँ ले आओ’।

कनान से मिस्र की यात्रा की बात करते समय "नीचे" शब्द का उपयोग करना आम था।

Genesis 43:8

कि हम चले जाएँ; इससे हम, और तू, और हमारे बाल-बच्चे मरने न पाएँगे, वरन् जीवित रहेंगे।

यहूदा इस बात पर ज़ोर दे रहा है कि हम अब मिस्र जाएंगे और अनाज प्राप्त करेंगे ताकि हमारा पूरा परिवार जीवित रहे।

कि हम चले

यहां "हम" उन भाइयों को संदर्भित करता है जो मिस्र की यात्रा करेगे।

हम जीवित रहेंगे।

यहाँ "हम" भाइयों, इस्राएल और पूरे परिवार को कर रहा है।

हमारे बाल-बच्चे।

यहाँ "हम" शब्‍द भाईयों को संदर्भित कर रहा है।

हम, और तू।

यहाँ "तू" एकवचन है और इस्राएल को संदर्भित कर रहअ है।

और हमारे बाल-बच्चे।

यहाँ शब्‍द "हमारे" भाइयों को संदर्भित करता है। यह उन छोटे बच्चों को संदर्भित करता है जिन्‍हेने अकाल के दौरान मृत्यु होने की सबसे अधिक संभावना थी।

मैं उसका जामिन होता हूँ

“मैं उसे वापस लाने का वादा करूंगा।

मेरे ही हाथ से तू उसको वापस लेना।

आप मुझे इस बारे में जवाब देंगे कि बेंजामिन के साथ क्या होगा।

तो मैं सदा के लिये तेरा अपराधी

आप मुझे दोष दे सकते हैं

यदि हम लोग विलम्ब न करते

यहूदा कुछ ऐसा वर्णन कर रहा है जो अतीत में हो सकता था, लेकिन नहीं हुआ।

तो अब तक दूसरी बार लौट आते।”

”हम दूसरी बार आपिस आ गये होते”

Genesis 43:11

यदि सचमुच ऐसी ही बात है, तो यह करो।

अगर यह हमारी एकमात्र पसंद है, तो इसे करें

भेंट ले जाओ

कनान से मिस्र की यात्रा की बात करते समय "निचे" शब्द का उपयोग करना आम था।

बलसान।

बलसान एक मीठी गंध के साथ एक तैलीय पदार्थ जो त्वचा के लिए इस्तेमाल किया जाता है और त्वचा की रक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक मीठा गंध है।

सुगन्ध-द्रव्य।

मसाला।

पिस्ते।

एक छोटा, हरे पेड़ के अखरोट।

बादाम।

यह त्वचा को ठीक करने और सुरक्षा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मीठी गंध वाला एक तैलीय पदार्थ है।

फिर अपने-अपने साथ दूना रुपया ले जाओ

फिर अपने साथ दोगुना पैसा ले जाओ।

जो रुपया तुम्हारे बोरों के मुँह पर रखकर लौटा दिया गया था।

जो आपके बोरों में किसी ने रखा है उसे मिस्र को वापस ले जाएं।

Genesis 43:13

अपने भाई को भी संग लेकर।

बिन्यामीन को भी लीजिए।

फिर जाओ,

वापसी।

और सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर उस पुरुष को तुम पर दया करेगा

सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर होने के कारण मनुष्य आपके प्रति दयालु हो।

तुम्हारे दूसरे भाई

''शिमोन''

और यदि मैं निर्वंश हुआ तो होने दो।

अगर मैं अपने बच्चों को खोता हूं, तो मैं अपने बच्चों को खो देता हूं। "इसका मतलब यह है कि याकूब जानता है कि उसे अपने बेटों के साथ जो भी होना चाहिए, उसे स्वीकार करना चाहिए।

तब उन ,को भी संग लिया,

यह वाक्‍यांश पूरे व्‍याकित को दर्शाता है “वह संग ले आये”

मिस्र में पहुँचकर।

कनान से मिस्र की यात्रा की बात करते समय "निचे" शब्द का उपयोग करना आम था।

Genesis 43:16

उनके साथ बिन्यामीन

बिन्यामीन यूसुफ के बडे भाइयों के साथ।

ने अपने घर के अधिकारी

यूसुफ के घर की गतिविधियों के प्रबंध के लिए अधिकारी जिम्मेदार था।

उन मनुष्यों को घर में पहुँचा दो

“यह वाक्‍यांश “मनुष्‍यो को ले जाया गया” को दर्शाता है”

यूसुफ के घर में ले गया।

यहाँ "लाया" का अनुवाद ";ले गया" के रूप में किया जा सकता है।

Genesis 43:18

डरकर कहने लगे।

यूसुफ के भाई डरते थे।

जब वे यूसुफ के घर को पहुँचाए गए।

वे युसुफ के घर में जा रहे थे।

जो रुपया पहली बार हमारे बोरों में लौटा दिया गया था, उसी के कारण हम भीतर पहुँचाए गए हैं।

पैसे की वजह से जो भण्डारी हमें घर में ला रहे है क्योंकि किसी ने हमारे बोरों में वापस डाल दिया था।

जिससे कि वह पुरुष हम पर टूट पड़े, और हमें वश में करके अपने दास बनाए

वह हम पर आरोप लगाने के मौके का इंतजार कर रहा है, ताकि वह हमें गिरफ्तार कर सके।

हम लेने को आए थे,।

कनान से मिस्र की यात्रा की बात करते समय "निचे" शब्द का उपयोग करना आम था।

Genesis 43:21

जोड़ने वाला वाक्‍य

भाई घर के अधिकारी से बात करना जारी रखते हैं।

तब हमने।

इस वाक्य का उपयोग यहाँ कहानी में एक महत्वपूर्ण घटना को चिह्नित करने के लिए किया जाता है। यदि आपकी भाषा के पास ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप यहाँ इसका उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं।

इसलिए हम उसको अपने साथ फिर लेते आए हैं।

जब हम उस स्थान पर आए, यहा हम रात के लिए रुकने वाले थे।

देखा।

यहां "देखा" शब्द से पता चलता है कि भाइयों ने जो कुछ देखा, उससे वे आश्चर्यचकित थे।

कि एक-एक जन का पूरा-पूरा रुपया उसके बोरे के मुँह पर रखा है।

“हम में से हर एक को उसकी बोरी में उसके पूरे पैसे को पाया”

इसलिए हम उसको अपने साथ फिर लेते आए हैं।

हम अपने साथ पैसे वापस लाए हैं।

हम अपने साथ पैसे वापस लाए हैं

हम खरीदने के लिए और पैसे भी लाए हैं।

लेने के लिये लाए हैं।

कनान से मिस्र की यात्रा की बात करते समय "निचे" शब्द का उपयोग करना आम था।

तुम्हारा कुशल हो।

खुद को शांत करें।

तुम्हारा परमेश्‍वर, जो तुम्हारे पिता का भी परमेश्‍वर है।

आपका परमेश्‍वर, आपके पिता जिस परमेश्‍वर की पूजा करते हैं

Genesis 43:24

तब उन्होंने अपने पाँवों को धोया

इस रिवाज ने लंबी दूरी चलने के बाद थके हुए यात्रियों को खुद को ताज़ा करने में मदद की। इस कथन का पूरा अर्थ स्पष्ट किया जा सकता है

फिर उसने उनके गदहों के लिये चारा दिया।

''चारा'' सूखा भोजन है जिसे जानवरों के लिए अलग रखा जाता है।

Genesis 43:26

तब वे उस भेंट को, जो उनके हाथ में थी,

भाई अपने साथ भेंट को ले आए।

गिरकर उसको दण्डवत् किया।

यह सम्मान ओर सत्कार दिखाने का एक तरीका है

Genesis 43:28

तेरा दास हमारा ।

हमारे पिता जो आपकी सेवा करते हैं।

तब उन्होंने सिर झुकाकर फिर दण्डवत् किया।

यह सम्मान ओर सत्कार दिखाने का एक तरीका है।

उसने आँखें उठाकर

इसका मतलब है “उसने ऊपर देखा।

उसने कहा, “हे मेरे पुत्।

“उसकी माँ के पुत्र। यूसुफ ने कहा।

“क्या तुम्हारा वह छोटा भाई है। यही है?”

तो यह तुम्हारा सबसे छोटा भाई है ... मुझे।

मेरे पुत्र।

यह एक मित्रापूर्ण तरीका है जो एक आदमी निचले रैंक के दूसरे व्यक्ति से बोलता है। “नोजवान”

Genesis 43:30

तुरन्त अपनी कोठरी में गया

जलद कमरे से बाहर निकल गया।

तब अपने भाई के स्नेह से मन भर आने के कारण,।

उसके पास अपने भाई के लिए स्नेह की मजबूत भावनाएँ थीं।

कहा,

यह स्पष्ट किया जा सकता है कि यूसुफ किससे बात कर रहा है। यहा: यूसुफ ने अपने सेवको से कहा।

भोजन परोसो।

इसका मतलब भोजन वितरित करना है ताकि लोग खा सकें।

Genesis 43:32

तब उन्होंने उसके लिये तो अलग, और भाइयों के लिये भी अलग, और जो मिस्री उसके संग खाते थे उनके लिये भी अलग, भोजन परोसा।

सेवको ने यूसुफ को स्वयं के द्वारा और भाइयों ने स्वयं की सेवा की। वहाँ के मिस्रियों ने उसके साथ स्वयं भोजन किया। इसका अर्थ है कि यूसुफ, भाई और अन्य मिस्रवासी एक ही कमरे में तीन अलग-अलग स्थानों पर भोजन कर रहे हैं।

जो मिस्री उसके संग खाते थे।

ये शायद मिस्र के अन्य अधिकारी थे जो जोसेफ के साथ खाना खाते थे, लेकिन वे फिर भी उनसे और हिब्रू भाइयों से अलग बैठे थे।

इसलिए कि मिस्री इब्रियों के साथ भोजन नहीं कर सकते, वरन् मिस्री ऐसा करना घृणा समझते थे

इसे एक नए वाक्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है: "उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मिस्रियों ने सोचा कि इब्रानियों के साथ भोजन करना शर्मनाक है।

भोजन नहीं कर सकते,

यहां "रोटी" सामान्य रूप से भोजन के लिए है।

यूसुफ के भाई उसके सामने

यह निहित है कि यूसुफ ने व्यवस्था की थी कि प्रत्येक भाई कहाँ बैठेगे।

बड़े-बड़े पहले, और छोटे-छोटे पीछे, अपनी-अपनी अवस्था के अनुसार, क्रम से बैठाए गए।

"जेठा" और "सबसे युवा" का उपयोग एक साथ किया जाता है, जिसका अर्थ है कि सभी भाई अपनी उम्र के अनुसार बैठे थे

विस्मित होकर एक दूसरे की ओर देखने लगे

जब उन्हें यह एहसास हुआ तो बहुत वह आश्चर्यचकित थे।

बिन्यामीन को अपने भाइयों से पाँचगुना भोजनवस्तु मिली।

लेकिन बेंजामिन को एक हिस्सा मिला जो उनके भाइयों की तुलना में बहुत बड़ा था।


Chapter 44

यूसुफ द्वारा भाइयों की परीक्षा

1तब उसने अपने घर के अधिकारी को आज्ञा दी, “इन मनुष्यों के बोरों में जितनी भोजनवस्तु समा सके उतनी भर दे, और एक-एक जन के रुपये को उसके बोरे के मुँह पर रख दे।2और मेरा चाँदी का कटोरा छोटे भाई के बोरे के मुँह पर उसके अन्न के रुपये के साथ रख दे।” यूसुफ की इस आज्ञा के अनुसार उसने किया।

3सवेरे भोर होते ही वे मनुष्य अपने गदहों समेत विदा किए गए।4वे नगर से निकले ही थे, और दूर न जाने पाए थे कि यूसुफ ने अपने घर के अधिकारी से कहा, “उन मनुष्यों का पीछा कर, और उनको पाकर उनसे कह, ‘तुमने भलाई के बदले बुराई क्यों की है?5क्या यह वह वस्तु नहीं जिसमें मेरा स्वामी पीता है, और जिससे वह शकुन भी विचारा करता है? तुम ने यह जो किया है सो बुरा किया’।”
6तब उसने उन्हें जा पकड़ा, और ऐसी ही बातें उनसे कहीं।7उन्होंने उससे कहा, “हे हमारे प्रभु, तू ऐसी बातें क्यों कहता है? ऐसा काम करना तेरे दासों से दूर रहे।
8देख जो रुपया हमारे बोरों के मुँह पर निकला था, जब हमने उसको कनान देश से ले आकर तुझे लौटा दिया, तब भला, तेरे स्वामी के घर में से हम कोई चाँदी या सोने की वस्तु कैसे चुरा सकते हैं?9तेरे दासों में से जिस किसी के पास वह निकले, वह मार डाला जाए, और हम भी अपने उस प्रभु के दास हो जाएँ।”10उसने कहा, “तुम्हारा ही कहना सही, जिसके पास वह निकले वह मेरा दास होगा; और तुम लोग निर्दोषी ठहरोगे।”
11इस पर वे जल्दी से अपने-अपने बोरे को उतार भूमि पर रखकर उन्हें खोलने लगे।12तब वह ढूँढ़ने लगा, और बडे़ के बोरे से लेकर छोटे के बोरे तक खोज की: और कटोरा बिन्यामीन के बोरे में मिला।13तब उन्होंने अपने-अपने वस्त्र फाड़े,* और अपना-अपना गदहा लादकर नगर को लौट गए।
14जब यहूदा और उसके भाई यूसुफ के घर पर पहुँचे, और यूसुफ वहीं था, तब वे उसके सामने भूमि पर गिरे।15यूसुफ ने उनसे कहा, “तुम लोगों ने यह कैसा काम किया है? क्या तुम न जानते थे कि मुझ सा मनुष्य शकुन विचार सकता है?”
16यहूदा ने कहा, “हम लोग अपने प्रभु से क्या कहें? हम क्या कहकर अपने को निर्दोषी ठहराएँ? परमेश्‍वर ने तेरे दासों के अधर्म को पकड़ लिया है। हम, और जिसके पास कटोरा निकला वह भी, हम सबके सब अपने प्रभु के दास ही हैं।”17उसने कहा, “ऐसा करना मुझसे दूर रहे, जिस जन के पास कटोरा निकला है, वही मेरा दास होगा; और तुम लोग अपने पिता के पास कुशल क्षेम से चले जाओ।”
बिन्यामीन के लिये यहूदा का निवेदन

18तब यहूदा उसके पास जाकर कहने लगा, “हे मेरे प्रभु, तेरे दास को अपने प्रभु से एक बात कहने की आज्ञा हो, और तेरा कोप तेरे दास पर न भड़के; क्योंकि तू तो फ़िरौन के तुल्य हैं।19मेरे प्रभु ने अपने दासों से पूछा था, ‘क्या तुम्हारे पिता या भाई हैं?’
20और हमने अपने प्रभु से कहा, ‘हाँ, हमारा बूढ़ा पिता है, और उसके बुढ़ापे का एक छोटा सा बालक भी है, परन्तु उसका भाई मर गया है, इसलिए वह अब अपनी माता का अकेला ही रह गया है, और उसका पिता उससे स्नेह रखता है।’21तब तूने अपने दासों से कहा था, ‘उसको मेरे पास ले आओ, जिससे मैं उसको देखूँ।’22तब हमने अपने प्रभु से कहा था, ‘वह लड़का अपने पिता को नहीं छोड़ सकता; नहीं तो उसका पिता मर जाएगा।’
23और तूने अपने दासों से कहा, ‘यदि तुम्हारा छोटा भाई तुम्हारे संग न आए, तो तुम मेरे सम्मुख फिर न आने पाओगे।’24इसलिए जब हम अपने पिता तेरे दास के पास गए, तब हमने उससे अपने प्रभु की बातें कहीं।25तब हमारे पिता ने कहा, ‘फिर जाकर हमारे लिये थोड़ी सी भोजनवस्तु मोल ले आओ।’26हमने कहा, ‘हम नहीं जा सकते, हाँ, यदि हमारा छोटा भाई हमारे संग रहे, तब हम जाएँगे; क्योंकि यदि हमारा छोटा भाई हमारे संग न रहे, तो हम उस पुरुष के सम्मुख न जाने पाएँगे।’
27तब तेरे दास मेरे पिता ने हम से कहा, ‘तुम तो जानते हो कि मेरी स्त्री से दो पुत्र उत्‍पन्‍न हुए।28और उनमें से एक तो मुझे छोड़ ही गया, और मैंने निश्चय कर लिया, कि वह फाड़ डाला गया होगा; और तब से मैं उसका मुँह न देख पाया।29अतः यदि तुम इसको भी मेरी आँख की आड़ में ले जाओ, और कोई विपत्ति इस पर पड़े, तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।’
30इसलिए जब मैं अपने पिता तेरे दास के पास पहुँचूँ, और यह लड़का संग न रहे, तब, उसका प्राण जो इसी पर अटका रहता है,31इस कारण, यह देखकर कि लड़का नहीं है, वह तुरन्त ही मर जाएगा। तब तेरे दासों के कारण तेरा दास हमारा पिता, जो बुढ़ापे की अवस्था में है, शोक के साथ अधोलोक में उतर जाएगा।32फिर तेरा दास अपने पिता के यहाँ यह कहकर इस लड़के का जामिन हुआ है, ‘यदि मैं इसको तेरे पास न पहुँचा दूँ, तब तो मैं सदा के लिये तेरा अपराधी ठहरूँगा।’
33इसलिए अब तेरा दास इस लड़के के बदले* अपने प्रभु का दास होकर रहने की आज्ञा पाए, और यह लड़का अपने भाइयों के संग जाने दिया जाए।34क्योंकि लड़के के बिना संग रहे मैं कैसे अपने पिता के पास जा सकूँगा; ऐसा न हो कि मेरे पिता पर जो दुःख पड़ेगा वह मुझे देखना पड़े।”


Genesis 44:1

सामान्‍य जानकारी।

इससे कहानी में एक नई घटना शुरू होती है। सबसे अधिक संभावना यह पर्व के बाद अगली सुबह है।

घर के अधिकारी

''अधिकारी'' यूसुफ की घरेलू गतिविधियों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार था।

एक-एक जन के रुपये।

उनके रुपये एक छोटे से बैग में सबसे अधिक संभावना वाले चांदी के सिक्के थे।

के मुँह पर रख दे।

उसकी बोरी में।

मेरा कटोरा चाँदी का कटोरा रख दे।

चाँदी का कटोरा रखो।

छोटे भाई के बोरे के मुँह पर।

सबसे छोटे भाई की बोरी में।

Genesis 44:3

सवेरे भोर होते ही

सुबह का उजाला दिखा।

वे अपने गदहों समेत विदा किए गए

उन्होंने अपने गधों के साथ लोगों को दूर भेज दिया।

‘तुमने भलाई के बदले बुराई क्यों की है

इस सवाल का इस्तेमाल भाइयों को डांटने के लिए किया जाता है। कि: "हमने आपके साथ अच्छा व्यवहार किया, उसके बाद आपने हमारे साथ बुरा व्यवहार किया।

क्या यह वह वस्तु नहीं जिसमें मेरा स्वामी पीता है, और जिससे वह शकुन भी विचारा करता है?

"तुम यह पहले ही जानते थे कि यह वही कटोरा है जिसमें मेरा सवामो पीता है और भाग्‍य के बारे में सोचता है”

तुम ने यह जो किया है सो बुरा किया’।

तुमने जो किया है, वह बहुत बुरा है।

Genesis 44:6

ऐसी ही बातें उनसे कहीं

यूसुफ ने उसको जो बोलने को कहा, बोला।

प्रभु, तू ऐसी बातें क्यों कहता है

यहां "शब्द" का अर्थ है जो कहा गया था। भाइयों ने अधिकारी को "मेरे प्रभु" के रूप में संदर्भित किया। यह अधिक अधिकार वाले किसी व्यक्ति से बात करने का एक तरीका है।“ आप ऐसा क्‍यो कह रहे हो मेरे स्‍वामी?”

ऐसा काम करना तेरे दासों से दूर रहे।

“हम ऐसा कभी नहीं करेंगे।“

तेरे दासों से दूर रहे।

यह एक ऐसी वस्तु थी जिसे व्यक्ति खुद से बहुत दूर रखना चाहता है

Genesis 44:8

देख।

इससे भाइयों के आगे कहने पर जोर पड़ता है।

जो रुपया हमारे बोरों के मुँह पर निकला था

आप हमारे बोरों में पाए गए धन के बारे मे जानते है।

उसको कनान देश से ले आकर तुझे लौटा दिया।

हम आपके लिए कनान से वापस लाए हैं।

तब भला, तेरे स्वामी के घर में से हम कोई चाँदी या सोने की वस्तु कैसे चुरा सकते हैं

हम कभी भी आपके स्वामी के घर से कुछ नहीं लेंगे।

चाँदी या सोने।

इन शब्दों का एक साथ उपयोग करने का मतलब है कि वे किसी भी मूल्य की चोरी नहीं करेंगे।

तेरे दासों में से जिस किसी के पास वह निकले

यदि आप पाते हैं कि हम में से किसी ने कुछ चुराया है

हम भी अपने उस प्रभु के दास हो जाएँ

वाक्य "मेरे प्रभु" का अर्थअधिकारी से है। यह दूसरे व्यक्ति में कहा जा सकता है। कि: "आप हमें अपने दास के रूप में ले सकते हैं।“

तुम्हारा ही कहना सही

बहुत अच्छी तरह से। मैं वही करूंगा जो आपने कहा था।

तुम्हारा ही कहना सही, जिसके पास वह निकले वह मेरा दास होगा

अगर मुझे आपकी एक बोरी में जयपात्र मिल जाए, तो वह व्यक्ति मेरा दास होगा।

Genesis 44:11

अपने-अपने बोरे को उतार।

उसका बोरा नीचे कर दिया

बडे़ के बोरे … छोटे के बोरे ।

सबसे पुराना भाई ... सबसे छोटा भाई"

तब उन्होंने अपने-अपने वस्त्र फाड़े

शब्द "उन्‍होने" भाइयों को संदर्भित करता है। कपड़े फाड़ना बड़े संकट और दुःख का संकेत था।

छोटे के बोरे तक खोज की: और कटोरा बिन्यामीन के बोरे में मिला।

सबसे छोटे। अधिकारी ने बेंजामिन की बोरी में कटोरा पाया।

लौट गए।

और वे लौट गए।

Genesis 44:14

यूसुफ वहीं था।

यूसुफ अभी भी वहीं था।

तब वे उसके सामने गिरे।

"वे उसके सामने गिर गए।" यह उन भाइयों की निशानी है, जो चाहते हैं कि परमेश्‍वर उन पर दया करें।

क्या तुम न जानते थे कि मुझ सा मनुष्य शकुन विचार सकता है?”

यूसुफ अपने भाइयों को डांटने के लिए एक सवाल का इस्तेमाल करता है। कि: "निश्चित रूप से आप जानते हैं कि मेरे जैसा आदमी जादू से चीजें सीख सकता है।

Genesis 44:16

“हम लोग अपने प्रभु से क्या कहें? हम क्या कहकर अपने को निर्दोषी ठहराएँ।

हमें कुछ नहीं कहना है, मेरे परमेश्‍वर। हम मूल्य का कुछ भी नहीं बोल सकते। हम खुद को सही नहीं ठहरा सकते।

हम लोग अपने प्रभु से क्या कहें," सब अपने प्रभु के दास ही हैं।

हम आपको क्या कह सकते हैं ... हम आपके दास।है।

परमेश्‍वर ने तेरे दासों के अधर्म को पकड़ लिया है

यहां "पता चला" का मतलब यह नहीं है कि परमेश्‍वर ने यह पता लगाया कि भाइयों ने क्या किया। इसका मतलब है कि परमेश्‍वर ने अब उन्हें उनके लिए दंडित किया है जो उन्होंने किया। "परमेश्‍वर हमें हमारे पिछले पापों के लिए दंडित कर रहा है।

दासों के अधर्म को

भाई खुद को "आपके सेवक" के रूप में संदर्भित करते हैं। यह अधिक अधिकार वाले किसी व्यक्ति से बात करने का एक तरीका है। यह पहले व्यक्ति में कहा जा सकता है। “हमारी अधर्मता“

हम, और जिसके पास कटोरा निकला वह भी.

और जिसके पास आपके कटोरा था।

“ऐसा करना मुझसे दूर रहे।

ऐसा कुछ करना मेरे लिए नहीं है।

जिस जन के पास कटोरा निकला है।

वह आदमी जिसके पास मेरा कटोरा था।

Genesis 44:18

उसके पास जाकर।

निकट आना।

तेरे दास पर

यहूदा स्वयं को "आपका सेवक" कहता है। किसी अधिक अधिकारी के साथ किसी से बात करने का यह एक तरीका है। यह पहले व्यक्ति में कहा जा सकता है। कि: "मुझे, अपना सेवक होने दो।“

मेरे प्रभु से एक बात कहने की आज्ञा हो।

“मेरे स्‍वामी आप से कहूँ”

प्रभु से एक बात कहने

यहाँ "मेरे प्रभु युसूफ को संदर्भित करते हैं। किसी अधिक अधिकारी के साथ किसी से बात करने का यह एक तरीका है। यह दूसरे व्यक्ति में कहा जा सकता है। "आप को“

तेरा कोप तेरे दास पर न भड़के।

कृपया मेरे साथ, अपने सेवक से नाराज़ न हों।

क्योंकि तू तो फ़िरौन के तुल्य हैं।

यहूदा ने मालिक की तुलना फिरौन से करने के लिए उस महान शक्ति पर जोर दिया जो प्रभु के पास है। वह यह भी कह रहा है कि वह चाहता है कि स्वामी क्रोधित हो जाए और उसे मार डाले।

मेरे प्रभु ने अपने दासों से पूछा था, ‘क्या तुम्हारे पिता या भाई हैं

"मेरे प्रभु ने हमसे पूछा कि क्या तुम्हारे पिता या भाई है।

मेरे प्रभु ने अपने दासों से पूछा था,

आप, मेरे प्रभु, हमसे, आपके सेवको से" या "आपने हमसे पूछा।"

Genesis 44:20

सामान्‍य जानकारी।

यहूदा ने यूसुफ के सामने बोलना जारी रखा।

हमने अपने प्रभु से कहा, हमारा बूढ़ा पिता है, उसका पिता उससे स्नेह रखता है।

और हमने अपने प्रभु से कहा कि हमारे पास एक पिता है ... उसके पिता उससे प्यार करते हैं।

हमने अपने प्रभु से कहा

यहूदा ने यूसुफ को “मेरा प्रभु” कहा है। यह अधिक अधिकार वाले किसी व्यक्ति से बात करने का एक तरीका है।: "मेरे प्रभु'' हमने आपसे कहा“

उसका पिता उससे स्नेह रखता है।

यह एक दोस्त या परिवार के सदस्य के लिए प्यार को संदर्भित करता है।

तब तूने अपने दासों से कहा था, ‘उसको मेरे पास ले आओ, जिससे मैं उसको देखूँ.

और आपने सेवक से कहा कि हमें अपने सबसे छोटे भाई को तुम्हारे पास लाना चाहिए ताकि तुम उसे देख सको।

तब तूने अपने दासों से कहा।

यहूदा खुद को और अपने भाइयों को "आपके सेवक" के रूप में संदर्भित करता है। फिर आपने हमसे कहा,आपके सेवको से।

‘उसको मेरे पास ले आओ।

उसे मेरे पास लाओ।

तब हमने अपने प्रभु से कहा था, ‘वह लड़का नहीं छोड़ सकता; उसका पिता मर जाएगा।

यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इसे एक अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। कि: "जवाब में मैंने अपने प्रभु से कहा कि लड़का नहीं कर सकता ... पिता मर जाएगा“

उसका पिता मर जाएगा।उसका पिता मर जाएगा।

यह निहित है कि उनके पिता दुःख से मरेंगे।

Genesis 44:23

सामान्‍य जानकारी।

यहूदा ने यूसुफ को अपनी कहानी बतानी जारी रखी।

तूने अपने दासों से कहा, ‘यदि तुम्हारा छोटा भाई तुम्हारे संग न आए, तो तुम मेरे सम्मुख फिर न आने पाओगे।’

यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इसे एक अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। कि: "फिर आपने अपने सेवक से कहा कि जब तक हमारा सबसे छोटा भाई हमारे साथ नहीं आएगा, हम आपको फिर से नहीं देखेंगे।“

और तूने अपने दासों से कहा।

यहूदा खुद को और अपने भाइयों को "आपके सेवक" के रूप में संदर्भित करता है। यह अधिक अधिकार वाले किसी व्यक्ति से बात करने का एक तरीका है। “फिर आपने अपने सेवकों से कहा“

संग न आए..... जा सकते।

कनान से मिस्र की यात्रा की बात करते समय "नीचे" शब्द का उपयोग करना आम था

तुम मेरे सम्मुख फिर न आने पाओगे।

आप मुझे फिर से नहीं देखेंगे।

इसलिए जब हम।

इस वाक्य का उपयोग यहां कहानी के एक नए हिस्से की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए किया जाता है। यदि आपकी भाषा के पास ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप यहाँ इसका उपयोग करने पर विचार कर सकते है।

हम अपने पिता तेरे दास के पास गए।

वाक्य का उपयोग करना आम था। "ऊपर चला गया'' मिस्र से कनान की यात्रा की बात करते समय।

तब हमने उससे अपने प्रभु की बातें कहीं।

यहूदा ने यूसुफ को “मेरा प्रभु” कहा है। इसके अलावा, "शब्द" जो कहा गया था, उसके लिए खड़ा है। एटी: "मेरे प्रभु हमने उससे कहा कि तुमने क्या कहा।“

तब हमारे पिता ने कहा, ‘फिर जाकर हमारे लिये थोड़ी सी भोजनवस्तु मोल ले आओ।

हमारे पिता ने हमें और हमारे परिवारों के लिए भोजन खरीदने के लिए मिस्र जाने के लिए फिर से कहा।

हमने कहा,‘हम नहीं जा सकते,हाँ, यदि हमारा छोटा भाई हमारे संग रहे।

यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इसे एक अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। कि: "फिर हमने उनसे कहा कि हम मिस्र नहीं जा सकते। हमने उनसे कहा कि अगर हमारा सबसे छोटा भाई हमारे साथ है ... हमारे साथ है

उस पुरुष के सम्मुख

आदमी को देखने के लिए।

Genesis 44:27

सामान्य जानकारी।

यहूदा ने यूसुफ को अपनी कहानी बतानी जारी रखी।

हम से कहा ‘तुम तो जानते हो कि मेरी स्त्री से दो पुत्र उत्‍पन्‍न हुए। और उनमें से एक तो मुझे छोड़ ही गया, और मैंने निश्चय कर लिया, कि वह फाड़ डाला गया होगा; और तब से मैं उसका मुँह न देख पाया। अतः यदि तुम इसको भी मेरी आँख की आड़ में ले जाओ, और कोई विपत्ति इस पर पड़े, तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।

"हमसे कहा कि हम जानते हैं कि उसकी पत्नी, राहेल, ने उसे केवल दो बेटों को उत्‍पन्‍न किया था, और उनमें से एक बाहर चला गया और एक जानवर ने उसे टुकड़े टुकड़े कर दिया, और उसने उसे नहीं देखा। तब उसने कहा कि अगर हम उसे ले जाएं। दूसरे बेटे और उसके साथ कुछ बुरा होता है, तो हम उसे दुःख के कारण मार देते हैं।

हम से कहा

यहाँ "हम" में यूसुफ शामिल नहीं है

तुम तो जानते हो

यहाँ तुम" बहुवचन है और भाइयों को संदर्भित करता है।

कि वह फाड़ डाला गया होगा

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। कि: "एक जंगली जानवर ने उसे टुकड़ों में फाड़ दिया है

कोई विपत्ति इस पर पड़े।

किसी व्यक्ति के साथ कुछ बुरा होने की बात की जाती है जैसे कि "विपत्ति" कुछ ऐसा था जो किसी व्यक्ति यात्रा करता है और आती है।

तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।

नीचे लाने के लिए ... शोक के लिए" यह कहने का तरीका है कि वे उसे मरने और शोक में जाने का कारण बनेंगे। वह "नीचे" शब्द का उपयोग करता है क्योंकि यह आमतौर पर माना जाता था कि शोक कहीं भूमिगत है। "तो तुम मुझसे, एक बूढ़े आदमी को, दुःख के कारण मरवाओगे”

बुढ़ापे की अवस्था।

यह युकूब को दर्शाता और उसके बुढ़ापे पर जोर देता है। "मुझ, एक बूढ़ा आदमी“

Genesis 44:30

जब।

इसका मतलब यह नहीं है "इस समय," लेकिन इसका उपयोग महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है।।

इसलिए जब मैं..... उसका प्राण।

यहूदा यूसुफ को एक वास्तववादी लेकिन काल्पनिक मामले का वर्णन कर रहा है जो वह उम्मीद करेगा कि वह युकूब से क्या उम्मीद करेगा जब वह बेंजामिन के बिना वापस आ जाएगा।

तेरे दास के पास पहुँचूँ

यहां "आना" का अनुवाद "चले" या "वापसी" के रूप में किया जा सकता है।

यह लड़का संग न रहे।

"लड़का हमारे साथ नहीं है।

तब, उसका प्राण जो इसी पर अटका रहता है।

पिता का कहना था कि अगर उनके बेटे की मृत्यु हो जाती है तो उनकी मृत्यु हो जाती है, जैसे कि उनके दो जीवन शारीरिक रूप से एक साथ बंधे थे। "जब से उसने कहा कि अगर वह लड़का वापस नहीं आया तो वह मर जाएगा

इस कारण।

यहूदा भविष्य में एक काल्पनिक मामले के बारे में बोल रहा है जैसे कि यह निश्चित रूप से होगा।

तब तेरे दासों के कारण तेरा दास हमारा पिता, जो बुढ़ापे की अवस्था में है, शोक के साथ अधोलोक में उतर जाएगा।

और हम हमारे बूढ़े पिता को दुःख के कारण मार दिया।

तेरे दासों।

यहूदा खुद को और अपने भाइयों को "आपके सेवक" के रूप में संदर्भित करता है। यह अधिक अधिकार वाले किसी व्यक्ति से बात करने का एक तरीका है। कि: "और हम, आपके सेवक“

तेरा दास हमारा पिता, जो बुढ़ापे की अवस्था में है।

यहाँ "बुढ़ापे" याकूब के लिए खड़ा है और उसके बुढ़ापे पर जोर देता है। "हमारे बूढ़े पिता"

फिर तेरा दास अपने पिता के यहाँ यह कहकर इस लड़के का जामिन हुआ है।

"क्योंकि मैंने लड़के के विषय में अपने पिता से वादा किया था।“

फिर तेरा दास।

“मैं आपका सेवक।“

तब तो मैं सदा के लिये तेरा अपराधी ठहरूँगा।

माना जाता है कि दोषी के रूप में बात की जाती है जैसे कि "अपराध" कुछ ऐसा था जो एक व्यक्ति करता है। "तो मेरे पिता मुझे दोषी ठहरा सकते हैं“

Genesis 44:33

अब।

इसका मतलब यह नहीं है "इस समय," लेकिन इसका उपयोग महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है।

दास होकर

यहूदा स्वयं को "आपका सेवक" कहता है। यह अधिक अधिकार वाले किसी व्यक्ति से बात करने का एक तरीका है। "मुझे, आपका सेवक होने दो"

अपने प्रभु का

यहूदा ने यूसुफ को “मेरा प्रभु” कहा है। "मेरे स्‍वामी आपको को“

यह लड़का के संग जाने दिया जाए।

यह मिस्र से कनान की यात्रा के बारे में बोलते हुए "चलो ऊपर" का उपयोग करने जा रहा था।

क्योंकि लड़के के बिना संग रहे मैं कैसे अपने पिता के पास जा सकूँगा।

यहूदा एक सवाल का इस्तेमाल करता है कि अगर बेंजामिन घर नहीं लौटा, तो उसके दुःख पर ज़ोर देना होगा। "मैं अपने पिता के पास वापस नही जा सकता यदि लड़का मेरे साथ नही है”

ऐसा न हो कि मेरे पिता पर जो दुःख पड़ेगा वह मुझे देखना पड़े।

बुरी तरह पीड़ित व्यक्ति की बात की जाती है जैसे कि "बुराई" एक ऐसी चीज थी जो किसी व्यक्ति पर आती है। "मुझे यह सोचकर डर लगता है कि मेरे पिता को कितना दूख होगा।“


Chapter 45

यूसुफ का स्वयं को प्रगट करना

1तब यूसुफ उन सबके सामने, जो उसके आस-पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका; और पुकारकर कहा, “मेरे आस-पास से सब लोगों को बाहर कर दो।” भाइयों के सामने अपने को प्रगट करने के समय* यूसुफ के संग और कोई न रहा।2तब वह चिल्ला-चिल्लाकर रोने लगा; और मिस्रियों ने सुना, और फ़िरौन के घर के लोगों को भी इसका समाचार मिला।3तब यूसुफ अपने भाइयों से कहने लगा, “मैं यूसुफ हूँ, क्या मेरा पिता अब तक जीवित है?” इसका उत्तर उसके भाई न दे सके; क्योंकि वे उसके सामने घबरा गए थे।

4फिर यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, “मेरे निकट आओ।” यह सुनकर वे निकट गए। फिर उसने कहा, “मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूँ, जिसको तुम ने मिस्र आनेवालों के हाथ बेच डाला था। (प्रेरि. 7:9)5अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहाँ बेच डाला, इससे उदास मत हो; क्योंकि परमेश्‍वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे तुम्हारे आगे भेज दिया है।* (प्रेरि. 7:15)6क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश में अकाल है; और अब पाँच वर्ष और ऐसे ही होंगे कि उनमें न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा। (प्रेरि. 7:15)
7इसलिए परमेश्‍वर ने मुझे तुम्हारे आगे इसलिए भेजा कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े।8इस रीति अब मुझ को यहाँ पर भेजनेवाले तुम नहीं, परमेश्‍वर ही ठहरा; और उसी ने मुझे फ़िरौन का पिता सा, और उसके सारे घर का स्वामी, और सारे मिस्र देश का प्रभु ठहरा दिया है।
9अतः शीघ्र मेरे पिता के पास जाकर कहो, ‘तेरा पुत्र यूसुफ इस प्रकार कहता है, कि परमेश्‍वर ने मुझे सारे मिस्र का स्वामी ठहराया है; इसलिए तू मेरे पास बिना विलम्ब किए चला आ। (प्रेरि. 7:14)10और तेरा निवास गोशेन देश में होगा, और तू, बेटे, पोतों, भेड़-बकरियों, गाय-बैलों, और अपने सब कुछ समेत मेरे निकट रहेगा।11और अकाल के जो पाँच वर्ष और होंगे, उनमें मैं वहीं तेरा पालन-पोषण करूँगा; ऐसा न हो कि तू, और तेरा घराना, वरन् जितने तेरे हैं, वे भूखे मरें।’ (प्रेरि. 7:14)
12और तुम अपनी आँखों से देखते हो, और मेरा भाई बिन्यामीन भी अपनी आँखों से देखता है कि जो हम से बातें कर रहा है वह यूसुफ है।13तुम मेरे सब वैभव का, जो मिस्र में है और जो कुछ तुम ने देखा है, उस सब का मेरे पिता से वर्णन करना; और तुरन्त मेरे पिता को यहाँ ले आना।”
14और वह अपने भाई बिन्यामीन के गले से लिपटकर रोया; और बिन्यामीन भी उसके गले से लिपटकर रोया।15वह अपने सब भाइयों को चूमकर रोया और इसके पश्चात् उसके भाई उससे बातें करने लगे।
16इस बात का समाचार कि यूसुफ के भाई आए हैं, फ़िरौन के भवन तक पहुँच गया, और इससे फ़िरौन और उसके कर्मचारी प्रसन्‍न हुए। (प्रेरि. 7:13)17इसलिए फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “अपने भाइयों से कह कि एक काम करो: अपने पशुओं को लादकर कनान देश में चले जाओ।18और अपने पिता और अपने-अपने घर के लोगों को लेकर मेरे पास आओ; और मिस्र देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है वह मैं तुम्हें दूँगा, और तुम्हें देश के उत्तम से उत्तम पदार्थ खाने को मिलेंगे। (प्रेरि. 7:14)
19और तुझे आज्ञा मिली है, ‘तुम एक काम करो कि मिस्र देश से अपने बाल-बच्चों और स्त्रियों के लिये गाड़ियाँ ले जाओ, और अपने पिता को ले आओ। (प्रेरि. 7:14)20और अपनी सामग्री की चिन्ता न करना; क्योंकि सारे मिस्र देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है वह तुम्हारा है’।”
21इस्राएल के पुत्रों ने वैसा ही किया; और यूसुफ ने फ़िरौन की आज्ञा के अनुसार उन्हें गाड़ियाँ दी, और मार्ग के लिये भोजन-सामग्री भी दी।22उनमें से एक-एक जन को तो उसने एक-एक जोड़ा वस्त्र भी दिया; और बिन्यामीन को तीन सौ रूपे के टुकड़े और पाँच जोड़े वस्त्र दिए।23अपने पिता के पास उसने जो भेजा वह यह है, अर्थात् मिस्र की अच्छी वस्तुओं से लदे हुए दस गदहे, और अन्न और रोटी और उसके पिता के मार्ग के लिये भोजनवस्तु से लदी हुई दस गदहियाँ।
24तब उसने अपने भाइयों को विदा किया, और वे चल दिए; और उसने उनसे कहा, “मार्ग में कहीं झगड़ा न करना।”25मिस्र से चलकर वे कनान देश में अपने पिता याकूब के पास पहुँचे।26और उससे यह वर्णन किया, “यूसुफ अब तक जीवित है, और सारे मिस्र देश पर प्रभुता वही करता है।” पर उसने उन पर विश्वास न किया, और वह अपने आपे में न रहा।*
27तब उन्होंने अपने पिता याकूब से यूसुफ की सारी बातें, जो उसने उनसे कहीं थीं, कह दीं; जब उसने उन गाड़ियों को देखा, जो यूसुफ ने उसके ले आने के लिये भेजी थीं, तब उसका चित्त स्थिर हो गया।28और इस्राएल ने कहा, “बस, मेरा पुत्र यूसुफ अब तक जीवित है; मैं अपनी मृत्यु से पहले जाकर उसको देखूँगा।”


Genesis 45:1

अपने को और रोक न सका।

इसका मतलब है कि वह अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सके।“रोना सुरु कर दिया”

उसके आस पास

उसके पास

फ़िरौन के घर।

यहाँ "घर" फिरौन के महल में लोगों के लिए है।“हर कोई जो फिरोन के महल में था”

उसके सामने घबरा गए थे।

उससे भयभीत।

Genesis 45:4

मिस्र आनेवालों के हाथ बेच डाला था।

अर्थ अधिक स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। "जिसे आप ने व्यापारी के गुलाम के रूप में बेचते थे वो मुझे मिस्र ले आया था।“

अब तुम लोग मत पछताओ।

परेशान मत हो।

जिसको तुम ने बेच डाला था

अर्थ अधिक स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। "कि आपने मुझे एक दास के रूप में बेच दिया और मुझे यहां मिस्र भेज दिया“

तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये.

यहां "जीवन" उन लोगों के लिए खड़ा है जो यूसुफ ने अकाल के दौरान मरने से बचाए थे। "तो मैं कई लोगों की जान बचा सकता था“

अब पाँच वर्ष और ऐसे ही होंगे कि उनमें न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा।

अकाल पांच साल तक चलेगा।

Genesis 45:7

इसलिए भेजा कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो

ताकि आप और आपके परिवार पूरी तरह से पृथ्वी से नष्ट न हों।

और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े

आपको शक्तिशाली तरीके से बचाकर आपको जीवित रखने के लिए।

उसी ने मुझे फ़िरौन का पिता सा

यूसुफ ने फिरौन को सलाह देने और उसकी मदद करने की बात कही है जैसे कि यूसुफ फिरौन के पिता थे। "उसने मुझे फिरौन के लिए एक मार्गदर्शक बनाया है" या "उसने मुझे फिरौन का मुख्य सलाहकार बनाया है“

उसके सारे घर।

यहां "घर" उनके महल में रहने वाले लोगों के लिए है।

सारे मिस्र देश का प्रभु ठहरा दिया है।

यहां "देश" लोगों के लिए है। "मिस्र के सभी लोगों पर प्रभु ठहरा दिया“

प्रभु ठहरा।

यहाँ यूसुफ का अर्थ है कि वह मिस्र के राजा फिरौन के लिए दूसरे स्थान पर शासक है।

Genesis 45:9

मेरे पिता के पास जाकर।

मिस्र से कनान जाने के बारे में बोलते समय "ऊपर जाना" वाक्य का उपयोग करना आम था। "मेरे पिता के पास वापस जाओ"

जाकर कहो, ‘तेरा पुत्र यूसुफ इस प्रकार कहता है, कि परमेश्‍वर ने जितने तेरे हैं।

उसे बताएं कि यह मैंने क्या कहा है: परमेश्‍वर के पास ... वह सब जो आपके पास है।

तू मेरे पास।

कनान से मिस्र जाने के बारे में बोलते समय "नीचे आना" वाक्या का उपयोग करना आम था। "यहाँ मेरे पास आओ“

वे भूखे मरें।

यह "भूख" के बारे में बोलता है जैसे कि यह एक भाग्‍य था। "भूखा“

Genesis 45:12

आँखों से देखता है मेरा भाई बिन्यामीन आँखों से।

आप और बिन्यामीन सभी देख सकते हैं।

कि जो हम से बातें कर रहा है

कि मैं, जोसेफ, तुमसे बात कर रहा हूं।

तुम मेरे सब वैभव का, जो मिस्र में है

मिस्र के लोग मुझे बहुत सम्मान देते हैं।

मेरे पिता को यहाँ ले आना।

कनान से मिस्र की यात्रा की बात करते समय "नीचे" शब्द का उपयोग करना आम था। "मेरे पिता मेरे यहाँ मेरे पास है"

Genesis 45:14

और वह अपने भाई बिन्यामीन के गले से लिपटकर रोया; और बिन्यामीन भी उसके गले से लिपटकर रोया

"यूसुफ ने अपने भाई बेंजामिन को गले लगाया, और वे दोनों रोए।

वह अपने सब भाइयों को चूमकर।

प्राचीन निकट पूर्व में, एक रिश्तेदार को चुंबन के साथ बधाई देना आम है। यदि आपकी भाषा में किसी रिश्तेदार के लिए स्नेही अभिवादन है, तो उसका उपयोग करें। यदि नहीं, तो जो उपयुक्त है उसका उपयोग करें।

रोया।

इसका मतलब है कि यूसुफ रो रहा था जब उसने उन्हें चूमा था।

इसका मतलब है कि यूसुफ रो रहा था जब उसने उन्हें चूमा था।

उसके बाद उसके भाइयों ने उसके साथ स्वतंत्र रूप से बात की थी।

Genesis 45:16

इस बात का समाचार कि यूसुफ के भाई आए हैं, फ़िरौन के भवन तक पहुँच गया,

फिरौन के महल में सभी ने सुना कि यूसुफ के भाई आए है।

फ़िरौन के घर।

यह फिरौन के महल की बात कर रहा है।

अपने भाइयों से कह कि एक काम करो: अपने पशुओं को लादकर कनान देश में चले जाओ। और अपने पिता और अपने-अपने घर के लोगों को लेकर मेरे पास आओ; और मिस्र देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है वह मैं तुम्हें दूँगा, और तुम्हें देश के उत्तम से उत्तम पदार्थ खाने को मिलेंगे।

अपने भाइयों को अपने जानवरों को लादकरअपने पिता और परिवारों को प्राप्त करने के लिए कनान जाने के लिए कहें। उन्हें यहां आने के लिए कहें, और मैं उन्हें मिस्र में सबसे अच्छी भूमि और सबसे अच्छा भोजन दे दूंगा।

मिस्र देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है वह मैं तुम्हें दूँगा।

मैं आपको मिस्र देश में सबसे अच्छी भूमि दूंगा।

तुम्हें देश के उत्तम से उत्तम पदार्थ खाने को मिलेंगे।

"आप देश में सबसे अच्छा खाना खाएंगे।

Genesis 45:19

सामान्य जानकारी।

फिरौन ने यूसुफ को बताना जारी रखा कि उसके भाइयों को क्या बताना है।

और तुझे।

इसका मतलब यह नहीं है "इस समय," लेकिन इसका उपयोग महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है।

तुझे आज्ञा मिली है, ‘तुम एक काम करो कि मिस्र देश से अपने बाल-बच्चों और स्त्रियों के लिये गाड़ियाँ ले जाओ, और अपने पिता को ले आओ। (प्रेरि. 7:14) 20और अपनी सामग्री की चिन्ता न करना; क्योंकि सारे मिस्र देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है वह तुम्हारा है’।”

"वह अपने बच्चों और पत्नियों के लिए मिस्र की भूमि से गाड़ियाँ निकालने और अपने पिता को लाने और यहाँ आने के लिए भी कहो। वे अपनी संपत्ति लाने के बारे में चिंता न करें, क्योंकि मैं उन्हें मिस्र की सबसे अच्छी चीजें दूंगा।

तुझे आज्ञा मिली है।

मैं तूमहे उन्हें बताने के लिए भी आज्ञा देता हूं।

गाड़ियाँ ले जाओ।

गाड़ियाँ" दो या चार पहियों के साथ हैं। जानवर गाड़ियां खींचते हैं

Genesis 45:21

मार्ग के लिये भोजन-सामग्री भी दी।

उन्हें मार्ग के लिए जो चाहिए वो भी दिया।

एक-एक जन को एक-एक जोड़ा वस्त्र भी दिया

प्रत्येक व्यक्ति को एक एक जोडी वस्‍त्र मिले।

तीन सौ रूपे।

300 रूपे।

दस गदहे और दस गदहियाँ।

गधे को उपहार के हिस्से के रूप में शामिल किया गया था।

Genesis 45:24

झगड़ा न करना।

बहस मत करो।

मिस्र से चलकर

मिस्र से कनान तक यात्रा करते समय "उपर" शब्द का उपयोग करना आम था।

सारे मिस्र देश पर प्रभुता वही करता है।

वह मिस्र के सभी लोगों पर शासन करता है।

और वह अपने आपे में न रहा।

और वह हैरान था" या "वह बहुत हैरान था

उससे यह वर्णन किया पर उसने उन पर विश्वास न किया

उन्होंने स्वीकार नहीं किया कि उन्होंने जो कहा वह सच था।

Genesis 45:27

उन्होंने कह दीं।

उन्होंने युकूब को बताया।

यूसुफ की सारी बातें, जो उसने उनसे कहीं थीं।

यूसुफ ने जो कुछ भी उनसे कहा था।

उन गाड़ियों को देखा जो यूसुफ ने उसके ले आने के लिये भेजी थीं।

याकूब उनके पिता से बहुत उत्साहित हो गए।


Chapter 46

याकूब का मिस्र के लिये जाना

1तब इस्राएल अपना सब कुछ लेकर बेर्शेबा को गया, और वहाँ अपने पिता इसहाक के परमेश्‍वर को बलिदान चढ़ाया।2तब परमेश्‍वर ने इस्राएल से रात को दर्शन में कहा, “हे याकूब हे याकूब।” उसने कहा, “क्या आज्ञा।”3उसने कहा, “मैं परमेश्‍वर तेरे पिता का परमेश्‍वर हूँ, तू मिस्र में जाने से मत डर;* क्योंकि मैं तुझ से वहाँ एक बड़ी जाति बनाऊँगा।4मैं तेरे संग-संग मिस्र को चलता हूँ; और मैं तुझे वहाँ से फिर निश्चय ले आऊँगा; और यूसुफ अपने हाथ से तेरी आँखों को बन्द करेगा।”

5तब याकूब बेर्शेबा से चला; और इस्राएल के पुत्र अपने पिता याकूब, और अपने बाल-बच्चों, और स्त्रियों को उन गाड़ियों पर, जो फ़िरौन ने उनके ले आने को भेजी थीं, चढ़ाकर चल पड़े।6वे अपनी भेड़-बकरी, गाय-बैल, और कनान देश में अपने इकट्ठा किए हुए सारे धन को लेकर मिस्र में आए।7और याकूब अपने बेटे-बेटियों, पोते-पोतियों, अर्थात् अपने वंश भर को अपने संग मिस्र में ले आया।
याकूब का परिवार

8याकूब के साथ जो इस्राएली, अर्थात् उसके बेटे, पोते, आदि मिस्र में आए, उनके नाम ये हैं याकूब का जेठा रूबेन था।9और रूबेन के पुत्र हनोक, पल्लू, हेस्रोन, और कर्मी थे।10शिमोन के पुत्र, यमूएल, यामीन, ओहद, याकीन, सोहर, और एक कनानी स्त्री से जन्मा हुआ शाऊल भी था।11लेवी के पुत्र गेर्शोन, कहात, और मरारी थे।
12यहूदा के एर, ओनान, शेला, पेरेस, और जेरह नामक पुत्र हुए तो थे; पर एर और ओनान कनान देश में मर गए थे; और पेरेस के पुत्र, हेस्रोन और हामूल थे।13इस्साकार के पुत्र, तोला, पुव्वा, योब और शिम्रोन थे।14जबूलून के पुत्र, सेरेद, एलोन, और यहलेल थे।15लिआ के पुत्र जो याकूब से पद्दनराम में उत्‍पन्‍न हुए थे, उनके बेटे पोते ये ही थे, और इनसे अधिक उसने उसके साथ एक बेटी दीना को भी जन्म दिया। यहाँ तक तो याकूब के सब वंशवाले तैंतीस प्राणी हुए।
16फिर गाद के पुत्र, सपोन, हाग्गी, शूनी, एसबोन, एरी, अरोदी, और अरेली थे।17आशेर के पुत्र, यिम्ना, यिश्वा, यिश्वी, और बरीआ थे, और उनकी बहन सेरह थी; और बरीआ के पुत्र, हेबेर और मल्कीएल थे।18जिल्पा, जिसे लाबान ने अपनी बेटी लिआ को दिया था, उसके बेटे पोते आदि ये ही थे; और उसके द्वारा याकूब के सोलह प्राणी उत्‍पन्‍न हुए।
19फिर याकूब की पत्‍नी राहेल के पुत्र यूसुफ और बिन्यामीन थे।20और मिस्र देश में ओन के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से यूसुफ के ये पुत्र उत्‍पन्‍न हुए, अर्थात् मनश्शे और एप्रैम।21बिन्यामीन के पुत्र, बेला, बेकेर, अश्बेल, गेरा, नामान, एही, रोश, मुप्पीम, हुप्पीम, और अर्द थे।22राहेल के पुत्र जो याकूब से उत्‍पन्‍न हुए उनके ये ही पुत्र थे; उसके ये सब बेटे-पोते चौदह प्राणी हुए।
23फिर दान का पुत्र हूशीम था।24नप्ताली के पुत्र, येसेर, गूनी, सेसेर, और शिल्लेम थे।25बिल्हा, जिसे लाबान ने अपनी बेटी राहेल को दिया, उसके बेटे पोते ये ही हैं; उसके द्वारा याकूब के वंश में सात प्राणी हुए।
26याकूब के निज वंश के जो प्राणी मिस्र में आए, वे उसकी बहुओं को छोड़ सब मिलकर छियासठ प्राणी हुए।27और यूसुफ के पुत्र, जो मिस्र में उससे उत्‍पन्‍न हुए, वे दो प्राणी थे; इस प्रकार याकूब के घराने के जो प्राणी मिस्र में आए सो सब मिलकर सत्तर हुए।
याकूब का मिस्र पहुँचना

28फिर उसने यहूदा को अपने आगे यूसुफ के पास भेज दिया कि वह उसको गोशेन का मार्ग दिखाए; और वे गोशेन देश में आए।29तब यूसुफ अपना रथ जुतवाकर अपने पिता इस्राएल से भेंट करने के लिये गोशेन देश को गया, और उससे भेंट करके उसके गले से लिपटा, और कुछ देर तक उसके गले से लिपटा हुआ रोता रहा।30तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “मैं अब मरने से भी प्रसन्‍न हूँ, क्योंकि तुझे जीवित पाया और तेरा मुँह देख लिया।”
31तब यूसुफ ने अपने भाइयों से और अपने पिता के घराने से कहा, “मैं जाकर फ़िरौन को यह समाचार दूँगा, ‘मेरे भाई और मेरे पिता के सारे घराने के लोग, जो कनान देश में रहते थे, वे मेरे पास आ गए हैं;32और वे लोग चरवाहे हैं, क्योंकि वे पशुओं को पालते आए हैं; इसलिए वे अपनी भेड़-बकरी, गाय-बैल, और जो कुछ उनका है, सब ले आए हैं।’
33जब फ़िरौन तुम को बुलाकर पूछे, ‘तुम्हारा उद्यम क्या है?’34तब यह कहना, ‘तेरे दास लड़कपन से लेकर आज तक पशुओं को पालते आए हैं, वरन् हमारे पुरखा भी ऐसा ही करते थे।’ इससे तुम गोशेन देश में रहने पाओगे; क्योंकि सब चरवाहों से मिस्री लोग घृणा करते हैं।”*


Genesis 46:1

बेर्शेबा को गया।

बेर्शेबा को आया।

“क्या आज्ञा।”

हाँ, मै सुन रहा हुँ।

मिस्र में जाने से।

उस समय “में जाने से“ शब्‍द मिस्र देश से कनान देश कि यात्रा कि बात के दोरान आम-तोर पे ईस्ते‍माल किया जाता था।

मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊँगा।

यहाँ पे “तुझ“ शब्‍द एक वाक्‍य है, और वह जाकूब और इस्राएल के वंशजो को जो एक बड़ी जाती बन्‍ने वाले थे उन सब को भ रहा है।

मिस्र को।

मिस्र कि और।

मैं तुझे वहाँ से फिर निश्चय ले आऊँगा।

यह वादा जकूब के साथ किया गया था, लेकिन यह वादा इस्राएल के सारॆ वंशजो के साथ पूरा किया।मैं निश्चय ही तेरे वंशजो कौ एक बार फिर मिस्र से बार ले आऊगा।

और यूसुफ अपने हाथ से तेरी आँखों को बन्द करेगा।”

यह वाक्‍य “अपने हाथ से तेरी आँखों को बन्द करेगा” कहने का तरिका है कि यूसुफ वहाँ पे मोजुद होगा जब इस्राएल कि मोत होगी और वह यूसुफ होगा जौ‍,याकुब कि आखों को बन्‍द करेगा जब उसकि मौत होगी।,, “और यूसुफ उस समय भी तेरे साथ होगा जब तेरी मृत्‍यु होगी।

तेरी आँखों को बन्द करेगा।

जब एक व्‍यक्‍ति कि मौत खुली आँखों में ही हो जाती तो उसकी आँखों को बन्‍द करना एक रिवाज था। इस वाक्‍य का पुरा मतलब स्‍पष्‍ट हैं।

Genesis 46:5

से चला।

वहाँ से चला।

गाड़ियों पर।

“गाड़ियों“ वह घोड़ा गाड़िया है जो दो या चार पहियों पर चलती है और इन्हे जानवर खींचते है। इसका अनुवाद 45:19 में देखें।

अपने इकट्ठा किए हुए।

"उन्होंने संप्राप्त किया" या "उन्होंने प्राप्त किया था"

अपने संग ले आया।

याकूब अपने साथ ले आया।

अपने पोते।

याकूब के पोते।

अपने पोतियों।

याकूब की पोतियाँ।

Genesis 46:8

उनके नाम ये हैं।

यह उन लोगों के नामों का हवाला देता है जिन्हें लेखक सूचीबद्ध करने को है

जो ,इस्राएली अर्थात् उसके बेटे, पोते।

इस्राएल के परिवार के सदस्‍य।

हनोक, पल्लू, हेस्रोन, और कर्मी, यमूएल, यामीन, ओहद, याकीन, सोहर, और शाऊल, गेर्शोन, कहात, और मरारी थे।

यह सब आदमियों के नाम हैं।

Genesis 46:12

एर, ओनान, शेला।

यह यहूदा के बेटे है जो उसकी पत्‍नी शुआ के द्वारा हुए थे। देखे इसका अनुवाद 38:3 में कैसे किया गया है।

पेरेस, और जेरह। ,

यह यहुदा के बेटे थे जो उसकी बहू { तमार } के द्वारा उत्‍पन्‍न हुए। देखे इसका अनुवाद 38:29 में कैसे किया गया है।

हेस्रोन... हामूल... तोला, पुव्वा, योब... शिम्रोन... सेरेद, एलोन... यहलेल।

यह सब पुरषों के नाम है।

दीना।

यह लिआ कि बेटी का नाम है। देखे इस नाम अनुवाद 30:19 में कैसे किया गया है।

सब वंशवाले तैंतीस प्राणी हुए।

तीन - यहां "बेटे" और "बेटियां" याकूब के बेटों, बेटियों और पोते-पोतियों से संबंधित हैं। सब मिलाकर उसके कुल 33 बेटे-बेटिया और पोते-पोतिया थी।

Genesis 46:16

सपोन...हाग्गी, शूनी... एसबोन, एरी, अरोदी... अरेली... यिम्ना... यिश्वा, यिश्वी... बरीआ... हेबेर... मल्कीएल।

यह सब पुरषों के नाम है।

सेरह।

यह एक सत्री का नाम है।

जिल्पा।

यह नाम एक महिला का है जो कि लिआ कि सेविका थी। देखे इस नाम अनुवाद 29:23 में कैसे किया गया है।

उसके द्वारा याकूब के सोलह प्राणी उत्‍पन्‍न हुए।

यह 16 बच्‍चों को अर्थात पोते-पोतियों को और परपोते॒ परपोतियों को दर्षाता है, जो कि जिल्‍पा के साथ स्‍मबन्‍धित थे।

Genesis 46:19

आसनत।

आसनत एक औरत का नाम है जिसे फि़रोन ने यूसुफ को उसकी पत्‍नी होने को दिया। देखे इसका अनुवाद 41:44 में कैसे किया गया है।

पोतीपेरा।

पोतीपेरा आसनत का पिता था। देखे इसका अनुवाद 41:44 में कैसे किया गया है।

ओन के याजक।

ओन एक शहर है, जिसे हेलियोपोलिस भी कहा जाता है, जो "सूर्य का शहर" और सूर्य देव “रा“ की पूजा का केंद्र था। देखे इसका अनुवाद 41:44 में कैसे किया गया है।

बेला, बेकेर, अश्बेल, गेरा, नामान, एही, रोश, मुप्पीम, हुप्पीम, और अर्द।

यह पुरषों के नाम है।

सब चौदह प्राणी हुए।

यह कुल 14 बेटों और पोतों को दर्षाता है जो राहेल स्‍मबन्‍धित थे।

Genesis 46:23

हूशीम... येसेर, गूनी, सेसेर... शिल्लेम, बिल्हा।

यह पुरषों के नाम है।

बिल्हा।

यह एक सत्री का नाम है जो राहेल कि सेविका थी। देखे इस नाम का अनुवाद 29:28 में कैसे किया गया है।

सात प्राणी हुए।

यह 7 बच्‍चो को और पोतो को दर्षाता है जो बिल्‍हा से स्‍मबन्‍धित थे।

Genesis 46:26

छियासठ

66

सत्तर

70

Genesis 46:28

कि वह उसको गोशेन का मार्ग दिखाए।

कि उनको गोशेन का रसता दिखाए।

तब यूसुफ अपना रथ जुतवाकर चल दिया।

यहाँ पे यूसुफ नाम उसके सेवको को दर्षा रहा है,अत: यूसुफ के सेवको ने उसका रथ जुतवाया और यूसुफ चल दिया

अपने पिता इस्राएल से मिलने को गया।

यहाँ पे “को गया” शब्‍द ईसलिए इस्‍तेमाल किया गया है,क्‍योकि यूसुफ एक उच्‍चे स्‍थान से अपने पिता को मिलने को जा रहा था।

उसके गले से लिपटा, और कुछ देर तक उसके गले से लिपटा हुआ रोता रहा।

"अपने पिता के चारों ओर उपने हाथ लिपेट कर लिपट गया, और लंबे समय तक रोया"

“मैं अब मरने से भी प्रसन्‍न हूँ।

अब मैं मरने के लिए तैयार हुँ ।और अब मैं खुशी खुशी मर सकता हुँ।

मेने तुझे जीवित पाया और तेरा मुँह देख लिया।

यहाँ पे मुँह शब्‍द एक पुरे ईन्सा‍न के लिए इस्‍तेमाल किया गया है, यकुब अपने पिता को देखकर अपनी खुशी जाहिर कर रहा था। अत: कि अब मेने फीर एक बार तुजे जिन्‍दा पाया हैं।

Genesis 46:31

अपने पिता के घराने से।

यहाँ पर “घराना“ शब्‍द उसके परिवार को दर्शा रहा हैं। अत: “उसके परिवार के लोग“ या “उसके पिता का घर“

मैं जाकर फ़िरौन को यह समाचार दूँगा।

जब किसी व्यक्ति को किसी उचे अधिकारी के साथ बात करने जाना होता था, तो "मैं जाकर" शब्‍द का उपयोग करना आम बात थी। अत: "मैं फिरौन को बताऊंगा"।

फ़िरौन को यह समाचार दूँगा,’मेरे भाई... जो कुछ उनका है

यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इसे एक अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। अत: "फिरौन से कहो कि मेरे भाई ... उनके पास जो कुछ भी है"

Genesis 46:33

फिर ऐसा हुआ।

इस वाक्यांश का उपयोग यहां एक महत्वपूर्ण घटना को चिह्नित करने के लिए किया जाता है जो कहानी में होने वाली है।

बुलाकर पूछे, ‘तुम्हारा उद्यम क्या है?’ 34तब यह कहना।

यह एक भाव के भीतर एक भाव हैं। इसे एक अप्रत्यक्ष भाव के रूप में कहा जा सकता है। अत: और अगर तुमसे पुछे कि तुम क्‍या काम करते हो, तो तुम यह कहना।

यह कहना, ‘तेरे दास...वरन् हमारे पुरखा भी ऐसा ही करते थे।

यह एक भाव के भीतर एक भाव हैं। इसे एक अप्रत्यक्ष भाव के रूप में कहा जा सकता है। अत: तुम यह कहना कि तुम्‍हारे पास... तेरे दोनो और तुम्‍हारे पुरखे।

तेरे दास।

यूसुफ का परिवार के लोग फ़िरोन के साथ उसके दासो कि तरह बात कर रहे थे, जो कि किसी उच्‍च-पद वाले मनुष्‍य से बात करने का आदरणीय तरिका था।

सब चरवाहों से मिस्री लोग घृणा करते हैं।

मिस्री लोग के लिए सभी चरवाहे घिनौने थे।


Chapter 47

फ़िरौन द्वारा याकूब का स्वागत

1तब यूसुफ ने फ़िरौन के पास जाकर यह समाचार दिया, “मेरा पिता और मेरे भाई, और उनकी भेड़-बकरियाँ, गाय-बैल और जो कुछ उनका है, सब कनान देश से आ गया है; और अभी तो वे गोशेन देश में हैं।”2फिर उसने अपने भाइयों में से पाँच जन लेकर फ़िरौन के सामने खड़े कर दिए।

3फ़िरौन ने उसके भाइयों से पूछा, “तुम्हारा उद्यम क्या है?” उन्होंने फ़िरौन से कहा, “तेरे दास चरवाहे हैं, और हमारे पुरखा भी ऐसे ही रहे।”4फिर उन्होंने फ़िरौन से कहा, “हम इस देश में परदेशी की भाँति रहने के लिये आए हैं; क्योंकि कनान देश में भारी अकाल होने के कारण तेरे दासों को भेड़-बकरियों के लिये चारा न रहा; इसलिए अपने दासों को गोशेन देश में रहने की आज्ञा दे।”
5तब फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “तेरा पिता और तेरे भाई तेरे पास आ गए हैं,6और मिस्र देश तेरे सामने पड़ा है; इस देश का जो सबसे अच्छा भाग हो, उसमें अपने पिता और भाइयों को बसा दे; अर्थात् वे गोशेन देश में ही रहें; और यदि तू जानता हो, कि उनमें से परिश्रमी पुरुष हैं, तो उन्हें मेरे पशुओं के अधिकारी ठहरा दे।”
7तब यूसुफ ने अपने पिता याकूब को ले आकर फ़िरौन के सम्मुख खड़ा किया; और याकूब ने फ़िरौन को आशीर्वाद दिया।8तब फ़िरौन ने याकूब से पूछा, “तेरी आयु कितने दिन की हुई है?”9याकूब ने फ़िरौन से कहा, “मैं तो एक सौ तीस वर्ष परदेशी होकर अपना जीवन बिता चुका हूँ; मेरे जीवन के दिन थोड़े और दुःख से भरे हुए भी थे, और मेरे बापदादे परदेशी होकर जितने दिन तक जीवित रहे उतने दिन का मैं अभी नहीं हुआ।”10और याकूब फ़िरौन को आशीर्वाद देकर उसके सम्मुख से चला गया।
11तब यूसुफ ने अपने पिता और भाइयों को बसा दिया, और फ़िरौन की आज्ञा के अनुसार मिस्र देश के अच्छे से अच्छे भाग में, अर्थात् रामसेस नामक प्रदेश में, भूमि देकर उनको सौंप दिया।12और यूसुफ अपने पिता का, और अपने भाइयों का, और पिता के सारे घराने का, एक-एक के बाल-बच्चों की गिनती के अनुसार, भोजन दिला-दिलाकर उनका पालन-पोषण करने लगा।
अकाल और यूसुफ का प्रबन्ध

13उस सारे देश में खाने को कुछ न रहा; क्योंकि अकाल बहुत भारी था, और अकाल के कारण मिस्र और कनान दोनों देश नाश हो गए।14और जितना रुपया मिस्र और कनान देश में था, सबको यूसुफ ने उस अन्न के बदले, जो उनके निवासी मोल लेते थे इकट्ठा करके फ़िरौन के भवन में पहुँचा दिया।
15जब मिस्र और कनान देश का रुपया समाप्त हो गया, तब सब मिस्री यूसुफ के पास आ आकर कहने लगे, “हमको भोजनवस्तु दे, क्या हम रुपये के न रहने से तेरे रहते हुए मर जाएँ?”16यूसुफ ने कहा, “यदि रुपये न हों तो अपने पशु दे दो, और मैं उनके बदले तुम्हें खाने को दूँगा।”17तब वे अपने पशु यूसुफ के पास ले आए; और यूसुफ उनको घोड़ों, भेड़-बकरियों, गाय-बैलों और गदहों के बदले खाने को देने लगा: उस वर्ष में वह सब जाति के पशुओं के बदले भोजन देकर उनका पालन-पोषण करता रहा।
18वह वर्ष तो बीत गया; तब अगले वर्ष में उन्होंने उसके पास आकर कहा, “हम अपने प्रभु से यह बात छिपा न रखेंगे कि हमारा रुपया समाप्त हो गया है, और हमारे सब प्रकार के पशु हमारे प्रभु के पास आ चुके हैं; इसलिए अब हमारे प्रभु के सामने हमारे शरीर और भूमि छोड़कर और कुछ नहीं रहा।19हम तेरे देखते क्यों मरें, और हमारी भूमि क्यों उजड़ जाए? हमको और हमारी भूमि को भोजनवस्तु के बदले मोल ले, कि हम अपनी भूमि समेत फ़िरौन के दास हो और हमको बीज दे, कि हम मरने न पाएँ, वरन् जीवित रहें, और भूमि न उजड़े।”
20तब यूसुफ ने मिस्र की सारी भूमि को फ़िरौन के लिये मोल लिया; क्योंकि उस भयंकर अकाल के पड़ने से मिस्रियों को अपना-अपना खेत बेच डालना पड़ा। इस प्रकार सारी भूमि फ़िरौन की हो गई।21और एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक सारे मिस्र देश में जो प्रजा रहती थी, उसको उसने नगरों में लाकर बसा दिया।22पर याजकों की भूमि तो उसने न मोल ली; क्योंकि याजकों के लिये फ़िरौन की ओर से नित्य भोजन का बन्दोबस्त था, और नित्य जो भोजन फ़िरौन उनको देता था वही वे खाते थे; इस कारण उनको अपनी भूमि बेचनी न पड़ी।
23तब यूसुफ ने प्रजा के लोगों से कहा, “सुनो, मैंने आज के दिन तुम को और तुम्हारी भूमि को भी फ़िरौन के लिये मोल लिया है;* देखो, तुम्हारे लिये यहाँ बीज है, इसे भूमि में बोओ।24और जो कुछ उपजे उसका पंचमांश फ़िरौन को देना, बाकी चार अंश तुम्हारे रहेंगे कि तुम उसे अपने खेतों में बोओ, और अपने-अपने बाल-बच्चों और घर के अन्य लोगों समेत खाया करो।”
25उन्होंने कहा, “तूने हमको बचा लिया है; हमारे प्रभु के अनुग्रह की दृष्टि हम पर बनी रहे, और हम फ़िरौन के दास होकर रहेंगे।”26इस प्रकार यूसुफ ने मिस्र की भूमि के विषय में ऐसा नियम ठहराया, जो आज के दिन तक चला आता है कि पंचमांश फ़िरौन को मिला करे; केवल याजकों ही की भूमि फ़िरौन की नहीं हुई।
इस्राएल का गोशेन प्रदेश में बसना

27इस्राएली मिस्र के गोशेन प्रदेश में रहने लगे; और वहाँ की भूमि उनके वश में थी,* और फूले-फले, और अत्यन्त बढ़ गए।28मिस्र देश में याकूब सतरह वर्ष जीवित रहा इस प्रकार याकूब की सारी आयु एक सौ सैंतालीस वर्ष की हुई।
29जब इस्राएल के मरने का दिन निकट आ गया, तब उसने अपने पुत्र यूसुफ को बुलवाकर कहा, “यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो अपना हाथ मेरी जाँघ के तले रखकर शपथ खा, कि तू मेरे साथ कृपा और सच्चाई का यह काम करेगा, कि मुझे मिस्र में मिट्टी न देगा।*30जब मैं अपने बाप-दादों के संग सो जाऊँगा, तब तू मुझे मिस्र से उठा ले जाकर उन्हीं के कब्रिस्तान में रखेगा।” तब यूसुफ ने कहा, “मैं तेरे वचन के अनुसार करूँगा।”31फिर उसने कहा, “मुझसे शपथ खा।” अतः उसने उससे शपथ खाई। तब इस्राएल ने खाट के सिरहाने की ओर सिर झुकाकर प्रार्थना की। (इब्रा. 11:21)


Genesis 47:1

उसने अपने भाइयों में से पाँच जन लेकर

यूसुफ ने अपने भाइयों में से पाँच जन लेकर

Genesis 47:3

तेरे दास चरवाहे हैं।

तेरे सेवक झुंड की रखवाली करते हैं।

तेरे दास।

यूसुफ के भाई अपने आप को फ़िरौन के दास बता रहे है।

हमारे पुरखा भी ऐसे ही रहे।

हम और हमारे पूर्वज।

हम इस देश में परदेशी की भाँति रहने के लिये आए हैं।

हम कुछ समय के लिए ही मिस्र में रहने आए हैं।

चारा न रहा।

वहाँ पे उनके जानवरो के खाने को कुच्‍छ घास न थी।

इसलिए

यह एक बात पर ध्यान लगाने के लिए था

Genesis 47:5

मिस्र देश तेरे सामने पड़ा है.

इसका अर्थ यह है कि मिस्र का सारा देश तेरे लिए खुला है।

इस देश का जो सबसे अच्छा भाग हो, उसमें अपने पिता और भाइयों को बसा दे; अर्थात् वे गोशेन देश में।

अपने पिता और भाइयों को गोशेन देश में बसा जो की सबसे बड़िया इलाका है।

यदि तू जानता हो, कि उनमें से परिश्रमी पुरुष हैं।

फ़िरोन यूसुफ से पुश रहा था की इनमें से कोई परिश्रमी पुरुष हैं जो मेरे जानवरो कि देख-बाल कर सके।

Genesis 47:7

याकूब ने फ़िरौन को आशीर्वाद दिया।

याकूब ने फ़िरोन के घराने को और उसके कामो को आशीश।

तेरी आयु कितने दिन की हुई है?

तुम्‍हारी आयु कितनी है।

मैं तो एक सौ तीस वर्ष परदेशी होकर अपना जीवन बिता चुका हूँ।

इसका अर्थ यह है की उसने अपनी 130 साल कि उमर में काफी जगाहो पर सफर किया।

मेरे जीवन के दिन थोड़े...मेरे बापदादे परदेशी होकर जितने दिन तक जीवित रहे उतने दिन का मैं अभी नहीं हुआ।

याकूब यहाँ पे यह कहना चाह रहा है कि उसकी आयु अब्राम और ईजहाक के मुकाबले काफी शोटी है।

और दुःख से भरे।

याकूब ने अपने जिवन में काफी दुख और परेशनियों का अनुभव किया।

Genesis 47:11

तब यूसुफ ने अपने पिता और भाइयों को बसा दिया।

तब यूसुफ ने अपने पिता और भाइयों का अच्‍छा पालन पोषण किया और उन्‍हे वहाँ बसाने में मदद की।

अर्थात् रामसेस नामक प्रदेश में।

यह गोशेन देश का दूसरा नाम है।

उनकी निर्भरता कि गिनती के अनुसार।

उनके बाल बच्‍चों कि गिनती के अनुसार।

Genesis 47:13

मिस्र और कनान देश।

मिस्र देश के लोग और कनान देश के लोग।

नाश हो गए।

वे पतले और कमजोर हो गए।

और जितना रुपया मिस्र और कनान देश में था, सबको यूसुफ ने उस अन्न के बदले, जो उनके निवासी मोल लेते थे इकट्ठा किया।

मिस्र और कनान देश के लोगों ने अपना सारा पैसा यूसुफ से अन्न लेने में खर्च दिया।

इकट्ठा करके...में पहुँचा

यूसुफ ने अपने दासों को धन इकट्ठा करने और उसे महल में लाने का हुकम किया।

Genesis 47:15

जब मिस्र और कनान देश का रुपया समाप्त हो गया।

जब मिस्र और कनान देश के लोगो ने अपने सारे धन का उप्‍योग कर लिया।

मिस्र और कनान देश का।

मिस्र के देश से और कनान के देश से।

क्या हम रुपये के न रहने से तेरे रहते हुए मर जाएँ?

इसका यह अर्थ है कि मस्रियों ने ओर कनानियों ने अपना सारा धन खत्म कर दिया था और वे भुख से मरना नहीं चाहते थे इसलिए वे यूसुफ से खाने के लिए विनती कर रहे थे।

भोजन देकर उनका पालन-पोषण करता रहा।

इसका का अर्थ यह है की यूसुफ ने उनको भोजन दिया।

Genesis 47:18

वे उसके पास आए।

वे लोग यूसुफ के पास आए।

हम अपने प्रभु से यह बात छिपा न रखेंगे।

यहाँ पर प्रभु शब्‍द यूसुफ को दर्शा रहा है,और लोग उससे कह रहे है कि वे उससे कुछ ना छिपाए रखेंगे।

हमारे प्रभु के सामने हमारे पास कुछ नहीं रहा।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि मिस्रियों और कनानियों के पास यूसुफ को देने को ओर कुछ ना बचा था।

हम तेरे देखते क्यों मरें, और हमारी भूमि क्यों उजड़ जाए?

यहाँ पर वे लौग यूसुफ को कह रहे है की वे उन्‍हें मरने ना दे और उनकी भुमी कौ उजड़ने से बचा।

हम क्यों मरें...हम और हमारी भूमि।

क्‍योकि उनके पास बोने को कोई बीज ना था जिससे उनकी भूमि खराब हो गई, और उजड़ गई।

Genesis 47:20

इस प्रकार सारी भूमि फ़िरौन की हो गई।

तो वे फ़िरोन कि भूमि हो गई।

पर याजकों की भूमि तो उसने न मोल ली।

लेकिन उसने याजकों कि भूमि ना खरिदी।

याजकों के लिये फ़िरौन की ओर से नित्य भोजन का बन्दोबस्त था।

इसका अर्थ यह है की फ़ीरोन रोजना याजकों बोजन वस्‍तुए बेजा करता था।

नित्य जो भोजन फ़िरौन उनको देता था वही वे खाते थे।

वे जो कुच्‍छ फ़िरोन बेजता वे उसमें से खाया करते थे।

Genesis 47:23

इसे तुम भूमि में बोओ।

ताकि तुम बोओ।

जो कुछ उपजे उसका पंचमांश फ़िरौन को देना, बाकी चार अंश तुम्हारे रहेंगे।

इसका यह अर्थ है कि वे अपनी उपज के पांच हिस्‍से करे जिसमें से वह एक फ़िरोन को अपने भूगतान के रूप में दे और बाकी का चोधा हिसा वे खुद रख ले।

बाकी चार अंश तुम्हारे रहेंगे और तुम अपने-अपने बाल-बच्चों और घर के अन्य लोगों समेत खाया करो।”

कि बाकी का चार अंश उपने लिए अपने घराने के लीए और अपने बच्‍चो के लिए रख ले।

Genesis 47:25

हमारे प्रभु के अनुग्रह की दृष्टि हम पर बनी रहे।

इसका अर्थ यह है कि यूसुफ उन मयस्रियों और कनानियों के साथ दयालू बना रहे।

अनुग्रह की दृष्टि हम पर।

दया कि दृष्टि।

मिस्र की भूमि में।

मिस्र की समस्‍त भूमि में।

जो आज के दिन तक।

इसका मतलब यह है कि आज के इस समय तक।

पंचमांश

इसका यह अर्थ है कि वे अपनी उपज के पांच हिस्‍से करे जिसमें से वह एक फ़िरौन को अपने भूगतान के रूप में दे और बाकी का चौधा हिस्सा वे खुद रख लें।

Genesis 47:27

वे फूले-फले, और अत्यन्त बढ़ गए।

वे बहुत बढे़ और उनके बहुत बच्‍चे हुए।

फूले-फले।

इसका यह अर्थ है कि वे सफल हुए या उनके बच्‍चे हूए।

सतरह वर्ष

17 साल

इस प्रकार याकूब की सारी आयु एक सौ सैंतालीस वर्ष की हुई।

याकूब 147 साल जिन्‍दा रहा।

Genesis 47:29

जब इस्राएल के मरने का दिन निकट आ गया।

यह वाक्य इस्राएल के अनतिम समय को दर्षा रहा है।

यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो।

यदि मेने तुज्‍हे प्रसन्‍न किया हो।

अनुग्रह मुझ पर हो।

दया कि दृष्टि।

तो अपना हाथ मेरी जाँघ के तले रख।

यह चिन्‍ह एक अटुट वादे को दर्शा रहा है।

तू मेरे साथ कृपा और सच्चाई का यह काम करेगा।

मेरे साथ एक सच्‍चाई वाला और विश्‍वास योग्‍य ब्रताव कर।

मुझे मिस्र में मिट्टी न देना।

यहाँ पर इस्राएल यूसुफ से बिनती कर रहा है।

जब मैं अपने बाप-दादों के संग सो जाऊँ।

इसका यह अर्थ यह है कि इस्राएल अपने मरने के बाद उसके बाप-दादे जो उससे पहले मर चुंके थे उनके साथ मिलने कि बात कर रहा है।

मुझसे शपथ खा।

मुझसे वादा कर।

उसने उससे शपथ खाई।

उसने उससे वादा किया।


Chapter 48

याकूब द्वारा यूसुफ के पुत्रों को आशीर्वाद

1इन बातों के पश्चात् किसी ने यूसुफ से कहा, “सुन, तेरा पिता बीमार है।” तब वह मनश्शे और एप्रैम नामक अपने दोनों पुत्रों को संग लेकर उसके पास चला।2किसी ने याकूब को बता दिया, “तेरा पुत्र यूसुफ तेरे पास आ रहा है,” तब इस्राएल अपने को सम्भालकर खाट पर बैठ गया।

3और याकूब ने यूसुफ से कहा, “सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर ने कनान देश के लूज नगर के पास मुझे दर्शन देकर आशीष दी,4और कहा, ‘सुन, मैं तुझे फलवन्त करके बढ़ाऊँगा, और तुझे राज्य-राज्य की मण्डली का मूल बनाऊँगा, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को यह देश दूँगा, जिससे कि वह सदा तक उनकी निज भूमि बनी रहे।’
5और अब तेरे दोनों पुत्र, जो मिस्र में मेरे आने से पहले उत्‍पन्‍न हुए हैं, वे मेरे ही ठहरेंगे; अर्थात् जिस रीति से रूबेन और शिमोन मेरे हैं, उसी रीति से एप्रैम और मनश्शे भी मेरे ठहरेंगे।6और उनके पश्चात् तेरे जो सन्तान उत्‍पन्‍न हो, वह तेरे तो ठहरेंगे; परन्तु बँटवारे के समय वे अपने भाइयों ही के वंश में गिने जाएँगे।7जब मैं पद्दान से आता था, तब एप्राता पहुँचने से थोड़ी ही दूर पहले राहेल कनान देश में, मार्ग में, मेरे सामने मर गई; और मैंने उसे वहीं, अर्थात् एप्राता जो बैतलहम भी कहलाता है, उसी के मार्ग में मिट्टी दी।”
8तब इस्राएल को यूसुफ के पुत्र देख पड़े, और उसने पूछा, “ये कौन हैं?”9यूसुफ ने अपने पिता से कहा, “ये मेरे पुत्र हैं, जो परमेश्‍वर ने मुझे यहाँ दिए हैं।” उसने कहा, “उनको मेरे पास ले आ कि मैं उन्हें आशीर्वाद दूँ।”10इस्राएल की आँखें बुढ़ापे के कारण धुन्धली हो गई थीं, यहाँ तक कि उसे कम सूझता था। तब यूसुफ उन्हें उनके पास ले गया; और उसने उन्हें चूमकर गले लगा लिया।
11तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “मुझे आशा न थी, कि मैं तेरा मुख फिर देखने पाऊँगा: परन्तु देख, परमेश्‍वर ने मुझे तेरा वंश भी दिखाया है।”12तब यूसुफ ने उन्हें अपने पिता के घुटनों के बीच से हटाकर और अपने मुँह के बल भूमि पर गिरकर दण्डवत् की।13तब यूसुफ ने उन दोनों को लेकर, अर्थात् एप्रैम को अपने दाहिने हाथ से, कि वह इस्राएल के बाएँ हाथ पड़े, और मनश्शे को अपने बाएँ हाथ से, कि इस्राएल के दाहिने हाथ पड़े, उन्हें उसके पास ले गया।
14तब इस्राएल ने अपना दाहिना हाथ बढ़ाकर एप्रैम के सिर पर जो छोटा था, और अपना बायाँ हाथ बढ़ाकर मनश्शे के सिर पर रख दिया; उसने तो जान-बूझकर ऐसा किया; नहीं तो जेठा मनश्शे ही था।15फिर उसने यूसुफ को आशीर्वाद देकर कहा, “परमेश्‍वर जिसके सम्मुख मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक चलते थे वही परमेश्‍वर मेरे जन्म से लेकर आज के दिन तक मेरा चरवाहा बना है; (इब्रा. 11:21)16और वही दूत मुझे सारी बुराई से छुड़ाता आया है, वही अब इन लड़कों को आशीष दे; और ये मेरे और मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक के कहलाएँ; और पृथ्वी में बहुतायत से बढ़ें।” (इब्रा. 11:21)
17जब यूसुफ ने देखा कि मेरे पिता ने अपना दाहिना हाथ एप्रैम के सिर पर रखा है, तब यह बात उसको बुरी लगी; इसलिए उसने अपने पिता का हाथ इस मनसा से पकड़ लिया, कि एप्रैम के सिर पर से उठाकर मनश्शे के सिर पर रख दे।18और यूसुफ ने अपने पिता से कहा, “हे पिता, ऐसा नहीं; क्योंकि जेठा यही है; अपना दाहिना हाथ इसके सिर पर रख।”
19उसके पिता ने कहा, “नहीं, सुन, हे मेरे पुत्र, मैं इस बात को भली भाँति जानता हूँ यद्यपि इससे भी मनुष्यों की एक मण्डली उत्‍पन्‍न होगी, और यह भी महान हो जाएगा, तो भी इसका छोटा भाई इससे अधिक महान हो जाएगा, और उसके वंश से बहुत सी जातियाँ निकलेंगी।”20फिर उसने उसी दिन यह कहकर उनको आशीर्वाद दिया, “इस्राएली लोग तेरा नाम ले लेकर ऐसा आशीर्वाद दिया करेंगे, ‘परमेश्‍वर तुझे एप्रैम और मनश्शे के समान बना दे,’ ” और उसने मनश्शे से पहले एप्रैम का नाम लिया।
21तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “देख, मैं तो मरने पर हूँ परन्तु परमेश्‍वर तुम लोगों के संग रहेगा, और तुम को तुम्हारे पितरों के देश में फिर पहुँचा देगा।22और मैं तुझको तेरे भाइयों से अधिक भूमि का एक भाग देता हूँ,* जिसको मैंने एमोरियों के हाथ से अपनी तलवार और धनुष के बल से ले लिया है।” (यूह. 4:5)


Genesis 48:1

इन बातों के पश्चात् ।

यह वाक्‍य इस कहानी कि नई‍ शुरुआत को दर्शा रहा है।

किसी ने यूसुफ से कहा।

किसी ने यूसुफ को बताया।

सुन, तेरा पिता।

देख तेरा पिता।

संग लेकर।

यूसुफ अपने दोनो पुत्रो को संग लेकर गया।

किसी ने याकूब को बता दिया।

जब किसी ने याकूब को बताया।

तेरा पुत्र यूसुफ तेरे पास आ रहा है।

तेरा पुत्र यूसुफ तुझे देखने तेरे पास आ रहा है।

तब इस्राएल अपने को सम्भालकर खाट पर बैठ गया।

इस्राएल पुरी कोशिश करके खाट पर बैठ गया।

Genesis 48:3

लूज।

यह एक शेहर का नाम है।

“सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर ने कनान देश के लूज नगर के पास मुझे दर्शन देकर आशीष दी।

याकूब ने यूसुफ से कहा कि कनान देश में परमेश्‍वर ने उसे आशीष दी और उससे कहा।

आशीष।

यह परमेश्‍वर द्वारा किसी पे दया करना है।

4और कहा, ‘सुन, मैं तुझे फलवन्त करके बढ़ाऊँगा, और तुझे राज्य-राज्य की मण्डली का मूल बनाऊँगा, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को यह देश दूँगा, जिससे कि वह सदा तक उनकी निज भूमि बनी रहे।’

यहाँ पे परमेश्‍वर ने याकूब को फलवन्‍त करने की,उसके वंश को बढ़ाने कि और उसे बिन बिन राज्‍यों क मूल बनाने की और उनको वे देश देने कि आशिष दि जो सदा तक उनका बना रहेगा।

सुन।

यह‍ शब्‍द यहाँ पे इसलिए इस्‍तेमाल हुआ की याकूब परमेश्‍वर कि बाते ध्‍यान से सुने।

मैं तुझे फलवन्त करके बढ़ाऊँगा।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि परमेश्‍वर ने याकूब को बहुत सारे वंशज देने की आशिष दी।

और तुझे राज्य-राज्य की मण्डली का मूल बनाऊँगा।

मैं बहूत राज्‍यों में तेरे वंशज बनाऊगा।

वह सदा तक उनकी निज भूमि बनी रहे।’

सदा का अधिकार।

Genesis 48:5

अब।

इस शब्‍द का प्रयोग उन जरुरी बातों पर ध्‍यान देने के लिए किया गया है जो आगे है।

एप्रैम और मनश्शे भी मेरे ठहरेंगे।

एप्रैम और मनश्शे दोनो ने भूमी का एक एक हिस्‍सा लिया हुआ था जैसा कि यूसुफ के भाइ ने किया था।

उनके पश्चात् तेरे जो सन्तान उत्‍पन्‍न हो, वह तेरे तो ठहरेंगे; परन्तु बँटवारे के समय वे अपने भाइयों ही के वंश में गिने जाएँगे।

यहाँ इस वाक्य के दो अर्थ हो सकते है 1) युसफ की सन्तान

एप्राता।

यह बैतलहम के शहर का ही दुसरा नाम था।

जो बैतलहम भी कहलाता है

बैतलहम को एप्राता नाम से भी जाना जाता है।

Genesis 48:8

ये कौन हैं?

यह बेटे किसके हैं।

आशीर्वाद।

एक पिता आमतौर पर अपने बच्‍चों को और उनके बच्‍चों को आशीष देता है।

इस्राएल की आँखें... कम सूझता था।

अब इस समय तक इस्राएल काफी बुढ़ा हो गया था जिसके कारण उसकी आखें धुंदला गई जिसके कारन उसे कम दिखाई देता था।

उसने उन्हें चूमा।

इस्राएल ने उनको चुमा।

Genesis 48:11

कि मैं तेरा मुख फिर देखने पाऊँगा।

यहाँ पे मुख एक पुरे इनसान को दर्शा रहा है,अत: कि तुम्हे फिर देखने पाया।

घुटनों के बीच से।

जब यूसुफ ने अपने बेटों को इस्राएल के घुटनों के बीच बेठाया यह,यह दर्षाता है कि इस्राएल ने उन्‍हे अपनाया,यह याकूब से उन बच्‍चों को एक खास शिक्षा मिली।

अपने मुँह के बल भूमि पर गिरकर।

यूसुफ ने अपने घुटनो पे आकर अपने पिता को आदर दिया।

मनश्शे को अपने बाएँ हाथ से, कि इस्राएल के दाहिने हाथ पड़े।

यूसुफ ने मनश्‍शे को इस्राएल के दाहिने हाथ इसलिए रखा क्‍योकि वह बड़ा था और इसलिए भी कि वह बड़ी आशिष पाए।

Genesis 48:14

तब इस्राएल ने अपना दाहिना हाथ बढ़ाकर एप्रैम के सिर पर रखा।

इसका यह अर्थ है कि एप्रैम ने इस्राएल द्वारा बड़ी आशिष पाई।

उसने यूसुफ को आशीर्वाद दिया।

इस्राएल ने यूसुफ को और उसके बेटों को आशिर्वाद दिया।

परमेश्‍वर जिसके सम्मुख मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक चलते थे।

वह परमेश्‍वर जिसकी मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक ने सेवा की।

वही परमेश्‍वर मेरा चरवाहा बना।

परमेश्‍वर ने इस्राएल कि देखबाल वैसे कि जैसे एक चरवाहा अपनी बेढ़ो कि करता है।

दूत।

यह वह दूत हे जिसे परमेश्‍वर ने इस्राएल की रकशा के लिए बेजा था।

मुझे सारी बुराई से छुड़ाता।

मुझे बचा लिया।

ये मेरे और मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक के कहलाएँ।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है की इस्राएल ने चाहा कि परमेश्‍वर करे कि एप्रैम और मनश्‍शे द्वारा उसे और उसके बापदादे अब्राहम और इसहाक को जाद किया जाँए।

पृथ्वी में बहुतायत से बढ़ें।

यहाँ पे एप्रैम को और मनश्‍शे को आशिष दी जा रही है की वे बहूत से वंशज पाए जो पुरी पृथ्‍वी पर बहुतायत से बड़े।

Genesis 48:17

अपना दाहिना हाथ इसके सिर पर रख।

दाहिना हाथ बड़ी बरकत का प्रतिक है जिसके हकदार बड़े बेटे ही होते है।

Genesis 48:19

इससे भी मनुष्यों की एक मण्डली उत्‍पन्‍न होगी, और यह भी महान हो जाएगा।

तेरे बड़े बेटे के भी बहुत वंशज होंगे और वे महान लोगो कि एक बड़ी मंडली होगी।

उसी दिन यह कहकर।

उस दिन इस्राएल ने कहा।

इस्राएली लोग तेरा नाम ले लेकर ऐसा आशीर्वाद दिया करेंगे।

इस्राएली लोग तुम्‍हारा नाम लेकर दुसरों को आशीर्वाद देंगे।

तेरा नाम ले लेकर ऐसा आशीर्वाद दिया करेंगे, ‘परमेश्‍वर तुझे एप्रैम और मनश्शे के समान बना दे।

तुम्हारा नाम लेकर ,परमेश्‍वर को कहेंगे कि वह दुसरो को भी एप्रैम और मनश्शे के समान बनाए।

एप्रैम और मनश्शे के समान बना दे।

इस्राएल ने एप्रैम का नाम पेहले लिया क्‍योकि वह जानता था की वह मनश्‍शे से बहुत महान होगा।

उसने मनश्शे से पहले एप्रैम का नाम लिया।

इस्राएल ने एप्रैम को बहुतायत से अशिष दि और एप्रैम को मनश्‍शे से यादा महत्‍वपुर्ण जाना।

Genesis 48:21

तुम लोगों के संग रहेगा, और तुम को तुम्हारे पितरों के देश में फिर पहुँचा देगा।

यहाँ पे इस्राएल के सभी लोगो की बात कि जा रही है।

तुम लोगों के संग रहेगा।

परमेश्‍वर तुम्‍हारी मदद करेगा ओर तुम्‍हें आशिष देगा।

तुम को पहुँचा देगा।

तुमको ले जाएगा।

तुम्हारे पितरों के देश में।

तुम्हारे पुर्वजो के देश में।

मैं तुझको तेरे भाइयों से अधिक भूमि का एक भाग देता हूँ।

मैं तुझको तेरे भाइयों से अधिक एक पहाड़ कि चौटी देता हुँ।

तुझको।

यहाँ पर यूसुफ की बात की जा रही है।

जिसको मैंने एमोरियों के हाथ से अपनी तलवार और धनुष के बल से ले लिया है।

वह पहाड़ कि चोटी मैने एमोरियों से युध्‍द करके जीती है।


Chapter 49

याकूब की भविष्यद्वाणी

1फिर याकूब ने अपने पुत्रों को यह कहकर बुलाया, “इकट्ठे हो जाओ, मैं तुम को बताऊँगा, कि अन्त के दिनों में तुम पर क्या-क्या बीतेगा।2हे याकूब के पुत्रों, इकट्ठे होकर सुनो, अपने पिता इस्राएल की ओर कान लगाओ।

3“हे रूबेन, तू मेरा जेठा, मेरा बल, और मेरे पौरूष का पहला फल है;
प्रतिष्ठा का उत्तम भाग, और शक्ति का भी उत्तम भाग तू ही है।
4तू जो जल के समान उबलनेवाला है, इसलिए दूसरों से श्रेष्ठ न ठहरेगा;
क्योंकि तू अपने पिता की खाट पर चढ़ा,
तब तूने उसको अशुद्ध किया;
वह मेरे बिछौने पर चढ़ गया।
5शिमोन और लेवी तो भाई-भाई हैं,
उनकी तलवारें उपद्रव के हथियार हैं।
6हे मेरे जीव, उनके मर्म में न पड़,
हे मेरी महिमा, उनकी सभा में मत मिल;
क्योंकि उन्होंने कोप से मनुष्यों को घात किया,
और अपनी ही इच्छा पर चलकर बैलों को पंगु बनाया।
7धिक्कार उनके कोप को, जो प्रचण्ड था;
और उनके रोष को, जो निर्दय था;
मैं उन्हें याकूब में अलग-अलग
और इस्राएल में तितर-बितर कर दूँगा।
8हे यहूदा, तेरे भाई तेरा धन्यवाद करेंगे,
तेरा हाथ तेरे शत्रुओं की गर्दन पर पड़ेगा;
तेरे पिता के पुत्र तुझे दण्डवत् करेंगे।
9यहूदा* सिंह का बच्चा है।
हे मेरे पुत्र, तू अहेर करके गुफा में गया है
वह सिंह अथवा सिंहनी के समान दबकर बैठ गया;
फिर कौन उसको छेड़ेगा। (प्रका. 5:5)
10जब तक शीलो न आए
तब तक न तो यहूदा से राजदण्ड छूटेगा,
न उसके वंश से व्यवस्था देनेवाला अलग होगा;
और राज्य-राज्य के लोग उसके अधीन* हो जाएँगे। (यूह. 11:52)
11वह अपने जवान गदहे को दाखलता में,
और अपनी गदही के बच्चे को उत्तम
जाति की दाखलता में बाँधा करेगा; (प्रका. 7:14, प्रका. 22:14)
उसने अपने वस्त्र दाखमधु में,
और अपना पहरावा दाखों के रस में धोया है।
12उसकी आँखें दाखमधु से चमकीली
और उसके दाँत दूध से श्वेत होंगे।
13जबूलून समुद्र तट पर निवास करेगा,
वह जहाजों के लिये बन्दरगाह का काम देगा,
और उसका परला भाग सीदोन के निकट पहुँचेगा
14इस्साकार एक बड़ा और बलवन्त गदहा है,
जो पशुओं के बाड़ों के बीच में दबका रहता है।
15उसने एक विश्रामस्थान देखकर, कि अच्छा है,
और एक देश, कि मनोहर है,
अपने कंधे को बोझ उठाने के लिये झुकाया,
और बेगारी में दास का सा काम करने लगा।
16दान इस्राएल का एक गोत्र होकर अपने
जाति भाइयों का न्याय करेगा।
17दान मार्ग में का एक साँप,
और रास्ते में का एक नाग होगा,
जो घोड़े की नली को डसता है,
जिससे उसका सवार पछाड़ खाकर गिर पड़ता है।
18हे यहोवा, मैं तुझी से उद्धार पाने की बाट जोहता आया हूँ।
19गाद पर एक दल चढ़ाई तो करेगा;
पर वह उसी दल के पिछले भाग पर छापा मारेगा।
20आशेर से जो अन्न उत्‍पन्‍न होगा वह उत्तम होगा,
और वह राजा के योग्य स्वादिष्ट भोजन दिया करेगा।
21नप्ताली एक छूटी हुई हिरनी है;
वह सुन्दर बातें बोलता है।
22यूसुफ बलवन्त लता की एक शाखा है,
वह सोते के पास लगी हुई फलवन्त लता की एक शाखा है;
उसकी डालियाँ दीवार पर से चढ़कर फैल जाती हैं।
23धनुर्धारियों ने उसको खेदित किया,
और उस पर तीर मारे,
और उसके पीछे पड़े हैं।
24पर उसका धनुष दृढ़ रहा,
और उसकी बाँह और हाथ याकूब के
उसी शक्तिमान परमेश्‍वर के हाथों के द्वारा फुर्तीले हुए,
जिसके पास से वह चरवाहा आएगा,
जो इस्राएल की चट्टान भी ठहरेगा।
25यह तेरे पिता के उस परमेश्‍वर का काम है,
जो तेरी सहायता करेगा,
उस सर्वशक्तिमान का जो तुझे
ऊपर से आकाश में की आशीषें,
और नीचे से गहरे जल में की आशीषें,
और स्तनों, और गर्भ की आशीषें देगा।
26तेरे पिता के आशीर्वाद
मेरे पितरों के आशीर्वादों से अधिक बढ़ गए हैं
और सनातन पहाड़ियों की मनचाही वस्तुओं
के समान बने रहेंगे वे यूसुफ के सिर पर,
जो अपने भाइयों से अलग किया गया था,
उसी के सिर के मुकुट पर फूले फलेंगे।
27बिन्यामीन फाड़नेवाला भेड़िया है,
सवेरे तो वह अहेर भक्षण करेगा,
और सांझ को लूट-बाँट लेगा।”

28इस्राएल के बारहों गोत्र ये ही हैं और उनके पिता ने जिस-जिस वचन से उनको आशीर्वाद दिया, वे ये ही हैं; एक-एक को उसके आशीर्वाद के अनुसार उसने आशीर्वाद दिया।
याकूब को मिट्टी देने संबंधी आज्ञा

29तब उसने यह कहकर उनको आज्ञा दी, “मैं अपने लोगों के साथ मिलने पर हूँ: इसलिए मुझे हित्ती एप्रोन की भूमिवाली गुफा में मेरे बाप-दादों के साथ मिट्टी देना,* (प्रेरि. 7:16)30अर्थात् उसी गुफा में जो कनान देश में मम्रे के सामने वाली मकपेला की भूमि में है; उस भूमि को अब्राहम ने हित्ती एप्रोन के हाथ से इसलिए मोल लिया था, कि वह कब्रिस्तान के लिये उसकी निज भूमि हो।
31वहाँ अब्राहम और उसकी पत्‍नी सारा को मिट्टी दी गई थी; और वहीं इसहाक और उसकी पत्‍नी रिबका को भी मिट्टी दी गई; और वहीं मैंने लिआ को भी मिट्टी दी।32वह भूमि और उसमें की गुफा हित्तियों के हाथ से मोल ली गई।”33याकूब जब अपने पुत्रों को यह आज्ञा दे चुका, तब अपने पाँव खाट पर समेट प्राण छोड़े, और अपने लोगों में जा मिला। (प्रेरि. 7:15)


Genesis 49:1

समान्‍य जानकारी।

यहाँ से आगे याकूब ने अपने बेटों को आखरी आशिषें दी।

इकट्ठे हो जाओ और सुनो, हे याकूब के पुत्रों।, अपने पिता इस्राएल की ओर कान लगाओ।

आओं और अपने पिता को ध्‍यान से सुनों।

हे याकूब के पुत्रों, अपने पिता इस्राएल की ओर कान लगाओ।

यहाँ पे याकूब अपने बेटो को भुला रहा है कि हे मेरे पुत्रों मेरे पास आओं और मेरी सुनो।

Genesis 49:3

तू मेरा जेठा, मेरा बल, और मेरे पौरूष का पहला फल है।

इस पूरे वाक्‍य का यह अर्थ है कि याकूब बच्‍चों को जन्‍म देने में योग्‍य था,अत: याकूब के मर्द बनने के बाद रूबेन उसका जेठा अर्थ उसके पहला पुत्र हुआ।

प्रतिष्ठा का उत्तम भाग, और शक्ति का भी उत्तम भाग।

तू सम्‍मान और शक्ति में सबसे उत्‍तम होगा और सम्‍मान और शक्ति में तेरे से आगे कोई ना जा सकेगा।

जो जल के समान उबलनेवाला है।

इस वाक्य का यह अर्थ है कि याकूब अपने गुस्‍से को काभू में नहीं रख सकता और वह स्‍धिर नही है।

तू दूसरों से श्रेष्ठ न ठहरेगा।

तू अपने भाईयों से पहले न होगा ।

क्योंकि तू अपने पिता की खाट पर चढ़ा, तब तूने उसको अशुद्ध किया और मेरे बिछौने पर चढ़ गया।

इसका यह अर्थ है कि वह याकूब कि रखैल के साथ सोया जिससे उसने याकूब को शर्मिंदा किया।

तू अपने पिता की खाट पर चढ़ा... तू मेरे बिछौने पर चढ़ गया।

इसका अर्थ यह है कि याकूब का जेठा पुत्र उसकी रखैल के साथ सोया।

Genesis 49:5

शिमोन और लेवी तो भाई-भाई हैं।

यह दोनो जन्‍म से तो भाई ना थे पर याकुब ने इस बात पे जौर डाला कि दोनो ने साथ मिलकर शकैम के लोगो को मारा।

उनकी तलवारें उपद्रव के हथियार हैं।

उन्‍होने ने अपनी तलवारो का इस्‍तेमाल लोगो को दुख पँहुचाने को और उन्‍हे मारने के लिए किया।

हे मेरे जीव... हे मेरी महिमा।

इन दानो शब्‍दो का एक हि अर्थ है और यहाँ पे याकूब यह कहना चाह रहा है कि परमेश्‍वर ने स्‍वय उसको इतना आदर दिया है कि वह उन दुष्‍टो के कामो मे शामिल नही होना चाहता था।

उनके मर्म में न पड़; उनकी सभा में मत मिल।

यहाँ पे याकूब यह कहना चाह रहा था कि वह उनके इन दुष्‍ट कामों में उनका सहभागी नही बनना चाहता था।

बैलों को पंगु बनाया।

इस वाक्‍य हमे यह दर्शाता है की शिमोन और लेवी ने अपने आन्नद के लिए उन बैलों को विकलांग बना दिया।

पंगु बनाया।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि किसी जानवर के पेर के रेशेदार ऊतक को काट देना ताकि वह चल ना सके।

Genesis 49:7

धिक्कार उनके कोप को, जो प्रचण्ड था; और उनके रोष को, जो निर्दय था।

यहाँ पर परमेश्‍वर कह रहा है कि मैं शिमोन और लेवी को उनके कोप जो प्रचण्ड था और उनके रोष के लिए जो निर्दय था, उनको शाप दुंगा।

धिक्कार उनके कोप को।

यहाँ पे परमेश्‍वर और एक नबी के रीशते को दर्षाया गुया हैं।

और उनके रोष को, जो निर्दय था।

और मैं उनके रोष के कारण जो निर्दय था उन्‍हें शाप दुगा।

मैं उन्हें याकूब में अलग-अलग और इस्राएल में तितर-बितर कर दूँगा।

यहाँ पे परमेश्‍वर कह रहे है कि वह शिमोन और लेवी के वशंजो को अलग अलग कर देगा और उन्‍हे इस्राएल में तितर-बितर कर दूँगा।

Genesis 49:8

तेरे भाई तेरा धन्यवाद करेंगे... तेरे पिता के पुत्र तुझे दण्डवत् करेंगे।

इन दोनो वाक्‍यों क एक ही मतलब है,कि उसके भाई उसका आदर मान करेंगे।

तेरा धन्यवाद करेंगे, तेरा हाथ।

तेरे कामों के कारण तेरी प्रशंसा करेंगे।

तेरा हाथ तेरे शत्रुओं की गर्दन पर पड़ेगा।

इसका यह अर्थ है कि वह अपने‍ दुशमनों पे विज्‍य प्राप्‍त करेगा।

दण्डवत् करेंगे।

इसका यह अर्थ है कि अपने घुटनो के बल जुक्‍कर किसी को आदर और सम्‍मान देना।

Genesis 49:9

यहूदा* सिंह का बच्चा है।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि याहूदा एक शेर के सम्‍मान शक्‍तिशाली है।

हे मेरे पुत्र, तू अहेर करके गुफा में गया है ।

तू मेरे पुत्र अपने शिकार को खाकर वापिस आ गया।

सिंहनी के समान।

जिस तरह एक सिंहनी वह एक दरजे की शिकरी होती है और उपने बच्‍चो कि रक्षा भी अच्‍छे से करती है।उसी सम्‍मान याकूब भी यहूदा को मानता है।

फिर कौन उसको छेड़ेगा।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि यहूदा दुसरो के लिए एक ऐसा भय योग्‍य इनसान है जिसको कोई भी उसको जगाने हिम्‍मत नही करता।

Genesis 49:10

तब तक न तो यहूदा से राजदण्ड छूटेगा, \q न उसके वंश से व्यवस्था देनेवाला अलग होगा।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है की शासन करने की शक्ति हमेशा यहूदअ के वशंजो के साथ रहेगी।

जब तक शीलो न आए ।

शीलोह का अर्थ है "श्रद्धांजलि।" अत: जब तक राष्ट्र उसे मानते हैं और उसे श्रद्धांजलि देते हैं

राज्य-राज्य के लोग उसके अधीन हो जाएँगे।

इसका यह अर्थ है कि राज्य-राज्य के लोग उसे मानेंगे।

Genesis 49:11

वह अपने गदहे... में बाँधा करेगा।

वे दाखलताँए अंगुरो से इतनी भड़ी हूई थी कि अगर उसमें से कुच्‍छ गदहे भी खाले तो उसके स्‍वामी को कोई फर्क नही पड़ता।

अपने... उसने

यह दोनो शब्‍द यहूदा के वंशजो को दर्षा रहे है।

उसने... दाखों के रस में धोया है।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि वहाँ इतने अंगुर थे की वे अपने कपड़ो को भी उसके रस में धोते थे।

उसने धोया है।

यह वाक्‍य भविष्‍य में पुरी हुई भविष्‍यवानी को दर्षाता है कि जैसे काम होना था वैसे ही हुआ।

दाखों के रस में।

इस वाक्‍य का अर्थ है वे अंगुरो क रस जो खुन के सम्‍मान था।

उसकी आँखें दाखमधु से चमकीली होंगी।

इस वाक्‍य का यह अर्थ हो सकता है कि लोगो कि आँखे ज्‍यादा दाखमधु पीने से लाल हो गई थी।

उसके दाँत दूध से श्वेत होंगे।

यह वाक्‍य हमेको यह स्‍पष्‍ट करता है की वहाँ पे बहुत गाय बैल थे जिससे उनके पास पीने को बहुत दुध हुआ करता था।

Genesis 49:13

जबूलून निवास करेगा।

यह वाक्‍यु जबूलुन के वंशजो को दर्षा रहा है।

वह जहाजों के लिये बन्दरगाह का काम देगा।

यहाँ पे उन बन्दरगाहो कि बात कि जा रही है जो जबूलुन के लोगो ने बनाईं थी और वह शहर के जहाजों को पनाह प्रदान करते थे।

बन्दरगाह।

यह एक समुन्‍दर का ही हिस्‍सा है जो जमिन के बिलकुल पास होता है और वह जगहा जहाजों के लिए बहुत सुरक्‍शित होती है।

Genesis 49:14

इस्साकार एक बलवन्त गदहा है।

इसका अर्थ यह है कि वे बहुत मेहनत वाले काम करेगे। अत: “इस्साकार के वंशज एक बलवन्त गधे की तरह होंगे।

इस्साकार एक।

अक्‍सर भविष्‍यवानियों कि घटनाओं में जो भविष्‍य मे होने वाली हो, उन्‍में कुछ ऐसा बताया जाता है जो पहले से हि घटी हो। जैसे कि यहाँ पे लेखक ने यहाँ पे बताया है कि इस्‍साकार एक बड़ा और बलवन्‍त गदहा है।

इस्साकार... उसने देखा... उसने अपने।

यहाँ पे इस्‍साकार के वशंजो कि बात कि जा रही है,अत: इस्‍साकार के वशंज... वे देखेंगे... वे करेंगे।

पशुओं के बाड़ों के बीच में दबका रहता है।

यहाँ पे याकूब इस्‍साकार के वशंजो कि बात कर रहा है की वह गदहो कि तरह कढ़िण काम करने वाले और फिर दबाकर आराम करने वाले है।

एक विश्रामस्थान कि अच्छा है एक देश, कि मनोहर है,

एक विश्रामस्थान जो अच्छा हो और एक स्‍थान जो सुहावना हो।

उसने अपने कंधे को बोझ उठाने के लिये झुकाया।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि वह कढ़िण काम करते थे कि वह भाड़ी बीझ उढ़ा सके।

बेगारी में दास का सा काम करने लगा।

वे दुसरो का काम उनके दासों कि तरह करते थे।

Genesis 49:16

दान अपने जाति भाइयों का न्याय करेगा।

यहाँ पे दान अपने वंशजो को दर्षा रहा है,अत: दान के वंशज अपने लोगो का न्‍याय करेंगे।

अपने जाति भाइयों का।

इसका यह अर्थ हो सकता है की दान के लोग या इस्राएल के लोग।

दान मार्ग में का एक साँप होगा।

याकूब यहाँ पे दान के वंशजो को एक साप के सम्‍मान बता रहा हे कि जिस तरहा एक छोटा सांप घोड़े की नली को डसकर उसके सवार को पछाड़ खिलवाकर गिरा सकता है वैसे ही दान के वंशज भी थोड़े होंगे पर वे अपने दुश्‍मनो के लिए उतने ही खतरनाक भी होंगे। अत: दान के वंशज भी एक सांप के सम्‍मान होगे जो सड़क किनारे होता है।

हे यहोवा, मैं तुझी से उद्धार पाने की बाट जोहता आया हूँ।

इस वाक्‍य का यह अर्थ है कि यहोवा मैं तेरी बाट जोहता हुँ की तु मुझे आकर बच्‍चा ले।

बाट जोहना।

यहाँ पे याकूब अपने बाट जोहने कि बात कर रहा है।

Genesis 49:19

गाद... आशेर... नप्ताली।

यह यहाँ पे अपने अपने वंश को दर्षा रहे है।

उनके पिछले भाग पर।

यहाँ पे उस दल कि बात कि जा रही है जो गाद के वंशजो से दूर बाग निकली।

जो अन्न उत्‍पन्‍न होगा वह उत्तम होगा।

यहाँ पे उत्‍तम शब्‍द का अर्थ है स्‍वादिष्‍ट ।

नप्ताली एक छूटी हुई हिरनी है।

यहाँ पे याकूब नप्‍तालियों के वंशजो कि बात कर रहा है कि यदी वे एक हिरनी के सम्‍मान होते तो जो भागने में स्‍वतंत्र है तो वह तेज संदेशवाहक होते।अत: नप्‍तालियों के वंशज एक हिरनी के सम्‍मान होंगे जो चलने में स्‍वतंत्र होंगे।

वह सुन्दर बातें बोलता है।

इसका यह अर्थ है की वे सुन्‍दर शब्‍द ओर सुन्‍दर बाते किया करते थे।

Genesis 49:22

यूसुफ फलवन्त शाखा है।

यहाँ पर याकूब यूसुफ के वंशजो कि बात कर रहा है कि जैसे एक पेड़ कि शाखा काफी फलवन्त होती है

शाखा।

एक पेड़ की एक मुख्य शाखा।

उसकी डालियाँ दीवार पर से चढ़कर फैल जाती हैं।

वे डालियाँ जो दीवार पे बढ़ रहीं थी और फैलती जा रही थी वे ऐसे लग रही थी जैसे चड़ाई कर रही हो।

Genesis 49:24

समान्‍य जानकारी।

याकूब ने यूसुफ और उसके वंशज को आशिर्वाद देना जारी रखा।

उसका धनुष दृढ़ रहा।

उसने अपना धनुष बड़ी मजबुती से पकड़े रखा कि वे अपने दुशमनो को घात करे।

उसका धनुष... उसका हाथ।

यहाँ पर “उसका“ शब्‍द यूसुफ को दर्शाता है जो अपने वंशजो को दर्शा रहा है। अत: उनके धनुष... उनके हाथ।

उसके हाथ फुर्तीले हुए।

इसका अर्थ यह है की उसकी बाहों में इतनी ताकत थी उसने अपने धनुष को स्‍थिर् रखा।

शक्तिमान परमेश्‍वर के हाथा।

यहाँ पर परमेश्‍वर के हाथों की ताकत का जिक्र किया गया है।

चरवाहे के नाम के द्वारा।

यहाँ पर नाम एक पुरे पुरुष को दर्शा रहा है।अत: चरवाहे के कारण।

चरवाहा।

यहाँ पर यकूब यहोवा को चरवाहा कह रहा है क्‍योंकि वह उसको सहीं राह दिखाएगा और उनको बचाएगा भी।

चट्टान।

यहाँ पर याकूब कह रहा है कि यदि यहोवा एक चट्टान हो तो उसके लोग उसपे चड़कर अपने दुशमनो से भच सकते है,वह इस बात पे जोर देता है कि यहोवा उसके लोगो कि रक्षा करेगा।

Genesis 49:25

सामान्य जानकारी।

याकूब ने यूसुफ और उसके वंशज को आशिर्वाद देना जारी रखा।

जो तेरी सहायता करेगा... जो तुझे आशीषें देगा।

इसका यह अर्वथ है की यहोवा यूसुफ के वंश की सहायता करेगा और उनको आशीषें देगा।

आकाश में की आशीषें।

आकाश में की आशीषें, का अर्थ है कि यहोवा आकाश से बारिश करके उनकी फसलों को बड़ाएगा।

नीचे से गहरे जल में की आशीषें।

वह उस गहरे जल कि बात कर रहा है जिसका जल नदियों और कुऔं में आता है।

और स्तनों, और गर्भ की आशीषें देगा।

यहाँ पे “स्तनों, और गर्भ“ उनकी सत्रियों के माँ बनने को और उनके बच्चो को दुध पिलाने कि आशीष को दर्षाता है।

Genesis 49:26

सामान्‍य जानकारी।

याकूब ने यूसुफ और उसके वंशज को आशिर्वाद देना जारी रखा।

सनातन पहाड़ियों।

इसका अर्थ सनातन पहाड़ियों शब्‍द कि जगहा उनके पुर्वज भी हो सकते है।

वे यूसुफ के सिर पर बने रहेंगे।

यहाँ पे वे शब्‍द यूसुफ के पिता द्वारा दि गई आशिषों को दर्षा रहा है।

उसी के सिर के मुकुट पर जो उनके भाईयों का राजकुमार था।

याकूब कि यह चाह थी कि वे सब आशिषें उन पर भी हो जो उसके वंशजो में सबसे महत्‍वपुर्ण है अत: सबसै महत्‍वपुर्ण यूसुफ के वंश के सिर पर।

भाईयों का राजकुमार।

अपने भाईयों में सबसे उत्‍तम।

Genesis 49:27

बिन्यामीन फाड़नेवाला भेड़िया है।

यहाँ पे बिन्यामीन उसके वंशज को दर्षा रहा है। और यहाँ याकूब यह कहना चाह रहा है उसके वंशज भी उसके जैसे फाड़नेवाला भेड़िया है।

Genesis 49:28

इस्राएल के बारहों गोत्र ये ही हैं।

इस वाक्‍य में याकूब के पुत्रों को दर्षाया गया है,ओर वह अपने अपने गोत्र पर प्रदान डहरे।

जब उसने उनको आशीर्वाद दिया।

यह वाक्य उनको दि गई आशिषों को दर्षाता हैं।

एक-एक को उसके आशीर्वाद के अनुसार उसने आशीर्वाद दिया।

उसने एक एक कि योग्‍यता के अनुसार उन्‍हें आशिष दी।

उसने उनको आज्ञा दी।

उसने उनको हुकम किया।

मैं अपने लोगों के साथ मिलने पर हूँ।

यह एक विनम्र तरिका है यह कहने का कि वह मरने पर हैं।अत: वह मरने पर था।

अपने लोगों के साथ मिलने पर।

यहाँ पर याकूब उसके मरने के बाद उसकी आत्‍मा के उसके बाप-दादे अर्थ अब्राम ओर इज्‍हाक के साथ ज मिलने कि बात कह रहा है

हित्ती एप्रोन।

यह एक पुरुष का नाम है, हित्ती अर्थात उसके वंशज।

मकपेला

मकपेला एक स्‍थान का नाम है।

मम्रे।

यह हेब्रोन शहर का दुसरा नाम है, यह अब्राम के मित्र के नाम पर पड़ा था जो वहाँ रहा करता था।

Genesis 49:31

सामान्‍य जानकारी।

याकूब अपने बेटों से बात करनी जारी रखता है।

वह भूमि मोल ली गई थी।

वह भूमि अब्राम के द्वारा मोल ली गई थी

हित्तियों के हाथ से।

हित्‍त के लोगो से।

जब अपने पुत्रों को यह आज्ञा दे चुका।

उसने अपने बेटों को आदेश देना बन्‍द किया।

उसने अपने पाँव खाट पर समेटे।

वह अपनी खाट पर ही बेठा था ओर अब उसने अपने पाँव अपनी खाट पर किए कि वह खाट पर लेट सके।

उसने अपने प्राण छोड़े।

यह एक विनम्र तरीका है यह कहने का कि वह मर गया।

वह अपने लोगों में जा मिला।

यकूब के मरने के बाद उसकी आत्‍मा उसके उन रिशतेदारो से जा मिली जो उससे पहले मर चुके थे।


Chapter 50

याकूब की मृत्यु

1तब यूसुफ अपने पिता के मुँह पर गिरकर रोया और उसे चूमा।2और यूसुफ ने उन वैद्यों को, जो उसके सेवक थे, आज्ञा दी कि उसके पिता के शव में सुगन्ध-द्रव्य भरे; तब वैद्यों ने इस्राएल के शव में सुगन्ध-द्रव्य भर दिए।3और उसके चालीस दिन पूरे हुए, क्योंकि जिनके शव में सुगन्ध-द्रव्य भरे जाते हैं, उनको इतने ही दिन पूरे लगते है; और मिस्री लोग उसके लिये सत्तर दिन तक विलाप करते रहे।

4जब उसके विलाप के दिन बीत गए, तब यूसुफ फ़िरौन के घराने के लोगों से कहने लगा, “यदि तुम्हारे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो तो मेरी यह विनती फ़िरौन को सुनाओ,5मेरे पिता ने यह कहकर, ‘देख मैं मरने पर हूँ,’ मुझे यह शपथ खिलाई, ‘जो कब्र मैंने अपने लिये कनान देश में खुदवाई है उसी में तू मुझे मिट्टी देगा।’ इसलिए अब मुझे वहाँ जाकर अपने पिता को मिट्टी देने की आज्ञा दे, तत्पश्चात् मैं लौट आऊँगा।”6तब फ़िरौन ने कहा, “जाकर अपने पिता की खिलाई हुई शपथ के अनुसार उनको मिट्टी दे।”
7इसलिए यूसुफ अपने पिता को मिट्टी देने के लिये चला, और फ़िरौन के सब कर्मचारी, अर्थात् उसके भवन के पुरनिये, और मिस्र देश के सब पुरनिये उसके संग चले।8और यूसुफ के घर के सब लोग, और उसके भाई, और उसके पिता के घर के सब लोग भी संग गए; पर वे अपने बाल-बच्चों, और भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों को गोशेन देश में छोड़ गए।9और उसके संग रथ और सवार गए, इस प्रकार भीड़ बहुत भारी हो गई।
10जब वे आताद के खलिहान तक, जो यरदन नदी के पार है, पहुँचे, तब वहाँ अत्यन्त भारी विलाप किया, और यूसुफ ने अपने पिता के लिये सात दिन का विलाप कराया।11आताद के खलिहान में के विलाप को देखकर उस देश के निवासी कनानियों ने कहा, “यह तो मिस्रियों का कोई भारी विलाप होगा।” इसी कारण उस स्थान का नाम आबेलमिस्रैम पड़ा, और वह यरदन के पार है।
याकूब के शव को मकपेला में गाड़ा जाना

12इस्राएल के पुत्रों ने ठीक वही काम किया जिसकी उसने उनको आज्ञा दी थी:13अर्थात् उन्होंने उसको कनान देश में ले जाकर मकपेला की उस भूमिवाली गुफा में, जो मम्रे के सामने हैं, मिट्टी दी; जिसको अब्राहम ने हित्ती एप्रोन के हाथ से इसलिए मोल लिया था, कि वह कब्रिस्तान के लिये उसकी निज भूमि हो।14अपने पिता को मिट्टी देकर यूसुफ अपने भाइयों और उन सब समेत, जो उसके पिता को मिट्टी देने के लिये उसके संग गए थे, मिस्र लौट आया।
भाइयों को आश्वासन देना

15जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि हमारा पिता मर गया है, तब कहने लगे, “कदाचित् यूसुफ अब हमारे पीछे पडे़, और जितनी बुराई हमने उससे की थी सब का पूरा बदला हम से ले।”16इसलिए उन्होंने यूसुफ के पास यह कहला भेजा, “तेरे पिता ने मरने से पहले हमें यह आज्ञा दी थी,17‘तुम लोग यूसुफ से इस प्रकार कहना, कि हम विनती करते हैं, कि तू अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा कर; हमने तुझ से बुराई की थी, पर अब अपने पिता के परमेश्‍वर के दासों का अपराध क्षमा कर’।” उनकी ये बातें सुनकर यूसुफ रो पड़ा।
18और उसके भाई आप भी जाकर उसके सामने गिर पड़े, और कहा, “देख, हम तेरे दास हैं।”*19यूसुफ ने उनसे कहा, “मत डरो, क्या मैं परमेश्‍वर की जगह पर हूँ?20यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्‍वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिससे वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं।21इसलिए अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन-पोषण करता रहूँगा।” इस प्रकार उसने उनको समझा-बुझाकर शान्ति दी।
यूसुफ की मृत्यु

22यूसुफ अपने पिता के घराने समेत मिस्र में रहता रहा, और यूसुफ एक सौ दस वर्ष जीवित रहा।23और यूसुफ एप्रैम के परपोतों तक को देखने पाया और मनश्शे के पोते, जो माकीर के पुत्र थे, वे उत्‍पन्‍न हुए और यूसुफ ने उन्हें गोद में लिया।
24यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, “मैं तो मरने पर हूँ; परन्तु परमेश्‍वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा,* और तुम्हें इस देश से निकालकर उस देश में पहुँचा देगा, जिसके देने की उसने अब्राहम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाई थी।” (इब्रा. 11:22)25फिर यूसुफ ने इस्राएलियों से यह कहकर कि परमेश्‍वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, उनको इस विषय की शपथ खिलाई, “हम तेरी हड्डियों को यहाँ से उस देश में ले जाएँगे।” (इब्रा. 11:22)26इस प्रकार यूसुफ एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया: और उसकी शव में सुगन्ध-द्रव्य भरे गए, और वह शव मिस्र में एक शवपेटी में रखा गया।


Genesis 50:1

तब वह अपने पिता के मुँह पर गिरा।

शब्द "वह गिर गया" दूर होने के लिए एक मुहावरा है। कि वह दुख में अपने पिता के मुह पर गिर पड़ा।

वैद्यों को, जो उसके सेवक थे।

उसके सेवक“ जिन्होंने शवों की देखभाल की ।”

उसके पिता के शव में सुगन्ध-द्रव्य भरे।

सुगन्ध-द्रव्य "शव" को दफनाने से पहले शव को संरक्षित करने का एक विशेष तरीका है उसके पिता को दफनाने के लिए त्‍यार करे।

उन्‍होनें चालिस दिन लिए।

उन्‍होनें 40 दिन लिए।

सत्तर दिन।

70 दिन।

Genesis 50:4

विलाप के दिन।

उसके शोक के दिन" या "उसके लिए रोने के दिन"।

यूसुफ फ़िरौन के घराने के लोगों से कहने लगा।

यहाँ "घराने के लोगों " उन अधिकारियों के लिए है जो फ़िरौन के शाही दरबार का निर्माण करते हैं। "यूसुफ ने फिरौन के अधिकारियों से बात की"

यदि तुम्हारे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।

यह वाक्‍य “तुम्‍हारी दृष्टि“ एक शब्‍दार्थ है जो यूसुफ के विचारो को और उसकी राय को दर्षाता है, "अगर मैंने आपके साथ अनुग्रह पाया है" या "यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं।"

अनुग्रह की दृष्टि।

यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि कोई व्यक्ति किसी और के द्वारा मंजूर है।

यह विनती फ़िरौन को सुनाओ, 5मेरे पिता ने यह कहकर, ‘देख मैं मरने पर हूँ,’ मुझे यह शपथ खिलाई, ‘जो कब्र मैंने अपने लिये कनान देश में खुदवाई है उसी में तू मुझे मिट्टी देगा।’ इसलिए अब मुझे वहाँ जाकर अपने पिता को मिट्टी देने की आज्ञा दे, तत्पश्चात् मैं लौट आऊँगा।”

इसे हम आसान शब्‍दों में ऐसे लिख सकते है कि कृप्या फिंरोन से कहो की मेरे पिता ने मुझे शपथ खिलाई थी कि मैं उन्‍के मरने के बाद उन्‍हे उस कबर में मिटी दु जो उन्‍होने अपने लिए कनान देश में खुदवाई थी, कृप्या उसे बोलो कि वह मुझे जाने दे कि मे अपने पिता को मिटी देदूं फिर मैं लोट आऊगा।

देख मैं मरने पर हूँ।

देख मैं मर रहा हूँ।

मुझे वहाँ जाने दें।

इस वाक्‍य का प्रयोग करना आम था कि” मुझे जाने दे”, जब मिस्र से कनान कि यात्रा हो रही हो।

फ़िरौन ने कहा।

इसका मतलब यह है कि फिंरोन के उच अधिकारियों ने फिंरोन से बात की थी और अब फिंरोन यूसुफ को जवाब दे हा है।

अपने पिता की खिलाई हुई शपथ के अनुसार।

वैसे हि जेसे तुने अपने पिता से शपथ खाई थी।

Genesis 50:7

यूसुफ चला गया।

इस वाक्‍य का प्रयोग करना आम था कि” मुझे जाने दे”, जब मिस्र से कनान कि यात्रा हो रही हो।

सब कर्मचारी...भवन के पुरनिये... सब पुरनिये।

फिरौन के सभी महत्वपूर्ण नेता दफन जुलूस में शामिल हुए।

भवन के पुरनिये।

यह व्यक्ति एक शाही सलाहकार था।

उसके भवन के पुरनिये।

यहाँ "भवन के पुरनिये" का अर्थ फिरौन के शाही दरबार से है।

मिस्र देश और यूसुफ के घर के सब लोग, और उसके भाई, और उसके पिता के घर के सब लोग।

इसे एक नए वाक्य के रूप में लिखा जा सकता है: "मिस्र की भूमि। जोसेफ के घराने के लोग, उसके भाई और उसके पिता के घराने भी उसके पास गया"

यूसुफ के घर के...पिता के घर के।

यहॉं पे “घर के” शब्‍द उनके परिवारो को दर्षा रहा है।

रथ।

यहाँ यह शब्‍द रथों में सवार पुरुषों के लिए है।

भीड़ बहुत भारी हो थी।

वह एक बहुत बड़ी सभा थी।

Genesis 50:10

जब वे पहुँचे।

यहॉं पर “वे“ शब्‍द उन लोगो को दर्शाता है जिन्‍होने मिटी देने कि परमप्रा में हिस्‍सा लिया था।

आताद के खलिहान।

इसके सम्‍मभव मतलब यह हो सकते है 1: आताद शब्‍द का अर्थ है कांटे, और वह उस स्‍थान को दर्षाता है जहॉं भारी मातरा में कांटे उगते हो। 2: यह उस व्यक्ति का नाम हो सकता है जो उन खलिहानो का मालिक था।

वहाँ अत्यन्त भारी विलाप किया।

वह अत्यन्त दुखी थे, और उन्‍होंने बहुत विलाप किया।

सात दिन।

7 दिन।

आताद के खलिहान में।

आताद के ताड़े हुए खलिहान में।

यह तो मिस्रियों का कोई भारी विलाप होगा।

मिस्रियों का विलाप बहूत बड़ा था।

आबेलमिस्रैम।

यहॉं पे अनुवादक ने एक पद-चिन जोड़ा है जो केहता है कि नाम आबेलमिस्रैम अर्थ है मिस्रियों का विलाप।

Genesis 50:12

इस्राएल के पुत्रों ने।

जाकूब के पुत्रों ने।

जिसकी उसने उनको आज्ञा दी थी।

जैसा की उसने उन्‍हें निर्देशित किया था

उन्होंने उसको ले जाकर।

उसके बेटो ने उसके शव को उढ़ाया।

मकपेला।

मकपेला एक जगहा और कसबे का नाम था। देखे आपने कैसे इसका अनुवाद 23:7 में किया था।

मम्रे।

यह हब्रोन शहर का एक और नाम था और यह शायद मम्रे के बाद ही पड़ा था, अब्राम का एक मित्र भी वहाँ रहता था।देखे आपने कैसे इसका अनुवाद 13:16 में किया था।

हित्ती एप्रोन।

यह एक पुरुष का नाम है, हित्‍ती का मतलब हैत के वंशज। देखे आपने कैसे इसका अनुवाद 23:7 में किया था।

यूसुफ मिस्र लौट आया।

यूसुफ मिस्र में वापिस आ गया।

उन सब समेत, जो उसके पिता को मिट्टी देने के लिये उसके संग गए थे।

वो सब लोग जो उसके साथ आए थे।

Genesis 50:15

“कदाचित् यूसुफ अब हमारे पीछे पडे़, और हमसे पूरा बदला ले।

यहाँ क्रोध की बात की जा रही है जैसे कि यह कुछ भौतिक था जिसे यूसुफ ने अपने हाथों में पकड़ हुआ था।, क्‍या होता अगर यूसुफ हमसे अभी तक सच में नराज रहता।

जितनी बुराई हमने उससे की थी सब का पूरा बदला हम से ले।

किसी को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ बदला लेने की बात की जाती है, जैसे कि वह व्यक्ति उन दुसरे व्यक्तियों का भुगतान कर रहा था, जिस पर उनका बकाया है। उस बुरे काम का बदला लेना चाहता है जो हमने उससे किया था।

“तेरे पिता ने मरने से पहले हमें यह आज्ञा दी थी, 17‘तुम लोग यूसुफ से इस प्रकार कहना, कि हम विनती करते हैं, कि तू अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा कर; हमने तुझ से बुराई की थी।

तेरे पिता ने अपने मरने से पहले हमे यह आदेश दिया कि हम तुजे यह बताए कि हमने तेरे साथ जो भी बुड़े काम किए है तु हमें हमारे उन कामो के लिए माफ कर।

तेरे पिता ने मरने से पहले हमें यह आज्ञा दी थी।

जकुब उन सभी भाईयों का पिता था, यहाँ पर वे तेरे पिता पर इस लिए जोर दे रहे है कि जूसुफ ,जो उसके पिता ने कहा है उन बातो पर ध्‍यान दें॥ हमारे पिता ने मरने से पहले यह कहा।

उनके पापों को क्षमा कर; हमने तुझ से बुराई की थी।

उन सभी दुष्‍ट कामो के लिए जो उन्‍होने तेरे साथ किए।

अब।

इस शब्‍द का मतलब “ईस समय“ नहीं, पर वह इसलिए इसतेमाल हुआ है की हमारा उन जरुरी सुचनाओ पर ध्‍यान दिलाए जो आगे हैं।

अपने पिता के परमेश्‍वर के दासों का अपराध क्षमा कर।

यहाँ पे उसके भाई अपने आप को उसके पिता के परमेश्‍वर के सेवक बता रहे है, यह पहले व्‍यक्ति में कहा जा सकता है, “कृप्‍या हमे माफ कर”, हमारे पिता के परमेश्‍वर के सेवक।

उनकी ये बातें सुनकर यूसुफ रो पड़ा।

यूसुफ यह समाचार सुनकर रोने लगा।

Genesis 50:18

उसके सामने गिर पड़े।

वे अपने सीरो को जमीन कि तरफ जुकाकर उसके सामने जुक गए। वह यूसुफ के लिए एक मानवता और आदर का संकेत था।

क्या मैं परमेश्‍वर की जगह पर हूँ?

यूसुफ यह सवाल का ईस्ते‍माल अपने भाईयों ले आराम के लिए पुछता है; मैं परमेश्‍वर कि जगह पे नही हुँ यां मैं परमेश्‍वर नही हुँ

तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था।

"तुमने मेरे खिलाफ बुराई करने का इरादा रखा था।

परमेश्‍वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया।

परमेश्‍वर ने यह इरादा अच्छे के लिए रखा।

इसलिए अब मत डरो।

इसलिए मुझसे मत डरो।

मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन-पोषण करता रहूँगा।

"मैं हमेशा ध्‍यान रखुँगा कि तुम्‍हारे और तुम्‍हारे बच्चों के खाने के लिए पर्याप्त बोजन हो।

इस प्रकार उसने उनको समझा-बुझाकर शान्ति दी।

उसने उन पर दया करके उन्हें दिलासा दिया।

Genesis 50:22

एक सौ दस वर्ष।

110 वर्ष।

एप्रैम के परपोतों तक।

एप्रैम के बच्‍चे और उसके परपोतें।

माकीर।

यह युसुफ के पोते का नाम था।

यूसुफ ने उन्हें गोद में लिया।

इस का मतलब है कि यूसुफ ने माकीर के इन बच्चों को अपने बच्चों के रूप में अपनाया। इसका मतलब यह है कि उनके पास जोसेफ के विशेष उत्तराधिकार होंगे।

Genesis 50:24

निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा।

50:24 में “तुम्हारी“ शब्‍द यूसुफ के भाईयों

तुम्हें इस देश से निकालकर उस देश में पहुँचा देगा।

उस समय “पहुँचा देगा“ शब्‍द मिस्र देश से कनान देश कि यात्रा कि बात के दौरान आम-तौर पर इस्ते‍माल किया जाता था। “तुम्हें इस देश से बाहर निकालकर उस देश में पहुँचाएगा”।

उसकी शव में सुगन्ध-द्रव्य भरे गए।

सुगन्ध-द्रव्य शव के मिट्टी में दबाए जाने से पहले उसे सभाले रखने का बहुत ही खास तरिका है। देखिए कैसे आपने सुगन्ध-द्रव्य का अनुवाद 50:1 में किया है ।

उसकी शव रखा गया।

इसे हम सरल शब्‍दों में ऐसे लिख सकते है, कि उन्‍होने उसे रखा।

शवपेटी में।

“एक छाती में“ या “ एक सन्‍दुक में”। यह एक ढ़िब्बा है जिसमे एक मृत व्‍यक्‍ति के शव को रखा जाता है।