Judges
Chapter 1
1 यहोशू के मरने के बाद इस्राएलियों ने यहोवा से पूछा, “कनानियों के विरुद्ध लड़ने को हमारी ओर से पहले कौन चढ़ाई करेगा?” 2 यहोवा ने उत्तर दिया*, “यहूदा चढ़ाई करेगा; सुनो, मैंने इस देश को उसके हाथ में दे दिया है।” 3 तब यहूदा ने अपने भाई शिमोन से कहा, “मेरे संग मेरे भाग में आ, कि हम कनानियों से लड़ें; और मैं भी तेरे भाग में जाऊँगा।” अतः शिमोन उसके संग चला। 4 और यहूदा ने चढ़ाई की, और यहोवा ने कनानियों और परिज्जियों को उसके हाथ में कर दिया; तब उन्होंने बेजेक में उनमें से दस हजार पुरुष मार डाले। 5 और बेजेक में अदोनीबेजेक को पाकर वे उससे लड़े, और कनानियों और परिज्जियों को मार डाला। 6 परन्तु अदोनीबेजेक भागा; तब उन्होंने उसका पीछा करके उसे पकड़ लिया, और उसके हाथ पाँव के अँगूठे काट डाले। 7 तब अदोनीबेजेक ने कहा, “हाथ पाँव के अँगूठे काटे हुए सत्तर राजा मेरी मेज के नीचे टुकड़े बीनते थे; जैसा मैंने किया था, वैसा ही बदला परमेश्वर ने मुझे दिया है।” तब वे उसे यरूशलेम को ले गए और वहाँ वह मर गया। 8 यहूदियों ने यरूशलेम से लड़कर उसे ले लिया, और तलवार से उसके निवासियों को मार डाला, और नगर को फूँक दिया। 9 और तब यहूदी पहाड़ी देश और दक्षिण देश, और नीचे के देश में रहनेवाले कनानियों से लड़ने को गए। 10 और यहूदा ने उन कनानियों पर चढ़ाई की जो हेब्रोन में रहते थे (हेब्रोन का नाम तो पूर्वकाल में किर्यतअर्बा था); और उन्होंने शेशै, अहीमन, और तल्मै को मार डाला। 11 वहाँ से उसने जाकर दबीर के निवासियों पर चढ़ाई की। दबीर का नाम तो पूर्वकाल में किर्यत्सेपेर था।
12 तब कालेब ने कहा, “जो किर्यत्सेपेर को मारके ले ले उससे मैं अपनी बेटी अकसा का विवाह कर दूँगा।” 13 इस पर कालेब के छोटे भाई कनजी ओत्नीएल ने उसे ले लिया; और उसने उससे अपनी बेटी अकसा का विवाह कर दिया। 14 और जब वह ओत्नीएल के पास आई, तब उसने उसको अपने पिता से कुछ भूमि माँगने को उभारा; फिर वह अपने गदहे पर से उतरी, तब कालेब ने उससे पूछा, “तू क्या चाहती है?” 15 वह उससे बोली, “मुझे आशीर्वाद दे; तूने मुझे दक्षिण देश तो दिया है, तो जल के सोते भी दे।” इस प्रकार कालेब ने उसको ऊपर और नीचे के दोनों सोते दे दिए। 16 मूसा के साले, एक केनी मनुष्य की सन्तान, यहूदी के संग खजूरवाले नगर से यहूदा के जंगल में गए जो अराद के दक्षिण की ओर है, और जाकर इस्राएली लोगों के साथ रहने लगे। 17 फिर यहूदा ने अपने भाई शिमोन के संग जाकर सपत में रहनेवाले कनानियों को मार लिया, और उस नगर का सत्यानाश कर डाला। इसलिए उस नगर का नाम होर्मा* पड़ा। 18 और यहूदा ने चारों ओर की भूमि समेत गाज़ा, अश्कलोन, और एक्रोन को ले लिया। 19 यहोवा यहूदा के साथ रहा, इसलिए उसने पहाड़ी देश के निवासियों को निकाल दिया; परन्तु तराई के निवासियों के पास लोहे के रथ थे, इसलिए वह उन्हें न निकाल सका। 20 और उन्होंने मूसा के कहने के अनुसार हेब्रोन कालेब को दे दिया: और उसने वहाँ से अनाक के तीनों पुत्रों को निकाल दिया। 21 और यरूशलेम में रहनेवाले यबूसियों को बिन्यामीनियों ने न निकाला; इसलिए यबूसी आज के दिन तक यरूशलेम में बिन्यामीनियों के संग रहते हैं। 22 फिर यूसुफ के घराने ने बेतेल* पर चढ़ाई की; और यहोवा उनके संग था। 23 और यूसुफ के घराने ने बेतेल का भेद लेने को लोग भेजे। और उस नगर का नाम पूर्वकाल में लूज था। 24 और भेदियों ने एक मनुष्य को उस नगर से निकलते हुए देखा, और उससे कहा, “नगर में जाने का मार्ग हमें दिखा, और हम तुझ पर दया करेंगे।” 25 जब उसने उन्हें नगर में जाने का मार्ग दिखाया, तब उन्होंने नगर को तो तलवार से मारा, परन्तु उस मनुष्य को सारे घराने समेत छोड़ दिया। 26 उस मनुष्य ने हित्तियों के देश में जाकर एक नगर बसाया, और उसका नाम लूज रखा; और आज के दिन तक उसका नाम वही है। 27 मनश्शे ने अपने-अपने गाँवों समेत बेतशान, तानाक, दोर, यिबलाम, और मगिद्दो के निवासियों को न निकाला; इस प्रकार कनानी उस देश में बसे ही रहे। 28 परन्तु जब इस्राएली सामर्थी हुए, तब उन्होंने कनानियों से बेगारी ली, परन्तु उन्हें पूरी रीति से न निकाला। 29 एप्रैम ने गेजेर में रहनेवाले कनानियों को न निकाला; इसलिए कनानी गेजेर में उनके बीच में बसे रहे। 30 जबूलून ने कित्रोन और नहलोल के निवासियों को न निकाला; इसलिए कनानी उनके बीच में बसे रहे, और उनके वश में हो गए। 31 आशेर ने अक्को, सीदोन, अहलाब, अकजीब, हेलबा, अपीक, और रहोब के निवासियों को न निकाला था; 32 इसलिए आशेरी लोग देश के निवासी कनानियों के बीच में बस गए; क्योंकि उन्होंने उनको न निकाला था। 33 नप्ताली ने बेतशेमेश और बेतनात के निवासियों को न निकाला, परन्तु देश के निवासी कनानियों के बीच में बस गए; तो भी बेतशेमेश और बेतनात के लोग उनके वश में हो गए।। 34 एमोरियों ने दानियों को पहाड़ी देश में भगा दिया, और तराई में आने न दिया; 35 इसलिए एमोरी हेरेस नामक पहाड़, अय्यालोन और शाल्बीम में बसे ही रहे, तो भी यूसुफ का घराना यहाँ तक प्रबल हो गया कि वे उनके वश में हो गए। 36 और एमोरियों के देश की सीमा अक्रब्बीम नामक पर्वत की चढ़ाई से आरम्भ करके ऊपर की ओर थी।
Judges 1:1
जोडने वाला वाक्य:
न्यायियों की पुस्तक की कहानी लगातार यहोशू के मरने के बाद एक नई कहानी को बताती है।
यहोवा
यह परमेश्वर का नाम है जो उसने पुराने नियम मे अपने लोगो के लिए प्रकाशित किया है।
कनानियों के विरुद्ध लड़ने को
यहाँ शब्द “हम” इस्राएल के लोगो को दर्शाता है।
यहूदा चढ़ाई करेगा
यहाँ यहूदा पुरुष यहूदा के गोत्र को दर्शाता है यहोवा ने यहूदा के पुरुषों को सबसे पहले मारने की आज्ञा दी थी।
सुनो
“देखो”।
देश
यह कनानियो का देश हे जहाँ पर वह रहते थे।
अपने भाई
“अपने इस्राएली भाई”।
मेरे संग मेरे भाग में आ
यहूदा और शिमोन के गोत्रो के लोग इस्राएलियो डेरा डाले हुए थे और यहूदा की दी गई पर्वत की घाटियो मे भी थे और उन्होने कहा हमारे साथ आओ।
मैं भी तेरे भाग में जाऊँगा… उसके संग चला
“यह सपष्ट रूप में कहा जा सकता है कि यहोवा ने कहा मै तेरे भाग मे जाऊगा…और यहोवा उसके संग चलेगा”।
मेरे संग मेरे भाग में आ
“हमे भी तुम्हारे साथ जाना होगा”।
Judges 1:4
और यहूदा ने चढ़ाई की
इसका अर्थ यह है कि शिमोन के आदमियो ने यहूदा के आदमियों के साथ हमला किया।
उनमें से दस हजार पुरुष मार डाले
“उसने 10,000 को मारा”।
उसके
कनानियों और परिज्जियों की सेना दुश्मन है।
बेजेक
यह कनान की पर्वतों का इलाका है।
अदोनीबेजेक
यह आदमी कनानियों और परिज्जियों की सेना का हाकिम था।
वे उससे लड़े
यहाँ “वे” शब्द अदोनीबेजेक और उसकी सेना को दर्शाता है। कि वे उसके और उसकी सेना के खिलाफ लड़े।
Judges 1:6
उसका पीछा करके
"उसका पीछा किया”।
सत्तर राजा
“७० रजा”।
हाथ पाँव के अँगूठे काटे हुए
यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि जिसके पैर की बड़ी ऊँगलिया हमने काँट दी थी।
मेरी मेज के नीचे टुकड़े बीनते थे
अदोनीबेजेक ने राजाओ को अपमानित करते हुए कहा कि मेरी मेज़ के नीचे जो टुकड़े पड़े उनको खाने के लिए कहा।
Judges 1:8
यरूशलेम से लड़कर उसे ले लिया
यहाँ “शहर” लोगो को दर्शाता है।कि जो लोग येरुशलम मे रहते थे उनसे लड़े।
उनको मार ड़ाला
यहाँ शब्द यह शहर मे रहने वाले लोगो को दर्शाता है। कि उसने शहर के लोगो पर हमला किया।
तलवार से उसके निवासियों को मार डाला
यहाँ “तलवार” और लड़ाई मे उस से लड़ने वाले हथियारो को दर्शाता है कि उन्होने “अपनी तलवारो से मार ड़ाला”।
यहूदा ने उन पर चढ़ाई की
यहाँ नीचे शब्द येरूश्लम की यात्रा करने वाले लोगो को दर्शाता है कि वह यहूदा के पुरषो से लड़ने के लिए चले गये।
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पहाड़ी
पहाड़ी की सीमा।
हेब्रोन का नाम तो पूर्वकाल में किर्यतअर्बा था
यह एक पुरानी जानकारी है। जिन लोगो ने सबसे पहले इस पुस्तक को पड़ा था शायद किर्यतअर्बा के बारे मे सुना था पर यह नही जानते थे की यह वही शहर है जीसकॊ वह हेब्रोन के नाम से जानते थे।
शेशै, अहीमन, और तल्मै
यह हेब्रोन और कनानियो के तीनो हाकिमों के नाम है।शेशै, अहीमन, और तल्मै और उनके दुश्मन।
Judges 1:11
दबीर का नाम तो पूर्वकाल में किर्यत्सेपेर था
दबीर के नगर को किर्यत्सेपेर कहा जाता है।
पूर्वकाल
जो समय बीत चुका है।
जो किर्यत्सेपेर को मारके ले ले
यहाँ “किर्यत्सेपेर“ लोगो को दर्शाता है कि जो भी किर्यत्सेपेर लोगो को हरा कर उसके शहर ले लेता है।
अकसा
यह कालेब की बेटी का नाम है।
ओत्नीएल, कनजी का पुत्र
यह पुरषो के नाम है।
Judges 1:14
माँगने को उभारा
असका ने ओत्नीएल के आगे आग्रह किया।
भूमि माँगने को उभारा...फिर वह अपने गदहे पर से उतरी, तब कालेब ने उससे पूछा
इसका अर्थ यह है कि कबेल ने उसे मैदान दिया था जब उसने इसके लिए आयत १४ मे पूछा था आयत १५ मे अब उस खेत के पानी के बिना झरने की माँग की है।
मुझे आशीर्वाद दे
“यह मेरे लिए करो”।
मुझे आशीर्वाद दे; तूने मुझे दक्षिण देश तो दिया है
कालेब ने ओत्नीएल से शादी करने के लिए असाह को दिया इस लिए वह शहर मे ओत्नीएल के सअथ
Judges 1:16
मूसा के साले
मूसा की पत्नी के पिता।
केनी मनुष्य की सन्तान,
ससुर जो केन लोगो मे से एक था ऊपर चला गया।
खजूरवाले नगर के संग … जंगल में गए
“वह खजूरवाले नगर से निकल कर … जंगल मे चले गये।
खजूरवाले नगर
इस शहर का दूसरा नाम यरीहो है।
अराद
यह कनान के शहर का नाम है।
अपने भाई शिमोन के संग
यहाँ “भाई” जो इस्राएल के किसी दूसरे गोत्र के थे।
सपत
यह कनान के शहर का नाम है।
इसलिए उस नगर का नाम होर्मा* पड़ा
इस्राएलियो ने सपत को नाश करके उस देश का नाम हमोर रख दिया जिसका अर्थ है पूरा किया।
Judges 1:18
यहोवा यहूदा के साथ रहा,
यहाँ “साथ रहा” का अर्थ है कि यहोवा ने यहूदा के लोगो की मदद की।
रथ
यह एक बहुत बड़ी जमीन है जिस पर पेड़ नही है।
Judges 1:20
हेब्रोन कालेब को दे दिया(मूसा के कहने के अनुसार)
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता हे कि मूसा ने काबेल को हेब्रोन को दिया।
अनाक के तीनों पुत्रों
वो जो तीनो समूहो के नेता थे वे अनाक के पुत्र थे।
अनाक
यह एक पुरष का नाम है। अनाक का वंश बहुत लंबा होने के कारण बहुत प्रसिद्ध थे।
आज के दिन
यह उस समय को दर्शाता है जिस समय न्यायियो की किताब लिखी गयी थी।
Judges 1:22
यूसुफ के घराने
यहाँ “घर” उनके वंशजो को दर्शाता है मनश्शे और एप्रेम युशुफ के पुत्र और यह युशुफ के घराने को दर्शाते है ।
बेतेल का भेद
यहाँ “बेतेल” बेतेल मे रहने वाले लोगो को दर्शाता है।
भेद
गुप्त मे जानकारी प्राप्त करना।
उस नगर का नाम पूर्वकाल में लूज था
यह एक पुष्ठभूमि की जानकारी है कि जिन व्यक्तियो ने इस पुस्तक को सबसे पहले पड़ा पहले इस शहर का नाम बेतेल था फिर यता नही कैसे लूज पड गया।
भेदियों
यह वे लोग है जो गुप्त मे जानकारी प्राप्त करते है।
Judges 1:25
उन्हें नगर में जाने का मार्ग दिखाया
यहाँ “शहर” लोगो को दर्शाता है कि उन्होने शहर पर हमला किया।
तलवार से मारा
यहाँ “तलवार” और लड़ाई मे इस्तेमाल किये जाने वाले हथियारो को दर्शाया गया है कि उन्होने “अपनी तलवारो से मार ड़ाला”।
छोड़ दिया
यह एक मुहावरा है चले जाना।
लूज
यह एक नये शहर हित्तियों से शुरु होता है क्योकि बेथेल के बाद लूज का नाम नियुक्त किया गया था।
आज के दिन तक उसका नाम वही है
जब न्यायीयो की पुस्तक लिखी गयी आज तक वह इसी नाम से पर्शाता जाता है।
Judges 1:27
बेतशान…तानाक…दोर…यिबलाम…मगिद्दो
यह नगरो के नाम है।
इस प्रकार कनानी उस देश में बसे ही रहे
क्योकि कनानियों ने दंड़ता से उसे छोड़ने का फैसला ना किया।
परन्तु जब इस्राएली सामर्थी हुए
यहाँ “इस्राएल” लोगो को दर्शाता है कि इस्राएल के लोग किस प्रकार मजबूत बने।
तब उन्होंने कनानियों से बेगारी ली, परन्तु उन्हें पूरी रीति से न निकाला
उन्होने कनानियो को कड़ी मेहनत करने के लिऐ मजबूर किया।
Judges 1:29
एप्रैम ने न निकाला
यहाँ “एप्रैम” के पुरुषों को दर्शाता है।
गेजेर
यह एक एप्रैम के इलाके के शहर का नाम है
Judges 1:30
जबूलून ने न निकाला
यहाँ “जबूलून” जबूलून के गोत्रो की सेना को दर्शाता है।
कित्रोन…नहलोल
यह उन नगरो के नाम है जो कनान देश मे थे।
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Judges 1:31
आशेर ने न निकाला था
यहाँ "आशेर" के पुरुषों या आशेर की जनजाति के सैनिकों को दर्शाया जाता है।
अक्को…सीदोन…अहलाब, अकजीब, हेलबा, अपीक…रहोब
यह कनान के शहरो के नाम है।
Judges 1:33
बेतशेमेश…बेतनात
यह नगरो के नाम है।
नप्ताली ने बेतशेमेश और बेतनात के निवासियों को न निकाला, परन्तु देश के निवासी कनानियों के बीच में बस गए
यह सपष्ट रूप से कहा जा सकता हे कि नप्ताली के लोगो ने बेतशेमेश और बेतनात के लोगो को कड़ी मेहनत करणे के लिए मजबूर किया।
Judges 1:34
तराई में आने न दिया
“उन्हे आने से रोक दिया”।
हेरेस नामक पहाड़,
यह एक ऊँची पहाड़ी का नाम है जहां अय्यालोन शहर बनाया गया ।
अय्यालोन…शाल्बीम
यह नगरो के नाम है।
तो भी यूसुफ का घराना यहाँ तक प्रबल हो गया कि वे उनके वश में हो गए
यूशूफ के गोत्र के वंश के लोगो की बहुत बड़ी सेना है।
यूसुफ का घराना
यहाँ “घर” उनके वंशजो को दर्शाता है मनश्शे और एप्रेम युशुफ के पुत्र और यह युशुफ के घराने को दर्शाते है ।
अक्रब्बीम नामक पर्वत
यह सागर दक्षिण-पश्चिम के पास है। इसे बिच्छू दर्रा भी कहा जाता है।
सेला
यह एक नगर का नम है।
Translation Questions
Judges 1:1
कनानियों से युद्ध करने में इस्राएलियों की अगुवाई कौन करेगा?
कनानियों से युद्ध करने में यहूदा उनकी अगुवाई करेगा।
Judges 1:4
यहूदावंशी किससे लड़े थे?
यहूदावंशियों ने अदोनीबेजेक से युद्ध किया था।
Judges 1:5
अदोनीबेजेक की मेज के नीचे से अपना खाना किसने इकट्ठा किया?
अदोनीबेजेक के भोजन तख्त के नीचे सत्तर राजा जिनके हाथ और पांव के अंगूठे काट दिए गए थे, टुकड़े बीनते थे।
Judges 1:10
वह भवन गिराकर शिमशोन ने कितने लोगों को मार डाला था?
उसने अपने जीवन में जितने लोगों को मारा था उनसे अधिक लोगों को उसने मरते-मरते मार डाला।
Judges 1:12
कालेब ने ओत्नीएल को क्या दिया?
उसने अपनी बेटी अकसा का विवाह ओत्नीएल से कर दिया।
Judges 1:13
जब स्वर्गदूत ने कहा कि वह कनानियों को वहां से नहीं निकालेगा तब उन्होंने क्या किया?
जब स्वर्गदूत ने कहा कि वह कनानियों को वहां से नहीं निकालेगा तब वे चिल्ला-चिल्लाकर रोने लगे।
Judges 1:15
अकसा नेगेव में थी इसलिए उसने अपने पिता से क्या मांगा?
उसने अपने पिता से जल के सोते मांगे।
Judges 1:16
बिन्यामीनी अपने-अपने नगर से निकलकर गिबा में एकत्र क्यों हुए?
वे सब इस्राएलियों से युद्ध करने के लिए गिबा के नगरों से निकलकर एकत्र हुए।
Judges 1:19
यहूदावंशी मैदान में वास करने वालों को क्यों नहीं निकाल पाए थे?
यहूदावंशी मैदान में वास करने वालों को इसलिए नहीं निकाल पाए थे क्योंकि उनके पास लोहे के रथ थे।
Judges 1:21
यबूसी बिन्यामीनियों के साथ यरूशलेम में क्यों बसे रहे?
उनके वहां निवास करने का कारण था कि बिन्यामीनियों ने उन्हें निकाला नहीं था।
Judges 1:25
उस व्यक्ति के साथ क्या हुआ जिसने जासूसों को यूसुफ के घर से दिखाया कि बेतेल में कैसे पहुंचे?
जासूसों ने उस व्यक्ति और उसके परिवार को जाने दिया और वह व्यक्ति हित्तियों की भूमि पर गया और एक शहर बनाया और इसे लुज़ कहा।
Judges 1:26
उस व्यक्ति के साथ क्या हुआ जिसने जासूसों को यूसुफ के घर से दिखाया कि बेतेल में कैसे पहुंचे?
जासूसों ने उस व्यक्ति और उसके परिवार को जाने दिया और वह व्यक्ति हित्तियों की भूमि पर गया और एक शहर बनाया और इसे लुज़ कहा।
Judges 1:28
इस्राएल जब शक्तिशाली देश हो गया तब उन्होंने कनानियों के साथ क्या किया?
उन्होंने उन्हें बन्धुआ दास बना लिया परन्तु उन्हें पूर्णतः देश से बाहर नहीं किया था।
Judges 1:32
आशेरवंशी कनानियों के मध्य क्यों थे?
आशेरवंशियों ने कनानियों को पूर्णतः देश से नहीं निकाला था।
Judges 1:34
अय्यलोन और शालबीम में हेरेस नामक पहाड़ पर एमोरियों को किसने पराजित किया था?
यूसुफवंशियों ने उन्हें पराजित किया था।
Judges 1:35
अय्यलोन और शालबीम में हेरेस नामक पहाड़ पर एमोरियों को किसने पराजित किया था?
यूसुफवंशियों ने उन्हें पराजित किया था।
Chapter 2
1 यहोवा का दूत गिलगाल से बोकीम को जाकर कहने लगा, “मैंने तुम को मिस्र से ले आकर इस देश में पहुँचाया है, जिसके विषय में मैंने तुम्हारे पुरखाओं से शपथ खाई थी। और मैंने कहा था, ‘जो वाचा मैंने तुम से बाँधी है, उसे मैं कभी न तोड़ूँगा; 2 इसलिए तुम इस देश के निवासियों से वाचा न बाँधना; तुम उनकी वेदियों को ढा देना।’ परन्तु तुम ने मेरी बात नहीं मानी। तुम ने ऐसा क्यों किया है? 3 इसलिए मैं कहता हूँ, ‘मैं उन लोगों को तुम्हारे सामने से न निकालूँगा; और वे तुम्हारे पाँजर में काँटे*, और उनके देवता तुम्हारे लिये फंदा ठहरेंगे’।” 4 जब यहोवा के दूत ने सारे इस्राएलियों से ये बातें कहीं, तब वे लोग चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे। 5 और उन्होंने उस स्थान का नाम बोकीम रखा। और वहाँ उन्होंने यहोवा के लिये बलि चढ़ाई। 6 जब यहोशू ने लोगों को विदा किया था, तब इस्राएली देश को अपने अधिकार में कर लेने के लिये अपने-अपने निज भाग पर गए।
7 और यहोशू के जीवन भर, और उन वृद्ध लोगों के जीवन भर जो यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और देख चुके थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिये कैसे-कैसे बड़े काम किए हैं, इस्राएली लोग यहोवा की सेवा करते रहे। 8 तब यहोवा का दास नून का पुत्र यहोशू एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया। 9 और उसको तिम्नथेरेस में जो एप्रैम के पहाड़ी देश में गाश नामक पहाड़ के उत्तरी ओर है, उसी के भाग में मिट्टी दी गई। 10 और उस पीढ़ी के सब लोग भी अपने-अपने पितरों में मिल गए; तब उसके बाद जो दूसरी पीढ़ी हुई उसके लोग न तो यहोवा को जानते थे और न उस काम को जो उसने इस्राएल के लिये किया था। (प्रेरि. 13:36)
11 इसलिए इस्राएली वह करने लगे जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, और बाल नामक देवताओं की उपासना करने लगे; 12 वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, त्याग कर पराये देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत् किया; और यहोवा को रिस दिलाई*। 13 वे यहोवा को त्याग कर बाल देवताओं और अश्तोरेत देवियों की उपासना करने लगे। 14 इसलिए यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा, और उसने उनको लुटेरों के हाथ में कर दिया जो उन्हें लूटने लगे; और उसने उनको चारों ओर के शत्रुओं के अधीन कर दिया; और वे फिर अपने शत्रुओं के सामने ठहर न सके। 15 जहाँ कहीं वे बाहर जाते वहाँ यहोवा का हाथ उनकी बुराई में लगा रहता था, जैसे यहोवा ने उनसे कहा था, वरन् यहोवा ने शपथ खाई थी; इस प्रकार वे बड़े संकट में पड़ गए। 16 तो भी यहोवा उनके लिये न्यायी ठहराता था जो उन्हें लूटनेवाले के हाथ से छुड़ाते थे। (प्रेरि. 13:20) 17 परन्तु वे अपने न्यायियों की भी नहीं मानते थे; वरन् व्यभिचारिण के समान पराये देवताओं के पीछे चलते और उन्हें दण्डवत् करते थे; उनके पूर्वज जो यहोवा की आज्ञाएँ मानते थे, उनकी उस लीक को उन्होंने शीघ्र ही छोड़ दिया, और उनके अनुसार न किया। 18 जब-जब यहोवा उनके लिये न्यायी को ठहराता तब-तब वह उस न्यायी के संग रहकर उसके जीवन भर उन्हें शत्रुओं के हाथ से छुड़ाता था; क्योंकि यहोवा उनका कराहना जो अंधेर और उपद्रव करनेवालों के कारण होता था सुनकर दुःखी था*। 19 परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत् करके अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे। 20 इसलिए यहोवा का कोप इस्राएल पर भड़क उठा; और उसने कहा, “इस जाति ने उस वाचा को जो मैंने उनके पूर्वजों से बाँधी थी तोड़ दिया, और मेरी बात नहीं मानी, 21 इस कारण जिन जातियों को यहोशू मरते समय छोड़ गया है उनमें से मैं अब किसी को उनके सामने से न निकालूँगा; 22 जिससे उनके द्वारा मैं इस्राएलियों की परीक्षा करूँ, कि जैसे उनके पूर्वज मेरे मार्ग पर चलते थे वैसे ही ये भी चलेंगे कि नहीं।” 23 इसलिए यहोवा ने उन जातियों को एकाएक न निकाला, वरन् रहने दिया, और उसने उन्हें यहोशू के हाथ में भी उनको न सौंपा था।
Judges 2:1
यहोवा का दूत
इसका अर्थ यह है कि १) “यहोवा का संदेश देने वाले दूत को दर्शाता है“।
गिलगाल से बोकीम को जाकर कहने लगा
“गिलगाल को छोड़ कर बोकीम को जाना”।
बोकीम
यह इस्राएलियो के देश का नाम है। यहाँ पर वह लोग रोते है दूत के जाने के बाद “बोकीम” का अर्थ है “रोना”।
कहने लगा
इस से यह समझा जा सकता है कि यहोवा के दूत इस्राएल के लोगो से बात कर रहे है और उन्होने उनसे कहा।
मैंने तुम को मिस्र से ले आकर
“मिस्र से आपका नेतृत्व किया”।
तुम्हारे पुरखाओं
“तुम्हारे बुजुर्ग“।
उसे मैं कभी न तोड़ूँगा
यह एक मुहावरा है कि मैने जो तुम्हे करने के लिए कहा तुम उसे करने मे नाकाम हुए।
परन्तु तुम ने मेरी बात नहीं मानी
यहाँ “आवाज” यहोवा ने जो कहा उसे दर्शाती है कि “तुमने मेरी आज्ञाओ को नही माना”।
तुम ने ऐसा क्यों किया है?
यहाँ यहोवा की आज्ञा की उल्गना करने के लिए और उसकी आज्ञा ना मानने से और इसका भुगतान किया जाता है कि तुमने एक भयानक काम किया है।
Judges 2:3
सामानय जानकारी:
यहोवा का दूत लगातार इस्राएल के लोगो के बारे में बात कर रहा है।
इसलिए मैं कहता हूँ, ‘मैं ना निकलूगा…तुम्हारे लिये फंदा ठहरेंगे’।
"तो अब मैं तुमसे कहता हूँ कि मैं नहीं... तुम्हारे लिए जाल नही फेकूगाँ।
और वे तुम्हारे पाँजर में काँटे
इस्राएलियो को परेशान करने वाले कनानियो के पास काँटो से इस्राएलियो को परेशान किया।
काँटे
यह सात सैंटीमीटर लंबे लकड़ी से बाहर निकले ड़डे होते है।
उनके देवता तुम्हारे लिये फंदा ठहरेंगे
यहाँ जो इस्राएली लोग कनानियो के देवता की पूजा करते थे उनके देवता एक शिकारी के जाल के समान थे जो किसी जानवर को पकड़ लेता और नुकसान पहुंचाता है।
चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे
“बहुत आंसूओ के साथ रोए”।
Judges 2:6
जब यहोशू ने
यहाँ “अब” मुख्य कहानी कि शूरुआत होती है कि यहा यह ब्यान किया गया है कि यहोशू के मरने बाद इस्राएलियो की पीढीयो ने देवताओ की पूजा की कि यहोवा ने ढंड़ित कर दिया। लेकिन फिर उन्हे बचाने के लिए याजको भेज दिया।
जब यहोशू…यहोशू एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया।
यहोशू के मरने के बाद 1:1-2:5 की घटनाए घटित हुई।यह सारी घटनाए यहोशू की पुस्तक मे अंत तक लिखी गई है।
निज भाग पर गए
इस वाक्य को स्पष्ट रूप मे कहा जा सकता है कि “वह जगह जो यहोवा ने उन्हे दी थी“।
जीवन भर
इसका मतलब उस समय से है जब कोई रहता था।
उन वृद्ध
इसका अर्थ यह है कि यह वह लोग है जिन्होंने इस्राएल का नेतृत्व करने, समाजिक न्याय के मामलो मे भाग लेने और मूसा की व्यवस्था बनाए रखने जैसे धार्मिक मामलों में मदद की।
मरने के बाद जीवित रहे
इसका अर्थ यह हे कि वह बहुत लम्बे समय तक जीवित रहा।
नून
यह एक पुरुष का नाम है।
Judges 2:9
उसे दी गई
यहाँ सपष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “परमेश्वर ने उन्हे दी”।
तिम्नथेरेस
यह देश के श्रेत्र का नाम है।
गाश नामक पहाड़
यह एक पर्वत का नाम है।
उस पीढ़ी के सब लोग भी अपने-अपने पितरों में मिल गए
इन वाक्यो में “जो उसने अपने पिता के लिए इकट्ठा किया” का अर्थ है कि उस पीढी के लोग मर गये और उनके पूर्वजों की आतमा वही है इसको बहुत ही विन्रम तरीके से कहा गया है कि वह मर गये।
पितरो
इसका अर्थ है कि गोत्रो के समूह।
दूसरी पीढ़ी हुई
“पुरानी पीढ़ी के बाद”।
न तो यहोवा को जानते थे
यहाँ “पता नही था“ का अर्थ यह है कि उन्हें यहोवा का अनुभव नहीं था यां उनकी शक्ति जिस तरह से पिछली पीढ़ी की थी।।
Judges 2:11
वह करने लगे जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है
यहाँ “जो यहोवा की दृष्टि में“ किसी बात के बारे मे दर्शाता है। कि “उन्होने वो किया जो यहोवा को बुरा लगा“।
बाल
यहाँ बाल एक झूठे देवताओ का नाम था। यह शब्द कई अन्य देवताओ की पूजा करने के साथ जोड़कर बाल की पूजा करने के लिए इस्तेमाल किया गया है।
वे परमेश्वर यहोवा को
इस्राएलियो ने अब यहोवा की आज्ञा नही मानी और उन्होने शारीरिक रुप से उसे छोड दिया हो।
पूर्वजों
“गोत्रो”।
पराये देवताओं की उपासना करने लगे
इस्राएलियो ने झूठे देवताओ की पूजा करनी शूरु कर दी और वह सब इस्राएली उस झूठे देवते के सामने घुमते थे।
उन्हें दण्डवत् किया
यह आराधना और किसी को सम्मान देने का काम है।
वे यहोवा को त्याग कर
वे यहोवा के प्रती गुस्सा करने का कारण है।
अश्तोरेत
अश्तोरेत एक देवी है जिसकी पूजा बहुत सारी देवियो के नाम से की जाती है।
Judges 2:14
यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा
यहोवा का क्रोध आग की तरह भड़क उठाफिर यहोवा इस्राएल के लोगो पर बहुत क्रोधित हुआ।
उसने उनको लुटेरों के हाथ में कर दिया जो उन्हें लूटने लगे
वह हमला करने वाले उनकी संपत्ति चोरी करते थे।
उसने उनको चारों ओर के शत्रुओं के अधीन कर दिया; और वे फिर अपने शत्रुओं के सामने ठहर न सके
यहाँ स्पष्ट रुप से कहा जा सकता है कि उन्होने अपने दुश्मनो पर जीत प्राप्त की और उसने अपने शक्तिशाली दुश्मनो को ठहरने ना दिया“।
यहोवा का हाथ उनकी बुराई में लगा रहता था,
यहाँ “हाथ” यहोवा की शक्ति को दर्शाता है। कि यहोवा उन्को दुश्मनो को मारने के लिए उनकी मदद करता था”।
इस प्रकार वे बड़े संकट में पड़ गए
“वह दुख मे पड़ गये“।
Judges 2:16
यहोवा उनके लिये न्यायी ठहराता था
यहोवा यहाँ व्यक्तियो को उठाने की बात कर रहा है।
उन्हें लूटनेवाले के हाथ से छुड़ाते थे
यहाँ “हाथ” दुश्मनो की शक्ति को दर्शाता है।
वे अपने न्यायियों की भी नहीं मानते थे
वे अपने न्यायीयो की आज्ञाओ को नही मानते थे।
व्यभिचारिण के समान पराये देवताओं के पीछे चलते
उन लोगो ने झूठे देवताओ की पूजा करके यहोआ को धोखा दिया
उनकी उस लीक को उन्होंने शीघ्र ही छोड़ दिया
उन लोगो ने गोत्रो के वंशजो की बात ना मानी और अपने वंशजो के कहने पर भी यहोवा को नही माना।
पूर्वज
“उनके पूर्वजों”।
Judges 2:18
यहोवा उनके लिये न्यायी को ठहराता
यहोवा यहा व्यक्तियो को उठाने की बात कर रहा है।
उस न्यायी के संग…छुड़ाता था
शब्द “वे” इस्राएलियो को दर्शाता है।
उन्हें शत्रुओं के हाथ
यहाँ हाथ दुश्मनो कि शक्ति को दर्शाता है।
उस न्यायी के संग रहकर
"जब तक वह न्ययायदीश के साथ रहे”।
दुःखी
किसी व्यक्ति के प्रति करुणा या दया रखना।
करनेवालों के कारण
वह व्यक्ति जो पीड़ित हो जब इस्आएली दु;ख से गुजर रहे थे।कि वह रोने की आवाज को कराहना जकहा जाता था।
वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर
उन लोगो ने यहोवा की आज्ञा को लम्बे समय तक नही माना और शारीरिक रुप से यहोवा को छोड़ दिया।
अपने पुरखाओं
“अपने पूर्वजों“।
वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते
इस्राएलियो ने दूसरे देवताओ की सेवा की मानो वह दूसरे देवताओ के दास हो और वह उनकी सेवा ओर अन्य देवताओ की पूजा करेगे।
अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे
उन्होने बुरी बाते बंद करने और जिद्धी स्भाव को जारी रखा।
Judges 2:20
यहोवा का कोप इस्राएल पर भड़क उठा
यहोवा का क्रोध आग की तरह भड़क उठा फिर यहोवा इस्राएल के लोगो पर बहुत क्रोधित हुआ।
उस वाचा को जो मैंने उनके पूर्वजों से बाँधी थी तोड़ दिया
यहाँ “देश” लोगो को दर्शाता है।कि इस्राएली टूट गए है।
पूर्वजों
यहाँ यह एक निश्चित व्यक्ति या लोगों के समूह के पूर्वजों को दर्शाता है।
मेरी बात नहीं मानी
यहाँ “आवाज” यहोवा ने कया कहाँ को दर्शाती है कि "क्या मैंने उन की आज्ञा का पालन नहीं किया है"।
जिन जातियों को
यहाँ “जाति” उन लोगो के समुह को दर्शाती है जो इस्राएल से पहले कनान मे रहते थे।
यहोवा ने उन जातियों को एकाएक न निकाला
कैसे उनको यहोवा की आज्ञा का पालन करना चाहिए यह यहोवा ने उन्हे बताया था। किसी भी व्यक्ति ने वहाँ यहोवा की आज्ञाओं का पालन नहीं किया।
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यहोशू के हाथ में भी उनको न सौंपा
यहोशू और उसकी सेना को अनुमति नहीं दी ।
Translation Questions
Judges 2:1
यहोवा का स्वर्गदूत इस्राएलियों को कहां लाया?
यहोवा का स्वर्गदूत उन्हें वहां ले आया जिसकी प्रतिज्ञा उसने उनके पूर्वजों से की थी।
Judges 2:4
जब स्वर्गदूत ने कहा कि वह कनानियों को वहां से नहीं निकालेगा तब उन्होंने क्या किया?
जब स्वर्गदूत ने कहा कि वह कनानियों को वहां से नहीं निकालेगा तब वे चिल्ला-चिल्लाकर रोने लगे।
Judges 2:7
उन्होंने कितने समय यहोवा की सेवा की?
इस्राएलियों ने केवल यहोशू के जीवनकाल में और उसके समकालीन वृद्धजनों के जीवनकाल में यहोवा की सेवा की।
Judges 2:12
इस्राएलियों ने कौन से देवताओं की उपासना की?
उन्होंने अपने परिवेश के देवताओं की उपासना की।
Judges 2:15
यहोवा ने इस्राएल से क्या शपथ खाई थी?
यहोवा ने शपथ खाई कि वे जब भी युद्ध करेंगे उसका हाथ उनके विरूद्ध होगा।
Judges 2:16
न्यायियों ने क्या किया?
न्यायी इस्राएल के लोगों को सम्पदा चुराने वालों से बचाते थे।
Judges 2:19
न्यायियों के मर जाने पर क्या होता था?
न्यायियों के मर जाने पर, इस्राएल के लोग फिरकर अपने पूर्वजों से भी अधिक बुरे काम करते थे।
Judges 2:21
यहोशू के मरते समय जो जातियां वहां रह गई थीं, उन्हें यहोवा ने क्यों नहीं निकाला?
यहोशू के मरते समय जो जातियां रह गई थीं, उन्हें यहोवा ने नहीं निकाला क्योंकि यहोवा इस्राएल को परखना चाहता था कि वे अपने पितरों के सदृश्य यहोवा के मार्गों में चलेंगे या नहीं।
Judges 2:22
यहोशू के मरते समय जो जातियां वहां रह गई थीं, उन्हें यहोवा ने क्यों नहीं निकाला?
यहोशू के मरते समय जो जातियां रह गई थीं, उन्हें यहोवा ने नहीं निकाला क्योंकि यहोवा इस्राएल को परखना चाहता था कि वे अपने पितरों के सदृश्य यहोवा के मार्गों में चलेंगे या नहीं।
Chapter 3
1 इस्राएलियों में से जितने कनान में की लड़ाइयों में भागी न हुए थे, उन्हें परखने के लिये यहोवा ने इन जातियों को देश में इसलिए रहने दिया; 2 कि पीढ़ी-पीढ़ी के इस्राएलियों में से जो लड़ाई को पहले न जानते थे वे सीखें, और जान लें, 3 अर्थात् पाँचों सरदारों समेत पलिश्तियों, और सब कनानियों, और सीदोनियों, और बालहेर्मोन नामक पहाड़ से लेकर हमात की तराई तक लबानोन पर्वत में रहनेवाले हिव्वियों को। 4 ये इसलिए रहने पाए कि इनके द्वारा इस्राएलियों की बात में परीक्षा हो, कि जो आज्ञाएँ यहोवा ने मूसा के द्वारा उनके पूर्वजों को दी थीं, उन्हें वे मानेंगे या नहीं। 5 इसलिए इस्राएली कनानियों, हित्तियों, एमोरियों, परिज्जियों, हिव्वियों, और यबूसियों के बीच में बस गए; (भज. 106:35) 6 तब वे उनकी बेटियाँ विवाह में लेने लगे, और अपनी बेटियाँ उनके बेटों को विवाह में देने लगे; और उनके देवताओं की भी उपासना करने लगे।
7 इस प्रकार इस्राएलियों ने यहोवा की दृष्टि में बुरा किया, और अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर बाल नामक देवताओं और अशेरा नामक देवियों की उपासना करने लग गए। 8 तब यहोवा का क्रोध इस्राएलियों पर भड़का, और उसने उनको अरम्नहरैम के राजा कूशन रिश्आतइम के अधीन कर दिया; सो इस्राएली आठ वर्ष तक कूशन रिश्आतइम के अधीन में रहे। 9 तब इस्राएलियों ने यहोवा की दुहाई दी, और उसने इस्राएलियों के छुटकारे के लिये कालेब के छोटे भाई ओत्नीएल नामक कनजी के पुत्र को ठहराया, और उसने उनको छुड़ाया। 10 उसमें यहोवा का आत्मा समाया*, और वह इस्राएलियों का न्यायी बन गया, और लड़ने को निकला, और यहोवा ने अराम के राजा कूशन रिश्आतइम को उसके हाथ में कर दिया; और वह कूशन रिश्आतइम पर जयवन्त हुआ। (गिन. 27:18) 11 तब चालीस वर्ष तक देश में शान्ति बनी रही। तब कनजी का पुत्र ओत्नीएल मर गया।
12 तब इस्राएलियों ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया; और यहोवा ने मोआब के राजा एग्लोन को इस्राएल पर प्रबल किया, क्योंकि उन्होंने यहोवा की दृष्टि में बुरा किया था। 13 इसलिए उसने अम्मोनियों और अमालेकियों को अपने पास इकट्ठा किया, और जाकर इस्राएल को मार लिया; और खजूरवाले नगर को अपने वश में कर लिया। 14 तब इस्राएली अठारह वर्ष तक मोआब के राजा एग्लोन के अधीन में रहे। 15 फिर इस्राएलियों ने यहोवा की दुहाई दी, और उसने गेरा के पुत्र एहूद नामक एक बिन्यामीनी को उनका छुड़ानेवाला ठहराया; वह बयंहत्था था। इस्राएलियों ने उसी के हाथ से मोआब के राजा एग्लोन के पास कुछ भेंट भेजी। (भज. 78:34) 16 एहूद ने हाथ भर लम्बी एक दोधारी तलवार बनवाई थी, और उसको अपने वस्त्र के नीचे दाहिनी जाँघ पर लटका लिया*। 17 तब वह उस भेंट को मोआब के राजा एग्लोन के पास जो बड़ा मोटा पुरुष था ले गया। 18 जब वह भेंट को दे चुका, तब भेंट के लानेवाले को विदा किया। 19 परन्तु वह आप गिलगाल के निकट की खुदी हुई मूरतों के पास लौट गया, और एग्लोन के पास कहला भेजा, “हे राजा, मुझे तुझ से एक भेद की बात कहनी है।” तब राजा ने कहा, “थोड़ी देर के लिये बाहर जाओ।” तब जितने लोग उसके पास उपस्थित थे वे सब बाहर चले गए। 20 तब एहूद उसके पास गया; वह तो अपनी एक हवादार अटारी में अकेला बैठा था। एहूद ने कहा, “परमेश्वर की ओर से मुझे तुझ से एक बात कहनी है।” तब वह गद्दी पर से उठ खड़ा हुआ। (भज. 29:1, मीका 6:9) 21 इतने में एहूद ने अपना बायाँ हाथ बढ़ाकर अपनी दाहिनी जाँघ पर से तलवार खींचकर उसकी तोंद में घुसेड़ दी; 22 और फल के पीछे मूठ भी पैठ गई, और फल चर्बी में धंसा रहा, क्योंकि उसने तलवार को उसकी तोंद में से न निकाला; वरन् वह उसके आर-पार निकल गई। 23 तब एहूद छज्जे से निकलकर बाहर गया, और अटारी के किवाड़ खींचकर उसको बन्द करके ताला लगा दिया। 24 उसके निकलकर जाते ही राजा के दास आए, तो क्या देखते हैं, कि अटारी के किवाड़ों में ताला लगा है; इस कारण वे बोले, “निश्चय वह हवादार कोठरी में लघुशंका करता होगा।” 25 वे बाट जोहते-जोहते थक गए; तब यह देखकर कि वह अटारी के किवाड़ नहीं खोलता, उन्होंने कुंजी लेकर किवाड़ खोले तो क्या देखा, कि उनका स्वामी भूमि पर मरा पड़ा है। 26 जब तक वे सोच विचार कर ही रहे थे तब तक एहूद भाग निकला, और खुदी हुई मूरतों की परली ओर होकर सेइरे में जाकर शरण ली। 27 वहाँ पहुँचकर उसने एप्रैम के पहाड़ी देश में नरसिंगा फूँका; तब इस्राएली उसके संग होकर पहाड़ी देश से उसके पीछे-पीछे नीचे गए। 28 और उसने उनसे कहा, “मेरे पीछे-पीछे चले आओ; क्योंकि यहोवा ने तुम्हारे मोआबी शत्रुओं को तुम्हारे हाथ में कर दिया है।” तब उन्होंने उसके पीछे-पीछे जा के यरदन के घाटों को जो मोआब देश की ओर हैं ले लिया, और किसी को उतरने न दिया। 29 उस समय उन्होंने लगभग दस हजार मोआबियों को मार डाला; वे सब के सब हष्ट-पुष्ट और शूरवीर थे, परन्तु उनमें से एक भी न बचा। 30 इस प्रकार उस समय मोआब इस्राएल के हाथ के तले दब गया। तब अस्सी वर्ष तक देश में शान्ति बनी रही। (न्या. 3:11) 31 उसके बाद अनात का पुत्र शमगर हुआ, उसने छः सौ पलिश्ती पुरुषों को बैल के पैने से मार डाला; इस कारण वह भी इस्राएल का छुड़ानेवाला हुआ। (न्या. 15:15, न्या. 10:17, 1 शमू. 4:1)
Judges 3:1
अब यहोवा
यहाँ “अब” नई कहानी को शुरु किया जाता है।
इन जातियों
यह लोगो के समूहो को दर्शाति है जो कि लेखक ने ३.३ की घटना मे लिखी है।
इन जातियों को देश में इसलिए रहने दिया
यह स्पष्ट रूप से कहा जाता है कि जिन्होने कनान मे किसी भी युद्ध को नही लड़ा था।
कि पीढ़ी-पीढ़ी के इस्राएलियों में से जो लड़ाई को पहले न जानते थे वे सीखें, और जान लें
यहाँ से मुख्य कहानी शुरु होती है कि यहोवा ने इस्राएलियो और उनके देश को छोड़ दिया था और युवाओ को लड़ाई के लिए तैयार किया।
पाँचों सरदारों
यह पाँच राजा और उनके लोगो ।
बालहेर्मोन नामक पहाड़
यह इस्राएल का सबसे ऊँचा पहाड़ है।
हमात की तराई
यह कनान के उत्तरी सीमा पर स्थित एक क्षेत्र का नाम है।
Judges 3:4
ये इसलिए रहने पाए
यह स्पष्ट रूप से कहा जाता है कि यहोवा ने ईन देशो को कनान में छोड़ दिया“।
वे मानेंगे या नहीं
“एक तरह से”।
इनके द्वारा परीक्षा हो …उनके पूर्वजों को दी थीं
ये शब्द “वे” और “अपने” इस्राएल के लोगो को दर्शाते है।
जो आज्ञाएँ दी थीं,
“यहोवा ने जो आज्ञा दी थी”।
Judges 3:7
यहोवा की दृष्टि में बुरा किया
यहाँ “यहोवा की दृष्टि में“ यहोवा किसी चीज़ के बारे में क्या सोचता है।
परमेश्वर यहोवा को भूलकर
यहाँ “भूल गया” मुहावरे का अर्थ है कि उन्होनो ने आज्ञा को मानन बंद कर दिया।
यहोवा का क्रोध इस्राएलियों पर भड़का
यहोवा का क्रोद्ध आग की तरह भड़क उठाफिर यहोवा इस्राएल के लोगो पर बहुत क्रोधित हुआ।
उसने उनको अरम्नहरैम के राजा कूशन रिश्आतइम के अधीन कर दिया
इस्राएल के लोगो को विजय प्राप्त करने की अनुमति दी गई है कि यहोवा ने उन्हे कूशन रिश्आतइम के अधीन कर दिया।
कूशन रिश्आतइम के अधीन में रहे
यहाँ “हाथ” शक्ति के नियंत्रण को दर्शाता है कि यह कूशन रिश्आतइम की सेना को दर्शाता है।
अरम्नहरैम
यह एक देश का नाम है।
Judges 3:9
यहोवा का आत्मा समाया
यहोवा ने किसी को अपने लिए एक विशेष कार्य करने के लिए नियुक्त किया है का भाव है यहोवा ने उस व्यक्ति ऊंचा उठाया है।
कालेब…ओत्नीएल
यह पुरषो के नाम है।
ठहराया
इस वाक्य मे यहोवा ने ओत्नीएल को एक अच्छा नेता बनाने के लिए चुना।
वह इस्राएलियों का न्यायी बन गया
यहाँ “न्यायी “ का अर्थ है जीसने इस्राएल के लोगों का नेतृत्व किया।
और लड़ने को निकला
यहाँ “वह” ओत्नीएल इस्राएली सेना को दर्शाता है। कि ओत्नीएल और इस्राएली सेना कूशन रिश्आतइम की सेना से लड़ने के लिए चली गई।
यहोवा ने अराम के राजा कूशन रिश्आतइम को उसके हाथ में कर दिया
यहाँ “कूशन रिश्आतइम“ सेना को दर्शाता है कि यहोवा ने इस्राएल की मदद की कूशन रिश्आतइम के राजा आराम को हराने के लिए।
ओत्नीएल नामक
यहाँ “हाथ“ शब्द ओत्नीएल की सेना को दर्शाता है।
देश में शान्ति बनी रही
“यह देश के लोग वहा पर शांति से रहे”।
चालीस वर्ष
“४० साल”।
Judges 3:12
यहोवा की दृष्टि में बुरा किया;
यहाँ “जो यहोवा की दृष्टि में“ किसी बात के बारे मे दर्शाता है। कि “उन्होने वो किया जो यहोवा को बुरा लगा“।(2:11)
यहोवा ने मोआब के राजा एग्लोन को इस्राएल पर प्रबल किया
यहोवा ने एलगोन के राजा की सेना को ताकतवर बनाया था।
राजा एग्लोन को इस्राएल पर प्रबल किया
यहाँ “एलगोन मोआब का राजा” सेना को दर्शाता है।कि एलगोन के राजा ने मोआब की सेना ने इस्राएल की सेना पर हमला किया”,
एग्लोन
यह राजा का नाम है।
खजूरवाले नगर
यह यरीहो नगर का दूसरा नाम है।
अठारह वर्ष
“१८ साल”
Judges 3:15
यहोवा की दुहाई दी
यहाँ इसका अर्थ यह है कि लोगो कराह कर परमेश्वर को पुकारना शुरु कर दिया।
छुड़ानेवाला ठहराया
यहोवा ने उसके दुश्मन को छुड़ाने वाला ठहराया।
एहूद…गेरा
यह पुरषो के नाम है।
वह बयंहत्था था
हाथ अपने बांय हाथ से तलवार पकड़ सकता है।
Judges 3:16
एक दोधारी
"46 सेंटीमीटर" या "लगभग आधा मीटर"।
उसको अपने वस्त्र के नीचे दाहिनी जाँघ पर लटका लिया
"वह अपने कपड़ों के नीचे अपने दाहिने जांघ से बंधा हुआ है"।
जाँघ
“ऊँपरी टाँग”।
एग्लोन के पास जो बड़ा मोटा पुरुष था ले गया
यहाँ “अब” शब्द का प्रयोग कहानी को शुरु करने के लिए किया जाता है। यहा लेखक एग्लोन की पृष्ठभूमि की जानकारी देता है।
Judges 3:19
आप गिलगाल के निकट की खुदी हुई मूरतों के पास लौट गया
यह स्पष्ट रुप से कहा जा सकता है कि वह गिलाद के पास उस जगह पर पहुँचे जहां लोगो ने खुदाई वाली तसवीरे बनाई थी।
अपनी एक हवादार अटारी में अकेला बैठा था
यह निचले स्तर है जो कि आराम के लिए इस्तेमाल किया जाता था और दिन के गर्म भाग के दौरान शांत रहने के ऊपर एक कमरा है।
वह गद्दी पर से उठ खड़ा हुआ
यह खडे होकर परमेश्वर की अराधना करने का संदेश था।
Judges 3:21
उसने तलवार को उसकी तोंद में से न निकाला
तलवार की तेज नोक उसकी पीठ से बाहर आ गयी।
अटारी
यह एक कमरा जो कि छत से ढ़का हुआ जिसकी दीवारे बहुत छोटी थी।
Judges 3:24
निश्चय वह हवादार कोठरी में लघुशंका
यह एक पेशाब करने जा रहे व्यक्ति के बारे बहुत ही विन्रम तरीके से बताता है।
वे बाट जोहते-जोहते थक गए
वे इंतजार कर रहे थे कि कुछ गलत हो रहा था और वह चिंता कर रहे थे उनके राजा का कमरा खोलना उनका निंजी काम था।
उन्होंने कुंजी लेकर किवाड़ खोले
“उन्होने कुंजी को लिया और दरवाजे खोल दिए”।
Judges 3:26
जब तक वे सोच विचार कर ही रहे थे…एहूद भाग निकला
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि दासदास अभी भी ऊपर वाले कमरे में इंतजार कर रहे है। … कि ऐहूद बच गया है।
सेइरे
यह एक शहर का नाम है।
वहाँ पहुँचकर उसने
यह सपष्ट किया गया है कि “जब वह सिरहा के पास पहुँचे”।
Judges 3:28
सामानय जानकारी:
अहोद इस्राएल के लोगो के बारे मे एप्रैम के लोगो से बात कर रहा था।
यहोवा ने तुम्हारे मोआबी शत्रुओं को तुम्हारे हाथ में कर दिया है
यहोवा ने इस्राएल के दुश्मनो को हराने के लिए उनकी मदद कि जैसे कि यहोवा एक योद्धा हो जो लड़ने के लिए उनकी मदद करता है।
घाटों को जो ले लिया
“घांटो पर नियंत्रण प्राप्त किया“।
घाटों
यह नदी का एक क्षेत्र है जहाँ दूसरी तरफ चलने के लिए एक आसान जगह है।
किसी को उतरने न दिया
“किसी को भी पार नही होने दिया था”।
दस हजार मोआबियों
“१०,००० पुरष”।
हष्ट-पुष्ट और शूरवीर थे
“वह पुरष जो अच्छी तरह लड़ने के लिए तेयार हो”।
मोआब इस्राएल के हाथ के तले दब गया
यह स्पष्ट रुप से कहा जा सकता है कि “इस्राएलियो की सेना ने मोआबियो की सेना को मार दिया।
इस्राएल के हाथ के तले दब गया
यहाँ “सामर्थ्य” इस्राएली सेना को दर्शाति है।
देश में शान्ति बनी रही
यहाँ “देश” लोगो को दर्शाता है। कि
अस्सी वर्ष
“८० साल”।
Judges 3:31
न्यायियाँ
परमेश्वर ने वायदा किया कि राजाओ का देश मे प्रवेश करने से पहले वह न्यायियों को ठहराएगा और न्यायियों ने ही इस्राएलियो की मदद की।
शमगर
यह पुरुष का नाम है।
अनात
यह पुरुष का नाम है।
छुड़ानेवाला
“प्रत्यक्ष”।
इस कारण वह भी इस्राएल का छुड़ानेवाला हुआ
यह शब्द “खतरा” इस्राएल को नुकसान पहुँचाने वाले दुश्मनो को दर्शाता है। कि उसने अपने दुश्मनो को भी इस्राएल को दे दिया।
Translation Questions
Judges 3:1
यहोवा ने इस्राएल को परखने के लिए उन जातियों को क्यों छोड़ दिया था?
यहोवा ने इस्राएल को परखने के लिए उन जातियों को छोड़ दिया ताकि इस्राएलियों की आने वाली पीढ़ियां जो युद्ध कला जो पहले नहीं जानती थी, वे सीखें।
Judges 3:4
अटारी के द्वार पर ताला देखकर राजा के सेवकों ने क्या सोचा?
अटारी के द्वार पर ताला देखकर राजा के सेवकों सोचा कि अटारी की ठंडक में राजा लघुशंका कर रहा था।
Judges 3:7
इस्राएलियों ने किसकी उपासना की?
उन्होंने बाल और अशेरा की पूजा की।
Judges 3:9
यहोवा ने इस्राएल की सहायता हेतु सबसे पहले किसको खड़ा किया था?
यहोवा ने सबसे पहले कालेब के छोटे भाई ओलीएल नामक कनजी के पुत्र को इस्राएल का रक्षक ठहराया था।
Judges 3:12
मोआब के राजा एग्लोन को किसने प्रबल किया था?
यहोवा ने मोआब के राजा एग्लोन को प्रबल किया था।
Judges 3:15
यहोवा ने इस्राएलियों की सहायता हेतु एहूद को कब खड़ा किया था?
इस्राएलियों ने जब यहोवा को पुकारा तो उसने एहूद को खड़ा किया।
Judges 3:16
एहूद ने अपने हाथ से बनाई हुई तलवार कहां छिपाई थी?
उसने वह तलवार अपनी दाहिनी जांघ पर लटकाई थी।
Judges 3:19
जब एहूद ने राजा को भेंट दी तब उसके साथ कौन था?
एहूद और राजा के अतिरिक्त वहां कोई नहीं था।
Judges 3:20
जब एहूद ने राजा को भेंट दी तब उसके साथ कौन था?
एहूद और राजा के अतिरिक्त वहां कोई नहीं था।
Judges 3:22
एहूद की तलवार राजा की चर्बी में क्यों छिप गई थी?
तलवार चर्बी में छिप गई क्योंकि, एहूद ने राजा की देह से तलवार नहीं निकाली थी।
Judges 3:26
एहूद कब भाग निकला?
जब राजा के सेवक सोच-विचार कर रहे थे तब एहूद वहां से भाग निकला।
Judges 3:28
इस्राएलियों ने मोआबियों को नदी पार करने से कैसे रोका?
इस्राएलियों ने मोआब के सामने वाली यरदन की पुलिया को अपने अधिकार में ले लिया था।
Judges 3:31
शमगर ने 600 पलिश्तियों को कैसे मारा था?
शमगर ने बैल के पैने से 600 पलिश्ती मार गिराए थे।
Chapter 4
1 जब एहूद मर गया तब इस्राएलियों ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया। 2 इसलिए यहोवा ने उनको हासोर में विराजनेवाले कनान के राजा याबीन के अधीन कर दिया, जिसका सेनापति सीसरा था, जो अन्यजातियों के हरोशेत का निवासी था। 3 तब इस्राएलियों ने यहोवा की दुहाई दी; क्योंकि सीसरा के पास लोहे के नौ सौ रथ थे, और वह इस्राएलियों पर बीस वर्ष तक बड़ा अंधेर करता रहा। 4 उस समय लप्पीदोत की स्त्री दबोरा जो नबिया थी* इस्राएलियों का न्याय करती थी। 5 वह एप्रैम के पहाड़ी देश में रामाह और बेतेल के बीच में दबोरा के खजूर के तले बैठा करती थी, और इस्राएली उसके पास न्याय के लिये जाया करते थे। 6 उसने अबीनोअम के पुत्र बाराक* को केदेश नप्ताली में से बुलाकर कहा, “क्या इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने यह आज्ञा नहीं दी, कि तू जाकर ताबोर पहाड़ पर चढ़, और नप्तालियों और जबूलूनियों में के दस हजार पुरुषों को संग ले जा? 7 तब मैं याबीन के सेनापति सीसरा को रथों और भीड़भाड़ समेत कीशोन नदी तक तेरी ओर खींच ले आऊँगा; और उसको तेरे हाथ में कर दूँगा।” 8 बाराक ने उससे कहा, “यदि तू मेरे संग चलेगी तो मैं जाऊँगा, नहीं तो न जाऊँगा।” 9 उसने कहा, “निःसन्देह मैं तेरे संग चलूँगी; तो भी इस यात्रा से तेरी कुछ बढ़ाई न होगी, क्योंकि यहोवा सीसरा को एक स्त्री के अधीन कर देगा।” तब दबोरा उठकर बाराक के संग केदेश को गई। 10 तब बाराक ने जबूलून और नप्ताली के लोगों को केदेश में बुलवा लिया; और उसके पीछे दस हजार पुरुष चढ़ गए; और दबोरा उसके संग चढ़ गई। 11 हेबेर नामक केनी ने उन केनियों में से, जो मूसा के साले होबाब के वंश के थे, अपने को अलग करके केदेश के पास के सानन्नीम के बांज वृक्ष तक जाकर अपना डेरा वहीं डाला था। 12 जब सीसरा को यह समाचार मिला कि अबीनोअम का पुत्र बाराक ताबोर पहाड़ पर चढ़ गया है, 13 तब सीसरा ने अपने सब रथ, जो लोहे के नौ सौ रथ थे, और अपने संग की सारी सेना को अन्यजातियों के हरोशेत से कीशोन नदी पर बुलवाया। (न्या. 4:7) 14 तब दबोरा ने बाराक से कहा, “उठ! क्योंकि आज वह दिन है जिसमें यहोवा सीसरा को तेरे हाथ में कर देगा। क्या यहोवा तेरे आगे नहीं निकला है?” इस पर बाराक और उसके पीछे-पीछे दस हजार पुरुष ताबोर पहाड़ से उतर पड़े। 15 तब यहोवा ने सारे रथों वरन् सारी सेना समेत सीसरा को तलवार से बाराक के सामने घबरा दिया; और सीसरा रथ पर से उतरके पाँव-पाँव भाग चला। (भज. 83:9-10) 16 और बाराक ने अन्यजातियों के हरोशेत तक रथों और सेना का पीछा किया, और तलवार से सीसरा की सारी सेना नष्ट की गई; और एक भी मनुष्य न बचा। (रोम. 2:12) 17 परन्तु सीसरा पाँव-पाँव हेबेर केनी की स्त्री याएल के डेरे को भाग गया; क्योंकि हासोर के राजा याबीन और हेबेर केनी में मेल था। 18 तब याएल सीसरा की भेंट के लिये निकलकर उससे कहने लगी, “हे मेरे प्रभु, आ, मेरे पास आ, और न डर।” तब वह उसके पास डेरे में गया, और उसने उसके ऊपर कम्बल डाल दिया। 19 तब सीसरा ने उससे कहा, “मुझे प्यास लगी है, मुझे थोड़ा पानी पिला।” तब उसने दूध की कुप्पी खोलकर उसे दूध पिलाया, और उसको ओढ़ा दिया। (न्या. 5:25-26, उत्प. 24:43) 20 तब उसने उससे कहा, “डेरे के द्वार पर खड़ी रह, और यदि कोई आकर तुझ से पूछे, ‘यहाँ कोई पुरुष है?’ तब कहना, ‘कोई भी नहीं’।” 21 इसके बाद हेबेर की स्त्री याएल ने डेरे की एक खूँटी ली, और अपने हाथ में एक हथौड़ा भी लिया, और दबे पाँव उसके पास जाकर खूँटी को उसकी कनपटी में ऐसा ठोक दिया कि खूँटी पार होकर भूमि में धँस गई; वह तो थका था ही इसलिए गहरी नींद में सो रहा था। अतः वह मर गया। 22 जब बाराक सीसरा का पीछा करता हुआ आया, तब याएल उससे भेंट करने के लिये निकली, और कहा, “इधर आ, जिसका तू खोजी है उसको मैं तुझे दिखाऊँगी।” तब उसने उसके साथ जाकर क्या देखा; कि सीसरा मरा पड़ा है, और वह खूँटी उसकी कनपटी में गड़ी है। 23 इस प्रकार परमेश्वर ने उस दिन कनान के राजा याबीन को इस्राएलियों के सामने नीचा दिखाया। (भज. 18:47) 24 और इस्राएली कनान के राजा याबीन पर प्रबल होते गए, यहाँ तक कि उन्होंने कनान के राजा याबीन को नष्ट कर डाला।।
Judges 4:1
एहूद
यह पुरुष का नाम है।
यहोवा की दृष्टि में बुरा किया
यहाँ “जो यहोवा की दृष्टि में“ किसी बात के बारे मे दर्शाता है। कि “उन्होने वो किया जो यहोवा को बुरा लगा“।
यहोवा ने उनको याबीन के अधीन कर दिया
यहाँ “हाथ” इस्राएल पर याबीन की शक्ति को दर्शाता है। कि यहोवा ने उनहे याबीन के राजा को कनान कि शक्ति को पराजित करने के लिए कहा।
याबीन…सीसरा
यह पुरुषो के नाम है।
हासोर…हरोशेत
यह नगरो के स्थानो के नाम है।
लोहे के नौ सौ रथ थे
“९०० लीहे के रथ”।
बीस वर्ष
“२० साल”।
Judges 4:4
अब
यह शब्द कहानी के नये हिस्से को शुरु करता है। यहाँ लेखक दबोरा की पृष्ठभूमि के बारे मे जानकारी देता है।
दबोरा
यह एक औरत का नाम है।
लप्पीदोत
यह पुरुष का नाम है।
न्यायी
परमेश्वर ने न्यायियों को ठहराएगा की वह मुसीबत के समय में इस्राएलियों का नेतृत्व करें। अक्सर न्यायियों ने उन्हें अपने दुश्मनों से बचाया।
दबोरा जो नबिया
यह एक पेड़ का नाम हे जो दबोरा के नाम पऱ रखा गया।
Judges 4:6
सामानय जानकारी:
न्यायियो का लेखक पुरुषो को संदर्भित करता है, एक शहर, एक पहाड़, और उनके नाम से एक नदी को दर्शाता है।
बाराक…अबीनोअम
यह पुरुषो के नाम है।
ताबोर पहाड़
यह एक पहाड़ का नाम है।
दस हजार पुरुषों
“१०,००० आदमी”।
मैं खींच ले आऊँगा
यहाँ “मैं” परमेश्वर को दर्शाता है।
सीसरा को खीच ले आऊँगा
यहाँ “सीसरा” सेना को दर्शाति है। कि सीसरा और उसकी सेना को खीच कर ले आऊँगा।
खींच ले आऊँगा
यह लोगो को दूर एक सही स्थान पर लाने का एक कारण है।
सीसरा…याबीन
यह पुरुषो के नाम है।
कीशोन
यह एक नदी का नाम है।
Judges 4:8
सामानय जानकारी:
बाराक दबोरा के साथ चर्चा कर रहा है।
बाराक
यह पुरुष का नाम है।
तेरे संग चलूँगी; तो भी इस यात्रा से तेरी कुछ बढ़ाई न होगी
बाराक यहाँ यह बताना चाहता है कि वह यात्रा करने के लिए चुन रहे थे।आप जो करेंगे उसके लिए कोई आपको सम्मानित नहीं करेगा
यहोवा सीसरा को एक स्त्री के अधीन कर देगा
यहाँ “हाथ” शक्ति से मारने को दर्शाता है। कि सीसरा ने यहोवा के लिए एक औरत को हराने का कारण है।
सीसरा
यह एक पुरुष का नाम है।
दबोरा
यह एक औरत का नाम है।
Judges 4:10
दस हजार पुरुष
“१०,००० आदमी”।
Judges 4:11
अब
मुख्य कहानी में विराम को चिह्नित करने के लिए इस शब्द का उपयोग यहाँ किया गया है। यहाँ कथाकार हेबर द केनाइट के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी बताता है
हेबेर…होबाब
यह पुरुशो के नाम है।
केनियों
यह कऱनियो के एक व्यक्ति का नाम है।
मूसा के साले
“मूसा की पत्नी के पिता”।
सानन्नीम
यह एक नगर का नाम है।
Judges 4:12
जब सीसरा को यह समाचार मिला
“जब किसी ने सीसरा से कहा”।
सीसरा
यह पुरुष का नाम है।
बाराक…अबीनोअम…ताबोर पहाड़
बाराक और अबीनोअम पुरुषो के नाम है और ताबोर एक पर्वत का नाम है।
सीसरा ने अपने सब रथो को बुलाया
यहाँ “रथो” को जो सेनिक भगाते है उन्हे दर्शाया गया है।
लोहे के नौ सौ रथ
“९०० लोहे के रथ“।
हरोशेत
यह एक नगर के स्थान का नाम है।
कीशोन नदी
यह एक नदी का नाम है।
Judges 4:14
यहोवा तेरे हाथ मे कर देगा
"याहोवा आपको जीत दिलाएगा"
क्या यहोवा तेरे आगे नहीं निकला है?
दबोरा ने बाराक को याद दिलाते हुए कहा कि यहोवा ने तुम्हे जिताया है कि यहोवा के आधेसो को याद करो।
पीछे दस हजार
“उसके साथ १०,०००”।
Judges 4:15
तब यहोवा ने सारी सेना समेत सीसरा के सामने घबरा दिया
“यहोवा ने सीसरा की सेना को दुखी किया“।
सारे रथों
यहाँ “रथो” को जो सैनिक भगाते है उन्हे दर्शाया गया है।
बाराक ने पीछा किया
बाराक और उसके सैनिको ने पीछा किया।
हरोशेत
यह नगर के स्थान का नाम है।
तलवार से सीसरा की सारी सेना नष्ट की गई; और एक भी मनुष्य न बचा
यहाँ “तलवार” और तलवार जैसे बने हथियारो को सैनिक सेना में इस्तेमाल करते है को दर्शाया गया है। स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “बाराक और उसके सैनिको ने अपनी तलवार के साथ सिरसा और उसकी सारी सेना को मार डाला।
Judges 4:17
सीसरा…याबीन…हासोर
यह पुरुषो के नाम है।
पाँव के साथ भाग गया
यह मुहावरे का अर्थ है कि वह घोड़े की सवारी करने या रथ चलाने के बजाय चल रहा था।
याएल
यह एक औरत का नाम है।
हेबेर
यह एक पुरुष का नाम है।
केनी
यह एक पुरुष का नाम है।
हेबेर केनी में मेल था
यहा “घर” परिवार को दर्शाता है। कि “हेबेर केनी के परिवार से मिला”।
मेरे पास आ
मेरे पास आ
कम्बल
जब सोते समय ऊपर लिया जाने वाला गरम कपड़ा है जो कि पशु की खाल से बनता है।
Judges 4:19
उससे कहा
“सीसरा ने याएल से कहा”।
Judges 4:21
खूँटी ली
यह लकड़ी का एक नुकीला टुकड़ा है जिसे जमीन में धस जाता है तम्बू के किनारो को पकड़ने के लिए।
हथौड़ा
यह लकड़ी का बना एक भारी उपकरण है जिस के कीलो को जमीन मे ठोकने का प्रयोग किया जाता है।
गहरी नींद
गहरी नीद बहुत कठिन काम करने के बाद आती है।
पार होकर
“वह छेद बनाया”।
बाराक पीछा करता
“बाराक ने उसका पीछा करने के बाद”।
Judges 4:23
परमेश्वर ने उस दिन कनान के राजा याबीन को इस्राएलियों के सामने नीचा दिखाया
परमेश्वर ने याबीन की सेना को खुद इस्राएल के लिए हराया था जेसा कि इस्राएल के लोगो ने देखा था।
प्रबल होते
“सैनिको की शक्ति”।
नष्ट कर डाला।
“उसने याबीन की सेना को नष्ट कर ड़ाला”।
Translation Questions
Judges 4:3
इस्राएलियों ने यहोवा कि सहायता के लिए क्यों पुकारा था?
इस्राएलियों ने यहोवा कि सहायता के लिए पुकारा क्योंकि सीसरा ने बीस वर्ष इस्राएलियों पर अत्याचार किया, उसके पास 900 लोहे के रथ थे उसके अत्याचार से दुखी होकर उन्होंने यहोवा को पुकारा।
Judges 4:4
गाजावासीयों शिमशोन को कब मार डालना चाहते थे?
वे भोर होते ही शिमशोन को घात करना चाहते थे।
Judges 4:7
यहोवा सीसरा को बाराक से मुठभेड़ करने के लिए कहां लाया था?
यहोवा सीसरा को बाराक से मुठभेड़ करने के लिए कीशोन नदी तक लाया।
Judges 4:8
यहोवा सीसरा को एक स्त्री के अधीन क्यों करना चाहता था?
बाराक दबोरा के बिना युद्ध में नहीं जाना चाहता था इसलिए यहोवा ने सीसरा को एक स्त्री के अधीन कर दिया।
Judges 4:9
यहोवा सीसरा को एक स्त्री के अधीन क्यों करना चाहता था?
बाराक दबोरा के बिना युद्ध में नहीं जाना चाहता था इसलिए यहोवा ने सीसरा को एक स्त्री के अधीन कर दिया।
Judges 4:11
केनी किसके वंशज थे?
केनी मूसा के साले होबाब के वंशज थे।
Judges 4:16
सीसरा की सेना में से कितने लोग बचे थे?
सीसरा की सेना में से एक भी जन नहीं बचा।
Judges 4:17
सीसरा याएल के डेरे में क्यों गया था?
हासोर के राजा याबीन और हेबेर (याएल का पति) के घराने में मेल था इसलिए सीसरा याएल के डेरे में चला गया।
Judges 4:19
सीसरा ने पानी मांगा तो याएल ने उसे क्या दिया?
याएल ने उसे पानी के स्थान में दूध दिया।
Judges 4:21
याएल ने सीसरा को कैसे मारा था?
याएल ने डेरे के एक खूंटी लेकर उसकी कनपटी में ऐसे ठोंक दी कि खूंटी पार होकर भूमि में धंस गई।
Chapter 5
1 उसी दिन दबोरा और अबीनोअम के पुत्र बाराक ने यह गीत गाया:
2 “इस्राएल के अगुओं ने जो अगुआई की और प्रजा जो अपनी ही इच्छा से भरती हुई,
इसके लिये यहोवा को धन्य कहो!
3 “हे राजाओं, सुनो; हे अधिपतियों कान लगाओ,
मैं आप यहोवा के लिये गीत गाऊँगी;
इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का मैं भजन करूँगी।
4 हे यहोवा, जब तू सेईर से निकल चला,
जब तूने एदोम के देश से प्रस्थान किया,
तब पृथ्वी डोल उठी, और आकाश टूट पड़ा,
बादल से भी जल बरसने लगा। (इब्रा. 12:26)
5 यहोवा के प्रताप से पहाड़,
इस्राएल के परमेश्वर
यहोवा के प्रताप से वह सीनै पिघलकर बहने लगा।
6 “अनात के पुत्र शमगर के दिनों में,
और याएल के दिनों में सड़कें सूनी पड़ी थीं,
और बटोही पगडण्डियों से चलते थे।
7 जब तक मैं दबोरा न उठी,
जब तक मैं इस्राएल में माता होकर न उठी,
तब तक गाँव सूने पड़े थे। (2 शमू. 20:19)
8 नये-नये देवता माने गए,
उस समय फाटकों में लड़ाई होती थी।
क्या चालीस हजार इस्राएलियों में भी ढाल
या बर्छी कहीं देखने में आती थी?
9 मेरा मन इस्राएल के हाकिमों की ओर लगा है,
जो प्रजा के बीच में अपनी ही इच्छा से भरती हुए।
यहोवा को धन्य कहो।
10 “हे उजली गदहियों पर चढ़नेवालों,
हे फर्शों पर विराजनेवालो,
हे मार्ग पर पैदल चलनेवालों ध्यान रखो।
11 पनघटों के आस-पास धनुर्धारियों की बात के कारण,
वहाँ वे यहोवा के धर्ममय कामों का,
इस्राएल के लिये उसके धर्ममय कामों का वर्णन करेंगे।
उस समय यहोवा की प्रजा के लोग फाटकों के पास गए।
12 “जाग, जाग, हे दबोरा!
जाग, जाग, गीत सुना! हे बाराक, उठ,
हे अबीनोअम के पुत्र,
अपने बन्दियों को बँधुआई में ले चल।
13 उस समय थोड़े से रईस प्रजा समेत उतर पड़े;
यहोवा शूरवीरों के विरुद्ध मेरे हित में उतर आया। (रोम. 8:37, भज. 75:7)
14 एप्रैम में से वे आए जिसकी जड़ अमालेक में है;
हे बिन्यामीन, तेरे पीछे तेरे दलों में,
माकीर में से हाकिम, और जबूलून में से सेनापति का दण्ड लिए हुए उतरे; (न्या. 2:15)
15 और इस्साकार के हाकिम दबोरा के संग हुए,
जैसा इस्साकार वैसा ही बाराक भी था;
उसके पीछे लगे हुए वे तराई में झपटकर गए।
रूबेन की नदियों के पास बड़े-बड़े काम मन में ठाने गए।
16 तू चरवाहों का सीटी बजाना सुनने को भेड़शालों के बीच क्यों बैठा रहा?
रूबेन की नदियों के पास बड़े-बड़े काम सोचे गए*।
17 गिलाद यरदन पार रह गया; और दान क्यों जहाजों में रह गया?
आशेर समुद्र तट पर बैठा रहा,
और उसकी खाड़ियों के पास रह गया।
18 जबूलून अपने प्राण पर खेलनेवाले लोग ठहरे;
नप्ताली भी देश के ऊँचे-ऊँचे स्थानों पर वैसा ही ठहरा।
19 “राजा आकर लड़े,
उस समय कनान के राजा
मगिद्दो के सोतों के पास तानाक में लड़े;
पर रुपयों का कुछ लाभ न पाया*। (प्रका. 16:16)
20 आकाश की ओर से भी लड़ाई हुई;
वरन् तारों ने अपने-अपने मण्डल से सीसरा से लड़ाई की।
21 कीशोन नदी ने उनको बहा दिया,
अर्थात् वही प्राचीन नदी जो कीशोन नदी है।
हे मन, हियाव बाँधे आगे बढ़।
22 “उस समय घोड़े के खुरों से टाप का शब्द होने लगा,
उनके बलिष्ठ घोड़ों के कूदने से यह हुआ।
23 “यहोवा का दूत कहता है,
कि मेरोज को श्राप दो*, उसके निवासियों को भारी श्राप दो,
क्योंकि वे यहोवा की सहायता करने को,
शूरवीरों के विरुद्ध यहोवा की सहायता करने को न आए।।
24 “सब स्त्रियों में से केनी हेबेर की स्त्री याएल धन्य ठहरेगी;
डेरों में रहनेवाली सब स्त्रियों में से वह धन्य ठहरेगी। (लूका 1:42)
25 सीसरा ने पानी माँगा, उसने दूध दिया,
रईसों के योग्य बर्तन में वह मक्खन ले आई।
26 उसने अपना हाथ खूँटी की ओर,
अपना दाहिना हाथ बढ़ई के हथौड़े की ओर बढ़ाया;
और हथौड़े से सीसरा को मारा, उसके सिर को फोड़ डाला, और उसकी कनपटी को आर-पार छेद दिया।
27 उस स्त्री के पाँवों पर वह झुका, वह गिरा, वह पड़ा रहा;
उस स्त्री के पाँवों पर वह झुका, वह गिरा;
जहाँ झुका, वहीं मरा पड़ा रहा।
28 “खिड़की में से एक स्त्री झाँककर चिल्लाई,
सीसरा की माता ने झिलमिली की ओट से पुकारा, ‘उसके रथ के आने में इतनी देर क्यों लगी?
उसके रथों के पहियों को देर क्यों हुई है?’
29 उसकी बुद्धिमान प्रतिष्ठित स्त्रियों ने उसे उत्तर दिया,
वरन् उसने अपने आप को इस प्रकार उत्तर दिया,
30 ‘क्या उन्होंने लूट पाकर बाँट नहीं ली?
क्या एक-एक पुरुष को एक-एक वरन् दो-दो कुँवारियाँ;
और सीसरा को रंगीले वस्त्र की लूट,
वरन् बूटे काढ़े हुए रंगीले वस्त्र की लूट,
और लूटे हुओं के गले में दोनों ओर बूटे काढ़े हुए रंगीले वस्त्र नहीं मिले?’
31 “हे यहोवा, “तेरे सब शत्रु ऐसे ही नाश हो जाएँ!
परन्तु उसके प्रेमी लोग प्रताप के साथ उदय होते हुए सूर्य के समान तेजोमय हों।”
फिर देश में चालीस वर्ष तक शान्ति रही। (प्रका. 1:16)
Judges 5:1
उसी दिन
“उसी दिन इस्राएलियो ने याबीन की सेना को हरा दिया”।
दबोरा
यह औरत का नाम है।
बाराक...अबीनोअम
यह पुरुषो के नाम है।
और प्रजा जो अपनी ही इच्छा से भरती हुई
“ओर वह आदमी लड़ाई करने के लिए मान गये।
Judges 5:3
सामानय जानकारी:
दबोरा और बाराक ने कविता के गीत को गाना जारी रखा।
हे राजाओं, सुनो; हे अधिपतियों कान लगाओ
दबोरा और बाराक राजाओ और नेताओ से बात करते है और वह भी गीत सुन रहे है।
हे राजाओं...हे अधिपतियों
यह सामानय रूप से राजाओ और नेताओ को दर्शाता है कि जो विशेष रूप से राजाओ और नेताओ के लिए नही है।
जब तू सेईर से निकल चला, जब तूने एदोम के देश से प्रस्थान किया,
यह वह समय है जब इस्राएलियों ने एदोम को छोड़ दिया था और कनान में लोगों को जीतना शुरू किया था। याहवे ने अपने लोगों को कनान के लोगों को हराने के लिए शक्तिशाली बनाने की बात की है जैसे कि वह इस्राएली सेना का नेतृत्व करने वाले योद्धा थे।
सेईर
सेईर एदोम और इस्राएल की भूमि के बीच एक पहाड़ है।
तब पृथ्वी डोल उठी, और आकाश टूट पड़ा, बादल से भी जल बरसने लगा
इसका अर्थ यह है कि कनान के लोग डरे हुए थे क्योंकि इस्राएली उन पर हमला करने वाले थे, जैसे मानो धरती और आकाश हिल रहे हो।
Judges 5:5
सामानय जानकारी:
दबोरा और बाराक ने कविता के गीत को गाना जारी रखा।
सीनै पिघलकर बहने लगा
यहाँ यह दर्शाया गया है कि यहोवा के भय से पहाड़ भी कांपने लगते है कि वह पहाड़ भी डर के मारे पिघलने लगा।
यहोवा के प्रताप से
“यहोवा की उपस्थिति में”।
सीनै पिघलकर बहने लगा
जब मूसा और इस्राएल सीनै पर्वत पर थे, तो यह भूकंप आया।
दिनों में
यहाँ “दिन” एक लम्बे समय को दर्शाता है कि जीवन काल के दौरान”।
अनात…शमगर…याएल
यह लोगो के नाम है।
अनात के पुत्र
शमगर के पिता का उल्लेख शमगर की मदद करने के लिए किया जाता है जहा वह रहते थे।
सड़कें सूनी पड़ी थीं
स्पष्ट रूप मे कहा जा सकता है कि “लोगो को मुख्य सड़को का प्रयोग करने के लिए बंद किया गया क्योकि वह इस्राएल के दुश्मनो से ड़रते थे।
बटोही पगडण्डियों से चलते थे
यह उन छोटी सड़कों को संदर्भित करता है जिन पर कम लोग यात्रा करते थे ।
Judges 5:7
मैं इस्राएल में माता होकर न उठी
यह दबोरा की नेत्तव की बात करता है कि वो इस्राएलीयो की माँ थी।
नये-नये देवता माने गए
इस वाक्य का समपुर्ण अर्थ यह है कि “इस्राएल के लोगो ने नये देवताओ की पूजा की“।
उस समय फाटकों में लड़ाई होती थी
"दुश्मनों ने इस्राएल के शहरों में लोगों पर हमला किया"
उस समय फाटकों में लड़ाई होती थी
यहाँ “फाटक” पूरे शहर को दर्शाते है।इस से यह सपष्ट होता है कि दुश्मनो ने इस्५राएल के शहरो पर हमला कर दिया“।
क्या चालीस हजार इस्राएलियों में भी ढाल या बर्छी कहीं देखने में आती थी
यहाँ स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “लड़ाई के लिए "युद्ध के लिए कुछ हथियार इस्राएल के लिए बने थे।
चालीस हजार इस्राएलियों
“४०,००० इस्राएली”।
Judges 5:9
मेरा मन इस्राएल के हाकिमों की ओर लगा है
शब्द “दिल” व्यक्ति की भावनाओ को दर्शाता है। इस वाक्य मे दबोरा इस्राएल के सैनिको की सराहना करती है।
हे उजली गदहियों पर चढ़नेवालों… हे मार्ग पर पैदल चलनेवालों ध्यान रखो
इस वाक्य मे अमीर और गरीब लोगो के बारे मे दर्शाया गया है कि “तुम अमीर लोग सफेद गदो पर सवारी करते हो…जो गरीब लोग सड़क पर पैदल चलते है।
हे फर्शों पर विराजनेवालो
उन आसनो को गधे की पीठ को और आरामदायक तरीके से बैठने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
Judges 5:11
सामानय जानकारी:
दबोरा और बाराक ने कविता के गीत को गाना जारी रखा।
आस-पास धनुर्धारियों की बात के कारण
यहाँ “आवाजे” लोगो के गीत गाने को दर्शाती है कि “उन लोगो को सुनो”।
प्रजा के लोग फाटकों के पास गए
यहाँ “फाटक” पूरे नगर को दर्शाते है कि “शहरो की ओर वापस जाना”।
Judges 5:12
सामानय जानकारी:
दबोरा और बाराक ने कविता के गीत को गाना जारी रखा।
जाग, जाग
१) वह लोग इस्राएल के है।
दबोरा
यह एक स्त्री का नाम है।
बाराक…अबीनोअम
यह पुरुषो के नाम है।
शूरवीरों के विरुद्ध मेरे हित में
शब्द “मैं” दबोरा को दर्शाता है।
Judges 5:14
एप्रैम में जिसकी जड़ अमालेक में है
एप्रैम वह देश है जहाँ अमालोक के लोग एक बार रहते थे।
तेरे पीछे
यहाँ “तेरे” एप्रैम के लोगो को दर्शाता है कि “उसके पीछे”।
माकीर
यह वह जगह है जहां माकीर के वंशज रहते हैं। यहा माकीर मनश्शे का पुत्र और यूसुफ का पोता था।
और जबूलून में से सेनापति का दण्ड लिए हुए उतरे
“जबूलून की सेना के न्यायी”।
Judges 5:15
इस्साकार के हाकिम दबोरा के संग हुए
यहाँ “मेरे” दबोरा को दर्शाते है और स्पष्ट रूप से कहा जा सकता हे कि मेरे राजा इस्साकार मेरे साथ है।
दबोरा
यह एक औरत का नाम है।
जैसा इस्साकार वैसा ही बाराक
यहाँ “इस्साकार” का गोत्र बाराक के साथ था ।
बाराक
यह एक पुरुष का नाम है।
उसके पीछे लगे हुए वे तराई में झपटकर गए
"उसकी आज्ञा का पालन करना और घाटी में उसके पिछे भागना "
पीछे लगे
“पीछा करना”।
बड़े-बड़े काम मन में ठाने गए
यहाँ “दिल” मन के विचारो को दर्शाता है। वहा वह क्या कहना चाहते थे और वहा क्या कहना चाहिए उसे दर्शाया गया है।
Judges 5:16
तू चरवाहों का सीटी बजाना सुनने को भेड़शालों के बीच क्यों बैठा रहा?
इस प्रश्न का यह अर्थ है कि घर पर रहने और चरवाहों को सुनने और अपने झुंड के साथ खेलने की बजाय आपको हमें लड़ने में मदद करनी चाहिए,
भेड़शालों के बीच
यहाँ भेड़ो को रखा जाता है।
बड़े-बड़े काम सोचे गए
यहाँ “दिल” विचारो को दर्शाता है। यहाँ लोग जो विचार करते है
Judges 5:17
गिलाद रह गया
गिलाद के लोग ठहरे रहे
यरदन पार रह गया
यह नदी के पूर्व दिशा की ओर दर्शाता है।
दान क्यों जहाजों में रह गया?
यह सवाल गुस्से को व्यक्त करता है क्योंकि दान के गोत्र के लोग इस्राएल के लिए नहीं लड़ेंगे
दान क्यों
यहाँ “दान” दान के पुरुषो को दर्शाता है जो लड़ाई में लड़ने के लिए गये थे
क्यों जहाजों में रह गया
दान का गोत्र भूमध्य सागर के पास स्थित था। वे व्यापार और मछली पकड़ने के माध्यम से पैसा बनाने के लिए समुद्र पर रवाना हुऐ
आशेर समुद्र तट पर बैठा रहा, और उसकी खाड़ियों के पास रह गया
इसका संपुर्ण अर्थ को इस तरह स्पष्ट किया जा सकता है कि
आशेर के लोग भी हमारी मदद करने में असफल रहे वे बस अपने बंदरगाह के पास तट पर बने रहे।
आशेररह गया।
यहाँ “आशेर” लड़ाई करने जाने वाले पुरुषो को दर्शाता है कि आशेर के आदमी पीछे ही रह गये”।
खाड़ियों
गहरे पानी के समुद्री तटो पर जहाँ जहाजो को रखा जाता है।
नप्ताली भी
इस जानकारी को समझने के लिए स्पष्ट किया जाता है कि नप्ताली एक गोत्र के लोग हे जो कि अपनी जान जोखिम मे ढालते है।
Judges 5:19
राजा आकर लड़े… कनान के राजा लड़े
राजाओं और उनकी सेनाओं ने आकर युद्ध किया ... कनान के राजा और उनकी सेनाएँ लड़ीं
वह लड़े…लड़े
शब्द “हमे” समझा जाता है कि “वे लड़ा… हमसे लड़ा”।
तानाक…मगिद्दो
यह नगरो के नाम है।
रुपयों का कुछ लाभ न पाया
यहाँ “रुपयों” किसी सामानय रुप मे खजाने को दर्शाता है कि “रुपये नही मिले”।
लाभ न पाया
बल द्वारा ली गई चीजें, आमतौर पर लड़ाई में या चोरों द्वारा
आकाश की ओर से भी लड़ाई हुई, वरन् तारों ने अपने-अपने मण्डल से सीसरा से लड़ाई की
यहोवा ने इस्राएलियो की मदद की सीसरा की सेना को हराने के लिए इस बात को कहा जाता है कि सितारो ने खुद सीसरा को हराने की बात कही। यहोवा ने प्राकृतिक त्तवो से जेसे कि बारिश, तूफान का प्रयोग करके सीसरा की सेना को हराया।
सीसरा से लड़ाई
यहाँ “सीसरा” पूरी सेना को दर्शाता है।
सीसरा
यह एक पुरुष का नाम है।
Judges 5:21
कीशोन नदी ने उनको बहा दिया
क्योकि भारी बारिश होने के वाद नदी के पानी मे सारेरथ बह गये और सारे सेनिक मिट्टी मे धस गये। कि कीशोन नदी मे बाढ़ आ गयी और सीसरा के सारे सैनिक बह गये।
कीशोन
यह एक नदी का नाम है।
हे मन, हियाव बाँधे आगे बढ़
यहाँ “आत्मा पूरै व्यक्ति को दर्शाति है। और “मेरा” दबोरा को दर्शाति है।
उस समय घोड़े के खुरों से टाप का शब्द होने लगा–उनके बलिष्ठ घोड़ों के कूदने से यह हुआ
फिर मैंने घोड़ों की आवाज़ सुनी जो दूर भाग रही थी। सिसरा के पराक्रमी घोड़े भाग रहे थे।
बलिष्ठ
बहुत तेज दोड़ना।
Judges 5:23
मेरोज को श्राप
यहाँ “मेरोज” वहाँ रह रहे लोगो को दर्शाता है कि मेरोज के लोगो को श्राप दिया गया।
मेरोज
यह एक नगर का नाम है।
निवासियों
जिस स्थान पर वह लोग रहते थे।
Judges 5:24
याएल
यह एक औरत का नाम है।
हेबेर
यह पुरुषो के नाम है।
कनाई
यह कऱनियो का एक व्यक्ति है जो कि ऊपर गया था।
वह मक्खन ले आई
"उसके लिये दही लाया"
रईसों के योग्य बर्तन
इस वाक्यांश का अर्थ है कि सबसे अच्छी गुनव्ता वाली वस्तु जिसे राजा लोग इस्तेमाल करते थे।
Judges 5:26
अपना हाथ खूँटी की ओर
योएल ने अपने दाहिने हाथ से तम्बू के किनारे को पकड़ा।
हथौड़े की ओर
यह लकड़ी का बना एक भारी उपकरण है जिसे के कीलो को जमीन मे ठोकने का प्रयोग किया जाता है।
अपना दाहिना हाथ बढ़ई के हथौड़े की ओर बढ़ाया
स्पष्ट रुप से कहा जा सकता है कि और उसने अपने दाहिने हाथ से हथोड़े को पकड़ा।
हथोड़ा
यह लकड़ी का बना एक भारी उपकरण है जिसे के कीलो को जमीन मे ठोकने का प्रयोग किया जाता है।
सीसरा
यह एक पुरुष का नाम है।
झुका
“बिना शक्ति के”।
वहीं मरा पड़ा रहा
सपष्ट रुप सॆ कहा जा सकता है कि “उसने मार दिया”।
Judges 5:28
ओट
यह खिड़की का लकड़ी से बना तखता है।
उसके रथ के आने में इतनी देर क्यों लगी? उसके रथों के पहियों को देर क्यों हुई है?
इन दोनो वाक्यो का समान अर्थ है कि क्या सीसरा को इतना वक्त लगा घर आने के लिए।
उसके रथ के आने में…सके रथों के पहियों को देर क्यों हुई है
यह सीसरा को दर्शाता है कि उसने सीरसा…उसके साथ ही।
Judges 5:29
प्रतिष्ठित स्त्रियों
एक “राजकुमारी” राजा की पुत्री होती है, पर “राजकुमारी का अर्थ है राजा के परिवार को सलाह देने वाली औरत जैसे कि “बुद्धिमान महिलाए”।
उसने अपने आप को इस प्रकार उत्तर दिया
उसने अपने आप को उसी प्रकार कहाँ।
‘क्या उन्होंने लूट पाकर बाँट नहीं ली?
“उनके पास इतनी लूट थी की इसे विभाजित करने में एक लंबा समय लग रहा है।।
एक-एक पुरुष को एक-एक वरन् दो-दो कुँवारियाँ
एक-एक पुरुष को एक-एक कुँवारी लड़किया मिली।
रंगीले वस्त्र
“रंगीन कपड़े”।
काढ़े हुए रंगीले वस्त्र
“गले तक कढ़ाई वाले।
गले में दोनों ओर बूटे काढ़े हुए रंगीले वस्त्र नहीं मिले
यहाँ “गला” सीसरा के सेनिको को दर्शाता है कि उसके सैनिको ने गले तक कढाई वाले कपड़े पहने थे।
Judges 5:31
परन्तु उसके प्रेमी लोग प्रताप के साथ उदय होते हुए
"जो लोग यहोवा को प्यार करते हैं"
सूर्य के समान तेजोमय हों।
इस्राएल के लोग सूर्य की तरह चमक रहे थे क्योकि इस्राएल की सेना जीत की वजह से सूर्य की तरह चमक रही थी।
फिर देश में शान्ति रही
यहाँ “देश” इस्राएल के लोगो को दर्शाता है और जिस देश मे इस्राएली लोग शांति से रह रहे थे।
चालीस वर्ष
“ ४० साल के लीये”।
Translation Questions
Judges 5:4
पृथ्वी कब डोल गई थी?
पृथ्वी तब डोल गई जब यहोवा सेईर से निकल कर, एदोम देश से प्रस्थान किया था।
Judges 5:6
बटोही कैसे आवागमन करते थे?
बटोही पगडंडियों से चलते थे।
Judges 5:8
चालीस हजार इस्राएलियों में क्या कभी देखने को नहीं मिलता था?
ढाल या बर्छी उनमें कभी देखने को नहीं मिलती थी।
Judges 5:10
उजली गदहियों पर क्या रखा जाता था?
उजली गदहियों पर दरियां रखी जाती थीं।
Judges 5:13
यहोवा के लोग किसके पास आए?
यहोवा के लोग यूखीरों के विरूद्ध दबोरा के पास आए।
Judges 5:15
इस्साकार बाराक के साथ क्या कर रहा था?
उसकी आज्ञा में इस्साकार बाराक के पीछे तराई में भाग रहा था।
Judges 5:18
जबूलून किस बात का जोखिम उठा रहा था?
जबूलून जान की जोखिम उठा रहा था।
Judges 5:20
आकाश मंडल से किसने सीसरा के विरूद्ध लड़ाई की थी?
आकाश से तारों ने अपने-अपने मंडल से सीसरा के विरूद्ध लड़ाई की थी।
Judges 5:24
यहोवा के स्वर्गदूत ने मेरोज को शाप क्यों दिया?
यहोवा के स्वर्गदूत ने मेरोज को शाप दिया क्योंकि वे यहोवा के लोगों की सहायता करने नहीं आए थे।
Judges 5:26
याएल ने अपने हाथ में क्या लिया था?
उसने अपने एक हाथ में डेरे की खूंटी ली और दाहिने हाथ में बढ़ई का हथैड़ा लिया।
Judges 5:28
सीसरा की माता ने कहां से देखा?
सीसरा की माता ने झिलमिली की ओट से देखा।
Judges 5:31
यहोवा से प्रेम रखने वालों को कैसा होना चाहिए?
यहोवा के प्रेमियों को प्रताप के साथ उदय होते हुए सूर्य के समान तेजोमय होना चाहिये।
Chapter 6
1 तब इस्राएलियों ने यहोवा की दृष्टि में बुरा किया, इसलिए यहोवा ने उन्हें मिद्यानियों के वश में सात वर्ष कर रखा। 2 और मिद्यानी इस्राएलियों पर प्रबल हो गए। मिद्यानियों के डर के मारे इस्राएलियों ने पहाड़ों के गहरे खड्डों, और गुफाओं, और किलों को अपने निवास बना लिए। 3 और जब-जब इस्राएली बीज बोते तब-तब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी लोग उनके विरुद्ध चढ़ाई करके 4 गाज़ा तक छावनी डाल डालकर भूमि की उपज नाश कर डालते थे, और इस्राएलियों के लिये न तो कुछ भोजनवस्तु, और न भेड़-बकरी, और न गाय-बैल, और न गदहा छोड़ते थे। 5 क्योंकि वे अपने पशुओं और डेरों को लिए हुए चढ़ाई करते, और टिड्डियों के दल के समान बहुत आते थे; और उनके ऊँट भी अनगिनत होते थे; और वे देश को उजाड़ने के लिये उसमें आया करते थे। 6 और मिद्यानियों के कारण इस्राएली बड़ी दुर्दशा में पड़ गए; तब इस्राएलियों ने यहोवा की दुहाई दी। 7 जब इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण यहोवा की दुहाई दी, 8 तब यहोवा ने इस्राएलियों के पास एक नबी को भेजा, जिस ने उनसे कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है: मैं तुम को मिस्र में से ले आया, और दासत्व के घर से निकाल ले आया; 9 और मैंने तुम को मिस्रियों के हाथ से, वरन् जितने तुम पर अंधेर करते थे उन सभी के हाथ से छुड़ाया, और उनको तुम्हारे सामने से बरबस निकालकर उनका देश तुम्हें दे दिया; 10 और मैंने तुम से कहा, ‘मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ; एमोरी लोग जिनके देश में तुम रहते हो उनके देवताओं का भय न मानना।’ परन्तु तुम ने मेरा कहना नहीं माना।” 11 फिर यहोवा का दूत आकर उस बांज वृक्ष के तले बैठ गया, जो ओप्रा में अबीएजेरी योआश का था, और उसका पुत्र गिदोन एक दाखरस के कुण्ड में गेहूँ इसलिए झाड़ रहा था कि उसे मिद्यानियों से छिपा रखे। 12 उसको यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, “हे शूरवीर सूरमा*, यहोवा तेरे संग है।” 13 गिदोन ने उससे कहा, “हे मेरे प्रभु, विनती सुन, यदि यहोवा हमारे संग होता, तो हम पर यह सब विपत्ति क्यों पड़ती? और जितने आश्चर्यकर्मों का वर्णन हमारे पुरखा यह कहकर करते थे, ‘क्या यहोवा हमको मिस्र से छुड़ा नहीं लाया,’ वे कहाँ रहे? अब तो यहोवा ने हमको त्याग दिया, और मिद्यानियों के हाथ कर दिया है।” 14 तब यहोवा ने उस पर दृष्टि करके कहा, “अपनी इसी शक्ति पर जा और तू इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाएगा; क्या मैंने तुझे नहीं भेजा?” 15 उसने कहा, “हे मेरे प्रभु, विनती सुन, मैं इस्राएल को कैसे छुड़ाऊँ? देख, मेरा कुल मनश्शे में सबसे कंगाल है, फिर मैं अपने पिता के घराने में सबसे छोटा हूँ*।” 16 यहोवा ने उससे कहा, “निश्चय मैं तेरे संग रहूँगा; सो तू मिद्यानियों को ऐसा मार लेगा जैसा एक मनुष्य को।” 17 गिदोन ने उससे कहा, “यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मुझे इसका कोई चिन्ह दिखा कि तू ही मुझसे बातें कर रहा है। 18 जब तक मैं तेरे पास फिर आकर अपनी भेंट निकालकर तेरे सामने न रखूँ, तब तक तू यहाँ से न जा।” उसने कहा, “मैं तेरे लौटने तक ठहरा रहूँगा।” 19 तब गिदोन ने जाकर बकरी का एक बच्चा और एक एपा मैदे की अख़मीरी रोटियाँ तैयार कीं; तब माँस को टोकरी में, और रसा को तसले में रखकर बांज वृक्ष के तले उसके पास ले जाकर दिया। 20 परमेश्वर के दूत ने उससे कहा, “माँस और अख़मीरी रोटियों को लेकर इस चट्टान पर रख दे, और रसा को उण्डेल दे।” उसने ऐसा ही किया। 21 तब यहोवा के दूत ने अपने हाथ की लाठी को बढ़ाकर माँस और अख़मीरी रोटियों को छुआ; और चट्टान से आग निकली जिससे माँस और अख़मीरी रोटियाँ भस्म हो गईं; तब यहोवा का दूत उसकी दृष्टि से ओझल हो गया। 22 जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था, तब गिदोन कहने लगा, “हाय, प्रभु यहोवा! मैंने तो यहोवा के दूत को साक्षात् देखा है।” 23 यहोवा ने उससे कहा, “तुझे शान्ति मिले; मत डर, तू न मरेगा।” 24 तब गिदोन ने वहाँ यहोवा की एक वेदी बनाकर उसका नाम, ‘यहोवा शालोम रखा।’ वह आज के दिन तक अबीएजेरियों के ओप्रा में बनी है। 25 फिर उसी रात को यहोवा ने गिदोन से कहा, “अपने पिता का जवान बैल, अर्थात् दूसरा सात वर्ष का बैल ले, और बाल की जो वेदी तेरे पिता की है उसे गिरा दे, और जो अशेरा देवी उसके पास है उसे काट डाल; 26 और उस दृढ़ स्थान की चोटी पर ठहराई हुई रीति से अपने परमेश्वर यहोवा की एक वेदी बना; तब उस दूसरे बैल को ले, और उस अशेरा की लकड़ी जो तू काट डालेगा जलाकर होमबलि चढ़ा।” 27 तब गिदोन ने अपने संग दस दासों को लेकर यहोवा के वचन के अनुसार किया; परन्तु अपने पिता के घराने और नगर के लोगों के डर के मारे वह काम दिन को न कर सका, इसलिए रात में किया। 28 नगर के लोग सवेरे उठकर क्या देखते हैं, कि बाल की वेदी गिरी पड़ी है, और उसके पास की अशेरा कटी पड़ी है, और दूसरा बैल बनाई हुई वेदी पर चढ़ाया हुआ है। 29 तब वे आपस में कहने लगे, “यह काम किस ने किया?” और पूछपाछ और ढूँढ़-ढाँढ़ करके वे कहने लगे, “यह योआश के पुत्र गिदोन का काम है।” 30 तब नगर के मनुष्यों ने योआश से कहा, “अपने पुत्र को बाहर ले आ, कि मार डाला जाए, क्योंकि उसने बाल की वेदी को गिरा दिया है, और उसके पास की अशेरा को भी काट डाला है।” 31 योआश ने उन सभी से जो उसके सामने खड़े हुए थे कहा, “क्या तुम बाल के लिये वाद विवाद करोगे? क्या तुम उसे बचाओगे? जो कोई उसके लिये वाद विवाद करे वह मार डाला जाएगा। सवेरे तक ठहरे रहो; तब तक यदि वह परमेश्वर हो, तो जिस ने उसकी वेदी गिराई है उससे वह आप ही अपना वाद विवाद करे।” 32 इसलिए उस दिन गिदोन का नाम यह कहकर यरूब्बाल रखा गया*, कि इसने जो बाल की वेदी गिराई है तो इस पर बाल आप वाद विवाद कर ले। 33 इसके बाद सब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी इकट्ठे हुए, और पार आकर यिज्रेल की तराई में डेरे डाले। 34 तब यहोवा का आत्मा गिदोन में समाया; और उसने नरसिंगा फूँका, तब अबीएजेरी उसकी सुनने के लिये इकट्ठे हुए। 35 फिर उसने समस्त मनश्शे के पास अपने दूत भेजे; और वे भी उसके समीप इकट्ठे हुए। और उसने आशेर, जबूलून, और नप्ताली के पास भी दूत भेजे; तब वे भी उससे मिलने को चले आए। 36 तब गिदोन ने परमेश्वर से कहा, “यदि तू अपने वचन के अनुसार इस्राएल को मेरे द्वारा छुड़ाएगा, 37 तो सुन, मैं एक भेड़ी की ऊन खलिहान में रखूँगा, और यदि ओस केवल उस ऊन पर पड़े, और उसे छोड़ सारी भूमि सूखी रह जाए, तो मैं जान लूँगा कि तू अपने वचन के अनुसार इस्राएल को मेरे द्वारा छुड़ाएगा।” 38 और ऐसा ही हुआ। इसलिए जब उसने सवेरे उठकर उस ऊन को दबाकर उसमें से ओस निचोड़ी, तब एक कटोरा भर गया। 39 फिर गिदोन ने परमेश्वर से कहा, “यदि मैं एक बार फिर कहूँ, तो तेरा क्रोध मुझ पर न भड़के; मैं इस ऊन से एक बार और भी तेरी परीक्षा करूँ, अर्थात् केवल ऊन ही सूखी रहे, और सारी भूमि पर ओस पड़े” 40 उस रात को परमेश्वर ने ऐसा ही किया; अर्थात् केवल ऊन ही सूखी रह गई, और सारी भूमि पर ओस पड़ी।
Judges 6:1
यहोवा की दृष्टि में बुरा किया
यहाँ “यहोवा की दृष्टि में“ कि यहोवा उनके बारे मे क्या सोचते है और क्या समझते है।
मिद्यानियों के वश में
यहाँ “मिद्यान“ मिद्यान के लोगो को दर्शाता है। मिद्यान के लोगो पर नियंत्रण।
मिद्यानी इस्राएलियों पर प्रबल हो गए
मिद्यानी लोग अधिक शक्तिशाली थे इज़राइल के लोगों की तुलना में और उन्होंने उन पर अत्याचार किया
खड्डों
पथरीली चट्टानों में ऐसी जगहें जो आश्रय प्रदान करती हैं
Judges 6:3
गाज़ा तक छावनी डाल डालकर भूमि
वे अपनी सेना केलिए तम्बुओ की स्थापना कर रहे थे।
Judges 6:5
क्योंकि वे अपने पशुओं और डेरों को लिए हुए चढ़ाई करते
मिद्यान देश लाल सागर के सागर के पास इस्राएल के पास देश के दक्षिण में था। यहा मिद्यान की यात्रा के बारे मे बात की थी। “जब भी मिद्यानियों ने इस्राएल देश के पशुओ को अपने तम्बू मे लाया।
टिड्डियों के दल के समान बहुत आते थे
मिद्यानियों की तुलना टिड्डियों के झुंड से की गई है क्योंकि वे बड़ी संख्या में लोगों के साथ आए थे और उनके पशुधन ने सब कुछ खा लिया था।
अनगिनत होते थे
यह एक अतिशयोक्ति है,
मिद्यानियों के कारण
यह मिद्यान के लोगो को दर्शाता है।
यहोवा की दुहाई दी
इस मुहावरे का अर्थ है कि उन्होने यहोवा के आगे दुवा की।
Judges 6:7
यहोवा की दुहाई दी
इस मुहावरे का अर्थ यह है कि उन्होने यहोवा के आगे मदद के किए दुवा की।
मिद्यानियों के कारण
यह मिद्यान के लोगो को दर्शाता है कि “परन्तु वह मिद्यानियों के कारण“।
मैं तुम को मिस्र में से ले आया
मैं तुम्हे मिस्र से बाहर निकाल कर ले आया।
दासत्व के घर से
मूसा ने उनको गुलामो के घर से बाहर निकाल कर लाया कि जिस स्थान पर वह वह गुलामी कर रहे थे।
Judges 6:9
हाथ से
इस वाक्यांश में “हाथ” शक्ति को दर्शाता है।
मेरा कहना नहीं माना
यहाँ “मेरा कहना” यहोवा की आज्ञा को दर्शाता है कि मेरी आज्ञा को नही माना”।
Judges 6:11
अब
इस शब्द का प्रयोग नयी कहानी को शुरु करने के लिए किया जाता है।
यहोवा का दूत
यहोवा, जो एक स्वर्गदूत के रूप में दिखाई दिए, "
ओप्रा
यह एक गाँव का नाम है।
अबीएजेरी
यह अबीएजेरी के गोत्रो के जन समूहो के नाम है।
एक दाखरस के कुण्ड में गेहूँ इसलिए झाड़ रहा था
यह एक प्रक्रिया है जिसे गेहूँ को पीटने के लिए इसतेमाल किउआ जाता है।
उसको दर्शन देकर
उसके पास गया "।
Judges 6:13
मेरे प्रभु
गिदोन “मालिक“ शब्द का प्रयोग एक अजनबी को नमस्कार करने के लिए विनम्र तरीके के रूप में करता है। उसे एहसास नहीं है कि वह यहोवा से देवदूत या पुरुष के रूप में बात कर रहा है ।
जितने आश्चर्यकर्मों का वर्णन हमारे पुरखा यह कहकर करते थे, ‘क्या यहोवा हमको मिस्र से छुड़ा नहीं लाया,’ वे कहाँ रहे?
“हमने कोई अद्भुत कर्म नहीं देखा है जैसे हमारे पिता ने हमें बताया यहोवा के बारे में जब वह उन्हें मिस्र से लाया। "
मिद्यानियों के हाथ कर दिया है
"मिद्यानियों को हमें हराने की अनुमति दी"
हाथ कर दिया
यहाँ “हाथ” शक्ति को दर्शाता है।
मिद्यानियों के
यह मिद्यान के लोगो को दर्शाता है कि " मिद्यानियों के”।
Judges 6:14
यहोवा ने उस पर दृष्टि करके
“यहोवा ने गिदोन को देखा”।
हाथ से
यहाँ “हाथ” शक्ति या नियंत्रण को दर्शाता है।
मिद्यानियों के
यह मिद्यान के लोगो को दर्शाता है कि " मिद्यानियों के”।
क्या मैंने तुझे नहीं भेजा?
यहाँ यहोवा गिदोन की सेना को एक संदेश भेज रहा है कि “मे यहोवा तुम्हे भेज रहा हूँ”।
हे मेरे प्रभु
गिदोन अब उस व्यक्ति को "मेरे गुरु" के बजाय “हे प्रभु” ।
मैं इस्राएल को कैसे छुड़ाऊँ?
यहाँ गिदोन सोचता है कि मै इस्राएल को कैसे बचाऊँगा कि मै इस्राएल को नही बचा सका”।
देख
"कृपया समझें"।
मनश्शे में
“मनश्शे के गोत्रो में”।
अपने पिता के घराने में
यहाँ “घर” परिवार को दर्शाता है। कि “मेरे पिता के परिवार मे”।
Judges 6:16
मैं तेरे संग रहूँगा
यहाँ “मै तेरे संग“ एक मुहावरा है जिसका अर्थ यहोवा ने गिदोन की सहायता की और उसे आशीश दी।
जैसा एक मनुष्य को
यहा स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि आप केवल एक पुरुष से लड़ रहे थे।
तेरे सामने न रखूँ
“इसे आपके सामने रखें"।
Judges 6:19
एक एपा मैदे
यदि यह एक आधुनिक माप का उपयोग करने का एक तरीका है जैसे “22 लीटर आटा के साथ“।
रसा
पानी जिसमें खाना पड़ा हो, जैसे मांस, उसमें पकाया जाता है
उससे कहा
“परमेश्वर के दूत ने उस से कहा”।
परमेश्वर के दूत
परमेश्वर, जो एक स्वर्गदूत के रूप में था।
Judges 6:21
यहोवा का दूत
परमेश्वर, जो एक स्वर्गदूत के रूप में था।
ओझल हो गया
“गायब हो गया“।
Judges 6:22
यहोवा का दूत
परमेश्वर, जो एक स्वर्गदूत के रूप में था।
हाय, प्रभु यहोवा!
यहाँ शब्द “हाय” से पता चलता है कि गिदोन बहुत डर गया था।
तो यहोवा के दूत को साक्षात् देखा है
यह वाक्यांश दो लोगों को एक दूसरे के करीब होने का उल्लेख किया गया है।कि “उसने सच मे यहोव के दूत देखा“।
यहोवा ने उससे कहा
“यहोवा ने स्वर्ग से गिदोन से बात की”।
आज के दिन
इसका अर्थ उस समय से होता है जब न्यायाधीशों की पुस्तक लिखी जाती थी।
ओप्रा
यह एक गाँव का नाम है
अबीएजेरियों
“अबीएजेरियों के गोत्रो मे से”।
Judges 6:25
दूसरे बैल को ले
“एक और बैल”।
उसके पास है
"जो बाल की वेदी के बगल में है"।
उस दृढ़ स्थान की चोटी पर ठहराई हुई रीति से
औप्राह शहर एक पहाड़ी की चोटी पर था। इस्राएली वहाँ मिद्यानवासियों की शरण लेने के लिए भाग गए।
एक वेदी बना
“और इसे ठीक से बनाएँ“।
Judges 6:27
यहोवा के वचन के अनुसार किया
यह यहोवा की आज्ञा को दर्शाता है।
Judges 6:28
उठकर
“अपने बिसतर से उठकर”।
वेदी गिरी पड़ी है, और उसके पास की अशेरा कटी पड़ी है, और दूसरा बैल बनाई हुई वेदी पर चढ़ाया हुआ है
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “उन्होंने देखा कि किसी ने बाल की वेदी को तोड़ दिया था, उसके बगल में आशेरा को काट दिया, और एक वेदी को बनाया और उस पर दूसरा बैल बलिदान किया गया“।
Judges 6:30
कि मार डाला जाए
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “हम उसे सजा के रूप में मार सकते हैं“।
Judges 6:31
क्या तुम बाल के लिये वाद विवाद करोगे?
यहोशू ने कहा कि हम इस बात पर ज़ोर दे सकें कि इंसान को किसी इंसान की रक्षा नहीं करनी चाहिए। कि “आप बाल की रक्षा के लिए नहीं होना चाहिए थे“
वाद विवाद करोगे
"बचाव करना”।
क्या तुम उसे बचाओगे?
यहोशू यहा इस सवाल का इसतेमाल करता हुआ कहता है कि "आपको बाल को बचाना नहीं चाहिए।"।
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है जिसका अर्थ है कि “बाल से अपने आप का बचाव करता है“।
इसलिए यह कहकर
“इसलिए योआश ने कहा”।
Judges 6:33
अब
यह शब्द नई कहानी को शुरु करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इकट्ठे हुए
इसका अर्थ यह है कि "एक सेना के रूप में एक साथ इकट्ठे हुए"।
Judges 6:34
गिदोन में समाया
इस मुहावरे का अर्थ है “गिदोन का नियंत्रण ले लिया“।
अबीएजेरी
यह अबीएजेरी के गोत्रो के जन समूहो के नाम है।
फिर उसने दूत भेजे
"इसलिए वे युद्ध के लिए उसका अनुसरण कर सकते हैं"।
और वे भी उसके समीप इकट्ठे हुए
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता हे कि “उन्हे बुलाकर उनका पालन करे”।
आशेर, जबूलून, और नप्ताली
यह आशेर, जबूलून, और नप्ताली के गोत्रो को दर्शाता है।
Judges 6:36
ऊन खलिहान
भेड का ऊनी कोट।
पड़े
यह रात के समय पोधे पर बनता हुआ पानी है।
तो मैं जान लूँगा कि तू अपने
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “"यह आप से एक संकेत होगा, और फिर मुझे पता चल जाएगा कि तुम“।
Judges 6:38
गिदोन ओस
"गिदोन बिस्तर से बाहर निकल गया"
निचोड़ी
पानी को निकालने के लिए उसे मोड़कर निचोड़ा।
Judges 6:39
गिदोन
गिदोन एक इस्राएली आदमी था, जिसने इस्राएलियों को अपने दुश्मनों से छुड़ाने के लिए परमेश्वर की आज्ञा मानी थी।
उस समय गिदोन जहाँ रहता था, जब मिदानियो नाम का एक समूह इस्राएलियों पर हमला करता रहा और उनकी फसलों को नष्ट करता रहा।
हालाँकि गिदोन डर गया था, फिर भी परमेश्वर ने उसका इस्तेमाल किया ताकि वह इसराएलियों को मिद्यानियो के खिलाफ लड़ने और उन्हें हराने के लिए ले जा सके।
गिदोन ने भी दूसरे देवताओ की पूजा करके परमेश्वर की आज्ञा का पालण ना किया।
उसने सिर्फ लोगो को हराने और अपने दुश्मनो को हराने के लिए नही प्रेरित किया बल्कि उन्हे सच्चे परमेश्वर यहोवा की आज्ञा मानने और उसकी उपासना करने के लिए भी बड़ावा दिया।
परमेश्वर
बाइबल मे शब्द “परमेश्वर” उसे दर्शाता है जिसने पुरे ब्रह्मांड को बनाया है। जो कि परमेश्वर पिता, पुत्र और पवित्र-आत्मा के रूप मे विद्यामान है। परमेश्वर का नाम “यहोवा“ है।
परमेश्वर हमेशा अस्तित्व में रहा है, और वह हमेशा के लिए अस्तित्व में रहेगा।
वह एक सच्चा परमेश्वर है और ब्रह्मांड मे सब कुछ उसके अधिकार मे है।
परमेश्वर पूरी तरह से धर्मी है, असीम बुद्धिमान, पवित्र, निष्पाप, न्याय, दयालु, और प्यार करता है।
वह एक वाचा रखने वाला परमेश्वर है जो अपने वायदे को हमेशा पूरा करता है।
लोगो को परमेश्वर की आराध्ना करने के लिए बनाया गया है और उन्हे केवल परमेश्वर की ही आराधना करनी चाहिए।
परमेश्वर ने अपना नाम यहोवा के रुप मे प्रकट किया जिसका अर्थ यह है कि “मै हूँ”।
बाइल उन झूठी देवियो के बारे मे यह सिखाती है जो कि निर्जीव मूर्तियों है जिनकी लोग गलत तरीके से पूजा करते है।
क्रोध, क्रोध
“गुस्सा होना” का अर्थ है कि किसी के खिलाफ परेशान होना है।
जब लोग क्रोध मे आते है तो वह पापी और स्वार्थी हो जाते है लेकिन कभी अत्याचार और धर्म के प्रति भी क्रोध होता है।
परमेश्वर का क्रोध पाप के बारे मे बहुत कड़ी नाराजगी व्यक्त करता है।
इस वाक्यांश का अर्थ यह है कि “किसी कारण से गुस्सा होना”।
परीक्षा
यह शब्द “परीक्षा” एक मुशकिल या दर्दनाक घटना है जिस से व्यक्ति की कमजोरियो का पता चल जाता है।
परमेश्वर लोगो की परिक्षा करता है लेकिन उन्हे लुभाता नही है पर शैतान लोगो को पाप करने के लिए लुभाता है।
जेसे सोने का परीक्षण करने के लिए उसे आग मे तपाया जाता है कि वह शुद्ध और मजबूत है उसी प्रकार परमेश्वर लोगो को मुसीबत मे ड़ालकर उनकी परीक्षा लेता है।
मुसीबत मे डालकर वह लोगो को तरीक्षा करने की चुनोती देता है।
यीशु ने शैतान से कहा कि तूने परमेश्वर की परीक्षा लेकर गलत किया है। कि वह तो यह परमेश्वर है जो सब के लिए सब कुछ कर सकता है।
Translation Questions
Judges 6:2
मिद्यानियों के कारण इस्राएलियों ने क्या किया?
मिद्यानियों के डर से इस्राएलियों ने पहाड़ों के गहरे खड्डों और गुफाओं और किलों को अपने निवास बना लिए।।
Judges 6:3
इस्राएली जब-जब फसल उगाते तब-तब क्या होता था?
इस्राएली जब-जब फसल उगाते तब मिद्यानी और अमालेकी तथा पूर्वी लोग उन पर इस्राएलियों पर आक्रमण कर देते थे।
Judges 6:5
ये मिद्यानी और अमालेकी संख्या में कितने थे?
उनकी गिनती करना संभव नहीं था।
Judges 6:10
इस्राएली किसके देश में थे?
इस्राएली एमोरियों के देश में थे।
Judges 6:11
गिदोन दाखरस के कुण्ड में गेहूं क्यों झाड़ रहा था?
गिदोन दाखरस के कुण्ड में गेहूं झाड़ रहा था क्योंकि वह मिद्यानियों से अपना गेहूं छिपा रहा था।
Judges 6:13
गिदोन के विचार में यहोवा ने इस्राएल के साथ कैसा व्यवहार किया था?
गिदोन के विचार में यहोवा इस्राएलियों को त्यागकर मिद्यानियों के अधीन कर दिया था।
Judges 6:15
गिदोन क्यों सोचता था कि वह इस्राएल को छुटकारा नहीं दिला सकता है?
गिदोन सोचता था कि वह इस्राएल को छुटकारा नहीं दिला सकता है क्योंकि उसका परिवार मनश्शे में सबसे कंगाल था और वह अपने कुल में सबसे छोटा था।
Judges 6:18
यहोवा गिदोन के लिए प्रतीक्षा में क्यों था?
यहोवा उसकी भेंट की प्रतीक्षा कर रहा था।
Judges 6:20
यहोवा के स्वर्गदूत ने मांस और अखमीरी रोटी कहां रखने के लिए गिदोन से कहा?
यहोवा के स्वर्गदूत ने गिदोन से कहा कि वह मांस और अखमीरी रोटी एक चट्टान पर रख दें।
Judges 6:21
यहोवा के स्वर्गदूत ने जब अपने हाथ की लाठी को बढ़ाकर मांस और अखमीरी रोटी का स्पर्श किया तब क्या हुआ?
यहोवा के स्वर्गदूत ने जब अपने हाथ की लाठी को बढ़ाकर मांस और अखमीरी रोटी का स्पर्श किया तब लाठी के स्पर्श से अग्नि उत्पन्न हुई और मांस और रोटी भस्म हो गई।
Judges 6:22
गिदोन को जब यहोवा के स्वर्गदूत का बोध हुआ तब वह क्यों डर गया?
गिदोन को जब यहोवा के स्वर्गदूत का बोध हुआ तब वह डर गया कि वह मर न जाए।
Judges 6:23
गिदोन को जब यहोवा के स्वर्गदूत का बोध हुआ तब वह क्यों डर गया?
गिदोन को जब यहोवा के स्वर्गदूत का बोध हुआ तब वह डर गया कि वह मर न जाए।
Judges 6:26
यहोवा ने गिदोन को शरण के स्थान पर चढ़ने के लिए क्या कहा?
यहोवा ने वहां उसके लिए एक वेदी बनाने की आज्ञा उसे दी।
Judges 6:27
यहोवा ने गिदोन से जो कहा उसने उसे रात के समय क्यों किया?
गिदोन से यहोवा ने जो करने के लिए कहा था वह रात के समय किया क्योंकि वह दिन में उस काम को करने अपने पिता के परिवार और नगर के लोगों से बहुत डरता था।
Judges 6:30
नगरवासी गिदोन को क्यों मार डालना चाहते थे?
नगरवासी गिदोन को मार डालना चाहते थे क्योंकि उसने बाल की वेदी गिरा दी थी और आशेर की लाट काट दी थी।
Judges 6:32
गिदोन को यरूब्बाल नाम क्यों दिया गया था?
उसे यरूब्बाल नाम इसलिए दिया गया कि उसने कहा था, "यदि वह परमेश्वर हो तो जिसने उसकी वेदी गिराई है उससे वह आप ही अपना वाद-विवाद करे।"
Judges 6:36
यह जानने के लिए कि यहोवा ने उसको इस्राएल को छुड़ाने के लिए चुना है, उसने क्या किया?
गिदोन ने भेड़ी का ऊन खलिहान में रखा और यहोवा से कहा कि ओस केवल उस ऊन पर गिरे और भूमि सूखी रहे। तब वह मान लेगा कि यहोवा ही ने उसे चुना है कि इस्राएल को छुड़ाए।
Judges 6:37
यह जानने के लिए कि यहोवा ने उसको इस्राएल को छुड़ाने के लिए चुना है, उसने क्या किया?
गिदोन ने भेड़ी का ऊन खलिहान में रखा और यहोवा से कहा कि ओस केवल उस ऊन पर गिरे और भूमि सूखी रहे। तब वह मान लेगा कि यहोवा ही ने उसे चुना है कि इस्राएल को छुड़ाए।
Judges 6:38
जब गिदोन ने ऊन निचोड़ा तो उसमें से कितना पानी निकला?
जब गिदोन ने ऊन निचोड़ा तो उसमें से एक कटोरा पानी निकला।
Judges 6:39
गिदोन ने दूसरी बार यहोवा की क्या परीक्षा ली?
गिदोन ने दूसरी बार यहोवा की परीक्षा ली, उसने कहा कि इस बार सब जगह ओस गिरे और ऊन सूखा रहे।
Chapter 7
1 तब गिदोन जो यरूब्बाल भी कहलाता है और सब लोग जो उसके संग थे सवेरे उठे, और हरोद* नामक सोते के पास अपने डेरे खड़े किए; और मिद्यानियों की छावनी उनके उत्तरी ओर मोरे नामक पहाड़ी के पास तराई में पड़ी थी।। 2 तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “जो लोग तेरे संग हैं वे इतने हैं कि मैं मिद्यानियों को उनके हाथ नहीं कर सकता, नहीं तो इस्राएल यह कहकर मेरे विरुद्ध अपनी बड़ाई मारने लगेंगे, कि हम अपने ही भुजबल के द्वारा बचे हैं। 3 इसलिए तू जाकर लोगों में यह प्रचार करके सुना दे, ‘जो कोई डर के मारे थरथराता हो, वह गिलाद पहाड़ से लौटकर चला जाए’।” तब बाईस हजार लोग लौट गए, और केवल दस हजार रह गए। 4 फिर यहोवा ने गिदोन से कहा, “अब भी लोग अधिक हैं; उन्हें सोते के पास नीचे ले चल, वहाँ मैं उन्हें तेरे लिये परखूँगा; और जिस जिसके विषय में मैं तुझ से कहूँ, ‘यह तेरे संग चले,’ वह तो तेरे संग चले; और जिस जिसके विषय में मैं कहूँ, ‘यह तेरे संग न जाए,’ वह न जाए।” 5 तब वह उनको सोते के पास नीचे ले गया; वहाँ यहोवा ने गिदोन से कहा, “जितने कुत्ते की समान जीभ से पानी चपड़-चपड़ करके पीएँ उनको अलग रख; और वैसा ही उन्हें भी जो घुटने टेककर पीएँ।” 6 जिन्होंने मुँह में हाथ लगाकर चपड़-चपड़ करके पानी पिया उनकी तो गिनती तीन सौ ठहरी; और बाकी सब लोगों ने घुटने टेककर पानी पिया। 7 तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “इन तीन सौ चपड़-चपड़ करके पीनेवालों के द्वारा मैं तुम को छुड़ाऊँगा, और मिद्यानियों को तेरे हाथ में कर दूँगा; और अन्य लोग अपने-अपने स्थान को लौट जाए।” 8 तब उन तीन सौ लोगों ने अपने साथ भोजन सामग्री ली और अपने-अपने नरसिंगे लिए; और उसने इस्राएल के अन्य सब पुरुषों को अपने-अपने डेरे की ओर भेज दिया, परन्तु उन तीन सौ पुरुषों को अपने पास रख छोड़ा; और मिद्यान की छावनी उसके नीचे तराई में पड़ी थी। 9 उसी रात को यहोवा ने उससे कहा, “उठ, छावनी पर चढ़ाई कर; क्योंकि मैं उसे तेरे हाथ कर देता हूँ। 10 परन्तु यदि तू चढ़ाई करते डरता हो, तो अपने सेवक फूरा को संग लेकर छावनी के पास जाकर सुन, 11 कि वे क्या कह रहे हैं; उसके बाद तुझे उस छावनी पर चढ़ाई करने का हियाव होगा।” तब वह अपने सेवक फूरा को संग ले उन हथियार-बन्दों के पास जो छावनी के छोर पर थे उतर गया। 12 मिद्यानी और अमालेकी और सब पूर्वी लोग तो टिड्डियों के समान बहुत से तराई में फैले पड़े थे; और उनके ऊँट समुद्र तट के रेतकणों के समान गिनती से बाहर थे। 13 जब गिदोन वहाँ आया, तब एक जन अपने किसी संगी को अपना स्वप्न बता रहा था, “सुन, मैंने स्वप्न में क्या देखा है कि जौ की एक रोटी* लुढ़कते-लुढ़कते मिद्यान की छावनी में आई, और डेरे को ऐसी टक्कर मारी कि वह गिर गया, और उसको ऐसा उलट दिया, कि डेरा गिरा पड़ा रहा।” 14 उसके संगी ने उत्तर दिया, “यह योआश के पुत्र गिदोन नामक एक इस्राएली पुरुष की तलवार को छोड़ कुछ नहीं है; उसी के हाथ में परमेश्वर ने मिद्यान को सारी छावनी समेत कर दिया है।” 15 उस स्वप्न का वर्णन और फल सुनकर गिदोन ने दण्डवत् किया; और इस्राएल की छावनी में लौटकर कहा, “उठो, यहोवा ने मिद्यानी सेना को तुम्हारे वश में कर दिया है।” 16 तब उसने उन तीन सौ पुरुषों के तीन झुण्ड किए, और एक-एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ों के भीतर एक मशाल थी। 17 फिर उसने उनसे कहा, “मुझे देखो, और वैसा ही करो; सुनो, जब मैं उस छावनी की छोर पर पहुँचूँ, तब जैसा मैं करूँ वैसा ही तुम भी करना। 18 अर्थात् जब मैं और मेरे सब संगी नरसिंगा फूँकें तब तुम भी छावनी के चारों ओर नरसिंगे फूँकना, और ललकारना, ‘यहोवा की और गिदोन की तलवार।’” 19 बीचवाले पहर के आरम्भ में जैसे ही पहरुओं की बदली हो गई थी वैसे ही गिदोन अपने संग के सौ पुरुषों समेत छावनी के छोर पर गया; और नरसिंगे को फूँक दिया और अपने हाथ के घड़ों को तोड़ डाला। 20 तब तीनों झुण्डों ने नरसिंगों को फूँका और घड़ों को तोड़ डाला; और अपने-अपने बाएँ हाथ में मशाल और दाहिने हाथ में फूँकने को नरसिंगा लिए हुए चिल्ला उठे, ‘यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार।’ 21 तब वे छावनी के चारों ओर अपने-अपने स्थान पर खड़े रहे, और सब सेना के लोग दौड़ने लगे; और उन्होंने चिल्ला चिल्लाकर उन्हें भगा दिया। 22 और उन्होंने तीन सौ नरसिंगों को फूँका, और यहोवा ने एक-एक पुरुष की तलवार उसके संगी पर और सब सेना पर चलवाई; तो सेना के लोग सरेरा की ओर बेतशित्ता तक और तब्बात के पास के आबेल-महोला तक भाग गए। 23 तब इस्राएली पुरुष नप्ताली और आशेर और मनश्शे के सारे देश से इकट्ठे होकर मिद्यानियों के पीछे पड़े। 24 और गिदोन ने एप्रैम के सब पहाड़ी देश में यह कहने को दूत भेज दिए, “मिद्यानियों से मुठभेड़ करने को चले आओ, और यरदन नदी के घाटों को बेतबारा तक उनसे पहले अपने वश में कर लो।” तब सब एप्रैमी पुरुषों ने इकट्ठे होकर यरदन नदी को बेतबारा तक अपने वश में कर लिया। 25 और उन्होंने ओरेब और जेब नाम मिद्यान के दो हाकिमों को पकड़ा; और ओरेब को ओरेब नामक चट्टान पर, और जेब को जेब नामक दाखरस के कुण्ड पर घात किया; और वे मिद्यानियों के पीछे पड़े; और ओरेब और जेब के सिर यरदन के पार गिदोन के पास ले गए।
Judges 7:1
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है जिसका अर्थ है कि “बाल अपने आप का बचाव करता है“।
उसके संग
“उन्होने अपने शिविर की स्थापना की”।
सवेरे उठे हरोद…मोरे नामक पहाड़ी
यह स्थानो के नाम है।
मिद्यानियों की छावनी उनके उत्तरी ओर
यहाँ “मिद्यान” मिद्यानियों के लोगो को दर्शाता है कि मिद्यानियों की सेना ने इस्राएल की उत्तर की ओर तम्बुओ की स्थापना की।
Judges 7:2
वे इतने हैं कि मैं मिद्यानियों को उनके हाथ नहीं कर सकता
"मेरे लिए आपको मिद्यानियों को हराने की अनुमति देने के लिए"।
हम अपने ही भुजबल के द्वारा बचे हैं
यहाँ “शक्ति” स्वयं लोगो को दर्शाति है कि “हमने परमेश्वर की सहायता के बिना खुद को बचाया है”।
अब
इसका अर्थ यह नही उसी समय परन्तु यह एक मुख्य भाग को दर्शाता है।
लोगों में यह प्रचार करके सुना दे
यहाँ “सुना“ एक व्यक्ति को दर्शाता है कि “लोगो को प्रचार सुना“।
जो कोई डर के मारे थरथराता हो
इन दोनो वाक्यो का एक ही अर्थ है।
थरथराता
इस शब्द का अर्थ है कि जो व्यक्ति “डर के मारे थरथरा रहा हो“।
लौटकर चला जाए
तुम जहां से चले जाओ कि “तुम अपने घर चले जाओ”।
गिलाद पहाड़
यह गिलाद के क्षेत्र के गिलाद पर्वत का नाम है।
बाईस हजार
दो हजार - “२२,०००”।
दस हजार रह गए
“१०,००० लोग रह गये”।
दस हजार
“१०,०००”।
Judges 7:4
और जिस जिसके विषय में मैं तुझ से कहूँ
यहाँ “संख्या” सेना को दर्शाती है। कि “और वहाँ मै तुम्हे दिखाता हूँ कि जो घर भेजने के लिए सेना के कम पुरुष होगे”।
Judges 7:5
गिदोन से कहा
शब्द "लाया" का अनुवाद "लिया" या "नेतृत्व" के रूप में किया जा सकता है।
अलग रख
जीभ के साथ चाट कर पीना।
तीन सौ पुरुष
“३०० पुरुष”।
Judges 7:7
तीन सौ पुरुष
“३०० पुरुष”।
तेरे हाथ में कर दूँगा
यहाँ “आप” गिदोन और इस्राएल को दर्शाता है।
उन तीन सौ लोगों ने अपने साथ
यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “तो जिसे यहोवा ने चुना“।
सामग्री ली और अपने-अपने नरसिंगे लिए
यहाँ “उन्हे” इस्राएल के सैनिको ने सेना को छोड़ा था उसे दर्शाता है।
अब
यह शब्द नई कहानी को शुरु करता है।
Judges 7:9
उठ, छावनी पर चढ़ाई कर; क्योंकि मैं उसे तेरे हाथ कर देता हूँ
यहाँ “छावनी” मिद्यानी की सेना को दर्शाति है कि “उसने मिद्यानियों की सेना पर हमला किया और उसकी सेना को मारने के लिए गया।
चढ़ाई करते डरता हो
आप यह जानकारी से स्पष्ट समझ सकते है कि “हमले के लिए नीचे जाने के लिए डर लगता है“।
उसके बाद तुझे उस छावनी पर चढ़ाई करने का हियाव होगा
यह स्पष्ट रूप से कहा जाता है कि और आपको प्रोसाकित करने के लिए दर्शाया गया है।
हथियार-बन्दों
यह आस-पास के स्थनो का एक क्षेत्र है जहाँ सैनिक दुश्मनो की सेना को देखने के लिए खड़े रहते है।
Judges 7:12
तो टिड्डियों के समान बहुत से तराई
यहाँ “बादल” का अर्थ एक झुड़ हे। लेखक एक सेना की बात करते है जेसे कि वह टिड्डियों के झुड़ से हो।
उनके ऊँट…समुद्र तट के रेतकणों के समान गिनती से बाहर थे
लेखक बहुत सारे व्यक्तियो और बहुत सारे ऊँटो को दर्शाता है।
उनके ऊँट समुद्र तट के रेतकणों के समान गिनती से बाहर थे
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि उनके ऊँट बहुत सारे थे जिनकी कोई भी संख्या नही थी।
Judges 7:13
गिदोन की तलवार को छोड़ कुछ नहीं है
"अपने सपने में जौ की रोटी का आटा गिदोन की सेना होना चाहिए"
परमेश्वर ने मिद्यान को सारी छावनी समेत कर दिया है
परमेश्वर सच मे इस्राएलियो और मिद्यानीयो को हराने की सहायता करेगा।
Judges 7:15
तीन सौ पुरुषों
“३०० पुरुष”।
Judges 7:17
यहोवा की और गिदोन की तलवार
इन शब्दो मे कहा गया है कि हम गिदोन और यहोवा के लिए लड़ते है।
Judges 7:19
सौ पुरुष
“१०० पुरुष”।
आरम्भ में जैसे ही पहरुओं की बदली हो गई थी
मध्य घड़ी की शुरुआत रात से लगभग दस बजे होगी।
Judges 7:20
यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार
यहाँ “तलवार” लड़ाई को दर्शाति है कि हम यहोवा और गिदोन के लिए लड़ते है।
Judges 7:22
तीन सौ नरसिंगों को फूँका
“३०० नरसिंगे”।
यहोवा ने एक-एक पुरुष की तलवार उसके संगी पर और सब सेना पर चलवाई
यहाँ “तलवार“ हमला करने को दर्शाती है कि यहोवा ने हर मिद्यानी आदमी को लड़ने के लिए कहा।
बेतशित्ता…आशेर…आबेल-महोला…तब्बात
यह गाँव ओर शहरो के नाम है।
तब इस्राएली पुरुष नप्ताली और आशेर और मनश्शे के सारे देश से इकट्ठे होकर
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि गिदोन ने नप्ताली, आशेर और सारे मनश्शो और इस्राएल के सारे गोत्रो को बुलाया।
Judges 7:24
बेतबारा
यह एक गाँव का नाम है।
और यरदन नदी के घाटों को बेतबारा तक उनसे पहले अपने वश में कर लो
बेतबारा ने यरदन नदी के दक्षिण दिशा मे यरदन नदी पर नियंत्रण किया।
ओरेब नामक चट्टान पर… जेब नामक दाखरस
इन स्थानो पर यह नाम उस समय दिए गये थे जब इस्राएल ने आरेब और जेब को मार डाला था।
ओरेब…जेब
यह पुरुषो के नाम है।
Translation Questions
Judges 7:2
यहोवा ने डरने वाले लोगों को क्यों लौटा दिया?
यहोवा ने उन्हें लौटा दिया कि इस्राएली यह न कहें कि वे अपने ही भुजबल द्वारा बचे हैं।
Judges 7:3
यहोवा ने डरने वाले लोगों को क्यों लौटा दिया?
यहोवा ने उन्हें लौटा दिया कि इस्राएली यह न कहें कि वे अपने ही भुजबल द्वारा बचे हैं।
Judges 7:4
यहोवा ने गिदोन को सैनिकों को पानी में लेने के लिए क्यों कहा?
यहोवा गिदोन को बताकर सैनिकों की संख्या को छोटा बनाना चाहता था, जो उसके साथ जाएंगे।
Judges 7:5
यहोवा ने सैनिकों को अलग करने के लिए गिदोन को कैसे बताया?
यहोवा ने गिदोन को कुत्ते के समान जीभ से पानी चपड़-चपड़ करके पीनेवालों को अलग करने के लिए कहा।
Judges 7:7
गिदोन ने कितने सैनिकों को रखा?
गिदोन ने तीन सौ सैनिकों को रखा और बाकीयों को घर भेज दिया।
Judges 7:8
गिदोन ने कितने सैनिकों को रखा?
गिदोन ने तीन सौ सैनिकों को रखा और बाकीयों को घर भेज दिया।
Judges 7:10
यदि गिदोन भयभीत हो तो उसका साहस कैसे बढ़ेगा?
यदि गिदोन भयभीत हो, तो वह छावनी के पास जाकर उनकी बातें सुने तो उसका साहस बढ़ जाएगा।
Judges 7:11
यदि गिदोन भयभीत हो तो उसका साहस कैसे बढ़ेगा?
यदि गिदोन भयभीत हो, तो वह छावनी के पास जाकर उनकी बातें सुने तो उसका साहस बढ़ जाएगा।
Judges 7:13
वहां एक पुरूष अपने साथी को स्वप्न सुना रहा था तब उसके साथी ने वह स्वप्न किसके बारे में सुझाया?
वहां एक पुरूष अपने साथी को स्वप्न सुना रहा था तब उसके साथी ने वह स्वप्न गिदोन के बारे में देखा। परमेश्वर ने उसे मिद्यानियों की सेना पर विजयी बना दिया है।
Judges 7:14
वहां एक पुरूष अपने साथी को स्वप्न सुना रहा था तब उसके साथी ने वह स्वप्न किसके बारे में सुझाया?
वहां एक पुरूष अपने साथी को स्वप्न सुना रहा था तब उसके साथी ने वह स्वप्न गिदोन के बारे में देखा। परमेश्वर ने उसे मिद्यानियों की सेना पर विजयी बना दिया है।
Judges 7:16
गिदोन ने अपने तीन सौ सैनिकों को क्या दिया?
गिदोन ने उनमें से हर एक को एक नरसिंगा, और खाली घड़ा दिया, घड़ों के भीतर एक-एक मशाल थी।
Judges 7:19
गिदोन के सैनिकों ने कब नरसिंगे फूंके और अपना-अपना घड़ा फोड़ दिया?
बीच वाले पहर के आरंभ में जब पहरूओं की बदली हो रही थी तब गिदोन अपने सौ सैनिकों के साथ छावनी के छोर पर गया और नरसिंगे को फूंक दिया और अपने हाथ के घड़ों को फोड़ दिया।
Judges 7:22
जब उन्होंने तीन सौ नरसिंगे फूंके तब यहोवा ने क्या किया?
जब उन्होंने तीन सौ नरसिंगे फूंके तब यहोवा ने प्रत्येक मिद्यानी सैनिक को उसके साथी के विरूद्ध कर दिया और उनकी संपूर्ण सेना एक दूसरे के विरूद्ध हो गई।
Judges 7:24
एप्रैमवंशियों ने संगठित होकर कहां तक पानी पर अधिकार किया?
एप्रैमी पुरूषों ने इकट्ठे होकर यरदन नदी को बेतबारा तक अपने वश में कर लिया।
Chapter 8
1 तब एप्रैमी पुरुषों ने गिदोन से कहा, “तूने हमारे साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया है, कि जब तू मिद्यान से लड़ने को चला तब हमको नहीं बुलवाया*?” अतः उन्होंने उससे बड़ा झगड़ा किया।
2 उसने उनसे कहा, “मैंने तुम्हारे समान भला अब किया ही क्या है? क्या एप्रैम की छोड़ी हुई दाख भी अबीएजेर की सब फसल से अच्छी नहीं है? 3 तुम्हारे ही हाथों में परमेश्वर ने ओरेब और जेब नामक मिद्यान के हाकिमों को कर दिया; तब तुम्हारे बराबर मैं कर ही क्या सका?” जब उसने यह बात कही, तब उनका जी उसकी ओर से ठण्डा हो गया। 4 तब गिदोन और उसके संग तीन सौ पुरुष, जो थके-मान्दे थे तो भी खदेड़ते ही रहे थे, यरदन के किनारे आकर पार हो गए। 5 तब उसने सुक्कोत के लोगों से कहा, “मेरे पीछे इन आनेवालों को रोटियाँ दो, क्योंकि ये थके-मान्दे हैं; और मैं मिद्यान के जेबह और सल्मुन्ना नामक राजाओं का पीछा कर रहा हूँ।” 6 सुक्कोत के हाकिमों ने उत्तर दिया, “क्या जेबह और सल्मुन्ना तेरे हाथ में पड़ चुके हैं, कि हम तेरी सेना को रोटी दें?” 7 गिदोन ने कहा, “जब यहोवा जेबह और सल्मुन्ना को मेरे हाथ में कर देगा, तब मैं इस बात के कारण तुम को जंगल के कटीले और बिच्छू पेड़ों से नुचवाऊँगा।” 8 वहाँ से वह पनूएल को गया, और वहाँ के लोगों** से ऐसी ही बात कही; और पनूएल के लोगों ने सुक्कोत के लोगों का सा उत्तर दिया। 9 उसने पनूएल के लोगों से कहा, “जब मैं कुशल से लौट आऊँगा, तब इस गुम्मट को ढा दूँगा।” 10 जेबह और सल्मुन्ना तो कर्कोर में थे, और उनके साथ कोई पन्द्रह हजार पुरुषों की सेना थी, क्योंकि पूर्वियों की सारी सेना में से उतने ही रह गए थे; और जो मारे गए थे वे एक लाख बीस हजार हथियारबंद थे। 11 तब गिदोन ने नोबह और योगबहा के पूर्व की ओर डेरों में रहनेवालों के मार्ग में चढ़कर उस सेना को जो निडर पड़ी थी मार लिया। 12 और जब जेबह और सल्मुन्ना भागे, तब उसने उनका पीछा करके मिद्यानियों के उन दोनों राजाओं अर्थात् जेबह और सल्मुन्ना को पकड़ लिया, और सारी सेना को भगा दिया। 13 और योआश का पुत्र गिदोन हेरेस नामक चढ़ाई पर से लड़ाई से लौटा। 14 और सुक्कोत के एक जवान पुरुष को पकड़कर उससे पूछा, और उसने सुक्कोत के सतहत्तरों हाकिमों और वृद्ध लोगों के पते लिखवाये। 15 तब वह सुक्कोत के मनुष्यों के पास जाकर कहने लगा, “जेबह और सल्मुन्ना को देखो, जिनके विषय में तुम ने यह कहकर मुझे चिढ़ाया था, कि क्या जेबह और सल्मुन्ना अभी तेरे हाथ में हैं, कि हम तेरे थके-मान्दे जनों को रोटी दें?” 16 तब उसने उस नगर के वृद्ध लोगों को पकड़ा, और जंगल के कटीले और बिच्छू पेड़ लेकर सुक्कोत के पुरुषों को कुछ सिखाया। 17 और उसने पनूएल के गुम्मट को ढा दिया, और उस नगर के मनुष्यों को घात किया। 18 फिर उसने जेबह और सल्मुन्ना से पूछा, “जो मनुष्य तुम ने ताबोर पर घात किए थे वे कैसे थे?” उन्होंने उत्तर दिया, “जैसा तू वैसे ही वे भी थे, अर्थात् एक-एक का रूप राजकुमार का सा था।” 19 उसने कहा, “वे तो मेरे भाई, वरन् मेरे सहोदर भाई थे; यहोवा के जीवन की शपथ, यदि तुम ने उनको जीवित छोड़ा होता, तो मैं तुम को घात न करता।” 20 तब उसने अपने जेठे पुत्र यतेरे से कहा, “उठकर इन्हें घात कर।” परन्तु जवान ने अपनी तलवार न खींची, क्योंकि वह उस समय तक लड़का ही था, इसलिए वह डर गया। 21 तब जेबह और सल्मुन्ना ने कहा, “तू उठकर हम पर प्रहार कर; क्योंकि जैसा पुरुष हो, वैसा ही उसका पौरुष भी होगा।” तब गिदोन ने उठकर जेबह और सल्मुन्ना को घात किया; और उनके ऊँटों के गलों के चन्द्रहारों को ले लिया। 22 तब इस्राएल के पुरुषों ने गिदोन से कहा, “तू हमारे ऊपर प्रभुता कर, तू और तेरा पुत्र और पोता भी प्रभुता करे; क्योंकि तूने हमको मिद्यान के हाथ से छुड़ाया है।” 23 गिदोन ने उनसे कहा, “मैं तुम्हारे ऊपर प्रभुता न करूँगा, और न मेरा पुत्र तुम्हारे ऊपर प्रभुता करेगा; यहोवा ही तुम पर प्रभुता करेगा।” 24 फिर गिदोन ने उनसे कहा, “मैं तुम से कुछ माँगता हूँ; अर्थात् तुम मुझ को अपनी-अपनी लूट में की बालियाँ* दो। (वे तो इश्माएली थे, इस कारण उनकी बालियाँ सोने की थीं।)” 25 उन्होंने कहा, “निश्चय हम देंगे।” तब उन्होंने कपड़ा बिछाकर उसमें अपनी-अपनी लूट में से निकालकर बालियाँ डाल दीं। 26 जो सोने की बालियाँ उसने माँग लीं उनका तौल एक हजार सात सौ शेकेल हुआ; और उनको छोड़ चन्द्रहार, झुमके, और बैंगनी रंग के वस्त्र जो मिद्यानियों के राजा पहने थे, और उनके ऊँटों के गलों की जंजीर। 27 उनका गिदोन ने एक एपोद बनवाकर अपने ओप्रा नामक नगर में रखा; और सारा इस्राएल वहाँ व्यभिचारिणी के समान उसके पीछे हो लिया, और वह गिदोन और उसके घराने के लिये फंदा ठहरा। 28 इस प्रकार मिद्यान इस्राएलियों से दब गया, और फिर सिर न उठाया। और गिदोन के जीवन भर अर्थात् चालीस वर्ष तक देश चैन से रहा। 29 योआश का पुत्र यरूब्बाल जाकर अपने घर में रहने लगा। 30 और गिदोन के सत्तर बेटे उत्पन्न हुए, क्योंकि उसकी बहुत स्त्रियाँ थीं। 31 और उसकी जो एक रखैल शेकेम में रहती थी उसको एक पुत्र उत्पन्न हुआ, और गिदोन ने उसका नाम अबीमेलेक रखा। 32 योआश का पुत्र गिदोन पूरे बुढ़ापे में मर गया, और अबीएजेरियों के ओप्रा नामक गाँव में उसके पिता योआश की कब्र में उसको मिट्टी दी गई।। 33 गिदोन के मरते ही इस्राएली फिर गए, और व्यभिचारिणी के समान बाल देवताओं के पीछे हो लिए, और बाल-बरीत को अपना देवता मान लिया। 34 और इस्राएलियों ने अपने परमेश्वर यहोवा को, जिस ने उनको चारों ओर के सब शत्रुओं के हाथ से छुड़ाया था, स्मरण न रखा; 35 और न उन्होंने यरूब्बाल अर्थात् गिदोन की उस सारी भलाई के अनुसार जो उसने इस्राएलियों के साथ की थी उसके घराने को प्रीति दिखाई।
Judges 8:1
तब हमको नहीं बुलवाया?
"आपने हमारे साथ उचित व्यवहार नहीं किया है।"
मिद्यान से लड़ने
यहाँ “मिद्यान“ मिद्यानीयो की सेना को दर्शाता है।
अतः उन्होंने उससे बड़ा झगड़ा किया
“उन्होने उसे बुरी तरह से डाटा।
Judges 8:2
सामानय जानकारी:
गिदोन एप्रैम के पुरुषो को जवाब देता है।
मैंने तुम्हारे समान भला अब किया ही क्या है?
गिदोन एप्रैम के लोगो को समान रखने के लिए इस सवाल का इस्तेमाल करता है कि “तुमने जो किया है, उसकी तुलना में मैंने बहुत कम किया है”।
क्या एप्रैम की छोड़ी हुई दाख भी अबीएजेर की सब फसल से अच्छी नहीं है?
एप्रैम के लोगों ने युद्ध के अंत में जो किया, वह इस बात से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है जितना कि हम अबीएजेर के वंशजों ने शुरू में किया था।
क्या एप्रैम की छोड़ी हुई दाख भी अबीएजेर की सब फसल से अच्छी नहीं है?
एप्रैम के लोगों ने युद्ध के अंत में जो किया, वह इस बात से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है जितना कि हम अबीएजेर के वंशजों ने शुरू में किया था।
अबीएजेर
यह नाम गिदोन के गौत्रो का है कि गिदोन अपने नाम का इस्तेमाल अबीएजेर और उनके देश के नाम से करता है।
ओरेब और जेब
यह पुरुषो के नाम है।
तब तुम्हारे बराबर मैं कर ही क्या सका?
गिदोन इस सवाल का इस्तेमाल एप्रैम के लोगो के डर को दूर करने के लिए करता है कि “तुमने और मैंने क्या किया उसकी तुलना मे महत्वपूर्ण है।
ठण्डा हो गया
“कम हो गया”।
Judges 8:4
तीन सौ पुरुष
“३०० पुरुष”।
किनारे आकर पार हो गए
यह शब्द “पीछा” करने का अर्थ है कि “दुश्मनो ने लगातार उसका पीछा किया।
जेबह और सल्मुन्ना
यह पुरुषो के नाम है।
Judges 8:6
जेबह और सल्मुन्ना तेरे हाथ में पड़ चुके हैं?
यह हाकिम इस्राएल के लोगो से स्वाल पूछते हे कि “आपने अभी तक जेबह और सल्मुन्ना पर कब्जा नही किया।
जेबह और सल्मुन्ना तेरे हाथ में पड़ चुके हैं
यहाँ “हाथ” पूरे शारीर को दर्शाते है।
मेरे हाथ में कर
यहाँ “हाथ” शक्ति को दर्शाता है।
कि हम तेरी सेना को रोटी दें?
"हम आपकी सेना को रोटी देने का कोई कारण नहीं देखते हैं।"
मैं इस बात के कारण तुम को जंगल के कटीले और बिच्छू पेड़ों से नुचवाऊँगा
इस वाक्य का स्पष्ट अर्थ यह है कि यह रेगीस्तान को कटीले और बिच्छू को काटो से एक कोड़ा बनाया जाता है जिस से उसे कटोती करने के लिए मारा जाता है।
कटीले और बिच्छू
यह पेड़ के तेज, नुकीले टुकड़े है जो बाहर चिपके रहते हैं और लोगों और जानवरों को काट सकते हैं।
Judges 8:8
वहाँ से वह गया
यहाँ “वह” गिदोन को दर्शाता है और गिदोन सैनिको का पीछा करने को कहता है कि “वे वहाँ से चला गया”।
पनूएल
यह एक स्थान का नाम है।
और वहाँ के लोगों से ऐसी ही बात कही
तुम्हारी जानकारी की समझ से यह स्पष्ट होता है कि “और वहा भी उन्हे भोजन के लिए कहा“।
जब मैं कुशल से लौट आऊँगा
“बाद मे मे मिद्यान सेना को पूरी तरह से हरा दूँगा।
तब इस गुम्मट को ढा दूँगा
यहाँ “मैं” गिदोन के आदमियो को दर्शाता है। “मेरे आदमी और मे उस पुल से नीचे जाऊँगा”।
Judges 8:10
अब
यह शब्द नयी कहानी को शुरु करता है।
जेबह और सल्मुन्ना
यह पुरुषो के नाम है।
कर्कोर
यह शहर का नाम है।
पन्द्रह हजार पुरुषों
“१५,००० पुरुष”।
सारी सेना
यह वह लोग है जो लड़ाई मे मारे गये थे या “मर गये”।
जो मारे गए थे हजार हथियारबंद थे
यह सैनिको को दर्शाता है कि “सैनिको”।
हथियारबंद थे
यहाँ “हथियार” जो सैनिक लड़ाई मे इसतेमाल करते है उनको दर्शाया गया है।
Judges 8:11
तब गिदोन
यहाँ “गिदोन“ सारे सैनिको को दर्शाता है।कि “गिदोन और उसके सैनिक उठे“।
उस को मार दिया
यहाँ “वह” गिदोन के सारे सैनिको को दर्शाता है कि गिदोन और उसके सैनिको को मारा देता है।
जेबह और सल्मुन्ना
यह गाँव के नाम है।
भगा दिया
बहुत डर।
Judges 8:13
हेरेस नामक चढ़ाई
यह दो पर्वत के बीच एक सड़क का नाम है।
एक जवान पुरुष को पकड़कर
इस मुहावरे का अर्थ है कि “उस युवा पुरुष से मिल”।
पकड़कर उससे पूछा,
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि उसने उनसे शहर के सभी हाकिमों की पहचान करने के लिए कहा।
सतहत्तरों पुरुष
सात पुरुष - “७७ पुरुष”।
Judges 8:15
जेबह और सल्मुन्ना
यह पुरुषो के नाम है।
क्या जेबह और सल्मुन्ना अभी तेरे हाथ में हैं, कि हम तेरे थके-मान्दे जनों को रोटी दें?
तुमने अभी भी जेबह और सल्मुन्ना पर विजय प्राप्त नही की।
तब उसने उस नगर के वृद्ध
"गिदोन और उसके सैनिक ले गए ... उन्होंने दंडित किया ... उन्होंने खींच लिया"
कटीले और बिच्छू
यह पेड़ के तेज, नुकीले टुकड़े है जो बाहर चिपके रहते हैं और लोगों और जानवरों को काट सकते हैं।
पनूएल
यह एक स्थान का नाम है।
Judges 8:18
जेबह और सल्मुन्ना
यह पुरुषो के नाम है।
ताबोर
यह एक पर्वत का नाम है।
जैसा तू वैसे ही वे भी थे
“वे सिर्फ तेरी ही तरह थे”।
यहोवा के जीवन
यहोवा ने उनसे कहा “मै तुमसे वादा करता हूँ”।
Judges 8:20
यतेरे
यह गिदोन के बेटे का नाम है।
क्योंकि जैसा पुरुष हो, वैसा ही उसका पौरुष भी होगा।
यह एक पुरुष के काम करने के लिए एक मुहावरा है।
चन्द्रहारों
यह दो बिंदुओ के साथ एक घुमावदार गोला होता है। यह तब होता हे जब चन्द्रमा ज्यादा छाया मे होता है।
गलों के हारो
“सजावट”।
Judges 8:22
तू और तेरा पुत्र और पोता
इसका अर्थ यह है कि गिदोन के वंशजो उस पर शासन करने के बाद वह मर जाते है जैसे कि "आप और आपके वंशज आपके मरने के बाद"।
मिद्यान के हाथ से छुड़ाया
यहाँ “हाथ” मिद्यान के ऊपर अपनी शक्ति को दर्शाता है कि मिद्यान की शक्ति से।
मिद्यान के
यहाँ “ मिद्यान“ मिद्यानियो के लोगो को दर्शाता है।
Judges 8:24
गिदोन ने उनसे कहा
“गिदोन ने इस्राएल के पुरुषो से कहा”।
बालियाँ
कान पर पहना हुआ गहना।
लूट में
युद्ध में मारे गए लोगों से छीनी गई चीजें।
वे तो मिद्यानी थे, इस कारण उनकी बालियाँ सोने की थीं
लेखक यहा मिद्यानियो की पुष्ठभूमि की जानकारी दिलाता है।
कपड़ा बिछाकर
यह कपड़े का एक बहुत बड़ा टुकड़ा है जिसे कंधो पर पहना गया था।
Judges 8:26
सोने की एक हजार सात सौ शेकेल
“१८.७ किलोगराम सोना “।
चन्द्रहार, झुमके
यह दो बिंदुओ के साथ एक घुमावदार गोला होता है। यह तब होता हे जब चन्द्रमा ज्यादा छाया मे होता है। जेसे कि सजावट का समान”।
गलों की जंजीर
हार की डोरी।
जो मिद्यानियों के राजा पहने थे,
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “जो मिद्यान के राजा ने पहन था”।
Judges 8:27
गिदोन ने एक एपोद बनवाकर
“गिदोन ने एपोद के लिए बालियाँ बनाने के लिये सोने का उपयोग किया“।
ओप्रा
यह एक नगर का नाम है।
सारा इस्राएल वहाँ व्यभिचारिणी के समान उसके पीछे हो लिया
इस्राएलियो ने एपोद की पूजा के द्वारा यहोवा के विरुद्ध पाप किया।
सारा इस्राएल
इजरायल में बहुत से लोग परिधान की पूजा करते हैं "
वह गिदोन और उसके घराने के लिये फंदा ठहरा।
"यह गिदोन और उसके परिवार के लिए एक प्रलोभन बन गया"
उसके घराने के लिये
उसके परिवार के लिये
मिद्यान इस्राएलियों से दब गया,
"इसलिए याहोवा ने इस्राएल के लोगों के सामने मिद्यानियों को अपने अधीन कर लिया"
और फिर सिर न उठाया
उन्होंने इजरायल पर फिर से हमला नहीं किया "
देश चैन से रहा।
"इसलिए इस्राएली शांति से रहे"
चालीस वर्ष
चालीस वर्ष
गिदोन के जीवन
"गिदोन के जीवन के दौरान"
Judges 8:29
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है।
सत्तर बेटे
“७० बेटे”।
Judges 8:32
पूरे बुढ़ापे में
"जब वह बहुत बूढ़ा हो गया था”।
मिट्टी दी
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि उसे दफनाया गया”।
ओप्रा
यह एक गाँव का नाम है।
अबीएजेरियों के
यह अबीएजेरी के गोत्रो के जन समूहो के नाम है।
फिर गए
यह नई कहानी के शुरु होने को दर्शाता है।
पीछे हो
“उन्होने यहोवा की अराधना करनी बंध कर दी”।
व्यभिचारिणी के समान बाल देवताओं के पीछे हो लिए
वह पाप के भागीदार है क्योकि उन्होने यहोवा को छोड़ कर झूठे देवताओ की पूजा की।
बाल-बरीत
यह झूठे देवताओ के नाम है।
Judges 8:34
सब शत्रुओं के हाथ से छुड़ाया था
यहाँ “हाथ” शक्ति को दर्शाता है कि “सारे दुश्मनो की शक्ति”।
उनको चारों ओर के
“जिन्होने उसे घेर लिया”।
यरूब्बाल घराने को प्रीति
यहाँ “घर” व्यक्ति के परिवार को दर्शाता है कि जेसै “यरूब्बाल का परिवार”।
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है जिसका अर्थ है कि “बाल से अपने आप का बचाव करता है“।
Translation Questions
Judges 8:1
एप्रैमियों के पुरुषों ने गिदोन से क्यों विवाद किया था?
एप्रैमियों के पुरुषों ने गिदोन से विवाद किया क्योंकि गिदोन ने मिद्यानियों से युद्ध करने में उन्हें साथ नहीं लिया था।
Judges 8:5
गिदोन ने सुक्कोत के लोगों से क्या निवेदन किया था?
गिदोन ने सुक्कोत के लोगों से उसके पीछे आने वाले लोगों के लिए रोटी मांगी थी।
Judges 8:6
गिदोन ने पनुएल के लोगों को क्यों बताया कि वह टावर को नीचे खींच देगा?
गिदोन ने पनुएल के लोगों से कहा कि वह टावर को नीचे खींच देगा क्योंकि वे अपनी सेना की रोटी नहीं देंगे, जैसे सुकोथ के लोगों ने इनकार कर दिया था।
Judges 8:8
गिदोन ने पनुएल के लोगों को क्यों बताया कि वह टावर को नीचे खींच देगा?
गिदोन ने पनुएल के लोगों से कहा कि वह टावर को नीचे खींच देगा क्योंकि वे अपनी सेना की रोटी नहीं देंगे, जैसे सुकोथ के लोगों ने इनकार कर दिया था।
Judges 8:9
गिदोन ने पनुएल के लोगों को क्यों बताया कि वह टावर को नीचे खींच देगा?
गिदोन ने पनुएल के लोगों से कहा कि वह टावर को नीचे खींच देगा क्योंकि वे अपनी सेना की रोटी नहीं देंगे, जैसे सुकोथ के लोगों ने इनकार कर दिया था।
Judges 8:11
गिदोन ने नोबा और जोगबीह के पीछे दुश्मन सेना को क्यों पराजित किया?
गिदोन ने दुश्मन सेना को हरा दिया, क्योंकि वे हमले की उम्मीद नहीं कर रहे थे।
Judges 8:15
गिदोन ने सुक्कोत के लोगों को दंडित करने से पहले किसने दिखाया?
गिदोन ने जेबह और सलमुन्ना को सुकोथ के लोगों को दंडित करने से पहले दिखाया।
Judges 8:16
गिदोन ने सुक्कोत के लोगों को दंडित करने से पहले किसने दिखाया?
गिदोन ने जेबह और सलमुन्ना को सुकोथ के लोगों को दंडित करने से पहले दिखाया।
Judges 8:18
जेबह और सलमुन्ना ने किस तरह के लोगों को ताबोर में मारा?
जेबह और सलमुन्ना ने गिदोन के भाइयों को मार डाला।
Judges 8:19
जेबह और सलमुन्ना किस तरह के लोगों को ताबोर में मारा?
जेबह और सलमुन्ना ने गिदोन के भाइयों को मार डाला।
Judges 8:20
यतेरे ने अपनी तलवार क्यों नहीं खींची?
यतेरे ने अपनी तलवार नहीं खींची क्योंकि वह डर गया था, क्योंकि वह अभी भी एक छोटा लड़का था।
Judges 8:23
गिदोन ने इस्राएल के लोगों पर शासन कब किया?
गिदोन ने कहा कि यहोवा इस्राएल के लोगों पर शासन करेगा।
Judges 8:24
गिदोन ने सुक्कोत के लोगों से क्या निवेदन किया था?
गिदोन ने उन्हें अपनी लूट की बालियों के लिए कहा।
Judges 8:27
गिदोन ने बालियों से क्या किया?
गिदोन ने कान की बाली से एक एपोद बनाया।
इस्राएल ने स्वर्ण एपोद के साथ क्या किया?
इस्राएल ने इसे पूजा करके खुद को वेश्या बना दिया।
Judges 8:33
गिदोन मरने के तुरंत बाद क्या हुआ?
जैसे ही गिदोन मर गया, इस्राएल के लोग फिर से बदल गए और बालों की पूजा करके खुद को वेश्या बना दिया।
Chapter 9
1 यरूब्बाल का पुत्र अबीमेलेक शेकेम को अपने मामाओं के पास जाकर उनसे और अपने नाना के सब घराने से यह कहने लगा, 2 “शेकेम के सब मनुष्यों से यह पूछो, ‘तुम्हारे लिये क्या भला है? क्या यह कि यरूब्बाल के सत्तर पुत्र तुम पर प्रभुता करें?’ या कि एक ही पुरुष तुम पर प्रभुता करे? और यह भी स्मरण रखो कि मैं तुम्हारा हाड़ माँस हूँ।” 3 तब उसके मामाओं ने शेकेम के सब मनुष्यों से ऐसी ही बातें कहीं; और उन्होंने यह सोचकर कि अबीमेलेक तो हमारा भाई है अपना मन उसके पीछे लगा दिया। 4 तब उन्होंने बाल-बरीत के मन्दिर में से सत्तर टुकड़े रूपे उसको दिए, और उन्हें लगाकर अबीमेलेक ने नीच और लुच्चे जन रख लिए, जो उसके पीछे हो लिए। 5 तब उसने ओप्रा में अपने पिता के घर जा के अपने भाइयों को जो यरूब्बाल के सत्तर पुत्र थे एक ही पत्थर पर घात किया; परन्तु यरूब्बाल का योताम नामक लहुरा पुत्र छिपकर बच गया। 6 तब शेकेम के सब मनुष्यों और बेतमिल्लो के सब लोगों ने इकट्ठे होकर शेकेम के खम्भे के पासवाले बांज वृक्ष के पास अबीमेलेक को राजा बनाया।
7 इसका समाचार सुनकर योताम गिरिज्जीम पहाड़* की चोटी पर जाकर खड़ा हुआ, और ऊँचे स्वर से पुकार के कहने लगा, “हे शेकेम के मनुष्यों, मेरी सुनो, इसलिए कि परमेश्वर तुम्हारी सुने। 8 किसी युग में वृक्ष किसी का अभिषेक करके अपने ऊपर राजा ठहराने को चले; तब उन्होंने जैतून के वृक्ष से कहा, ‘तू हम पर राज्य कर।’ 9 तब जैतून के वृक्ष ने कहा, ‘क्या मैं अपनी उस चिकनाहट को छोड़कर, जिससे लोग परमेश्वर और मनुष्य दोनों का आदरमान करते हैं, वृक्षों का अधिकारी होकर इधर-उधर डोलने को चलूँ?’ 10 तब वृक्षों ने अंजीर के वृक्ष से कहा, ‘तू आकर हम पर राज्य कर।’ 11 अंजीर के वृक्ष ने उनसे कहा, ‘क्या मैं अपने मीठेपन और अपने अच्छे-अच्छे फलों को छोड़ वृक्षों का अधिकारी होकर इधर-उधर डोलने को चलूँ?’ 12 फिर वृक्षों ने दाखलता से कहा, ‘तू आकर हम पर राज्य कर।’ 13 दाखलता ने उनसे कहा, ‘क्या मैं अपने नये मधु को छोड़, जिससे परमेश्वर और मनुष्य दोनों को आनन्द होता है, वृक्षों की अधिकारिणी होकर इधर-उधर डोलने को चलूँ?’ 14 तब सब वृक्षों ने झड़बेरी से कहा, ‘तू आकर हम पर राज्य कर।’ 15 झड़बेरी ने उन वृक्षों से कहा, ‘यदि तुम अपने ऊपर राजा होने को मेरा अभिषेक सच्चाई से करते हो, तो आकर मेरी छाया में शरण लो; और नहीं तो, झड़बेरी से आग निकलेगी जिससे लबानोन के देवदार भी भस्म हो जाएँगे।’
16 “इसलिए अब यदि तुम ने सच्चाई और खराई से अबीमेलेक को राजा बनाया है, और यरूब्बाल और उसके घराने से भलाई की, और उससे उसके काम के योग्य बर्ताव किया हो, तो भला। 17 (मेरा पिता तो तुम्हारे निमित्त लड़ा, और अपने प्राण पर खेलकर तुम को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाया; 18 परन्तु तुम ने आज मेरे पिता के घराने के विरुद्ध उठकर बलवा किया, और उसके सत्तर पुत्र एक ही पत्थर पर घात किए, और उसकी रखैल के पुत्र अबीमेलेक को इसलिए शेकेम के मनुष्यों के ऊपर राजा बनाया है कि वह तुम्हारा भाई है); 19 इसलिए यदि तुम लोगों ने आज के दिन यरूब्बाल और उसके घराने से सच्चाई और खराई से बर्ताव किया हो, तो अबीमेलेक के कारण आनन्द करो, और वह भी तुम्हारे कारण आनन्द करे; 20 और नहीं, तो अबीमेलेक से ऐसी आग निकले जिससे शेकेम के मनुष्य और बेतमिल्लो भस्म हो जाएँ: और शेकेम के मनुष्यों और बेतमिल्लो से ऐसी आग निकले जिससे अबीमेलेक भस्म हो जाए।” 21 तब योताम भागा, और अपने भाई अबीमेलेक के डर के मारे बेर को जाकर वहीं रहने लगा।
22 अबीमेलेक इस्राएल के ऊपर तीन वर्ष हाकिम रहा। 23 तब परमेश्वर ने अबीमेलेक और शेकेम के मनुष्यों के बीच एक बुरी आत्मा भेज दी; सो शेकेम के मनुष्य अबीमेलेक से विश्वासघात करने लगे; 24 जिससे यरूब्बाल के सत्तर पुत्रों पर किए हुए उपद्रव का फल भोगा जाए, और उनका खून उनके घात करनेवाले उनके भाई अबीमेलेक के सिर पर, और उसके अपने भाइयों के घात करने में उसकी सहायता करनेवाले शेकेम के मनुष्यों के सिर पर भी हो। 25 तब शेकेम के मनुष्यों ने पहाड़ों की चोटियों पर उसके लिये घातकों को बैठाया, जो उस मार्ग से सब आने जानेवालों को लूटते थे; और इसका समाचार अबीमेलेक को मिला।
26 तब एबेद का पुत्र गाल अपने भाइयों समेत शेकेम में आया; और शेकेम के मनुष्यों ने उसका भरोसा किया। 27 और उन्होंने मैदान में जाकर अपनी-अपनी दाख की बारियों के फल तोड़े और उनका रस रौंदा, और स्तुति का बलिदान कर अपने देवता के मन्दिर में जाकर खाने-पीने और अबीमेलेक को कोसने लगे। 28 तब एबेद के पुत्र गाल ने कहा, “अबीमेलेक कौन है? शेकेम कौन है कि हम उसके अधीन रहें? क्या वह यरूब्बाल का पुत्र नहीं? क्या जबूल उसका सेनानायक नहीं? शेकेम के पिता हमोर के लोगों के तो अधीन हो, परन्तु हम उसके अधीन क्यों रहें? 29 और यह प्रजा मेरे वश में होती तो क्या ही भला होता! तब तो मैं अबीमेलेक को दूर करता।” फिर उसने अबीमेलेक से कहा, “अपनी सेना की गिनती बढ़ाकर निकल आ।”
30 एबेद के पुत्र गाल की वे बातें सुनकर नगर के हाकिम जबूल का क्रोध भड़क उठा। 31 और उसने अबीमेलेक के पास छिपके* दूतों से कहला भेजा, “एबेद का पुत्र गाल और उसके भाई शेकेम में आ के नगरवालों को तेरा विरोध करने को भड़का रहे हैं। 32 इसलिए तू अपने संगवालों समेत रात को उठकर मैदान में घात लगा। 33 और सवेरे सूर्य के निकलते ही उठकर इस नगर पर चढ़ाई करना; और जब वह अपने संगवालों समेत तेरा सामना करने को निकले तब जो तुझ से बन पड़े वही उससे करना।”
34 तब अबीमेलेक और उसके संग के सब लोग रात को उठ चार दल बाँधकर शेकेम के विरुद्ध घात में बैठ गए। 35 और एबेद का पुत्र गाल बाहर जाकर नगर के फाटक में खड़ा हुआ; तब अबीमेलेक और उसके संगी घात छोड़कर उठ खड़े हुए। 36 उन लोगों को देखकर गाल जबूल से कहने लगा, “देख, पहाड़ों की चोटियों पर से लोग उतरे आते हैं!” जबूल ने उससे कहा, “वह तो पहाड़ों की छाया है जो तुझे मनुष्यों के समान दिखाई देती है।” 37 गाल ने फिर कहा, “देख, लोग देश के बीचोंबीच होकर उतरे आते हैं, और एक दल मोननीम नामक बांज वृक्ष के मार्ग से चला आता है।” 38 जबूल ने उससे कहा, “तेरी यह बात कहाँ रही, कि अबीमेलेक कौन है कि हम उसके अधीन रहें? ये तो वे ही लोग हैं जिनको तूने निकम्मा जाना था; इसलिए अब निकलकर उनसे लड़।” 39 तब गाल शेकेम के पुरुषों का अगुआ हो बाहर निकलकर अबीमेलेक से लड़ा। 40 और अबीमेलेक ने उसको खदेड़ा, और वह अबीमेलेक के सामने से भागा; और नगर के फाटक तक पहुँचते-पहुँचते बहुत से घायल होकर गिर पड़े। 41 तब अबीमेलेक अरूमा में रहने लगा; और जबूल ने गाल और उसके भाइयों को निकाल दिया, और शेकेम में रहने न दिया। 42 दूसरे दिन लोग मैदान में निकल गए; और यह अबीमेलेक को बताया गया। 43 और उसने अपनी सेना के तीन दल बाँधकर मैदान में घात लगाई; और जब देखा कि लोग नगर से निकले आते हैं तब उन पर चढ़ाई करके उन्हें मार लिया। 44 अबीमेलेक अपने संग के दलों समेत आगे दौड़कर नगर के फाटक पर खड़ा हो गया, और दो दलों ने उन सब लोगों पर धावा करके जो मैदान में थे उन्हें मार डाला। 45 उसी दिन अबीमेलेक ने नगर से दिन भर लड़कर उसको ले लिया, और उसके लोगों को घात करके नगर को ढा दिया, और उस पर नमक छिड़कवा दिया*।
46 यह सुनकर शेकेम के गुम्मट के सब रहनेवाले एलबरीत के मन्दिर के गढ़ में जा घुसे। 47 जब अबीमेलेक को यह समाचार मिला कि शेकेम के गुम्मट के सब प्रधान लोग इकट्ठे हुए हैं, 48 तब वह अपने सब संगियों समेत सल्मोन नामक पहाड़ पर चढ़ गया; और हाथ में कुल्हाड़ी ले पेड़ों में से एक डाली काटी, और उसे उठाकर अपने कंधे पर रख ली। और अपने संगवालों से कहा, “जैसा तुम ने मुझे करते देखा वैसा ही तुम भी झटपट करो।” 49 तब उन सब लोगों ने भी एक-एक डाली काट ली, और अबीमेलेक के पीछे हो उनको गढ़ पर डालकर गढ़* में आग लगाई; तब शेकेम के गुम्मट के सब स्त्री पुरुष जो लगभग एक हजार थे मर गए।
50 तब अबीमेलेक ने तेबेस को जाकर उसके सामने डेरे खड़े करके उसको ले लिया। 51 परन्तु उस नगर के बीच एक दृढ़ गुम्मट था, सो क्या स्त्री पुरुष, नगर के सब लोग भागकर उसमें घुसे; और उसे बन्द करके गुम्मट की छत पर चढ़ गए। 52 तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरुद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए। 53 तब किसी स्त्री ने चक्की के ऊपर का पाट अबीमेलेक के सिर पर डाल दिया, और उसकी खोपड़ी फट गई। 54 तब उसने झट अपने हथियारों के ढोनेवाले जवान को बुलाकर कहा, “अपनी तलवार खींचकर मुझे मार डाल, ऐसा न हो कि लोग मेरे विषय में कहने पाएँ, ‘उसको एक स्त्री ने घात किया’।” तब उसके जवान ने तलवार भोंक दी, और वह मर गया। 55 यह देखकर कि अबीमेलेक मर गया है इस्राएली अपने-अपने स्थान को चले गए। 56 इस प्रकार जो दुष्ट काम अबीमेलेक ने अपने सत्तर भाइयों को घात करके अपने पिता के साथ किया था, उसको परमेश्वर ने उसके सिर पर लौटा दिया; 57 और शेकेम के पुरुषों के भी सब दुष्ट काम परमेश्वर ने उनके सिर पर लौटा दिए, और यरूब्बाल के पुत्र योताम का श्राप उन पर घट गया।
Judges 9:1
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है जिसका अर्थ है कि “बाल से अपने आप का बचाव करता है“।
शेकेम के सब मनुष्यों से यह पूछो, ‘तुम्हारे लिये क्या भला है? क्या यह कि यरूब्बाल के सत्तर पुत्र तुम पर प्रभुता करें?’ या कि एक ही पुरुष तुम पर प्रभुता करे?
“कृपया शेकेम के लोगो से पूछो कि क्या उन पर जेरूब्बाल शासन के सभी सत्तर बेटे के वे उन पर उनके बेटों में से सिर्फ एक होंगे।
सत्तर
“७०”।
मैं तुम्हारा हाड़ माँस हूँ
यहाँ “अपनी हड्डी और अपना मास” अपने परिवार को दर्शाता है कि “मै तुम्हारे परिवसर का सदस्य हूँ”।
Judges 9:3
उसके मामाओं ने शेकेम के सब मनुष्यों से ऐसी ही बातें कहीं
इसका अर्थ है कि अबीमेलेक की माँ के रिश्तेदारों ने हाकिमों से बात की, सुझाव है कि वे अबीमेलेक को राजा बनाते हैं।
अबीमेलेक अपना मन उसके पीछे लगा दिया
वे अबिमेलेक के हाकिम बनने पर सहमत हुए।
मन्दिर
यहाँ “घर” मन्दिर को दर्शाता है।
सत्तर टुकड़े रूपे
इसका अर्थ है सोने के सत्तर शेकेल। एक शेकेल ११ ग्राम का है। यह “लगभग एक किलो सोना है”।
सत्तर
“७०”।
नीच और लुच्चे
"हिंसक और मूर्ख"।
Judges 9:5
ओप्रा
यह एक गाँव का नाम है।
एक ही पत्थर
“१ पत्थर”।
सत्तर
“७०”।
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है जिसका अर्थ है कि “बाल से अपने आप का बचाव करता है“।
बेतमिल्लो
यह एक स्थान का नाम है।
Judges 9:7
सामानय जानकारी:
योताम पेड़ो और बहुत सारे जन समूहो के बारे मे बोलता है।
इसका समाचार सुनकर योताम
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “जब योताम ने यह सुना कि अबिमेलेक ने अपने भाईयो की हत्या कर दी”।
गिरिज्जीम पहाड़
यह एक पर्वत है।
किसी युग में वृक्ष किसी का अभिषेक करके अपने ऊपर राजा ठहराने को चले;
यहाँ योताम ने पेड़ की बाते करते हुए मनुष्य का वर्णन किया।
अभिषेक करके अपने ऊपर राजा ठहराने को चले
यहाँ, तेल के साथ अभिषेक करने के लिए एक प्रतीकात्मक कार्रवाई है कि एक व्यक्ति को राजा होने की नियुक्ति दर्शाता है जैसे कि "उन सभी पर शासन करने के लिए एक राजा की नियुक्ति की गई”।
हम पर राज्य कर
“हमारे राजा बनना”।
Judges 9:9
सामानय जानकारी:
योताम पेड़ो और बहुत सारे जन समूहो के बारे मे बोलता है।
जैतून के वृक्ष ने कहा…अंजीर के वृक्ष से कहा
योताम पेड़ो और बहुत सारे जन समूहो के बारे मे बोलता है।
क्या मैं अपनी उस चिकनाहट को छोड़कर...इधर-उधर डोलने को चलूँ?
जैतून का पेड़ राजा होने से इनकार करने के लिए यह सवाल पूछ रहा है कि “मैं अपना तेल अन्य पेड़ो पर नहीं दूँगा”।
उनसे कहा
यहाँ पर बोलना" का अर्थ है हवा में बाते करना। यहाँ वृक्ष इस वाक्यांश का उपयोग करने के लिए “नियम पर” है।
क्या मैं अपनी उस चिकनाहट को छोड़कर…फलों को छोड़ वृक्षों ?
अंजीर का पेड़ राजा होने से इनकार करने के लिए यह सवाल पूछ रहा है कि "मैं अपनी मिठास अन्य पेड़ों पर नहीं छोड़ोगा”।
मैं अपने मीठेपन और अपने अच्छे-अच्छे फलों को
यहाँ “मीठा” शब्द स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि यह पेड़ के बढ़ने को दर्शाता है कि “मेरा अच्छा और मीठा फल”।
Judges 9:12
सामानय जानकारी:
योताम पेड़ो और बहुत सारे जन समूहो के बारे मे बोलता है।
फिर वृक्षों ने दाखलता से कहा
योताम पेड़ो और बहुत सारे जन समूहो के बारे मे बोलता है।
‘क्या मैं अपने नये मधु को छोड़…इधर-उधर डोलने को चलूँ?
इस वाक्य मे शाराब के बारे मे बताया गया है कि “मै अपनी नई शाराब नही छोडूगा दूसरे पेड़ो की शाराब नही पियूगा”।
झड़बेरी
यह काँटो जैसी तेज झड़बेरी है यह झाड़ी अपनी शाखा के साथ कई तेज काँटे ऊँगाती है।
Judges 9:15
सामानय जानकारी:
योताम लगातार पेड़ो और बहुत सारे जन समूहो के बारे मे बोलता है।
झड़बेरी ने उन वृक्षों से कहा
योताम लगातार पेड़ो और लोगो कै जन समूहो के बारे मे बोलता है।
राजा होने को मेरा अभिषेक सच्चाई से करते हो
“मुझे तुम्हारे राजा के रूप में नियुक्त करने के लिए”।
मेरी छाया
“सुरक्षा” हो।
आग निकलेगी जिससे लबानोन के देवदार भी भस्म हो जाएँगे
इसका अर्थ यह है कि काँटो की झाड़ी को इतना जला दिया कि वहा पर दीवारे भी जल गई।
अब
इसका अर्थ यह नही है कि “उसी समय” पर यह कहानी के खास हिस्से को दर्शाता है।
यदि तुम ने सच्चाई और खराई से अबीमेलेक को राजा बनाया है, और यरूब्बाल और उसके घराने से भलाई की, और उससे उसके काम के योग्य बर्ताव किया हो, तो भला।
यदि तुमने वह किया है जो सही है और यरूब्बाल तुम्हारे सारे पुत्रों को मारने के लिए योग्य है।
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है जिसका अर्थ है कि “बाल से अपने आप का बचाव करता है“।
उसके घराने
यहाँ “घर” गिदोन के परिवार को दर्शाता है।
Judges 9:17
सामानय जानकारी:
योतेम उस समय उस जगह पर स्थिति के लिए आवेदन करता है।
और अपने प्राण पर खेलकर तुम को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाया…मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाया
यहाँ योताम व्यक्त करता है कि वह विश्वास नहीं कर सकता कितनी बुरी तरह से शेम के लोगों को गिदोन और उसके परिवार के बाद भी गिदोन के साथ व्यवहार किया है शेम के लोगों को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी।
मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाया
यहाँ “हाथ” शब्द यह मिद्यानीयो की शक्ति को दर्शाता है।
ऊपर राजा बनाया है कि वह तुम्हारा भाई है
इस मूहावरे का अर्थ यह है कि “उसके खिलाफ”।
पिता के घराने
यहाँ “घर” परिवार को दर्शाता है कि जैसे “मेरे पिता का परिवार”।
सत्तर
"70“
एक ही पत्थर पर
“एक पत्थर”।
उसकी रखैल
यहाँ “उसका” गिदोन को दर्शाता है।
Judges 9:19
इसलिए यदि तुम लोगों ने आज के दिन यरूब्बाल और उसके घराने से सच्चाई और खराई से बर्ताव किया हो
योताम की संभावना है कि उसे क्या अच्छा लगता है लेकिन यह यरूब्बाल और उसके परिवार को दर्शाता है।
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है जिसका अर्थ है कि “बाल से अपने आप का बचाव करता है“।
उसके घराने
यहाँ “घर” परिवार को दर्शाता है कि “उसका परिवार”।
और नहीं, तो
परन्तु अगर तुमने विपरीत यरूब्बाल और उसके परिवार के साथ ऐसा व्यवहार किया जो करने के योग्य नहीं है।
शेकेम के मनुष्यों और बेतमिल्लो से ऐसी आग निकले जिससे अबीमेलेक भस्म हो जाए
योताम एक श्राप बोल रहा है। वह अबीमेलेक की बात करता है शेकेम के लोगों को नष्ट करने के लिए यदि वह उन्हें आग से जला देता है।
और शेकेम के मनुष्यों और बेतमिल्लो से ऐसी आग निकले जिससे अबीमेलेक भस्म हो जाए
योतेम शेकेम के लोगो से बेतमिल्लो के स्थान पर मिला और अबिमेलेक को आग मे जला दिया।
बेतमिल्लो
यह एक स्थान का नाम है।
बेर
यह एक शहर का नाम है।
Judges 9:22
तीन
"3"।
परमेश्वर ने अबीमेलेक और शेकेम के मनुष्यों के बीच एक बुरी आत्मा भेज दी
इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर ने योताम को श्राप दिया था क्योकि वह बुरी आतमाओ के पास गया था ।
सत्तर
“७०”।
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है जिसका अर्थ है कि “बाल से अपने आप का बचाव करता है“।
Judges 9:25
पहाड़ों की चोटियों पर उसके लिये घातकों को बैठाया
जो "पुरुषों को पर्वतों की चोटियों पर छिपे थे और अबीमेलेक उन पर हमला करने के लिए प्रतीक्षा कर रहा था।
इसका समाचार अबीमेलेक को मिला
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि किसी ने अबिमेल पर हमला करने वाले लोगो का इंतजार कर रहे लोगों के बारे मे बताया।
Judges 9:26
गाल…एबेद
यह पुरुषो के नाम है।
उसका भरोसा किया
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि उस पर भरोसा किया।
उन्होंने मैदान में जाकर
यहाँ "वे“ गाल और उसके रिश्तेदारों और शेकेम के पुरुषों को दर्शाता है।
उनका रस रौंदा
वे इसके साथ शराब बनाने के लिए अंगूर का रस बाहर निचोड़ने के लिए ऐसा किया गया।
मन्दिर में
यहाँ “घर“ मंदिर को दर्शाता है।
Judges 9:28
गाल…एबेद
यह पुरुषो के नाम है।
अबीमेलेक कौन है, शेकेम कौन है कि हम उसके अधीन रहें?
गाल शेकेम के लोगो से यह सवाल करता है कि “हमे अबिमेलेक की सेवा नही करनी चाहिए”।
अबीमेलेक कौन है, शेकेम कौन है कि हम उसके अधीन रहें?
इन दोनो वाक्यो का एक हि अर्थ है कि यह शेकेम और अबिमेलेक को दर्शाता है कि यहा शेकेम ने कहा कि हमे अबिमेलेक की सेवा नही करनी चाहिए।
क्या वह यरूब्बाल का पुत्र नहीं? क्या जबूल उसका सेनानायक नहीं?
गाल शेकेम के लोगो से यह सवाल करता है कि हमे अबिमेलेक की सेवा नही करनी चाहिए क्योकि वह केवल यरूब्बाल का बेटा है, और जबूल उनका अधिकारी है।
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है जिसका अर्थ है कि “बाल से अपने आप का बचाव करता है“।
जबूल
यह एक पुरुष का नाम है।
शेकेम के पिता हमोर के लोगों के तो अधीन हो
गाल का अर्थ है कि शेकेम के लोगों को उन लोगों की सेवा करनी चाहिए जो हमोर के वंश के है, जो वास्तव में कनानियो के किसी व्यक्ति की सेवा नहीं करते हैं जिनके पिता इस्राएली थे।
परन्तु हम अबिमेलेक अधीन क्यों रहें?
गाल एक सवाल का प्रयोग करता है कि शेकेम के लोगो को “अबिमेलेक की सेवा नही करनी चाहिए“।
यह प्रजा मेरे वश में होती तो क्या ही भला होता!
“मै चाहता हूँ कि शेकेम के लोगो पर शासन करुँ“।
Judges 9:30
जबूल
यह एक पुरुष का नाम है।
एबेद के पुत्र गाल की वे बातें सुनकर
यह “शब्द” कहने को दर्शाते है कि “एबेद ने गाल के बेटे से कहा”।
गाल…एबेद
यह पुरुषो के नाम है।
क्रोध भड़क उठा
गुस्से मे होने की बात ऐसे की गई है जैसे कि आग लगी हो कि “वह बहुत गुस्सा हो गया”।
छिपके से कहला भेजा
जबूल ने छिपा कर गाल और शेकेम के सैनिको को भेजा जैसे कि “चुपके से”।
तेरा विरोध करने को भड़का रहे हैं
“वे शहर के खिलाफ तुम्हारा विरोध करने के लिए लोगो को उत्साहित कर रहे है“।
नगरवालों को
यहाँ “शहर” शहर के लोगो को दर्शाता है।
Judges 9:32
सामानय जानकारी:
जबूल के दूत अबिमेलेक से बात करते है।
अब
इसका यह अर्थ नही है कि “उसी समय” यह एक महत्तवपूर्ण बात की ओर ध्यान आक्रशित करने के लिये प्रयोग किया जाता है।
घात लगा
“चुपके से अचानक हमला करना”।
जो तुझ से बन पड़े वही उससे करना
इसका अर्थ यह है कि वे वही कर सकते है कि जो गाल को कत्म करने के लिए किया जा सके।
Judges 9:34
और उसके संग के सब लोग उठ गये
“और सभी आदमी अबिमेलेक से लड़ने लगे”।
शेकेम के विरुद्ध घात में बैठ गए
यहाँ “शेकेम” शेकेम के लोगो को दर्शाता है कि “वे सच मे शेकेम के लोगो पर हमला करने के लिए उन्हे छुपा दिया”।
चार दल बाँधकर
“4 समूहो मे बाँटां गया”।
गाल…एबेद
यह पुरुषो के नाम है।
Judges 9:36
गाल
यह एक पुरुष का नाम है।
जबूल
यह एक पुरुष का नाम है।
वह तो पहाड़ों की छाया है जो तुझे मनुष्यों के समान दिखाई देती है
जबूल गाल के लोगो को लड़ाई भरमाने के लिए “उनका पीछा करता है कि वह तो पर्वतों की छाया थी जो उसे लोग दिखाई दे रहे थे”।
एक दल
"1 समूह”।
Judges 9:38
जबूल
यह एक पुरुष का नाम है।
तेरी यह बात कहाँ रही?
इस वाक्य मे जबूल गाल को डाँटता हुआ कहता है कि तुम गर्व से नही बोल रहे है।
तेरी यह बात कहाँ रही, कि अबीमेलेक कौन है कि हम उसके अधीन रहें?
यह स्पष्ट रूप से जबूल गाल को डांटता हुआ कह रहा है कि आपने कहा कि हमे शबिमेलेक की सेवा नही करनी चाहिए।
ये तो वे ही लोग हैं जिनको तूने निकम्मा जाना था?
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि जबूल ने उसे चुनोती दी कि “यहाँ इतने पुरुष है कि आप निकम्मे हो”।
निकम्मा
“नापसंद”।
गाल
यह एक पुरुष का नाम है।
बहुत से घायल होकर गिर पड़े
इस मुहावरे का अर्थ यह है कि “बहुत सारे पुरुष घायल होकर घिरे हुए थे”।
Judges 9:41
अरूमा
यह एक नगर का नाम है।
जबूल
यह एक पुरुष का नाम है।
गाल
यह एक पुरुष का नाम है।
यह अबीमेलेक को बताया गया
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “किसी ने अबिमेलेक को बता दिया”।
तीन दल बाँधकर
“3 समूहो मे बाँट दिया”।
मैदान में घात लगाई
“वे खेतो मे चुपके से उन लोगो पर हमला कर दिया”।
चढ़ाई करके
यहाँ “यह” अबिमेलेक के सारे सैनिको को दर्शाता है कि “वे हमला करेगे”।
Judges 9:44
दलों
“सेनिको का समुह”।
और दो
“और 2“।
अबीमेलेक ने लड़कर…उसने ढा दिया
यहाँ “अबिमेलेक” सेनिको को दर्शाता है कि अबिमेलेक ने सेनिको से लड़कर … उन्हे नीचे गिरा दिया“।
नगर से लड़कर
यहाँ “नगर” लोगो को दर्शाता है कि “शेकेम के लोगो के खिलाफ लड़कर”।
ढा दिया
“तबाह करना”।
उस पर नमक छिड़कवा दिया
“देश पर नमक छिड़कवा दिया“ भूमि पर नमक छिड़कने से कुछ भी बढ़ता नही है।
Judges 9:46
मन्दिर
यह घर को दर्शाता है।
एलबरीत
शब्द “एल” का अर्थ “परमेश्वर“ है। यह एक झूठी भावना से परमेश्वर का रुप है “बाल बरीत”।
अबीमेलेक को यह समाचार मिला
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “किसी ने अबिमेलेक को बताया”।
Judges 9:48
सल्मोन पहाड़
यह एक पर्वत का नाम है।
गढ़
इसका अर्थ यह है कि यह एक बड़े ढे़र की शाखाओ के हिस्से है।
सब पुरुष जो लगभग एक हजार थे
“लगभग १,०००”।
Judges 9:50
तेबेस
यह एक शहर का नाम है।
तेबेस को जाकर उसके सामने
“तेबेस के शहर के बाहर तम्बू लगे हुए थे”।
Judges 9:52
उसके विरुद्ध लड़ने
“हमला किया”।
ऊपर का पाट
यह दो बड़े, समतल, गोल पत्थर है जिनका इस्तेमाल गेहुँ पीसने के लिया किया जाता है। और ऊपरी का सिलब्टा है जो अनाज को पीसने के लिए जिसका इस्तेमाल किया जाता है।
हथियारों के ढोनेवाले
ढोनेवाला - यह वह व्यक्ति है जो अबिमेलेक के हथियारो को ऊठाता है।
तलवार भोंक दी
इसका अर्थ यह है कि उस जवान आदमी ने तलवार ऊठाई और अबिमेलेक के शरीर मे भोंक दी।
Judges 9:55
सत्तर
"70"।
शेकेम के पुरुषों के भी सब दुष्ट काम परमेश्वर ने उनके सिर पर लौटा दिए
इस मुहावरे से यह स्पष्ट होता है कि “जो बुराई शेकेम के पुरुषों ने की उसे ढंड़ित कया गया“।
यरूब्बाल के पुत्र योताम का श्राप उन पर घट गया
“यरूब्बाल के पुत्र योताम का श्राप उन पर था”।
यरूब्बाल
यह गिदोन का दूसरा नाम है।
Translation Questions
Judges 9:1
अबीमेलेक का पिता कौन था?
अबीमेलेक का पिता यरूब बाल था।
Judges 9:3
अबीमेलेक की मां के रिश्तेदार उसके पीछे क्यों चलने लगे?
वे अबीमेलेक का पालन करने के लिए सहमत हुए, क्योंकि उन्होंने कहा, “वह हमारा भाई है।”
Judges 9:4
अबीमेलेक ने चांदी के सत्तर टुकड़ों का क्या इस्तेमाल किया?
अबीमेलेक ने सत्तर टुकड़ों का इस्तेमाल किया ताकि वे निर्दोष और लापरवाह चरित्र के लोगों को भर्ती कर सकें।
Judges 9:5
योताम की हत्या क्यों नहीं हुई थी?
योताम की हत्या नहीं हुई थी, क्योंकि उसने खुद को छुपाया था।
Judges 9:7
योताम ने शेकेम के अगुवों को किस दिन संबोधित किया?
योताम ने उन्हें उसी दिन संबोधित किया जब वे अपने पिता के घर के खिलाफ उठ गए थे और एक पत्थर पर अपने बेटों, सत्तर व्यक्तियों को मार डाला था।
Judges 9:18
योताम ने शेकेम के अगुवों को किस दिन संबोधित किया?
योताम ने उन्हें उसी दिन संबोधित किया जब वे अपने पिता के घर के खिलाफ उठ गए थे और एक पत्थर पर अपने बेटों, सत्तर व्यक्तियों को मार डाला था।
Judges 9:20
अगर लोग यरूब बाल और उसके घर के साथ ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से काम करते हैं, तो क्या होना चाहिए?
यदि लोगों ने यरूब बाल और उसके घर के साथ ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से काम किया, तो अबीमेलेक से आग निकलनी चाहिए और शेकेम के लोगों और मिलो के घर को जला देना चाहिए। अबीमेलेक को जलाने के लिए शेकेम और बेथ मिलो के लोगों से आग निकलनी चाहिए।
योताम का अभिशाप क्या था?
योताम का अभिशाप था कि अबीमेलेक से ऐसी आग निकले जिससे शेकेम के मनुष्य और मिल्लो भस्म हो जाएँ: और शेकेम के मनुष्यों और बेतमिल्लो से ऐसी आग निकले जिससे अबीमेलेक भस्म हो जाए।
Judges 9:23
अबीमेलेक और शेकेम के अगुवों के बीच परमेश्वर ने एक दुष्ट आत्मा क्यों भेजी?
परमेश्वर ने अबीमेलेक और शकेम के अगुवों के बीच एक दुष्ट आत्मा भेजी, ताकि यरूब बाल के सत्तर पुत्रों को हुई हिंसा का बदला लिया जा सके।
Judges 9:24
अबीमेलेक और शेकेम के अगुवों के बीच परमेश्वर ने एक दुष्ट आत्मा क्यों भेजी?
परमेश्वर ने अबीमेलेक और शेकेम के अगुवों के बीच एक दुष्ट आत्मा भेजी, ताकि यरूब बाल के सत्तर पुत्रों को हुई हिंसा का बदला लिया जा सके।
Judges 9:25
शेकेम के अगुवों ने किस पर हमला किया?
शेकेम के अगुवों ने अबीमेलेक पर हमला करने की उम्मीद की।
Judges 9:28
कौन लोगों को आदेश देने की इच्छा रखता था?
गाल लोगों को आदेश देना चाहता था।
Judges 9:29
कौन लोगों को आदेश देने की इच्छा रखता था?
गाल लोगों को आदेश देना चाहता था।
Judges 9:30
जबूल का क्रोध क्यों भड़क उठा था?
जब जबूल ने गाल (एबेद के पुत्र) के शब्दों को सुना, तो उसका गुस्सा जल गया।
Judges 9:31
जबूल ने अबीमेलेक को दूत क्यों भेजे?
उसने उसे धोखा देने के लिए अबीमेलेक के पास दूत भेजे।
Judges 9:36
जबूल ने पहाड़ियों पर पुरुषों का वर्णन कैसे किया?
जबूल ने कहा कि वे पहाड़ियों पर छाया थे।
Judges 9:38
जबूल ने गाल को क्या करने के लिए कहा?
जबूल ने गाल को बाहर जाने और अबीमेलेक के विरुद्ध लड़ने को कहा।
Judges 9:40
क्या हुआ जब गाल अबीमेलेक से लड़े?
अबीमेलेक ने गाल और गैल का पीछा किया अबीमेलेक से पहले भाग गया और कई लोग शहर के द्वार के प्रवेश द्वार से पहले घातक घावों से गिर गए।
Judges 9:45
अबीमेलेक ने शहर पर कब्जा करने के बाद क्या किया?
अबीमेलेक ने शहर की दीवारों को तोड़ दिया और उस पर नमक फैलाया।
Judges 9:46
शेकेम के गुम्मट के अगुवों ने कहाँ प्रवेश किया?
शकेम के गुम्मट के अगुवों ने एल बेरीथ के घर की गढ़ में प्रवेश किया।
Judges 9:48
अबीमेलेक ने शकेम के गुम्मट में सभी अगुवों और लोगों को कैसे मार डाला?
अबीमेलेक ज़लमोन पर्वत पर चढ़ गया, भूमिगत कक्ष के ऊपर ढेर शाखाएं, और इसे ऊपर से आग लगा दी।
Judges 9:49
अबीमेलेक ने शकेम के गुम्मट में सभी अगुवों और लोगों को कैसे मार डाला?
अबीमेलेक ज़लमोन पर्वत पर चढ़ गया, भूमिगत कक्ष के ऊपर ढेर शाखाएं, और इसे ऊपर से आग लगा दी।
Judges 9:52
जब अबीमेलेक थेबेज़ के गुम्मट के द्वार के पास आया, तो उसके साथ क्या हुआ?
जब अबीमेलेक थेबेज़ के गुम्मट के द्वार के पास आया, तो एक औरत ने अपने सिर पर ऊपरी चक्की गिरा दी और उसने अपनी खोपड़ी तोड़ दी।
Judges 9:53
जब अबीमेलेक थेबेज़ के गुम्मट के द्वार के पास आया, तो उसके साथ क्या हुआ?
जब अबीमेलेक थेबेज़ के गुम्मट के द्वार के पास आया, तो एक औरत ने अपने सिर पर ऊपरी चक्की गिरा दी और उसने अपनी खोपड़ी तोड़ दी।
Judges 9:54
अबीमेलेक ने अपनी तलवार खींचने और उसे मारने के लिए अपने हथियारों के ढोनेवाले जवान को क्यों बताया?
अबीमेलेक ने अपने हथियारों के ढोनेवाले जवान को अपनी तलवार खींचने और उसे मारने के लिए कहा, इसलिए कोई भी नहीं कहता कि एक महिला अबीमेलेक को मार डाला।
Judges 9:57
योताम का अभिशाप क्या था?
योताम का अभिशाप था कि अबीमेलेक से ऐसी आग निकले जिससे शेकेम के मनुष्य और मिल्लो भस्म हो जाएँ: और शेकेम के मनुष्यों और बेतमिल्लो से ऐसी आग निकले जिससे अबीमेलेक भस्म हो जाए।
Chapter 10
1 अबीमेलेक के बाद इस्राएल को छुड़ाने के लिये तोला नामक एक इस्साकारी उठा, वह दोदो का पोता और पूआ* का पुत्र था; और एप्रैम के पहाड़ी देश के शामीर नगर में रहता था। 2 वह तेईस वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा। तब मर गया, और उसको शामीर में मिट्टी दी गई। 3 उसके बाद गिलादी याईर उठा, वह बाईस वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा। 4 और उसके तीस पुत्र थे जो गदहियों के तीस बच्चों पर सवार हुआ करते थे; और उनके तीस नगर भी थे जो गिलाद देश में हैं, और आज तक हब्बोत्याईर कहलाते हैं। 5 और याईर मर गया, और उसको कामोन में मिट्टी दी गई। 6 तब इस्राएलियों ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया, अर्थात् बाल देवताओं और अश्तोरेत देवियों और अराम, सीदोन, मोआब, अम्मोनियों, और पलिश्तियों के देवताओं की उपासना करने लगे; और यहोवा को त्याग दिया, और उसकी उपासना न की। (भज. 106:36, न्या. 4:1) 7 तब यहोवा का क्रोध इस्राएल पर भड़का, और उसने उन्हें पलिश्तियों और अम्मोनियों के अधीन कर दिया, 8 और उस वर्ष* ये इस्राएलियों को सताते और पीसते रहे। वरन् यरदन पार एमोरियों के देश गिलाद में रहनेवाले सब इस्राएलियों पर अठारह वर्ष तक अंधेर करते रहे। 9 अम्मोनी यहूदा और बिन्यामीन से और एप्रैम के घराने से लड़ने को यरदन पार जाते थे, यहाँ तक कि इस्राएल बड़े संकट में पड़ गया। 10 तब इस्राएलियों ने यह कहकर यहोवा की दुहाई दी, “हमने जो अपने परमेश्वर को त्याग कर बाल देवताओं की उपासना की है, यह हमने तेरे विरुद्ध महापाप किया है।” 11 यहोवा ने इस्राएलियों से कहा, “क्या मैंने तुम को मिस्रियों, एमोरियों, अम्मोनियों, और पलिश्तियों के हाथ से न छुड़ाया था? 12 फिर जब सीदोनी, और अमालेकी, और माओनी लोगों ने तुम पर अंधेर किया; और तुम ने मेरी दुहाई दी, तब मैंने तुम को उनके हाथ से भी न छुड़ाया? (भज. 106:42-43) 13 तो भी तुम ने मुझे त्याग कर पराये देवताओं की उपासना की है; इसलिए मैं फिर तुम को न छुड़ाऊँगा। 14 जाओ, अपने माने हुए देवताओं की दुहाई दो; तुम्हारे संकट के समय वे ही तुम्हें छुड़ाएँ।” (यिर्म. 2:28, यशा. 10:3) 15 इस्राएलियों ने यहोवा से कहा, “हमने पाप किया है; इसलिए जो कुछ तेरी दृष्टि में भला हो वही हम से कर; परन्तु अभी हमें छुड़ा।” 16 तब वे पराए देवताओं को अपने मध्य में से दूर करके यहोवा की उपासना करने लगे; और वह इस्राएलियों के कष्ट के कारण खेदित हुआ। 17 तब अम्मोनियों ने इकट्ठे होकर गिलाद में अपने डेरे डाले; और इस्राएलियों ने भी इकट्ठे होकर *मिस्पा में अपने डेरे डाले। 18 तब गिलाद के हाकिम एक दूसरे से कहने लगे, “कौन पुरुष अम्मोनियों से संग्राम आरम्भ करेगा? वही गिलाद के सब निवासियों का प्रधान ठहरेगा।”
Judges 10:1
तोला…पूआ…दोदो
यह पुरुषो के नाम है।
शामीर
यह एक स्थान का नाम है।
इस्राएल को छुड़ाने के लिये
“इस्राएल और दोनो के लिए आया था”।
इस्राएल को छुड़ाने
यहाँ “इस्राएल” इस्राएल के लोगो को दर्शाता है।
वह इस्राएल का न्याय
यहाँ “न्याय” का अर्थ है इस्राएल के लोगो का नेतृत्व करना।
तेईस वर्ष
तीन साल - “23 साल”।
और उसको मिट्टी दी
यह स्पष्ट रूपप से कहा जा सकता है कि “और उसने उसे मिट्टी दी”।
Judges 10:3
उसके बाद गिलादी याईर उठा
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “याईर गिलादी टोला के बाद नेता हुआ।
याईर
यह एक पुरुष का नाम है।
गिलादी
याईर गिलाद के गोत्र से था।
इस्राएल का न्याय
यहाँ “न्याय” का अर्थ है इस्राएल के लोगो का नेतृत्व करना।
इस्राएल
यहाँ “इस्राएल” इस्राएल के लोगो को दर्शाता है।
बाईस वर्ष
दो साल - “22 साल”।
तीस
"30"
हब्बोत्याईर
यह एक क्षेत्र है, जो एक आदमी के नाम पर है।
आज तक
इसका अर्थ उस समय होता है जब न्यायाधीशों की पुस्तक लिखी जा रही थी।
मिट्टी दी
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “वे मिट्टी मे गाढ़ा”।
कामोन
यह एक स्थान का नाम है।
Judges 10:6
फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया
यहा एक व्यक्ति बुराई के बारे मे बात कर रहा है कि यहोवा ने इस बुराई के बारे मे कहा था”।
यहोवा की दृष्टि में
यहाँ “यहोवा की दृष्टि में“ यहोवा को मानने को दर्शाता है। कि “यहोवा के अनुसार”।
अश्तोरेत
यह “अश्तोरेत“ देवी की पूजा अलग-अलग रुपो से की जाती है।
यहोवा को त्याग दिया, और उसकी उपासना न की
लेखक मूल रुप से जोर देने के लिए एक ही बात कहता है कि “उन्होने पूरी तरह से यहोवा की अराधना करनी बंद कर दी”।
यहोवा को त्याग दिया
यहाँ यहोवा की अराधना की बात की गयी है कि उन्होने यहोवा की आज्ञा का पालण करना भी छोड़ दिया और कही दूर चले गये।
यहोवा का क्रोध इस्राएल पर भड़का
यहोवा का क्रोध इस प्रकार आया कि जैसे कि आग निकल रही हो कि “यहोवा इस्राएल पर बहुत क्रोधित हुआ”।
उसने उन्हें पलिश्तियों और अम्मोनियों के अधीन कर दिया
याहवे ने पलिश्तियों और अम्मोनियो को इस्राएलियों को हराने की इजाज़त दी, क्योकि उसने इस्राएलियों को बेच दिया था।
अधीन कर दिया
यहाँ “हाथ” शक्ति को दर्शाता है।
Judges 10:8
सताते और पीसते रहे
यह दोनो शब्दो का एक ही अर्थ है कि इस्राएलियो को कितना नुकसान उठाना पड़ा कि “बहुत अत्याचार”।
अठारह वर्ष
"18 साल”।
वरन् यरदन पार करते रहे
इसका अर्थ है कि यरदन नदी की पुर्व दिशा की ओर।
गिलाद में रहनेवाले
“इस क्षेत्र को गिलाद भी कहा जाता है“।
यहूदा और बिन्यामीन
“यहूदा“ और “बिन्यामीन“ के गोत्रो के लोगो को दर्शाता है। कि “यहूदा के गोत्र के लोग… बिन्यामीन के गोत्र के लोग”।
एप्रैम के घराने
यहाँ “घर” एप्रैम के गोत्र के लोगो को दर्शाता है। कि एप्रैम के वंश के लोग”।
यहाँ तक कि इस्राएल बड़े संकट में पड़ गया
“इस्राएल” इस्राएल के लोगो को दर्शाता है। “ताकि इस्राएल के लोगो को बहुत नुकसान उठाना पड़ा”।
Judges 10:10
तब इस्राएलियों ने यह कहकर यहोवा की दुहाई दी
इसका अर्थ यह है कि इस्राएल के लोगो ने यहोवा को सहायता के लिए पुकारा।
हमने जो अपने परमेश्वर को त्याग
उन्होने परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना भी छोड़ दिया और कही दूर चले गये।
परमेश्वर को त्याग कर
यहाँ लोग यहोवा को पुकारते हुए दर्शाय जा रहे है यह स्पष्ट रूप से दूसरे व्यक्ति के बारे मे दर्शाया गया है।कि “आपने हमारे परमेश्वर को छोड़ दिया”।
क्या मैंने तुम को…सीदोनी?
यहाँ परमेश्वर इस्राएल के लोगो कि अराधना करने को दर्शाते हुए यह स्पष्ट रूप से कहते है कि “मैं अकेला तुम्हे छुड़ाने वाला हुँ…सीदोनी”।
माओनी
यह मोआन के कुल के लोग है।
हाथ से भी छुड़ाया
यहाँ “शक्ति” अमालेकी और माओनी को दर्शाति है कि “उन में से”।
Judges 10:13
तुम ने मुझे त्याग कर
उन लोगो ने यहोवा की आज्ञा का पालन करना बंद कर दिया और यहोवा को छोड़ कर वह बहुत दूर चले गये।
मुझे त्याग कर पराये देवताओं की उपासना की है; इसलिए मैं फिर तुम को न छुड़ाऊँगा
इस वाक्य मे “समय को जोड़ना” यहोवा ने जो कहा उसे दर्शाता है कि “मै तुम्हे यकीन दिलाता हूँ तुम्हे देना बंद कर दूँगा”।
Judges 10:15
वे पराए देवताओं को अपने
इस वाक्य से यह स्पष्ट होता है कि “वे पराये देवते जिनके पास वह छड़ियाँ थी“।
वह इस्राएलियों के कष्ट के कारण खेदित हुआ
यहाँ इस्राएल के लोगो को दर्शाया गया है। कि “और यहोवा ने इस्राएलियों को और कष्ट मे ना रहने दिया।
Judges 10:17
कौन पुरुष अम्मोनियों से संग्राम आरम्भ करेगा?
“अम्मोनियों के खिलाफ लड़ने के लिए हमारी सेना का नेतृत्व कौन करेगा?
Translation Questions
Judges 10:1
शामीर कहाँ था?
शामीर एप्रैम के पहाड़ी देश में था।
Judges 10:6
यहोवा ने इस्राएल के लोगों के प्रति क्रोध से क्यों जलाया?
इस्राएलियों ने यहोवा को त्याग दिया और अब उसकी पूजा नहीं की, इसलिए उसने इस्राएल के प्रति क्रोध से जला दिया।
Judges 10:7
यहोवा ने इस्राएल के लोगों के प्रति क्रोध से क्यों जलाया?
इस्राएलियों ने यहोवा को त्याग दिया और अब उसकी पूजा नहीं की, इसलिए उसने इस्राएल के प्रति क्रोध से जला दिया।
Judges 10:9
इस्राएल बहुत परेशान क्यों था?
अम्मोनियों ने यरदन पार किया, यहूदा के विरुद्ध, बिन्यामीन के विरुद्ध और एप्रैम के घराने के विरुद्ध लड़ने के लिए, ताकि इस्राएल बहुत परेशान हो।
Judges 10:14
यहोवा ने किसके लिए इस्राएल के लोगों को मदद के लिए बुलाया था?
यहोवा ने लोगों को उन देवताओं से बुलावा देने के लिए कहा जिन्हें उन्होंने पूजा की थी।
Judges 10:16
यहोवा इस्राएल के दुखों पर अधीर क्यों बन गया?
इज़राइल अपने स्वामित्व वाले विदेशी देवताओं से दूर हो गया और उन्होंने यहोवा की पूजा की, इसलिए वह दुःख पर अधीर हो गया।
Chapter 11
1 यिप्तह नामक गिलादी बड़ा शूरवीर था, और वह वेश्या का बेटा था; और गिलाद से यिप्तह उत्पन्न हुआ था। 2 गिलाद की स्त्री के भी बेटे उत्पन्न हुए; और जब वे बड़े हो गए तब यिप्तह को यह कहकर निकाल दिया, “तू तो पराई स्त्री का बेटा है; इस कारण हमारे पिता के घराने में कोई भाग न पाएगा।” 3 तब यिप्तह अपने भाइयों के पास से भागकर तोब देश* में रहने लगा; और यिप्तह के पास लुच्चे मनुष्य इकट्ठे हो गए; और उसके संग फिरने लगे। 4 और कुछ दिनों के बाद अम्मोनी इस्राएल से लड़ने लगे। 5 जब अम्मोनी इस्राएल से लड़ते थे, तब गिलाद के वृद्ध लोग यिप्तह को तोब देश से ले आने को गए; 6 और यिप्तह से कहा, “चलकर हमारा प्रधान हो जा, कि हम अम्मोनियों से लड़ सके।” 7 यिप्तह ने गिलाद के वृद्ध लोगों से कहा, “क्या तुम ने मुझसे बैर करके मुझे मेरे पिता के घर से निकाल न दिया था? फिर अब संकट में पड़कर मेरे पास क्यों आए हो?” 8 गिलाद के वृद्ध लोगों ने यिप्तह से कहा, “इस कारण हम अब तेरी ओर फिरे हैं, कि तू हमारे संग चलकर अम्मोनियों से लड़े; तब तू हमारी ओर से गिलाद के सब निवासियों का प्रधान ठहरेगा।” 9 यिप्तह ने गिलाद के वृद्ध लोगों से पूछा, “यदि तुम मुझे अम्मोनियों से लड़ने को फिर मेरे घर ले चलो, और यहोवा उन्हें मेरे हाथ कर दे, तो क्या मैं तुम्हारा प्रधान ठहरूँगा?” 10 गिलाद के वृद्ध लोगों ने यिप्तह से कहा, “निश्चय हम तेरी इस बात के अनुसार करेंगे; यहोवा हमारे और तेरे बीच में इन वचनों का सुननेवाला है।” 11 तब यिप्तह गिलाद के वृद्ध लोगों के संग चला, और लोगों ने उसको अपने ऊपर मुखिया और प्रधान ठहराया; और यिप्तह ने अपनी सब बातें मिस्पा में यहोवा के सम्मुख कह सुनाईं*। 12 तब यिप्तह ने अम्मोनियों के राजा के पास दूतों से यह कहला भेजा, “तुझे मुझसे क्या काम, कि तू मेरे देश में लड़ने को आया है?” 13 अम्मोनियों के राजा ने यिप्तह के दूतों से कहा, “कारण यह है, कि जब इस्राएली मिस्र से आए, तब अर्नोन से यब्बोक और यरदन तक जो मेरा देश था उसको उन्होंने छीन लिया; इसलिए अब उसको बिना झगड़ा किए लौटा दे।” 14 तब यिप्तह ने फिर अम्मोनियों के राजा के पास यह कहने को दूत भेजे, 15 “यिप्तह तुझ से यह कहता है, कि इस्राएल ने न तो मोआब का देश ले लिया और न अम्मोनियों का, 16 वरन् जब वे मिस्र से निकले, और इस्राएली जंगल में होते हुए लाल समुद्र तक चले, और कादेश को आए, 17 तब इस्राएल ने एदोम के राजा के पास दूतों से यह कहला भेजा, ‘मुझे अपने देश में से होकर जाने दे;’ और एदोम के राजा ने उनकी न मानी। इसी रीति उसने मोआब के राजा से भी कहला भेजा, और उसने भी न माना। इसलिए इस्राएल कादेश में रह गया। 18 तब उसने जंगल में चलते-चलते एदोम और मोआब दोनों देशों के बाहर-बाहर घूमकर मोआब देश की पूर्व की ओर से आकर अर्नोन के इसी पार अपने डेरे डाले; और मोआब की सीमा के भीतर न गया, क्योंकि मोआब की सीमा अर्नोन थी। 19 फिर इस्राएल ने एमोरियों के राजा सीहोन के पास जो हेशबोन का राजा था दूतों से यह कहला भेजा, ‘हमें अपने देश में से होकर हमारे स्थान को जाने दे।’ 20 परन्तु सीहोन ने इस्राएल का इतना विश्वास न किया कि उसे अपने देश में से होकर जाने देता; वरन् अपनी सारी प्रजा को इकट्ठी कर अपने डेरे यहस में खड़े करके इस्राएल से लड़ा। 21 और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने सीहोन को सारी प्रजा समेत इस्राएल के हाथ में कर दिया, और उन्होंने उनको मार लिया; इसलिए इस्राएल उस देश के निवासी एमोरियों के सारे देश का अधिकारी हो गया। 22 अर्थात् वह अर्नोन से यब्बोक तक और जंगल से ले यरदन तक एमोरियों के सारे देश का अधिकारी हो गया। 23 इसलिए अब इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने अपनी इस्राएली प्रजा के सामने से एमोरियों को उनके देश से निकाल दिया है; फिर क्या तू उसका अधिकारी होने पाएगा? 24 क्या तू उसका अधिकारी न होगा, जिसका तेरा कमोश* देवता तुझे अधिकारी कर दे? इसी प्रकार से जिन लोगों को हमारा परमेश्वर यहोवा हमारे सामने से निकाले, उनके देश के अधिकारी हम होंगे। 25 फिर क्या तू मोआब के राजा सिप्पोर के पुत्र बालाक से कुछ अच्छा है? क्या उसने कभी इस्राएलियों से कुछ भी झगड़ा किया? क्या वह उनसे कभी लड़ा? 26 जब कि इस्राएल हेशबोन और उसके गाँवों में, और अरोएर और उसके गाँवों में, और अर्नोन के किनारे के सब नगरों में तीन सौ वर्ष से बसा है, तो इतने दिनों में तुम लोगों ने उसको क्यों नहीं छुड़ा लिया? 27 मैंने तेरा अपराध नहीं किया; तू ही मुझसे युद्ध छेड़कर बुरा व्यवहार करता है; इसलिए यहोवा जो न्यायी है, वह इस्राएलियों और अम्मोनियों के बीच में आज न्याय करे।” 28 तो भी अम्मोनियों के राजा ने यिप्तह की ये बातें न मानीं जिनको उसने कहला भेजा था। 29 तब यहोवा का आत्मा यिप्तह में समा गया, और वह गिलाद और मनश्शे से होकर गिलाद के मिस्पे में आया, और गिलाद के मिस्पे से होकर अम्मोनियों की ओर चला। 30 और यिप्तह ने यह कहकर यहोवा की मन्नत मानी, “यदि तू निःसन्देह अम्मोनियों को मेरे हाथ में कर दे, 31 तो जब मैं कुशल के साथ अम्मोनियों के पास से लौट आऊँ तब जो कोई मेरे भेंट के लिये मेरे घर के द्वार से निकले वह यहोवा का ठहरेगा, और मैं उसे होमबलि करके चढ़ाऊँगा।” 32 तब यिप्तह अम्मोनियों से लड़ने को उनकी ओर गया; और यहोवा ने उनको उसके हाथ में कर दिया। 33 और वह अरोएर से ले मिन्नीत तक, जो बीस नगर हैं, वरन् आबेलकरामीम तक जीतते-जीतते उन्हें बहुत बड़ी मार से मारता गया। और अम्मोनी इस्राएलियों से हार गए। (इब्रा. 11:32) 34 जब यिप्तह मिस्पा को अपने घर आया, तब उसकी बेटी डफ बजाती और नाचती हुई उससे भेंट करने के लिये निकल आई; वह उसकी एकलौती थी; उसको छोड़ उसके न तो कोई बेटा था और न कोई बेटी। 35 उसको देखते ही उसने अपने कपड़े फाड़कर कहा, “हाय, मेरी बेटी! तूने कमर तोड़ दी, और तू भी मेरे कष्ट देनेवालों में हो गई है; क्योंकि मैंने यहोवा को वचन दिया है, और उसे टाल नहीं सकता।” 36 उसने उससे कहा, “हे मेरे पिता, तूने जो यहोवा को वचन दिया है, तो जो बात तेरे मुँह से निकली है उसी के अनुसार मुझसे बर्ताव कर, क्योंकि यहोवा ने तेरे अम्मोनी शत्रुओं से तेरा बदला लिया है।” 37 फिर उसने अपने पिता से कहा, “मेरे लिये यह किया जाए, कि दो महीने तक मुझे छोड़े रह, कि मैं अपनी सहेलियों सहित जाकर पहाड़ों पर फिरती हुई अपने कुँवारेपन* पर रोती रहूँ।” 38 उसने कहा, “जा।” तब उसने उसे दो महीने की छुट्टी दी; इसलिए वह अपनी सहेलियों सहित चली गई, और पहाड़ों पर अपने कुँवारेपन पर रोती रही। 39 दो महीने के बीतने पर वह अपने पिता के पास लौट आई, और उसने उसके विषय में अपनी मानी हुई मन्नत को पूरा किया। और उस कन्या ने पुरुष का मुँह कभी न देखा था। इसलिए इस्राएलियों में यह रीति चली 40 कि इस्राएली स्त्रियाँ प्रति वर्ष यिप्तह गिलादी की बेटी का यश गाने को वर्ष में चार दिन तक जाया करती थीं।
Chapter 12
1 तब एप्रैमी पुरुष इकट्ठे होकर सापोन को जाकर यिप्तह से कहने लगे, “जब तू अम्मोनियों से लड़ने को गया तब हमें संग चलने को क्यों नहीं बुलवाया? हम तेरा घर तुझ समेत जला देंगे*।” 2 यिप्तह ने उनसे कहा, “मेरा और मेरे लोगों का अम्मोनियों से बड़ा झगड़ा हुआ था; और जब मैंने तुम से सहायता माँगी, तब तुम ने मुझे उनके हाथ से नहीं बचाया। 3 तब यह देखकर कि तुम मुझे नहीं बचाते मैं अपने प्राणों को हथेली पर रखकर* अम्मोनियों के विरुद्ध चला, और यहोवा ने उनको मेरे हाथ में कर दिया; फिर तुम अब मुझसे लड़ने को क्यों चढ़ आए हो?” 4 तब यिप्तह गिलाद के सब पुरुषों को इकट्ठा करके एप्रैम से लड़ा, एप्रैम जो कहता था, “हे गिलादियों, तुम तो एप्रैम और मनश्शे के बीच रहनेवाले एप्रैमियों के भगोड़े हो,” और गिलादियों ने उनको मार लिया। 5 और गिलादियों ने यरदन का घाट उनसे पहले अपने वश में कर लिया। और जब कोई एप्रैमी भगोड़ा कहता, “मुझे पार जाने दो,” तब गिलाद के पुरुष उससे पूछते थे, “क्या तू एप्रैमी है?” और यदि वह कहता, “नहीं,” 6 तो वे उससे कहते, “अच्छा, शिब्बोलेत कह,” और वह कहता, “सिब्बोलेत,” क्योंकि उससे वह ठीक से बोला नहीं जाता था; तब वे उसको पकड़कर यरदन के घाट पर मार डालते थे। इस प्रकार उस समय बयालीस हजार एप्रैमी मारे गए। 7 यिप्तह छः वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा। तब यिप्तह गिलादी मर गया, और उसको गिलाद के किसी नगर में मिट्टी दी गई। 8 उसके बाद बैतलहम का निवासी इबसान इस्राएल का न्याय करने लगा। 9 और उसके तीस बेटे हुए; और उसने अपनी तीस बेटियाँ बाहर विवाह दीं, और बाहर से अपने बेटों का विवाह करके तीस बहू ले आया। और वह इस्राएल का न्याय सात वर्ष तक करता रहा। 10 तब इबसान मर गया, और उसको बैतलहम में मिट्टी दी गई। 11 उसके बाद जबूलूनी एलोन इस्राएल का न्याय करने लगा; और वह इस्राएल का न्याय दस वर्ष तक करता रहा। 12 तब एलोन जबूलूनी मर गया, और उसको जबूलून के देश के अय्यालोन में मिट्टी दी गई। 13 उसके बाद पिरातोनी हिल्लेल का पुत्र अब्दोन इस्राएल का न्याय करने लगा। 14 और उसके चालीस बेटे और तीस पोते हुए, जो गदहियों के सत्तर बच्चों पर सवार हुआ करते थे। वह आठ वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा। 15 तब पिरातोनी हिल्लेल का पुत्र अब्दोन मर गया, और उसको एप्रैम के देश के पिरातोन में, जो अमालेकियों के पहाड़ी देश में है, मिट्टी दी गई।
Chapter 13
1 इस्राएलियों ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया; इसलिए यहोवा ने उनको पलिश्तियों के वश में चालीस वर्ष* के लिये रखा। 2 दान के कुल का सोरावासी मानोह नामक एक पुरुष था, जिसकी पत्नी के बाँझ होने के कारण कोई पुत्र न था। 3 इस स्त्री को यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, “सुन, बाँझ होने के कारण तेरे बच्चा नहीं; परन्तु अब तू गर्भवती होगी और तेरे बेटा होगा। (लूका 1:31) 4 इसलिए अब सावधान रह, कि न तो तू दाखमधु या और किसी भाँति की मदिरा पीए, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाए, (लूका 1:15) 5 क्योंकि तू गर्भवती होगी और तेरे एक बेटा उत्पन्न होगा। और उसके सिर पर छुरा न फिरे, क्योंकि वह जन्म ही से परमेश्वर का नाज़ीर रहेगा; और इस्राएलियों को पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाने में वही हाथ लगाएगा।” 6 उस स्त्री ने अपने पति के पास जाकर कहा, “परमेश्वर का एक जन मेरे पास आया था जिसका रूप परमेश्वर के दूत का सा अति भययोग्य था; और मैंने उससे न पूछा कि तू कहाँ का है? और न उसने मुझे अपना नाम बताया; 7 परन्तु उसने मुझसे कहा, ‘सुन तू गर्भवती होगी और तेरे एक बेटा होगा; इसलिए अब न तो दाखमधु या और न किसी भाँति की मदिरा पीना, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाना, क्योंकि वह लड़का जन्म से मरण के दिन तक परमेश्वर का नाज़ीर रहेगा’।” (मत्ती 2:23) 8 तब मानोह ने यहोवा से यह विनती की, “हे प्रभु, विनती सुन, परमेश्वर का वह जन जिसे तूने भेजा था फिर हमारे पास आए, और हमें सिखाए कि जो बालक उत्पन्न होनेवाला है उससे हम क्या-क्या करें।” 9 मानोह की यह बात परमेश्वर ने सुन ली, इसलिए जब वह स्त्री मैदान में बैठी थी, और उसका पति मानोह उसके संग न था, तब परमेश्वर का वही दूत उसके पास आया। 10 तब उस स्त्री ने झट दौड़कर अपने पति को यह समाचार दिया, “जो पुरुष उस दिन मेरे पास आया था उसी ने मुझे दर्शन दिया है।” 11 यह सुनते ही मानोह उठकर अपनी पत्नी के पीछे चला, और उस पुरुष के पास आकर पूछा, “क्या तू वही पुरुष है जिसने इस स्त्री से बातें की थीं?” उसने कहा, “मैं वही हूँ।” 12 मानोह ने कहा, “जब तेरे वचन पूरे हो जाएँ तो, उस बालक का कैसा ढंग और उसका क्या काम होगा?” 13 यहोवा के दूत ने मानोह से कहा, “जितनी वस्तुओं की चर्चा मैंने इस स्त्री से की थी उन सबसे यह परे रहे। 14 यह कोई वस्तु जो दाखलता से उत्पन्न होती है न खाए, और न दाखमधु या और किसी भाँति की मदिरा पीए, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाए; और जो आज्ञा मैंने इसको दी थी उसी को यह माने।” 15 मानोह ने यहोवा के दूत से कहा, “हम तुझको रोक लें, कि तेरे लिये बकरी का एक बच्चा पकाकर तैयार करें*।” 16 यहोवा के दूत ने मानोह से कहा, “चाहे तू मुझे रोक रखे, परन्तु मैं तेरे भोजन में से कुछ न खाऊँगा; और यदि तू होमबलि करना चाहे तो यहोवा ही के लिये कर।” (मानोह तो न जानता था, कि यह यहोवा का दूत है।) 17 मानोह ने यहोवा के दूत से कहा, “अपना नाम बता, इसलिए कि जब तेरी बातें पूरी हों तब हम तेरा आदरमान कर सके।” 18 यहोवा के दूत ने उससे कहा, “मेरा नाम तो अद्भुत है, इसलिए तू उसे क्यों पूछता है?” 19 तब मानोह ने अन्नबलि समेत बकरी का एक बच्चा लेकर चट्टान पर यहोवा के लिये चढ़ाया तब उस दूत ने मानोह और उसकी पत्नी के देखते-देखते एक अद्भुत काम किया। 20 अर्थात् जब लौ उस वेदी पर से आकाश की ओर उठ रही थी, तब यहोवा का दूत उस वेदी की लौ में होकर मानोह और उसकी पत्नी के देखते-देखते चढ़ गया; तब वे भूमि पर मुँह के बल गिरे। 21 परन्तु यहोवा के दूत ने मानोह और उसकी पत्नी को फिर कभी दर्शन न दिया। तब मानोह ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था। 22 तब मानोह ने अपनी पत्नी से कहा, “हम निश्चय मर जाएँगे, क्योंकि हमने परमेश्वर का दर्शन पाया है।” 23 उसकी पत्नी ने उससे कहा, “यदि यहोवा हमें मार डालना चाहता, तो हमारे हाथ से होमबलि और अन्नबलि ग्रहण न करता, और न वह ऐसी सब बातें हमको दिखाता, और न वह इस समय हमें ऐसी बातें सुनाता।” 24 और उस स्त्री के एक बेटा उत्पन्न हुआ, और उसका नाम शिमशोन रखा; और वह बालक बढ़ता गया, और यहोवा उसको आशीष देता रहा। 25 और यहोवा का आत्मा सोरा और एश्ताओल के बीच महनेदान में उसको उभारने लगा।
Chapter 14
1 शिमशोन तिम्नाह को गया, और तिम्नाह में एक पलिश्ती स्त्री को देखा। 2 तब उसने जाकर अपने माता पिता से कहा, “तिम्नाह में मैंने एक पलिश्ती स्त्री को देखा है, सो अब तुम उससे मेरा विवाह करा दो*।” 3 उसके माता पिता ने उससे कहा, “क्या तेरे भाइयों की बेटियों में, या हमारे सब लोगों में कोई स्त्री नहीं है, कि तू खतनारहित पलिश्तियों में की स्त्री से विवाह करना चाहता है?” शिमशोन ने अपने पिता से कहा, “उसी से मेरा विवाह करा दे; क्योंकि मुझे वही अच्छी लगती है।” 4 उसके माता पिता न जानते थे कि यह बात यहोवा की ओर से है*, कि वह पलिश्तियों के विरुद्ध दाँव ढूँढ़ता है। उस समय तो पलिश्ती इस्राएल पर प्रभुता करते थे। 5 तब शिमशोन अपने माता पिता को संग लेकर तिम्नाह को चलकर तिम्नाह की दाख की बारी के पास पहुँचा, वहाँ उसके सामने एक जवान सिंह गरजने लगा। 6 तब यहोवा का आत्मा उस पर बल से उतरा, और यद्यपि उसके हाथ में कुछ न था, तो भी उसने उसको ऐसा फाड़ डाला जैसा कोई बकरी का बच्चा फाड़े। अपना यह काम उसने अपने पिता या माता को न बताया। 7 तब उसने जाकर उस स्त्री से बातचीत की; और वह शिमशोन को अच्छी लगी। (इब्रा. 11:33) 8 कुछ दिनों के बीतने पर वह उसे लाने को लौट चला; और उस सिंह की लोथ देखने के लिये मार्ग से मुड़ गया, तो क्या देखा कि सिंह की लोथ में मधुमक्खियों का एक झुण्ड और मधु भी है। 9 तब वह उसमें से कुछ हाथ में लेकर खाते-खाते अपने माता पिता के पास गया, और उनको यह बिना बताए, कि मैंने इसको सिंह की लोथ में से निकाला है, कुछ दिया, और उन्होंने भी उसे खाया। 10 तब उसका पिता उस स्त्री के यहाँ गया, और शिमशोन ने जवानों की रीति के अनुसार वहाँ भोज दिया। 11 उसको देखकर वे उसके संग रहने के लिये तीस संगियों को ले आए। 12 शिमशोन ने उनसे कहा, “मैं तुम से एक पहेली कहता हूँ; यदि तुम इस भोज के सातों दिनों के भीतर उसे समझकर अर्थ बता दो, तो मैं तुम को तीस कुर्ते और तीस जोड़े कपड़े दूँगा; 13 और यदि तुम उसे न बता सको, तो तुम को मुझे तीस कुर्ते और तीस जोड़े कपड़े देने पड़ेंगे।” उन्होंने उनसे कहा, “अपनी पहेली कह, कि हम उसे सुनें।” 14 उसने उनसे कहा, “खानेवाले में से खाना, और बलवन्त में से मीठी वस्तु निकली।” इस पहेली का अर्थ वे तीन दिन के भीतर न बता सके। 15 सातवें दिन उन्होंने शिमशोन की पत्नी से कहा, “अपने पति को फुसला कि वह हमें पहेली का अर्थ बताए, नहीं तो हम तुझे तेरे पिता के घर समेत आग में जलाएँगे। क्या तुम लोगों ने हमारा धन लेने के लिये हमें नेवता दिया है? क्या यही बात नहीं है?” 16 तब शिमशोन की पत्नी यह कहकर उसके सामने रोने लगी, “तू तो मुझसे प्रेम नहीं, बैर ही रखता है; कि तूने एक पहेली मेरी जाति के लोगों से तो कही है, परन्तु मुझ को उसका अर्थ भी नहीं बताया।” उसने कहा, “मैंने उसे अपनी माता या पिता को भी नहीं बताया, फिर क्या मैं तुझको बता दूँ?” 17 भोज के सातों दिनों में वह स्त्री उसके सामने रोती रही; और सातवें दिन जब उसने उसको बहुत तंग किया; तब उसने उसको पहेली का अर्थ बता दिया। तब उसने उसे अपनी जाति के लोगों को बता दिया। 18 तब सातवें दिन सूर्य डूबने न पाया कि उस नगर के मनुष्यों ने शिमशोन से कहा, “मधु से अधिक क्या मीठा? और सिंह से अधिक क्या बलवन्त है?” उसने उनसे कहा, “यदि तुम मेरी बछिया को हल में न जोतते, तो मेरी पहेली को कभी न समझते” 19 तब यहोवा का आत्मा उस पर बल से उतरा, और उसने अश्कलोन को जाकर वहाँ के तीस पुरुषों को मार डाला, और उनका धन लूटकर तीस जोड़े कपड़ों को पहेली के बतानेवालों को दे दिया। तब उसका क्रोध भड़का, और वह अपने पिता के घर गया। 20 और शिमशोन की पत्नी का उसके एक संगी के साथ जिससे उसने मित्र का सा बर्ताव किया था विवाह कर दिया गया।
Chapter 15
1 परन्तु कुछ दिनों बाद, गेहूँ की कटनी के दिनों में, शिमशोन बकरी का एक बच्चा लेकर अपनी ससुराल में जाकर कहा, “मैं अपनी पत्नी के पास कोठरी में जाऊँगा।” परन्तु उसके ससुर ने उसे भीतर जाने से रोका। 2 और उसके ससुर ने कहा, “मैं सचमुच यह जानता था कि तू उससे बैर ही रखता है, इसलिए मैंने उसका तेरे साथी से विवाह कर दिया*। क्या उसकी छोटी बहन उससे सुन्दर नहीं है? उसके बदले उसी से विवाह कर ले।” 3 शिमशोन ने उन लोगों से कहा, “अब चाहे मैं पलिश्तियों की हानि भी करूँ, तो भी उनके विषय में निर्दोष ही ठहरूँगा।” 4 तब शिमशोन ने जाकर तीन सौ लोमड़ियाँ पकड़ीं, और मशाल लेकर दो-दो लोमड़ियों की पूँछ एक साथ बाँधी, और उनके बीच एक-एक मशाल बाँधी। 5 तब मशालों में आग लगाकर उसने लोमड़ियों को पलिश्तियों के खड़े खेतों में छोड़ दिया; और पूलियों के ढेर वरन् खड़े खेत और जैतून की बारियाँ भी जल गईं। 6 तब पलिश्ती पूछने लगे, “यह किसने किया है?” लोगों ने कहा, “उसके तिम्नाह के दामाद शिमशोन ने यह इसलिए किया, कि उसके ससुर ने उसकी पत्नी का उसके साथी से विवाह कर दिया।” तब पलिश्तियों ने जाकर उस पत्नी और उसके पिता दोनों को आग में जला दिया। 7 शिमशोन ने उनसे कहा, “तुम जो ऐसा काम करते हो, इसलिए मैं तुम से बदला लेकर ही रहूँगा।” 8 तब उसने उनको अति निष्ठुरता के साथ* बड़ी मार से मार डाला; तब जाकर एताम नामक चट्टान की एक दरार में रहने लगा। 9 तब पलिश्तियों ने चढ़ाई करके यहूदा देश में डेरे खड़े किए, और लही में फैल गए। 10 तब यहूदी मनुष्यों ने उनसे पूछा, “तुम हम पर क्यों चढ़ाई करते हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “शिमशोन को बाँधने के लिये चढ़ाई करते हैं, कि जैसे उसने हम से किया वैसे ही हम भी उससे करें।” 11 तब तीन हजार यहूदी पुरुष एताम नामक चट्टान की दरार में जाकर शिमशोन से कहने लगे, “क्या तू नहीं जानता कि पलिश्ती हम पर प्रभुता करते हैं? फिर तूने हम से ऐसा क्यों किया है?” उसने उनसे कहा, “जैसा उन्होंने मुझसे किया था, वैसा ही मैंने भी उनसे किया है।” 12 उन्होंने उससे कहा, “हम तुझे बाँधकर पलिश्तियों के हाथ में कर देने के लिये आए हैं।” शिमशोन ने उनसे कहा, “मुझसे यह शपथ खाओ कि तुम मुझ पर प्रहार न करोगे।” 13 उन्होंने कहा, “ऐसा न होगा; हम तुझे बाँधकर उनके हाथ में कर देंगे; परन्तु तुझे किसी रीति मार न डालेंगे।” तब वे उसको दो नई रस्सियों से बाँधकर उस चट्टान में से ले गए। 14 वह लही तक आ गया पलिश्ती उसको देखकर ललकारने लगे; तब यहोवा का आत्मा उस पर बल से उतरा, और उसकी बांहों की रस्सियाँ आग में जले हुए सन के समान हो गईं, और उसके हाथों के बन्धन मानो गलकर टूट पड़े। 15 तब उसको गदहे के जबड़े की एक नई हड्डी मिली, और उसने हाथ बढ़ा कर उसे ले लिया और उससे एक हजार पुरुषों को मार डाला। 16 तब शिमशोन ने कहा,
“गदहे के जबड़े की हड्डी से ढेर के ढेर लग गए, गदहे के जबड़े की हड्डी ही से मैंने हजार पुरुषों को मार डाला।”
17 “जब वह ऐसा कह चुका, तब उसने जबड़े की हड्डी फेंक दी और उस स्थान का नाम रामत-लही* रखा गया। 18 तब उसको बड़ी प्यास लगी, और उसने यहोवा को पुकार के कहा, “तूने अपने दास से यह बड़ा छुटकारा कराया है; फिर क्या मैं अब प्यासा मर के उन खतनाहीन लोगों के हाथ में पड़ूँ?” 19 तब परमेश्वर ने लही में ओखली सा गड्ढा कर दिया, और उसमें से पानी निकलने लगा; जब शिमशोन ने पीया, तब उसके जी में जी आया, और वह फिर ताजा दम हो गया। इस कारण उस सोते का नाम एनहक्कोरे रखा गया, वह आज के दिन तक लही में है। 20 शिमशोन तो पलिश्तियों के दिनों में बीस वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा।
Chapter 16
1 तब शिमशोन गाज़ा* को गया, और वहाँ एक वेश्या को देखकर उसके पास गया। 2 जब गाज़ावासियों को इसका समाचार मिला कि शिमशोन यहाँ आया है, तब उन्होंने उसको घेर लिया, और रात भर नगर के फाटक पर उसकी घात में लगे रहे; और यह कहकर रात भर चुपचाप रहे, कि भोर होते ही हम उसको घात करेंगे। 3 परन्तु शिमशोन आधी रात तक पड़ा रहा, और आधी रात को उठकर, उसने नगर के फाटक के दोनों पल्लों और दोनों बाजुओं को पकड़कर बेंड़ों समेत* उखाड़ लिया, और अपने कंधों पर रखकर उन्हें उस पहाड़ की चोटी पर ले गया, जो हेब्रोन के सामने है। 4 इसके बाद वह सोरेक नामक घाटी में रहनेवाली दलीला नामक एक स्त्री से प्रीति करने लगा। 5 तब पलिश्तियों के सरदारों ने उस स्त्री के पास जा के कहा, “तू उसको फुसलाकर पूछ कि उसके महाबल का भेद क्या है, और कौन सा उपाय करके हम उस पर ऐसे प्रबल हों, कि उसे बाँधकर दबा रखें; तब हम तुझे ग्यारह-ग्यारह सौ टुकड़े चाँदी देंगे।” 6 तब दलीला ने शिमशोन से कहा, “मुझे बता दे कि तेरे बड़े बल का भेद क्या है, और किस रीति से कोई तुझे बाँधकर रख सकता है।” 7 शिमशोन ने उससे कहा, “यदि मैं सात ऐसी नई-नई ताँतों से बाँधा जाऊँ जो सुखाई न गई हों, तो मेरा बल घट जाएगा, और मैं साधारण मनुष्य सा हो जाऊँगा।” 8 तब पलिश्तियों के सरदार दलीला के पास ऐसी नई-नई सात ताँतें ले गए जो सुखाई न गई थीं, और उनसे उसने शिमशोन को बाँधा। 9 उसके पास तो कुछ मनुष्य कोठरी में घात लगाए बैठे थे। तब उसने उससे कहा, “हे शिमशोन, पलिश्ती तेरी घात में हैं!” तब उसने ताँतों को ऐसा तोड़ा जैसा सन का सूत आग से छूते ही टूट जाता है। और उसके बल का भेद न खुला। 10 तब दलीला ने शिमशोन से कहा, “सुन, तूने तो मुझसे छल किया, और झूठ कहा है; अब मुझे बता दे कि तू किस वस्तु से बन्ध सकता है।” 11 उसने उससे कहा, “यदि मैं ऐसी नई-नई रस्सियों से जो किसी काम में न आईं हों कसकर बाँधा जाऊँ, तो मेरा बल घट जाएगा, और मैं साधारण मनुष्य के समान हो जाऊँगा।” 12 तब दलीला ने नई-नई रस्सियाँ लेकर और उसको बाँधकर कहा, “हे शिमशोन, पलिश्ती तेरी घात में हैं!” कितने मनुष्य उस कोठरी में घात लगाए हुए थे। तब उसने उनको सूत के समान अपनी भुजाओं पर से तोड़ डाला। 13 तब दलीला ने शिमशोन से कहा, “अब तक तू मुझसे छल करता, और झूठ बोलता आया है; अब मुझे बता दे कि तू किस से बन्ध सकता है?” उसने कहा, “यदि तू मेरे सिर की सातों लटें ताने में बुने तो बन्ध सकूँगा।” 14 अतः उसने उसे खूँटी से जकड़ा। तब उससे कहा, “हे शिमशोन, पलिश्ती तेरी घात में हैं!” तब वह नींद से चौंक उठा, और खूँटी को धरन में से उखाड़कर उसे ताने समेत ले गया।
15 तब दलीला ने उससे कहा, “तेरा मन तो मुझसे नहीं लगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूँ? तूने ये तीनों बार मुझसे छल किया, और मुझे नहीं बताया कि तेरे बड़े बल का भेद क्या है।” 16 इस प्रकार जब उसने हर दिन बातें करते-करते उसको तंग किया, और यहाँ तक हठ किया, कि उसकी नाकों में दम आ गया, 17 तब उसने अपने मन का सारा भेद खोलकर उससे कहा, “मेरे सिर पर छुरा कभी नहीं फिरा, क्योंकि मैं माँ के पेट ही से परमेश्वर का नाज़ीर हूँ, यदि मैं मूड़ा जाऊँ, तो मेरा बल इतना घट जाएगा, कि मैं साधारण मनुष्य सा हो जाऊँगा।” 18 यह देखकर, कि उसने अपने मन का सारा भेद मुझसे कह दिया है, दलीला ने पलिश्तियों के सरदारों के पास कहला भेजा, “अब की बार फिर आओ, क्योंकि उसने अपने मन का सब भेद मुझे बता दिया है।” तब पलिश्तियों के सरदार हाथ में रुपया लिए हुए उसके पास गए। 19 तब उसने उसको अपने घुटनों पर सुला रखा; और एक मनुष्य बुलवाकर उसके सिर की सातों लटें मुण्डवा डाली। और वह उसको दबाने लगी, और वह निर्बल हो गया। 20 तब उसने कहा, “हे शिमशोन, पलिश्ती तेरी घात में हैं!” तब वह चौंककर सोचने लगा, “मैं पहले के समान बाहर जाकर झटकूँगा।” वह तो न जानता था, कि यहोवा उसके पास से चला गया है। 21 तब पलिश्तियों ने उसको पकड़कर उसकी आँखें फोड़ डालीं*, और उसे गाज़ा को ले जा के पीतल की बेड़ियों से जकड़ दिया; और वह बन्दीगृह में चक्की पीसने लगा। 22 उसके सिर के बाल मुण्ड जाने के बाद फिर बढ़ने लगे। 23 तब पलिश्तियों के सरदार अपने दागोन नामक देवता के लिये बड़ा यज्ञ, और आनन्द करने को यह कहकर इकट्ठे हुए, “हमारे देवता ने हमारे शत्रु शिमशोन को हमारे हाथ में कर दिया है।” 24 और जब लोगों ने उसे देखा, तब यह कहकर अपने देवता की स्तुति की, “हमारे देवता ने हमारे शत्रु और हमारे देश का नाश करनेवाले को, जिसने हम में से बहुतों को मार भी डाला, हमारे हाथ में कर दिया है।” 25 जब उनका मन मगन हो गया, तब उन्होंने कहा, “शिमशोन को बुलवा लो, कि वह हमारे लिये तमाशा करे।” इसलिए शिमशोन बन्दीगृह में से बुलवाया गया, और उनके लिये तमाशा करने लगा, और खम्भों के बीच खड़ा कर दिया गया। 26 तब शिमशोन ने उस लड़के से जो उसका हाथ पकड़े था कहा, “मुझे उन खम्भों को, जिनसे घर सम्भला हुआ है छूने दे, कि मैं उस पर टेक लगाऊँ।” 27 वह घर तो स्त्री पुरुषों से भरा हुआ था; पलिश्तियों के सब सरदार भी वहाँ थे, और छत पर कोई तीन हजार स्त्री और पुरुष थे, जो शिमशोन को तमाशा करते हुए देख रहे थे। 28 तब शिमशोन ने यह कहकर यहोवा की दुहाई दी, “हे प्रभु यहोवा, मेरी सुधि ले; हे परमेश्वर, अब की बार मुझे बल दे, कि मैं पलिश्तियों से अपनी दोनों आँखों का एक ही बदला लूँ।” 29 तब शिमशोन ने उन दोनों बीचवाले खम्भों को जिनसे घर सम्भला हुआ था, पकड़कर एक पर तो दाहिने हाथ से और दूसरे पर बाएँ हाथ से बल लगा दिया। 30 और शिमशोन ने कहा, “पलिश्तियों के संग मेरा प्राण भी जाए।” और वह अपना सारा बल लगाकर झुका; तब वह घर सब सरदारों और उसमें के सारे लोगों पर गिर पड़ा। इस प्रकार जिनको उसने मरते समय मार डाला वे उनसे भी अधिक थे जिन्हें उसने अपने जीवन में मार डाला था। (इब्रा. 11:32) 31 तब उसके भाई और उसके पिता के सारे घराने के लोग आए, और उसे उठाकर ले गए, और सोरा और एश्ताओल के मध्य उसके पिता मानोह की कब्र में मिट्टी दी। उसने इस्राएल का न्याय बीस वर्ष तक किया था।
Chapter 17
1 एप्रैम के पहाड़ी देश में मीका नामक एक पुरुष था। 2 उसने अपनी माता से कहा, “जो ग्यारह सौ टुकड़े चाँदी तुझ से ले लिए गए थे, जिनके विषय में तूने मेरे सुनते भी श्राप दिया था, वे मेरे पास हैं; मैंने ही उनको ले लिया था।” उसकी माता ने कहा, “मेरे बेटे पर यहोवा की ओर से आशीष हो।” 3 जब उसने वे ग्यारह सौ टुकड़े चाँदी अपनी माता को वापस दिए; तब माता ने कहा, “मैं अपनी ओर से अपने बेटे के लिये यह रुपया यहोवा को निश्चय अर्पण करती हूँ ताकि उससे एक मूरत खोदकर, और दूसरी ढालकर बनाई जाए, इसलिए अब मैं उसे तुझको वापस देती हूँ।” 4 जब उसने वह रुपया अपनी माता को वापस दिया, तब माता ने दो सौ टुकड़े ढलवैये को दिया, और उसने उनसे एक मूर्ति खोदकर, और दूसरी ढालकर बनाई; और वे मीका के घर में रहीं। 5 मीका के पास एक देवस्थान था, तब उसने एक एपोद, और कई एक गृहदेवता बनवाए; और अपने एक बेटे का संस्कार करके उसे अपना पुरोहित ठहरा लिया 6 उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था; जिसको जो ठीक जान पड़ता था वही वह करता था। 7 यहूदा के कुल का एक जवान लेवीय यहूदा के बैतलहम में परदेशी होकर रहता था। 8 वह यहूदा के बैतलहम नगर से इसलिए निकला, कि जहाँ कहीं स्थान मिले वहाँ जा रहे। चलते-चलते वह एप्रैम के पहाड़ी देश में मीका के घर पर आ निकला। 9 मीका ने उससे पूछा, “तू कहाँ से आता है?” उसने कहा, “मैं तो यहूदा के बैतलहम से आया हुआ एक लेवीय हूँ, और इसलिए चला जाता हूँ, कि जहाँ कहीं ठिकाना मुझे मिले वहीं रहूँ।” 10 मीका ने उससे कहा, “मेरे संग रहकर मेरे लिये पिता और पुरोहित बन, और मैं तुझे प्रति वर्ष दस टुकड़े रूपे, और एक जोड़ा कपड़ा, और भोजनवस्तु दिया करूँगा,” तब वह लेवीय भीतर गया। 11 और वह लेवीय उस पुरुष के संग रहने से प्रसन्न हुआ; और वह जवान उसके साथ बेटा सा बना रहा। 12 तब मीका ने उस लेवीय का संस्कार किया, और वह जवान उसका पुरोहित होकर मीका के घर में रहने लगा। 13 और मीका सोचता था, कि अब मैं जानता हूँ कि यहोवा मेरा भला करेगा, क्योंकि मैंने एक लेवीय को अपना पुरोहित रखा है*।
Chapter 18
1 उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था। और उन्हीं दिनों में दानियों के गोत्र के लोग रहने के लिये कोई भाग ढूँढ़ रहे थे; क्योंकि इस्राएली गोत्रों के बीच उनका भाग उस समय तक न मिला था। 2 तब दानियों ने अपने समस्त कुल में से पाँच शूरवीरों को सोरा और एश्ताओल से देश का भेद लेने और उसमें छानबीन करने के लिये यह कहकर भेज दिया, “जाकर देश में छानबीन करो।” इसलिए वे एप्रैम के पहाड़ी देश में मीका के घर तक जाकर वहाँ टिक गए। 3 जब वे मीका के घर के पास आए, तब उस जवान लेवीय का बोल पहचाना; इसलिए वहाँ मुड़कर उससे पूछा, “तुझे यहाँ कौन ले आया? और तू यहाँ क्या करता है? और यहाँ तेरे पास क्या है?” 4 उसने उनसे कहा, “मीका ने मुझसे ऐसा-ऐसा व्यवहार किया है, और मुझे नौकर रखा है, और मैं उसका पुरोहित हो गया हूँ।” 5 उन्होंने उससे कहा, “परमेश्वर से सलाह ले, कि हम जान लें कि जो यात्रा हम करते हैं वह सफल होगी या नहीं।” 6 पुरोहित ने उनसे कहा, “कुशल से चले जाओ। जो यात्रा तुम करते हो उस पर यहोवा की कृपा-दृष्टि है।” 7 तब वे पाँच मनुष्य चल निकले, और लैश* को जाकर वहाँ के लोगों को देखा कि सीदोनियों के समान निडर, बेखटके, और शान्ति से रहते हैं; और इस देश का कोई अधिकारी नहीं है, जो उन्हें किसी काम में रोके, और ये सीदोनियों से दूर रहते हैं, और दूसरे मनुष्यों से कोई व्यवहार नहीं रखते। 8 तब वे सोरा और एश्ताओल को अपने भाइयों के पास गए, और उनके भाइयों ने उनसे पूछा, “तुम क्या समाचार ले आए हो?” 9 उन्होंने कहा, “आओ, हम उन लोगों पर चढ़ाई करें; क्योंकि हमने उस देश को देखा कि वह बहुत अच्छा है। तुम क्यों चुपचाप रहते हो? वहाँ चलकर उस देश को अपने वश में कर लेने में आलस न करो। 10 वहाँ पहुँचकर तुम निडर रहते हुए लोगों को, और लम्बा चौड़ा देश पाओगे; और परमेश्वर ने उसे तुम्हारे हाथ में दे दिया है। वह ऐसा स्थान है जिसमें पृथ्वी भर के किसी पदार्थ की घटी नहीं है।” 11 तब वहाँ से अर्थात् सोरा और एश्ताओल से दानियों के कुल के छः सौ पुरुषों ने युद्ध के हथियार बाँधकर प्रस्थान किया। 12 उन्होंने जाकर यहूदा देश के किर्यत्यारीम नगर में डेरे खड़े किए। इस कारण उस स्थान का नाम महनेदान* आज तक पड़ा है, वह तो किर्य्यत्यारीम के पश्चिम की ओर है। 13 वहाँ से वे आगे बढ़कर एप्रैम के पहाड़ी देश में मीका के घर के पास आए। 14 तब जो पाँच मनुष्य लैश के देश का भेद लेने गए थे, वे अपने भाइयों से कहने लगे, “क्या तुम जानते हो कि इन घरों में एक एपोद, कई एक गृहदेवता, एक खुदी और एक ढली हुई मूरत है? इसलिए अब सोचो, कि क्या करना चाहिये।” 15 वे उधर मुड़कर उस जवान लेवीय के घर गए, जो मीका का घर था, और उसका कुशल क्षेम पूछा। 16 और वे छः सौ दानी पुरुष फाटक में हथियार बाँधे हुए खड़े रहे। 17 और जो पाँच मनुष्य देश का भेद लेने गए थे, उन्होंने वहाँ घुसकर उस खुदी हुई मूरत, और एपोद, और गृहदेवताओं, और ढली हुई मूरत को ले लिया, और वह पुरोहित फाटक में उन हथियार बाँधे हुए छः सौ पुरुषों के संग खड़ा था। 18 जब वे पाँच मनुष्य मीका के घर में घुसकर खुदी हुई मूरत, एपोद, गृहदेवता, और ढली हुई मूरत को ले आए थे, तब पुरोहित ने उनसे पूछा, “यह तुम क्या करते हो?” 19 उन्होंने उससे कहा, “चुप रह, अपने मुँह को हाथ से बन्दकर, और हम लोगों के संग चलकर, हमारे लिये पिता और पुरोहित बन। तेरे लिये क्या अच्छा है? यह, कि एक ही मनुष्य के घराने का पुरोहित हो, या यह, कि इस्राएलियों के एक गोत्र और कुल का पुरोहित हो?” 20 तब पुरोहित प्रसन्न हुआ, इसलिए वह एपोद, गृहदेवता, और खुदी हुई मूरत को लेकर उन लोगों के संग चला गया। 21 तब वे मुड़ें, और बाल-बच्चों, पशुओं, और सामान को अपने आगे करके चल दिए। 22 जब वे मीका के घर से दूर निकल गए थे, तब जो मनुष्य मीका के घर के पासवाले घरों में रहते थे उन्होंने इकट्ठे होकर दानियों को जा लिया। 23 और दानियों को पुकारा, तब उन्होंने मुँह फेर के मीका से कहा, “तुझे क्या हुआ कि तू इतना बड़ा दल लिए आता है?” 24 उसने कहा, “तुम तो मेरे बनवाए हुए देवताओं और पुरोहित को ले चले हो; फिर मेरे पास क्या रह गया? तो तुम मुझसे क्यों पूछते हो कि तुझे क्या हुआ है?” (उत्प. 31:30) 25 दानियों ने उससे कहा, “तेरा बोल हम लोगों में सुनाई न दे, कहीं ऐसा न हो कि क्रोधी जन तुम लोगों पर प्रहार करें और तू अपना और अपने घर के लोगों के भी प्राण को खो दे।” 26 तब दानियों ने अपना मार्ग लिया; और मीका यह देखकर कि वे मुझसे अधिक बलवन्त हैं फिरके अपने घर लौट गया। 27 तब वे मीका के बनवाए हुए पदार्थों और उसके पुरोहित को साथ ले लैश के पास आए, जिसके लोग शान्ति से और बिना खटके रहते थे, और उन्होंने उनको तलवार से मार डाला, और नगर को आग लगाकर फूँक दिया। 28 और कोई बचानेवाला न था, क्योंकि वह सीदोन से दूर था, और वे और मनुष्यों से कोई व्यवहार न रखते थे। और वह बेत्रहोब की तराई में था। तब उन्होंने नगर को दृढ़ किया, और उसमें रहने लगे। 29 और उन्होंने उस नगर का नाम इस्राएल के एक पुत्र अपने मूलपुरुष दान के नाम पर दान रखा; परन्तु पहले तो उस नगर का नाम लैश था। 30 तब दानियों ने उस खुदी हुई मूरत को खड़ा कर लिया; और देश की बँधुआई के समय वह योनातान* जो गेर्शोम का पुत्र और मूसा का पोता था, वह और उसके वंश के लोग दान गोत्र के पुरोहित बने रहे। (2 राजा. 15:29) 31 और जब तक परमेश्वर का भवन शीलो में बना रहा, तब तक वे मीका की खुदवाई हुई मूरत को स्थापित किए रहे। (व्य. 12:1-32)
Chapter 19
1 उन दिनों में जब इस्राएलियों का कोई राजा न था, तब एक लेवीय पुरुष एप्रैम के पहाड़ी देश की परली ओर परदेशी होकर रहता था, जिसने यहूदा के बैतलहम में की एक रखैल* रख ली थी। 2 उसकी रखैल व्यभिचार करके यहूदा के बैतलहम को अपने पिता के घर चली गई, और चार महीने वहीं रही। 3 तब उसका पति अपने साथ एक सेवक और दो गदहे लेकर चला, और उसके यहाँ गया, कि उसे समझा बुझाकर ले आए। वह उसे अपने पिता के घर ले गई, और उस जवान स्त्री का पिता उसे देखकर उसकी भेंट से आनन्दित हुआ। 4 तब उसके ससुर अर्थात् उस स्त्री के पिता ने विनती करके उसे रोक लिया, और वह तीन दिन तक उसके पास रहा; इसलिए वे वहाँ खाते पीते टिके रहे। 5 चौथे दिन जब वे भोर को सवेरे उठे, और वह चलने को हुआ; तब स्त्री के पिता ने अपने दामाद से कहा, “एक टुकड़ा रोटी खाकर अपना जी ठण्डा कर, तब तुम लोग चले जाना।” 6 तब उन दोनों ने बैठकर संग-संग खाया पिया; फिर स्त्री के पिता ने उस पुरुष से कहा, “और एक रात टिके रहने को प्रसन्न हो और आनन्द कर।” 7 वह पुरुष विदा होने को उठा, परन्तु उसके ससुर ने विनती करके उसे दबाया, इसलिए उसने फिर उसके यहाँ रात बिताई। 8 पाँचवें दिन भोर को वह तो विदा होने को सवेरे उठा; परन्तु स्त्री के पिता ने कहा, “अपना जी ठण्डा कर, और तुम दोनों दिन ढलने तक रुके रहो।” तब उन दोनों ने रोटी खाई। 9 जब वह पुरुष अपनी रखैल और सेवक समेत विदा होने को उठा, तब उसके ससुर अर्थात् स्त्री के पिता ने उससे कहा, “देख दिन तो ढल चला है, और सांझ होने पर है; इसलिए तुम लोग रात भर टिके रहो। देख, दिन तो डूबने पर है; इसलिए यहीं आनन्द करता हुआ रात बिता, और सवेरे को उठकर अपना मार्ग लेना, और अपने डेरे को चले जाना।” 10 परन्तु उस पुरुष ने उस रात को टिकना न चाहा, इसलिए वह उठकर विदा हुआ, और काठी बाँधे हुए दो गदहे और अपनी रखैल संग लिए हुए यबूस के सामने तक (जो यरूशलेम कहलाता है) पहुँचा। 11 वे यबूस के पास थे, और दिन बहुत ढल गया था, कि सेवक ने अपने स्वामी से कहा, “आ, हम यबूसियों के इस नगर में मुड़कर टिकें।” 12 उसके स्वामी ने उससे कहा, “हम पराए नगर में जहाँ कोई इस्राएली नहीं रहता, न उतरेंगे; गिबा तक बढ़ जाएँगे।” 13 फिर उसने अपने सेवक से कहा, “आ, हम उधर के स्थानों में से किसी के पास जाएँ, हम गिबा या रामाह में रात बिताएँ।” 14 और वे आगे की ओर चले; और उनके बिन्यामीन के गिबा के निकट पहुँचते-पहुँचते सूर्य अस्त हो गया, 15 इसलिए वे गिबा में टिकने के लिये उसकी ओर मुड़ गए। और वह भीतर जाकर उस नगर के चौक में बैठ गया, क्योंकि किसी ने उनको अपने घर में न टिकाया। 16 तब एक बूढ़ा अपने खेत के काम को निपटाकर सांझ को चला आया; वह तो एप्रैम के पहाड़ी देश का था, और गिबा में परदेशी होकर रहता था; परन्तु उस स्थान के लोग बिन्यामीनी थे। 17 उसने आँखें उठाकर उस यात्री को नगर के चौक में बैठे देखा; और उस बूढ़े ने पूछा, “तू किधर जाता, और कहाँ से आता है?” 18 उसने उससे कहा, “हम लोग तो यहूदा के बैतलहम* से आकर एप्रैम के पहाड़ी देश की परली ओर जाते हैं, मैं तो वहीं का हूँ; और यहूदा के बैतलहम तक गया था, और अब यहोवा के भवन को जाता हूँ, परन्तु कोई मुझे अपने घर में नहीं टिकाता। 19 हमारे पास तो गदहों के लिये पुआल और चारा भी है, और मेरे और तेरी इस दासी और इस जवान के लिये भी जो तेरे दासों के संग है रोटी और दाखमधु भी है; हमें किसी वस्तु की घटी नहीं है।” 20 बूढ़े ने कहा, “तेरा कल्याण हो; तेरे प्रयोजन की सब वस्तुएँ मेरे सिर हों; परन्तु रात को चौक में न बिता।” 21 तब वह उसको अपने घर ले चला, और गदहों को चारा दिया; तब वे पाँव धोकर खाने-पीने लगे। 22 वे आनन्द कर रहे थे, कि नगर के लुच्चों ने घर को घेर लिया, और द्वार को खटखटा-खटखटाकर घर के उस बूढ़े स्वामी से कहने लगे, “जो पुरुष तेरे घर में आया, उसे बाहर ले आ, कि हम उससे भोग करें।” 23 घर का स्वामी उनके पास बाहर जाकर उनसे कहने लगा, “नहीं, नहीं, हे मेरे भाइयों, ऐसी बुराई न करो; यह पुरुष जो मेरे घर पर आया है*, इससे ऐसी मूर्खता का काम मत करो। 24 देखो, यहाँ मेरी कुँवारी बेटी है, और उस पुरुष की रखैल भी है; उनको मैं बाहर ले आऊँगा। और उनका पत-पानी लो तो लो, और उनसे तो जो चाहो सो करो; परन्तु इस पुरुष से ऐसी मूर्खता का काम मत करो।” 25 परन्तु उन मनुष्यों ने उसकी न मानी। तब उस पुरुष ने अपनी रखैल को पकड़कर उनके पास बाहर कर दिया; और उन्होंने उससे कुकर्म किया, और रात भर क्या भोर तक उससे लीलाक्रीड़ा करते रहे। और पौ फटते ही उसे छोड़ दिया। 26 तब वह स्त्री पौ फटते ही जा के उस मनुष्य के घर के द्वार पर जिसमें उसका पति था गिर गई, और उजियाले के होने तक वहीं पड़ी रही। 27 सवेरे जब उसका पति उठ, घर का द्वार खोल, अपना मार्ग लेने को बाहर गया, तो क्या देखा, कि उसकी रखैल घर के द्वार के पास डेवढ़ी पर हाथ फैलाए हुए पड़ी है। 28 उसने उससे कहा, “उठ हम चलें।” जब कोई उत्तर न मिला, तब वह उसको गदहे पर लादकर अपने स्थान को गया। 29 जब वह अपने घर पहुँचा, तब छूरी ले रखैल को अंग-अंग करके काटा; और उसे बारह टुकड़े करके इस्राएल के देश में भेज दिया। 30 जितनों ने उसे देखा, वे सब आपस में कहने लगे, “इस्राएलियों के मिस्र देश से चले आने के समय से लेकर आज के दिन तक ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ, और न देखा गया; अतः इस पर सोचकर सम्मति करो, और बताओ।”
Chapter 20
1 तब दान से लेकर बेर्शेबा तक के सब इस्राएली और गिलाद के लोग भी निकले, और उनकी मण्डली एकमत होकर मिस्पा में* यहोवा के पास इकट्ठी हुई। 2 और सारी प्रजा के प्रधान लोग, वरन् सब इस्राएली गोत्रों के लोग जो चार लाख तलवार चलाने वाले प्यादे थे, परमेश्वर की प्रजा की सभा में उपस्थित हुए। 3 (बिन्यामीनियों ने तो सुना कि इस्राएली मिस्पा को आए हैं।) और इस्राएली पूछने लगे, “हम से कहो, यह बुराई कैसे हुई?” 4 उस मार डाली हुई स्त्री के लेवीय पति ने उत्तर दिया, “मैं अपनी रखैल समेत बिन्यामीन के गिबा में टिकने को गया था। 5 तब गिबा के पुरुषों ने मुझ पर चढ़ाई की, और रात के समय घर को घेर के मुझे घात करना चाहा; और मेरी रखैल से इतना कुकर्म किया कि वह मर गई। 6 तब मैंने अपनी रखैल को लेकर टुकड़े-टुकड़े किया, और इस्राएलियों के भाग के सारे देश में भेज दिया, उन्होंने तो इस्राएल में महापाप और मूर्खता का काम किया है। 7 सुनो, हे इस्राएलियों, सब के सब देखो, और यहीं अपनी सम्मति दो।” 8 तब सब लोग एक मन हो, उठकर कहने लगे, “न तो हम में से कोई अपने डेरे जाएगा, और न कोई अपने घर की ओर मुड़ेगा। 9 परन्तु अब हम गिबा से यह करेंगे, अर्थात् हम चिट्ठी डाल डालकर उस पर चढ़ाई करेंगे, 10 और हम सब इस्राएली गोत्रों में सौ पुरुषों में से दस, और हजार पुरुषों में से एक सौ, और दस हजार में से एक हजार पुरुषों को ठहराएँ, कि वे सेना के लिये भोजनवस्तु पहुँचाए; इसलिए कि हम बिन्यामीन के गिबा में पहुँचकर उसको उस मूर्खता का पूरा फल भुगता सके जो उन्होंने इस्राएल में की है।” 11 तब सब इस्राएली पुरुष उस नगर के विरुद्ध एक पुरुष की समान संगठित होकर इकट्ठे हो गए।। 12 और इस्राएली गोत्रियों ने बिन्यामीन के सारे गोत्रियों में कितने मनुष्य यह, पूछने को भेजे, “यह क्या बुराई है जो तुम लोगों में की गई है? 13 अब उन गिबावासी लुच्चों को हमारे हाथ कर दो, कि हम उनको जान से मार के इस्राएल में से बुराई का नाश करें।” परन्तु बिन्यामीनियों ने अपने भाई इस्राएलियों की मानने से इन्कार किया। 14 और बिन्यामीनी अपने-अपने नगर में से आकर गिबा में इसलिए इकट्ठे हुए, कि इस्राएलियों से लड़ने को निकलें। 15 और उसी दिन गिबावासी पुरुषों को छोड़, जिनकी गिनती सात सौ चुने हुए पुरुष ठहरी, और नगरों से आए हुए तलवार चलानेवाले बिन्यामीनियों की गिनती छब्बीस हजार पुरुष ठहरी। 16 इन सब लोगों में से सात सौ बयंहत्थे चुने हुए पुरुष थे, जो सब के सब ऐसे थे कि गोफन से पत्थर मारने में बाल भर भी न चूकते थे। 17 और बिन्यामीनियों को छोड़ इस्राएली पुरुष चार लाख तलवार चलानेवाले थे; ये सब के सब योद्धा थे। 18 सब इस्राएली उठकर बेतेल को गए, और यह कहकर परमेश्वर से सलाह ली, और इस्राएलियों ने पूछा, “हम में से कौन बिन्यामीनियों से लड़ने को पहले चढ़ाई करे?” यहोवा ने कहा, “यहूदा पहले चढ़ाई करे।” 19 तब इस्राएलियों ने सवेरे को उठकर गिबा के सामने डेरे डाले। 20 और इस्राएली पुरुष बिन्यामीनियों से लड़ने को निकल गए; और इस्राएली पुरुषों ने उससे लड़ने को गिबा के विरुद्ध पाँति बाँधी 21 तब बिन्यामीनियों ने गिबा से निकल उसी दिन बाईस हजार इस्राएली पुरुषों को मारके मिट्टी में मिला दिया। 22 तो भी इस्राएली पुरुषों ने हियाव बाँधकर के उसी स्थान में जहाँ उन्होंने पहले दिन पाँति बाँधी थी, फिर पाँति बाँधी 23 और इस्राएली जाकर सांझ तक यहोवा के सामने रोते रहे; और यह कहकर यहोवा से पूछा, “क्या हम अपने भाई बिन्यामीनियों से लड़ने को फिर पास जाएँ?” यहोवा ने कहा, “हाँ, उन पर चढ़ाई करो।” 24 तब दूसरे दिन इस्राएली बिन्यामीनियों के निकट पहुँचे। 25 तब बिन्यामीनियों ने दूसरे दिन उनका सामना करने को गिबा से निकलकर फिर अठारह हजार इस्राएली पुरुषों को मारके, जो सब के सब तलवार चलानेवाले थे, मिट्टी में मिला दिया। 26 तब सब इस्राएली, वरन् सब लोग बेतेल को गए; और रोते हुए यहोवा के सामने बैठे रहे, और उस दिन सांझ तक उपवास किया*, और यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाए। 27 और इस्राएलियों ने यहोवा से सलाह ली (उस समय परमेश्वर का वाचा का सन्दूक वहीं था, 28 और पीनहास, जो हारून का पोता, और एलीआजर का पुत्र था उन दिनों में उसके सामने हाजिर रहा करता था।) उन्होंने पूछा, “क्या हम एक और बार अपने भाई बिन्यामीनियों से लड़ने को निकलें, या उनको छोड़ दें?” यहोवा ने कहा, “चढ़ाई कर; क्योंकि कल मैं उनको तेरे हाथ में कर दूँगा।” 29 तब इस्राएलियों ने गिबा के चारों ओर लोगों को घात में बैठाया।। 30 तीसरे दिन इस्राएलियों ने बिन्यामीनियों पर फिर चढ़ाई की, और पहले के समान गिबा के विरुद्ध पाँति बाँधी 31 तब बिन्यामीनी उन लोगों का सामना करने को निकले, और नगर के पास से खींचे गए; और जो दो सड़क, एक बेतेल को और दूसरी गिबा को गई है, उनमें लोगों को पहले के समान मारने लगे, और मैदान में कोई तीस इस्राएली मारे गए। 32 बिन्यामीनी कहने लगे, “वे पहले के समान हम से मारे जाते हैं।” परन्तु इस्राएलियों ने कहा, “हम भागकर उनको नगर में से सड़कों में खींच ले आएँ।” 33 तब सब इस्राएली पुरुषों ने अपने स्थान से उठकर बालतामार में पाँति बाँधी; और घात में बैठे हुए इस्राएली अपने स्थान से, अर्थात् मारेगेवा से अचानक निकले। 34 तब सब इस्राएलियों में से छाँटे हुए दस हजार पुरुष गिबा के सामने आए, और घोर लड़ाई होने लगी; परन्तु वे न जानते थे कि हम पर विपत्ति अभी पड़ना चाहती है। 35 तब यहोवा ने बिन्यामीनियों को इस्राएल से हरवा दिया, और उस दिन इस्राएलियों ने पच्चीस हजार एक सौ बिन्यामीनी पुरुषों को नाश किया, जो सब के सब तलवार चलानेवाले थे। 36 तब बिन्यामीनियों ने देखा कि हम हार गए। और इस्राएली पुरुष उन घातकों का भरोसा करके जिन्हें उन्होंने गिबा के पास बैठाया था बिन्यामीनियों के सामने से चले गए। 37 परन्तु घातक लोग फुर्ती करके गिबा पर झपट गए; और घातकों ने आगे बढ़कर सारे नगर को तलवार से मारा। 38 इस्राएली पुरुषों और घातकों के बीच तो यह चिन्ह ठहराया गया था, कि वे नगर में से बहुत बड़ा धुएँ का खम्भा उठाए। 39 इस्राएली पुरुष तो लड़ाई में हटने लगे, और बिन्यामीनियों ने यह कहकर कि निश्चय वे पहली लड़ाई के समान हम से हारे जाते हैं, इस्राएलियों को मार डालने लगे, और तीस एक पुरुषों को घात किया। 40 परन्तु जब वह धुएँ का खम्भा नगर में से उठने लगा, तब बिन्यामीनियों ने अपने पीछे जो दृष्टि की तो क्या देखा, कि नगर का नगर धुआँ होकर आकाश की ओर उड़ रहा है। 41 तब इस्राएली पुरुष घूमे, और बिन्यामीनी पुरुष यह देखकर घबरा गए, कि हम पर विपत्ति आ पड़ी है। 42 इसलिए उन्होंने इस्राएली पुरुषों को पीठ दिखाकर जंगल का मार्ग* लिया; परन्तु लड़ाई उनसे होती ही रही, और जो अन्य नगरों में से आए थे उनको इस्राएली रास्ते में नाश करते गए। 43 उन्होंने बिन्यामीनियों को घेर लिया, और उन्हें खदेड़ा, वे मनुहा में वरन् गिबा के पूर्व की ओर तक उन्हें लताड़ते गए। 44 और बिन्यामीनियों में से अठारह हजार पुरुष जो सब के सब शूरवीर थे मारे गए। 45 तब वे घूमकर जंगल में की रिम्मोन नामक चट्टान की ओर तो भाग गए; परन्तु इस्राएलियों ने उनमें से पाँच हजार को चुन-चुनकर सड़कों में मार डाला; फिर गिदोम तक उनके पीछे पड़के उनमें से दो हजार पुरुष मार डाले। 46 तब बिन्यामीनियों में से जो उस दिन मारे गए वे पच्चीस हजार तलवार चलानेवाले पुरुष थे, और ये सब शूरवीर थे। 47 परन्तु छः सौ पुरुष घूमकर जंगल की ओर भागे, और रिम्मोन नामक चट्टान में पहुँच गए, और चार महीने वहीं रहे। 48 तब इस्राएली पुरुष लौटकर बिन्यामीनियों पर लपके और नगरों में क्या मनुष्य, क्या पशु, जो कुछ मिला, सब को तलवार से नाश कर डाला। और जितने नगर उन्हें मिले उन सभी को आग लगाकर फूँक दिया।
Judges 20:1
लोग भी निकले
एक व्यक्ति के रुप मे यह समूह को दर्शाता है कि जो लोग एक हि तरीके सब कुछ उसके साथ कर रहे थे। कि “यदि वह एक ही रुप मे होता“।
तब दान से लेकर बेर्शेबा
यह सारी भूमि को दर्शाता है। कि “सभी गयाराह जनजतियाँ मे से”।
परमेश्वर—चार लाख तलवार चलाने वाले
“परमेश्वर ने ४००,००० सैनिको को लगातार भेजा”।
तलवार चलाने
“युद्ध मे जाने के लिए तैयार” कि वे एक दूसरे से लड़ने के लिए नही जा रहे”।
Judges 20:3
अब
इस शब्द का प्रयोग मुख्य कहानी के लिए किया जाता है। यहाँ पुस्तक के लेखक क्या बिन्यामीन के लोगों की पृष्ठभूमि जानकारी के नारे मे बताता है।
मिस्पा को आए हैं
मिस्पा पहाड़ो की उच्च स्थान मे है।
टिकने को गया था
“एक रात के लिए”।
Judges 20:5
महापाप और मूर्खता
यह शब्द “महापाप” और “मूर्खता“ का व्विरण करता है कि “महापाप और मूर्खता“।
अब
इन शब्दो का इस्तेमाल लेवी के भाषण का परिचय देने के लिए किया जाता है।
यहीं अपनी सम्मति दो
शब्द “सलाह“ और “परिषद” एक बात का उल्लेख करने की ओर जोर देता है कि “हमे इस बात के बारे मे कोई फैसला लेना चाहिए”।
Judges 20:8
तब एक
यह सिमिल एक ही व्यक्ति के रूप में अभिनय के रूप में समूह की बात करता है। वे सब बिल्कुल उसी तरह एक साथ काम किया है। कि यह स्पष्ट रूप में यदि वे एक ही आदमी थे।
न तो हम में से कोई अपने डेरे जाएगा… न कोई अपने घर की ओर मुड़ेगा
यहाँ इन वाक्यो मे यह दर्शाया गया है कि स्पष्ट रुप से “वह यही रहेगे”।
परन्तु अब
इन बातो मे लोग नयी बातो का परिचय देते है।
उस पर चढ़ाई करेंगे
परमेश्वर चाहते है कि वह छोटे पत्थर उठा कर उस पर फेकने लगे।
Judges 20:10
दस हजार पुरुषों में…एक सौ हजार…एक हजार दस हजार
“१०० मे से १० आदमी…१,०००मे से १००…१०,००० मे से १,०००”।
भोजनवस्तु
“भोजन”।
नगर के विरुद्ध
“शहर पर हमला करने के लिए एक साथ आये”।
Judges 20:12
उनको जान से मार
“मार ड़ाला”।
अपने भाई
यहाँ “आवाज” संदेश को दर्शाति है कि उसके भाई ने क्या कहा”।
Judges 20:15
छब्बीस हजार
छे हजार - “२६,०००”।
सात सौ
“७००”।
बयंहत्थे
हाथ - यह वह व्यक्ति होता है जो अपने बाएं हाथ से अपने दाहिने हाथ की तुलना में ज्यादा काम करता है।
पत्थर मारने में बाल भर भी न चूकते थे
सपष्ट रुप से कहा जा सकता है कि “उसके सर पर पत्थरो से मारा”।
Judges 20:17
छोड़
“शामिल ना करना”।
यह कहकर परमेश्वर से सलाह ली
“परमेश्वर से पूछा कि क्या करना है“।
Judges 20:19
गिबा के सामने डेरे डाले
यहाँ यह हो सकता है कि वह गिबा के सामने डेरे लगा कर बैटा हो कि इसका अर्थ यह है कि वह गिबा से लड़ाई करने के लिय तैयार हो।
बाईस हजार
“२२,०००”।
Judges 20:22
हियाव बाँधकर
यहाँ "सशक्त“ अर्थ है कि वे एक दूसरे से प्रसंन्न थे।
हियाव बाँधकर के उसी स्थान में
इसका अर्थ यह है कि इस्राएलियों ने अगले दिन की लड़ाई के लिए कि “वे अगले दिन लड़ने के लिए तैयार हो गया“।
यह कहकर यहोवा से पूछा
उसने उस विधी का प्रयोग नही किया “कि पुजारी ने परमेश्वर की इच्छा का निर्धारण करने के लिए बहुत कुछ किया हो“।
Judges 20:24
अठारह हजार
“१८,०००”।
Judges 20:26
यहोवा के सामने
“यहोवा की उपस्थिति मे”।
Judges 20:27
“उस समय परमेश्वर का वाचा का सन्दक…उसके सामने हाजिर रहा करता था
जब यहोवा ने यह स्वाल उनसे पूछा और लेखक यहाँ पाठको के समझ मे आने वाली बाते कर रहा था।
उन दिनों में उसके सामने
“वह उन दिनो मे बेथेल मे ही था”।
हाजिर रहा करता था
इसका अर्थ यह है कि “याजक उनके सामने वेदी को पेश कर रहा था।
चढ़ाई
यह स्पष्ट रुप से इसका अर्थ यह है कि “बिन्यामीनियों की सेना पर हमलअ कर”।
Judges 20:29
इस्राएलियों ने बैठाया
यहाँ “इस्राएल” इस्राएली लोगो को दर्शाता है कि “इस्राएलियो”।
घात में
“घात मे”।
Judges 20:31
उन लोगों का सामना करने
इस वाक्य का पूरा अर्थ यह है कि “इस्राएल के लोगो के खिलाफ लड़ाई लड़ी”।
नगर के पास से खींचे गए
स्पष्ट रुप से कहा जा सकता है कि “इस्राएली लोग नगर के साथ ही चले गये”।
उनमें लोगों को पहले के समान मारने लगे
इस वाक्य का सम्पुर्ण अर्थ यह है कि “बिन्यामीन के कुछ लोगो ने इस्राएल के लोगो को मारना शुरु किया”।
Judges 20:32
वे पहले के समान
“पहले रुप के समान”।
बालतामार
यह एक शहर का नाम है।
मारेगेवा
यह एक स्थान का नाम है। “गिबा के क्षेत्र”।
Judges 20:34
दस हजार
“१०,०००”।
छाँटे हुए पुरुष
यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ अच्छे सैनिक है जैसे कि “प्रशिक्षित सैनिक”।
हम पर विपत्ति अभी पड़ना चाहती है
“वे जलदी ही पूरी तरह से हरा दिए जाएगे”।
Judges 20:36
इस्राएली पुरुष बिन्यामीनियों के सामने से चले गएपरन्तु घातक लोग फुर्ती करके…गिबा पर झपट गए
इस वायांशो मे ४१ के अंत तक पुष्ठभूमि की जानकारी है कि लेखक पाठको को बिन्यामीन के लोगो के बारे मे बताता है कि किस तरह उन्हे हराया गया।
बिन्यामीनियों के सामने से चले गए
इसका अर्थ यह है कि “बिन्यामीन को आगे बढ़ने की अनुमति दी गयी थी”।
उन घातकों का भरोसा करके
“यह एक मुहावरा है कि उन्होने पुरुषो पर भरोसा किया”।
Judges 20:39
सामानय जानकारी:
यह एक पुष्ठभूमि की जानकारी है लेखक पाठको को समझाने के लिए कि बिन्यामीन के लोगो ने घात लगाकर कराए जाने को दर्शाता है।
तो लड़ाई में हटने लगे
“लड़ाई से पीछे हटना होगा”।
वे पहली लड़ाई के समान हम से हारे जाते हैं
स्पष्ट रुप से कहा जा सकता है कि “हमने उन्हे हरा दिया है”।
Judges 20:40
सामान्य जानकारी:
यह एक पुष्ठभूमि की जानकारी है लेखक पाठको को समझाने के लिए कि बिन्यामीन के लोगो ने घात लगाकर कराए जाने को दर्शाता है।
घबरा
“बहुत बड़ा दुख”।
आ पड़ी है
इसका अर्थ यह है कि “यह उनके साथ हुआ”।
Judges 20:42
परन्तु लड़ाई उनसे होती ही रही
वह व्यक्ति इस्राएल के लोगो से लड़ाई करते रहे और वहाँ से चले गये पर “इस्राएल के सैनिको ने उन्हे पकड़ लिया”।
Judges 20:43
मनुहा
यह एक स्थान का नाम है।
और उन्हें खदेड़ा
बिन्यामीन के सारा विनाश हो गया और उनके शव भी जल गये “उन्होने उनका सब कुछ खत्म कर दिया”।
अठारह हजार
“१८,०००”।
सब शूरवीर थे मारे गए।
“वह लड़ाई मे बहादुरी से लड़े”।
Judges 20:45
वे घूमकर जंगल में गये
“जो बिन्यामीन बच गया वह जंगल मे भाग गया”।
पाँच हजार…दो हजार
“५,०००…२,०००”
गिदोम
यह एक स्थान का नाम है।
पच्चीस हजार
पाँच हजार - “२५,०००”।
Judges 20:47
छः सौ
“६००”।
लौटकर बिन्यामीनियों पर लपके और नगरों में
बिन्यामीन के लोग ये वो सेनिक नही है जो रिमोन की चट्टान पर भाग गये थे लेकिन वह आभी भी शहर मे ही थे।
नगरों में जो कुछ मिला
यहाँ “एक…शहर” के लोगो को दर्शाता है “शहर मे जो सब कुछ था”।
जितने नगर उन्हें
यह मुहावरा शहर मे आने वाले लोगो को दर्शाता है कि वे आ गये”।
Translation Questions
Judges 20:1
मिस्पा में यहोवा के समक्ष कौन एकत्र हुए?
दान से लेकर बर्शेबा तक के सब इस्राएली और गिलोद के लोग भी मिस्पा में यहोवा के समक्ष एकत्र हुए।
Judges 20:5
उनके गिबा के संबंधियों के बारे में लेवी ने क्या बताया?
लेवी ने उन्हें बताया कि गिबा में रहने वाले उनके संबंधियों ने उस पर चढ़ाई करके उसे मारने का प्रयास किया।
Judges 20:9
वे सब गिबा पर आक्रमण कैसे करेंगे?
वे चिट्ठी डालकर उसके अनुसार उन पर आक्रमण करेंगे।
Judges 20:13
इस्राएली गोत्रों ने बिन्यामीनियों से उन लुच्चों की मांग क्यों की?
उन्होंने बिन्यामीनियों से उन दुष्ट लोगों को दे देने की मांग की कि उन्हें मार डालें जिससे कि इस्राएल में से ऐसी बुराई दूर हो जाए।
Judges 20:16
उन सात सौं चुने हुए पुरूषों की विशेषता क्या थी?
सात सौ चुने हुए पुरुष बयंहत्थे थे; उनमें से गोफन से पत्थर मारने में बाल भर भी न चूकते थे।
Judges 20:18
यहूदा ने क्यों बिन्यामीन पर पहले आक्रमण किया?
उन्होंने यहोवा से मार्गदर्शन खोजा और यहोवा ने उत्तर दिया, "यहूदा पहले चढ़ाई करे।"
Judges 20:26
बिन्यामीनियों के हाथ अनेक इस्राएलियों की हत्या हो जाने के बाद इस्राएल के सैनिकों ने क्या किया?
बिन्यामीनियों के हाथ अनेक इस्राएलियों की हत्या हो जाने के बाद इस्राएल के सैनिक यहोवा के समक्ष सांझ तक रोते रहे। उन्होंने यहोवा के सामने होमबलि और मेलबलि चढाई।
Judges 20:27
इस्राएलियों ने यहोवा से कैसे पूछा?
इस्राएलियों ने यहोवा से वाचा के सन्दूक द्वारा पूछा जो उन दिनों वही था।
Judges 20:32
जब इस्राएली सैनिक नगर से मार्ग पर आ गए तब बिन्यामीनियों ने क्या सोचा?
जब इस्राएली सैनिक नगर से मार्ग पर आ गए तब बिन्यामीनियों ने सोचा कि वे डर कर भाग रहे हैं।
Judges 20:36
इस्राएली बिन्यामीनियों के सामने से क्यों चले गए?
इस्राएली बिन्यामीनियों के सामने से चले गए क्योंकि वे गिबा के बाहर घात लगाए हुए बैठे इस्राएलियों पर भरोसा किए हुए थे।
Judges 20:38
इस्राएली पुरुषों और घात लगाने वालों के मध्य कैसा चिन्ह ठहराया गया था?
इस्राएली पुरुषों और घातकों के बीच तो यह चिन्ह ठहराया गया था, कि वे नगर में से बहुत बड़ा धुएँ का खम्भा उठाए।
Judges 20:42
बिन्यामीनी क्यों नहीं बच पाए?
बिन्यामीनी इस्राएली सैनिकों से बचकर जंगल में भागे परन्तु लड़ाई होती रही।
Judges 20:47
बिन्यामीनियों के कितने सैनिक जंगल में भागे थे?
छः सौ बिन्यामीनी जंगल की ओर भागे थे।
Chapter 21
1 इस्राएली पुरुषों ने मिस्पा में शपथ खाकर कहा था, “हम में कोई अपनी बेटी का किसी बिन्यामीनी से विवाह नहीं करेगा।”
2 वे बेतेल को जाकर सांझ तक परमेश्वर के सामने बैठे रहे, और फूट फूटकर बहुत रोते रहे। 3 और कहते थे, “हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा, इस्राएल में ऐसा क्यों होने पाया, कि आज इस्राएल में एक गोत्र की घटी हुई है?” 4 फिर दूसरे दिन उन्होंने सवेरे उठ वहाँ वेदी बनाकर होमबलि और मेलबलि चढ़ाए। 5 तब इस्राएली पूछने लगे, “इस्राएल के सारे गोत्रों में से कौन है जो यहोवा के पास सभा में नहीं आया था?” उन्होंने तो भारी शपथ खाकर कहा था, “जो कोई मिस्पा को यहोवा के पास न आए वह निश्चय मार डाला जाएगा।” 6 तब इस्राएली अपने भाई बिन्यामीन के विषय में यह कहकर पछताने लगे, “आज इस्राएल में से एक गोत्र कट गया है। 7 हमने जो यहोवा की शपथ खाकर कहा है, कि हम उनसे अपनी किसी बेटी का विवाह नहीं करेंगे, इसलिए बचे हुओं को स्त्रियाँ मिलने के लिये क्या करें?” 8 जब उन्होंने यह पूछा, “इस्राएल के गोत्रों में से कौन है जो मिस्पा को यहोवा के पास न आया था?” तब यह मालूम हुआ, कि गिलादी याबेश से कोई छावनी में सभा को न आया था। 9 अर्थात् जब लोगों की गिनती की गई, तब यह जाना गया कि गिलादी याबेश के निवासियों में से कोई यहाँ नहीं है। 10 इसलिए मण्डली ने बारह हजार शूरवीरों* को वहाँ यह आज्ञा देकर भेज दिया, “तुम जाकर स्त्रियों और बाल-बच्चों समेत गिलादी याबेश को तलवार से नाश करो। 11 और तुम्हें जो करना होगा वह यह है, कि सब पुरुषों को और जितनी स्त्रियों ने पुरुष का मुँह देखा हो उनका सत्यानाश कर डालना।” 12 और उन्हें गिलादी याबेश के निवासियों में से चार सौ जवान कुमारियाँ मिलीं जिन्होंने पुरुष का मुँह नहीं देखा था; और उन्हें वे शीलो को जो कनान देश में है छावनी में ले आए। 13 तब सारी मण्डली ने उन बिन्यामीनियों के पास जो रिम्मोन नामक चट्टान पर थे कहला भेजा, और उनसे संधि की घोषणा की। 14 तब बिन्यामीन उसी समय लौट गए; और उनको वे स्त्रियाँ दी गईं जो गिलादी याबेश की स्त्रियों में से जीवित छोड़ी गईं थीं; तो भी वे उनके लिये थोड़ी थीं। 15 तब लोग बिन्यामीन के विषय फिर यह कहके पछताये, कि यहोवा ने इस्राएल के गोत्रों में घटी की है। 16 तब मण्डली के वृद्ध लोगों ने कहा, “बिन्यामीनी स्त्रियाँ नाश हुई हैं, तो बचे हुए पुरुषों के लिये स्त्री पाने का हम क्या उपाय करें?” 17 फिर उन्होंने कहा, “बचे हुए बिन्यामीनियों के लिये कोई भाग चाहिये, ऐसा न हो कि इस्राएल में से एक गोत्र मिट जाए। 18 परन्तु हम तो अपनी किसी बेटी का उनसे विवाह नहीं कर सकते, क्योंकि इस्राएलियों ने यह कहकर शपथ खाई है कि श्रापित हो वह जो किसी बिन्यामीनी से अपनी लड़की का विवाह करें।” 19 फिर उन्होंने कहा, “सुनो, शीलो जो बेतेल के उत्तर की ओर, और उस सड़क के पूर्व की ओर है जो बेतेल से शेकेम को चली गई है, और लबोना के दक्षिण की ओर है, उसमें प्रति वर्ष यहोवा का एक पर्व* माना जाता है।” 20 इसलिए उन्होंने बिन्यामीनियों को यह आज्ञा दी, “तुम जाकर दाख की बारियों के बीच घात लगाए बैठे रहो, 21 और देखते रहो; और यदि शीलो की लड़कियाँ नाचने को निकलें, तो तुम दाख की बारियों से निकलकर शीलो की लड़कियों में से अपनी-अपनी स्त्री को पकड़कर बिन्यामीन के क्षेत्र को चले जाना। 22 और जब उनके पिता या भाई हमारे पास झगड़ने को आएँगे, तब हम उनसे कहेंगे, ‘अनुग्रह करके उनको हमें दे दो, क्योंकि लड़ाई के समय हमने उनमें से एक-एक के लिये स्त्री नहीं बचाई;* और तुम लोगों ने तो उनका विवाह नहीं किया, नहीं तो तुम अब दोषी ठहरते।’” 23 तब बिन्यामीनियों ने ऐसा ही किया, अर्थात् उन्होंने अपनी गिनती के अनुसार उन नाचनेवालियों में से पकड़कर स्त्रियाँ ले लीं; तब अपने भाग को लौट गए, और नगरों को बसाकर उनमें रहने लगे। 24 उसी समय इस्राएली भी वहाँ से चलकर अपने-अपने गोत्र और अपने-अपने घराने को गए, और वहाँ से वे अपने-अपने निज भाग को गए। 25 उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था*; जिसको जो ठीक जान पड़ता था वही वह करता था।
अंग, अंगों
परिभाषा:
“अंग” अर्थात एक जटिल शरीर या समूह का एक हिस्सा।
- नये नियम में विश्वासियों को “मसीह की देह” का अंग कहा गया है। मसीह के विश्वासी एक समुदाय के अंग है जो समुदाय अनेक विश्वासियों का गठन है।
- इस देह का “सिर” मसीह है और विश्वासी उस देह के अंग स्वरूप काम करते हैं। पवित्र आत्मा देह के प्रत्येक सदस्य को एक विशेष भूमिका प्रदान करता है कि संपूर्ण देह सुचारू रूप से कार्य करे।
- यहूदी महासभा तथा फरीसी जैसे समूहों के सदस्यों को उन समूहों का सदस्य कहा जाता है।
(यह भी देखें: देह, फरीसी, महासभा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 06:14-15
- 1 कुरिन्थियों 12:14-17
- गिनती 16:1-3
- रोमियो 12:4-5
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1004, H1121, H3338, H5315, H8212, G1010, G3196, G3609
अंजीर, अंजीरों
परिभाषा:
“अंजीर” एक छोटा मीठा फल होता है जो पेड़ में उगता है। पक जाने पर इस फल के विभिन्न रंग होते हैं, भूरा, पीला या बैंगनी।
- अंजीर का पेड़ छः मीटर तक लम्बा हो जाता है और इसके चौड़े पत्तों के कारण पेड़ के नीचे बहुत छाया होती है । इसके फल की लम्बाई 3-5 से.मी. होती है।
- आदम और हव्वा ने पाप करने के बाद अंजीर के पत्तों से अपने वस्त्र बनाए थे।
- अंजीर का फल खाया जाता है, पकाया जाता है या सुखा कर भी रखा जाता है। लोग उन्हें टुकड़े करके उनकी टिक्कियाँ बनाकर सुखा लेते हैं कि बाद में खाने के काम आए।
- बाइबल के युग में अंजीर खाने के लिए बेचकर पैसा कमाने के लिए महत्त्वपूर्ण थे।
- फलदायक अंजीर के पेड़ की चर्चा बाइबल में बार-बार की गई है। जिसका संदर्भ समृद्धि से है।
- यीशु ने भी अनेक बार अंजीर के वृक्षों का उदाहरण देकर आत्मिक सत्यों की व्याख्या की थी।
बाइबल सन्दर्भ:
- हबक्कूक 03:17
- याकूब 03:11-12
- लूका 13:6-7
- मरकुस 11:13-14
- मत्ती 07:15-17
- मत्ती 21:18-19
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1061, H1690, H6291, H8384, G3653, G4808, G4810
अच्छा, सही, भलाई, प्रसन्न, उत्तम, सबसे अच्छा
परिभाषा:
“अच्छा” शब्द के अर्थ प्रकरण के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। अनेक भाषाओं में इन भिन्न-भिन्न अर्थों का अनुवाद करने के लिए भिन्न-भिन्न शब्द होंगे।
- सामान्यतः कोई बात अच्छी है यदि वह परमेश्वर के गुण, उद्देश्य और इच्छा के अनुरूप है।
- एक “अच्छी” वस्तु ग्रहणयोग्य, उत्कृष्ट, सहायक, योग्य, लाभकारी या नैतिक औचित्य में होगी।
- भूमि अच्छी है तो वह उपजाऊ एवं उत्पादक होगी।
- “अच्छी” फसल अर्थात विपुल उत्पाद
- एक व्यक्ति अपने काम में "अच्छा" हो सकता है कि वे क्या करते हैं यदि वे अपने काम या पेशे में निपुण हैं, जैसा कि अभिव्यक्ति "एक अच्छा किसान" है।
- बाइबल में “अच्छा” प्रायः बुरे के विपरीत है।
- “भलाई” प्रायः विचारों और कार्य में नैतिकता के आधार पर भला एवं धर्मी होना है।
- परमेश्वर की अच्छाई का अर्थ है मनुष्यों को अच्छी और लाभ की वस्तुएं देना। इसका संदर्भ परमेश्वर की नैतिक सिद्धता से भी है
अनुवाद के सुझाव:
- लक्षित भाषा में “अच्छा” के लिए जो भी सामान्य शब्द है उसका उपयोग किया जाए जब भी यह सामान्य शब्द उचित एवं स्वाभाविक हो विशेष करके ऐसे संदर्भों में जहां यह शब्द बुराई के विपरीत अर्थ में आया हो।
- प्रकरण के अनुसार इसके अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “दया” या "महाप्रथापी" या “धर्मी” या “नैतिक औचित्य” या “लाभकारी”
- “अच्छी भूमि” का अनुवाद हो सकता है, “उपजाऊ भूमि” या “उत्पादक भूमि” या “अच्छी फसल” का अनुवाद “विपुल फसल” या “बहुत अधिक फसल”।
- “भलाई करना” का अर्थ है मनुष्यों के लाभ के काम और इसका अनुवाद , “पर दया करना” या “सहायता करना” या “लाभ पहुंचाना” हो सकता है।
- “सब्त के दिन भलाई करना” अर्थात “किसी के लाभ का काम सब्त के दिन करना”।
- प्रकरण के अनुसार “भलाई के अनुवाद”, “आशिष” या “दया” या “नैतिक सिद्धता” या “धार्मिकता” या “शुद्धता” के रूप हो सकते हैं।
(यह भी देखें: बुराई, पवित्र, लाभ, धर्मी)
बाइबल सन्दर्भ:
- गलातियों 05:22-24
- उत्पत्ति 01:11-13
- उत्पत्ति 02:9-10
- उत्पत्ति 02:15-17
- याकूब 03:13-14
- रोमियो 02:3-4
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 01:04 परमेश्वर ने देखा कि जो सृष्टि उसने की है वह अच्छी है।।
- 01:11 परमेश्वर ने अच्छे और बुरे के ज्ञान का पेड़ लगाया।
- 01:12 फिर परमेश्वर ने कहा “आदमी का अकेला रहना अच्छा नहीं है।”
- __ \02:04__ "परमेश्वर इतना जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाते हो, तो तुम परमेश्वर की तरह हो जाओगे और अच्छा और बुरे को समझोगे जैसा वह समझता है।"
- 08:12 "आपने दास के रूप में मुझे बेचकर तुमने बुराई करने की कोशिश की, लेकिन परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का इस्तेमाल किया!"
- 14:15 यहोशू एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर विश्वास करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
- 18:13 कुछ राजा अच्छे मनुष्य भी थे, जिन्होंने उचित रूप से शासन किया और परमेश्वर की उपासना की।
- 28:01 “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिए मै क्या करूँ?” यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे ‘उत्तम’ क्यों कहता है? जो उत्तम है वह केवल एक ही है, और वह परमेश्वर है"
शब्द तथ्य:
- Strong's: H117, H145, H155, H202, H239, H410, H1580, H1926, H1935, H2532, H2617, H2623, H2869, H2895, H2896, H2898, H3190, H3191, H3276, H3474, H3788, H3966, H4261, H4399, H5232, H5750, H6287, H6643, H6743, H7075, H7368, H7399, H7443, H7999, H8231, H8232, H8233, H8389, H8458, G14, G15, G18, G19, G515, G744, G865, G979, G1380, G2095, G2097, G2106, G2107, G2108, G2109, G2114, G2115, G2133, G2140, G2162, G2163, G2174, G2293, G2565, G2567, G2570, G2573, G2887, G2986, G3140, G3617, G3776, G4147, G4632, G4674, G4851, G5223, G5224, G5358, G5542, G5543, G5544
अधिकारी, अधिकारियों
परिभाषा:
“अधिकार” शब्द किसी के द्वारा किसी पर प्रभाव एवं नियंत्रण की शक्ति को दर्शता है।
- राजाओं और शासकीय अधिकारियों का शासन करने वालों लोगो पर उनका अधिकार होता है।
- शब्द " अधिकारियों " लोगों, सरकारों या संगठनों का उल्लेख कर सकता है, जिनके पास दूसरों पर अधिकार है।
- शब्द " अधिकारियों" उन आत्माओं को भी संदर्भित कर सकता हैं, जो उन लोगों पर अधिकार रखते हैं जिन्होंने स्वयं को परमेश्वर के अधिकार के अधीन नहीं किया है।
- स्वामी अपने सेवकों या दासों पर अधिकार रखते हैं। माता-पिता के पास अपने संतानों पर अधिकार है।
- सरकारों को अपने नागरिकों को नियंत्रित करने वाले कानून बनाने का अधिकार या हक़ है।
अनुवाद के सुझाव:
“अधिकार” का अनुवाद “नियंत्रण” या “वर्चस्व” या “योग्यता” भी हो सकता है
- कभी-कभी "अधिकार " का अर्थ "शक्ति" के अर्थ के साथ किया जाता है।
- जब "अधिकारियों " का प्रयोग लोगों या संगठनों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, जो लोगों पर शासन करते हैं, तो इसे "हाकिमों" या "शासकों" या "शक्तियों" के रूप में भी अनुवाद किया जा सकता है।
- “अपने अधिकार से” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “अगुआई के अपने अधिकार से” या “अपनी योग्यताओं के आधार पर”
- अभिव्यक्ति, "अधिकार के अधीन" का अनुवाद किया जा सकता है, "पालन करने के लिए जिम्मेदार" या "अन्य आज्ञाओं का पालन करना"।
(यह भी देखें: निवासी, आज्ञा, आज्ञा मानना, सामर्थ्य, शासन
बाइबल सन्दर्भ:
- कुलुस्सियों 02:10-12
- एस्तेर 09:29
- उत्पत्ति 41: 35-36
- योना 03: 6-7
- लूका 12:4-5
- लूका 20:1-2
- मार्क 01:21-22
- मत्ती. 08:8-10
- मत्ती. 28:18-19
- तीतुस 03:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H8633, G831, G1413, G1849, G1850, G2003, G2715, G5247
अधीन, अधीनता, अधीन था, अधीन थे
तथ्यों:
एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का "अधीन" होता है, यदि दूसरा व्यक्ति पहले पर शासन करता है। “अधीन रहो” वाक्य एक "आज्ञा" है जिसका अर्थ है, “आज्ञा मानों” या “किसी के अधिकार के अधीन रहो”
- “के अधीन करना” का अर्थ है मनुष्यों को किसी अगुवे या शासक के आधिपत्य के अधीन करना।
- “किसी को किसी बात के अधीन करना” अर्थात् किसी के नकारात्मक अनुभव करवाना जैसे दण्ड की आज्ञा के अधीन करना।
- कभी-कभी “अधीन” शब्द का तात्पर्य “कारण” या किसी बात का ध्यान केन्द्र होना भी होता है जैसे “निन्दा का कारण होगे”
- “के अधीन” का अर्थ भी वही है जैसे “के अधीन रहो” या “आज्ञाकारी”
(यह भी देखें: अधीन होना)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 02:14-16
- 1 राजा 04:6
- 1 पतरस 02:18-20
- 1इब्रानियों 02:5-6
- नीतिवचन 12:23-24
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H1697, H3533, H3665, H4522, H5647, H5927, G350, G1379, G1396, G1777, G3663, G5292, G5293
अनुग्रह, पक्ष, पक्षपात
परिभाषा:
“अनुग्रह” अर्थात चुनना। जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति का पक्ष लेता है, वह उस व्यक्ति को सकारात्मक रूप में देखता है और उस व्यक्ति को अन्यों के अपेक्षा ज्यादा लाभ देता है।
-
यीशु परमेश्वर और मनुष्यों के “अनुग्रह में” बढ़ता गया। अर्थात उन्होंने उसके चरित्र और आचरण का अनुमोदन किया।
-
किसी का “अनुग्रह पात्र होना” का अर्थ है, किसी के द्वारा किसी व्यक्ति का अनुमोदन करना।
-
राजा किसी पर अनुग्रह करता है तो उसका अर्थ प्रायः यह होता है कि राजा ने उसकी विनती स्वीकार कर ली है।
-
"पक्ष" संकेत या क्रिया है जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए लाभदायक हो।
-
“विशेष अनुग्रह” का अर्थ है, कुछ लोगों के साथ अन्यों की अपेक्षा पक्षपात करना। इसका अर्थ है जो प्रवृत्ति एक व्यक्ति या वस्तु पर अधिक प्राथमिकता देती है क्योंकि वह व्यक्ति या चीज़ अधिक पसंदीदा है। आम तौर पर, पक्षपात को अनुचित माना जाता है।
अनुवाद के सुझाव:
- “अनुग्रह” के अन्य अनुवाद “आशिष” या “लाभ” हो सकता है।
- “यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष” का अनुवाद “परमेश्वर के अनुग्रह का वर्ष” हो सकता है।
- शब्द "पक्षपात" का अनुवाद "भेदभाव" या "पूर्वाग्रहित" या "अन्यायपूर्ण व्यवहार" के रूप में किया जा सकता है। * यह शब्द "पसंदीदा" शब्द से संबंधित है, जिसका अर्थ है "जो पसंद किया गया है या सर्वश्रेष्ठ प्यार करता है।"
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 02:25-26
- 2 इतिहास 19:6-7
- 2 कुरिन्थियों 01:11
- प्रे.का. 24:26-27
- उत्पत्ति 41:14-16
- उत्पत्ति 47:25-26
- उत्पत्ति 50:4-6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H995, H1156, H1293, H1779, H1921, H2580, H2603, H2896, H5278, H5375, H5414, H5869, H5922, H6213, H6437, H6440, H6491, H7521, H7522, H7965, G1184, G3685, G4380, G5485, G5486
अनुग्रह, अनुग्रहकारी
परिभाषा:
“अनुग्रह” का अर्थ है कि किसी मनुष्य की सहायता करना या उसको आशिष देना जबकि वह इस योग्य नहीं है। “अनुग्रहकारी” इस मनुष्य को दर्शाता है जो किसी पर अनुग्रह करता है।
- पापी मनुष्यों के प्रति परमेश्वर का अनुग्रह एक निर्मोल वरदान है।
- अनुग्रह के विचार में गलत एवं हानि पहुंचानेवाला काम करने वाले मनुष्य को दया दिखाना या क्षमा करना।
- अभिव्यक्ति "अनुग्रह प्राप्त करने के लिए" एक अभिव्यक्ति है जिसका मतलब है कि भगवान से सहायता और दया प्राप्त करना है। इसके अर्थ में किसी से परमेश्वर का प्रसन्न होना और उसकी सहायता करने का भाव निहित होता है।
अनुवाद के सुझाव:
- “अनुग्रह” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं “ईश्वरीय दया” या “परमेश्वर की कृपा” या “पापियों के लिए परमेश्वर की दया एवं क्षमा” या “दयालु कृपा”।
- “अनुग्रहकारी” का अनुवाद हो सकता है, “कृपापूर्ण” या “दयालु” या “दयालु” या “दयापूर्ण कृपा”।
- “परमेश्वर की दृष्टि में अनुग्रह प्राप्त किया” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “उसने परमेश्वर से दया प्राप्त की” या “परमेश्वर ने कृपालु होकर उसकी सहायता की” या "परमेश्वर ने उस पर दया दिखाई" या “परमेश्वर उससे प्रसन्न हुआ और उसकी सहायता की”।
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 04:32-33
- प्रे.का. 06:8-9
- प्रे.का. 14:3-4
- कुलुस्सियों 04:5-6
- कुलुस्सियों 04:18
- उत्पत्ति 43:28-29
- याकूब 04:6-7
- यूहन्ना 01:16-18
- फिलिप्पियों 04: 21-23
- प्रकाशितवाक्य 22:20-21
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2580, H2587, H2589, H2603, H8467, G2143, G5485, G5543
अन्न, किनकों, खेतों
परिभाषा:
“अन्न” अर्थात गेहूं, जौ, मक्का, दाल, चावल जैसे खाद्य संयंत्र के बीज को संदर्भित करता है। इसका अभिप्राय संपूर्ण पौधे से भी हो सकता है।
- बाइबल में मुख्य अन्न हैं गेहूं और जौ।
- बालियां गेहूं के पौधे का वह ऊपरी भाग है जो दाने को पकड़े रहता है।
- कुछ पुराने संस्करणों (अंग्रेजी) में “कार्न” शब्द अर्थात दाना शब्द का उपयोग किया गया है जो अन्न के सामान्य सदंर्भ में है। परन्तु आधुनिक भाषा में “कार्न” का अर्थ केवल मक्का से है।
(यह भी देखें: सिर, गेहूँ)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 42:1-4
- उत्पत्ति 42:26-28
- उत्पत्ति 43:1-2
- लूका 06:1-2
- मरकुस 02:23-24
- मत्ती 13:7-9
- रूत 01:22
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1250, H1430, H1715, H2233, H2591, H3759, H3899, H7054, H7383, H7641, H7668, G248, G2590, G3450, G4621, G4719
अन्नबलि, अन्नबलियों
परिभाषा:
अन्नबलि परमेश्वर को चढ़ाई जानेवाली गेहूं या जौ के आटे की भेंट थी जो होमबलि के बाद चढ़ाई जाती थी।
- अन्नबलि के लिए काम में लिया गया अन्न बारीक पिसा हुआ होना था। कभी-कभी उसे पका कर भी भेंट चढ़ाई जाती थी और कभी कच्चा भी चढ़ाया जाता था।
- अन्न के आटे में तेल और नमक मिलाया जाता था परन्तु खमीर और शहद वर्जित था।
- अन्नबलि का एक अंश जला दिया जाता था शेष याजक खाता था।
(यह भी देखें: होमबलि, दोषबलि, बलिदान करना, पापबलि)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 23:27-29
- निर्गमन 29:41-42
- न्यायियों 13:19-20
- लैव्यव्यवस्था 02:1-3
शब्द तथ्य:
अन्नबलि
परिभाषा:
“अन्नबलि” परमेश्वर के लिए अन्न या आटे की रोटी के रूप में बलि थी।
- “अन्न” का अर्थ है अन्न का आटा।
- आटे को पानी या तेल में गूंध कर रोटी बनाई जाती थी। कभी-कभी रोटी पर तेल लगाया जाता था।
- यह बलि प्रायः होमबलि के साथ चढ़ाई जाती थी।
(यह भी देखें: होमबलि, अन्न, बलिदान करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- यहेजकेल 44:30-31
- योएल 02:14
शब्द तथ्य:
अन्यजाति
तथ्य:
"अन्यजाति" का अर्थ है गैर यहूदी जन। अन्य जातियां उन लोगों को कहते थे जो याकूब के वंशज नहीं थे।
- बाइबल में “खतनारहित” शब्द भी प्रतीकात्मक रूप से अन्यजातियों के लिए काम में लिया गया है क्योंकि वे इस्राएलियों के समान अपने बालकों का खतना नहीं करते थे।
- परमेश्वर ने यहूदियों को अपने लिए अलग करके चुन लिया था, इसलिए यहूदी अन्य लोगों को बाहरी लोग मानते थे जो कभी परमेश्वर के लोग नहीं हो सकते थे।
- यहूदियों को इतिहास में अलग-अलग समयों पर “इस्राएली” या “इब्रानी” कहा गया है अन्य सबको वे “अन्यजाति” कहते थे।
- अन्यजाति का अनुवाद “यहूदी नहीं” या “गैर यहूदी” या “गैर इस्राएली” (पुराने नियम) या “गैर-यहूदी” हो सकता है।
- परम्परा के अनुसार यहूदी अन्य जाति के साथ बैठ कर भोजन नहीं करते थे या उनके साथ संबन्ध नहीं रखते थे, इस कारण आरंभिक कलीसिया में समस्याएं उत्पन्न हुई थी।
(यह भी देखें: इस्राएल, इस्राएल, यहूदी)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 09:13-16
- प्रे.का. 14:5-7
- गलातियों 02:15-16
- लूका 02:30-32
- मत्ती 05:46-48
- मत्ती 06:5-7
- रोमियो 11:25
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1471, G1482, G1484, G1672
अन्यजाति, अन्यजातियां
परिभाषा:
बाइबल में “अन्यजाति” शब्द उन लोगों के लिए काम में लिया गया है जो यहोवा की अपेक्षा देवी-देवताओं की पूजा करते थे।
- ऐसे लोगों से संबन्धित कोई भी बात जैसे उनके उपासना स्थल की वेदियां, धार्मिक अनुष्ठान तथा उनकी श्रद्धा-आस्थाएं आदि सब अन्य जाति कहलाते थे।
- अन्य जातियों के विश्वास में देवी-देवताओं की तथा प्रकृति की पूजा थी।
- इन अन्य जातियों के धर्म में व्यभिचार या नरबलि आराधना का भाग होता था।
(यह भी देखें: वेदी, देवता, बलिदान करना, दंडवत करना, यहोवा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 10:20-22
- 1 कुरिन्थियों 12:1-3
- 2 राजा 17:14-15
- 2 राजा 21:4-6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1471, G1484, G1494
अपराध, अपराधों, विश्वासघात किया
परिभाषा:
“अपराध” का अर्थ है नियम का उल्लंघन करना या किसी मनुष्य के अधिकारों पर अतिक्रमण करना। “अपराध” करने की कार्य को "अतिक्रमण" कहते है।
- यह शब्द "संक्रमण" शब्द से बहुत मिलता-जुलता है, लेकिन आमतौर पर इसका इस्तेमाल परमेश्वर अन्य लोगों के खिलाफ उल्लंघन का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
- अपराध एक नैतिक कानून या नागरिक कानून का उल्लंघन हो सकता है।
- एक अपराध दूसरे व्यक्ति के खिलाफ किया गया पाप भी हो सकता है।.
- इस शब्द का संबन्ध “पाप” और “अपराध” शब्दों से है, विशेष करके जब यह परमेश्वर की आज्ञा न मानने के परिप्रेक्ष्य में हो। सब पाप परमेश्वर के विरूद्ध अपराध हैं।
अनुवाद के सुझाव:
- सन्दर्भ के अनुसार "तेरा अपराध" का अनुवाद हो सकता है "तेरे विरुद्ध पाप" या “नियम तोड़ना” हो सकता है।
- कुछ भाषाओं में मुहावरे हो सकते हैं जैसे “हद पार करना”, “अपराध” के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
- देखें कि यह शब्द बाइबल में इसके प्रकरण के अर्थ के साथ कैसे सुसंगत है और इसकी तुलना अन्य समानार्थक शब्दों के साथ करें जैसे “अपराध करना” और “पाप करना”।
(यह भी देखें: अवज्ञा, अधर्म, पाप, उल्लंघन करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 25:27-28
- 2 इतिहास 26:16-18
- कुलुस्सियों 02:13-15
- इफिसियों 02:1-3
- यहेजकेल 15:7-8
- रोमियो 05:16-17
- रोमियो 05:20-21
शब्द तथ्य:
- Strong's: H816, H817, H819, H2398, H4603, H4604, H6586, H6588, G264, G3900
अबीमेलेक
तथ्य:
अबीमेलेक गरार नगर का एक पलिश्ती राजा था, जब अब्राहम और इसहाक कनान देश में रह रहे थे।
- अब्राहम ने राजा अबीमेलेक को धोखा देकर कहा कि सारा उसकी पत्नी नहीं बहन थी।
- अब्राहम और अबीमेलेक ने बेर्शोबा के कुएं के संबन्ध में वाचा बांधी।
- अनेक वर्षों बाद इसहाक ने भी अबीमेलेक और गरार के विश्वासियों से झूठ कहा कि उसकी पत्नी रिबका उसकी बहन थी।
- अबीमेलेक ने अब्राहम और बाद में इसहाक को झूठ कहने के लिए झिड़का।
- एक और पुरूष जिसका नाम अबीमेलेक था, वह योताम के भाई गिदोन का पुत्र था। कुछ अनुवादों में उनके नामों की वर्तनियों में अन्तर रखा जाता है कि उसमें और राजा अबीमेलेक के नामों में भेद प्रकट हो।
(यह भी देखें: बेर्शेबा, गरार, गिदोन, योताम, पलिश्तियों)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 शमूएल 11:21
- उत्पत्ति 20:1-3
- उत्पत्ति 20:4-5
- उत्पत्ति 21:22-24
- उत्पत्ति 26:9-11
- न्यायियों 09:52-54
शब्द तथ्य:
अमालेक, अमालेकी, अमालेकियों
तथ्य:
अमालेकियों यायावर जाति थे, वे संपूर्ण दक्षिणी कनान में भ्रमण करते रहते थे, नेगेब रेगिस्तान से अरब देश तक। ये लोग एसाव के पोते अमालेक के वंशज थे।
- इस्राएल के कनान प्रवेश के समय से ही अमालेकी उनके कट्टर विरोधी थे।
- कभी-कभी "अमालेक" शब्द प्रतीकातमक रूप में अमालेकियों के लिए भी काम में लिया गया है।
- अमालेकियों से युद्ध करते समय मूसा ने अपना हाथ उठा रखा था, उस समय इस्राएल जीत रहे थे। जब थक कर वह अपना हाथ नीचे कर लेता था तब इस्राएली हारने लगते थे। अतः हारून और हूर ने मूसा को हाथ ऊपर रखने में सहायता की थी जब तक कि इस्राएलियों ने अमालेकियों को पूर्णतः पराजित नहीं कर दिया।
- राजा शाऊल और दाऊद दोनों ही ने अमालेकियों के विरूद्ध सैनिक अभियान चलाए थे।
- अमालेकियों को एक बार पराजित करके इस्त्राएल ने परमेश्वर की आज्ञा न मानकर कुछ लूट का सामान रख लिया था और अमालेकी राजा का वध नहीं किया था जैसी परमेश्वर ने उसे आज्ञा दी थी।
(यह भी देखें: अरब, दाऊद, एसाव, दक्षिण देश, शाऊल (पुराना नियम))
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 04:42-43
- 2 शमूएल 01:8-10
- निर्गमन 17:8-10
- गिनती 14:23-25
शब्द तथ्य:
अम्मोन, अम्मोनी, अम्मोनियों
तथ्य:
“अम्मोनवासी” या “अम्मोनी” कनान का एक समुदाय है। वे बेनम्मी के वंशज थे जो लूत द्वारा उसकी छोटी पुत्री का पुत्र था।
- अम्मोनी शब्द एक स्त्री अम्मोनी के संदर्भ में है। इसका अनुवाद किया जा सकता है “अम्मोनी स्त्री”
- अम्मोनी यरदन नदी के पूर्व में रहते थे और वे इस्राएल के बैरी थे।
- ये वही लोग हैं जिन्होंने बिलाम नामक नबी को खरीद लिया था कि इस्राएल को श्राप दे, परन्तु परमेश्वर ने ऐसा नहीं होने दिया था।
(यह भी देखें: श्राप, यरदन नदी, लूत)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 19:1-3
- यहेजकेल 25:1-2
- उत्पत्ति 19:36-38
- यहोशू 02:14
- न्यायियों 11:26-28
- सपन्याह 02:8-9
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5983, H5984, H5985
अराम, अरामी, अरामियों, अरामी भाषा
परिभाषा:
पुराने नियम में अराम नामक दो पुरूष हुए हैं। यह कनान के उत्तर-पूर्व में एक क्षेत्र का नाम था जहां आज का सीरिया है।
- अराम के निवासी "अरामी" कहलाते थे और उनकी भाषा "अरामी" थी। यीशु और उसके युग के यहूदी अरामी भाषा बोलते थे।
- शेम के एक पुत्र का नाम अराम था। * दूसरा पुरुष जिसका नाम अराम था वह रिबका का रिश्ते का भाई था। संभव है कि अराम देश का नाम इन दो में से एक के नाम पर पड़ा।
- बाद में अराम देश का नाम यूनानी में "सीरिया" हुआ।
- “पदन अराम” का अर्थ है, “अराम का मैदान” और यह स्थान अराम का उत्तरी भाग था।
- अब्राहम के कुछ परिजन अराम नगर में रहते थे जो "पदन अराम" का एक नगर था।
पुराने नियम में कभी-कभी “अराम” और “पदन अराम” एक ही स्थान के सूचक हैं।
- “अराम नहेरेम” का अर्थ है “दो नदियों का अराम” यह क्षेत्र मिसोपोतामिया के उत्तरी भाग में और "पदन अराम" के पूर्व में था।
(यह भी देखें: मेसोपोटामिया, पद्दनराम, रिबका, शेम, सीरिया)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 01:17-19
- 2 शमूएल 08:5-6
- आमोस 01:5
- यहेजकेल 27:16-18
- उत्पत्ति 31:19-21
- होशे 12:11-12
- भजन 060:1
शब्द तथ्य:
- Strong's: H758, H763, G689
अशुद्ध
परिभाषा:
बाइबल में “अशुद्ध” शब्द प्रतीकात्मक रूप में उन बातों के संदर्भ में है जिन्हें परमेश्वर ने अपने लोगों के स्पर्श, भोजन तथा बलि के लिए अछूत ठहराया है।
- परमेश्वर ने इस्राएलियों को स्पष्ट निर्देशन दिए कि उनके लिए कौन-कौन से पशु शुद्ध हैं और कौन-कौन से अशुद्ध हैं। अशुद्ध पशु को खाने के लिए और बलि के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं थी।
- कुछ त्वचा रोगों के कारण लोगों को "अशुद्ध" कहा जाता है जब तक कि वे चंगा नहीं होते।
- यदि इस्राएली किसी अशुद्ध वस्तु का स्पर्श करते थे तो उन्हें भी एक निश्चित समय तक अशुद्ध माना जाता था।
- अशुद्ध वस्तुओं को न तो स्पर्श करके और न ही खा करके इस्राएली परमेश्वर की सेवा के लिए पृथक ठहरते थे।
- यह शारीरिक एवं सांसारिक अशुद्धता नैतिक अशुद्धता का प्रतीक थी।
- प्रतीकात्मक रूप में अशुद्ध आत्मा का संदर्भ दुष्टात्मा से था।
अनुवाद के सुझाव:
- “अशुद्ध” का अनुवाद “अछूत” या “परमेश्वर के योग्य नहीं” या “शारीरिक अशुद्धता” या “अपवित्र” हो सकता है।
- शैतानी अशुद्ध आत्मा के संदर्भ में “अशुद्ध” का अनुवाद “दुष्ट” या “अपवित्र” किया जा सकता है।
- इस शब्द का अनुवाद आत्मिक अशुद्धता का भाव व्यक्त करे। इसका संदर्भ उस हर एक वस्तु से हो जिसे परमेश्वर ने स्पर्श करने, खाने और बलि चढ़ाने के लिए वर्जित किया है।
(यह भी देखें: शुद्ध, अशुद्ध, दुष्टात्मा, पवित्र, बलिदान करना, अपवित्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 04:7-8
- प्रे.का. 08:6-8
- प्रे.का. 10:27-29
- कुलुस्सियों 03:5-8
- उत्पत्ति 07:1-3
- मत्ती 23:27-28
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2930, H2931, H2932, H5079, H6172, H6945, H7137, G167, G169, G2839, G2840, G3394
अशुद्ध, अशुद्ध, अशुद्ध कर डाला, अपवित्र करने, अपवित्र किए, अशुद्ध हुई, अशुद्ध हो गया, अशुद्ध हो गए
परिभाषा:
“अशुद्ध करना” और “अशुद्ध होना” का संदर्भ दूषित या मैला से है। कोई वस्तु भौतिक, नैतिक या सांसारिक रूप से अशुद्ध हो सकती है।
- परमेश्वर इस्राएलियों को “अशुद्ध” और “अपवित्र” कही गई वस्तुओं को खाकर या स्पर्श करके अशुद्ध होना स्वीकार नहीं करता था।
- शव या संक्रामक रोग परमेश्वर द्वारा अशुद्ध घोषित किए गए थे और उनका स्पर्श मनुष्यों को अशुद्ध कर देता था।
- परमेश्वर ने इस्राएलियों को यौनाचार के पाप से बचने के लिए कहा था। इसके कारण वे अशुद्ध होकर परमेश्वर के ग्रहणयोग्य नहीं ठहरेंगे।
- कुछ दैहिक क्रियाएं भी उन्हें अशुद्ध करती थी जिनके लिए उन्हें फिर से शुद्ध होने के लिए अनुष्ठान करना होता था।
- नये नियम में यीशु ने शिक्षा दी थी कि पाप का विचार और कार्य वास्तव में मनुष्य को अशुद्ध करते हैं।
अनुवाद के सुझाव:
- “अशुद्ध” का अनुवाद “अशुद्ध होना” या “अधर्मी होना” या “सांसारिक रूप से अस्वीकार्य होना”
- “अशुद्ध होना” का अनुवाद “अस्वच्छ होना” या “नैतिक रूप से अस्वीकार्य होना” या “धार्मिक रूप से अस्वीकार्य होना”।
(यह भी देखें: अशुद्ध, शुद्ध)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 राजा 23:8-9
- निर्गमन 20:24-26
- उत्पत्ति 34:27-29
- उत्पत्ति 49:3-4
- यशायाह 43:27-28
- लैव्यव्यवस्था 11:43-45
- मरकुस 07:14-16
- मत्ती 15:10-11
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1351, H1352, H1602, H2490, H2491, H2610, H2930, H2931, H2933, H2936, H5953, G733, G2839, G2840, G3392, G3435, G4696, G5351
अशुद्ध, बिगड़कर, नाश होती है, बिगड़ गए, भ्रष्ट, सड़ाहट, बिगड़ गए
परिभाषा:
“बिगड़कर” या “सड़ाहट” का संदर्भ ऐसी स्थिति से है जिसमें मनुष्य नाश हो जाता है, अनैतिक या बेईमान हो जाता है।
- “बिगड़कर” शब्द का मूल अर्थ है, नैतिकता में “झुकना” या “तोड़ा जाना” है।
- जो मनुष्य बिगड़ गया वह सत्य से विमुख हो गया और बेइमानी एवं अनैतिक कार्य करता है।
- किसी को बिगाड़ना अर्थात उसे बेइमानी एवं अनैतिक कार्य करने के लिए प्रभावित करना।
अनुवाद के सुझाव:
- “बिगाड़ना” अर्थात “बुरा काम करने के लिए प्रभावित करना” या “अनैतिक होने के लिए प्रेरित करना”।
- बिगड़ा मनुष्य वह है, “जो अनैतिक हो गया है” या “जो बुराई करता है”
- इस शब्द का अनुवाद “बुरा” या “अनैतिक” या “दुष्ट” भी किया जा सकता है।
- “बिगड़ना” शब्द का अनुवाद “बुरा व्यवहार” या “बुराई” या “अनैतिकता” के रूप में किया जा सकता है।
(यह भी देखें: बुराई)
बाइबल सन्दर्भ:
- यहेजकेल 20:42-44
- गलातियों 06:6-8
- उत्पत्ति 06:12
- मत्ती 12:33-35
- भजन संहिता 014:1
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H2610, H3891, H4889, H7843, H7844, G861, G1311, G2704, G5351, G5356
अशेर
तथ्य:
अशेर याकूब का आठवां पुत्र था। उसके वंशज इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक थे, गोत्र का नाम भी “अशेर” था।
- अशेर की माता का नाम जिल्पा था, वह लिआः की दासी थी।
- उसके नाम का अर्थ है, “आनन्दित” या “आशिषित”
- अशेर को दिए गए भूभाग का नाम भी अशेर था यह भूमि इस्राएल द्वारा कनान प्रवेश के समय उन्हें दी गई थी।
(यह भी देखें: इस्राएल, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 02:1-2
- 1 राजा 04:15-17
- यहेजकेल 48:1-3
- उत्पत्ति 30:12-13
- लूका 02:36-38
शब्द तथ्य:
अशेरा, अशेरा के लिए मूरत, अशेरा नामक मूर्तियों, अश्तोरेत
परिभाषा:
अशेरा कनानियों की देवी का नाम था, पुराने नियम में। "अश्तोरेत" अशेरा का ही दूसरा नाम हो सकता है या यह अन्य देवी थी जो वैसी ही थी।
- “अशेरा की मूर्तियां” अर्थात लकड़ी की मूर्तियां या पेड़ों को काटकर वैसा रूप देना कि उसका प्रतिनिधित्व करें।
- अशेरा की मूर्तियां प्रायः झूठे देवता बाल के वेदी के निकट होती थी क्योंकि उसे अशेरा का पति माना जाता था। कुछ समुदाय बाल की सूर्य देवता और अशेरा या अश्तोरेत को चांद देवी मानकर पूजा करते थे।
- परमेश्वर ने इस्राएल को आज्ञा दी थी कि अशेरा की सब मूर्तियां ध्वंस कर दें।
- इस्राएल के कुछ अगुओं ने जैसे गिदोन, राजा आसा, राजा योशिय्याह ने परमेश्वर की आज्ञा मानकर इन मूर्तियों को नष्ट किया था।
- परन्तु कुछ इस्राएली राजा जैसे सुलैमान, मनश्शे आहाब ने उनको नष्ट नहीं किया वरन इस्राएल को उनकी पूजा के लिए प्रेरणा दी।
(यह भी देखें: मूर्ति, बाल, गिदोन, मूरत, सुलैमान)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 राजा 18:4-5
- 2 राजा 21:1-3
- यशायाह 27:9
- न्यायियों 03:7-8
- मीका 05:12-15
शब्द तथ्य:
- Strong's: H842, H6252, H6253
अश्कलोन
तथ्य:
बाइबल के युग में अश्केलोन एक प्रमुख पलिश्ती नगर था जो भूमध्यसागर के तट पर स्थित था। यह नगर आज भी इस्राएल में है।
- अश्केलोन पांच अति महत्वपूर्ण पलिश्ती नगरों में से एक था, अश्दोद, एक्रोन, गत और गाज़ा के साथ।
- इस्राएल अश्कलोन को पूर्णतः जीत नहीं पाया था, यद्यपि यहूदा राजा उसके पर्वतीय प्रदेश को ले चुका था।
- अश्कलोन सैंकड़ों वर्ष पलिश्तियों के अधीन ही रहा।
(यह भी देखें: अश्दोद, कनान, एक्रोन, गत, गाज़ा, पलिश्तियों, समुद्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 06:17-18
- आमोस 01:8
- यिर्मयाह 25:19-21
- यहोशू 13:2-3
- न्यायियों 01:18-19
- जकर्याह 09:5-7
शब्द तथ्य:
आई
तथ्य:
पुराने नियम में एक कनानी नगर था, जो बेतेल के निकट दक्षिण में था और यरीहो से उत्तर पश्चिम में 8 कि.मी. दूर था।
- यरीहो को जीत लेने के बाद यहोशू ने इस्राएलियों को लेकर आई नगर पर आक्रमण किया। परन्तु इस्राएली आसानी से पराजित हुए क्योंकि परमेश्वर उनसे प्रसन्न नहीं था।
- आकान नामक एक इस्राएली पुरूष ने यरीहो की लूट में से कुछ सामान चुराकर रख लिया था, परमेश्वर ने आज्ञा दी कि वह और उसका परिवार घात किया जाए। तब परमेश्वर ने आई नगर को पराजित करने में इस्राएल की सहायता की थी।
(यह भी देखें: बेतेल, यरीहो)
बाइबल सन्दर्भ:
- एज्रा 02:27-30
- उत्पत्ति 12:8-9
- उत्पत्ति 13:3-4
- यहोशू 07:2-3
- यहोशू 08:10-12
शब्द तथ्य:
आग, आग, लुकटियों, करछों, चिमनियों, भट्ठा, अंगीठियाँ
परिभाषा:
आग, किसी वस्तु के जलने पर उत्पन्न ऊष्मा, प्रकाश और लौ।
- लकड़ी आग में जलकर राख हो जाती है।
- शब्द“आग” को प्रतीकात्मक रूप में भी काम में लिया गया है, जिसका संदर्भ प्रायः दण्ड और शोधन से है।
- अविश्वासियों का अन्तिम दण्ड नरक की आग में डाला जाता है।
- आग सोने और अन्य धातुओं का शोधन करती है। बाइबल में इस शोधन प्रक्रिया को परमेश्वर द्वारा विपरीत परिस्थितियों से मनुष्य के शोधन को दर्शाने के लिए काम में लिया गया है।
- “आग से बपतिस्मा देना” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है “शुद्ध करने के लिए कष्ट उठाने के लिए बाध्य करना।”
(यह भी देखें: शुद्ध)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 16:18-20
- 2 राजा 01:9-10
- 2 थिस्सलुनीकियों 01:6-8
- प्रे.का. 07:29-30
- यूहन्ना 15:5-7
- लूका 03:15-16
- मत्ती 03:10-12
- नहेम्याह 01:3
शब्द तथ्य:
- Strong's: H215, H217, H398, H784, H800, H801, H1197, H1200, H1513, H2734, H3341, H3857, H4071, H4168, H5135, H6315, H8316, G439, G440, G1067, G2741, G4442, G4443, G4447, G4448, G4451, G5394, G5457
आज्ञा, आज्ञाएँ, आज्ञा दी
परिभाषा:
“आज्ञा देना” अर्थात किसी को कुछ करने की आज्ञा देना। “आज्ञा” मनुष्य को दिया गया आदेश है।
- यद्यपि इन शब्दों के मूल रूप से एक ही अर्थ है, “आज्ञा” अक्सर परमेश्वर की कुछ निश्चित आज्ञाओं को संदर्भित करता है जो अधिक औपचारिक और स्थायी हैं, जैसे “दस आज्ञाएं”।
- आज्ञा सकारात्मक हो सकता है (“अपने माता-पिता का आदर कर”) या नकारात्मक (“चोरी मत कर”)।
- “आदेश हाथ में लेना” अर्थात “नियंत्रण संभालना” या किसी काम या मनुष्य का दायित्व संभालना”।
अनुवाद सुझाव:
??
- “व्यवस्था” शब्द का अनुवाद भिन्न अर्थ में किया जाना सबसे अच्छा है। “आदेश” और “विधियों” की परिभाषा से भी इसकी तुलना करें।
- कुछ अनुवादक अपनी भाषा में एक ही शब्द द्वारा आज्ञा और ईश्वरीय आज्ञा का अनुवाद करना पसंद कर सकते हैं।
- अन्य अनुवादक ईश्वरीय आज्ञा के लिए एक विशेष शब्द का उपयोग करना पसंद कर सकते हैं, जो कि स्थायी, औपचारिक आज्ञाएँ जो परमेश्वर ने बनायीं है।
(देखें आज्ञा, विधि, व्यवस्था, दस आज्ञाएँएँ)
बाइबल संदर्भ:
- लूका 01:5-7
- मत्ती 01:24-25
- मत्ती 22:37-38
- मत्ती 28:20
- गिनती 01:17-19
- रोमियो 07:7-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H559, H560, H565, H1696, H1697, H1881, H2706, H2708, H2710, H2941, H2942, H2951, H3027, H3982, H3983, H4406, H4662, H4687, H4929, H4931, H4941, H5057, H5713, H5749, H6213, H6310, H6346, H6490, H6673, H6680, H7101, H7218, H7227, H7262, H7761, H7970, H8269, G1263, G1291, G1296, G1297, G1299, G1690, G1778, G1781, G1785, G2003, G2004, G2008, G2036, G2753, G3056, G3726, G3852, G3853, G4367, G4483, G4487, G5506
आज्ञा, आज्ञाओं, आदेश दी
परिभाषा:
आज्ञा एक नियम या घोषणा है। "आज्ञा" शब्द का अर्थ आदेश देना है जिसका पालन करना चाहिए। आदेश को स्वयं "आज्ञा" भी कहा जा सकता है।
- एक "आज्ञा" एक "व्यवस्था " के समान है, लेकिन आम तौर पर लिखित के बजाय कुछ बोलने के लिए संदर्भित करने के लिए अधिक बार उपयोग किया जाता है।
- शब्द "आज्ञाओं" का अनुवाद "नियमों" या "आदेशों" या "औपचारिक रूप से आवश्यकता है" या "सार्वजनिक रूप से एक कानून बनाने के लिए" के रूप में किया जा सकता है।
- परमेश्वर के नियमों को भी आदेश, व्यवस्था और आज्ञाएं कहते हैं।
- मानवीय शासक द्वारा आज्ञा का एक उदाहरण है, कैसर ऑगुस्तुस की आज्ञा थी की रोमी साम्राज्य में हर एक मनुष्य अपने जन्म स्थान जाकर जनगणना में नाम लिखवाए।
(यह भी देखें: आज्ञा, वर्णन, व्यवस्था, प्रचार करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 15:13-15
- 1 राजा 08:57-58
- प्रे.का. 17:5-7
- दानिय्येल 02:12-13
- एस्तेर 01:21-22
- लूका 02:1-3
शब्द तथ्य:
- Strong's: H559, H633, H1697, H5715, H1504, H1510, H1881, H1882, H1696, H2706, H2708, H2710, H2711, H2782, H2852, H2940, H2941, H2942, H3791, H3982, H4055, H4406, H4687, H4941, H5407, H5713, H6599, H6680, H7010, H8421, G1378
आत्मा, हवा, सांस
परिभाषा:
“आत्मा” मनुष्य का वह अलौकिक भाग जो दिखाई नहीं देता है। मरने का समय आत्मा शरीर को छोड़ देती है। “आत्मा” शब्द स्वभाव या मानसिक अवस्था को भी दर्शाता है। बाइबिल के समय में, किसी व्यक्ति की आत्मा की अवधारणा का किसी व्यक्ति की सांस की अवधारणा से गहरा संबंध था। शब्द "हवा" का भी उल्लेख कर सकता है, अर्थात, प्राकृतिक दुनिया में हवा की गति।
- शब्द "आत्मा" एक ऐसी आत्मा का उल्लेख कर सकता है जिसके पास एक भौतिक शरीर नहीं है, जैसे कि दुष्टात्मा।
- “आत्मिक” शब्द का सामान्य अर्थ है, अलौकिक संसार का कोई भी व्यक्तित्व।
- “आत्मा” शब्द का अर्थ “का सा चरित्र” जैसे “बुद्धि की आत्मा” या “एलिय्याह की आत्मा में”।स्वभाव और भावना के परिप्रेक्ष्य में “आत्मा” का संदर्भ होगा, “भय की आत्मा” या “ईर्ष्या की आत्मा”
- यीशु ने कहा कि परमेश्वर एक आत्मा है।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “आत्मा” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “अभौतिक प्राणी” या “आन्तरिक भाग” या “आन्तरिक अस्तित्व”।
- कुछ संदर्भों में “आत्मा” का अनुवाद “दुष्टात्मा” या “दुष्ट आत्मिक प्राणी” से हो सकता है।
- कभी-कभी “आत्मा” शब्द मनुष्य की भावना को व्यक्त करने के लिए काम में लिया जाता है जैसे “मेरी आत्मा भीतर ही भीतर व्याकुल थी”। इसका अनुवाद “मेरी आत्मा दुःखित थी” या “मुझे गहरा दुख” हो सकता है।
- “की आत्मा” का अनुवाद “का चरित्र” या “का प्रभाव” या “का दृष्टिकोण” या “विचार के द्वारा चित्रित” हो सकता है।
- संदर्भ के आधार पर, "आध्यात्मिक" का अनुवाद "गैर-भौतिक" या "पवित्र आत्मा से" या "भगवान" या "गैर-भौतिक दुनिया का हिस्सा" के रूप में किया जा सकता है।
- लाक्षणिक अभिव्यक्ति "आध्यात्मिक दूध" का अनुवाद "परमेश्वर की बुनियादी शिक्षा" या "परमेश्वर की शिक्षाओं के रूप में भी किया जा सकता है जो आत्मा को पोषण करते हैं (जैसे दूध करता है)।"
- वाक्यांश "आध्यात्मिक परिपक्वता" का अनुवाद "ईश्वरीय व्यवहार के रूप में किया जा सकता है जो पवित्र आत्मा को आज्ञाकारी दिखाता है।"
- शब्द "आध्यात्मिक उपहार" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है "विशेष क्षमता पवित्र आत्मा देता है ।
(यह भी देखें: स्वर्गदूत, दुष्टात्मा, पवित्र आत्मा, प्राण)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 05:3-5
- 1 यूहन्ना 04:1-3
- 1 थिस्सलुनीकियों 05:23-24
- प्रे.का. 05:9-11
- कुलुस्सियों 01: 9-10
- इफिसियों 04:23-24
- उत्पत्ति 07:21-22
- यशायाह 04: 3-4
- मार्क 01:21-26
- मत्ती. 26:39-41
- फिलिप्पियों 01:25-27
बाइबल के कहानियों से उदाहरण:
- 13:03 तीसरे दिन तक, वह अपने आप को आत्मिक रूप से तैयार करे ,जब परमेश्वर सीनै पर्वत पर आया तो बादल गरजने और बिजली चमकने लगी और पर्वत पर काली घटा छा गई फिर नरसिंगे का बड़ा भारी शब्द हुआ |
- 40:07 तब यीशु ने रोते हुए कहा, “पूरा हुआ! हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ |” तब यीशु का सिर झुक गया, और उसने अपनी आत्मा को परमेश्वर के हाथ में सौंप दिया |
- 45:05 जब स्तिफनुस मरने पर था, वह प्रार्थना करने लगा कि, “हे प्रभु यीशु मेरी आत्मा को ग्रहण कर |”
- 48:07 सभी लोगों का समूह यीशु के कारण आशीषित हुआ, क्योंकि हर कोई जिसने यीशु पर विश्वास किया अपने पापों से छुटकारा पाया, और अब्राहम का एक आत्मिक वंशज बना |
शब्द तथ्य:
- Strong's: H178, H1172, H5397, H7307, H7308, G4151, G4152, G4153, G5326, G5427
आदर, आदर करना
परिभाषा:
“आदर” और “आदर करना” का अर्थ है किसी का सम्मान करना, प्रतिष्ठित करना या श्रद्धा अर्पित करना
- आदर उस मनुष्य का किया जा सकता है जो पद में बड़ा हो, महत्वपूर्ण हो जैसे राजा या परमेश्वर।
- परमेश्वर ने मसीहियों को दूसरों का आदर करने का निर्देश दिया है।
- सन्तान से अपेक्षा की गई है कि अपने माता-पिता का आदर करें जिसमें उसके सम्मान एवं आज्ञापालन की अपेक्षा भी की गई है।
- “आदर” और महिमा शब्दों के साथ-साथ काम में लिया गया है, विशेष करके यीशु के संदर्भ में। एक ही बात को कहने के ये दो तरीके हैं।
- परमेश्वर का आदर करने का अर्थ है उसे धन्यवाद कहना और उसकी स्तुति करना तथा उसकी आज्ञा मानकर सम्मान प्रगट करना तथा ऐसा जीवन जीना जिससे प्रकट हो कि वह कैसा महान है।
अनुवाद के सुझाव:
- “आदर” के अन्य अनुवाद रूप हैं, “किसी को विशेष सम्मान दिखाना” या “प्रतिष्ठा दर्शाना” या “उच्च सम्मान देना”
- “आदर करना” का अनुवाद हो सकता है, “विशेष सम्मान करना” या “प्रशंसा करना” या “उच्च प्रतिष्ठा दर्शाना” या “महान महत्व प्रकट करना”
(यह भी देखें: निरादर, महिमा, महिमा करे, स्तुति)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 02:8
- प्रे.का. 19:15-17
- यूहन्ना 04:43-45
- यूहन्ना 12:25-26
- मरकुस 06:4-6
- मत्ती 15:4-6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1420, H1921, H1922, H1923, H1926, H1927, H1935, H2082, H2142, H3366, H3367, H3368, H3372, H3373, H3374, H3444, H3513, H3519, H3655, H3678, H5081, H5375, H5457, H6213, H6286, H6437, H6942, H6944, H6965, H7236, H7613, H7812, H8597, H8416, G820, G1391, G1392, G1784, G2151, G2570, G3170, G4411, G4586, G5091, G5092, G5093, G5399
आनन्द, प्रसन्न, सुखी
परिभाषा:
“प्रसन्न होना” अर्थात बहुत आनन्दित होना या अति हर्षित होना।
- “में आनन्द लेना” अर्थात “में सुखी होना” या “के बारे में खुश होना”। यदि कोई मनुष्य किसी बात से "आनंदित" होता है तो इसका अर्थ है कि वह उस बात में अत्यधिक आनंद लेता है।* जब कोई बात अत्यधिक सहमति के योग्य हो या मनभावन हो तो उसे “प्रसन्नता” कहते हैं।
- किसी मनुष्य की प्रसन्नता किसी बात में है तो इसका अर्थ है कि वह उससे अति आनन्दित है।
- “वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता है” इसका अनुवाद हो सकता है, “यहोवा की व्यवस्था मुझे असीम आनन्द प्रदान करती है”, या “मैं परमेश्वर के नियमों का पालन करने से प्रसन्न होता हूँ” या “यहोवा की आज्ञाओं का पालन करके मुझे आनन्द प्राप्त होता है।”
- “प्रसन्न नहीं होता है” और “आनन्द नहीं पाता है” इनका अनुवाद हो सकता है, “कदापि प्रसन्न नहीं” या “उससे प्रसन्न नहीं।”
- “प्रसन्न रहता है” अर्थात “उसे करने में आनन्द प्राप्त होता है” या “वह बहुत खुश होता है”।
- शब्द "प्रसन्न" उन चीजों को संदर्भित करता है जिनका मनुष्य आनन्द उठाता है। इसका अनुवाद “सुख” या “चीज़ें जो जो सुख देती हैं” के रूप में किया जा सकता है।
- “तेरी इच्छापूर्ति मेरा आनन्द है”, इसका अनुवाद हो सकता है, “मुझे तेरी इच्छा के अनुसार चलने में प्रसन्नता होती है”, “तेरी आज्ञा मानकर मुझे बहुत सुख प्राप्त होता है”।
बाइबल सन्दर्भ:
- नीतिवचन 08:30
- भजन संहिता 001:02
- भजन संहिता 119:69-70
- श्रेष्ठगीत 01:03
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H1523, H2530, H2531, H2532, H2654, H2655, H2656, H2836, H4574, H5276, H5727, H5730, H6026, H6027, H7306, H7381, H7521, H7522, H8057, H8173, H8191, H8588, H8597
आनन्द, आनन्दित, आनन्द करे, प्रसन्न
परिभाषा:
आनन्द
आनंद परमेश्वर से प्राप्त प्रसन्नता की अनुभूति या गहरा सन्तोष। सम्बन्धित शब्द “आनंदित” एक ऐसे व्यक्ति का वर्णन करता है जो अत्यधिक प्रसन्न और गहरे आनंद से पूर्ण है।
- मनुष्य आनंदित तब होता है जब उसे यह अनुभूति होती है कि जिसका वह अनुभव कर रहा है वह बहुत अच्छी है।
- परमेश्वर मनुष्य को सच्चा आनंद प्रदान करता है।
- आनंद मनभावन परिस्थितियों में प्राप्त नहीं होता है। परमेश्वर मनुष्य के जीवन में घोर कठिनाइयों में भी आनंद प्रदान कर सकता है।
- कभी-कभी स्थानों को भी आनंद के कहते हैं जैसे घर और नगर। इसका अर्थ है कि वहां रहने वाले लोग आनंदित हैं।
आनंदित होना
शब्द "आनन्द" का अर्थ खुशी और खुशी से भरा होना है।
- यह शब्द अक्सर परमेश्वर द्वारा की गई अच्छी चीजों के बारे में बहुत खुश होने का उल्लेख करता है।
- इसका अनुवाद "बहुत खुश होना" या "बहुत प्रसन्न होना" या "आनन्द से भरा होना" हो सकता है।
- जब मरियम ने कहा "मेरा प्राण मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर को आनन्दित करता है," उसका मतलब था "मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर ने मुझे बहुत आनन्दित किया है" या "मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर ने मेरे लिए जो किया है उसके कारण मुझे बहुत आनन्द हो रहा है।"
*
अनुवाद के सुझाव:
- “आनंद” शब्द का अनुवाद “हर्ष” या “प्रसन्नता” या “महान प्रसन्नता” भी हो सकता है।
- “आनंदित रहो” का अनुवाद हो सकता है, “आनंद करना” या “अत्यधिक प्रसन्न होना” या “परमेश्वर की भलाई में अत्यधिक प्रसन्न होना” जैसी अभिव्यक्ति।
- एक आनंदित मनुष्य को “अत्यधिक प्रसन्न” या “हर्षित” या “बहुत खुश” कह सकते हैं।
- “जय जयकार करो” का अनुवाद हो सकता है, “इस प्रकार चिल्लाओ कि अत्यधिक आनंद प्रकट हो।”
- “आनंदित नगर” या “आनंदित घर” का अनुवाद हो सकता है “वह नगर जिसमें आनंदित लोग रहते हैं” या “आनंदित लोगों से भरा घर” या “जिस नगर के लोग प्रफुल्लित हैं।”
(यह भी देखें: आनन्द)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 01:6-7
- 3 यूहन्ना 01:1-4
- गलातियों 05:22-24
- यशायाह 56:6-7
- याकूब 01:1-3
- यिर्मयाह 15:15-16
- मत्ती 02:9-10
- नहेम्याह 08:9-10
- फिलेमोन 01:4-7
- भजन संहिता 048:1-3
- रोमियो 15:30-32
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 33:07 “वैसे ही जो पथरीली भूमि पर बोए जाते है, ये वह है जो वचन को सुनकर तुरन्त आनन्द से ग्रहण कर लेते है।”
- 34:04 “स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए धन के समान है, जिसे किसी व्यक्ति ने छिपाया। एक दुसरे व्यक्ति को वो धन मिला और उसने भी उसे वापस छिपा दिया। वह बहुत आनन्द से भर गया और जाकर अपना सब कुछ बेच दिया और उस खेत को मोल ले लिया।”
- 41:07 वे स्त्रियाँ भय और बड़े आनन्द से भर गई। वे चेलो को यह आनन्द का समाचार देने के लिये दौड़ गई।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1523, H1524, H1525, H1750, H2304, H2305, H2898, H4885, H5937, H5947, H5970, H7440, H7442, H7444, H7445, H7797, H8055, H8056, H8057, H8342, H8643, G20, G21, G2167, G2744, G3685, G4640, G5463, G5479
आनन्द, आनन्द मनाना, आनन्दित हुआ, आनन्द करें
परिभाषा:
शब्द "आनन्द" का मतलब है खुशी और हर्ष से भरा होना।
- इस शब्द का संदर्भ अक्सर परमेश्वर के उपकारों के कारण अत्यधिक प्रसन्न होना है।
- इसका अनुवाद, “अत्यधिक प्रसन्न होना” या “हर्ष से भर जाना” या “खुशी की सीमा न होना” के रूप में हो सकता है।
- मरियम ने कहा, "मेरी आत्मा मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर में आनन्दित है," उसका मतलब था "परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता ने मुझे बहुत खुश कर दिया है" या “मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर के कार्य से अत्यधिक आनन्दित हूं”।
(यह भी देखें: आनन्द
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 05:15-18
- प्रे.का. 16:32-34
- यूहन्ना 03:29-30
- लूका 15:6-7
- लूका 19:37-38
- मत्ती 02:9-10
- फिलिप्पियों 04:10-13
- रोमियो 05:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1523, H1524, H2302, H2654, H4885, H5937, H5938, H5947, H5965, H5970, H6342, H6670, H7442, H7797, H7832, H8055, H8056, H8057, G21, G2165, G2620, G2744, G2745, G4796, G4913, G5463
आशीष, धन्य, आशीर्वाद
परिभाषा:
किसी को “आशीष” देना अर्थात किसी व्यक्ति या वस्तु के लिए अच्छी एवं लाभकारी बात होने की कामना करना।
- किसी को आशीष देने का अर्थ उसके प्रति सकारात्मक एवं लाभकारी मनोकामना व्यक्त करना।
- बाइबल के युग में पिता प्रायः अपनी सन्तान को विधिवत आशीष देते थे।
- परन्तु मनुष्य जब परमेश्वर को “धन्य”कहता है तब इस शब्द का अभिप्राय है, वे उसका गुणगान कर रहे हैं।
- कभी-कभी “आशीष” शब्द भोजन को खाने से पहले उसे पवित्र करना भी होता है या परमेश्वर को भोजन के लिए धन्यवाद देना और उसका गुणगान करना।
अनुवाद के सुझाव:
- “आशीष” देना का अनुवाद “उदारता से प्रदान करना” या “किसी पर अत्यधिक दया एवं कृपा प्रकट करना” भी हो सकता है।
- “परमेश्वर ने बहुत आशीष दी” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने बहुत भली वस्तुएँ दी” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
- “वह आशीषित है” इसका अनुवाद हो सकता है, “वह बहुत लाभ उठाएगा” या “वह अच्छी-अच्छी वस्तुएँ प्राप्त करेगा” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
- “धन्य है वह पुरूष जो” इसका अनुवाद हो सकता है, “कितना धन्य है वह पुरुष जो”
- “धन्य है प्रभु परमेश्वर” ऐसी अभिव्यक्तियों का अनुवाद “प्रभु की स्तुति हो” या “ यहोवा की स्तुति करो” या “मैं परमेश्वर की स्तुति करता हूं”।
- भोजन को आशिष देने के संदर्भ में इसका अनुवाद किया जा सकता है, “भोजन के लिए परमेश्वर का धन्यवाद किया” या “भोजन के लिए परमेश्वर का गुणगान किया” या “परमेश्वर की स्तुति करके भोजन को पवित्र किया”।
(यह भी देखें: स्तुति)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 10:14-17
- प्रे.का. 13:32-34
- इफिसियों 01:3-4
- उत्पत्ति 14:19-20
- यशायाह 44: 3-4
- याकूब 01:22-25
- लूका 06:20-21
- मत्ती. 26:26
- नहेम्याह 09:5-6
- रोमियो 04:9-10
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 01:07 परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा था और उसने उन्हें आशीर्वाद दिया।
- 01:15 परमेश्वर ने अपने स्वरूप में आदम और हव्वा को बनाया। उस ने उन्हें आशीष दिया और उन से कहा, “कई बच्चों और पोतो को पैदा करो और पृथ्वी में भर जाओ!”
- 01:16 इसलिये परमेश्वर ने जो कुछ वह कर रहा था उन सब से विश्राम लिया। उस ने सातवें दिन को आशीष दिया और उसे पवित्र किया क्योंकि इस दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम लिया था।
- 04:04 "मैं तुम्हारा नाम महान करूँगा। मैं आशीष दूँगा उनको जो तुझे आशीर्वाद देगा, और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूँगा। पृथ्वी के सभी परिवारों को तेरे कारण आशीष दिया जाएगा। "
- 04:07 मलिकिसिदक ने अब्राम को आशीष दिया और कहा, " परमप्रधान परमेश्वर जो स्वर्ग और पृथ्वी का मालिक है अब्राम को आशीष दे।"
- 07:03 इसहाक अपनी आशीष एसाव को देना चाहता था।
- 08:05 यहां तक कि जेल में, यूसुफ परमेश्वर के प्रति वफादार रहा, और परमेश्वर ने उसे आशीष दिया ।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H833, H835, H1288, H1289, H1293, G1757, G2127, G2128, G2129, G3106, G3107, G3108, G6050
इश्माएल, इश्माएली, इश्माएलियों
तथ्य:
इश्माएल अब्राहम और मिस्री दासी हाजिरा का पुत्र था। पुराने नियम में इश्माएल नामक अनेक पुरुष भी हुए हैं।
- इश्माएल का अर्थ है, “परमेश्वर सुनता है”
- परमेश्वर ने अब्राहम के पुत्र इश्माएल को आशिष देने की प्रतिज्ञा की थी, परन्तु वह वाचा का पुत्र नहीं था।
- रेगिस्तान में परमेश्वर ने हाजिरा और इश्माएल की रक्षा की थी।
- पारान के रेगिस्तान में रहते हुए इश्माएल ने एक मिस्री से विवाह किया।
- नतन्याह का पुत्र इश्माएल यहूदा का सेना नायक था जिसने एक जत्था बनाकर बेबीलोन के राजा के नियुक्त अधिकारी नबूकदनेस्सर की हत्या की थी।
- पुराने नियम में इश्माएल नाम के चार और पुरुष हुए हैं।
(यह भी देखें: अब्राहम, बेबीलोन, वाचा, जंगल, मिस्र, हाजिरा, इसहाक, नबूकदनेस्सर, पारान, सारा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 01:28-31
- 2 इतिहास 23:1-3
- उत्पत्ति 16:11-12
- उत्पत्ति 25:9-11
- उत्पत्ति 25:13-16
- उत्पत्ति 37:25-26
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 05:02 तो अब्राम ने हाजिरा से विवाह किया। हाजिरा को अब्राम के द्वारा एक पुत्र हुआ, अब्राम ने उसका नाम इश्माएल रखा।
- 05:04 “मैं इश्माएल को भी एक बड़ी जाति बनाऊंगा, लेकिन मेरी वाचा इसहाक के साथ होगी।”
शब्द तथ्य:
इस्राएल, इस्राएली
तथ्य:
“इस्राएल” परमेश्वर द्वारा याकूब को दिया गया नाम था। इसका अर्थ है, “वह परमेश्वर के साथ संघर्ष करता है”
- याकूब के वंशज “इस्राएल की प्रजा”, “इस्राएल जाति” या “इस्राएली” कहलाए।
- परमेश्वर ने इस्राएल की प्रजा से वाचा बांधी थी। वे उसके चुने हुए लोग थे।
- इस्राएल जाति बारह गोत्रों की थी।
- राजा सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल दो राज्य विभाजित हो गया था। दक्षिणी राज्य जो “यहूदा” कहलाया और उत्तरी राज्य “इस्राएल”।
- इस्राएल का अनुवाद “इस्राएली प्रजा” या “इस्राएल जाति” किया जाता है, जो प्रकरण पर निर्भर करता है।
(यह भी देखें: इस्राएल, इस्राएल के राज्य, यहूदा, जाति, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 10:1-3
- 1 राजा 08:1-2
- प्रे.का. 02:34-36
- प्रे.का. 07:22-25
- प्रे.का. 13:23-25
- यूहन्ना 01:49-51
- लूका 24:21
- मरकुस 12:28-31
- मत्ती 02:4-6
- मत्ती 27:9-10
- फिलिप्पियों 03:4-5
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 08:15 बारह पुत्रों की सन्तान से इस्राएल के बारह गोत्र बन गए।
- 09:03 मिस्रियो ने इस्राएलियों से कठोरता के साथ सेवा करवाई, और यहाँ तक कि कई इमारते व पूरे नगर का निर्माण करवाया।
- 09:05 एक इस्राएली महिला ने पुत्र को जन्म दिया।
- 10:01 उन्होंने कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यों कहता है, ‘मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे !’”
- 14:12 परन्तु इन सब के बावजूद भी, इस्राएली परमेश्वर व मूसा के विरुद्ध बुड़बुड़ाते रहें।
- 15:09 परमेश्वर उस दिन इस्राएल के लिए लड़े। परमेश्वर ने एमोरियों को उलझन में डाल दिया, और ओले भेजकर बहुत से एमोरियों को घात किया।
- 15:12 युद्ध के बाद, परमेश्वर ने इस्राएलियों को वह सारा देश दिया, जिसे उसने उनको पूर्वजों से शपथ खाकर देने को कहा था; और वे उसके अधिकारी होकर उसमे बस गए। तब परमेश्वर ने इस्राएलियों को सारी सीमा के साथ शांति प्रदान की |
- 16:16 तो परमेश्वर ने इस्राएलियों को फिर से दंडित किया, क्योंकि उन्होंने मूर्ति की उपासना की थी।
- 43:06 “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर की सामर्थ्य से कई आश्चर्य के कामों और चिन्हों को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो”
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3478, H3479, H3481, H3482, G935, G2474, G2475
इस्राएल, इस्राएली, इस्राएलियों, याकूब
तथ्य:
याकूब इसहाक और रिबका के जुड़वा लड़कों में छोटा था।
- याकूब का अर्थ है, “वह एड़ी पकड़ता है” जिसका अर्थ है, “वह छल करता है।” जन्म के समय याकूब अपने जुड़वा भाई एसाव की एड़ी पकड़े हुए था।
- वर्षों बाद परमेश्वर ने याकूब का नाम बदलकर इस्राएल रखा जिसका अर्थ है, “वह परमेश्वर के साथ संघर्ष करता है।”
- याकूब चतुर और धोखा देने वाला था। उसने अपने बड़े भाई एसाव से उसकी पहलौठे की आशिषें और अधिकार प्राप्त करने की युक्ति खोज ली थी।
- एसाव इस पर बहुत क्रोधित हुआ और उसकी हत्या करने की योजना बनाई, अतः याकूब अपने घर से भाग गया। वर्षों बाद याकूब अपनी पत्नियों एवं सन्तान के साथ कनान लौटा, एसाव भी वहीं रहता था। दोनों के कुटुम्ब शान्ति-पूर्वक रहने लगे।
- याकूब के बारह पुत्र थे। उनके वंशज इस्राएल के बारह गोत्र हुए।
- मत्ती रचित सुसमाचार में जो वंशावली दी गई है उसमें एक और याकूब का उल्लेख किया गया है, वह यूसुफ का पिता था।
(यह भी देखें: कनान, धोखा, एसाव, इसहाक, इस्राएल, रिबका, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:11-13
- प्रे.का. 07:44-46
- उत्पत्ति 25:24-26
- उत्पत्ति 29:1-3
- उत्पत्ति 32:1-2
- यूहन्ना 04:4-5
- मत्ती 08:11-13
- मत्ती 22:31-33
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 07:01__फिर वे लड़के बढ़ने लगे, रिबका __याकूब से प्रीति रखती थी, लेकिन इसहाक एसाव से प्रीति रखता था। याकूब सीधा मनुष्य था और तम्बुओ में रहा करता था, परन्तु एसाव तो वनवासी होकर चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया।
- 07:07 जब याकूब वहा था ,उसी दौरान याकूब ने चार स्त्रियों से विवाह किया और उसके बारह पुत्र और एक पुत्री उत्पन्न हुई। परमेश्वर ने उसे बहुत धनवान बनाया।
- 07:08 बीस वर्ष तक अपने भवन से, जो कनान में है, दूर रहने के बाद याकूब अपने परिवार, सेवकों, और अपने सारे जानवरों समेत वापस आ गया।
- 07:10 परमेश्वर ने अब्राहम की वंशावली के विषय में जो वाचा उससे बाँधी थी, वह अब्राहम से इसहाक और इसहाक से याकूब को दी।
- 08:01__कई साल बाद, जब __याकूब वृद्ध हो गया, तो उसने अपने प्रिय पुत्र यूसुफ को भेजा कि वह जाकर अपने भाइयो को देखे जो भेड़ बकरियों के झुंड की देखभाल कर रहे थे।
शब्द तथ्य:
इस्साकार
तथ्य:
इस्साकार याकूब का पांचवां पुत्र था। उसकी माता का नाम लीआ:
- इस्साकार का गोत्र इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक था।
- इस्साकार का भूभाग नप्ताली, जुबूलिन, मनश्शे और गाद से घिरा हुआ था।
- उसका भौगोलिक स्थान गलील सागर के दक्षिण में था।
(यह भी देखें: गाद, मनश्शे, नप्ताली, इस्राएल के बारह गोत्र, जबूलून)
बाइबल सन्दर्भ:
- निर्गमन 01:1-5
- यहेजकेल 48:23-26
- उत्पत्ति 30:16-18
- यहोशू 17:9-10
शब्द तथ्य:
उजाड़
परिभाषा:
“उजाड़” अर्थात अनुपजाऊ या निष्फल।
- बंजर भूमि में पेड़ पौधे नहीं उगते हैं।
- स्त्री जो सन्तान उत्पन्न नहीं कर पाती है उसे बांझ कहते हैं।
अनुवाद के सुझाव:
- भूमि के संदर्भ में कहा जा सकता है, “अनुपजाऊ” या “निष्फल” या “पेड़-पौधों से रहित”
- स्त्री के संबन्ध में कहा जा सकता है, “निःसन्तान” या “संतान उत्पत्ति में अक्षम”।
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 02:5
- गलातियों 04:26-27
- उत्पत्ति 11:29-30
- अय्यूब 03:6-7
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4420, H6115, H6135, H6723, H7909, H7921, G692, G4723
उत्पन्न, सर्जन करना, सृष्टि, सृजनहार
परिभाषा:
“उत्पन्न” अर्थात रचना करना या किसी को अस्तित्व में लाना। जो कुछ सृजा गया उसे सृष्टि कहते हैं। परमेश्वर को “सृजनहार” कहते हैं क्योंकि उसने सम्पूर्ण जगत को अस्तित्ववान किया।
- जब परमेश्वर के लिए कहा जाता है कि उसने सम्पूर्ण जगत की रचना की तो इसका अर्थ है कि उसने शून्य से उसे उत्पन्न किया।
- जब मनुष्य कोई रचना करता है तो इसका अर्थ है कि वह विद्यमान तत्वों से कुछ बनाता है।
- कभी-कभी “रचना” प्रतीकात्मक रूप में काम में लिया जाता है जैसे “शान्ति की रचना करना” या “मनुष्य में शुद्ध मन रचना”
- “सृष्टि” शब्द का अर्थ है, आरंभ में जब परमेश्वर ने सब कुछ बनाया। यह शब्द परमेश्वर द्वारा सृजित सब के लिए काम में लिया जा सकता है। कभी-कभी “सृष्टि” शब्द विशेष करके पृथ्वी पर मनुष्यों के लिए काम में लिया जाता है।
अनुवाद के सुझाव:
- कुछ भाषाओं में स्पष्ट व्यक्त किया जा सकता है कि परमेश्वर ने “शून्य से” सम्पूर्ण जगत की रचना की, सुनिश्चित करें कि इसका अर्थ स्पष्ट हो।
- “जगत की सृष्टि के समय से” अर्थात “उस समय से जब परमेश्वर ने सम्पूर्ण जगत की रचना की थी”।
- समान वाक्यांश, “सृष्टि के आरंभ में ” का अनुवाद किया जा सकता है, “जब परमेश्वर ने संसार को समय की शुरुआत में बनाया” या “जब संसार को पहली बार बनाया गया।”
- “सारी सृष्टि के लोगों को” सुसमाचार प्रचार करो अर्थात “संपूर्ण पृथ्वी पर मनुष्यों को” सुसमाचार सुनाओ।
- “संपूर्ण सृष्टि आनन्द करे” अर्थात “परमेश्वर द्वारा सृजित सब कुछ आनन्द करे”।
- प्रकरण के अनुसार “सृष्टि करना” का अनुवाद “बनाना” या “अस्तित्व में लाना” या “शून्य से उत्पन्न करना” हो सकता है।
- “सृष्टिकता” का अनुवाद “जिसने सब कुछ बनाया” या “परमेश्वर जिसने संपूर्ण सम्पूर्ण जगत की उत्पत्ति की”।
- “तेरा सृजनहार” का अनुवाद “परमेश्वर जिसने तुझे बनाया” हो सकता है।
(यह भी देखें: परमेश्वर, शुभ समाचार, संसार)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 11:9-10
- 1 पतरस 04:17-19
- कुलुस्सियों 01: 15-17
- गलातियों 06:14-16
- उत्पत्ति 01:1-2
- उत्पत्ति 14:19-20
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3335, H4639, H6213, H6385, H7069, G2041, G2602, G2675, G2936, G2937, G2939, G4160, G5480
उपज, फसल, लवनी, कटनी, लवनेवाला
परिभाषा:
“उपज” शब्द का अर्थ है पेड़-पौधों से पके फल या सब्जियाँ एकत्र करना। “काटना" शब्द का अर्थ फसलों की कटाई करना है।
- कटनी का समय फसल पकने का समय होता है।
- इस्राएल कटनी का पर्व मनाता था कि भोजन की फसल काटें। परमेश्वर ने उन्हें आज्ञा दी थी कि वे उसके लिए पहला फल चढाएं।
- प्रतीकात्मक रूप में “उपज” का संदर्भ यीशु में विश्वास करने वाले लोगों से या मनुष्य की आत्मिक उन्नति के वर्णन से हो सकता है।
- आत्मिक फसल की कटनी का विचार फलों के रूपक से सुसंगत हो सकता है, ईश्वर भक्ति के चारित्रिक गुण।
अनुवाद के सुझाव:
- इस शब्द का अनुवाद लक्षित भाषा में फसल काटने के शब्द द्वारा किया जाए।
- कटनी का अनुवाद हो सकता है, “फल एकत्र करने का समय” या “फसल उठाने का समय” या “फल तोड़ने का समय”।
- “लवनी करना” का अनुवाद हो सकता है, “एकत्र करना”, “तोड़ना” या “संग्रह करना”
(यह भी देखें: पहली उपज, पर्व, पर्व)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 09:9-11
- 2 शमूएल 21:7-9
- गलातियों 06:9-10
- यशायाह 17:10-11
- याकूब 05:7-8
- लैव्यव्यवस्था 19:9-10
- मत्ती 09:37-38
- रूत 01:22
- मत्ती, 06:25-26
- मत्ती, 13:30
- मत्ती, 13:36-39
- मत्ती, 25:24
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2758, H4395, H4672 H7105, H7114, H7938, G270, G2325, G2326, G2327
उपवास, उपवास करना
परिभाषा:
उपवास करना अर्थात कुछ समय भोजन नहीं करना जैसे एक दिन या अधिक समय। कभी-कभी उपवास में पानी भी नहीं पिया जाता है।
- उपवास मनुष्यों की सहायता करता है कि परमेश्वर में ध्यान केन्द्रित करें और भोजन पकाने और खाने की चिन्ता किए बिना प्रार्थना कर पाएं।
- यीशु ने यहूदी धर्म गुरूओं द्वारा अनुचित कारणों से उपवास करने की आलोचना की थी। उपवास रखने में उनका उद्देश्य था कि लोग उन्हें धर्मी समझें।
- मनुष्य कभी-कभी दुःख या शोक के कारण भी उपवास रखता है।
- “उपवास करना” इस क्रिया का अनुवाद हो सकता है, “खाने का त्याग करना” या “खाना नहीं खाना”
- “उपवास” संज्ञा शब्द का अनुवाद हो सकता है, “खाना नहीं, खाने का समय” या “खाना खाने के त्याग का समय”
(यह भी देखें: यहूदियों)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 21:8-10
- 2 इतिहास 20:3-4
- प्रे.का. 13:1-3
- योना 03:4-5
- लूका 05:33-35
- मरकुस 02:18-19
- मत्ती 06:16-18
- मत्ती 09:14-15
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 25:01 तुरन्त ही यीशु के बपतिस्मा लेने के बाद, आत्मा ने यीशु को जंगल की ओर भेजा जहाँ उन्होंने चालीस दिन और चालीस रात उपवास किया ।
- 34:08 “उदाहरण के लिये, मैं सप्ताह में दो बार उपवास रखता हूँ; मैं अपनी सब कमाई का दसवाँ अंश भी देता हूँ।”
- 46:10 एक दिन जब अन्ताकिया की कलीसिया के मसीही उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे थे, तो पवित्र आत्मा ने कहा, "मेरे लिये बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिसके लिये मैं ने उन्हें बुलाया है।"
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2908, H5144, H6684, H6685, G777, G3521, G3522, G3523
ऊँचे स्थान, ऊँचे स्थानों
परिभाषा:
“ऊंचे स्थान” का संदर्भ वेदियों और पवित्र स्थानों से है जहाँ मूर्ति पूजा की जाती थी। वे ऊँचे स्थानों पर बनाई जाती थी जैसे पहाड़ो पर या पर्वत की चोटियों पर।
- इस्राएल के अनेक राजाओं ने परमेश्वर के विरूद्ध पाप किया उन्होंने ऊंचे स्थानों में देवी-देवताओं के लिए वेदियां बनवाई थी। जिसके कारण प्रजा मूर्ति-पूजा में मगन हो गई थी।
- जब इस्राएल या यहूदा राज्य में परमेश्वर का भय माननेवाला कोई राजा राज्य करने आया तब उसने ऊंचे स्थानों या इन वेदियों को नष्ट किया कि मूर्ति-पूजा को रोके।
- तथापि इन अच्छे राजाओं में से कुछ निश्चित रहे और उन्होंने इन वेदियों को ध्वंस नहीं किया जिसके परिणामस्वरूप संपूर्ण इस्राएल देश मूर्ति-पूजा करता रहा”
अनुवाद के लिए सुझाव:
- इस उक्ति के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “मूर्ति-पूजा के ऊंचे स्थान” या “पर्वतीय शिखर पर मूर्तियों के पवित्र स्थान” या “मूर्तियों की वेदी के टीले”।
- सुनिश्चित करें कि इन शब्दों से मूर्तियों की वेदियों का स्पष्ट बोध हो न कि उन वेदियों के ऊँचे स्थान मात्र का जहाँ वे थी।
(यह भी देखें: वेदी, मूर्ति, दंडवत करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 09:12-13
- 2 राजा 16:3-4
- आमोस 04:12-13
- व्यवस्थाविवरण 33:29
- यहेजकेल 06:1-3
- हबक्कूक 03:18-19
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1116, H1181, H1354, H2073, H4791, H7311, H7413
ऊँट, ऊँटों
परिभाषा:
ऊँट एक बड़ा चौपाया पशु होता है जिसकी पीठ पर एक या दो उभार होते हैं।
- बाइबल के समय में, ऊँट इस्राएल और आस-पास के क्षेत्रों में पाए जाने वाले सबसे बड़े जानवर थे।
- ऊँट लोग और बोझ भी ले जाने के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता था।
- कुछ लोगों के समूहों में ऊँटों को भोजन के लिए इस्तेमाल करते थे लेकिन इस्राएलियों को नहीं, क्योंकि परमेश्वर ने कहा कि ऊँट अशुद्ध थे और खाए नहीं जाते थे।
- ऊँट मूल्यवान थे क्योंकि वे तेजी से रेत में जा सकते थे और कई हफ्तों तक भोजन और पानी के बिना रह सकते थे।
(यह भी देखें: बोझ, अशुद्ध)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 05:20-22
- 2 इतिहास 09:1-2
- निर्गमन 09:1-4
- मरकुस 10:23-25
- मत्ती 03:4-6
- मत्ती 19:23-24
शब्द तथ्य:
- Strong's: H327, H1581, G2574
एक्रोन, एक्रोनी
तथ्य:
एक्रोन पलिश्तियों का एक प्रमुख नगर था, भूमध्य सागर से नौ मील भीतर भूमि पर।
- एक्रोन में झूठे देवता बालजबूल का मन्दिर था।
- युद्ध में इस्राएलियों से वाचा का सन्दूक छीन लेने के बाद पलिश्ती इसे अश्दोद में ले गए तदोपरान्त वे उसे गत और एक्रोन में ले गए क्योंकि जिस नगर में भी वे वाचा का सन्दूक ले गए वहां परमेश्वर ने उन्हें रोगग्रस्त किया और मार डाला था। अन्त में पलिश्तियों ने वाचा का सन्दूक इस्राएल भेज दिया।
- जब अहज्याह छत पर से गिर कर घायल हो गया था तो उसने एक्रोन के बालजबूल देवता से पूछा था कि वह जीवित बचेगा या नहीं। उसके इस पाप के कारण परमेश्वर ने उससे कह दिया था कि वह मर जाएगा।
(यह भी देखें: अहज्याह, वाचा का सन्दूक, अश्दोद, बालजबूल(शैतान), देवता, गत, पलिश्तियों)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 05:10
- यहोशू 13:2-3
- न्यायियों 01:18-19
- जकर्याह 09:5-7
शब्द तथ्य:
एदोम, एदोमी, एदोमियों, इदूमिया
तथ्य:
एदोम एसाव का दूसरा नाम था। जिस स्थान में वह बस गया उस स्थान का नाम “एदोम” पड़ गया जो आगे चल कर “इदूमिया” हो गया। “एदोमियों” उसके वंशज थे।
- एदोम क्षेत्र समय के साथ-साथ स्थान बदलता रहा। वह इस्राएल के दक्षिण में था और अन्ततः यहूदा के दक्षिण तक फैल गया।
- नये नियम के युग में एदोम यहूदा राज्य का दक्षिणी अर्धभाग हो गया था। यूनानियों ने उसे “इदूमिया” कहा।
- एदोम शब्द का अर्थ है “लाल” जो इस तथ्य के संदर्भ में है कि जब एसाव का जन्म हुआ था तब उसके शरीर पर लाल बाल थे। या इसका संदर्भ लाल रंग की उस दाल से भी हो सकता है जिसके बदले में एसाव ने अपने पहिलौठे होने का अधिकार बेच दिया था।
- पुराने नियम में एदोम देश को सदैव ही इस्राएल का शत्रु कहा गया है।
- ओबद्याह की संपूर्ण पुस्तक में एदोम के विनाश की भविष्यद्वाणी की गई है। पुराने नियम में भविष्यद्वक्ताओं ने एदोम के विरूद्ध भविष्यद्वाणियां की थी।
(यह भी देखें: विरोधी, पहिलौठे का अधिकार, एसाव, ओबद्याह, भविष्यद्वक्ता)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 25:29-30
- उत्पत्ति 32:3-5
- उत्पत्ति 36:1-3
- यशायाह 11:14-15
- यहोशू 11:16-17
- ओबद्याह 01:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H123, H130, H8165, G2401
एपोद
परिभाषा:
“एपोद” एक प्रकार का परिधान होता था जिसे इस्राएलियों के याजक धारण करते थे। इसके दो भाग थे, आगे का और पीछे का, कंधों पर जुड़ा और कमर पर कपड़े के पटुका से बांधा जाता था।
- एक और एपोद था जो साधारण मलमल का होता था और साधारण याजकों द्वारा धारण किया जाता था।
- महायाजक का एपोद सोने और नीले, बैंगनी एवं लाल धागे से सुसज्जित किया जाता था।
- महायाजक का चपरास एपोद के सामने के भाग से जुड़ा होता था। याजक के सीनाबन्द में परमेश्वर की इच्छा जानने के लिए ऊरीम और तुम्मीम रहते थे।
- न्यायी गिदोन ने मूर्खता करके सोने का एक एपोद बनवाया था जो इस्राएलियों के लिए मूर्तिपूजा हो गया था।
(यह भी देखें: याजक)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 02:18-19
- निर्गमन 28:4-5
- होशे 03:4-5
- न्यायियों 08:27-28
- लैव्यव्यवस्था 08:6-7
शब्द तथ्य:
- Strong's: H641, H642, H646
एप्रैम, एप्रैमी, एप्रैमियों
तथ्य:
एप्रैम यूसुफ का दूसरा पुत्र था। उसके वंशज इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक हुए।
- एप्रैम का गोत्र इस्राएल के उत्तरी भाग में स्थित दस गोत्रों में से एक था।
- बाइबल में कभी-कभी एप्रैम शब्द संपूर्ण उत्तरी राज्य इस्राएल के लिए काम में लिया जाता था।
- एप्रैम वास्तव में एक पर्वतीय प्रदेश था, जो “एप्रैम का पहाड़ी प्रदेश” या “एप्रैम के पहाड़ों” के संदर्भ पर आधारित हैं।
(यह भी देखें: इस्राएल के राज्य, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 06:66-69
- 2 इतिहास 13:4-5
- यहेजकेल 37:15-17
- उत्पत्ति 41:50-52
- उत्पत्ति 48:1-2
- यूहन्ना 11:54-55
शब्द तथ्य:
- Strong's: H669, H673, G2187
एमोरी, एमोरियों
तथ्य:
एमोरी एक सामर्थी जाति थी जो नूह के पोते कनान की वंशज थी।
- उनके नाम का अर्थ है, “ऊंचे लोग” जो संभवतः उनके स्थान के पर्वतों के कारण पड़ा था क्योंकि वे कद में लम्बे थे।
- एमोरी यरदन नदी के दोनों ओर बसे हुए थे। * आई नगर एमोरियों का निवास स्थान था।
- परमेश्वर “एमोरियों का पाप” का संदर्भ देता है, उनकी झूठे देवताओं की उपासना से जुड़े हुए पापी व्यवहार भी थे।
- परमेश्वर ने जैसी आज्ञा दी उसी के अनुसार यहोशू ने एमोरियों का सर्वनाश करने के लिए इस्राएली अगुआई की थी।
बाइबल सन्दर्भ:
- आमोस 02:9-10
- यहेजकेल 16:1-3
- उत्पत्ति 10:15-18
- उत्पत्ति 15:14-16
- यहोशू 09:9-10
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 15:07 कुछ समय बाद, कनान में एक अन्य समूह के राजा, एमोरियों ने जब यह सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल किया और उनके बीच रहने लगे है, तब एमोरी के राजाओ ने अपनी अपनी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी, और गिबोन के सामने डेरे डालकर उस से युद्ध छेड़ दिया।
- 15:08 प्रात:काल उन्होंने एमोरियों की सेना को चकित कर दिया व उन पर हमला कर दिया।
- 15:09 उस दिन परमेश्वर इस्राएल के लिए लड़े। परमेश्वर ने एमोरियों को उलझन में डाल दिया, और ओले भेजकर बहुत से एमोरियों को घात किया।
- 15:10 उस दिन परमेश्वर ने सूर्य को आकाशमण्डल के बीचोंबीच ठहरा दिया, ताकि इस्राएलियों के पास एमोरियों को पराजित करने के लिए पर्याप्त समय हो।
शब्द तथ्य:
कटीले, झड़बेरी, झाड़ियों, काँटों, झाड़ी, ऊँटकटारे
तथ्य:
कटीले झाड़ियां या ऊंटकटार वे पौधे होते हैं जिनकी शाखाओं में कांटे या फूल होते हैं। इन पौधों में फल या काम की कोई वस्तु नहीं उगती है।
- "कांटा" वृक्ष की शाखा पर एक कठोर नुकीली वृद्धि है। “कंटीली झाड़ी” एक छोटा वृक्ष या झाड़ी है जिसकी टहनियों पर कांटे होते हैं।
- “ऊंटकटार” वह पौधा है जिसकी टहनियां और पत्तों पर कांटे होते हैं। उसके फूल प्रायः बैगंनी रंग के होते हैं।
- कंटीली झाड़ियां अति शीघ्र बढ़ती हैं और अच्छे पौधों को बढ़ने से रोकते हैं। यह पाप द्वारा मनुष्य की आत्मिक उन्नति को रोकने का एक उत्तम दृश्य है।
- यीशु के क्रूसीकरण से पहले उसके सिर पर कांटों का मुकुट रखा गया है।
- यदि संभव हो तो, इन शब्दों का अनुवाद दो अलग-अलग पौधों या झाड़ियों के नाम से किया जाना चाहिए जो कि भाषा क्षेत्र में जाना जाता है।
(यह भी देखें: मुकुट, फल, आत्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- इब्रानियों 06:7-8
- मत्ती 13:7-9
- मत्ती 13:22-23
- गिनती 33:55-56
शब्द तथ्य:
- Strong's: H329, H1863, H2312, H2336, H4534, H5285, H5518, H5544, H6791, H6796, H6975, H7063, H7898, G173, G174, G4647, G5146
कनान, कनानी, कनानियों
तथ्य:
कनान हाम का पुत्र था और हाम नूह का पुत्र था। कनानी लोग कनान के निवासी थे।
- “कनान” और “कनान देश” वह क्षेत्र था जो यरदन नदी और भूमध्यसागर के बीच का था। दक्षिण में वह मिस्र की सीमा तक था और उत्तर में सीरिया की सीमा तक।
- इस देश के निवासी कनानी और अन्यजातियां थी।
- परमेश्वर ने अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी कि वह कनान देश उसे और उसके वंशज, इस्राएलियों को देगा।
(यह भी देखें: हाम, प्रतिज्ञा का देश)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 13:19-20
- निर्गमन 03:7-8
- उत्पत्ति 09:18-19
- उत्पत्ति 10:19-20
- उत्पत्ति 13:5-7
- उत्पत्ति 47:1-2
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 04:05 इस प्रकार अब्राम अपनी पत्नी सारै, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किये थे, सब को लेकर कनान देश में जो परमेश्वर ने उसे दिखाया था जाने को निकल चला;
- 04:06 जब अब्राम कनान देश पहुंचा तब परमेश्वर ने उससे कहा कि, "अपने चारों ओर देख क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को दूँगा।"
- 04:09 "मैंकनान देश तेरे वंश को दूँगा।"
- 05:03 " मैं तुझको, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को भी, यह सारा कनान देश दूँगा कि वह उनकी निज भूमि रहेगी, और मैं उनका परमेश्वर रहूँगा।"
- 07:08 बीस वर्ष तक अपने भवन से, जो कनान में है, दूर रहने के बाद याकूब अपने परिवार, सेवकों, और अपने सारे जानवरों समेत वापस आ गया।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3667, H3669, G2581, G5478
कब्र, मिट्टी देनेवाले, कब्रें, कब्र, कब्रों, कब्रिस्तान
परिभाषा:
(यह भी देखें: मिट्टी देना, मर जाए)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 02:29-31
- उत्पत्ति 23:5-6
- उत्पत्ति 50:4-6
- यूहन्ना 19:40-42
- लूका 23:52-53
- मरकुस 05:1-2
- मत्ती 27:51-53
- रोमियो 03:13-14
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 32:04 वह कब्रों में रहा करता था। वह रात दिन चिल्लाता रहता था |
- 37:06 यीशु ने उनसे पूछा “तुमने लाज़र को कहाँ रखा है?” उन्होंने उससे कहा, "कब्र में, आओ और देख लो |” तब यीशु रोया |
- 37:07 वो कब्र एक गुफा थी जिसके द्वार पर एक बड़ा पत्थर लगा हुआ था |
- 40:09 तब यूसुफ और नीकुदेमुस, दो यहूदी याजक जिन्हें विश्वास था कि यीशु ही मसीह है, पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा | उन्होंने उसके शव को उज्ज्वल चादर में लपेटा, और चट्टान में खुदवाई गई कब्र में रख दिया | तब उन्होंने द्वार पर बड़ा पत्थर लुढ़काकर उसे बन्द कर दिया |
- 41:04 उसने कब्र के पत्थर को जो कब्र के द्वार पर लगा था हटा दिया और उस पर बैठ गया, कब्र की रखवाली करने वाले पहरुए काँप उठे और मृतक समान हो गए |
- 41:05 जब महिलाएँ कब्र पर पहुँची, स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, “मत डरो | यीशु यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है |" आओ, यह स्थान देखो |” तब सस्त्रियों ने कब्र में और जहा यीशु का शरीर रखा गया था देखा | उसका शरीर वहा नहीं था |
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1164, H1430, H6900, H6913, H7585, H7845, G86, G2750, G3418, G3419, G5028
कमर
परिभाषा:
“कमर” शरीर का वह भाग है जो पसलियों और नितम्बों के मध्य का भाग है जिसे निचले पेट के रूप में भी जाना जाता है।
- “कमर कसना” अर्थात् परिश्रम करने के लिए तैयार हो जाओ। यह मुहावरा उस अभ्यास से आता है जब वे अपने बागे के निचले भाग को उठाकर कमर में बांध लेते थे कि चलना फिरना आसान हो जाए।
- “कमर” शब्द बाइबल में प्रायः बलि पशु के पिछले भाग के लिए काम में लिया जाता था।
- बाइबल में “कमर” का प्रतीकात्मक रूप में शिष्टोक्ति रूप में मनुष्य के गुप्तांगों के लिए काम में लिया गया शब्द है।
- “से उत्पन्न होना” इसका अनुवाद हो सकता है, “तेरी सन्तान होगी” या “तेरे अंश से उत्पन्न होगा” या “परमेश्वर तुम से उत्पन्न करेगा।”
- शरीर के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है, “उदर” या “पेट” या “कमर” प्रकरण के अनुसार।
(यह भी देखें: उतरेगा, बाँधे, वंश)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 पतरस 01:13-14
- 2 इतिहास 06:7-9
- व्यवस्थाविवरण 33:11
- उत्पत्ति 37:34-36
- अय्यूब 15:27-28
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2504, H2783, H3409, H3689, H4975, G3751
कर, अनुदान, भुगतान
परिभाषा:
“कर”, एक राजा द्वारा दूसरे राजा को दी जानेवाली भेंट जिसका उद्देश्य होता था, सुरक्षा एवं दोनों देशों के अच्छे संबन्ध।
- कर एक भुगतान भी हो सकती है जिसे किसी शासक या सरकार को लोगों से आवश्यकता होती है,जैसे कि टोल या कर।
- बाइबल के युग में कोई राजा या शासक किसी और राज्य में से होकर यात्रा करता था तो उस राज्य के राजा को कर देता था कि उस क्षेत्र में उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- कर में पैसों के अतिरिक्त अन्य पदार्थ जैसे भोजन वस्तुएं, मसाले, उत्तम वस्त्र, और सोने जैसी मूल्यवान धातुएं भी होती थी।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार, “कर” का अनुवाद किया जा सकता है, “सरकारी भेंट” या “विशेष भुगतान” या “अनिवार्य भुगतान”।
(यह भी देखें: सोना, राजा, शासन, कर)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 18:1-2
- 2 इतिहास 09:22-24
- 2 राजा 17:03
- लूका 23:02
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H1093, H4061, H4503, H4530, H4853, H6066, H7862, G5411
कर, करों, कर लगाया, कर लगाना, करदाताओं
परिभाषा:
“कर” और “करों” अर्थात सत्तावासी सरकार को पैसा या सामान देना।
- कर का मान निर्धारण किसी वस्तु के मूल्य या मनुष्य की सम्पदा के मूल्य पर किया जाता है।
- जब कर नहीं चुकाया तब सरकार वैधानिक प्रक्रिया द्वारा किसी व्यक्ति या व्यपारिक इकाई के विरुद्ध कार्यवाही कर सकती है कि देय राशि की वसूली की जाए।
- यूसुफ और मरियम, यात्रा करके बैतलहम को गए ताकि जनगणना में गिने जाए,जो कर देने हेतु रोमी साम्राज्य में रहनेवाले हर व्यक्ति के लिए आयोजित किया गया था।
- संदर्भ के आधार पर "कर" शब्द का अनुवाद "आवश्यक भुगतान" या "सरकारी धन" या "मंदिर धन" के रूप में भी किया जा सकता है।
- "करों का भुगतान" करने का अनुवाद "सरकार को पैसा" या "सरकार के लिए धन प्राप्त" या "आवश्यक भुगतान करना" के रूप में भी किया जा सकता है। "करों को एकत्र करने" का अनुवाद "सरकार के लिए धन प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है"
- “चुंगी लेने वाला” सरकारी कर्मचारी है जो मनुष्यों से अनिवार्य धन-राशि एकत्र करता है।
(यह भी देखें: बैतलहम, नाम लिखाई, निवासी, रोम, चुंगी लेनेवाला)
बाइबल सन्दर्भ:
- लूका 20:21-22
- मरकुस 02:13-14
- मत्ती 09:7-9
- गिनती 31:28-29
- रोमियो 13:6-7
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2670, H4060, H4371, H4522, H4864, H6186, G583, G5411
करना, सौंपना, किया है, प्रतिज्ञा
परिभाषा:
“समर्पण करना” और “समर्पण” का संदर्भ निर्णय लेने से या कुछ करने की प्रतिज्ञा करने से है.
- कोई व्यक्ति किसी काम को करने की प्रतिज्ञा करता है, उसके लिए कहा जाता है कि वह उस काम को करने के प्रति समर्पित है.
- किसी व्यक्ति को “काम सौंपना” अर्थात उसे कार्य-भार का उत्तरदायी ठहराना. उदाहरणार्थ 2 कुरि. में पौलुस कहता है कि परमेश्वर ने मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी (या “दे दी है”) है।
- इसी से संबन्धित शब्द है “करना” और “किया है” जो अनुचित कार्य के लिए उपयोग किए गए हैं, जैसे “पाप करना” या “व्यभिचार करना” या “हत्या करना.”
- “उसे वह सेवा सौंप दी” इस अभिव्यक्ति का अनुवाद हो सकता है, “उसे काम सौंपा” या “उस पर एक काम के लिए विश्वास किया” या “उसे एक काम दिया” या "उसे काम का उत्तरदायित्व संभला दिया."
- “सौंपना” का अनुवाद हो सकता है, “कार्य जो दिया गया” या “प्रतिज्ञा जो की गई."
(यह भी देखें: व्यभिचार, विश्वासयोग्य, प्रतिज्ञा, पाप)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 28:07
- 1 पतरस 02:21-23
- यिर्मयाह 02:12-13
- मत्ती 13:41
- भजन 058:02
शब्द तथ्य:
- Strong’s: H539, H817, H1361, H1497, H1500, H1540, H1556, H2181, H2388, H2398, H2399, H2403, H4560, H4603, H5003, H5753, H5766, H5771, H6213, H6466, H7683, H7760, H7847, G264, G2038, G2716, G3429, G3431, G3860, G3872, G3908, G4102, G4160, G4203
कादेश, कादेशबर्ने, कादेश के मरीबोत
तथ्य:
कादेश, कादेशबर्ने और मरीबा का देश आदि सब नाम इस्राएल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण नगर के नाम हैं। जो इस्राएल के दक्षिण में स्थित था, एदोम के निकट।
- कादेश नगर एक मरूद्यान था, रेगिस्तान के मध्य पानी और हरियाली का स्थान, इस रेगिस्तान का नाम सीन था।
- मूसा ने कादेशबर्ने से बारह भेदिए कनान में भेजे थे।
- जंगल में भटकते समय इस्राएल ने कादेश में छावनी डाली थी।
- कादेशबर्ने वह स्थान था जहां मिर्याम की मृत्यु हुई थी।
- मरीबा कादेश में मूसा ने चट्टान को मारकर इस्राएल के लिए पानी निकाला था, अपेक्षा उससे कहने के जैसा परमेश्वर का आदेश था।
- “कादेश” शब्द इब्रानी भाषा का है जिसका अर्थ है “पवित्र” या “पृथक हुआ”
(यह भी देखें: जंगल, एदोम, पवित्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- यहेजकेल 48:27-29
- उत्पत्ति 14:7-9
- उत्पत्ति 16:13-14
- उत्पत्ति 20:1-3
- यहोशू 10:40-41
- गिनती 20:1
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4809, H6946, H6947
काना
परिभाषा:
काना गलील क्षेत्र में एक गांव या नगर था जो नासरत से लगभग नौ मील उत्तर में बसा हुआ था।
- काना नगर बारहों में से एक नतनएल का जन्म स्थान था।
- यीशु काना नगर में एक विवाहोत्सव में गया था जहां उसने अपना पहला आश्चर्यकर्म, पानी को मदिरा बनाना, किया था।
- कुछ समय बाद यीशु काना में पुनः आया था जहां उसकी भेंट कफरनहूम के एक अधिकारी से हुई थी जिसने अपने पुत्र की चंगाई के लिए उससे विनती की थी।
(यह भी देखें: कफरनहूम, गलील, बारहों)
बाइबल सन्दर्भ:
- यूहन्ना 02:1-2
- यूहन्ना 04:46-47
शब्द तथ्य:
काम, कर्म, कार्य, कृत्य
परिभाषा:
बाइबल में “काम”, “कर्म”, “कृत्य” परमेश्वर या मनुष्यों के द्वारा किए गये कार्यों के संदर्भ में उपयोग किए गए शब्द हैं।
- "कार्य" शब्द का सन्दर्भ परिश्रम या कोई कार्य जो अन्य लोगो के लिए किया गया हो।
- परमेश्वर के “काम” और “उसके हाथों के काम” उन सब बातों के संदर्भ में हैं जो परमेश्वर ने किए और करता है, जिससे जगत की सृष्टि, पापियों का उद्धार, पूरी सृष्टि की आवश्यकता प्रदान करना तथा संपूर्ण ब्रह्माण्ड को यथा स्थान स्थिर रखना। “कर्म एवं कृत्य” परमेश्वर के चमत्कारों के संदर्भ में प्रयोग करने के लिए भी किया गया है। जैसे की “सामर्थी कृत्य” या “आश्चर्यकर्म”।
- मनुष्य के कर्म अच्छे और बुरे हो सकते हैं।
- पवित्र आत्मा विश्वासियों को भले काम करने का सामर्थ्य प्रदान करती है जिन्हें “अच्छा फल” कहते हैं।
- मनुष्य भले कामों से नहीं यीशु में विश्वास के द्वारा उद्धार पाता है।
- मनुष्य का “कार्य” उसके जीविकोपार्जन या परमेश्वर की सेवा के लिए किए गए काम हो सकते है। बाइबल में परमेश्वर के लिए कहा गया है कि वह “काम करता” है।
अनुवाद के सुझाव
- “काम” और “कर्म” को “क्रिया” या “किए गए कार्य” में भी अनुवाद कर सकते हैं।
- परमेश्वर के “कार्यों” या “कामों” और "उसके हाथों के काम" का अनुवाद, “चमत्कार” या सामर्थी कार्य” या “उसके आश्चर्यकर्म” हो सकता है।
- “परमेश्वर के कार्य” अभिव्यक्ति का अनुवाद “जो काम परमेश्वर कर रहा है” या "जो आश्चर्यकर्म परमेश्वर करता है" या “परमेश्वर जो अद्भुत काम करता है” या “सब कुछ जो परमेश्वर ने किया है” के रूप में हो सकता है।
- “कार्यों” का एक वचन “कार्य” है जैसे “हर एक अच्छा कार्य” या “हर एक अच्छा काम”
- “कार्य” का व्यापक अर्थ “सेवा” या “मसीही सेवा भी होता है”। उदाहरणार्थ, प्रभु में तेरी सेवा” का अनुवाद हो सकता है “तू प्रभु के लिए जो काम करता है”
- “अपने कामों को जांचों” अभिव्यक्ति का अनुवाद “सुनिश्चित करो कि तुम जो कर रहे हो वह परमेश्वर की इच्छा है” या “सुनिश्चित करो कि तुम जो करते हो उससे परमेश्वर प्रसन्न है”।
- “पवित्र आत्मा के काम” इसका अनुवाद “पवित्र आत्मा का सामर्थ्य” या “पवित्र आत्मा की सेवा का कार्य” या “पवित्र आत्मा जो काम करता है”
(यह भी देखें: फल, पवित्र आत्मा, चमत्कार)
बाइबल संदर्भ:
- 1 यूहन्ना 03:11-12
- प्रे.का. 02:8-11
- दानिय्येल 04:36-37
- निर्गमन 34:10-11
- गलातियों 02:15-16
- याकूब 02:14-17
- मत्ती 16:27-28
- मीका 02:6-8
- रोमियो 03:27-28
- तीतुस 03:4-5
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4566, H4567, H4611, H4659, H5949, G2041
कालेब
तथ्य:
कालेब उन बारह इस्राएली भेदियों में से एक था जिन्हें मूसा ने कनान की जानकारी लेने के लिए भेजा था।
उसने और यहोशू ने इस्राएलियों को प्रोत्साहित किया था कि वे परमेश्वर पर भरोसा रखें वह उन्हें कनान पर विजय दिलाएगा।
- यहोशू और कालेब उस पीढ़ी के दो ही जन थे जिन्हें प्रतिज्ञा के देश, कनान में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई थी।
- कालेब ने निवेदन किया था कि उसे और उसके परिवार को हेब्रोन दिया जाए। उसे विश्वास था कि परमेश्वर उसे वहां के लोगों को पराजित करने में उसकी सहायता करेगा।
(यह भी देखें: हेब्रोन, यहोशू)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 04:13-16
- यहोशू 14:6-7
- न्यायियों 01:11-13
- गिनती 32:10-12
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- __14:04__जब इस्राएली कनान की सीमा पर पहुँचे, तब मूसा ने बारह पुरषों को चुना इस्राएल के हर गोत्र में से उसने उन पुरषों को आदेश दिया कि जाओ और भूमि का पता लगाओ कि वह कैसी दिखती है ।
- 14:06 तुरन्त ही कालेब और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सही है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा।"
- 14:08 “उनमे से कालिब और यहोशू को छोड़ जितने बीस वर्ष के या उससे अधिक आयु के जितने गिने गए थे ,वह मर जाएगे और कभी प्रतिज्ञा के देश में प्रवेश नहीं करेंगे।"
ताकि वे उस देश में शांति से जी सकें।
शब्द तथ्य:
कुँवारी, कुमारियों, कौमार्य
परिभाषा:
कुँवारी, वह स्त्री होती है जिसने किसी पुरुष के साथ शारीरिक संबन्ध नहीं बनाए हैं।
- भविष्यद्वक्ता यशायाह ने कहा था कि मसीह एक कुँवारी से जन्म लेगा।
- मरियम यीशु को गर्भ में धारण करके भी कुँवारी थी। उसका सांसारिक पिता नहीं था।
- कुछ भाषाओं में इस शब्द के लिए एक शिष्ट शब्द हो सकता है।
(यह भी देखें: मसीह, यशायाह, यीशु, मरियम)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 24:15-16
- लूका 01:27
- लूका 01:35
- मत्ती 0123
- मत्ती 25:02
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 21:09 यशायाह भविष्यद्वक्ता ने भविष्यवाणी की थी , कि एक कुँवारी से मसीह का जन्म होगा।
- 22:04__वह (मरियम) एक __कुँवारी थी जिसकी मंगनी यूसुफ नामक पुरुष के साथ हुई थी |
- 22:05 मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह कैसे होगा, मैं तो एक कुँवारी हूँ?”
- 49:01 एक दूत ने मरियम नाम की एक कुंवारी से कहा कि वह परमेश्वर के पुत्र को जन्म देगी | अतः जबकि वह एक कुँवारी ही थी, तो उसने एक पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम यीशु रखा |
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H1330, H1331, H5959, G3932, G3933
कुल, कुलों
परिभाषा:
“कुल” एक ही पूर्वज के वंशजों का विस्तृत परिवार होता है।
- पुराने नियम में इस्राएलियों को उनके कुल या पारिवारिक समुदाय के अनुसार गिना जाता था।
- कुल का नाम सर्वाधिक चिर-परिचित पूर्वज के नाम पर होता था।
- कभी-कभी मनुष्य को उसके कुल के नाम से भी पुकारा जाता था। इसका एक उदाहरण है मूसा का ससुर यित्रो कभी-कभी रूएल नाम से भी बुलाया जाता है जो उसके गोत्र का नाम था।
कुल शब्द का अनुवाद “पारिवारिक समूह” या “विस्तृत परिवार” या “परिजन” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: परिवार, यित्रो, गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 06:33-35
- उत्पत्ति 10:2-5
- उत्पत्ति 36:15-16
- उत्पत्ति 36:29-30
- उत्पत्ति 36:40-43
- यहोशू 15:20
- गिनती 03:38-39
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1, H441, H1004, H4940
कूश, कूशी
तथ्य:
कूश अफ्रीका का एक देश है जो मिस्र के ठीक दक्षिण में है जिसके पश्चिम में नील नदी और पूर्व में लाल सागर है। कूश का निवासी “कूशी” कहलाता है।
- प्राचीन कूश मिस्र के दक्षिण में था और उसकी सीमाओं में आज के अनेक अफ्रीकी देशों को जैसे सूडान, वर्तमान कूश, सोमालिया, केन्या, यूगांडा, केन्द्रिय अफ्रीका गणराज्य तथा चाड हैं।
- बाइबल में कूश को “कूश” देश या “नूबिया” भी कहा गया है।
- इथोपिया (कूश) और मिस्र देशों का उल्लेख बाइबल में प्रायः एक साथ किया गया है, संभवतः इसलिए कि वे पड़ोसी देश थे और उनके पूर्वज संभवतः एक ही थे।
- परमेश्वर ने प्रचारक फिलिप्पुस को रेगिस्तान में भेजा कि वह इथोपिया के खोजे को यीशु का शुभ सन्देश सुनाए।
(यह भी देखें: कूश, मिस्र, खोजे, फिलिप्पुस)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 08:27
- प्रे.का. 08:30
- प्रे.का. 08:32-33
- प्रे.का. 08:36-38
- यशायाह 18:1-2
- नहूम 03:8-09
- सपन्याह 03:9-11
शब्द तथ्य:
कूश
तथ्य:
कूश नहू के पुत्र, हाम का बड़ा पुत्र था। वह निम्रोद का पूर्वज था। उसके दो भाइयों के नाम मिस्र और कनान थे।
- पुराने नियम के युग में इस्राएल के दक्षिण में एक विशाल क्षेत्र का नाम कूश था। संभव है कि उस स्थान का नाम हाम के पुत्र कुश के नाम पर पड़ा था।
- कूश का प्राचीन क्षेत्र अलग-अलग समयों में आज के सूडान, मिस्र, इथोपिया और संभवतः सऊदी अरब का देश थे।
- एक और पुरुष का नाम कूश हुआ है जिसका उल्लेख भजनों में किया गया है। वह एक बिन्यामीनी था।
(यह भी देखें: अरब, कनान, मिस्र, कूश)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 01:8-10
- यहेजकेल 29:8-10
- उत्पत्ति 02:13-14
- उत्पत्ति 10:6-7
- यिर्मयाह 13:22-24
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3568, H3569, H3570
के समान, एक मन, सदृश करना, समानता, समता, वैसे ही, इसी प्रकार, बराबर, से अलग
परिभाषा:
“के समान” या “समानता” का अर्थ है कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु के स्वरूप हो।
- “के समान” जब उसे "उपमा" स्वरूप भी काम में लिया जाता है जिसमें गुणों को उजागर करते हुए किसी की तुलना किसी और से की जाती है। उदाहरणार्थ, “उसके वस्त्र सूर्य की नाई चमकने लगे” और “उसकी वाणी गर्जन की सी थी”
- “के स्वरूप होना” या “के सदृश्य सुनाई देना” या “समानता में होना” का अर्थ है जिससे तुलना की जा रही है उसके लक्षण उसमें होना।
- मनुष्य परमेश्वर के “स्वरूप” में सृजा गया था अर्थात उसकी “प्रतिरूप” में। इसका अर्थ है कि मनुष्य परमेश्वर के गुणों की "समानता" या "स्वरूप में" है जैसे सोचने की क्षमता, अनुभूति तथा विचारों का आदान-प्रदान करना।
- किसी वस्तु या मनुष्य की “समानान्तर में होना” अर्थात उस वस्तु या मनुष्य के गुण होना।
अनुवाद के सुझाव
- कुछ संदर्भों में यह उक्ति “की समानता” का अनुवाद “जैसा दिखता है” या “जैसा प्रतीत होता है”।
- “उसकी मृत्यु की समानता में” इस उक्ति का अनुवाद “उसकी मृत्यु के अनुभव को बांटना” या “जैसे कि उसके साथ मृत्यु का अनुभव करना”।
- “पापी देह की समानता में” का अनुवाद हो सकता है, “पापी मनुष्य के सदृश्य होना” या “मनुष्य होना”। सुनिश्चित करें कि इस उक्ति का अनुवाद यह न दर्शाए कि यीशु पापी था।
- “उसकी समानता में” का अनुवाद हो सकता है, “उसके स्वरूप होना” या “उसके जैसे अनेक गुण होना”।
- “नाशवान मनुष्य या पशुओं जैसे पक्षियों चौपायों और रेंगनेवाले जन्तुओं की समानता में” का अनुवाद हो सकता है “नाशवान मनुष्यों या पशुओं जैसे पक्षियों चौपायों तथा छोटे-छोटे रेंगनेवाले जन्तुओं के रूप में बनाई गई मूर्तियां”
(यह भी देखें: पशु, माँस, परमेश्वर का प्रतिरूप, मूरत, नाश होना)
बाइबल सन्दर्भ:
- यहेजकेल 01:05
- मरकुस 08:24
- मत्ती 17:02
- मत्ती 18:03
- भजन संहिता 073:05
- प्रकाशितवाक्य 01:12-13
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H1823, H8403, H8544, G1503, G1504, G2509, G2531, G2596, G3664, G3665, G3666, G3667, G3668, G3669, G3697, G4833, G5108, G5613, G5615, G5616, G5618, G5619
केदेश
तथ्य:
केदेश एक कनानी नगर था जिसे कनान प्रवेश के समय इस्राएलियों ने जीत लिया था।
- ये शहर इस्राएल के उत्तरी क्षेत्र में स्थापित था, उस भू भाग में जो नप्ताली के गोत्र को दिया गया था।
- केदेश शहर उन चुनिन्दा जगहों में से एक था जहां लेवीय याजक रहे थे, क्योंकि उनके पास उनकी अपनी कोई भूमि नहीं थी।
- इस जगह को "शरण का शहर" के रूप में अलग रखा गया था।
(यह भी देखें: कनान, हेब्रोन, लेवी, नप्ताली, याजक, शरण, शेकेम, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 06:71-73
- यहोशू 19:35-37
- न्यायियों 04:10
शब्द तथ्य:
क्रोध, रोष
परिभाषा:
प्रकोप एक प्रबल क्रोधावस्था है जो कभी-कभी दीर्घकालीन होता है। यह विशेष करके परमेश्वर से विद्रोह करने वालों के पाप के लिए परमेश्वर के धर्मनिष्ठ न्याय और दण्ड के संदर्भ में आता है।
- बाइबल में “प्रकोप” शब्द प्रायः परमेश्वर के विरूद्ध पाप करनेवालों के विरूद्ध परमेश्वर के क्रोध का संदर्भ देता है।
- “परमेश्वर का क्रोध” उसके न्याय और पाप के दण्ड का संदर्भ देता है।
- परमेश्वर का प्रकोप पाप से न फिराने वाला के लिए धार्मिकता का दण्ड है।
अनुवाद के सुझाव:
- अनुवाद के अनुसार, इस शब्द के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं “भयानक क्रोध” या “धर्मनिष्ठ न्याय” या “क्रोध”
- परमेश्वर के प्रकोप के बारे में चर्चा करते समय सुनिश्चित करें कि इसका अनुवाद पाप के कारण उत्पन्न क्रोधावेश का दौरा के अर्थ में न हो। परमेश्वर का क्रोध न्याय सम्मत एवं पवित्र होता है।
(यह भी देखें: न्यायी, पाप)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 01:8-10
- 1 तीमुथियुस 02:8-10
- लूका 03:7
- लूका 21:23-24
- मत्ती 03:7-9
- प्रकाशितवाक्य 14:9-10
- रोमियो 01:18-19
- रोमियो 05:8-9
शब्द तथ्य:
- Strong's: H639, H2197, H2528, H2534, H2740, H3707, H3708, H5678, H7107, H7109, H7110, H7265, H7267, G2372, G3709, G3949, G3950
क्रोध, क्रोधित हुआ, क्रोधित
परिभाषा:
“क्रोधित होना” या “क्रोध में आना” अर्थात किसी बात के बारे में किसी पर अत्यधिक अप्रसन्न होना, खीजना या नाराज़ होना।
- जब लोग क्रोधित हो जाते हैं, तो वे अक्सर पापी और स्वार्थी होते हैं, परन्तु कभी-कभी वे अन्याय या अत्याचार के विरूद्ध न्यायोचित क्रोध भी करते हैं।
- परमेश्वर का क्रोध (जो प्रकोप भी कहलाता है) पाप के विरूद्ध उसकी घोर अप्रसन्नता को व्यक्त करता है।
- “क्रोध दिलाना” अर्थात “क्रोधित होने का कारण होना”।
(यह भी देखें: क्रोध)
बाइबल संदर्भ:
- इफिसियों 04:25-27
- निर्गमन 32:9-11
- यशायाह 57:16-17
- यूहन्ना 06:52-53
- मरकुस10:13-14
- मत्ती 26:6-9
- भजन संहिता 018:7-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H599, H639, H1149, H2152, H2194, H2195, H2198, H2534, H2734, H2787, H3179, H3707, H3708, H3824, H4751, H4843, H5674, H5678, H6225, H7107, H7110, H7266, H7307, G23, G1758, G2371, G2372, G3164, G3709, G3710, G3711, G3947, G3949, G5520
क्रोध, क्रोधित, भड़का, क्रोध भड़काता +
तथ्य:
“क्रोध” अर्थात नियंत्रण से परे प्रकोप करना। यह शब्द किसी कुपित मनुष्य का सन्दर्भ देता है जो किसी प्रकार नियंत्रण से परे है।
- क्रिया रूप में इस शब्द, "क्रोध" का उपयोग प्रबल भावना का अभिप्राय रखता है जैसे "प्रचंड" वायु या "उफनती" हुई समुद्र की लहरें।
- क्रोध से भर जाना" का अर्थ होता है, भयानक क्रोध की भावना से अभिभूत हो जाना।
(यह भी देखें: क्रोध, संयम)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 04:25
- दानिय्येल 03:13
- लूका 04:28
- गिनती 25:11
- नीतिवचन 19:03
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H398, H1348, H1984, H1993, H2121, H2195, H2196, H2197, H2534, H2734, H2740, H3491, H3820, H5590, H5678, H7264, H7265, H7266, H7267, H7283, H7857, G1693, G2830, G3710, G5433
खजूर, हथेलियों
परिभाषा:
“खजूर”, लम्बा वृक्ष जिसके पत्ते और डालियां तन्मयशील होती हैं और पंखे के सदृश्य दिखाई देती हैं।
- बाइबल में जिस खजूर के पेड़ का उल्लेख किया गया है जिसके फलों को “खजूर” कहते हैं। उसकी पत्तियां पक्षी के पंख जैसी होती हैं।
- खजूर का वृक्ष गर्म नम जलवायु में उगता है। उसकी पत्तियां पुरे वर्ष हरी रहती हैं।
- जब यीशु गधे पर सवार होकर यरूशलेम प्रवेश कर रहा था तब लोगों ने उनके सामने मार्ग में खजूर की डालियां बिछा दी थी।
- खजूर की डालियां शान्ति और विजय का प्रतीक हैं।
(यह भी देखें: गदहा, यरूशलेम, शान्ति)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 06:29-30
- यहेजकेल 40:14-16
- यूहन्ना 12:12-13
- गिनती 33:8-10
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3712, H8558, H8560, H8561, G5404
खतनारहित, खतनाहीन
परिभाषा:
“खतनारहित” और “खतनाहीन” पुरुषों के संदर्भ में है जिनका शारीरिक खतना नहीं हुआ है। इन शब्दों का उपयोग प्रतीकात्मक भी है।
- मिस्र एक ऐसा देश था जिसे खतना करवाने की आवश्यकता थी। अतः जब परमेश्वर कहता है कि मिस्र खतनारहितों द्वारा पराजित होगा तब वह उस जाति के लिए कह रहा है जिन्हें मिस्र खतना नहीं करवाने के लिए तुच्छ समझता था।
- बाइबल “खतनारहित मन” के मनुष्यों की चर्चा करती है या “जिनके मन का खतना” नहीं हुआ है। यह एक प्रतीकात्मक रूप है कि वे लोग परमेश्वर के लोग नहीं है और वे अवज्ञा में हठीले हैं।
अनुवाद के सुझाव:
- यदि लक्षित भाषा में खतना शब्द परिचित है तो “खतनारहित” का अनुवाद किया जा सकता है, “जिनका खतना नहीं हुआ है”।
- “खतनारहित” का अनुवाद हो सकता है, “जिन मनुष्यों का खतना नहीं हुआ है” या “वे जो परमेश्वर के लोग नहीं है” परन्तु प्रकरण पर आधारित रहें।
- इस शब्द के प्रतीकात्मक अर्थों के अन्य अनुवाद रूप हैं, “परमेश्वर के लोग नहीं” या “उन लोगों के सदृश्य विद्रोही जो परमेश्वर के नहीं” या “वे जिनमें परमेश्वर के होने का कोई लक्षण नहीं है”
- “हृदय का खतना” इसका अनुवाद हो सकता है, “हठीले विद्रोही” या “विश्वास से इन्कार करनेवाले”। तथापि, यदि संभव हो इसी उक्ति को काम में लें या ऐसी ही किसी उक्ति को काम में लें क्योंकि आत्मिक खतना एक महत्वपूर्ण विषय है।
(यह भी देखें: अब्राहम, खतना करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 शमूएल 01:17-20
- प्रे.का. 11:1-3
- कुलुस्सियों 02:13-15
- इफिसियों 02:11-12
- निर्गमन 12:47-48
- यहेजकेल 32:24-25
- यिर्मयाह 09:25-26
- न्यायियों 15:17-18
- लैव्यव्यवस्था 26:40-42
- रोमियो 02:25-27
शब्द तथ्य:
- Strong's: H6188, H6189, H6190, G203, G564
खराई
परिभाषा:
“मन की खराई” का संदर्भ सत्यनिष्ठा और दृढ़ नैतिक सिद्धान्तों एवं आचरण से है।
- खराई का अर्थ यह भी है कि जब कोई देख न रहा हो तब भी सच्चाई और उचित काम करना।
- बाइबल के कुछ पात्र जैसे यूसुफ एवं दानिय्येल ने मन की खराई का प्रदर्शन किया था जब उन्होंने बुराई करने का परित्याग और परमेश्वर की आज्ञा मानने का निर्णय लिया था।
- नीतिवचन की पुस्तक में लिखा है कि धनवान और भ्रष्ट या अनिष्ठ होने की अपेक्षा खरा एवं दरिद्र होना उत्तम है।
अनुवाद सुझाव
- “खराई” का अनुवाद, “सत्यनिष्ठा” या “नैतिक औचित्य” या “सत्यवादी व्यवहार” या “विश्वासयोग्य, ईमानदारी से काम करना” किया जा सकता है ।
(यह भी देखें: दानिय्येल, यूसुफ (पुराना नियम))
बाइबल संदर्भ:
- 1 राजा 09:4-5
- अय्यूब 02:3
- अय्यूब 04:4-6
- नीतिवचन 10:8-9
- भजन संहिता 026:1-3
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3476, H6664, H6666, H8535, H8537, H8538, H8549, G4587
खुर, खुरों, टापों
तथ्य:
ये शब्द कुछ पशुओं के पाँवों के नीचे की कठोर सतह के बारे में हैं जैसे ऊँट, मवेशी, हिरण, घोड़ा, गधा, सूअर, बैल, भेड़ और बकरी।
- खुर पशु के चलने में उसके पांवों का सुरक्षा कवच होते हैं।
- कुछ पशुओं के खुर दो भागों में बटें होते हैं और कुछ के नहीं होते।
- परमेश्वर ने इस्राएलियों को निर्देश दिया था कि जिन पशुओं के खुर विभाजित हों और जो जुगाली करते हैं उनका माँस खाने के लिए शुद्ध है। इसमें मवेशी, भेड़, हिरण और बैल हैं।
(यह भी देखें: ऊँट, गाय, गदहा, बकरा, गाय, सूअर, भेड़)
बाइबल सन्दर्भ:
- व्यवस्थाविवरण 14:6-7
- यहेजकेल 26:9-11
- लैव्यव्यवस्था 11:3-4
- भजन संहिता 069:30-31
शब्द तथ्य:
- Strong's: H6119, H6471, H6536, H6541, H7272
गड्ढा, गड्ढे, फंदों
परिभाषा:
गड्ढा भूमि में खोदा गया गड्ढा होता है।
- भूमि में गड्ढा खोदने के दो कारण मुख्य थे, पशुओं को फंसाना या पानी निकालना।
- गड्ढा बन्दी को रखने का अस्थाई स्थान भी होता है।
- कभी-कभी “गड्ढा” शब्द कब्र या नरक के लिए भी काम में लिया गया है। कभी-कभी इसका संदर्भ “अथाह-कुंड” से भी है।
- बहुत गहरे गड्ढे को “हौज” भी कहा गया है।
- “गड्ढा” शब्द उक्तियों में भी काम आया है जैसे “विनाश का गर्त” जिसका अर्थ है विनाशकारी परिस्थिति में फंसना या पापी विनाशक अभ्यासों में पड़ जाना।
(यह भी देखें: अथाह कुण्ड, नरक, बन्दीगृह)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 37:21-22
- अय्यूब 33:16-18
- लूका 06:39-40
- नीतिवचन 01:12-14
शब्द तथ्य:
- Strong's: H875, H953, H1356, H1360, H1475, H2352, H4087, H4113, H4379, H6354, H7585, H7745, H7816, H7825, H7845, H7882, G12, G999, G5421
गत, गतवासी, गती
तथ्य:
गत पलिश्तियों के पांच प्रमुख नगरों में से एक था। उसकी भौगोलिक स्थिति एक्रोन के उत्तर में और अश्दोद एवं अश्कलोन के पूर्व में थी।
- पलिश्ती योद्धा गोलियत गत नगर का निवासी था।
- शमूएल के युग में पलिश्तियों ने इस्राएल से वाचा का सन्दूक ले लिया था और उसे अश्दोद में अपने मन्दिर में रख दिया था। उसके बाद वे उसे गत नगर ले गए और बाद में एक्रोन। परन्तु परमेश्वर ने वहां के निवासियों को रोगग्रस्त किया तो उन्होंने वाचा का सन्दूक पुनः इस्राएल भेज दिया था।
- राजा शाऊल से बचकर भागते समय दाऊद गत चला गया था और कुछ समय वहां रहा, उसके साथ उसकी दो पत्नियां और उसके स्वामीभक्त छः सौ पुरुष थे।
(यह भी देखें: अश्दोद, अश्कलोन, एक्रोन, गाज़ा, गोलियत, पलिश्तियों)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 02:39-40
- 1 शमूएल 05:8-9
- 2 इतिहास 26:6-8
- यहोशू 11:21-22
शब्द तथ्य:
गदहा, खच्चर
परिभाषा:
गदहा एक घोड़े जैसा चौपाया है जिसका कद घोड़े से कम होता है और कान अधिक लंबे होते हैं।
- खच्चर घोड़ी और गदहे का बच्चा होता है वह नपुंसक होता है।
- खच्चर शक्तिशाली पशु है इसलिए उसे अधिक काम का माना जाता है।
- खच्चर और गदहा मनुष्य और माल दोनों की सवारी में काम में आता है।
- बाइबल के युग में राजा शान्ति के साथ गदहे की सवारी करते थे, न कि घोड़े की क्योंकि घोड़ा युद्ध में काम आता था।
- यीशु अपने क्रूसीकरण से एक सप्ताह पूर्व युवा गदहे पर बैठकर यरूशलेम में आया था।
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 01:32-34
- 1 शमूएल 09:3-4
- 2 राजा 04:21-22
- व्यवस्थाविवरण 05:12-14
- लूका 13:15-16
- मत्ती. 21:1-3
शब्द तथ्य:
- Strong's: H860, H2543, H3222, H5895, H6167, H6501, H6505, H6506, H7409, G3678, G3688, G5268
गर्भ
परिभाषा:
“गर्भ” अर्थात स्त्री के शरीर में भ्रूण विकास का अंग।
- यह एक पुराना शब्द है जिसका उपयोग शिष्टता एवं सीधी भाषा के लिए किया गया है।
- “गर्भ” का आधुनिक शब्द है “गर्भाशय”।
- कुछ भाषाओं में गर्भ या गर्भाशय के स्थान में “पेट” शब्द काम में लिया जाता है।
- लक्षित भाषा में प्रचलित एवं स्वाभाविक तथा स्वीकार्य शब्द का उपयोग करे।
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 25:23
- उत्पत्ति 25:24-26
- उत्पत्ति 38:27-28
- उत्पत्ति 49:25
- लूका 02:21
- लूका 11:27-28
- लूका 23:29-31
- मत्ती 19:10-12
शब्द तथ्य:
- Strong's: H990, H4578, H7356, H7358, G1064, G2836, G3388
गाय, बैल, बछड़ा, पशुओं, बछिया, बैल
परिभाषा:
"गाय," "बैल," कोलोर," और “पशुओं” आदि सब शब्दों का संदर्भ एक बड़े चार टांग वाले पशुओं से है जो घास खाते हैं और मांस एवं दूध के लिए पाले जाते हैं.
- ऐसे पशु की मादा को गाय कहते हैं और नर को बैल और उसके बच्चे को बछड़ा कहते हैं.
- बाइबल में, मवेशी "शुद्ध"पशुओं में गिने जाते थे इनको मनुष्य खा सकता था और बलिओं के लिए काम में ले सकता था. वे मुख्य रूप से मांस और दूध के लिए थे।
- "कलोर" वह गाय होती थी जिसने बच्चा न दिया हो.
- “बैल” एक चौपाया पशु है जिसे खेती के काम के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. इस शब्द का बहुवचन है “बैलों.” बैलों नर हैं जिनका बधियाकरण किया गया है.
- संपूर्ण बाइबल में बैलों को जूए में जुता हुआ दर्शाया गया है कि बैलगाड़ी खींचे या हल चलाएं.
- जूए में जुते हुए बैल बाइबल में एक ऐसी सामान्य बात थी कि “जूए में जुतना” कठोर परिश्रम या श्रम की उपमा हो गया.
- सांड भी नर चौपाया है परन्तु उसका बधियाकरण नहीं किया जाता है और न ही काम कराने का उसको प्रशिक्षण दिया जाता था.
(यह भी देखें: जूआ)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 15:9-11
- निर्गमन 24:5-6
- गिनती 19:1-2
- व्यवस्थाविवरण 21:3-4
- 1 शमूएल 01:24-25
- 1 शमूएल 15:03
- 1 शमूएल 16:2-3
- 1 राजा 01:09
- 2 इतिहास 11:15
- 2 इतिहास 15:10-11
- मत्ती 22:4
- लूका 13:15
- लूका 14:05
- इब्रानियों 09:13
शब्द तथ्य:
- Strong’s: H47, H441, H504, H929, H1165, H1241, H1241, H1241, H4399, H4735, H4806, H5695, H5697, H5697, H6499, H6499, H6510, H6510, H6629, H7214, H7716, H7794, H7794, H7921, H8377, H8377, H8450, H8450, G1016, G1151, G2353, G2934, G3447, G3448, G4165, G5022, G5022
गाज़ा
तथ्य:
बाइबल के युग में गाज़ा एक समृद्ध पलिश्ती नगर था, भूमध्य-सागर के तट पर, अश्दोद से लगभग 38 किलोमीटर दक्षिण में। यह नगर पलिश्तियों के पांच प्रमुख नगरों में से एक था।
- भौगोलिक स्थिति के कारण गाज़ा एक मुख्य बन्दरगाह था, जहां अनेक जातियों एवं देशों के मध्य व्यापार किया जाता था।
- आज भी गाज़ा नगर गाज़ा पट्टी का एक महत्त्वपूर्ण बन्दरगाह है वह भूमध्यसागर के तट पर और उत्तर तथा पूर्व में इस्राएल की सीमा तथा दक्षिण में मिस्र से घिरा हुआ है।
- पलिश्ती शिमशोन को बन्दी बनाने के बाद गाज़ा ले गए थे।
- प्रचारक फिलिप्पुस गाज़ा जाने वाले रेगिस्तानी मार्ग पर चल रहा था जब उसकी भेंट कूश के खोजे से हुई थी।
(यह भी देखें: अश्दोद, फिलिप्पुस, पलिश्तियों, कूश, गत)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 04:24-25
- प्रे.का. 08:26-28
- उत्पत्ति 10:19-20
- यहोशू 10:40-41
- न्यायियों 06:3-4
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5804, H5841, G1048
गिदोन
तथ्य:
गिदोन एक इस्राएली पुरुष था, परमेश्वर ने उसे इस्राएल के शत्रुओं से बचाने के लिए खड़ा किया था।
- गिदोन के समय मिद्यानी जाति के लोग इस्राएलियों पर आक्रमण करके उनकी फसलों को नष्ट कर देते थे।
- यद्यपि गिदोन डर रहा था, परमेश्वर ने उसे मिद्यानियों के विरूद्ध युद्ध करने के लिए इस्राएलियों की अगुआई के काम में लिया था और अन्ततः उन्हें हराया।
- गिदोन ने परमेश्वर की आज्ञा मानकर बाल और अशेरा की वेदियां नष्ट कर दी थीं।
- उसने शत्रुओं को हराने में ही इस्राएल की अगुआई नहीं की थी, उसने उन्हें एकमात्र सच्चे परमेश्वर यहोवा की आराधना करने के लिए भी इस्राएल को प्रोत्साहित किया था।
(यह भी देखें: बाल, अशेरा, छुड़ाना, मिद्यान, यहोवा)
बाइबल सन्दर्भ:
- इब्रानियों 11:32-34
- न्यायियों 06:11-12
- न्यायियों 06:22-24
- न्यायियों 08:15-17
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 16:05 यहोवा का दूत गिदोन के पास आया और कहा, “परमेश्वर तेरे संग है, शक्ति शाली योद्धा। इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ा।”
- 16:06 गिदोन के पिता के पास मूर्ति को समर्पित एक वेदी थी। परमेश्वर ने गिदोन से उस वेदी को नीचे गिराने के लिए कहा।
- 16:08 वहाँ पर वह(मिद्यानी) बहुत थे, उन्हें गिना नहीं जा सकता था। गिदोन ने उन सब इस्राएलियों को एकत्र किया उनसे लड़ने के लिए।
- 16:08 गिदोन ने उन सब इस्राएलियों को एकत्र किया उनसे लड़ने के लिए। परमेश्वर इस्राएलियों को बचाने के लिए गिदोन का प्रयोग करना चाहता है, इसके लिए उसने परमेश्वर से दो चिह्न पूछे।
- 16:10 32,000 इस्राएली गिदोन के पास आए, परन्तु परमेश्वर ने कहा कि यह बहुत अधिक है।
- 16:12 और गिदोन ने इस्राएलियों की छावनी में लौटकर एक एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ो के भीतर एक मशाल थी।
- 16:15 तब इस्राएल के पुरुषों ने गिदोन से कहा कि तू हम पर प्रभुता कर
- 16:16 तब गिदोन ने उस सोने से एक विशेष वस्त्र बनवा लिए जो मिद्यानियों के राजा पहनते थे। परन्तु लोगों ने उसकी आराधना करना आरम्भ कर दिया, जैसे कि वह कोई मूर्ति है।
शब्द तथ्य:
गिबा
तथ्य:
गिबा यरूशलेम के उत्तर में और बेतेल के दक्षिण में एक नगर का नाम था।
- गिबा नगर बिन्यामीन गोत्र के क्षेत्र में था।
- बिन्यामीन और इस्राएल के मध्य यह एक युद्ध क्षेत्र भी रहा है।
(यह भी देखें: बिन्यामीन, बेतेल, यरूशलेम)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 10:26-27
- 2 शमूएल 21:5-6
- होशे 09:8-9
- न्यायियों 19:12-13
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1387, H1389, H1390, H1394
गिलगाल
तथ्य:
गिलगाल यरीहो के उत्तर में एक नगर था जहां इस्राएलियों ने यरदन नदी पार करने के बाद सबसे पहली छावनी डाली थी, कनान में।
- गिलगाल में यहोशू ने यरदन नदी के सूखे तल से, जहां से उन्होंने चलकर नदी पार की थी, बारह पत्थर लेकर खड़े किए थे।
- गिलगाल नगर से एलिय्याह और एलीशा ने प्रस्थान किया था, जब यरदन नदी पार करने के बाद एलिय्याह को उठा लिया गया था।
- पुराने नियम में “गिलगाल” नाम के अनेक अन्य स्थान भी थे।
- “गिलगाल” शब्द का अर्थ है, “पत्थरों का गोला” संभवतः यह नाम उस स्थान के संदर्भ में है जहां गोल वेदी बनाई गई थी।
- पुराने नियम में यह नाम लगभग सदैव ही “गिलगाल” कहलाया है। इससे यह संकेत मिलता है कि यह एक निश्चित स्थान का नाम नहीं था वरन् एक स्थान का वर्णन था।
(यह भी देखें: एलिय्याह, , एलीशा, यरीहो, यरदन नदी)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 07:15-17
- 2 राजा 02:1-2
- होशे 04:15-16
- न्यायियों 02:1-2
शब्द तथ्य:
गिलाद, गिलादी, गिलादियों
परिभाषा:
-
गिलाद यरदन नदी के पूर्व में एक पर्वतीय प्रदेश है जहां इस्राएली गोत्र गाद, रूबेन, मनश्शे वास करने लगे थे।
-
इस क्षेत्र को “गिलाद का पहाड़ी प्रदेश” या “गिलाद पर्वत” भी कहा गया है।
- “गिलाद” पुराने नियम में अनेक पुरुषों का नाम भी था। उनमें से एक मनश्शे का पोता भी था। एक और पुरुष जिसका नाम गिलाद था, वह यिप्तह का पिता था।
(यह भी देखें: गाद, यिप्तह, मनश्शे, रूबेन, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 02:21-22
- 1 शमूएल 11:1-2
- आमोस 01:3-4
- व्यवस्थाविवरण 02:36-37
- उत्पत्ति 31:19-21
- उत्पत्ति 37:25-26
शब्द तथ्य:
गुम्मट, पहरे की मिनारों, गुम्मट
परिभाषा:
“गुम्मट” एक ऊँची रचना जहाँ से सुरक्षाकर्मी किसी आने वाले संकट पर दृष्टि रख सकते थे। ये गुम्मट पत्थरों के बने होते थे।
- जमींदार भी कभी-कभी गुम्मट बनाते थे कि वहाँ से अपनी फसल की चौकीदारी करें और चोरी होने से उसे बचाएं।
- गुम्मटों में कमरे भी होते थे कि चौकीदार या उसका परिवार वहाँ रहे जिससे कि दिन रात फसल की चौकसी की जा सके।
- नगर के गुम्मट शहरपनाह से ऊँचे बनाए जाते थे कि पहरूए किसी शत्रु की सेना को आते हुए देख पाएं।
- गुम्मट शत्रु से रक्षा का प्रतीक था।
(यह भी देखें: विरोधी, चौकस)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 27:25-27
- यहेजकेल 26:3-4
- मरकुस 12:1-3
- मत्ती 21:33-34
- भजन संहिता 062:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H803, H969, H971, H975, H1785, H2918, H4024, H4026, H4029, H4692, H4707, H4869, H6076, H6438, H6836, H6844, G4444
गेहूँ
परिभाषा:
गेहूँ एक प्रकार का अन्न है जो मनुष्य भोजन के लिए उगाते है। जब बाइबल "अनाज" या "बीज" का उल्लेख करती है, तो यह अक्सर गेहूँ के अनाज या बीज के बारे में बात करती है।
- गेहूँ के पौधों के दाने (अन्न) ऊपर के भाग में लगता है।
- कटनी के बाद गेहूँ के दाने को खलिहान से निकाला जाता है। * गेहूँ के पौधों को धरती पर रखा जाता था कि उस पर मवेशी सोएं।
- खलिहान के बाद, अनाज बीज के आसपास के भूसे सूप द्वारा अनाज से अलग किए जाते है और फेंक दी जाती है।
- गेहूँ को पीस कर आटा तैयार किया जाता है जिससे रोटियाँ बनाई जाती हैं।
(यह भी देखें: जौ, भूसी, अन्न, बीज, दाँवना, फटकना)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 27:36-38
- निर्गमन 34:21-22
- यूहन्ना 12:23-24
- लूका 03:17
- मत्ती 03:10-12
- मत्ती 13:24-26
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1250, H2406, G4621
गोत्र, गोत्रों, गोत्रों, भाइयों
परिभाषा:
गोत्र मनुष्यों का वह समूह है जो एक ही पूर्वज से उत्पन्न हुआ है।
- गोत्र का अर्थ है एक ही भाषा और संस्कृति को साझा करते है।
- पुराने नियम में, परमेश्वर ने इस्राएल को 12 गोत्रों में विभाजित किया था। प्रत्येक गोत्र याकूब के एक पुत्र और उसके वंशजों का था।
- गोत्र एक जाति से छोटा परन्तु कुल से बड़ा था।
(यह भी देखें: कुल, जाति, जाति, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 10:17-19
- 2 राजा 17:16-18
- उत्पत्ति 25:13-16
- उत्पत्ति 49:16-18
- लूका 02:36-38
शब्द तथ्य:
- Strong's: H523, H4294, H7625, H7626, G1429, G5443
घर, घरों, छत के ऊपर, छतों, भण्डार, भण्डारों, घर का कारबार करनेवाले
परिभाषा:
शब्द "घर" एक छोटा सा भवन, आश्रय या तम्बू को संदर्भित करता है, आमतौर पर वह स्थान जहां एक परिवार सोता है। “घर” शब्द का उपयोग बाइबल में प्रतीकात्मक रूप से किया जाता है।" आदि जैसी विभिन्न अवधारणाओं का अर्थ करने के लिए किया जाता है।
- कभी-कभी इसका अभिप्राय “कुटुम्ब” से है अर्थात एक ही घर में रहने वाले सब सदस्य।
- “घर” प्रायः किसी के वंशजों के संदर्भ में आता है। उदाहरणार्थ, “दाऊद का घराना” अर्थात राजा दाऊद के सब वंशज।
- “परमेश्वर का भवन” और “यहोवा का भवन” अर्थात मिलापवाला तम्बू या मन्दिर। इस अभिव्यक्ति का सामान्यतः अभिप्राय यह होता है कि परमेश्वर की उपस्थिति का स्थान या उसके निवास का स्थान।
- इब्रानियों अध्याय 3 में “परमेश्वर के घर” एक रूपक स्वरूप काम में लिया गया है जो परमेश्वर के लोगों के संदर्भ में है या अधिक सामान्य परिप्रेक्ष्य में, परमेश्वर से संबन्धित सब वस्तुओं के संदर्भ में है।
- “इस्राएल का घराना” सामान्यतः संपूर्ण इस्राएली जाति के संदर्भ में काम में लिया गया है या विशेष रूप में उत्तरी राज्य के इस्राएल के गोत्रों के लिए है।
अनुवाद के सुझाव
- प्रकरण के अनुसार, “घर” शब्द का अनुवाद , “परिवार” या “लोग” या “कुटुम्ब” या “वंशज” या “मन्दिर” या “निवास स्थान”हो सकता है।
- “दाऊद का घराना”, इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “दाऊद का कुल” या “दाऊद का परिवार” या “दाऊद के वंशज”। संबन्धित अभिव्यक्तियों का अनुवाद भी इसी आधार पर किया जा सकता है।
- “इस्राएल का घराना” इस उक्ति के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “इस्राएल की प्रजा” या “इस्राएल के वंशज” या “इस्राएली”
- “यहोवा का भवन” इसका अनुवाद हो सकता है, “यहोवा का मन्दिर” या “यहोवा की आराधना का स्थल” या “जहां यहोवा अपने लोगों के साथ मिलते है” या “यहोवा का निवास स्थान”। “परमेश्वर का भवन” इसका अनुवाद भी ऐसा ही किया जाए।
(यह भी देखें: दाऊद, उतरेगा, परमेश्वर के भवन, कुटुम्ब, इस्राएल के राज्य, निवासस्थान, मन्दिर, यहोवा)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:41-42
- प्रे.का. 07:47-50
- उत्पत्ति 39:3-4
- उत्पत्ति 41:39-41
- लूका 08:38-39
- मत्ती. 10:5-7
- मत्ती 15:24-26
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1004, H1005, G3609, G3613, G3614, G3624
घात करना, घात किए गए
परिभाषा:
“घात करना” अर्थात किसी पशु या मनुष्य की हत्या करना इसका अभिप्राय है, बलपूर्वक या निर्दयता से मार डालना। अगर किसी व्यक्ति ने एक जानवर को मार डाला है तो उसने "घात किया"
- पशु या किसी जनसमूह के संदर्भ में “संहार” शब्द काम में लिया जाता है।
- संहार का एक कार्य भी "संहार" कहा जाता है।
- “घात किए गए” का अनुवाद हो सकता है, “मारे गए लोग” या “जिन लोगों की हत्या की गई”।
(यह भी देखें: वध करना)
बाइबल के सन्दर्भ:
- यहेजकेल 28:23-24
- यशायाह 26:20-21
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2026, H2076, H2490, H2491, H2717, H2763, H2873, H2874, H4191, H4194, H5221, H6991, H6992, H7523, H7819, G337, G615, G1315, G2380, G2695, G4968, G4969, G5407
घेर, घेर लेना, घेर लिया, घेर करनेवाला, घेर लेना, मोर्चा बांधना
परिभाषा:
“घेराव” शत्रु की सेना द्वारा नगर को घेर कर भोजन-पानी का आना रोक देना। किसी शहर को "घेर" करने या इसे "घेराबंदी के नीचे" रखने के लिए इसका अर्थ है घेराबंदी के माध्यम से हमला करना।
- जब बाबेल ने इस्राएल पर हमला किया, तो उन्होंने शहर के अंदर लोगों को कमजोर करने के लिए यरूशलेम के खिलाफ घेराबंदी की रणनीति का इस्तेमाल किया।
- घेराव के समय धूल मिट्टी के ढेले बनाए जाते थे कि शत्रु की सेना शहरपनाह को पार करके नगर पर आक्रमण कर पाए।
- एक शहर को "घेर" करने के लिए इसे "घेराबंदी" के रूप में व्यक्त किया जा सकता है या उस पर "घेराबंदी" करने के लिए कहा जा सकता है।
- “घेराव कर दिया” का अर्थ “घेराव” ही है। इन दोनों अभिव्यक्तियों द्वारा किसी नगर का शत्रुओं द्वारा घेराव दर्शाता है।
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 20:1
- 1 राजा 20:1-3
- 1 शमूएल 11:1-2
- यिर्मयाह 33:4-5
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4692, H4693, H5341, H5437, H5564, H6693, H6696, H6887
चला, चलता
परिभाषा:
प्रतिकात्मक रूप में “चलने" का उपयोग "आचरण" का बोध करवाता है।
- "हनोक परमेश्वर के साथ चलता था" अर्थात् वह परमेश्वर के साथ घनिष्ठ संबन्ध में था।
- “पवित्र-आत्मा के साथ चलना” अर्थात पवित्र आत्मा की अगुआई में चलना कि परमेश्वर को प्रसन्न करनेवाले और उसे सम्मान पहुंचाने वाले काम करें।
- परमेश्वर की आज्ञाओं में या परमेश्वर के मार्गों में चलना अर्थात उसकी आज्ञाओं के पालन का जीवन जीना अर्थात उसकी “आज्ञाओं को मानना” या “उसकी इच्छा पूरी करना।”
- परमेश्वर कहता है कि वह “अपने लोगों के मध्य वास करेगा” या उनके साथ “घनिष्ठ व्यवहार” करेगा।
- “विपरीत चाल चलना” का अर्थ ऐसा जीवन आचरण रखना जो किसी के विरूद्ध हो।
- “पीछे चलना” अर्थात किसी का पीछा करना। इसका अर्थ अनुकरण करना भी होता है।
अनुवाद के लिए सुझाव:
- “जब तक “चलना” का सही अर्थ समझ में आए तब तक इसे ज्यों का त्यों रखना ही उचित है।
- “चलना” के प्रतीकात्मक उपयोगों का अनुवाद हो सकता है “जीवन जीना” या “व्यवहार करना” या “कार्य करना।”
- “आत्मा के अनुसार चलना” का अनुवाद हो सकता है, “पवित्र-आत्मा की आज्ञाकारिता में जीना।” या “पवित्र-आत्मा को प्रसन्न करनेवाला जीवन जीना” या “पवित्र आत्मा की अगुआई में परमेश्वर को ग्रहणयोग्य काम करना”।
- “परमेश्वर की आज्ञाओं पर चलना” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की आज्ञाओं के अनुपालन में जीना” या “परमेश्वर की आज्ञाओं को मानना”।
- “परमेश्वर के साथ चलता था” इसका अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की आज्ञाओं को मानकर और उसका सम्मान करके परमेश्वर के साथ घनिष्ठता का जीवन जीना”।
(यह भी देखें: पवित्र आत्मा, आदर)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 यूहन्ना 01:5-7
- 1 राजा 02:1-4
- कुलुस्सियों 02:6-7
- गलातियों 05:25-26
- उत्पत्ति 17:1-2
- यशायाह 02:5-6
- यिर्मयाह 13:8-11
- मीका 04:2-3
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1869, H1980, H1981, H3212, H4108, G1704, G4043, G4198, G4748
चाँदी
परिभाषा:
चाँदी एक चमकीली सफेद रंग की धातु होती है जिससे सिक्के, आभूषण, पात्र और साज सज्जा का सामान बनाया जाता है।
- पात्रों में चाँदी के बड़े-छोटे कटोरे तथा खाना पकाने, खाने या परोसने के पात्र बनते हैं।
- सोना और चाँदी परमेश्वर के निवास तथा मन्दिर के निर्माण में भी काम में लिए गए थे। यरूशलेम के मन्दिर में पात्र सब चाँदी के थे।
- बाइबल के समय में, एक शेकेल वजन का एक इकाई था, और अक्सर एक निश्चित चाँदी की शेकेल की कीमत पर खरीदारी की जाती थी । नए नियम के युग में शेकेल में मापा जाने वाले विभिन्न वजन के चाँदी के सिक्के थे।
- यूसुफ के भाइयों ने उसे चाँदी के बीस शेकेल (सिक्कों) में दास होने के लिए बेचा था।
- यीशु के पकड़वाने के लिए यहूदा को चाँदी के 30 सिक्के दिए गए थे।
(यह भी देखें: निवासस्थान, मन्दिर)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 18:9-11
- 1 शमूएल 02:36
- 2 राजा 25:13-15
- प्रे.का. 03:06
- मत्ती. 26:15
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H3701, H3702, H7192, G693, G694, G695, G696, G1406
चिन्ह, प्रमाण, स्मरण कराने वाली बात
परिभाषा:
चिन्ह वह वस्तु, घटना या कार्य है जो एक विशेष अर्थ प्रकट करता है।
- "स्मरण कराने वाली बात" ऐसे संकेत हैं जो "याद दिलाने उन्हें याद करने में मदद करते है, जो कुछ वादा किया गया था:
- परमेश्वर ने मेघधनुष स्थापित किया जो इस प्रतिज्ञा को स्मरण कराता है कि परमेश्वर विश्वव्यापी जलप्रलय द्वारा ऐसे मानवजाति को फिर नष्ट नहीं करेगा।
- परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी कि वे उसकी वाचा के चिन्ह स्वरूप अपने पुत्रों का खतना करें।
- चिन्ह किसी बात को प्रकट करते हैं या उसकी ओर संकेत करते हैः
- स्वर्गदूत ने चरवाहों को एक चिन्ह दिया जिसके द्वारा वे बैतलहम में नवजात मसीह को पहचान पाएंगे।
- यहूदा ने यीशु का चुम्बन करके धर्म के अगुओं पर चिन्ह प्रकट किया कि जिसे उन्होंने पकड़ना है वह यीशु यही है।
- चिन्ह किसी बात को सच्चा सिद्ध करते है:
- भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों द्वारा किए गए आश्चर्यकर्म चिन्ह थे कि वे परमेश्वर का सन्देश सुना रहे है।
- यीशु ने जो चमत्कार किए, वे साबित करते है कि वह वास्तव में मसीहा था ।
(अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “चिन्ह” का अनुवाद “संकेत” या “प्रतीक” या “पहचान” या “प्रमाण” या “प्रमाण” या “इंगित करना” भी हो सकता है।
- “हाथों से संकेत करना” का अनुवाद “हाथों की गतिविधि” या “हाथों से इंगित करना” या “भाव दर्शाना” भी हो सकता है।
- कुछ भाषाओं में “चिन्ह” जो किसी बात को सिद्ध करता है और आश्चर्यकर्म के लिए चिन्ह का दूसरा शब्द होता है।
(यह भी देखें: चमत्कार, प्रेरित, मसीह, वाचा, खतना करना)
बाइबल के सन्दर्भ:
- प्रे.का. 02:18-19
- निर्गमन 04:8-9
- निर्गमन 31:12-15
- उत्पत्ति 01: 14-15
- उत्पत्ति 09: 11-13
- यूह. 02:17-19
- लूका 02:10-12
- मार्क. 18:11-13
- भजन-संहिता 089:5-6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H226, H852, H2368, H2858, H4150, H4159, H4864, H5251, H5824, H6161, H6725, H6734, H7560, G364, G880, G1213, G1229, G1718, G1730, G1732, G1770, G3902, G4102, G4591, G4592, G4953, G4973, G5280
छाया, छाया, आच्छादन, आच्छादन
परिभाषा:
“छाया” का अर्थ है प्रकाश को रोकने वाली वस्तु का प्रतिबिम्ब हैं। इसके अनेक प्रतीकात्मक अर्थ भी हैं।
- “मृत्यु की छाया” अर्थात् मृत्यु निकट है, जिस प्रकार कि छाया प्रकट करती है कि कोई वस्तु निकट है।
- बाइबल में अनेक बार मनुष्य के जीवन की तुलना छाया से की गई है जो अधिक समय की नहीं होती है और उसका तत्त्व नहीं होता है।
- कभी-कभी “छाया” शब्द को “अन्धकार” के लिए भी काम में लिया जाता है।
- परमेश्वर के पंखों या हाथों की छाया में रखने की चर्चा बाइबल में की गई है। यह सुरक्षित रहने और खतरे से छिप जाने का एक प्रतीकात्मक रूप है। “छाया” के अनुवाद रूप हो सकते हैं “छाया” या “सुरक्षा” या “निरापदता”।
- उचित तो यह होगा कि “छाया” शब्द का अनुवाद लक्षित भाषा के उसी शब्द से किया जाए जिसे छाया के लिए काम में लिया जाता है।
(यह भी देखें: अंधियारा, उजियाला)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 2 राजा 20:8-9
- उत्पत्ति 19: 6-8
- यशायाह 30:1-2
- यिर्मयाह 06:4-5
- भजन-संहिता 017:8-10
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2927, H6738, H6751, H6752, H6754, H6757, H6767, G644, G1982, G2683, G4639
छुटकारे के लिये, छुड़ा लिया
परिभाषा:
“छुटकारे के लिये” अर्थात् बन्दी की मुक्ति के लिए मांगी गई धन-राशि या अन्य कोई भुगतान।
- क्रिया शब्द "छुटकारे का" दाम देना, किसी बन्दी, दास या कारावास में रखे हुए मनुष्य के लिए धनराशि देना या बचाने के लिए किसी काम को आत्म-त्याग के साथ करना। “पुनः खरीद लेना” “मुक्ति कराने” जैसा ही है।
- यीशु ने स्वयं को छुटकारे के मूल्य स्वरूप करने दिया कि मनुष्य को पाप के दासत्व से मुक्त कराए। मनुष्यों के पाप का दण्ड चुका कर अपने लोगों को पुनः खरीद लेना बाइबल में परमेश्वर का "उद्धार" कहलाता है।
अनुवाद के सुझाव:
- “छुटकारे का मूल्य चुकाना” इसका अनुवाद हो सकता है, “मुक्ति के लिए मूल्य चुकाना” या “स्वतंत्र कराने के लिए मूल्य चुकाना” या “ पुनः खरीद लेना”।
- “छुटकारे का मूल्य चुकाना” इसका अनुवाद इस प्रकार हो सकता है “मूल्य चुकाना” या "दंड का भुगतान (लोगों को मुक्त करने के लिए)" या "आवश्यक भुगतान करना।"
- नाम "छुटकारे" का अनुवाद "वापस खरीदना" या "एक जुर्माने का भुगतान " या "भुगतान किया गया मूल्य" (लोगों या जमीन को मुक्त या खरीदने के लिए) के रूप में किया जा सकता है।
- एक "छुटकारे का मूल्य" और "छुटकारा" शब्द का अंग्रेज़ी में एक ही अर्थ है लेकिन कभी-कभी इसे थोड़ा अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। अन्य भाषाओं में इस अवधारणा के लिए केवल एक शब्द हो सकता है।
- सुनिश्चित करें कि यह अनुवाद “प्रायश्चित” के अनुवाद से भिन्न हो।
(यह भी देखें: प्रायश्चित, छुटकारा दिलानेवाला
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रायश्चित
- छुड़ा ले
- अय्यूब 06:21-23
- लैव्यव्यवस्था 19:20-22
- मत्ती 22:25-28
- भजन-संहिता 049:6-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1350, H3724, H6299, H6306, G487, G3083
जंगल, छोड़कर , सुनसान, छोड़ देना, जंगल, जंगलों
परिभाषा:
रेगिस्तान या जंगल, सूखी बंजर भूमि का स्थान होता है जहां बहुत ही कम पेड़ पौधे उगते हैं।
- रेगिस्तान की जलवायु सूखी होती है इसलिए वहां बहुत कम हरियाली और वन पशु होते हैं।
- कठोर परिस्थितियों के कारण रेगिस्तान में बहुत ही कम लोग रहते हैं, अतः उसे निर्जन प्रदेश कहा जाता है।
- “जंगल” दूरस्थ स्थान को दर्शाता है, निर्जन एवं उजड़ा हुआ स्थान।
- इस शब्द का अनुवाद “निर्जन स्थान” या “दूरस्थ स्थान” या “सुनसान प्रदेश” किया जा सकता है।
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 13:16-18
- प्रे.का. 21:37-38
- निर्गमन 04:27-28
- उत्पत्ति 37:21-22
- यूहन्ना 03:14-15
- लूका 01:80
- लूका 09:12-14
- मरकुस 01:1-3
- मत्ती 04:1-4
- मत्ती 11:7-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H776, H2723, H3293, H3452, H4057, H6160, H6723, H6728, H6921, H8047, H8414, G2047, G2048
जबूलून
तथ्य:
जबूलून याकूब और लिआ: का आखरी पुत्र था और इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक गोत्र का नाम था।
- जबूलून के गोत्र को खारे ताल के पश्चिम में भूमि दी गई थी।
- कभी-कभी इस गोत्र के निवास स्थान को भी "जबूलून" कह कर पुकारा जाता था।
(यह भी देखें: इस्राएल, लिआ:, खारा ताल, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- निर्गमन 01:1-5
- उत्पत्ति 30:19-21
- यशायाह 09:1-2
- न्यायियों 04:10
- मत्ती 04:12-13
- मत्ती 04:14-16
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2074, H2075, G2194
जाति, लोगों, लोग, प्रजा
परिभाषा:
“लोगों” या “जाति” अर्थात एक ही भाषा और संस्कृति के लोग। “लोग” शब्द प्रायः किसी स्थान में या किसी विशेष घटना पर मनुष्यों का एकत्र होना।
- जब परमेश्वर अपने लिए “एकजाति” को चुन लेता है तो उसका अर्थ है कि उसके लिए और उसकी सेवा के लिए विशेष मनुष्यों को चुन लेना।
- बाइबल के युग में किसी जनसमुदाय के सदस्यों के पूर्वज एक ही थे और किसी निश्चित स्थान में या भूभाग में वास करते थे।
- प्रकरण पर निर्भर करके “तेरे लोग” का अर्थ हो सकता है, “तेरी जाति” या “तेरा परिवार” या “तेरे परिजन”। शब्द “लोगों” पृथ्वी के सब लोगो के संदर्भ में है। कभी-कभी इसका संदर्भ विशेष करके गैर इस्राएलियों या उन लोगों से होता है जो यहोवा की सेवा नहीं करते। कुछ अंग्रजी बाइबल संस्करणों में “नेशन्स(जातियों)” का अभिप्राय यही है।
अनुवाद के सुझाव:
- “जाति” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “बड़ा कुटुम्ब” या “कुल” या “नृजाति”।
- “मेरी प्रजा” का अनुवाद हो सकता है, “मेरे परिजन” या “मेरे इस्राएली भाई” या “मेरा परिवार” या “मेरी जाति के लोग” परन्तु यह प्रकरण पर निर्भर करेगा।
- “अन्य जातियों में तितर-बितर” का अनुवाद हो सकता है, “तुम्हें विभिन्न जातियों में रहने पर विवश कर दूंगा” या “तुम्हें अलग-अलग करके संसार के विभिन्न क्षेत्रों में भेज दूंगा”।
- “जाति-जाति” या “अन्यजातियां” का अनुवाद हो सकता है, “संसार के सब लोग” या “सब जनजातियां” परन्तु प्रकरण पर निर्भर करके।
- “एक जाति” का अनुवाद हो सकता है “एक समुदाय के लोग” या “वंशज” या “परिवार” यह निर्भर करेगा कि वह किसी स्थान या व्यक्ति के नाम के पीछे है।
- “पृथ्वी के सब लोगों” का अनुवाद हो सकता है, “पृथ्वी पर रहने वाला हर एक मनुष्य” या “संसार का हर एक मनुष्य” या “सब लोग”।
- “एक ऐसी जाति” इसका अनुवाद हो सकता है, “एक जन समुदाय” या “एक विशेष जाति” या “मनुष्यों का एक समुदाय” या “जन परिवार”
(यह भी देखें: उतरेगा, जाति, गोत्र, संसार)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 08:51-53
- 1 शमूएल 08:6-7
- व्यवस्थाविवरण 28:9-10
- उत्पत्ति 49:16-18
- रूत 01:16-18
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 14:02 परमेश्वर ने जो वाचा अब्राहम, इसहाक और याकूब से बाँधी थी, कि वह वाचा की भूमि उनके वंशज को देंगा, परन्तु अब वहाँ बहुत से लोगों के समूह रहते हैं |
- 21:02 परमेश्वर ने अब्राहम से वाचा बाँधी कि भूमंडल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे | यह आशीष तब पूरी होगी जब मसीह भविष्य में आयेगा | यह अनुग्रह आने वाला मसीह है जो एक दिन हर समूह के लोगों के लिए उद्धार का मार्ग प्रदान करेगा |
- 42:08 “पवित्रशास्त्र में यह भी लिखा था कि मेरे चेले प्रचार करेंगे कि हर एक को पापों की क्षमा प्राप्त करने के लिये पश्चाताप करना चाहिए। वे यरूशलेम से इसकी शुरुआत करेंगे और हर जगह सब जातियों में जायेंगे, तुम इन सब बातों के गवाह हो।”
- 42:10 इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ। "
- 48:11 क्योंकि इस नई वाचा के जरिये किसी भी जाती का कोई भी व्यक्ति परमेश्वर के चुने हुए लोगों में यीशु पर विश्वास करने के द्वारा शामिल हो सकता है।
- 50:03 उसने कहा, “जाओ और सारे जनसमूह के लोगों को चेला बनाओ!” और, "खेत कटनी के लिए पके खड़े हैं!"
शब्द तथ्य:
- Strong's: H249, H523, H524, H776, H1121, H1471, H3816, H5712, H5971, H5972, H6153, G246, G1074, G1085, G1218, G1484, G2560, G2992, G3793
जाति, जातियों
परिभाषा:
जाति एक विशाल जनसमूह है जो किसी प्रकार की सरकार के शासनाधीन रहती है। किसी जाति के लोगों के पूर्वज उनके अपने ही होते हैं और उन सब की सजातीयता एक ही होती है।
- किसी “जाति” की अपनी ही सुव्यक्त संस्कृति एवं भौगोलिक सीमाएं होती हैं।
- बाइबल में “जाति” कोई देश (जैसे मिस्र, इथोपिया) हो सकता है परन्तु सामान्य परिप्रेक्ष्य में जन समुदायों के संदर्भ में होता है, विशेष करके बहुवचन में हो तब। अतः प्रकरण पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है|
- बाइबल में जिन जातियों का उल्लेख किया गया है वे अनेक हैं जिनमें इस्राएली, पलिश्ती, अश्शूरी, बेबीलोनी, कनानी, रोमी और यूनानी आदि हैं।
- कभी-कभी “जाति” शब्द प्रतीकात्मक रूप में काम में आया है जो किसी विशेष समुदाय के पूर्वजों के संबन्ध में है, जैसे रिबका से परमेश्वर ने कहा था कि उसके जन्म लेने वाले पुत्र दो “जातियां” हैं जो आपस में लड़ते रहेंगे। इसका अनुवाद हो सकता है, “दो जातियों के संस्थापक” या “दो जन समुदायों के पूर्वज”।
- जिस शब्द का अनुवाद “जाति” किया गया है उस शब्द का उपयोग कभी-कभी अन्यजातियों के लिए भी किया जाता है या उन समुदायों के लिए जो यहोवा की उपासना नहीं करते। प्रकरण से इसका अर्थ बहूदा स्पष्ट हो जाता है।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार, “जाति” शब्द का अनुवाद “जन समुदाय” या “नृजाति” या “देश” किया जा सकता है।
- यदि किसी भाषा में “जाति” के लिए इन सब शब्दों से भिन्न कोई शब्द है तो बाइबल में जहां भी यह शब्द आता है वहां उस शब्द का उपयोग किया जा सकता है, जब तक कि वह प्रत्येक संदर्भ में स्वाभाविक एवं सही है।
- बहुवचन शब्द “जातियों” का अनुवाद “जन समुदाय” किया जा सकता है।
- कुछ प्रकरणों में इस शब्द का अनुवाद “अन्य-जाति” या “गैर यहूदी” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: अश्शूर, बेबीलोन, कनान, अन्यजाति, यूनानी, जाति, पलिश्तियों, रोम)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 14:15-17
- 2 इतिहास 15:06
- 2 राजा 17:11-12
- प्रे.का. 02:05
- प्रे.का. 13:19
- प्रे.का. 17:26
- प्रे.का. 26:04
- दानिय्येल 03:04
- उत्पत्ति 10:2-5
- उत्पत्ति 27:29
- उत्पत्ति 35:11
- उत्पत्ति 49:10
- लूका 07:05
- मरकुस 13:7-8
- मत्ती 21:43
- रोमियो 04:16-17
शब्द तथ्य:
- Strong’s: H523, H524, H776, H1471, H3816, H4940, H5971, G246, G1074, G1085, G148
जीभ, जीभों
परिभाषा:
“जीभ” शब्द का सन्दर्भ मनुष्य के मुंह के भीतर के उस अंग से है जो शब्दोच्चारण के काम में आता है। यह शब्द "भाषा" या "बोलने" के लिए प्रायः लाक्षणिक रूप में काम में लिया जाता है। इसके अन्य अनेक लाक्षणिक अर्थ भी हैं।
- बाइबल में इस शब्द का सबसे अधिक सामान्य प्रतीकात्मक अर्थ है, “भाषा” या “बोलना”।
- कभी-कभी "जीभ" एक निश्चित मानव समूह द्वारा बोली जाने वाली भाषा को संदर्भित करती है।
- यह एक अलौकिक भाषा को भी संदर्भित करता है जिसे पवित्र आत्मा मसीह के विश्वासियों को "आत्मा के वरदान" के एक रूप में देता है।
- प्रेरितों के काम की पुस्तक में एक अभ्व्यक्ति है, “जीभ के समान आग की लपटें” अर्थात् आग की “लौ” जिनका आकार संभवतः जीभों जैसा था।
अनुवाद सुझाव
- प्रकरण के अनुसार “जीभ” शब्द का अनुवाद किया जा सकता है, “भाषा” या “आत्मिक भाषा” * यदि अर्थ स्पष्ट न हो रहा हो तो इसका अनुवाद “भाषा” ही करें।
- आग के संदर्भ में इस शब्द का अनुवाद “लौ” किया जा सकता है।
- “मेरी जीभ आनन्द करती है” इसका अनुवाद हो सकता है, “मैं आनन्द करता हूँ और परमेश्वर की स्तुति करता हूँ या “मैं आनन्द के साथ परमेश्वर की स्तुति करता हूँ”।
- “झूठ बोलने वाली जीभ” का अनुवाद हो सकता है, “व्यक्ति जो झूठ बोलते हैं” या “जो लोग झूठ बोलते हैं”।
- “उनकी जीभों से” ऐसी उक्तियों का अनुवाद हो सकता है, “उनके कथनों से” या “उनके शब्दों से”।
(यह भी देखें: दान, पवित्र आत्मा, आनन्द, स्तुति, आनन्द, आत्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 12:10
- 1 यूहन्ना 03:18
- 2 शमूएल 23:02
- प्रे.का. 02:26
- यहेजकेल 36:03
- फिलिप्पियों 02:11
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H3956, G1100, G1258, G2084
जीवन, जीना, रहते थे, जीवन,जीवते, जीवित
परिभाषा:
इन सब शब्दों का अर्थ है जीवित रहना, मरना नहीं इनका उपयोग प्रतीकात्मक रूप में आत्मिकता में जीवित रहने के लिए भी किया जाता है। निम्नलिखित से व्यक्त किया जाता है कि, “शारीरिक जीवन” और “आत्मिक जीवन” का क्या अभिप्राय है
1. शारीरिक जीवन
- शारीरिक जीवन शरीर में आत्मा की उपस्थिति है। परमेश्वर ने आदम के शरीर में जीवन की सांस दी, और वह एक जीवित प्राणी बन गया।
- एक "जीवन" को "एक जीवन बचाया गया" के संदर्भ में भी उपयोग किया जा सकता है।
- कभी-कभी शब्द "जीवन" में रहने के अनुभव को संदर्भित करता है, "उसका जीवन सुखदायक था।"
- यह किसी व्यक्ति की उम्र का भी उल्लेख कर सकता है, जैसा कि अभिव्यक्ति में "उसके जीवन का अंत" होता है।
- "जीवित रहना" शब्द का सन्दर्भ शारीरिक रूप से जीवित होने का उल्लेख कर सकते हैं, जैसा कि "मेरी मां अभी भी जीवित है।" यह निवास का उल्लेख कर सकता है, "वे शहर में रह रहे थे।"
- बाइबल में, "जीवन" की अवधारणा अक्सर "मृत्यु" की अवधारणा के विपरीत है।
2. आत्मिक जीवन
- एक व्यक्ति का आत्मिक जीवन है, जब वह परमेश्वर के साथ यीशु पर विश्वास करता है, तो उस व्यक्ति को पवित्र आत्मा के साथ जीवन में परिवर्तित होता है।
- इस जीवन को "अनंत जीवन" कहा जाता है, यह संकेत करने के लिए कि इसका अंत नहीं है।
- आत्मिक जीवन के विपरीत आत्मिक मृत्यु है, जिसका अर्थ है कि परमेश्वर से पृथक होने और अनन्त दण्ड का सामना करना।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “जीवन” का अनुवाद “अस्तित्व” या “व्यक्ति” या “प्राण” या “होना” या “अनुभव” हो सकता है।
- “रहना” शब्द का अनुवाद “वास करना” या “निवास करना” या “अस्तित्ववान रहना” किया जा सकता है।
- “जीवन का अन्त” का अनुवाद “जीवन का सांस रूक जाए” हो सकता है।
- “जान बचा दी” का अनुवाद “जीने दिया” या “हत्या नहीं की” किया जा सकता है।
- “जान खतरे में डाली” का अनुवाद हो सकता है, “जान जोखिम में डाली” या “ऐसा काम किया जो जान लेवा हो सकता था”।
- बाइबल पाठ में आत्मिक रूप से जीवित होने के बारे में बात की जाती है, संदर्भ के आधार पर "जीवन" का अनुवाद "आध्यात्मिक जीवन" या "अनन्त जीवन" के रूप में किया जा सकता है।
- "आत्मिक जीवन" की अवधारणा का भी अनुवाद किया जा सकता है क्योंकि "परमेश्वर हमें अपनी आत्माओं में जीवित कर रहा है" या "परमेश्वर की आत्मा से नया जीवन" या "अंतरात्मा में जीवित किया जाना।"
- संदर्भ के आधार पर, अभिव्यक्ति "जीवन देना" का अनुवाद "जीवित रहने के लिए" या "अनन्त जीवन दे" या "सदा के लिए जीना" के रूप में भी किया जा सकता है।
(यह भी देखें: मर जाए, सनातन)
बाइबल संदर्भ:
- 2 पतरस 01:3-4
- प्रे.का. 10:42-43
- उत्पत्ति 02:7-8
- उत्पत्ति 07:21-22
- इब्रानियों 10:19-22
- यिर्मयाह 44: 1-3
- यूहन्ना 01: 4-5
- न्या. 02:18-19
- लूका 12:22-23
- मत्ती. 07:13-14
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 01:10 फिर परमेश्वर ने मिट्टी लिया, और उससे एक आदमी बनाया, और उसमें जीवन का साँस फूँक दिया।
- 03:01 एक लंबे समय के बाद, बहुत से लोग दुनिया में रह रहे थे।
- 08:13 जब यूसुफ के भाई अपने पिता याकूब के पास पहुँचे और उससे कहा, यूसुफ अब तक जीवित है, यह सुन वह बहुत प्रसन्न हुआ।
- 17:09 हालांकि, अपने जीवन के अंतिम समय में उसने परमेश्वर के विरुद्ध भयानक अपराध किया।
- 27:01 एक दिन, यहूदी धर्म में निपुण एक व्यवस्थापक यीशु के पास उसकी परीक्षा लेने के लिए आया, और कहने लगा, “हे गुरु अनन्त जीवन का वारिस होने के लिए मैं क्या करूं?”
- 35:05 यीशु ने उत्तर दिया, "मैं पुनरुत्थान और जीवन हूँ।"
- 44:05 “तुम वही हो जिसने रोमी साम्राज्य से कहा कि यीशु को मार दिया जाएँ। तुम ने जीवन के कर्ता को मार डाला, लेकिन परमेश्वर ने उसे मरे हुओ में से जिलाया।”
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1934, H2416, H2417, H2421, H2425, H5315, G198, G222, G227, G806, G590
जैतून
परिभाषा:
जैतून एक छोटा अण्डाकार फल होता है, यह अधिकतर भूमध्यसागर के परिवेश में उगाया जाता था।
- जैतून के वृक्ष सदाबहार बड़ी झाड़ी होते है, उनके फूल छोटे और सफेद होते हैं। वे गर्म जलवायु में सबसे अच्छे उगते हैं और उन्हें पानी भी बहुत कम चाहिए होता है।
- जैतून का फल हरा होता है और पकने पर काला पड़ जाता है। जैतून भोजन के लिए और उनसे निकाले जाने वाले तेल के लिए उपयोग होता था।
- जैतून का तेल पकाने के, दीप जलाने और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए काम आता था।
- बाइबल में जैतून के वृक्ष एवं डालियां मनुष्यों के लिए प्रतीकात्मक रूप में काम में लिए जाते थे।
(यह भी देखें: दीपक, समुद्र, जैतून के पहाड़)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 27:28-29
- व्यवस्थाविवरण 06:10-12
- निर्गमन 23:10-11
- उत्पत्ति 08:10-12
- याकूब 03:11-12
- लूका 16:5-7
- भजन संहिता 052:8-9
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2132, H3323, H8081, G65, G1636, G1637, G2565
जौ
परिभाषा:
"जौ" एक प्रकार का अन्न होता है जिससे वे रोटी बनाते थे।
- जौ का पौधा लम्बा होता है जिसके ऊपरी सिरे पर अन्न की बाली होती है।
- जौ ग्रीष्म ऋतु में फलती है अतः इसकी कटनी बसन्त ऋतु या ग्रीष्म ऋतु में होती है।
- जौ को भूसे से अलग करने के लिए जौ को दांवा जाता हैं।
- जौ को पीसकर आटा बनाते हैं तब पानी या तेल में गूंध कर रोटी बनाई जाती है।
- यदि जौ लक्षित भाषा में जानी नहीं जाती है तो इसका अनुवाद “जौ कहलाने वाला अन्न” या “जौ के दाने” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: अन्न, दाँवना, गेहूँ)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 11:12-14
- अय्यूब 31:38-40
- न्यायियों 07:13-14
- गिनती 05:15
- प्रकाशितवाक्य 06:5-6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H8184, G2915, G2916
झिलम, झिलमें, चपरास
परिभाषा:
"झिलम" हथियारों का एक भाग होता था जो छाती पर बांधा जाता था कि युद्ध में सैनिक की रक्षा करे। शब्द "चपरास" का अर्थ कपड़े के एक विशेष टुकड़े को दर्शाता है जो इस्राएली महायाजक अपनी छाती के सामने के हिस्से पर पहनते थे।
- सैनिकों द्वारा पहने जाने वाली "झिलम" लकड़ी, धातु या पशु के चमड़े की होती थी। उनको पहनने का उद्देश्य था कि सैनिक का सीना भाले, तीर और तलवार से सुरक्षित रहे।
- इस्राएली प्रधान पुरोहित के वस्त्र की "झिलम" कपड़े की होती थी जिससे बहुमूल्य पत्थर जड़े होते थे। याजक मन्दिर में परमेश्वर की सेवा करते समय इसे पहनता था।
- शब्द "झिलम" का अनुवाद करने के अन्य तरीकों में "धातु सुरक्षात्मक छाती कवर" या "छाती की रक्षा करने के लिए कवच टुकड़ा" शामिल हो सकते हैं।
- शब्द "चपरास" का एक शब्द के साथ अनुवाद किया जा सकता है जिसका अर्थ है "याजकीय कपड़ा, जिससे छाती का आवरण होता है।" या "याजकीय परिधान के टुकड़े" या "याजकों के कपड़ों के सामने का टुकड़ा"।
(यह भी देखें: हथियार, महायाजक, छेदना, याजक, मन्दिर, सैनिक)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 05:8-11
- निर्गमन 39:14-16
- यशायाह 59:17-18
- प्रकाशितवाक्य 09:7-9
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2833 , H8302, G2382
टोकरी, टोकरियाँ, टोकरियाँ भरकर
परिभाषा:
“टोकरी” सरकंड़ों से बना एक पात्र होता है।
- बाइबल के युग में टोकरियां संभवतः पौधों के दृढ़ भागों से बनती थी जैसे पेड़ की शाखओं के छिलके या सरकंडे।
- टोकरी में जल अवरोधक सामग्री लगाने से वह पानी पर तैरती थी।
- मूसा जब शिशु था तब उसकी माता ने एक टोकरी बनाकर उसे जल अवरोधक करके उसमें मूसा को रखा और नील नदी के नरकटों में रख दिया।
- इस कहानी में जिस शब्द का अनुवाद “टोकरी” किया गया है उसी शब्द का अनुवाद “नाव” भी किया गया है जिसका निर्माण नूह ने किया था। इन दोनों प्रकरणों में इन शब्दों का अभयनिष्ठ अनुवाद “तैरने वाला पात्र” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: जहाज़, मूसा, नील नदी, नूह)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 कुरिन्थियों 11:32-33
- प्रे.का. 09:23-25
- आमोस 08:1-3
- यूहन्ना 06:13-15
- न्यायियों 06:19-20
- मत्ती 28:18-19
शब्द तथ्य:
- Strong's: H374, H1731, H1736, H2935, H3619, H5536, H7991, G2894, G3426, G4553, G4711
ठहराया, नियुक्त, दशा, पहले से ठहराया
परिभाषा:
मनुष्यों के साथ भविष्य में जो होगा उसे “ठहराया जाना” (नियति) कहते हैं। यदि किसी को भविष्य के लिए “ठहराया” गया है तो इसका अर्थ है कि वह मनुष्य भविष्य में क्या करेगा, परमेश्वर की ओर से निर्धारित किया गया है।
- परमेश्वर किसी देश को क्रोध के लिए “ठहराता” है तो इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने निश्चय कर लिया है कि उस देश को पापों का दण्ड मिलेगा।
- यहूदा विनाश के लिए “ठहराया” गया था अर्थात परमेश्वर ने निश्चय कर लिया था कि उसके विद्रोह के कारण वह नाश होगा।
- प्रत्येक मनुष्य की अनन्तकालीन नियति है कि वह स्वर्ग जाए या नरक जाए।
- परन्तु जब सभोपदेशक का लेखक कहता है कि सबकी नियति एक ही है तो उसका अभिप्राय है कि सब मरेंगे।
अनुवाद के सुझाव:
“क्रोध के लिए ठहराएगा” का अनुवाद “तुम्हारा दण्ड निश्चित है” या “निर्णय लिया जा चुका है कि तुम मेरे क्रोध के भागी होगे”।
- प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति में “तलवार से नाश होने के लिए ठहराए गए हो” इसका अनुवाद परमेश्वर ने निश्चय कर लिया है कि वे शत्रुओं द्वारा नाश किए जाएंगे जो उन्हें तलवार से घात करेंगे” या “परमेश्वर ने ठान लिया है कि उनके शत्रु उन्हें तलवार से घात करें”।
- “तुम ठहराए गए हो” का अनुवाद ऐसी उक्तियों द्वारा किया जाए जैसे “परमेश्वर ने निश्चय कर लिया है कि तुम...”
- प्रकरण के अनुसार “भविष्य” का अनुवाद हो सकता है, “निश्चयक अन्त” या “अन्त में जो होगा” या “परमेश्वर ने जो निश्चित किया है वह होगा”
(यह भी देखें: बन्दी बनाना, सनातन, स्वर्ग, नरक, यूहन्ना (बपतिस्मा देनेवाला), मन फिराकर)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 05:8-11
- सभोपदेशक 02:13-14
- इब्रानियों 09:27-28
- फिलिप्पियों 03:17-19
- भजन संहिता 009:17-18
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2506, H4150, H4487, H4745, H6256, H4507, G5056, G5087
डर, भय, भयभीत, डरना
परिभाषा:
"भय" शब्द का अर्थ उस अप्रिय भावना से है जिसे व्यक्ति अपनी सुरक्षा या कल्याण के लिए संभावित खतरे का अनुभव करते हुए महसूस करता है। बाइबल में, हालांकि, "भय" शब्द का अर्थ किसी अन्य व्यक्ति के प्रति पूजा, सम्मान, विस्मय, या आज्ञाकारिता का दृष्टिकोण भी हो सकता है, आमतौर पर कोई शक्तिशाली जैसे परमेश्वर या कोई राजा। शब्द "डर" अत्यधिक या गहन भय को संदर्भित करता है।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार, “भय मानना” का अनुवाद हो सकता है, “डरना” या “गहरा सम्मान करना” या “आदर करना” या “श्रद्धा से पूर्ण होना”
- “डरना” का अनुवाद “भयभीत” या “डरा हुआ” या “भयातुर” भी हो सकता है।
- “सब पर परमेश्वर का भय छा गया” इस वाक्य का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “अकस्मात ही सबमें परमेश्वर के प्रति गहरा सम्मान और श्रद्धा उत्पन्न हो गई” या “सब अकस्मात ही विस्मित होकर परमेश्वर के प्रति गहरे सम्मान से अभिभूत हो गए” या “उसी समय वे सब परमेश्वर से बहुत डर गए”।
(यह भी देखें: चकित, यहोवा, प्रभु, चमत्कार, सामर्थ्य)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 यूहन्ना 04:17-18
- प्रे.का. 02:43-45
- प्रे.का. 19:15-17
- उत्पत्ति 50:18-21
- यशायाह 11:3-5
- अय्यूब 06:14-17
- योना 01:8-10
- लूका 12:4-5
- मत्ती 10:28-31
- नीतिवचन 10:24-25
शब्द तथ्य:
- Strong's: H367, H926, H1204, H1481, H1672, H1674, H1763, H2119, H2296, H2727, H2729, H2730, H2731, H2844, H2849, H2865, H3016, H3025, H3068, H3372, H3373, H3374, H4032, H4034, H4035, H4116, H4172, H6206, H6342, H6343, H6345, H6427, H7264, H7267, H7297, H7374, H7461, H7493, H8175, G870, G1167, G1168, G1169, G1630, G1719, G2124, G2125, G2962, G5398, G5399, G5400, G5401
डर, डराएँगे, दहशत, भयंकर, डराएँ, घबरा गए, भयानक
परिभाषा:
-
“डर” शब्द अत्यंत भय को व्यक्त करता है। किसी को “डराना” अर्थात उसे भयभीत करना।
-
“डर” किसी वस्तु या मनुष्य द्वारा उत्पन्न भय भी होता है। डर का एक उदाहरण हमलावर दुश्मन सेना या महामारी या बीमारी है जो व्यापक है, कई लोगों की हत्या कर सकता है।
- इन भयावहों को "भयानक" के रूप में वर्णित किया जा सकता है। इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “भय-कारण” या “आतंक-उत्पादक।”
- परमेश्वर का न्याय एक दिन मन न फिराने वाले मनुष्यों में जो उसके अनुग्रह को अस्वीकार करते हैं, भय उत्पन्न करेगा।
- “यहोवा का भय” का अनुवाद “यहोवा की भयावह उपस्थिति” या “यहोवा का भयानक न्याय” या “जब यहोवा अत्यंत भय उत्पन्न करता है।” हो सकता है।
- 'आतंक' का अनुवाद करने के तरीके में "अत्यधिक भय" या "गहरा भय" शामिल हो सकता है।
(यह भी देखें: विरोधी, डर, न्यायी, मरी, यहोवा)
बाइबल सन्दर्भ:
- व्यवस्थाविवरण 02:24-25
- निर्गमन 14:10-12
- लूका 21:7-9
- मरकुस 06:48-50
- मत्ती 28:5-7
शब्द तथ्य:
- Strong's: H367, H926, H928, H1091, H1161, H1204, H1763, H2111, H2189, H2283, H2731, H2847, H2851, H2865, H3372, H3707, H4032, H4048, H4172, H4288, H4637, H6184, H6206, H6343, H6973, H8541, G1629, G1630, G2258, G4422, G4426, G5401
डेवढ़ी, डेवढ़ियों
परिभाषा:
"डेवढी" का सन्दर्भ द्वार के निचले भाग से है या “डेवढ़ी” भवन का वह भाग भी होता है जो प्रवेश द्वार के भीतर का भाग है।
- कभी-कभी डेवढ़ी लकड़ी या पत्थर की एक पट्टी होती है, जिस पर पाँव रख कर कमरे या भवन में प्रवेश किया जाता था।
- फाटक और तम्बू के द्वार दोनों के लिए डेवढ़ी हो सकती है।
- इस शब्द का अनुवाद लक्षित भाषा के उस शब्द में किया जाना चाहिए जो एक घर के प्रवेश द्वार पर स्थान को संदर्भित करता है जहाँ से एक व्यक्ति घर में प्रवेश करता है।
- यदि “डेवढ़ी” लिए कोई शब्द नहीं है, तो इसका अनुवाद "द्वार" या "खोलने" या "प्रवेश द्वार" के रूप में भी किया जा सकता है।
(यह भी देखें: फाटक, तम्बू)
बाइबल सन्दर्भ
- 1 इतिहास 09:17-19
- यहेजकेल 09:03
- यशायाह 06:04
- नीतिवचन 17:19
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H624, H4670, H5592
ढाल, ढाल, ढाल
परिभाषा:
ढाल, सैनिक द्वारा हाथ में पकड़ने का अस्त्र जिससे वह शत्रु के वार से बचता है। “किसी की ढाल होना” अर्थात उसे हानि से बचाना।
- ढाल, आकार में गोल या अण्डाकार होती थी और चमड़े, लकड़ी या धातु की बनी होती थी और तलवार का वार और तीर आदि को रोकने के लिए अत्यधिक कठोर होती थी।
- इस शब्द को प्रतीकात्मक रूप में काम में लेते हुए, बाइबल परमेश्वर को उसके लोगों की सुरक्षात्मक कवच कहा गया है। (देखें: उपमा)
- पौलुस “विश्वास की ढाल” उक्ति का उपयोग करता है, यह एक रूपक है जिसका अर्थ है, यीशु में विश्वास करना और परमेश्वर की आज्ञा मानकर उस विश्वास का जीवन जीना, विश्वासियों को शैतान के वार से बचाता था।
(यह भी देखें: विश्वास, आज्ञा मानना, शैतान, आत्मा)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 राजा 14:25-26
- 2 इतिहास 23:8-9
- 2 शमूएल 22:36-37
- व्यवस्थाविवरण 33:29
- भजन-संहिता 018:35-36
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2653, H3591, H4043, H5437, H5526, H6793, H7982, G2375
तलवार, तलवारें, तलवार रखनेवाले
परिभाषा:
एक तलवार सपाट ब्लेड, धातु का एक हथियार होता है जो काटने या घोंपने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एक बहुत तेज काटने वाले किनारे के साथ एक लम्बा धार ब्लेड और एक कुंदा होता है ।
प्राचीन युग में तलवार के ब्लेड की लंबाई लगभग 60 से 91 सेंटीमीटर थी।
कुछ तलवारों में दोनों ओर धार लगी होती है जिन्हें दोधारी तलवार कहते हैं।
- यीशु के शिष्यों ने स्वयं की रक्षा के लिए तलवारें रखते थे । पतरस अपनी तलवार चलाकर महायाजक के सेवक का कान काट दिया था
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला और प्रेरित याकूब दोनों का सिर तलवार से काटा गया था।
अनुवाद के सुझाव
एक तलवार परमेश्वर के शब्द के लिए एक रूपक के रूप में प्रयोग किया जाता है । बाइबिल में परमेश्वर की शिक्षाओं ने लोगों के अंदरूनी विचारों को उजागर किया और उन्हें अपने पापों के दोषी ठहराया। इसी प्रकार एक तलवार गहराई से कटती है, पीड़ा उत्पन्न करता है।
- इस आलंकारिक उपयोग का अनुवाद करनेका एक तरीका हो सकता है, “परमेश्वर का वचन तलवार जैसा है जो गहरा वार करके पाप को प्रकट करता है”।
- इस पद का एक अन्य आलंकारिक उपयोग भजन संहिता में हुआ है, जहां किसी व्यक्ति की जीभ या भाषण की तुलना तलवार से होती है, जो लोगों को घायल कर सकती है। इसका अनुवाद किया जा सकता है "जीभ एक तलवार की तरह है जो किसी को बुरी तरह से घायल कर सकती है।"
- अगर आपकी संस्कृति में तलवारें नहीं जानी जाती हैं, तो इस शब्द का अनुवाद एक लंबे मोहरे हथियार के नाम से किया जा सकता है जिसका इस्तेमाल काटने या भोंकने के लिए किया जाता है।
तलवार का अनुवाद “धारवाला हथियार” या “लम्बी छुरी” भी किया जा सकता है। कुछ अनुवादों में तलवार का चित्र देना भी उचित हो सकता है।
(यह भी देखें: याकूब (यीशु का भाई), युहन्ना (बपतिस्मा देनेबाला), जीभ, परमेश्वर के वचन)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 12:1-2
- उत्पत्ति 27:39-40
- उत्पत्ति 34:24-26
- लूका 02:33-35
- लूका 21:23-24
- मत्ती 10:34-36
- मत्ती. 26:55-56
- प्रकाशितवाक्य 01:14-16
शब्द तथ्य:
- Strong's: H19, H1300, H2719, H4380, H6609, H7524, H7973, G3162, G4501
तामार
तथ्य:
तामार पुराने नियम में अनेक स्त्रियों का नाम हुआ है। यह पुराने नियम में कई शहरों या स्थानों का भी नाम था।
- तामार यहूदा की बहू का नाम था। उससे पेरेज उत्पन्न हुआ जो यीशु का पूर्वज था।
- राजा दाऊद की पुत्रियों में से एक का नाम भी तामार था, वह अबशालोम की बहन थी। उसके आधे भाई अम्नोन ने उसके साथ बलात्कार करके उसे उजाड़ दिया था।
- अबशालोम की पुत्री का नाम भी तामार।
- 'हज़जोन तामार' नामक शहर खारे सागर के पश्चिमी तट पर एनगदी शहर के समान था। एक "बाल तामार" भी है, और सामान्य संदर्भ "तामार" नामक जगह जो शहरों से अलग हो सकते हैं।
(यह भी देखें: अबशालोम, मूलपिता, अम्नोन, दाऊद, मूलपिता, यहूदा, खारा ताल)
बाइबल संदर्भ:
- 1 इतिहास 02:3-4
- 2 शमूएल 13:1-2
- 2 शमूएल 14:25-27
- उत्पत्ति 38:6-7
- उत्पत्ति 38:24-26
- मत्ती 01:1-3
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1193, H2688, H8412, H8559
तेल
परिभाषा:
तेल एक मोटा तरल पदार्थ है जो पौधों से निकाला जाता है। बाइबल के युग में जैतून का तेल अधिकतर काम में लिया जाता था।
- जैतून का तेल पकाने, अभिषेक करने, बलि चढ़ाने, दीपक जलाने और औषधियों के निर्माण में काम में लिया जाता था।
- प्राचीन युग में जैतून के तेल बहुमूल्य था और तेल का संग्रह धन का मापक माना जाता था।
- सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद पकाने के तेल का अभिप्राय प्रकट करे न कि, गाड़ियों में डालने वाले तेल का। कुछ भाषाओं इन अलग-अलग तेलों के लिए अलग अलग शब्द है।
(यह भी देखें: जैतून, बलिदान करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 शमूएल 01:21-22
- निर्गमन 29:1-2
- लैव्यव्यवस्था 05:11
- लैव्यव्यवस्था 08:1-3
- मरकुस 06:12-13
- मत्ती 25:7-9
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1880, H2091, H3323, H4887, H6671, H7246, H8081, G1637, G3464
त्याग, त्यागना, छोड़ना
Definition:
"त्याग" शब्द का अर्थ किसी को त्यागना या छोड़ देना है। किसी को "त्याग दिया गया" किसी के द्वारा छोड़ दिया गया है या छोड़ दिया गया है।
- जब लोग परमेश्वर को त्याग देते हैं, तो वे उसकी अवज्ञा करके उसके साथ विश्वासघात कर रहे होते हैं।
- जब परमेश्वर “लोगों” का त्याग करता है, तो उसने उनकी मदद करना बंद कर दिया है और उन्हें दुख का अनुभव करने की अनुमति दी है ताकि वे उनके पास वापस आ सकें।
- इस शब्द का अर्थ यह भी हो सकता है कि किसी का त्याग करना, जैसे कि छोड़ना, या परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन न करना।
- "त्याग दिया" शब्द का उपयोग भूत काल में किया जा सकता है, जैसे कि "वह आपको छोड़ दिया है" या किसी ऐसे व्यक्ति के संदर्भ में जो "भूल गया हो।"
Translation Suggestions:
- इस शब्द का अनुवाद करने के अन्य तरीकों में संदर्भ के आधार पर "परित्याग" या "उपेक्षा" या "छोड़ देना" या "पीछे हटना" या "पीछे छोड़ना" शामिल हो सकता है।
- "त्याग" करने के लिए परमेश्वर की आज्ञाओं का अनुवाद "परमेश्वर की आज्ञाओं की अवज्ञा" के रूप में किया जा सकता है। इसका अनुवाद “परित्याग” या “हार मानने” या “उसकी आज्ञा मानने से रोकने” के रूप में भी किया जा सकता है
- वाक्यांश "छोड़ दिया जाए" का अनुवाद "त्यागा हुआ" या "निर्जन किया जा सकता है।"
- इस शब्द का अनुवाद करने के लिए अलग-अलग शब्दों का उपयोग करना अधिक स्पष्ट है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि पाठ किसी वस्तु या व्यक्ति का त्याग करता है या नहीं।
Bible References:
- 1 Kings 06:11-13
- Daniel 11:29-30
- Genesis 24:27
- Joshua 24:16-18
- Matthew 27:45-47
- Proverbs 27:9-10
- Psalms 071:18
Word Data:
- Strong’s: H488, H2308, H5203, H5428, H5800, H5805, H7503, G646, G657, G863, G1459, G2641,
दक्षिण देश
तथ्य:
दक्षिण देश इस्राएल के दक्षिणी भाग में एक रेगिस्तानी क्षेत्र था जो खारे ताल के दक्षिण में था।
- मूल शब्द का अर्थ है “दक्षिण” कुछ अंग्रेजी अनुवादों में यही अनुवाद किया गया है।
- यह हो सकता है कि "दक्षिण" वहाँ नहीं है, जहां आज नेगेव रेगिस्तान स्थित है।
- कादेश में वास करते समय अब्राहम नेगेव या दक्षिणी क्षेत्र में था।
- इसहाक नेगेव में ही रहता था जब रिबका यात्रा करके उससे विवाह करने आई थी।
- यहूदियों के गोत्र का यूहदा और शमौन इस दक्षिणी भाग में रहते थे।
- नेगेव क्षेत्र का सबसे बड़ा नगर बर्शेबा था।
(यह भी देखें: अब्राहम, बेर्शेबा, इस्राएल, यहूदा, कादेश, खारा ताल, शमौन)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 12:8-9
- उत्पत्ति 20:1-3
- उत्पत्ति 24:61-62
- यहोशू 03:14-16
- गिनती 13:17-20
शब्द तथ्य:
दण्ड
परिभाषा:
“दण्ड ” शब्द का संदर्भ दण्ड के न्याय से है जिसमें योजना या बचने की संभावना कदापि नहीं होती है।
- इस्राएलियों को बेबीलोन में बन्दी बनाकर ले जाया गया था, तब भविष्यद्वक्ता ने कहा था, “हम पर विनाश आ पड़ा है”।
- प्रकरण के अनुसार इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “आपदा” या “दण्ड” या “आशारहित विनाश”।
बाइबल सन्दर्भ:
- यहेजकेल 07:5-7
- यहेजकेल 30:8-9
- यशायाह 06:4-5
- भजन संहिता 092:6-7
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1820, H3117, H6256, H6843, H8045
दण्डवत्, झुक गया, दण्डवत् किया, झुकने, दण्डवत् करना, दण्डवत् करे, दण्डवत् किया, दण्डवत् करते रहे
परिभाषा:
“दण्डवत्” करने का अर्थ है किसी को सम्मान या श्रद्धा अर्पित करने के लिए दीनता पूर्वक झुकना। “दण्डवत् करना” का अर्थ है बहुत अधिक झुकना या घुटनों पर गिरना जिसमें मुख और हाथ भूमि की ओर हों।
- अन्य अभिव्यक्तियों में “घुटने भूमि पर टिकाना” और “सिर झुकाना” (सिर को दीनता पूर्वक सम्मान में आगे की ओर झुकना या दुःख में ऐसा करना)
- “दण्डवत् करना” निराशा और शोक का चिन्ह भी होता है। जिसने “घुटने टेके” वह दीनता की हीन दशा में होता है।
- मनुष्य प्रायः ऊंचे पद या ऊंचे स्तर के मनुष्य के समक्ष घुटने टेकता है जैसे राजाओं और शासकों को।
- परमेश्वर के समक्ष घुटने टेकना उसकी आराधना की अभिव्यक्ति है।
- बाइबल में लोग यीशु के समक्ष घुटने टेकते थे जब उन्हें उसके आश्चर्यकर्मों एवं शिक्षा से यह बोध होता था कि वह परमेश्वर की ओर से भेजा गया है।
- बाइबल में लिखा है कि जब यीशु पुनः आएगा तब हर एक मनुष्य उसकी आराधना में घुटने टेकेगा
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार इस उक्ति का अनुवाद एक ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ है “आगे को झुकना” या “सिर झुकाना” या “घुटने टेकना”।
- “घुटने टेकने” का अनुवाद “घुटनों पर गिरना” या “दण्डवत् करना” हो सकता है।
- कुछ भाषाओं में इसके अनुवाद की एक से अधिक विधियां हो सकती हैं जो प्रकरण पर निर्भर करती हैं।
(यह भी देखें: दीन, दंडवत करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 राजा 05:17-19
- निर्गमन 20:4-6
- उत्पत्ति 24:26-27
- उत्पत्ति 44:14-15
- यशायाह 44:19
- लूका 24:4-5
- मत्ती 02:11-12
- प्रकाशितवाक्य 03:9-11
शब्द तथ्य:
- Strong's: H86, H3721, H3766, H5186, H5753, H5791, H6915, H7743, H7812, H7817, G1120, G2578, G2827, G4781, G4794
दया, दयालु
परिभाषा:
“दया” और “दयालु” शब्दों का अर्थ है आवश्यकताग्रस्त मनुष्यों की सहायता करना विशेष करके जब वे दीन-दरिद्र हों।
- “दया” का अर्थ यह भी है कि मनुष्यों को उनकी गलती का दण्ड न देना।
- कोई सामर्थी मनुष्य जैसे राजा को “दयालु” कहा जाता है जब वह अपनी प्रजा को हानि पहुंचाने की अपेक्षा उनके साथ दया का व्यवहार करता है।
- दयालु होने का अर्थ यह भी है कि किसी को हमारे साथ बुराई करने के लिए क्षमा कर देना।
- जब हम घोर आवश्यकता में फंसे मनुष्यों की सहायता करते हैं तब हम दया दर्शाते है।
- परमेश्वर हम पर दयालु है और चाहता है कि हम दूसरों के साथ भी दया का व्यवहार करें।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “दया” का अनुवाद “करूणा” या “अनुकंपा” या “सहानुभूति” भी किया जा सकता है।
- “दयालु” का अनुवाद “दया दिखाना” या “किसी पर कृपालु होना” या “क्षमाशील” होना।
- “दया दिखाना” या “दया करना” का अनुवाद “कृपालु व्यवहार करना” या “अनुकंपा दर्शाना” भी हो सकता है।
(यह भी देखें: तरस, क्षमा कर)
बाइबल संदर्भ:
- 1 पतरस 01:3-5
- 1 तीमुथियुस 01:12-14
- दानिय्येल 09:17-19
- निर्गमन 34: 5-7
- उत्पत्ति 19: 16-17
- इब्रानियों 10:28-29
- याकूब 02:12-13
- लूका 06:35-36
- मत्ती 09:27-28
- फिलिप्पियों 02:25-27
- भजन संहिता 041:4-6
- रोमियो 12:1-2
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 19:16 उन्होंने लोगों से कहा कि वह अन्य देवताओं की उपासना करना बंद कर दे, और दूसरों के लिए न्याय और उन पर दया करना आरंभ करें।
- 19:17 एक बार यिर्मयाह भविष्यवक्ता को सूखे कुएँ में डाल दिया और उसे वहाँ मरने के लिए छोड़ दिया। कुएँ में पानी नहीं केवल दलदल थी, और यिर्मयाह कीचड़ में धंस गया, परन्तु तब राजा ने उस पर दया की और उसने अपने सेवकों को आज्ञा दी कि मरने से पहले उसे कुएँ में से निकाल लाए।
- 20:12 फारस का साम्राज्य बहुत ही सशक्त था परन्तु पराजित लोगों के प्रति दयावान था।
- 27:11 तब यीशु ने व्यवस्थापक से पूछा, “ तुम्हें क्या लगता है इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा?” उसने उत्तर दिया, “ वही जिसने उस पर दया की।”
- 32:11 परन्तु यीशु ने उससे कहा, "नही, मैं चाहता हूँ कि तुम घर लौट जाओ और जाकर अपने मित्रों और परिवार के लोगों को वह सब बता जो परमेश्वर ने तुझ पर दया करके तेरे लिए कैसे बड़े बड़े काम किए हैं |
- 34:09 पर चुंगी लेने वाला फरीसी दूर खड़े होकर, स्वर्ग की ओर आँखें उठाना भी न चाहा, वरन अपनी छाती पीट-पीटकर कहा, ‘हे परमेश्वर मुझ पर दया कर क्योंकि मैं पापी हूँ।’”
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2551, H2603, H2604, H2616, H2617, H2623, H3722, H3727, H4627, H4819, H5503, H5504, H5505, H5506, H6014, H7349, H7355, H7356, H7359, G1653, G1655, G1656, G2433, G2436, G3628, G3629, G3741, G4698
दर्शन, दर्शनों, दर्शन
तथ्य:
“दर्शन” का अर्थ है, मनुष्य द्वारा कुछ देखना। इसका सन्दर्भ विशेष रूप से असामान्य या अलौकिक कृत्य से है जो परमेश्वर अपने सन्देश के लिए मनुष्यों को दिखाता है।
- दर्शन मनुष्य की जागृत अवस्था में देखे जाते हैं। तथापि नींद में भी मनुष्य को दर्शन दिखाई देते हैं।
- परमेश्वर मनुष्य को दर्शन दिखाता है कि उन पर कोई महत्वपूर्ण बात प्रकट करे। उदाहरणार्थ, पतरस को दर्शन दिखाया गया जिसका उद्देश्य था कि उसे अन्यजातियों को सुसमाचार सुनाने के लिए स्वीकार करना सिखाए।
अनुवाद के सुझाव:
- वाक्यांश "एक दर्शन देखा" का अनुवाद किया जा सकता है "परमेश्वर से असामान्य कुछ देखा" या "परमेश्वर ने उसे कुछ खास दिखाया।"
- कुछ भाषाओं में "दृष्टि" और "सपने" के लिए अलग-अलग शब्द नहीं होंगे। तो "दानिय्येल के मन में सपने और दर्शन थे" वाक्य का अनुवाद "दानिय्येल सोते हुए सपना देख रहा था और परमेश्वर ने उसे असामान्य चीज़ों को दिखाया। "
(यह भी देखें: स्वप्न)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 09:10-12
- प्रे.का. 10:3-6
- प्रे.का. 10:9-12
- प्रे.का. 12:9-10
- लूका 01:21-23
- लूका 24:22-24
- मत्ती 17:9-10
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2376, H2377, H2378, H2380, H2384, H4236, H4758, H4759, H7203, H7723, H8602, G3701, G3705, G3706
दलीला
तथ्य:
दलीला एक पलिश्ती स्त्री थी जिससे शिमशोन प्रेम करने लगा था परन्तु वह उसकी पत्नी नहीं थी।
- दलीला शिमशोन से अधिक पैसो से प्रेम करती थी।
- पलिश्तियों ने दलीला को घूस देकर शिमशोन की शक्तियों को विमुख करने का भेद जानने के लिए कहा। उसकी शक्ति समाप्त हो जाने पर पलिश्तियों ने उसे बन्दी बना लिया।
(यह भी देखें: घूस, पलिश्तियों, शिमशोन)
बाइबल सन्दर्भ:
- न्यायियों 16:4-5
- न्यायियों 16:6-7
- न्यायियों 16:10-12
- न्यायियों 16:18-19
शब्द तथ्य:
दाख की बारी, दाख की बारियों
परिभाषा:
दाख की बारी एक बड़ा बगीचा क्षेत्र है जहाँ अंगूर उगते हैं और अंगूर की खेती होती है।
- दाख की बारी दीवारों से घिरी होती है कि चारों ओर जानवरों से दाख की रक्षा की जाए।
- परमेश्वर इस्राएल की तुलना दाख की बारी से करता है और उसमें अच्छे फल नहीं लगे।
- दाख की बारी का अनुवाद किया जा सकता है, “अंगूरों का बगीचा” या “अंगूर की खेती”
(यह भी देखें: अंगूर, इस्राएल, दाखलता)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 09:20-21
- लूका 13:6-7
- लूका 20:15-16
- मत्ती 20:1-2
- मत्ती 21:40-41
शब्द तथ्य:
- Strong's: H64, H1612, H3657, H3661, H3754, H3755, H8284, G289, G290
दाखमधु, दाखमधु
परिभाषा:
“दाखमधु” मदिरा के संदर्भ में काम में लिया गया शब्द है जिसमैं में शराब है।
मदिरा अन्न या फलों से बनाई जाती है जिसका किण्वन किया जाता है।
- "मजबूत पेय" के प्रकार में दाखरस, ताड़ वाइन, बीयर और सेब साइडर शामिल हैं। बाइबिल में, दाखरस सबसे अधिक बार उल्लेख किया जाने वाला दाखमधु था।
- याजक या नाजीर मनुष्य को किसी भी प्रकार का खमीर किया गया पेय वर्जित था।
- इस शब्द को "किण्वित पेय" या "शराबी पेय" के रूप में भी अनुवाद किया जा सकता है।
(यह भी देखें: अंगूर, नाज़ीर, मन्नत, दाखरस)
बाइबल के सन्दर्भ:
- यशायाह 05:11-12
- लैव्यव्यवस्था 10:8-11
- लूका 01:14-15
- गिनती 06:1-4
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5435, H7941, G4608
दाखरस, कुण्ड, कुण्डों, दाखरस, मशक, मशकों, नई दाखरस
परिभाषा:
बाइबल में, "दाखरस" शब्द एक प्रकार का किण्वत पीने का जो एक फल के रस से बनता है जिसे अंगूर कहते हैं। दाखमधु मशकों में रखा जाता था। मशक पशु की खाल से बनी थैली होती थी।
- “नया दाखरस” अर्थात् अंगूर का ताजा रस जिसका किण्वन नहीं किया गया है। कभी-कभी दाखमधु किण्वत रहित दाखरस को भी कहते थे।
- दाखरस निकालने के लिए अंगूरों को कुण्ड में कुचला जाता है ताकि उनका रस निकले। रस का किण्वन किया जाता था कि उसका मद्यसार बने।
- बाइबल के युग में दाखमधु भोजन के साथ एक सामान्य पेय पदार्थ था। उसमें मद्य की मात्रा उतनी नहीं होती थी जितनी आज की दाखरस में होती है।
- भोजन के समय परोसी गई मदिरा में प्रायः पानी मिलाया गया होता था।
- पुरानी मशक कड़क होकर भंगुरावस्था में आ जाती थी जिसकी दरारों में से दाखरस बह जाता था। नई मशकें कोमल एवं लचीली होती थी अर्थात वे फटती नहीं थी और दाखरस को सुरक्षित रखने के लिए उचित थी।
- यदि आपकी संस्कृति में दाखरस नहीं जानी जाती है तो इसका अनुवाद “किण्वन किया हुआ अंगूर का रस” कह सकते हैं या “अंगूर के फलों से किण्वन किया हुआ रस” या “किण्वन किया हुआ फलों का रस”
- “मशक” का अनुवाद “मदिरा की थैली” या “पशु की खाल मदिरा का थैला” या “पशु की खाल मदिरा का पात्र”।
(यह भी देखें: अंगूर, दाखलता, दाख की बारी, दाखरस के कुण्ड)
बाइबल संदर्भ:
- 1 तीमुथियुस 05:23
- उत्पत्ति 09:21
- उत्पत्ति 49:12
- यूहन्ना 02:3-5
- यूहन्ना 02:10
- मत्ती 09:17
- मत्ती 11:18
नष्ट करना
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H2561, H2562, H3196, H4469, H4997, H5435, H6025, H6071, H8492, G1098, G3631, G3820, G3943
दाखरस के कुण्ड
परिभाषा:
बाइबल में दाखरस के कुण्ड वह स्थान था जहाँ दाख का रस निकाला जाता था कि दाखरस तैयार किया जाए।
- इस्राएल दाख के ये कुण्ड भूमि में बनाए गए बड़े और चौड़े गड्ढे होते थे। दाख के गुच्छे इन गड्ढों में डालकर पांवों से रौंदे जाते थे कि रस बह निकले।
- आमतौर पर एक दाखरस के कुंड का दो स्तर होता है, शीर्ष स्तर पर अंगूरों को कुचल दिया जाता है, जिससे कि रस निचले स्तर पर चला जाएगा जहां यह एकत्र किया जा सकता है।
यह शब्द प्रतीकात्मक रूप बाइबल में दुष्ट लोगों पर का परमेश्वर के प्रकोप के उण्डेले जाने का संदर्भ भी देता हे।
(यह भी देखें: अंगूर, क्रोध)
बाइबल सन्दर्भ:
- यशायाह 63:1-2
- मरकुस 12:1-3
- मत्ती 21:33-34
- प्रकाशितवाक्य 14:19-20
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1660, H3342, H6333, G3025, G5276
दाखलता, दाखलताओं
परिभाषा:
शब्द "बेल" एक पौधे को संदर्भित करता है जो जमीन के साथ पिछड़े हुए या पेड़ों और अन्य संरचनाओं पर चढ़ने से बढ़ता है। बाइबल में “दाखलता” शब्द केवल फल लानेवाली लता के लिए काम में लिया गया है और अधिकतर दाखलता के लिए काम में लिया गया है।
- बाइबल में "दाखलता" अधिकतर “अंगूर की बेल” के संदर्भ में काम में लिया गया है।
- अंगूर की शाखाएं मुख्य तने से जुड़ी होती हैं जो उन्हें पानी और अन्य पोषक तत्व देती हैं ताकि वे बढ़ सकें।
- यीशु ने स्वयं को “दाखलता” और विश्वासियों को “डालियाँ” कहा है। यहाँ “दाखलता” का अनुवाद हो सकता है “दाखलता की डाली” या “शाखा”।
(यह भी देखें: अंगूर, दाख की बारी)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 40:9-11
- उत्पत्ति 49:11-12
- यूहन्ना 15:1-2
- लूका 22:17-18
- मरकुस 12:1-3
- मत्ती 21:35-37
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5139, H1612, H8321, G288, G290, G1009, G1092
दान, भेंटों
परिभाषा:
“दान” अर्थात किसी को दी गई या चढ़ाई गई वस्तु। दान देने में बदले में किसी बात के लिए जाने की या किसी वस्तु के दिए जाने की आशा नहीं की जाती है।
- पैसा, भोजन, वस्त्र आदि गरीबों को दिए जाते हैं तो उन्हें “दान” कहते हैं।
- बाइबल में परमेश्वर को चढ़ाई गई वस्तु या बलि को “भेंट” कहते हैं।
- उद्धार का दान परमेश्वर यीशु में विश्वास के द्वारा हमें देता है।
- नये नियम में शब्द “वरदान” जो परमेश्वर द्वारा दी गई विशेष आत्मिक क्षमताएं हैं जो परमेश्वर विश्वासियों को अन्य लोगों की सेवा के निमित्त देता है।
अनुवाद के सुझाव:
- “भेंट” को सामान्य शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति से किया जाए जिसका अर्थ हो, “दी गई कोई वस्तु।”
- मनुष्य की योग्यता या वरदान के संदर्भ में जो परमेश्वर देता है, “पवित्र-आत्मा का वरदान” इसका अनुवाद हो सकता है, “आत्मिक क्षमता” या “पवित्र-आत्मा से प्राप्त विशेष क्षमता” या “परमेश्वर प्रदत्त विशेष आत्मिक प्रवीणता।”
(यह भी देखें: आत्मा, पवित्र आत्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 12:1-3
- 2 शमूएल 11:6-8
- प्रे.का. 08:20-23
- प्रे.का. 10:3-6
- प्रे.का. 11:17-18
- प्रे.का. 24:17-19
- याकूब 01:17-18
- यूहन्ना 04:9-10
- मत्ती 05:23-24
- मत्ती 08:4
शब्द तथ्य:
- Strong's: H814, H4503, H4864, H4976, H4978, H4979, H4991, H5078, H5083, H5379, H7810, H8641, G334, G1390, G1394, G1431, G1434, G1435, G3311, G5486
दान
तथ्य:
दान याकूब का पांचवां पुत्र था और इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक था। कनान के उत्तरी भाग में जहां यह गोत्र बस गया था उस स्थान का नाम भी दान पड़ गया था।
- अब्राहम के युग में यरूशलेम के पश्चिम में एक नगर का नाम भी दान था।
- वर्षों बाद जब इस्राएली प्रतिज्ञा के देश में आए तब यरूशलेम के उत्तर में 60 मील दूर एक नगर का नाम दान था।
- “दानियों” शब्द दान के वंशजों के संदर्भ में है जो इसी कुल के सदस्य थे।
(यह भी देखें: कनान, यरूशलेम, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 12:34-35
- 1 राजा 04:24-25
- निर्गमन 01:1-5
- उत्पत्ति 14:13-14
- उत्पत्ति 30:5-6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1835, H1839, H2051
दान
परिभाषा:
“दान” अर्थात गरीबों की सहायता के लिए पैसा, भोजन तथा अन्य वस्तुएं देना।
- दान करना अधिकतर धार्मिकता हेतु धर्म की अनिवार्यताओं में होता था।
- यीशु ने कहा कि दान देना मनुष्यों को दिखाने के लिए नहीं होना है।
- इस शब्द का अनुवाद “पैसा” या “गरीबों को देना” या “गरीबों की सहायता” हो सकता है।
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 03:1-3
- मत्ती 06:1-2
- मत्ती 06:3-4
शब्द तथ्य:
दाहिना हाथ
परिभाषा:
“दाहिना हाथ” प्रतीकात्मक रूप में किसी शासक के दाहिनी या किसी महत्वपूर्ण मनुष्य के दाहिने हाथ की ओर सम्मान या सामर्थ्य का स्थान है।
- दाहिना हाथ सामर्थ्य, अधिकार या शक्ति का प्रतीक होता है।
- बाइबल में यीशु को पिता परमेश्वर के दाहिनी ओर विश्वासियों की देह (कलीसियां) का प्रमुख और संपूर्ण सृष्टि का नियंत्रण रखनेवाला दर्शाया गया है।.
- दाहिना हाथ विशेष सम्मान स्वरूप किसी के सिर पर रखा जाता था वैसे कुलपति याकूब ने यूसुफ के पुत्र एप्रैम के सिर पर दाहिना हाथ रखकर आशिष दी थी।)
- दाहिने हाथ पर सेवा करना” का अर्थ था ऐसा मनुष्य होना जिसकी सेवा विशेष करके उस व्यक्ति के लिए सहायक एवं महत्वपूर्ण है।
अनुवाद के सुझाव:
- कभी-कभी दाहिना हाथ मनुष्य के दाहिने हाथ के लिए भी काम में लिया जाता था जैसे रोमी सैनिकों ने यीशु का ठट्ठा उड़ाने के लिए उसके दाहिने हाथ में सरंकडा पकवाया था। इसका अनुवाद लक्षित भाषा में दाहिने हाथ के शब्द द्वारा ही किया जाए।
- प्रतीकात्मक उपयोगों के संबन्ध में, यदि लक्षित भाषा में “दाहिने हाथ” के लिए ऐसी उक्ति नहीं है तो देखें कि लक्षित भाषा में इसी अर्थ की अन्य कोई उक्ति है।
- "के दाहिनी ओर" अभिव्यक्ति का अनुवाद "दाईं तरफ" या "सम्मान के स्थान पर" या "ताकत की स्थिति" या "सहायता के लिए तैयार" के रूप में किया जा सकता है।
- "अपने दाहिने हाथ से" अनुवाद करने के तरीके में "अधिकार के साथ" या "शक्ति का उपयोग" या "उनकी अद्भुत ताकत के साथ" शामिल हो सकते हैं।
- लाक्षणिक अभिव्यक्ति "उसका दहिने हाथ और उसका शक्तिशाली हाथ" परमेश्वर की सामर्थ और महान ताकत पर बल देने के दो तरीकों का उपयोग करता है। इस अभिव्यक्ति का अनुवाद करने का एक तरीका "उसकी अद्भुत ताकत और शक्तिशाली शक्ति हो सकती है।"
- "उनका दहिने हाथ झूठ" के अभिव्यक्ति इस रूप में अनुवाद किया जा सकता है, "उनके बारे में सबसे सम्मानजनक बात भी झूठ से भ्रष्ट है" या "उनकी जगह की प्रतिष्ठा धोखे से भ्रष्ट है" या "वे अपने आप को शक्तिशाली बनाने के लिए झूठ का उपयोग करते हैं।"
(यह भी देखें: दोष, बुराई, आदर, सामर्थ्य, दण्ड देना, बलवा)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 02:32-33
- कुलुस्सियों 03:1-4
- गलातियों 04:9-10
- उत्पत्ति 48:14-16
- इब्रानियों 10:11-14
- विलाप 02: 3-4
- मत्ती 23:31-33
- मत्ती 26:62-64
- भजन-संहिता 044:3-4
- प्रकाशितवाक्य 02:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3225, H3231, H3233, G1188
दिन, दिनों
परिभाषा:
“दिन” वास्तव में 24 घन्टे का समय होता है जिसका आरंभ सूर्यास्त से होता था। इसका उपयोग प्रतीकात्मक रूप में भी किया जाता था। जो आकाश में प्रकाश और अंधेरे की बारीक अवधि के लिए लगने वाले समय को संदर्भित करता है। हालाँकि, बाइबल में एक ही शब्द का उपयोग अक्सर छोटी अवधि (जैसे सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच का समय) या एक लंबी अवधि के लिए किया जाता है, जो अक्सर निर्दिष्ट नहीं होती है।
-
"दिन" का उपयोग कभी-कभी "रात" के विपरीत किया जाता है। इन मामलों में, शब्द उस समय की अवधि को संदर्भित करता है जब आकाश प्रकाशित होता है।
-
यह शब्द किसी विशिष्ट बिंदु को भी संदर्भित कर सकता है, जैसे कि "आज।"
-
कभी-कभी “दिन” शब्द का उपयोग रूपक-स्वरूप एक लम्बे समय के लिए भी किया जाता था जैसे “यहोवा का दिन” या “अन्तिम दिनों” कुछ भाषाओं में इन रूपकों के अनुवादों में भिन्न-भिन्न शब्दों का उपयोग करती हैं या “दिन” का अनुवाद रूपक स्वरूप नहीं करती हैं।
अनुवाद के सुझाव:
-
इस शब्द का "दिन" या "दिन के समय" के रूप में अनुवाद करना सबसे अच्छा है, अपनी भाषा में उस शब्द का उपयोग करना जो प्रकाश होने पर दिन के हिस्से को संदर्भित करता है।
-
“दिन” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “समय”, “ऋतु” या “अवसर” का “घटना” प्रकरण के अनुसार।
(यह भी देखें: दण्ड के दिन, आखरी दिन)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 20:4-6
- दानिय्येल 10:4-6
- एज्रा 06:13-15
- एज्रा 06:19-20
- मत्ती 09:14-15
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3117, H3118, H6242, G2250
दुःख, क्लेश, परेशान होना, सताना, सतानेवाले, उपद्रवी
परिभाषा:
“दुःख” जीवन की कठिनाइयों एवं निराशाओं का अनुभव। * “क्लेश” अर्थात् किसी को “परेशान” करना या “कष्ट” देना।“परेशान होना” का अर्थ है किसी बात से घबराना एवं हताश होना।
- घबराना, शरीर, भावनाओं या आत्मिक दुःख के कारण हो सकता है।
- बाइबल में परमेश्वर विश्वासियों के विकास एवं परिपक्वता के लिए परखने के ऐसे समय उत्पन्न करता है।
- पुराने नियम में “दुःख” अनैतिक और परमेश्वर का त्याग करनेवाले देशों का दण्ड माना गया है।
अनुवाद के सुझाव
- “घबराना” या “क्लेश” का अनुवाद “संकट” या “दुःखदायी घटनाएं”या “उत्पीड़न” या “मुश्किल अनुभव” या “विपत्ति” भी किया जा सकता है।
- “घबराना” का एसे शब्द या उक्ति से अनुवाद किया जा सकता है, जिसका अर्थ हो “कष्टों में होना” या “भयानक कष्ट का अनुभव करना” या “गहरी चिन्ता” या “तनाव” या “विपत्ति” या “भय” या “परेशानी”।
- “उसे परेशान मत करो” का अनुवाद हो सकता है, “उसे रहने दो” या “उसकी आलोचना मत करो”
- “विपत्ति के दिन” या “विपत्ति के समय” का अनुवाद हो सकता है, “जब तुम कष्टों का अनुभव करो” या “जब तुम्हारे सामने कठिनाइयां आएं” या “जब परमेश्वर विपत्तियां लाए”।
- “कष्ट लाना” या “कष्ट का कारण” का अनुवाद हो सकता है, “कष्टकारी बातें करना” या “कठिनाई उत्पन्न करना” या “कठिनाइयों का अनुभव कराना”
(यह भी देखें: दुःखित, सताएँ)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 18:18-19
- 2 इतिहास 25:18-19
- लूका 24:38-40
- मत्ती 24:6-8
- मत्ती 26:36-38
शब्द तथ्य:
- Strong's: H205, H598, H926, H927, H928, H1204, H1205, H1607, H1644, H1804, H1993, H2000, H2113, H2189, H2560, H2960, H4103, H5590, H5753, H5916, H5999, H6031, H6040, H6470, H6696, H6862, H6869, H6887, H7264, H7267, H7451, H7481, H7489, H7515, H7561, H8513, G387, G1298, G1613, G1776, G2346, G2347, G2350, G2360, G2553, G2873, G3636, G3926, G3930, G3986, G4423, G4660, G5015, G5016, G5182
दूत, दूतों
तथ्य:
“दूत” अर्थात किसी तक सन्देश पहुंचानेवाला।
- प्राचीन युग में सन्देशवाहक युद्ध क्षेत्र से नगर में मनुष्यों को सन्देश देने भेजा जाता था कि युद्ध का समाचार सुनाए।
- स्वर्गदूत एक विशेष सन्देशवाहक होता था जिसे परमेश्वर मनुष्यों को सन्देश देने भेजता था। कुछ अनुवादों में “स्वर्गदूत” का अनुवाद “दूत” किया गया है।
- यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला भी एक दूत था जो यीशु के पहले आया कि मसीह के आगमन का समाचार दे और उसे ग्रहण करने के लिए मनुष्यों को तैयार करे।
- प्रेरित उसके दूत थे कि परमेश्वर के राज्य का शुभ सन्देश मनुष्यों को सुनाए।
(यह भी देखें: स्वर्गदूत, प्रेरित, यूहन्ना (बपतिस्मा देनेवाला))
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 19:1-3
- 1 शमूएल 06:21
- 2 राजा 01:1-2
- लूका 07:27-28
- मत्ती 11:9-10
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1319, H4397, H4398, H5046, H5894, H6735, H6737, H7323, H7971, G32, G652
दूत, प्रतिनिधि, राजदूत
परिभाषा:
राजदूत वह व्यक्ति है जिसे अधिकार के साथ चुना गया कि विदेशों के साथ संबन्ध रखे। इसका प्रतीकात्मक उपयोग भी किया गया है जिसका अधिक सामान्य अनुवाद “प्रतिनिधि” होता है।
- दूत या प्रतिनिधि अपने भेजने वाले या अपनी सरकार का सन्देश मनुष्यों तक पहुंचाता है।
- सामान्यतः दूत उस व्यक्ति के संदर्भ में है जिसे उस व्यक्ति की ओर से कहने या करने का अधिकार प्राप्त होता है जिसने उसे भेजा है।
- प्रेरित पौलुस ने शिक्षा दी कि विश्वासी मसीह के "राजदूत" या "प्रतिनिधित्व" करते हैं क्योंकि वे इस संसार में मसीह का सन्देश सुनाते हैं।
- प्रकरण के अनुसार इस शब्द का अनुवाद “अधिकारिक रूप से प्रतिनिधि” या “नियुक्त सन्देशवाहक” या “चुना हुआ प्रतिनिधि” या “परमेश्वर का नियुक्त प्रतिनिधि” हो सकता है।
- “दूतों का प्रतिनिधित्व” का अनुवाद “कुछ अधिकृत सन्देशवाहक” या “नियुक्त प्रतिनिधियों का समूह” या “सबकी ओर से बोलने वाला अधिकृत दल”
(यह भी देखें: दूत)
बाइबल सन्दर्भ:
- इफिसियों 06:19-20
- लूका 14:31-33
- लूका 19:13-15
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3887, H4135, H4136, H4397, H6735, H6737, G4243
देवता, झूठे देवता, देवियाँ, मूर्ति, मूर्तिपूजक, मूर्ति पूजा
परिभाषा:
झूठा ईश्वर वह है जिसकी उपासना मनुष्य एकमात्र सच्चे परमेश्वर के स्थान में करते हैं। “देवी” अर्थात झूठी देवी-देवता का स्त्री रूप।
- झूठे देवी-देवता अस्तित्ववान नहीं हैं। यहोवा ही एकमात्र परमेश्वर है।
- मनुष्य अपने झूठे देवी देवताओं को प्रकट करने के लिए मूर्तियां बनाता है।
- बाइबल में परमेश्वर के लोग बार-बार उसकी अवज्ञा करके इन झूठे देवी-देवताओं की पूजा करने लगे थे।
- दुष्टात्माएं मनुष्यों को धोखा देती हैं कि वे विश्वास करें कि जिन झूठे ईश्वरों और मूर्तियों की वे पूजा करते हैं उनमें शक्ति है।
- बाल, दगोन, मोलेक, ये तीन उन अनेक झूठे ईश्वरों में थे जिनकी पूजा बाइबल युग में की जाती थी।
- अशेरा और अरतिमिस (डायना) दो देवियां थी जिनकी पूजा प्राचीन काल में की जाती थी।
एक मूर्ति एक वस्तु है जिसे लोग बनाते हैं ताकि वे इसकी पूजा कर सकें। कुछ को "मूर्तिपूजक" के रूप में वर्णित किया जाता है यदि इसमें एक सच्चे परमेश्वर के अलावा किसी अन्य को सम्मान देना शामिल है।
- लोग उन झूठे देवताओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए मूर्तियाँ बनाते हैं जिनकी वे पूजा करते हैं।
- ये झूठे देवता नहीं होते हैं; यहोवा के अलावा कोई परमेश्वर नहीं है।
- कभी-कभी दुष्टात्मा एक मूर्ति के माध्यम से काम करते हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि उसमें शक्ति है, भले ही वह ऐसा न करता हो।
- मूर्तियों को अक्सर सोने, चांदी, कांस्य या महंगी लकड़ी जैसी मूल्यवान सामग्रियों से बनाया जाता है।
- एक "मूर्तिपूजक राज्य" का अर्थ है, "उन लोगों का राज्य जो मूर्तियों की पूजा करते हैं" या "उन लोगों का राज्य जो सांसारिक वस्तुओं की पूजा करते हैं।"
- शब्द "मूर्तिमान आकृति" एक "नक्काशीदार छवि" या "मूर्ति" का दूसरा शब्द है।
अनुवाद के सुझाव:
- लक्षित भाषा या आसपास की भाषा में “ईश्वर” या “झूठे ईश्वर” के लिए कोई शब्द होगा।
- “मूर्ति” शब्द झूठे ईश्वरो के संदर्भ में काम में लिया जा सकता है।
- झूठे ईश्वर के लिए ईश्वर शब्द और एकमात्र सच्चे परमेश्वर के लिए परमेश्वर शब्द का उपयोग किया जाता है। अन्य भाषाओं में भी ऐसा हो सकता है
- एक विकल्प यह भी है कि झूठे ईश्वरों के लिए एक पूर्णतः भिन्न शब्द का उपयोग किया जाता है।
- कुछ भाषाओं में झूठे ईश्वर के लिंग भेद हेतु एक अतिरिक्त का उपयोग किया जाता है।
(यह भी देखें: परमेश्वर, अशेरा, बाल, मोलेक, मूर्ति, दुष्टात्मा, मूरत,मूरत, मूरत)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:43
- प्रे.का. 19:26-27
- गलतियों 4: 8- 9
- उत्पत्ति 35: 1-3
- यशायाह 44:20
- भजन-संहिता 081:8-10
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 10:02 इन भयानक विपत्तियों के द्वारा परमेश्वर यह दिखाना चाहता था ,कि वह फ़िरौन व मिस्र के __ देवताओ__ से कई अधिक शक्तिशाली है।
- 13:04 परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा, “मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अथार्त् मिस्र देश से निकाल लाया है। ”तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना।
- 14:02 उन्होंने(कनानियो) झूठे __ देवताओं__ की उपासना की, और बहुत से दुष्ट कार्य किए।
- इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
- 18:13 परन्तु बहुत से यहूदा के राजा दुष्ट, विकृत और मूर्तियों की उपासना करने वाले थे। कुछ राजा झूठे देवताओं के लिए अपने बच्चों का भी बलिदान चढ़ाने लगे।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H205, H367, H410, H426, H430, H457, H1322, H1544, H1892, H2553, H3649, H4656, H4906, H5236, H5566, H6089, H6090, H6091, H6456, H6459, H6673, H6736, H6754, H7723, H8163, H8251, H8267, H8441, H8655, G1493, G1494, G1495, G1496, G1497, G2299, G2712
देह, शरीरों
परिभाषा:
“देह” का सन्दर्भ मनुष्य या पशु का शरीर से है। इस शब्द का उपयोग प्रतीकात्मक रूप में किसी वस्तु या जनसमूह के लिए भी किया गया है।
- “देह” शब्द मृतक मनुष्य या मृतक पशु के संदर्भ में भी काम में आता है। कभी ऐसी देह के “मृतक देह” या “लोथ” कहा गया है।
- अन्तिम फसह के भोजन के समय यीशु ने रोटी तोड़कर अपने शिष्यों से कहा था, “यह मेरी देह है” तो वह अपने शरीर के बारे में कह रहा था जो उनके पापों के लिए तोड़ (मार डाला) जाएगा।
- बाइबल में विश्वासियों के समूह को “मसीह की देह” कहा गया है।
- जैसे शरीर के अनेक अंग होते हैं वैसे ही “मसीह की देह” के अनेक सदस्य हैं।
- मसीह की देह में प्रत्येक विश्वासी का अपना एक दायित्व है कि संपूर्ण समूह की सहायता करे कि वह एक साथ परमेश्वर की सेवा करे और उसका महिमान्वन करे।
- यीशु को उसके विश्वासी “देह” का “सिर” भी कहा गया है। जैसे मनुष्य का सिर अपने शरीर को निर्देश देता है कि उसे क्या करना है वैसे ही यीशु विश्वासियों को निर्देश एवं मार्गदर्शन प्रदान करता है कि उसकी “देह” के अंग होने के कारण उन्हें क्या करना है।
अनुवाद के सुझाव:
- इस शब्द के सर्वोत्तम अनुवाद हेतु लक्षित भाषा में शरीर के लिए सामान्यतः काम में लिए जाने वाले शब्द का उपयोग किया जाए। सुनिश्चित करें कि जिस शब्द का उपयोग किया गया है वह अस्वीकार्य तो नहीं।
- कुछ भाषाओं में विश्वासियों के समुदाय का सामूहिक संदर्भ देते समय “मसीह की आत्मिक देह” कहना अधिक स्वाभाविक एवं उचित होगा।
- जब यीशु कहता है, “यह मेरी देह” है तो इसे वास्तविक टिप्पणी के साथ ज्यों का त्यों रखना अधिक उचित है।
- कुछ भाषाओं में मृतक देह के लिए एक अलग शब्द प्रयोग में लिया जाता है जैसे मनुष्य के लिए “शव” और पशु के लिए “लोथ।” सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद संदर्भ में अर्थपूर्ण हो और स्वीकार्य भी हो।
(यह भी देखें: सिर, आत्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 10:11-12
- 1 कुरिन्थियों 05:3-5
- इफिसियों 04:4-6
- न्यायियों 14:7-9
- गिनती 06:6-8
- भजन संहिता 031:8-9
- रोमियो 12:4-5
शब्द तथ्य:
- Strong's: H990, H1320, H1460, H1465, H1472, H1480, H1655, H3409, H4191, H5038, H5085, H5315, H6106, H6297, H7607, G4430, G4954, G4983, G5559
दोष, दोषी ठहरा
परिभाषा:
“दोष” का अर्थ है पाप करने तथा अपराध करने का सत्य।
- “दोषी होना” अर्थात अनैतिक रूप में अनुचित काम करना अर्थात परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करना।
- “दोषी” का विलोम शब्द है “निर्दोष”
अनुवाद के सुझाव:
- कुछ भाषाओं में “दोष” का अनुवाद “पाप का बोझ” या “पाप का गिनना” किया गया है।
- “दोषी होने” की अनुवाद रूप हो सकते हैं, “दोषी होना” या “नैतिकता के आधार पर गलत काम करना” या “पाप करना”
(यह भी देखें: निर्दोष, अधर्म, दण्ड देना, पाप)
बाइबल सन्दर्भ:
- निर्गमन 28:36-38
- यशायाह 06:6-7
- याकूब 02:10-11
- यूहन्ना 19:4-6
- योना 01:14-16
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 39:02 वे कई झूठे गवाह लाए जो यीशु के बारे में झूठ बोल रहे थे। हालांकि, उनके बयान एक दूसरे से नहीं मिल रहे थे, इसलिये यहूदी नेता यीशु को दोषी साबित नहीं कर सके।
- 39:11 यीशु से बात करने के बाद पिलातुस भीड़ में आया, और कहा, “मैं तो इस व्यक्ति में कोई दोष नहीं पाता।” परन्तु यहूदी गुरुओं ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस में चढ़ा दो।” पिलातुस ने कहा कि, “मैं इसमें कोई दोष नहीं पाता।” वह और जोर से चिल्लाने लगे। पिलातुस ने तीसरी बार कहा कि “मैं इसमें कोई दोष नहीं पाता।”
- 40:04 यीशु को दो डाकुओ के बीच क्रूस पर चढ़ाया गया। उनमें से एक जब यीशु का ठट्ठा उड़ा रहा था तो ,दूसरे ने कहा कि, “क्या तू परमेश्वर से नहीं डरता? हम अपराधी है पर ,यह तो बेगुनाह है।”
- 49:10 अपने ही पापों के कारण, तुम अपराधी हो और मृत्यु के योग्य हो।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H816, H817, H818, H5352, H5355, G338, G1777, G3784, G5267
दोष, अपराधों, कुकर्मी, कुटिल जन
परिभाषा:
“दोष” प्रायः पाप का संदर्भ देता है जिसमें देश का नियम तोड़ना भी होता है। “कुकर्मी” अर्थात अपराध करनेवाला।
- अपराध अनेक प्रकार के होते हैं जैसे मनुष्य की हत्या करना या चोरी करना।
- अपराधी को पकड़ कर बन्दी बनाया जाता है और कारावास में रखा जाता है।
- बाइबल के युग में कुछ अपराधी भगोड़े होते थे। वे जगह-जगह भागते फिरते थे कि उनके अपराध का बदला लेनेवालों से बचे”।
(यह भी देखें: चोर)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 तीमुथियुस 02:8-10
- होशे 06:8-9
- अय्यूब 31:26-28
- लूका 23:32
- मत्ती 27:23-24
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2154, H2400, H4639, H5771, H7563, H7564, G156, G1462, G2556, G2557, G4467
दोष, दोष, निर्दोष
तथ्य:
“दोष” अर्थात पशु या मनुष्य में शारीरिक दोष। इसका संदर्भ मनुष्यों में आत्मिक असिद्धता एवं दोष से भी है।
- कुछ बलियों में परमेश्वर की आज्ञा थी कि बलि पशु निर्दोष एवं निष्कलंक हो।
- यह मसीह यीशु का निष्पाप एक निर्दोष बलि होने का चित्रण है।
- मसीह के विश्वासी यीशु के लहू द्वारा पापों से शुद्ध किए गए हैं और निष्कलंक माने गए हैं।
- इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “दोष” या “असिद्धता” या “पाप” प्रकरण के अनुसार।
(यह भी देखें: विश्वासी, शुद्ध, बलिदान करना, पाप)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 पतरस 01:18-19
- 2 पतरस 02:12-14
- व्यवस्थाविवरण 15:19-21
- गिनती 06:13-15
- श्रेष्ठगीत 04:6-7
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3971, H8400, H8549, G3470
दोष, दोष लगाना, दोष लगा रहे है, आरोप लगाने वाला, आरोप
परिभाषा:
“दोष लगाना” या “आरोप” अर्थात् किसी अनुचित कार्य का दोष किसी पर लगाना। किसी पर दोष लगाने वाले को “आरोप लगाने वाला” कहते हैं।
- झूठा दोष अर्थात किसी पर लगाया गया दोष सच नहीं है जैसे यहूदी अगुओें ने यीशु पर अनुचित काम करने का झूठा दोष लगाया था।
- नये नियम की पुस्तक, प्रकाशितवाक्य में शैतान को “आरोप लगाने वाला” कहा गया है।
बाइबल संदर्भ:
- प्रेरि. 19:40
- होशे 04:4
- यिर्मयाह 02:9-11
- लूका 06:6-8
- रोमियो 08:33
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H3198, H6818, G1458, G2147, G2596, G2724
ध्यान, ध्यान करता, ध्यान
परिभाषा:
“बिचवई” अर्थात किसी बात पर सावधानी-पूर्वक और गहन चिन्तन करना।
- बाइबल में इस शब्द का उपयोग प्रायः परमेश्वर और उसकी शिक्षाओं पर विचार करने के लिए काम में किया गया है।
- भजन 1 में लिखा है कि वह मनुष्य जो “दिन रात” परमेश्वर की व्यवस्था पर मनन करता है, धन्य है।
अनुवाद के सुझाव:
- “बिचवई” का अनुवाद हो सकता है, “सावधानी-पूर्वक गहन चिन्तन करना” या “ध्यान-मग्न होकर गहन विचार करना” या “बार-बार सोचना”।
- इसका संज्ञा रूप है, “ध्यान” और इसका अनुवाद “गहन विचार” हो सकता है। “मेरे मन के विचार” का अनुवाद हो सकता है, “मैं जिसका गहन चिन्तन करता हूं” या “मै अक्सर किस बारे में सोचता हूँ”।
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 24:63-65
- यहोशू 01:8-9
- भजन संहिता 001:1-2
- भजन संहिता 119:15-16
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1897, H1900, H1901, H1902, H7742, H7878, H7879, H7881, G3191, G4304
नप्ताली
तथ्य:
नप्ताली याकूब का छठवां पुत्र था। उसके वंशज नप्ताली के गोत्र कहलाए जो इस्राएल के 12 गोत्रों में से एक था।
- कभी-कभी नाम नप्ताली उनके निवास स्थान के लिए भी काम में लिया गया है।
- नप्ताली का भूभाग इस्राएल के उत्तर में था, दान और आशेर के साथ। इसकी पूर्वी सीमा किन्नेरेत सागर के पश्चिमी किनारे पर थी।
- इस गोत्र की चर्चा पुराने नियम और नये नियम दोनों में की गई है।
(यह भी देखें: अशेर, दान, इस्राएल, गलील सागर, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 04:15-17
- व्यवस्थाविवरण 27:13-14
- यहेजकेल 48:1-3
- उत्पत्ति 30:7-8
- न्यायियों 01:33
- मत्ती 04:12-13
शब्द तथ्य:
नाज़ीर, नाज़ीरों, नाज़ीर शपथ
तथ्य:
“नाज़ीर” वह मनुष्य था जो नाज़ीर होने की शपथ लेता था। अधिकतर पुरुष यह शपथ लेते थे परन्तु स्त्रियां भी इस शपथ को लेती थी।
- नाज़ीर मनुष्य निश्चित दिनों सप्ताहों या महीनों तक अंगूर का या अंगूर के रस का कोई व्यंजन या मदिरा या रस नहीं खाता-पीता था। इस अवधि के दौरान वह अपने बाल काट नहीं सकते और मृत शरीर के पास नहीं जा सकते थे।
जब समय पूरा हो जाता था और शपथ पूरी हो जाती थी तब नाज़ीर याजक के पास जाकर बलि चढ़ाता था। इसमें उसके बालों को काटकर जलाया जाता था। और अन्य सब वर्जित बातों का अन्त हो जाता था।
- शमशोन बाइबल में एक प्रसिद्ध व्यक्ति है जो नाज़ीर था।
- यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले को जन्म की भविष्यवाणी करते समय स्वर्गदूत ने जकर्याह से कहा था कि उसका यह पुत्र मदिरा पान नहीं करेगा, जिसका अर्थ है कि वह एक नाज़ीर था।
- प्रेरित पौलुस ने भी एक समय यह शपथ ली थी जो प्रेरितों के काम की पुस्तक के एक अंश से प्रकट है।
(यह भी देखें: यूहन्ना (बपतिस्मा देनेवाला), बलिदान करना, शिमशोन, मन्नत, जकर्याह (पुराना नियम))
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 18:18-19
- आमोस 02:11-12
- न्यायियों 13:3-5
- गिनती 06:1-4
शब्द तथ्य:
नातान
तथ्य:
नातान परमेश्वर का एक विश्वासयोग्य भविष्यद्वक्ता था, और दाऊद के राज्यकाल में सेवा कर रहा था।
- उरिय्याह के विरुद्ध दाऊद के पाप का पर्दाफाश करने के लिए परमेश्वर ने नातान को भेजा था।
- नातान ने दाऊद को झिड़का था, यद्यपि दाऊद राजा था।
- नातान के आगमन के बाद दाऊद ने अपने पाप का प्रायश्चित किया।
(यह भी देखें: दाऊद, विश्वासयोग्य, भविष्यद्वक्ता, ऊरिय्याह)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 17:1-2
- 2 इतिहास 09:29-31
- 2 शमूएल 12:1-3
- भजन संहिता 051:1-2
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 17:07__परन्तु परमेश्वर ने __नातान भविष्यद्वक्ता के द्वारा दाऊद को संदेश भेजा, “क्योंकि तू एक योद्धा है, तू मेरे लिए वह भवन नहीं बनाएगा |
- 17:13 दाऊद ने जो कुछ भी किया उसे लेकर परमेश्वर का क्रोध उस पर भड़का, परमेश्वर ने नातान भविष्यद्वक्ता द्वारा दाऊद को कहलवा भेजा कि उसके पाप कितने बुरे है।
शब्द तथ्य:
नाम
परिभाषा:
"नाम" शब्द उस शब्द को संदर्भित करता है जिसके द्वारा किसी विशिष्ट व्यक्ति या चीज को बुलाया जाता है। हालाँकि, बाइबल में "नाम" शब्द का उपयोग कई अलग-अलग तरीकों से किया जाता है।
- कुछ संदर्भों में “नाम” मनुष्य की प्रतिष्ठा का संदर्भ देता है जैसा कि "हम अपने लिए एक नाम बनाते हैं।"
- “नाम” शब्द किसी स्मृति का संदर्भ भी देता है। उदाहरणार्थ “मूर्तियों का नाम मिटा दो”, अर्थात मूर्तियों को ऐसे नष्ट कर दो कि उनकी स्मृति ही न रहे या उनकी पूजा न की जाए।
- “परमेश्वर के नाम में” बोलना अर्थात उसके सामर्थ्य और अधिकार में या उसके प्रतिनिधि होकर बोलना।
- किसी का “नाम” संपूर्ण मनुष्य का संदर्भ देता है जैसे “आकाश के नीचे कोई और नाम नहीं जिससे हम उद्धार पाते हैं।”
अनुवाद के सुझाव:
- “इसका अच्छा नाम” इस वाक्य का अनुवाद हो सकता है, “उसकी अच्छी प्रतिष्ठा।”
- “के नाम में” कुछ करना, इसका अनुवाद हो सकता है, के अधिकार में” या “की अनुमति से” या “प्रतिनिधित्व में” काम करना।
- “ऐसा करना कि मनुष्य हमारे बारे में जाने” या “मनुष्यों को सोचने पर विवश करना कि हम महत्वपूर्ण हैं।”
- यह अभिव्यक्ति हैः "उसका नाम पुकारना" का अनुवाद हो सकता है "उसे नाम देना" या "उसे पुकारना"।
- "जो लोग आपके नाम से प्रेम रखते हैं" का अनुवाद "जो आपसे प्यार करते है" के रूप में किया जा सकता है।
- "मूर्तियों के नामों को काट" का अनुवाद "मूर्तियों से छुटकारा पाना ताकि वे याद भी न आये" या "लोगों को झूठे देवताओं की पूजा करना बंद करने का कारण" या "सभी मूर्तियों को पूरी तरह से नष्ट कर दें ताकि लोग अब उनके बारे में न सोचे" के रूप में किया जा सकता है।
(यह भी देखें: बुलाना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 यूहन्ना 02:12-14
- 2 तीमुथियुस 02:19-21
- प्रे.का. 04:5-7
- प्रे.का. 04:11-12
- प्रे.का. 09:26-27
- उत्पत्ति 12:1-3
- उत्पत्ति 35:9-10
- मत्ती 18:4-6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5344, H7121, H7761, H8034, H8036, G2564, G3686, G3687, G5122
नाश किया, नाश करे, काटकर
परिभाषा:
“काटा जाए” एक मुहावरा है जिसका अर्थ है, मूल समुदाय से अलग किया जाना, देश निकाला देना, या संबन्ध विच्छेद कर देना। इसका संदर्भ पाप के दण्ड के परमेश्वर के कार्य द्वारा घात किया जाना।
- पुराने नियम में परमेश्वर की आज्ञाएं नहीं मानने का परिणाम होता था काटा जाना या परमेश्वर की प्रजा या उसकी उपस्थिति से अलग कर दिया जाना।
- परमेश्वर ने यह भी कहा था कि वह अन्य जातियों को “नाश किया” या नष्ट कर देगा क्योंकि वे उसकी उपासना नहीं करते थे न ही उसकी आज्ञा का पालन करते थे वरन् वे इस्राएल के शत्रु थे।
- “नाश किया” परमेश्वर द्वारा नदी के प्रवाह को रोकने के संदर्भ में भी काम में लिया गया है।
अनुवाद के सुझाव:
- “काट दिया जाए” का अनुवाद हो सकता है, “देश से निकाल दिया जाए”, या “दूर भेज दिया जाए” या “विच्छेदित कर दिया जाए” या “मार डाला जाए” या “नष्ट कर दिया जाए”।
- प्रकरण के अनुसार “काट देना” का अनुवाद किया जा सकता है, “नष्ट करना” या “दूर कर देना” या “विच्छेदित करना” या “नाश करना”।
- प्रवाहित जल काट देने का अनुवाद हो सकता है, “रोक देना” या “जल प्रवाह रोक देना” या “जल विभाजित कर देना”।
- चाकू द्वारा किसी वस्तु को काटने का अर्थ इस शब्द के प्रतीकात्मक अनुवादों से सर्वथा भिन्न होना है।
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 17:12-14
- न्यायियों 21:6-7
- नीतिवचन 23:17-18
शब्द तथ्य:
- Strong's: G609, G851, G1581, G2407, G5257, H1214, H1219, H1438, H1468, H1494, H1504, H1629, H1820, H1824, H1826, H2498, H2686, H3582, H3772, H5243, H5352, H6202, H6789, H6990, H7082, H7088, H7096, H7112, H7113
निडर, निडर होकर, साहस, साहसी
परिभाषा:
इन शब्दों का संदर्भ कठिन एवं जोखिम भरी स्थिति में सत्य बोलने और उचित काम करने में साहस और आत्मविश्वास से है।
- “निडर” मनुष्य उचित एवं अच्छी बात कहने तथा दुर्व्यवहार सहनेवालों को बचाने में निर्भीक रहता है। इसका अनुवाद “साहसी” या “निर्भीक” भी हो सकता है।
- नये नियम में प्रेरित सार्वजनिक स्थानों में यीशु की चर्चा करने में निडर थे चाहे उन पर बन्दीगृह में डालने या हत्या का संकट था। इसका अनुवाद, “आत्मविश्वास के साथ” या “प्रबल साहस के साथ” या “साहसपूर्वक” हो सकता है।
- इन आरंभिक शिष्यों द्वारा मसीह की क्रूस पर मृत्यु के द्वारा उद्धार का शुभ सन्देश सुनाने में “निडर” रहने का परिणाम यह हुआ कि यीशु का शुभ सन्देश इस्राएल और आसपास के देशों में और अन्ततः संपूर्ण संसार में फैल गया। “निडर” का अनुवाद, “आत्म बल का साहस” हो सकता है।
(यह भी देखें: भरोसा, शुभ समाचार, छुड़ा ले)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 यूहन्ना 02:27-29
- 1 थिस्सलुनीकियों 02:1-2
- 2 कुरिन्थियों 03:12-13
- प्रे.का. 04:13-14
शब्द तथ्य:
- Strong's: H982, H983, H4834, H5797, G662, G2292, G3618, G3954, G3955, G5111, G5112
निर्दोष
परिभाषा:
“निर्दोष” शब्द का अर्थ है, अपराध या अनुचित कार्य का दोषी न होना। इसका संदर्भ सामान्यतः उन मनुष्यों से है जो बुरे कामों में नहीं हैं।
- किसी मनुष्य पर अनुचित कार्य का दोष लगाया गया और उसने वह काम नहीं किया तो वह निर्दोष है।
- कभी-कभी “निर्दोष” शब्द का उपयोग उन मनुष्यों के लिए किया जाता है जो किसी बुरे काम को नहीं करने के उपरान्त भी दण्डित किए जाते हैं, जैसे शत्रु की सेना “निर्दोषों” पर आक्रमण करती है।
- बाइबिल में, “लहू” “हत्या” को दर्शाता है, “निर्दोष का लहू” इसका अनुवाद हो सकता है, “मनुष्य जिन्होंने कुछ भी अनुचित कार्य नहीं किया कि उन्हें मार डाला गया”
अनुवाद के सुझाव:
- अधिकांश प्रकरणों में “निर्दोष” शब्द का अनुवाद हो सकता है: "निरपराध" या "उत्तरदायी नहीं" या "दोषी नहीं"
- जब सामान्यतः निर्दोष मनुष्यों के संदर्भ में हो तो इसका अनुवाद होगा, “जिन्होंने कुछ भी अनुचित नहीं किया” या “जो बुराई में सहभागी नहीं हैं”।
- “निर्दोष का लहू बहाना” इसका अनुवाद हो सकता है, “निर्दोषों की हत्या” उन लोगों की हत्या करना जिन्होंने कुछ भी अनुचित नहीं किया”
(यह भी देखें: दोष)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 04:3-4
- 1 शमूएल 19:4-5
- प्रे.का. 20:25-27
- निर्गमन 23:6-9
- यिर्मयाह 22:17-19
- अय्यूब 09:21-24
- रोमियो 16:17-18
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 08:06 दो साल बाद भी, निर्दोष होने के बावजूद यूसुफ बंदीगृह में था।
- 40:04 उनमें से एक जब यीशु का ठट्ठा उड़ा रहा था तो ,दूसरे ने कहा कि, “क्या तू परमेश्वर से नहीं डरता? हम अपराधी है पर ,यह तो बेगुनाह है।”
- 40:08 तब सूबेदार जो यीशु का पहरा दे रहे थे, वो सब कुछ जो हुआ था उसे देखकर कहा कि, “यह मनुष्य धर्मी था। सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र था।”
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2136, H2600, H2643, H5352, H5355, H5356, G121
निर्दोष
परिभाषा:
“निर्दोष शब्द” का शाब्दिक अर्थ है, “बिना किसी दोष के”। यह उस मनुष्य के संदर्भ में काम में लिया जाता है जो पूर्ण मन से परमेश्वर की आज्ञाएं मानता है परन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि वह निष्पाप है।
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- इसका अनुवाद इस प्रकार भी हो सकता है “उसका चरित्र दोषरहित है” या पूर्वतः परमेश्वर का आज्ञाकारी है” या “पाप से दूर रहना” या “बुराई से दूर रहता है”
बाइबल संदर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 02:10
- 1 थिस्सलुनीकियों 03:11-13
- 2 पतरस 03:14
- कुलुस्सियों 01: 2, 2
- उत्पत्ति 17: 1-2
- फिलिप्पियों02:, 15
- फिलिप्पियों03:6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5352, H5355, H8535, G273, G274, G298, G299, G338, G410, G423
निर्दोष, निर्दोष ठहराना, छूट जाता
परिभाषा:
"निर्दोष ठहराना" अर्थात् किसी को नियम विरोधी का अनैतिकता के दोष से मुक्त करना।
- बाइबल में यह शब्द कभी-कभी पापियों को क्षमा करने के लिए काम में लिया जाता है।
- प्रकरण प्रायः दुष्टों और परमेश्वर विरोधियों को अनुचित रूप से दोषमुक्त करने के बारे में है।
- इसका अनुवाद हो सकता है, “निर्दोष घोषित करना” या “दोषी ना होने का निर्णय देना”
(यह भी देखें: क्षमा कर, दोष, पाप)
बाइबल सन्दर्भ:
- व्यवस्थाविवरण 25:1-2
- निर्गमन 21:28-30
- निर्गमन 23:6-9
- यशायाह 05:22-23
- अय्यूब 10:12-14
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3444, H5352, H5355, H6403, H6663
निवासी, निवासियों
परिभाषा:
निवासी उस व्यक्ति को कहते हैं जो किसी नगर, देश या राज्य में रहता है। अर्थात जो उस स्थान का अधिकृत निवासी माना जाता है।
- सन्दर्भ के अनुसार, इसका अनुवाद, “निवासियों” या “आधिकारिक निवासी” भी किया जा सकता है।
- निवासी एक क्षेत्र में रहता है जो किसी राज्य का एक भाग हो सकता है जिस पर राजा या सम्राट या शासक राज करता है। उदाहरणार्थ, पौलुस रोमी नागरिक था, रोम के अनेक प्रान्त थे, पौलुस इनमें से एक प्रान्त में रहता था।
- प्रतीकात्मक रूप में यीशु के विश्वासी स्वर्ग के नागरिक कहलाते हैं, अर्थात वे एक दिन वहां होंगे। किसी देश के नागरिकों के समान विश्वासी परमेश्वर के राज्य के नागरिक हैं।
(देखें: राज्य, पौलुस, प्रांत, रोम)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 21:39-40
- यशायाह 03:1-3
- लूका 15:15-16
- लूका 19:13-15
शब्द तथ्य:
- Strong's: H6440, G4175, G4177, G4847
नींद, सो जाना, सो गए थे, सोना, सोना, “उसे नींद आ गई”, सोना, सोना, नींद ना आना, नींद
परिभाषा:
इन शब्दों के प्रतीकात्मक अर्थ हैं मृत्यु।
- “नींद” या “सोये रहो ” एक उपमा जिसका अर्थ है "मर जाना" हो सकता है। (देख: उपमा)
- अभिव्यक्ति "सो जाओ" का अर्थ है सोना शुरू करना, या, अर्थात् मरना।
- 'अपने पितरों के साथ सो जाओ' का मतलब है, जैसा कि किसी के पूर्वजों की तरह मरना, मरने के लिए या मरने का मतलब है।
अनुवाद के सुझाव:
- “सो जाना” का अनुवाद हो सकता है, “अक्स्मात ही सो जाना” या “सोने लगना” या “मरना” जैसा भी अभिप्राय हो उसके अनुसार।
- टिप्पणी: विशेष महत्त्व की बात है कि प्रतीकात्मक अभिव्यक्तियां प्रकरण के अनुरूप हों, जहाँ पाठक अर्थ न समझा पाते हों। उदाहरणार्थ, जब यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि लाज़र “सोता है” तब वे समझे कि वह सो रहा है। ऐसे में “सोता है” का अनुवाद “मर गया” करना अनुचित होगा।
- यदि लक्षित भाषा में “सोता है” या “सोया हुआ है” समझ में न आए तो इस भाषा में मृत्यु या मरने के भिन्न शब्दों का उपयोग किया जाए।
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 राजा 18:27-29
- 1 थिस्सलुनीकियों 04:13-15
- प्रे.का. 07:59-60
- दानिय्येल 12:1-2
- भजन-संहिता 044:23-24
- रोमियो 13:11-12
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1957, H3462, H3463, H7290, H7901, H8139, H8142, H8153, H8639, G879, G1852, G1853, G2518, G2837, G5258
न्यायी, न्याय
परिभाषा:
“न्यायी” और “न्याय” का संदर्भ किसी नैतिक या अनैतिक काम के इस बारे में निर्णय लेने का उल्लेख करते हैं।
- “परमेश्वर का न्याय” अर्थात किसी न किसी को पापी के रूप में निंदा करने के उसके निर्णय को संदर्भित करता है।
- परमेश्वर का न्याय प्रायः मनुष्यों को पाप का दण्ड देना होता है।
- “न्याय करने” का अर्थ “दोषी ठहराना” है। परमेश्वर अपने लोगों से कहता है कि वे एक दूसरे का ऐसा न्याय नहीं करें।
- इसका एक और अर्थ है “के बीच मध्यस्थता” या “दो मनुष्यों का न्याय करना” कि मतभेद में कौन सही है।
- कुछ प्रकरणों में परमेश्वर के “न्याय” का अर्थ है परमेश्वर ने किस बात को उचित एवं न्याय सम्मत ठहराया है। यह उसके आदेश, नियमों या अध्यादेशों को सम्मानार्थक है।
- “न्याय” का संदर्भ बुद्धिमानी की निर्णय लेने की क्षमता। जिस मनुष्य में “न्याय” की कमी है उसमें बुद्धिमानी के निर्णय लेने की योग्यता नहीं है।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “न्याय करना” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “निर्णय लेना” या “दोषी ठहराना” या “दण्ड देना” या “आज्ञा देना”
- “न्याय” का अनुवाद “दण्ड” या “निर्णय” या “आदेश” या “आज्ञा” या “दोष” के रूप में किया जा सकता है।
- कुछ प्रकरणों में “न्याय में” का अनुवाद “न्याय के दिन” या “परमेश्वर द्वारा मनुष्यों के न्याय का समय” हो सकता है।
(यह भी देखें: आज्ञा, न्यायी, दण्ड के दिन, सच्चा, व्यवस्था, व्यवस्था)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 यूहन्ना 04:17-18
- 1 राजा 03:7-9
- प्रे.का. 10:42-43
- यशायाह 03:13-15
- याकूब 02:1-4
- लूका 06:37
- मीका 03:9-11
- भजन संहिता 054:1-3
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 19:16 उन भविष्यवक्ताओं ने लोगों को चेतावनी देना आरंभ किया कि, यदि उन्होंने दुष्ट कार्य करना बंद न किया, और परमेश्वर कि आज्ञा का पालन करना आरंभ न किया, तब परमेश्वर उन्हें दोषी ठहराएगा और उन्हें दण्डित करेंगा।
- 21:08__राजा वह होता है जो राज्य पर शासन करता है और लोगों का __न्याय करता है। मसीह एक सिद्ध राजा होगा जो की दाऊद के सिंहासन पर विराजमान होगा। वह हमेशा के लिए संसार पर राज्य करेगा, और सदैव सच्चाई से न्याय करेगा और उचित निर्णय लेगा।
- 39:04 इस पर महा याजक ने क्रोध में अपने वस्त्र फाड़े और अन्य धार्मिक नेताओं से कहा कि, “अब हमें गवाहों की क्या जरुरत। तुमने अभी सुना है कि इसने अपने को परमेश्वर का पुत्र कहा है। तुम्हारा क्या न्याय है?”
- 50:14 परन्तु जो यीशु पर विश्वास नहीं करेंगे परमेश्वर उनमें से हर एक का न्याय करेंगे। वह उन्हें नरक में फेंक देगा, जहाँ वे वेदना में सदा रोएँगे और दाँत पीसेंगे।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H148, H430, H1777, H1778, H1779, H1780, H1781, H1782, H2940, H4055, H4941, H6414, H6415, H6416, H6417, H6419, H6485, H8196, H8199, H8201, G144, G350, G968, G1106, G1252, G1341, G1345, G1348, G1349, G2917, G2919, G2920, G2922, G2923, G4232
न्यायी, न्याय
परिभाषा:
न्यायी वह व्यक्ति है जो सही और गलत का निर्णय लेता है, विशेष करके व्यवस्था संबन्धित विषयों में जब लोगों में मतभेद हो।
- बाइबल में परमेश्वर को अधिकतर एक न्यायी कहा गया है क्योंकि वही एकमात्र सिद्ध न्यायी है जो सही या गलत का अन्तिम निर्णय देता है।
- इस्राएल जब कनान में प्रवेश कर गया और उनके राजाओं से पूर्व परमेश्वर उनके लिए अगुवे नियुक्त करता था कि संकट के समय उनकी अगुआई करे इन अगुओं का न्यायी कहा गया है। ये न्यायी अधिकतर सैनिक अगुवे थे जिन्होंने शत्रु को पराजित करके इस्राएलियों का उद्धार किया था।
- “न्यायी” को “निर्णय लेने वाला” या “अगुआ” या “मुक्तिदाता” या “अधिपति” कह सकते हैं परन्तु प्रकरण के अनुसार।
(यह भी देखें: शासन करना, न्यायी, व्यवस्था)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 तीमुथियुस 04:6-8
- प्रे.का. 07:26-28
- लूका 11:18-20
- लूका 12:13-15
- लूका 18:1-2
- मत्ती 05:25-26
- रूत 01:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H148, H430, H1777, H1778, H1779, H1780, H1781, H1782, H2940, H4055, H6414, H6415, H6416, H6417, H6419, H8196, H8199, H8201, G350, G1252, G1348, G2919, G2922, G2923
पत्थर, पत्थर, पत्थर
परिभाषा:
पत्थर एक छोटी चट्टान का टुकड़ा होता है। "पत्थर" करने के लिए किसी ने उसे मारने के इरादे से उस व्यक्ति पर पत्थर और बड़ी चट्टानें फेंकना है एक "पत्थरवाह" एक घटना है जिसमें किसी को पत्थरवाह किया गया था।
- प्राचीन समय में, पत्थरों को लोगों द्वारा किए गए अपराधों की सजा के रूप में लोगों को निष्पादित करने का एक सामान्य तरीका था।
- परमेश्वर ने इस्राएल के अगुवों को आज्ञा दी थी कि वे लोगों को कुछ पापों के लिए मार डालें, जैसे व्यभिचार।
- नए नियम में, यीशु ने व्यभिचार में एक महिला को माफ कर दिया और लोगों को उसे मारने से रोक दिया
- स्तिफनुस, जो यीशु के बारे में गवाही देने के लिए बाइबल में पहली व्यक्ति जिसको हत्या कर दी गई थी, उसे पत्थरवाह करके मार डाला गया था
- लुस्त्रा शहर में, प्रेरित पौलुस को पत्थरवाह किया गया था, लेकिन वह अपने घावों से मरा नहीं।
(यह भी देखें: व्यभिचार, करना, दोष, मर जाए, लुस्त्रा, गवाही)
बाइबल के सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:57-58
- प्रे.का. 07:59-60
- प्रे.का. 14:5-7
- प्रे.का. 14:19-20
- यूह. 08:4-6
- लूका 13:34-35
- लूका 20:5-6
- मत्ती. 23:37-39
शब्द तथ्य:
- Strong's: H68, H69, H810, H1382, H1496, H1530, H2106, H2672, H2687, H2789, H4676, H4678, H5553, H5601, H5619, H6344, H6443, H6697, H6864, H6872, H7275, H7671, H8068, G2642, G2991, G3034, G3035, G3036, G3037, G4074, G4348, G5586
परदेशी, फूट करा, अलग किए, पराई
परिभाषा:
“परदेशी” अर्थात किसी अन्य देश में रहनेवाला। “परदेशी” का दूसरा शब्द है, विदेशी।
- पुराने नियम में यह शब्द उस मनुष्य के लिए काम में लिया गया है जो किसी अन्य समुदाय से आकर एक समुदाय में रह रहा है।
- परदेशी वह मनुष्य भी है जिसकी भाषा और संस्कृति किसी विशेष क्षेत्र से भिन्न होती है।
- उदाहरणार्थ, जब नाओमी और उसका परिवार मोआब गए थे तब वहां परदेशी हो कर रहते थे। जब नाओमी और उसकी बहू रूत इस्राएल लौटे तब रूत को “परदेशी” कहा गया क्योंकि वह मूल इस्राएली नहीं थी।
- प्रेरित पौलुस ने इफिसियों की कलीसियाँ को लिखा कि मसीह को जानने से पूर्व वे परमेश्वर के विधान के लिए “परदेशी” थे।
- कभी-कभी “परदेशी” का अनुवाद “अनजान” भी किया जा सकता है परन्तु इसका अर्थ गहन हो कि वह “अपरिचित” या “अज्ञात मनुष्य” है।
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 इतिहास 02:17-18
- प्रे.का. 07:29-30
- व्यवस्थाविवरण 01:15-16
- उत्पत्ति 15:12-13
- उत्पत्ति 17:24-27
- लूका 17:17-19
- मत्ती 17:24-25
शब्द तथ्य:
- Strong's: H312, H628, H776, H1471, H1481, H1616, H2114, H3363, H3937, H4033, H5236, H5237, H5361, H6154, H8453, G241, G245, G526, G915, G1854, G3581, G3927, G3941
परमेश्वर
तथ्य:
बाइबल में “परमेश्वर” का संदर्भ शाश्वत जीव से है जिसने ब्रह्माण्ड को शून्य से बनाया है। परमेश्वर का अस्तित्व पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा में है। परमेश्वर का नाम यहोवा है।
- परमेश्वर सदा से है, जब कुछ भी नहीं था तब परमेश्वर था और वह अनन्त काल तक रहेगा।
- वही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है और उसका अधिकार संपूर्ण ब्रह्माण्ड पर है।
- परमेश्वर धार्मिकता में सिद्ध, असीम बुद्धिमान, पवित्र, निष्पाप, न्यायी, दयालु और प्रेमी है।
- वह वाचा रखनेवाला परमेश्वर है जो अपनी प्रतिज्ञाएं सदैव पूरी करता है।
- मनुष्य को परमेश्वर की उपासना हेतु बनाया गया था और उसे सदैव उसी की उपासना करना चाहिए।
- परमेश्वर ने अपना नाम “यहोवा” बताया है जिसका अर्थ है, “वह है” या “मैं हूँ” या “जो हमेशा से है।”
- बाइबल में झूठे ईश्वरों का भी उल्लेख है जो निर्जीव मूर्तियां है, उनकी उपासना मनुष्य करता है।
अनुवाद के सुझाव:
- “परमेश्वर” शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “दिव्य शक्ति” या “सृजनहार” या “अलौकिक प्राणी”।
- “परमेश्वर” शब्द के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “अलौकिक सृजनहार” या “अनन्त परम प्रधान प्रभु” या “शाश्वत अलौकिक प्राणी”
- ध्यान दें कि स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में परमेश्वर के लिए क्या शब्द काम में लिया जाता है। हो सकता है कि लक्षित भाषा में परमेश्वर के लिए एक शब्द है। यदि है तो सुनिश्चित करें कि उस शब्द में एकमात्र सच्चे परमेश्वर के गुण प्रकट है, जैसा ऊपर व्यक्त किया गया है।
- अनेक भाषाओं में परमेश्वर शब्द का प्रथम अक्षर बड़ा कर दिया जाता है कि वह झूठे ईश्वरों से भिन्न करा जा सके।
- इस अन्तर को प्रकट करने के लिए परमेश्वर और ईश्वर शब्दों को दो भिन्न अक्षरों द्वारा व्यक्त किया जाए।
- “मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरे लोग होंगे” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “मैं परमेश्वर इन लोगों पर राज करूंगा और वे मेरी उपासना करेंगे।”
(यह भी देखें: उत्पन्न, देवता, परमेश्वर पिता, पवित्र आत्मा, मूर्ति, परमेश्वर का पुत्र, यहोवा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 यूह. 01:5-7
- 1 शमूएल 10:7-8
- 1 तीमुथियुस 04:9-10
- कुलुस्सियों 01: 15-17
- व्य. 29:14-16
- एज्रा 03:1-2
- उत्पत्ति 01: 1-2
- होशे 04:11-12
- यशा. 36:6-7
- याकूब 02:18-20
- यिर्मयाह 05:4-6
- यूह. 01:1-3
- यहोशू 03:9-11
- विलापना 03:40-43
- मीका 04:4-5
- फिलिप्पुस 02:5-8
- नीतिवचन 24:11-12
- भजन-संहिता 047:8-9
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 01:01 परमेश्वर ने छह दिनों में ब्रह्मांड और सब कुछ बनाया।
- 01:15 परमेश्वर ने अपनी छवि में आदमी और औरत को बनाया।
- 05:03 "मैं परमेश्वर सर्वशक्तिमान हूँ। मैं तुम्हारे साथ वाचा बान्धूंगा।
- 09:14 परमेश्वर ने कहा, "मैं जो हूं, सो हूं। उनसे कहना, 'जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।' यह भी उनको बताओ, "मैं तुम्हारे पूर्वजों अब्राहम, इसहाक और याकूब का परमेश्वर, यहोवा हूं।" सदा तक मेरा नाम यही रहेगा।'" है
- 10:02 इन भयानक विपत्तियों के द्वारा परमेश्वर यह दिखाना चाहता था ,कि वह फ़िरौन व मिस्र के देवताओ से कई अधिक शक्तिशाली है।
- 16:01 इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमेश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
- 22:07 और तू हे बालक, परमप्रधान परमेश्वर का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा क्योंकि तू प्रभु का मार्ग तैयार करने के लिए उसके आगे आगे चलेगा।
- 24:09 ” केवल एक ही परमेश्वर है। परन्तु जब यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया, उसने पिता परमेश्वर को कहते सुना, पुत्र परमेश्वर को देखा, और पवित्र आत्मा को भी देखा।
- 25:07 "कि ‘तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
- 28:01 "जो उत्तम है वह केवल एक ही है, और वह परमेश्वर है।"
- 49:09 लेकिन परमेश्वर ने जगत के हर मनुष्य से इतना अधिक प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे उसे उसके पापों का दण्ड नहीं मिलेगा, परन्तु हमेशा परमेश्वर के साथ रहेगा।
- 50:16 लेकिन एक दिन परमेश्वर एक नया आकाश और एक नई पृथ्वी की रचना करेगा जो सिद्ध होगी।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H136, H305, H410, H426, H430, H433, H2486, H2623, H3068, H3069, H3863, H4136, H6697, G112, G516, G932, G935, G1096, G1140, G2098, G2124, G2128, G2150, G2152, G2153, G2299, G2304, G2305, G2312, G2313, G2314, G2315, G2316, G2317, G2318, G2319, G2320, G3361, G3785, G4151, G5207, G5377, G5463, G5537, G5538
परमेश्वर की प्रजा, मेरी प्रजा
परिभाषा:
“परमेश्वर की प्रजा” अर्थात परमेश्वर ने संसार में से जिन लोगों को बुलाकर अलग कर लिया कि उसके साथ विशेष संबन्ध में रहें।
- पुराने नियम में परमेश्वर के लोग (प्रजा) इस्राएल के संदर्भ में है जिन्हें परमेश्वर ने चुन कर अन्यजातियों से अलग कर लिया कि उसकी सेवा करें और उसकी आज्ञा मानें।
- नये नियम में “परमेश्वर के लोग” का अभिप्राय उन सब मनुष्यों से है जो यीशु में विश्वास करते हैं और उन्हें कलीसिया कहा गया है। कलीसिया में यहूदी और अन्यजाति विश्वासी दोनों हैं। नए नियम में, कभी-कभी लोगों के इस समूह को "परमेश्वर के पुत्र" या "परमेश्वर की संतान" कहा जाता है।
- परमेश्वर कहता है “मेरी प्रजा” तो वह उन लोगों के बारे में कह रहा है जिन्हें उसने चुन लिया है और उनके साथ उसका संबन्ध सबसे अलग है। परमेश्वर की प्रजा उसके द्वारा चुनी हुई है और संसार से पृथक की गई है कि उसे प्रसन्न करने का जीवन जीएं। परमेश्वर उन्हें अपनी सन्तान भी कहता है।
अनुवाद के सुझाव:
- “परमेश्वर की प्रजा” का अनुवाद “परमेश्वर के लोग” या “परमेश्वर की आराधना करने वाले लोग” या “परमेश्वर की सेवा करने वाले लोग” या “परमेश्वर के अपने लोग”।
- जब परमेश्वर कहता है, “मेरी प्रजा” तब उसका अनुवाद हो सकता है, “जिन लोगों को मैंने चुन लिया है” या “मेरी आराधना करने वाले लोग” या “मेरे अपने लोग”
- इसी प्रकार “तेरी प्रजा” का अनुवाद “तेरे अपने लोग” या “तुझे चुन लेने वाले लोग” हो सकता है।
- “उसकी प्रजा” का अनुवाद “उसके अपने लोग” या “जिन लोगों को परमेश्वर ने अपना भाग चुन लिया” हो सकता है।
(यह भी देखें: इस्राएल, जाति)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 11:1-3
- प्रे.का. 07:33-34
- प्रे.का. 07:51-53
- प्रे.का. 10:36-38
- दानिय्येल 09:24-25
- यशायाह 02:5-6
- यिर्मयाह 06:20-22
- योएल 03:16-17
- मीका 06: 3-5
- प्रकाशितवाक्य 13:7-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H430, H5971, G2316, G2992
परीक्षा, परीक्षण, परीक्षण
परिभाषा:
“परीक्षा” का संदर्भ कठिन या दुःखदायी अनुभव से है जो मनुष्य की इच्छाशक्ति या दुर्बलता को दर्शाता है।
- परमेश्वर मनुष्य को जांचता है, परन्तु उनको पाप में नहीं गिराता था। परन्तु शैतान मनुष्यों को पाप करने की परीक्षा में डालता है।
- परमेश्वर कभी-कभी कसौटी पर रखकर मनुष्य के पाप को प्रकट करता है। परीक्षा एक व्यक्ति को पाप से दूर करने और परमेश्वर के करीब आने में मदद करती है।
- सोना-चांदी को आग में तपा कर उनकी शुद्धता और मज़बूती देखी जाती है। यह कष्टदायक परिस्थितियों द्वारा मनुष्यों को परखने का चित्रण है।
- “परख कर देखना” अर्थात् “किसी को चुनौती देना कि अपने महत्व को सिद्ध करे।”
- परमेश्वर की परीक्षा लेने का अर्थ है, उससे हमारे लिए एक चमत्कार कराने कि कोशिश करना है, उसकी दया का अनुचित लाभ उठाना।
- यीशु ने शैतान से कहा था कि परमेश्वर की परीक्षा लेना उचित नहीं है। वह सर्वशक्तिमान पवित्र परमेश्वर है जो सबके ऊपर है।
अनुवाद के सुझाव:
- “परखना” का अनुवाद हो सकता है, “चुनौती देना” या “कठिनाइयों का अनुभव करवाना” या “सिद्ध करना”।
- “परखना” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “चुनौती” या “कठिनाई”।
- “परख कर देखना” का अनुवाद हो सकता है, “परीक्षा करना” या “चुनौती देना” या “किसी के स्वयं को सिद्ध करने पर विवश करना।”
- परमेश्वर के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर को विवश करने का प्रयास करना कि वह अपना प्रेम सिद्ध करे।”
- कुछ संदर्भों में, जब विषय परमेश्वर नहीं है, “परखना” का अर्थ “परीक्षा” भी हो सकता है।
(यह भी देखें: परीक्षा करने)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 यूहन्ना 04:1-3
- 1 थिस्सलुनीकियों 05:19-22
- प्रे.का. 15:10-11
- उत्पत्ति 22:1-3
- यशा. 07:13-15
- याकूब 01:12-13
- विलापगीत 03:40-43
- मलाकी 03:10-12
- फिलिप्पियों 1: 9-11
- भजन संहिता 026:1-3
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5713, H5715, H5749, H6030, H8584, G1242, G1263, G1303, G1957, G3140, G3141, G3142, G3143, G4303, G4828, G6020
परीक्षा, दुःख
परिभाषा:
“परीक्षा” का अर्थ है किसी वस्तु या मनुष्य को “परखना” या “जांचना”।
- अभियोग अर्थात् न्यायिक सुनवाई जिसमें मनुष्य को दोषी या निर्दोष सिद्ध करने के लिए प्रमाणों को प्रस्तुत किया जाता है।
- परमेश्वर द्वारा विश्वास को परखने के लिए उत्पन्न की गई कठिन परिस्थितियों को भी “परीक्षा” कहा जाता है। इसके लिए अन्य शब्द है "परीक्षण" या "प्रलोभन" विशेष प्रकार का परीक्षण है।
- बाइबल में अनेक मनुष्यों की परीक्षा ली गई थी कि परमेश्वर के प्रति उनके विश्वास एवं आज्ञाकारिता का निश्चय किया जाए। वे नाना प्रकार की परीक्षाओं से होकर निकले जैसे कोड़े खाना, बन्दीगृह में डाले जाना या विश्वास के कारण घात किए जाना।
(यह भी देखें: परीक्षा करने, परीक्षा, निर्दोष, दोष)
बाइबल सन्दर्भ:
- व्यवस्थाविवरण 04:34
- यहेजकेल 21:12-13
- विलापगीत 03:58-61
- नीतिवचन 25:7-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H974, H4531, H4941, H7378, G178, G1382, G1383, G2919, G3984, G3986, G4451
पर्व, पर्व
परिभाषा:
सामान्य अर्थ में पर्व किसी जन समुदाय द्वारा उत्सव मनाना होता है।
- पुराने नियम में “पर्व” का मूल अर्थ था “नियुक्त समय”
- इस्राएल के पर्व परमेश्वर द्वारा नियुक्त समय एवं ऋतुएं थे जिसके पालन की आज्ञा परमेश्वर ने उन्हें दी थी।
- कुछ अंग्रेजी अनुवादों में "पर्व" के स्थान में भोज शब्द का उपयोग किया गया है क्योंकि पर्वों में विशाल भोज का आयोजन किया जाता था।
- इस्राएल के अनेक मुख्य पर्व थे जिन्हें वे प्रति वर्ष मनाया करते थे:
- फसह
- अखमीरी रोटी का पर्व
- पहली उपज
- सप्ताहों का पर्व (पिन्तेकुस्त)
- तुरहियों का पर्व
- प्रायश्चित का दिन
- झोपड़ियों का पर्व
- इन पर्वों का उद्देश्य था परमेश्वर को धन्यवाद व्यक्त करना और उसकी प्रजा के उद्धार, सुरक्षा और प्रावधानों के निमित्त उसके आश्चर्यकर्मों को स्मरण करना।
(यह भी देखें: पर्व)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 23:30-31
- 2 इतिहास 08:12-13
- निर्गमन 05:1-2
- यूहन्ना 04:43-45
- लूका 22:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1974, H2166, H2282, H2287, H6213, H4150, G1456, G1858, G1859
पर्व, पर्वों, भोज
परिभाषा:
“पर्व” शब्द का अर्थ अति सामान्य है, जिसका सन्दर्भ ऐसे कार्यक्रम से है जिसमें जनसमूह उत्सव मनाने के उद्देश्य से एक वृहत भोज में सहभागी होता है। बैबले के युग में भोज कई दिन वरन अधिक समय तक चलता था।
- पर्व विशेष में भोजन परिस्थिति के अनुकूल विशेष होते थे।
- परमेश्वर ने यहूदियों को जिन धार्मिक पर्वों को मनाने की आज्ञा दी थी उनमें अधिकतर सहभागिता भोज होते थे। यही कारण है कि उत्सवों को पर्व कहा गया था।
- बाइबल के युग में राजा और अन्य धनवान, प्रतिष्ठित जन अपने परिवार या मित्रों का अतिथि सत्कार करने के लिए अधिकतर भोज का आयोजन करते रहते थे।
-
ऊडा़ऊ पुत्र की कहानी में पिता ने पुत्र के लौट आने के उपलक्ष में विशेष भोज का आयोजन किया था।
-
“पर्व मनाना” का अनुवाद हो सकता है, “बहुत अधिक खाना” या “बहुत खाकर उत्सव मनाना” या “विशेष व्यापक भोजन करना।"”
- प्रकरण के अनुसार “पर्व” का अनुवाद हो सकता है, “विशाल भोज के साथ उत्सव मनाना” या “नाना विविध व्यंजनों का भोजन करना” या “उत्सव का भोज।”
(यह भी देखें: पर्व)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 पतरस 02:12-14
- उत्पत्ति 26:30
- उत्पत्ति 29:22
- उत्पत्ति 40:20
- यहूदा 01:12-13
- लूका 02:43
- लूका 14:7-9
- मत्ती 22:01
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H398, H2077, H2282, H3899, H3900, H4150, H4797, H4960, H7646, H8057, H8354, G26, G1062, G1173, G1859, G2165, G4910
पलिश्तियों
तथ्य:
पलिश्ती एक जाति थी जो भूमध्य सागर के तट पर पलिश्तीन देश में वास करती थी। इस नाम का अर्थ है, “समुद्री लोग”
- पलिश्तियों के पांच मुख्य नगर थे: अश्दोद, अश्कलोन, एक्रोन, गत और गाज़ा।
- अश्दोद नगर पलिश्तीन के उत्तर में था और गाज़ा नगर दक्षिण में था।
- पलिश्तियों को इस्राएल के साथ वर्षों युद्ध करने के कारण अच्छे जाना गया था।
- शिमशोन, एक न्यायी पलिश्तियों से युद्ध करने के लिए प्रसिद्ध था, वह परमेश्वर की अलौकिक शक्ति का उपयोग करता था।
- राजा दाऊद ने भी पलिश्तियों के साथ अनेक युद्ध किए थे, उसने अपनी युवावस्था में पलिश्तियों के दानव गोलियत को हराया था।
(यह भी देखें: अश्दोद, अश्कलोन, दाऊद, एक्रोन, गत, गाज़ा, गोलियत, खारा ताल)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 18:9-11
- 1 शमूएल 13:3-4
- 2 इतिहास 09:25-26
- उत्पत्ति 10:11-14
- भजन संहिता 056:1-2
शब्द तथ्य:
पशु
तथ्य:
“पशु” उन पशुओं को कहते हैं जो भोजन एवं अन्य उपयोगी उत्पाद उत्पन्न करते हैं। कुछ पशुओं को काम के लिए पाला जाता है
- पशु में भेड़, मवेशी, बकरियां, घोड़े और गधे आते हैं।
- बाइबल के युग में सम्पदा का एक भाग पशु भी गिना जाता था।
- पशु से ऊन, दूध, पनीर, घरेलू सामग्री तथा कपड़ों का कच्चा सामान उत्पन्न होता था।
- इसका अनुवाद, “पालतू पशु” भी किया जा सकता है।
(यह भी देखें: गाय, गदहा, बकरा, घोड़ा, गाय, भेड़)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 राजा 03:15-17
- उत्पत्ति 30:29-30
- यहोशू 01:14-15
- नहेम्याह 09:36-37
- गिनती 01:17-19
शब्द तथ्य:
- Strong's: H929, H4399, H4735
पशु, पशुओं, जानवर
तथ्य:
बाइबल में “पशु” शब्द “जानवर” को कहने के लिए दूसरा शब्द है।
- जंगली जानवर एक प्रकार का जानवर है जो जंगल या खेतों में स्वतंत्र रूप से रहता है और लोगों द्वारा प्रशिक्षित नहीं किया गया है।
- घरेलु पशु मनुष्यों के साथ रहता है और भोजन के लिए या काम करने के लिए रखा जाता है जैसे कि हल चलाना। अक्सर "पशुधन" शब्द का उपयोग इस तरह के जानवरों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
- पुराने नियम में दानिय्येल की पुस्तक और नये नियम में प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में दर्शनों की चर्चा की गई है जिनमें बुराई की शक्तियों और परमेश्वर विरोधी अधिकारों को पशु कहा गया है।
- इनमें कुछ पशुओं को विचित्र दर्शाया गया है जैसे अनेक सिर और अनेक सींग। उनके पास सामर्थ्य और अधिकार हैं जो दर्शाते हैं कि वे देश, जाति या राजनीतिक शक्तियों का प्रतीक हैं।
- अनुवाद करने के तरीकों में संदर्भ के आधार पर, “प्राणी” या “सृजित वस्तु”, "जानवर" या “वनपशु” शामिल हो सकते हैं।
(यह भी देखें: अधिकारी, दानिय्येल, पशु, जाति, सामर्थ्य, प्रकट करना, बालजबूल(शैतान))
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 15:32
- 1 शमूएल 17:44
- 2 इतिहास 25:18
- यिर्मयाह 16:1-4
- लैव्यव्यवस्था 07:21
- भजन संहिता 049:12-13
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H338, H929, H1165, H2123, H2416, H2423, H2874, H3753, H4806, H7409, G2226, G2341, G2342, G2934, G4968, G5074
पहचान, जान सकता, समझदार, विवेक-शक्ति
परिभाषा:
“पहचान” (समझने की शक्ति) अर्थात किसी बात को अंतर्ग्रहण करना विशेष करके समझाना कि कोई बात सही है या गलत।
- “समझने की शक्ति” समझकर किसी बात का बुद्धिमानी से निर्णय लेना।
- इसका अर्थ है बुद्धि और उचित निर्णय लेने की क्षमता होना।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार, “पहचान” का अनुवाद, “समझना” या “अन्तर पहचानना” या “अच्छे और बुरे में भेद करना” या “किसी का उचित निर्णय लेना” या “सही को गलत से अलग करके देखना” हो सकता है।
- “समझने की शक्ति” का अनुवाद “समझना” या “अच्छे और बुरे में अन्तर पहचानने की क्षमता” हो सकता है।
(यह भी देखें: न्यायी, बुद्धिमान)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 03:7-9
- उत्पत्ति 41: 33-34
- नीतिवचन 01:4-6
- भजन संहिता 019:11-12
शब्द तथ्य:
- Strong's: H995, H1781, H2940, H4209, H5234, H8085, G350, G1252, G1253, G1381, G2924
पहर, घंटे
परिभाषा:
“पहर” बाइबल में प्रायः दिन के किस समय कोई घटना घटी। इसका प्रतीकात्मक उपयोग “समय” या “पल” के लिए भी किया जाता है।
- यहूदी दिन को सूर्योदय से गिनते थे। (लगभग सुबह 6 बजे) उदाहरण के तौर पर, “नौवें घन्टे” अर्थात लगभग दो या तीन बजे।
- रात का समय सूर्यास्त के समय (लगभग संध्या 6 बजे) से गिना जाता था। उदाहरणार्थ “रात के तीसरे पहर” अर्थात आज के प्रणाली में "रात में नौ बजे के लगभग"।
- क्योंकि बाइबल में समय का संदर्भ आज की समय पद्धति के अनुकूल नहीं होगा। अतः “लगभग नौ बजे” या “लगभग छः बजे” जैसी अभिव्यक्तियां काम में ली जा सकती हैं।
- कुछ अनुवादों में ऐसी उक्तियां काम में ली गई हैं जैसे “संध्या समय” या “प्रातःकाल के समय” या “दोपहर के समय” कि दिन के समय को स्पष्ट किया जाए।
- “उस घड़ी में” का अनुवाद हो सकता है, “उस समय” या “उस पल”
- यीशु के संदर्भ में “घड़ी आ पहुंची है” का अनुवाद हो सकता है, “उसका समय आ गया है कि” या “उसका निर्धारित समय आ चूका है”।
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 02:14-15
- यूहन्ना 04:51-52
- लूका 23:44-45
- मत्ती 20:3-4
शब्द तथ्य:
पानी, जल, पानी पिलाया, पानी देना
परिभाषा:
“पानी” का मूल अर्थ के अतिरिक्त अर्थ जलाशयों से भी है जैसे समुद्र, सागर, झील या नदी भी है।
- "जल" इस वाक्यांश का सन्दर्भ जलाशयों या अनेक जल स्रोतों से है। इसका सन्दर्भ सामान्यतः जल की बड़ी मात्रा से भी है।
- “पानी” का प्रतीकात्मक उपयोग घोर निराशा, कठिनाइयों और कष्टों के लिए भी किया जाता है। उदाहरणार्थ, परमेश्वर प्रतिज्ञा करता है कि जब हम “पानी से होकर चलें” तब वह हमारे साथ-साथ होगा।
- “बहुत जल” का अर्थ है परेशानियां बहुत बड़ी हैं।
- मवेशियों और अन्य पशुओं को पानी पिलाने का अर्थ है उनके लिए "पीने के पानी की व्यवस्था करना"। बाइबल के युग में पानी बाल्टी द्वारा कुएँ से निकाल कर होदे में या किसी और पात्र में डाला जाता था कि पशु उसमें से पानी पीएं।
- पुराने नियम में परमेश्वर को उसके लोगों के लिए “जीवन जल” का सोता कहा गया है। इसका अर्थ है कि वह आत्मिक शक्ति और नवजीवन का सोत है
- नये नियम में यीशु ने “जीवन जल” उक्ति का उपयोग किया है जो मनुष्य को बदलने तथा नवजीवन देने के लिए पवित्र आत्मा का कार्य है।
अनुवाद के सुझाव:
- “पानी भरना” का अनुवाद होगा, “बाल्टी द्वारा कूएँ से पानी निकालना”
- “उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी”। इसका अनुवाद हो सकता है, “पवित्र आत्मा का सामर्थ्य और आशिषें उनमें से नदियों के सदृश्य बहने लगेंगी” “आशिषों” के स्थान में “वरदान” या “फल” या “ईश्वरीय गुण” का उपयोग किया जा सकता है।
- कूएँ पर उस सामरी स्त्री से बातें करते समय “जीवन जल” का अनुवाद “जीवनदायक जल” या “पानी जो जीवन देता है” किया जा सकता है। इस संदर्भ में पानी की उपमा को अनुवाद में प्रकट करना है।
- प्रकरण के अनुसार, “पानी” और “बहुत पानी” का अनुवाद “घोर कष्ट” हो सकता है (जो आपको पानी की तरह चारों ओर से घेरे होता है) "या" भारी कठिनाइयों (जैसे पानी की बाढ़) "या "बड़ी मात्रा में पानी "।
(यह भी देखें: जीवन, आत्मा, पवित्र आत्मा, सामर्थ्य)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 08:36-38
- निर्गमन 14:21-22
- यूहन्ना 04:9-10
- यूहन्ना 04:13-14
- यूहन्ना 04:15-16
- मत्ती 14:28-30
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2222, H4325, H4529, H4857, H7301, H7783, H8248, G504, G4215, G4222, G5202, G5204
पाप, पापो, पाप करना, पापमय, पापी, पाप करते रहना
परिभाषा:
“पाप” कार्य, विचार तथा जो शब्द परमेश्वर विरोधी हैं। पाप का अर्थ यह भी होता है कि हम वह काम न करें जो परमेश्वर चाहता है।
- वह हर एक काम जो परमेश्वर की आज्ञा या प्रसन्नता के विरूद्ध है वरन वे बातें भी जिन्हें अन्य जन नहीं जानते, पाप हैं।
- विचार और कार्य जो परमेश्वर की इच्छा का पालन नहीं करते पापी कहलाते हैं।
- क्योंकि आदम ने पाप किया है, सभी इंसान एक "पापी स्वभाव" के साथ पैदा होते हैं, जो एक प्रकृति है जो उन्हें नियंत्रित करता है और उन्हें पाप करने देता है।
- “पापी” अर्थात पाप करनेवाला, अतः सब मनुष्य पापी हैं।
- कभी-कभी “पापी” शब्द फरीसी जैसे धर्मी जनों द्वारा व्यवस्था का पालन नहीं करनेवालों के लिए काम में लिया जाता था, फरीसियों के तुल्य व्यवस्था पालन नहीं करनेवालों के लिए।
- “पापी” शब्द उन मनुष्यों के लिए भी काम में लिया जाता था जो अन्य मनुष्यों से अधिक पापी समझे जाते थे। उदाहरणार्थ, चुंगी लेनेवाले और वैश्याएं।
अनुवाद के सुझाव:
- “पाप” का अनुवाद ऐसी उक्ति के द्वारा भी किया जा सकता है जिसका अर्थ हो, “परमेश्वर की आज्ञा न मानना” या “परमेश्वर की इच्छा के विरूद्ध चलना” या “बुरे कार्य एवं विचार” या “गलत काम करना”।
- “पाप करना” का अनुवाद “परमेश्वर की अवज्ञा” या “अनुचित काम करना” भी हो सकता है।
- प्रकरण के अनुसार “पापमय” का अनुवाद “गलत काम करने वाले” या “दुष्ट” या “अनैतिक” या “बुरा” या “परमेश्वर से विद्रोह”
- प्रकरण के अनुसार “पापी” का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका अर्थ हो “वह मनुष्य जो पाप करता है” या “अनुचित काम करनेवाला मनुष्य” या “परमेश्वर की आज्ञा न माननेवाला मनुष्य”
- “पापियों” का अनुवाद ऐसी उक्तियों द्वारा किया जा सकता है जिनका अर्थ हो “अत्यधिक पापी मनुष्य” या “जिन मनुष्यों को अत्यधिक पापी माना जाता है” या “घोर अपराधी मनुष्य”
- “चुंगी लेनेवाले और पापी” का अनुवाद विधियां हैं, “सरकार के लिए पैसा एकत्र करनेवाले और अन्य अत्यधिक पापी मनुष्य” या “घोर पापी मनुष्य”।
- "पाप के दास" या "पाप द्वारा शासित" की अभिव्यक्ति में, "पाप" शब्द का अनुवाद "आज्ञा न मानना" या " बुरी इच्छाओं और कार्यों" के रूप में किया जा सकता है।
- सुनिश्चित करें कि इस अवधि के अनुवाद में पापी व्यवहार और विचार शामिल हो सकते हैं, यहां तक कि वह भी जो उस बारे में नहीं जानते हैं।
- शब्द "पाप" सामान्य होना चाहिए, और "दुष्टता" और "बुराई" के लिए शब्दों से अलग होना चाहिए।
(यह भी देखें: अवज्ञा, बुराई, माँस, चुंगी लेनेवाला)
बाइबल संदर्भ:
- 1 इतिहास 09:1-3
- 1 यूहन्ना 01:8-10
- 1 यूहन्ना 02:1-3
- 2 शमूएल 07:12-14
- प्रे.का. 03:19-20
- दानिय्येल 09:24-25
- उत्पत्ति 04:6-7
- इब्रानियों 12:1-3
- यशायाह 53:10-11
- यिर्मयाह 18:21-23
- लैव्यव्यवस्था 04:13-15
- लूका 15:17-19
- मत्ती 12:31-32
- रोमियो 06:22-23
- रोमियो 08:3-5
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 03:15 परमेश्वर ने कहा "मैं वादा करता हूँ कि मैं फिर कभी भूमि पर शाप नहीं दूंगा क्योंकि लोग बुरे काम करते हैं, या बाढ़ पैदा करके दुनिया को नष्ट कर देते हैं, भले ही लोग उस समय से पापी होते हैं जब वे बच्चे होते हैं।
- 13:12 परमेश्वर उनके पाप के कारण उनके साथ बहुत क्रोधित था और उन्हें नष्ट करने की योजना बनाई।
- 20:01 इस्राएलियों और यहूदियों के राज्यों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया था। उन्होंने वाचा को तोड़ा जो परमेश्वर ने उनके साथ सीनै में बनाया था।
- 21:13 भविष्यद्वक्ताओं ने यह भी कहा कि मसीह परिपूर्ण होगा, जिसमे कोई पाप नहीं होगा। वह अन्य लोगों के पाप के लिए दंड प्राप्त करने के लिए मर जाएगा
- 35:01 एक दिन, यीशु कई चुंगी लेनेवाला और अन्य पापीयों को सिखा रहा था जो उन्हें सुनने के लिए इकट्ठा हुए थे।
- 38:05 तब यीशु ने एक कटोरा लिया और कहा, "इसे पी लो। यह नये नियम का मेरा लहू है जो पापों की क्षमा के लिए उंडेल दिया गया है।
- 43:11 पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ, और तुम में से हर एक यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले तो परमेश्वर तुम्हारे पापों को क्षमा करेगा।
- 48:08 हम सभी हमारे पापों के लिए मरने योग्य हैं!
- 49:17 यद्यपि आप एक मसीही हैं, फिर भी आप पाप करने की परीक्षा में पड़ोगे । परन्तु परमेश्वर विश्वासयोग्य है और यह कहता है कि यदि तुम अपने पापों को मान लो, तो वह तुम्हें क्षमा करेगा। वह पाप के विरुद्ध युद्ध करने के लिए तुम्हें सामर्थ देगा।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H817, H819, H2398, H2399, H2400, H2401, H2402, H2403, H2408, H2409, H5771, H6588, H7683, H7686, G264, G265, G266, G268, G361, G3781, G3900, G4258
पीढ़ी
परिभाषा:
“पीढ़ी” शब्द उन मनुष्यों के संदर्भ में है जो एक ही समय जन्में हों। वे सभी एक ही सामान्य समय अवधि में पैदा हुए हैं और इसलिए समान उम्र के बारे में हैं।
- पीढ़ी समय का अन्तराल भी हो सकती है। बाइबल के युग में एक पीढ़ी को लगभग चालीस वर्ष माना जाता था।
- माता-पिता और सन्तान दो अलग-अलग पीढ़ियों के होते है।
- बाइबल में पीढ़ी शब्द का उपयोग प्रतीकात्मक रूप में उन लोगों के लिए भी काम में लिया गया है जिनके लक्षण सर्वनिष्ठ होते हैं।
अनुवाद के सुझाव
- “यह पीढ़ी” या “इस पीढ़ी के लोग” का अनुवाद हो सकता है, “वर्तमान में जीवित मनुष्य” या “तुम लोग”
- “दुष्ट पीढ़ी” का अनुवाद हो सकता है, “इस समय के दुष्ट लोग”।
- “पीढ़ी से पीढ़ी” या “एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक” का अनुवाद हो सकता है, “वर्तमान में जो लोग है वे और उनके पोते-परपोते” या “हर एक युग के लोग” या “इस समय और आनेवाले समय के लोग” या “सब लोग और उनके वंशज”।
- “आनेवाली पीढ़ी उसकी सेवा करेगी, वे आनेवाली पीढ़ी को परमेश्वर का ज्ञान देंगे”। इसका अनुवाद हो सकता है, “भविष्य में अनेक लोग परमेश्वर की सेवा करेंगे और अपनी सन्तान वरन सन्तान की सन्तान को उसके बारे में बताएंगे”।
(यह भी देखें: उतरेगा, बुराई, मूलपिता)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 15:19-21
- निर्गमन 03:13-15
- उत्पत्ति 15:14-16
- उत्पत्ति 17:7-8
- मरकुस 08:11-13
- मत्ती 11:16-17
- मत्ती 23:34-36
- मत्ती 24:34-35
शब्द तथ्य:
- Strong’s: H1755, H1859, H8435, G1074
पीतल
परिभाषा:
“पीतल” (कांसा) एक धातु है जिसे तांबा और टिन के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसका रंग हल्की लालिमा लिए भूरा होता है।
- यह धातु पानी से होने वाली हानि से सुरक्षित रहता है और गर्मी का उत्तम चालक होता है।
- प्राचीन युग में पीतल उपकरणों, हथियारों, कलाकृतियों, वेदियों, खाना पकाने के बर्तन, सैनिकों के रक्षा कवच आदि अनेक वस्तुओं के निर्माण में काम आता था।
- मिलाप वाला तम्बू और मन्दिर में अनेक समान तांबे के बने हुए थे।
- देवी-देवताओं की मूर्तियां भी तांबे से बनती थी।
- तांबे से वस्तुएं बनाने के लिए पहले तांबे को पिघलाया जाता था उसके बाद सांचों में डाला जाता था। इस प्रक्रिया को "ढालना" कहते थे।
(यह भी देखें: हथियार, निवासस्थान, मन्दिर)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 07:15-17
- 1 शमूएल 17:37-38
- दानिय्येल 02:44-45
- निर्गमन 25:3-7
- प्रकाशितवाक्य 01:14-16
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5153, H5154, H5174, H5178, G5470, G5474, G5475
पीनहास
तथ्य:
पुराने नियम में पीनहास नामक दो पुरुष हुए हैं।
- हारून के पोतों में से एक का नाम पीनहास था, वह याजक था जिसने इस्राएल में झूठे देवता की उपासना का घोर विरोध किया था।
- इस्राएली पुरुषों ने मिद्यानी स्त्रियों से विवाह करके उनके देवताओं की उपासना की तो परमेश्वर का प्रकोप उन पर भड़का तब पीनहास ही ने उन्हें बचाया था।
- अनेक अवसरों पर पीनहास इस्राएलियों के साथ आक्रमणकारी मिद्यानियों का विनाश करने गया था।
- पुराने नियम में पीनहास नामक दूसरा पुरुष एली का दुष्ट पुत्र था, वह शमूएल के युग में इस्राएल के लिए याजकीय सेवा कर रहा था।
- पीनहास और उसका भाई होप्नी दोनों पलिश्तियों के साथ युद्ध में मारे गए थे और वाचा का सन्दूक पलिश्ती चुरा कर ले गए थे।
(यह भी देखें: वाचा का सन्दूक, यरदन नदी, मिद्यान, पलिश्तियों, शमूएल)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 04:3-4
- एज्रा 08:1-3
- यहोशू 22:13-14
- गिनती 25:6-7
शब्द तथ्य:
पुकार, चिल्लाहट, पुकारकर, रोना, दोहाई, दोहाई,
परिभाषा:
“पुकार” या “दोहाई” प्रायः किसी बात को उच्च स्वर में कहना और आवश्यकता व्यक्त करना। कोई “दोहाई” पीड़ा या निराशा या क्रोध में भी पुकार सकता है।
- “दोहाई” का अर्थ चिल्लाना या आवाज देना, अधिकतर सहायता के लिए।
- इसका अनुवाद “ऊंचे स्वर में घोषणा करना” या “शीघ्रता में सहायता मांगना” हो सकता है-प्रकरण के अनुसार।
- “मैं तुझे पुकारता हूं” इस उक्ति का अनुवाद “मैं सहायता के लिए तुझे पुकारता हूं” या “मैं आपातकालीन सहायता के लिए तुझे पुकारता हूं” हो सकता है।
(यह भी देखें: बुलाना, गिड़गिड़ाना)
बाइबल सन्दर्भ:
- अय्यूब 27:8-10
- मरकुस 05:5-6
- मरकुस 06:48-50
- भजन 022:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H603, H1058, H2199, H2201, H6030, H6463, H6670, H6682, H6817, H6818, H6873, H6963, H7121, H7123, H7321, H7440, H7442, H7723, H7737, H7768, H7769, H7771, H7773, H7775, H8173, H8663, G310, G349, G863, G994, G995, G1916, G2019, G2799, G2805, G2896, G2905, G2906, G2929, G4377, G5455
पुत्र, पुत्रों
परिभाषा:
एक पुरुष और एक स्त्री की पुरुष संतान उसके पूरे जीवनकाल के लिए उनका "पुत्र" कहलाता है उसे उस आदमी का पुत्र और उस महिला का एक पुत्र भी कहा जाता है एक "दत्तक पुत्र" एक पुरुष है जिसे कानूनी रूप से एक पुत्र के पद में रखा गया है।
- बाइबल में “पुत्र” शब्द प्रायः प्रतीकात्मक रूप में किसी भी पुरूष वंशज का संदर्भ में प्रयोग किया गया है। जैसे पोता या परपोता।
- “पुत्र” शब्द को विनम्रता में किसी बालक या वक्ता से कम उम्र के पुरूष के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
- “नये नियम में परमेश्वर के पुत्र” मसीह के विश्वासियों के संदर्भ में प्रयोग किया गया है।
- परमेश्वर ने इस्राएल को अपना "पहलौठ पुत्र" कहा। यह इस्राएल देश को परमेश्वर द्वारा विशेष लोगों के रूप में चुनने के सन्दर्भ में है। परमेश्वर का मुक्ति और उद्धार का संदेश उनके द्वारा आया, जिसके परिणामस्वरूप अन्य लोग उसके आत्मिक सन्तान बन गए।
- “का पुत्र” का प्रतीकात्मक रूप में अर्थ प्रायः होता है कि “व्यक्ति में किसी के गुण” हैं। इसके उदाहरण है, “ज्योति की सन्तान”, “आज्ञाकारिता की सन्तान”, “शान्ति का पुत्र” “गर्जन के पुत्र”।
- "का पुत्र" इस उक्ति का उपयोग प्राय: यह दर्शाने के लिए किया जाता है कि संदर्भित व्यक्ति का पिता कौन है। यह शब्दावली वंशावलियों तथा अनेक स्थानों में काम में ली गई है।
- पिता का नाम उजागर करने के लिए” “का पुत्र” अधिकतर एक ही नाम के पुरूषों को एक दूसरे से अलग व्यक्त करने के लिए काम में लिया जाता है। उदाहणार्थ, सादोक का पुत्र अजर्याह” और “नातान का पुत्र अजर्याह-1 राजा 4 और 2 राजा 15 में “अमस्याह का पुत्र अजर्याह। यहां एक ही नाम के तीन पुरूष हैं जो पिता के नाम से ही पहचाने गए हैं।
अनुवाद के सुझाव:
- इस शब्द के अधिकांश संदर्भों में लक्षित भाषा के उसी शब्द को काम में लिया जाए जो “पुत्र” के लिए काम आता है।
- “परमेश्वर का पुत्र” उक्ति के अनुवाद में “पुत्र” के लिए जिस शब्द का उपयोग सामान्यतः किया जाता है, उसी का उपयोग करें।
- जब “पुत्र” के स्थान में किसी वंशज को दर्शाया जाता है तब “वंशज” शब्द का उपयोग किया जाए जैसे यीशु को दाऊद का वंशज कहा जाता था। या वंशावलियों में भी जहां “पुत्र” शब्द किसी वंशज का बोध कराता है।
- कभी-कभी “पुत्रों” का अनुवाद “सन्तान” किया जा सकता है, जब नर-नारी दोनों की समाहित चर्चा की जा रही हो। उदाहरणार्थ “परमेश्वर का पुत्र” का अनुवाद, “परमेश्वर की सन्तान” किया जा सकता है क्योंकि इसमें स्त्री-पुरूष दोनों की चर्चा की जा रही है।
- प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति, “का पुत्र” का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “जिसमें गुण हैं” या “के स्वरूप” या “में गुण हैं” या “के समान व्यवहार है”
(यह भी देखें: अजर्याह, उतरेगा, मूलपिता, पहलौठे, परमेश्वर का पुत्र, परमेश्वर की सन्तान)
बाइबल संदर्भ:
- 1 इतिहास 18:14-17
- 1 राजा 13:1-3
- 1 थिस्सलुनीकियों 05:4-7
- गलातियों 04:6-7
- होशे 11:1-2
- यशायाह 09:6-7
- मत्ती 03:16-17
- मत्ती 05:9-10
- मत्ती 08:11-13
- नहेमायाह 10:28-29
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 04:08 परमेश्वर ने अब्राम से वाचा के साथ फिर से बात की कि उसे एक पुत्र होगा और आकाश में तारे के रूप में कई वंश होगे।
- 04:09 परमेश्वर ने कहा, "मैं तुमको तुम्हारे शरीर से एक पुत्र दूँगा।"
- 05:05 लगभग एक साल बाद, जब अब्राहम 100 वर्ष का था और सारा 90 कि, सारा ने अब्राहम के पुत्र को जन्म दिया।
- 05:08__जब वे बलिदान की जगह पर पहुंच गए, तो अब्राहम ने अपने __पुत्र इसहाक को बांध दिया और उसे वेदी पर रख दिया। वह अपने पुत्र को मारने ही पर था, जब परमेश्वर ने कहा, "रुको! लड़के को चोट न पहुंचा! अब मुझे पता है कि तुम मुझ से डरते हो क्योंकि तुमने मुझसे अपने पुत्र को भी न रख छोड़ा।"
- 09:07__जब उसने बच्चे को देखा, उसने अपने __पुत्र के रूप में ले लिया।
- 11:06__परमेश्वर ने मिस्र के सब पहलौठे __पुत्रों को मार डाला।
- __18:01__कई वर्षों के बाद, दाऊद की मृत्यु हो गई, और उसके __पुत्र __ सुलैमान ने शासन शुरू किया।
- 26:04"क्या यह यूसुफ पुत्र है?‚" उन्होंने कहा।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1060, H1121, H1123, H1248, H3173, H3206, H3211, H4497, H5209, H5220, G3816, G5043, G5207
पृथ्वी, मिट्टी का, पार्थिव
परिभाषा:
“पृथ्वी” अर्थात् वह संसार जिसमें मनुष्य अन्य सब प्राणियों के साथ रहते हैं। बाइबल में, इस शब्द का कभी-कभी "भूमि" के रूप में अनुवाद किया जाता है, जब इसका उपयोग सामान्य तरीके से जमीन या मिट्टी को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, या जब किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र, आमतौर पर किसी देश या राष्ट्र का उल्लेख करने के लिए एक विशिष्ट तरीके से उपयोग किया जाता है।
- बाइबल में, "पृथ्वी" शब्द को अक्सर "स्वर्ग" शब्द के साथ जोड़ा जाता है, जो स्वर्ग में परमेश्वर के निवास के विपरीत पृथ्वी पर मानव जाति के निवास का संकेत देता है।
- इस शब्द का आम तौर पर "भूमि" अनुवाद किया जाता है जब उन लोगों से संबंधित क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए लोगों के समूह के नाम के साथ जोड़ा जाता है, जैसे कि "कनान की भूमि"।
- शब्द "सांसारिक" कभी-कभी उन चीजों को संदर्भित करने के लिए उपयोग किया जाता है जो भौतिक या उन चीजों के विपरीत दिखाई देते हैं जो गैर-भौतिक और अदृश्य हैं।
- इस शब्द का इस्तेमाल लाक्षणिक रूप से उन लोगों को संदर्भित करने के लिए किया जा सकता है जो पृथ्वी पर रहते हैं या पृथ्वी में क्या है, जैसे कि "पृथ्वी को खुश रहने दें" और "वह पृथ्वी का न्याय करेगा।"
अनुवाद के सुझाव:
- इस शब्द का अनुवाद स्थानीय भाषा या आस पास की राष्ट्रीय भाषा के काम में आनेवाले शब्द का उक्ति द्वारा किया जा सकता है जो वे पृथ्वी जिस पर हम रहते हैं उस ग्रह के लिए काम में लिया जाता है।
- प्रकरण के अनुसार “पृथ्वी” का अनुवाद “संसार” या “भूमि” या “धूल” या “मिट्टी” किया जा सकता है।
- प्रतीकात्मक उपयोग में पृथ्वी का अनुवाद “पृथ्वी के लोग” या “पृथ्वी पर रहनेवाले लोग” या “पृथ्वी की सब वस्तुएं” किया जा सकता है।
- “सांसारिक” का अनुवाद “भौतिक” या “पृथ्वी की वस्तुएं” या “प्रत्यक्ष” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: आत्मा, संसार)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 01:38-40
- 2 इतिहास 02:11-12
- दानिय्येल 04:35
- लूका 12:51-53
- मत्ती 06:8-10
- मत्ती 11:25-27
- जकर्याह 06:5-6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H127, H772, H776, H778, H2789, H3007, H3335, H6083, H7494, G1093, G1919, G2709, G2886, G3625, G4578, G5517
पोर, पोर पर्वत, बालपोर
परिभाषा:
"पोर" और "पोर पर्वत" शब्द का सन्दर्भ मोआब क्षेत्र के खारे ताल के उत्तरी-पूर्व में स्थित पर्वत से है।
- नाम "बेतपोर" एक शहर का नाम था, शायद उस पहाड़ पर या उसके निकट स्थित था। यह वह स्थान है जहां परमेश्वर ने मूसा को प्रतिज्ञा का देश दिखाया जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई।
- "बालपोर" मोआबियों का एक झूठा देवता था जिसकी वे पोर पर्वत पर पूजा करते थे। इस्राएलियों ने भी इस मूर्ति की पूजा करना शुरू कर दिया और परमेश्वर ने उन्हें इसके लिए सजा दी।
(यह भी देखें: बाल, देवता, मोआब, खारा ताल, दंडवत करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- गिनती 23:28-30
- गिनती 31:16-17
- भजन संहिता 106:28-29
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1047, H1187, H6465
प्रकार, भांति-भांति, करुणा, उपकार
परिभाषा:
“प्रकार” और “भांति-भांति” एक ही गुणों की वस्तुओं के समूह या वर्गीकरण का संदर्भ देते हैं।
- बाइबल में ये शब्द विशेष करके परमेश्वर द्वारा सृजित विभिन्न पौधों और पशुओं के संदर्भ में उपयोग किए गए हैं।
- प्रत्येक “प्रकार” में भी अनेक प्रजातियां हैं। जैसे घोड़े, ज़ेबरा और गधे आदि सब एक ही जाति के हैं परन्तु उनकी प्रजातियां भिन्न-भिन्न हैं।
- प्रत्येक “प्रकार” का एक अलग वर्ण में रखनेवाली मुख्य बात यह है कि वे अपने ही “प्रकार” की सन्तान उत्पन्न कर सकते हैं। अलग-अलग प्रजातियां आपस में ऐसा नहीं कर सकती हैं।
अनुवाद के सुझाव
- इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं: “वर्ग”, “समूह” “पशु(पौधे)समूह” या "वर्ग।"
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 01:20-21
- उत्पत्ति 01:24-25
- मरकुस 09:28-29
- मत्ती 13:47-48
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2178, H3978, H4327, G1085, G5449
प्रतिष्ठित, रईसों, धनी मनुष्य, प्रधान लोग
परिभाषा:
“प्रतिष्ठित” अर्थात श्रेष्ठ और उच्च गुण की वस्तु। “रईस” उच्च राजनीतिक या सामाजिक स्तर का मनुष्य। एक व्यक्ति "कुलीन जन्म का" व्यक्ति वह है जो जन्म से ही एक कुलीन व्यक्ति है।
- रईस प्रायः किसी राज्य का अधिकारी,होता था और राजा का निकट कर्मचारी होता था।
- “रईस” शब्द का अनुवाद “राजा का अधिकारी” या “सरकारी अधिकारी” किया जा सकता है।
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 इतिहास 23:20-21
- दानिय्येल 04:36
- सभोपदेशक 10:17
- लूका 19:12
- भजन संहिता 016:1-3
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H117, H1419, H2715, H3358, H3513, H5057, H5081, H6440, H6579, H7336, H7261, H8282, H8269, G937, G2104,
प्रधान, प्रधानों
परिभाषा:
“प्रधान” शब्द किसी जाति के सबसे महत्वपूर्ण अगुवे का बोध कराता है।
- इसके उदाहरण हैं, “प्रधान बजानेवाला”, “प्रधान याजक” और “चुंगी लेने वालों का प्रधान” तथा “प्रधान शासक”।
- इसका उपयोग परिवार के मुखिया के लिए भी किया जा सकता है जैसा उत्पत्ति अध्याय 36 में कुछ पुरुषों को कुल को “प्रधानों” कहा गया है। इस संदर्भ में "प्रधान" का अनुवाद "अगुआ" या "प्रमुख पिता" हो सकता है।
- संज्ञा रूप में इस शब्द का अनुवाद “प्रमुख” या “शासक” किया जा सकता है जैसे “प्रमुख बजानेवाला” या “सत्ताधारी याजक”।
(यह भी देखें: प्रधान याजकों, याजक, चुंगी लेनेवाला)
बाइबल सन्दर्भ:
- दानिय्येल 01:11-13
- यहेजकेल 26:15-16
- लूका 19:1-2
- भजन संहिता 004:1
शब्द तथ्य:
- Strong's: H47, H441, H5057, H5387, H5632, H6496, H7218, H7225, H7227, H7229, H7262, H8269, H8334, G749, G750, G754, G4410, G4413, G5506
प्रभु
तथ्य:
“प्रभु” शब्द का संदर्भ उस मनुष्य से होता है जिसे मनुष्यों पर अधिकार एवं स्वामीत्व प्राप्त होता है। यह परमेश्वर का भी पदनाम होता है। (ध्यान दें कि जब किसी को संबोधित करने के लिए काम में लिया जाए या वाक्य के आरंभ में बड़े अक्षरों में लिखा जाए तो इसका अर्थ “श्रीमान” या “स्वामी” होता है।)
- पुराने नियम में इस शब्द का उपयोग ऐसी अभिव्यक्तियों में भी किया जाता है जैसे “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर” या “प्रभु यहोवा” या “हमारा प्रभु यहोवा।”
- नये नियम में प्रेरितों ने इस शब्द को “प्रभु यीशु” और “प्रभु यीशु मसीह” जैसी अभिव्यक्तियों में काम में लिया है कि यीशु को परमेश्वर दर्शाया जाए।
- “प्रभु” शब्द नये नियम में अकेला ही काम में लिया गया है जो परमेश्वर के लिए सीधा काम में लिया गया है, विशेष करके पुराने नियम के उद्धरणों में। * उदाहरणार्थ, पुराने नियम का संदर्भ है, “धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है” और नये नियम में है, “धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है।”
- यू.एल.बी. और यू.डी.बी. में “प्रभु” का पदनाम केवल यूनानी और इब्रानी शब्दों का अनुवाद है जिनका अर्थ “प्रभु” है। यह परमेश्वर के नाम (यहोवा) का अनुवाद नहीं है जैसा अनेक अनुवादों में किया गया है।
अनुवाद के लिए सुझाव:
- कुछ भाषाओं में इस शब्द का अनुवाद “स्वामी” या “शासक” या अन्य कोई शब्द जो स्वामीत्व या परमप्रधान शासक का बोध करवाए, द्वारा किया गया है।
- उचित प्रसंगों में अनेक अनुवाद इस शब्द के प्रथम अक्षर को बड़ा लिखते हैं कि पाठक समझ पाए कि यह परमेश्वर के संदर्भ में है।
- नये नियम में जहां पुराने नियम का उद्धरण दिया गया है, वहां “प्रभु परमेश्वर” का उपयोग किया जा सकता है कि स्पष्ट हो कि यह परमेश्वर का संदर्भ में है।
(यह भी देखें: परमेश्वर, यीशु, प्रभु, शासन, यहोवा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 पतरस 01:3-5
- दानिय्येल 09:9-11
- दानिय्येल 09:17-19
- यहेजकेल 18:29-30
- इब्रानियों 12:14-17
- यहोशू 03:9-11
- यहूदा 01:5-6
- विलापगीत 02:1-2
- लूका 01:30-33
- मलाकी 03:1-3
- मत्ती 07:21-23
- भजन संहिता 086:15-17
- प्रकाशितवाक्य 15:3-4
- रोमियो 06:22-23
शब्द तथ्य:
- Strong's: H113, H136, H4756, G1203, G2962
प्रभु, प्रभुओं, गुरु, स्वामी, स्वामियों, श्रीमान, महोदय
परिभाषा:
“प्रभु” शब्द का अर्थ है अन्य लोगों पर स्वामीत्व या अधिकार रखना।
- इस शब्द का अनुवाद कभी-कभी “स्वामी” भी किया जाता है जब यीशु कें संदर्भ में हो या दासों के स्वामी के संदर्भ में हो।
- अंग्रेजी की कुछ बाइबलों में इस शब्द का अनुवाद, “श्रीमान” किया गया है जब कोई किसी ऊंचे पद वाले को विनम्रता-पूर्वक संबोधित कर रहा है।
अनुवाद के सुझाव:
- इस शब्द का अनुवाद “स्वामी” शब्द की समानता में किया जा सकता है। जब किसी गुलामों के स्वामी के सन्दर्भ में हो। * एक सेवक भी अपने नियोजक को “स्वामी” कह सकता है।
- जब यह यीशु को संदर्भित करता है, यदि संदर्भ से पता चलता है कि वक्ता एक धार्मिक शिक्षक के रूप में उसे देखता है, तो इसका अनुवाद एक धार्मिक शिक्षक के लिए सम्मानित रूप से किया जा सकता है, जैसे कि "गुरु।"
- यदि यीशु से बात करनेवाला व्यक्ति यीशु को नहीं जानता है तो “प्रभु” शब्द का अनुवाद “श्रीमान” किया जाए। यह अनुवाद अन्य प्रकरणों में भी किया जाए जहां किसी के लिए विनीत संबोधन की आवश्यकता हो।।
- पिता परमेश्वर और यीशु के लिए अंग्रेजी भाषा में "Lord" बड़े अक्षर "L" का अनुवाद “प्रभु” ही करना है।
(यह भी देखें: प्रभु)
बाइबल संदर्भ:
- उत्पत्ति 39:02
- यहोशु 03:9-11
- भजन., 086:15-17
- यिर्मयाह 27:04
- विलापगीत 02:02
- यहेजकेल 18:29
- दानिएल 09:09
- दानिएल 09:17-19
- मलाकी 03:01
- मत्ती 07:21-23
- लूका 01:30-33
- लूका 16:13
- रोमियों 06:23
- इफिसियों 06:9
- फिलिप्पियों 02:9-11
- कुलुस्सियों, 03:23
- इब्रानियों 12:14
- याकूब 02:01
- 1 पतरस 01:03
- यहूदा 01:05
- प्रका. 15:04
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 25:05 यीशु ने उसे पवित्रशास्त्र से उत्तर दिया, उसने कहा, “परमेश्वर के वचन में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न करना।’”
- 25:07 तब यीशु ने उससे कहा, “हे शैतान दूर हो जा ! परमेश्वर के वचन में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
- 26:03 यह प्रभु के कृपा का वर्ष है।
- 27:02__व्यवस्थापक ने उत्तर दिया, “तू अपने __परमेश्वर से अपने सारे ह्रदय, आत्मा, शक्ति और ,मन से प्रेम रखना। और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करना।”
- 31:05 फिर पतरस ने यीशु से कहा ‘हे गुरु’ यदि तू है, तो मुझे भी अपने पास पानी पर चलकर आने की आज्ञा दे”
- 43:09 “उसी यीशु को जिसे तुमने क्रूस पर चढ़ाया, परन्तु परमेश्वर ने उसे प्रभु भी ठहराया और मसीह भी।”
- 47: 3__इस दुष्ट आत्मा के द्वारा वह दूसरों का भावी बताती थी, जिससे अपने __स्वामियों के लिये ज्योतिषी के रूप में बहुत धन कमा लाती थी।
- 47:11 पौलुस ने उत्तर दिया,"यीशु में विश्वास करो, जो प्रभु है, तो तू और तेरा परिवार बच जाएगा।"
शब्द तथ्य:
- Strong's: H113, H136, H1167, H1376, H4756, H7980, H8323, G203, G634, G962, G1203, G2962
प्रभु यहोवा, यहोवा परमेश्वर
तथ्य:
पुराने नियम में इस शब्द का अर्थ है एकमात्र सच्चा परमेश्वर।
- “प्रभु” उपनाम है और यहोवा परमेश्वर का नाम है।
- यहोवा के साथ परमेश्वर शब्द भी लिखा जाता है, “यहोवा परमेश्वर”
अनुवाद के सुझाव:
- यदि "यहोवा" का कोई रूप परमेश्वर के नाम के अनुवाद के लिए उपयोग किया जाता है, तो शब्द "प्रभु यहोवा" और "यहोवा परमेश्वर" शब्द का शाब्दिक रूप से अनुवाद किया जा सकता है। ध्यान दे कि “प्रभु” का अनुवाद परमेश्वर को संदर्भित करते समय कैसा हो।
- कुछ भाषाओं में पदनाम बाद में लिखा जाता है, अतः अनुवाद होगा, “यहोवा प्रभु”। लक्षित भाषा में जो भी स्वाभाविक है इसका प्रयोग करें: “प्रभु” शीर्षक “यहोवा” के पहले हो या बाद में।
- “यहोवा परमेश्वर” का अनुवाद “परमेश्वर जो यहोवा कहलाता है” या “जीवित परमेश्वर” या “मैं हूँ जो परमेश्वर है”।
- यदि अनुवाद में “याहवे” को यहोवा या परमेश्वर लिखा जा रहा है तो “प्रभु यहोवा” का अनुवाद होगा “प्रभु परमेश्वर” या “परमेश्वर जो प्रभु” है। अन्य संभावित अनुवाद रूप है, “स्वामी प्रभु” या “प्रभु परमेश्वर”।
- “प्रभु यहोवा” का अनुवाद, “प्रभु-प्रभु” कभी नहीं किया जाए क्योंकि पाठक इन शब्दों का अन्तर नहीं देख पाएंगे जिन्हें इनके लिए पारम्परिक रूप से काम में लिया जाता था।
(यह भी देखें: परमेश्वर, प्रभु, प्रभु, यहोवा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 04:3-4
- 2 शमूएल 07:21-23
- व्यवस्थाविवरण 03:23-25
- यहेजकेल 39:25-27
- यहेजकेल 45:18-20
- यिर्मयाह 44:26-28
- न्यायियों 06:22-24
- मीका 01:2-4
शब्द तथ्य:
- Strong's: H136, H430, H3068, G2316, G2962
प्रभुता
परिभाषा:
“प्रभुता” शब्द का अर्थ है मनुष्यों, पशुओं और भूमि पर अधिकार, नियंत्रण या सत्ता।
- यीशु के लिए कहा गया है कि भविष्यद्वक्ता, याजक और राजा होने के कारण उसे संपूर्ण पृथ्वी का अधिकार है।
- मसीह यीशु के क्रूस की मृत्यु के द्वारा शैतान की प्रभुता सदा के लिए पराजित हो गई है।
- सृष्टि के समय परमेश्वर ने कहा था कि मनुष्य को मछली, पक्षियों और पृथ्वी के सब प्राणियों पर अधिकार है।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार इस शब्द का अनुवाद होगा, “अधिकार”, “सामर्थ्य” या “नियंत्रण”।
- “पर प्रभुता” का अनुवाद हो सकता है, “पर शासन” या “प्रबन्धन”।
(यह भी देखें: अधिकारी, सामर्थ्य)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 पतरस 05:10-11
- कुलुस्सियों 01:13-14
- यहूदा 01:24-25
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1166, H4474, H4475, H4896, H4910, H4915, H7287, H7300, H7980, H7985, G2634, G2904, G2961, G2963
प्राचीन, प्राचीनों, अगुवों, बूढ़े
परिभाषा:
"प्राचीन" या "बूढ़े" शब्द का संदर्भ ऐसे लोगों से है (बाइबल में, आमतौर पर पुरुष) जो वृद्ध हो चुके हैं जो एक समुदाय के भीतर परिपक्व वयस्क और अगुएं बन गए हैं। उदाहरण के लिए, प्राचीनों के भूरे बाल हो सकते हैं, वयस्क बच्चे हो सकते हैं, या शायद नाते - पोते भी हो सकते हैं।
- “प्राचीन” शब्द का मूल इस तथ्य में है कि ये पुरूष आयु में अधिक होते थे और आयु एवं अनुभव के कारण उनमें अधिक बुद्धि होती थी।
- पुराने नियम में प्राचीन सामाजिक आचरण और मूसा की व्यवस्था से संबन्धित विषयों में इस्त्राएलियों की अगुआई एवं सहायता करते थे।
- नये नियम में यहूदी प्राचीन अपने समुदायों में अगुवों की भूमिका निभाते थे और समुदाय के न्यायाधीश भी थे।
- आरंभिक मसीही कलीसियाओं में मसीही प्राचीन विश्वासियों की स्थानीय मण्डली की आत्मिक क्षेत्र में अगुआई करते थे।उन कलीसियाओं में प्राचीन में नौजवान शामिल थे जो आत्मिक रूप से परिपक्व थे।
- इस शब्द का अनुवाद "वृद्ध पुरुषों" या "आत्मिक रूप से परिपक्व लोगों” के रूप में किया जा सकता है जो कलीसिया का नेतृत्व कर रहे हैं।
बाइबल संदर्भ:
- 1 इतिहास 11:1-3
- 1 तीमुथियुस 03:1-3
- 1 तीमुथियुस 04:14
- प्रेरि. 05:19-21
- प्रेरि. 14:23
- मरकुस 11:28
- मत्ती 21:23-24
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H1419, H2205, H7868, G1087, G3187, G4244, G4245, G4850
प्राण, स्वयं
परिभाषा:
“प्राण” शब्द या तो आम तौर पर किसी व्यक्ति के गैर-भौतिक भाग को संदर्भित कर सकता है या विशेष रूप से दूसरों से अलग व्यक्ति के रूप में खुद के बारे में जागरूकता के लिए विशेष रूप से संदर्भित कर सकता है।
-
बाइबल में, “प्राण” और “आत्मा” दो भिन्न धारणाएं हैं या वे दो भिन्न शब्द हैं जो एक ही विचार को व्यक्त करते हैं।
-
मनुष्य जब मरता है तब उसकी आत्मा देह का त्याग कर देती है।
-
शरीर के विपरीत, "प्राण" को उस व्यक्ति के भाग के रूप में बोला जा सकता है जो "परमेश्वर से संबंधित है।"
-
“प्राण” शब्द का उपयोग कभी-कभी प्रतीकात्मक रूप में संपूर्ण व्यक्तित्व के लिए किया गया है। उदाहरणार्थ “आत्मा पाप करती है” अर्थात “मनुष्य पाप करता है”, या “मेरी आत्मा थकित है” अर्थात “मैं थका हुआ हूं।”
अनुवाद के सुझाव:
- “प्राण” का अनुवाद “आन्तरिक मनुष्यत्व” या “भीतरी मनुष्य”
- कुछ संदर्भों में “मेरा प्राण” का अनुवाद, “मैं” या “मुझे” हो सकता है।
- प्रकरण के अनुसार “प्राण” का अनुवाद सामान्यतः “मनुष्य” या “वह” या “उसे” हो सकता है।
- कुछ भाषाओं में “प्राण” और “आत्मा” के लिए एक ही शब्द होता है।
- इब्रानियों 4:12 में प्रतीकात्मक रूप में “प्राण और आत्मा को… अलग करके” का अर्थ हो सकता है, “आन्तरिक मनुष्यत्व को समझना या आन्तरिक मनुष्यत्व को प्रकट करना।”
(यह भी देखें: आत्मा)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 2 पतरस 02:7-9
- प्रे.का. 02:27-28
- प्रे.का. 02:40-42
- उत्पत्ति 49: 5-6
- यशायाह 53:10-11
- याकूब 01:19-21
- यिर्मयाह 06:16-19
- योना 02:7-8
- लूका 01:46-47
- मत्ती 22:37-38
- भजन-संहिता 019:7-8
- प्रका 20:4
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5082, H5315, H5397, G5590
प्रेम, प्रेम करता है, प्रिय, प्रेम किया
परिभाषा:
किसी मनुष्य से प्रेम करने का अर्थ है, उस मनुष्य की सुधि लेना और उसे लाभ पहुंचाने के काम करना। “प्रेम” के विभिन्न अर्थ होते हैं जिनके लिए विभिन्न भाषाओं में विभिन्न शब्द होते हैं।
परमेश्वर का प्रेम मनुष्य की भलाई पर केन्द्रित होता है चाहे उसमें स्वयं का लाभ न हो। ऐसा प्रेम जो मनुष्यों की परवाह करता है चाहे वे कुछ भी करते हों। परमेश्वर स्वयं प्रेम है और सच्चे प्रेम का स्रोत है।
- यीशु ने इस प्रेम का प्रदर्शन किया कि है कि पाप और मृत्यु से बचाने के लिए अपने आपको बलि चढ़ा दिया। उसने अपने अनुयायियों को सिखाया कि निस्वार्थ प्रेम करें।
- जब लोग इस तरह के प्रेम से दूसरों को प्रेम करते हैं, तो वे उन तरीकों से कार्य करते हैं जो वे यह सोचते हैं कि दूसरों के विकास के लिए क्या कारण होगा। ऐसा प्रेम विशेष करके दूसरों को क्षमा करता है।
- यू.एल.बी. में “प्रेम” शब्द ऐसा ही आत्म त्याग या प्रेम है जब तक कि अनुवाद की टिप्पणी भिन्न अर्थ की व्याख्या न करे।
नये नियम में शब्द का एक और संदर्भ है, भाईचारे का प्रेम या “मित्र का प्रेम या पारिवारिक सदस्य का प्रेम”
- यह शब्द मित्रों और परिजनों के प्राकृतिक मानव प्रेम का संदर्भ देता है।
- इस का उपयोग ऐसे संदर्भों में भी हो सकता है जैसे वे भोज में महत्वपूर्ण स्थानों में बैठने की इच्छा रखते हैं। अर्थात उन्हें ऐसा करने की “अत्यधिक लालसा” या “ गहरी इच्छा”
“प्रेम” शब्द का संदर्भ स्त्री-पुरूष में प्रसंगयुक्त संबन्धित प्रेम।
प्रतीकात्मक रूप में, “मैंने याकूब से प्रेम किया है और एसाव को अप्रिय जाना है।” यहां “प्रेम” शब्द का आशय है कि परमेश्वर ने याकूब को चुना कि परमेश्वर के साथ वाचा के संबंध में रहे। इसका अनुवाद “चुना” भी हो सकता है। यद्यपि एसाव को भी परमेश्वर ने आशिषें दी थी, उसे वाचा के संबन्ध के सौभाग्य प्राप्त नहीं थे। “अप्रिय” शब्द का प्रतीकात्मक उपयोग किया गया है जिसका अर्थ है “परित्याग किया” या “नहीं चुना।”
अनुवाद के लिए सुझाव:
- जब तक कि अनुवाद से संबन्धित टिप्पणी में अन्य अर्थ समझाया न जाए यू.एल.बी. में “प्रेम” शब्द परमेश्वर से प्राप्त आत्मत्याग के प्रेम का संदर्भ देता है।
- कुछ भाषाओं में परमेश्वर के निःस्वार्थ, आत्मत्याग के प्रेम के लिए विशेष शब्द हो सकता है। इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “समर्पित निष्ठावान देखरेख” या “निःस्वार्थ सेवा करना” या “परमेश्वर का प्रेम।” सुनिश्चित करें कि परमेश्वर के प्रेम का अनुवाद हो सकता है, अन्यों के लाभ के निमित्त अपनी इच्छाओं को मारना और कोई कुछ भी करे उनसे प्रेम निभाते रहना।
- कभी-कभी “प्रेम” शब्द का अर्थ होता है मित्रों और पारिवारिक सदस्यों के लिए अगाध सेवाभाव रखना। कुछ भाषाओं में इस शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति से किया जा सकता है जिसका अर्थ है, “बहुत प्रिय समझना” या “सुधि लेना” या “गहरा लगाव होना।”
- जिन संदर्भों में प्रेम शब्द किसी के प्रति प्रबल अनुराग व्यक्त करे तो उस का अनुवाद हो सकता है, “प्रबल अधिमान्यता” या “बहुत अधिक चाहना” या “अत्यधिक पसन्द करना”।
- कुछ भाषाओं में एक अलग शब्द होता है जिसके द्वारा पति-पत्नी के बीच प्रसंगयुक्त सम्बन्धित प्रेम या यौन संबन्धित प्रेम को व्यक्त किया जाता है।
- अनेक भाषाओं में "प्रेम" शब्द को क्रिया रूप में व्यक्त करना होता है। उदाहरणार्थ उनमें “प्रेम धीरजवन्त है, प्रेम दयालु है, इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “जब कोई किसी से प्रेम करता है, वह उसके साथ सहनशीलता दिखाता है, उस पर दया करता है।”
(यह भी देखें: वाचा, मर जाए, बलिदान करना, बचाना, पाप)
बाइबल संदर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 13:4-7
- 1 यूहन्ना 03:1-3
- 1 थिस्सलुनीकियों 04:9-12
- गलातियों 05:22-24
- उत्पत्ति 29:15-18
- यशायाह 56:6-7
- यिर्मयाह 02:1-3
- यूहन्ना 03: 16-18
- मत्ती 10:37-39
- नहेमायाह 09:32-34
- फिलिप्पियों 1: 9-11
- श्रेष्ठगीत 01:1-4
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 27:02 व्यवस्थापक ने उत्तर दिया, “तू अपने परमेश्वर से अपने सारे ह्रदय, आत्मा, शक्ति और ,मन से प्रेम रखना। और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करना।”
- 33:08 “कंटीली भूमि वे व्यक्ति है जिन्होंने वचन सुना, और संसार की चिन्ता और धन का धोखा, और अन्य वस्तुओं का लोभ उनमें समाकर परमेश्वर के लिए उसके प्रेम को दबा देता है।”
- 36:05 जैसे पतरस बोल ही रहा था कि एक उजले बादल ने उन्हें छा लिया, और उस बादल में से यह शब्द निकला : “ यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे में प्रेम करता हूँ”
- 39:10 हर वह व्यक्ति जिसे सच्चाई से प्रेम है, मुझे सुनेगा।”
- 47:01 वह(लुदिया) बहुत प्रेम के साथ प्रभु की आराधना करती थी।
- 48:01__परमेश्वर ने जब संसार की सृष्टि की , तो सब कुछ एकदम सही था। संसार में कोई पाप नहीं था। आदम और हव्वा एक-दूसरे से वा परमेश्वर से __प्रेम करते थे।
- __49:03__उसने(यीशु) सिखाया कि तुम्हें दूसरे लोगों को उसी तरह प्रेम करना है जैसे कि आप स्वयं से प्रेम करते हैं।
- 49:04 उसने(यीशु) यह भी सिखाया कि तुम्हें किसी भी चीज़, अपनी सम्पत्ति से भी ज्यादा परमेश्वर को प्रेम करना चाहिए।
- 49:07 यीशु ने सिखाया कि परमेश्वर पापियों से बहुत प्रेम करता है।
- 49:09 लेकिन परमेश्वर ने जगत के हर मनुष्य से इतना अधिक प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई यीशु पर विश्वास करे उसे उसके पापों का दण्ड नहीं मिलेगा, परन्तु हमेशा परमेश्वर के साथ रहेगा।
- 49:13 परमेश्वर तुमसे प्रेम करता है और चाहता है कि तुम यीशु पर विश्वास करो ताकि वह तुमसे एक निकटतम सम्बन्ध स्थापित रख सके।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H157, H158, H159, H160, H2245, H2617, H2836, H3039, H4261, H5689, H5690, H5691, H7355, H7356, H7453, H7474, G25, G26, G5360, G5361, G5362, G5363, G5365, G5367, G5368, G5369, G5377, G5381, G5382, G5383, G5388
प्रेमी, यारों
परिभाषा:
“प्रेमी” अर्थात् “प्रेम करने वाला व्यक्ति।” यह शब्द प्रायः उन मनुष्यों के लिए है जिनके यौन संबन्ध होते हैं।
- बाइबल में “प्रेमी” शब्द उस मनुष्य के लिए काम में लिया जाता है जो किसी के साथ यौन संबन्ध रखता है, जिससे उसका विवाह नहीं हुआ है।
- ऐसा अवैध संबन्ध बाइबल में इस्राएल द्वारा मूर्तिपूजा करके परमेश्वर की अवज्ञा के लिए काम में लिया जाता है। अतः “प्रेमी” शब्द प्रतीकात्मक रूप में इस्राएल द्वारा पूजा की जानेवाली मूर्तियों के लिए भी काम में लिया गया है। इन प्रकरणों में इस शब्द का अनुवाद संभव हो तो इस प्रकार किया जाए, “अवैध साथी” या “व्यभिचार के साथी” या “मूर्तियां”, (देखें: उपमा)
- पैसों के “लोभी” (प्रेमी) ऐसा मनुष्य जो धनोपार्जन और धनवान होने को बहुत अधिक महत्व देता है।
- पुराने नियम में श्रेष्ठगीत की पुस्तक में “प्रेमी” शब्द का उपयोग सकारात्मक रूप में किया गया है।
(यह भी देखें: व्यभिचार, देवता, मूर्ति, प्रेम)
बाइबल सन्दर्भ:
- होशे 02:4-5
- यिर्मयाह 03:1-2
- विलापगीत 01:1-2
- लूका 16:14-15
शब्द तथ्य:
- Strong's: H157, H158, H868, H5689, H7453, H8566, G865, G866, G5358, G5366, G5367, G5369, G5377, G5381, G5382
फंदा, फंदे, फंसाना, फंसा, फँसना, जाल
परिभाषा:
"जाल" और "फंदा" ये ऐसे साधन होते थे जिनसे पशु -पक्षी पकड़े जाते थे और वे बचकर भाग नहीं सकते थे। "जाल में फँसाने" का अर्थ है, जाल बिछाकर पकड़ना और फंदे में फंसाना या फंसाने का अर्थ है, फंदे से पकड़ना। बाइबल में इन शब्दों को प्रतीकात्मक रूप में भी काम में लिया गया है कि पाप और परीक्षा छिपे हुए फंदे हैं जो मनुष्य फंसा कर उसकी हानि करते हैं ।
- “जाल” रस्सी या तार की एक कुंडली होती है जिसमें पशु का पांव पड़ जाए तो वह उसमें उलझ जाता है।
- “फंदा” धातु या लकड़ी का बना होता है जिसके दो भाग होते हैं जो पशु का पांव पड़ने पर कठोरता से बन्द हो जाते हैं और पशु भाग नहीं पाता है। कभी-कभी फंदा भूमि में खोदा हुआ गड्ढा भी होता है जिसमें पशु गिर जाता है।
- जाल या फंदा छिपाकर रखा जाता है कि पशु उसे देख न पाए।
- “जाल बिछाना” अर्थात किसी को फंसाने के लिए जाल लगाना।
- “जाल में फंसना” अर्थात किसी गहरे गड्ढे में गिरना जो पहले से पशु को फंसाने के लिए खोदा गया है।
- एक व्यक्ति जो पाप करना शुरू कर देता है और रोक नहीं सकता, उसे "पाप से फंसे" के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जिस प्रकार एक जानवर को फँसाने के लिए किया जाता है कि वह बच नहीं पाए।
- जिस प्रकार कि पशु फंदे में फंसकर संकट में पड़ जाता है और हानि उठाता है उसी प्रकार मनुष्य पाप में फंस कर हानि उठाता है और उसे मुक्ति की आवश्यकता होती है।
(यह भी देखें: स्वतंत्र, , आहेर, शैतान, परीक्षा करने)
बाइबल के सन्दर्भ:
- सभोपदेशक 07:26
- लूका 21:34
- मरकुस 12:13
- भजन-संहिता 018:5
शब्द तथ्य:
- Strong’s: H2256, H3353, H3369, H3920, H3921, H4170, H4204, H4434, H4685, H4686, H4889, H5367, H5914, H6341, H6351, H6354, H6679, H6983, H7639, H7845, H8610, G64, G1029, G2339, G2340, G3802, G3803, G3985, G4625
फल, फलों, फलवन्त, निष्फल
परिभाषा:
“फल” अर्थात वृक्ष का खानेवाला भाग। “फलवन्त” अर्थात बहुत फल उगना। बाइबल में इस शब्द को प्रतीकात्मक रूप में भी काम में लिया गया है।
- बाइबल में “फल” शब्द प्रायः मनुष्य के कामों और विचारों के लिए काम में लिया गया है। जिस प्रकार कि फल दर्शाता है कि वृक्ष कैसा है उसी प्रकार मनुष्य के शब्द और कार्य दर्शाते है कि उसका चरित्र कैसा है।
- मनुष्य अच्छे या बुरे आत्मिक फल उत्पन्न करता है परन्तु “फलवन्त” का अर्थ सदैव ही सकारात्मक है अर्थात बहुत अच्छे फल लाना।
- “फलवन्त” का प्रतीकात्मक अर्थ है, “समृद्धि” इसका संदर्भ प्रायः अनेक सन्तान एवं वंशज तथा भोजन की बहुतायत तथा धन धान्य से है।
- सामान्यतः “का फल” का अभिप्रायः है किसी से उत्पन्न कोई बात या जो किसी और द्वारा निर्मित है। उदाहरणार्थ, “बुद्धि का फल” का अर्थ है बुद्धिमान होने के परिणाम-स्वरूप भली वस्तुएं पाना।
- “भूमि का फल” मनुष्यों के खाने के लिए भूमि की उपज है। इसमें न केवल फल जैसे कि खजूर और अंगूर ही नहीं, सब्जियाँ, मेवे और अनाज भी युक्त है।
- प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति “आत्मा का फल” आज्ञाकारी मनुष्यों में पवित्र आत्मा द्वारा उत्पन्न धार्मिक के गुण।
- “गर्भ का फल” अर्थात स्त्री की सन्तान।
अनुवाद के सुझाव:
- इस शब्द का अनुवाद “फल” के लिए प्रभुता सामान्य शब्द द्वारा ही किया जाए तो अच्छा होगा अर्थात वृक्ष का भोज्य अंश। अनेक भाषाओं में बहुवचन शब्द “फलों” अधिक स्वाभाविक होगा।
- प्रकरण के अनुसार, “फलवन्त” का अनुवाद हो सकता है, “अधिक आत्मिक फल उत्पन्न करना” या “अनेक सन्तान होना” या “समृद्ध होना”
- “भूमि की उपज” का अनुवाद “भूमि द्वारा उत्पन्न भोजन” या “उस क्षेत्र की फसल”।
- पशुओं और मनुष्यों की सृष्टि करके परमेश्वर ने उन्हें आज्ञा दी थी “फूलो फलो और पृथ्वी को भर दो”। जिसका अर्थ है अनेक सन्तान होना। इसका अनुवाद “अनेक सन्तान होना” या “अनेक सन्तान एवं वंशज होना” या “अनेक सन्तान होना कि अनेक वंशज हों”।
- “गर्भ का फल” अनुवाद हो सकता है, “गर्भ से उत्पन्न” या “स्त्री द्वारा जन्मे सन्तान” या केवल “सन्तान”। एलीशिबा ने मरियम से कहा, “धन्य तेरे गर्भ का फल” तो उसका अर्थ था “जिस पुत्र को तू जन्म देगी वह धन्य है”। लक्षित भाषा में इस उक्ति के लिए भिन्न शब्द हो सकते हैं।
- “दाख का फल” का अनुवाद “दाखलता का फल” या “अंगूर” हो सकता है।
- प्रकरण के अनुसार, “अधिक फलवन्त होना” का अनुवाद हो सकता है, “अधिक फल देगी” या “अधिक सन्तान होगी” या “समृद्ध होगे”।
- प्रेरित पौलुस की अभिव्यक्ति “फलदायक परिश्रम” का अनुवाद हो सकता है, “अच्छे परिणाम लाने वाला काम” या “मसीह में विश्वास करने के लिए काम को लाने वाला प्रयास”।
- “आत्मा का फल” का अनुवाद “पवित्र आत्मा द्वारा उत्पन्न कार्य” या “शब्द एवं कार्य जिनसे प्रकट हो कि पवित्र आत्मा मनुष्य में कार्यरत है” हो सकता है।
(यह भी देखें: उतरेगा, अन्न, अंगूर, पवित्र आत्मा, दाखलता, गर्भ)
बाइबल सन्दर्भ:
- गलातियों 05:23
- उत्पत्ति 01:11
- लूका 08:15
- मत्ती 03:7-9
- मत्ती 07:17
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H4, H1061, H1063, H1069, H2233, H2981, H3581, H3759, H3899, H3978, H4022, H5108, H6509, H6529, H7019, H8393, H8570, G1081, G2590, G2592, G2593, G3703, G5052, G5352
फाटक, फाटकों, बेंड़ों, द्वारपाल, चौकीदारों, द्वार के खम्भे, द्वार
परिभाषा:
“फाटक” किसी बाढ़े में या दीवार में जो नगर या घर के चारों ओर से उसमें चूल पर लगी एक बाधा होती है। “बेड़ों” फाटक को बन्द करने के लिए लकड़ी या धातु की सांकल।
-
नगर के फाटकों को खोला जाता था कि मनुष्य, पशु और सामानवाहक नगर में आ सकें और नगर से जा सकें।
-
नगर को सुरक्षित रखने के लिए शहरपनाह और फाटक बहुत मोटे होते थे। फाटकों को सांकलों से बन्द किया जाता था कि शत्रु की सेना का नगर प्रवेश रोका जाए।
-
फाटकों के लिए "बेड़ों" एक लकड़ी या धातु की पट्टी को संदर्भित करता है जिसे जगह में ले जाया जा सकता है ताकि फाटक बाहर से नहीं खुल सकें।
-
बाइबल के समय में, नगर का फाटक नगर का समाचार एवं सामाजिक केन्द्र होता था। वहां व्यापारिक विनिमय एवं न्याय भी किया जाता था क्योंकि शहरपनाह के मोटे होने के कारण वहां धूप से बचने के लिए पर्याप्त ठंडी छांव होती थी। नागरिकों को उसकी छांव में बैठना मनभावन लगता था कि वहां बैठकर न्याय करें या व्यापार करें।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “फाटक” का अनुवाद “द्वार” या “दीवार का प्रवेश स्थान” या “बाधक” या “प्रवेश द्वार” किया जा सकता है।
- “फाटक की सलाखों” का अनुवाद “फाटक की सिटकनी” या “द्वार को बन्द करने की लम्बी लट्ठा” या “द्वार को बन्द करने की धातु की सांकल”।
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 09:23-25
- प्रे.का. 10:17-18
- व्यवस्थाविवरण 21:18-19
- उत्पत्ति 19:1-3
- उत्पत्ति 24:59-60
- मत्ती. 07:13-14
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1817, H5592, H6607, H8179, H8651, G2374, G4439, G4440
बँधुआई, बन्धुओं, बन्दी करके
परिभाषा:
“बन्धुआई” शब्द का अर्थ है कि मनुष्यों को स्वदेश से बाहर कहीं दूर बसाया जाना।
- मनुष्य दण्ड के लिए या राजनीतिक कारणों से अपने देश से बाहर किया जाता है।
- पराजित देश की प्रजा को विजयी देश की सेना अपने देश ले जाती थी कि उनसे अपना काम करवाए।
- “बेबीलोन की बन्धुआई” बाइबल के इतिहास में वह समय था जब यहूदा राज्य की अधिकांश प्रजा को बलपूर्वक स्वदेश से विस्थापित करके बेबीलोन में बसाया गया था। यह अवधी 70 वर्ष तक रही थी।
- “बन्धुआ” शब्द उन लोगों के संबन्ध में है जिन्हें स्वदेश से दूर निर्वासन में रखा जाता है।
अनुवाद के सुझाव:
- “बन्धुआई में ले जाना” का अनुवाद एक ऐसे शब्द या ऐसी उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका अर्थ “दूर भेजना” या “बलपूर्वक निकालना” या “देश निकाला देना”हो।
- “बन्धुआई का समय” शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या ऐसी उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका अर्थ, “निर्वासित समय” या “देश निकाले का समय” या “विवशकारी अनुपस्थिति का समय” या “देश निकाला” हो।
- “बन्धुआ” के अनुवाद रूप हो सकते है, “निर्वासित लोग” या “वे लोग जिन्हें देश से निकाल दिया गया है” या “बेनीलोन में निर्वासित लोग”
(यह भी देखें: बेबीलोन, यहूदा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 राजा 24:14
- दानिय्येल 02:25-26
- यहेजकेल 01:1-3
- यशायाह 20:04
- यिर्मयाह 29:1-3
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H1123, H1473, H1540, H1541, H1546, H1547, H3212, H3318, H5080, H6808, H7617, H7622, H8689, G3927
बचे हुए
परिभाषा:
शब्द “बचे हुए लोग” वास्तव में बचे हुए लोगों या वस्तुओं के संदर्भ में है। इसका अर्थ बड़ी मात्रा में से छोड़ी गई वस्तु भी है।
- “बचे हुए” प्रायः उन लोगों को व्यक्त करता है जो जान के जोखिम से बच गए या सताव के उपरान्त भी जो मनुष्य परमेश्वर के निष्ठावान रहे।
- यशायाह यहूदियों के एक समूह को बचे हुए लोग कहता है जो शत्रुओं के आक्रमण से बच निकले और प्रतिज्ञा के देश कनान लौटे।
- पौलुस भी “बचे हुए” लोगों की चर्चा करता है जिन्हें परमेश्वर ने चुना कि उसके अनुग्रह के वारिस हों।
- “बचे हुए” से यह भी अर्थ निकलता है कि कुछ अन्य लोग निष्ठावान नहीं थे, या जो बचे नहीं या जो चुने नहीं गए।
अनुवाद के सुझाव:
- “इनमें से बचे हुए लोग” इस उक्ति का अनुवाद, “इन लोगों में से जो बाकी रह गए” या “जो लोग विश्वासी रहे” या “शेष मनुष्य” हो सकता है।
- “बाकी सब लोग” का अनुवाद, “शेष सब लोग” या “बचे हुए लोग” हो सकता है।
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 15:15-18
- आमोस 09:11-12
- यहेजकेल 06:8-10
- उत्पत्ति 45:7-8
- यशायाह 11:10-11
- मीका 04:6-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3498, H3499, H5629, H6413, H7604, H7605, H7611, H8281, H8300, G2640, G3005, G3062
बन्दीगृह, बन्दी, बन्दी, बन्दीगृह, कैद में, कैद में, बन्दी बनाना, बन्दी बनना, बन्दी बनना
परिभाषा:
“बन्दीगृह” वह स्थान है जहाँ अपराधियों को उनके अपराध का दण्ड देने के लिए रखा जाता है। “बन्दी” वह व्यक्ति जो बन्दीगृह में रखा गया है।
- अभियुक्त को अभियोग के समय तक बन्दीगृह में रखा जाता है।
- “बन्दी बनाया” अर्थात् “बन्दीगृह में रखा” या “दासत्व में रखा”।
- अनेक भविष्यद्वक्ता और परमेश्वर के सेवक निरपराध बन्दीगृह में डाले गए थे।
अनुवाद के सुझाव:
- “बन्दीगृह” का दूसरा शब्द “कारावास” है।
- इस शब्द का अनुवाद “कालकोठरी” भी किया जा सकता है, जब कारावास किसी भवन या राजमहल के तहखाने में हो।
- “बन्दी” का संदर्भ उन लोगों से भी हो सकता है जिन्हें उनके शत्रु बन्दी बनाकर उनकी इच्छा के विरूद्ध किसी स्थान में रखते हैं। इसका अनुवाद “दास” भी किया जा सकता है।
- “बन्दी बनाने” के अनुवाद हो सकते हैं, “बन्दी बनाकर रखना” या “दासता में रखना” या “कैद कर लेना”
(यह भी देखें: बन्दी बनाना)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 25:4-5
- इफिसियों 04:1-3
- लूका 12:57-59
- लूका 22:33-34
- मरकुस 06:16-17
- मत्ती 05:25-26
- मत्ती 14:3-5
- मत्ती 25:34-36
शब्द तथ्य:
- Strong's: H612, H613, H615, H616, H631, H1004, H1540, H3608, H3628, H3947, H4115, H4307, H4455, H4525, H4929, H5470, H6115, H6495, H7617, H7622, H7628, G1198, G1199, G1200, G1201, G1202, G1210, G2252, G3612, G4788, G4869, G5083, G5084, G5438, G5439
बल, बलवन्त करना, दृढ़ किया, मजबूत, हियाव बाँधा
तथ्यों:
“बल” अर्थात शारीरिक, मानसिक या आत्मिक शक्ति। “बलवन्त करना” (स्थिर होना, दढ़ होना) अर्थात किसी को अधिक शक्तिशाली बनाना।
- “बल” का अर्थ यह भी है कि किसी प्रकार के विरोधी बल का सामना करना।
- परीक्षा में नहीं गिरनेवाले में “इच्छा शक्ति” होती है।
- भजनकार यहोवा को अपना “बल” कहता है अर्थात् परमेश्वर उसे बलवन्त होने में सहायता करता है।
- दीवार या भवन जैसी रचना को दृढ़ किया जाए तो इसका अर्थ है कि उसका पुनरूद्धार किया जा रहा है उसमें पत्थर और ईंटों को जोड़कर उसे अधिक दृढ़ किया जा रहा है कि वह आक्रमण का सामना कर पाए।
अनुवाद के सुझाव
- “बलवन्त करना” का सामान्यतः अनुवाद हो सकता है, “दृढ़ करना” या “अधिक शक्तिशाली बनाना”।
- आत्मिक अर्थ में “अपने भाइयों को स्थिर कर” का अनुवाद होगा, “अपने भाइयों को प्रोत्साहित कर” या “अपने भाइयों को धीरज धरने में सहायता प्रदान कर”।
- निम्नलिखित उदाहरण इन शब्दों का अर्थ दिखाते हैं, और इसलिए उनका अनुवाद कैसे किया जा सकता है, जब उन्हें लंबे समय तक भाव में शामिल किया जाता है।
- “बल का कटिबन्ध” अर्थात् “पूर्ण शक्ति देना जैसे कटिबन्ध कमर को थामे रहता है”।
- “शान्ति और विश्वास तेरा बल होगा” अर्थात् “शान्ति का आचरण और परमेश्वर में विश्वास तुझे आत्मिक शक्ति प्रदान करेगा”।
- "अपनी शक्ति का नवीनीकरण" का अर्थ "फिर से मजबूत हो जाएंगे”।
- "मेरी ताकत और मेरी बुद्धि से मैंने काम किया" इसका मतलब है "मैंने यह सब किया है क्योंकि मैं बहुत ताकतवर और बुद्धिमान हूं।"
- "दीवार को मजबूत करें" का अर्थ है "दीवार को सुदृढ़ करना" या "दीवार को फिर से बनाना"।
- “मैं तुझे स्थिर करूंगा” अर्थात् “मैं तुझे शक्तिशाली बनाऊंगा”।
- “उद्धार और बल यहोवा से है, अर्थात् “केवल यहोवा हमारा उद्धार करता है और हमें बल देता है”।
- “बल की चट्टान” अर्थात् “वह विश्वासयोग्य जो तुझे बल प्रदान करता है”
- “उसकी दहिनी भुजा के उद्धार के बल से” अर्थात् “वह तुझे संकटों से बलपूर्वक उबारता है जैसे कोई तुझे बलवन्त भुजा से पकड़े रहे”।
- “निर्बल” अर्थात् “दुर्बल” या “अधिक शक्तिशाली नहीं”।
- “अपनी पूरी शक्ति से” अर्थात् “अपने सर्वोत्तम प्रयास से” या “दृढ़ता से पूर्णतः”
(यह भी देखें: विश्वासयोग्य, धीरज धरना, दाहिना हाथ, उद्धार)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 2 राजा 18:1-21
- 2 पतरस 02:10-11
- लूका 10:2-28
- भजन संहिता 021:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H193, H202, H353, H360, H386, H410, H553, H556, H905, H1082, H1369, H1396, H1679, H2220, H2388, H2391, H2392, H2393, H2428, H2633, H3027, H3028, H3559, H3581, H3811, H3955, H4206, H4581, H5326, H5331, H5332, H5582, H5797, H5807, H5810, H5934, H5975, H6106, H6109, H6697, H6965, H7292, H7293, H7296, H7307, H8003, H8443, H8510, H8632, H8633, G461, G772, G950, G1411, G1412, G1743, G1765, G1840, G1849, G1991, G2479, G2480, G2901, G2904, G3619, G3756, G4599, G4732, G4733, G4741
बलवा , बलवा, बलवा किया, विद्रोह, विद्रोही, बलवाई, विद्रोह शीलता
परिभाषा:
“बलवा” शब्द का अर्थ है किसी के अधिकार के अधीन होने से इन्कार करना। “बलवा करने वाला” आज्ञा नहीं मानता है और बुरा काम करता है। ऐसा मनुष्य “बलवाई” कहलाता है
- मनुष्य बलवा करता है जब वह ऐसा काम करता है जिसके लिए अधिकारियों ने मना किया है।
- मनुष्य अधिकारियों द्वारा निर्दिष्ट कार्य न करे तो वह बलवा करता है।
- कभी-कभी मनुष्य अपने सरकार या शासकों से भी बलवा (विद्रोह) करते हैं।
- प्रकरण के अनुसार “बलवा करना” का अनुवाद “आज्ञा न मानना” या “विद्रोह करना” भी हो सकता है।
- “बलवाई” का अनुवाद “लगातार अवज्ञाकारी” या “आज्ञापालन से इन्कार” भी किया जा सकता है।
- “बलवा” का अर्थ है, “आज्ञा मानने से इन्कार” या “अवज्ञा” या “नियम विरोधी”
- “बलवा” का संदर्भ एक संगठित जनसमूह से भी हो सकता है जो नियम को तोड़कर अगुओं और जनता पर सार्वजनिक आक्रमण कर देते हैं। ये लोग अन्य मनुष्यों को भी साथ देने के लिए भड़काते हैं।
(यह भी देखें: अधिकारी, शासन करना)
बाइबल संदर्भ:
- 1 राजा 12:18-19
- 1 शमूएल 12:14
- 1 तीमुथियुस 01:9-11
- 2 इतिहास 10:17-19
- प्रेरि. 21:37-38
- लूका 23:18-19
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 14:14 इस्राएलियों के चालीस वर्ष तक जंगल में भटकने के बाद, वह सभी जो परमेश्वर के विरुद्ध बोलते थे मर गए।
- 18:07 दस इस्राएली गोत्र रहूबियाम के विरुद्ध बलवा किया।
- 18:09 यारोबाम ने परमेश्वर का विद्रोह किया और लोगों को पाप में धकेल दिया।
- 18:13 यहूदा के बहुत से लोग परमेश्वर के विरुद्ध हो गए और अन्य देवताओं की उपासना करने लगे।
- 20:07 परन्तु कुछ वर्षों के बाद, यहूदा के राजा ने बेबीलोन के विरुद्ध विद्रोह किया।
- 45:03 फिर स्तिफनुस ने कहा, “हे हठीले और परमेश्वर से बलवा करने वालों, तुम सदा पवित्र आत्मा का विरोध करते हो, जैसा तुम्हारे पूर्वजों ने सदैव परमेश्वर का विरोध किया और उसके भविष्यवक्ताओं को मार डाला।
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H4775, H4776, H4777, H4779, H4780, H4784, H4805, H5327, H5627, H5637, H6586, H6588, H7846, G3893, G4955
बहन, बहनों
परिभाषा:
बहन वह स्त्री होती है जो किसी की माता याकिसी के पिता के द्वारा अनुवांशिक संबन्ध रखती है. उसे कहा जाता है कि किसी की बहन है या उस व्यक्ति की बहन है।
- नये नियम में "बहन" शब्द का आलंकारिक उपयोग उस स्त्री के लिए किया जाता है जो यीशु में सहविश्वासी है।
- कभी-कभी,"भाइयों और बहनों" शब्द मसीह के सब विश्वासी स्त्री-पुरुष के लिए उपयोग किया गया है।
- पुराने नियम की पुस्तक श्रेष्ठगीत में "बहन" शब्द प्रेमी या जीवन साथी के लिए उपयोग किया गया है।
अनुवाद के सुझाव:
- अतः उचित होगा कि लक्षित भाषा में इस शब्द का अनुवाद करते समय अनुवांशिक या प्राकृतिक बहन के लिए काम में आने वाले शब्द का ज्यों का त्यों ही उपयोग करें, जब तक कि इसका अभिप्राय गलत न हो।
- इसके अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “मसीह में बहन” या “आत्मिक बहन” या “मसीह की विश्वासी स्त्री” या “सहविश्वासी महिला”।
- संभव हो तो पारिवारिक शब्द काम में लेना सबसे अच्छा है।
- यदि लक्षित भाषा में विश्वासी शब्द का स्त्रीलिंग रूप हो तो इसे काम में लेना संभावित अनुवाद हो सकता है।
- प्रेमी या पत्नी के संदर्भ में “प्रिय” या “प्रियतम” का स्त्रीलिंग शब्द काम में ले।
(यह भी देखें: भाई, मसीह में, आत्मा)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 02:16-17
- व्यवस्थाविवरण 27:22
- फिलेमोन 01:02
- रोमियो16:01
शब्द तथ्य:
- Strong’s: H269, H1323, G27, G79
बाँधे, बांधा हुआ
परिभाषा:
“बाँधे” अर्थात किसी वस्तु पर कुछ बान्धना। इसका अर्थ प्रायः बागा की कमर पर पट्टा बान्धना होता है कि वह अपने स्थान पर रहे।
- “कमर कसना” अर्थात वस्त्र का नीचे का भाग उठाकर कमर में बांधना कि मनुष्य आसानी से काम कर पाए।
- इस मुहावरे का अर्थ है "काम करने के लिए तैयार होना" या कठिन काम करने की तैयारी करना।
- “कमर कसना” के अनुवाद में लक्षित भाषा के समानार्थक उक्ति काम में ली जा सकती है। या इसका सरल अनुवाद भी किया जा सकता है, “कार्य करने के लिए तैयार होना” या “तैयार हो जाना।”
- “लिपटा हुआ” अर्थात “चारों ओर लपेटा हुआ” या “घिरा हुआ” या “बन्धा हुआ”
(यह भी देखें: कमर)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 पतरस 01:13-14
- अय्यूब 38:1-3
शब्द तथ्य:
- Strong's: H247, H640, H2290, H2296, H8151, G328, G1241, G2224, G4024
बांज वृक्ष, बांज वृक्षों
परिभाषा:
बांज, या बांज वृक्ष मोटे तने और फैली हुई शाखाओं का एक लम्बा पेड़ होता है।
- बांज वृक्ष की लकड़ी कठोर और दृढ़ होती है जिससे जहाज, हल, जूए और सहारे की छड़ी बनाए जाते थे।
- इस वृक्ष के फल को बंजुफल कहते हैं।
- कुछ बांज वृक्षों के तने 6 मीटर मोटे होते हैं।
- बांज वृक्ष दीर्घायु के प्रतीक थे, उनके अन्य आत्मिक अर्थ भी है। बाइबल में इनका संबन्ध पवित्र स्थानों से है।
अनुवाद के सुझाव:
- कई अनुवादों को "बांज वृक्ष" शब्द का उपयोग करने के बजाय केवल "बांज" शब्द का उपयोग करना महत्वपूर्ण होगा।
-
यदि लक्षित भाषा के स्थान में बांज वृक्ष नहीं है तो इसका अनुवाद किया जा सकता है, “एक बड़ा बांज का छायादार वृक्ष” और इसके गुणों वाले किसी स्थानीय वृक्ष का नाम दें।
-
देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें)
(यह भी देखें: पवित्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 10:3-4
- उत्पत्ति 13:16-18
- उत्पत्ति 14:13-14
- उत्पत्ति 35:4-5
- न्यायियों 06:11-12
शब्द तथ्य:
- Strong's: H352, H424, H427, H436, H437, H438
बाल
तथ्य:
“बाल” का अर्थ है, “प्रभु” या “स्वामी”, और पहले के झूठे देवता का नाम था जिनकी उपासना कनानी करते थे।
- बाल शब्द से व्युत्पन्न अन्य देवता भी थे गैर पिओरबाल। कभी-कभी इन सब देवताओं को एक साथ “बाल” कहा गया है।
- कुछ देवताओं के नाम में "बाल" शब्द जुड़ा हुआ था।
- बाल की पूजा में कुप्रथाएं भी शामिल है जैसे बच्चों की बलि चढ़ाना और वैश्यावृत्ति का अभ्यास।
- उनके इतिहास में विभिन्न युगों में इस्राएली भी बाल की पूजा करते थे और अन्य जातियों के उदाहरण पर चलते थे।
- राजा आहाब के राज्य काल में परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता एलिय्याह ने सिद्ध करके दिखाया था कि बाल नहीं यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है। परिणामस्वरूप बाल के पुजारियों को नष्ट कर दिया गया था और इस्राएली यहोवा की उपासना करने लगे थे।
(यह भी देखें: आहाब, अशेरा, एलिय्याह, देवता, वैश्या, यहोवा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 16:31-33
- 1 शमूएल 07:3-4
- यिर्मयाह 02:7-8
- न्यायियों 02:11-13
- गिनती 22:41
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 19:02 अहाब एक दुष्ट व्यक्ति था जो लोगों को झूठे, __बाल__नामक देवता की उपासना करने के लिए प्रोत्साहित करता था।
- 19:06 इस्राएली राज्य के सभी लोगों सहित और बाल के नबी साढ़े चार सौ मनुष्य कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा हुए | एलिय्याह ने लोगों से कहा, “कब तक तुम दो विचारो में लटके रहोगे ? यदि यहोवा परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’ यदि बाल परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’”
- 19:07 एलिय्याह ने बाल के भविष्यवक्ताओं से कहा, “पहले तुम एक बछड़ा चुन के तैयार कर लो, परन्तु आग न लगाना।”
- 19:08 तब बाल के भविष्यवक्ता यह कहकर बाल से प्रार्थना करते रहे, “हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन।”
- __19:12__तब उन्होंने उनको पकड़ लिया, और एलिय्याह ने उन्हें नीचे ले जाकर मार डाला।
शब्द तथ्य:
बिन्यामीन, बिन्यामीनी, बिन्यामीनियों
तथ्य:
बिन्यामीन याकूब और उसकी पत्नी राहेल का सबसे छोटा पुत्र था। उसके नाम का अर्थ है, “मेरे दाहिने हाथ का पुत्र”
बिन्यामीन और उसका बड़ा भाई यूसुफ राहेल के दो ही पुत्र थे, राहेल बिन्यामीन के जन्म के बाद मर गई थी।
- बिन्यामीन के वंशज इस्राएल का एक गोत्र का था।
- राजा शाऊल इस्राएल के बिन्यामीन गोत्र का था।
- प्रेरित पौलुस भी बिन्यामीन के गोत्र का था।
(यह भी देखें: इस्राएल, इस्राएल, यूसुफ (पुराना नियम), पौलुस, राहेल, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 02:1-2
- 1 राजा 02:08
- प्रे.का. 13:21-22
- उत्पत्ति 35:18
- उत्पत्ति 42:04
- उत्पत्ति 42:35-36
- फिलिप्पुस 03:4-5
शब्द तथ्य:
बीज, वीर्य
परिभाषा:
बीज पौधे का वह भाग है जिसे भूमि में डालने पर उसी जाति का पौधा अंकुरित होता है।तथापि बाइबल में "बीज" शब्द का उपयोग लाक्षणिक रूप में भी किया गया है जिसके अनेक भिन्न-भिन्न अर्थ हैं।
- "बीज" शब्द प्रतीकात्मक और शिष्टोक्ति रूप में स्त्री-पुरुष की सन्तानोत्पत्ति की सूक्ष्म कोशिकाओं के लिए भी काम में लिया गया है। इनको वीर्य कहा जाता है।
- इसी संदर्भ में "बीज" शब्द मनुष्य की सन्तान या वंशजों के लिए भी काम में लिया जाता है।
- इस शब्द का अर्थ प्रायः बहुवचन में होता है जो एक से अधिक बीज के दानों या एक से अधिक वंशजों के संदर्भ में होता है।
- बीज बोनेवाले के दृष्टान्त में यीशु उसके बीजों की तुलना परमेश्वर के वचनसे करता है, जब यह मनुष्यों के मन में अंकुरित होता है तब उत्तम आत्मिक फल लाता है।
- प्रेरित पौलुस भी "बीज" शब्द का उपयोग परमेश्वर के वचन के संदर्भ में करता है।
अनुवाद के सुझाव:
- जब संदर्भ वास्तव में बीज का ही हो, तो अनुवाद में "बीज" शब्द का ही उपयोग किया जाए, जो लक्षित भाषा में उपयोग किया जाता है,अर्तात किसान द्वारा अपने खेत में बोया जाने वाला बीज।
- जब परमेश्वर के वचन का लाक्षणिक संदर्भ हो तब बीज शब्द को ज्यों का त्यों ही काम में लेना होगा.
- प्रतीकात्मक उपयोग में जब सन्दर्भ एक ही वंश के पारिवारिक सदसयों से हो तब "बीज" की अपेक्षा "वंशज" या "वंशजों" शब्दों का उपयोग अधिक स्पष्ट होगा। कुछ भाषाओं में ऐसा शब्द भी हो सकता है जिसका अर्थ "सन्तान और नाती-पोते" हो।
- स्त्री या पुरुष का "बीज" के लिए देखें कि लक्षित भाषा में इसे किस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है जिससे पाठकों को बुरा न लगे या लज्जा का अनुभव न हो।
(यह भी देखें: उतरेगा, वंश
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 18:32
- उत्पत्ति 01:11
- यिर्मयाह 02:21
- मत्ती 13:08
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H2232, H2233, H3610, H6507, G4615, G4687, G4690, G4701, G4703
बुद्धिमान, बुद्धि
परिभाषा:
“बुद्धिमान” वह मनुष्य है जो समझता है कि करने के लिए क्या उचित एवं नैतिक है और उसे करता है। “बुद्धि” जो सच एवं नैतिकता में उचित है उसे समझना और उसका अभ्यास करना।
- बुद्धिमान होना अर्थात उचित निर्णय लेने की क्षमता, विशेष करके परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले काम करना।
- मनुष्य परमेश्वर की बात सुनकर और दीनतापूर्वक उसकी इच्छा का पालन करके बुद्धिमान बनते हैं।
- बुद्धिमान मनुष्य अपने जीवन में पवित्र-आत्मा के फल-आनंद, दया, प्रेम, धीरज-प्रकट करता है।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “बुद्धिमान” शब्द के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर के आज्ञाकारी” या “समझदार और आज्ञाकारी” या “परमेश्वर का भय माननेवाले।”
- “बुद्धि” के अनुवाद में एक ऐसा शब्द या उक्ति काम में लें जिसका अर्थ है, “बुद्धिमानी का जीवन” या “समझदारी और आज्ञापालन का जीवन” या “उचित निर्णय।”
- “बुद्धि” और “बुद्धिमान” के अनुवाद अन्य प्रमुख शब्दों जैसे धार्मिक या आज्ञाकारी से भिन्न होना उचित है।
(यह भी देखें: आज्ञा मानना, फल)
बाइबल संदर्भ:
- प्रे.का. 06:2-4
- कुलुस्सियों 03:15-17
- निर्गमन 31:6-9
- उत्पत्ति 03:4-6
- यशा. 19:11-12
- यिर्मयाह 18:18-20
- मत्ती. 07:24-25
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 02:05__वह __बुद्धिमान भी बनना चाहती थी, इसलिये उसने कुछ फल लिये और उसे खा लिया।
- 18:01 जब सुलैमान ने बुद्धि माँगी, परमेश्वर उससे प्रसन्न हुआ और उसे संसार का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति बना दिया।
- 23:09 कुछ समय बाद ज्योतिषियों ने पूर्व में एक तारा देखा।
- 45:01 वह (स्तिफनुस) एक अच्छा प्रतिष्ठित मनुष्य था और पवित्र आत्मा और ज्ञान से भरा था।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H998, H1350, H2445, H2449, H2450, H2451, H2452, H2454, H2942, H3820, H3823, H6195, H6493, H6912, H7535, H7919, H7922, H8454, G4678, G4679, G4680, G4920, G5428, G5429, G5430
बुरा, गलत करना, बुरा किया, गलत तरीके से, बुरा करनेवाले, दुर्व्यवहार, सताया हुआ, चोट पहुँचाना, कष्टदायक
परिभाषा:
“बुरा” करने का अर्थ है किसी के साथ अन्याय करना या अनिष्ठ व्यवहार करना।
- शब्द "दुर्व्यवहार"; का अर्थ है किसी व्यक्ति के साथ बुरा या कठोर व्यवहार करना, उस व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक कष्ट पहुंचाना।
- शब्द "चोट"; अधिक सामान्य है और इसका मतलब है "किसी को किसी तरह नुकसान पहुंचाना।" इसमें अक्सर "शारीरिक चोट" का अर्थ होता है।
- संदर्भ के आधार पर, इन शब्दों का अनुवाद "गलत करना" या "अन्याय का व्यवहार"; या "हानि पहुँचाना" या "हानिकारक व्यवहार करना" या "चोट पहुँचाना," आदि रूप में किया जा सकता है।
बाइबल संदर्भ:
- प्रे.का. 07:26
- निर्गमन 22:21
- उत्पत्ति 16:05
- लूका 06:28
- मत्ती. 20:13-14
- भजन संहिता 071:13
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H205, H816, H2248, H2250, H2255, H2257, H2398, H2554, H2555, H3238, H3637, H4834, H5062, H5142, H5230, H5627, H5753, H5766, H5791, H5792, H5916, H6031, H6087, H6127, H6231, H6485, H6565, H6586, H7451, H7489, H7563, H7665, H7667, H7686, H8133, H8267, H8295, G91, G92, G93, G95, G264, G824, G983, G984, G1536, G1626, G1651, G1727, G1908, G2556, G2558, G2559, G2607, G3076, G3077, G3762, G4122, G5195, G5196
बुराई, दुष्ट, दुष्टता
परिभाषा:
“बुरा और दुष्ट” दोनों का संदर्भ उन बातों से है जो परमेश्वर के गुण एवं इच्छा के विरूद्ध है।
- “बुरा” शब्द मनुष्य के चरित्र का वर्णन करता है, “दुष्ट” शब्द मनुष्य के व्यवहार का वर्णन करता है। तथापि अर्थ में दोनों शब्द समान हैं।
- “दुष्टता” का अभिप्राय मनुष्य द्वारा किए गए बुरे काम को दर्शाते हैं।
- बुराई के परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाए जाते हैं कि लोग कैसे हत्या करते हैं, चोरी करते हैं, बदनाम करते हैं और क्रूर और निर्दयी होते हैं।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “बुराई” और दुष्टता का अनुवाद “बुरा” या “पापी” या “अनैतिक” हो सकता है।
- इसके अनुवाद के अन्य रूप हैं, “अच्छी नहीं” या “धर्मी नहीं” या “नैतिक नहीं”
- सुनिश्चित करें कि इनके अनुवाद के शब्द और उक्तियां लक्षित भाषा में व्यावहारिक संदर्भ सहित हों।
(यह भी देखें: अवज्ञा, पाप, अच्छा, धर्मी, दुष्टात्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 24:10-11
- 1 तीमुथियुस 06:9-10
- 3 यूहन्ना 01:9-10
- उत्पत्ति 02:15-17
- उत्पत्ति 06:5-6
- अय्यूब 01:1-3
- अय्यूब 08:19-20
- न्यायियों 09:55-57
- लूका 06:22-23
- मत्ती. 07:11-12
- नीतिवचन 03:7-8
- भजन-संहिता 022:16-17
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 02:04 "परमेश्वर इतना जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाते हो, तो तुम परमेश्वर की तरह हो जाओगे और अच्छा और बुरे को समझोगे जैसा वह समझता है।"
- 03:01 एक लंबे समय के बाद, बहुत से लोग दुनिया में रह रहे थे। वे बहुत दुष्ट और हिंसक थे।
- 03:02 लेकिन नूह ने परमेश्वर से अनुग्रह पाया। वह दुष्ट लोगों के बीच रहने वाला एक धर्मी व्यक्ति था।
- 04:02 परमेश्वर ने देखा कि अगर वे सभी एक साथ मिलकर बुराई करते हैं, तो वे और भी अधिक पाप करेंगे।
- 08:12 "आपने दास के रूप में मुझे बेचकर तुमने बुराई करने की कोशिश की, लेकिन परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का इस्तेमाल किया!"
- 14:02 वे (कनानी) ने झूठे देवताओं की पूजा की और कई __ बुरे__ काम किए।
- 17:01 लेकिन फिर वह (शाऊल) एक दुष्ट व्यक्ति बन गया, जिसने परमेश्वर का आज्ञा पालन नहीं किया, इसलिए परमेश्वर ने एक अलग व्यक्ति को चुना जो एक दिन उसके स्थान पर राजा बनेगा।
- 18:11 इस्राएलियों के नए राज्य में, सभी राजा बुरे थे
- 29:08 राजा इतना क्रोधित था कि उसने दुष्ट दास को जेल में फेंक दिया जब तक कि वह उसके सारे कर्ज का भुगतान न कर दे।
- 45:02 उन्होंने कहा, "हमने सुना है वह(स्तिफनुस) मूसा और परमेश्वर के बारे में __ बुरी__ बातें कहता है!"
- 50:17 वह (यीशु) हर आंसू को मिटा देगा उसके बाद कोई पीड़ा, दुःख, रोने, बुराई, दर्द या मौत नहीं होगी।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H205, H605, H1100, H1681, H1942, H2154, H2162, H2254, H2617, H3399, H3415, H4209, H4849, H5753, H5766, H5767, H5999, H6001, H6090, H7451, H7455, H7489, H7561, H7562, H7563, H7564, G92, G113, G459, G932, G987, G988, G1426, G2549, G2551, G2554, G2555, G2556, G2557, G2559, G2560, G2635, G2636, G4151, G4189, G4190, G4191, G5337
बेतशेमेश
तथ्य:
बेतशेमेश एक कनानी नगर का नाम था, जो यरूशलेम के लगभग 30 कि.मी. पश्चिम में था।
- इस्राएलियों ने यहोशू के समय बेतशेमेश पर अधिकार कर लिया था।
- बेतशेमेश नगर लेवी याजकों के निवास हेतु अलग कर दिया गया था।
- जब पलिश्ती वाचा के सन्दूक को लौटाकर यरूशलेम जा रहे थे तब बेतशेमेश पहला नगर था, जहां वे रूके थे।
(यह भी देखें: वाचा का सन्दूक, कनान, यरूशलेम, यहोशू, लेवी, पलिश्तियों)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 04:7-10
- 1 शमूएल 06:7-9
- यहोशू 05:2-3
- न्यायियों 01:33
शब्द तथ्य:
बेतेल
तथ्य:
“बेतेल” कनान देश में यरूशलेम के उत्तर में एक नगर था। इसका पूर्व का नाम "लूज" था।
- परमेश्वर से पहली बार प्रतिज्ञा प्राप्त करने पर अब्राम (अब्राहम) ने बेतेल के निकट एक वेदी बनाई थी। उस समय इसका नाम बेतेल नहीं था परन्तु इस शब्द को जनमान्य होने के कारण काम में लिया गया है।
- एसाव से डर कर भागते समय याकूब इस नगर के बाहर ही आकाश के नीचे सोया था। उस समय उसने स्वप्न में उसे स्वर्गदूत एक सीढ़ी पर स्वर्ग पर चढ़ते और वहां से उतरते दिखाई दिए थे।
- इस नगर का नाम बेतेल नहीं था जब तक कि याकूब ने इसे "बेतेल" नाम नहीं दिया। इस शब्द को उजागर करने के लिए कुछ अनुवादों में इस स्थान का नाम “लूज(बाद में बेतेल कहलाया)” किया गया है जब तक कि याकूब ने वहां पहुंचकर उस स्थान को बेतेल नाम नहीं दिया।
- बेतेल का नाम पुराने नियम में बहुत बार आया है और वहां अनेक महत्त्वपूर्ण घटनाएं भी घटी थी।
(यह भी देखें: अब्राहम, वेदी, इस्राएल, यरूशलेम)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 12:8-9
- उत्पत्ति 35: 1-3
- होशे 10:14-15
- न्यायियों 01:22-24
शब्द तथ्य:
बेर्शेबा
तथ्य:
पुराने नियम के युग में बेर्शेबा नगर यरूशलेम से लगभग 45 मील दक्षिण पश्चिम में रेगिस्तान में बसा था जिसे अब नेगेव (दक्षिण देश) कहते हैं।
- बेर्शेबा के आसपास के रेगिस्तान में हाजिरा और इश्माएल भटक रहे थे जब अब्राहम ने उन्हें अपने तम्बुओं से दूर भेज दिया था।
- इस नगर के नाम का अर्थ है “शपथ का कूआं” इस स्थान को यह नाम तब दिया गया था जब अब्राहम ने अबीमेलेक से शपथ खाई थी कि वह उसके लोगों को उसके कूओं में से एक पर अनाधिकृत कब्जा करने के लिए घात नहीं करेगा।
(यह भी देखें: अबीमेलेक, अब्राहम, हाजिरा, इश्माएल, यरूशलेम, शपथ)
===== बाइबल सन्दर्भ: =====
- 1 शमूएल 03:19-21
- 2 शमूएल 17:11-12
- उत्पत्ति 21:14-16
- उत्पत्ति 21:31-32
- उत्पत्ति 46:1-4
- नहेम्याह 11:28-30
शब्द तथ्य:
बैंगनी
तथ्य:
“बैंगनी” शब्द एक रंग का नाम है जिसमें नीले और लाल रंग को मिश्रित किया जाता है।
- प्राचीन युग में, बैंगनी रंग दुर्लभ था और अत्यधिक मूल्यवान रंग था। राजाओं तथा उच्च स्तरीय अधिकारियों के वस्त्र इसी मसाले से रंगे जाते थे।
- इस रंग का निर्माण महंगा और समय लेनेवाला होता था, बैंगनी वस्त्र धनवान होने, विशिष्ट होने तथा राजसी होने का प्रतीक था।
- निवास के मण्डप और मन्दिर के परदों का रंग भी बैंगनी था याजकों को एपोद का रंग भी बैंगनी था।
- बैंगनी रंग समुद्री घोंघे को कुचल कर या उबलते हुए पानी में डालकर निकाला जाता था, या घोंघों को जीवित रखकर यह रंग छोड़ने के लिए उकसाया जाता था। यह एक मंहगी प्रक्रिया थी।
- रोमी सैनिकों ने यीशु के क्रूसीकरण से पूर्व उसे बैंगनी वस्त्र पहनाकर उसकी निन्दा की थी क्योंकि उस पर दोष लगाया गया था कि वह यहूदियों का राजा है।
- फिलिप्पी नगर की लुदिया बैंगनी वस्त्र बेचकर जीविकोपार्जन करती थी।
(यह भी देखें: एपोद, फिलिप्पी, राजकीय, निवासस्थान, मन्दिर
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 इतिहास 02:13-14
- दानिय्येल 05:7
- दानिय्येल 05:29-31
- नीतिवचन 31:22-23
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H710, H711, H713, G4209, G4210, G4211
बैतलहम, एप्रात
तथ्य:
बैतलहम इस्राएल में एक छोटा सा नगर था जो यरूशलेम के निकट स्थित था। इसका नाम “एप्रात” भी था, संभवतः उसका मूल नाम।
- बैतलहम को “दाऊद का नगर” भी कहते थे क्योंकि दाऊद का जन्म वहीं हुआ था।
- भविष्यद्वक्ता मीका ने कहा था कि मसीह बैतलहम एप्रात से आएगा।
- इस भविष्यद्वाणी की पूर्ति हुई जब वर्षों बाद यीशु का जन्म बैतलहम नगर में हुआ था।
- “बैतलहम” का अर्थ है “रोटी का घर” या “भोजन का घर”
(यह भी देखें: कालेब, दाऊद, मीका)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 35:16-20
- यूहन्ना 07:40-42
- मत्ती 02:4-6
- मत्ती 02:16
- रूत 01:1-2
- रूत 01:19-21
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 17:02 बैतलहम नगर में दाऊद एक चरवाहा था
- 21:09 यशायाह भविष्यद्वक्ता ने भविष्यवाणी की थी , कि एक कुँवारी से मसीह का जन्म होगा। मीका भविष्यवक्ता ने कहा कि उसका जन्म बैतलहम के नगर में होगा।
- 23:04 अत: यूसुफ और मरियम भी एक लम्बी यात्रा तय करके नासरत को गए, क्योंकि यूसुफ दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया।
- 23:06 “ आज बैतलहम नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।”
शब्द तथ्य:
- Strong's: H376, H672, H1035, G965
भजन
परिभाषा:
“भजन” शब्द एक पवित्र गीत का संदर्भ देता है जो कविता रूप में लिखा गया है कि गाया जाए।
- पुराने नियम में भजन संहिता इन भजनों का संग्रह है, राजा दाऊद तथा अन्य इस्राएलियों जैसे मूसा, सुलैमान, आसाप तथा अन्यों ने इन भजनों को लिखा था।
- भजन इस्राएलियों द्वारा परमेश्वर की आराधना में गाए जाते थे।
- भजन आनन्द, विश्वास, श्रद्धा तथा दुःख और व्यथा का वर्णन करते हैं।
- नये नियम में विश्वासियों से आग्रह किया गया है कि परमेश्वर की आराधना में भजन गाएं।
(यह भी देखें: दाऊद, विश्वास, आनन्द, मूसा, पवित्र)
बाइबल के सन्दर्भ:
- प्रे.का. 13:32-34
- प्रे.का. 13:35-37
- कुलुस्सियों 03:15-17
- लूका 20:41-44
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2158, H2167, H2172, H4210, G5567, G5568
भय, भययोग्य
परिभाषा:
“भय” शब्द किसी महान, सामर्थी एवं भव्य बात को देखकर विस्मय और अगाध सम्मान की भावना के संदर्भ में है।
- “भय” शब्द किसी मनुष्य या वस्तु द्वारा भय उत्पन्न करने के संदर्भ में है।
भविष्यद्वक्ता यहेजकेल ने परमेश्वर की महिमा का दर्शन देखा जो “भययोग्य” या “विस्मयकारी भय” का था।
- परमेश्वर की उपस्थिति के प्रति भय की प्रतिक्रिया के शब्द हैं, डरना, दण्डवत् करना या घुटने टेकना, मुंह छिपाना और कांपना।
(यह भी देखें: डर, महिमा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 17:19-21
- उत्पत्ति 28:16-17
- इब्रानियों 12:27-29
- भजन 022:22-23
- भजन 147:4-5
शब्द तथ्य:
- Strong's: H366, H1481, H3372, H6206, H7227, G2124
भय, चकित, बुरे, बुरी तरह से, भयातुर, भयानक
परिभाषा:
“भय” का संदर्भ आंतक और भय की अनुभूति से है। जिस मनुष्य को भय से कंपकंपी हो रही हो उसे भयातुर कहते हैं।
“भय” मात्र डर से अधिक प्रबल होती है।
- जो मनुष्य ऐसा डर जाए कि काटो तो खून नहीं वह आघात या जड़वत हो जाता है।
(यह भी देखें: डर, डर)
बाइबल सन्दर्भ:
- व्यवस्थाविवरण 28:36-37
- यहेजकेल 23:33-34
- यिर्मयाह 02:12-13
- अय्यूब 21:4-6
- भजन संहिता 055:4-5
शब्द तथ्य:
- Strong's: H367, H1091, H1763, H2152, H2189, H4032, H4923, H5892, H6343, H6427, H7588, H8047, H8074, H8175, H8178, H8186
भरोसा, भरोसा करना, आत्मविश्वास से
परिभाषा:
“भरोसा” (हियाव) निश्चय होना कि कोई बात सच है या उसका होना निश्चित है।
- बाइबल में, "आशा" शब्द का अर्थ अक्सर कुछ के लिए इंतजार करना है जो निश्चित रूप से होने वाला है। यूएलबी अक्सर इसका अनुवाद "भरोसा" या "भविष्य के लिए भरोसा" या "भविष्य के भरोसे" के रूप में करते हैं, खासकर जब इसका मतलब है कि परमेश्वर ने यीशु में विश्वासियों के लिए किए हुए वादों पर भरोसा करना है।
- अक्सर शब्द "भरोसा" विशेष रूप से निश्चित रूप से यह स्पष्ट करता है कि यीशु के विश्वासियों में यह है कि वे किसी दिन स्वर्ग में हमेशा के लिए परमेश्वर के साथ होंगे।
- “परमेश्वर पर भरोसा” इस उक्ति का अर्थ है कि परमेश्वर ने जो प्रतिज्ञा की है उसे प्राप्त करने और उसका अनुभव करने की आशा।
- “भरोसा करना” का अर्थ है परमेश्वर की वादों में विश्वास करना और निश्चय के साथ काम करना कि परमेश्वर ने जो कह दिया है, उसे वह पूरा करेगा। इस शब्द का अर्थ निडर या साहसी व्यवहार है।
अनुवाद के सुझाव:
- “भरोसा” शब्द का अनुवाद “निश्चय” या “पूर्ण विश्वास” भी हो सकता है।
- वाक्यांश "भरोसा करना"; का अनुवाद "पूरी तरह से विश्वास" या "पूरी तरह से सुनिश्चित" या "निश्चित रूप से पता" के रूप में किया जा सकता है।
- शब्द "आत्मविश्वास" का अनुवाद "साहसपूर्वक" या "निश्चित रूप से" के रूप में किया जा सकता है।
- संदर्भ के आधार पर, "भरोसा" का अनुवाद करने के तरीके में "पूर्ण आश्वासन" या "निश्चित उम्मीद" या "निश्चितता" शामिल हो सकते हैं।
(यह भी देखें: विश्वास, विश्वासी, निडर, विश्वासयोग्य, आशा, विश्वास)
बाइबल सन्दर्भ:
शब्द तथ्य:
- Strong's: H982, H983, H986, H3689, H3690, H4009, G2292, G3954, G3982, G4006, G5287
भाई
परिभाषा:
“भाई” शब्द प्रायः उस पुरुष के संदर्भ में होता है जिसकी माता/पिता किसी और की भी माता/पिता हो।
- पुराने नियम में, "भाइयों" शब्द का उपयोग रिश्तेदारों या सहयोगियों के सामान्य संदर्भ के रूप में भी किया जाता है, जैसे कि एक ही जनजाति, कबीले, व्यवसाय या लोगों के समूह। जब इस तरह से उपयोग किया जाता है, तो यह शब्द पुरुषों और महिलाओं दोनों को संदर्भित कर सकता है।
- नये नियम में प्रेरित सामान्यतः विश्वासियों को भाई कहते थे, स्त्री-पुरुष दोनों को क्योंकि मसीह में सब विश्वासी एक ही आत्मिक परिवार के सदस्य माने जाते थे जिनका स्वर्गिक पिता परमेश्वर है।
- कभी-कभी प्रेरितों ने विश्वासी स्त्रियों के लिए भी बहन शब्द का उपयोग किया या कि पुरुष और स्त्री दोनों को संबोधित किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, याकूब जोर देकर सभी विश्वासियों के बारे में बात कर रहा है, जब वह "एक भाई या बहन को भोजन या कपड़ों की ज़रूरत है" कहता है।
अनुवाद के सुझाव:
- उचित तो होगा कि इसका अनुवाद लक्षित भाषा के उस शब्द से किया जाए जो सगे भाई शब्द से किया जाए जब तक कि इसका अर्थ गलत न समझा जाए।
- पुराने नियम में विशेष करके “भाइयों” शब्द सामान्यतः एक ही परिवार या एक ही कुल या एक ही जाति के सदस्यों के लिए काम में लिया गया है इसका संभावित अनुवाद हो सकता है “परिजन” या “सगोत्र” या “इस्राएली भाई।”
- मसीह में सह-विश्वासी के लिए इसका अनुवाद हो सकता है “मसीही भाई” या “आत्मिक भाई”।
- यदि स्त्री पुरुष दोनों की चर्चा की जा रही है और भाई शब्द का अर्थ गलत समझा जा सकता है तो संबन्धों के सामान्य शब्द का उपयोग किया जाए जिसमें स्त्री पुरुष दोनों हों।
- इस शब्द का अनुवाद करने के अन्य तरीके स्त्री-पुरुष विश्वासियों के लिए काम में आनेवाला अनुवादित शब्द हो सकता है, “सहविश्वासी” या “मसीही भाई-बहन”।
- यह निर्धारित करने के लिए संदर्भ की जाँच करें कि क्या केवल पुरुषों को संदर्भित किया जा रहा है, या दोनों पुरुषों और स्त्रियों को शामिल किया गया है या नहीं।
(यह भी देखें: प्रेरित, परमेश्वर पिता, बहन, आत्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:26-28
- उत्पत्ति 29:9-10
- लैव्यव्यवस्था 19:17-18
- नहेम्याह 03:1-2
- फिलिप्पियों 04: 21-23
- प्रकाशितवाक्य 01:9-11
शब्द तथ्य:
- Strong's: H251, H252, H264, H1730, H2992, H2993, H2994, H7453, G80, G81, G2385, G2455, G2500, G4613, G5360, G5569
भेद, भेदों, भेद, भेदों
परिभाषा:
बाइबल में “भेद” शब्द का संदर्भ किसी अज्ञात या समझने में दुर्बोध बात से है जिसे परमेश्वर अब प्रकट कर रहा है।
- नये नियम में कहा गया है कि मसीह का सुसमाचार पूर्वकाल में एक भेद की बात थी।
- एक विशेष बात जिसे भेद कहा गया है, वह है कि यहूदी और अन्यजाति मसीह में एक हैं।
- इस शब्द का अनुवाद “रहस्य” या “गोपनीय बात” या “अज्ञात बात” भी किया जा सकता है।
(यह भी देखें: मसीह, अन्यजाति, शुभ समाचार, यहूदी, सच्चा)
बाइबल सन्दर्भ:
- कुलुस्सियों 04:2-4
- इफिसियों 06:19-20
- लूका 08:9-10
- मरकुस 04:10-12
- मत्ती 13:10-12
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1219, H7328, G3466
भोज
परिभाषा
“भोज” एक बड़ा औपचारिक भोजन है जिसमें अनेक व्यंजन होते थे।
- प्राचीन युग में राजा राजनीतिक अगुओं तथा महत्वपूर्ण लोगों के लिए प्रायः भोज का आयोजन करते थे।
- इसका अनुवाद हो सकता है, “व्यापक भोज” या “महत्वपूर्ण भोज” या “बहु-व्यंजन भोज”।
बाइबल सन्दर्भ:
- दानिय्येल 05:10
- यशायाह 05:11-12
- यिर्मयाह 16:08
- लूका 05:29-32
- श्रेष्ठगीत 02:3-4
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H4960, H4961, H8354, G1173, G1403
मण्डली, सभा, इकट्ठा होना, सभा,
परिभाषा:
“मण्डली” का संदर्भ मनुष्यों के एक समूह से है जो किसी कारण, प्रायः समस्या पर विचार करने के लिए, राय देने के लिए, या निर्णय लेने के लिए एकत्र होता है।
सभा मनुष्यों का एक ऐसा समूह हो सकता है जो अधिकृत और एक प्रकार से स्थाई रूप में संगठित किया गया है या वह मनुष्यों का एक समूह हो सकता है जो किसी विशेष उद्देश्य या अवसर के निमित्त अस्थाई रूप से एकत्र होता है।
पुराना नियम
- पुराने नियम में एक विशेष सभा होती थी जिसे “पवित्र सभा” कहते थे, वह इस्त्राएलियों द्वारा यहोवा की आराधना के लिए एकत्र समूह होता था।
- कभी-कभी “मण्डली” शब्द इस्राएलियों के समूह को भी कहा जाता था।
नया नियम
- नये नियम में यरूशलेम जैसे प्रमुख नगरों में 70 यहूदी अगुओं की सभा वैधानिक विषयों पर निर्णय लेने और मनुष्यों में वाद-विवाद निपटाने के लिए बैठक करती थी। इस मण्डली को "महासभा" कहते थे।
अनुवाद के सुझाव
- प्रकरण के अनुसार “मण्डली” का अनुवाद “विशेष समूह” या “सभा” या “परिषद” या “सेना” या “बड़ा समूह” भी किया जा सकता है।
- जब “मण्डली” शब्द सामान्य उपयोग में इस्राएल के लिए काम में लिया जाता है तो इसका अनुवाद “समुदाय” या “इस्राएल की प्रजा” किया जा सकता है।
- “पूरी सभा” का अनुवाद “सब लोग” या “सब इस्राएलियों का संपूर्ण समूह” या “हर एक जन” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: महासभा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 08:14
- प्रे.का. 07:38
- एज्रा 10:12-13
- इब्रानियों 12:22-24
- लैव्यव्यवस्था 04:20-21
- नहेम्याह 08:1-3
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H622, H1481, H2199, H3259, H4150, H4186, H4744, H5475, H5712, H6116, H6633, H6908, H6950, H6951, H6952, G1577, G3831, G4863, G4864, G4871, G4905
मत्ती, लेवी
तथ्य:
मत्ती उन बारहों में से एक था जिन्हें यीशु ने शिष्य होने के लिए बुलाया था। वह हलफईस का पुत्र लेवी नाम से भी जाना जाता था।
- यीशु से भेंट करने से पूर्व लेवी (मत्ती) कफरहूम से एक चुंगी लेने वाला था।
- मत्ती ने सुसमाचार वृत्तान्त लिखा जो उसके नाम से है।
- बाइबल में लेवी नामक अनेक पुरुष हैं।
(यह भी देखें: प्रेरित, लेवी, चुंगी लेनेवाला)
बाइबल सन्दर्भ:
- लूका 05:27-28
- लूका 06:14-16
- मरकुस 02:13-14
- मरकुस 03:17-19
- मत्ती 09:7-9
- मत्ती 10:2-4
शब्द तथ्य:
मधु, मधु का छत्ता
परिभाषा:
“मधु” खानेवाला एक चिपचिपा मीठा पदार्थ होता है जो मधु मक्खियाँ फूलों के रस से तैयार करती हैं। छत्ता मोम का बनाया मधु संग्रह का एक साधन है, जिसमें मधु मक्खियाँ मधु एकत्र करती हैं।
- मधु का रंग कुछ पीला या कुछ भूरा होता है।
- मधु पेड़ के खोखले स्थान में या जहाँ भी मधुमक्खी छत्ता बनाए वहाँ मिलेगा। लोग मधुमक्खियों को पालकर मधु खाते हैं या बेचते हैं परन्तु बाइबल में जिस मधु की चर्चा की गई है वह वन मधु है।
- बाइबल में तीन मनुष्यों को मधु खाते हुए दर्शाया गया है, योनातान, शिमशोन और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला।
- इस शब्द का प्रतिकात्मक उपयोग किसी मधु या आनन्ददायक बात के लिए भी किया गया है। उदारहणार्थ, परमेश्वर का वचन और आज्ञाएं "मधु से भी अधिक मीठी" कहीं गई हैं।
- कभी-कभी मनुष्य के शब्दों को भी मधु तुल्य मीठा कहा जाता है परन्तु जिसका परिणाम मनुष्यों से छल और हानि होता है।
(यह भी देखें: यूहन्ना (बपतिस्मा देनेवाला), योनातान, पलिश्तियों, शिमशोन)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 14:1-3
- व्यवस्थाविवरण 06:3
- निर्गमन 13:3-5
- यहोशू 05:6-7
- नीतिवचन 05:3-4
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1706, H3293, H3295, H5317, H6688, G2781, G3192, G3193
मन, मनों, मन में लेना, सुधि लेना, सुधि दिला, याद दिलाता है, स्मरण किए गए, स्मरण, स्मरण दिलाने वाला, स्मरण दिलाना, एक मन
परिभाषा:
“मन” मनुष्य का वह भाग है जो सोचता और निर्णय लेता है।
- मनुष्य का मन उसके तर्क एवं विचारों की परिपूर्णतः है।
- “मसीह का मन रखना” अर्थात यीशु के समान सोचना एवं कार्य करना। इसका अर्थ है पिता परमेश्वर के आज्ञाकारी होना, मसीह की शिक्षाओं का अनुसरण करना, पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से ऐसा करना।
- “मन परिवर्तन” अर्थात निर्णय बदलना या अब विचार पूर्व के विचार से अलग होना।
अनुवाद के सुझाव
- “मन” का अनुवाद हो सकता है, “विचार” या “तर्क करना” या “सोचना” या “समझना।”
- “मन में रखना” का अनुवाद हो सकता है, "स्मरण रखना" या “ध्यान देना” या “निश्चय जान लेना।”
- “हृदय, प्राण और मन” का अनुवाद हो सकता है, “आप क्या महसूस करते हैं, आप क्या विश्वास करते हैं और आप किस बारे में में सोचते हैं। "
- “मन में लाना” का अनुवाद हो सकता है, “स्मरण करना” या “सोचना”।
- “मन परिवर्तन करके गया” इसका अनुवाद हो सकता है, “निर्णय बदल कर गया” या “अन्ततः जाने का निर्णय ले ही लिया” या “विचार बदल कर गया।”
-
- अभिव्यक्ति "दुचित्ता " का अनुवाद "संदेह" या "निर्णय लेने में असमर्थ" या "विवादित विचारों के साथ" किया जा सकता है।
(यह भी देखें: विश्वास, हृदय, प्राण)
बाइबल सन्दर्भ:
- लूका 10:27
- मरकुस 06:51-52
- मत्ती 21:29
- मत्ती 22:37
- याकूब 04:08
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H3629, H3820, H3824, H5162, H7725, G1271, G1374, G3328, G3525, G3540, G3563, G4993, G5590
मनश्शे
तथ्य:
मनश्शे नामक पाँच पुरुष पुराने नियम में हुए हैं।
- यूसुफ के पहिलौठे का नाम मनश्शे था।
- मनश्शे और एप्रैम दोनों को यूसुफ के पिता याकूब ने गोद लिया था। जिसके कारण उनके वंशजों को इस्राएल के बारह गोत्रों में गिने जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
- मनश्शे के वंशज इस्राएल का एक गोत्र हुए।
-
मनश्शे का गोत्र “मनश्शे का आधा गोत्र” कहलाता था क्योंकि कनान देश में इस गोत्र के एक भाग ने ही निवास किया था, यरदन नदी के पश्चिम में। इस गोत्र का शेष भाग यरदन नदी के पूर्व में बस गया।
-
यहूदा के एक राजा का नाम भी मनश्शे था।
- मनश्शे एक दुष्ट राजा था जिसने अपने बच्चों को झूठे देवताओं के समक्ष होम बलि चढ़ाया था।
- परमेश्वर ने राजा मनश्शे को शत्रु की सेना द्वारा बन्दी बनाये जाने का दण्ड दिया। मनश्शे मन फिराकर परमेश्वर के निकट आया और सब मूर्ति-पूजा की सब वेदियों को नष्ट कर दिया।
- एज्रा के समय में भी मनश्शे नामक दो पुरुष थे। उन्हें अपनी-अपनी अन्यजाति पत्नियों को तलाक देना पड़ा था क्योंकि उन्होंने मूर्ति-पूजा पर दबाव डाला था।
- मनश्शे नामक एक और पुरुष था वह दान वंशियों में कुछ का दादा था, वे झूठे देवताओं के पुजारी थे ।
(यह भी देखें: वेदी, दान, एप्रैम, एज्रा, मूर्ति, इस्राएल, यहूदा, अन्यजाति, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 इतिहास 15:8-9
- व्यवस्थाविवरण 03:12-13
- उत्पत्ति 41:50-52
- उत्पत्ति 48:1-2
- न्यायियों 01:27-28
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4519, H4520, G3128
मन्दिर, भवन, परमेश्वर का भवन
तथ्य:
मन्दिर पर कोटे से घिरा हुआ एक भवन था जहां इस्राएली प्रार्थना करने और बलि चढ़ाने आते थे। यह मन्दिर मोरिय्याह पर्वत पर यरूशलेम नगर में था।
- मन्दिर शब्द संपूर्ण मन्दिर क्षेत्र के संदर्भ में काम में लिया जाता था जिसमें प्रमुख भवन का घिरा हुआ प्रांगण भी था। कभी-कभी यह मात्र भवन के संदर्भ में काम में लिया गया है।
- मन्दिर के दो भाग थे, पवित्र स्थान और परमपवित्र स्थान।
- परमेश्वर मन्दिर को अपना निवास स्थान कहता था।
- राजा सुलैमान ने अपने शासनकाल के दौरान मंदिर का निर्माण किया। यह यरूशलेम में पूजा का स्थायी स्थान माना जाता था।
- नये नियम में कहा गया है, “पवित्र-आत्मा का मन्दिर” तो वह विश्वासियों के समूह को संदर्भित करता है क्योंकि पवित्र आत्मा उनमें वास करता है।
अनुवाद के सुझाव:
- मन्दिर में मनुष्यों की उपस्थिति की जब चर्चा की गई है तो इसका अर्थ है कि वे भवन के बाहर प्रांगण में थे। इसका अनुवाद किया जा सकता है, “मन्दिर के आंगनों में” या “मन्दिर के प्रांगण में”।
- जब भवन की चर्चा की जा रही हो तो कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद होगा, “मन्दिर में” या “मन्दिर के भवन में” कि स्पष्ट समझ में आए।
- “मन्दिर” अनुवाद के रूप “परमेश्वर का पवित्र घर” या “पवित्र आराधना स्थल” किया जा सकता है।
- बाइबल में मन्दिर का संदर्भ “यहोवा का भवन” या “परमेश्वर का घर” से है।
(यह भी देखें: बलिदान करना, सुलैमान, बेबीलोन, पवित्र आत्मा, निवासस्थान, आँगन, सिय्योन, घर)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 03:1-3
- प्रे.का. 03:7-8
- यहेजकेल 45:18-20
- लूका 19:45-46
- नहेमायाह 10:28-29
- भजन संहिता 079:1-3
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 17:06 दाऊद चाहता था कि वह एक मंदिर का निर्माण करें जिसमें सभी इस्राएली परमेश्वर की उपासना करें और बलिदान चढाएँ।
- 18:02__यरुशेलम में, सुलैमान ने अपने पिता की योजना के अनुसार एक __भवन बनाने का निर्णय किया और उसके लिए समान एकत्र किया | अब लोग मिलापवाले तम्बू के स्थान पर उस भवन में परमेश्वर की उपासना करते और बलिदान चढ़ाते थे | परमेश्वर भवन में उपस्थित था, और वह अपने लोगों के साथ रहता था |
- 20:07 उन्होंने यरूशलेम को जित लिया, मंदिर का विनाश कर दिया, और शहर व मंदिर की सभी बहुमूल्य वस्तुओं को उनसे छीन कर ले गए |
- 20:13 जब वह लोग वापस यरूशलेम लौटे, उन्होंने मंदिर और साथ ही शहर की आस पास की दीवारों का भी पुनर्निर्माण किया |
- 25:04 तब शैतान यीशु को मंदिर के ऊचे स्थान पर ले गया और उससे कहा, “ यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को नीचे गिरा दे; क्योंकि लिखा है: ‘वह तेरे लिये अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा, और वह तुझे हाथों-हाथ उठा लेंगे | कहीं ऐसा न हो कि तेरे पाँवों में पत्थर से ठेस लगे |'"
- 40:07 जैसे ही यीशु की मृत्यु हुई, वहा भूकंप आया और मंदिर का बड़ा परदा जो मनुष्यों को परमेश्वर की उपस्तिथि से दूर रखता था ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया |
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1004, H1964, H1965, H7541, G1493, G2411, G3485
मन्नत, शपथ खाई
परिभाषा:
मन्नत एक शपथ है जो मनुष्य परमेश्वर के सम्मुख करता है।
-
यदि प्राचीन इस्राएल में एक व्यक्ति ने परमेश्वर के लिए मन्नत मानी, तो वह व्यक्ति मन्नत पूरी करने के लिए बाध्य था। प्राचीन इस्राएलियों का मानना था कि परमेश्वर उस व्यक्ति को दंडित कर सकता है जिसने उसके द्वारा मानी गयी मन्नत को पूरा नहीं किया।
-
प्राचीन इस्राएल में, कभी-कभी एक व्यक्ति परमेश्वर से उसकी रक्षा करने या मन्नत मांगने के बदले में अपने आप को प्रदान करने के लिए कहता था। हालाँकि, प्राचीन इस्राएलियों को विश्वास नहीं था कि परमेश्वर इन अनुरोधों को पूरा करने के लिए बाध्य है।
-
प्रकरण के अनुसार, “मन्नत” का अनुवाद हो सकता है, “पावन प्रतिज्ञा” या “परमेश्वर से की गई प्रतिज्ञा”।
(यह भी देखें: प्रतिज्ञा, शपथ)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 07:27-28
- प्रे.का. 21:22-24
- उत्पत्ति 28:20-22
- उत्पत्ति 31:12-13
- योना 01:14-16
- योना 02:9-10
- नीतिवचन 07:13-15
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5087, H5088, G2171
मर जाए, मर गया, मरे हुओं, प्राणनाशक, मृत्यु,
परिभाषा:
यह शब्द शारीरिक और आत्मिक मृत्यु दोनों के लिए काम में लिया गया है। शारीरिक रूप में जब देह का जीना समाप्त हो जाता है आत्मिक रूप में जब पापी मनुष्य पाप के कारण पवित्र परमेश्वर से अलग हो जाते हैं।
1. शारीरिक मृत्यु
- “मरने” का अर्थ जीवन समाप्त होना। मृत्यु शारीरिक जीवन का अंत है।
- “मार डाला जाए” अभिव्यक्ति से किसी को मारने या हत्या करने का उल्लेख करता है, खासकर जब कोई राजा या अन्य शासक किसी को मारने के लिए आदेश देता है।
2. आत्मिक मृत्यु
- आत्मिक मृत्यु में जब मनुष्य पाप के कारण परमेश्वर से अलग हो जाते हैं।
- आदम की आत्मिक मृत्यु तब हुई जब उसने परमेश्वर की अवज्ञा की। उसका परमेश्वर से सम्बन्ध टूट गया था। वह लज्जित हो गया और परमेश्वर से छिपने की कोशिश की।
- आदम की पूरी वंशज पापी है, और आत्मिक रूप से मृत है। यीशु मसीह पर विश्वास के द्वारा परमेश्वर ने हमे आत्मिक रूप से पुन:जीवित किया।
अनुवाद के सुझाव:
-
इस शब्द का अनुवाद लक्षित भाषा में मृत्यु के लिए प्रचलित शब्द या अभिव्यक्ति द्वारा ही किया जाए।
-
कुछ भाषाओं में “मरने” को “जीवित नहीं रहना” व्यक्त किया जाता है। “मृतक” शब्द का अनुवाद “निर्जीव” या “जीवनरहित” या “जीवत न रहना” किया जा सकता है।
-
अनेक भाषाओं में मृत्यु को प्रतीकात्मक शब्दों द्वारा व्यक्त किया जाता है जैसे “गुजर गया”। तथापि बाइबल में मृत्यु के लिए प्रचलित शब्द का सीधा उपयोग ही उचित है।
-
बाइबल में दैहिक मृत्यु एवं जीवन की तुलना प्रायः आत्मिक जीवन एवं मृत्यु से की गई है। अनुवाद में दैहिक मृत्यु एवं आत्मिक मृत्यु दोनों के लिए एक ही शब्द काम में लेना महत्वपूर्ण है।
-
कुछ भाषाओं में “आत्मिक मृत्यु” कहना अधिक स्पष्ट होता है जब प्रकरण में उस अर्थ की आवश्यकता हो। कुछ अनुवादकों के लिए “दैहिक मृत्यु” शब्द का उपयोग सर्वोचित होता है जब इसकी तुलना आत्मिक मृत्यु से होती है।
-
“मृतक” शब्द एक विशेषता है जो मृतकों के संदर्भ में काम में लिया जाता है। कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद “मृतक मनुष्यों” या “जो मनुष्य मर गए हैं” किया गया है। (देखें: नाममात्र विशेषण
-
“मार डाला जाए” का अनुवाद "मरने" या "हत्या" या "प्राण दण्ड देना" के रूप में भी किया जा सकता है।
(यह भी देखें: विश्वास, विश्वास, जीवन, आत्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 15:20-21
- 1 थिस्सलुनीकियों 04:16-18
- प्रे.का. 10:42-43
- प्रे.का. 14:19-20
- कुलुस्सियों 02:13-15
- कुलुस्सियों 02:20-23
- उत्पत्ति 02:15-17
- उत्पत्ति 34:27-29
- मत्ती 16:27-28
- रोमियो 05:10-11
- रोमियो 05:12-13
- रोमियो 06:10-11
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 01:11 परमेश्वर ने आदम से कहा कि वह अच्छे और बुरे के ज्ञान के पेड़ के फल को छोड़ वाटिका के किसी भी पेड़ से खा सकता है। अगर वह इस पेड़ के फल को खाए, तो वह मर जाएगा।
- 02:11 “फिर तुम मर जाओगे, और तुम्हारा शरीर वापस मिट्टी में मिल जाएगा।”
- 07:10 इसहाक की मृत्यु हो गयी और उसके पुत्र एसाव और याकूब ने उसको मिट्टी दी।
- 35:05 यीशु ने उत्तर दिया, "मैं पुनरुत्थान और जीवन हूँ।" जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा। और हर कोई जो मुझ पर विश्वास करता है वह कभी न मरेंगा।”
- 40:08 अपनी __ मृत्यु__ के जरिये यीशु ने लोगों के लिये परमेश्वर के पास आने का रास्ता खोल दिया।
- 43:07 “यीशु की मृत्यु हुई परन्तु उसी को परमेश्वर ने मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया,
- 48:02 क्योंकि आदम और हव्वा ने पाप किया, इसलिये पृथ्वी पर लोग बीमारी से पीड़ित हुए व मृत्यु हुई।
- 50:17 वह (यीशु) हर आंसू को मिटा देगा उसके बाद कोई पीड़ा, दुःख, रोने, बुराई, दर्द या मौत नहीं होगी।
शब्द तथ्य:
- Strong’s: H6, H1478, H1826, H1934, H2491, H4191, H4192, H4193, H4194, H4463, H5038, H5315, H6297, H6757, H7496, H7523, H8045, H8546, H8552, G336, G337, G520, G599, G615, G622, G1634, G1935, G2079, G2253, G2286, G2287, G2288, G2289, G2348, G2837, G2966, G3498, G3499, G3500, G4430, G4880, G4881, G5053, G5054
महीने, महीनों, महीने के
परिभाषा:
“महीना” शब्द चार सप्ताहों के समय के संदर्भ में है। प्रत्येक महीने के दिनों में अन्तर तब आ जाता है जब चांद या सूर्य का कैलेण्डर काम में लिया जाता है।
- चांद के कैलेण्डर में महीने का समय चांद द्वारा पृथ्वी की परिक्रमा के दिनों पर आधारित होता है अर्थात 29 दिन। इस प्रणाली में वर्ष 12 या 13 महीनों का होता है। 12 या 13 महीनों का वर्ष होने के उपरान्त भी प्रथम माह का नाम वही होता है यद्यपि ऋतु अलग होगी।
- “नया चांद” या चांद का आरंभिक चरण-चांदी का सा प्रकाश, चांद के प्रत्येक महीने का आरंभ है।
- बाइबल में जिन महीनों का उल्लेख किया गया है वे चन्द्र वर्ष के महीने हैं क्योंकि इस्राएल इसी कैलेण्डर को मानता था। आज के यहूदी धार्मिक उद्देश्यों में इसी कैलेण्डर को मानते हैं।
- आज का प्रचलित कैलेण्डर सौर कैलेण्डर निर्भर करता है कि पृथ्वी सूर्य के परिक्रमा करने में कितने दिन लगाती है (लगभग 365 दिन) इस कैलेण्डर में वर्ष बारह महीनों में विभाजित होता है, प्रत्येक वर्ष 28 से 31 दिन तक का होता है।
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 20:32-34
- प्रे.का. 18:9-11
- इब्रानियों 11:23-26
- गिनती 10:10
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2320, H3391, H3393, G3376
माँस
परिभाषा:
बाइबल में “माँस” मनुष्य या पशु के कोमल उत्तकों का संदर्भ देता है।
- बाइबल “माँस” शब्द का प्रतीकात्मक उपयोग भी करती है जिसके द्वारा सब मनुष्यों या सब पशुओं का उल्लेख करती है।
- नये नियम में “माँस” शब्द मनुष्यों के पापी स्वभाव के लिए काम में लिया गया है। इसका उपयोग प्रायः आत्मिक स्वभाव के विपरीत किया जाता है।
- “अपना माँस और लहू” किसी के साथ लहू के संबन्ध का संदर्भ देता है जैसे माता-पिता, भाई-बहन, सन्तान, नाती-पोते।
- इसका संदर्भ पूर्वजों या वंशजो से भी है।
- “एक देह” अर्थात विवाहित संबन्ध से भी है।
अनुवाद के सुझाव:
- पशु की देह के संदर्भ में शरीर का अनुवाद हो सकता है, “देह” या “त्वचा” या “माँस”
- जब सब प्राणियों के संदर्भ में काम में लिया जाए तो इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “जीवित प्राणी” या “सब जीवित वस्तुएं”।
- जब मनुष्यों के लिए सामान्य उपयोग किया जाए तो इसका अनुवाद हो सकता है, “मनुष्य” या “मानव जाति” या “सब जीवित लोग”
- “माँस और लहू” का अनुवाद हो सकता है “परिजन” या “परिवार” या “संबन्धी” या “पारिवारिक कुल”। कुछ संदर्भों में यह शब्द "पूर्वजों" या “वंशज” हो सकता है।
- कुछ भाषाओं में अभिव्यक्ति हो सकती है जो "माँस और लहू" के समान है।
- अभिव्यक्ति "एक माँस बन गया" का अनुवाद "यौन एकजुट" या "एक शरीर के रूप में हो" या "शरीर और आत्मा में एक व्यक्ति के समान हो" के रूप में किया जा सकता है। इस अभिव्यक्ति का अनुवाद, यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाना चाहिए कि यह परियोजना भाषा और संस्कृति में स्वीकार्य है।
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 यूहन्ना 02:15-17
- 2 यूहन्ना 01:7-8
- इफिसियों 06:12-13
- गलातियों 01:15-17
- उत्पत्ति 02:24-25
- यूहन्ना 01:14-15
- मत्ती 16:17-18
- रोमियो 08:6-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H829, H1320, H1321, H2878, H3894, H4207, H7607, H7683, G2907, G4559, G4560, G4561
मानना, मान लेता है, मानकर, मान लेता, मान लिया
तथ्य:
“पहचानना” (मानना) अर्थात किसी मनुष्य को या वस्तु को यथा उचित मान देना।
- परमेश्वर का मानना (पहचानना) में ऐसा आचरण आता है जिससे प्रकट हो कि वह जो कहता है वह सच है।
- परमेश्वर को माननेवाले उसके आज्ञापालन द्वारा प्रकट करते हैं, जिससे उसके नाम का महिमा होती है।
- किसी बात को मानने का अर्थ है कि उसकी सच्चाई को स्वीकार करना, कार्यों एवं शब्दों द्वारा उसकी पुष्टि करना।
अनुवाद के सुझाव:
- किसी बात की सत्यता के संदर्भ में “मानना” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “स्वीकार करना” या “घोषित करना” या “सत्य का अंगीकार करना” या “विश्वास करना”।
- किसी मनुष्य को मानने (पहचान लो) के संदर्भ में इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “स्वीकार करना” या “के महत्व को पहचानना” या “अन्यों से कहना कि वह विश्वासयोग्य है।”
- इस सन्दर्भ में परमेश्वर को मानना का अनुवाद "परमेश्वर पर विश्वास और उसकी आज्ञापालन करना" या "घोषित करे कि परमेश्वर कौन है" या "अन्य लोगों को बताएं कि परमेश्वर कितना महान है" या "अंगीकार करे की परमेश्वर जो कहता है और करता है सच है।"
(यह भी देखें: आज्ञा मानना, महिमा, उद्धार)
बाइबल सन्दर्भ:
- दानिय्येल 11:38-39
- यिर्मयाह 09:4-6
- अय्यूब 34:26-28
- लैव्यव्यवस्था 22:31-33
- भजन 029:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3045, H3046, H5046, H5234, H6942, G1492, G1921, G3670
मिद्यान, मिद्यानी, मिद्यानियों
तथ्य:
मिद्यान अब्राहम और उसकी पत्नी कतूरा का पुत्र था। यह एक जाति और स्थान का भी नाम पड़ गया जो कनान के दक्षिण में अरब के रेगिस्तान के उत्तर में था। इस जाति के लोग मिद्यानी थे।
-
जब मूसा मिस्र से भागा था तब वह मिद्यान देश में ही गया था जहाँ उसकी भेंट यित्रों की पुत्री से हुई थी जिसकी भेड़ों को पानी पिलाने में उसने सहायता की थी। बाद में मूसा ने यित्रों की पुत्रियों में से एक से विवाह कर लिया था।
-
यूसुफ को मिद्यानी व्यापारी ही खरीदकर मिस्र ले गए थे।
वर्षों बाद मिद्यानियों ने कनान देश में इस्राएलियों पर आक्रमण करके उन्हें लूटा था। गिदोन ने इस्राएलियों को लेकर उन्हें हराया था।
- आज की अनेक अरब-जातियां इनकी वंशज हैं।
(देखें अरब, मिस्र, भेड़-बकरियों, गिदोन, यित्रो, मूसा)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:29-30
- निर्गमन 02:15-17
- उत्पत्ति 25:1-4
- उत्पत्ति 36:34-36
- उत्पत्ति 37:27-28
- न्यायियों 07:1
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 16:03 परन्तु लोग परमेश्वर को भूलने लगे और पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करने लगे | तो परमेश्वर ने पास के ही एक शत्रुओं के समूह मिद्यानियों को अनुमति दी कि वह उन्हें पराजित करे |
- 16:04 मिद्यानियों के डर के मारे इस्राएलियों ने पहाड़ो के गहरे खड्डों, और गुफाओं, और किलों को अपने निवास बना लिया
- 16:11 वह जन अपने संगी से कह रहा था, “ कि इस स्वप्न का अर्थ यह हुआ कि गिदोन की सेना हरा देंगी मिद्यानियों की सेना को |
- 16:14__परमेश्वर ने __मिद्यानियों को हक्का-बक्का कर दिया, अत: उन्होंने एक दूसरे पर आक्रमण करना व मारना शुरू कर दिया |
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4080, H4084, H4092
मिला, नींव डाली, प्रतिष्ठापक, नींव, नीवें
परिभाषा:
क्रिया शब्द “मिला” का अर्थ निर्माण, बनाना या उसके लिए आधार रखना। वाक्यांश “पर स्थापित”का अर्थ है समर्थित या उसके आधार पर। “नींव” वह आधार है जिस पर निर्माण किया जाता है।
- घर या भवन की नींव दृढ़ होनी चाहिए, वह संपूर्ण रचना को संभालने के लिए निर्भर करने योग्य होनी चाहिए।
- “नींव” का संदर्भ किसी बात को आरंभ से भी हो सकता है या वह समय जब किसी वस्तु का निर्माण किया गया था।
- प्रतीकात्मक अर्थ में मसीह के विश्वासियों की तुलना एक ऐसे भवन से की गई है जिसकी नींव प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की शिक्षा पर पड़ी है जिस भवन के कोने का पत्थर मसीह स्वयं है।
- “नींव का पत्थर” नींव में रखा गया पत्थर होता है। इन पत्थरों को जांच कर देखा जाता था कि वे संपूर्ण रचना को संभालने के लिए दृढ़ हैं या नहीं।
अनुवाद के सुझाव:
- “जगत की उत्पत्ति से पूर्ण” का अनुवाद किया जा सकता है, “ब्रह्माण्ड की रचना से पूर्व”, या “ब्रह्माण्ड के अस्तित्व को समय से पूर्व” या “संपूर्ण सृष्टि की रचना से पूर्व”।
- “नींव... दृढ़़ करके रखी” का अनुवाद हो सकता है, “सुरक्षित बनाया” या “दृढ़ता से आधारित”।
- प्रकरण के अनुसार “नींव” का अनुवाद “दृढ़ आधार” या “ठोस आधार” या “आरंभ” या “सृष्टि”।
(यह भी देखें: कोने का पत्थर, उत्पन्न)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 06:37-38
- 2 इतिहास 03:1-3
- यहेजकेल 13:13-14
- लूका 14:28-30
- मत्ती 13:34-35
- मत्ती 25:34-36
शब्द तथ्य:
- Strong's: H134, H787, H803, H808, H2713, H3245, H3247, H3248, H4143, H4144, H4146, H4328, H4349, H4527, H6884, H8356, G2310, G2311, G2602
मिस्पा
तथ्य:
मिस्पा पुराने नियम में अनेक नगरों के नाम थे। इसका अर्थ है, “निगरानी का स्थान” या “चौकसी का गुम्मट”।
- जब दाऊद शाऊल से बच कर भाग रहा था तब उसने अपने माता-पिता को मोआब के राजा के क्षेत्र में मिस्पा में रखा था।
- मिस्पा नामक एक नगर यहूदा और इस्राएल राज्यों की सीमा पर था। वह एक प्रमुख सेना केन्द्र था।
(यह भी देखें: दाऊद, यहूदा, इस्राएल के राज्य, मोआब, शाऊल (पुराना नियम))
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 15:20-22
- 1 शमूएल 07:5-6
- 1 शमूएल 07:10-11
- यिर्मयाह 40:5-6
- न्यायियों 10:17-18
शब्द तथ्य:
मिस्र, मिस्री, मिस्रियों
तथ्य:
मिस्र अफ्रीका के उत्तर पूर्व से कनान के दक्षिण पश्चिम तक एक देश है। मिस्री जन मिस्र देश का निवासी है।
- प्राचीन युग में मिस्र एक शक्तिशाली एवं धनी देश था।
- प्राचीन मिस्र दो भागों में विभाजित था, निचला मिस्र (उत्तरी भाग जहां से नील नदी बहकर समुद्र में गिरती है) ऊपरी मिस्र (दक्षिणी भाग)। पुराने नियम में इन दोनों भागों को “मिस्र” और “पत्रोस” कहा गया है।
- जब कनान में भोजन की कमी होती थी तब इस्राएल के पित्र भोजन खरीदने मिस्र जाया करते थे।
- इस्राएली सैंकड़ों वर्ष मिस्र में दास बन कर रहते थे।
- यूसुफ और मरियम भी बालक यीशु को हेरोदेस महान से बचाने के लिए मिस्र चले गए थे।
(यह भी देखें: हेरोदेस महान, यूसुफ (नया नियम), नील नदी, कुलपति)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 04:7-9
- प्रे.का. 07:9-10
- निर्गमन 03:7-8
- उत्पत्ति 41:27-29
- उत्पत्ति 41:55-57
- मत्ती 02:13-15
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 08:04 और व्यापारी यूसुफ को मिस्र ले गए। मिस्र नील नदी के किनारे स्थित एक बड़ा, शक्तिशाली देश था।
- 08:08 फ़िरौन यूसुफ से बहुत प्रभावित हुआ, और उसे मिस्र का दूसरा सबसे शक्तिशाली आदमी नियुक्त किया।
- 08:11 याकूब ने अपने बेटों को मिस्र से अन्न लाने के लिये भेजा।
- 08:14 याकूब वृद्ध हो गया था, वह अपने परिवार के साथ मिस्र देश गया और वह सब वहा रहने लगे।
- 09:01 यूसुफ की मृत्यु के पश्चात्, उसके सभी कुटुम्बी ने मिस्र में ही वास किया।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4713, H4714, G124, G125
मीका
तथ्य:
मीका, मसीह से 700 वर्ष पूर्व यहूदा में यशायाह के सेवाकाल के समय यहूदा ही में एक भविष्यद्वक्ता था। मीका नामक एक और पुरुष था जो न्यायियों के युग में था।
- मीका की पुस्तक पुराने नियम के अन्त में है।
- मीका ने अश्शूरों द्वारा सामरिया के विनाश की भविष्यद्वाणी की थी।
- मीका ने यहूदा की प्रजा को परमेश्वर की अवज्ञा के लिए झिड़का था और उन्हें चेतावनी दी थी कि शत्रु उन पर आक्रमण करेंगे।
- उसकी भविष्यद्वाणी के अन्त में परमेश्वर में आशा का सन्देश भी था, परमेश्वर विश्वासयोग्य है और अपने लोगों का उद्धार करता है।
- न्यायियों की पुस्तक में मीका नामक एक पुरुष की कहानी है जो एप्रैम में रहता जो चाँदी की मूर्तियां बनाता था। एक युवा लेवी याजक उसके घर में रहने के लिए आया था, उसने उसके घर से वह मूर्ति और अन्य सामान चुराया तथा दान के एक समूह के साथ भाग गया था। अन्त में वह लेवी और दानवंशी लैश नगर में जा बसे और उस चाँदी की मूर्ति को खड़ा करके पूजा आरंभ कर दी।
(यह भी देखें: अश्शूर, दान, एप्रैम, मूर्ति, यशायाह, यहूदा, न्यायी, लेवी, याजक, भविष्यद्वक्ता, सामरिया, चाँदी)
बाइबल सन्दर्भ:
- यिर्मयाह 26:18-19
- मीका 01:1
- मीका 06:1-2
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शब्द तथ्य:
मुँह, मुँह के सामने, सामने, चेहरे, मुँह के बल गिरे
परिभाषा:
“मुँह ” अर्थात मनुष्य का चेहरा। इस शब्द के अनेक प्रतीकात्मक अर्थ होते हैं।
- बाइबल में, "चेहरे" शब्द का प्रयोग अक्सर किसी व्यक्ति की उपस्थिति, किसी वस्तु के सामने या किसी चीज़ की सतह पर होने के लिए लाक्षणिक रूप से किया जाता है।
- “तेरा मुँह” अर्थात “तू” इसी प्रकार “मेरा मुँह” का अर्थ प्रायः “मैं” या “मुझे” होता है।
- किसी का “सामना करना” अर्थात उस व्यक्ति या वस्तु का सीधा सामना करना।
- “आमने-सामने देखना” अर्थात “सीधा एक दूसरे को देखना”
- “आमने-सामने” अर्थात दो मनुष्य निकटता में एक दूसरे के समक्ष हैं।
- “यीशु ने यरूशलेम जाने का निश्चय किया” अर्थात उसने जाने का दृढ़ निश्चय किया था।
- “मुँह फेर लेना” अर्थात किसी स्थान या मनुष्य को सहयोग ना देने या उसका त्याग करने का निश्चय कर लेना।
- “भूमि पर से” अर्थात पृथ्वी पर से, सामान्यतः संपूर्ण पृथ्वी पर से। उदाहरणार्थ “संपूर्ण भूमि पर अकाल पड़ गया” व्यापक अकाल जिससे पृथ्वी पर अनेक प्राणी मर रहे थे।
- यह प्रतीकात्मक उक्ति, “अपने लोगों से अपना मुँह न छिपा” अर्थात “अपने लोगों को त्याग न दे” या “अपने लोगों को अकेला न छोड़ दे” या “अपने लोगों की सुधि लेने से इन्कार न कर।”
अनुवाद के सुझाव:
- इसी उक्ति को ज्यों का त्यों रखा जाए या लक्षित भाषा में इसकी पर्यायवाची उक्ति काम में ली जाए।
- शब्द "सामना करने के लिए" का अनुवाद किया जा सकता है "की ओर मुड़ना" या "सीधे देखने के लिए" या "चेहरे को देखने के लिए।"
- अभिव्यक्ति "आमने-सामने" का अनुवाद "बहुत करीब से" या "ठीक सामने में" या "की उपस्थिति में" के रूप में किया जा सकता है।
- संदर्भ के आधार पर, "उसके चेहरे के सामने" का अनुवाद "उसके आगे" या "उसके सामने" या "उसके पहले" या "उसकी उपस्थिति में" के रूप में किया जा सकता है।
- "उसके चेहरे की तरफ मुड़ें" अभिव्यक्ति का अनुवाद “की ओर बढ़ने” या “दृढ़ता से करने के लिए अपना मन बनाया।”
- अभिव्यक्ति “उसके चेहरे से छिपाए” का अनुवाद “से मुड़ जाना” या “मदद करना या रक्षा करना रोकें” या “अस्वीकार” के रूप में किया जा सकता है।
- 'मुँह फेरना' किसी शहर या लोगों के खिलाफ के रूप में अनुवाद किया जा सकता है, "क्रोध और निंदा के साथ देखो" या "स्वीकार करने से मना करना " या "अस्वीकार करने का निर्णय लेना" या "निंदा करना और अस्वीकार करना" या "निर्णय देना"।
- अभिव्यक्ति “उनके मुँह पे बोले” का अनुवाद “उनको सीधे बोलना” या “उनकी उपस्थिति में उन्हें यह कहो” या “उन्हें व्यक्ति में कहें” के रूप में किया जा सकता है।
- अभिव्यक्ति “भूमि के मुँह पर” का अनुवाद “पुरे देश पर” या “पूरी धरती पर” या “पूरी पृथ्वी पर रह रहे है” के रूप में किया जा सकता है।
बाइबल सन्दर्भ:
- व्यवस्थाविवरण 05:4-6
- उत्पत्ति 33:9-11
शब्द तथ्य:
- Strong's: H600, H639, H5869, H6440, H8389, G3799, G4383, G4750
मूरत, मूरतों, मूर्ति खोदकर, खोदी हुई मूरतें, धातु की मूरतें ढालकर, मूर्ति, मूरतों, खुदी हुई मूरत, खुदी हुई मूर्तियों, धातु की खुदी हुई मूरत, ढली हुई मूर्तियाँ
परिभाषा:
यह सब शब्द मिथ्या देवताओं की आराधना में मूर्तों के संदर्भ में हैं। मूर्तिपूजा के संबन्ध में मूरत का अर्थ था, तराशी हुई मूर्तियां।
- “मूर्ति खोदकर” या “खुदी हुई मूरत” लकड़ी से बनाई हुई पशु, मनुष्य या किसी वस्तु की प्रतिछाया थी।
- “धातु की खुदी हुई मूरत” धातु को पिघला कर सांचे में डालकर किसी वस्तु, पशु या मनुष्य का रूप देना।
- ये लकड़ी के या धातु के प्रतिरूप झूठे देवी-देवताओं की उपासना के काम में लिए जाते थे।
- किसी मूर्ति के लिए “मूरत” शब्द का अर्थ है लकड़ी या धातु की मूर्ति।
अनुवाद के लिए सुझाव:
- मूर्ति के संदर्भ में “मूरत” का अनुवाद “प्रतिमा” या “खुदी हुई मूरत” या “खुदी धार्मिक वस्तु” किया जा सकता है।
- कुछ भाषाओं में इस शब्द के साथ व्याख्यात्मक शब्द काम में लेना अधिक उचित होगा जैसे “खुदी हुई मूरत” या “ढली हुई मूर्ति” चाहे कहीं-कहीं केवल “मूरत” या “लाठ” शब्द हो जो मूल भाषा के हैं।
- सुनिश्चित करें कि यह शब्द परमेश्वर के स्वरूप से भिन्न हो।
(यह भी देखें: देवता, परमेश्वर, मूर्ति, परमेश्वर का प्रतिरूप)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 14:9-10
- प्रे.का. 07:43
- यशायाह 21:8-9
- मत्ती 22:20-22
- रोमियो 01:22-23
शब्द तथ्य:
- Strong's: H457, H1544, H2553, H4541, H4676, H4853, H4906, H5257, H5262, H5566, H6091, H6456, H6459, H6754, H6755, H6816, H8403, H8544, H8655, G1504, G5179, G5481
मूर्ख, मुर्ख लोग, मूर्खता
परिभाषा:
“मूढ़” अर्थात अनुचित चुनाव करनेवाला विशेष करके अवज्ञा का चुनाव करनेवाला। “मूर्ख” शब्द निर्बुद्धि मनुष्य या व्यवहार का वर्णन करता है।
- बाइबल में मूढ़/मूर्ख शब्द उस मनुष्य के लिए काम में लिया गया है जो परमेश्वर को नहीं मानता था या उसकी आज्ञा नहीं मानता है इसकी विपरीत तुलना प्रायः उस मनुष्य से की गई है जो परमेश्वर में विश्वास करता है और उसकी आज्ञाओं का पालन करता है।
- भजनों में दाऊद मूर्ख को ऐसा मनुष्य कहता है जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करता या उसकी आज्ञाएं नहीं मानता है। वह सृष्टि में परमेश्वर के अस्तित्व के सब प्रमाणों को अनदेखा करता है।
- पुराने नियम की पुस्तक नीतिवचन में भी मूर्ख या मूढ़ का चरित्र चित्रण दिया गया है।
- “मूर्खता” वह कार्य है जो निर्बुद्धि का है क्योंकि वह कार्य परमेश्वर की इच्छा के विरूद्ध है। “मूर्खता” का अभिप्राय बेतुका या खतरनाक भी होता है।
अनुवाद के सुझाव:
- “मूर्खता” का अनुवाद “मूर्ख मनुष्य” या “निर्बुद्धि मनुष्य” या “मन्द बुद्धि मनुष्य” या “अमुक्त मनुष्य” किया जा सकता है।
- “मूर्ख” के अनुवाद रूप हैं, “समझ में कम” या “निर्बुद्धि” या “मन्द बुद्धि”।
(यह भी देखें: बुद्धिमान)
बाइबल सन्दर्भ:
- सभोपदेशक 01:16-18
- इफिसियों 05:15-17
- गलातियों 03:1-3
- उत्पत्ति 31:26-28
- मत्ती. 07:26-27
- मत्ती. 25:7-9
- नीतिवचन 13:15-16
- भजन-संहिता 049:12-13
शब्द तथ्य:
- Strong's: H191, H196, H200, H1198, H1984, H2973, H3684, H3687, H3688, H3689, H3690, H5014, H5034, H5036, H5039, H5528, H5529, H5530, H5531, H6612, H8417, H8602, H8604, G453, G454, G781, G801, G877, G878, G2757, G3150, G3154, G3471, G3472, G3473, G3474, G3912
मूर्ति, मूरतें, मूर्तिपूजक, मूर्तिपूजकों, मूर्ति-पूजक, मूर्ति पूजा
परिभाषा:
मूर्ति मनुष्यों द्वारा हाथ से बनायी गई एक प्रतिभा होती है जिसकी वे पूजा करते हैं। एक सच्चे परमेश्वर के स्थान में किसी और को सम्मान देना मूर्ति-पूजा कहलाती है।
- मनुष्य देवी-देवताओं की पूजा के लिए मूर्तियां बनाता है।
- देवी-देवताओं का कोई अस्तित्व नहीं है, यहोवा के अलावा और कोई देवता नहीं।
- कभी-कभी दुष्टात्माएं मूर्तियों के माध्यम से काम करके ऐसा प्रकट करती हैं कि उनमें शक्ति है जबकि है नहीं।
- मूर्तियां सोने, चांदी, तांबे या मूल्यवान लकड़ी से बनाई जाती हैं।
- “मूर्ति-पूजकों का राज्य” अर्थात् “मूर्तिपूजा करने वालों का राज्य” या "लोगों का राज्य जो सांसारिक वस्तुओं की आराधना करते है।”
- “मूरत” शब्द भी “खुदी हुई छवि”,“मूर्ति” के लिए ही काम में लिया गया है।
(यह भी देखें: देवता, मूरत, राज्य, दंडवत करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 01:8-10
- प्रे.का. 07:41-42
- प्रे.का. 15:19-21
- कुलुस्सियों 03:5-8
- निर्गमन 32:1-2
- गलातियों 05:19-21
- भजन 031:5-7
- रोमियो 02:21-22
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 13:05“तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी की प्रतिमा बनाना, तू उनकी उपासना न करना क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला परमेश्वर हूँ।”
- 13:12 हारून ने सोने से एक बछड़े के आकार की मूर्ति बना दी। लोग उस मूर्ति की उपासना करने लगे और उसके लिये बलिदान चढ़ाने लगे!
- 14:03 “तुम उनके देवताओं को पूरी तरह से नष्ट कर देना। यदि तुम मेरी आज्ञाओ का पालन न करो, और मेरे बदले उनके देवताओं की उपासना करों तो तुम दण्ड के पात्र बनोगे।”
- 18:12 इस्राएली राज्य के सभी राजा और बहुत से लोग मूर्तियों की उपासना करते थे। उनकी मूर्ति पुजाओ में कई बार अनैतिकता और कभी- कभी बच्चों का बलिदान भी शामिल होता था।
- 19:16 उन्होंने लोगों से कहा कि वह अन्य देवताओं की उपासना करना बंद कर दे, और दूसरों के लिए न्याय और उन पर दया करना आरंभ करें।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H205, H367, H410, H426, H430, H457, H1322, H1544, H1892, H2553, H3649, H4656, H4906, H5566, H6089, H6090, H6091, H6456, H6459, H6673, H6736, H6754, H7723, H8163, H8251, H8441, H8655, G1493, G1494, G1495, G1496, G1497, G2712
मूसा
तथ्य:
मूसा एक भविष्यद्वक्ता और इस्राएलियों का अगुआ था, उसने 40 वर्ष उनकी अगुआई की थी।
- शिशु अवस्था में मूसा के माता-पिता ने उसे एक टोकरी में रखकर नील नदी के नरकटों में मध्य छोड़ दिया था, वे उसे मिस्र के फिरौन से सुरक्षित रखना चाहते थे। मूसा की बहन मिर्याम उसकी रखवाली कर रही थी। मूसा की जान बच गई क्योंकि फिरौन की पुत्री उसे अपने महल में ले गई कि अपना पुत्र बनाकर उसका पालन पोषण करे।
- परमेश्वर ने मूसा को चुना कि इस्राएलियों को मिस्र के दासत्व से निकाल कर प्रतिज्ञा के देश में ले जाए।
- मिस्र से निकलने के बाद जब इस्राएली जंगल में थे तब परमेश्वर ने मूसा को पत्थर की पट्टियों पर लिखकर दस आज्ञाएं दी थी।
- अपने जीवन के अन्त में मूसा ने प्रतिज्ञा के देश को तो देखा परन्तु वहाँ प्रवेश नहीं कर पाया क्योंकि उसने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार कार्य नहीं किया था।
(यह भी देखें: मिर्याम, प्रतिज्ञा का देश, दस आज्ञाएँ)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:20-21
- प्रे.का. 07:29-30
- निर्गमन 02:9-10
- निर्गमन 09:1-4
- मत्ती 17:3-4
- रोमियो 05:14-15
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 09:12 एक दिन, मूसा जब अपनी भेड़ो की देख रेख कर रहा था , तब उसने देखा कि किसी झाड़ी में आग लगी है |
- 12:05 मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत, परमेश्वर आप ही तुम्हारे लिये लड़ेगा और तुम्हे बचाएगा |”
- 12:07 परमेश्वर ने मूसा से कहा कि अपनी लाठी उठाकर अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ा और वह दो भाग हो जाएगा |
- 12:12 जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र के लोग मारे गए है, तो उन्होंने परमेश्वर पर भरोसा किया और विश्वास करने लगे कि मूसा परमेश्वर का एक नबी है।
- 13:07__परमेश्वर ने यह दस आज्ञाएँ __मूसा को दो पत्थर की तख्तियों पर लिख के दे दी |
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4872, H4873, G3475
मेलबलि, मेलबलियों
तथ्य:
पुराने नियम में “मेलबलि” एक ऐसा बलिदान था जो अनेक कारणों से चढ़ाया जाता था जैसे परमेश्वर को धन्यवाद देने के लिए या मन्नत पूरी करने के लिए।
- इस बलि में पशुबलि किया जाता था, नर पशु या मादा पशु। यह बलि होमबलि से भिन्न था जिसमें नर पशु की बलि दी जाती थी।
- बलि का एक भाग परमेश्वर को चढ़ाने के बाद, बलि चढ़ाने वाला शेष मांस पुरोहितों तथा अन्य इस्राएलियों के साथ बाँटता था।
- इस बलि से जुड़ा भोजन होता था जिसमें अखमीरी रोटी खाई जाती थी।
- इसे कभी-कभी “मेलबलि” भी कहा जाता है।
(यह भी देखें: होमबलि, पूरा कर, अन्नबलि, दोषबलि, मेलबलि, याजक, बलिदान करना, अख़मीरी रोटी, मन्नत)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 21:25-27
- 2 इतिहास 29:35-36
- निर्गमन 24:5-6
- लैव्यव्यवस्था 11:9-10
- गिनती 06:13-15
शब्द तथ्य:
मेलबलि, मेलबलियों
तथ्य:
“मेलबलि” परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार इस्राएल में जो बलियां चढ़ती थी उनमें से एक यह भी थी। * इसे कभी-कभी “धन्यवाद की बलि” या “सहभागिता की बलि” भी कहा गया है।
- इनमें एक निर्दोष पशु को बलि किया जाता था और उस पशु का लहू वेदी पर छिड़का जाता था, उसकी चर्बी तथा पशु को अलग जलाया जाता था।
- इस बलि के साथ अखमीरी रोटी तथा खमीरी रोटी दोनों की भेंट चढ़ाई जाती थी जिन्हें होमबलि के ऊपर जलाया जाता था।
- याजक और उपासक दोनों को यह मांस खाने की अनुमति थी।
- इस बलि में परमेश्वर की अपने लोगों के साथ सहभागिता प्रकट होती थी।
(यह भी देखें: होमबलि, सहभागिता, मेलबलि, अन्नबलि, याजक, बलिदान करना, अख़मीरी रोटी)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 13:8-10
- यहेजकेल 45:16-17
- यहोशू 08:30-32
- लैव्यव्यवस्था 09:3-5
- नीतिवचन 07:13-15
शब्द तथ्य:
मोआब, मोआबी
तथ्य:
"मोआब" शब्द एक ऐसे समूह को संदर्भित करता है जो खारे सागर के पूर्व में रहता था। उत्पत्ति की पुस्तक इस व्यक्ति समूह को "मोआब" नामक एक व्यक्ति के वंशज के रूप में वर्णित करती है, जो लूत की बड़ी पुत्री का पुत्र था।
-
रूथ की पुस्तक में, एलीमेलेक और उसका परिवार बेतलेहेम के आसपास के अकाल के कारण मोआब में रहने के लिए गया।
-
बैतलहमवासी रूत को मोआबिन कहते थे क्योंकि वह मोआब देश की थी। इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “मोआबी स्त्री” या “मोआब देश की स्त्री”
(यह भी देखें: बैतलहम, यहूदिया, लूत, रूत, खारा ताल)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 19:36-38
- उत्पत्ति 36:34-36
- रूत 01:1-2
- रूत 01:22
शब्द तथ्य:
यबूस, यबूसी, यबूसियों
तथ्य:
यबूसी कनान देश में रहनेवाली एक जाति थी। वे हाम के पुत्र कनान के वंशज थे।
- यबूसी यबूस नगर के रहनेवाले थे। इस नगर का नाम बदलकर यरूशलेम रखा गया था जब राजा दाऊद ने इसे जीत लिया था।
- मेलिकिसिदक, शालेम का राजा, संभवतः यबूसी मूल का था।
(यह भी देखें: कनान, हाम, यरूशलेम, मेलिकिसिदक)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 01:13-16
- 1 राजा 09:20-21
- निर्गमन 03:7-8
- उत्पत्ति 10:15-18
- यहोशू 03:9-11
- न्यायियों 01:20-21
शब्द तथ्य:
यरदन नदी, यरदन
तथ्य:
यरदन नदी उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है और कनान देश की पूर्वी सीमा बनाती है।
- आज यरदन नदी पश्चिम में इस्राएल और पूर्व में यरदन को विभाजित करती है।
- यरदन नदी गलील सागर से बहती हुई मृत सागर में गिरती है।
- यहोशू जब इस्राएलियों को लेकर कनान आ रहा था तब उन्हें यरदन नदी पार करनी पड़ी थी। क्योंकि पानी बहुत गहरा था परमेश्वर ने यरदन नदी का प्रवाह रोक दिया और इस्राएलियों ने उसे पार किया।
- बाइबल में यरदन नदी का संदर्भ “यरदन ” से है।
(यह भी देखें: कनान, खारा ताल, गलील सागर)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 32:9-10
- यूहन्ना 01:26-28
- यूहन्ना 03:25-26
- लूका 03:3
- मत्ती 03:4-6
- मत्ती 03:13-15
- मत्ती 04:14-16
- मत्ती 19:1-2
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 15:02 इस्राएलियों को वाचा की भूमि में प्रवेश करने से पहले यरदन नदी को पार करना था।
- 15:03__जब सब इस्राएलियों ने __यरदन नदी को पार कर लिया, तब परमेश्वर ने यहोशू को बताया कि किस प्रकार से यरीहो के शक्तिशाली शहर पर आक्रमण करना है।
- 19:14 एलीशा ने उसे कहा, “तू जाकर यरदन नदी में सात बार डुबकी मार।”
शब्द तथ्य:
यरूशलेम
तथ्य:
यरूशलेम वास्तव में एक प्राचीन कनानी नगर था जो बाद में इस्राएल का एक प्रमुख नगर बन गया था। यह नगर खारे ताल के पश्चिम में 34 किलोमीटर दूर और बैतलहम के ठीक उत्तर में स्थित है। यह नगर आज भी इस्राएल की राजधानी है।
- “यरूशलेम” नाम सबसे पहले यहोशू की पुस्तक में आया है। इस नगर के अन्य नाम जो पुराने नियम में हैं वे हैं, “शालेम”, “यबूसियों का नगर” और “सिय्योन” यरूशलेम और शालेम दोनों शब्दों का मूल अर्थ है, “शान्ति”।
- यरूशलेम मूल रूप से यबूसी गढ़ था जिसका नाम “सिय्योन” था, राजा दाऊद ने इस नगर को जीत कर अपनी राजधानी बना लिया था।
- राजा दाऊद के पुत्र, सुलैमान ने सबसे पहला मन्दिर यरूशलेम में मोरियाह पर्वत पर बनाया था। मोरियाह पर्वत वह स्थान था जहां अब्राहम ने अपने पुत्र, इसहाक की बलि चढ़ाई थी। बेबीलोन की सेना द्वारा मन्दिर के विनाश के उपरान्त उसका पुनः निर्माण किया गया था।
- मन्दिर यरूशलेम में था इसलिए यहूदियों के मुख्य पर्व वहीं मनाए जाते थे।
- लोग कहते थे कि वे "ऊपर" यरूशलेम को जा रहे हैं क्योंकि यह नगर पहाड़ पर बसा हुआ था।
(यह भी देखें: बेबीलोन, मसीह, दाऊद, यबूस, यीशु, सुलैमान, मन्दिर, सिय्योन)
बाइबल सन्दर्भ:
- गलातियों 04:26-27
- यूहन्ना 02:13
- लूका 04:9-11
- लूका 13:05
- मरकुस 03:7-8
- मरकुस 03:20-22
- मत्ती 03:06
- मत्ती. 04:23-25
- मत्ती 20:17
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 17:05 दाऊद ने यरूशलेम पर विजय प्राप्त की और उसे अपनी राजधानी बनाया।
- 18:02 यरुशेलम में, सुलैमान ने अपने पिता की योजना के अनुसार एक भवन बनाने का निर्णय किया और उसके लिए समान एकत्र किया।
- 20:07 उन्होंने(बेबीलोनियों ने) यरूशलेम को जीत लिया, मंदिर का विनाश कर दिया, और शहर व मंदिर की सभी बहुमूल्य वस्तुओं को उठा कर ले गए।
- 20:12 अत: सत्तर वर्ष तक निर्वासन में रहने के बाद, यहूदियों का एक छोटा समूह यहूदा में यरूशलेम वापस लौट आया।
- 38:01 यीशु मसीह ने सार्वजनिक उपदेशों के आरम्भ के लगभग तीन साल बाद अपने चेलों से कहा कि वह यरूशलेम में उनके साथ फसह का त्यौहार मनाना चाहता था, और वहीं वह मार डाला जाएगा।
- 38:02 यीशु और चेलों के __ यरूशलेम__ में पहुँचने के बाद यहूदा यहूदी गुरुओ के पास गया और पैसों के बदले यीशु के साथ विश्वासघात करने का प्रस्ताव रखा।
- 42:08 “पवित्रशास्त्र में यह भी लिखा था कि मेरे चेले प्रचार करेंगे कि हर एक को पापों की क्षमा प्राप्त करने के लिये पश्चाताप करना चाहिए। वे यरूशलेम से इसकी शुरुआत करेंगे और हर जगह सब जातियों में जायेंगे।”
- 42:11 यीशु के मरे हुओ में से जी उठने के चालीस दिनों के बाद, उसने अपने चेलों से कहा कि तुम यरूशलेम में ही रहना जब तक कि मेरा पिता पवित्र आत्मा का सामर्थ्य तुम्हे न दे।”
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H3389, H3390, G2414, G2415, G2419
यहूदा
तथ्य:
यहूदा याकूब के बड़े बेटों में से एक था। उनकी मां लिआ थी। उनके वंशजों को "यहूदा का गोत्र" कहा जाता था। जब भूमि के एक क्षेत्र के नाम के रूप में उपयोग किया जाता है, तो "यहूदा" शब्द यहूदा के जनजाति को दी गई भूमि को संदर्भित करता है, जिसमें पहाड़ी क्षेत्र यरूशलेम के दक्षिण में स्थित है।
- यहूदा ने ही अपने भाइयों को राय दी थी कि यूसुफ को गड्ढे में मरने के लिए छोड़ने की अपेक्षा उसे बेच दिया जाए।
- राजा दाऊद और उसके बाद के सब राजा यहूदा के वंशज थे। यीशु भी यहूदा का वंशज था।
- सुलैमान के बाद जब इस्राएल राज्य का विभाजन हो गया था तब यहूदा राज्य इस्राएल का दक्षिणी क्षेत्र हुआ।
- नये नियम में प्रकाशितवाक्य की पुस्तक यीशु को “यहूदा का सिंह” कहा गया है।
- “यहूदी” और “यहूदिया” शब्द “यहूदा” से ही व्युत्पन्न शब्द हैं।
(यह भी देखें: इस्राएल, यहूदी, यहूदा, यहूदिया, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 02:1-2
- 1 राजा 01:9-10
- उत्पत्ति 29:35
- उत्पत्ति 38:1-2
- लूका 03:33-35
- रूत 01:1-2
शब्द तथ्य:
यहूदा, यहूदा का राज्य
तथ्य:
यहूदा का गोत्र इस्राएल के बारह गोत्रों में सबसे बड़ा था। यहूदा राज्य यहूदा और बिन्यामीन गोत्रों से था।
- राजा सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल राज्य दो भागों में विभाजित हो गया था: इस्राएल और यहूदा राज्य। यहूदा राज्य, दक्षिणी राज्य था जो खारे ताल के पश्चिम में था।
- यहूदा राज्य की राजधानी यरूशलेम थी।
- यहूदा के आठ राजा यहोवा की आज्ञाओं पर चले और प्रजा को उसकी आराधना की प्रेरणा दी। यहूदा के अन्य राजा दुष्ट थे और उन्होंने प्रजा को मूर्तिपूजा के लिए प्रेरित किया।
- अश्शूरों द्वारा इस्राएल को पराजित करने के 120 वर्ष से अधिक समय बाद यहूदा राज्य बेबीलोन द्वारा पराजित किया गया। बेबीलोन की सेना ने नगर को और मन्दिर को नष्ट कर दिया और अधिकांश यहूदावासियों को बन्दी बनाकर ले गए।
(यह भी देखें: यहूदा, खारा ताल)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 30:26-28
- 2 शमूएल 12:7-8
- होशे 05:14-15
- यिर्मयाह 07:33-34
- न्यायियों 01:16-17
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 18:07 केवल दो गोत्र उसके प्रति निष्ठावान रहे। यह दो गोत्र यहूदा का राज्य बन गए।
- 18:10 यहूदा और इस्राएली राज्य शत्रु बन गए और अक्सर एक दूसरे के विरुद्ध लड़े।
- 18:13 यहूदा के राजा दाऊद के वंशज के थे। कुछ राजा अच्छे मनुष्य भी थे, जिन्होंने उचित रूप से शासन किया और परमेश्वर की उपासना की। परन्तु बहुत से यहूदा के राजा दुष्ट, विकृत और मूर्तियों की उपासना करने वाले थे।
- 20:01 इस्राएल के राज्य और यहूदा के राज्य दोनों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया।
- 20:05 यहूदा राज्य के लोगों ने देखा कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन न करने और उस पर विश्वास न रखने के कारण इस्राएलियों को उसने कैसे दण्डित किया। फिर भी उन्होंने कनानियों के देवताओं सहित मूर्तियों की उपासना करनी न छोड़ी।
- 20:06 अश्शूरियों द्वारा इस्राएली शासन को नष्ट करने के लगभग सौ वर्षों बाद, परमेश्वर ने बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर को भेजा, यहूदी शासन को नष्ट करने के लिए।
- 20:09 नबूकदनेस्सर और उसके सैनिक लगभग सभी यहूदियों को बंदी बनाकर बेबीलोन ले गए, वहाँ पर केवल कंगालों को छोड़ दिया गया ताकि वह वहा खेती कर सके
शब्द तथ्य:
यहूदियों, यहूदी
तथ्य:
“यहूदी अगुवे” या “यहूदियों के हाकिम” अर्थात धर्म के अगुवे जैसे पुरोहित और परमेश्वर के वचन के शिक्षक। उन्हें धर्म की अपेक्षा अन्य विषयों के संबन्ध में भी निर्णय देने का अधिकार था।
- यहूदियों के अगुवे थे प्रधान पुरोहित, प्रमुख पुरोहित और विधि शिक्षक (परमेश्वर प्रदत्त विधान के शिक्षक)
- यहूदी अगुवों के प्रमुख पंथों में थे फरीसी और सदूकी।
- यरूशलेम की महासभा में विधान संबन्धित विषयों पर निर्णय लेने के लिए सत्तर यहूदी अगुवे एकत्र हुए थे।
- अनेक यहूदी अगुवे घमण्डी थे और अपने आप को धर्मपरायण समझते थे। * वे यीशु से ईर्ष्या करते थे और उसे हानि पहुंचाना चाहते थे। वे परमेश्वर को जानने का दावा तो करते थे, परन्तु उसकी आज्ञाओं को नहीं मानते थे।
- “यहूदी” शब्द अधिकतर यहूदी अगुवों के लिए काम में लिया जाता था। विशेष करके जब वे यीशु पर कुपित होकर उसे जाल में फंसाना चाहते थे या उसे हानि पहुंचाना चाहते थे।
- इन शब्दों का अनुवाद किया जा सकता है, “यहूदी शासक” या “यहूदियों के प्रशासनिक अधिकारी” या “यहूदी धर्मगुरू”
(यह भी देखें: यहूदी, प्रधान याजकों, महासभा, महायाजक, फरीसी, याजक, सदूकी, शास्त्री)
बाइबल सन्दर्भ:
- निर्गमन 16:22-23
- यूहन्ना 02:17-19
- यूहन्ना 05:10-11
- यूहन्ना 05:16-18
- लूका 19:47-48
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 24:03 उन्होंने अपने-अपने पापों को मानकर, बपतिस्मा लिया, बहुत से धर्मी याजक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने को आए, परन्तु उन्होंने अपने पापों का अंगीकार न किया |
- 37:11 परन्तु यहूदियों के धार्मिक गुरु यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर योजना बनाना चाहा कि कैसे वह यीशु और लाजर को मरवा सके।
- 38:02 वह(यहूदा) जानता था कि __ यहूदी गुरुओं__ ने यीशु को मसीहा के रूप में अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे।
- 38:03 यहूदी गुरुओं ने प्रधान याजक के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए।
- 39:05 यहूदी नेताओं ने महा याजक को उत्तर दिया, “यह मरने के योग्य है।”
- 39:09 अगली सुबह यहूदी नेताओ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया जो एक रोमन राज्यपाल था।
- 39:11 परन्तु यहूदी गुरुओं ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस में चढ़ा दो।”
- 40:09 तब यूसुफ और नीकुदेमुस, दो यहूदी याजक जिन्हें विश्वास था कि यीशु ही मसीह है, पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा।
- 44:07 दूसरे दिन ऐसा हुआ कि __यहूदी याजक __पतरस और यूहन्ना को लेकर महायाजक के पास गए।
शब्द तथ्य:
यहूदी, यहूदियों का, यहूदियों
तथ्य:
यहूदी वे लोग है जो अब्राहम के पोते याकूब के वंशज थे। “यहूदी” शब्द “यहूदा” से आया था।
लोग इस्राएलियों को यहूदी तब कहने लगे जब वे बेबीलोन से यहूदा देश लौट आएँ थे।
- मसीह यीशु यहूदी था। परन्तु यहूदी धर्म के अगुओं ने यीशु का इन्कार किया और उसको मार डालने की मांग की।
- “यहूदी शब्द प्रायः यहूदियों के अगुओं के संदर्भ में लिया जाता था, सब यहूदियों के लिए नहीं। इन संदर्भों में कुछ अनुवादों में “के अगुवे” जोड़ा जाता है कि अर्थ स्पष्ट व्यक्त हो।
(यह भी देखें: अब्राहम, इस्राएल, इस्राएल, बेबीलोन, यहूदियों)
बाइबल संदर्भ:
- प्रे.का. 02:5-7
- प्रे.का. 10:27-29
- प्रे.का. 14:5-7
- कुलुस्सियों 03:9-11
- यूहन्ना 02:13-14
- मत्ती 28:14-15
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 20:11 इस्राएलियों को अब यहूदी कहा जाता था और उनमें से अधिकतर लोगों ने अपना पूरा जीवन बेबीलोन में व्यतीत किया था।
- 20:12 अत: सत्तर वर्ष तक निर्वासन के बाद, यहूदियों का एक छोटा समूह यरूशलेम को वापस लौट आया।
- 37:10 अनेक यहूदी उसका यह काम देखकर, उस पर विश्वास किया।
- 37:11 परन्तु यहूदियों के धार्मिक गुरु यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर योजना बनाना चाहा कि कैसे वह यीशु और लाजर को मरवा सके।
- 40:02 पिलातुस ने आज्ञा दी कि यीशु के सिर के ऊपर क्रूस पर यह लिख कर लगा दिया जाए कि, “यह यहूदियों का राजा है।”
- 46:06__तुरन्त ही, शाऊल दमिश्क के __यहूदियों से प्रचार करने लगा कि, "यीशु परमेश्वर का पुत्र है!"
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3054, H3061, H3062, H3064, H3066, G2450, G2451, G2452, G2453, G2454
यहोवा
तथ्य:
“यहोवा” परमेश्वर का नाम है, उसने उस जलती हुई झाड़ी पर मूसा को यह नाम बताया था
- “यहोवा” नाम उस शब्द से आता है जिसका अर्थ है “होना” या “अस्तित्व में है।”
- “यहोवा” के संभावित अर्थ हो सकते हैं, “वह है” या “मैं हूँ” या “वह जो होता है”।
- इन नाम का अर्थ है परमेश्वर सदा से जीवित है और रहेगा। इसका अर्थ सदा उपस्थित भी है।
- निम्नलिखित परंपरा, कई बाइबल संस्करण शब्द "प्रभु" को दर्शाने के लिए "यहोवा" उपयोग किया है। यह परंपरा इस तथ्य से हुई है कि ऐतिहासिक रूप से, यहूदी लोग डरते हैं कि यहोवा का नाम का उच्चारण गलत ढंग से न हो इसलिए जहाँ भी पाठ में यहोवा आया वहां वे प्रभु कहने लगे। आधुनिक बाइबल "प्रभु"(लार्ड) को अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में लिखा जाता है कि परमेश्वर के नाम का सम्मान हो।
- यू.एल.बी. और यू.डी.बी. परमेश्वर के नाम को “यहोवा” ही लिखते हैं जैसा इब्रानी भाषा के पुराने नियम में है।
- नये नियम में “यहोवा” नाम का उपयोग नहीं किया गया है; केवल “प्रभु” के लिए यूनानी शब्द का प्रयोग किया जाता है, यहाँ तक कि पुराने नियम के उद्धरण में भी।
- पुराने नियम में जब परमेश्वर स्वयं के बारे में कहता है तब वह सर्वनाम के स्थान में अपना नाम लेता है।
- सर्वनाम “मैं” और “मुझ” के द्वारा यू.एल.बी. पाठकों के लिए स्पष्ट करती है कि कहनेवाला परमेश्वर ही है।
अनुवाद के लिए सुझाव:
- “यहोवा” शब्द के स्थान में “मैं हूँ” या “जीवित प्रभु” या “अस्तित्ववान” या “वह जो जीवित है” काम में लिया जा सकता है।
- यह शब्द इस प्रकार लिखा जाए जो “यहोवा” शब्द की वर्तनी के सदृश्य दिखाई दे।
- कुछ कलीसिया के संप्रदायों में "यहोवा" शब्द का प्रयोग करना पसंद नहीं करते हैं और बदले में पारंपरिक प्रतिपादन "प्रभु"(लार्ड को अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में) का प्रयोग करते हैं। एक महत्वपूर्ण विचार यह है कि यह भ्रामक हो सकता है जब बड़े पैमाने पर पढ़ा जा सकता है क्योंकि यह शीर्षक "प्रभु" के समान होगा। कुछ भाषाओँ में प्रत्यय या व्याकरणिक निशान जोड़े जा सकते है जो अंतर करता है “प्रभु” (लार्ड को अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में)को नाम के तौर पर (यहोवा) और “प्रभु” को शीर्षक के तौर पर।
- यदि संभव हो तो उचित यही होगा कि जहां-जहां यहोवा का नाम आता है उसे ज्यों का त्यों ही रखें परन्तु कुछ अनुवादों में केवल सर्वनाम का ही उपयोग किया गया है कि पाठ को अधिक स्पष्ट एवं सहज बनाया जाए।
- कुछ इस तरह से उद्धरण लिखें, "यहोवा यूं कहता है।"
(यह भी देखें: परमेश्वर, प्रभु, प्रभु, मूसा, प्रकट करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 21:19-20
- 1 शमूएल 16:6-7
- दानिय्येल 09:3-4
- यहेजकेल 17:24
- उत्पत्ति 02:4-6
- उत्पत्ति 04:3-5
- उत्पत्ति 28:12-13
- होशे 11:12
- यशायाह 10:3-4
- यशायाह 38:7-8
- अय्यूब 12:9-10
- यहोशू 01:8-9
- विलापगीत 01:4-5
- लैव्यव्यवस्था 25:35-38
- मलाकी 03:4-5
- मीका 02:3-5
- मीका 06: 3-5
- गिनती 08:9-11
- भजन 124:1-3
- रूत 01:19-21
- जकर्याह 14:5
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 09:14 परमेश्वर ने मूसा से कहा मैं जो हूँ सो हूँ। उनसे कहना “जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।” “सदा तक मेरा नाम यही रहेगा।”
- 13:04 परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा, "मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अथार्त् मिस्र देश से निकाल लाया है। तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना।”
- 13:05 “तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी की प्रतिमा बनाना, तू उनकी उपासना न करना क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला परमेश्वर हूँ।"
- 16:01 इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमेश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
- 19:10 फिर एलिय्याह ने प्रार्थना की, “हे अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्वर __ यहोवा!__ आज यह प्रगट कर कि इस्राएल में तू ही परमेश्वर है, और मैं तेरा दास हूँ,
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3050, H3068, H3069
यहोशू
तथ्य:
बाइबल में यहोशू नाम के अनेक इस्राएली पुरुष हुए हैं। सबसे अधिक प्रसिद्ध नून का पुत्र यहोशू है, वह मूसा का सहायक था और परमेश्वर की प्रजा का एक महत्वपूर्ण अगुआ हुआ था।
- यहोशू उन बारह भेदियों में से एक था जिन्हें मूसा ने प्रतिज्ञा के देश की जानकारी लेने के लिए भेजा था।
- कालेब के साथ यहोशू ने इस्राएलियों से आग्रह किया कि वे परमेश्वर की आज्ञा मानकर प्रतिज्ञा के देश में प्रवेश करके उसे कनानियों से जीत लें।
- वर्षों बाद जब मूसा का स्वर्गवास हो गया तब परमेश्वर ने यहोशू को नियुक्त किया कि वह इस्राएलियों को प्रतिज्ञा के देश में लेकर जाए।
- कनानियों के विरूद्ध प्रथम एवं सर्वाधिक प्रसिद्ध युद्ध में यहोशू ने यरीहो को जीतने में इस्राएलियों की अगुआई की थी।
- पुराने नियम में यहोशू की पुस्तक में वर्णन किया गया है कि यहोशू ने प्रतिज्ञा के देश पर अधिकार और इस्राएल के प्रत्येक गोत्र को रहने के लिए भूमि सौंपा था।
- योसादाक का पुत्र यहोशू महायाजक की चर्चा हाग्गै तथा जकर्याह की पुस्तकों में की गई है, उसने यरूशलेम की शहरपनाह के पुनरूद्धार में सहायता की थी।
- यहोशू नाम के अन्य अनेक पुरुष हुए हैं जिनका उल्लेख वंशावलियों और बाइबल में अन्य स्थानों में किया गया है।
(यह भी देखें: कनान, हाग्गै, यरीहो, मूसा, प्रतिज्ञा का देश, जकर्याह (पुराना नियम))
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 07:25-27
- व्यवस्थाविवरण 03:21-22
- निर्गमन 17:8-10
- यहोशू 01:1-3
- गिनती 27:18-19
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- __14:04__जब इस्राएली कनान की सीमा पर पहुँचे, तब मूसा ने बारह पुरषों को चुना इस्राएल के हर गोत्र में से उसने उन पुरुषों को आदेश दिया कि जाओ और भूमि का पता लगाओ कि वह कैसी दिखती है।
- 14:06 तुरन्त ही कालेब और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सही है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे !
- 14:08 उनमे से कालेब और यहोशू को छोड़ जितने बीस वर्ष के या उससे अधिक आयु के जितने गिने गए थे ,और मुझ पर बुड़बुड़ाते थे, कोई भी उस देश में न जाने पाएगा, जिसके विषय मैं ने शपथ खाई है ,कि तुम को उसमें बसाऊँगा।
- 14:14 मूसा बहुत वृद्ध हो गया था, उसकी सहायता करने के लिए परमेश्वर ने यहोशू को चुना जिससे वे लोगों का मार्गदर्शन कर सके।
- 14:15 यहोशू एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर विश्वास करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
- 15:03 जब सब इस्राएलियों ने यरदन नदी को पार कर लिया, तब परमेश्वर ने यहोशू को बताया कि किस प्रकार से यरीहो के शक्तिशाली शहर पर आक्रमण करना है।
शब्द तथ्य:
यिप्तह
तथ्य:
यिप्तह गिलाद का एक योद्धा था, वह इस्राएल का न्यायी था।
- इब्रानियों 11:32 में यिप्तह की प्रशंसा की गई है कि वह एक महत्वपूर्ण अगुआ था जिसमें अपने लोगों को शत्रुओं से रक्षा प्रदान की थी।
- उसने अम्मोनियों को पराजित करने के लिए इस्राएलियों की अगुआई की थी और एप्रैमियों को भी हराया था।
- तथापि, यिप्तह ने शीघ्रता में परमेश्वर से शपथ खाई जिसके परिणाम स्वरूप उसे अपनी पुत्री की बलि चढ़ानी पड़ी थी।
(यह भी देखें: अम्मोन, छुड़ाना, एप्रैम, न्यायी, मन्नत)
बाइबल सन्दर्भ:
- इब्रानियों 11:32-34
- न्यायियों 11:1-3
- न्यायियों 11:34-35
- न्यायियों 12:1-2
शब्द तथ्य:
योआश
तथ्य:
योआश नामक अनेक पुरुष बाइबल में हुए हैं।
- एक योआश इस्राएल के रक्षक गिदोन का पिता था।
- एक और योआश याकूब के सबसे छोटे पुत्र बिन्यामीन का वंशज था।
- सर्वाधिक प्रसिद्ध योआश यहूदा का राजा था जिसने सात वर्ष की आयु में राजा का दायित्व संभाला था। वह अहज्याह का पुत्र था, यहूदा का राजा जिसकी हत्या कर दी गई थी।
- योआश जब बालक ही था तब उसकी बुआ ने उसे छिपा कर बचा लिया था, जब तक कि वह मुकुट धारण करने योग्य न हो।
- योआश एक अच्छा राजा था और आरंभ में परमेश्वर का आज्ञाकारी था। परन्तु उसने मूर्ति-पूजा के ऊंचे स्थान नष्ट नहीं किए थे जिसके परिणाम-स्वरूप इस्राएलियों ने पुनः मूर्ति-पूजा आरंभ कर दी थी।
- योआश जब यहूदा पर राज कर रहा था तब कुछ वर्ष इस्राएल पर यहोआश का राज्य था। ये दोनों अलग-अलग राजाओं के नाम है।
(यह भी देखें: अहज्याह, वेदी, बिन्यामीन, देवता, गिदोन, ऊँचे स्थान, मूर्ति)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 03:10-12
- 2 इतिहास 18:25-27
- 2 राजा 11:1-3
- आमोस 01:1-2
- न्यायियों 06:11-12
शब्द तथ्य:
योग्य, मूल्यवान, अयोग्य, निकम्मा
परिभाषा:
“योग्य” शब्द किसी ऐसे व्यक्ति या वस्तु का वर्णन करता है जो सम्मान या आदर के योग्य है। “मूल्य” अर्थात कीमती या महत्वपूर्ण होना “निकम्मा” अर्थात किसी काम का नहीं
- “योग्य” अर्थात काम का या महत्वपूर्ण होने से संबंधित है
- “अयोग्य” अर्थात विशेष काम के योग्य नहीं होना
- योग्य प्रतीत न होना अर्थात किसी की तुलना में कम महत्व का होना या सम्मान एवं दया के व्यवहार के योग्य न होना।
- “अयोग्य” और “निकम्मा” संबन्धित शब्द हैं परन्तु इनके अर्थ अलग-अलग हैं। अयोग्य अर्थात सम्मान या मान के योग्य नहीं । “निकम्मा” होने का अर्थ है किसी उद्देश्य या मूल्य का न होना।
अनुवाद के सुझाव
- “योग्य” शब्द का अनुवाद “योग्यता” या “महत्वपूर्ण” या “उपयोगी” हो सकता है।
- “मूल्य” शब्द का अनुवाद “प्रतिष्ठा” या “महत्व” हो सकता है
- “का मूल्य” का अनुवाद “कीमती होना” या महत्वपूर्ण होना हो सकता है।
- “उसका मूल्य…. से अधिक है” का अनुवाद "की तुलना में अधिक मूल्यवान है।" हो सकता है।
- संदर्भ के आधार पर, “अयोग्य” का अनुवाद “महत्वहीन” या “अनादर” या “अनुपयुक्त” हो सकता है।
- “निकम्मा” का अनुवाद “किसी काम का नहीं” या “किसी उद्देश्य का नहीं” या “महत्वहीन” हो सकता है।
(यह भी देखें: आदर)
बाइबल संदर्भ:
- 2 शमूएल 22:3-4
- 2 थिस्सलुनीकियों 01:11-12
- प्रे.का. 13:23-25
- प्रे.का. 25:25-27
- प्रे.का. 26:30-32
- कुलुस्सियों 01: 9-10
- यिर्मयाह 08: 18-19
- मरकुस 01:7-8
- मत्ती 03:10-12
- फिलिप्पियों 01:25-27
शब्द तथ्य:
- Strong's: H117, H639, H1929, H3644, H4242, H4373, H4392, H4592, H4941, H6994, H7939, G514, G515, G516, G2425, G2661, G2735
योताम
परिभाषा:
पुराने नियम में योताम नाम के तीन पुरुष हुए हैं।
- एक योताम गिदोन का सबसे छोटा पुत्र था। योताम ने अपने बड़े भाई अबीमेलेक को पराजित करने में सहायता की जिसने अपने अन्य सभी भाइयों को मार डाला था।
- यहूदा के राजा का नाम भी योताम था, उसने अपने पिता उज्जिय्याह(अजर्याह) के मरणोपरान्त सोलह वर्ष राज किया था।
- अपने पिता के समान योताम भी परमेश्वर का आज्ञाकारी था और एक अच्छा राजा हुआ था।
- तथापि उसने मूर्तियों के स्थानों को नष्ट नहीं किया था जिसका परिणाम यह हुआ कि बाद में यहूदावासी फिर मूर्ति-पूजा करने लगे थे।
- यीशु की वंशावली में भी एक योतान है, मत्ती रचित सुसमाचार में।
(यह भी देखें: अबीमेलेक, अहाज, गिदोन, उज्जियाह)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 इतिहास 26:21
- 2 राजा 15:4-5
- यशायाह 01:1
- न्यायियों 09:5-6
शब्द तथ्य:
योना
परिभाषा:
योना पुराने नियम का एक इब्रानी भविष्यद्वक्ता था।
- योना की पुस्तक में योना की कहानी है कि उसे परमेश्वर ने नीनवे के लोगों में सन्देश सुनाने भेजा था।
- योना नीनवे जाने की अपेक्षा किसी और तर्शीश देश को जानेवाले जहाज में चढ़ गया था।
- परमेश्वर ने उस जहाज को एक भयानक आंधी से घेर लिया था।
- उसने लोगों को जहाज से नौकायन करने वाले से कहा कि वह परमेश्वर से दूर भाग रहा था, और उन्होंने सुझाव दिया कि वे उसे समुद्र में फेंक दें। जब उन्होंने ऐसा किया तब तूफान थम गया।
- योना को समुद्र में एक बहुत बड़ी मछली ने निगल लिया, वह उस मछली के पेट में तीन दिन तीन रात रहा।
- मछली ने जब योना को उगल दिया तब उसने जाकर नीनवे में परमेश्वर का सन्देश सुनाया, परिणामस्वरूप नीनवे वासियों ने पापों का पश्चाताप किया।
- योना नीनवे को नष्ट न करने के लिए परमेश्वर पर क्रोधित हो गया, और परमेश्वर ने योना को करुणा का सबक सिखाने के लिए एक पौधे और कीड़े का इस्तेमाल किया।
(यह भी देखें: अवज्ञा, नीनवे, मुड़)
बाइबल सन्दर्भ:
- योना 01:1-3
- लूका 11:29-30
- मत्ती 12:38-40
- मत्ती 16:3-4
शब्द तथ्य:
योनातान
तथ्य:
पुराने नियम में लगभग दस पुरुषों का नाम योनातान हुआ है। इस नाम का अर्थ है, “यहोवा ने दिया है”।
- बाइबल में सबसे अधिक परिचित नाम योनातान, दाऊद के मित्र, कहा है। * योनातान शाऊल का बड़ा पुत्र था।
- पुराने नियम के अन्य योनातान हैं, मूसा का वंशज राजा दाऊद का भतीजा, अनेक याजक, एब्यातार का पुत्र भी और पुराने नियम का एक शास्त्री जिसके घर में यिर्मयाह को बन्दी बनाकर रखा गया था।
(यह भी देखें: एब्यातार, दाऊद, मूसा, यिर्मयाह, याजक, शाऊल (पुराना नियम), शास्त्री)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 01:41-42
- 1 शमूएल 14:1
- 1 शमूएल 20:1-2
- 2 शमूएल 01:3-5
शब्द तथ्य:
रखैल, रखैलियों
परिभाषा:
“रखैल” किसी विवाहित पुरुष की दूसरी पत्नी होती है। रखैल प्रायः विधिवत विवाह की हुई पत्नी नहीं होती है।
- पुराने नियम में रखैलियाँ अधिकतर दासियां होती थी।
- रखैल को या तो खरीदा जाता था, या युद्ध में जीता जाता था या ऋण चुकाने के स्थान में लिया जाता था।
- राजा के लिए अनेक रखैलियां रखना शक्ति का प्रतीक था।
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 शमूएल 03:07
- उत्पत्ति 22:24
- उत्पत्ति 25:5-6
- उत्पत्ति 35:21-22
- उत्पत्ति 36:12
- न्यायियों 19:1-2
शब्द तथ्य:
रथ, रथों, रथियों
परिभाषा:
प्राचीन युग में रथ घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाली दो पहियों की गाड़ियां होती थी।
- सवार रथ में बैठते थे या खड़े होते थे और उन्हें साधारण सवारी के लिए या युद्ध के लिए काम में लेते थे।
युद्ध में जिस सेना के पास रथ थे वह सामने वाली सेना जिसके पास रथ नहीं थे, उससे अधिक गति एवं परिवहन क्षमता रखती थी।
प्राचीन युग में मिस्र और रोमी रथों के उपयोग के लिए जाने जाते थे
(यह भी देखें: मिस्र, रोम)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 09:22
- 2 इतिहास 18:28-30
- प्रे.का. 08:29-31
- प्रे.का. 08:36-38
- दानिय्येल 11:40-41
- निर्गमन 14:23-25
- उत्पत्ति 41:42-43
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 12:10 इसलिए वे समुद्र के रास्ते में इस्राएलियों के पीछे चल रहे थे, लेकिन परमेश्वर ने उन्हें घबरा दिया, और उनके रथों के पहियों को निकाल डाला जिससे उनका चलाना कठिन हो गया।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H668, H2021, H4817, H4818, H5699, H7393, H7395, H7396, H7398, G716, G4480
रब्बी
परिभाषा:
“रब्बी” शब्द का वास्तविक अर्थ है “मेरा स्वामी” या “मेरा गुरू”
- यह एक सम्मानित पदनाम है जो यहूदी धर्मगुरू के लिए काम में लिया जाता था, विशेष करके परमेश्वर की व्यवस्था का शिक्षक।
- यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को और यीशु को भी कभी-कभी शिष्य “रब्बी” कहते थे।
अनुवाद के सुझाव:
- इस शब्द के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “मेरे गुरू” या “माननीय शिक्षक महोदय” या “धर्म गुरू” कुछ भाषाओं में ऐसे अभिवादन को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है तो कुछ में नहीं लिखा जाता है।
- लक्षित भाषा में शिक्षकों को संबोधित करने का एक विशेष तरीका हो सकता हैं।
- परन्तु सुनिश्चित करें कि इस शब्द के ऐसे अनुवाद से यीशु किसी पाठशाला का शिक्षक न समझ में आए।
- उसी भाषा के या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में “रब्बी” के अनुवाद पर भी ध्यान दें।
देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें)
(यह भी देखें: गुरु)
बाइबल सन्दर्भ:
- यूहन्ना 01:49-51
- यूहन्ना 06:24-25
- मरकुस 14:43-46
- मत्ती 23:8-10
शब्द तथ्य:
राजकुमार, राजकुमारी, राजकुमारी, राजकुमारियां
परिभाषा:
“राजकुमार” राजा का पुत्र होता है। “राजकुमारी” राजा की पुत्री होती है।
- “राजकुमार” शब्द को प्रतीकात्मक रूप में भी काम में लिया जाता है जो अगुवे, शासक या अन्य अधिकार संपन्न मनुष्य के लिए होता है।
- अब्राहम की धन सम्पदा और प्रतिष्ठा के कारण हित्ती लोग उसे “राजकुमार” कहते थे।
- दानिय्येल की पुस्तक में “राजकुमार” शब्द “फारस का राजकुमार” या “यूनान का राजकुमार” के संदर्भ में काम में लिया गया है। जिसका संभावित अभिप्राय उन सामर्थी दुष्टात्माओं से है जो उस क्षेत्रों पर अधिकार रखती थी।
- दानिय्येल की पुस्तक में प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल को भी “राजकुमार” कहा गया है।
- बाइबल में यदाकदा शैतान को “इस संसार का हाकिम” कहा गया है।
- यीशु को “शान्ति का राजकुमार “ और “जीवन के कर्ता” कहा गया है।
- प्रे.का. 2:36 में यीशु को “प्रभु और मसीह” कहा गया है तथा प्रे.का. 5:31 में इसे “प्रभु और उद्धारकर्ता” कहा गया है जिससे “प्रभु” और “राजकुमार” के समानान्तर अर्थ प्रकट होते हैं।
अनुवाद के लिए सुझाव:
- “राजकुमार” के अनुवाद रूप हो सकते है, “राजा का पुत्र” या “शासक” या “अगुआ” या “मुखिया” या “कप्तान”।
- स्वर्गदूतों के संदर्भ में इसका अनुवाद “शासक आत्मा” या “अगुआई करनेवाला स्वर्गदूत” हो सकता है।
- शैतान और दुष्टात्माओं के संदर्भ में इस शब्द का अनुवाद “दुष्टात्माओं का शासक” या “सामर्थी आत्मा अगुओं” या “प्रशासक आत्मा” आदि जो प्रकरण पर निर्भर हों।
(यह भी देखें: स्वर्गदूत, अधिकारी, मसीह, दुष्टात्मा, प्रभु, सामर्थ्य, शासन, शैतान, उद्धारकर्ता, आत्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 05:29-32
- उत्पत्ति 12:14-16
- उत्पत्ति 49:26
- लूका 01:52-53
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1, H117, H324, H2831, H3548, H4502, H5057, H5081, H5139, H5257, H5387, H5633, H5993, H6579, H7101, H7261, H7333, H7336, H7786, H7991, H8269, H8282, H8323, G747, G758, G1413, G2232, G3175
राजा, राज्य, राजसी
परिभाषा:
बाइबल में, "राजा" शब्द से अभिप्राय उस व्यक्ति से है जो लोगों के किसी विशेष समूह अर्थात नगर, राज्य या देश (या दोनों) का सर्वोच्च शासक है।
-
बाइबिल के समय में, आमतौर पर एक राजा को पिछले राजा (ओं) के पारिवारिक संबंध के आधार पर शासन करने के लिए चुना जाता था। राजा के मरणोपरांत उसका जेठा पुत्र ही राजा बनता था।
-
बाइबल में परमेश्वर को राजा कहा गया है क्योंकि वह अपने लोगों पर राज करता है।“परमेश्वर का राज्य” अर्थात अपने लोगों पर परमेश्वर का राज।
-
नये नियम में यीशु को “यहूदियों का राजा”, “इस्राएल का राजा” और “राजाओं का राजा” कहा गया है।
-
इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “सर्वोच्च प्रधान” या “परम अगुआ” या “सत्ताधारी शासक”
-
“राजाओं का राजा” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “सब राजाओं पर राज करने वाला राजा” या “सर्वोच्च शासक जिसे सब शासकों पर अधिकार है”।
(यह भी देखें: अधिकारी, हेरोदेस अन्तिपास, राज्य, परमेश्वर का राज्य)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 तीमुथियुस 06:15-16
- 2 राजा 05:17-19
- 2 शमूएल 05:3-5
- प्रे.का. 07:9-10
- प्रे.का. 13:21-22
- यूहन्ना 01:49-51
- लूका 01:5-7
- लूका 22:24-25
- मत्ती 05:33-35
- मत्ती 14:8-9
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 08:06 एक रात को मिस्र के राजा ने, जिसे फ़िरौन कहते है उसने रात में दो स्वप्न देखे जो उसे निरंतर परेशान कर रहे थे।
- 16:01 इस्राएलियों का उस समय कोई राजा न था, इसलिये हर कोई वही करता था जो उन्हें ठीक लगता था।
- 16:18 अत: लोगों ने परमेश्वर से कहा कि उन्हें भी सभी राष्ट्रों के समान एक राजा चाहिए।
- 17:05 अंततः शाऊल युद्ध में मारा गया, और दाऊद इस्राएल का राजा बन गया। वह एक अच्छा राजा था, और लोग उससे प्रेम करते थे।
- 21:06 परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओ ने यह भी कहा कि, मसीह एक भविष्यद्वक्ता भी होगा, एक पुरोहित भी और एक राजा भी होगा।
- 48:14 दाऊद इस्राएल का राजा था, लेकिन यीशु पूरे ब्रह्मांड का राजा है!
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4427, H4428, H4430, G935, G936
राज्य, राज्यों
परिभाषा:
राज्य अर्थात राजा द्वारा शासित एक प्रजा। इसका संदर्भ एक देश या राजनीतिक क्षेत्र से भी हो सकता है जिस पर एक राजा या शासक का नियंत्रण एवं अधिकार होता है।
- राज्य का भौगोलिक क्षेत्र कुछ भी हो सकता है। राजा किसी एक जाती या देश या मात्र एक नगर का शासक हो सकता है।
- “राज्य” शब्द का सन्दर्भ आत्मिक प्रशासन या अधिकार से भी हो सकता है जैसे “परमेश्वर का राज्य।"
- परमेश्वर समस्त सृष्टि का राजा है परन्तु "परमेश्वर का राज्य" विशेष करके उन लोगों पर उसके राज एवं अधिकार के सन्दर्भ में है जिन्होंने यीशु में विश्वास करके उसके अधिकाराधीन हो जाने का समर्पपण किया है।
- बाइबल में शैतान के “राज्य” की भी चर्चा की गई है जिसमें वह पृथ्वी की बहुत सी बातों पर अस्थाई राज कर रहा है। उसका राज्य दुष्टता का है जिसे “अन्धकार” कहा गया है
अनुवाद के सुझाव:
- राजा के भौगोलिक क्षेत्र के संदर्भ में “राज्य” का अनुवाद "देश (एक राजा द्वारा शासित)" या "राजा का क्षेत्र" या "एक राजा द्वारा शासित क्षेत्र" किया जा सकता है।
- आत्मिक अभिप्राय में, "राज्य" का अनुवाद "प्रशासन" या "शासन" या "नियंत्रण" या "संचालन" के रूप में किया जा सकता है।
- "याजकों के राज्य" का अनुवाद हो सकता है, "आध्यात्मिक पुरोहित जो परमेश्वर द्वारा शासित हैं।"
- "ज्योति का राज्य," इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, "परमेश्वर का शासन जो ज्योति की तरह अद्भुत है है" या "जब परमेश्वर, जो ज्योति है, लोगों पर शासन करता है" या "परमेश्वर के राज्य की ज्योति और अच्छाई।" “ज्योति” शब्द को संजोए रखना उचित है क्योंकि यह बाइबल में एक बहुत महत्वपूर्ण शब्द है।
- ध्यान दें कि "राज्य" शब्द साम्राज्य से अलग हो, जिसमें एक सम्राट कई देशों पर शासन करता है।
(यह भी देखें: अधिकारी, राजा, परमेश्वर का राज्य, इस्राएल के राज्य, यहूदा, यहूदा, याजक)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 02:12
- 2 तीमुथियुस 04:17-18
- कुलुस्सियों 01:13-14
- यूहन्ना 18:36
- मरकुस 03:24
- मत्ती 04:7-9
- मत्ती 13:19
- मत्ती 16:28
- प्रकाशितवाक्य 01:09
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 13:02 परमेश्वर ने मूसा से कहा कि वह इस्राएलियों से कहे ,“इसलिए लिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे, समस्त पृथ्वी तो मेरी है, और तुम मेरी दृष्टी में याजकों का राज्य और पवित्र जाति ठहरोगे।”
- 18:04 तब परमेश्वर ने सुलैमान पर क्रोध किया, और उसकी अधार्मिकता के कारण उसे दंड दिया, और वाचा बाँधी कि सुलैमान की मृत्यु के बाद वह इस्राएल के __ राज्य__ को दो भागों में विभाजित कर देंगा।
- 18:07 दस इस्राएली गोत्र रहूबियाम के विरुद्ध हो गए। केवल दो गोत्र उसके प्रति निष्ठावान रहे। यह दो गोत्र यहूदा का राज्य बन गए।
- 18:08 अन्य दस इस्राएली गोत्र जो रहूबियाम के विरुद्ध में थे, उन्होंने अपने लिए यारोबाम नामक एक राजा को नियुक्त किया। उसने देश के उत्तरी भाग में अपने राज्य की स्थापना की और उसे इस्राएल का राज्य कहा गया।
- 21:08 राजा वह होता है जो राज्य पर शासन करता है और लोगों का न्याय करता है।
शब्द तथ्य:
- स्ट्रोंग्स: H4410, H4437, H4438, H4467, H4468, H4474, H4475, G932
रामाह
तथ्य:
रामाह यरूशलेम से आठ कि.मी. दूर एक प्राचीन इस्राएली नगर था। यह नगर बिन्यामीन गोत्र के प्रदेश में था जहाँ वे रहते थे।
- रामाह में राहेल की मृत्यु हुई थी जब उसने बिन्यामीन को जन्म दिया था।
- बेबीलोन की सेना इस्राएलियों को बन्दी बना कर ले जा रही थी तब वे बेबीलोन पहुंचने से पूर्व रामाह लाए गए थे।
- शमूएल के माता पिता का घर भी रामाह में था।
(यह भी देखें: बिन्यामीन, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 27:25-27
- 1 शमूएल 02:11
- 2 इतिहास 16:1
- यिर्मयाह 31:15
- यहोशू 18:25-28
- मत्ती 02:17-18
शब्द तथ्य:
रिम्मोन
तथ्य:
रिम्मोन बाइबल में एक पुरुष का और अनेक स्थानों का नाम था। एक झूठे देवता का भी यही नाम था।
- रिम्मोन नगर एक पुरुष बिन्यामीनी था जो जबूलून कीरोत नगर का निवासी था। इस पुरुष ने योनातान के विकलांग पुत्र ईशबोशेत की हत्या की थी।
- रिम्मोन यहूदा के दक्षिणी क्षेत्र में बिन्यामीन के क्षेत्र में एक नगर था।
- रिम्मोन की चट्टान” एक सुरक्षा का स्थान था जहाँ बिन्यामीनी युद्ध में मारे जाने से बचकर छिपे थे।
- यहूदा के जंगल में “रिम्मोन परेज” एक अज्ञात स्थान था।
- सीरिया के सेना नायक नामान ने रिम्मोन देवता का उल्लेख किया है जहाँ सीरिया के राजा उपासना करते थे।
(यह भी देखें: बिन्यामीन, यहूदिया, नामान, सीरिया, जबूलून)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 राजा 05:17-19
- 2 शमूएल 04:5-7
- न्यायियों 20:45-46
- न्यायियों 21:13-15
शब्द तथ्य:
रूबेन
तथ्य:
रूबेन याकूब का पहिलौठा था। उसकी माता का नाम लिआ था।
- यूसुफ के भाई जब उसकी हत्या करना चाहते थे तब रूबेन ने उसे गड्ढे में डलवा कर उसकी जान बचाई थी।
- रूबेन बाद में यूसुफ को गड्ढे से निकालने आया, परन्तु उसके अन्य भाइयों ने उसे वहां से जानेवाले व्यापारियों के हाथ दास होने के लिए बेच दिया था।
- रूबेन के वंशज इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक बने थे।
(यह भी देखें: इस्राएल, यूसुफ (पुराना नियम), लिआ:, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 29:31-32
- उत्पत्ति 35:21-22
- उत्पत्ति 42:21-22
- उत्पत्ति 42:37-38
शब्द तथ्य:
- Strong's: H7205, H7206, G4502
रोटी
परिभाषा:
रोटी, आटे में पानी और तेल मिलाकर बनाई जाती है। आटे को बेलकर रोटी का आकार देकर सेंका जाता है।
- जब “रोटी” शब्द अकेला हो तो इसका अर्थ है, रोटी।
- रोटी के आटे को फूलाने के लिए उसमें खमीर मिलाया जाता है। रोटी बिना खमीर के भी बनाई जाती है। * बाइबल में ऐसी रोटी को “अखमीरी रोटी” कहा गया है, यह रोटी यहूदी फसह के पर्व में खाते थे।
- रोटी बाइबल के युग में मुख्य भोजन होता था, इसे भोजन के स्थान में भी काम में लिया गया है।
- “भेंट की रोटियां” निवास के मण्डप या मन्दिर में परमेश्वर को अर्पित की गई बारह रोटियां थी जिन्हें एक सोने की मेज पर रखा जाता था। ये रोटियां इस्राएल के बारह गोत्रों का प्रतिनिधित्व करती थी और केवल याजक ही उन्हें खा सकता था। इसका अनुवाद हो सकता है, “उनमें परमेश्वर की उपस्थिति के दर्शन वाली रोटियां।” प्रतीकात्मक शब्द, “स्वर्ग की रोटी” विशेष सफेद रंग की अन्न, मन्ना के संदर्भ में है, परमेश्वर ने इस्राएलियों के लिए जंगल में इसका उल्लेख किया था।
- यीशु ने स्वयं को “स्वर्ग से उतरने वाली रोटी” और “जीवन की रोटी” कहा है। यीशु अपने शिष्यों के साथ फसह का भोजन खा रहा था तब उसने अपनी देह को अखमीरी रोटी कहा था जो घायल की जायेगी और अन्त में क्रूस पर मार दी जायेगी। अनेक स्थानों में “रोटी” का अनुवाद “भोजन” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: फसह, निवासस्थान, मन्दिर, अख़मीरी रोटी, ख़मीर)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 02:46-47
- प्रे.का. 27:33-35
- निर्गमन 16:13-15
- लूका 09:12-14
- मरकुस 06:37-38
- मत्ती 04:1-4
- मत्ती 11:18-19
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2557, H3899, H4635, H4682, G106, G740, G4286
रोम, रोमी
तथ्यों:
नये नियम के युग में रोम नगर रोमी साम्राज्य की राजधानी था। आज वह इटली देश की राजधानी है।
- रोम साम्राज्य भूमध्य-सागर के संपूर्ण क्षेत्र, इस्राएल पर भी राज कर रहा था।
- “रोमी” शब्द उन सब क्षेत्रों के संदर्भ में है जिन पर रोमी सरकार की सत्ता थी जिनमें रोमी नागरिक और रोमी अधिकारी भी थे।
- प्रेरित पौलुस को बन्दी बनाकर रोम ले जाया गया था क्योंकि वह यीशु का शुभ सन्देश सुनाता था।
- नए नियम की पुस्तक "रोमियों की पत्री" पौलुस द्वारा रोम के मसीही विश्वासियों को लिखा पत्र है।
(यह भी देखें: शुभ समाचार, समुद्र, पिलातुस, पौलुस)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 2 तीमुथियुस 01:15-18
- प्रे.का. 22:25-26
- प्रे.का. 28:13-15
- यूहन्ना 11:47-48
बाइबल के कहानियों से उदाहरण:
- 23:04 जब मरियम के जनने के दिन पूरे हुए, रोमन साम्राज्य ने कहा कि सब लोग नाम लिखवाने के लिए अपने अपने नगर को जाए |
- 32:06 तब यीशु ने उस दुष्टात्मा से पूछा “तेरा क्या नाम है?” उसने उसे कहा “मेरा नाम सेना है: क्योंकि हम बहुत है |” (सेना 6000 सैनिकों का दल होता है |)
- 39:09 अगली सुबह यहूदी नेताओ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया जो एक रोमन राज्यपाल था।अगली सुबह यहूदी नेताओ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया वे इस आशा में थे कि पिलातुस उसे दोषी ठहरा कर उससे मरवा डाले |
- 39:12 रोमन सैनिकों ने यीशु को कोड़े मारे, और शाही बागा पहनाकर काँटों का मुकुट उसके सिर पर रखा | तब उन्होंने यह कहकर यीशु का मज़ाक उड़ाया “यहूदियों का राजा” देखो |
शब्द तथ्य:
लबानोन
तथ्य:
लबानोन एक अति सुंदर पर्वतीय प्रदेश है जो इस्राएल के उत्तर में भूमध्यसागर के तट पर है। बाइबल के युग में यह स्थान सनोवर के देवदारू और सरू के वृक्षों से घिरा हुआ था।
- सुलैमान ने लबानोन में श्रमिक भेजे थे कि परमेश्वर के मन्दिर के निर्माण हेतु पेड़ काट कर लाएं।
- प्राचीन लबानोन में फिनिके वासी रहते थे जो पानी के जहाज बनाने में कुशल कारीगर थे, ये जहाज समुद्र में व्यापार के लिए काम में लिए जाते थे।
- सूर और सैदा नगर लबानोन ही में थे। इन्हीं नगरों में बहुमूल्य बैंजनी रंग सबसे पहले काम में लिया गया था।
(यह भी देखें: देवदारू, सनौबर, सनौबर, फीनीके)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 04:32-34
- 2 इतिहास 02:8-10
- व्यवस्थाविवरण 01:7-8
- भजन संहिता 029:3-5
- जकर्याह 10:8-10
शब्द तथ्य:
लाठी, छड़ें
परिभाषा:
“लाठी” एक पतली लम्बी लकड़ी होती है जिसका उपयोग नाना प्रकार से किया जाता है। इसकी लम्बाई लगभग एक मीटर की होती थी
- चरवाहे हिंसक पशुओं से भेड़ों की रक्षा करने के लिए लाठी साथ रखते थे। लाठी फेंक कर भटकती हुई भेड़ को झुण्ड में लाया जाता था।
- भजन 23 में राजा दाऊद ने “छड़ी” और “लाठी” शब्दों को काम में लिया हैं जो उसके लोगों के लिए उसके मार्गदर्शन और अनुशासन के रूपक हैं।
- चरवाहा अपनी लाठी उठाकर भेड़ों की गिनती करता था।
- “लोहे का दण्ड” भी परमेश्वर से विमुख काम करने वालों के लिए परमेश्वर के दण्ड का प्रतीक है।
- प्राचीन युग में मापदण्ड धातु, लकड़ी या पत्थर के बने होते थे जिनकी सहायता से किसी ईमारत या वस्तु की लम्बाई नापी जाती थी।
- बाइबल में लकड़ी की छड़ी बच्चों के अनुशासन के लिए काम में ली जाती थी।
(यह भी देखें: लाठी, भेड़, चरवाहे)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 04:19-21
- 1 शमूएल 14:43-44
- प्रे.का. 16:22-24
- निर्गमन 27:9-10
- प्रकाशितवाक्य 11:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2415, H4294, H4731, H7626, G2563, G4463, G4464
लाठी, लाठी
परिभाषा:
लाठी एक लम्बी लकड़ी होती थी जिसका उपयोग चलने में सहारा लेने के लिए किया जाता था।
याकूब अपनी वृद्धावस्था में चलने के लिए लाठी का सहारा लेता था।
परमेश्वर ने अपना सामर्थ्य प्रकट करने के लिए मूसा की लाठी को सांप बना दिया था।
चरवाहे भी लाठी का उपयोग करके भेड़ों को चलाते थे या वे गिर जाएं या भटक जाएं तो उनका बचाव करते थे।
लाठी के सिरे पर एक कांटा होता था परन्तु वह चरवाहे की लाठी से भिन्न होती थी क्योंकि चरवाहे की लाठी सीधी होती थी और भेड़ों पर आक्रमण करने वाले वन पशुओं को मारने के लिए काम में ली जाती थी।
(यह भी देखें: फ़िरौन, सामर्थ्य, भेड़, चरवाहे)
बाइबल के सन्दर्भ:
- निर्गमन 04:1-3
- निर्गमन 07:8-10
- लूका 09:3-4
- मरकुस 06:7-9
- मत्ती. 10:8-10
- मत्ती. 27:27-29
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4132, H4294, H4731, H4938, H6086, H6418, H7626, G2563, G3586, G4464
लाभ, कमाई, निष्फल, लाभदायक
परिभाषा:
सामान्य तौर पर, "लाभ" और "लाभदायक" शब्द कुछ कार्य या व्यवहार करने के माध्यम से कुछ अच्छा पाने के लिए कहते हैं
कोई चीज़ किसी के लिए “लाभदायक” होन अर्थात किसी को अच्छी वस्तुएँ प्राप्त कराता है या किसी को अच्छी वस्तु प्राप्त करने में मददकारी है।
- “लाभ” विशेष करके व्यापार में पैसा मुनाफ़ा प्राप्त करने के संदर्भ में होता है। व्यापार लाभकारी होता है जहां निवेष से अधिक पैसा प्राप्त हो।
- कर्म लाभकारी तब होते हैं जब उनके द्वारा मनुष्यों को लाभ होता है।
- 2 तीमु. 3:16 में लिखा है कि संपूर्ण पवित्रशास्त्र मनुष्यों के सुधार और शिक्षा के लिए “लाभदायक” है। इसका अर्थ है कि बाइबल की शिक्षाएँ मनुष्यों को परमेश्वर की इच्छा का जीवन जीने में सहायक और उपयोगी हैं।
"निष्फल" शब्द का अर्थ उपयोगी नहीं होना है।
- इसका शाब्दिक अर्थ है किसी चीज को लाभ पहुंचाना या किसी को कुछ हासिल करने में मदद न करना।
- कुछ ऐसा जो लाभहीन है, करने योग्य नहीं है क्योंकि यह कोई लाभ नहीं देता है।
- इसका अनुवाद "निकम्मा" या "बेकार" या "उपयोगी नहीं" या "अयोग्य" या "लाभकारी नहीं" या "कोई लाभ नहीं" के रूप में किया जा सकता है।
(यह भी देखें: योग्य)
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “लाभ” का अनुवाद “हितकारी” या “सहायता” या “प्राप्ति” हो सकता है।
- “लाभदायक” का अनुवाद “उपयोगी” या “हितकारी” या “सहायक” हो सकता है।
- “से लाभ प्राप्त करना” का अनुवाद “से लाभ उठाना” या “से पैसा प्राप्त करना” था, “से सहायता प्राप्त करना” हो सकता है।
- व्यापार के संदर्भ में “लाभ” का अनुवाद ऐसे शब्द या व्याख्यांश द्वारा किया जाएँ जिसका अर्थ “पैसों का लाभ” या “पैसों की अधिकता” या “अतिरिक्त पैसा” हो।
बाइबल संदर्भ:
- अय्यू.15:03
- नीति. 10:16
- यिर्म. 02:08
- यहे. 18:12-13
- यूह. 06:63
- मरकुस 08:36
- मत्ती 16:26
- 2 पतरस 02:1-3
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H1215, H3148, H3276, H3504, H4195, H4768, H5532, H7737, H7939, G147, G255, G512, G888, G889, G890, G1281, G2585, G2770, G2771, G3408, G4297, G4298, G4851, G5539, G5622, G5623, G5624
लूका
तथ्य:
लूका नये नियम की दो पुस्तकों का लेखक था, लूका रचित सुसमाचार और प्रेरितों के काम की पुस्तक।
- कुलुस्से की कलीसिया को लिखे पत्र में पौलुस लूका को वैद्य कहता है। पौलुस अपने दो अन्य पत्रों में भी लूका का नाम लेता है।
- ऐसा माना जाता है कि मसीह का अनुयायी बनने से पूर्व लूका एक यूनानी और अन्यजाति मनुष्य था। अपने सुसमाचार वृत्तान्त में लूका अनेक ऐसी बातों का उल्लेख करता है जिसके द्वारा यीशु का प्रेम सबके लिए, यहूदी और अन्यजाति दोनों के लिए प्रकट होता है।
- लूका पौलुस के साथ दो प्रचार यात्राओं में गया था और उसके कार्यों में उसकी सहायता की थी।
- कुछ आरंभिक कलीसियाई लेखों से जानकारी मिलती है कि लूका सीरिया के अन्ताकिया में जन्मा था।
(यह भी देखें: अन्ताकिया, पौलुस, सीरिया)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 तीमु. 04:11-13
- कुलुस्सियों 04:12-14
- फिलेमोन 01:23-25
शब्द तथ्य:
लेवी, लेवीय, लेवियों, लेवीय
परिभाषा:
लेवी याकूब या इस्राएल के बारह पुत्रों में से एक था। “लेवीय” अर्थात इस्राएल के लेवी गोत्र जिसका कुलपति लेवी था, उसका सदस्य।
- लेवी मंदिर की देखभाल के उत्तरदायी थे, वे धार्मिक अनुष्ठानों को भी करते थे जिसमें बली चढ़ाना तथा प्रार्थना करना भी था।
- सब यहूदी याजक लेवी थे, लेवी के वंशज और लेवी गोत्र के सदस्य। (तथापि सब लेवी याजक नहीं थे।)
- लेवी याजक मंदिर में परमेश्वर की सेवा के लिए अलग किए गए थे और अभिषिक्त जन थे।
- लेवी नामक दो पुरुष यीशू के पूर्वजों में थे जिनके नाम लूका रचित सुसमाचार में दी गई वंशावली में हैं।
- यीशु का शिष्य मत्ती भी लेवी था।
(यह भी देखें: मत्ती, याजक, बलिदान करना, मन्दिर, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 02:1-2
- 1 राजा 08:3-5
- प्रे.का. 04:36-37
- उत्पत्ति 29:33-34
- यूहन्ना 01:19-21
- लूका 10:31-32
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3878, H3879, H3881, G3017, G3018, G3019, G3020
वंश
परिभाषा:
“वंश” शब्द मनुष्य या पशु की सांसारिक सन्तति के लिए काम में लिया जाता है।
- बाइबल में “वंश” का अर्थ “सन्तान” या “सन्तति” होता है।
- कभी-कभी “बीज” शब्द प्रतीकातमक रूप से सन्तान के लिए काम में लिया जाता है।
(यह भी देखें: उतरेगा, बीज)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 17:28-29
- निर्गमन 13:11-13
- उत्पत्ति 24:5-7
- यशायाह 41:8-9
- अय्यूब 05:23-25
- लूका 03:7
- मत्ती 12:33-35
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1121, H2233, H5209, H6363, H6529, H6631, G1081, G1085
वचन, शब्द
परिभाषा:
“वचन” शब्द का अर्थ है किसी के द्वारा कही गई बात।
- उदाहरणार्थ, स्वर्गदूत ने जकर्याह से कहा था, “तूने मेरी बातों की प्रतीति न की” अर्थात “मैंने जो तुझ से कहा उस पर तूने विश्वास नहीं किया।”
- यह शब्द प्रायः मात्र एक शब्द की अपेक्षा संपूर्ण सन्देश के संदर्भ में होता है।
- कभी-कभी “वचन” शब्द सामान्य कथन के संदर्भ में भी होता है जैसे “वचन एवं कार्य में सामर्थी” जिसका अर्थ है “कहने और व्यवहार में सामर्थी”।
- बाइबल में “वचन” शब्द प्रायः परमेश्वर की बात या आज्ञा के संदर्भ में होता है जैसे परमेश्वर का वचन या सत्य का वचन।
- इस शब्द का अति विशेष उपयोग है जब यीशु को “वचन” कहा गया है। इन अंतिम दो अर्थों के लिए, देखें परमेश्वर के वचन
अनुवाद के सुझाव
- “वचन” या “वचनों” के अनुवाद के विभिन्न रूप, “शिक्षा” या “सन्देश” या “समाचार” या “कथन” या “जो कहा गया।”
(यह भी देखें: परमेश्वर के वचन)
बाइबल संदर्भ:
- 2 तीमु. 04:1-2
- प्रे.का. 08:4-5
- कुलुस्सियों 04:2-4
- याकूब 01:17-18
- यिर्मयाह 27:1-4
- यूह. 01:1-3
- यूह. 01:14-15
- लूका 08:14-15
- मत्ती 02:7-8
- मत्ती 07:26-27
शब्द तथ्य:
- Strong's: H561, H562, H565, H1697, H1703, H3983, H4405, H4406, H6310, H6600, G518, G1024, G3050, G3054, G3055, G3056, G4086, G4487, G4935, G5023, G5542
वर्णन, ठहराया, कहता है, घोषणा
परिभाषा:
“वर्णन” और “वाणी” अर्थात “औपचारिक या सार्वजनिक कथन”, प्रायः किसी बात पर बल देने के लिए। “वाणी” में कही जाने वाली बात के महत्व पर ही बल नहीं दिया जाता है परन्तु इसमें घोषणा करने वाले की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जाता है।
-
एक "घोषणा" न केवल घोषित की जा रही के महत्व पर जोर देती है, बल्कि यह घोषणा करने वाले पर भी ध्यान देती है।
-
उदाहरणार्थ, पुराने नियम में परमेश्वर के सन्देश से पूर्व, “यहोवा यों कहता है” या “यहोवा का यह वचन” उक्ति आती है। इस उक्ति से इस बात पर बल दिया जाता है कि इस सन्देश को पहुंचाने वाला यहोवा ही है। यह तथ्य कि सन्देश यहोवा का है दर्शाता है कि सन्देश अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार, “वर्णन” का अनुवाद हो सकता है, “घोषणा करना” या “सार्वजनिक कथन प्रस्तुत करना” या “बलपूर्वक कहना” या “बल देकर कहना”।
- “वाणी” शब्द का अनुवाद “कथन” या “उद्घोषण” भी हो सकता है।
- “यहोवा यों कहता है” का अनुवाद “यहोवा घोषणा करता है” या “यहोवा का कहना है” हो सकता है।
(यह भी देखें: प्रचार करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 16:23-24
- 1 कुरिन्थियों15:31-32
- 1 शमूएल 24:17-18
- आमोस 02:15-16
- यहेजकेल 05:11-12
- मत्ती 07:21-23
शब्द तथ्य:
- Strong's: H262, H559, H816, H874, H1696, H3045, H4853, H5002, H5042, H5046, H5608, H6567, H7121, H7561, H7878, H8085, G312, G518, G669, G1229, G1344, G1555, G1718, G1834, G2097, G2511, G2605, G2607, G3140, G3670, G3724, G3822, G3870, G3955, G4296
वर्ष, वर्षों
परिभाषा:
बाइबल में “वर्ष” का वास्तविक अर्थ था 354 दिनों का समय। यह वर्ष चंद्र कैलेण्डर के अनुसार था जब चांद पृथ्वी की एक परिक्रमा कर लेता है।
- आज का वर्ष सौर कैलेण्डर के अनुसार 365 दिन का होता है और बारह महीने होते हैं, यह समय पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा का समय है।
- दोनों ही कैलेण्डरों में वर्ष के बारह महीने हैं। चंद्र कैलेण्डर के वर्ष में तेरहवां महीना जोड़ा जाता है यह उस तथ्य की पूर्ति के लिए है कि चांद्र वर्ष सौर वर्ष से ग्यारह दिन छोटा है। इससे दोनों कैलेण्डरों को समानान्तर रखने में सहायता मिलती है।
- बाइबल में वर्षों को प्रतीकात्मक रूप में भी काम में लिया जाता है जो किसी घटना के लिए समय की सामान्य चर्चा के लिए काम में लिया जाता है। इसके उदाहरण हैं “यहोवा का वर्ष” या “अकाल के वर्ष” या “यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष”। ऐसे संदर्भों में “वर्ष” का अनुवाद “समय” या “ऋतु” या “समय का अन्तराल” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: महीने)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 राजा 23:31-33
- प्रे.का. 19:8-10
- दानिय्येल 08:1-2
- निर्गमन 12:1-2
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3117, H7620, H7657, H8140, H8141, G1763, G2094
वाचा, वाचाओं
परिभाषा:
बाइबल में, "वाचा" शब्द दो पक्षों के बीच एक औपचारिक, वाचा एक विधिवत बन्धक समझौता है जिसे दोनों पक्षों को निभाना होता है।
- यह समझौता दो मनुष्यों, दो जन समूहों में या परमेश्वर और मनुष्यों के मध्य हो सकता है।
- मनुष्य जब एक दूसरे के साथ वाचा बांधते हैं तब वे कुछ प्रतिज्ञाएं करते हैं और उनका पूरा करना अनिवार्य होता है।
- मनुष्यों के मध्य वाचा के उदाहरण हैं, विवाह, व्यापारिक समझौते तथा देशों के मध्य संधि।
- संपूर्ण बाइबल में परमेश्वर ने अपने लोगों के साथ अनेक वाचाएं बांधी हैं।
- कुछ वाचाओं में परमेश्वर ने बिना शर्त अपनी भूमिका निभाने की प्रतिज्ञा की है। * उदाहरणार्थ जब परमेश्वर ने मनुष्यों के साथ बाचा बांधी थी कि वह पृथ्वी को जल प्रलय से कभी नष्ट नहीं करेगा तो उसमें मनुष्यों की कोई भूमिका नहीं थी।
- अन्य वाचाओं में परमेश्वर ने अपनी भूमिका निभाने की शर्तें रखी थी कि मनुष्य आज्ञाओं को मानें और अपना कर्तव्य निभाएं।
शब्द "नई वाचा" परमेश्वर, अपने पुत्र, यीशु के बलिदान के माध्यम से अपने लोगों के साथ की गई प्रतिबद्धता या समझौते को दर्शाता है।
- परमेश्वर के "नई वाचा" को बाइबल के भाग में समझाया गया जिसे "नया नियम" कहा जाता है।
- यह नई वाचा “पुराने” या “पूर्व” वाचा के विपरीत है जिसे परमेश्वर ने पुराने नियम के समय में इस्राएलियों के साथ बांधी थी।
- नई वाचा पुराने की तुलना में उत्तम है क्योंकि यह यीशु के बलिदान पर आधारित है, जो पूर्णरूप से लोगों के पापों के लिए प्रायश्चित करता है। पुरानी वाचा के अधीन किए गए बलिदानों ने ऐसा नहीं किया।
- परमेश्वर यीशु पर विश्वास करने वालों के हृदयों पर नई वाचा लिखते हैं। इससे उन्हें परमेश्वर की आज्ञा मानना और पवित्र जीवन जीना शुरू करना पड़ता है।
- नई वाचा पूरी तरह से अंत के समय में पूरी होगी जब परमेश्वर पृथ्वी पर अपना शासन स्थापित करते हैं। सब कुछ एक बार फिर से बहुत अच्छा होगा, जैसा कि परमेश्वर ने पहली बार दुनिया को बनाया था।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुवाद इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “बन्धक समझौता” या “विधिवत समर्पण” या “अनुबन्ध” या “वचनबद्धता”।
- कुछ भाषाओं में वाचा बांधने की एकपक्षीय या द्विपक्षीय प्रतिज्ञाओं के अनुसार अलग-अलग शब्द होते हैं। यदि वाचा एक पक्षीय है तो इसका अनुवाद “प्रतिज्ञा” या “प्रण” हो सकता है।
- सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद ऐसा न सुनाई दे कि मनुष्यों ने वाचा को प्रस्तावित किया है। परमेश्वर और मनुष्यों के मध्य सब वाचाओं में परमेश्वर ही वाचा का प्रतिपादक है।
- "नई वाचा" शब्द का अनुवाद "नए औपचारिक समझौते" या "नए समझौते" या "नए अनुबंध" के रूप में किया जा सकता है।
- इन अभिव्यक्तियों में "नया" शब्द का अर्थ "ताजा" या "नए प्रकार का" या "दूसरा" है।
(यह भी देखें: नई वाचा, प्रतिज्ञा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 राजा 18:11-12
- 2 शमूएल 23:5
- प्रे.का. 07:6-8
- निर्गमन 34:10-11
- गलातियों 03:17-18
- उत्पत्ति 09:11-13
- उत्पत्ति 17:7-8
- उत्पत्ति 31:43-44
- यहोशू 24:24-26
- लूका 01:72-75
- मरकुस 14:22-25
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 04:09 फिर परमेश्वर ने अब्राम के साथ एक वाचा बांधी। वाचा दो दलों के बीच एक सहमति होती है।
- 05:04 “मैं इश्माएल को भी एक बड़ी जाति बनाऊंगा, लेकिन मेरी वाचा इसहाक साथ होगी।”
- 06:04 एक लंबे समय के बाद अब्राहम की मृत्यु हो गयी, परमेश्वर ने अब्राहम से जो वाचा बाँधी थी उसके अनुसार, परमेश्वर ने इसहाक को आशीष दी।
- 07:10 परमेश्वर ने अब्राहम की वंशावली के विषय में जो वाचा उससे बाँधी थी, वह अब्राहम से इसहाक और इसहाक से याकूब को दी।”
- 13:02 परमेश्वर ने मूसा से कहा कि वह इस्राएलियों से कहे ,“लिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे, समस्त पृथ्वी तो मेरी है, और तुम मेरी दृष्टी में याजकों का राज्य और पवित्र जाति ठहरोगे।”
- 13:04 परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा, “मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अथार्त् मिस्र देश से निकाल लाया है। तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना।”
- 15:13 तब यहोशू ने इस्राएलियों को वह वाचा याद दिलाई जो उन्होंने परमेश्वर के साथ सीनै पर्वत पर बाँधी थी, कि वह उसका पालन करेंगे।
- 21:05 भविष्यवक्ता यिर्मयाह के माध्यम से, परमेश्वर ने वादा किया कि वह एक नई वाचा का निर्माण करेगा, लेकिन सिनाई में इस्राएल के साथ की गई वाचा की तरह नहीं। नई वाचा में, परमेश्वर लोगों के दिलों पर अपना नियम लिखेगा, लोग परमेश्वर को व्यक्तिगत रूप से जानेंगे, वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर उनके पापों को क्षमा करेगा। मसीहा नई वाचा शुरू करेगा।
- 21:14 मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान के माध्यम से, परमेश्वर पापियों को बचाने और नई वाचा शुरू करने की अपनी योजना को पूरा करेगा।
- 38:05 तब यीशु ने एक प्याला लिया और कहा, “इसे पी लो। यह मेरी नई वाचा का लहू है जो पापों की क्षमा के लिए बहाया जाता है। इसे पी कर हर बार मुझे याद करने के लिए करें।”
- 48:11 लेकिन परमेश्वर ने अब एक नई वाचा बाँधी है जो सभी के लिए उपलब्ध है। इस नई वाचा के कारण, किसी भी समूह का कोई भी व्यक्ति यीशु पर विश्वास करके परमेश्वर के लोगों का हिस्सा बन सकता है।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1285, H2319, H3772, G802, G1242, G4934
वाचा का सन्दूक, यहोवा का सन्दूक
परिभाषा:
ये शब्द एक विशेष लकड़ी के सन्दूक के लिए है, जिस पर सोने की परत चढ़ाई हुई थी। उसमें दस आज्ञाओं की पत्थर की दो पट्टियां थी। उसमें हारून की लाठी और मन्ना का मर्तबान भी था।
- सन्दूक का अनुवाद “बक्सा”, "पेटी" और "तिजोरी" भी किया जा सकता है।इस सन्दूक में रखी वस्तुएं इस्राएल को परमेश्वर की वाचा का स्मरण कराती थी।
- वाचा का सन्दूक "परमपवित्र स्थान" में रखा हुआ था।
- मिलाप वाले तम्बू में परमेश्वर की उपस्थिति परमपवित्र स्थान में वाचा के सन्दूक के ऊपर थी। वहां वह इस्राएलियों के लिए मूसा से बातें करता था।
- जिस समय वाचा का सन्दूक मन्दिर के परमपवित्र स्थान में था, उस समय केवल प्रधान पुरोहित उस सन्दूक के निकट जा सकता था और वह भी वर्ष में एक बार प्रायश्चित दिवस पर।
- अनेक अंग्रजी अनुवादों में “वाचा के आदेशों” का अनुवाद शब्दशः “साक्षी(टेस्टीमनी)” किया गया है। यह इस तथ्य का संदर्भ देता है कि दस आज्ञाएं प्रजा के साथ परमेश्वर की वाचा की साक्षी या गवाही हैं। इसका अनुवाद “वाचा का विधान” भी किया गया है।
(यह भी देखें: जहाज़, वाचा, प्रायश्चित, पवित्रस्थान, गवाही, साक्षी)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 06:14-15
- निर्गमन 25:10-11
- इब्रानियों 09:3-5
- न्यायियों 20:27-28
- गिनती 07:89
- प्रकाशितवाक्य 11:19
शब्द तथ्य:
- Strong's: H727, H1285, H3068
विनती, विनती की, विनती की, कंगाल
परिभाषा:
“विनती” अर्थात किसी से किसी बात का साग्रह निवेदन करना। इसका संदर्भ पैसा मांगने से है परन्तु इसका अभिप्राय किसी बात का निवेदन करने से भी है।
- मनुष्य घोर आवश्यकता में विनती या याचना करता है परन्तु प्राप्त करने का निश्चय नहीं होता है।
- “भिखारी” वह मनुष्य है जो सार्वजनिक स्थानों में बैठकर या खड़ा होकर मनुष्यों से पैसा मांगता है।
प्रकरण के अनुवाद इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “विनती करना” या “साग्रह निवेदन करना” या “पैसा मांगना” या “सदैव पैसा मांगना”
(यह भी देखें: गिड़गिड़ाना)
बाइबल सन्दर्भ:
- लूका 16:19-21
- मरकुस 06:56
- मत्ती 14:34-36
- भजन 045:12-13
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 10:04 परमेश्वर ने सारे मिस्र देश में मेंढकों को भेज दिया। फ़िरौन ने मेंढकों को दूर ले जाने के लिये मूसा से विनती की।
- 29:08 तब राजा ने उसे बुलाकर उस से कहा, ‘हे दुष्ट दास, तू ने जो मुझ से विनती की, तो मैं ने तेरा वह पूरा कर्ज़ क्षमा कर दिया।’
- 32:07 दुष्टात्मा ने यीशु से बहुत विनती की, “हमें इस देश से बाहर न भेज।” वहाँ पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्ड चर रहा था। दुष्टात्मा ने उससे विनती करके कहा “ कृपया हमें उन सूअरों में भेज दे कि हम उनके भीतर जाए!”
- 32:10 तो वह आदमी जिसमें पहले दुष्टात्मा थी, “यीशु के साथ जाने विनती करने लगा ।”
- 35:11 उसका पिता बाहर आया और उसे सबके साथ जश्न मनाने के लिये उससे विनती करने लगा परन्तु उसने मना कर दिया।”
- 44:01 एक दिन पतरस और यूहन्ना प्रार्थना करने के लिये मन्दिर में जा रहे थे। तब उन्होंने एक लंगड़े भिखारी को देखा जो पैसों के लिए भीख माँग रहा था।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H34, H7592, G154, G1871, G4319, G4434, G6075
विश्वास, भरोसा, विश्वसनीय, भरोसेमंद, विश्वसनीयता
परिभाषा:
किसी वस्तु या व्यक्ति पर “भरोसा” करने से तात्पर्य उस वस्तु या व्यक्ति को सच्चा एवं भरोसेमंद मानने से है। उस विश्वास को "भरोसा" भी कहा जाता है। “विश्वासयोग्य” मनुष्य पर भरोसा किया जा सकता है कि वह सही और सत्य को कहे और करे, और इसलिए जिसकी "विश्वसनीयता" की गुणवत्ता है।
- भरोसा, विश्वास से संबन्धित है जब हम किसी पर भरोसा करते हैं तब हम उस पर विश्वास करते हैं कि उसने जिस बात की प्रतिज्ञा की है उसे वह पूरा करेगा।
- किसी पर भरोसा करने का अर्थ है उस पर निर्भर रहना।
- मसीह “पर भरोसा” करने का अर्थ है विश्वास करना कि वह परमेश्वर है, कि वह हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए क्रूस पर मरा और हमारे उद्धार के लिए उस पर निर्भर रहना।
- “एक "भरोसेमंद कहावत" कुछ ऐसा करने के लिए संदर्भित करता है जिसे सच माना जा सके।
अनुवाद के लिए सुझाव:
- “भरोसा” के अनुवाद में, “विश्वास” या “यकीन” या “पक्की आशा” या “निर्भर रहना” शामिल हो सकते हैं।
- “में भरोसा रखो” का अर्थ “भरोसा रखने” से मिलता जुलता है।
- शब्द "भरोसेमंद" का अनुवाद “विश्वासयोग्य” या “विश्वास के योग्य” या “सदैव भरोसे में है” हो सकता है।
(यह भी देखें: विश्वास, भरोसा, विश्वास, विश्वासयोग्य, सच्चा)
बाइबल संदर्भ:
- 1 इतिहास 09:22-24
- 1 तीमुथियुस 04:9-10
- होशे 10:12-13
- यशा. 31:1-2
- नहेमायाह 13:12-14
- भजन 031:5-7
- तीतुस 03:8
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 12:12 जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र के लोग मारे गए है, तो उन्होंने परमेश्वर पर भरोसा किया और विश्वास करने लगे कि मूसा परमेश्वर का एक नबी है।
- 14:15__यहोशू एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर __विश्वास करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
- 17:02__दाऊद एक बहुत ही नम्र व धर्मी पुरुष था, जो परमेश्वर पर __विश्वास और उसकी आज्ञाओं का पालन करता था।
- 34:06 फिर यीशु ने उन लोगों के बारे में एक कहानी बताई जो अपने स्वयं के अच्छे कर्मों पर विश्वास रखते थे और अन्य लोगों के साथ घृणा करते थे।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H539, H982, H1556, H2620, H2622, H3176, H4009, H4268, H7365, G1679, G3872, G3982, G4006, G4100, G4276
विश्वास, विश्वासी, अविश्वास, अविश्वासी
परिभाषा:
“विश्वास” और “विश्वास करना” निकट संबन्ध में हैं परन्तु इसके अर्थ में अन्तर बहुत कम है।
1. विश्वास
- किसी पर विश्वास करना अर्थात स्वीकार करना या भरोसा रखना की यह सच है।
- किसी पे विश्वास करना अर्थात यह मानना की उस व्यक्ति ने जो कहा वह सच है।
2. विश्वास करने
- किसी व्यक्ति पर "विश्वास करने" का अर्थ उस व्यक्ति पर "भरोसा" रखना है। भरोसा करने का अर्थ है कि वह व्यक्ति जो कहता है वह हमेशा सच्चाई से बोलता है, और वह करेगा जो उसने करने का वादा किया है।
- जब कोई व्यक्ति वास्तव में किसी चीज़ में विश्वास करता है, तो वह ऐसे तरीके से कार्य करेगा जो इस विश्वास को दर्शाता है।
- वाक्यांश "किसी में विश्वास करना" का अर्थ के रूप में "में विश्वास है।"
- “मसीह पर विश्वास” करने का अर्थ है विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है, वह स्वयं परमेश्वर है जो मनुष्य बना और हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए मारा गया। इसका अर्थ भरोसा रखना की वे उद्धारक है और ऐसा जीवन जीना जिससे उसका सम्मान हो।
अनुवाद के सुझाव:
- “विश्वास करना” का अनुवाद “जानना की सत्य है” या “उचित होने का ज्ञान” किया जा सकता है।
- “में विश्वास करना” का अनुवाद “पूर्ण भरोसा” या “विश्वास करना” एवं “आज्ञा मानना” या “पूर्ण निर्भर होकर अनुसरण करना” हो सकता है।
(यह भी देखें: विश्वास, प्रेरित, मसीह, शिष्य, विश्वासी, भरोसा)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति, 15:06
- उत्पत्ति, 45:26
- अय्यूब, 09:16-18
- हबक्कूक, 01:5-7
- मरकुस, 06:4-6
- मरकुस, 01:14-15
- लूका 09:41
- यूहन्ना, 01:12
- प्रे.का., 06:05
- प्रे.का., 09:42
- प्रे.का., 28:23-24
- रोमियों 03:03
- 1 कुरिन्थियों 06:01
- 1 कुरिन्थियों, 09:05
- 2, कुरिन्थियों 06:15
- इब्रानियों 03:12
- 1 यूहन्ना, 03:23
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
-
03:04 नूह ने लोगों को बाढ़ के विषय में चेतावनी दी , और कहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराओ पर उन्होंने नूह पर विश्वास नहीं किया।
-
04:08 अब्राम ने परमेश्वर की वाचा पर विश्वास किया। परमेश्वर ने घोषित किया कि अब्राम धर्मी है, क्योंकि उसने परमेश्वर की वाचा पर विश्वास किया है।
-
11:02 परमेश्वर ने कहा कि, वो मनुष्य जो उस पर विश्वास करेंगा वह उसके पहिलौठे पुत्र को बचाएगा।
-
11:06 परन्तु मिस्र के लोग परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते थे या उसकी आज्ञा का पालन नहीं करते थे।
-
37:05 यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ। जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा। और हर कोई जो मुझ पर विश्वास करता है वह कभी न मरेंगा। क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?”
-
43:01 यीशु के स्वर्ग लौटने के बाद, चेले यरूशलेम में ही रहे क्योंकि यीशु ने उन्हें ऐसा करने की आज्ञा दी थी। वहाँ के विश्वासी लगातार प्रार्थना करने के लिए इकट्ठे हुए।
-
_43:03 जब सभी विश्वासी एक साथ थे, अचानक वह घर जहाँ वे थे एक तेज आवाज की वायु से भर गया_ । उन्हें आग के समान जीभें फटती हुई दिखाई दी और उनमें से हर एक पर आ ठहरी।
-
43:13 प्रतिदिन, बहुत से लोग विश्वासी बन गये।
-
46:06 उस दिन से यरूशलेम में बहुत से लोगों ने यीशु के अनुयायियों को सताना शुरू कर दिया, इसलिए विश्वासी अन्य स्थानों पर भाग गए। लेकिन इसके बावजूद, जहाँ भी वे गए उन्होंने यीशु के बारे में प्रचार किया।
-
_46:01_ शाऊल वह युवक था, जिसने स्तिफनुस की हत्या करने वाले लोगों के परिधानों पर पहरा दिया था। वह यीशु पर विश्वास नहीं करता था, इसलिए उसने विश्वासियों को सताया।
-
46:09 कुछ लोग यरूशलेम के क्लेश के कारण तितर-बितर हो गए थे, और अन्ताकिया में पहुँच कर यीशु के बारे में प्रचार किया। यह वही जगह है जहाँ पहली बार यीशु के विश्वासी को "मसीह" कहा गया था।
-
47:14 उन्होंने कलीसियाओं में विश्वासियों को प्रोत्साहित करने और सिखाने के लिए कई पत्र भी लिखे।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H539, H540, G543, G544, G569, G570, G571, G3982, G4100, G4102, G4103, G4135
विश्वास
परिभाषा:
सामान्यतः “विश्वास” का अर्थ है किसी मनुष्य या वस्तु में आस्था, भरोसा या “विश्वास”।
- “विश्वास होना” अर्थात स्वीकार करना कि किसी ने कुछ कहा या किया तो वह सच है और विश्वासयोग्य है।
- “यीशु में विश्वास” का अर्थ है, यीशु के बारे में परमेश्वर की सब शिक्षाओं को मानना। इसका अर्थ विशेष करके यह है मनुष्य यीशु में और उनके पाप मोचन तथा पाप के दण्ड से मुक्ति के उसके बलिदान में विश्वास करे।
- यीशु में सच्चा विश्वास मनुष्य में आत्मिक फल या अच्छा व्यवहार उत्पन्न करता है क्योंकि उसमें पवित्र आत्मा का अन्तर्वास होता है।
- कभी-कभी “विश्वास” यीशु के बारे में सब शिक्षाओं के संदर्भ में होता है। जैसा इस अभिव्यक्ति, “विश्वास के सत्य” में है।
- "विश्वास को थामे रहना" तथा विश्वास को त्याग देने में विश्वास मसीह में आस्था को दर्शाता है जिसमें मनुष्य यीशु के बारे में सब शिक्षाओं को ग्रहण करता है।
अनुवाद के सुझाव:
- कुछ संदर्भों में “विश्वास” का अनुवाद “आस्था-श्रद्धा” या “अधिकार” या “निश्चिय” या “भरोसा” किया जा सकता है।
-
कुछ भाषाओं में इन शब्दों का अनुवाद “विश्वास करना” के क्रिया रूपों द्वारा किया जा सकता है। भाववाचक संज्ञा)
-
"विश्वास रखना" का अनुवाद "यीशु पर विश्वास करना" या "यीशु पर विश्वास जारी रखें" द्वारा अनुवादित किया जा सकता है।
- ये वाक्य "विश्वास की गहरी सच्चाइयों को पकड़ना" का अनुवाद, "उन्हें यीशु के बारे में सारी सच्ची बातें मानना चाहिए जो उन्हें सिखाया गया हैके रूप में किया जा सकता है ।"
- "विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र" शब्द का अनुवाद "मेरे पुत्र के समान है क्योंकि मैंने उसे यीशु पर विश्वास करने के लिए सिखाया था" या "मेरा सच्चा आध्यात्मिक पुत्र, जो यीशु पर विश्वास करता है" का अनुवाद किया जा सकता है।
(यह भी देखें: विश्वास, विश्वासयोग्य)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 तीमुथियुस 04:6-8
- प्रे.का. 06:7
- गलतियों 02: 20-21
- याकूब 02:18-20
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 05:06 जब इसहाक जवान था, तो परमेश्वर अब्राहम के विश्वास की परीक्षा लेते हुए कहा, की अपने एकमात्र बेटे को लेकर बलिदान के रूप में मार डालो।
- 31:07 फिर उसने (यीशु) पतरस से कहा, "तुम थोड़े विश्वास वाले व्यक्ति, तुमने शक क्यों किया?"
- 32:16 यीशु ने उससे कहा, "तुम्हारे विश्वास ने तुमको चंगा किया है। शान्ति से जाओ।"
- 38:09 यीशु ने पतरस से कहा, “शैतान तुम सबकी परीक्षा लेना चाहता है, परन्तु मैंने तुम्हारे लिये प्रार्थना की है, पतरस, तेरा विश्वास कमज़ोर नहीं होगा।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H529, H530, G1680, G3640, G4102, G6066
वेदी, वेदियों
परिभाषा:
वेदी एक पत्थर निमित ऊंचा स्थान होता था जिस पर इस्राएली परमेश्वर के लिए पशु या अन्न होम करके बलि करते थे।
- बाइबल के युग में मिट्टी या बड़े-बड़े पत्थरों को एक साथ रखकर टीला सा बनाया जाता था।
- कुछ विशेष वेदियां लकड़ी के बक्से जैसी बनाई जाती थी जिन पर सोना, पीतल या कांसा चढ़ाया जाता था।
- इस्राएल के पड़ोस की जातियां भी अपने देवताओं के लिए वेदियां बनाती थी।
(यह भी देखें: धूप की वेदी, देवता, अन्नबलि, बलिदान करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 08:20-22
- उत्पत्ति 22:9-10
- याकूब 02:21-24
- लूका 11:49-51
- मत्ती 05:23-24
- मत्ती 23:18-19
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 03:14 उसने एक वेदी बनाई, जिसे बलिदान के लिये इस्तमाल किया जा सके और सभी तरह के जन्तुओ का बलिदान दिया।
- 05:08 जब वे बलिदान की जगह पर पहुंच गए, तो अब्राहम ने अपने पुत्र इसहाक को बांध दिया और उसे वेदी पर रख दिया।
- 13:09 एक पुरोहित ने पशु को मारकर उसे वेदी पर जला दिया।
- 16:06 उसने(गिदोन) एक नई वेदी बनाई जो परमेश्वर यहोवा के लिए बनाई वह पहिले देवताओं की मूर्ति के वेदी के पास समर्पित किया जाता था और उसमें देवताओं को बलिदान दिया जाता था।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H741, H2025, H4056, H4196, G1041, G2379
व्यभिचार, व्यभिचारी, व्यभिचारी, व्यभिचारिणी, व्यभिचारी,व्यभिचारिणियों
परिभाषा:
“व्यभिचार” अर्थात विवाहित मनुष्य द्वारा विवाह की सीमा के बाहर यौन सम्बन्ध बनाने का पाप। दोनों ही व्यभिचार के दोषी हैं। “व्यभिचारी” ऐसा व्याहार या ऐसा पाप करने वाला मनुष्य।
- व्यभिचारी सामान्यतः व्यभिचार करनेवाला मनुष्य के सन्दर्भ में है।
- व्यभिचारिणी-व्यभिचार करनेवाली स्त्री के सन्दर्भ में है।
- व्यभिचार में पति-पत्नी द्वारा विवाह की वाचा में की गई प्रतिज्ञाओं को तोड़ना।
- परमेश्वर ने इस्राएलियों को व्यभिचार नहीं करने का आदेश दिया।
- “व्यभिचारिणियों” प्रतीकात्मक रूप में इस्राएल के लिए काम में लिया गया है जब वे परमेश्वर के स्वामीभक्त नहीं होते थे, विशेष करके जब वे छुठे ईश्वर की उपासना करते थे।
अनुवाद के सुझाव:
- यदि लक्षित भाषा में व्यभिचार के अनुवाद हेतु एक शब्द न होते। इसका अनुवाद एक उक्ति में किया जा सकता है, “किसी और की पत्नी के साथ यौन संबन्ध बनाना” या “किसी और के जीवन साथी के साथ अन्तरंग संबन्ध बनाना”।
- कुछ भाषाओं में व्यभिचार को स्पष्ट व्यक्त नहीं किया जाता है जैसे, “किसी और के जीवन साथी के साथ सोना” या “अपनी पत्नी से विश्वासघात करना”।
- जब '' व्यभिचारी '' का प्रयोग किसी आलंकारिक अर्थ में किया जाता है, तो अविश्वासी पति / पत्नी के साथ तुलना की जा रही उनके आज्ञा न मानने वाले लोगों के बारे में परमेश्वर के विचारों के बारे में संवाद करने के लिए, यह सबसे अच्छा अनुवाद करना है। अगर यह लक्षित भाषा में सही ढंग से नहीं व्यक्त किया जाए, तो "व्यभिचारी" का आलंकारिक उपयोग "विश्वासघाती" या "अनैतिक" या "विश्वासघाती पति की तरह" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है।
(यह भी देखें: करना, वाचा, व्यभिचार, के साथ संबंध थे, विश्वासघाती)
बाइबल सन्दर्भ:
- निर्गमन 20:12-14
- होशे 04:1-2
- लूका 16:18
- मत्ती 05:27-28
- मत्ती 12:38-40
- प्रकाशितवाक्य 02:22-23
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 13:06 "तू व्यभिचार न करना।"
- 13:06 व्यभिचार मत करना
- 34:07 “धार्मिक अगुवे ने अपने मन में इस तरह प्रार्थना की, ‘हे परमेश्वर मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरे मनुष्यों के समान अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूँ।’”
शब्द तथ्य:
- Strong's: H5003, H5004, G3428, G3429, G3430, G3431, G3432
व्यभिचार, व्यभिचार, अनैतिक, परस्त्रीगमन
परिभाषा:
“व्यभिचार” स्त्री या पुरुष के विवाह से अलग यौनाचार। यह परमेश्वर की योजना के विरूद्ध है पुरानी अंग्रेजी बाइबलों में इसे फोर्निकेशन (परस्त्रीगमन) कहा गया है।
- इस शब्द का अर्थ है परमेश्वर की इच्छा के विरूद्ध किसी भी प्रकार का यौन संबन्ध जिसमें समलैंगिक संबन्ध और अश्लील साहित्य भी है।
- एक प्रकार का अनैतिकता है व्यभिचार जो यौन संबन्ध खास तौर पर, कोई विवाहित व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से रखता है जो उसका साथी नहीं है।
- एक और अनैतिक है वैश्यागमन जिसमें यौन संबन्ध के लिए पैसा दिया जाता है।
- इस शब्द को प्रतीकात्मक रूप में इस्राएल की मूर्तिपूजा के लिए काम में लिया गया है जो परमेश्वर से विश्वासघात है।
अनुवाद के सुझाव:
- “व्यभिचार” का अनुवाद अनैतिकता किया जा सकता है जब तक कि इस शब्द का सही अर्थ समझ में आए।
- इसके अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “अनुचित यौन संबन्ध” या “विवाहित संबन्ध के बाहर यौन संबन्ध”।
- इसका अनुवाद “व्यभिचार” से अलग शब्द में किया जाए।
- इसके प्रतीकात्मक उपयोग का अनुवाद में वहीं शब्द रखना उचित है क्योंकि परमेश्वर के साथ विश्वासघात और यौन संबन्ध में विश्वासघात का बाइबल में उभयनिष्ठ तुलना है।
(यह भी देखें: व्यभिचार, देवता, वैश्या, विश्वासघाती)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 15:19-21
- प्रे.का. 21:25-26
- कुलुस्सियों 03:5-8
- इफिसियों 05:3-4
- उत्पत्ति 38:24-26
- होशे 04:13-14
- मत्ती 05:31-32
- मत्ती 19:7-9
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2181, H8457, G1608, G4202, G4203
शपथ, शपथ, शपथ खा, शपथ खाए, शपथ खाकर, शपथ खाके, की शपथ खाता है
परिभाषा:
बाइबल में “शपथ” का अर्थ है किसी काम को करने की औपचारिक प्रतिज्ञा। शपथ मानने वाले के लिए आवश्यक है कि वह उस प्रतिज्ञा को पूरा करे। शपथ में विश्वासयोग्य एवं सच्चा होने का समर्पण होता है।
- न्यायलय में गवाह शपथ खाता है कि वह जो भी कहेगा वह सच एवं तथ्य आधारित होगा।
- बाइबल में “शपथ” खाने का अर्थ है अखण्ड प्रतिज्ञा करना।
- “की शपथ खाना” अर्थात किसी स्थान या व्यक्ति के नाम को आधार या शक्ति मानना जिसके नाम पर शपथ खाई गई है।
- कभी-कभी इन दोनों शब्दों को एक साथ काम में लिया जाता है, “शपथ खिलाई”।
- अब्राहम और अबीमेलेक ने शपथ खाई थी जब उन्होंने कुएं को एक साथ उपयोग करने की वाचा बांधी थी।
- अब्राहम ने अपने सेवक को शपथ (विधिवत प्रतिज्ञा) खिलाई थी कि वह अब्राहम के परिजनों में से इसहाक के लिए पत्नी लाएगा।
- परमेश्वर भी शपथ खाता था जिसमें वह अपनी प्रजा से प्रतिज्ञा करता था।
- आज इस शब्द का अर्थ है “अभद्र भाषा का उपयोग करना”। बाइबल में ऐसा अर्थ नहीं है।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “शपथ” का अनुवाद “वचन देना” या “अखण्ड प्रतिज्ञा करना”
- “वचन देना” का अनुवाद “विधिवत प्रतिज्ञा करना” या “प्रण करना” या “किसी काम को करने का समर्पण करना”।
- “मेरे नाम की शपथ खाना” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “मेरे नाम से दृढ़ करने के लिए प्रतिज्ञा करना”
- “स्वर्ग और पृथ्वी की शपथ खाना” का अनुवाद “किसी बात की प्रतिज्ञा करके कहना कि आकाश और पृथ्वी उसे दृढ़ करते हैं”।
- सुनिश्चित करें कि “शपथ खाना” का अभिप्राय कोसने से न हो। बाइबल में ऐसा कोई आशय नहीं है।
(यह भी देखें: अबीमेलेक, वाचा, मन्नत)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 21:22-24
- उत्पत्ति 24:1-4
- उत्पत्ति 31:51-53
- उत्पत्ति 47:29-31
- लूका 01:72-75
- मरकुस 06:26-29
- मत्ती 05:36-37
- मत्ती 14:6-7
- मत्ती 26:71-72
शब्द तथ्य:
- Strong's: H422, H423, H3027, H5375, H7621, H7650, G332, G3660, G3727, G3728
शब्द, स्वर
परिभाषा:
“शब्द” का उपयोग प्रायः बोलने या विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए किया गया है।
- परमेश्वर अपने शब्द को कहता है यद्यपि उसका शब्द मनुष्य जैसी नहीं है।
-
शब्द संपूर्ण मनुष्य का संदर्भ देती है जैसे “जंगल में एक पुकारने वाले का शब्द सुनाई देता है, प्रभु का मार्ग तैयार करो।” इसका अनुवाद हो सकता है, “जंगल में एक मनुष्य की पुकार सुनी जाती है”।
-
“किसी की वाणी सुनना” अर्थात “किसी को बोलते सुनना”।
कभी कभी "शब्द" का प्रयोग ऐसी वस्तुओं के लिए भी किया गया है जो बोल नहीं सकती, जैसे दाऊद लिखता है कि परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि उसके कामों का वर्णन करती है, अर्थात् उनके शब्द उनकी महानता की घोषणा करती है। इसका अनुवाद हो सकता हैः "उनकी गरिमा परमेश्वर की महिमा का वर्णन कर रही है।"
(यह भी देखें: बुलाना, प्रचार करना, वैभव)
बाइबल सन्दर्भ:
- यूहन्ना 05:36-38
- लूका 01:42-45
- लूका 09:34-36
- मत्ती 03:16-17
- मत्ती 12:19-21
शब्द तथ्य:
- Strong's: H6963, H7032, H7445, H8193, G2906, G5456, G5586
शरण, शरणार्थी, शरणार्थियों, मण्डप, आड़, आड़ देना
परिभाषा:
“शरण” अर्थात सुरक्षा और रक्षा की स्थिति या स्थान “शरणस्थल” एक ऐसा स्थान जो मौसम और खतरों से सुरक्षित रखता है।
- बाइबल में प्रायः परमेश्वर को शरण-स्थान कहा गया है, जहां उसके लोग सुरक्षित और निगरानी में संभाले हुए रहते हैं।
- “शरण नगर” पुराने नियम में कुछ नगर ऐसे थे जिनमें यदि किसी ने गलती से हत्या कर दी तो वह बदला लेने वालों से भागकर वहां शरण ले सकता था।
- “शरण स्थान” एक ऐसी भौतिक संरचना होती है जैसे कोई भवन या छत जो मनुष्यों को या पशुओं को सुरक्षा प्रदान करती थी।
- कभी-कभी "आश्रय" का अर्थ "सुरक्षा" होता है, जैसा कि लूत ने कहा था कि उनके मेहमान "छत के नीचे" उसकी छत के। उसके कहने का अर्थ है कि वे उसके घर में हैं इसलिए वे सुरक्षित रहें।
अनुवाद के लिए सुझाव:
- “शरण स्थान” का अनुवाद “सुरक्षित स्थान” या “सुरक्षा का स्थान” हो सकता है।
-
"शरणार्थी" एक खतरनाक स्थिति से बचने के लिए लोग अपने घरों को छोड़ रहे हैं, और उन्हें "विदेशी", "बेघर लोग" या "निर्वासित" के रूप में अनुवादित किया जा सकता है।
-
प्रकरण के अनुसार “शरण” का अनुवाद “सुरक्षा देने वाला” या “सुरक्षा” या “सुरक्षित स्थान”।
- यदि उसका संदर्भित भौतिक संरचना है तो “शरण” का अनुवाद “सुरक्षित ईमारत” हो सकता है या
- “सुरक्षित स्थान में” का अनुवाद “सुरक्षित स्थान में” या “इस स्थान में जहां सुरक्षा प्राप्त होगी” के रूप में हो सकता है।
- “शरण पाना” या “शरण लेना” या “सुरक्षा का स्थान पाना” का अनुवाद “किसी के सुरक्षित स्थान में रखना” के रूप में हो सकता है।
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 शमूएल 22:3-4
- व्य. 32:37-38
- यशायाह 23:13-14
- यिर्मयाह 16:19-21
- गिनती 35:24-25
- भजन संहिता 046:1-3
- भजन संहिता 028:6-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2620, H4268, H4498, H4585, H4733, H4869
शान्ति, शान्ति दी, शान्तिदाता, शान्ति नहीं मिली
परिभाषा:
“शान्ति” और “शान्ति देनेवाला” का सन्दर्भ उस व्यक्ति से है जो शारीरिक या भावनात्मक दर्द से पीड़ित की सहायता का वर्णन करने के लिए काम में लिया गया है।
- शान्ति देने वाले को शान्तिदाता कहते हैं।
- पुराने नियम में “शान्ति देना” परमेश्वर की प्रजा के लिए उसकी दया और उसके प्रेम और कष्टों में उनकी सहायता का वर्णन करने के लिए काम में लिया गया है।
- नये नियम में कहा गया है कि परमेश्वर अपने पवित्र आत्मा के द्वारा अपने लोगों को शान्ति प्रदान करेगा। जिन्हें शान्ति मिलती है वे बदले में कष्ट उठानेवालों को शान्ति देंगे।
- “इस्राएल का शान्ति दाता” मसीह के संदर्भ में है जो अपने लोगों का उद्धार करेगा।
- यीशु ने पवित्र आत्मा को सहायक कहा जो यीशु में विश्वास करनेवालों की सहायता करेगा।
अनुवाद के सुझाव:
-
प्रकरण के अनुसार “शान्ति देना” का अनुवाद हो सकता है, “कष्टमोचन” या “या "(किसी को) दु:ख से उबरने में सहायता" या "प्रोत्साहित करते हैं" या "सांत्वना।"
-
“हमारी शान्ति ” इस वाक्यांश का अनुवाद हो सकता है, “हमारी प्रोत्साहन” या "हमारी (किसी के) सांत्वना" या "दुःखी होने के समय हमारी सहायता"।
- शब्द "शान्ति देनेवाला" का अनुवाद "कोई व्यक्ति शान्ति देता है" या "कोई व्यक्ति जो दर्द को कम करने में सहायता करता है" या "कोई व्यक्ति जो प्रोत्साहित करता है"।
- जब पवित्र आत्मा को "शान्ति देनेवाला" कहा गया तो इसका अनुवाद "प्रोत्साहनकर्ता" या "सहायक" या "जो सहायता और मार्गदर्शन करता है।"
- वाक्यांश "इस्राएल की शान्ति" का अनुवाद "मसीहा जो इस्राएल को शान्ति प्रदान करता है" के रूप में किया जा सकता है।
- एक अभिव्यक्ति की तरह, "उनके पास कोई शान्ति देनेवाला नहीं" का भी अनुवाद किया जा सकता है, "कोई भी उन्हें शान्ति नहीं देता" या "उन्हें प्रोत्साहित करने या उनकी मदद करने के लिए कोई नहीं है।"
(यह भी देखें: समझा, पवित्र आत्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 05:8-11
- 2 कुरिन्थियों 01:3-4
- 2 शमूएल 10:1-3
- प्रे.का. 20:11-12
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2505, H5150, H5162, H5165, H5564, H8575, G302, G3870, G3874, G3875, G3888, G3890, G3931
शान्ति,शान्त, शांतिपूर्ण, शांतिपूर्वक, शंतियोग्य, शांति बनाने वाले
परिभाषा:
“शान्ति” शब्द वह परिस्थिति है जब किसी भी प्रकार का झगड़ा या चिन्ता या भय न हो। “शांतिपूर्ण” मनुष्य नीरवता का अनुभव करता है और उसे सुरक्षा का विश्वास होता है।
- पुराने नियम में, "शांति" शब्द का सामान्य अर्थ अक्सर किसी व्यक्ति की समृद्धि, कल्याण या पूर्णता होता है।
- “शान्ति” उस समय को भी दर्शाती है जब जातियां और देश आपस में युद्ध नहीं करते हैं। इन लोगों के “शांतिपूर्ण संबन्ध” कहलाते हैं।
- किसी मनुष्य का समुदाय के साथ “शान्ति स्थापित” का करने का अर्थ है युद्ध रोकने का प्रयास करना।
- “शान्ति बनाने वाला” वह मनुष्य है जो मनुष्यों को परस्पर शान्ति में रहने के लिए काम करता है या प्रभावित करनेवाली बातें करता है।
- मनुष्यों के साथ “शान्ति बनाए रखने” का अर्थ है उन लोगों के खिलाफ नहीं लड़ने की स्थिति में होना।
- परमेश्वर और मनुष्यों में अच्छे एवं उचित संबन्ध तब उत्पन्न होते हैं जब परमेश्वर मनुष्यों के पापों से बचा लेता है। इसे "परमेश्वर के साथ मेल" कहते हैं।
- “अनुग्रह और शान्ति” का अभिवादन प्रेरित अपने पत्रों में विश्वासियों को आशीर्वाद स्वरूप लिखते थे।
- “शान्ति” शब्द का संदर्भ मनुष्यों के साथ या परमेश्वर के साथ उचित संबन्ध में रहने से भी है।
बाइबल संदर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 05:1-3
- प्रेरि. 07:26
- कुलुस्सियों 01:18-20
- कुलुस्सियों 03:15
- गलातियों 05:23
- लूका 07:50
- लूका 12:51
- मरकुस 04:39
- मत्ती 05:9
- मत्ती 10:13
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 15:06 परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी ,कि वह कनान में लोगों के किसी भी समूह के साथ समझौता संधि स्थापित न करे,
- 15:12__तब परमेश्वर ने इस्राएलियों को सारी सीमा के साथ __शांति प्रदान की।
- 16:03__तब परमेश्वर ने एक उद्धारकर्ता प्रदान किया, जिन्होंने उन्हें अपने शत्रुओं से बचाया और देश में __शांति लाई।
- 21:13 वह अन्य लोगों के पापों के कारण मारा जाएगा। उसके दण्डित होने से परमेश्वर और लोगों के बीच में शान्ति स्थापित होगी।
- 48:14 दाऊद इस्राएल का राजा था, लेकिन यीशु पूरे ब्रह्मांड का राजा है! वह फिर से आएगा, और अपने राज्य पर न्याय और शांति के साथ हमेशा राज्य करेगा।
- 50:17 यीशु अपने राज्य पर शान्ति व न्याय के साथ शासन करेगा, और वह हमेशा अपने लोगों के साथ रहेगा।
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H5117, H7961, H7962, H7965, H7999, H8001, H8002, H8003, H8252, G269, G1514, G1515, G1516, G1517, G1518, G2272
शिमशोन
तथ्य:
शिमशोन न्यायियों में से एक था, और इस्राएल का मुक्तिदाता था। वह दान के गोत्र का था।
- परमेश्वर ने उसे अलौकिक शक्ति दी थी जिससे उसने इस्राएल के शत्रु पलिश्तियों से लड़ने में काम में ली।
- शिमशोन शपथ के अधीन था कि वह न तो मदिरा पान करेगा, न ही किसी प्रकार का खमीरी पेय पदार्थ पीएगा। जब तक वह अपनी शपथ का निष्ठावान रहा, परमेश्वर उसे शक्ति देता रहा।
- उसने अपनी शक्ति का भेद प्रकट करके बाल कटवा लिए और पलिश्तियों ने उसे बन्दी बना लिया।
- जब शिमशोन बन्धुआई में था, परमेश्वर ने उसे शक्ति दी और अनेक पलिश्तियों के साथ उनके दागोन देवता के मन्दिर को नष्ट करवाया।
(यह भी देखें: छुड़ाना, पलिश्तियों, इस्राएल के बारह गोत्र)
बाइबल के सन्दर्भ:
- इब्रानियों 11:32-34
- न्यायियों 13:24-25
- न्यायियों 16:1-2
- न्यायियों 16:30-31
शब्द तथ्य:
शीलो
तथ्यों:
शीलो शहरपनाह का एक कनानी नगर था जिसे इस्राएल ने यहोशू की अगुआई में जीत लिया था।
शीलो नगर यरदन नदी के पश्चिम में और बेतेल के उत्तर-पूर्व में था।
इस्त्राएल में यहोशू की अगुआई के समय शीलो नगर इस्त्राएलियों के लिए समागम स्थल था।
इस्त्राएल के 12 गोत्र शीलों में उपस्थित होकर यहोशू की घोषणा सुनते थे कि कनान का कौन सा भाग किस गोत्र को दिया गया है।
यरूशलेम के मन्दिर निर्माण से पूर्व इस्त्राएली शीलो में परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाने आते थे।
बालक शमूएल को उसकी माता ने शीलो में रखा था कि याजक एली से यहोवा की सेवा करना सीखे।
(यह भी देखें: बेतेल, समर्पण करे, हन्ना, यरूशलेम, यरदन नदी, याजक, बलिदान करना, शमूएल, मन्दिर)
बाइबल के सन्दर्भ:
- 1 राजा 02:26-27
- 1 शमूएल 01:9-10
- यहोशू 18:1-2
- न्यायियों 18:30-31
शब्द तथ्य:
शुद्ध, शुद्ध करेगा, शुद्ध किया, शुद्ध करना, शुद्ध, शुद्ध होने, धुलाई, धुलाई, धोया, धोया
परिभाषा:
“शुद्ध” का अर्थ है मैल या दाग न होना। बाइबल में इसका उपयोग प्रायः प्रतीकात्मक रूप में किया जाता है कि उसका अर्थ “शुद्ध” “पवित्र”, या “पापरहित” हो।
- “शुद्धिकरण” किसी वस्तु को शुद्ध करने की प्रक्रिया है। इसका अनुवाद “धोना” या “शुद्ध करना” हो सकता है।
- पुराने नियम में परमेश्वर ने इस्राएल को बताया था कि उसने कौन-कौन से पशुओं को “शुद्ध” और कौन-कौन से पशुओं को “अशुद्ध” घोषित किया है। केवल शुद्ध पशु ही खाने और बलि चढ़ाने के लिए काम में लिए जा सकते थे। इस संदर्भ में "शुद्ध" शब्द का अर्थ है कि पशु बलि चढ़ाने में परमेश्वर को ग्रहण योग्य है।
- जिस मनुष्य को त्वचा रोग होता था वह अशुद्ध माना जाता था जब तक कि उसका रोग संक्रमण मुक्त न हो जाए। त्वचा को शुद्धिकरण के निर्देशों का पालन करना आवश्यक था उस मनुष्य को पुनः “शुद्ध” घोषित किया जाने के लिए।
- कभी-कभी “शुद्ध” शब्द को प्रतीकात्मक रूप से नैतिक शुद्धता के लिए प्रयोग किया जाता था।
अनुवाद के सुझाव:
- इस शब्द का अनुवाद “स्वच्छ” एवं “शुद्ध” के लिए काम में आने वाले सामान्य शब्दों में किया जा सकता है।
- इसमें अनुवाद करने के अन्य तरीके शामिल हो सकते हैं, "शुद्ध रूप से साफ" या "परमेश्वर को स्वीकार्य"
- "शुद्ध"; का अनुवाद "धुलाई" या "शुद्ध" द्वारा किया जा सकता है।
- सुनिश्चित करें कि "शुद्ध" और "शुद्ध" के लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों को भी एक लाक्षणिक अर्थ में समझा जा सकता है।
(यह भी देखें: अपवित्र, दुष्टात्मा, अशुद्ध, बलिदान करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति, 07:02
- उत्पत्ति, 07:08
- व्य., 12:15
- भजन-संहिता, 051:07
- नीतिवचन, 20:30
- यहेजकेल, 24:13
- मत्ती 23:27
- लूका 05:13
- प्रे.का. 08:07
- प्रे.का., 10:27-29
- कुलुसियों 03:05
- 1 थिस्लुनिकियों 04:07
- याकूब, 04:08
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1249, H1252, H1305, H2134, H2135, H2141, H2398, H2548, H2834, H2889, H2890, H2891, H2893, H2930, H2931, H2932, H3001, H3722, H5079, H5352, H5355, H5356, H6172, H6565, H6663, H6945, H7137, H8552, H8562, G167, G169, G2511, G2512, G2513, G2839, G2840, G3394, G3689
शुद्ध, शुद्धि, शुद्धिकरण
परिभाषा:
“शुद्ध” अर्थात निर्दोष या “ऐसी कोई वस्तु मिलि न हो जो नहीं होनी चहिए। किसी वस्तु को शुद्ध करना अर्थात उसे किसी भी अशुद्ध या दूषित करनेवाली वस्तु से मुक्त करना, निर्मल बनाना।
- पुराने नियम के आदेशों के अनुसार “शुद्ध करना” और “शुद्ध होना” मुख्यतः किसी वस्तु या मनुष्य को एसी बातों से शुद्ध करना जो वस्तु या मनुष्य को अशुद्ध बनती है जैसे रोग, शारीरिक सुख या सन्तानोत्पत्ति से।
- पुराने नियम में मनुष्यों का पापों से शोधन के भी नियम थे कि कैसे पापों से शुद्ध या मुक्त हुआ जाए आमतौर पर पशुओं के बलिदान से है। परन्तु यह एक अस्थाई व्यवस्था थी, अतः बलि बार-बार चढ़ानी होती थी।
- नये नियम में शुद्ध होने का अर्थ है पापों से धुल जाना।
- मनुष्यों के लिए पूर्ण एवं सिद्ध पाप शोधन केवल मन फिराव और यीशु में विश्वास तथा उसकी मृत्यु के द्वारा परमेश्वर की क्षमा को ग्रहण करने के द्वारा होता है।
अनुवाद के सुझाव:
- “शुद्ध करने” का अनुवाद हो सकता है, “शुद्ध बनाना” या “साफ करना” या “सब अशुद्धियों को दूर करना” या “पापों से छुटकारा पाना”
- “उनके शुद्ध होने के दिन पूरे हुए” इस वाक्यांश का अनुवाद हो सकता है, “जब निश्चित दिनों तक रूकने के बाद उन्होंने स्वयं को शुद्ध कर लिया”
- “पापों से शुद्ध होना” इसका अनुवाद हो सकता है, “मनुष्यों के लिए पापों से पूर्ण शोधन का मार्ग उपलब्ध करा दिया”।
- अनुवाद के अन्य रूप “शुद्ध होना” का अनुवाद “शोधन” या “आत्मिक मार्जन” या “रीति के अनुसार शुद्ध होना” हो सकता है।
(यह भी देखें: प्रायश्चित, शुद्ध, आत्मा)
बाइबल संदर्भ:
- 1 तीमुथियुस 01:5-8
- निर्गमन 31:6-9
- इब्रानियों09:13-15
- याकूब 04:8-10
- लूका 02:22-24
- प्रका. 14:3-5
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1249, H1252, H1253, H1305, H1865, H2134, H2135, H2141, H2212, H2398, H2403, H2561, H2889, H2890, H2891, H2892, H2893, H3795, H3800, H4795, H5343, H5462, H6337, H6884, H6942, H8562, G48, G49, G53, G54, G1506, G2511, G2512, G2513, G2514
शेकेम
तथ्यों:
शेकेम कनान में एक नगर था जो यरूशलेम के उत्तर में 40 मील दूर स्थित था। शेकेम पुराने नियम में एक पुरुष का भी नाम था।
- शेकेम वह स्थान था जहाँ याकूब लौटने के बाद अपने भाई एसाव से मेल करके बस गया था।
- याकूब ने शेकेम के हिव्वी हामोर के पुत्रों से भूमि खरीदी जो उनका पारिवारिक कब्रिस्तान हो गया था, वहीं याकूब के पुत्रों ने उसे दफन किया था।
- हामोर के पुत्र शेकेम ने याकूब की पुत्री दीना के साथ बलात्कार किया था जिसके परिणाम स्वरूप याकूब के पुत्रों ने शेकेम नगर के सब पुरुषों को मार डाला था।
(अनुवाद के सुझाव: हामोर
(यह भी देखें: कनान, एसाव, हामोर, हिव्वी, इस्राएल)
बाइबल के सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:14-16
- उत्पत्ति 12: 6-7
- उत्पत्ति 33: 18-20
- उत्पत्ति 37: 12-14
शब्द तथ्य:
शेत
तथ्य:
उत्पत्ति की पुस्तक में, शेत आदम और हव्वा का तीसरा पुत्र था।
- हव्वा ने कहा कि उसके पुत्र हाबिल के स्थान में उसे शेत दिया गया, हाबिल की हत्या उसके भाई कैन ने कर दी थी।
- नूह शेत के वंशजों में से था, अतः जलप्रलय के बाद सब शेत के वंशज हैं।
- शेत और उसका परिवार सबसे पहले मनुष्य थे जिन्होंने “प्रभु का नाम पुकारा था।"
(यह भी देखें: हाबिल, कैन, बुलाना, उतरेगा, मूलपिता, जल-प्रलय, नूह)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 01:1-4
- लूका 03:36-38
- गिनती 24:17
शब्द तथ्य:
शेम
तथ्यों:
शेम नूह के तीन पुत्रों में से एक था, उत्पत्ति की पुस्तक में वर्णित विश्वव्यापी जल-प्रलय के समय वह नूह के साथ उसके जहाज में था।
- शेम अब्राहम और उसके “वंशजों” का पूर्वज था।
- शेम के वंशज “सामी” कहलाए जो इब्रानी और अरबी भाषा जैसी सामी भाषाएं बोलते थे।
- बाइबल बताती है कि शेम लगभग 600 साल जीवित रहा।
(यह भी देखें: अब्राहम, अरब, जहाज़, जल-प्रलय, नूह)
बाइबल के सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 05:32
- उत्पत्ति 06:9-10
- उत्पत्ति 07: 13-14
- उत्पत्ति 10:1
- उत्पत्ति 10:30-31
- उत्पत्ति 11: 10-11
- लूका 03:36-38
शब्द तथ्य:
श्राप, श्रापित, श्राप दे, कोसता है
परिभाषा:
यह शब्द “श्राप” का अर्थ है कि नकारात्मक चीज़े किसी व्यक्ति या चीज़ के साथ हो जिसे श्राप दिया जा रहा है।
- श्राप एक उच्चारण है कि किसी की हानि हो।
- किसी को श्राप देना एक अभिव्यक्ति या मनोकामना भी हो सकता है कि उस व्यक्ति के साथ बुरा हो।
- इसका संदर्भ किसी के लिए किसी के द्वारा दण्ड देना या दिया जाना या कुछ अशुभ सोचना होता है।
अनुवाद के सुझाव:
- इस शब्द का अनुवाद “अशुभ करवाना” या “अशुभ की घोषणा करना” या “बुरी बातें होने की शपथ खाना”, हो सकता है।
- आज्ञाकारी मनुष्यों पर परमेश्वर के श्राप के संदर्भ में अनुवाद इस प्रकार हो सकता है, “बुराई होने की अनुमति द्वारा दण्ड देना”
- “श्रापित” शब्द जब मनुष्यों के लिए हो तो इसका अनुवाद हो सकता है “(इस व्यक्ति) ज्यादा परेशानी का अनुभव होगा”।
- वाक्यांश "श्रापित होना" का अनुवाद किया जा सकता है, "(उस व्यक्ति) कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है।"
- वाक्यांश, "श्रापित भूमि है" का अनुवाद किया जा सकता है, "भूमि उपजाऊ नहीं होगी।"
- “श्रापित हो, जिस दिन मेरा जन्म हुआ" का भी अनुवाद किया जा सकता है, "मैं इतना दुखी हूं, बेहतर होता कि मेरा जन्म ही नहीं होता।"
- हालांकि, यदि लक्षित भाषा में वाक्यांश "श्रापित है" है और इसका अर्थ एक ही है, तो उसी वाक्यांश को रखना अच्छा है।
(यह भी देखें: आशीष)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 14:24-26
- 2 पतरस 02:12-14
- गलातियों 03:10-12
- गलातियों 03:15-16
- उत्पत्ति 03:14-15
- उत्पत्ति 03:17-19
- याकूब 03:9-10
- गिनती 22:5-6
- भजन संहिता 109:28-29
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 02:09 परमेश्वर ने साँप से कहा, “तुम शापित हों।”
- 02:11 “अब भूमि शापित है, और तुम्हें उसकी उपज खाने के लिये कड़ी मेहनत करनी होगी।”
- 04:04 “जो तुझे आशीर्वाद देंगे उन्हें मैं आशीष दूँगा और जो तुझे श्राप देंगे उन्हें मैं श्राप दूँगा।”
- 39:07 तब पतरस शपथ खाने लगा, “यदि मैं उस व्यक्ति को जानता हूँ तो परमेश्वर मुझे श्राप दे।”
- 50:16 क्योंकि आदम और हव्वा ने परमेश्वर की आज्ञा का उलंघन किया और इस दुनिया में पाप को लाए, इसलिये परमेश्वर ने इसे श्राप दिया और इसे नष्ट करने का निर्णय किया।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H422, H423, H779, H1288, H2763, H2764, H3994, H5344, H6895, H7043, H7045, H7621, H8381, G331, G332, G685, G1944, G2551, G2652, G2653, G2671, G2672, G6035
सच्चा, न्याय, न्याय से, अन्याय, औचित्य
परिभाषा:
इन शब्दों का अभिप्राय है परमेश्वर के नियमानुसार, मनुष्यों के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना। मानवीय नियम जो मनुष्यों के साथ उचित व्यवहार के परमेश्वर निर्धारित मानकों को दर्शाते हैं वे भी न्यायसम्मत हैं।
- “सच्चा” अर्थात मनुष्यों के साथ निष्पक्ष एवं उचित व्यवहार करना। यह परमेश्वर की दृष्टि में नैतिकता में उचित कार्य करना भी है।
- “धर्मी” व्यवहार करना अर्थात मनुष्यों के साथ ऐसा व्यवहार करना जो परमेश्वर के नियमानुसार उचित उत्तम तथा न्यायसम्मत है।
- “न्याय” पाना अर्थात विधान के अन्तर्गत उचित व्यवहार प्राप्त करना, नियमों की सुरक्षा में या नियमों के उल्लंघन में।
- कभी-कभी “सच्चा” का अर्थ व्यापक होता है जैसे “धर्मी” या “परमेश्वर के नियमों का पालन करना”
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार, “सच्चा” का अनुवाद करने के अन्य रूप हैं “नैतिकता में उचित” या “निष्पक्ष”।
- “न्याय” का अनुवाद हो सकता है, “निष्पक्ष व्यवहार” या “योग्य परिणाम”।
- “सच्चा व्यवहार” का अनुवाद हो सकता है, “निष्पक्ष व्यवहार” या “निष्पक्षता का व्यवहार”
- कुछ प्रकरणों में “सच्चा” का अनुवाद “धर्मी” या “खरा” भी हो सकता है।
(यह भी देखें: न्यायी, धर्मी, सीधे,क्षमा, अपराध, न्यायाधीश, धर्मी,)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 44:16
- 1 इतिहास 18:14
- यशायाह 04:3-4
- यिर्मयाह 22:03
- यहेजकेल 18:16-17
- मिका 03:8
- मत्ती 05:43-45
- मत्ती 11:19
- मत्ती 23:23-24
- लूका 18:03
- लूका 18:08
- लूका 18:13-14
- लूका 21:20-22
- लूका 23:41
- प्रे.का. 13:38-39
- प्रे.का. 28:04
- रोमियों 04:1-3
- गलातियों 03:6-9
- गलातियों, 03:11
- गलातियों, 05:3-4
- तीतुस 03:6-7
- इब्रानियों 06:10
- याकूब 02:24
- प्रका. 15:3-4
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 17:09__दाऊद ने कई वर्षों तक __न्याय व निष्ठा के साथ शासन किया, और परमेश्वर ने उसे आशीर्वाद दिया।
- 18:13 कुछ राजा अच्छे मनुष्य भी थे, जिन्होंने उचित रूप से शासन किया और परमेश्वर की उपासना की।
- 19:16 उन्होंने लोगों से कहा कि वह अन्य देवताओं की उपासना करना बंद कर दे, और दूसरों के लिए न्याय और उन पर दया करना आरंभ करें।
- 50:17 यीशु अपने राज्य पर शान्ति व न्याय के साथ शासन करेगा, और वह हमेशा अपने लोगों के साथ रहेगा।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H205, H2555, H3477, H4941, H5765, H5766, H5767, H6662, H6663, H6664, H6666, H8003, H8264, H8636, G91, G93, G94, G1342, G1344, G1345, G1346, G1347, G1738
सच्चा, सच्चाई, सत्य
परिभाषा:
“सच्चा” और “सच्चाई” तथ्यों के विचार से संबन्धित हैं, घटनाएं जो वास्तव में घटीं, और जो बातें वास्तव में कही गई। ऐसी अवधारणाओं को "सच्चा" कहते है।
- सच्ची बातें, सच्ची, वास्तविक अधिकृत, वैध तथा तथ्य आधारित होती हैं।
- सत्य एक समझ, विश्वास, तथ्य या सच्चा कथन होता है।
- यह कहना कि एक भविष्यवाणी "सच हो गई" या "सच हो जाएगी" का अर्थ है कि यह वास्तव में भविष्यवाणी जैसा हुआ या ऐसा ही होगा।
- सत्य में एक विचार निहित्त होता है कि निर्भरता एवं विश्वासयोग्य का काम किया जाए।
- यीशु ने अपने वचनों में परमेश्वर के सत्य का प्रकाशन किया था।
- परमेश्वर का वचन सत्य है। वह यथार्थ में हुई बातों की चर्चा करता है और परमेश्वर के बारे में तथा उसकी संपूर्ण रचना के बारे में यथा तथ्यता की शिक्षा देता है।
अनुवाद के सुझाव:
- सन्दर्भ और प्रसंग के आधार पर "सच" का अनुवाद ऐसे भी हो सकता है: "वास्तविक" या "यथार्थ" या "सही" या "उचित" या "निश्चित" या "तथ्यपूर्ण"।
- "सत्य" शब्द के अनुवाद हो सकते है "जो सच हा" या "तथ्य" या "निश्चित बात" या "सैद्धांतिक"।
- "पूरा होना" वाक्यांश के अनुवाद हो सकते है: "वास्तव में हो जाना" या "पूर्ण हो जाना" या "भविष्यवाणी पूरी होना"
- "सच्चाई से चलते हुए" या "सच बोले" इन वाक्यांशों के अनुवाद हो सकते है: "सच कहना" या "जो वास्तव में हुआ वह कहना" या "विश्वास योग्य बात कहना"
- “सत्य को ग्रहण करना” का अनुवाद “परमेश्वर के बारे में यथा तथ्यों पर विश्वास करना”
- “आत्मा और सच्चाई में परमेश्वर की आराधना करें”, इस उक्ति में, “सत्य में” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने हमें जो शिक्षा दी है उसका निष्ठापूर्वक पालन करना”
(यह भी देखें: विश्वास, विश्वासयोग्य, पूरा कर, आज्ञा मानना, भविष्यद्वक्ता, समझना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 05:6-8
- 1 यूहन्ना 01:5-7
- 1 यूहन्ना 02:7-8
- 3 यूहन्ना 01:5-8
- प्रे.का. 26:24-26
- कुलुस्सियों 01:4-6
- उत्पत्ति 47:29-31
- याकूब 01:17-18
- याकूब 03:13-14
- याकूब 05:19-20
- यिर्मयाह 04:1-3
- यूहन्ना 01:9
- यूहन्ना 01:16-18
- यूहन्ना 01:49-51
- यूहन्ना 03:31-33
- यहोशू 07:19-21
- विलापगीत 05:19-22
- मत्ती 08:8-10
- मत्ती 12:15-17
- भजन संहिता 026:1-3
- प्रकाशितवाक्य 01:19-20
- प्रकाशितवाक्य 15:3-4
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 02:04 साँप ने औरत को जवाब दिया, “यह सच नहीं है ! तुम नहीं मरोगे।
- 14:06 तुरन्त ही कालेब और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सही है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा।"
- 16:01 इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमेश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
- 31:08__उन्होंने यीशु की आराधना करी, और उसे कहा, __सचमुच, तू परमेश्वर का पुत्र है |”
- 39:10 मैं परमेश्वर के बारे में सच बताने के लिये पृथ्वी पर आया हूँ | हर वह व्यक्ति जिसे सच्चाई __से प्रेम है, मुझे सुनेगा |” पिलातुस ने कहा, “__सच क्या है?”
शब्द तथ्य:
- Strong's: H199, H389, H403, H529, H530, H543, H544, H551, H571, H935, H3321, H3330, H6237, H6656, H6965, H7187, H7189, G225, G226, G227, G228, G230, G1103, G3303, G3483, G3689, G4103, G4137
सत्यानाश, नाश, नाश हो गया, नाश कर, उजाड़, खण्डहरों
परिभाषा:
किसी वस्तु को गवांना अर्थात उसे लापरवाही से फेंक देना या उसका निर्बुद्धि उपयोग करना। कुछ ऐसा जो "उजाड़" या "सत्यानाश" है, वह भूमि या एक शहर को संदर्भित करता है जिसे नष्ट कर दिया गया है कि इसमें कुछ भी नहीं रह सके।
- शब्द " नाश हो जाएँगे" एक अभिव्यक्ति है जिसका मतलब है कि अधिक से अधिक बीमार या बर्बाद हो जाए। जो व्यक्ति बर्बाद हो रहा है वह आमतौर पर बीमारी या भोजन की कमी के कारण बहुत पतला हो जाता है।
- किसी नगर या स्थान को “उजाड़ छोड़ देना” अर्थात उसे नष्ट कर देना।
- एक "उजाड़" के लिए एक और शब्द "रेगिस्तान" या "जंगल" हो सकता है। लेकिन एक बंजर भूमि भी यह दर्शाती है कि लोग वहाँ रहते थे और भूमि में पेड़ों और पौधों को खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
बाइबल सन्दर्भ:
- यहेजकेल 06:6-7
- लैव्यव्यवस्था 26:37-39
- मत्ती 26:6-9
- प्रकाशितवाक्य 18:15-17
- जकर्याह 07:13-14
शब्द तथ्य:
- Strong's: H535, H1086, H1104, H1110, H1197, H1326, H2100, H2490, H2522, H2717, H2720, H2721, H2723, H3615, H3765, H3856, H4127, H4198, H4592, H4743, H4875, H5307, H5327, H7334, H7582, H7703, H7722, H7736, H7843, H8047, H8074, H8077, H8414, H8437, G684, G1287, G2049, G2673, G4199
समझा, उपदेश
परिभाषा:
“समझा” अर्थात् उचित काम करने के लिए प्रोत्साहित करना और आग्रह करना। ऐसा प्रोत्साहन “उपदेश” कहलाता है।
- “उपदेश देने” का उद्देश्य है मनुष्य को पाप का त्याग करके परमेश्वर की इच्छा पर चलने के लिए प्रेरित करना।
- नये नियम में विश्वासियों को शिक्षा दी गई है कि एक दूसरे को कठोर और कड़ा नहीं वरन् प्रेम से समझाएं।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “समझाना” का अनुवाद “साग्रह निवेदन करना” या “कायल करना” या “परामर्श देना” भी हो सकता है।
- सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद ऐसा न लगे कि समझाने वाला क्रोधित है। इस शब्द से शक्ति एवं गंभीरता प्रकट हो परन्तु क्रोधपूर्ण भाषा का संदर्भ न हो।
- अधिकांश प्रकरणों में समझाने का अनुवाद “प्रोत्साहन” से भिन्न होना है जिसका अर्थ है प्रेरित करना, विश्वास दिलाना, या शान्ति देना है।
- इस शब्द का अनुवाद “झिड़कना” से भी भिन्न होना है जिसका अर्थ है अनुचित व्यवहार के लिए चेतावनी देना, या सुधारना है।
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 थिस्सलुनीकियों 02:3-4
- 1 थिस्सलुनीकियों 02:10-12
- 1 तीमुथियुस 05:1-2
- लूका 03:18-20
शब्द तथ्य:
- Strong's: G3867, G3870, G3874, G4389
समय, समयानुकूल, समय, असाधारण
तथ्य:
बाइबल में "समय" शब्द का प्रयोग आलंकारिक रूप से विशिष्ट मौसम या समय की अवधि के संदर्भ में किया गया है जब कुछ घटनाएं हुईं थीं। इसका अर्थ “युग” या “काल” या “ऋतु” के समान है।
- दानिय्येल और प्रकाशितवाक्य दोनों पुस्तकों में "समय" का संकेत तकलीफ और पीड़ा से है जो पृथ्वी पर आएंगी।
- “समय, समयों और आधे समय” इस उक्ति में समय का अर्थ है, “वर्ष।” यह उक्ति साढ़े तीन वर्ष के समय के संदर्भ में है जो महान पीड़ा पूर्ण इस वर्तमान युग के अन्त का समय है।
- "समय" का अर्थ "अवसर" एक वाक्यांश में "तीसरी बार" के रूप में हो सकता है। वाक्यांश "कई बार" का अर्थ "कई अवसरों पर" हो सकता है।
- "समय पर" होने का मतलब तब आना जब आने की उम्मीद है, देर से नहीं।
- प्रकरण के अनुसार “समय” शब्द का अनुवाद “मौसम” या “काल” या “पल” या "घटना" या "घटन" हो सकता है ।
- “समयों और ऋतुओं” यह उक्ति, आलंकारिक तौर पर एक ही विचार को दो बार व्यक्त करती है। इसका अनुवाद हो सकता है, “किसी निश्चित समय में घटनाओं का होना”
(यह भी देखें: आयु, क्लेश)
बाइबल संदर्भ:
- प्रेरि. 01:07
- दानिय्येल 12:1-2
- मरकुस 11:11
- मत्ती 08:29
- भजन संहिता 068:28-29
- प्रकाशितवाक्य 14:15
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H116, H227, H310, H1697, H1755, H2165, H2166, H2233, H2465, H3027, H3117, H3118, H3119, H3259, H3427, H3967, H4150, H4279, H4489, H4557, H5331, H5703, H5732, H5750, H5769, H6235, H6256, H6440, H6471, H6635, H6924, H7105, H7138, H7223, H7272, H7281, H7637, H7651, H7655, H7659, H7674, H7992, H8027, H8032, H8138, H8145, H8462, H8543, G744, G530, G1074, G1208, G1441, G1597, G1626, G1909, G2034, G2119, G2121, G2235, G2250, G2540, G3461, G3568, G3764, G3819, G3956, G3999, G4178, G4181, G4183, G4218, G4287, G4340, G4455, G5119, G5151, G5305, G5550, G5551, G5610
समाचार, समाचारों, समाचार दिया
परिभाषा:
“समाचार सुनाना” अर्थात घटनाओं की सूचना देना, या अधिकतर ब्योरा प्रस्तुत करना। समाचार वह है जो बताया जाता है और लिखित या उच्चारित हो सकता है।
- “समाचार” का अनुवाद, “कहना” या वर्णन करना” या “विवरण सुनाना” हो सकता है
- “किसी से न कहना” इस अभिव्यक्ति का अनुवाद “इसकी चर्चा किसी से न करना” या “किसी से इसका उल्लेख न करना” हो सकता है
- “समाचार” के अनुवाद रूप, “वर्णन” या “कहानी” या “विस्तृत विवरण” प्रकरण के अनुसार करें।
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 05:22-23
- यूहन्ना 12:37-38
- लूका 05:15-16
- लूका 08:34-35
- मत्ती 28:14-15
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1681, H1696, H1697, H5046, H7725, H8034, H8052, H8085, H8088, G189, G191, G312, G518, G987, G1225, G1310, G1426, G1834, G2036, G2162, G2163, G3004, G3056, G3140, G3141, G3377
समुद्र, महासमुद्र, पश्चिम के समुद्र, भूमध्य सागर
तथ्य:
बाइबल में “महानद” या “पश्चिमी सागर” आज के भूमध्य सागर के संदर्भ में है। यह बाइबल के युग के लोगों के लिए सबसे बड़ा समुद्र था।
- यह इस महानद (भूमध्य सागर) के चारों ओर थे: इस्राएल(पूर्व में), यूरोप (उत्तर और पश्चिम में) और अफ्रीका (दक्षिण में)।
- प्राचीन युग में यह समुद्र अत्यधिक महत्त्वपूर्ण था क्योंकि इसमें व्यापार और जलयात्रा की जाती थी क्योंकि इसके तट पर अनेक देश थे। इस समुद्र के तट पर स्थित नगर और जन समुदाय बहुत समृद्ध थे क्योंकि अन्य देशों से जहाज द्वारा सामान लाना आसान था।
- यह महासागर इस्राएल के पश्चिम में था इसलिए इसे “पश्चिमी सागर” भी कहा गया है।
(यह भी देखें: इस्राएल, जाति, समृद्ध होना)
बाइबल सन्दर्भ:
- यहेजकेल 47:15-17
- यहेजकेल 47:18-20
- यहोशू 15:3-4
- गिनती 13:27-29
शब्द तथ्य:
- Strong's: H314, H1419, H3220
सम्मति, मंत्री, सम्मति देनेवालों, युक्ति , युक्ति करनेवाला, मंत्रियों, सम्मति दी
परिभाषा:
“सम्मति” या “युक्ति” के अर्थ एक ही है जिसमें किसी को किसी परिस्थिति में काम करने के लिए बुद्धिमानी का निर्णय लेने में सहायता दी जाती है। बुद्धिमान “युक्ति करनेवाला” या “मंत्री”, वह व्यक्ति जो किसी को सही निर्णय लेने में सहायता करता है।
- राजाओं के पास सदैव अधिकृत मंत्री या परामर्शदाता होते थे जो जनता से संबन्धित महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेने के लिए उनकी सहायता करते थे।
- कभी-कभी दी गई सम्मति या सुझाई गई युक्ति उचित नहीं होती थी। बुरे मंत्री राजा को ऐसी युक्ति सुझाते थे जिससे वह जनता को हानि की आज्ञा देता था।
- प्रकरण पर आधारित “युक्ति” या “सम्मति” का अनुवाद हो सकता है, “निर्णय लेने में सहायता करना” या “चेतावनी” या “समझना” या “मार्गदर्शन”
- “सम्मति” देने के कार्य का अनुवाद हो सकता है, “राय देना” या “सुझाव देना” या “प्रेरणा देना”।
- ध्यान दें कि “सम्मति” “सभा” से अलग शब्द है। सभा का अर्थ है मनुष्यों का समूह।
(यह भी देखें: समझा, पवित्र आत्मा, बुद्धिमान)
बाइबल सन्दर्भ:
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1697, H1847, H1875, H1884, H1907, H3272, H3289, H3982, H4156, H4431, H5475, H5779, H6440, H6963, H6098, H7592, H8458, G1011, G1012, G1106, G4823, G4825
सवार, सवारों
परिभाषा:
बाइबल के युग में “सवारों” का अर्थ था युद्ध में घोड़े की सवारी करनेवाला।
- रथों पर सवारी करनेवाले योद्धाओं को भी “सवारों” कहते थे। जबकि सवार वास्तव में घोड़े की सवारी करनेवाला होता है।
- इस्राएलियों का मानना था कि युद्ध में घोड़े काम में लेना यहोवा की अपेक्षा अपनी शक्ति पर अधिक भरोसा रखना था, अतः वे अधिक शक्ति पर अधिक भरोसा रखना था, अतः वे अधिक घुड़सवारों को नहीं रखते थे।
- इसका अनुवाद “घोड़े के सवार” या “घोड़े पर सवार मनुष्य” हो सकता है।
(यह भी देखें: रथ, घोड़ा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 01:5-6
- दानिय्येल 11:40-41
- निर्गमन 14:23-25
- उत्पत्ति 50:7-9
शब्द तथ्य:
- Strong's: H6571, H7395, G2460
साथी, संगी, मित्र
तथ्य:
“साथी” का अर्थ है किसी के साथ रहनेवाला व्यक्ति या किसी से जुड़ा हुआ व्यक्ति, जैसे मित्रता या विवाह में। "संगी" शब्द किसी अन्य व्यक्ति के साथ काम करने वाले व्यक्ति को संदर्भित करता है।
- साथी एक ही अनुभव को अनुभूति करते हैं, एक साथ भोजन करते हैं और एक दूसरे को सहयोग देते हैं और प्रोत्साहित करते हैं।
- संदर्भ के आधार पर, इस शब्द का अनुवाद किसी ऐसे शब्द या वाक्यांश के साथ भी किया जा सकता है, जिसका अर्थ है, "मित्र" या "साथी यात्री" या "सहायक-व्यक्ति जो साथ जाता है" या "वह व्यक्ति जो साथ काम करता है।"
बाइबल सन्दर्भ:
- यहेजकेल 37:15-17
- इब्रानियों 01:8-9
- नीतिवचन 02:16-17
- भजन संहिता 038:11-12
शब्द तथ्य:
- Strong's: H251, H441, H2269, H2270, H2273, H2278, H3674, H3675, H4828, H7453, H7462, H7464, G2844, G3353, G4898, G4904
सारा, सारै
तथ्य:
- सारा अब्राहम की पत्नी थी।
- उसका मूल नाम "सारै" था परन्तु परमेश्वर ने उसका नाम बदलकर "सारा" रखा।
- सारा ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार पुत्र को जन्म दिया।
(यह भी देखें: अब्राहम, इसहाक)
बाइबल के सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 11:29-30
- उत्पत्ति 11:31-32
- उत्पत्ति 17:15-16
- उत्पत्ति 25:9-11
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 05:01 तो अब्राम की पत्नी सारै, ने उससे कहा, "देख परमेश्वर ने मेरी कोख बन्द कर रखी है, इसलिये मैं तुझ से विनती करती हूँ कि तू मेरी दासी हाजिरा के पास जा | तू उससे विवाह भी करना ताकि, उसके द्वारा मेरी कोख भर सके |
- 05:04 "तुम्हारी पत्नी, सारै को एक बेटा होगा--वह प्रतिज्ञा का पुत्र होगा।"
- 05:04"परमेश्वर ने सारै का नाम बदलकर सारा रखा, जिसका अर्थ है, "मूलमाता"
- 05:05"लगभग एक साल बाद, जब अब्राहम सौ वर्ष का था और सारा नब्बे वर्ष की थी, सारा ने अब्राहम के पुत्र को जन्म दिया| उन्होंने उसका नाम इसहाक रखा, जैसा कि परमेश्वर ने कहा था|
शब्द तथ्य:
- Strong's: H8283, H8297, G4564
सिर, माथे, चन्दुए, टोपियाँ, गुलूबंद
परिभाषा:
शब्द "सिर" एक मानव शरीर के ऊपरी भाग को संदर्भित करता है, गर्दन के ऊपर। इस शब्द का प्रयोग अक्सर "शीर्ष", "पहले," "शुरुआत," "स्रोत," और अन्य अवधारणाओं सहित कई अलग-अलग चीजों का अर्थ करने के लिए किया जाता है।
बाइबल में “सिर” शब्द को विभिन्न प्रतीकात्मक रूपों में काम में लिया गया है।
-
“उसके सिर पर उस्तरा न चलाया जाए” अर्थात “वह न तो कभी अपने बाल कटवाए और न ही कभी दाढ़ी बनवाए।”
-
“इसका खून उसके सिर पर हो” अर्थात उसकी हत्या का उत्तरदायी यही मनुष्य हो और दण्ड पाए।
-
अभिव्यक्ति “गेहूं का सिर” अर्थात गेहूं या जौ के पौधे का वह ऊपरी भाग को संदर्भित करता है जिसमें बीज होते हैं। इसी तरह, अभिव्यक्ति "एक पर्वत का सिर" पर्वत के शीर्ष भाग को संदर्भित करता है।
-
“सिर” का अर्थ कभी-कभी किसी बात के आरंभिक चरण या स्रोत से होता है जैसे, “मार्ग का सिर (आरंभ)”
-
इस शब्द का उपयोग मनुष्यों पर अधिकार रखने वाले के लिए किया गया है। “तूने मुझे जाति-जाति का सिर बनाया है।” इसका अनुवाद हो सकता हैः "तू ने मुझे राजा बनाया है" या “तूने मुझे…. पर अधिकार दिया है।"
अनुवाद के सुझाव
- प्रकरण के अनुसार “सिर” का अनुवाद हो सकता है, “अधिकार” या “अगुआई एवं निर्देशन देने वाला” या “उत्तरदायी व्यक्ति”
- “उसके ही सिर पर हो” इस उक्ति का अनुवाद किया जा सकता है, “उस पर हो” या “वह दण्ड पाए” या “वही उत्तरदायी माना जाए” या “वह दोषी माना जाए”।
- प्रकरण के अनुसार इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “आरंभ” या “स्रोत” या “शासक” या “अगुआ” या “ऊपर”।
(यह भी देखें: अन्न)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 01:51-54
- 1 राजा 08:1-2
- 1 शमूएल 09:22
- कुलुस्सियों 02:10-12
- कुलुस्सियों 02:18-19
- गिनती 01:4-6
शब्द तथ्य:
- Strong's: H441, H1270, H1538, H1627, H3852, H4425, H4761, H4763, H5110, H5324, H6285, H6287, H6797, H6915, H6936, H7139, H7144, H7146, H7217, H7226, H7218, H7541, H7636, H7641, H7872, G346, G755, G2775, G2776, G4719
सीदोन, सीदोनियों
तथ्यों:
सीदोन कनान का सबसे बड़ा पुत्र था। कनानियों के एक नगर का नाम भी सीदोन था, संभवतः कनान के पुत्र के नाम पर।
- सीदोन नगर इस्राएल के उत्तर-पश्चिम में भूमध्य सागर के तट पर बसा था जो आज के लबानोन देश का एक भाग है।
- “सीदोनियों” फिनीके के जाति के लोग थे जो प्राचीन सीदोन तथा उसके आसपास के क्षेत्र में निवास करते थे।
- बाइबल में सीदोन, सोर के निकट संबन्ध में दर्शाया गया है दोनों नगर अपने वैभव और अनैतिक व्यवहार के लिए प्रसिद्ध थे।
(यह भी देखें: कनान, नूह, फीनीके, समुद्र, सोर)
बाइबल के सन्दर्भ:
- प्रे.का. 12:20-21
- प्रे.का. 27:3-6
- उत्पत्ति 10: 15-18
- उत्पत्ति 10: 19-20
- मरकुस 03:7-8
- मत्ती 11:20-22
- मत्ती 15:21-23
शब्द तथ्य:
- Strong's: H6721, H6722, G4605, G4606
सीनै, सीनै पर्वत
तथ्यों:
सीनै पर्वत संभवतः एक पर्वत था जो आज के सीनै प्रायद्वीप के दक्षिण में है। यह "होरेब पर्वत" के रूप में भी जाना जाता था।
- सीनै पर्वत एक विशाल चट्टानी रेगिस्तान का भाग है।
- मिस्र से निकल कर प्रतिज्ञा के देश की यात्रा के समय इस्राएली सीनै पर्वत के निकट पहुँचे थे।
- परमेश्वर ने सीनै पर्वत पर ही मूसा को दस आज्ञाएं दी थी।
(यह भी देखें: जंगल, मिस्र, होरेब, प्रतिज्ञा का देश, दस आज्ञाएँ)
बाइबल के सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:29-30
- निर्गमन 16:1-3
- गलातियों 04:24-25
- लैव्यव्यवस्था 27:34
- गिनती 01:17-19
बाइबल के कहानियों से उदाहरण:
- 13:01 के बाद परमेश्वर लाल सागर के माध्यम से इस्राएलियों का नेतृत्व किया, वह उन्हें सीनै नाम की पहाड़ पर जंगल में ले गया।
- 13:03 तीसरे दिन तक, वह अपने आप को आत्मिक रूप से तैयार करे ,जब परमेश्वर सीनै पर्वत पर आया तो बादल गरजने और बिजली चमकने लगी और पर्वत पर काली घटा छा गई फिर नरसिंगे का बड़ा भारी शब्द हुआ |
- 13:11 कई दिनों तक मूसा सीनै पर्वत के ऊपर परमेश्वर से बात करता रहा |
- 15:13 तब यहोशू ने इस्राएलियों को वह वाचा याद दिलाई जो उन्होंने परमेश्वर के साथ सीनै पर्वत पर बाँधी थी, कि वह उसका पालन करेंगे।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2022, H5514, G3735, G4614
सुक्कोत
परिभाषा:
सुक्कोत पुराने नियम में दो नगरों का नाम था। सुक्कोत शब्द का अर्थ है “शरण स्थान”
- पहला सुक्कोत नगर यरदन नदी के पूर्व में था।
- याकूब अपने परिवार और पशुओं के साथ सुक्कोत में रूका जहां उसने अपने लिए झोपड़ियां बनाई थी।
- सैंकड़ों वर्ष बाद गिदोन और उसके योद्धा मिद्यानियों का पीछा करते हुए थककर सुक्कोत में रूके थे परन्तु वहां के निवासियों ने उन्हें भोजन देने से इन्कार कर दिया था।
- दूसरा सुक्कोत मिस्र की उत्तरी सीमा पर था जहां इस्राएली लाल सागर पार करने के बाद रुके थे, जब वे मिस्र से पलायन कर रहे थे।
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 राजा 07:46-47
- निर्गमन 12:37-40
- यहोशू 13:27-28
- न्यायियों 08:4-5
शब्द तथ्य:
सेनापति, सरदारों
परिभाषा:
“सेनापति” शब्द सेना के अगुवे को संदर्भित करता है, जो सैनिकों के दल का नेतृत्व करने के लिए जिम्मेदार होता है।
- सेनापति एक छोटे दल या एक बड़े समूह का अगुआ हो सकता है, जैसे कि एक हजार पुरुष का समूह।
- यह शब्द यहोवा के संदर्भ में भी उपयोग होता है कि वह स्वर्गदूतों की सेना का अगुआ है।
सेनापति के अन्य अनुवाद रूप हैं “अगुआ” या “कप्तान” या “अधिकारी”
- सेना को “आज्ञा देना” का अनुवाद “अगुआई करना” या “प्रभारी होना” के रूप में किया जा सकता है।
(यह भी देखें: आज्ञा, शासन, सूबेदार)
बाइबल संदर्भ:
- 1 इतिहास 11:4-6
- 2 इतिहास 11:11-12
- दानिय्येल 02:14-16
- मरकुस 06:21-22
- नीतिवचन 06:6-8
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2710, H2951, H1169, H4929, H5057, H6346, H7101, H7262, H7218, H7227, H7229, H7990, H8269, G5506
सेवक, सेवकों
परिभाषा:
सेवक स्थानीय कलीसिया का परिचारक होता था, उनकी व्यवहारिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता था जैसे भोजन और आर्थिक व्यवस्था.
- सेवक शब्द यूनानी शब्द “डीकन” से निकला है जिसका अर्थ है, "सेवक" या "परिचारक."
- आरंभिक कलीसिया के समय ही से सेवक का दायित्व कलीसिया में एक सुस्पष्ट भूमिका एवं सेवा रहा है.
- उदाहरणार्थ नये नियम के युग में सेवक सुनिश्चित करते थे कि विश्वासी जो पैसा और भोजन उपलब्ध करवाते थे, उसका बंटवारा विधवाओं में निष्पक्षता से किया जाए.
- “सेवक” शब्द का अनुवाद किया जा सकता है, “कलीसियाई सेवक” या “कलीसियाई कर्मी” या “कलीसियाई परिचारक” या अन्य कोई उक्ति जिसके द्वारा स्पष्ट हो कि स्थानीय मसीही समुदाय के लिए लाभकारी विशिष्ट कार्य हेतु विधिवत नियुक्त किया गया व्यक्ति.
(यह भी देखें: सेवा करना, सेवा करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 तीमुथियुस 03:10
- 1 तीमुथियुस 03:13
- फिलिप्पियों 01:01
शब्द तथ्य:
सोर, सोर के लोग
तथ्य:
सोर नगर कनान का एक प्राचीन नगर था भूमध्यसागर के तट जो आज लबानोन का एक भाग है। इस नगर के लोगों को "सोर के लोग" कहा जाता था।
- इस नगर का एक भाग द्वीप पर समुद्र में स्थित थी जो करीब एक किलोमीटर भूमि से दूर थी।
- उसकी भौगोलिक स्थिति और मूल्यवान प्राकृतिक संसाधनों के कारण जैसे की देवदार वृक्ष, सोर का व्यापारिक उद्योग समृद्धि पर था और वह एक धनवान नगर था।
- सोर के राजा हीराम ने राजा दाऊद के लिए महल बनाने में देवदार वृक्षों की लकड़ी और कुशल श्रमिकों को भेजा था।
- सालों बाद, हीराम ने भी मंदिर बनाने में मदद करने के लिए राजा सुलैमान लकड़ी और कुशल श्रमिकों को भेजा। सुलैमान ने उन्हें बड़ी मात्रा में गेहूं और जैतून का तेल दिया।
- सोर का नाम सदैव ही निकटवर्ती सैदा नगर के साथ आता है। यह कनान के क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण शहर थे, जिन्हें फीनीके कहा जाता था।
(यह भी देखें: कनान, देवदारू, इस्राएल, समुद्र, फीनीके, सीदोन)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 12:20-21
- मरकुस 03:7-8
- मत्ती 11:20-22
- मत्ती 15:21-23
शब्द तथ्य:
- Strong's: H6865, H6876, G5183, G5184
स्तुति, भजन, स्तुति की, स्तुति करते, बड़ाई की बात
परिभाषा:
किसी की प्रशंसा करना अर्थात उस व्यक्ति की सराहना तथा उसको सम्मानित करना।
- मनुष्य परमेश्वर की स्तुति करता है क्योंकि वह महान है और उसने जगत का उद्धारकर्ता एवं सृजनहार होने के कारण अद्भुत काम किए हैं।
- परमेश्वर की स्तुति में उसके कामों के लिए धन्यवाद होता है।
- परमेश्वर की स्तुति में प्रायः संगीत और भजन गान होते हैं।
- परमेश्वर की स्तुति उसकी आराधना का एक भाग है।
- “स्तुति करना” का अनुवाद हो सकता है, “किसी के बारे में अच्छी बात कहना” या “शब्दों द्वारा उच्च सम्मान प्रदान करना” या “किसी का गुणगान करना”।
- “स्तुति” संज्ञा शब्द का अनुवाद “सम्मानित व्यक्ति” या “सम्मान सूचक उदगार” या “अच्छाईयों का वर्णन”।
(यह भी देखें: दंडवत करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 कुरिन्थियों 01:3-4
- प्रे.का. 02:46-47
- प्रे.का. 13:48-49
- दानिय्येल 03:28
- इफिसियों 01:3-4
- उत्पत्ति 49:8
- याकूब 03:9-10
- यूहन्ना 05:41-42
- लूका 01:46-47
- लूका 01:64-66
- लूका 19:37-38
- मत्ती 11:25-27
- मत्ती 15:29-31
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 12:13 इस्राएलियों ने बहुत उत्साहित होकर आनन्द मनाया क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें मृत्यु व गुलामी से बचाया! अब वह परमेश्वर की आराधना करने की लिये स्वतंत्र थे |
- 17:08 जब दाऊद ने यह शब्द सुने, उसने तुरन्त ही परमेश्वर को धन्यवाद दिया और उसकी प्रशंसा की, क्योंकि परमेश्वर ने दाऊद से महान गौरव और बहुत सी आशीषों की वाचा बाँधी थी |
- 22:07 तब जकरयाह ने कहा कि, “प्रभु परमेश्वर धन्य हो, क्योंकि उसने अपने लोगों पर दृष्टि की और उनका छुटकारा किया है |
- 43:13 और परमेश्वर की स्तुति करते हुए आनन्द करते थे और वे हर वस्तुए एक दुसरे से बाटते थे |
- 47:08 उन्होंने पौलुस और सीलास को बंदीगृह के सबसे सुरक्षित क्षेत्र में रखा था और यहां तक कि उनके पैरों को भी बांध रखा था| फिर भी आधी रात को पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे |
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1319, H6953, H7121, H7150, G1229, G1256, G2097, G2605, G2782, G2783, G2784, G2980, G3853, G3955, G4283, G4296
स्वप्न
परिभाषा:
स्वप्न मनुष्यों के सोते समय मस्तिष्क में उभरता है।
- स्वप्न यथार्थ घटना प्रतीत होते हैं जबकि वे होते नहीं हैं।
- कभी-कभी परमेश्वर स्वप्नों द्वारा मनुष्यों को कुछ सिखाता है। परमेश्वर स्वप्नों में मनुष्यों से सीधी बातें भी करता है।
- बाइबल में परमेश्वर ने कुछ लोगों को विशेष स्वप्नों द्वारा सन्देश दिए, अक्सर भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में।
- स्वप्न दर्शन से भिन्न होता है। स्वप्न मनुष्य को नींद में दिखाई देते हैं परन्तु दर्शन जागृत अवस्था में दिखाई देते हैं।
(यह भी देखें: दर्शन)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 02:16-17
- दानिय्येल 01:17-18
- दानिय्येल 02:1-2
- उत्पत्ति 37:5-6
- उत्पत्ति 40:4-5
- मत्ती 02:13-15
- मत्ती 02:19-21
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 08:02 यूसुफ के भाई उससे बैर रखते थे क्योंकि जब यूसुफ के भाइयो ने देखा कि हमारा पिता हम सबसे अधिक उसी से प्रीति रखता है, और यूसुफ ने स्वप्न में देखा था कि वह अपने भाइयो पर राज्य करेगा।
- 08:06 एक रात को मिस्र के राजा ने, जिसे फ़िरौन कहते है उसने रात में दो स्वप्न देखे जो उसे निरंतर परेशान कर रहे थे। जो स्वप्न उसने देखा उसका फल बताने वाला कोई भी नहीं है।
- 08:07 परमेश्वर ने यूसुफ को यह योग्यता दी थी कि वह स्वप्न का अर्थ समझ सके, इसलिये फ़िरौन ने यूसुफ को बंदीगृह से बुलवा भेजा। यूसुफ ने उसके लिये स्वप्न की व्याख्या की और कहा कि “सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे, और उनके पश्चात् सात वर्ष अकाल के आयेंगे।”
- 16:11 उसी रात जब गिदोन मिद्यानियों के डेरे में आया तब एक मिद्यानी सैनिक अपने संगी से अपना स्वप्न कह रहा था। वह जन अपने संगी से कह रहा था, “कि इस स्वप्न का अर्थ यह हुआ कि गिदोन की सेना हरा देंगी मिद्यानियों की सेना को।”
- 23:01 अत: यूसुफ ने जो धर्मी था और उसको बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने का विचार किया। जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्वप्न में दिखाई दिया।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1957, H2472, H2492, H2493, G1797, G1798, G3677
हथियार, शस्त्रों का घर
परिभाषा:
“हथियार” अर्थात सैनिक द्वारा युद्ध में काम में आने वाले अस्त्र-शस्त्र तथा शत्रु के वार से बचाने वाला कवच। इसका उपयोग प्रतीकात्मक स्वरूप आत्मिक हथियारों के लिए भी काम में लिया गया है।
- सैनिक के हथियारों में टोप, ढाल, सीनाबन्ध, पांव के कवच और तलवार आदि।
- प्रेरित पौलुस हथियारों की उपमा द्वारा आत्मिक हथियारों का संदर्भ देता है जो परमेश्वर ने विश्वासी को आत्मिक युद्ध के लिए दिए हैं।
- पाप और शैतान के विरूद्ध युद्ध करने के लिए परमेश्वर अपने लोगों को जो आत्मिक हथियार देता है, वे हैं, सत्य, धार्मिकता, शान्ति का सुसमाचार, विश्वास, उद्धार तथा पवित्र आत्मा।
- इसका अनुवाद ऐसे शब्द से किया जाए जिसका अर्थ हो, “सैनिक के हथियार” या “युद्ध के सुरक्षात्मक वस्त्र” या “सुरक्षात्मक आवरण” या “अस्त्र-शस्त्र”
(यह भी देखें: विश्वास, पवित्र आत्मा, शान्ति, उद्धार, आत्मा)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 31:9-10
- 2 शमूएल 20:8
- इफिसियों 06:10-11
- यिर्मयाह 51:3-4
- लूका 11:21-23
- नहेम्याह 04:15-16
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2185, H2290, H2488, H3627, H4055, H5402, G3696, G3833
हल, हल चलाना, हल चलाया, हल जोतने, हलवाहों, जोतनेवाला, किसान, हल की फाल, अजोत
परिभाषा:
“हल” खेत में भूमि जोतने का यन्त्र होता है।
- हल में नुकीली टिंगलियां होती है जिनसे भूमि खुदती है। उनका एक डंडा होता है जिसे पकड़कर किसान उसे सीधा रखता है।
- बाइबल के युग में हल बैलों या अन्य पशुओं द्वारा खींचा जाता है।
- हल अधिकतर कठोर लकड़ी के होते थे जिनके फल तांबे या लोहे के होते थे।
(यह भी देखें: पीतल, गाय
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 08:10-12
- व्यवस्थाविवरण 21:3-4
- लूका 09:61-62
- लूका 17:7-8
- भजन संहिता 141:5-7
शब्द तथ्य:
- Strong's: H406, H855, H2758, H2790, H5215, H5647, H5674, H6398, G722, G723
हाथ, हाथों, हाथ, सौपना, के द्वारा, पर हाथ रखना, पर हाथ लगाता, दाहिना हाथ, दाहिने हाथ, के हाथ से
परिभाषा:
“हाथ” को बाइबल में विभिन्न प्रतीकात्मक रूपों में काम में लिया गया है, यह शब्द अक्सर किसी व्यक्ति की शक्ति, नियंत्रण, या कार्रवाई का उल्लेख करने के लिए आलंकारिक रूप से उपयोग किया जाता है, चाहे वह परमेश्वर का संदर्भ में हो या किसी व्यक्ति के संदर्भ में हो।
"हाथ" शब्द के विभिन्न उपयोगों में निम्नलिखित शामिल हैं:
-
“हाथ” को बाइबल में विभिन्न प्रतीकात्मक रूपों में काम में लिया गया है जैसे परमेश्वर कहता है, “क्या मैंने अपने हाथों से यह सब नहीं बनाया?”
-
“पकड़वाया जाएगा” या “हाथों में कर दिया जाएगा” का अर्थ है किसी के नियंत्रण या अधिकार में किसी को देना।
-
“दाहिने हाथ” अर्थात “पाश्र्व में दाहिनी ओर” या “सीधे हाथ की ओर”
-
“हाथ डालना” का अर्थ है "हानि करना"। "किसी के हाथ से बचाने" का अर्थ है किसी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा नुकसान पहुंचाने से रोकना।
-
किसी के “हाथों से” अर्थात उस व्यक्ति “द्वारा” या “माध्यम” से किया गया। उदाहरणार्थ, “परमेश्वर के हाथों की” अर्थात परमेश्वर ने किया कि हो जाए।
-
"हाथ में" या "हाथ में देने" जैसी अभिव्यक्तियाँ किसी को किसी अन्य के नियंत्रण या शक्ति के अधीन होने के लिए संदर्भित करती हैं।
-
“हाथों के रखने” अर्थात किसी को परमेश्वर की सेवा में समर्पित करने के लिए या चंगाई की प्रार्थना करने के लिए।
-
पौलुस कहता है, “पौलुस का अपने हाथ से लिखा हुआ” अर्थात पत्र का वह अंश उसके द्वारा लिखा गया है न कि बोलकर किसी से लिखाया गया।
अनुवाद के सुझाव
- ये उक्तियाँ और अन्य रूपकों को अन्य प्रतीकात्मक अभिव्यक्तियों द्वारा अनुवाद किया जा सकता है जिनका अर्थ वही हो। या अर्थ को सीधा शब्दशः अनुवाद किया जा सकता है।
- अभिव्यक्ति के रूप में "उसे पुस्तक सौंप दिया" भी अनुवाद किया जा सकता है "उसे पुस्तक दिया" या "पुस्तक को उसके हाथ में रख दिया।" यह उसे स्थायी रूप से नहीं दिया गया था, लेकिन उस समय उपयोग करने के उद्देश्य से दिया गया था।
- जब "हाथ" व्यक्ति को संदर्भित करता है, जैसे "परमेश्वर के हाथों ने ऐसा किया," इसका अनुवाद "परमेश्वर ने यह किया।"
- एक अभिव्यक्ति जैसे कि "उन्हें अपने शत्रुओं के हाथों में डाल दिया" या "उन्हें अपने शत्रुओं को सौंप दिया," का अनुवाद किया जा सकता है, "उनके शत्रुओं को उन्हें जीतने की इजाजत दी" या "उन्हें अपने शत्रुओं द्वारा पकड़ा गया" या "उनके शत्रुओं को उन पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सशक्त बनाया।" "हाथ से मरने" के लिए का अनुवाद किया जा सकता है "द्वारा मारा जाएगा।"
- "दाहिने हाथ पर" शब्द का अनुवाद "के दाहिनी ओर" के रूप में किया जा सकता है।
- यीशु के संबंध में "परमेश्वर के दाहिने ओर पर बैठा", यदि यह उस भाषा में इसे उच्च सम्मान और समान अधिकार की स्थिति का संदर्भ नहीं देता है, तो उस अर्थ के साथ एक अलग अभिव्यक्ति का उपयोग किया जा सकता है। या फिर एक संक्षिप्त विवरण जोड़ा जा सकता है: "परमेश्वर के दाहिनी ओर, सर्वोच्च प्राधिकारी की स्थिति में।"
(यह भी देखें: विरोधी, आशीष, बन्दी बनाना, आदर, सामर्थ्य)
बाइबल सन्दर्भ:
- प्रे.का. 07:22-25
- प्रे.का. 08:14-17
- प्रे.का. 11:19-21
- उत्पत्ति 09:5-7
- उत्पत्ति 14:19-20
- यूहन्ना 03:34-36
- मरकुस 07:31-32
- मत्ती 06:3-4
शब्द तथ्य:
- Strong's: H405, H2026, H2651, H2947, H2948, H3027, H3028, H3225, H3231, H3233, H3709, H7126, H7138, H8040, H8042, H8168, G710, G1188, G1448, G1451, G1764, G2021, G2092, G2176, G2902, G4084, G4474, G4475, G5495, G5496, G5497
हाय
परिभाषा:
“हाय” शब्द घोर निराशा को व्यक्त करता है। इससे किसी को घोर कष्टों की चेतावनी भी दी जाती है।
- “हाय उन पर” चेतावनी के साथ आता है कि वे पापों का दण्ड पाएंगे।
- बाइबल में अनेक स्थानों में “हाय” शब्द को दोहराया गया है जिसका अभिप्रेत अर्थ है भयानक दण्ड की प्रबलता व्यक्त करना है।
- मनुष्य कहता है, “हाय मुझ पर” तो इसका अर्थ है घोर कष्टों के कारण दुःख व्यक्त करना।
अनुवाद के सुझाव:
- प्रकरण के अनुसार “हाय” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “अगाध दुख” या “शोक” या “आपदा” या “विनाश”
- अभिव्यक्ति का अनुवाद करने के अन्य तरीके "हाय करने के लिए ("शहर का नाम)" में शामिल हो सकते हैं, "यह (शहर के नाम) के लिए कितना भयानक होगा" या "(उस शहर) में लोगों को गंभीर रूप से दंडित किया जाएगा" या "उन लोगों को बहुत भुगतना होगा। "
- अभिव्यक्ति, "हाय मुझे है!" या "मुझ पर हाय!" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है "मैं कितना दुखी हूँ!" या "मैं बहुत उदास हूँ!" या "यह मेरे लिए कितना भयानक है!"
- अभिव्यक्ति "आप पर हाय" का भी अनुवाद किया जा सकता है "आपको बहुत दुख होगा" या "आपको भयानक परेशानियों का अनुभव होगा।"
बाइबल सन्दर्भ:
- यहेजकेल 13:17-18
- हबक्कूक 02:12-14
- यशायाह 31:1-2
- यिर्मयाह 45:1-3
- यहूदा 01:9-11
- लूका 06:24-25
- लूका 17:1-2
- मत्ती 23:23-24
शब्द तथ्य:
- Strong's: H188, H190, H337, H480, H1929, H1945, H1958, G3759
हारून
तथ्य:
हारून मूसा का बड़ा भाई था। परमेश्वर ने हारून को इस्राएल का प्रथम महायाजक होने के लिए चुना था।
- हारून ने मूसा की सहायता की थी जब वह फिरौन से इस्राएलियों के प्रस्थान की अनुमति मांग रहा था।
- जंगल से यात्रा करते समय हारून से पाप हो गया था और उसने इस्राएलियों की उपासना हेतु एक मूर्ति बना दी थी।
- परमेश्वर ने हारून और उसके वंशजों को याजक इस्राएल के याजक के लिए नियुक्त कर दिया था।
(यह भी देखें: याजक, मूसा, इस्राएल)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 इतिहास 23:12-14
- प्रे.का. 07:38-40
- निर्गमन 28:1-3
- लूका 01:5-7
- गिनती 16:44-46
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 09:15 परमेश्वर ने मूसा और हारून को चेतावनी दी कि फ़िरौन कठोर मनुष्य है।
- 10:05 फ़िरौन ने मूसा और हारून को बुलवाकर कहा कि यदि वह इस महामारी को समाप्त कर दे, तो फ़िरौन मिस्र से इस्राएलियों को मुक्त कर देंगा।
- 13:09 परमेश्वर ने मूसा के भाई हारून और हारून के वंश को याजक पद के लिये चुना।
- 13:11 लोग हारून के पास सोना ले आए और बोले कि हमारे लिये देवता बना!
- 14:07 वे लोग मूसा और हारून से क्रोधित होकर कहने लगे, “कि तुम हमे इतनी भीषण जगह क्यों लेकर आए ?”
शब्द तथ्य:
हियाव, हियाव बांधे, प्रोत्साहित, प्रोत्साहन, उत्साहित, प्रेरित, ढाढ़स बाँधो, उदास, निरुत्साहित, उदास करना
तथ्य:
“हियाव” का अर्थ है निडर होकर सामना करना या कठिन, भयानक और संकट का काम करना।
- “साहसी” (निर्भीक) साहस दिखानेवाला मनुष्य चाहे वह भयभीत हो या उस पर त्याग करने का दबाव हो।
- मनुष्य पर जब मानसिक या शारीरिक कष्ट आता है तब वह शक्ति का उपयोग करके यत्न के साथ साहस का प्रदर्शन करता है।
- “हिम्मत बांधो” अर्थात “डरो मत” या “विश्वास रखो कि सब अच्छा होगा”
- जब यहोशू कनान जैसे खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश करने की तैयारी कर रहा था तब मूसा ने उसे प्रोत्साहित किया कि वह “हियाव बांधकर और दृढ़ होकर” रहे।
- “हियाव” शब्द का अनुवाद “बहादुर” या “निडर” या “साहस” हो सकता है।
- प्रकरण के अनुसार, “हियाव बांधने” का अनुवाद “मानसिक रूप से दृढ़” या “विश्वास करना” या “अटल रहना”हो सकता है।
- “निडर होकर बोलना” का अनुवाद “निर्भीक होकर कहना” या “बिना किसी डर के कहना” या “विश्वास के साथ कहना” हो सकता है।
“प्रोत्साहन देना” और “प्रोत्साहन” ऐसे शब्द हैं जिनके द्वारा मनुष्यों में ढांढ़स, आशा, विश्वास तथा साहस उत्पन्न किया जाता है।
- ऐसा ही एक शब्द है, “समझाना” (उपदेश देना) जिसका अर्थ है किसी से गलत काम का त्याग का और उचित एवं भले काम करने का आग्रह करना।
- प्रेरित पौलुस तथा नये नियम के अन्य लेखकों ने विश्वासियों को समझाया कि वे आपस में प्रेम रखें और सेवा करें।
"उदास" शब्द का सन्दर्भ ऐसा कुछ कहना या करना जिससे लोगों की आशा, आत्मविश्वास और साहस खो जाए और जिस कार्य में वे जानते है उन्हें अधिक परिश्रम करना चाहिए उन्हें उसे करने की इच्छा घट जाती है।
अनुवाद के सुझाव
- प्रकरण के अनुसार “प्रोत्साहन" शब्द के अनुवाद “आग्रह करना” या “शान्ति देना” या “दयालु शब्दों का उपयोग करना” या "सहायता करना एवं सहयोग देना” हो सकते हैं।
- “प्रोत्साहन की बातें” अर्थात “ऐसी बातें जिनसे मनुष्य को प्रेम, स्वीकरण तथा शक्ति पाने का बोध” हो।
(यह भी देखें: भरोसा, समझा, डर, बल)
बाइबल सन्दर्भ:
- व्यवस्थाविवरण 01:37-38
- 2 राजा 18:19-21
- 1 इतिहास 17:25-27
- मत्ती 09:20-22
- 1 कुरिन्थियों 14:1-4
- 2 कुरिन्थियों 07:13
- प्रेरि. 05:40-42
- प्रेरि. 16:40
- इब्रानियों 03:12-13
- इब्रानियों 13:5-6
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग'स: H533, H553, H1368, H2388, H2388, H2428, H3820, H3824, H7307, G2114, G2115, G2174, G2292, G2293, G2294, G3870, G3874, G3954, G4389, G4837, G5111
हेब्रोन
तथ्य:
हेब्रौन यरूशलेम के दक्षिण में लगभग 20 मील दूर ऊंचे चट्टानी पहाड़ों में बसा था।
- यह नगर अब्राहम के युग में 2000 ई.पू. में बनाया था। पुराने नियम के ऐतिहासिक वृत्तान्त में इस नगर का नाम अनेक बार आता है।
- हेब्रोन ने राजा दाऊद के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसके कई पुत्र, अबशालोम का भी जन्म वहां हुआ था।
- लगभग सन् 70 में रोमी सेना ने इस नगर को नष्ट कर दिया था।
(यह भी देखें: अबशालोम)
बाइबल सन्दर्भ:
- 2 शमूएल 02:10-11
- उत्पत्ति 13:16-18
- उत्पत्ति 23:1-2
- उत्पत्ति 35:26-27
- उत्पत्ति 37:12-14
- न्यायियों 01:8-10
- गिनती 13:21-22
शब्द तथ्य:
- Strong's: H2275, H2276, H5683
होमबलि, हवन, अग्निदान
परिभाषा:
“होमबलि” परमेश्वर के समक्ष वेदी पर जलाई जाने वाली बलि। यह बलि मनुष्यों के पाप के प्रायश्चित के लिए थी। इसे “अग्निदान” भी कहते थे।
- इस बलि के पशु प्रायः भेड़ या बकरी थे परन्तु बैल और पक्षी भी चढ़ाए जाते थे।
- त्वचा को छोड़कर संपूर्ण पशु जला दिया जाता था। खाल या त्वचा पुरोहित को दे दी जाती थी।
- परमेश्वर के आदेश के अनुसार यूहदियों को प्रतिदिन दो होमबलि चढ़ानी होती थी।
(यह भी देखें: वेदी, प्रायश्चित, गाय, याजक, बलिदान करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- निर्गमन 40:5-7
- उत्पत्ति 08:20-22
- उत्पत्ति 22:1-3
- लैव्यव्यवस्था 03:3-5
- मरकुस 12:32-34
शब्द तथ्य:
- Strong's: H801, H5930, H7133, H8548, G3646